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कंप्यूटर से आँखों के तनाव को कम करने के लिए सुझाव: डॉ. विक्रम भल्ला की सलाह
👁️ क्या आप कंप्यूटर पर लंबे समय तक काम करने से आंखों में तनाव महसूस कर रहे हैं? भल्ला आई हॉस्पिटल के नेत्र रोग विशेषज्ञ Dr. Vikram Bhalla, MBBS, DNB (Ophthalmology) की ओर से कंप्यूटर विजन सिंड्रोम (CVS) के लक्षणों को कम करने में मदद करने के लिए 7 सुझाव दिए गए हैं:
20-20-20 नियम का पालन करें: हर 20 मिनट में, अपनी आंखों को आराम देने के लिए कम से कम 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर किसी चीज को देखें।
प्रकाश व्यवस्था को समायोजित करें: खिड़कियों और ओवरहेड लाइट से चकाचौंध से बचने के लिए अपने कंप्यूटर स्क्रीन को रखें। बाहरी रोशनी को कम करने के लिए ब्लाइ��ड या पर्दे का उपयोग करें।
स्क्रीन से उचित दूरी: अपनी स्क्रीन को लगभग एक हाथ की दूरी पर और आंखों के स्तर से थोड़ा नीचे रखें।
अधिक बार पलकें झपकाएं: पलकें झपकाने से आपकी आंखों में नमी आती है और सूखापन कम होता है। खुद को नियमित रूप से पलकें झपकाने की याद दिलाएं, खासकर कंप्यूटर पर गहन काम के दौरान।
नियमित ब्रेक लें: अपनी आंखों को स्ट्रेच करने और आराम देने के लिए ब्रेक शेड्यूल करें। खड़े हो जाएं, इधर-उधर घूमें और अपनी आंखों को फिर से फोकस करने का मौका दें।
उचित आईवियर का उपयोग करें: यदि आप चश्मा पहनते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपका प्रिस्क्रिप्शन कंप्यूटर उपयोग के लिए अद्यतित है। एंटी-रिफ्लेक्टिव कोटिंग वाले चश्मे पर विचार करें।
डिस्प्ले सेटिंग समायोजित करें: तनाव को कम करने के लिए अपनी स्क्रीन पर टेक्स्ट का आकार और कंट्रास्ट बढ़ाएँ।
व्यक्तिगत सलाह और परामर्श के लिए, रांची के भल्ला आई हॉस्पिटल में डॉ. विक्रम भल्ला से संपर्क करें। 7061015823 या 8969749533 पर कॉल करें।
दीर्घकालिक स्वास्थ्य और आराम के लिए अपनी आँखों की देखभाल करना आवश्यक है। कंप्यूटर से संबंधित आँखों के तनाव को कम करने के लिए इन सुझावों को लागू करें। आपकी आँखें आपको धन्यवाद देंगी! 👀
Dr Vikram Bhalla MBBS, DNB (Ophthalmology) Bhalla Eye Hospital Near Birsa Chowk, Hawai Nagar, Satyari Toli, Opposite Maruti True Value, Near HP Petrol Pump, Ranchi, Jharkhand Mob- 7061015823, 8969749533
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👨⚕️ रिफ्रैक्टिव त्रुटियों के संकेतों को पहचानना
रिफ्रैक्टिव त्रुटियों के संकेतों को समझना आपको दृष्टि संबंधी समस्याओं को जल्दी से जल्दी हल करने में मदद कर सकता है। Dr. Vikram Bhalla, MBBS, DNB (Ophthalmology), इन संकेतों के बारे में जागरूक होने के महत्व पर जोर देते हैं:
धुंधली दृष्टि: वस्तुएं अस्पष्ट दिखाई देती हैं, जिससे निकट और दूर दोनों दृष्टि प्रभावित होती है।
रात में देखने में कठिनाई: कम रोशनी की स्थिति में स्पष्ट रूप से देखने में चुनौतियाँ।
आँखों में तनाव: पढ़ने या डिजिटल स्क्रीन का उपयोग करने जैसी गतिविधियों के बाद आँखें थक जाती हैं या तनाव महसूस होता है।
सिरदर्द: लगातार सिरदर्द, विशेष रूप से दृश्य कार्यों के बाद।
दोहरी दृष्टि: एक ही वस्तु की ओवरलैपिंग छवियाँ देखना।
पढ़ने में कठिनाई: शब्दों या पाठ की पंक्तियों पर ध्यान केंद्रित करने में परेशानी।
दृष्टि में परिवर्तन: दृष्टि की गुणवत्ता में उतार-चढ़ाव या गिरावट को नोटिस करना।
आँखों में दर्द: आँखों में या उसके आस-पास बेचैनी या दर्द।
ये संकेत दृष्टि सुधार की आवश्यकता का संकेत दे सकते हैं। परामर्श और विशेषज्ञ सलाह के लिए, भल्ला आई हॉस्पिटल, बिरसा चौक के पास, हवाई नगर, सत्यारी टोली, मारुति ट्रू वैल्यू के सामने, एचपी पेट्रोल पंप के पास, रांची, झारखंड में डॉ. विक्रम भल्ला से मिलें। आप 7061015823 या 8969749533 पर भी संपर्क कर सकते हैं।
याद रखें, समय पर पता लगाने और समय पर हस्तक्षेप करने से आपकी आँखों के स्वास्थ्य में काफी सुधार हो सकता है। जानकारी रखें और अपनी दृष्टि का ��्याल रखें!
