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#बीजेपी में सुधार
dainiksamachar · 20 days
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वक्फ संशोधन बिल पर मुसलमानों से राय मांगेगी बीजेपी, अल्पसंख्यक मोर्चा को दी जिम्मेदारी
नई दिल्ली: कुछ प्रमुख संगठनों द्वारा वक्फ (संशोधन) विधेयक की तीखी आलोचना के बीच अल्पसंख्यक मोर्चा वक्फ बोर्ड में सुधार के लिये मुसलमानों से सुझाव मांगेगा और विधेयक की पड़ताल कर रही संसदीय समिति के सामने पेश करेगा। सूत्रों ने बताया कि राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्षों सहित सात बीजेपी सदस्यों की एक टीम देश भर के अल्पसंख्यक समुदाय के विचार जानेगी और कई मुद्दों पर उनकी चिंताओं को दूर करेगी। संसदीय टीम को रिपोर्ट सौंपेगा बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा बीजेपी के एक नेता ने दावा किया कि हम समिति को हर सुझाव से अवगत कराएंगे। अगर विधेयक के किसी पहलू पर कोई चिंता है, तो हम उसे भी व्यक्त करेंगे। लेकिन, हर जगह समुदाय द्वारा वक्फ बोर्ड में सुधार की जरूरत महसूस की जाती है। अल्पसंख्यक मोर्चा अपनी रिपोर्ट को बीजेपी नेतृत्व और सीनियर पार्टी सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति के साथ साझा करेगा। अल्पसंख्यक मोर्चा की टीम में कौन-कौन? अल्पसंख्यक मोर्चा की टीम के सदस्यों में उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और गुजरात में वक्फ बोर्ड के प्रमुख शादाब शम्स, सनवर पटेल और मोहसिन लोखंडवाला और हरियाणा वक्फ बोर्ड के प्रशासक जाकिर हुसैन शामिल हैं। पिछले सप्ताह बीजेपी मुख्यालय में अल्पसंख्यक मोर्चा की बैठक में भी यह मुद्दा उठाया गया था। वक्फ एक्ट के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश सूत्रों ने बताया कि पार्टी नेतृत्व ने मोर्चा प्रमुख जमाल सिद्दीकी से कहा है कि वह देशभर के मुसलमानों से संपर्क कर वक्फ अधिनियम में सुधार के पक्ष में माहौल बनाएं, ताकि विभिन्न वक्फ बोर्ड के कामकाज को और अधिक जवाबदेह और पारदर्शी बनाया जा सके। जमीयत उलेमा-ए-हिंद और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जैसे प्रमुख मुस्लिम संगठन प्रस्तावित विधेयक का विरोध कर रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि यह उनकी धार्मिक प्रथाओं के खिलाफ तथा संविधान का उल्लंघन है।(एजेंसी के इनपुट के साथ) http://dlvr.it/TCg1Kc
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rajasthan-serv · 5 months
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पेपर लीक
पेपर लीक के दानव को भजन लाल सरकार ने किया बेअसर
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मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने पेपर लीक रोकथाम हेतु SIT की गठित, मिस्टर सीएम भजनलाल सर के साथ पुलिस अधिकारियों का फोटो
राजस्थान में पेपर लीक पिछली सरकार के समय एक गंभीर समस्या बन गया था। पिछले पिछले 10 सालों की बात करें तो आरएएस, एलडीसी, कांस्टेबल सहित कई भर्तियों में या तो पेपर लीक होने के कारण परीक्षा रद्द की गई या फिर सवालों में गफलत के चलते परीक्षाएं निरस्त हो गईं। कुछ वर्षों में राजस्थान में रीट परीक्षा 2022, पटवारी परीक्षा 2023, राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2023 जैसी 17 सरकारी परीक्षाओं के पेपर एक के बाद एक लीक हुए, जिनसे न सिर्फ शिक्षा प्रणाली कमजोर हुई बल्कि सरकारी सिस्टम से छात्रों का विश्वास भी डगमगाया। पेपर लीक होने से परीक्षा की विश्वसनीयता कम हुई, युवाओं ने परीक्षा के परिणामों पर भरोसा करना बंद कर दिया, उन्हें लगने लगा कि यह निष्पक्ष नहीं हैं। इन त्रास्द हालातों ने कड़ी मेहनत कर प्रतियोगिता की तैयारी करने वाले छात्रों में मानसिक तनाव भर दिया। उनका मनोबल गिरा, उनका खुद से आत्मविश्वास उठ गया। कई महीनों तक पेपर लीक की घटना को लेकर छात्रों ने शहीद स्मारक पर धरना दिया लेकिन पूर्ववर्ती सरकार टाल मटोल वाला रुख अपनाए रही। परन्तु मिस्टर सीएम भजनलाल सर ने सत्ता में आते ही इसे सीरियस मैटर मानते हुए इस पर 5D फोकस के साथ निर्णय लिए और SIT गठित की।
