केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह और इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में सहकारिता मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नाबार्ड और CSC ई-गवर्नेंस सर्विसेज़ इंडिया लिमिटेड के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर हुए
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के सहकार से समृद्धि के स्वप्न को पूरा करने की दिशा में लिए गए एक ऐतिहासिक निर्णय के तहत आज केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह और केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, श्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में प्राथमिक कृषि क्रेडिट समितियों (PACS) को सामान्य सेवा केन्द्रों द्वारा दी जाने वाली सेवाएं प्रदान करने हेतु समर्थ करने के लिए…
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कांग्रेस ने खोई आईटी, गृह संसदीय समिति की अध्यक्षता; भाजपा के साथ 6 प्रमुख पैनल
कांग्रेस ने खोई आईटी, गृह संसदीय समिति की अध्यक्षता; भाजपा के साथ 6 प्रमुख पैनल
द्वारा पीटीआई
NEW DELHI: विपक्षी दलों को गृह मामलों और सूचना प्रौद्योगिकी समिति सहित चार प्रमुख संसदीय पैनल में से किसी की भी अध्यक्षता नहीं दी गई है, जो मंगलवार को घोषित नवीनतम फेरबदल में कांग्रेस के साथ थी।
इसके साथ ही छह प्रमुख संसदीय समितियों- गृह, आईटी, रक्षा, विदेश, वित्त और स्वास्थ्य- की अध्यक्षता भाजपा और उसके सहयोगियों के पास है।
कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की जगह भाजपा सांसद और…
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IIT भुवनेश्वर को मिला नया निदेशक - टाइम्स ऑफ इंडिया
IIT भुवनेश्वर को मिला नया निदेशक – टाइम्स ऑफ इंडिया
भुवनेश्वर: श्रीपाद कर्मलकरआईआईटी मद्रास के एक प्रोफेसर को निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है आईआईटी भुवनेश्वर. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सोमवार को इस नियुक्ति पर एक पत्र जारी किया। “नियुक्ति पद का कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से पांच वर्ष की अवधि के लिए या 70 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, अनुबंध में निर्धारित नियमों और शर्तों के अनुसार होगी। प्रौद्योगिकी संस्थान अधिनियम1961 और उसके तहत बनाए…
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भारत ने बनाया पाकिस्तानी हंगोर का काल, अब समुद्र में दुश्मन की पनडुब्बियों का SMART से बचना नामुमकिन
इस्लामाबाद: भारत ने बुधवार को सुपरसोनिक मिसाइल-असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (स्मार्ट) सिस्टम का परीक्षण किया। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बताया कि प्रणाली 500 किमी से अधिक दूर दुश्मन की पनडुब्बियों पर हमला करने में सक्षम है। डीआरडीओ ने भारतीय नौसेना के लिए 2018 में को बनाना शुरू किया था। इसे पाकिस्तान की हंगोर क्लास की पनडुब्बियों का काल माना जा रहा है। पाकिस्तान को चीन से हंगोर क्लास की पहली पनडुब्बी मिलने वाली है। यह पनडुब्बी एआईपी सिस्टम से लैस है, जिसे अपनी बैटरियों को चार्ज करने के लिए सतह पर आने की जरूरत नहीं होगी। ऐसे में इस पनडुब्बी को 500 किमी की रेंज में कहीं भी भारत के स्मार्ट मिसाइल सिस्टम की मदद से निशाना बनाया जा सकेगा।
SMART मिसाइल सिस्टम कब काम आएगा
स्मार्ट मिसाइल सिस्टम तब काम में आएगा जब कोई उपग्रह या गैर-लड़ाकू खुफिया, निगरानी और टोही प्रणाली जैसे मानव रहित हवाई वाहन, दुश्मन की पनडुब्बी का पता लगाएगा। अगर उस वक्त उक्त जगह पर भारत का कोई युद्धपोत, पनडुब्बी या पी-8आई पोसाइडन जैसा एंटी सबमरीन वारफेयर में माहिर जहाज नहीं होता है तो स्मार्ट मिसाइल सिस्टम की मदद से हमला किया जाएगा। वर्तमान में, भारतीय नौसेना पनडुब्बी, जहाज या हेलीकॉप्टर से टॉरपीडो लॉन्च कर सकती है लेकिन इनकी गति सीमित होती है और इनकी सीमा केवल 20 से 40 किमी तक होती है। ऐसे में टॉरपीडो को ले जा रही मिसाइल उसे हमले वाली जगह तक आसानी से पहुंचा देगी।
SMART मिसाइल क्यों खतरनाक है?
