बच्चों में मायोपिया रोकने के उपाय: स्क्रीन समय को नियंत्रित करने पर जोर दें पैरेंट्स
बच्चों में मायोपिया बढ़ रही है। अधिक स्क्रीन टाइम इसका एक प्रमुख कारण है। इस लेख में उपाय बताए गए हैं कि घरेलू स्तर पर बच्चों के स्क्रीन समय को कैसे नियंत्रित किया जाए।आजकल बच्चों में मायोपिया या आंखों की नजदीकी दृष्टि की समस्या तेजी से बढ़ रही है। विशेषज्ञों के अनुसार अधिक स्मार्टफोन, टैबलेट, टीवी और कंप्यूटर का इस्तेमाल इसका एक प्रमुख कारण है। बच्चों की आंखें अभी विकसित हो रही होती हैं और लंबे…
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आपके बच्चे में मायोपिया के शुरुआती लक्षणों को आपको नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए
आपके बच्चे में मायोपिया के शुरुआती लक्षणों को आपको नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए
मायोपिया आंखों की एक आम समस्या है जिसमें व्यक्ति को दूर की वस्तु ठीक से देखने में परेशानी होती है। हाल ही में एम्स के एक अध्ययन से पता चला है कि स्कूल जाने वाले 13% से अधिक बच्चों में मायोपिया विकसित हुआ है और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के अत्यधिक उपयोग के कारण पिछले दशक में यह संख्या दोगुनी हो गई है। मायोपिया से बच्चे के जीवन में बाद में मोतियाबिंद, रेटिना के अलग होने और ग्लूकोमा होने का खतरा बढ़ सकता…
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लंबे समय तक स्क्रीन के इस्तेमाल से 2030 तक भारत का हर तीसरा बच्चा होगा मायोपिया का शिकार : Expert
New Delhi: नेत्र चिकित्सकों का मानना है कि गतिहीन जीवनशैली और स्क्रीन का लंबे समय तक उपयोग करने से 2030 तक शहरी भारत में 5-15 वर्ष की आयु के एक-तिहाई बच्चे मायोपिया से पीड़ित होंगे।
मायोपिया को आमतौर पर निकट-दृष्टि दोष के रूप में जाना जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जहां वस्तुएं स्पष्ट रूप से नजर नहीं आती हैं।
यह दुनिया भर में एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मुद्दा बन गया है। दुनिया भर में 2050 की शुरुआत…
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👁 आंखों की सही दिशा: रेफ्रैक्टिव त्रुटियों का समझें
क्या आपको कभी यह लगता है कि आपकी दृष्टि इतनी स्पष्ट नहीं है जितनी होनी चाहिए? शायद यह रेफ्रैक्टिव त्रुटियों के कारण हो सकता है। मैं Dr. Vikram Bhalla, MBBS, DNB (Ophthalmology), भल्ला आई हॉस्पिटल से हूं, रांची, झारखंड। चलिए जानते हैं कि रेफ्रैक्टिव त्रुटियाँ क्या होती हैं।
रेफ्रैक्टिव त्रुटियाँ तब होती हैं जब आपकी आंख की आकृति प्रकारी रूप से प्रकाश को सही ढंग से मोड़ नहीं ��कती, जिससे धुंधली दृष्टि होती है। इनमें निकटदर्शीता (मायोपिया), दूरदर्शिता (हाइपरोपिया), आस्टिगमेटिज़्म, और प्रेस्बिओपिया जैसे विभिन्न प्रकार होते हैं।
लेकिन चिंता न करें, ये सामान्य समस्याएँ हैं और आसानी से सही हो सकती हैं! अगर आपको धुंधली दृष्टि या फोकस करने में कठिनाई हो रही है, तो यह समय है आँख की जांच करवाने का।
भल्ला आई हॉस्पिटल में, हम रेफ्रैक्टिव त्रुटियों का निदान और उपचार करने में विशेषज्ञ हैं ताकि आप फिर से स्पष्ट रूप से देख सकें। रांची, झारखंड में हवाई नगर, सत्यारी टोली, मारुति ट्रू वैल्यू के समीप, एचपी पेट्रोल पंप के पास स्थित हमें 7061015823 या 8969749533 पर सम्पर्क करके एक अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं।
याद रखें, स्पष्ट दृष्टि बस एक कॉल दूर है। जागरूक रहें, स्वस्थ रहें!