सरकार बनते ही पेपर लीक पर लिए अहम निर्णय
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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शपथ ग्रहण की और अगले ही दिन SIT लागू की
इस बीच, राज्य में पेपर लीक के मामलों ने सियासत को गरमा दिया। बीजेपी लगातार कांग्रेस सरकार को घेरती रही पेपर लीक की जांच एसआईटी को सौंपने की मांग करती रही। उसने छात्रों की मांग उठाने के लिए कई आंदोलन किए, विधानसभा का घेराव किया, यहां तक की बीजेपी के कई कद्दावर नेताओं ने गिरफ्तारियां दी और लाठियां खाईं। मगर कांग्रेस सरकार के सिर जूं तक ना रेंगी। आनन फानन में पेपर लीक पर कानून तो बना दिया गया लेकिन इस अपराध को अंजाम देने वालों जांच कराने में कांग्रेस की गहलोत सरकार का रवैया बेहद लचर रहा। पेपर लीक में अपने मंत्री और सरकारी कर्मचारियों की संलिप्तता की आशंका के चलते कांग्रेस ने मामले पर कड़ा एक्शन लेना ज़रूरी ही नहीं समझा। परन्तु सीएम भजनलाल सर ने पेपर लीक को महत्वपूर्ण मुद्दा मानते हुए इसके सम्बन्ध में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। शपथ ग्रहण के अगले ही दिन से SIT पर कार्य शुरू हो चुका था।
अपना वादा निभाने की दिशा में बढ़ाए कदम
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की
विधानसभा 2023 के चुनाव बाद जब बीजेपी सत्ता में आई तो उसने छात्रों से किया पेपर लीक रोकने का अपना वादा निभाने की दिशा में कदम बढ़ाए। पेपर लीक प्रकरणों के विरुद्ध प्रभावी कदम उनके 5D फोकस मॉडल के प्रमुख कार्यों में से एक है। बीजेपी से मुख्यमंत्री चुने गए भजनलाल शर्मा ने सरकार फार्म होते ही सबसे पहले जो निर्णय राजस्थान की जनता के लिए किये उनमें पेपर लीक रोकने के लिए एसआईटी के गठन का फैसला सबसे ऊपर था। मिस्टर सीएम भजनलाल ने कहा कि ज़रूरत पड़ने पर पेपर लीक की जांच सीबीआई से भी कराई जाएगी। इतना ही नहीं भजन सरकार ने पेपर लीक माफिया पर शिकंजा कसने के साथ ही उनके घरों पर बुलडोजर कार्रवाई को अंजाम दिया। इस बेहद गंभीर मामले पर सख्ती दिखाते हुए आजादी के 75 वर्ष बाद पहली बार मोदी सरकार ने सदन में पब्लिक एग्जामिनेशन बिल पास कराया। इससे पहले पेपर लीक जैसे अपराध पर कभी देश के भविष्य को नुकसान पहुंचाने वालों को सजा देने के लिए कानून बनाने की किसी ने नहीं सोची थी।
पहली ही शुरुआत में दो सफल परीक्षाओं का संचालन
पेपर लीक रोकथाम हेतु मिस्टर सीएम सर के प्रयासों की हुई सराहना और जनता ने व्यक्त किया आभार
भजन सरकार पेपर लीक को खत्म करने के लिए कितनी गंभीर है इस बात का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सरकार बनने के पहले ही महीने में आयोजित सहायक आचार्य शारीरिक शिक्षक और लाइब्रेरियन की भर्ती परीक्षा बिना पेपर लीक के संपन्न हुईं। इससे पहले भर्ती परीक्षा के सफल आयोजन को लेकर सीएम सर पर खासा दबाव था लेकिन जिस तरह से उन्होंने इतने कम समय में 5D फोकस के साथ सरकारी सिस्टम के पेंच कसे और परीक्षा में लापरवाही के खिलाफ सख्ती दिखाई वह उनका बेहद सराहनीय प्रयास था। परीक्षा के पहले केंद्रों की सुरक्षा से लेकर परीक्षा प्रणाली में सुधार और पेपर लीक करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर उन्होंने न सिर्फ युवाओं के सामने बल्कि राजनीतिक दलों के सामने भी अपनी प्रतिबद्धता और निष्पक्ष अप्रोच का लोहा मनवाया।
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"Braking News from BHOPAL"
अब की बार 400 पार...
