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रूस ने मार गिराया अमेरिका का ड्रोन, दोनों देशों में हुआ टकराव
रूस ने मार गिराया अमेरिका का ड्रोन, दोनों देशों में हुआ टकराव
#Russia
#RussiaAmericaConflict
रूस के लड़ाकू विमान द्वारा अमेरिका के सैन्य टोही ड्रोन को टक्कर मारकर गिराने की घटना के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो गई है. इस मुद्दे पर रूस की रक्षा मंत्री सेरगेई शोईगु और अमेरिका के रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन के बीच फोन पर बातचीत भी हुई. इस बातचीत में रूस ने अमेरिका पर उसकी जासूसी करने का गंभीर आरोप लगाया. बातचीत के बाद अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने भी कह दिया है कि…
#अमृतसर में #भारत-#पाक #सीमा के पास #हेरोइन ले जा रहा #ड्रोन को गन से शूट कर गिराया गया https://indiacorenews.in/icn-network/drone-carrying-heroin-shot-down-by-gun-near-indo-pak-border-in-amritsar/ #Indiacorenews #icnewsnetwork #ankshree #onlinenews #onlinenewsportal #amritsar #police #india #pakistan #border #heroin #drone https://www.instagram.com/p/CnwVF4NLtuf/?igshid=NGJjMDIxMWI=
Russia-Ukraine War : युद्ध सुरूच, युक्रेनची राजधानी कीववर पुन्हा ड्रोन हल्ला, जीवितहानी, मालमत्तेचे नुकसान
Russia-Ukraine War : युद्ध सुरूच, युक्रेनची राजधानी कीववर पुन्हा ड्रोन हल्ला, जीवितहानी, मालमत्तेचे नुकसान
Russia-Ukraine War : युद्ध सुरूच, युक्रेनची राजधानी कीववर पुन्हा ड्रोन हल्ला, जीवितहानी, मालमत्तेचे नुकसान
किव्ह – युक्रेनची राजदानी किव्हवर रशियाने आज पुन्हा एकदा ड्रोन हल्ला केला आहे. राजधानी किव्हमधील दोन प्रशासकीय इमारतींवर हा ड्रोन हल्ला झाला. या भागात युक्रेनच्या प्रशासनाची अनेक कार्यालये आहेत. आज झालेल्या ड्रोन हल्ल्यामध्ये किमान दोघेजण ठार झाले आहेत. मोठे स्फोट झाल्याच्या आवाजांनी हा भाग…
ड्रोन का उपयोग कृषि, स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन और मीडिया जैसे उद्योगों में किया जा सकता है।
जैसा कि आप जानते होंगे कि पिछले कुछ वर्षों में ड्रोन का उपयोग तेजी से बढ़ा है। मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) के रूप में संदर्भित, इस प्रकार के हवाई वाहनों का उपयोग कई अलग-अलग अनुप्रयोगों में किया जाता है, जिसमें औद्योगिक निगरानी से लेकर पैकेज वितरित करना शामिल है।
तकनीक ने भारतीय कंपनियों का भी ध्यान खींचा है।…
Amazon ने इस देश में ड्रोन से ऑर्डर डिलीवर करना शुरू किया
Amazon ने इस देश में ड्रोन से ऑर्डर डिलीवर करना शुरू किया
नई दिल्ली: ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी अमेज़न ने एक घंटे के भीतर ग्राहकों के घरों में पैकेज उड़ाने के उद्देश्य से अमेरिकी राज्यों कैलिफोर्निया और टेक्सास में ड्रोन द्वारा ऑर्डर देना शुरू कर दिया है। द वर्ज की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में, लॉकफ़ोर्ड, कैलिफ़ोर्निया और कॉलेज स्टेशन, टेक्सास के ग्राहकों को कंपनी की ‘अमेज़ॅन प्राइम एयर’ ड्रोन सेवा का उपयोग करके ड्रोन द्वारा डिलीवर किए गए पार्सल की एक…
रूसी ड्रोन ने कीव को पुतिन के रूप में बेलारूस की दुर्लभ यात्रा करने के लिए मारा
रूसी ड्रोन ने कीव को पुतिन के रूप में बेलारूस की दुर्लभ यात्रा करने के लिए मारा