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डिजिटल उपकरणको अधिक प्रयोगले आँखामा ‘मायोपिया’को जोखिम बढ्दै
विराटनगर—डिजिटल उपकरणको अधिक प्रयोगले आँखामा ‘मायोपिया’को जोखिम बढ्दैं गएको विज्ञहरुले बताएका छन् । शुक्रबार नेपाल नेत्रज्योति संघअन्तर्गतको पूर्वाञ्चल क्षेत्रीय आँखा उपचार कार्यक्रमको विराटनगर आँखा अस्पतालको आयोजनामा विराटनगरमा सम्पन्न ‘मायोपिया सम्बन्धि कार्याशाला गोष्ठीमा सहभागी विज्ञहरुले उक्त धारणा राखेका हुन् ।
उनीहरुले डिजिटल माध्यामहरुको बढ्दो प्रयोगले विश्वमा नै ‘मायोपिया’को जोखिम बढ्दै…
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ओ३म्।।
*నిత్య యోగ సాధన*
PATANJALI BST SOCIAL MEDIA YOGA PROMOTION
*#योग_से_आरोग्य*
*#नेत्र_रोगों_के_लिए_योग*
🧘🧘♀️🕉🧘🧘♀️🕉🧘🧘♀️
*✅️ #विज्ञान_की_कसौटी_पर_योग ✅️*
🔸️डिजिटल स्ट्रेस खतरनाक..
🔹️आंखों को पहुंचा रहा नुकसान
*🔸 ️कैटरेक्ट से कमज़ोर हुई नज़र..*
*🔹️कैसे पहचानें #ग्लूकोमा के लक्षण?*
🔸 #️मायोपिया से चढ़ा मोटा चश्मा..
🔹️कौन से 5 प्राणायाम से उतरेगा?
*🔸️तेज़ नज़र का रामबाण फॉर्मूला*
*🔹️योगगुरू #SwamiRamdev का सीक्रेट नुस्खा अभी देखिए लाइव*
लाइव लिंक- https://www.facebook.com/story.php?story_fbid=910812686816829&id=100044320305177&mibextid=NnVzG8
आधुनिक भारत के राष्ट्रनायक परम श्रद्धेय गुरुवर युग योगर्षि *#स्वामी_रामदेव जी महाराज जी के पावन सानिध्य में #FitIndiaMovement के तहत #रोगमुक्त_व_योगयुक्त_भारत बनाने के लिए , स्वयं को #स्वस्थ_व_निरोगी* रखने के लिए प्रतिदिन सुबह एवं शाम विभिन्न चैनलों पर प्रसारित योग कार्यक्रम को देखना , शेयर करना व स्वयं योग करना ना भूलें,....
जय हिन्द वन्दे मातरम्
#YogaWithIndiaTV #IndiaTVLIVEStream
#RamdevOnIndiaTV LIVE |
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कोलकाता आई इंस्टीट्यूट उन्नत लेजर प्रौद्योगिकी लाता है - टाइम्स ऑफ इंडिया
कोलकाता आई इंस्टीट्यूट उन्नत लेजर प्रौद्योगिकी लाता है – टाइम्स ऑफ इंडिया
कोलकाता: कोलकाता में एक नेत्र संस्थान उन्नत स्माइल-लेजर अपवर्तक सुधारात्मक सर्जरी लाता है, जो विशेषज्ञों का कहना है कि यह मायोपिया और दृष्टिवैषम्य का इलाज करने का एक शानदार तरीका है जो धुंधली दृष्टि का कारण बनता है। मुस्कान के रूप में जाना जाता है, छोटा चीरा लेंटिक्यूल निष्कर्षण लेजर अपवर्तन प्रक्रियाओं में एक अत्याधुनिक तकनीक है जिसके कई फायदे हैं। डॉक्टरों ने कहा कि यह एक आजमाई हुई, परखी हुई और…
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Covid Effect: मायोपिया बन रहा बड़ा खतरा, विशेषज्ञ बोले, बच्चों की आंखों को बचाना जरूरी
Covid Effect: मायोपिया बन रहा बड़ा खतरा, विशेषज्ञ बोले, बच्चों की आंखों को बचाना ��रूरी
नई दिल्ली. कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के बाद नई-नई बीमारियां लोगों को घेर रही हैं. कोराना से कमजोर हुई इम्यूनिटी के बाद पैदा हुए कई सिंड्रोम और ब्लैक फंगस (Black Fungus) आदि से अलग कुछ ऐसी भी बीमारियां हैं जो कोरोना से बचने या इस दौर में सुरक्षित रहने के लिए उठाए गए कदमों के बाद पैदा हुई हैं. आंखों की बीमारी मायोपिया (Myopia) उन्हीं में से एक है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना के बाद चीन…
