राजस्थान के प्रसिद्ध संत बाबा रामदेव पीर के अनुसार जगत के कल्याण के लिए भारतवर्ष में उत्पन्न मसीह जाट वर्ण से होगा और वह कबीर प्रभु के गुण गाएगा। उनकी यह भविष्यवाणी जाट वर्ण में उत्पन्न हरियाणा के संत रामपाल जी पर खरी उतरती है। जिनका 8 सितंबर को जन्म दिवस है।
8 सितंबर को उस महापुरुष संत रामपाल जी महाराज जी का जन्म हुआ, जिनके विषय में अमेरिका के भविष्वक्ता ‘‘श्री चार्ल्स क्लार्क’’ के अनुसार 20 वीं सदी के अन्त से पहले एक देश विज्ञान की उन्नति में सब देशों को पछाड़ देगा परन्तु भारत की प्रतिष्ठा विशेषकर इसके धर्म और दर्शन से होगी, जिसे पूरा विश्व अपना लेगा, यह धार्मिक क्रांति 21 वीं सदी के प्रथम दशक में सम्पूर्ण विश्व को प्रभावित करेगी और मानव को आध्यात्मिकता पर विवश कर देगी।
देश विदेश के अनेकों महापुरुषों ने धरती पर अवतार संत रामपाल जी महाराज जी के बारे में अपने लेखों में वर्णन किया है कि वो मानव इतिहास का सबसे महानतम व्यक्ति बनेगा व जनता का अपार समर्थन प्राप्त करेगा। उसके विचारों का बोलबाला पूरे विश्व मे होगा व सभी लोग उसके बताए मार्ग पर चलने के लिए बाध्य होंगे।
युग परिवर्तन प्रकृति का अटल सिद्धांत है। वैदिक दर्शन के अनुसार चार युगों - सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर और कलयुग की व्यवस्था है। जब पृथ्वी पर पापियों का एक छत्र साम्राज्य हो जाता है तब भगवान पृथ्वी पर मानव रूप में प्रकट होता है।
भगवान 8 सितंबर 1951 को धरती पर अवतरित हो चुके हैं संत रामपाल जी महाराज के रूप में।
जगत का तारणहार
गरीब दास जी की वाणी है कि:-
"साहेब कबीर तख्त खवासा, दिल्ली मण्डल लीजै वासा।।"
परमेश्वर का नुमाइंदा संत दिल्ली मण्डल में उत्पन्न होगा। उस संत द्वारा बताया हुआ तत्वज्ञान पूरे विश्व को स्वीकृत होगा। यह भविष्यवाणी नास्त्रेदमस ने भी की है। वह जगत के तारणहार संत रामपाल जी महाराज हैं जिनका जन्म 8 सितम्बर 1951 को भारत के धनाना गांव में हुआ जो पहले दिल्ली क्षेत्र में पड़ता था।
सुखी होगा हर इंसान, धरती बनेगी स्वर्ग समान
पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब के अवतार संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा दी गई शास्त्र अनुकूल भक्ति करने से हर इंसान सुखी होगा और पृथ्वी स्वर्ग समान बनेगी।
जयगुरुदेव पंथ के प्रवर्तक संत तुलसीदास जी ने 7 सितम्बर 1971 को भविष्यवाणी की थी कि वह अवतार जो पूरे विश्व में शांति स्थापित करेगा, भारत को विश्व गुरु बनायेगा, उसकी एक भाषा, एक झंडा होगा। वह 20 वर्ष का हो गया है। संत रा��पाल जी ही वह अवतार हैं जिनका जन्म 8 सितम्बर 1951को हुआ था जोकि 7 सितम्बर 1971 को पूरे 20 वर्ष के थे।
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संत रामपाल जी महाराज अपने तत्वज्ञान से समाज में फैली सामाजिक बुराईयों जैसे दहेज प्रथा ,भात परंपरा, शास्त्र विपरी�� त्यौहार ,व्यर्थ की परंपराएं ,व्यर्थ की रीति रिवाज समाप्त कर रहे हैं ।
संत रामपाल जी महाराज अपने तत्वज्ञान से समाज में फैली सामाजिक बुराइयों जैसे दहेज प्रथा, भात परम्परा, शास्त्र विपरीत त्यौहार, व्यर्थ की परम्पराएं, व्यर्थ की रीति रिवाज समाप्त कर रहे हैं।
संत रामपाल जी महाराज अपने तत्वज्ञान से समाज में फैली सामाजिक बुराइयों जैसे दहेज प्रथा, भात परम्परा, शास्त्र विपरीत त्यौहार, व्यर्थ की परम्पराएं, व्यर्थ की रीति रिवाज समाप्त कर रहे हैं।
विश्व पर्यावरण दिवस 2024 की थीम "भूमि पुनर्स्थापन, मरुस्थलीकरण और सूखा प्रतिरोधक क्षमता" है। यह थीम भूमि क्षरण की गंभीर समस्या पर प्रकाश डालती है जो लगभग आधी वैश्विक आबादी को प्रभावित कर रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह वैश्विक अर्थव्यवस्था और जैव विविधता के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है। इस वर्ष का विश्व पर्यावरण दिवस आयोजन सऊदी अरब में हो रहा है जो सऊदी ग्रीन पहल और मध्य पूर्व ग्रीन पहल जैसी योजनाओं के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखा रहा है। इन पहलों का लक्ष्य 2030 तक विश्व स्तर पर एक अरब हेक्टेयर भूमि को पुनर्स्थापित करना है। इस उपलक्ष्य में जानिए उन संत को जिनके माध्यम से ये धरती स्वर्ग समान बनेगी।
संत रामपाल जी महाराज अपने तत्वज्ञान से समाज में फैली सामाजिक बुराइयों जैसे दहेज प्रथा, भात परम्परा, शास्त्र विपरीत त्यौहार, व्यर्थ की परम्पराएं, व्यर्थ की रीति रिवाज समाप्त कर रहे हैं।
संत रामपाल जी महाराज अपने तत्वज्ञान से समाज में फैली सामाजिक बुराइयों जैसे दहेज प्रथा, भात परम्परा, शास्त्र विपरीत त्यौहार, व्यर्थ की परम्पराएं, व्यर्थ की रीति रिवाज समाप्त कर रहे हैं।
जिससे धरती बनेगी स्वर्ग समान।
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संत रामपाल जी महाराज अपने तत्वज्ञान से समाज में फैली सामाजिक बुराइयों जैसे दहेज प्रथा, भात परम्परा, शास्त्र विपरीत त्यौहार, व्यर्थ की परम्पराएं, व्यर्थ की रीति रिवाज समाप्त कर रहे हैं।
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