BJP की पहली लिस्ट जारी, चाय वाले को उतार मैदान में, 11 के कटे टिकट
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हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए BJP ने 62 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सिराज से और अनिल शर्मा मंडी से मैदान में उतरेंगे। सतपाल सिंह सत्ती ऊना से चुनाव लड़ेंगे। हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को चुनाव होने हैं। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के चयन के लिए दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की अध्यक्षता में भाजपा संसदीय बोर्ड की मैराथन…
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BJP की पहली लिस्ट जारी, चाय वाले को उतार मैदान में, 11 के कटे टिकट
BJP की पहली लिस्ट जारी, चाय वाले को उतार मैदान में, 11 के कटे टिकट
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए BJP ने 62 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सिराज से और अनिल शर्मा मंडी से मैदान में उतरेंगे। सतपाल सिंह सत्ती ऊना से चुनाव लड़ेंगे। हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को चुनाव होने हैं। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के चयन के लिए दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की अध्यक्षता में भाजपा संसदीय बोर्ड की मैराथन…
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नितिन गडकरी, शिवराज चौहान आउट, येदियुरप्पा, सोनोवाल इन: टॉप बीजेपी बॉडी में मेजर रिवैम्प
नितिन गडकरी, शिवराज चौहान आउट, येदियुरप्पा, सोनोवाल इन: टॉप बीजेपी बॉडी में मेजर रिवैम्प
आखरी अपडेट: 17 अगस्त 2022, 14:33 IST
नितिन गडकरी (बाएं) और शिवराज चौहान (दाएं) को भाजपा के शीर्ष निकाय से बाहर कर दिया गया है। (फाइल फोटो)
भाजपा संसदीय बोर्ड की सूची में जेपी नड्डा, नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, अमित शाह, के लक्ष्मण, इकबाल सिंह लालपुरा, सुधा यादव, सत्यनारायण जटिया और बीएल संतोष शामिल हैं।
नितिन गडकरी और शिवराज सिंह चौहान को बुधवार को भाजपा के सर्वोच्च निर्णय लेने वाले निकाय से…
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बिहार: पैठ बढ़ाने के लिए जदयू अपने विश्वासपात्रों को करेगी 'पुरस्कृत'! Divya Sandesh
#Divyasandesh
बिहार: पैठ बढ़ाने के लिए जदयू अपने विश्वासपात्रों को करेगी 'पुरस्कृत'!
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के बाद तीसरे नंबर की पार्टी बनी जनता दल (युनाइटेड) लगातार अपने कुनबे को बढ़ाने में जुटी है। इसे लेकर ना केवल संगठन को मजबूत किया जा रहा है बल्कि पुराने रूठे दोस्तों को भी मनाने का दौर जारी है।
ऐसे में जदयू अब आयोग, निगम, बोर्ड की खाली पड़ी सीटों पर अपने विश्वासपात्रों को बैठाने के मंथन में जुटी हैं। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के बाद से जदयू ना केवल सोशल इंजीनियरिंग दुरूस्त कर जातिगत समीकरणों को साधने में जुटी है बल्कि एक ब��र फिर मुस्लिम, कुशवाहा और सवर्ण समुदाय के वोटरों को साधने में जुटी है।
यह खबर भी पढ़ें: सर्वे में चौकाने वाला खुलासा, शादी के बाद लड़कियों के हीप्स में क्यों आता हैं बदलाव
बताया जा रहा है कि इसी कड़ी में बहुजन समाज पार्टी के एकमात्र विधायक जमां खान को न केवल जदयू की सदस्यता ग्रहण करवाई गई, बल्कि उनको मंत्री पद भी दिया गया। इसी तरह पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) विधानसभा चुनाव में भले ही एक भी सीट नहीं जीत सकी हो लेकिन नीतीश कुमार ने कुशवाहा वोट की अहमियत को समझते हुए ना केवल रालोसपा का जदयू में विलय करवाया बल्कि पूर्व केंद्रीय मंत्री को विधान पार्षद बनाकर संसदीय दल का अध्यक्ष बना दिया।