द्वारा एएफपी
कीव: रूस ने सोमवार को कीव में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर हमला करने वाले ड्रोनों का एक झुंड लॉन्च किया, जिसमें कहा गया कि यूक्रेन ने एक दर्जन क्षेत्रों में आपातकालीन ब्लैकआउट को उकसाया।
हमले तब हुए जब रूस ने कहा कि उसने यूक्रेन के पास अपने हवाई क्षेत्र में अमेरिका निर्मित कई मिसाइलों को मार गिराया है और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को पड़ोसी देश बेलारूस का दौरा करना था, जिसका उपयोग…
भारत द्वारा अमेरिका से 30 प्रीडेटर ड्रोन की खरीद पर नौसेना प्रमुख का अपडेट
भारत द्वारा अमेरिका से 30 प्रीडेटर ड्रोन की खरीद पर नौसेना प्रमुख का अपडेट
नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार ने आज कहा कि अमेरिका से प्रीडेटर ड्रोन के बेड़े की प्रस्तावित खरीद का मामला अंडर प्रोसेस है। मूल प्रस्ताव चीन के साथ-साथ हिंद महासागर क्षेत्र में सीमा के साथ-साथ भारत के निगरानी तंत्र को क्रैंक करने के लिए 3 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक की लागत से 30 MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन खरीदना था।
“खरीद के लिए मामला अंडर प्रोसेस है। हम इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि क्या संख्या को…
बेरूत के दक्षिणी उपनगरों में इस्राइल के ताबड़तोड़ हमले, हिजबुल्ला के ड्रोन कमांडर को किया ढेर
इस्राइल ने बेरूत अपार्टमेंट इमारत पर हवाई हमले में हिजबुल्ला के एक ड्रोन कमांडर को मार गिराया है। इस्राइली सेना ने इसका दावा किया है। दरअसल, बेरूत के दक्षिणी उपनगरों में गुरुवार को इस्राइली हमले में हिजबुल्ला कमांडर को निशाना बनाया गया था। सूत्रों के मुताबिक, इस्राइल की सेना ने एलान किया कि घोषणा की है कि वह लेबनान की राजधानी में जगह-जगह छापे मार रही है।
सूत्रों ने बताया कि हिजबुल्ला कमांडर को…
10 मासूमों को बनाया निवाला, 60 से अधिक घायल… आखिर ड्रोन में दिख ही गया ‘लंगड़ा सरदार’
उत्तर प्रदेश के बहराइच में आतंक का दूसरा नाम बन चुके भेड़ियों में से छठा भेड़िया भी वन विभाग के कैमरे में कैद हो गया. छठे भेड़िये की तस्वीर वन विभाग के थर्मल ड्रोन में कैद हुई है. साथियों की तलाश में ये छठा आदमखोर इधर से उधर भटक रहा है. बीते कई दिनों से वन विभाग को इस आदमखोर भेड़िए की तलाश है. जिले के थाना हरदी क्षेत्र के चहलारी इलाके में घाघरा नदी के उसी कछार में यह आदमखोर भेड़िया दिखा है जहां…
परिचय
भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का विशेष स्थान है। यहां की एक बड़ी आबादी अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। बदलते समय के साथ खेती में भी तकनीकी परिवर्तन हो रहे हैं और इसे अब "स्मार्ट एग्रीकल्चर" के रूप में देखा जा रहा है। यह न केवल खेती के तरीकों में क्रांति ला रहा है, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी प्रदान कर रहा है। स्मार्ट एग्रीकल्चर से तात्पर्य है ऐसी तकनीकें और प्रणालियां जो पारंपरिक कृषि को अधिक प्रभावी, उत्पादक और पर्यावरण के अनुकूल बनाती हैं। इस आधुनिक कृषि प्रणाली ने रोजगार के कई नए द्वार खोले हैं, विशेष रूप से उन युवाओं के लिए जो आधुनिक तकनीक और नवाचार में रुचि रखते हैं।
स्मार्ट एग्रीकल्चर क्या है?
