गोवा जाने का बना रहे हैं प्लान तो इन 5 खूबसूरत Beach को अपने डेस्टिनेशन लिस्ट में जरूर करें शामिल
गोवा जाने का बना रहे हैं प्लान तो इन 5 खूबसूरत Beach को अपने डेस्टिनेशन लिस्ट में जरूर करें शामिल
अगर आप कम भीड़ भाड़ वाले बीच को एंजॉय करना चाहते हैं तो कैंडोलिम बीच (Candolim Beach) जरूर जाएं. यह अन्य बीच की तुलना में कम भीड़भाड़ वाली जगह है. यह रेत के टीलों के लिए काफी मशहूर है. यही इसे एक अलग पहचान देता है. यहां भी आप वॉटर स्पोर्ट्स का मज़ा ले सकते हैं. रेत, खुशनुमा मौसम और नेचर से घिरे इस बीच को आप काफी एन्जॉय करेंगे. यह बर्डेज, उत्तरी गोवा में स्थित है. Image : Canva
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Success Story Of Surabhi Gautam: कभी खराब अंग्रेजी के लिए उड़ाया गया था मजाक, IAS ऑफिसर बनकर पेश की अनोखी मिसाल
मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। इस बात को सही साबित किया है IAS ऑफिसर सुरभि गौतम ने। जिन्हें कभी अपनी खराब इंग्लिश के लिए लोगों के ताने सुनने पड़े थे, उन्हें हंसी का पात्र बनना पड़ा था। लेकिन उन्होंने लोगों के मज़ाक उड़ाने की परवाह नहीं की और अपनी लगन और मेहनत से IAS बनने के सपने को साकार किया। सुरभि गौतम की पढ़ाई वैसे तो हिंदी मीडियम में हुई थी। वो शुरू से ही टॉपर थी। उन्होंने हर प्रतियोगी परीक्षा को अच्छे नंबर से पास किया था। फिर चाहे वो BARC, ISRO, GTE, SAIL, MPPSC, SSC, FCI ही क्यों न हो। उन्होंने लगभग हर परीक्षा को पास करके अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है। लेकिन IAS बनना और लोगों को अपनी प्रतिभा के जरिए जवाब देना सुरभि गौतम के लिए आसान नहीं था। आइए जानते हैं उनके जीवन का प्रेरक सफर के बारे में।
बचपन से ही पढ़ाई में थी होशियार
मध्य प्रदेश के सतना के छोटे से गांव के एक सामान्य परिवार में जन्मीं सुरभि गौतम के पिता एक वकील थे, उनकी मां शिक्षिका थी। सुरभि को बचपन से ही पढ़ने का बहुत शौक था। इन्होंने शुरूआती शिक्षा गांव के एक सरकारी स्कूल में करा दिया। उनकी पढ़ाई हिंदी मीडियम के जरिए हुई। मध्य प्रदेश के स्कूलों में पांचवीं में भी बोर्ड परीक्षा होती है। जब पांचवीं के बोर्ड परीक्षा में सुरभि ने शत-प्रतिशत अंक हासिल किये। इशके लिए टीचर ने उन्हें शाबाशी भी दी। सुरभि को अपनी तारीफ सुनकर अच्छा लगा इससे उन्होंने और पढ़ाई करने की ठानी।
कठिनाइयों के बीच हासिल की शिक्षा
सुरभि गौतम पढ़ाई के प्रति काफी सचेत थी। लेकिन इसी बीच उनके जोड़ों में रह-रहकर दर्द उठने लगा था, पर वह उसे नजरअंदाज करती रहीं। धीरे-धीरे दर्द पूरे शरीर में फैल गया, और एक दिन वह बिस्तर से उठ नहीं पाई। उनके माता-पिता उन्हें डॉक्टर के पास ले गए वहां डॉक्टर ने बताया कि उन्हें ‘रूमैटिक फीवर’ हुआ है। यह बीमारी हृदय को नुकसान पहुंचाती है और कुछ मामल��ं में मृत्यु भी हो जाती है। यह सुनकर माता-पिता बहुत दुःखी हुए। डॉक्टर ने सुरभि को हर 15 दिन पर पेनिसिलिन का इंजेक्शन लगाने की सलाह दी। गांव में कुशल डॉक्टर नहीं होने के कार सुरभि को हर 