जदयू के एक नेता का दावा है कि मुख्यमंत्री और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष नीतीश कुमार आयोग, निगम, बोर्ड की खाली पड़ी सीटों पर ऐसे विश्वासपात्रों को बैठाने को लेकर मंथन कर रहे है, जो संगठन को मजबूत कर सके और उसके सहारे वोटबैंक को भी मजबूत किया जा सके।
बिहार के पूर्व मंत्री और विधान पार्षद नीरज कुमार भी कहते हैं कि मंत्रिमंडल के गठन के बाद आयोग, निगम, बोर्ड के रिक्त पदों को भरा जाना स्वभाविक प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि राज्य में गठबंधन की सरकार है।
उन्होंने कहा कि भाजपा की तरफ से इन पदों को भरे जाने को लेकर सूची आएगी, तभी आगे कुछ होगा। उनका मानना है कि अभी कई राज्यों में चुनाव हो रहे हैं। ऐसे में इस तरह की कवायद कोई नबड़ी बात नहीं है। इसके लिए गठबंधन के लोग बैठेंगे और सूची तय हो जाएगी।
इधर, जदयू के एक नेता ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया कि इसके लिए जदयू में सूची तैयार की जा रही है। इस सूची में उनलोगों को तवज्जो दिया गया है जो जदयू के हर एक निर्णय में उसके साथ रहे हों साथ ही संगठन विस्तार को लेकर हमेशा काम करते रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि पार्टी वैसे लोगों पर भी नजरें इनायत कर सकती है, जो चुनाव में टिकट नहीं मिलने के कारण पार्टी से नाखुश चल रहे हैं। बहरहाल, राजग में आयोग, बोर्ड और निगम के रिक्त पदों को लेकर एकबार फिर सियासी पारा गर्म होगा।
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सीट बंटवारे के फार्मूले पर से आज उठेगा पर्दा, दोतरफा दबाव झेल रहे चिराग ने बुलाई संसदीय बोर्ड की बैठक
सीट बंटवारे के फार्मूले पर से आज उठेगा पर्दा, दोतरफा दबाव झेल रहे चिराग ने बुलाई संसदीय बोर्ड की बैठक
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सार
दोतरफा दबाव झेल रहे चिराग ने शनिवार को बुलाई संसदीय बोर्ड की निर्णायक बैठक
रविवार को उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती भाजपा, तेजस्वी-राहुल में बातचीत से बनेगी बात
विस्तार
बिहार विधानसभा में कांग्रेस राजद की अगुवाई वाले महागठबंधन और…
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30 तक संभावित उम्मीदवारों की लिस्ट तैयार कर लेगी लोजपा, संसदीय बोर्ड की बैठक में बूथ मैनेजमेंट पर चर्चा
30 तक संभावित उम्मीदवारों की लिस्ट तैयार कर लेगी लोजपा, संसदीय बोर्ड की बैठक में बूथ मैनेजमेंट पर चर्चा
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बिहार विधानसभा चुनाव के लिए 119 सीटों पर तैयारी कर रही है लोजपा
पिछले चुनाव में भाजपा-जदयू की हारी हुई सीटों पर है लोजपा की नजर
दैनिक भास्कर
Jun 16, 2020, 07:48 PM IST
पटना. लोक जनशक्ति पार्टी 30 जून तक विधानसभा चुनाव के लिए अपने संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार कर लेगा। इस सूची को पार्टी की प्रदेश संसदीय बोर्ड विचार के लिए दिल्ली भेजेगी। मंगलवार को प्रदेश संसदीय बोर्ड की बैठक में…
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Published by Shree Manglam News- महागठबंधन टूटा- बिहार में जदयू-भाजपा सरकार की वापसी, शपथग्रहण आज पटना। बिहार में महागठबंधन टूट गया। नीतीश कुमार फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ हो गए हैं। लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार की राजनीतिक दोस्ती 20 महीने में बिखर गई। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे लालू परिवार के अडि़यल रवैये से परेशान नीतीश कुमार ने बुधवार शाम को बिहार के मुख्यमंत्री पद... https://www.shreemanglamnews.com/archives/556
