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#चेतना पांडे
prakhar-pravakta · 11 months
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सीधी जिले के तीन बिधानसभा सीट से भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के प्रत्याशियों ने दाखिल किया नामांकन
सीधी। शुक्रवार को सीधी जिले मे भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के तीन विधानसभाओं के प्रत्याशियों के द्वारा नामांकन दाखिल किया, इस दौरान पार्टी के प्रत्याशियों ने सीधी शहर एक पैलेस से रैली निकालकर गाजेबाजे के साथ कलेक्ट्रेट पंहुचे,इस दौरान भारतीय शक्ति चेतना पार्टी से बिधानसभा क्षेत्र सीधी से दद्दूलाल पांडे,चुरहट बिधानसभा सीट रोहित पटेल, सिहावल बिधानसभा सीट से भारत भाई पटेल, तीनों प्रत्यशियों ने भारतीय…
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hindinewsmanch · 1 year
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Noida News : नोएडा में हुआ बड़ा हादसा : मैक्स की टक्कर से कार सवार पांच घायल- Chetna Manch
Noida News / ग्रेटर नोएडा (चेतना मंच)। मथुरा से बांके बिहारी के दर्शन कर वापस नोएडा लौट रहे परिवार की कार आगे जा रही मैक्स बोलेरो पिकअप से टकरा गई। इस हादसे में महिला सहित पांच लोग घायल हो गए। थाना दनकौर पुलिस ने घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है।
Noida News
ग्राम पर्थला निवासी मनीष अपने पिता इंद्रदत्त, मां चंद्रमऊ और अपने मित्र रूपम पांडे के साथ आज सुबह मथुरा से वापस नोएडा लौट रहे थे। सभी लोग क्विड कार में सवार थे। यमुना एक्सप्रेस-वे पर जीरो पॉइंट से करीब 13 किलोमीटर पहले क्विड कार के आगे चल रही मैक्स बोलेरो पिकअप के चालक ने अचानक ब्रेक लगा दिए।
इस कारण उसके पीछे चल रहे मनोज संतुलन खो बैठे और उनकी क्विड कार मैक्स बोलोरो पिकअप से टकरा गए। इस हादसे में दोनों वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए और उसमें सवार लोग घायल हो गए। हादसे की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची थाना दनकौर पुलिस ने क्विड कार के चालक मनीष इंद्र दत्त चंद्रमा व रूपम पांडे तथा मैक्स बोलेरो पिकअप के चालक चंद्रपाल पुत्र सीताराम को उपचार के लिए ग्रेटर नोएडा स्थित कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया है।
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hindistoryok01 · 1 year
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Pyaar Ka Pehla Adhyaya Shiv Shakti 20th July 2023 Hindi Written Update Episode
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एपिसोड की शुरुआत शक्ति द्वारा मदद के लिए चिल्लाने से होती है लेकिन उसे कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती है। शक्ति रिमझिम को कॉल करने की कोशिश करती है लेकिन रिमझिम उसकी कॉल अटेंड नहीं करती है।
शक्ति मनोरमा को कॉल करने की कोशिश करती है लेकिन वह भी कॉल अटेंड नहीं करती है। शक्ति अपने परिवार के सभी सदस्यों को कॉल करने की कोशिश करती है लेकिन कोई भी उसकी कॉल अटेंड नहीं करता है। शक्ति मदद के लिए चिल्लाती है।
मंत्री पांडे ने मंदिरा से पूछा कि वह क्या कर रही है? मंदिरा शांति से मंत्री पांडे को जवाब देती हैं और मंत्री पांडे से चिंता न करने के लिए कहती हैं। शक्ति बेचैन महसूस करती है और एक कदम पीछे हट जाती है।
अमोनिया और ब्लीच की बोतलें फर्श पर गिर गईं। अमोनिया और ब्लीच मिल जाते हैं और जहरीली मस्टर्ड गैस में बदल जाते हैं. शक्ति सोचती है कि अगर वह इस गैस में सांस लेगी तो मर जाएगी।
मंदिरा ने शांति से मंत्री पांडे को जवाब दिया और कहा कि निधि को स्कॉलरशिप के साथ मेडिकल सीट भी मिलेगी। मंदिरा ने मंत्री पांडे से इस छात्रवृत्ति को उनकी ओर से एक उपहार के रूप में सोचने के लिए कहा।
कीर्तन ने शक्ति शर्मा के घर फोन किया। धरम कॉल उठाता है। कीर्तन ने कॉल काट दिया। धरम का कहना है कि यह मिस्ड कॉल है। रिमझिम को लगता है कि शायद कीर्तन उससे बात करने की कोशिश कर रहा है।
कीर्तन ने फिर शक्ति शर्मा के घर फोन किया। रिमझिम कॉल अटेंड करती है। कीर्तन को लगता है कि वह शक्ति से बात कर रहा है। रिमझिम कीर्तन से उसके निजी नंबर पर कॉल करने के लिए कहती है। कीर्तन सहमत हैं।
कीर्तन ने रिमझिम का निजी नंबर नोट कर लिया। मनोरमा रिमझिम को फोन पर बात करते हुए देखती है और सोचती है कि रिमझिम अपने प्रेमी से बात कर रही है। मनोरमा सोफ़े से गिर पड़ी. रिमझिम मनोरमा के पास जाती है।
शक्ति बेचैन महसूस करती है क्योंकि वह क्लॉस्ट्रोफोबिक है। शक्ति भगवान शिव से उसे बचाने की प्रार्थना करती है। डॉ. शिव को लगता है कि कोई उन्हें बुला रहा है। रिमझिम शक्ति की मिस्ड कॉल देखती है।