Dr Vikram Bhalla MBBS, DNB (Ophthalmology) Bhalla Eye Hospital Near Birsa Chowk, Hawai Nagar, Satyari Toli, Opposite Maruti True Value, Near HP Petrol Pump, Ranchi, Jharkhand Mob- 7061015823, 8969749533
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👁️ आई ड्रॉप का उपयोग करने से पहले सावधानियाँ 👁️
आई ड्रॉप का उपयोग करने से पहले, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आप उनका सुरक्षित और प्रभाव�� ढंग से उपयोग कर रहे हैं। यहाँ कुछ मुख्य सावधानियाँ दी गई हैं जिन्हें ध्यान में रखना चाहिए: 1️⃣ हाथ अच्छी तरह से धोएँ: किसी भी संभावित अशुद्धता को रोकने के लिए अपने हाथों को साबुन और पानी से धोएँ। 2️⃣ समाप्ति तिथि जाँचें: हमेशा आई ड्रॉप की समाप्ति तिथि जाँचें। एक्सपायर हो चुकी दवा का उपयोग करना अप्रभावी या आपकी आँखों के लिए हानिकारक भी हो सकता है। 3️⃣ बोतल को हिलाएँ: कुछ आई ड्रॉप को उपयोग करने से पहले हिलाना ज़रूरी होता है। लेबल पर दिए गए निर्देशों को ध्यान से पढ़ें और ज़रूरत पड़ने पर बोतल को हिलाएँ। 4️⃣ टिप को छूने से बचें: संदू��ण को रोकने के लिए, आई ड्रॉप की बोतल की नोक को अपनी आँख, पलक या किसी अन्य सतह पर छूने से बचें। 5️⃣ बूंदों के बीच प्रतीक्षा करें: यदि आपको एक से अधिक प्रकार की आई ड्रॉप का उपयोग करने की आवश्यकता है, तो ��लग-अलग बूंदों को लगाने के बीच कम से कम 5 मिनट प्रतीक्षा करें। 6️⃣ उचित तरीके से स्टोर करें: अपनी आई ड्रॉप को लेबल पर दिए गए निर्देशों के अनुसार स्टोर करें। कुछ बूंदों को रेफ्रिजरेट करने की आवश्यकता होती है, जबकि अन्य को कमरे के तापमान पर रखा जाना चाहिए।
ये सावधानियां सुनिश्चित करती हैं कि आपको अपनी आई ड्रॉप से अधिकतम लाभ मिले और किसी भी जोखिम को कम से कम किया जाए। यदि आपको आई ड्रॉप के उपयोग के बारे में कोई प्रश्न या चिंता है, तो परामर्श के लिए हमसे संपर्क करने में संकोच न करें।
📞 परामर्श के लिए, Dr Vikram Bhalla, MBBS, DNB (Ophthalmology), भल्ला आई हॉस्पिटल, बिरसा चौक के पास, हवाई नगर, सत्यारी टोली, मारुति ट्रू वैल्यू के सामने, HP पेट्रोल पंप के पास, रांची, झारखंड से संपर्क करें। हमें 7061015823 या 8969749533 पर कॉल करें।
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👨⚕️ MYTH V/S FACT: मोतियाबिंद
MYTH: मोतियाबिंद बुढ़ापे की समस्या है FACT: मोतियाबिंद किसी भी उम्र में हो सकता है, हालांकि ज़्यादातर बुढ़ापे में होता है। यह जन्मजात हो सकता है, स्टेरॉयड के इस्तेमाल, आघात, मधु��ेह या आँखों की सूजन के कारण हो सकता है।