मालेगांव बम ब्लास्ट आरोपी खासदार प्रज्ञा सिंह ठाकुर इनका टिकट काट दिया गया प्रज्ञा सिंह ठाकुर बौखला गई बीजेपी के खिलाफ बगावत की तुरंत मालेगांव बम ब्लास्ट कैस में वारंट जारी कर दिया गया।
सुधार जाओ अभी वक्त है भक्तों यह कभी किसी की नहीं होंगे!!!
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newsdaynight · 1 year
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गोली लगने के बाद अस्पताल में पड़े थे प्रमोद महा���न, BJP के 'लक्ष्मण' को देख वाजपेयी की हो गई थी ऐसी हालत
Delhi: प्रमोद महाजन ने कम समय में ही तेजी से राजनीति में तरक्की की। पहली बार जब एनडीए की सरकार बनी तो उन्हें रक्षा मंत्री बनाया गया। हालांकि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार 13 दिन ही टिक सकी। दोबारा जब बीजेपी सत्ता में आई तब उन्हें राज्यसभा भेजा गया। सूचना प्रसारण मंत्री रहते उन्होंने कई सुधार किए। http://dlvr.it/SnRSZK
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balajeenews · 2 years
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कांग्रेस में आकर गलती की थी, माफ कर दीजिए; हमने गलती सुधार ली, कई आज भी घुट रहे : अल्पेश ठाकोर
कांग्रेस में आकर गलती की थी, माफ कर दीजिए; हमने गलती सुधार ली, कई आज भी घुट रहे : अल्पेश ठाकोर
गुजरात विधानसभा चुनाव के बीच बीजेपी नेता अल्पेश ठाकोर ने बड़ा बयान दिया है. ठाकोर इस बार गांधीनगर साउथ सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. आज ही उनकी सीट पर मतदान हो रहा है. एक मीडिया के साथ खास बातचीत में उन्होंने कहा कि उन्होंने कांग्रेस में आकर गलती की थी, माफ कर दीजिए. 50 साल से कांग्रेस से जुड़े गुलाब नबी आजाद और दूसरे नेताओं को भी गलती का एहसास हो रहा है. बीजेपी को यहां विकास के नाम पर वोट मिलेगा.…
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365store · 2 years
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नेहरू की गलतियों को मोदी ने सुधारा, इसका खामियाजा देश को 70 साल भुगतना पड़ा, बीजेपी ने की कांग्रेस से माफी की मांग
नेहरू की गलतियों को मोदी ने सुधारा, इसका खामियाजा देश को 70 साल भुगतना पड़ा, बीजेपी ने की कांग्रेस से माफी की मांग
जवाहरलाल, नरेंद्र मोदी और गुरु भाटिया हाइलाइट जय ने प्रकाश की घोषणा की युवा ख्याति प्राप्त भाटिया ने कहा- आधुनिक अपडेट अपडेट करें -गौरव भाटिया . खराब होने की स्थिति में सुधार करने के लिए. कांग्रेस ️ कांग्रेस️ कांग्रेस️ कांग्रेस️️️️️️️️️️️️️ प्ले ने प्ले की वर्ष के वर्ष के लिए वर्ष में एक वर्ष के लिए स्थापित होने के बाद, एक प्रेसीडेंट के रूप में स्थापित किया जाएगा। खेल। इस स्थिति में चलने का…
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trendingwatch · 2 years
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नितिन गडकरी, शिवराज चौहान आउट, येदियुरप्पा, सोनोवाल इन: टॉप बीजेपी बॉडी में मेजर रिवैम्प
नितिन गडकरी, शिवराज चौहान आउट, येदियुरप्पा, सोनोवाल इन: टॉप बीजेपी बॉडी में मेजर रिवैम्प