रिमझिम शक्ति को बुलाती है। रिमझिम को फोन करते देख शक्ति उसके फोन तक पहुंचने की कोशिश करती है लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाती। थोड़ी देर बाद शक्ति होश खो बैठती है।
शक्ति को सपना आता है कि छोटी शक्ति बाढ़ में फंस गई है और मदद के लिए पुकारती है। एक महिला आती है और बाढ़ में लिटिल शक्ति को बचाती है। महिला शक्ति से कहती है
कि भगवान शिव ने उसे बचाया और कहा कि वह भगवान शिव की पसंदीदा संतान है। शक्ति भगवान शिव से उसे बचाने की प्रार्थना करती है। शिव को लगता है कि कोई उसे बुला रहा है और वह वहां से चला जाता है। नंदू शिव के पीछे जाता है।
कीर्तन रिमझिम से फोन पर बात करता है। मनोरमा ने रिमझिम के व्यवहार को नोटिस किया। कीर्तन से बात करने के बाद रिमझिम खुशी से सो जाती है। मनोरमा सोचती है
कि वह अपनी बेटी पर भरोसा नहीं कर सकती और यह जांचने के लिए रिमझिम का फोन लेती है कि वह किससे बात कर रही है। वह सोचती है कि वह नहीं जानती कि शक्ति वहां क्या कर रही है।
शक्ति को बल मिलता है. वह मदद मांगती है. शिव को उस तरफ आते हुए दिखाया गया है। शक्ति चेतना खो देती है और फर्श पर गिर जाती है।
नर्स यह सोचकर चिंतित हो जाती है कि शक्ति आवाज क्यों नहीं कर रही है। शिव वहाँ आता है. नर्स उसे सुप्रभात कहती है। शिव ने देखा कि नर्स की हालत अच्छी नहीं है और वह तनाव में है।
शिव उसके लिए कुछ परीक्षण लिखता है और उसे प्रयोगशाला में बताने के लिए कहता है और उसे स्वतंत्र रूप से उसके परीक्षण करने के लिए कहा जाता है। वह इससे सहमत हैं।
शिव पूछते हैं कि क्या किसी ने उन्हें यहां बुलाया है। नर्स कहती है नहीं. शिव कहते हैं कि उन्हें लगा कि कोई उन्हें बुला रहा है। नंदू कहता है कि यह उसकी भूख है और उसे दूर ले जाता है।
साक्षात्कारकर्ता पैनल का व्यक्ति रिसेप्शनिस्ट से शक्ति के बारे में पूछता है। रिसेप्शनिस्ट का कहना है कि वह अब तक यहीं है लेकिन अब नहीं जानती कि वह कहां गई। शिव यह सुनता है और कहता है कि तुम कहाँ हो, शक्ति शर्मा। शक्ति को चेतना प्राप्त होती है।
नंदू शिव से तनाव न लेने के लिए कहता है। शिव कहते हैं कि वह निकट है और उसे खोजते हैं। नंदू एक कॉल पर व्यस्त है। शक्ति दरवाजे के पास आती है और बेहोश हो जाती है। उसका लॉकेट जो शिव का है, दरवाजे के छेद से बाहर आता है। शिव उस कमरे के पास आते हैं जहाँ शक्ति बंद ��ै। वह कहता है शक्ति तुम कहां हो, कम से कम मुझे कोई संकेत तो दो।- एपिसोड यहाँ ख़तम हो जाता है
नए नए एपिसोड पढने के लिए हमारी वेबसाइट पर जरूर आये
Source link:- https://hindistoryok.com/pyaar-ka-pehla-adhyaya-shiv-shakti-20th-july-2023-hindi-written-update-episode/
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abhinews1 · 2 years
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रामचरित मानस पर आपत्ति जनक टिप्पणी और उसकी प्रतियां फाड़कर जलाने के विरुद्ध में ���पजिलाधिकारीको सौपा ज्ञापन
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रामचरित मानस पर आपत्ति जनक टिप्पणी और उसकी प्रतियां फाड़कर जलाने के विरुद्ध में उपजिलाधिकारी को सौपा ज्ञापन
अभी न्यूज़ कुशीनगर (प्रदुमन सिंह) हिंदू धर्म के तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरित मानस समाजवादी पार्टी के नेताओ द्वारा आपत्ति जनक टिप्पणी और उसे फाड़कर जलाने के विरोध मे भारतीय शक्ति चेतना पार्टी व भगवती मानव कल्याण संगठन शाखा कुशीनगर के कार्यकर्ताओं द्वारा उप जिलाधिकारी हाटा कुशीनगर श्री वरुण कुमार पांडे जी को तहसील परिसर में स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ नारे लगाए भगवती मानव कल्याण संगठन एवं भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के संस्थापक परमहंस योगीराज श्री शक्तिपुत्र महाराज जी के निर्देशन में राष्ट्र रक्षा, धर्म रक्षा और मानवता की रक्षा के लिए कार्य कर रही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बहन संध्या शुक्ला ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ कार्यवाही करने का निवेदन की बोली जो अगर धर्म विरोधियों के प्रति कार्यवाही नही हुई तो पार्टी और संगठन व्यापक तौर पर प्रदर्शन करेगी उन्ही के दिशा निर्देशन में आज शाखा कुशीनगर के कार्यकर्ताओं ने उप जिलाधिकारी के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री जी को ज्ञापन दिया इसी कड़ी में पार्टी के किसान मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता उमेश सिंह ने कहा कोई भी हमारे धर्म पर आघात करेगा हमे बर्दाश्त नहीं होगा पार्टी जिला उपाध्यक्ष मनोज मद्धेशिया ने कहा अगर मौर्या मे हिम्मत हो तो किसी और धर्म पर आंख उठाए देखे उनकी गरदन से सर अलग कर दिया जायेगा हमे जातियों में बांटकर ओछी राजनीति करना बहुत भरी पड़ेगा संगठन कोषाध्यक्ष विनय सिंह ने कहा हमारे पवित्र धार्मिक ग्रंथों पर हमारे आस्था के साथ कोई खिलवाड़ करे हमे बर्दाश्त नहीं होगा इसी कड़ी में कमलेश सिंह,आदित्य प्रताप सिंह,राहुल इत्यादि सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे|