इस कनस्तर-आधारित मिसाइल प्रणाली में कई उन्नत उप-��्रणालियां शामिल हैं। इसमें दो-चरणों वाली ठोस प्रणोदन प्रणाली, इलेक्ट्रोमैकेनिकल एक्चुएटर प्रणाली और सटीक जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली लगी हुई हैं। यह प्रणाली पैराशूट-आधारित रिलीज मैकेनिज्म के साथ पेलोड के रूप में एक उन्नत हल्के वजन वाले टारपीडो को ले जाती है। SMART सिस्टम में स्वदेशी तकनीक से बने टॉरपीडो एडवांस्ड लाइट (TAL) का इस्तेमाल किया जाता है। यह DRDO द्वारा विकसित एक विद्युत-चालित सेल्फ-होमिंग टॉरपीडो है। इसमें संचालन के सक्रिय और निष्क्रिय दोनों तरीके हैं, और सभी-डिजिटल नियंत्रण और मार्गदर्शन प्रणालियां हैं।
रक्षा मंत्रालय ने SMART सिस्टम के परीक्षण पर क्या कहा
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि SMART मिसाइल को ग्राउंड-मोबाइल लॉन्चर से लॉन्च किया गया था। इसमें कहा गया है कि इस परीक्षण में सेपरेशन, इजेक्शन और वेलोसिटी को कंट्रोल करने जैसे कई सिस्टम को टेस्ट किया गया। सूत्रों ने कहा कि ऐसा तंत्र रखने वाला दूसरा ज्ञात देश रूस है। उन्होंने कहा कि परीक्षणों के अगले चरण में सतह के जहाजों से स्मार्ट मिसाइल की फायरिंग शामिल होगी। बाद में टारपीडो को पनडुब्बी या समुद्र के नीचे की वस्तु पर हमला करने के लिए टेस्ट किया जाएगा। इसे अगले डेढ़ साल के अंदर भारतीय नौसेना में शामिल कर दिया जाएगा।
चीन से 8 पनडुब्बियां खरीद रहा पाकिस्तान
पाकिस्तान ने चीन से हंगोर क्लास की 8 पनडुब्बियों को खरीदने की डील साइन की है। इस क्लास की पहली पनडुब्बी को चंद दिनों पहले चीन के वुचांग शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री ग्रुप (डब्ल्यूएसआईजी) के शुआंगलियू बेस पर लॉन्च किया गया था। कुल आठ पनडुब्बियों में से चार का निर्माण चीन के डब्ल्यूएसआईजी द्वारा किया जाना है, जबकि शेष चार का निर्माण प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी) समझौते के तहत पाकिस्तान में कराची शिपयॉर्ड एंड इंजीनियरिंग वर्क्स में किया जा रहा है। उन्नत स्टील्थ विशेषताओं वाली पनडुब्बियों को कई तरह के खतरे वाले वातावरण में संचालित करने के लिए अत्याधुनिक हथियारों और सेंसरों से सुसज्जित किया जाना है और लंबी दूरी पर लक्ष्य पर हमला किया जा सकता है। http://dlvr.it/T6HT4x
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नवनीत ने AcSIR से हिंदी में पीएचडी करने का कीर्तिमान रचा
न्यूजवेव @नई दिल्ली
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में उच्च शिक्षा में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने पर फोकस किया जा रहा है। देश में अब शोध क्षेत्र में भी ऐसे प्रयासों की शुरूआत की गई है। विज्ञान लेखक नवनीत कुमार गुप्ता ने राजभाषा हिंदी में विज्ञान विषय में अपना पहला शोध कार्य पूरा कर पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है।
यह शोध कार्य वैज्ञानिक और नवीकृत अनुसंधान अकादमी (AcSIR) के तहत सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान (CSIR-निस्पर) नई दिल्ली से हिंदी भाषा में विज्ञान में पूरा किया है। लगभग 10 हजार से अधिक शोधार्थी में गुप्ता पहले ऐसे शोधार्थी हैं जिन्होंने हिंदी में पीएचडी कार्य पूरा करने का कीर्तिमान रचा है।