आखरी अपडेट: 17 अगस्त 2022, 14:33 IST नितिन गडकरी (बाएं) और शिवराज चौहान (दाएं) को भाजपा के शीर्ष निकाय से बाहर कर दिया गया है। (फाइल फोटो) भाजपा संसदीय बोर्ड की सूची में जेपी नड्डा, नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, अमित शाह, के लक्ष्मण, इकबाल सिंह लालपुरा, सुधा यादव, सत्यनारायण जटिया और बीएल संतोष शामिल हैं। नितिन गडकरी और शिवराज सिंह चौहान को बुधवार को भाजपा के सर्वोच्च निर्णय लेने वाले निकाय से…
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joinnoukri · 2 years
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Nupur Sharma supporter Prateek Pawar attacked by Muslims in Ahmednagar of Maharashtra | ‘मेरा भाई नूपुर शर्मा का समर्थक था', एक और युवक पर बर्बर हमला, 4 आरोपी गिरफ्तार
Nupur Sharma supporter Prateek Pawar attacked by Muslims in Ahmednagar of Maharashtra | ‘मेरा भाई नूपुर शर्मा का समर्थक था’, एक और युवक पर बर्बर हमला, 4 आरोपी गिरफ्तार
छवि स्रोत: इंडिया टीवी प्रतीक पवार. हाइलाइट नै नीपूर के प्रकाश की दृष्टिवैषम्य स्थिति में वे होते हैं। कोटा पाकर ने मौसम कर दिया है। घटना में शामिल 4 चौकस नूपुर शर्मा: बीजेपी देश के अलग-अलग अलग-अलग प्रकार के नूपुर में अलग-अलग प्रकार के होते हैं। ుు महाराष्ट्रు महाराष्ट्रు महाराष्ट्रు महाराष्ट्रు ుు महाराष्ट्रు ుు ుుు घटना के मामले में स्थिति में सुधार हुआ है और 4 स्थिति भी ठीक है। पेट के लक्षण…
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dainiksamachar · 20 days
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दिल्लीवाले कोई सुझाव देना चाहते हैं तो... केजरीवाल के मंत्री क्या प्लान ला रहे हैं?
नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए विंटर एक्शन प्लान बना रही है और उस पर काम चल रहा है। यह जानकारी रविवार को दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दी है। उनका कहना है कि 'दिल्लीवाले कोई सुझाव देना चाहते हैं, तो जरूर दें। हम उस पर भी काम करेंगे। रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए पर्यावरण मंत्री ने कहा, मैंने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से मिलने और बैठक करने के लिए पत्र लिखा, लेकिन वह कोई जवाब नहीं दे रहे हैं। लेकिन हम रुक नहीं रहे और प्रदूषण कम करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। आज दिल्ली के अंदर 13-16 फीसदी लोग इलेक्ट्रिक वाहन खरीद रहे हैं और दिल्ली सरकार लोगों का सहयोग कर रही है।'उन्होंने आगे कहा, 'सरकार ने सरकारी परिवहन में इलेक्ट्रिक बसों का एक बड़ा बेड़ा सड़कों पर उतारा है। 24 घंटे बिजली की वजह से जनरेटर खत्‍म हुए हैं। दिल्ली के अंदर हरित क्षेत्र 20 फीसद से बढ़कर 23.6 फीसदी हो गया है। इसके साथ ही चार साल में दो करोड़ से ज्‍यादा पेड़ लगाए हैं। दिल्ली में 2023 में 2016 के मुकाबले एक्यूआई के स्तर में सुधार हुआ है। 2016 में अच्छी हवा के 110 दिन थे। वहीं 2023 में यह 206 द‍िन हो गया। यह दिखाता है कि अरविंद केजरीवाल सरकार के कामों से प्रदूषण का स्तर कम हुआ है। मैं भारतीय जनता पार्टी के लोगों से कहना चाहूंगा कि कुछ भी बोलने से पहले, थोड़ी जानकारी ले लिया करें।' पॉल्यूशन कंट्रोल पर क्या बोले गोपाय राय? उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली सरकार ने कनॉट प्लेस में स्मॉग टावर लगाया और केंद्र सरकार ने आनंद विहार में लगाया। बीजेपी