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रामचरित मानस पर आपत्ति जनक टिप्पणी और उसकी प्रतियां फाड़कर जलाने के विरुद्ध में उपजिलाधिकारी को सौपा ज्ञापन Read the full article
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loksutra · 2 years
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खतरों के खिलाडी 12: शिवांगी जोशीच्या संयमाचा बांध फुटला विजेचा धक्का, ग्लिसरीन न वाहून अश्रू
खतरों के खिलाडी 12: शिवांगी जोशीच्या संयमाचा बांध फुटला विजेचा धक्का, ग्लिसरीन न वाहून अश्रू
खतरों के खिलाडी 12 मध्ये इलेक्ट्रिक शॉक टास्क दरम्यान शिवांगी जोशी रडत आहे ,
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mayapurimagazine · 2 years
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rudrjobdesk · 2 years
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Khatron Ke Khiladi Season 12: लड़कियों ने इस लुक से लड़कों के उड़ाए होश, एंटरटेनिंग रहा पहला एपिसोड
Khatron Ke Khiladi Season 12: लड़कियों ने इस लुक से लड़कों के उड़ाए होश, एंटरटेनिंग रहा पहला एपिसोड
खतरों के खिलाड़ी का 12वां सीजन रिएलिटी शो खतरों के खिलाड़ी का 12वां सीजन शनिवार दो जुलाई से शुरू हो गया है। सीजन 11 की सफलता के बाद फैंस बेसब्री से सीजन 12 का इंतजार कर रहे थे। अब सीजन 12 की दमदार शुरुआत हो गई है। शो साउथ अफ्रीका के केप टाउन में शूट हो रहा है। शो का एक नए प्रोमो वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें कनिका मान, चेतना पांडे, और एरिका पैकर्ड बिकिनी पहने नजर आ रही हैं। वहीं शो के…
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cinnewsnetwork · 2 years
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एक्टर्स चेतना पांडेय नज़र आई बिकनी अवतार में, किलर फिगर में ढाया कहर
एक्टर्स चेतना पांडेय नज़र आई बिकनी अवतार में, किलर फिगर में ढाया कहर
बॉलीवुड एक्ट्रेस चेतना पांडे को शोहरत में अभी कमी हो लेकिन उनमे ग्लैमरस को कोई कमी नहीं है चेतना पांडे भले ही ज्यादा फेमस ना हो लेकिन अपने सेक्सी लुक स2 अक्सर सोशल मीडिया पर छाई रहती हैं आपको बता दें शाहरूख खान स्टारर फिल्म दिलवाले में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वालीं चेतना अक्सर अपनी बोल्ड तस्वीरें शेयर करती रहती हैं. हाल ही में चेतना ने कुछ फोटोज़ शेयर की हैं जिनमे…
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prakhar-pravakta · 1 year
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भारतीय शक्ति चेतना पार्टी की विशाल रैली एवं आमसभा सीधी पूजा पार्क मे 29 को,आयेंगी राष्ट्रीय अध्यक्ष संध्या शुक्ला
भुईमाड़। भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के सीधी जिला अध्यक्ष दद्दूलाल पांडे ने जानकारी देते हुए बताया कि 29 सिंतबर दिन शुक्रवार को हमारी पार्टी का विशाल रैली एवं आमसभा का आयोजन किया गया है, रैली 11 बजे से बंजारी पेट्रोल पंप से सुबह शुरू होकर कलेक्ट्रेट रोड़ पहचेगी, बाइक एवं फोर व्हीलर वाहन तो पहले से ही रैली मे रहेगी वहां से आमजन मानस (पब्लिक) भी रैली में शामिल होकर साथ मे पैदल चलेगी, जिससे बाद रैली…
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imgarimapandey · 3 years
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बिगुल!
आजादी,,एक जरा से अंतर से आगे है गुलामी से ! जाने कितनी महान आत्माओ के बलिदान के बाद मिली। कैसी पीड़ा रही होगी उनकी । एक ही सपना आजाद हिंदुस्तान। एक विशाल भारत का साम्राज्य कब गुलामी की बेड़ियों में जकड़ गया पता नहीं चला। पहले मुग़ल फिर ब्रिटिश हुकूमत की प्रचंड यातनाओ का युग रहा । हमारा युग तो स्वर्णिम था वो कब मलिन हो गया इसके लिए बहुत पीछे जाना पड़ेगा । भारत ने अपनी स्वतंत्रता कैसे खोई इस पर बात करने के लिए पहुंचते है उस युग में जब हम धन धान्य से परिपूर्ण थे ।
एक हिन्दू राजा की यहाँ बात करते है जी हाँ चंद्रगुप्त मौर्य, जिन्होंने मौर्य वंश की स्थापना की और लगभग पूरे भारत पर शासन किया, भारत के पहले हिंदू राजा थे। हालांकि,महाकाव्यों की माने तो प्राचीन संस्कृत महाकाव्य महाभारत के अनुसार, राजा दुष्यंत और शकुंतला के पुत्र भरत भारत के पहले हिंदू राजा थे।