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Scientists develop smart spectacles to slow down myopia shortsightedness ashas
इंसानों की बदलती लाइफस्टाइल के चलते उनके शरीर में भी कई तरह के बदलाव हो रहे हैं. ज्यादातर बदलाव शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले होते हैं. ज्यादा टीवी देखने, मोबाइल पर देर तक ऑनलाइन रहने से आंखों (Effect on Eyes) पर काफी बुरा असर पड़ता है. इससे मायोपिया (Myopia) यानी निकट दृष्टि दोष और हाइपरमेट्रोपिया (Hyperopia) यानी दीर्घदृष्टि का खतरा बढ़ जाता है. मगर हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक ऐसे चश्मे को…
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अध्ययन में पाया गया है कि स्क्रीन टाइम से बच्चों और युवाओं में मायोपिया का खतरा बढ़ जाता है | समाचार - टाइम्स ऑफ इंडिया वीडियो
अध्ययन में पाया गया है कि स्क्रीन टाइम से बच्चों और युवाओं में मायोपिया का खतरा बढ़ जाता है | समाचार – टाइम्स ऑफ इंडिया वीडियो
10 अक्टूबर 2021, 07:24 PM ISTस्रोत: एएनआई
एक नए अध्ययन में उच्च जोखिम और मायोपिया की गंभीरता, या बच्चों और युवा वयस्कों में अदूरदर्शिता के साथ स्क्रीन समय में वृद्धि के बीच एक कड़ी का पता चला है। मायोपिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें दूर की वस्तुएं धुंधली दिखाई देती हैं। स्मार्ट डिवाइस स्क्रीन टाइम का उच्च स्तर, जैसे कि मोबाइल फोन को देखना, मायोपिया के लगभग 30 प्रतिशत अधिक जोखिम से जुड़ा है और जब…
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बच्चों में मायोपिया रोकने के उपाय: स्क्रीन समय को नियंत्रित करने पर जोर दें पैरेंट्स
बच्चों में मायोपिया बढ़ रही है। अधिक स्क्रीन टाइम इसका एक प्रमुख कारण है। इस लेख में उपाय बताए गए हैं कि घरेलू स्तर पर बच्चों के स्क्रीन समय को कैसे नियंत्रित किया जाए।आजकल बच्चों में मायोपिया या आंखों की नजदीकी दृष्टि की समस्या तेजी से बढ़ रही है। विशेषज्ञों के अनुसार अधिक स्मार्टफोन, टैबलेट, टीवी और कंप्यूटर का इस्तेमाल इसका एक प्रमुख कारण है। बच्चों की आंखें अभी विकसित हो रही होती हैं और लंबे…
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मायोपिया (निकटदृष्टिता): लक्षण, कारण और उपचार
मायोपिया आंखों की निकट दूरदृष्टि से जुड़ी एक समस्या है। इस स्थिति में आप दूर की वस्तुओं को स्पष्ट तरीके से नही देख पाते है।
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News Scan for Aug 03, 2021
News Scan for Aug 03, 2021
महामारी के दौरान इनडोर समय से बंधे बच्चों में मायोपिया की बढ़ती घटनाएं
हांगकांग के डेटा पर आधारित एक नया अध्ययन COVID-19 महामारी के दौरान बच्चों में मायोपिया, या अदूरदर्शिता की बढ़ती घटनाओं को दर्शाता है, संभवतः घर के अंदर और स्क्रीन पर बढ़ते समय से जुड़ा हुआ है। अध्ययन में प्रकाशित किया गया था ब्रिटिश जर्नल ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी.