आँखों के स्वास्थ्य और मोतियाबिंद से जुडी समस्या के लिए, रांची के भल्ला आई हॉस्पिटल में Dr. Vikram Bhalla, MBBS, DNB (Ophthalmology) से संपर्क करें। पता: बिरसा चौक के पास, हवाई नगर, सत्यारी टोली, मारुति ट्रू वैल्यू के सामने, HP पेट्रोल पंप के पास, रांची, झारखंड। 📞 संपर्क करें: 7061015823, 8969749533।
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👨⚕️ आवश्यक ग्लूकोमा परीक्षण: डॉ. विक्रम भल्ला से जानका���ी
ग्लूकोमा एक गंभीर नेत्र रोग है जो समय रहते पता न लगने पर दृष्टि हानि का कारण बन सकता है। ग्लूकोमा के निदान के लिए उपयोग किए जाने वाले आवश्यक परीक्षण इस प्रकार हैं:
विस्तारित नेत्र परीक्षण: इसमें आपकी पुतलियों को चौड़ा करने के लिए आई ड्रॉप का उपयोग करना शामिल है, जिससे डॉ. विक्रम भल्ला ग्लूकोमा के लक्षणों के लिए ऑप्टिक तंत्रिका की गहन जांच कर सकते हैं।
गोनियोस्कोपी: आपकी आंख के जल निकासी कोण का निरीक्षण करने के लिए एक विशेष लेंस का उपयोग किया जाता है, जो ग्लूकोमा के प्रकार को निर्धारित करने में मदद करता है।
ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी (OCT): यह इमेजिंग परीक्षण ग्लूकोमा के कारण होने वाले किसी भी परिवर्तन का पता ��गाने के लिए ऑप्टिक तंत्रिका और रेटिना की विस्तृत छवियों को कैप्चर करता है।
टोनोमेट्री: यह परीक्षण आपकी आंखों के अंदर इंट्राओकुलर दबाव (IOP) को मापता है। उच्च IOP ग्लूकोमा के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है।
पैचीमेट्री: डॉ. भल्ला आपके कॉर्निया की मोटाई को मापने के लिए इस परीक्षण का उपयोग करते हैं, जो IOP रीडिंग और ग्लूकोमा जोखिम मूल्यांकन को प्रभावित कर सकता है।
स्लिट-लैंप परीक्षा: इसमें कॉर्निया, आईरिस और लेंस सहित आपकी आंख के सामने की संरचनाओं की जांच करने के लिए माइक्रोस्कोप का उपयोग करना शामिल है।
दृश्य तीक्ष्णता परीक्षण: यह मानक नेत्र चार्ट परीक्षण यह जांचता है कि आप विभिन्न दूरियों पर कितनी अच्छी तरह देख सकते हैं।
दृश्य क्षेत्र परीक्षण: जिसे परिधि के रूप में भी जाना जाता है, यह परीक्षण ग्लूकोमा के कारण किसी भी दृष्टि हानि की पहचान करने के लिए आपकी परिधीय दृष्टि को मापता है।
ग्लूकोमा का जल्दी पता लगाने और प्रबंधन के लिए नेत्र रोग विशेषज्ञ से नियमित जांच बहुत ज़रूरी है। व्यापक नेत्र देखभाल और ग्लूकोमा परीक्षण के लिए, भल्ला आई हॉस्पिटल, बिरसा चौक के पास, हवाई नगर, सत्यारी टोली, मारुति ट्रू वैल्यू के सामने, एचपी पेट्रोल पंप के पास, रांची, झारखंड में Dr. Vikram Bhalla, MBBS, DNB (Ophthalmology) से मिलें।
आप अपॉइंटमेंट शेड्यूल करने के लिए 7061015823 या 8969749533 पर डॉ. भल्ला से संपर्क कर सकते हैं। अपनी आँखों के स्वास्थ्य के बारे में सक्रिय रहें!