15 दिनों में जबलपुर जाना पड़ता था। लेकिन इतना कुछ होने के बावजूद भी कमजोर सेहत, अभावों के बीच भी सुरभि ने अपनी पढ़ाई से मुंह नहीं मोड़ा। उन्होंने पढ़ाई करना जारी रखा। सुरभि को दसवीं बोर्ड में गणित के साथ विज्ञान में भी शत-प्रतिशत अंक मिले। उन्हें राज्य के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों में गिना गया। अपनी लगन के कारण ही इन्होंने कम उम्र में ही पढ़ाई के जरिए उन्होंने अपना नाम स्थापित कर लिया था।
कॉलेज में अंग्रेजी का उड़ा मज़ाक
कक्षा 12वीं में अच्छे नंबर आने के बाद सुरभि गौतम ने एक स्टेट इंजीनियरिंग एंट्रेंस परीक्षा पास की और उन्होंने भोपाल के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन्स में एडमिशन लिया। सरकारी स्कूल में पढ़ाई के दौरान वह अपने स्कूल की सबसे बेस्ट स्टूडेंट थीं। सुरभि जब स्कूल से निकलकर कॉलेज पहुंची तो वहां का माहौल एकदम अलग था। वो हिंदी मीडियम से पढ़ाई करके गई थी। लेकिन कॉलेज में अधिकतर छात्र-छात्राएं इंग्लिश बोलते थे। सुरभि को अंग्रेजी बोलने में परेशानी होती थी तो स्टूडेंट उनकी मज़ाक उड़ाते थे। हमेशा अवव्ल आने वाली सुरभि कॉलेज में सबसे पीछे बैठने लगी। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
ऐसे पास की बड़ी परीक्षाएं
अंग्रेजी न आने की मार सहते हुए सुरभि ने ठान लिया कि वो अंग्रेजी सीख कर रहेंगी। उन्होंने रोजाना दिन में कम से कम 10 इंग्लिश के शब्द सीखने शुरू किए। वो दीवारों पर लिखकर शब्दों को याद करने लगी। यहां तक की सपनों में भी वो खुद को अंग्रेजी में बात करते हुए देखने लगी। देखते ही देखते उन्होंने अपनी इस कमजोरी पर काबू पा लिया और इसके बाद उन्होंने अपने ग्रेजुएशन के फर्स्ट सेमेस्टर में टॉप किया और इसके लिए उन्हें कॉलेज चांसलर अवार्ड भी दिया गया। उन्होंने खुद को कुछ बानाने की ठानी। कॉलेज में प्लेसमेंट के दौरान सुरभि को टीसीएस कंपनी में जॉब मिल गई, लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। इसके बाद उन्होंने लगातार BARC, ISRO, GTE, SAIL, MPPSC, SSC, FCI और दिल्ली पुलिस जैसे कई प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लिया और सभी को पास कर लिया।
ऐसे बनीं आईएएस
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं को पास करते हुए सुरभि गौतम ने साल 2013 में अपने पहले ही प्रयास में आईईएस की परीक्षा भी पास कर ली। इसमें उनकी ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक आई। लेकिन सुरभि ने अपना लक्ष्य आईएएस बनना तय कर रखा था। इसलिए, उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखी और साल 2016 में देश का सबसे कठिन माने जाने वाले यूपीएससी परीक्षा में सुरभि ने अपने पहले प्रयास में 50वीं रैंक हासिल कर ली।
सुरभि गौतम ने अपनी एबिलिटी के अनुसार खुद को गाइड किया और पहले ही प्रयास में आईएएस बनकर लाखों उम्मीदवारों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गईं। उन्होंने अपनी कमजोरियों को ताकत बनाकर सफलता की नई कहानी लिखकर दूसरों को बता दिया कि अगर मन में दृढ़ संकल्प लेकर किसी काम को किया जाए तो कुछ भी असंभव नहीं है।आपको सुरभि गौतम की यह कहानी कैसे लगी आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं साथ ही अपने सुझाव भी दर्ज करा सकते हैं।
