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काशी में एक लहरतारा तालाब था।गंगा नदी का जल लहरों के द्वारा नीची पटरीके ऊपर से उछल कर एक सरोवर में आताथा। इसलिए उस सरोबर का नाम लहरतारापड़ा। उस तालाब में बड़-2 कमल के फूलउगे हुए थे। नीरू-नीमा(निःसन्तान दम्पत्ति थे)ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी विक्रमी संवत्1455 (सन् 1398) सोमवार को ब्रह्म मुहूर्तमें स्नान करने के लिए गए हुए थे। वहां नीरू-नीमा को कमल क���द फूल पर शिशु रूप मेंकबीर परमात्मा मिले थे। उसी दिन को कबीरप्रकट दिवस के रूप में मनाया जा रहा है
#परमात्मा_का_पृथ्वी_पर_आगमन
3Days Left Kabir Prakat Diwas
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दर्द बढ़ते बढ़ते , दवा हो जाता है।।।
यह तो झूठ है |।।।।।
दर्द बढ़ते बढ़ते और बड़ जाता है।।।।।
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मगहर से कबीर परमात्मा हजारों लोगों के सामने से सशरीर सतलोक को गये थे।
सत् कबीर नहीं नर देही, जारे जरत ना गाई गइही। पठ्यो दूत पुनि जहाँ पठाना, सुनिके खान अचंभौ माना। दोई दल आई सलाहा अजबही, बने गुरु नहीं भेंटै तबही। दोनों देख तबै पछतावा, ऐसे गुरु चिन्ह नहीं पावा। दोऊ दीन कीन्ह बड़ शोगा, चकित भए सबै पुनि लोंगा।
कबीर परमेश्वर निर्वाण दिवस
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आदि अंत कोउ जासु न पावा मति अनुमानि निगम अस गावा
भावार्थ-
जिनका आदि और अंत किसी ने नहीं (जान) पाया वेदों ने अपनी बुद्धि से अनुमान करके इस प्रकार (नीचे लिखे अनुसार) गाया है
बिनु पद चलइ सुनइ बिनु काना कर बिनु करम करइ बिधि नाना
आनन रहित सकल रस भोगी बिनु बानी बकता बड़ जोगी
भावार्थ-
वह (ब्रह्म) बिना ही पैर के चलता है बिना ही कान के सुनता है बिना ही हाथ के नाना प्रकार के काम करता है बिना मुँह (जिह्वा) के ही सारे (छहों) रसों का आनंद लेता है और बिना वाणी के बहुत योग्य वक्ता है
तन बिनु परस नयन बिनु देखा ग्रहइ घ्रान बिनु बास असेषा
असि सब भाँति अलौकिक करनी महिमा जासु जाइ नहिं बरनी
भावार्थ-
वह बिना शरीर (त्वचा) के ही स्पर्श करता है आँखों के बिना ही देखता है और बिना नाक के सब गंधों को ग्रहण करता है (सूँघता है) उस ब्रह्म की करनी सभी प्रकार से ऐसी अलौकिक है कि जिसकी महिमा कही नहीं जा सकती
दोहा
जेहि इमि गावहिं बेद बुध जाहि धरहिं मुनि ध्यान
सोइ दसरथ सुत भगत हित कोसलपति भगवान
भावार्थ-
जिसका वेद और पंडित इस प्रकार वर्णन करते हैं और मुनि जिसका ध्यान धरते हैं वही दशरथनंदन भक्तों के हितकारी अयोध्या के स्वामी भगवान राम हैं
जय श्री राम🏹ᕫ🙏
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रक्तदान 🩸🩸🩸🩸
संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य है कि कोई व्यक्ति दुखी नहीं रहे और इसी दुख को दूर करने का एक प्रयास है रक्तदान। जिसमें उनके अनुयायी बड़ चढ़ कर भाग लेते है।
Followers Of Sant Rampal Ji
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#GodMorningMonday
कबीर है, अबिनाशी अल्लाह
राम रहीम करीम है, कीजो सुरति निगाह || कबीर जी स्वयं ही सृष्टि के रचयिता हैं। अविनाशी (बड़) बड़ा (अल्लाह) परमात्मा हैं।
राम कहो, रहीम कहो। (करीम) दयालु हैं।
ध्यान से देखो यानि विचार करो ।
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
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#GoodMorningSaturday
गुरु महिमा
परमेश्वर कबीर जी ने गुरु की महिमा बताई है-
गुरु ते अधिक न कोई ठहरायी। मोक्षपंथ नहि गुरु बिनु पाई।। राम कृष्ण बड़ तिहुँपुर राजा। तिन गुरु बंदि कीन्ह निज काजा ।।
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मोहम्मद रफी ने छत्तीसगढ़ी फिल्म के लिए गाये थे गीत
छत्तीसगढ़ी फिल्म उद्योग बर सन 1965 स्वर्णिम दशक रहिस जब राज्य के पहली फिल्म कहि देबे सन्देश के सिनेमाघर म प्रदर्शन होईस, मनु नायक ल छत्तीसगढ़ी फिल्म के जनक अऊ नीव रखईया भी कहे जाथे। बड़ गर्व के बात हे कि देश के सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक मोहम्मद रफी साहब ‘झमकत नदियां बहिनी लागे पर्वत मोर मितान’ ये गीत ल अपन स्वर दे हे, सन 1940 ले 1980 दशक तक अलग-अलग भाषा म 25 हजार ले जादा गीत गाय हे।
रफी साहब ल 6…
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दो दिन बाद छोड़ दुंगा सीएम की कुर्सी, अरविंद केजरावाल का बड़ ऐलान
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पार्टी के कार्यकर्ताओं से बात करते दौरान सीएम केजरीवाल ने कहा “मैं दो दिन बाद सीएम पद से स्तीफा देने जा रहा हूं, जब तक जनता अपना फैसला नही सुना देगी. मैं सीएम की कुर्सी पर नही बैठूंगा. मै हर घर गली-गली में जाउंगा और जब तक मुझे जनता से फैसला नही मिल जाता तब मैं सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा”
VIDEO | “Why did they (BJP) send me to jail? They know very well…
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खतरे में पड़ा शाहजहां और मुमताज की कब्रों पर बने ताजमहल का अस्तित्व, CISF के फूले हाथ पैर; जानें क्या बोला ASI
Taj Mahal News: लगातार हो रही बारिश से आगरा वासियों की मुसीबत बड़ गई है. ताजनगरी में जगह जगह जलभराव हो रहा है, तो लोग परेशान हो रहे है. आलम यह है कि जिलाधिकारी खुद अपनी कार को छोड़ कर ट्रैक्टर में सवार होकर पानी से भरे रास्ता पार कर रहे है.