भारत के अंतिम हिन्दू राजा की बात करे तो बारहवीं शताब्दी के भारतीय शासक पृथ्वीराज चौहान उस समय के परिवर्तन की दहलीज पर खड़े थे उन्हें अक्सर "अंतिम हिंदू सम्राट" के रूप में जाना जाता रहा है  क्योंकि मध्य एशियाई या अफ़गान मूल के मुस्लिम राजवंश पृथ्वी राज चौहान की मृत्यु के बाद सिंहासन पर बैठे ।
चन्द्रगुप्त मौर्य से पृथ्वीराज चौहान तक का सफर एक स्वतंत्र भारत का था । उसके बाद एक लंबा अध्याय लिखा जाना शेष था भारत की अस्मिता मुग़लों के पंजों से बच न सकी। कई बार भारत माँ की श्वेत सारी लाल रक्त से रंजित की गई। एक घायल पंछी की तरह भारत फड़फड़ा रहा था। मुग़लों के असीम अत्याचार आत्मा को छलनी करने वाले थे। गुलामी किसे कहते हैं ये हम धीरे धीरे समझ रहे थे।
२४ अगस्त १६०८ ये तारीख एक और दमनकारी इतिहास लिखने के लिए कलम को स्याही पिला रही थी। ये वही तारीख थी जब अंग्रेजों नें भारत में दस्तक दी और भारत के एक समृद्ध और दर्ज इतिहास को मिटाने के लिए खड़ी थी। अंग्रेज धीर-धीरे भारतवर्ष में अपनी स्थिति मजबूत कर रहे थे। वो समझ गए थे की कैसे मुग़लों की नीव को खदेड़ कर अपना सिक्का जमाना है। एक समृद्ध देश भारत पर अंग्रेजों की गिद्ध नज़र ने इसको कंगाल करने की योजना बना ली थी और सुनियोजित तरीके से व्यापार करने के इरादे से भारत का दरवाजा खटखटाया।
एक समय ऐसा भी आया जब मुग़लों की पकड़ भारत से छूटती दिखी। अंग्रेजों की फुट डालो और राज्य करो की मंशा बिल्कुल काम कर रही थी। इसका नतीजा ये हुआ की मुग़ल अपना सिंहासन बचा नहीं पाए और अंग्रेजी सल्तनत के आगे घुटने टेक दिए। अंतिम मुग़ल शासक बहादुर शाह जफ़र तक अंग्रेजी हुकूमत अपना साम्राज्य स्थापित कर चुकी थी।
१८५७ ये वो तारीख है जो इतिहास के कहीं गुमनाम हुए पन्नों में दर्ज है। यही वो वर्ष था जब आजादी का बिगुल बजा मंगल पांडे एक ऐसा नायक था जिसके बलिदान ने करोड़ों भारतवासियों के रक्त में उबाल भर दिया। अब ये आजादी की ज्वाला  यहीं नहीं रुकने वाली थी। ये एक प्रचंड आरंभ था। हजारों नरमुंड रक्त में स्नान कर रहे थे। इस समर में कुछ ऐसी वीरांगनाए भी थी जिनकी वीरता की गाथा स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है।
यद्यपि इस विद्रोह नें भारत में ब्रिटिश उद्दम को हिला कर रख दिया था लेकिन इसने इसे पटरी से नहीं उतार था। युद्ध के बाद अंग्रेज अधिक चौकस हो गए और विद्रोह के कारणों पर विचार करने लगे। लेकिन तब तक भारत की चेतना जाग चुकी थी।
१८६९ ये वो साल था जिसका इंतजार भारत का भाग्य कर रहा था, जिसका इंतजार अंधेरी कालकोठरियों से आने वाली सिसकियाँ कर रही थी और जिसका इंतजार जुल्म की बेड़ियों में जकड़ी भारत माँ कर रही थी। ये वो वर्ष था जब एक ऐसे मानव ने जन्म लिया जो असाधारण था। जो आगे चलकर महात्मा कहलाया। जिसकी एक आवाज में हजारों प्राण चल देते थे। ‘मोहन दास करमचंद गांधी’ ये एक आशा की किरण थी जो आगे चलकर भारत के ललाट पर चमकने वाली थी।
स्वाधीनता एक ऐसा शब्द था जो अब हर भारतवासी के दिमाग में था और गरम दल नरम दल साथ मिल कर काम कर रहा था। अब बिगुल बज चुका था। आजादी से कम कुछ भी नहीं चाहिए था। हर घर में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु बन रहे थे। उस समय की मताएं भी वंदनीय थी जो अपनी संतान को गोद से उतारकर शाखा में भेजती थीं। एक ही जुनून था बस आजादी। हम कर्जदार हैं उन माताओं के उन बहनों भाइयों के जो इस समर में उतरे। इस कर्ज को इस जीवन में कभी उतार सके और भारत के काम आ सके तो सौभाग्यशाली होंगे।
स्वतंत्रता आंदोलन गांधी की छत्रछाया में गति ले रहा था। विदेशी सामान का बहिष्कार किया जा रहा था। गांधी हमेशा अहिंसा की बात करते थे। गांधी जानते थे की ये भारत की आजादी का सूत्रधार बनेगा। एक हाड़ मास का आदमी जो एक लंगोटी में रहता है वो बहुत शक्तिशाली हो रहा था और अंग्रेजों की जड़े हिला रहा था। १९४२ ये वो साल था जब गांधी को ये समझ में आ गया था की अब केवल अहिंसा से ही काम नहीं चलेगा तो उन्होंने भारतवासियों को आहवाहन किया कि ‘ करो या मरो’ इस आंदोलन ने ब्रिटिश हुकूमत को ये सोचने पर मजबूर कर दिया की अब भारतवर्ष में उनके दिन कुछ सालों के ही बचे हैं। और अब समय आ गया है जब ये सोचा जाय भारत को किस स्थिति में छोड़कर जाना उनके लिए ठीक होगा
भारत की आजादी में हर कोई अपना अपना योगदान दे रहा था। जब जब हम भारत की आजादी की बात करेंगे तब तब सुभाष चंद्र बोस का नाम आएगा। सुभाष बहुत अलग सोंच के थे। गांधी से बिल्कुल अलग। भारत की आजादी के लिए उन्होंने ‘आजाद हिन्द फौज’ का गठन किया। साल १९४२ ये एक ऐसा साल था जब सुभाष की लोकप्रियता गांधी से कहीं ज्यादा थी। लोग स्वतंत्रता आंदोलन को सुस्त रफ्तार नहीं देना चाहते थे। सुभाष के लिए उनका प्रेम उनकी आँखो�� से बहता था अश्रु के रूप में। अपना सब कुछ त्याग कर भारत की आजादी का सपना देखने वाले सुभाष आजाद भारत न देख सके। ऐसे कितने सर्वोच्च बलिदान है जिसने भारत की धरा को सींच कर एक ऐसा वृक्ष तैयार किया जिसकी जड़ को कोई हिला नहीं पाया।