Source: https://hindi.badabusiness.com/motivational/success-story-of-surabhi-gautam-10888.html
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आलिया भट्ट और आकांक्षा कपूर का WhatsApp चैट हुआ पब्लिक, वायरल हो रहा स्क्रीनशॉट
आलिया भट्ट और आकांक्षा कपूर का WhatsApp चैट हुआ पब्लिक, वायरल हो रहा स्क्रीनशॉट
आलिया भट्ट और आकांक्षा कपूर बेस्ट फ्रेंड्स हैं। एक सच्चे दोस्त की तरह दोनों एक-दूसरे की प्रति हद से ज्यादा ईमानदार भी हैं। दोनों दोस्तों के बीच वॉट्सऐप पर खूब बातें होती हैं। इसमें दोनों एक-दूसरे का मनोबल भी बढ़ाते हैं और जरूरत पड़ने पर खूब आलोचना भी करते हैं। आलिया और आकांक्षा के एक ऐसे ही वॉट्सचैट का स्क्रीनशॉट सामने आया है। आलू यानी आलिया संग आकांक्षा का यह चैट मजेदार है। मामला सोशल…
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लद्दाख मुद्दा: संबित पात्रा का गांधी फैमिली पर निशाना, कहा-एक परिवार जिसने न ठीक से सवाल रखे, न जवाब से..
लद्दाख मुद्दे पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी गांधी परिवार पर निशाना साधा है
नई दिल्ली:
Ladakh Clash: लद्दाख हिंसक संघर्ष मामले में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के बाद पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit patra) ने भी गांधी परिवार पर निशाना साधा है. पात्रा ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस पार्टी और खासतौर पर गांधी परिवार (Gandhi Family) पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि लद्दाख में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हिंसक संघर्ष के चलते LAC पर तनाव के मसले पर सर्वदलीय बैठक हुई थी, प्रधानमंत्री ने इसके बाद बयान दिया था लेकिन सिर्फ एक ही परिवार है जिसने न सवाल ठीक से रखा, न जवाब से संतुष्ट है.
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इस दौरान पात्रा ने कांग्रेस (Congress) और उसकी पूर्ववर्ती सरकार पर कई गंभीर आरोप भी लगाए. उन्होंने कहा किसरकार कहती है कि वह इस मामले में अवेयर है. पाकिस्तान और चीन इस इलाके में बहुत कुछ बना रहा है, आप यह बात जानते थे, फिर आपने (पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने) LAC के पास इन्फ्रास्ट्रक्चर क्यों नही बनाया. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी कहते थे- नो डेवलपमेंट इन बॉर्डर इस बेस्ट पॉलिसी. वर्ष 2017 में सभी अखबारों में यह बात आई कि भारत और पाकिस्तान सियाचिन ग्लेशियर पर 1989, 1992, 2006 में सेना को हटाने (Demilitarization) पर लगभग सहमत थे. श्याम सरन, शिवशंकर मेनन और मनमोहन सिंह ने ये अपनी नाकामी की बुक रिलीज की है. पात्रा ने कहा कि ये सियाचिन देने वाले थे लेकिन बातचीत फेल हो गई. इन सभी समय में इसी परिवार के लोगो की सरकार थी.