उन्होंने बताया कि आम तौर पर विज्ञान को जटिल मानकर इसमें अंग्रेजी में ही संदर्भ पुस्तकें उपलब्ध होने से अंग्रेजी में ही शोधकार्य होते हैं। लेकिन उन्होंने हिंदी भाषा को चुनकर चुनौती को स्वीकार किया। नवनीत ने बताया कि शोध कार्य में गाईड डॉ. जी महेश, मुख्य वैज्ञानिक, AcSIR, नई दिल्ली और को-गाईड डॉ. फूलदीप कुमार, वैज्ञानिक, DRDO, दिल्ली का मार्गदर्शन मिला। गुप्ता ने अपने शोध संस्थान AcSIR-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान (CSIR-निस्पर) के प्रति आभार जताया।
पठनीयता सूचकांक रहा शोध का अहम पहलू
गुप्ता के शोध विषय ‘‘भारत में लोकप्रिय हिंदी विज्ञान पत्रिका के माध्यम से विज्ञान संचारः एक अध्ययन‘‘ था जिसके अंतर्गत उन्होंने सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान से प्रकाशित होने वाली हिंदी की लोकप्रिय विज्ञान पत्रिका ‘विज्ञान प्रगति‘ की विषयवस्तु का विश्लेषण करने के साथ हिंदी भाषा में विज्ञान पाठ्य के लिए पठनीयता सूचकांक का विकास किया। पठनीयता सूचकांक का विकास होने से हिंदी भाषा में विज्ञान लेखन को बढावा मिलेगा। उन्होंने 1952 से प्रकाशित ‘विज्ञान प्रगति‘ पत्रिका पर शोध कर विज्ञान लेखन में पाठकों और लेखकों के विचारों का भी विश्लेषण कर विज्ञान संचार के क्षेत्र में अहम कार्य किया है।
पहले भी बनाए कई कीर्तिमान
डॉ. नवनीत गुप्ता विज्ञान लेखन की दुनिया में अलग पहचान रखते हैं। उन्हें सबसे कम उम्र में विज्ञान की विभिन्न विषयों पर हिंदी भाषा में लिखी पुस्तकों पर भारत सरकार के मंत्रालयों गृह मंत्रालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय आदि द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। 2011 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा नवनीत गुप्ता को विज्ञान लेखन के लिए राजभाषा विभाग के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। विदेश मंत्रालय द्वारा भोपाल में 2015 के दौरान आयोजित किए गए विश्व हिंदी सम्मेलन के दौरान तत्कालीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री, भारत सरकार द्वारा हिंदी भाषा में नवनीत के प्रयासों की सराहना की थी। उनके द्वारा विभिन्न समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में 500 से अधिक विज्ञान संबंधी लेखों को प्रकाशन किया गया है।
अकादमिक क्षेत्र की बात करें तो विभिन्न शोध पत्रिकाओं में उनके 15 शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान सम्मलेनों में अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं।
राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (CSIR-निस्पर) विज्ञान संचार, साक्ष्य-आधारित विज्ञान प्रौद्योगिकी व नवाचार नीति अनुसंधान को आगे बढ़ाने और लोगों के बीच वैज्ञानिक जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। CSIR-निस्पर अभिनव पहलों व सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से वैज्ञानिक समुदाय और आम जनता के बीच की दूरी को समाप्त करने का प्रयास करता है।
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केंद्र सरकार ने पीआईबी के तहत फैक्ट चेक यूनिट की अधिसूचना की जारी
केंद्र सरकार ने पीआईबी के तहत फैक्ट चेक यूनिट की अधिसूचना की जारी
Fact Check Unit Notification: केंद्र सरकार ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) के तहत गठित तथ्य जांच इकाई (फैक्ट चेक यूनिट) को आधिकारिक तथ्य जांच इकाई के रूप में अधिसूचित किया है।
बुधवार को इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रेस सूचना ब्यूरो के तहत फैक्ट चेक यूनिट केंद्र सरकार की आधिकारिक तथ्य-जांच…