भारत की आजादी में हर वर्ग ने अपना योगदान दिया जिससे जो कुछ हो सका उसने किया हर बच्चा, युवा, वृद्ध अपने अपने तरीके से आजादी की मशाल थामे था। हम अपने क्रांतिकारियों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहते थे। हर घर से आवाज बुलंद हो रही थी आजादी की।  हर कवि, लेखक के साहित्य में स्वाधीनता की खुशबू आ रही थी।
ग़ुलाम भारत अब एक नई करवट ले रहा था। साथ ही एक ऐसा परिवर्तन उसका इंतजार कर रहा था जिसके लिए वो तैयार नहीं था। १४ अगस्त १९४७ की काली तारीख भारत के अञ्चल में एक  धब्बा बनकर आई। भारत जो आजादी का सूर्य देखने ही वाला था की देश दो भागों में बँट गया। विभाजन की विभीषिका इतनी गहरी थी कि लाखों लोग काल का ग्रास बन गए। दो सर्वोच्च नेता जो किसी भी कीमत पर हिंदुस्तान का मुस्तकबिल बनने से कम कुछ चाह नहीं रहे थे उन्होंने अपने निहित स्वार्थ के लिए देश को बांटना उचित समझा। धर्म के आधार पर देश दो भागों में बँटा। लाखों लोग इस विभीषिका के शिकार हुए।
१५ अगस्त १९४७ ये वो तारीख थी जब हमने आजादी के प्रकाश को स्पर्श किया। हम आजाद तो हुए लेकिन बहुत कुछ खोकर। इसकी कीमत उन लोगों से पूछिए जिन्होंने अपना सब कुछ खोया जिनका एक ही सपना था आजादी। आज की पीढ़ी को ये जानना होगा की ये आजादी हमें ऐसे ही नहीं मिल गई । रक्त की नदियाँ बही हैं इसके लिए। कितने घर के चिराग बुझ गए कितनी वेदना से गुजरा होगा वो कालखंड।
आज भारत जब अपना ७५वाँ स्वतंत्रता दिवस मना रहा है तो एक संकल्प लें कि इस आजादी की कीमत का हमेशा अहसास रहे अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर राष्ट्र के लिए कुछ करें। कुछ नहीं भी कर सकते तो खुद के प्रति ईमानदार रहें। यही सच्ची राष्ट्रभक्ति है। लाखों प्राणों का कर्ज है हमारे ऊपर जो स्वतंत्रता संग्राम में धरती की गोद में समा गए। अपने बच्चों को हमारे वीरों के बलिदानों की वीर गाथा सुनाएं। राष्ट्र के विकास में अपना योगदान दें। सब जन शिक्षित हों। शिक्षा एक ऐसा हथियार है जो किसी भी राष्ट्र की प्रगति में अपनी बहुआयामी भूमिका निभाता है। एक दूसरे के धर्म का आदर हो। हम जब तक एक है तब तक कोई भी बाहरी आक्रमण हमको बेड़ियाँ नहीं पहना सकता।
हमेशा ये याद रहे कि आजादी एक जरा से अंतर से आगे है गुलामी से ।
गरिमा पाण्डेय
१४ अगस्त २०२१,६:३५  पी.एम.,शनिवार
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abhay121996-blog · 4 years
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अयोध्या के लिए रवाना हुए अक्षय कुमार, जैकलीन फर्नांडिस और नुसरत भरूचा, दिवाली पर रिलीज होगी 'राम सेतु' Divya Sandesh
#Divyasandesh
अयोध्या के लिए रवाना हुए अक्षय कुमार, जैकलीन फर्नांडिस और नुसरत भरूचा, दिवाली पर रिलीज होगी 'राम सेतु'
नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार की आने वाली फिल्म राम सेतु इन दिनों काफी चर्चा में बनी हुई है। इस फिल्म में अक्षय कुमार के साथ जैकलीन फर्नांडिस और नुसरत भरूचा नजर आएंगी। इस फिल्म की शूटिंग के लिए अक्षय कुमार, कलीना सांताक्रूज़ के प्राइवेट एयरपोर्ट से अयोध्या के लिए रवाना हो चुके हैं।
बता दें कि इस फिल्म में एक ओर जहां पहली बार अक्षय और नुसरत एक साथ नजर आएंगे तो वहीं इससे पहले अक्षय- जैकलीन की जोड़ी फिल्म हाउसफुल-2, हाउसफुल-3 और ब्रदर्स में नजर आ चुकी है। अभिषेक शर्मा निर्देशित फिल्म राम सेतु का शूट अयोध्या में होगा, जिसके लिए अक्षय रवाना हो गए हैं। ये फिल्म 2022 दिवाली पर रिलीज होगी।
A special film, a special start…Team #RamSetu off to Ayodhya for the mahurat shot. And so the journey begins.Need special wishes from all you guys 🙏🏻 @Asli_Jacqueline @Nushrratt #AbhishekSharma #CapeOfGoodFilms @Abundantia_Ent pic.twitter.com/AqdXeVZYGx— Akshay Kumar (@akshaykumar) March 18, 2021
यह खबर भी पढ़े: भारत का ये गांव है सुनसान-डरावना और रहस्य से भरा, रात में नहीं जाते इंसान पर पक्षी
पिछले साल दिवाली पर अक्षय कुमार ने फिल्म की घोषणा करते हुए लिखा था- ‘भारत राष्ट्र के आदर्श और महानायक भगवान श्री राम की पुण्य स्मृतियों को युगों – युगों तक भारत की चेतना में सुरक्षित रखने के लिए एक ऐसा सेतु बनाए जो आने वाले पीढ़ियों को राम से जोड़ कर रखे। इसी प्रयास में हमारा भी एक छोटा संकल्प है – राम सेतु।’
इस साल और अगले साल के लिए भी अक्षय की कई फिल्मों का नाम सामने आ चुका है। अक्षय कुमार सबसे पहले 30 अप्रैल को रिलीज होने वाली रोहित शेट्टी की फिल्म सूर्यवंशी में नजर आएंगे। फिल्म में अक्षय के साथ कैटरीना मुख्य रोल में होंगी, जबकि अजय देवगन और रणवीर सिंह का कैमियो होगा। सूर्यवंशी के अलावा बच्चन पांडे और अतरंगी रे भी अक्षय की अपकमिंग फिल्मों की लिस्ट में शुमार है।