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महागठबंधन टूटा- बिहार में जदयू-भाजपा सरकार की वापसी, शपथग्रहण आज
पटना। बिहार में महागठबंधन टूट गया। नीतीश कुमार फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ हो गए हैं। लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार की राजनीतिक दोस्ती 20 महीने में बिखर गई। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे लालू परिवार के अडि़यल रवैये से परेशान नीतीश कुमार ने बुधवार शाम को बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। अब वह गुरुवार सुबह दस बजे राजग के समर्थन से बिहार में नई सरकार बनाएंगे। राजग भी उनकी सरकार में शामिल होगी। देर रात नीतीश कुमार, सुशील मोदी और जीतनराम मांझी ने राज्यपाल से मिल सरकार बनाने का दावा पेश किया। गुरुवार को होने वाले शपथग्रहण में नीतीश कुमार और सुशील मोदी ही शपथ लेंगे।
शुक्रवार 28 जुलाई को नीतीश विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे। चार साल बाद बिहार में फिर जदयू-भाजपा की सरकार बन ���ही है। शपथग्रहण समारोह में पीएम मोदी के भी शामिल होने की संभावना है। वहीं लालू और तेजस्वी ने मीडिया से बातचीत में दावा किया कि राज्य में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को सरकार बनाने का मौका पहले मिलना चाहिए।
बुधवार को बदल गई बिहार की राजनीति –
7 जुलाई को लालू प्रसाद के घर पर सीबीआइ का छापा पड़ा था। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी आरोपी बनाए गए। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का झंडा उठाए नीतीश ने तेजस्वी से कहा कि जनता में सफाई दें। लालू प्रसाद और तेजस्वी जिद पर अड़े थे। बार-बार कहा कि इस्तीफा नहीं देंगे। बुधवार को नीतीश कुमार ने फैसला किया कि अब ऐसा नहीं चल सकता। जदयू विधायकों की बैठक बुलाई गई। फिर शाम सवा छह बजे नीतीश कुमार अकेले ही राजभवन पहुंचे। प्रभारी राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी एक दिन पहले ही पटना पहुंचे थे। नीतीश ने उनको इस्तीफा सौंप दिया, जिसे मंजूर भी कर लिया गया। बाहर निकले नीतीश ने कहा कि मैं सब चीजों को झेलता रहा, लेकिन अब संभव नहीं था।
भाजपा के समर्थन का हुआ एलान-
नई दिल्ली में अमित शाह की अध्यक्षता में हुई संसदीय बोर्ड की बैठक में राज्य में नीतीश के साथ मिलकर सरकार बनाने का फैसला लिया गया। पार्टी का मानना था कि बिहार को अस्थिर करना देश के हित में नहीं है। इस बैठक में प्रधानमंत्री भी मौजूद थे। इधर पटना में देर शाम आठ बजे के बाद भाजपा ने राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी को नीतीश कुमार को समर्थन देने का पत्र सौंप दिया। उसके बाद मुख्यमंत्री आवास पर भाजपा और जदयू विधायक दल की संयुक्त बैठक में नीतीश को नया नेता भी चुन लिया गया। इस बैठक में रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) और जीतनराम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के विधायक भी शामिल हुए। तय किया गया कि बिहार में नीतीश कुमार अब एनडीए के समर्थन से नई सरकार बनाएंगे।
भाजपा की ओर से केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में जेपी नड्डा पटना पहुंच रहे हैं। इस्तीफा देकर नीतीश ने कहा