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एकेएस के कुलपति प्रोफेसर बी. ए.चोपड़े भारतीय भाषा समिति में बतौर मेंबर चयनित भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय के अधीन संस्था है भारतीय भाषा समिति
सतना। एकेएस के विद्वान कुलपति प्रोफेसर बी. ए.चोपड़े भारतीय भाषा समिति में बतौर मेंबर चयनित हुए हैं। गौरतलब है की श्री चोपड़े अंतरराष्ट्रीय ख्याति के विशिष्ट वैज्ञानिक, प्रवर्तक और शिक्षाविद हैं ।उनके अनुसंधान क्षेत्र में सूक्ष्मजीव विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी और नैनो प्रौद्योगिकी शामिल है। वह अनुसंधान संरक्षक, संस्थान निर्माता, दूरदर्शी और नवोन्वेषी प्रशासक हैं। भारतीय भाषा समिति जो भारत सरकार,…
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PSLV-C58 मिशन
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की प्रौद्योगिकी विकास निधि (TDF) योजना के तहत विकसित एक हरित प्रणोदन प्रणाली ने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV)- C58 मिशन द्वारा लॉन्च किये गए पेलोड पर ऑर्बिट में कार्यक्षमता का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है।यह भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के लिये एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि यह देश की रक्षा क्षमताओं में वृद्धि के लिये हरित तथा स्वदेशी प्रौद्योगिकियों की दक्षता को प्रदर्शित करता है।TDF रक्षा मंत्रालय का एक प्रमुख कार्यक्रम है जिसे रक्षा तथा एयरोस्पेस, विशेषकर स्टार्टअप एवं MSME में नवाचार के वित्तपोषण के लिये "मेक इन इंडिया" पहल के तहत DRDO द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है।
PSLV-C58 मिशन
- ISRO के PSLV-C58 ने 1 जनवरी, 2024 को एक एक्स-किरण ध्रुवणमापी उपग्रह (X-ray Polarimeter Satellite- XPoSat) को पूर्व की ओर कम झुकाव वाली कक्षा में लॉन्च किया।
- XPoSat आकाशीय स्रोतों से एक्स-रे उत्सर्जन के अंतरिक्ष-आधारित ध्रुवीकरण माप में अनुसंधान करने वाला ISRO का पहला समर्पित वैज्ञानिक उपग्रह है।
- इस मिशन का उद्देश्य तीव्र एक्स-रे स्रोतों के ध्रुवीकरण की जाँच करना है।
- एक्स-रे, 0.01-10 नैनोमीटर की तरंग दैर्ध्य के साथ, लंबवत विद्युत और चुंबकीय क्षेत्रों द्वारा विशेषता विद्युत चुंबकीय विकिरण हैं।
- एक्स-रे ध्रुवीकरण को मापना, खगोलविदों को खगोलीय पिंडों में चुंबकीय क्षेत्र अभिविन्यास और शक्तियों का अध्ययन करने में सहायता करता है, जो पल्सर, ब्लैक होल क्षेत्रों तथा अन्य एक्स-रे-उत्सर्जक ब्रह्मांडीय घटनाओं को समझने के लिये महत्त्वपूर्ण है।
हरित प्रणोदन प्रणाली
- हरित प्रणोदन प्रणाली को बेंगलुरु स्थित स्टार्ट-अप बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (विकास एजेंसी) द्वारा विकसित किया गया था।
- यह परियोजना के तहत ऊँचाई नियंत्रण तथा सूक्ष्म उपग्रहों की कक्षा के अनुवीक्षण के लिये 1N क्लास ग्रीन मोनोप्रोपेलेंट का उपयोग किया जाता है।
- इस प्रणाली में स्वदेशी रूप से विकसित प्रणोदक, फिल एंड ड्रेन वाल्व, लैच वाल्व, सोलनॉइड वाल्व, उत्प्रेरक सतह (catalyst bed), ड्राइव इलेक्ट्रॉनिक्स आदि शामिल हैं।
- इस नवोन्मेषी तकनीक के परिणामस्वरूप कम कक्षा वाले स्थान के लिये एक गैर विषैले और पर्यावरण-अनुकूल प्रणोदन प्रणाली का निर्माण हुआ है, जो पारंपरिक हाइड्राज़िन (hydrazine)- आधारित प्रणोदन प्रणालियों के विपरीत है जो खतरनाक तथा प्रदूषणकारी हैं।
- यह प्रणाली उच्च प्रणोद आवश्यकताओं वाले अंतरिक्ष अभियानों के लिये आदर्श है।
प्रणोदन प्रणाली
