=II=
👉2024 में महाराष्ट्र, झारखण्ड, हरियाणा,
👉2025 में दिल्ली, बिहार,
👉2026 में असम, पश्चिमी बंगाल, तमिलनाडु, पुदुचेरी व केरल,
👉2027 में मणिपुर, गोवा, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, गुजरात तथा हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में…
पोस्टरबाजी, नेताओं का समर्थन, रैली, रोड़ शो, मीडियाबाजी, धार्मिक आडम्बर, प्रेस कॉन्फ्रेंसबाजी, जातीय समीकरण, डोरटूडोर जन सम्पर्क इत्यादि के बिना ही किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से अपनी मनपसंद या अन्य किसी भी पार्टी की टिकट (चुनाव आयोग के नियमानुसार) पाने के लिए याद रखें.
=II=Aman Kaushik=II=
Mob. : 9416807640.
++++++++++++
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मणिपुर की जानी मानी संगीत टीचर सस्पेंड, पीएम मोदी की चुनावी रैली में हुई थीं शामिल
मणिपुर की जानी मानी संगीत टीचर सस्पेंड, पीएम मोदी की चुनावी रैली में हुई थीं शामिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 22 फरवरी को मणिपुर में हुई चुनावी रैली में शामिल होने के आरोप में संगीत के टीचर को सेवा से निलंबित किया गया है। राज्य की जानी-मानी गायिका पुष्परानी देवी पर यह…
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मणिपुर में 27 फरवरी और 3 मार्च को डाले जाएंगे वोट, इस दिन आएंगे नतीजे - sarenews 2022
मणिपुर में 27 फरवरी और 3 मार्च को डाले जाएंगे वोट, इस दिन आएंगे नतीजे – sarenews 2022
Manipur Election 2022 Date: कोरोना महामारी के बीच चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है. चुनाव आयोग के मुताबिक मणिपुर में 60 सीटों के लिए दो चरण में मतदान होंगे. मणिपुर में पहले चरण का मतदान 27 फरवरी और दूसरे चरण का मतदान 3 मार्च को होगा. नतीजे 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे. राज्य में चुनावी कार्यक्रम को लेकर तारीखों की घोषणा के बाद यहां आचार संहिता लागू हो गई है.…
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चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव से पहले उम्मीदवारों के लिए खर्च की सीमा बढ़ाई
चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव से पहले उम्मीदवारों के लिए खर्च की सीमा बढ़ाई
चुनाव आयोग ने गुरुवार को लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के लिए खर्च की सीमा को बढ़ाकर 95 लाख रुपये (70 लाख रुपये से अधिक) और विधानसभा चुनावों के लिए 40 लाख रुपये (28 लाख रुपये से ऊपर) करने की घोषणा की।
सरकार का फैसला पोल पैनल की सिफारिश पर आधारित है।
चुनाव आयोग ने लागत कारकों और अन्य संबंधित मुद्दों का अध्ययन करने और बाद में उपयुक्त सिफारिशें करने के लिए एक समिति का गठन किया था। समिति ने…
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सरकार
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सरकार दो प्रकार की होती है :-
केन्द्रीय/संघीय/भारत सरकार
राज्य सरकार
दोनो सरकारों के तीन अंग होते है :-
व्यवस्थापिका :- कानून बनाना।
कार्यपालिका :- कानून लागू करना।
न्यायपालिका :- कानून की रक्षा / व्याख्या करना
संसद = राष्ट्रपति + लोकसभा + राज्यसभा
विधानमण्डल = राज्यपाल + विधानसभा + विधानपरिषद
प्रधानमंत्री - केन्द्रीय मंद्घत्रपरिषद - महान्यायवादी - S.C.
मुख्यमंत्री - राज्यमंद्घत्रपरिषद - महाधिवक्ता - H.C.
