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#बच्चों की दुकान बिक्री पर
couturierdesign · 4 months
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बिक्री पर खिलौने - कॉट्यूरियर डिज़ाइन में 35% तक की छूट
बिक्री पर खिलौने – 35% तक की छूट, भारत में 150 रुपये से शुरू होने वाले बच्चों के खिलौने और खेल खरीदें। बच्चों के लिए आउटडोर, इनडोर, शैक्षिक खिलौने जैसे खिलौनों की विस्तृत श्रृंखला के लिए ऑनलाइन खरीदारी करें। अधिक जानकारी के लिए : https://couturierdesign.com/product-category/annual-flash-sale-store/
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its-axplore · 4 years
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हर साल राज्य सरकार की ओर से कक्षा 1 से 5 वीं तक के छात्रों को 250 रुपए और कक्षा 6 से 8 तक बच्चों को 400 रुपए की राशि किताब के लिए दी जाती रही है। इस साल 24 जिलों के छात्रों के खाते में किताब खरीदने के लिए राशि भेजी गई है, जबकि 27 जिलों में पुस्तक बिक्री के लिए शिविर तक नहीं लगाए गए। ऐसे में राज्य के नौनिहालों की पढ़ाई का हाल क्या है, हमने सभी जिलों में शिक्षा विभाग के अफसरों से इसकी पड़ताल की। पेश है समग्र रिपोर्ट...
मध्य विद्यालय महेशपुर अलीगंज, भागलपुर में चौथी कक्षा में पढ़ने वाला छात्र मुस्कान कुमार इन दिनों फल की दुकान में संतरा बेच रहा है। इसी तरह मध्य विद्यालय पुलिस लाइन, भागलपुर के पांचवीं का छात्र रमण इन दिनों सब्जी बेच रहा है। यह बच्चों का शौक नहीं, मजबूरी है।
कारण कि कोरोना के कारण पिछले आठ माह से ज्यादा समय से इनके स्कूल बंद हैं। दावे भले किए जा रहे हैं कि बच्चों को दूरदर्शन समेत कई ऑनलाइन माध्यमों से पढ़ाया जा रहा है। सबसे बड़ी बात है कि ये पढ़ें कैसे, इनके पास तो किताब ही नहीं हैं। पढ़ाई का सत्र शुरू होने के महीने मार्च में ही लॉकडाउन लग गया। इस कारण सरकार की ओर से दी जानेवाली किताबों के लिए अधिकतर जिलों में स्टॉल नहीं लगाए जा सके। केवल चार जिले मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, नालंदा और शेखपुरा के छात्रों को ही पुस्तकें मिल सकीं। बाकी 34 जिलों के छात्रों की स्थिति समझी जा सकती है।
लॉकडाउन में किसी-किसी के घर के गार्जियन की नौकरी तक चली गई। ऐसे में छात्र पढ़ाई छोड़ कर कमाई में लग गए हैं। भले ही शिक्षा विभाग के पास यह आंकड़ा नहीं हो कि स्कूल बंद रहने के दौरान कई बच्चे मजबूरी में मजदूरी कर रहे और कूड़ा तक बिन रहे हैं। सारण के एकमा प्रखंड समेत कई और जिलों के ग्रामीणों अंचलों से ऐसी तस्वीरें मुझे मिलीं।
ये हैं कुछ महत्वपूर्ण बातें, जिन पर सरकार व शिक्षा विभाग को देना होगा ध्यान
24 जिलों के छात्रों के खाते में किताब खरीदने के लिए राशि भेजी गई है।
6990 स्कूलों के विद्यार्थियों को किता��� की राशि अब तक नहीं भेजी गई है।
7211 विद्यालयों के छात्र ही मिली राशि से पुस्तकों की खरीद कर पाए हैं। सरकार की ओर से केवल चार जिले मुजफ्फरपुर , बेगूसराय , नालंदा और शेखपुरा में ही पुस्तक स्टॉल लगाए गए।
3768 विद्यालयों के छात्रों को राशि भेजने की प्रक्रिया अभी जारी है।
27 जिलों में पुस्तक बिक्री के लिए शिविर नहीं लगाया। जिला शिक्षा पदाधिकारी के अनुसार जमुई में किताब बिक्री जारी है, समस्तीपुर में 15 दिसंबर से शिविर लगाया जाएगा। आधा दर्जन जिले नवादा, भोजपुर, अरवल, कटिहार, लखीसराय और खगड़िया के प्रारंभिक स्कूलों के विद्यार्थियों को किताब की राशि नहीं भेजी है। जबकि 3 जिले गोपालगंज, जहानाबाद और बक्सर में भेज रहे हैं।
पड़ताल के दौरान हैरानी की बात सामने आई कि तीन जिले मधुबनी, सुपौल तथा कैमूर के शिक्षा विभाग के अफसरों ने कहा कि उन्हें बच्चों को किताब देने या उसकी राशि के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है।
दोषियों पर कार्रवाई होगी
बच्चों के खाते में किताब की राशि भेज दी गई है। 55 प्रकाशकों को कक्षा 1 से 8 तक के लिए निर्धारित पाठ्य पुस्तक छाप कर जिलों में भेजने और बिक्री की जिम्मेदारी दी गई थी। बच्चों को यदि किताब नहीं मिल रही है तो इसके लिए दोषियों को चिह्नित कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। -संजय कुमार, प्रधान सचिव, शिक्षा विभाग
बिन परीक्षा पास हुए तो भविष्य खराब और अगर परीक्षा हुई तो बिन पढ़े छात्र क्या देंगे जवाब
पटना जिले में प्रारंभिक स्कूलों की संख्या 3152 है। इन स्कूलों के बच्चों के खाते में सरकार की ओर किताब की राशि तो भेज दी गई है, पर पुस्तक की खरीद अबतक नहीं हो सकी है। पटना के डीपीओ मनोज कुमार ने कहा कि स्कूलों में ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई में मात्र 30 फीसदी बच्चे ही सफल हो पाए हैं। यानि हम 70 प्रतिशत बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई नहीं करवा पा रहे हैं।
वहीं सारण में कुल 2560 प्रारंभिक विद्यालय हैं। इनमें करीब सात लाख बच्चे नामांकित हैं। इनमें 40 फीसदी बच्चों के खाते में राशि मिल भी चुकी है। बाकी राशि रिलीज हो गई है, उसे राज्य शिक्षा विभाग से भेजा जा रहा है। नालंदा जिले में 2180 प्रारंभिक विद्यालय हैं। इनके बच्चों को राज्य से ही डीबीटी के माध्यम से राशि भेज दी गई है।
डीईओ मनोज कुमार ने बताया कि पाठ्यपुस्तक के लिए कक्षा 1 से 5 वीं तक के लिए 250 रुपए और कक्षा 6 से 8 तक के लिए 400 रुपए की राशि स्टेट से ही डीबीटी के माध्यम से भेज दी गई है। 1 से 20 सितंबर तक जिले के सभी बीआरसी और सीआरसी में स्टॉल लगाए गए थे। मुजफ्फरपुर जिले में पहली से आठवीं कक्षाओं के 7 लाख 47 हजार 841 छात्र-छात्राओं के खाते में किताबों की खरीद के लिए डीबीटी के माध्यम से राज्य स्तर से राशि भेजी जा चुकी है। बच्चे किताबें खरीद सकें, इसके लिए बीआरपी व सीआरसी स्तर पर प्रखंडों में कैंप लगाए गए थे जहां से 1 लाख 78 हजार स्टूडेंट्स ने किताबें खरीदीं।
मुजफ्फरपुर के जिला शिक्षा अधिकारी अब्दुस सलाम अंसारी ने बताया कि कोरोना संकट के कारण बच्चों की पढ़ाई में काफी परेशानी हो रही है। लेकिन, उन्हें कैंप लगाकर किताबें उपलब्ध कराई गई हैं। वहीं भागलपुर जिले में करीब तीन लाख छात्रों के खाते में राशि भेजी गई है।
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भागलपुर में फल की बिक्री करता छात्र (बाएं)।
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kisansatta · 4 years
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क्या अस्पतालो की तालाबंदी से खुल सकता है अनचाहे गर्भ का रास्ता!
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  असुरक्षित गर्भपात और मातृ मृत्यु दर में इजाफे का अंदेशा
डाक्टरो का कहना है कि लॉकडाउन  से पहले  मैटरनिटी सेंटरो में हर रोज तीन-चार डिलिवरी होती थी और लगभग इतना ही लीगल एबोर्शन या गर्भपात के मामले होते थे. लेकिन लॉकडाउन के बाद अचानक जच्चा-बच्चा के मामले आने कम हो गए. नियमित रूप से दिखाने वाली गर्भवती महिलाएं भी नहीं आ पा रही हैं और गर्भधारण करने वाले नए मामले तो बहुत नगण्य हैं. दरअसल, लॉकडाउन के दौरान सरकार ने आपातकाल सेवाओं को छोड़कर लगभग सभी तरह की स्वास्थ्य सेवाओं पर रोक लगा दी. ऐसे में परिवार नियोजन सेवाओं पर भी तकरीबन तालाबंदी ही है. नतीजतन, अनचाहे गर्भ और असुरक्षित गर्भपात जैसे मामलो के बढ़ने का अंदेशा बढ़ गया है.