- प्रणोदन का अर्थ है किसी वस्तु को आगे की ओर धकेलना या चलाना। प्रणोदन प्रणाली एक मशीन है जो किसी वस्तु को आगे धकेलने के लिये बल उत्पन्न करती है।
- प्रणोदक एक ऐसा पदार्थ है जिसे बल पैदा करने के लिये निष्कासित या विस्तारित किया जाता है। प्रणोदक गैस, तरल या ठोस हो सकते हैं।
- रॉकेट में, प्रणोदक रासायनिक मिश्रण होते हैं जो बल उत्पन्न करते हैं। इनमें ईंधन और एक ऑक्सीडाइज़र होता है।
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) भविष्य के रॉकेट और उपग्रह प्रणोदन प्रणालियों में उपयोग के लिये हरित प्रणोदक विकसित कर रहा है।
- इसरो ने प्रयोगशाला स्तर पर ईंधन के रूप में ग्लाइसीडिल एज़ाइड पॉलिमर (GAP) और ऑक्सीडाइज़र के रूप में अमोनियम डी-नाइट्रामाइड (ADN) पर आधारित एक पर्यावरण-अनुकूल ठोस प्रणोदक विकसित करके शुरुआत की है, जो रॉकेट इंजनों से क्लोरीनयुक्त निकास उत्पादों के उत्सर्जन को समाप्त कर देगा।
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Noida News : देश में बढ़ रहे आईटी अपराधों पर लगाम लगाने तथा डीपफेक पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही नए आईटी नियमों को लागू करने जा रही है। यह बात केंद्रीय मंत्री कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और जल शक्ति राजीव चंद्रशेखर ने कही।
राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस पर नोएडा स्थित बूट (boAt) की विनिर्माण इकाई के दौरे पर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि नवाचार के हर लाभ के साथ चुनौतियां और नुकसान भी हैं। हमारी नीतियां, हमारे नियम और हमारा दृष्टिकोण खुले, सुरक्षित और जवाबदेह इंटरनेट का है। उन्होंने कहा कि, यह हमारा कर्तव्य है कि हर भारतीय इंटरनेट पर सुरक्षा और विश्वास का अनुभव करे। हम इसके लिए नियम और कानून बनाएंगे। डीपफेक मुद्दे पर, उन्होंने कहा कि एक एडवाइजरी अधिसूचित की है। हम आने वाले समय में नए आईटी नियम भी अधिसूचित करेंगे।
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Applications for National Science Award : चार श्रेणियों में 'राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार' के लिए आवेदन आमंत्रित
New Delhi: भारत सरकार ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में ‘राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार’ की घोषणा की है। राष्ट्रीय पुरस्कार शोधकर्ताओं, प्रौद्योगिकीविदों और नवप्रवर्तकों के उत्कृष्ट और प्रेरक वैज्ञानिक, तकनीकी और नवाचार योगदान को मान्यता देता है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुसार विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के विभिन्न क्षेत्रों में व्यक्तियों या टीमों के लिए राष्ट्रीय…
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संस्कृति विवि में एग्री क्लीनिक एवं एग्री बिजनेस के दूसरे बैच का प्रशिक्षण शुरू
संस्कृति विवि में एग्री क्लीनिक एवं एग्री बिजनेस के दूसरे बैच का प्रशिक्षण शुरू
मथुरा। भारत सरकार के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रायोजित संस्कृति नोडल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में 45 दिवसीय प्रशिक्षण के दूसरे बैच के 35 विद्यार्थियों का प्रशिक्षण शुरू हुआ। नए सत्र के शुभारंभ के अवसर पर वक्ताओं द्वारा कहा गया कि भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित इस प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षणार्थियों को 20 लाख रुपये तक का बैंक लोन एवं 36-44 प्रतिशत सब्सिडी भी प्राप्त होती है। वे स्वयं उद्यमी बनकर लोगों को रोजगार भी प्रदान कर सकते हैं।