भारत सरकार
केन्द्रीय व्यवस्थापिका :-
केन्द्रीय व्यवस्थापिका/विधायिका = ससंद
अनुच्छेद 79 :- इसमें संसद का उल्लेख है।
संसद = राष्ट्रपति + लोकसभा + राज्यसभा
संसद के अंग :- 3
सदन :- 2 (लोकसभा + राज्यसभा)
संविधान के अनुसार वर्ष में कम से कम संसद के अधिवेशन:-2
संसद के दो अधिवेशनों के मध्य अधिकतम समय अन्तराल:- 6 माह
अनुच्छेद 85 के अनुसार राष्ट्रपति संसद के सत्र को प्रारम्भ (सत्राहुत) व समाप्त (सत्रावसान) करता है।
वर्तमान में संसद के अधिवेशन :- 3
ग्रीष्मकाल (बजट काल):- फ रवरी - मई
मानसून काल :- जुलाई - सितम्बर
शीत काल :- नवम्बर - दिसम्बर
अनुच्छेद 118 संसदीय प्रक्रिया का उल्लेख है।
संसद की प्रतिदिन की कार्यवाही :-समय 10-5 बजे तक
इसे चार काल में विभाजित किया गया है:-
1. प्रश्रकाल
2. शून्यकाल
3. मध्यान्तर काल
4. प्रस्ताव काल
आधे घण्टे की चर्चा
ताराकिंत, अताराकिंत या अल्प सूचना प्रश्न द्वारा दिये गये उत्तर में कोई तथ्य स्पष्ट न हुआ हो तो इस चर्चा को किया जाता है।
यह चर्चा बैठक के अन्तिम आधे घण्टे (5.00-5.30) तक होती है
लोकसभा में तीन दिन सोमवार, बुधवार, शुक्रवार को की जाती है।
राज्यसभा में सभापति की अनुमति से कभी भी की जा सकती है।
प्रश्रकाल :-
प्रतिदिन संसद की दोनो सदनो की बैठक के बाद कार्यवाही का प्रथम घण्टा शून्यकाल होता है।
संसद सदस्यों द्वारा लोकमहत्व के मामले में मंत्रीपरिषद से प्रश्र पूछे जाते है।
यह प्रक्रिया सर्वप्रथम इंग्लैण्ड में 1721 में प्रारम्भ हुई।
भारत में यह प्रक्रिया सर्वप्रथम 1892 के भारतीय परिषद अधिनियम ��े प्रारम्भ हुई।
संसद में पूछे जाने वाले प्रश्र
1. ताराकिंत प्रश्र -
जब संसद सदस्य द्वारा तुरन्त उत्तर प्राप्त करना हो तो वह प्रश्र के शीर्ष पर तारा लगा देता है।
10 दिन पूर्व आवेदन करना पड़ता है।
इसका उत्तर मंत्री द्वारा तुरन्त मौखिक रूप में देना पड़ता है।
प्रश्रों की संख्या सिमित होती है।
पूरक प्रश्र भी पूछे जा सकते है।
कोई प्रश्र ताराकिंत है या नही इस निर्णय अध्यक्ष या सभापति द्वारा किया जाता है।
2. अताराकिंत प्रश्र
इसका उत्तर लिखित रूप में दिया जाता है
10 दिन पूर्व आवेदन करना पड़ता है।
पूरक प्रश्र नही पूछा जा सकता।
प्रश्रो की संख्या असिमित।
3. अल्प सूचना प्रश्र
इनका सम्बन्ध किसी लोकमहत्व केे तात्कालिन मामलों से होता है
इसका जवाब 10 दिन की निर्धारित अवधि से पहले ही मंत्री द्वारा दिया जाता है।
उत्तर मौखिक दिया जाता है।
4. गैर सरकारी सदस्यों से पूछे जाने वाले प्रश्र
मंत्री परिषद के अतिरिक्त अन्य सदस्यों से पूछे जाने वाले प्रश्र
शून्य काल
इस काल में बिना किसी सूचना के लोक महत्व का कोई भी प्रश्र उठाया जा सकता है तथा किसी मंत्री के उत्तर देने को कहा जा सकता है।
इसे प्रश्र उत्तर सत्र भी कहते है।
संसदीय व्यवस्था में शून्यकाल (1962) भारत की देन है।
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव -
अविलम्बनीय लोकमहत्व के किसी मामले की और किसी मंत्री का ध्यान आकर्षित करने हेतु।
इसके स्त्रोत दैनिक समाचार पत्र होते है।
यह नियम 1954 में बनाया गया।
यह प्रस्ताव 10 बजे लिखित रूप में लिया जाता है।
यह प्रस्ताव भारत की देन है।
स्थगन प्रस्ताव/काम रोको प्रस्ताव -
किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर वर्तमान कार्यवाही को रोककर सदन में चर्चा के लिए लाया जाता है।
ऐसा मुद्दा/मामला स्पष्ट व तर्क पूर्ण होना चाहिए।
इसके लिए सदन के 50 सदस्यों का समर्थन आवश्यक है।
इसके लिए स्पीक र की अनुमती आवश्यक है।
प्रश्रकाल की समाप्ति पर यह पेश किया जाता है।
विश्वास प्रस्ताव :-
