कुमति कीच चेला भरा, गुरु ज्ञान जल होय।जनम जनम का मोरचा,पल में डारे धोय।।
अज्ञान दशा में कुबुध्दि के किचड़ से, शिष्य भरा होता है और गुरु पवित्र ज्ञान रूपी जल के समान होते हैं। शिष्य जन्म जन्मांतरों के विकारों को गुरु क्षण भर में नष्ट कर देते हैं, अर्थात शिष्य को सद्बुद्धि देकर उसका जीवन उज्वल कर देते हैं।
अज्ञान-दशा में, कुबुद्धि के कीचड़ से, शिष्य भरा होता है और गुरु पवित्र ज्ञान-रूपी जल के समान होते हैं। शिष्य के जन्म-जन्मांतरों के विकारों को गुरु क्षण-भर में नष्ट कर देते हैं, अर्थात शिष्य को सद्बुद्धि देकर उसका जीवन उज्ज्वल कर देते हैं।
~ जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी महाराज
📬 ✓✓✓ क्या आप जानते हैं कि 84 लाख प्रकार के प्राणियों के शरीरों में यातनाऐं झेलकर एक मानव शरीर प्राप्त होता है। यदि मानव जीवन में पूर्ण संत से दीक्षा लेकर भक्ति नहीं की तो फिर से 84 लाख प्राणियों के शरीरों में कष्ट उठाना पड़ेगा। इसलिए मानव जीवन का अवसर बार-बार नहीं मिलता।
कुमति कीच चेला भरा, गुरु ज्ञान जल होय।
जनम - जनम का मोरचा, पल में डारे धोया॥
गुरु कुम्हार शिष कुंभ है, गढ़ि - गढ़ि काढ़ै खोट।
अन्तर हाथ सहार दै, बाहर बाहै चोट॥
#SaintRampalJi
√√√ और अधिक जानकारी
के लिये आज ही देखिये,यथार्थ अध्यात्मिक सत्संग-प्रवचन का कार्यक्रम...
कुमति कीच चेला भरा, गुरु ज्ञान जल होय| जनम – जनम का मोरचा, पल में डारे धोय|| - संत कबीर दास #kabirdas #guru #murshid #GoharShahi #goharshahi #ImamMehdiGoharShahi #imammehdigoharshahi #YounusAlGohar #younusalgohar #ifollowGoharShahi #ALRATV #alratv #sufism #spirituality #sufi #moon #imammehdi Watch ALRA TV 👉https://youtube.com/c/ALRATV "Watch Sufi Online with Younus AIGohar" is a daily show aired LIVE at 10 PM UK time (3 AM PKT and 3:30 AM IST). For Zikar-e-Qalb (Activation of the Spiritual Heart) contact Shaykh Amjad Gohar on this number +447401855568 How to Send Your Questions: 1. Message us on Facebook/alratv 2. Text or call our WhatsApp number: +44 7472 540642 https://www.instagram.com/p/Ci7QJWqD59V/?igshid=NGJjMDIxMWI=
व्याख्या: व्यवहार में भी साधु को गुरु की आज्ञानुसार ही आना - जाना चाहिए | सद् गुरु कहते हैं कि संत वही है जो जन्म - मरण से पार होने के लिए साधना करता है |
गुरु पारस को अन्तरो, जानत हैं सब सन्त।
वह लो���ा कंचन करे, ये करि लये महन्त॥३॥
व्याख्या: गुरु में और पारस - पत्थर में अन्तर है, यह सब सन्त जानते हैं। ��ारस तो लोहे को सोना ही बनाता है, परन्तु गुरु शिष्य को अपने समान महान बना लेता है।
कुमति कीच चेला भरा, गुरु ज्ञान जल होय।
जनम - जनम का मोरचा, पल में डारे धोया॥४॥
व्याख्या: कुबुद्धि रूपी कीचड़ से शिष्य भरा है, उसे धोने के लिए गुरु का ज्ञान जल है। जन्म - जन्मान्तरो की बुराई गुरुदेव क्षण ही में नष्ट कर देते हैं।
गुरु कुम्हार शिष कुंभ है, गढ़ि - गढ़ि काढ़ै खोट।
अन्तर हाथ सहार दै, बाहर बाहै चोट॥५॥
व्याख्या: गुरु कुम्हार है और शिष्य घड़ा है, भीतर से हाथ का सहार देकर, बाहर से चोट मार - मारकर और गढ़ - गढ़ कर शिष्य की बुराई को निकलते हैं।
गुरु समान दाता नहीं, याचक शीष समान।
तीन लोक की सम्पदा, सो गुरु दीन्ही दान॥६॥
व्याख्या: गुरु के समान कोई दाता नहीं, और शिष्य के सदृश याचक नहीं। त्रिलोक की सम्पत्ति से भी बढकर ज्ञान - दान गुरु ने दे दिया।
कुमति कीच चेला भरा, गुरु ज्ञान जल होय | जनम - जनम का मोरचा, पल में डारे धोया।। गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं #gurupurnima #guru #maa #teacher (at Greater Noida) https://www.instagram.com/p/CRtAMUFLlKE/?utm_medium=tumblr