ऐसी दशा में भविष्य में अप्रिय नजीते सामने आने से इन्कार नही किया जा सकता।
कम हुई गर्भनिरोधकों की खपत
लॉकडाउन के दौरान हालांकि दवाई की दुकानें खुली हुई हैं लेकिन लोग केवल बेहद जरूरी काम से बाहर निकल सकते हैं. देश में गर्भनिरोधक खरीदने जाना अब भी वर्जना का विषय माना जाता है. दिल्ली के कई बड़े अस्पतालों में कंसल्टेंट गायनीकोलॉजिस्ट और फेम केयर क्लिनिक की डॉ. पूजा राणा कहती हैं, ‘‘अक्सर लोगों के घर में बड़े-बुजुर्ग रहते हैं और लॉकडाउन के दौरान बाहर निकलने का एक जायज बहाना होना चाहिए. कई युगल के पास लॉकडाउन के दौरान सुरक्षित यौन संबंध का कोई विकल्प नहीं होगा. ऐसे में अनचाहे गर्भ के मामले बढ़ सकते हैं.” उनका अंदेशा सही लगता है. फाउंडेशन फॉर रिप्रोडक्टिव हेल्थ सर्विसेज (एफआरएचएस), इंडिया ने पूर्व (2017, 2018 और 2019) के आंकड़ों और गर्भ न ठहरने के लिए बाजार में मौजूद कॉन्ट्रासेप्टिव और आइयूसीडी (इंट्रा यूट्रीनल कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस) की बिक्री के आंकड़ों के आधार पर एक विश्लेषण किया तो पाया कि लॉकडाउन की वजह से परिवार नियोजन जैसी योजना को एक बड़ा झटका लगने का अंदेशा है. अध्ययन के दौरान सामने आए नतीजों के मुताबिक 23 लाख अनचाहे गर्भधारण किए जाने, 6.79 लाख बच्चों के जन्म लेने, 14.5 लाख गर्भपात (इसमें असुरक्षित गर्भपात भी शामिल हैं) और 1,743 माताओं की मृत्यु का अनुमान है.
क्या कहते हैं विश्लेषण आधारित शोध
एफआरएसएच का अनुमान है कि सितंबर से पहले तक परिवार नियोजन की सेवाएं पूरी तरह शुरू नहीं हो पाएंगी और मई के तीसरे सप्ताह से गर्भनिरोधकों की बिक्री पटरी पर आने लगेगी. लेकिन तब तक 2.56 करोड़ युगलों के पास सुरक्षित यौन संबंध का खास विकल्प नहीं होगा. ऐस में 69 लाख स्टर्लाइजेशन सेवाएं, 97 लाख इंट्रा यूटेरिन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस (आयूसीडी), आइसी के 58 लाख डोज, गर्भ रोकने के लिए खाने वाली गोलियों के 2.3 करोड़ साइकल, 92 लाख इमजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स और 40.59 करोड़ कंडोम धरे रह जाएंगे. जच्चा-बच्चा मामलों के विशेषज्ञों के अनुभव इस अंदेशे की पुष्टि करते लगते हैं. ऑब्स्टेट्रिशियन और गायनीकोलॉजिस्ट डॉ. शाजिया बताती हैं, ‘‘ मैंने लीगल एबोर्शन के लिए किट रखा हुआ है लेकिन लॉकडाउन के दौरान महीने में इनकी खपत बेहद कम हो गई है. पहले हर रोज करीब चार-पांच निकल जाता था लेकिन लॉकडाउन के दौरान 10 का डिब्बा अभी तक चल रहा है.”
नतीजतन, 23 लाख अनचाहे गर्भ धारण किए जाने की संभावना है. 6.79 लाख बच्चों के जन्म लेने, 14.5 लाख गर्भपात (इसमें असुरक्षित गर्भपात भी शामिल है.) और 1,743 माताओं की मृत्यु की संभावना है. अगर यह लॉकडाउन और ज्यादा बढता है तो यह आंकड़े और भी खतरनाक हो सकते हैं.
लॉकडाउन के बीच परिवार नियोजन नहीं होगा आसान
एफआरएचस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वी.एस. चंद्रशेखर कहते हैं, ”सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 के अलावा अन्य स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधा बेहद सीमित हैं. निजी क्लिनिक लॉकडाउन के चलते सेवाएं बहुत कम ही दे पा रहे हैं. मेडिकल स्टोर खुले हुए हैं, यहां ओरल पिल्स, कांडोम या दूसरे अन्य आपातकाल कॉन्ट्रासेप्टिव उपलब्ध हैं लेकिन लॉकडाउन की सख्ती के चलते लोग इन्हें खरीदने के लिए जा नहीं रहे. वैसे भी कॉन्ट्रासेप्टिव्स के उपभोक्ताओं का खरीद पैटर्न इस ओर इशारा करता है कि लोग अपने आसपास के मेडिकल स्टोर की बजाए अपनी सोसाइटी या मोहल्लों से दूर किसी दुकान से खरीददारी खरीदने को तरजीह देते हैं.” यही परेशानी नहीं है. देश में महिलाओं का बंध्याकरण या स्टर्लाइजेशन गर्भनिरोध का पसंदीदा साधन है. लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने अगले नोटिस तक बंध्याकरण और आइयूसीडी की सेवा रोक दी है. चंद्रशेखर बताते हैं कि पिछले डेढ़ महीने में बंध्याकरण का काम लगभग शून्य हो गया है क्योंकि २० मार्च के बाद बिहार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के जिलाधिकारियों ने परिवार नियोजन की सेवाएं रोक देने के लिए कहना शुरू कर दिया था. बंध्याकरण का ज्यादातर काम सरकारी अस्पतालों में ही किया जाता है.
परिवार नियोजन के उपायों में आई गिरावाट, आंकडे़ भी दे रहे गवाही
कामसूत्र कंडोम के निर्माता और बिक्रेता रेमंड कंज्यूमर केयर में मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर लैंगर के मुताबिक, ‘‘मार्च के महीने में कामसूत्र कंडोम की बिक्री में 50 फीसद और अप्रैल में 60 फीसद की गिरावाट आई.” उन्हें उम्मीद है कि लॉकडाउन 4.0 में मिली कुछ छूट की वजह से मई के आंकड़ों में शायद कुछ सुधार आए. ऐसे में केवल कंडोम बनाने वाली कंपनियों का ही धंधा प्रभावित नहीं हुआ है. आइयूसीडी की निर्माता प्रेग्ना ब्रांड के मैनेजिंग डायरेक्टर मुकिल टपारिया कहते हैं, ” हमारे उपभोक्ता 80 फीसद सरकार है तो 20 फीसद निजी अस्पताल या क्लिनिक हैं. लेकिन इस बार सरकार का टेंडर लगातार टलता जा रहा है. सामान्य परिस्थितियों में अप्रैल या मई में आइयूसीडी के सरकारी ऑर्डर हमें मिलते हैं. लेकिन लॉकडाउन की वजह से अभी सब रुका हुआ है. ऑर्डर मिलने के बाद 3-6 महीने के भीतर हम डिलिवरी करते हैं. दूसरी तरफ निजी क्लिनिक ज्यादातर बंद ही रहे. अब खुलना शुरू हुए हैं तो दूसरी बेहद सीमित स्वास्थ्य सेवाओं ही फिलहाल दे रहे हैं.”
इस तालाबंदी ने परिवार नियोजन की सारी मंसूबेबंदी पर पानी फेर दिया है. ऐसे में अनचाहे गर्भ और फिर गर्भपात से नई समस्याएं खड़ी हो सकती हैं.
  https://is.gd/EacGZY e-Paper, In Focus, State, Top #e-Paper, #InFocus, #State, #Top KISAN SATTA - सच का संकल्प
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mohit-trendster · 5 years
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तंज़ (कहानी) #ज़हन
घरेलू बिजली उपकरण बनाने वाली कंपनी के बिक्री विभाग में लगे नदीम का समय अक्सर सफर में बीतता था। ट्रेन में समय काटने के लिए वह अक्सर आस-पास यात्रियों से बातों में मशगूल हो जाता। कभी उनकी सुनते और कभी अपनी कहते वक़्त आसानी से कट जाता।  एक दिन नीचे चादर बिछा कर बैठे मज़दूर से उसकी जन्मपत्री मालूम करने के बाद नदीम ने अपना तीर छोड़ा।
"मौज तो तुम गरीब-लेबर क्लास और अमीरों की है। देश का सारा टैक्स तो मिडिल क्लास को देना पड़ता है। एक को सब्सिडी तो दूसरे को लूट माफ़ी।"
सहयात्रियों से "कौनसा स्टेशन आ गया?", "बिजनौर में बारिश हो रही है क्या?" और "हरिया जी दुकान की गजक मस्त होती हैं!" जैसी बातों के बीच हालिया बजट से कुढ़ा नदीम व्हाट्सएप पर मिडिल क्लास के आत्मसम्मान को बचाती पंक्तियां मज़दूर पर फ़ेंक रहा था। वह मज़दूर कभी नदीम की बात समझने की कोशिश करता तो कभी मुस्कुरा कर रह जाता।
ऊपर अपने फ़ोन में मग्न गुरदीप से रहा नहीं गया।
"बड़े परेशान लग रहे हैं, भाई? अमीरों का पता नहीं पर देश के गरीब का जो हक है वह लेगा ही।"
नदीम को इतनी देर से बांधी गई भूमिका और अपनी बात कटती अच्छी नहीं लगी।
"अरे, लाल सलाम कामरेड! हा हा...मज़ाक कर रहा हूं। किस बात का हक? मुफ़्त की देन तो भीख हुई न?"