शोध चल रहे हांगकांग चिल्ड्रन आई स्टडी (HKCES) का हिस्सा था। 2019 के…
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ऑप्टोमेट्री में करियर का आशावादी पक्ष - टाइम्स ऑफ इंडिया
ऑप्टोमेट्री में करियर का आशावादी पक्ष – टाइम्स ऑफ इंडिया
आंखों की रोशनी को ठीक करना अपने आप में एक आशाजनक करियर सुनिश्चित करता है ओप्टामीटर. तदनुसार लेंसकार्ट फाउंडेशनभारत में अधिकांश ड्राइवर मायोपिया से पीड़ित हैं और लगभग 26% की आवश्यकता होती है पढ़ने के चश्मे या चश्मे की एक उपयुक्त दृष्टि सुधार जोड़ी। यह चिकित्सा विज्ञान की वह शाखा है, जो दृश्य दोषों का पता लगाने से संबंधित है। पेशेवर मरीज की आंखों की रिपोर्ट के आधार पर चश्मा, कॉन्टैक्ट लेंस और अन्य…
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*हर मर्ज की एक ही दवा हैं*
*HEMOHIM SOUTH KOREA*
👉🏿 क्या आपको आपके परिवार की सेहत की चिंता है
👉🏿 HEMOHIM के काम सम्बंधित लाभ
1. स्वेत प्रदत्त (लीकोरिया) को दूर करता हे
2. स्वेत प्रदत्त से होने वाले क़मर दर्द तथा अन्य रोगों को दूर करता हे।
3. पेट को साफ करता हे
4. चेहरे पे चमक लता है
5. शरीर में आवश्यक तत्वों को जेसे कैल्सियम,फास्फोरस,विटामिन,प्रोटीन अदि तत्वों की पूर्��ी करता है।
6. HEMOHIM के सेवन से कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है।
7. एक्जीमा, मुंहासों और सोरियासिस को ठीक करता है।
8. जोड़ों के दर्द को ठीक करता है।
9. शरीर की अकड़न को दूर करना।
10. माइग्रेन और हाई ब्लडप्रेशर की समस्या को ठीक करता है ।
11. यदि आप मधुमेह से परेशान हैं तो HEMOHIM का सेवन करें। ये फल ब्लड शुगर स्तर को नियंत्रित करता है।
12. बालों की हर तरह की समस्या जैसे गंजापन और रूखापन दूर करता है ।
13. दस्त और कब्ज की समस्या को दूर करता है। ये फल।
14. सांस से संबंधित रोग जैसे अस्तमा जैसी बीमारियों को ठीक करता है।
15. माइग्रेन जैसी गंभीर समस्या को खत्म करता है ।
16. महिलाओं में माहवारी की समस्या ठीक करता है ।
17. दमा (Asthma)
18. मधुमेह (Diabetes)
19. वायरल बुखार (Viral Fever)
20. खसरा (Measles)
21. बदहज़मी (Gastric Problem)
22. गठिया (Gout)
23. पीला बुखार (Yellow Fever)
24. फाइलेरिया (Elephantiasis)
25. अपच (Indigestion)
26. घुटनों का दर्द (Knee Pain)
27. कुष्ठरोग (Leprosy)
28. अग्नाशयशोथ (Pancreatitis)
29. जापानी इन्सेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis)
30. माइग्रेन (Migraine)
31. निमोनिया (Pneumonia)
32. एनोरेक्सिया (Anorexia)
33. दर्द (Pain)
34. अनिद्रा (Insomnia)
35. हर्निया (Hernia)
36. स्पोंडिलोसिस (Spondylitis)
37. लीवर कैंसर (Liver Cancer)
38. कमर दर्द (Back Pain)
39. सीने में दर्द (Chest Pain)
40. फेफड़ों का कैंसर (Lung Cancer)
41. थकान (Fatigue)
42. खून का थक्का (Blood Clotting)
43. मांसपेशियों में दर्द (Muscle Pain)
44. प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer)
45. हैपेटाइटिस (Hepatitis)
46. पीले दाँत (Yellow Teeth)
47. टी. बी. (Tuberculosis)
48. फ्रोज़न शोल्डर (Frozen Shoulder)
49. सरवाइकल स्पॉन्डिलाइटिस (Cervical Sypondolysis)
50. वाकविकार (Dyslexia)
51. पित्ताशय की पथरी (Gallstones)
52. रेबीज (Rabies)