इसे राष्टपति के कहने पर पी.एम द्वारा लाया जाता है।
इसके पारित होने पर 6 माह के लिए सरकार सुरक्षित हो जाती है।
यह प्रस्ताव भारत की देन है।
यदि यह बहुमत से स्वीकृत नही होता है तो सरकार को त्यागपत्र देना पड़ता है।
अब तक 11 बार लगाया जा चुका है।
अविश्वास प्रस्ताव :-
यह विपक्षी दल या दलो द्वारा केवल लोकसभा में लाया जाता है।
50 सदस्यों का समर्र्थन आवश्यक
बहुमत से पारित होन पर सरकार गिर जाती है।
अब तक 27 बार पेश किया गया।
1978 में अविश्वास प्रस्ताव द्वारा मोराजी देसाई की सरकार को गिरा दिया गया।
27 वां 21 जुलाई 2008 मनमोहन सिह के विरूद्ध (19 वोटो से गिरा)
प्रथम बार जे.एल. नेहरू के विरूद्ध 1963 में जे.बी. कृपलानी द्वारा लाया गया।
निन्दा प्रस्ताव:-
विपक्ष द्वारा लाया जाता है।
50 सदस्यों का समर्थन आवश्यक
किसी एक मंत्री के विरूद्ध लाया जाता है।
इसके लिए लिखित कारण/विशेष आरोप बताने होते है।
पारित होने पर सरकार नही गिरती है।
अनुच्छेद 108 - के द्वारा राष्ट्रपति संसद का संयुक्त अधिवेशन बुलाता है।
संसद के संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता :- लोकसभा अध्यक्ष करता है।
संसद के सदस्यों की योग्यता व अयोग्यता का निर्णय निर्वाचन आयोग के परामर्श से राष्ट्रपति करता है।
दल-बदल कानून के आधार पर संसद के सदस्यों की योग्यता व आयोग्यता का निर्णय सदन के अध्यक्ष करते है।
नोट :- अगर कोई संसद सदस्य लगातार बिना सूचित किये 60 दिनो तक संसद के सभी अधिवेशनों में अनुपस्थित रहता है तो उसकी सदस्यता रद्द कर दी जाती है।
अनुच्छेद 120 (1) के , द्वारा लोकसभा व राज्यसभा का अध्यक्ष किसी सदस्य को जो हिन्दी और अंगे्रजी में अपनी पर्याप्त अभिव्यक्ति नही कर सकता है उसकी मातृभाषा में सदन को संबोधित करने की अनुमति दे सकता है।
अनुच्छेद 88 के द्वारा के न्द्रीय मंत्रीपरिषद का कोई भी सदस्य तथा महान्यायवादी को यह अधिकार होगा की वह संसद के किसी भी सदन की कार्यवाही में भाग ले सक ते है परन्तु महान्यायवादी को किसी विधेयक पर मतदान करने का अधिकार नही है तथा मंत्री केवल उसी सदन में मतदान करता है जिसका वह सदस्य होता है।
संसद की प्रथम बैठक 13 मई, 1952 को हुई थी।
गणपूर्ति (कोरम) - सदन के अध्यक्ष सहित सदन की कुल सदस्य संख्या का 1/10 भाग
संसदीय समितियाँ :-
1. प्राकलन समिति :-
1950 में तत्कालीन वित्त मंत्री जॉन मथाई की सिफारीश पर इसका गठन किया गया।
कु ल सदस्य = 30
इसमें सभी सदस्य लोकसभा के सदस्य होते है।
इसके अध्यक्ष का चुनाव लोकसभा अध्यक्ष इन सदस्यों में से करते है जो सत्ता रूढ़ दल का होता है।
वर्तमान अध्यक्ष :- मुरली मनोहर जोशी
कार्यकाल 1 वर्ष
कार्य :- सरकारी व्यय में मितव्ययता लाने के लिए सूझाव देना तथा वार्षिक बजट अनुमोदन की जाँच करना।
संसद की स्थाई समिति।
2. लोकलेखा समिति :-
कुल सदस्य - 22
15 लोकसभा से और 7 राज्य सभा से
वर्तमान अध्यक्ष :- मल्लिकार्जुन खडग़े
अध्यक्ष की नियुक्ति लोकसभा अध्यक्ष द्वारा कि जाती है, जो विपक्षी दल का सदस्य होता है।
कोई भी मंत्री इसका सदस्य नही बन सकता।
कार्य :- नियंत्रक महालेखा परिक्षक द्वारा पेश की गयी रिपोर्ट की सूक्ष्म जाँच करना।
नोट :- इस समिति को प्राकलन समिति की जुडवा बहन कहते है।
यह संसद की स्थायी समिति है।
राज्यसभा (अनुच्छेद - 80)
मूल संविधान में नाम Council
of State
23 अगस्त 1954 को इसका नाम बदलकर राज्यसभा कर दिया गया।
गठन - 3 अप्रैल 1952
प्रथम बैठक - 13 मई 1952
विशेषताएँ :-
संसद का द्वितीय/उच्च/स्थायी सदन है।
संसद का ऐसा सदन जो कभी भंग नही होता है।
योग्यता -
न्यूनतम आयु :- 30 वर्ष