गुरदीप को ऐसे ही जवाब की उम्मीद थी।
"भाईसाहब! गरीब लोग तो जहां मिलें उनका शुक्रिया करो...ये गरीब-लेबर क्लास तो देश में सबसे ज़्यादा टैक्स देते हैं।" यह अलग सा वाक्य सुनकर सब जैसे नींद से जागे और ऊपर से झांकते गुरदीप की ओर देखने लगे। इससे पहले कोई स्टेशन आ जाए या किसी का बच्चा चीख मार के ऐसा रोए कि 12-15 लोगों का ध्यान गुरदीप से हट जाए वह लगातार गरीबों के पक्ष में तर्क देने में लग गया।
"सबसे पहले तो गरीब कभी खाना-पीना और बाकी सामान एकसाथ नहीं लेते। 50 ग्राम तेल, 200 ग्राम आटा, कुछ ग्राम चावल और जीने के लिए ज़रूरी कई चीज़ें ये लोग अपनी रोज़ या हफ़्ते की कमाई के हिसाब से लेते हैं। अगर वही सामग्री ये लोग एकसाथ 5 किलो, डेढ़ किलो या ज़्यादा मात्रा में लें...जैसा हम मिडिल क्लास के लोग लेते हैं, तो इनकी 30 से 90 प्रतिशत तक बचत हो सकती है। ऐसा ये कर नहीं पाते क्योंकि एकसाथ कुछ भी उतना खरीदने के लिए इनके पास पैसे ही नहीं होते। सोचो इकॉनमी में ये करोड़ों लोग रोज़ कितना पैसा लगाते हैं। पिछली पे कमीशन में मेरे पड़ोसी शर्मा जी को लाखों का पुराना बकाया एरियर और महीने की सैलरी में सीधे 8200 रुपए का फायदा हुआ था...अब इतने साल बाद नया पे कमीशन लगने वाला है। शर्मा जी को फिर से लाखों रुपए मिलेंगे और वेतन भी बढ़ेगा पर इस बीच के गुज़रे इतने सालों में मजाल है जो उनकी कामवाली बाई के इतना रो-पीटने के बाद भी कुल ढाई सौ रुपए महीना से ज़्यादा बढ़े हों।
आपका ये कहना की सरकारी अस्पताल "इनसे" भरे रहते हैं या सारी सुविधाओं, स्कीम पर ये लोग टूट कर पड़ते हैं भी गलत है। ये शहर की दूषित जगहों के पास बने घरों में रहते हैं...हर शहर की उस गंदगी का काफ़ी बड़ा स्रोत हम मिडिल क्लास लोग हैं। कम पैसों में शरीर ख़राब कर बीमारी देने वाले काम कर-कर के दुनियादारी का धुआं, धूल झेलकर तो इनका हक बनता है सरकारी सुविधाओं पर टूट पड़ना। मिडिल क्लास की यह कहानी है कि आपने 40-45 की उम्र तक ठीक बैंक बैलेंस, घर और गाड़ी जैसी चीज़ें जोड़ ली और अपने बच्चों के लिए उड़ने का प्लेटफॉर्म बना दिया, लेकिन इन्हें पता है कि इनमें से ज़्यादातर के बच्चे भी गरीबी का ऐसा ही दंश झेलेंगे। इस वजह से ये लाइन में लगकर ज़िंदगी से लड़ते हैं..."
नदीम कुछ कहने को हुआ तो वाइवा सा दे रहे गुरदीप की आवाज़ ने उसे दबा दिया।
"इस बेचारे को मेरी कोई बात समझ नहीं आई होगी पर ये वैसे ही मुस्कुरा रहा है जैसे आपके तानों पर मुस्कुरा रहा था। हम जीवन के वीडियो गेम की रोटी, कपड़ा और मकान वाली स्टेज से बहुत आगे निकल चुके हैं और इसका जीवन ही उनके पीछे भागना है। कार या तकियों पर बढ़े टैक्स की झुंझलाहट हर सांस में जीने का टैक्स देने वालों पर मत निकालो भाई।"
जिसका डर था वही हुआ...सामने महिला की गोद में खेल रहा बचा रो दिया और रेल की रफ़्तार में हिलते गुरदीप के विचारों की रेलगाड़ी का मोनोलॉग भी टूट गया। कुछ बातें कह दी, कई बातें रह गई! नदीम की सांस में सांस आई कि तभी गुरदीप ने कहा...
"एक बात और!"
सत्यानाश! नदीम की आँखें जैसे पूछ रही हों कि भाई नाली में लिटा-लिटा कर बुरी तरह पीट लिया अब...और भी कुछ बचा है?
"सही और गलत समझने के लिए और दूसरों के हक की बात करने के लिए लाल सलाम ब्रिगेड वाला होना ज़रूरी नहीं।"
नॉकआउट घूंसा पड़ चुका था और नदीम गृहशोभा पढ़ने की एक्टिंग करने लगा।
समाप्त! ========
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toysandhobbieshindi · 5 years
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2019 हॉलिडे टॉप टॉय लिस्ट
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यह प्रविष्टि 18 अक्टूबर, 2019 को पोस्ट की गई थी। लर्निंग एक्सप्रेस खिलौने और उपहार 2019 हॉलिडे टॉप टॉय लिस्ट की घोषणा करता है डेवेन्स, मास। 21 अक्टूबर, 2019 - लर्निंग एक्सप्रेस ने 2019 की छुट्टियों के मौसम के लिए शीर्ष खिलौने की अपनी सूची की घोषणा की। सभी आयु वर्ग और कई खिलौना श्रेणियों का प्रतिनिधित्व किया जाता है जिसमें शिशु / बच्चा, पूर्वस्कूली और ट्वीन, गेम्स और ब्रेन टीज़र, कला और रचनात्मकता, एक्शन, कौशल और खेल, एसटीईएम खिलौने और बहुत कुछ शामिल हैं! "इस सूची में प्रतिनिधित्व करने के लिए, इन खिलौनों को हमारे अंतिम उपयोगकर्ता द्वारा मांग में होना चाहिए!" शेरोन DiMinico संस्थापक और लर्निंग एक्सप्रेस खिलौने के सीईओ का कहना है। "इनमें से कई शीर्ष खिलौने हमारे विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शित करने के लिए उपलब्ध हैं ताकि आप अपने लिए खेल मूल्य देख सकें जो वे प्रदान करते हैं।" जब कोई ग्राहक शीर्ष खिलौना सूची से बाहर उद्यम करना चाहता है, तो प्रत्येक स्टोर को खिलौना विशेषज्ञों के साथ रखा जाता है जो ग्राहक को उम्र के हिसाब से सही उपहार चुनने में मदद कर सकते हैं। टॉय एक्सपर्ट्स के अलावा, लर्निंग एक्सप्रेस मुफ्त उपहार रैपिंग और निजीकरण प्रदान करता है। कई स्टोर यहां तक ​​कि बड़ी छुट्टी के सामानों की असेंबली और लोकल डिलीवरी की पेशकश करते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आपकी छुट्टियों की खरीदारी यथासंभव आसान और सहज हो। निम्नलिखित 2019 शीर्ष खिलौने के बारे में अधिक जानने के लिए अपने स्थानीय लर्निंग एक्सप्रेस टॉयज पर जाएं: • मोशन टॉयज में फन से शशिबो • AirFort से तत्काल प्ले फोर्ट • केलीटॉय से स्क्विशमलो मेलिसा और डग से ताजा मार्ट किराने की दुकान • मेलिसा और डौग से ब्यूटी सैलून प्ले सेट • रॉक। एन रोल इट पियानो इन मुकीम • कैलिफ़ोर्निया क्रिएशन्स से बेबी शार्क साउंड बुक और मेलोडी पैड; Zoofy इंटरनेशनल से बेबी शार्क स्विम बाथ टॉय • रेट्रोस्पेक्टिव गुड्स से गाल डुओ टोन • iTouch Wearables से जूम किड्स स्मार्टवॉच खेलें • फैट ब्रेन टॉयज से डोर पोंग • घड़ी गतिविधि से बच्चों को देखो • बंद करो! और बंद करो! अमीगो खेलों से श्रेणियाँ खेल • थेम्स और कोस्मोस से टकराना हाथी • थेम्स और कोस्मोस से एयर-वाकर • मैजिक ट्रैक्स मेगा सेट ऑनटेल प्रोडक्ट्स कॉर्पोरेशन से • फैशन एन्जिल्स से अपनी कहानी वर्णमाला मनका किट बताओ • फैट ब्रेन टॉयज से स्पिनगैन • किडूजी से फनटाइम ट्रैक्टर • माइंडस्कोप से होवर दस्ते • मुकीम से जीनियस स्क्वायर गेम लर्निंग एक्सप्रेस खिलौने और उपहार के बारे में लर्निंग एक्सप्रेस टॉयज देश भर में 100 से अधिक स्थानों के साथ विशेष खिलौनों की दुकानों का देश का अग्रणी फ्रेंचाइज़र है - प्रत्येक स्थानीय स्तर पर स्वामित्व और संचालित है। एक असाधारण खरीदारी का अनुभव प्रदान करना, लर्निंग एक्सप्रेस टॉयज़ एंड गिफ्ट्स अपने जानकार और चंचल बिक्री के कर्मचारियों और इसके अनूठे उत्पाद मिश्रण (जन्म - 14 वर्ष) के लिए जाना जाता है। यह मानते हुए कि दरवाजे से चलने वाले हर व्यक्ति को WOWED होना चाहिए, लर्निंग एक्सप्रेस खिलौनों, उपहारों और अनुभवों पर ध्यान केंद्रित करता है जो जीवन के सर्वोत्तम क्षणों का जश्न मनाते हैं। एक जन्मदिन का उपहार रजिस्ट्री, मुफ्त उपहार रैपिंग, मुफ्त निजीकरण, नागरिक धन उगाहने और नियमित रूप से अनुसूचित बच्चों की घटनाओं के ऊर्जावान वातावरण और असाधारण ग्राहक सेवा में योगदान देता है। लर्निंग एक्सप्रेस खिलौने और उपहार फ्रैंचाइज़ी के अवसरों, या आपके पास के स्टोर के बारे में अधिक जानने के लिए, Learningexpress.com पर जाएँ। ### अधिक जानकारी, साक्षात्कार अनुरोध और मीडिया पूछताछ के लिए, मेघन @learningexpress.com या 978.84.1083 पर मेघन थॉम्पसन से संपर्क करें। इस प्रविष्टि को 18 अक्टूबर 2019 को टॉप टॉयज़ में पोस्ट किया गया था। ← पिछला पोस्ट