पर हमला बोलते हुए गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के लोग तीन बार से यहां सातों सांसद बीजेपी के बना रहे हैं। क्या दिल्ली में प्रदूषण कम करने की बीजेपी और उनके केंद्रीय पर्यावरण मंत्री की कोई ज‍िम्मेदारी नहीं है। आर्टिफिशियल वर्षा के लिए केंद्र सरकार के कई विभागों की मंजरी की जरूरत है। द‍िल्ली का प्रदूषण सबके सहयोग से ही कम हो सकता है, विरोध से नहीं। इससे निपटने के लिए आईआईटी कानपुर ने दिल्ली में आर्टिफिशियल वर्षा कराने की सलाह दी। इसे कराने के लिए हमने केंद्र सरकार से सहयोग मांगा। http://dlvr.it/TCg0tK
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merikheti · 2 years
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MSP Committee: संयुक्त किसान मोर्चा को बिनोद आनंद पर क्यों है आपत्ति?
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संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) ने एक प्रेस नोट जारी किया है। इसमें मोदी सरकार द्वारा गठित एमएसपी कमेटी (MSP Committee) के सदस्य बिनोद आनंद की सदस्यता को कटघरे में रखा गया है। मोर्चा के मुताबिक आनंद का कृषि क्षेत्र से कोई लेना-देना नहीं है।
कौन हैं बिनोद आनंद, कृषि और कोऑपरेटिव और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का उन्हें कितना अनुभव है। एमएसपी कमेटी में शामिल किए जाने पर संयुक्त किसान मोर्चा को आपत्ति क्यों है? जानिये-
विरोधाभास की वजह
केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा वृहद समिति के गठन के बाद संयुक्त किसान मोर्चा की नाराजगी और बढ़ गई है। इस बार केंद्र सहित सदस्य बिनोद आनंद निशाने पर हैं।
ये भी पढ़ें: MSP on Crop: एमएसपी एवं कृषि विषयों पर सुझाव देने वृहद कमेटी गठित, एक संगठन ने बनाई दूरी
केंद्र सरकार के केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने वृहद समिति के गठन का कारण कृषि एवं कृषक उन्नयन के प्रति सरकार की सजगता बताया है। केंद्र सरकार द्वारा बहुप्रतीक्षित एमएसपी कमेटी (MSP Committee) गठन के बाद विपक्ष की ओर से कांग्रेस और बसपा ने लिखित सवाल किए थे।
तीन नाम रिक्त
कमेटी के गठन के लिए सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा से तीन नाम प्रस्तावित करने कहा था। मंत्रालय के अनुसार सरकार ने मोर्चा की ओर से इस समिति के लिए प्रस्तावित नामों के लिए 6 महीने तक इंतजार किया। इस संदर्भ ने मोर्चा ने अभी तक नाम नहीं सुझाए हैं।
समिति के खिलाफ मोर्चा का मोर्चा
कमेटी गठित होने के बाद मोर्चा ने सदस्यों के साथ ही सदस्य चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। मोर्चा ने कई सदस्यों पर सरकार और डब्ल्यूटीओ का समर्थक होने का आरोप लगाया है। ऐसे ही एक सदस्य बिनोद आनंद (Binod Anand) पर आरोप हैं कि उनका कृषि से कोई लेना देना ही नहीं है।
ये भी पढ़ें: कृषि-कृषक विकास के लिए वृहद किसान कमेटी गठित, एमएसपी पर किसान संगठन रुष्ट, नए आंदोलन की तैयारी
वहीं दूसरी ओर आनंद के पक्ष में दावा है कि, बिनोद आनंद काफी लंबे अर्से से खेती-किसानी के साथ ही सहकारिता क्षेत्र के लिए सेवा प्रदान कर रहे हैं। वो किसान आंदोलनों का हिस्सा रहे हैं, ऐसा भी उन्हें चुनने वालों का कहना है।
मोर्चा का प्रेस नोट