भारत का नागरिक हो
पागल दिवालिया व लाभ के पद पर न हो।
संसद द्वारा निर्धारित योग्यताऐ
निर्वाचन प्रणाली :-
आनुपातिक प्रतिनिधित्व की एकल संक्रमणी खुली मतदान प्रणाली।
निर्वाचक मंडल :- देश की सभी विधानसभा के केवल निर्वाचित सदस्य अर्थाता निर्वाचित एम.एल.ए.
राज्यसभा का कार्यकाल :- स्थायी सदन होता है। राज्यसभा कभी भंग नहीं होती है।
संविधान में राज्यसभा सदस्यों की पदावधि निर्धारित नही कि और इसे संसद पर छोड़ दिया गया।
जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 के आधार पर संसद ने कहा कि राज्यसभा के सदस्यों की पदावधि 6 वर्ष से अधिक नही होगी।
सदस्यों का कार्यकाल :- 6 वर्ष तथा प्रत्येक दो वर्ष बाद कुल सदस्यों का 1/3 सदस्य सेवानिवृत हो जाते है तथा इतने ही सदस्य नये आ जाते है।
निम्र अनुच्छेद में राज्यसभा क ो विशेष अधिकार दिये गये है।
अनुच्छेद 249 -राज्यसभा राज्यसूची के किसी विषय को संघ सूचि का विषय घोषित कर सकती है।
अनुच्छेद 312 :- नयी अखिल भारतीय सेवाओं का गठन /सर्जन और समाप्त कर सकती है।
संविधान की अनूसूची 4 में राज्यसभा की सीटों के आंवटन का वर्णन है।
राज्यसभा में राज्यो को समान प्रतिनिधित्व प्राप्त नही है बल्कि जनसंख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व दिया गया है।
50 लाख की जनसंख्या तक प्रत्येक 10 लाख पर 1 सीट तथा 50 लाख से अधिक जनसंख्या पर 20 लाख की जनसंख्या पर 1 सीट
राज्यसभा की अधिकतम सीटें - 250
अधिकतम निर्वाचित सदस्य 238
अनुच्छेद 80 के द्वारा राष्ट्रपति अधिकतम मनोनीत करता है 12 जो किसी कला साहित्य विज्ञान व समाज सेवा से जुडे होते है।
वर्तमान में सीटे - 245
वर्तमान में राज्यों से कुल निर्वाचित :- 229
वर्तमान में केन्द्र शासित प्रदेशों में निर्वाचित :- 4
नोट :-वर्तमान में केन्द्र शासित प्रदेश दिल्ली से - 3 तथा
पाण्डिचेरी से -1
सर्वाधिक राज्यसभा की सीटे :- यू.पी. - 31, महाराष्ट्र - 19, तमिलनाडु - 18
सबसे कम राज्यसभा की सीटें :-
अरूणाचल प्रदेश, नागालैण्ड, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा, सिक्किम, गोवा
नोट :- इन सभी राज्यों में राज्यसभा की सीट एक-एक
राजस्थान में राज्यसभा की सीटें :- 10
अनुच्छेद 89 (1) राज्यसभा का सभापति - उपराष्ट्रपति. उपसभापति - सदस्यो द्वारा निर्वाचित
सभापति को निर्णायक मत देने का अधिकार होता है।
उपसभापति अपना त्याग - पत्र सभापति को व सभापति अपना त्याग-पत्र राष्ट्रपति को देता है
लोकसभा (अनुच्छेद - 81)
प्रथम लोकसभा का गठन-17 अप्रैल, 1952
प्रथम बैठक- 13 मई 1952
प्रथम आम चुनाव - 1951-52
विशेषताएँ :-
संसद का प्रथम/ निम्र/ अस्थाई सदन है।
सबसे लोकप्रिय सदन है।
जनप्रतिनिधि सदन है।
योग्यता :-
न्यूनतम आयु :- 25 वर्ष
निर्वाचन प्रणाली:-
लोक सभा के सदस्यों का निर्वाचन जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से व्यस्यक मताधिकार द्वारा किया जाता है।
नोट:- राजीव गांधी सरकार के समय 61 वें संविधान संशोधन, 1989 के द्वारा मत डालने की आयु को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दिया गया।
अनुच्छेद 83, कार्यकाल :- सामान्यत: 5 वर्ष/ अनिश्चित काल/ लोकसभा के विश्वास तक।
नोट:- 42 वें स. सशो. 1976 द्वारा लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष से बढ़ाकर छ: वर्ष कर दिया गया।
44 वें स. सविधान 1978 द्वारा लोकसभा का कार्यकाल 6 वर्ष से घटाकर पुन: 5 वर्ष कर दिया गया।
अनुच्छेद 85 (2) समय से पूर्व प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति लोकसभा को भंग कर सकता है ऐसा अब तक 9 बार हुआ है।