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lepannganews-blog · 5 years
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मंदिर के पास शराब की दुकान खुलने पर जैन समाज ने किया विरोध
ले पंगा न्यूज डेस्क, अशोक योगी। शहर में अवैध शराब बिक्री रोकने में नाकाम जिम्मेदार विभाग शराब दुकानों के लिए तय मापदंडों का पालन भी नहीं करा पा रहे हैं। शहर में धार्मिक स्थलों से चंद कदमों की दूरी पर शराब दुकानों का संचालन हो रहा है, लेकिन शिकायतों व विरोध के बावजूद आबकारी अमला व प्रशासन इन्हें हटाने के लिए आगे नहीं आ रहा है। शहर में संचालित कई शराब की दुकानें नियमों और शिष्टाचार को ताक में रखकर खोली गई है। नियमों की ओर विभाग के जिम्मेदार अफसरों ने कभी ध्यान देने की कोशिश ही नहीं की। शहर के कई इलाकों में मंदिर के पास ही शराब की दुकान खुली गई है। राजस्थान की राजधानी जयपुर में अग्रवाल कॉलेज के पास आगरा रोड़ स्थित कटला जैन मंदिर के पास शराब की दुकान खुलने पर जैन समाज लोगों ने मौन प्रदर्शन करके विरोध किया है।
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जैन समाज के लोगों ने बताया है कि मंदिर, सेंट्रल, कॉलेज और स्कूल के पास शराब की दुकान से लोगों के साथ बच्चों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। मंदिर जाने के दौरान महिलाओं और धार्मिक आस्था रखने वाले लोगों को इस मुसीबत से हर रोज दो चार होना पड़ रहा है। लेकिन शराब के रसूखदार और आंखे मूंदे विभाग की अनदेखी के चलते सबकुछ लगातार चल रहा है। जिसको लेकर मंदिर में आने वाले भक्तों ने मंदिर आना-जाना ही बंद कर दिया है। मंदिर, सेंट्रल, कॉलेज और स्कूल के पास शराब की दुकान से #jain samaj jaipur     #jaipur news in rajasthan     #jain  #lepannganews  #hindinews  #latestnews   #news   #currentnews  
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journalistcafe · 4 years
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वाराणसी। काम की तलाश में संघर्ष करते दिव्यांग संतोष कुमार ने अपनी कमजोरी को ताकत बनाया और दूसरे लोगों का सहारा बन गए। आज वह 20 दिव्यांगों को रोजगार दे रहे हैं। खुद अपाहिज होते हुए भी दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने में जुटे हैं।
प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र के युवा दिव्यांग संतोष
दिव्यांगता मन से होती है। अगर मन से खुद के दिव्यांग होने की बेचारगी का भाव निकाल दें तो एक दिव्यांग भी अमूमन वह सब कुछ कर सकता है जो एक सामान्य आदमी। इसे साबित किया है प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र के युवा दिव्यांग संतोष ने।
ग्रेजुएशन के बाद नौकरी की तलाश में जुटे संतोष
ग्रेजुएशन के बाद नौकरी की तलाश में जुटे। गुजारा करना था तो कभी बैट्री की दुकान पर काम किया तो कभी ईंट भट्ठे पर। संघर्ष के दौरान निराश होने की जगह कुछ ऐसा करने की ठानी जिसमें उनके जैसे और लोगो को भी रोजगार मिल सके। इस लक्ष्य को लेकर उन्होंने रिश्तेदारों से कर्ज लेकर छह लाख की लागत से बेकरी की एक इकाई लगाई। आज इसमें करीब 20 दिव्यांग काम करते है। इस साल इस संख्या को बढ़ाकर 50 तक करने का लक्ष्य है। इकाई मे टेस्टी ब्रेड के नाम से तैयार होने वाले उत्पाद के बनाने से लेकर विपणन का काम दिव्यांग ही करते हैं। जिला मुख्यालय से करीब 15 किमी दूर उनका आयर गांव है। इसकी खसियत है कि दिव्यांग इसे बनाते और बेंचते है। टेस्टी ब्रेड के नाम से चल रही बेकरी में पाव रोटी, ब्रेड, क्रीम रोल जैसे अनेक उत्पाद बनते हैं।
महिलाओं के एक समूह से मिली प्रेरणा
उन्होंने मीडिया को बताया कि इसकी प्रेरणा महिलाओं के एक समूह से मिली। उन्होंने बताया कि हमारे क्षेत्र में करीब 100 लोग दिव्यांग होंगे। हमारे लोग रोजी-रोटी के लिए बहुत परेशान होते है। तभी यह कारखाना शुरू किया है। अभी इसमें दिव्यांगों को 300-400 रुपये रोज मिल जाते हैं। सेल्स मैन के लिए ट्राईसाइकिल में ही ठेला बना दिया गया है। इसमें सामान लादकर वह आराम से अपना काम कर लेते हैं।
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दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने का पूरा प्रयास
संतोष ने कहा कि दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने का पूरा प्रयास है। वो बताते हैं कि 25 दिसंबर 2019 से चलाए जा रहे कारखाने में बहुत संघर्ष करना पड़ा। शुरुआत में इसे बनाने के लिए लोग कर्ज देने को तैयार नहीं थे। लेकिन बाद में विश्वास करके दिया। अब करीब ढाई लाख रूपये का कर्ज बचा है। जिसे चुकाना है। उनके कारखाने में अब तक 20 दिव्यांग रोजगार से जुड़ गए हैं। उनकों स्वरोजगार भी सिखाया जा रहा है, ताकि खुद आत्मनिर्भर हो सकें। उनका टारगेट करीब 400 से 500 तक रोजगार देने का है। बेकरी के कारखाने में एक शिफ्ट में 8-8 लोग काम करते है। दिन में महिलाएं और रात में पुरूषों को काम करने को दिया गया है। यह लोग करीब 1200 पीस माल तैयार कर लेते हैं। इसके बाद इसे बिक्री के लिए ले जाते हैं। इनकी आय ज्यादा माल बेचने से बढ़ भी जाती है।
मारुति 800 कार को किया मोडिफाई
संतोष ने अपनी मारुति 800 कार को भी अपने हिसाब से मोडिफाई करके उसके ब्रेक गियर क्लच सब अपने हाथों के पास कर लिया है। जिससे वह आसानी से चलाकर बनारस की सड़कों पर माल बेच सकें।
इसके अलावा संतोष दिव्यांग और गरीब बच्चों को शिक्षा देने के लिए किरन विकलांग समाज कल्याण संस्थान नामक विद्यालय भी चलाते हैं। इसमें करीब 40 से 50 बच्चे शिक्षित होकर रोशनी का उजियारा फैला रहे हैं।
गरीबों में बांटते रहे है बेकरी में बने ब्रेड और क्रीम रोल
कोरोना संकट में दिव्यांग संतोष अपनी बेकरी में बने ब्रेड और क्रीम रोल रोजाना गरीबों में बांटते रहे है। झोपड़ पट्टी में रहने वालों को तिरपाल और पन्नी भी उपलब्ध कराई है।
दिव्यांगों को रोजगार देकर आत्मनिर्भर बना रहे संतोष कुमार
केंद्रीय सलाहकार बोर्ड दिव्यांगजन सशक्तीकरण के सदस्य डॉ. उत्तम ओझा ने बताया, “संतोष कुमार दिव्यांगों को रोजगार देकर आत्मनिर्भर बना रहे हैं। इसके लिए उनकी जो भी मदद होगी की जाएगी। इनका मॉडल सफल रहा तो इसको देश में लागू किया जा सकता है।”
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दिव्यांगों को आत्मनिर्भरता बना रहे हैं पीएम के संसदीय क्षेत्र के ये युवा दिव्यांग वाराणसी। काम की तलाश में संघर्ष करते दिव्यांग संतोष कुमार ने अपनी कमजोरी को ताकत बनाया और दूसरे लोगों का सहारा बन गए। आज वह 20 दिव्यांगों को रोजगार दे रहे हैं। खुद अपाहिज होते हुए भी दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने में जुटे हैं।
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its-axplore · 4 years
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16 अगस्त तक शनिवार व रविवार काे दुकान खाेलने पर जुर्माना वसूली के साथ दुकानदार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने एसएसपी व अन्य वरीय अधिकारियाें के साथ कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में बैठक कर लाॅकडाउन का सख्ती से अनुपालन कराने काे कहा। शनिवार को हुई उक्त बैठक में डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने जिले में लॉकडाउन की स्थिति की समीक्षा की। कहा कि लॉकडाउन को लेकर किसी तरह की लापरवाही बरतने वाले व्यक्तियों/संस्थाओं/प्रतिष्ठानों के विरुद्ध पूर्ण सख्ती बरतें।