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मोतियाबिंद के चेतावनी संकेत
मोतियाबिंद धीरे-धीरे विकसित हो सकता है और शुरू में ध्यान नहीं ��ता। लेकिन, समय पर चिकित्सा सलाह लेने के लिए इसके चेतावनी संकेतों को जानना महत्वपूर्ण है। यहां कुछ मुख्य संकेत दिए गए हैं:
धुंधली दृष्टि: दृष्टि धुंधली या कोहरे जैसी हो जाती है, जिससे स्पष्ट देखना मुश्किल होता है।
रात के समय दृष्टि में कठिनाई: रात में, खासकर गाड़ी चलाते समय, देखने में कठिनाई होती है।
तेज रोशनी और चमक के प्रति संवेदनशीलता: हेडलाइट्स या सूरज की तेज रोशनी से असुविधा या दर्द होता है।
रंगों का फीका पड़ना और पीला होना: रंग कम चमकीले और अधिक पीले नजर आते हैं।
एक आंख में दोहरी दृष्टि: एक आंख में दोहरी ���ृष्टि होना मोतियाबिंद का संकेत हो सकता है।
पढ़ने के लिए अधिक रोशनी की आवश्यकता: पढ़ने या पास का काम करने के लिए अधिक रोशनी की जरूरत होती है।
चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस का नंबर बार-बार बदलना: दृष्टि में तेजी से बदलाव होने पर नंबर बार-बार बदलने की आवश्यकता होती है।
यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखें, तो नेत्र विशेषज्ञ से परामर्श लेना उचित है। प्रारंभिक पहचान और उपचार से मोतियाबिंद को प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है।
अधिक जानकारी के लिए आप Dr. Vikram Bhalla, MBBS, DNB (Ophthalmology) से संपर्क कर सकते हैं। भल्ला आई हॉस्पिटल, बिरसा चौक के पास, हवाई नगर, सतारी टोली, मारुति ट्रू वैल्यू के सामने, एचपी पेट्रोल पंप के पास, रांची, झारखंड में स्थित है। आप अस्पताल से 7061015823 या 8969749533 पर संपर्क कर सकते हैं।
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बच्चों के लिए आँखों की देखभाल: महत्वपूर्ण सुझाव
बच्चों के लिए अच्छी आँखों की देखभाल की आदतें बहुत महत्वपूर्ण हैं। यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं जो आपके बच्चे की आँखों की सेहत बनाए रखने में मदद करेंगे:
नियमित आँखों की जांच: हर साल अपने बच्चे की आँखों की जांच करवाएं। किसी भी समस्या का जल्दी पता चलने पर बेहतर इलाज संभव है।
संतुलित आहार: अपने बच्चे को फलों, सब्जियों और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर आहार देने के लिए प्रेरित करें। विटामिन ए, सी, और ई, और जिंक जैसी पोषक तत्व आँखों की सेहत के लिए आवश्यक हैं।
स्क्रीन टाइम सीमित करें: ज्यादा स्क्रीन टाइम से आँखों में तनाव हो सकता है। अपने बच्चे को नियमित रूप से 20-20-20 नियम अपनाने के लिए कहें: हर 20 मिनट में, 20 फीट दूर किसी चीज़ को 20 सेकंड के लिए देखें।
उचित रोशनी: सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा पढ़ाई या होमवर्क करते समय अच्छी रोशनी में हो, ताकि आँखों पर जोर न पड़े।
सुरक्षात्मक चश्मे: अगर आपका बच्चा खेलों में भाग लेता है, तो उसे सुरक्षात्मक चश्मे पहनने के लिए कहें, ताकि आँखों को चोट से बचाया जा सके।
अधिक जानकारी या अपॉइंटमेंट के लिए, कृपया Dr. Vikram Bhalla, MBBS, DNB (Ophthalmology) से भल्ला आई हॉस्पिटल, बिरसा चौक के पास, हवाई नगर, सत्यारी टोली, मारुति ट्रू वैल्यू के सामने, एचपी पेट्रोल पंप के पास, रांची, झारखंड पर संपर्क करें। आप हमें 7061015823 या 8969749533 पर भी संपर्क कर सकते हैं।