आपातकाल में संसद कानून बना कर एक बार में एक वर्ष तक लोकसभा का कार्यकाल बढ़ा सकती है।
नोट - 1976 में दो बार एक-एक वर्ष के लिए लोकसभा का कार्यलकाल बढ़ाया गया था।
समान्य स्थिति में लोकसभा का कार्यकाल एक बार के लिए 6 माह तक बढ़ाया जा सकता है।
नोट :- संसद के लिए क ोरम/गणपूर्ती कु ल सदस्यों का 1/10 होती चाहिए।
मूल संविधान में लोकसभा की अधिकतम सीटे :- 500
31 वें संविधान संशोधन, 1973 के द्वारा लोकसभा की सीटों को 500 से बढ़ाकर 550 + 2 = 552 कर दिया गया।
वर्तमान में लोकसभा की सीटों का निर्धारण 1971 की जनगणना के आधार पर किया गया है।
84 वें संविधान संशोधन 2001 के द्वारा लोकसभा की अधिकतम सीटें 2026 तक 552 सीटे निर्धारित की गयी।
लोकसभा में अधिकतम सीटे :- 552 सीट
अधिकतम निर्वाचित सदस्य - 550
अधिकतम मनोनीत सदस्य -2 (एग्लो इण्डियन)
अधिकतम राज्यों से निर्वाचित सदस्य - 530
अधिकतम केन्द्र शासित प्रदेशो से निर्वाचित सदस्य-20
लोकसभा में वर्तमान में सीटे - 545
वर्तमान में कुल निर्वाचित सदस्य - 543
वर्तमान में कुल मनोनित - 2 (रिचर्ड हे - केरल व जॉर्ज बेकर-पं. बंगाल)
वर्तमान में राज्यों से कुल निर्वाचित - 530
वर्तमान में के न्द्रशासित प्रदेशों से कुल निर्वाचित - 13
केन्द्र शासित प्रदेश दिल्ली से वर्तमान में कुल निर्वाचित सात तथा अन्य केन्द्र शासित प्रदेशो में कुल निर्वाचित एक-एक सीटें है।
लोक सभा की सर्वाधिक सीटे :-
यू.पी. - 80, महाराष्ट्र - 48, पश्चिम बंगाल - 42
नोट - सबसे कम सीटे - नागालेण्ड, सिक्कीम, मिर्जोरम व दिल्ली के अलावा प्रत्येक केन्द्र शासित प्रदेश में लोकसभा की सीटे एक है।
राजस्थान में लोकसभा सीटे :- 25
विशेष तथ्य - एक व्यक्ति अधिकतम दो स्थानों से लोकसभा का चुनाव लड़ सकता है।
जमानत राशि -
एस.सी. व एस.टी. - 12500
सामान्य - 25000
चुनावी खर्च राशि -
अरूनाचल प्रदेस व गोवा - 54 लाख।
अन्य राज्यों में 70 लाख।
दिल्ली में 70 लाख।
अन्य केन्द्र शासित प्रदेशों में 54 लाख।
आरक्षण -
अनुच्छेद 330
एस.सी. - 79 - 84 (वर्तमान)
एस.टी. - 41 - 47 (वर्तमान)
नोट : 95 संविधान संशोधन 2009 के द्वारा आरक्षण को बढ़ाकर 2020 तक कर दिया गया है।
राजस्थान में -
एस.सी. - 4
एस.टी. - 3
सामान्य - 18
एस.सी. लोकसभा सीटें - भरतपुर, बीकानेर, गंगानगर व करौली-धौलपुर
एस.टी. लोकसभा सीटें - बांसवाड़ा, दौसा व उदयपुर
http://advancestudytricks.blogspot.com/2020/01/government-indian-government.html
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Live Updates- यूपी, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में भगवा लहर, पंजाब में आप की सुनामी, जानें दिग्गजों का हाल
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10 मार्च यानि आज की तारीख का बेसब्री से इंतजार था। चुनाव आयोग ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि इसी दिन पांच राज्यों के चुनावी नतीजों का ऐलान किया जाएगा। आज सुबह से आ रहे रुझानों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी ने इतिहास रच दिया है। खबर लिखे जाने तक मिल रहे रुझानों के मुताबिक उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में भाजपा सत्ता में वापसी कर रही है जबकि पंजाब के आम आदमी पार्टी ने बड़ी बढ़त हासिल की…
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विधानसभा चुनाव 2022: कल नतीजों पर सबकी निगाहें पार्टियां 'प्लान बी' तैयार रखें | इंडिया न्यूज - टाइम्स ऑफ इंडिया