– जो स्थिति सामने उभर कर आई, उस माहौल में मेरे लिए काम करना मुश्किल हो रहा था।
– हमने कभी किसी का इस्तीफा नहीं मांगा। हमने यही कहा था कि जो आरोप लगे हैं उसके बारे में बताइए।
– हमने गठबंधन धर्म का पूरा पालन करने की कोशिश की। मेरे जैसे व्यक्ति के लिए यह इस्तीफा अंतरात्मा की आवाज है।
– राहुल गांधी से भी बात की। उन्होंने तो ऑर्डिनेंस फाड़ा था। लेकिन कोई रास्ता नहीं निकला।
– मेरा कमिटमेंट बिहार और यहां के लोगों के प्रति है। मैं किसी को ब्लेम नहीं कर रहा।
नीतीश पर तो हत्या का आरोप : लालू-
महागठबंधन के दुखद अंत से परेशान लालू प्रसाद ने नीतीश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कहा कि तेजस्वी के खिलाफ तो केवल भ्रष्टाचार का आरोप है, लेकिन नीतीश कुमार पर तो हत्या का आरोप है। यहां पुत्रमोह की बात नहीं है, बल्कि यह लड़ाई सिद्धांतों की है। भाजपा के साथ जाने के लिए नीतीश ने इस्तीफे का नाटक किया। भाजपा साजिश कर रही थी। कामयाब रही।
बिहार विधानसभा में आज की दलगत स्थिति कुल : 243-
जदयू : 71
राजद : 80
भाजपा : 53
कांग्रेस : 27
लोजपा : 02
रालोसपा : 02
हम : 01
भाकपा (माले): 03
निर्दलीय : 04
इस्तीफे के पांच कारण-
– 5 जुलाई को सीबीआइ ने लालू प्रसाद, राबड़ी देवी व तेजस्वी यादव समेत आठ लोगों पर एफआइआर दर्ज की। नीतीश ने तेजस्वी से स्पष्ट जवाब देने को कहा। लालू ने कहा, तेजस्वी इस्तीफा नहीं देंगे।
– राष्ट्रपति चुनाव में जदयू ने एनडीए उम्मीदवार को समर्थन दिया। इस पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा, नीतीश ऐतिहासिक भूल कर रहे हैं, अपने फैसले पर पुनर्विचार करें।
– जदयू द्वारा तेजस्वी यादव के इस्तीफे को लेकर दबाव बढ़ा तो राजद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की छवि पर हमला किया। राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह कहा, भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का ढोंग कर रहे हैं नीतीश।
-एनडीए के विरुद्ध विपक्ष की एकजुटता को लेकर राजद ने 27 अगस्त को गांधी मैदान में भाजपा भगाओ रैली की एकतरफा घोषणा की। इससे भी जदयू-राजद के बीच दूरी बढ़ी।
-नीतीश कुमार को लेकर कांग्रेस ने भी तंज कसा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश सिंह ने कहा, कांग्रेस को नीतीश की जरूरत नहीं।
महागठबंधन टूटा –
राजग-जदयू ने पेश किया सरकार बनाने का दावा,
सुशील मोदी बनेंगे डिप्टी सीएम
आज शाम पांच बजे शपथग्रहण समारोह,
पीएम मोदी हो सकते हैं शामिल
बौखलाए लालू ने लगाए ताबड़तोड़ आरोप-
जनता में सिर्फ भ्रष्टाचार के इस मामले की चर्चा हो रही है। मेरे जैसे व्यक्ति के लिए ऐसी स्थिति में काम करना मुश्किल था। मैंने अपनी अंतरात्मा की आवाज पर इस्तीफा दिया है। मैं अपने तौर-तरीके से काम नहीं कर पा रहा था। इसलिए खुद को अलग कर रहा हूं – नीतीश कुमार।
-भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में जुड़ने के लिए नीतीश कुमार को बहुत-बहुत बधाई। सवा सौ करोड़ नागरिक ईमानदारी का स्वागत और समर्थन कर रहे हैं। देश के, विशेष रूप से बिहार के उज्ज्वल भविष्य के लिए राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर भ्रष्टाचार के खिलाफएक होकर लड़ना आज देश और समय की मांग है– नरेंद्र मोदी।
हमने जो निर्णय लिया उस पर माननीय प्रधानमंत्री के ट्वीट के द्वारा दी गई प्रतिक्रिया के लिए उन्हें तहेदिल से धन्यवाद–नीतीश कुमार।
बिहार में रिकॉर्ड तोड़ बहुमत भाजपा के विरुद्ध मिला था। अब उसी भाजपा के समर्थन से नीतीश सरकार चलाकर नैतिकता का रिकॉर्ड स्थापित करेंगे। नैतिकता और भ्रष्टाचार की दुहाई देने वाले नीतीश को चुनाव में आना चाहिए। पता लग जायेगा जनता कितनी उनके साथ है? -लालू प्रसाद यादव, राजद प्रमुख