पात्रा ने आरोप लगाया कि सियाचिन को पाकिस्तान को देने की बात हो चुकी थी लेकिन सेना ने गांधी परिवार को ऐसा नही करने दिया. बीजेपी प्रवक्ता के अनुसार सेना प्रमुख जनरल जेजे सिंह के कहने के बाद ये डील कैंसिल हुई. उन्होंने कहा कि भारत का हित (Intrest) वाड्रा परिवार का हित नहीं है. खारिज किए गए इस ‘राजवंश’ को देश की जनता ने ‘रिजेक्ट एंड इजेक्ट’ कर दिया हैये चीन पर अभी भी भ्रम की राजनीति कर रहे है. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि पहला पेपर संसद के सवाल जवाब है – UPA के वक़्त का है – विदेश मंत्रालय 2012 में ये जवाब दिया गया था – भारतीय जमीन पर पाकिस्ता और चीन ने किया कब्जा…सवाल यही है (Y S Choudhary)पांच सवाल पूछे गए थे चीन और पाकिस्तान पर – इसका सारांश ये है कि कितनी जमीन हड़पी गई है. इस पर तत्कालीन मंत्री ई.अहमद का जवाब- 78000 स्क्वेयर किमी क्षेत्र पाकिस्तान और चीन ने हड़प रखे है. 38000 स्क्वेयर किमी चीन अभी भी किया हुआ है. उन्होंने कहा कि आज भारत मां, बेटे से पूछ रही है 78000 वर्ग किलोमीटर जमीन आपने क्यों दी?
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अंडमान घूमने जाएं तो मिस न करें इन 5 बीच की सैर, जानें क्या है इनमें खास »
एलीफेंट बीच भी अंडमान और निकोबार समुद्र तट के खूबसूरत बीच में से एक है। हैवलॉक द्वीप से इस बीच में जानें के लिए नाव से या फिर 30 मिनट के जंगल के रास्ते को पार करके जा सकते हैं।
English
सोचिए, अगर आपका मन कहीं बीच पर घूमने का करता है और आप इसके लिए किसी ऐसी ही डेस्टिनेशन को चुनते हैं, तो आपको वहां घूमने का बड़ा क्रेज रहता है। लेकिन जब आप कुछ बीच पर पहुंचते हैं, तो आपको वो जगह इतनी अच्छी नहीं लगती, जैसी आपने सोची थी। ऐसे में आप अपनी ट्रिप का पूरा मजा नहीं ले पाते। अगर आपको बीच देखने का शौक है, तो घूम आइए, अंडमान जहां आपको बहुत खूबसूरत कई बीच मिलेंगे।
राधानगर बीच
हैवलॉक का राधानगर बीच अंडमान निकोबार के बेस्ट बीचेस में से एक है। एक मैगजीन द्वारा दुनिया के 7वें बेस्ट बीच की रैंक में शामिल हो चुका है। यहां स्पार्क जैसी चमकती रेत में सनसेट का एक अलग ही मजा है। राधानगर बीच पर स्नोर्कलिंग, फिसिंग गेम, स्वीमिंग और स्कूबा डाइविंग आदि पयर्टकों के लिए हैं।
एलीफेंट बीच
एलीफेंट बीच भी अंडमान और निकोबार समुद्र तट के खूबसूरत बीच में से एक है। हैवलॉक द्वीप से इस बीच में जानें के लिए नाव से या फिर 30 मिनट के जंगल के रास्ते को पार करके जा सकते हैं। शांत समुद्र तट के शांत पानी का नेवी रंग, विविध प्रकार के समुद्री जीव और स्नोर्कलिंग का अलग ही मिलता है।
विजयनगर बीच
हैवलॉक का विजयनगर बीच भी शानदार है। यहां पानी हवा में उछलता दिखाई देता है। तैराकी, नौकायन, फोटोग्राफी और वाटर सर्फिंग के लिए यह बीच परफेक्ट है। यहां पर बीच के किनारे प्रकृति की खूबसूरती देखते ही बनती है। समुद्र के नीले पानी के किनारे महुआ के पेड़ों की छाव का नजारा बेहद शानदार लगता है।
काला पत्थर बीच
काला पत्थर बीच का नाम भले ही सुनने में थोड़ा अटपटा लगता हो लेकिन यह बेहद खूबसूरत है। हैवलॉक आईलैंड में आने वाले पयर्टक यहां पर खूब मस्ती करते हैं। बीच के किनारे हल्की धूप में किताब पढ़ने या फिर चांदी से चमकते रेत में बैठने पर बहुत अच्छा अनुभव होता है।
वंडूर बीच
वंडूर बीच मोस्ट अंडमान निकोबार का काफी पॉपुलर बीच है। यह बीच महात्मा गांधी नेशनल मरीन पार्क के प्रवेश द्वार पर स्थित है। इसमें बड़ी संख्या में समुद्री जीव आते हैं। फोटोग्राफरों और प्रकृति प्रेमियों के लिए यह जगह किसी स्वर्ग से कम नही है। यहां इस बीच के किनारे पयर्टकों को टहलने में बहुत अच्छा लगता है।
Posted By: Pratima Jaiswal
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लद्दाख मुद्दा: संबित पात्रा का गांधी फैमिली पर निशाना, कहा-एक परिवार जिसने न ठीक से सवाल रखे, न जवाब से..