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नई दिल्ली: और विजेता हैं … खैर, जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए थे, वहां की चुनावी लड़ाई में कौन जीतेगा, इस पर दो महीने से अधिक लंबा सस्पेंस कल खत्म हो जाएगा। मतगणना के लिए मंच तैयार है जो पांच राज्यों में सुबह आठ बजे से शुरू होगा। चुनाव आयोग ने प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर राज्यों में पार्टियों और राजनेताओं…
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विधानसभा चुनाव 2022: कल नतीजों पर सबकी निगाहें पार्टियां 'प्लान बी' तैयार रखें | इंडिया न्यूज - टाइम्स ऑफ इंडिया
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मणिपुर विधानसभा चुनाव: भाजपा ने 23 मतदान केंद्रों पर फिर से चुनाव कराने की मांग की, फर्जी वोटिंग का आरोप
मणिपुर विधानसभा चुनाव: भाजपा ने 23 मतदान केंद्रों पर फिर से चुनाव कराने की मांग की, फर्जी वोटिंग का आरोप
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मणिपुर प्रदेश ने बुधवार को मणिपुर के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) को लिखे पत्र में पहले चरण के विधानसभा चुनाव के दौरान बूथ कैप्चरिंग, फर्जी मतदान और हिंसा के आरोपों को लेकर…
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मणिपुर चुनाव के दौरान कोई बाहुबल, धनबल या सीमा पार से घुसपैठ की अनुमति नहीं दी जाएगी: ECI - The hindu news
मणिपुर चुनाव के दौरान कोई बाहुबल, धनबल या सीमा पार से घुसपैठ की अनुमति नहीं दी जाएगी: ECI – The hindu news
भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने बुधवार को हुई राज्य की चुनावी तैयारियों की समीक्षा के दौरान मणिपुर के आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान बाहुबल या धन शक्ति के इस्तेमाल के प्रति जीरो टॉलरेंस के दृष्टिकोण का वादा किया। इसने यह भी निर्देश दिया कि म्यांमार के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कड़ी निगरानी रखी जाए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई गैरकानूनी पारगमन या घुसपैठ न हो।
राज्य विधानसभा का कार्यकाल 19…
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यूपी में हाई डेसीबल प्रचार खत्म; बीजेपी को 37 साल के 'जिंक्स' को तोड़ने का भरोसा | इंडिया न्यूज - टाइम्स ऑफ इंडिया
यूपी में हाई डेसीबल प्रचार खत्म; बीजेपी को 37 साल के ‘जिंक्स’ को तोड़ने का भरोसा | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया
NEW DELHI: 7-चरण के उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए उच्च-डेसीबल प्रचार शनिवार शाम को संपन्न हुआ, राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में 7 मार्च को अपने सातवें और अंतिम चरण में मतदान होना था। इसके साथ ही सभी पांच राज्यों- यूपी, पंजाब, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड के लिए चुनाव प्रचार अब आधिकारिक रूप से समाप्त हो गया है। परिणाम 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे। कोविड महामारी की छाया में आयोजित, चुनाव आयोग द्वारा…
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पांच राज्यों में गुरुवार को वोटों की गिनती
पांच राज्यों में गुरुवार को वोटों की गिनती
प्रक्रिया की निगरानी के लिए 5 राज्यों में 650 से अधिक मतगणना पर्यवेक्षकों को तैनात किया गया है। (प्रतिनिधि)
नई दिल्ली/लखनऊ/पणजी: राजनीतिक दल गुरुवार को महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश, पंजाब और राजनीतिक रूप से अस्थिर उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव परिणामों के लिए तैयार थे, संभावित मतदान के बाद संभावित गठजोड़ के लिए भावनाएं भेज रहे थे।