उन्होंने कहा कि जिले में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस माैके पर वरीय पुलिस अधीक्षक जयंतकांत ने उपस्थित पुलिस अधिकारियों को लॉकडाउन का अनुपालन सुनिश्चित कराने कहा। कहा कि कि सभी थाना प्रभारी अपने-अपने इलाकाें में सघन अभियान चलाएं। अभी सप्ताह में दाे दिन बंद रखने के साथ ही अन्य 5 दिन भी लॉकडाउन के नियमाें का अनुपालन कराने के लिए पूरी तत्परता बरतें। बैठक में डीडीसी, अपर समाहर्ता, अपर समाहर्ता आपदा, दोनों एसडीओ, दोनों अनुमंडल पुलिस अधिकारी आदि उपस्थित थे।
डीएम ने कहा कि शनिवार-रविवार काे दूध, दवा व अति आवश्यक सेवाओं को छोड़ सभी दुकानें बंद रहेंगी। किराना दुकान भी बंद रहेंगे। इमरजेंसी सेवाओं काे छोड़ टेंपो, ऑटो-ई रिक्शा व अन्य वाहनों का परिचालन भी बंद रहेगा। अनावश्यक रूप से चलनेवाले वाहन सीज किए जाएंगे। कंटेनमेंट जोन में अति आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं को छोड़कर सभी प्रकार की गतिविधियां प्रतिबंधित होंगी। इसके साथ ही लॉकडाउन का सख्ती से अनुपालन कराने को लेकर शहर को 10 सेक्टराें में बांट कर अलग-अलग अधिकारियाें काे जिम्मा दिया गया। कंटेनमेंट जोन पर मुख्य रूप से फोकस करने के लिए कहा गया।
कोरोना का संक्रमण रोकना चुनौती : शहर को 10 सेक्टराें में बांट कर अधिकारियाें काे दिया गया जिम्मा
बाल गृह के बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा
कोरोना संक्रमण को लेकर बालगृह में रहने वाले बच्चे की पढ़ाई ऑनलाइन की जा रही है। बाल संरक्षण इकाई की ओर से यह बच्चे सामान्य बच्चों से पढ़ाई में पीछे नहीं हों, इसे लेकर इन्हें पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। बाल गृह में कोरोना संक्रमण के कारण शिक्षकों के प्रवेश पर रोक होने के कारण प्रबंधन ने यह व्यवस्था शुरू की है। बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक उदय कुमार झा इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने बताया, बाल गृह में रहने वाले करीब 60 बच्चों को प्रतिदिन योग के अलावे सिलेबस से संबंधित अन्य विषयों की पढ़ाई कराई जाती है। सामान्य बच्चों से भी पीछे नहीं रह सकें, इसे लेकर ध्यान दिया जा रहा है। पढ़ाई के दौरान सफाई और संक्रमण न फैले इसे लेकर ध्यान दिया जा रहा है। वहीं, सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया जा रहा है।
बैठक में लिए गए निर्णय
शनिवार-रविवार काे किराना दुकानें भी नहीं खुलेंगी
दूध-दवा व जरूरी सेवा छोड़ सभी दुकानें बंद रहेंगी
इमरजेंसी काे छोड़ टेंपो, ऑटो-ई रिक्शा भी नहीं चलेंगे
अनावश्यक रूप से चलनेवाले वाहन सीज किए जाएंगे
मास्क पहने बिना बाहर निकलने पर जुर्माना देना हाेगा
अन्य 5 दिन भी नियमाें के अनुपालन काे सख्ती हाेगी
कंटेनमेंट जोन में दुकान खाेलने पर सील किया जाएगा
विक्रेता-खरीदार सबके लिए मास्क पहनना अनिवार्य है
सोशल डिस्टेंसिंग का भी हर हाल में अनुपालन करना है।
पुलिस का फ्लैग मार्च, बेवजह निकले लोगों को लगी फटकार
शहरी क्षेत्र में शनिवार की शाम सिटी एसपी नीरज कुमार सिंह के नेतृत्व में फ्लैग मार्च किया गया। सरैयागंज, मोतीझील, कंपनीबाग, सूतापट्टी और गोला रोड में टीम ने फ्लैग मार्च किया। देर शाम तक दुकानें खुली रखने वालों को डांट-फटकार लगाई। सिटी एसपी के साथ नगर डीएसपी रामनरेश पासवान, क्यूआरटी समेत सभी थानेदार मौजूद थे। कहा गया कि अनलॉक-3 का पूरी तरह से पालन सुनिश्चित करना है। किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सिटी एसपी ने कहा कि शनिवार और रविवार को दुकानें बंद रहेंगी।
डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मी समेत जिले में 60 कोरोना पॉजिटिव मिले
जिले में शनिवार को 60 कोरोना पॉजिटिव मिले। इनमें कई डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी, टेक्नीशियन और शहर के लोग शामिल हैं। एसकेएमसीएच व सदर अस्पताल में हुई जांच में कई लोग दोबारा पॉजिटिव पाए गए। जिला प्रशासन की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को जिले में 436 संदिग्धों के सैंपल की जांच हुई, इसमें 60 पॉजिटिव मरीज मिले। वहीं, 70 मरीज स्वास्थ्य होकर अस्पताल से घर गए। जिले में कोरोना के 884 एक्टिव मामले हैं। एसकेएमसीएच प्राचार्य डॉ. विकास कुमार के अनुसार, शनिवार को एसकेएमसीएच लैब में 120 सैंपल की जांच की गई, जिसमें 16 पॉजिटिव मिले हैं। वहीं, सदर व अन्य पीएचसी में हुई जांच में 44 पॉजिटिव मरीज मिले हैं। इधर, रेल पुलिस के 45 जवानों की होगी जांच
रेल पुलिस के दो अधिकारियाें के कोरोना पॉजिटिव हाेने के बाद जीआरपी में हड़कंप है। इसके बाद रेल एसपी अशोक सिंह ने सिविल सर्जन को पत्र लिखकर रेल पुलिस के 45 जवानों को कैंप लगाकर जांच करने की मांग की है।
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Increased Strictly; Grocery shops will also be closed from today to 16 on Saturday and Sunday, discount on sale of milk and medicines
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sapnasrivastava · 4 years
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रामपुर में जिलाधिकारी द्वारा आदेश देने के बाद शराब की दुकानें खोली गई है।
लॉकडाउन के बीच खुल रही शराब की दुकानों के सामने लगी हुई लंबी-लंबी कतारें यह साबित कर रही हैं की प्यास बुझाने के लिए सिर्फ पानी ही काफी नहीं है। लगभग 40 दिन के बाद खुलने वाली शराब की दुकानों पर शराब खरीदने वाले, अंग्रेजी मीडियम स्कूल के बच्चों की तरह बेहद अनुशासित हैं और सोशल डिस्टेंस बनाए हुए हैं। अब ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह अनुशासन और लॉकडाउन नियमों का पालन तब भी जारी रहेगा जब बोतल में बंद शराब का घूंट इन शराब प्रेमियों के गले से उतर जाएगा।
शराब पर लगाया गया ‘स्पेशल कोरोना कर’, जानिए दिल्ली में शराब का नया दाम
वाइन शॉप पर पहुंचे बिजनेसमैन गुलशन अरोड़ा ने बताया शासन और प्रशासन के आदेश के बाद शराब की दुकानें खुली हैं और खरीदारों की भीड़ लगी है। बहुत अनुशासन के साथ लोग शराब खरीद रहे हैं। उन्होंने बताया हमारे देश को मजबूत करने के लिए शराब, पान, गुटखा यह कुछ खास चीजें हैं जिनकी बिक्री से रोक हटाने के बाद सरकार ने बहुत बड़ा कदम उठाया है। इससे हमारी अर्थव्यवस्था को फायदा होगा। वहीं उन्होंने कहा पान और गुटके की दुकानों को भी खुल देना चाहिए।
शराब की दुकान खुलते ही सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ाई गई धज्जियां, देखे तस्वीर
शराब खरीदने आए महेश ने बताया की शराब की दुकानें गवर्नमेंट की तरफ से खोली गई हैं। लॉकडाउन की वजह से गवर्नमेंट को जो नुकसान हुआ था उसकी भरपाई और रेवेन्यू के लिए यह कदम उठाए गए हैं। उनका कहना है 40 दिन तक लोगों ने इंतजार किया लेकिन अब सरकार की जरूरत है इसलिए दुकान खोली गई हैं।
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sinhadigital-blog · 4 years
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Earn Money From Home ये हैं कुछ नए तरीके ऑनलाइन पैसे कमाने के