संयुक्त किसान मोर्चा अराजनैतिक ने आनंद की काबलियत पर प्रेस नोट के जरिए सवाल उठाए हैं। प्रेस नोट में दर्ज है कि, किसान सहकारिता समूह के प्रतिनिधि के तौर पर बिनोद आनंद को इस कमेटी में शामिल किया गया है, जिनका कृषि क्षेत्र से कोई लेना-देना नहीं है। मोर्चा ने सोशल मीडिया प्रोफाइल के हवाले से बिनोद आनंद को कटघरे में रखने की कोशिश की है।
मोर्चा के अनुसार आनंद 2010-14 तक बीजेपी की ह्यूमन राइट्स सेल की नेशनल टीम में शामिल रहे। मोर्चा का ये भी कहना है कि आनंद ने धानुका एग्रो-केमिकल (Dhanuka Agritech Limited) में भी सलाहकार के तौर पर काम किया।
प्राइवेट कंसल्टेंसी का हवाला
अपने खिलाफ खोले गए मोर्चा के मोर्चे पर बिनोद आनंद ने भी अपना पक्ष रखा है। उन्होंने प्राइवेट सेक्टर में कंसंल्टेंसी से परिवार का भरण-पोषण करने का हवाला दिया एवं दूसरे किसान नेताओं को चंदाजीवी करार दिया। उन्होंने सवाल किया कि, बीजेपी का सदस्य होने से क्या कोई सदस्य किसान नहीं हो सकता? साथ ही जोड़ा कि, किसी भी पार्टी में आस्था रखने वाला सदस्य किसान हो सकता है।
बिनोद आनंद और कृषि कानून
बिहार में नवादा जिले के घोस्तमा गांव में रहने वाले बिनोद आनंद पढ़े-लिखे छोटे किसान हैं। आनंद खेती के तौर-तरीके बदलकर उसे मॉडर्न बनाने पक्षधर हैं, ताकि किसानों के जीवन स्तर में सुधार आ सके। आनंद चर्चा में इसलिए आए क्योंकि वे कृषि कानूनों में संशोधन करके उसे लागू करने के पक्ष में थे। उन्होंने इसके लिए कुछ शर्तों के साथ अपनी संस्था के नाम से इस कानून के पक्ष में 3,13,363 किसानों के समर्थन से संबंधित पत्र, आंदोलन के दौरान ही केंद्र सरकार को सौंप दिए थे।
ये भी पढ़ें: केन्द्र सरकार ने 14 फसलों की 17 किस्मों का समर्थन मूल्य बढ़ाया
किया था विरोध
उन्होंने कांट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट (Model Contract Farming Act, 2018) में किसानों से कोर्ट जाने का अधिकार छीने जाने पर अपना विरोध दर्ज कराया था। इसके अलावा तीनों कृषि कानूनों के कुछ प्रावधानों पर भी उन्होंने आपत्ति जताई थी। इनमें सुधार की शर्त के साथ ही उन्होंने सरकार को समर्थन प्रदान किया था।
आनंद का कहना है कि, मंदसौर किसान आंदोल�� में उन्होंने शिव कुमार शर्मा कक्का और गुरुनाम सिंह चढूनी के साथ सहभागिता की थी। आनंद, राष्ट्रीय किसान महासंघ के सदस्यों में से एक सदस्य हैं। मंदसौर कांड मामले में जंतर-मंतर पर लंबे समय तक किए गए धरना प्रदर्शन में भी वे शामिल रहे। किसानों को कर्ज मुक्त करने के साथ ही कृषि फसल की पूरी कीमत की मांग के साथ वे आंदोलन कर चुके हैं।
कोऑपरेटिव रिलेशन
कोऑपरेटिव सेक्टर से उनके संबंधों के बारे में भी बात की जाती है। वे दिल्ली के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में कई कार्यक्रम आयोजित कर चुके हैं।
ये भी पढ़ें : अब सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को मिलेगा सरकार की योजनाओं का लाभ
वे सहकारिता क्षेत्र के जाने-माने संस्थान पुणे स्थित वैकुंठ मेहता नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कोऑपरेटिव मैनेजमेंट के अल्मुनाई हैं। कृषि और कॉपरेटिव को लेकर आणंद, गुजरात स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट यानी इरमा और हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस के कई कार्यक्रमों का वे हिस्सा रह चुके हैं। आनंद, कॉन्फेडरेशन ऑफ एनजीओ ऑफ रूरल इंडिया (सीएनआरआई) के महासचिव हैं।