एसीएबीसी प्रोजेक्ट के नोडल अधिकारी डा. रजनीश त्यागी ने प्रशिक्षण में भाग ले रहे प्रशिक्षणार्थियों को बताया कि कृषि मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन मैनेज (राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान) द्वारा शुरू हुए 45 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में महत्वाकांक्षी उद्यमियों को व्यापक प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करना है। इसके माध्यम से छात्र, किसान सरकारी सहायता से स्वयं उद्यमी बनने का सपना पूरा कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त विद्यार्थियों के लिए उद्यमी बनने का एक सुनहरा अवसर है और उन्हें इस अवसर का भरपूर लाभ उठाना चाहिए। हमारा विश्वविद्यालय हमारे छात्रों के बीच एक उद्यमशीलता की मानसिकता को बढ़ावा देने और उन्हें कृषि क्षेत्र में सफल होने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रतिभागियों को ज्ञान और उपकरणों से लैस करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसकी उन्हें आवश्यकता है। हम मानते हैं कि उनकी उद्यमशीलता की भावना का पोषण करके, हम नवाचार चला सकते हैं और कृषि उद्योग के विकास में योगदान कर सकते हैं। संस्कृति इंक्युबेशन एंड स्टार्टअप कार्यक्रम के सीईओ प्रोफेसर अरुन त्यागी ने कृषि क्षेत्र में उपलब्ध कई स्वरोजगार के अवसरों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कृषि प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के महत्व पर प्रकाश डाला और प्रतिभागियों को विभिन्न विकसित तरीकों के बारे में बताया जो इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बना सकते हैं। संस्कृति स्कूल आफ एग्रीकल्चर के डीन डा. केके सिंह ने भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी दी और एग्री क्लीनिक की उपयोगिता को समझाया। कार्यक्रम के दौरान मौजूद संस्कृति विवि के डाइरेक्टर जनरल डा. जेपी शर्मा, एकेडमिक डीन डा. मीनू गुप्ता ने भी प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण के लाभ और प्रशिक्षण के बारे में विस्तृत जानकारी दी। ट्रेनिंग कोर्डिनेटर दाऊदयाल शर्मा ने सभी का स्वागत किया और प्रशिक्षणार्थियों को पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया
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खान मंत्रालय, धनबाद स्थित आईआईटी-आईएसएम की सहभागिता में राज्य खनन सूचकांक पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन करेगा
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान- भारतीय खान विद्यापीठ (आईआईटी-आईएसएम), धनबाद की सहभागिता में खान मंत्रालय कल यानी 8 मई, 2024 को दिल्ली में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन करेगा। इसका उद्देश्य राज्यों के खनन क्षेत्र के प्रदर्शन को दर्ज करने के लिए परिकल्पित राज्य खनन सूचकांक के प्रारूप ढांचे पर चर्चा करना है। इस कार्यशाला की अध्यक्षता खान मंत्रालय के सचिव श्री वी.एल. कांथा राव करेंगे और इसमें राज्यों के…
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High Risk - High Reward Research MINISTRY OF SCIENCE & TECHNOLOGY SCHEMES 18 Nov 2023
High Risk - High Reward Research Scheme
नोडल मंत्रालय/विभाग (Nodal Ministry/Department)
Ministry of Science & Technology, Science and Engineering Research Board (SERB)