दोस्तों आज की बढ़ती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए हर इंसान ज़्यादा से ज़्यादा मेहनत करना चाहता है जिससे की वो अपने परिवार और बच्चों को एक अच्छा जीवन दे सके। लेकिन क्या आप जानते हैं की सिर्फ खून पसीने बहाने से ही पैसे नहीं आते, बल्कि पैसे कमाने के स्मार्ट तरीके भी होते हैं। अजनाभ आपको नियमित रूप से ऐसे आईडिया बताता है जिनका इस्तेमाल करके लाखों लोग घर बैठे अमीरी का जीवन जी रहे हैं। दोस्तों यहाँ आपको पैसे कमाने के कई तरीके सीखने को मिलेंगे आइये सीखते हैं कुछ नए तरीके ऑनलाइन पैसे कमाने के।
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How To Boost Your Immunity आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ाएं
Lockdown Extended Till 3 May भारत में लॉक डाउन 3 मई तक बढ़ा
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Thawe Mandir Story क्या है माँ दुर्गा के सिद्ध थावे मंदिर की संपूर्ण कहानी
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kisansatta · 4 years
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ल��कडाउन 3.0: जानिए कौन जिले में मिलेंगी छूट और कहां रहेंगी पाबंदियां नही
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी ने आज 11 लोगों की बैठक में लॉकडाउन 3 को लेकर कई निर्देश दिए। उन्होने ने कहा कि भारत सरकार की एडवाइजरी के अनुरूप सभी गतिविधियां संचालित की जाएं। सभी की सुरक्षा के उपाय को देखते हुए औद्योगिक गतिविधियां भी संचालित कराई जाएंं। योगी ने कहा कि लॉकडाउन में संभावनाओं को तलाशना आवश्यक है। लॉकडाउन के बाद प्रदेश में निवेश को एक नया आयाम देने के लिए कार्य योजना तैयार की जाए।
लॉकडाउन फेज 3 में गृह मंत्रालय ने दी ये छूट
बता दें लॉकडाउन फेज-3.0 के तहत केंद्र सरकार ने कई छूट और रियायतें भी दी हैं। इस छूट के बाद 4 मई से राज्य में बंदिशें कम हो जाएंगी। हालांकि होटल और रेस्टोरेंट जैसी हॉस्पिटेलिटी सेवाएं बंद रहेंगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन बढ़ाने के दौरान कंटेनमेंट जोन, रेड जोन, ऑरेंज जोन और ग्रीन जोन में मिलने वाली छूट के दायरे तय किए हैं।
नई गाइडलाइन में इन पर अभी रहेगी रोक ग्रीन, ऑरेंज, रेड और कंटेनमेंट जोन में शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक घर से बाहर निकलने पर पाबंदी रहेगी, इन चारों जोन में बुजुर्ग और 10 साल से छोटे बच्चों के बाहर निकलने पर रोक रहेगी, हर जोन में अलग-अलग नियम लागू होंगे, स्कूल, कॉलेज, रेल, मेट्रो और हवाई सेवाएं बंद रहेंगी, सार्वजनिक कार्यक्रमों पर पूर्णतया रोक रहगी, शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक कर्फ्यू ही रहेगा, केवल आवश्यक गतिविधि के लिए ही घर से बाहर निकल सकेंगे, धारा-144 लागू रहेगी।
यूपी में 19 जिले रेड जोन में यूपी में 19 जिले रेड जोन में हैं, जबकि 36 जिले ऑरेंज जोन में रखे गए हैं। वहीं, 20 ऐसे भी जिले हैं, जिन्हें ग्रीन जोन में रखा गया है।
ग्रीन जोन में छूट का दायरा बढ़ाया (यूपी के ग्रीन जोन जिले- बाराबंकी, खीरी, हाथरस, महाराजगंज, शाहजहांपुर, अंबेडकर नगर, बलिया, चंदौली, चित्रकूट, देवरिया, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, हमीरपुर, कानपुर देहात, कुशीनगर, ललितपुर, महोबा, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र, अमेठी)
यहां आधी सवारियों के साथ 50 फीसदी बसें चलेंगी, बाइक पर दो लोग बैठ सकेंगे, जो सर्विस पहले से मिल रही है वह जारी रहेंगी, फैक्ट्रियां दुकानें खुल सकेंगी, वे सारी छूट मिलेंगी जो नियमानुसार पहले से मिलती रही है, ग्रीन जोन में सिर्फ उन गतिविधियों पर रोक होगी जिन पर पूरे देश में प्रतिबंध है, बसें 50 फीसदी क्षमता तक सवारियां बिठा सकेंगी, बस डिपो में भी 50 फीसदी क्षमता तक लोग रहेंगे।
ऑरेंज जोन में मिलेंगी ये छूट (यूपी के ऑरेंज जोन जिले- गाजियाबाद, हापुड़, बागपत, बस्ती, बदायूं, संभल, औरैया, शामली, सीतापुर, बहराइच, कन्नौज, आजमगढ़, मैनपुरी, श्रावस्ती, बांदा, जौनपुर, एटा, कासगंज, सुल्तानपुर, प्रयागराज, जालौन, मिर्जापुर, इटावा, प्रतापगढ़, गाजीपुर, गोंडा, मऊ, भदोही, उन्नाव, पीलीभीत, बलरामपुर, अयोध्या, गोरखपुर, झांसी, हरदोई, कौशाम्बी)
टैक्सी कैब और निजी कार्य को अनुमति, चार पहिए वाले वाहन में ड्राइवर के अलावा दो सवारी को बैठाने की छूट, टैक्सी ओला उबर आदि कैब सेवा एक ड्राइवर और एक सवारी के साथ, स्वीकृत गतिविधियों के लिए जिले के अंदर लोगों और वाहनों की आवाजाही, दुपहिया वाहनों पर पीछे भी सवारी बैठाने की छूट।
रेड जोन में ये रहेगा छूट का दायरा (यूपी के रेड जोन जिले- आगरा, लखनऊ, सहारनपुर, कानपुर नगर, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, मेरठ, रायबरेली, वाराणसी, बिजनौर, अमरोहा, संत कबीर नगर, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, रामपुर, मथुरा, बरेली)
रेड जोन में साइकिल, रिक्शा, ऑटो रिक्शा, टैक्सी, ओला उबर आदि कैब सेवा, हेयर कटिंग की दुकान, स्पा, सैलून, जिले के अंदर या 2 जिलों के बीच बस सेवा पर प्रतिबंध रहेगा, रेड जोन में चार पहिया वाहन में ड्राइवर के अलावा एक सवारी बैठ सकेगी, दुपहिया वाहन पर सिर्फ एक ही व्यक्ति बैठ सकेगा, स्पेशल इकोनामिक जोन, एक्सपोर्ट ओरिएंटेड यूनिट, इंडस्ट्रियल एस्टेट और इंडस्ट्रियल टाउनशिप को छूट रहेगी, दवा, मेडिकल उपकरण और इनके कच्चे माल आदि बनाने वाली इकाइयां को अनुमति रहेगी, आवश्यक या सामान्य वस्तुओं की भी बिक्री हो सकेगी, ई-कॉमर्स की छूट सिर्फ आवश्यक वस्तुओं के लिए होगी, फूड प्रोसेसिंग और ईट भट्टों को छूट रहेगी, प्राइवेट ऑफिस 33% क्षमता से काम कर सकेंगे।
15 से 20 लाख रोजगार देने के लिए बनाएं कार्ययोजना
मुख्यमंत्री ने इस दौरान 15 से 20 लाख लोगों को रोजगार देने के लिए वृहद कार्ययोजना तैयार करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग में निर्णायक विजय प्राप्त करने के लिए संक्रमण की हर चेन को तोड़ना जरूरी है। प्रभावी पुलिसिंग की जाए। अंतर्राज्यीय और अंतर्जनपदीय आवागमन को रोका जाए। प्रवासी कामगारों व श्रमिकों के क्वारेंटाइन प्रोटोकॉल को सुनिश्चित किया जाए। हर जनपद में एक प्रभारी अधिकारी नामित किया जाए।
पीआरडी जवानों की मंडियों में करें तैनाती सीएम ने कहा कि एल1, एल2 और एल3 कोविड-19 चिकित्सालय में बेड की संख्या में वृद्धि के लिए तेजी से काम किया जाए। सभी जनपदों में टेलीफोन पर मरीजों को परामर्श देने वाले डॉक्टरों की सूची प्रकाशित कराई जाए। मंडियों में व्यवस्था बनाए रखने के लिए पीआरडी के जवानों की भी सेवा ली जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना तथा मुख्यमंत्री आवास योजना के निर्माण कार्य संचालित किए जाएं, साथ ही कहा कि मनरेगा श्रमिकों को रोजगार मिलेगा।
https://kisansatta.com/lockdown-3-0-know-who-will-get-exemption-in-the-district-and-where-there-will-be-no-restrictions/ #Lockdown30KnowWhoWillGetExemptionInTheDistrictAndWhereThereWillBeNoRestrictions Lockdown 3.0: Know who will get exemption in the district and where there will be no restrictions State, Top, Trending #State, #Top, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
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jmyusuf · 5 years
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मंदी क्यों है व्यापार में...?