आरोप नहीं नाम दें
आरोपों के जवाब में बिनोद आनंद ने उल्टा मोर्चा को सलाह दी है। उन्होंने कहा कि, लंबे इंतजार के बाद भी संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने नाम नहीं दिया है।
ऐसे में सरकार ने एमएसपी व्यवस्था को प्रभावी तथा पारदर्शी बनाने, फसल विविधीकरण और जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग के लिए कमेटी का गठन कर दिया। सरकार ने इस वृहद समिति में मोर्चा की ओर से प्रस्तावित तीन नामों के लिए जगह भी रिक्त छोड़ी है। ऐसे में कमेटी के किसी सदस्य पर सवाल उठाने की बजाय मोर्चा को अपने आपसी झगड़ों को खत्म करना चाहिए। साथ ही मोर्चा को इस समिति का हिस्सा बनकर किसान के हित में काम करने के लिए सहयोग करना चाहिए।
संयुक्त किसान मोर्चा से आनंद ने सहयोगी रुख अपनाने की अपील की है, वहीं मोर्चा का रुख सरकार के खिलाफ मोर्चा जारी रखने का नजर आ रहा है।
source MSP Committee: संयुक्त किसान मोर्चा को बिनोद आनंद पर क्यों है आपत्ति?
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rudrjobdesk · 2 years
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महाराष्ट्रः बीजेपी को स्पीकर चुनाव जीतने का पूरा भरोसा, कहा- मतदान हुआ तो 170 वोट मिलेंगे
महाराष्ट्रः बीजेपी को स्पीकर चुनाव जीतने का पूरा भरोसा, कहा- मतदान हुआ तो 170 वोट मिलेंगे
मुंबई. महाराष्ट्र विधानसभा में एकनाथ शिंदे और बीजेपी के सहयोग से बनी नई सरकार की पहली अग्निपरीक्षा आज होनी है. महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर पद के लिए बीजेपी ने जहां राहुल नार्वेकर को उम्मीदवार बनाया है, वहीं महाविकास अघाड़ी गठबंधन ने शिवसेना के नेता राजन साल्वी को मैदान में उतारा है. स्पीकर के चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के नेता सुधार मुनगंटीवार ने उम्मीद जताई कि उनके प्रत्याशी को 288…
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nationalnewsindia · 2 years
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liajayeger1 · 3 years
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बिहार राजनीति: बीजेपी जदयू गतिरोध खत्म सीएम नीतीश कुमार ने विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा से की मुलाकात
बिहार राजनीति: बीजेपी जदयू गतिरोध खत्म सीएम नीतीश कुमार ने विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा से की मुलाकात
बिहार में मंगलवार को काम करने के बाद भी हवा में रुकना है। बीजीयू के बीच स्विच चालू हो गया है। बिहार के सुधार प्रक्रिया पूरी हो गई है। बैठक की बैठक की बैठक की बैठक में। बैठक में मतदान के लिए विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा, बिहार के अन्य उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री विजय चौधरी, सदस्य मंगल और ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव भी। मीटिंग में खराबी और संचार खराब हो रहा है। पर्यावरण के हिसाब से बैठक…
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divyabhashkar · 3 years