स्मार्ट एग्रीकल्चर या स्मार्ट खेती आधुनिक प्रौद्योगिकी और कृषि के सम्मिलन का एक ऐसा मॉडल है जिसमें सटीक उपकरणों, सेंसर, ड्रोन्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) का इस्तेमाल किया जाता है। इसके तहत किसानों को जमीन की उपजाऊता, मौसम की जानकारी, फसल की स्थिति और बाजार के रुझानों के बारे में सटीक जानकारी मिलती है। इससे कृषि के सभी पहलुओं को सही ढंग से मॉनिटर कर बेहतर परिणाम प्राप्त किए जाते हैं।
स्मार्ट एग्रीकल्चर के तहत आधुनिक यंत्रों और नई तकनीकों का प्रयोग किया जाता है जिससे किसानों को अपने खेतों की बेहतर देखभाल करने में मदद मिलती है। इससे न केवल उत्पादकता में वृद्धि होती है बल्कि पानी, खाद, बीज और अन्य संसाधनों का सही उपयोग भी सुनिश्चित होता है।
खेती में रोजगार के अवसर
स्मार्ट एग्रीकल्चर के बढ़ते प्रसार के साथ खेती में रोजगार के अवसरों में भी व्यापक विस्तार हुआ है। पहले जहां कृषि में मुख्य रूप से शारीरिक श्रम का महत्व था, अब तकनीकी ज्ञान रखने वाले युवाओं के लिए भी यहां संभावनाएं खुल रही हैं। नीचे कुछ प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा की जा रही है, जहां स्मार्ट एग्रीकल्चर के माध्यम से रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हुए हैं:
प्रौद्योगिकी आधारित कृषि उपकरणों का निर्माण और वितरण
स्मार्ट एग्रीकल्चर में विभिन्न प्रकार के सेंसर, ड्रोन्स, और स्वचालित उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है। इन उपकरणों के निर्माण, वितरण और मरम्मत के क्षेत्र में रोजगार के अवसर उत्पन्न हो रहे हैं। युवा उद्यमी इस क्षेत्र में स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं या बड़े उद्योगों से जुड़ सकते हैं जो ऐसे उपकरणों का निर्माण और विपणन करते हैं।
कृषि सलाहकार सेवाएं
कृषि सलाहकार सेवाएं एक और प्रमुख क्षेत्र है, जहां तकनीकी ज्ञान रखने वाले व्यक्तियों के लिए रोजगार के नए अवसर हैं। स्मार्ट एग्रीकल्चर के तहत किसानों को मिट्टी के स्वास्थ्य, बीज के चयन, जल प्रबंधन, फसल की देखभाल और बाजार की जानकारी देने वाले कृषि सलाहकारों की मांग बढ़ी है। यदि किसी व्यक्ति के पास कृषि और तकनीक का ज्ञान है, तो वे इस क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं।
डेटा एनालिसिस और कृषि सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट
स्मार्ट एग्रीकल्चर में सेंसर और अन्य उपकरणों से लगातार डेटा उत्पन्न होता है। इस डेटा का सही ढंग से विश्लेषण करना और इसके आधार पर निर्णय लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है। डेटा एनालिसिस के क्षेत्र में कृषि तकनीशियनों की मांग तेजी से बढ़ी है। साथ ही, ऐसे सॉफ्टवेयर डेवलपर्स की भी आवश्यकता है जो किसानों के लिए अनुकूल ऐप्स और सॉफ्टवेयर विकसित कर सकें। ये ऐप्स किसानों को मौसम की जानकारी, फसल की स्थिति, बाजार के दाम आदि की सटीक जानकारी प्रदान करते हैं, जिससे उनकी खेती को और बेहतर बनाया जा सके।
कृषि में ड्रोन और रोबोटिक्स तकनीक