😚 *मंदी क्यों है व्यापार में ?* 🤔*बर्तन का व्यापारी परिवार के लिये जूते ऑनलाइन खरीद रहा है.... 🤔*जूते का व्यापारी परिवार के लिये मोबाइल ऑनलाइन खरीद रहा है.... 🤔*मोबाइल का व्यापारी परिवार के लिए कपडे ऑनलाइन खरीद रहा है.... 🤔*कपड़े का व्यापारी परिवार के लिये घड़ी ऑनलाइन ख़रीद रहा है.... 🤔*घडी का व्यापारी बच्चों के लिए खिलोने ऑनलाइन ख़रीद रहा है.... 🤔*खिलोने का व्यापारी घर के लिये बर्तन ऑनलाइन खरीद रहा है ... !!! और 🤔*ये सब रोज सुबह अपनी-अपनी दुकान खोल कर अगरबत्ती लगा कर भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि आज धंधा अच्छा हो जाये। 🤔*कहाँ से होगी बिक्री ??? 🤔*खरीददार आसमान से नहीं आते हम ही एक दूसरे का सामान खरीद कर बाजार को चलाते हैं क्योंकि हर व्यक्ति कुछ न कुछ बेच रहा है और हर व्यक्ति खरीददार भी है । 🤔*ऑनलाइन खरीदी करके आप भले 50-100 रु की एक बार बचत कर लें लेकिन इसके नुक्सान बहुत हैं क्योंकि ऑनलाइन खरीदी से सारा मुनाफा बड़ी बड़ी कंपनियों को जाता है जिनमें काफी विदेशी कंपनियां भी हैं । 🤔*ये कम्पनियाँ मुठ्ठीभर कर्मचारियों के बल पर बाजार के एक बहुत बड़े हिस्से पर कब्जा कर लेती हैं। ये कम्पनियां बेरोजगारी पैदा कर रही हैं और इनके द्वारा कमाये गये मुनाफे का बहुत छोटा हिस्सा ही पुनः बाजार में आता है । 🤔*यदि आप सोचते हैं कि मैं तो कोई दुकानदार नहीं हूं और ना ही व्यापारी , मैं तो नौकरी करता हूँ ऑनलाइन खरीदी से मुझे सिर्फ फायदा है नुक्सान कोई नहीं तो आप सरासर गलत हैं क्योंकि जब समाज में आर्थिक असमानता बढ़ती है या देश का पैसा देश के बाहर जाता है तो देश के हर व्यक्ति को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उसका नुक्सान उठाना पड़ता है चाहे वह अमीर हो या गरीब, व्यापारी हो या नौकरी करने वाला, दुकानदार हो या किसान हर कोई प्रभावित होता है। 🤔ये बहुत अच्छा मैसेज हैं।अगर एक बार सब मिल कर ओन लाइन खरीदारी करना बंद कर दे तो सब लोगो का काम अच्छा चल सकता है😊🙏🏻
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ashokgehlotofficial · 6 years
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राज्य में मद्य संयम की नीति को सशक्त बनाने एवं इसे प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है। मुख्यमंत्री कार्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में इसके लिए शराब की दुकानों पर बिक्री रात्रि आठ बजे बंद होने की सख्ती से पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। पुलिस एवं आबकारी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि यदि शराब की कोई दुकान रात्रि 8 बजे बाद खुली पाई जाए तो पेनल्टी लगाने, दुकान सील करने अथवा अनुज्ञापत्र निरस्त करने जैसी कड़ी कार्रवाई अमल में लाएं। वर्ष 2008 में ‘मद्य संयम’ को प्रोत्साहित करने के लिए हमारी सरकार ने रात्रि 8 बजे बाद शराब की बिक्री पर रोक लगाई थी। जिसका कि आमजन में सकारात्मक संदेश गया था। पूर्व विधायक स्व. श्री गुरूशरण छाबड़ा के शराब के सेवन को हतोत्साहित करने के प्रयासों का हमने समर्थन किया था। स्व. छाबड़ा के साथ हुए समझौते की पालना सुनिश्चित की जाए। इसके लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त के स्तर पर विशेष बैठक रखने के भी निर्देश दिए। प्रदेश में बाहरी राज्यों से अवैध शराब के परिवहन पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश दिए कि सीमावर्ती जिलों के पुलिस अधीक्षक, जिला आबकारी अधिकारी तथा निरोधक दस्ते इन पर अंकुश लगाये एवं शराब का अवैध परिवहन करने वाले लोगों से कड़ाई से निपटने के निर्देश दिए। शराब के सेवन से होने वाले सामाजिक दुष्परिणामों को लेकर योजनाबद्ध रूप से जनजागरण अभियान चलाया जाए। शराब के अधिक सेवन से पीड़ित परिवारों के छोटे बच्चों तथा उनके आश्रितों के पुनर्वास, उन्हेें शिक्षा से जोड़ने आदि सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर विशेष योजना तैयार करने के लिए निर्देशित किया। हमारी पूर्व सरकार ने मद्य के अवैध व्यवसाय से मुक्त कराकर लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए नवजीवन योजना लागू की थी। इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
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jodhpurnews24 · 6 years
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प्रवासियों की नौकरियों के ख़िलाफ़ आज से इन चार विभागों में लागू हुआ “सऊदीकरण”,
जेद्दाह – आज (मंगलवार) श्रम और सामाजिक विकास मंत्रालय से 800 पुरुष और महिला निरीक्षकों से खुदरा और थोक दुकानों में 12 में से चार नौकरियों के सऊदीकरण की निगरानी शुरू हो गयी है. इस जांच में प्रवासियों पर नज़र राखी जा रही है अगर इन नौकरियों में कोई प्रवासी काम करते हुए पाए जाते है उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी.
सऊदी गेजेट के मुताबिक, 70% सऊदीकरण होने वाली चार व्यापारिक गतिविधियां कार और मोटरबाइक शोरूम, पुरुषों और बच्चों के लिए तैयार वस्त्रों की बिक्री, घर और कार्यालय फर्नीचर की दुकानों और किचनवेयर बेचने वाली दुकाने शामिल हैं.
सऊदी मंत्रालय के सूत्र ने कहा कि इन दुकानों में नौकरियों के सऊदीकरण की तैयारी निरीक्षकों के साथ पूरी तरह से प्रशिक्षित करने के तरीके पर प्रशिक्षित किया गया है. उल्लंघन के मामले में, सऊदी श्रम कानूनों के तहत दुकानों को दंडित किया जाएगा.
SOURCE: SAUDI GAZETTE
मंत्रालय ने खुदरा और थोक दुकानों में 12 गतिविधियों के सऊदीकरण पर निरीक्षकों के लिए एक गाइडबुक तैयार किया है. वर्ल्ड न्यूज़ हिंदी को मिली जानकारी के मुताबिक, अगर एक दुकान में एक कर्मचारी है, तो उसे सऊदी होना चाहिए। यदि इसमें दो कर्मचारी हैं, तो उनमें से एक सऊदी होना चाहिए चाहे फिर एक प्रवासी हो.
इसी के साथ अगर एक दुकान में चार कर्मचारी हैं, तो उनमें से दो सऊदी नागरिक होने चाहिए और अगर दूकान में 10 कर्मचारी हैं, तो उनमें से सात सऊदी होने चाहए और 3 प्रवासी. सऊदीकरण से पहले इन दुकानों में ज्यादा कर्मचारी प्रवासी होते थे.
मंत्रालय ने आगे कहा कि, अगर एक दुकान में 30 कर्मचारी हैं, तो उनमें से 21 सऊदी होने चाहए और 7 प्रवासी. अगर इसमें 100 कर्मचारी हैं, तो उनमें से 70 सऊदी चाहिए, जबकि 30 प्रवासी होने चाहए. सूत्रों के मुताबिक, पूरे 12 गतिविधियों का सऊदीकरण जनवरी 2019 तक पूरा हो जाएगा.
The post प्रवासियों की नौकरियों के ख़िलाफ़ आज से इन चार विभागों में लागू हुआ “सऊदीकरण”, appeared first on World News Hindi.
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प्रवासियों की नौकरियों के ख़िलाफ़ आज से इन चार विभागों में लागू हुआ “सऊदीकरण”,
जेद्दाह – आज (मंगलवार) श्रम और सामाजिक विकास मंत्रालय से 800 पुरुष और महिला निरीक्षकों से खुदरा और थोक दुकानों में 12 में से चार नौकरियों के सऊदीकरण की निगरानी शुरू हो गयी है. इस जांच में प्रवासियों पर नज़र राखी जा रही है अगर इन नौकरियों में कोई प्रवासी काम करते हुए पाए जाते है उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी.
सऊदी गेजेट के मुताबिक, 70% सऊदीकरण होने वाली चार व्यापारिक गतिविधियां कार और मोटरबाइक शोरूम, पुरुषों और बच्चों के लिए तैयार वस्त्रों की बिक्री, घर और कार्यालय फर्नीचर की दुकानों और किचनवेयर बेचने वाली दुकाने शामिल हैं.
सऊदी मंत्रालय के सूत्र ने कहा कि इन दुकानों में नौकरियों के सऊदीकरण की तैयारी निरीक्षकों के साथ पूरी तरह से प्रशिक्षित करने के तरीके पर प्रशिक्षित किया गया है. उल्लंघन के मामले में, सऊदी श्रम कानूनों के तहत दुकानों को दंडित किया जाएगा.