53. जुकाम (Common Cold)
54. बुखार (Fever)
55. गले में खराश (Sore Throat)
56. उबकाई (Nausea)
57. अफारा (Flatulence)
58. चिकनगुनिया (Chikungunya)
59. आत्मविमोह (Autism)
60. खून की कमी (Anemia)
61. डिमेंशिया (Dementia)
62. टाइफाइड (Typhoid)
63. जूँ (Lice)
64. कब्ज (Constipation)
65. उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure)
66. दांत का दर्द (Toothache)
67. डेंगू (Dengue)
68. मलेरिया (Malaria)
69. छींकना (Sneezing)
70. हाइपोथाइराइड (Hypothyroid)
71. ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis)
72. ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer)
73. सिरदर्द (Headache)
74. ब्रोंकाइटिस (Bronchitis)
75. इबोला विषाणु रोग (EVD) (Ebola)
76. लू लगना (Heat Stroke)
77. छोटे स्तन (Small Breast)
78. बालों का झड़ना (Hair Fall)
79. मिरगी (Epilepsy)
80. कद बढ़ाना (Height Gain)
81. गुर्दे की पथरी (Kidney Stone)
82. रूसी (Dandruff)
83. हार्ट अटैक (Heart Attack)
84. सोरायसिस (Psoriasis)
85. स्वाइन फ्लू (Swine Flu)
86. स्किन कैंसर (Skin Cancer)
87. मुंहासे (Pimples)
88. गंजापन (Baldness)
89. डीहाइड्रेशन (Dehydration)
90. घमौरियां (Prickly Heat)
91. स्कर्वी (Scurvy)
92. बेरीबेरी (Beriberi)
93. इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (Erectile Dysfunctions)
94. शीघ्रपतन या प्रीमेच्योeर इजैकुलेशन (Premature Ejaculation)
95. पिलाग्रा (Pellagra)
96. रिकेट्स (Rickets)
97. घेंघा (Goiter)
98. मोटापा (Obesity)
99. डार्क सर्कल - आखों के नीचे के काले घेरे (Dark Circle)
100. इचिंग या खुजली (Itching)
101. गले में दर्द (Throat Ache)
102. ज्वाइंट पेन- जोड़ों में दर्द (Joint Pain)
103. लूज मोशन- दस्त (Loose Motion)
104. पेट दर्द (Stomach Ache)
105. तनाव- स्ट्रैस (Stress)
106. दुबलापन (Leanness Or Weight Gain)
107. एसिडिटी या अम्लपित्त (Acidity)
108. एलर्जी (Allergy)
109. मोतियाबिंद- केटेरेक्ट (Cataract)
110. सर्दी और कफ (Cough And Cold)
111. टिटनस (Tetanus)
112. मोच (Sprains)
113. निम्न रक्तचाप या लो ब्लडप्रेशर (Low Blood Pressure)
114. सफेद बाल- ग्रे हेयर (Grey Hair)
115. हड्डी फ्रैक्चर या हड्डी का खिसकना (Bone Fracture Or Dislocation)
116. हैजा (Cholera)
117. जर्मन मीजल्स या रूबेला (German Measles)
118. इन्फ्लूएंजा (Influenza)
119. मेनिनजाइटिस (Meningitis)
120. हार्ट ब्लॉकेज (Heart Blockage)
121. कान में संक्रमण (Ear Infection)
122. डायबिटिक रेटिनोपैथी (Diabetic Retinopathy)
123. ग्लूकोमा (Glaucoma)
124. बवासीर (Piles)
125. आंखों का इंफेक्शन (Eye Infection)
126. पीलिया (Jaundice)
127. दूरदर्शिता या दूरदृष्टि दोष (Hyper Myopia)
128. मुंह के छाले (Mouth Ulcer)
129. अल्सर (Ulcer)
130. डायरिया (Diarrhea)
131. सुस्ती (Lethargy)
132. मस्तिष्क का दौरा (Cerebral Stroke)
133. मायोपिया (Myopia)
134. खर्राटे लेना (Snoring)
135. सनबर्न (Sunburn)
136. गलसुआ (Mumps)
137. काली खांसी (Whooping Cough)
138. प्रोस्टेट डिस्ऑर्डर (Prostate Disorder)
139. एड्स (AIDS)
HEMOHIM बीमारी को बखूबी से ठीक करता है और सारी बिमारिओ से दुर्र भी रखता है.