इससे बारिश से मोहब्बत की निशानी ताजमहल भी अछूता नहीं रहा. लगातार हो रही बारिश के कारण ताजमहल के गार्डन में पानी भरा तो ताज के मुख्य गुम्बद से भी पानी टपकने…
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*🌞~ आज दिनांक - 4 सितम्बर 2024 का वैदिक, सटीक गणना के साथ हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 4 सितम्बर 2024*
*⛅दिन - बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - भाद्रपद*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - प्रतिपदा प्रातः 09:46 तक तत्पश्चात द्वितीया*
*⛅नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी प्रातः 06:14 सितम्बर 5 तक तत्पश्चात हस्त*
*⛅योग - साध्य रात्रि 08:03 तक तत्पश्चात शुभ*
*⛅राहु काल - दोपहर 12:38 से दोपहर 02:12 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:26*
*⛅सूर्यास्त - 06:52*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:51 से प्रातः 05:37 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:16 सितम्बर 05 से रात्रि 01:01 सितम्बर 05 तक*
*⛅विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹भोजन हेतु कैसे पात्रों का उपयोग हो ?🔹*
*🔸 भोजन बनाने व खाने हेतु एल्यूमीनियम और प्लास्टिक के बर्तनों के प्रयोग से भोजन में हानिकारक रासायनिक पदार्थ मिश्रित हो जाते हैं । एल्यूमीनियम के बर्तनों में पकाया गया विटामिन्सयुक्त पौष्टिक खाद्य पदार्थ भी अपने गुण खो बैठता है । विशेषज्ञों का मानना है कि एल्यूमीनियम की विषाक्तता के कारण आँतों में जलन होने लगती है तथा आँतों का कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है । एल्यूमीनियम के बर्तनों में भोजन बनाना हानिकारक है ।*
*🔸 अतः भोजन बनाने व जाने हेतु उपरोक्त बर्तनों की अपेक्षा देशी मिट्टी (चीनी मिट्टी आदि नहीं), काँच, स्टील या कलई किये हुए पीतल के बर्तनों का प्रयोग हितकारी है ।*
*🔸 केला, पलाश अथवा बड़ के पत्ते रूचि उत्पन्न करने वाले तथा विषदोष नाशक और जठराग्निवर्धक होते हैं अतः भोजन करने के लिए इनकी पत्तलों का उपयोग भी हितावह है ।*
*🔸 खाद्य पदार्थों को फ्रिज अथवा कोल्ड स्टोरेज में रखने से उनका प्राकृतिक स्वरूप बदल जाता है और पौष्टिक तत्त्वों में कमी आ जाती है ।*
*🔸 भोजन में संयम व सावधानी रखने से तथा उपरोक्त नियमों का पालन करने से हम अपने शरीर को स्वस्थ एवं निरोगी रख सकते हैं तथा मन की प्रसन्नता पा सकते हैं ।*
*🔹दुकान में उन्नति🔹*
*🔹सुबह दुकान खोलने पर थोड़ी कपूर जला कर आरती कर लें और जहाँ दुकान के मालिक बैठते हों वहां, जिधर से ग्राहक आते हों उधर भी आरती कर लें । इससे दुकान में उन्नति होगी ।*
*🔸पढने में रूचि न हो या सफलता न मिलती हो तो...*
*🔸जिन बच्चों का पढाई की और रुझान नहीं होता अथवा कम होता है या काफी परिश्रम करके भी जिन्हें अध्ययन में पर्याप्त सफलता नहीं मिलती उनके लिए लाभदायी प्रयोग :*
*🔸१ ग्राम कपूर और मौलसिरी का एक बीज पीसकर देशी गाय के २०० ग्राम घी में मिला दें । नित्य किसी भी समय ५ से १० मिनट तक संबंधित बच्चे के शयनकक्ष में इस मिश्रण से दीपक जलायें । अथवा उसके तकिये में मौलसिरी के ३ बीज रख दें ।*
*🔹सुख – शांति व धनवृद्धि हेतु🔹*
*🔸सफेद पलाश के एक या अधिक पुष्पों को किसी शुभ महूर्त में लाकर तिजोरी में सुरुक्षित रखने से उस घ में सुख-शांति रहती है, धन-आगमन में बहुत वृद्धि होती है ।*
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