आधी रात को बदल गया बिहार-
शाम को नीतीश ने दिया इस्तीफा, 12 बजे रात एनडीए के साथ राजभवन पहुंच गए नई सरकार के लिए
– सिर्फ मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री लेंगे शपथ, बाद में तय होंगे मंत्रियों के नाम
– जीतन राम मांझी, नंदकिशोर, प्रेम कुमार, मंगल पांडेय और नितिन नवीन भाजपा कोटे से हो सकते हैं मंत्री
सुभाष पांडेय, पटना : बुधवार आधी रात तक बिहार बदल गया। चार साल पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार थे और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी। अब फिर वह जोड़ी दिखेगी। गुरुवार शाम पांच बजे राजभवन में नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी शपथ ग्रहण करेंगे। चार साल बाद बिहार में फिर राजग की सरकार बन रही है। इसकी पटकथा बुधवार आधी रात तक लिखी जा चुकी थी। बिहार की राजनीति इतने कम समय में इतना बड़ा बदलाव कभी नहीं देखा गया।
फिर उप मुख्यमंत्री बनेंगे सुशील कुमार मोदी –
चार साल के बाद बिहार की सत्ता में भाजपा की वापसी होने जा रही है। देर रात एनडीए विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद नीतीश कुमार ने राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया। राजभवन में शाम पांच बजे नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री और सुशील कुमार मोदी को उपमुख्यमंत्री की शपथ दिलाई जाएगी। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से विचार विमर्श के बाद राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। इससे पहले एनडीए के नेताओं की बैठक में सत्ता में हिस्सेदारी का फार्मूला तय हो जाएगा।
विधायकों पर तय होगी मंत्रियों की संख्या-
यह तय माना जा रहा कि बिहार में एनडीए सरकार का स्वरूप वहीं होगा जो चार साल पहले था। विधायकों की संख्या बल के आधार पर मंत्रियों के कोटे तय होंगे। इस बार घटक दल के रूप में लोक जनशक्ति पार्टी, रालोसपा और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा भी सरकार में शामिल रहेगी। एक दो चेहरे अवश्य बदले जाएंगे। मसलन उस वक्त जदयू कोटे से नंबर दो की हैसियत के मंत्री रहे विजय कुमार चौधरी की जगह राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह होंगे। जदयू कोटे से विजेंद्र प्रसाद यादव, श्रवण कुमार, महेश्वर हजारी, कपिलदेव कामत, मदन सहनी का दोबारा मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है। नए नाम होंगे भाजपा मंत्रियों की सूची भाजपा कोटे से नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार, नंदकिशोर यादव, मंगल पांडेय, साथ ही नितिन नवीन जैसे युवा चेहरे को भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावना है। हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष और पार्टी के एकमात्र विधायक पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का भी मंत्री बनना तय माना जा रहा है। अवधेश नारायण सिंह मंत्री नहीं बने, तो विधानपरिषद के सभापति बनाए जा सकते हैं। बीस साल बाद खत्म होगा केंद्र और बिहार का टकराव : लम्बे अरसे के बाद बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में ऐसे गठबंधन की सरकार होगी जिसकी दिल्ली के साथ ही पटना में भी हुकूमत चलेगी। केंद्र और राज्य में दोनों जगह सरकार होगी। इससे केंद्र-राज्य के टकराव का दौर अब समाप्त होगा। बिहार इसका पहले ही अधिक बहुत खामियाजा भुगत चुका है।
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