लद्दाख मुद्दे पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी गांधी परिवार पर निशाना साधा है
नई दिल्ली:
Ladakh Clash: लद्दाख हिंसक संघर्ष मामले में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के बाद पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit patra) ने भी गांधी परिवार पर निशाना साधा है. पात्रा ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस पार्टी और खासतौर पर गांधी परिवार (Gandhi Family) पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि लद्दाख में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हिंसक संघर्ष के चलते LAC पर तनाव के मसले पर सर्वदलीय बैठक हुई थी, प्रधानमंत्री ने इसके बाद बयान दिया था लेकिन सिर्फ एक ही परिवार है जिसने न सवाल ठीक से रखा, न जवाब से संतुष्ट है.
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इस दौरान पात्रा ने कांग्रेस (Congress) और उसकी पूर्ववर्ती सरकार पर कई गंभीर आरोप भी लगाए. उन्होंने कहा किसरकार कहती है कि वह इस मामले में अवेयर है. पाकिस्तान और चीन इस इलाके में बहुत कुछ बना रहा है, आप यह बात जानते थे, फिर आपने (पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने) LAC के पास इन्फ्रास्ट्रक्चर क्यों नही बनाया. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी कहते थे- नो डेवलपमेंट इन बॉर्डर इस बेस्ट पॉलिसी. वर्ष 2017 में सभी अखबारों में यह बात आई कि भारत और पाकिस्तान सियाचिन ग्लेशियर पर 1989, 1992, 2006 में सेना को हटाने (Demilitarization) पर लगभग सहमत थे. श्याम सरन, शिवशंकर मेनन और मनमोहन सिंह ने ये अपनी नाकामी की बुक रिलीज की है. पात्रा ने कहा कि ये सियाचिन देने वाले थे लेकिन बातचीत फेल हो गई. इन सभी समय में इसी परिवार के लोगो की सरकार थी.
पात्रा ने आरोप लगाया कि सियाचिन को पाकिस्तान को देने की बात हो चुकी थी लेकिन सेना ने गांधी परिवार को ऐसा नही करने दिया. बीजेपी प्रवक्ता के अनुसार सेना प्रमुख जनरल जेजे सिंह के कहने के बाद ये डील कैंसिल हुई. उन्होंने कहा कि भारत का हित (Intrest) वाड्रा परिवार का हित नहीं है. खारिज किए गए इस ‘राजवंश’ को देश की जनता ने ‘रिजेक्ट एंड इजेक्ट’ कर दिया हैये चीन पर अभी भी भ्रम की राजनीति कर रहे है. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि पहला पेपर संसद के सवाल जवाब है – UPA के वक़्त का है – विदेश मंत्रालय 2012 में ये जवाब दिया गया था – भारतीय जमीन पर पाकिस्ता और चीन ने किया कब्जा…सवाल यही है (Y S Choudhary)पांच सवाल पूछे गए थे चीन और पाकिस्तान पर – इसका सारांश ये है कि कितनी जमीन हड़पी गई है. इस पर तत्कालीन मंत्री ई.अहमद का जवाब- 78000 स्क्वेयर किमी क्षेत्र पाकिस्तान और चीन ने हड़प रखे है. 38000 स्क्वेयर किमी चीन अभी भी किया हुआ है. उन्होंने कहा कि आज भारत मां, बेटे से पूछ रही है 78000 वर्ग किलोमीटर जमीन आपने क्यों दी?
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