ड्रोन्स का इस्तेमाल कृषि में तेजी से बढ़ रहा है। फसलों की निगरानी, कीटनाशक का छिड़काव, और अन्य गतिविधियों के लिए ड्रोन तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। ड्रोन ऑपरेटर्स, मेनटेनेंस इंजीनियर और तकनीकी विशेषज्ञों के लिए यहां रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। इसके अलावा, रोबोटिक्स तकनीक का इस्तेमाल भी कृषि में बढ़ रहा है, जिससे फसलों की देखभाल और उत्पाद��� की प्रक्रिया को स्वचालित किया जा रहा है।
सस्टेनेबल एग्रीकल्चर और ग्रीन जॉब्स
आज के समय में पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता पर जोर दिया जा रहा है। सस्टेनेबल एग्रीकल्चर के अंतर्गत प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करते हुए कृषि की तकनीकों का विकास किया जाता है। इसके अंतर्गत जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता की सुरक्षा और प्राकृतिक संसाधनों का सही इस्तेमाल महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में सस्टेनेबिलिटी एक्सपर्ट्स, पर्यावरण वैज्ञानिकों और कृषि विशेषज्ञों की आवश्यकता बढ़ी है। ग्रीन जॉब्स के रूप में इसे देखा जा सकता है।
कृषि उत्पादों का प्रोसेसिंग और मार्केटिंग
स्मार्ट एग्रीकल्चर के तहत बेहतर उत्पादन प्राप्त होने पर उसे प्रोसेस कर बाजार में बेचना भी महत्वपूर्ण है। कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग में विशेषज्ञता रखने वाले व्यक्तियों के लिए यहां अपार संभावनाएं हैं। स्मार्ट मार्केटिंग तकनीकों का उपयोग करके किसान अपने उत्पादों को सही कीमत पर बेच सकते हैं। इसके अलावा, इस क्षेत्र में उद्यमिता को भी बढ़ावा मिल रहा है, जिससे नए रोजगार के अवसर उत्पन्न हो रहे हैं।
स्मार्ट इरिगेशन और जल प्रबंधन
कृषि में पानी का सही उपयोग करना हमेशा से एक चुनौती रहा है। स्मार्ट इरिगेशन और जल प्रबंधन तकनीकों के माध्यम से इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। पानी की कमी से जूझ रहे क्षेत्रों में सटीक सिंचाई प्रणाली और जल प्रबंधन सेवाओं की मांग बढ़ी है। इसके लिए तकनीकी विशेषज्ञों और इरिगेशन इंजीनियरों की आवश्यकता होती है, जो इस क्षेत्र में रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।
स्मार्ट एग्रीकल्चर में रोजगार के अवसरों की संभावनाएं
स्मार्ट एग्रीकल्चर में न केवल तकनीकी विशेषज्ञों के लिए बल्कि ग्रामीण युवाओं के लिए भी रोजगार के अवसर हैं। वे जो अपने खेतों में नई तकनीकों को अपनाकर उत्पादन में वृद्धि करना चाहते हैं, वे भी इस क्रांति के हिस्सेदार बन सकते हैं। साथ ही, इस क्षेत्र में वित्तीय सेवाओं, बीमा, और कृषि से जुड़ी कानूनी सेवाओं में भी रोजगार की संभावनाएं हैं। सरकार और निजी क्षेत्र की ओर से भी इस क्षेत्र में निवेश किया जा रहा है, जिससे रोजगार के अवसर और भी बढ़ेंगे।
निष्कर्ष
स्मार्ट एग्रीकल्चर न केवल कृषि के तरीके को बदल रहा है, बल्कि यह एक नया रोजगार क्षेत्र भी बना रहा है। "खेती में रोजगार के अवसर" अब केवल पारंपरिक श्रमिकों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि तकनीकी विशेषज्ञों, उद्यमियों और नवाचारकर्ताओं के लिए भी इसमें असीमित संभावनाएं हैं। भारत जैसे देश में, जहां कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, स्मार्ट एग्रीकल्चर रोजगार के नए द्वार खोलकर युवाओं को बेहतर भविष्य की दिशा में ले जा रहा है।