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lokkesari · 4 years
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"मानव अधिकारों के संरक्षण में संस्कारों की भूमिका"विषय पर उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार में हुई संगोष्ठी आयोजित
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"मानव अधिकारों के संरक्षण में संस्कारों की भूमिका"विषय पर उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार में हुई संगोष्ठी आयोजित
ऋषिकेश दिनांक 3 दिसंबर 2021 उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार एवं मानव अधिकार संरक्षण समिति, मुख्यालय, हरिद्वार के संयुक्त तत्वाधान मे “मानव अधिकारों के संरक्षण में संस्कारों की भूमिका” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गयी| सर्वप्रथम वेद विभाग के डॉ अरुण कुमार मिश्रा ने मंत्रोचारण से वेबिनार का शुभारंभ किया | न्यायमूर्ति, यू0सी0 ध्यानी(सेवानिवृत्ति), अध्यक्ष उत्तराखण्ड लोक सेवा अभिकरण ने मुख्य अतिथि बतौर कहा कि ‘माता-पिता के संस्कार बच्चे को भविष्य का मार्ग दिखाते हैं’ माता-पिता स्वयं मर्यादित और संस्कार वाला जीवन जिये। माता-पिता युवाओं को संस्कारों की शिक्षा देने वाले प्रथम गुरु होते है। संस्कार के बिना मर्यादा वाला जीवन नहीं बन सकता। 10 दिसंबर’ को पूरी दुनिया में मानवाधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है। 10 दिसंबर 1948 को संयुक्त राष्ट्र की साधारण सभा ने संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकारों की विश्वव्यापी घोषणा को अंगीकृत किया गया। पिछले कुछ वर्षों में आयोग ने विशेष रूप से मानव अधिकार शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु कई कदम उठाए हैं। आयोग ने हमारे देश में मिट्टी में इसकी जड़ें गहराई तक ले जाने के लिए सर्वप्रथम हमारे समाज के तीन मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित किया।
उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार के कुलपति प्रोफेसर देवी प्रसाद त्रिपाठी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये कहा कि मानव अधिकार की रक्षा हमारी संस्कृति का अहम हिस्सा है। हमारी परम्पिराओं में हमेशा व्यक्ति के जीवन निमित समता, समानता उसकी गरिमा के प्रति सम्मान, इसको स्वी्कृति मिली हुई है। उन्होने कहा – ‘सर्वे भवन्तु‍ सुखेन’ की भावना हमारे संस्कािरों में रही है। वास्तव में प्रत्येक व्यक्ति को ऐसे जीवनस्तर को प्राप्त करने का अधिकार है, जो उसे और उसके परिवार के स्वास्थ्य, कल्याण और विकास के लिए आवश्यक है। मानव अधिकारों में आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक अधिकारों के समक्ष समानता का अधिकार एवं शिक्षा का अधिकार आदि नागरिक और राजनीतिक अधिकार भी सम्मिलित हैं। मानव अधिकार संरक्षण समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष इं0 मधुसूदन आर्य ने कहा कि मानवाधिकार का सम्बन्ध समस्त मानव जाति से है। जितना प्राचीन मानव है, उतने ही पुरातन उसके अधिकार भी हैं। इन अधिकारों की चर्चा भी प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप में प्रारम्भ से ही होती आई है, भले ही वर्तमान रूप में मानवाधिकारों को स्वीकृति उतनी प्राचीन न हो किन्तु साहित्य तथा समाज में मनुष्यों के सदा से ही कुछ सर्वमान्य तथा कुछ सीमित स्थितियों में मान्य अधिकार रहे हैं। उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार के कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी धन्यवाद ज्ञापित करते हुये कहा कि कि मानव अधिकार और शिक्षा एक दूसरे से घनिष्ठ रूप से जुड़े हैं। मानव अधिकारों को समाज में स्थापित करने के लिए यह जरूरी है कि मानवीय गरिमा और प्रतिष्ठा के बारे में जन-जागरूकता लाई जाए। जागरूकता और चेतना के लिए शिक्षा ही सर्वाधिक उपयुक्त साधन है इस दृष्टि से शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत ही मानावाधिकारों की शिक्षा भी शामिल है। मानव अधिकार संरक्षण समिति की राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष डा0 सपना बंसल, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली ने कहा कि मनुष्य के रूप में जन्म लेते ही हम सभी सार्वभौमिक मानव अधिकारों के स्वतः अधिकारी हो जाते हैं। यह एक ऐसा अधिकार हे जो जन्म से लेकर मृत्यु पर्यन्त सम्मानजनक तरीके से सभी को मिलना चाहिये। मानवाधिकार मनुष्य के वे मूलभूत सार्वभौमिक अधिकार हैं जिनसे मनुष्य को नस्ल, जाति, राष्ट्रीयता, धर्म, लिंग आदि किसी भी दूसरे कारक के आधार पर वंचित नहीं किया जा सकता। सभी व्यक्तियों को गरिमा