वोटों की गिनती की पूर्व संध्या पर, चुनाव आयोग ने…
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Assembly Elections 2022: चुनावी रैलियों पर रोक बरक़रार, जानें क्या है विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में कोरोना की स्थिति
Assembly Elections 2022: चुनावी रैलियों पर रोक बरक़रार, जानें क्या है विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में कोरोना की स्थिति
देश में अगले महीने 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2022) होने हैं. इनमें उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर शामिल हैं. कई एक्सपर्ट कह रहे हैं कि 15 जनवरी के बाद और फरवरी तक कोरोना (Covid-19) की लहर चलेगी. इसको लेकर चुनाव आयोग (Election Commission) भी चिंतित है. चुनाव आयोग ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखकर फैसला लिया है कि रैलियों पर रोक 22 जनवरी तक जारी रहेगी. पिछले…
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बिहार कैडर के 25 आईएएस पदाधिकारी पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में बनेंगे प्रेक्षक
बिहार कैडर के 25 आईएएस पदाधिकारी पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में बनेंगे प्रेक्षक
पटना।देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में बिहार कैडर के 25 आईएएस अधिकारी को चुनाव प्रेक्षक बनाया जाएगा। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी आईएएस अफसरों को जानकारी दी है। विभाग की ओर से बताया गया है कि चुनाव आयोग के पत्र के आलोक में अधिकारियों की बैठक 14 जनवरी को बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय में होगी।
जानकारी अनुसार पांच राज्यों गोवा, मणिपुर पंजाब, उत्तर…
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निस्तुला हेब्बर के साथ राजनीति पर बात करना | विधानसभा चुनाव और बढ़त��� COVID-19 मामले - The hindu news
निस्तुला हेब्बर के साथ राजनीति पर बात करना | विधानसभा चुनाव और बढ़ते COVID-19 मामले – The hindu news
जब COVID-19 मामले बढ़ रहे हों, तब विधानसभा चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग द्वारा किए गए उपायों का विश्लेषण करने वाला एक वीडियो
चुनाव आयोग ने पांच राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, मणिपुर और गोवा में विधानसभा चुनाव कराने के लिए कमर कस ली है। लेकिन पिछले साल की तरह, यह चुनाव भी कराया जाएगा, जबकि देश भर में COVID-19 मामले बढ़ रहे हैं।
चुनाव आयोग ने क्या उपाय किए हैं? और वे कितने प्रभावी होंगे?
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विधानसभा चुनाव 2022: पांच राज्यों में चुनाव का कार्यक्रमों की घोषणा
विधानसभा चुनाव 2022: पांच राज्यों में चुनाव का कार्यक्रमों की घोषणा
नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश सहित देश के चार राज्यों उत्तराखण्ड, पंजाब, गोवा, मणिपुर के लिए विधानसभा चुनाव के कार्यक्रमों की घोषणा कर दिया है।
विधानसभा चुनाव के कार्यक्रमां की घोषणा
भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार पांच राज्यों के कुल 690 विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा। सभी राज्यों के नतीजों की घोषणा 10 मार्च को होगी।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव
उत्तर प्रदेश में 10,14,20,23,27…
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