जी हा मित्रो उरोक्त सभी गुणों से परिपूर्ण है HEMOHIM यह पुर्णतः आयुर्वेदिक है और किसी भी प्रकार के नुकसान रहित है।
अब तक HEMOHIM हजारों परिवार के सम्बंध और हेल्थ को मधुर बनाने में कामयाब रहा है।
मेरे प्यारे मित्रो HEMOHIM शारारिक शक्ति -वर्धक भी है।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
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हर 40 में से एक इंसान आंखों से जुड़ी कोई न कोई परेशानी से जूझ रहा है। आंखों की 90 फीसदी बीमारियों का इलाज संभव है। आमतौर पर लोग आंखों की देखभाल को नजरअंदाज करते हैं। इससे दिक्कतें बढ़ती हैं। आज वर्ल्ड साइट डे यानी विश्व दृष्टि दिवस है। इस साल की थीम है 'होप इन साइट'। इसके लिए सबसे जरूरी है आंखों की देखभाल। इस मौके पर बंसल हॉस्पिटल की आई स्पेशलिस्ट और ग्लूकोमा एक्सपर्ट डॉ. विनीता रामनानी बता रही हैं, बच्चे, बड़े और बुजुर्ग कैसे रखें आंखों का ख्याल रखें...
बच्चों के लिए : गैजेट इस्तेमाल करते समय पलकें झपकाएं और दिन में 4 बार आंखों को धोएं
बच्चे मोबाइल फोन का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं। इससे सीधा असर उनकी आंखों पर पड़ता है। इनदिनों ऑनलाइन क्लासेस के कारण बच्चों का मोबाइल के साथ अधिक समय बीत रहा है। इसलिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है-
अगर आंखों में खिंचाव, खुजली, थकावट, लालिमा, पानी आना, धुंधला दिखने जैसी समस्या हो रही है तो अलर्ट हो जाएं। ये डिजिटल आई स्ट्रेन के लक्षण हैं। ये लक्षण गैजेट को अधिक इस्तेमाल करने पर दिखते हैं।
डिजिटल गैजेट्स से निकलने नीली रोशनी आंखों पर लगातार पड़ने से इनमें पहले रुखापन आता है फिर मांसपेशियों पर जोर पड़ता है। ऐसे में उनसे गैजेट का इस्तेमाल करने के दौरान पलकें झपकाने के लिए कहें।
मोबाइल की स्क्रीन छोटी होने के कारण आंखों पर जोर अधिक पड़ता है। इससे निकलने वाली नीली रोशनी आंखों के सबसे करीब होने के कारण ज्यादा बुरा असर छोड़ती है।
आंखों में सूखेपन से बचने के लिए बच्चों को गैजेट और आंखों के बीच दूरी रखने के लिए कहें। इसके अलावा दिन में 4 से 5 बार आंखों को सादे पानी से धोने के लिए कहें।
ज्यादातर बच्चे पेरेंट्स के डर से रात में लाइट ऑफ करके मोबाइल या दूसरे गैजेट पर वीडियो गेम खेलते हैं। ये सबसे ज्यादा खतरनाक स्थिति है क्योंकि कमरे में अंधेरा होने के कारण गैजेट की नीली रोशनी का बुरा असर सीधे आंखों पर पड़ता है। पेरेंट्स इन बातों का ध्यान रखें
रात में नींद न आने की समस्या, सुबह देर से उठने के कारण शरीर में भारीपन और सिरदर्द महसूस हो तो बच्चों के फोन इस्तेमाल करने की जानकारी रखें। ऐसा होने पर आई एक्सपर्ट की सलाह लें।
लम्बे समय तक ऐसा होने से आंखें कमजोर हो जाती हैं। इनकी दूर की नजर कमजोर होने का खतरा ज्यादा रहता है, इसे मायोपिया कहते हैं। लगातार ऐसा होने पर चश्मा लग सकता है और जो पहले से लगा रहे हैं उनका नम्बर बढ़ सकता है।
एक हालिया रिसर्च के मुताबिक, अगर बच्चों में गैजेट का इस्तेमाल ऐसे ही बढ़ता रहा तो 2050 तक 50 फीसदी बच्चों को चश्मा लग जाएगा।