और अधिकारों के मामले में जन्मजात स्वतंत्रता और समानता प्राप्त है। संगोष्ठी का संचालन डा0 लक्ष्मी नारायण जोशी, छात्र कल्याण अधिष्ठाता उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार ने किया| उन्होने कहा भारतीय परिप्रेक्ष्य में प्राचीन संस्कृत साहित्य में ”सर्वेभवन्तुसुखिनः” का उल्लेख मानव अधिकारों की पुष्टि करता हैं| उन्होने कहा कि सामान्य रूप से मानवाधिकारों को देखा जाए तो मानव जीवन में भोजन पाने का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, बाल शोषण, उत्पीड़न पर अंकुश, महिलाओं के लिए घरेलू हिंसा से सुरक्षा, उसके शारीरिक शोषण पर अंकुश, प्रवास का अधिकार, धार्मिक हिंसा से रक्षा आदि को लेकर बहुत सारे कानून बनाए गए हैं जिन्हें मानवाधिकार की श्रेणी में रखा गया है। ये अधिकार सभी अन्योन्याश्रित और अविभाज्य हैं। मानव अधिकार का ढांचा मानव अधिकारों की शक्ति का सही उपयोग करने के लिए उनकी पर्याप्त जानकारी एवं आम लोगों तक उनकी पहुंच अतिआवश्यक है। इस वेबिनार में मानव अधिकार संरक्षण समिति के लायन्स एस आर गुप्ता, राजीव राय, अनिल कंसल, कमला जोशी, नीलम रावत, शोभा शर्मा, हेमंत सिंह नेगी, रेखा नेगी, नेहा, उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार से ज्योति कल्पना शर्मा, निवेदिता सिंह, पीयूष गोयल, समीक्षा अग्रवाल, सतीश शेखर, शैली शर्मा, स्वीटि चौहान, बन्दना मिश्रा, विनोद बहुगुणा, रचना शास्त्री, यज्ञ शर्मा, सुभद्रा देवी, अरुण कुमार मिश्रा, अनु चौधरी, अनुपम कोठारी, राकेश कुमार गर्ग, पिंकी रावत, तरुण कुमार पांडे, प्रेमा श्रीवास्तव, डॉ अभिजीत, मोनु मीना इत्यादि उपस्थित रहे |
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loksutra · 2 years
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खतरों के खिलाडी 12 रोहित शेट्टीने राजीव अडातियाला कुऱ्हाड दाखवताना विचारला प्रश्न पहा नवीन प्रोमो व्हिडिओ
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its-axplore · 4 years
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शहर के विभिन्न स्थानों पर बांटा अनाज, लोगों से घरों में रहने की अपील की मंगलवार को विभिन्न सामाजिक संगठनों ने जरूरतमंदों को राशन बांटा। साथ ही लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की। बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन की ओर से संरक्षण सह पूर्व महापौर दीपक भुवानिया की देखरेख में वार्ड 17 सहित शहरी क्षेत्र के गोलाघाट नयाबाजार, परबत्ती में जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री वितरित की गई। मौके पर सम्मेलन के अध्यक्ष शिव अग्रवाल, अनिल खेतान, अरुण झुनझुनवाला, रोहित बाजोरिया, श्रवण बाजोरिया, प्रभात केजरीवाल आदि मौजूद थे। श्री गोशाला की ओर से नसरतखानी कुतुबगंज, बरारी, समेत कई जगहों पर खाद्य सामग्री बांटी गई। जज्बा संकल्प संस्था ने वार्ड 27 व 28 में बांटा राशन जज्बा संकल्प संस्था ने मंगलवार को वार्ड 27 और 28 में जरूरतमंदों के बीच खाद्य सामग्री व राशन बांटा। मौके पर भाजपना के अध्यक्ष रोहित पांडे, जिया गोस्वामी, राजीव नंदन गोस्वामी, आशीष कुमार आदि मौजूद थे। राष्ट्रीय सेवा योजना एनएसएस सदस्य मनीष कुमार ने खंजरपुर, मायागंज, मुंदीचक इलाके में जरूरतमंदों के बीच बिस्किट, पानी, साबुन का वितरण किया। जिला भारत स्काउट और गाइड ने बूढ़ा नाथ मंदिर के समीप जरूरतमंदों के बीच पूरी-सब्जी का वितरण किया। बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के पदाधिकारी भोजन वितरित करते हुए। सक्षम फाउंडेशन ने लोगों को बांटा राशन और भोजन नुसरत वेलफेयर सोसाइटी के महासचिव मौलाना जाहिद हलिमी कासमी एवं जन चेतना व सद्भावना मंच के जिला संयोजक मंजर आलम ने सबौर प्रखंड के राजपुर जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री वितरित की। जदयू महानगर अध्यक्ष राजदीप कुमार व पूर्व जिलाध्यक्ष विभूति गोस्वामी के नेतृत्व में डिक्शन मोड़ के पास भोजन वितरण शिविर लगाया गया। सक्षम फाउंडेशन और महिला जागरण समिति की ओर से भागलपुर के हवाई अड्डा के पास भोजन वितरण किया गया। मौके पर अध्यक्ष संगीता तिवारी, महिला जागरण समिति की अध्यक्ष अनुराधा खेतान, नीरज तिवारी आदि मौजूद थे। वहीं वेस्को संस्था ने लोदीपुर, तांंती टोला, अंसारी टोला, मोमिन टोला, बरहपुरा में राशन वितरित किया गया।
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bollywoodpapa · 5 years
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रोमांटिक सीन शूट करते करते सच में बहक गए थे फिल्म जगत के ये 10 सुपरस्टार!
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रोमांटिक सीन शूट करते करते सच में बहक गए थे फिल्म जगत के ये 10 सुपरस्टार!