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बीजेपी: विधानसभा चुनाव: सपा का 32% वोट अब तक का सबसे ज्यादा बंटवारा है, लेकिन बीजेपी के 41.6% से पीछे है | भारत समाचार
बीजेपी: विधानसभा चुनाव: सपा का 32% वोट अब तक का सबसे ज्यादा बंटवारा है, लेकिन बीजेपी के 41.6% से पीछे है | भारत समाचार
नई दिल्ली: बी जे पी पांच में से चार राज्यों ने अपने 2017 के वोट शेयर को बरकरार रखा है या थोड़ा सुधार किया है – उत्तराखंड अपवाद है – कब कांग्रेस इसका हिस्सा पहाड़ी राज्य को छोड़कर हर जगह तेजी से गिरा। प्रमुख क्षेत्रीय खिलाड़ियों में, सपा ने यूपी में अपने वोट शेयर में 10 प्रतिशत से अधिक का सुधार किया है, जबकि बसपा राज्य में लगभग इतनी ही गिरावट देखी गई है। आप ने अपनी हिस्सेदारी लगभग दोगुनी कर ली है…
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breakingnewsfirst · 3 years
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1. PAN Card यूजर्स के लिए बड़ी खबर, जल्दी लिंक करें Aadhaar Card अन्यथा देना पड़ेगा हजारों का जुर्माना
2. Bank Holidays January 2022: नए साल में 16 दिन बंद रहने वाले हैं बैंक, पहले ही चेक कर लें छुट्टियों की लिस्ट
3. Gold Price Today: सोने-चांदी के खरीदारों के लिए खुशखबरी, सोना ऑलटाइम हाई से 9512 रुपये सस्ता
4. पीएम मोदी बोले- कांग्रेस ने महत्वपूर्ण योजनाओं को लंबित रखा जिसका खामियाजा उत्तराखंड की जनता को भुगतना पड़ा
5. सेंचुरियन टेस्ट: टीम इंडिया ने जीत के साथ किया साल का अंत, दक्षिण अफ्रीका को 113 रनों से हराया श्रंखला में बनाई 1-0 से बढ़त
6. हल्द्वानी रैली में बोले पीएम मोदी: विपक्ष लूटने में लगा, उत्तराखंड में विकास की गति हमने दी, पुरानी चीजों को सही कर रहा हूं
7. 26 दिसंबर से देश में हर रोज सामने आ रहे कोरोना के 10 हजार केस: स्वास्थ्य मंत्रालय
8. अमित शाह बोले UP में पलायन कराने वालों का हुआ पलायन, योगी सरकार ने अपराधियों का किया सफाया
9. कोरोना प्रतिबंधों पर बोलीं CM ममता-हर जगह पाबंदी लगाने से प्रभावित हो सकती है अर्थव्यवस्था
10. Bank Holiday List January 2022: नए साल जनवरी 2022 में बैंक 16 दिन बंद रहने वाले हैं। इनमें दूसरे व चौथे शनिवार और रविवार की छुट्टियां भी शामिल हैं। इस बार जनवरी 2022 में 5 रविवार पड़ रहे हैं और जनवरी के इस महीने में कई त्योहार जैसे– न्यू ईयर सेलिब्रेशन, मकर संक्रांति, स्वामी विवेकानंद जयंती, गणतंत्र दिवस भी पड़ रहे हैं, जिन पर बैंकों में छुट्टी रहेगी। हालांकि जनवरी माह में देश में हर जगह बैंक 16 दिन बंद नहीं रहेंगे।
11. मीडियाकर्मियों पर फूटा नीतीश का गुस्सा , कहा- ' समाज सुधार से नफरत है तो चले जाइए
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28. पंजाब के कुछ हिस्सों में तथा हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में शीत लहर का असर रहा, जबकि उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शीत लहर का प्रकोप जारी रहेगा।
29. गंगा के तटवर्ती इलाके और तेलंगाना के अधिकांश स्थानों और ओडिशा में कुछ स्थानों पर, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के पर्वतीय क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर तापमान सामान्य से 3.1 डिग्री सेल्सियस से 5.0 डिग्री सेल्सियस ऊपर रहा। 
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