मुख्य क्षेत्र(Key Sectors Covered)
विज्ञान और प्रौद्योगिकी
संक्षिप्त (Brief)
- इस योजना का उद्देश्य है हाई रिस्क-हाई रिवार्ड रिसर्च को आर्थिक समर्थन प्रदान करना।
- यह योजना ऐसे प्रस्तावों का समर्थन करती है जो नए और जोखिमपूर्ण होते हैं, और यदि सफल होते हैं, तो विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर परिवर्तनात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
- यह नए हैपोथेसिस तैयार करने या वैज्ञानिक अबूतपूर्वी जिनसे नई प्रौद्योगिकियों के उद्भव में सहायक होते हैं, के संदर्भ में हो सकता है।
पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria)
- आवेदक को भारतीय नागरिक होना चाहिए और भारत में निवास करना चाहिए।
- आवेदक(ओं) को किसी मान्यता प्राप्त संस्थान में एक नियमित शै���्षिक/अनुसंधान पद पर होना चाहिए।
- प्रस्ताव व्यक्तिगत रूप से या एक अन्वेषकों की टीम द्वारा प्रस्तुत किया जा सकता है।
- अन्वेषकों की टीम द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव में एक मुख्य अन्वेषक को पहचान करना चाहिए, जो शोध उद्देश्यों का मुख्य अनुदेशन करेगा और अनुदान प्रबंधित करेगा।
लाभ(Benefits)
- सामान्यत: यह वित्तीय सहायता सामान्यत: तीन वर्षों के लिए प्रदान की जाती है।
- असाधारण मामलों में, विशेषज्ञ समिति के मूल्यांकन के अनुसार, यह अवधि 5 वर्ष तक हो सकती है।
- इस प्रकार के परियोजनाओं के लिए कोई बजट सीमा निर्धारित नहीं होती है।
- शोध अनुदान में उपकरण, खपत, आकस्मिकता और यात्रा के अलावा ओवरहेड अनुदान शामिल होता है।
कहां पंजीकरण करें - https://serbonline.in/SERB/HRR
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PIET के छात्रों ने जीता स्मार्ट इंडिया हैकथॉन पुरस्कार - टाइम्स ऑफ इंडिया
PIET के छात्रों ने जीता स्मार्ट इंडिया हैकथॉन पुरस्कार – टाइम्स ऑफ इंडिया
पानीपत : पानीपत इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के छात्रों की छह सदस्यीय टीम (पीट) ने स्मार्ट इंडिया हैकथॉन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार जीता है। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा साइंस की मदद से एक ऐप बनाया है, जो आपको बताएगा कि आपको कौन सी बीमारी है। टीम को एक लाख रुपये की पुरस्कार राशि मिली। हर साल स्मार्ट इंडिया हैकथॉन का आयोजन किसके द्वारा किया जाता है? मानव संसाधन विकास…
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UP : भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय द्वारा संचालित “राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान एनआईएफटी (NIFT) में आयोजित हुआ दीक्षांत समारोह मनाया गया… #nift #convocation #raibareli #Trending #TrendingNow #NewsUpdate #indiacorenews #UPNews
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भारत सरकार द्वारा सी.एम.एस. के 24 छात्रों को 96 लाख रूपये की स्कॉलरशिप
लखनऊ, सिटी मोन्टेसरी स्कूल, राजेन्द्र नगर (प्रथम कैम्पस) के 24 मेधावी
छात्रों को भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा 96 लाख रूपये की
स्कॉलरशिप से नवाजा गया है। सी.एम.एस. छात्रों को यह स्कॉलरशिप विज्ञान विषय में
उच्च स्तरीय शिक्षा हेतु प्रदान की जायेगी, जिसके अन्तर्गत प्रत्येक छात्र को पाँच वर्षों
तक प्रतिवर्ष रू. 80,000/- अर्थात कुल चार लाख रूपये की धनराशि प्रदान की…
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