बच्चों में विटामिन-ए की कमी न होने दें। इससे रतौंधी और कॉर्नियल ब्लाइंडनेस का खतरा बढ़ता है। मध्य प्रदेश में इसके मामले लगभग 26% हैं।
बड़ी उम्र के लोगों के लिए :
इनदिनों युवा सबसे ज्यादा कम्प्यूटर विजन सिंड्रोम से जूझ रहे हैं। देरतक कम्प्यूटर और लैपटॉप का इस्तेमाल उनकी आंखों को कमजोर कर रहा है। आंखों को स्वस्थ रखने के लिए इन बातों का ध्यान रखें-
लैपटॉप की स्क्रीन और आंखों के बीच कम से कम 26 इंच की दूरी होनी चाहिए। मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं तो यह दूरी 14 इंच होनी चाहिए। हालांकि यह हाथों की लम्बाई पर भी निर्भर करता है।
आंखों को हर 20 मिनट पर 20 सेकंड के लिए तक 20 फीट तक देखें। इसके बाद वापस काम शुरू कर सकते हैं। आंखों को दिन में 4-5 बार पानी से धोएं।
आंखों को साफ-सफाई का ध्यान रखना जरूरी है, वरना कंजक्टिवाइटिस भी हो सकता है। इसे पिंक आई के नाम से भी जाना जाता है। आंखों को हाथ धोने के बाद ही छुएं।
कंजक्टिवाइटिस के मामले में आंखों से पानी निकलता है और खुजली होने लगती है। पहले एक आंख में संक्रमण होता है, फिर दूसरी आंख इससे प्रभावित हो जाती है। इसलिए अलर्ट रहें।
खाने में विटामिन-ए युक्त चीजें शामिल करें। ये आंखों की रोशनी को बढ़ाते हैं और रोगों से बचाते हैं। आंख या सिर का दर्द बना रहे, या फिर रंगों को पहचानने में दिक्कत आए तो डॉक्टरी सलाह लें।
बुजुर्गों के लिए : ब्लड शुगर और बीपी न बढ़ने दें, बॉडी को एक्टिव रखें
60 साल के बाद बुजुर्गों को खुद या परिजनों को इनका अधिक ख्याल रखने की जरूरत है। बढ़ती उम्र का असर आंखों पर होता है, रोशनी पहले की तरह नहीं होती। इसलिए कुछ बातों का ध्यान रखें-
अगर डायबिटीज या ब्लड प्रेशर के मरीज हैं जो डॉक्टरी सलाह का पालन जरूर करें। कोशिश करें कि ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर कंट्रोल में रहे।
अगर लगातार तेजी से आंखों की रोशनी कम हो रही है तो डॉक्टरी सलाह लें। शारीरिक रूप से खुद को सक्रिय रखें।
अध्ययन बताते हैं कि दृष्टि संबंधी समस्या से जूझ रहे बुजुर्ग अन्य रोगियों की तुलना में 90 प्रतिशत अधिक अवसादग्रस्त हो सकते हैं। रेटिना सम्बंधी रोगों के साथ जी रहे बुजुर्गों को गिरने और चोट लगने का खतरा भी अधिक होता है। ये सभी फैक्टर कोरोनाकाल में बुजुर्ग की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।
पैदल चलने और घर में काम करने के रास्ते से खतरे वाली सभी चीजों को हटा दें। इससे खराब दृष्टि के कारण दुर्घटना से गिरने का जोखिम कम होगा।
अपने घर में रोशनी की बेहतर व्यवस्था करें। दिन के समय खिड़कियों को खुला रखा जा सकता है और रात के समय लाइट्स ऑन करके रखा जा सकता है। सोते समय भी, कुछ लाइट्स को ऑन रखें, ताकि यदि आप रात में निकलें तो किसी चीज से न टकराएं।
घर के कामों में परिवार के युवा सदस्यों की मदद लें। यदि आप अकेले रहते हैं, तो राशन का सामान और दवाएं रखने के लिए अपने पड़ोसियों से मदद लें।
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