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मंत्रालय ने खुदरा और थोक दुकानों में 12 गतिविधियों के सऊदीकरण पर निरीक्षकों के लिए एक गाइडबुक तैयार किया है. वर्ल्ड न्यूज़ हिंदी को मिली जानकारी के मुताबिक, अगर एक दुकान में एक कर्मचारी है, तो उसे सऊदी होना चाहिए। यदि इसमें दो कर्मचारी हैं, तो उनमें से एक सऊदी होना चाहिए चाहे फिर एक प्रवासी हो.
इसी के साथ अगर एक दुकान में चार कर्मचारी हैं, तो उनमें से दो सऊदी नागरिक होने चाहिए और अगर दूकान में 10 कर्मचारी हैं, तो उनमें से सात सऊदी होने चाहए और 3 प्रवासी. सऊदीकरण से पहले इन दुकानों में ज्यादा कर्मचारी प्रवासी होते थे.
मंत्रालय ने आगे कहा कि, अगर एक दुकान में 30 कर्मचारी हैं, तो उनमें से 21 सऊदी होने चाहए और 7 प्रवासी. अगर इसमें 100 कर्मचारी हैं, तो उनमें से 70 सऊदी चाहिए, जबकि 30 प्रवासी होने चाहए. सूत्रों के मुताबिक, पूरे 12 गतिविधियों का सऊदीकरण जनवरी 2019 तक पूरा हो जाएगा.
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ludo3dgame-blog · 6 years
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कैसे मैंने Ludo3DGame खेलकर केवल चार महीनों में 10,00,000 रुपए कमाए
मैं तो इसमें सफल रही, और अगर आप चाहें, तो आप भी कमा लेंगे! अगर मैं अपना रहस्य आपको बता दूं तो मुझे कोई घाटा नहीं होगा, पर उससे आपमें से कुछ लोगों को अपनी ज़िंदगी बेहतर बनाने और वित्तीय रूप से आज़ाद होने में मदद मिलेगी।
सबसे पहले मैं अपने बारे में थोड़ी जानकारी देती हूं। मेरा नाम है । शांती आहूजा मैं 24 साल की हूं और मुंबई में रहती हूं, मैं एक आम लड़की हूं जिसके परिवार को किसी भी दृष्टि से ‘खाता-पीता’ नहीं कहा जा सकता। जब मैं पैदा हुई, मेरे मां-बाप मध्यम आयु वर्ग के थे। मेरी मां एक क्लिनिक में नर्स थी, जबकि मेरे पापा एक डंप ट्रक ड्राइवर थे।
अपनी बचपन की बातों में मुझे मां-बाप का बड़ी मुश्किल से सबसे सस्ता वाला खाना और कपड़ा खरीदना ही याद है। कभी भाग्य अच्छा रहा, तो छुट्टियों के लिए भी चार पैसे बच जाते थे। हम 3-4 साल में एक बार कहीं घूम भी आते थे।
12वीं पास करने के बाद मैंने कॉलेज जाने के बारे में सोचा भी नहीं, क्योंकि मुझे अपने मां-बाप के लिए पैसे कमाने थे।
तो मैंने एक नौकरी ढूंढ़ ली, और 8,000 रुपए के मासिक वेतन पर बिक्री सहायक के रूप में काम किया। वो 2008 था, और तब मुंबई में इस वेतन पर शुरुआत करना खराब नहीं था।
मैं आजीविका चलाने के लिए काम भर के पैसे तो कमा रही थी, पर मेरा सपना था एक ब्रांड न्यू खरीदना । BMW मुझे पता था कि ये बहुत महंगी थी और इसके लिए मुझे सालों तक पैसे बचाने पड़ेंगे। पर, मुझे ऐसा करने में कोई दिक्कत नहीं थी। आखिर ये मेरा सपना था, और सपने एक-दो दिन में तो पूरे नहीं होते। तब मैं ऐसे ही सोचती थी…
महंगाई के कारण कीमतें बढ़ गईं और मुंबई में गुजर करना और मुश्किल हो गया, तब मैं अपनी वित्तीय परिस्थिति को लेकर बहुत निराश हो गई। लोग परेशान थे पर मेरे पास काम जारी रखने के अलावा कोई चारा नहीं था…
पर 3 महीने और बीते, और मैं बच्चों के कपड़ों वाली जिस दुकान पर काम करती थी, वो दिवालिया हो गई, इस तरह मैं बेरोजगार हो गई और मेरे पास आमदनी का कोई और जरिया भी नहीं था, तो मुझे अपने मां-बाप के सेवानिवृत्ति लाभों की मदद से गुजर करना पड़ रहा था।
ये सच में बहुत निराशा वाला दौर था। मैं बदहवास होकर इंटरनेट पर किसी रोजगार अवसर की तलाश कर रही थी, पर दो महीने के बाद भी कोई परिणाम नहीं आया।
दो हफ़्ते और गुजर गए, मैं पूरी तरह से निराशा में डूब रही थी, जब अचानक मैंने एक वेब पेज देखा। इसमें एक लड़के की कहानी थी जो इंटरनेट पर घर बैठे बस अपना कंप्यूटर इस्तेमाल करके, 4,00,000 रुपए कमा चुका था।
उसने बताया कि ludo game खेलकर आप लाखो रुपये कमा सकती हो |
मुझे तो चक्कर आ गया। क्या यही वो जीवन में एक बार मिलने वाला मौका जिसका मैं बेसब्री से इंतज़ार कर रही थी?
पहले तो मुझे कुछ समझ में नहीं आया, फिर मैंने और ज्यादा जानकारी खोजी, ludo3dgame वेबसाइट, फ़ोरम, ब्लॉग और इस विषय से संबंधित अन्य स्रोतों की छानबीन की और अंतत: मैं इसमें ख़ासी जानकार हो गई। मुझे अभी भी याद है मुझे कितनी ज्यादा ख़ुशी महसूस हुई थी। मेरे लिए एक विशेषज्ञ बन जाना और ऑनलाइन पैसे कमाने की शुरुआत करना बेहद रोमांचक था।
अब मैं कुछ देर के लिए अपनी कहानी बंद करती हूं ताकि आप जान सकें कि मैं किस बारे में बात कर रही हूं। मैं आपको संक्षेप में बताती हूं कि बाइनरी विकल्प क्या हैं ताकि आपको मेरी तरह ludo game कि दर्जनों वेबसाइट की छानबीन न करनी पड़े। मैं आपका बहुत सारा समय और मेहनत बचा लूंगी।
Tumblr media
लूडो सभी आयु एवं वर्गो के लोगो में अत्यधिक लोकप्रिय खेल है| इसके लिए किसी लंबे-चौड़े मैदान की आवश्यकता नहीं पड़ती, बल्कि यह घर के एक छोटे-से कोने में भी खेला जा सकता है| इसके लिए विशेष उपकरणों की भी आवश्यकता नहीं पड़ती| केवल एक गत्ते या प्लास्टिक का बोर्ड, जिसे लूडो-बोर्ड कहा जाता है, गोंटियां तथा पासे की आवश्यकता पड़ती है|
लूडो में प्रायः चार खिलाड़ी खेल सकते है| इसमे खेलने की दो स्थितियाँ होती है| चारों खिलाड़ी अलग-अलग भी खेल सकते है या दो-दो खिलाड़ियों के जोड़े बनाकर भी| दोनों की विधियां थोड़े-से अंतर के साथ लगभग एक जैसी होती है| जोड़े बनाकर खेलने में एक पक्ष के दोनों खिलाड़ी आमने-सामने बैठते है| सभी चारो खिलाड़ी अपनी गोंटियां का चयन कर लेते है, जो रंगो के आधार पर होता है|
ये सब सीख कर मैने बहुत बडी रक्कम हासील कर ली | केवल ludo3dgame.com पर जा कर, Google play store पे क्लिक करो और गेम install करो
तो, आपको भी यकीन करने की ज़रूरत है कि आप भी पैसे कमा लेंगे। यकीन बहुत जरूरी है क्योंकि इसके बिना आप कुछ भी नहीं हासिल कर पाएंगे। कभी भी नहीं! यदि आपको खुद में यकीन नहीं है तो आपको लगेगा कि आपकी ज़िंदगी के सबसे अच्छे लम्हे तो पहले ही गुजर चुके हैं। आप उसी तरह सोचते रहेंगे, तो ऐसा ही होगा…
यदि आप निराश हैं और किसी भी चीज पर या किसी भी व्यक्ति पर यकीन नहीं करते हैं, तो आप अपने जीवन को बदल देने वाले मौके को पहचान नहीं पाएंगे। क्या ये कोई चमत्कार था? हो सकता है। लेकिन फिर भी, ऐसा हुआ, इसलिए यह वास्तविक था। मैंने बस एक लेख पढ़ा, खुद पर यकीन रखा और एक निर्णय लिया। और इस तरह से मैंने कर दिखाया!
खैर, काफ़ी यादें शेयर कर चुकी, मैं पहले से ही विषय से काफ़ी भटक रही हूं…
उन लोगों के लिए जिन्हें आपके अगले चरणों पर आपको विस्तृत निर्देश देने के लिए कहा गया है अब उस सबसे बड़े रहस्य को जाहिर करने का समय आ गया है।
ख़ास तौर से उन लोगों के लिए जो हर समय पैसों के बारे में सोचना बंद करके कुछ करने और असली जिन्दगी जीने के लिए तैयार रहते हैं, तस्वीरों के साथ मैं विस्तार से समझाऊंगा, कि अभी आपको क्या करना है। एक बार में एक कदम।
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