यह स्पष्ट है कि भविष्य की खेती तकनीकी नवाचारों पर आधारित होगी, और इसके साथ ही रोजगार के नए रूप सामने आएंगे। स्मार्ट एग्रीकल्चर एक ऐसी ही दिशा है, जो रोजगार के साथ-साथ समृद्धि की ओर भी ले जा रही है।
Russia- Ukrain War : रशियन ड्रोन हल्ल्यांनंतर युक्रेनचे ओडेसा शहर अंधारात बुडाले
Russia- Ukrain War : रशियन ड्रोन हल्ल्यांनंतर युक्रेनचे ओडेसा शहर अंधारात बुडाले
Russia- Ukrain War : रशियन ड्रोन हल्ल्यांनंतर युक्रेनचे ओडेसा शहर अंधारात बुडाले
वीज निर्मिती यंत्रणेवर रशियन ड्रोन हल्ल्यानंतर युक्रेनमधील अनेक शहरे अंधारात बुडाली आहेत. परंतु या शहरांमध्ये सर्वात जास्त प्रभावित ओडेसा शहर आहे जेथे 1.5 दशलक्षाहून अधिक लोकांना रात्री मेणबत्त्या पेटवून काढावे लागते. थरथरत्या थंडीत वीजपुरवठा खंडित होण्याच्या अशा प्रकारामुळे लोकांच्या अनेक समस्या निर्माण होत आहेत.…
रूस में ड्रोन हमलों को मिसाइल बैराज के लिए यूक्रेनी विद्रोह के रूप में देखा गया
रूस में ड्रोन हमलों को मिसाइल बैराज के लिए यूक्रेनी विद्रोह के रूप में देखा गया
किस तरह के हथियारों का इस्तेमाल किया गया, इसके बारे में किसी भी पक्ष ने ठोस सबूत पेश नहीं किया है। (फ़ाइल)
कीव:
विश्लेषकों ने कहा कि रूसी क्षेत्र के अंदर गहरे हवाई अड्डों पर दो हमलों ने मास्को को एक बड़ा प्रतिष्ठित झटका दिया है और सवाल उठाया है कि इसकी सुरक्षा विफल क्यों हुई, क्योंकि पड़ोसियों के बीच युद्ध में ड्रोन के इस्तेमाल पर ध्यान दिया गया।
यूक्रेन के अधिकारियों ने विस्फोटों का आनंद लिया,…
तकनीकी खराबी के कारण बंगाल की खाड़ी में क्रैश हुआ लीज पर किया अमेरिकी ड्रोन, भारतीय नौ सेना कर रही थी प्रयोग
तकनीकी खराबी के कारण बंगाल की खाड़ी में क्रैश हुआ लीज पर किया अमेरिकी ड्रोन, भारतीय नौ सेना कर रही थी प्रयोग
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MQ-9B SeaGuardian Drone Crash: भारतीय नौसेना द्वारा अमेरिका से लीज पर लिया गया MQ-9B SeaGuardian ड्रोन बुधवार को बंगाल की खाड़ी में एक तकनीकी खराबी के कारण क्रैश हो गया। ये घातक ड्रोन चीन तक के इलाकों तक निगरानी करता था। नौसेना ने एक बयान में कहा कि यह घटना एक नियमित निगरानी मिशन के दौरान हुई, जिसमें ड्रोन को पानी में आपातकालीन लैंडिंग (डिचिंग) करनी पड़ी। ड्रोन को अब समुद्र से वापस नहीं लाया जा…
��ल्द ही आपात स्थिति में जीवन रक्षक भोजन उपलब्ध कराने के लिए एक खाद्य ड्रोन
जल्द ही आपात स्थिति में जीवन रक्षक भोजन उपलब्ध कराने के लिए एक खाद्य ड्रोन
��ोजन और पानी के मानव रहित परिवहन के लिए ड्रोन जैसी हवाई प्रणालियाँ संकट की स्थितियों में बहुत उपयोगी रही हैं। ड्रोन एक छोटा हवाई वाहन है जो पेलोड के रूप में अपने द्रव्यमान का केवल 10-30% ही ले जा सकता है। इस सीमा को पार करने के लिए, स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, लॉज़ेन (ईपीएफएल) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने एक खाद्य ड्रोन का एक प्रोटोटाइप विकसित किया है। ड्रोन ने खाने योग्य पंख तय किए हैं,…