दोस्तों फिल्म दुनिया में एक कलाकार को पर्दे पर कई तरह के रोल करने पड़ते है, जिसकी वजह से उसकी तरफ भी होती है, बॉलीवुड फिल्में अपने एक्शन और रोमांस के लिए ही चलती हैं। ऐसे में बोल्डनेस का तड़का उन्हें रफ्तार देने का काम करता है। दर्शकों को एंटरटेन करने के लिए एक्ट्रेसेस को कई बोल्ड सीन्स भी देने होते हैं। मगर कई बार रोमांटिक सीन्स शूट करने के दौरान उन पर एक्टर हावी हो जाते हैं और कई बार ये सितारे कुछ रोमांटिक सीन्स या किस और तरह के सीन करने के कारण अपने आप पर काबू नही रख पाते है, कई दफ़े यह अंतरंग सीन तारिकाओं के शोषण का कारण भी बन जाते हैं। आज आपको बता रहे है वो एक्ट्रेस जो इन सीन में अपने कलाकार का आपा खोते देखा है।
माधुरी दीक्षित
फिल्म को बापू यानी सत्तिराजू लक्ष्मी नारायण ने डायरेक्ट किया था। फिल्म में एक सीन था, जिसमें रंजीत माधुरी दीक्षित का रेप करते हैं। लेकिन शूटिंग के दौरान रंजीत अनकंट्रोल हो गए थे और खुद को माधुरी के ऊपर फोर्स करने लगे थे। इस बात से माधुरी बुरी तरह घबरा गई थीं। आखिर माधुरी ने साफ़ लहजे में रंजीत को चेतावनी दी की वे उन्हें टच न करें।
 दलीप ताहिल और जया प्रदा
खबरों की माने तो अभिनेता दलीप ताहिल और जया प्रदा साथ काम कर रहे थे। शूटिंग के दौरान जया प्रदा के साथ कुछ ऐसा हुआ था जिससे सबके सामने उन्हें शर्मिंदा होना पड़ा था। दरअसल, एक फिल्म में उन्हें दलीप ताहिल के साथ इंटीमेट सीन शूट करना था। इस सीन के लिए जैसे ही कैमरा रोल करना शुरू हुआ वैसे ही दलीप बेकाबू हो गए। उन्होंने जया प्रदा को कसकर पकड़ लिया। जया खुद को छुड़ाने का प्रयास कर रही थीं जब उन्हें ज्यादा तकलीफ होने लगी तो उन्होंने दलीप को जोरदार थप्पड़ मार दिया। इसके बाद उन्होंने दलीप से कहा कि ये रील लाइफ है रियल लाइफ नहीं।
3.प्रेम नाथ और फरयाल
अपने ज़माने के जाने माने फिल्म निर्माता रविकांत नगाइच डायरेक्टेड इस फिल्म में प्रेम नाथ और फरयाल के बीच फिल्माए गए एक इंटीमेट सीन की खूब चर्चा रही थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रेम नाथ ने सीन की शूटिंग के दौरान कंट्रोल खो दिया था और वे खुद को फरयाल के ऊपर फोर्स करने लगे थे। परेशान फरयाल ने खुद को प्रेम नाथ के चंगुल से बचाने के लिए काफी स्ट्रगल किया था।
5.रणबीर कपूर और इवलिन शर्मा
अयान मुखर्जी के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म ये जवानी है दीवानी में रणबीर कपूर और इवलिन शर्मा के बीच एक इंटीमेट सीन फिल्माया गया था। शूटिंग के दौरान रणबीर ने कंट्रोल खो दिया था  उन्हें मूवी की एक्ट्रेस एवलिन शर्मा की थाईस पर हाथ रखना था। सीन करते समय रणबीर एक्ट्रेस की जांघों पर बार-बार हाथ रख रहे थे। इस दौरान उन्होंने डायरेक्टर का कट भी सुनाई नहीं दिया।
माधुरी दीक्षित
बता दे की डायरेक्टर फिरोज खान की  फिल्म दयावान में विनोद खन्ना ने माधुरी दीक्षित के साथ इंटीमेट सीन दिया था। कहा जाता है कि इस सीन के दौरान विनोद इतने अनकंट्रोल हुए कि माधुरी का होंठ ही चबा गए। जब फिल्म रिलीज हुई तो इंटीमेट सीन को लेकर माधुरी की काफी आलोचना हुई थी। बाद में खुद माधुरी ने इस सीन को करना अपनी गलती बताया था।
जैकलीन फर्नांडीज
यह फिल्म हाल ही में रिलीज़ हुई है। राज निदिमोरु एंड कृष्णा डीके डायरेक्टेड इस फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा और जैकलीन फर्नांडीज के बीच एक किसिंग सीन था। सीन की शूटिंग के दौरान डायरेक्टर द्वारा कट बोले जाने के बाद भी सिद्धार्थ और जैकलीन एक-दूसरे को किसिंग करते रहे थे।
6.रुस्लान मुमताज और चेतना
बॉलीवुड डायरेक्टर अमित कसारिया की फिल्म आई डोंट लव यू के इंटीमेट सीन की शूटिंग के दौरान रुस्लान मुमताज कंट्रोल खो बैठे थे और उन्होंने एक्ट्रेस चेतना पांडे की ड्रेस की चैन खींच दी थी। इसकी वजह से चेतना की ड्रेस बॉडी से खिसक गई थी। बाद में रुस्लान ने इस हादसे के लिए चेतना से माफी भी मांगी थी।
2.विनोद खन्ना और डिंपल कपाड़िया
बॉलीवुड डायरेक्टर महेश भट्ट की फिल्म मार्ग में विनोद खन्ना और डिंपल कपाड़िया का एक इंटीमेट सीन था। शूटिंग के दौरान विनोद खन्ना खुद पर कंट्रोल खो बैठे और डायरेक्टर के कट बोलने के बावजूद काफी देर तक डिंपल को किस्स करते रहे थे। इस इंसिडेंट के बाद डिंपल सदमे में थीं। महेश भट्ट ने डिंपल से इसके लिए माफी भी मांगी। हालाँकि यह फिल्म कभी रिलीज़ नहीं हुई।
स्कार्लेट विल्शन और उमाकांत
साउथ की फिल्म हंसा एक संयोग की शूटिंग के दौरान भी एक्टर अपनी को-एक्टर के साथ शूटिंग करते समय सीरियस हो गए थे। फ़िल्म की हीरोइन स्कार्लेट का कहना ही कि एक्टर उमाकांत सीन के दौरान बहक गए थे। वो उनका फायदा उठाने की कोशिश कर रहे थे। बात बिगड़ती देख उन्हें मजबूरन उमाकांत को थप्पड़ मारना पड़ा था।
राखी वोहरा और अलिशा खान 
फिल्म माई हस्बैंड्स वाइफ की शूटिंग के दौरान एक्टर राखी वोहरा बेकाबू हो गए थे। उन्होंने एक इंटीमेट सीन के दौरान अलिशा खान से जबरदस्ती करने की कोशिश की थी। अलिशा का आरोप है कि वोहरा ने जानबूझकर रूम भी लॉक कर दिया था।
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