इन उपायों को अपनाकर आप अपने बच्चे की आँखों की सुरक्षा कर सकते हैं और जीवन भर के लिए आँखों की सेहत को बढ़ावा दे सकते हैं।
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👨⚕️ ग्लूकोमा के बारे में 4 महत्वपूर्ण तथ्य
हर उम्र के लोग जोखिम में: ग्लूकोमा किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है, चाहे वह नवजात शिशु हो या बुजुर्ग।
चुपचाप बढ़ता है: इस आँख की बीमारी के अक्सर कोई चेतावनी संकेत नहीं होते। कई लोगों को कोई आँख दर्द या लक्षण महसूस नहीं होते जब तक कि दृष्टि का काफी नुकसान नहीं हो जाता।
अंधेपन का प्रमुख कारण: ग्लूकोमा दुनिया भर में अंधेपन के प्रमुख कारणों में से एक है। इसे प्रारंभिक अवस्था में पकड़ना और इलाज करना बहुत महत्वपूर्ण है।
जल्दी पहचान ही बचाव का तरीका: ग्लूकोमा से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है इसकी जल्दी पहचान और समय पर इलाज। नियमित आँखों की जांच से इसे शुरुआती चरण में ही पकड़ा जा सकता है।
अधिक जानकारी के लिए, Dr. Vikram Bhalla, MBBS, DNB (Ophthalmology) से संपर्क करें। भल्ला आई हॉस्पिटल, बिरसा चौक के पास, हवाई नगर, स्यातारी टोली, मारुति ट्रू वैल्यू के सामने, एचपी पेट्रोल पंप के पास, रांची, झारखंड। संपर्क नंबर: 7061015823, 8969749533।
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👁 ग्लूकोमा को समझना: प्रकार और जोखिम
ग्लूकोमा आंखों की स्थितियों का एक समूह है जो ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान पहुंचाता है, जिससे उपचार न होने पर दृष्टि हानि और अंधापन हो सकता है। आपके नेत्र रोग विशेषज्ञ, Dr. Vikram Bhalla, MBBS, DNB (Ophthalmology) के रूप में, मैं इसके विभिन्न प्रकारों पर प्रकाश डालने के लिए यहां हूं:
1️⃣ प्राथमिक ओपन-एंगल ग्लूकोमा: सबसे आम प्रकार जहां आंख का जल निकासी कोण समय के साथ कम कुशल हो जाता है।
2️⃣ कोण-बंद मोतियाबिंद: यह तब होता है जब परितारिका आगे की ओर उभर जाती है और आंख के जल निकासी कोण को अवरुद्ध कर देती है, जिससे आंख का दबाव अचानक बढ़ जाता है।
3️⃣ सामान्य-तनाव ग्लूकोमा: आंखों पर सामान्य दबाव के बावजूद, ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान होता है।
4️⃣ जन्मजात ग्लूकोमा: जन्म के समय मौजूद, आंख की जल निकासी प्रणाली के असामान्य विकास के कारण होता है।
5️⃣ माध्यमिक ग्लूकोमा: आंख की किसी अन्य स्थिति या चोट, जैसे आघात या यूवाइटिस के परिणामस्वरूप विकसित होता है।
ग्लूकोमा के प्रबंधन में शीघ्र पता लगाना और उपचार महत्वपूर्ण है। आंखों की नियमित जांच से लक्षणों का शीघ्र पता लगाने में मदद मिल सकती है, जिससे दृष्टि हानि का जोखिम कम हो सकता है। यदि आपको कोई चिंता है या मार्गदर्शन की आवश्यकता है, तो बेझिझक मुझसे भल्ला आई हॉस्पिटल, बिरसा चौक के पास, हवाई नगर, सत्यारी टोली, मारुति ट्रू वैल्यू के सामने, एचपी पेट्रोल पंप के पास, रांची, झारखंड में संपर्क करें, या 7061015823, 8969749533 पर कॉल करें।
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👨⚕️ग्लूकोमा से बचाव के टिप्स
डॉ. विक्रम भल्ला, ऑप्थाल्मोलॉजिस्ट, के द्वारा आंखों के ग्लूकोमा से बचाव के टिप्स:
नियमित नेत्र परीक्षण: आँखों की नियमित जाँच जरूरी है। ग्लूकोमा कई बार लक्षणों के बिना विकसित होता है, इसलिए समय रहते निकट नेत्र परीक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है।
परिवार का इतिहास जानें: ग्लूकोमा परिवार में चलता है। अपने परिवार के नेत्र स्वास्थ्य का इतिहास जानना आपके जोखिम का म��ल्यांकन करने में मदद करता है।
अपनी आंखों की सुरक्षा करें: बाहरी धूप से अपनी आंखों को हानिकारक यूवी रेडिएशन से बचाएं। और जब भी किसी ऐसी गतिविधि में शामिल हों जिसमें आँखों को चोट का खतरा हो, तो सुरक्षात्मक चश्मा पहनें।
स्वस्थ आदतें बनाएं: फलों और सब्जियों से भरपूर संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी स्थितियों का प्रबंधन, सामान्य नेत्र स्वास्थ्य में मदद करता है।
धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान न केवल आपकी फेफड़ों को हानि पहुंचाता है, बल्कि आपकी आंखों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो छोड़ना ग्लूकोमा और अन्य आंख की बीमारियों के विकास का जोखिम कम करता है।
अपनी आँखों की स्वास्थ्य के बारे में सतर्क रहें। विस्तृत आँखों की देखभाल और मार्गदर्शन के लिए, डॉ. विक्रम भल्ला से संपर्क करें। उन्हें भल्ला आँख अस्पताल, रांची में संपर्क करें। अपॉइंटमेंट के लिए 7061015823 पर संपर्क करें।
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आंखों की सेहत: ग्लूकोमा की जागरूकता
ग्लूकोमा, जिसे आमतौर पर "दृष्टि का चोर" कहा जाता है, एक ऐसे आंख की स्थिति है जो ऑप्टिक नर्व को क्षति पहुंचाती है, यदि इसे उपचारित नहीं किया जाता है, तो अपरत्याशित दृष्टि का नुकसान हो सकता है। हमारे ओप्थल्मोलॉजिस्ट, Dr. Vikram Bhalla, MBBS, DNB (Ophthalmology), समझाते हैं ���ि आँखों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देना कितना महत्वपूर्ण है।
क्या आप जानते हैं? ग्लूकोमा सामान्यत: धीरे-धीरे बढ़ता है, और प्रारंभिक ��रणों में कोई अनुभवनीय लक्षण नहीं हो सकते। इसलिए, नियमित आँख की जाँच का महत्व अधिक होता है, खासकर यदि आप 40 वर्ष से अधिक आयु वाले हैं या आपके परिवार में ग्लूकोमा का इतिहास है।
बढ़ी हुई आंत्रजाली दबाव, आयु, आनुवंशिकता, और कुछ चिकित्सा स्थितियों जैसे कारक ग्लौकोमा के जोखिम में सहायक हो सकते हैं। हालांकि, समय पर पहचान और उपचार से इस स्थिति का प्रबंधन किया जा सकता है और दृष्टि को संरक्षित किया जा सकता है।
भल्ला आई हॉस्पिटल में, हम समग्र आँख की देखभाल को प्राथमिकता देते हैं और ग्लूकोमा और अन्य आंख की स्थितियों के लिए उन्नत निदान और उपचार विकल्प प्रदान करते हैं। याद रखें, आपकी दृष्टि मायने रखती है, इसलिए हमें डॉ. विक्रम भल्ला से संपर्क करें, Bhalla Eye Hospital पर एक नियुक्ति के लिए। आप हमें हमारे पते पर संपर्क कर सकते हैं - नियर बिरसा चौक, हवाई नगर, सत्यारी टोली, मारुति ट्रू वैल्यू के सामने, एचपी पेट्रोल पंप के पास, रांची, झारखंड, या हमें कॉल करें 7061015823, 8969749533।
जागरूक रहें, सक्रिय रहें, और अपने आंखों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें! 👀
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👁️ आंखों की सुरक्षा: डॉ. विक्रम भल्ला के टिप्स 👁️
हमारे दैनिक जीवन में चलते हुए, हमें अपनी आंखों की सेहत को प्राथमिकता देना चाहिए। यहाँ कुछ सरल लेकिन प्रभावी टिप्स हैं आपकी आंखों को सुरक्षित रखने के लिए:
नियमित नेत्र जाँच: डॉ. विक्रम भल्ला जैसे ऑप्थाल्मोलॉजिस्ट के साथ नियमित जाँच कराएं। रांची, झारखंड में भल्ला आई हॉस्पिटल में एपॉइंटमेंट बुक करने के लिए 7061015823 या 8969749533 पर कॉल करें।
यूवी संरक्षण: बाहरी मौसम में भी सनग्लास पहनें, जो 100% UVA और UVB किरणों को ब्लॉक करते हैं।
डिजिटल आंख थ��ान: लंबे समय तक स्क्रीन के सामने बैठने से आपकी आंखें थक जाती हैं। नियमित ब्रेक लें, अधिक ब्लिंक करें, और 20-20-20 नियम का पालन करें।
स्वस्थ जीवनशैली: सही आहार लें और अपने आहार में जरूरी न्यूट्रिएंट्स को शामिल करें।
उचित प्रकाश: पढ़ाई या स्क्रीन के सामने काम करते समय उचित प्रकाश का ध्यान रखें।
आंख सुरक्षा उपकरण: यदि आप ऐसे माहौल में काम करते हैं जहाँ आंखों को खतरा हो सकता है, तो उपयुक्त सुरक्षा चश्मा पहनें।
इन आदतों को अपने दैनिक जीवन में शामिल करके, आप अपनी आंखों की सुरक्षा कर सकते हैं। Dr. Vikram Bhalla, MBBS, DNB (Ophthalmology) से व्यक्तिगत सलाह और आई केयर सेवाओं के लिए संपर्क करें।
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👨⚕️ कलर ब्लाइंडनेस समझें: संकेतों की पहचान
कलर ब्लाइंडनेस केवल सफेद और काले में नहीं है। यहां कुछ सामान्य लक्षण हैं जिनके बारे में जानना जरूरी है:
कुछ रंगों के बीच भिन्नता: कलर ब्लाइंडनेस वाले व्यक्ति किसी विशेष रंग को पहचानने में मुश्किल महसूस कर सकते हैं, जैसे लाल और हरा, नीला और बैंगनी, या पीला और नारंगी।
रंग कोडेड जानकारी में गलतफहमी: मानचित्र पढ़ना, चार्ट या शैक्षिक सामग्री में रंग से कोडित जानकारी को पहचानने जैसे कार्यों में कलर ब्लाइंडनेस के व्यक्ति��ों को मुश्किल हो सकता है।
गलत रंग का मेल खाना: रंगों पर आधारित वस्त्र चुनना या इनके संयोजन पर कलर ब्लाइंडनेस वाले व्यक्तियों के लिए गलत संयोजनों का कारण बन सकता है।
सीमित रंग अनुभव: कुछ व्यक्तियों को अंधेरे रंगों को या उनके सामान्य रंग दृश्य की तुलना में अलग रंगों को अलग दृश्य हो सकता है।
ट्रैफिक संकेतों में मुश्किल: ट्रैफिक लाइट्स के रंगों को पहचानने में मुश्किल होने से चिंता हो सकती है, जो गाड़ी चलाने या सड़कों को पार करते समय सुरक्षा समस्याओं का कारण बन सकता है।
कला और डिज़ाइन में चुनौतियां: रंगों पर भरोसा करते हुए नकली या नकली अलग-अलग कलाओं को बनाने या मानने में मुश्किल हो सकता है, जैसे पेंटिंग या डिजिटल डिज़ाइन।
यदि आप या आपका कोई परिचित इन लक्षणों का अनुभव करता है, तो Dr. Vikram Bhalla, MBBS, DNB (Ophthalmology), भल्ला आई हॉस्पिटल में एक अनुभवी नेतृत्व पर विशेषज्ञ आँख के चिकित्सक से सलाह लेना महत्वपूर्ण है। रांची, झारखंड के बिरसा चौक, हवाई नगर, सत्यारी टोली के पास, मारुति ट्रू वैल्यू के सामने, HP पेट्रोल पंप के पास स्थित। उनसे संपर्क करें 7061015823 या 8969749533 के लिए विशेषज्ञ सलाह और सहायता के लिए।
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👨⚕️ मोतियाबिंद की ऑपरेशन: चमकती आंखों का रास्ता
मोतियाबिंद, एक आम उम्र संबंधी समस्या है जो आँख की पर्दे को धुंधला बना सकती है, जिससे दैनिक गतिविधियों में तकलीफ हो सकती है। लेकिन, इसे उपचार करने के लिए मोतियाबिंद की ऑपरेशन एक अच्छा समाधान है।
यहाँ कुछ मुख्य लाभ हैं:
स्पष्ट दृष्टि: मोतियाबिंद की ऑपरेशन आंख की पर्दे को हटा कर धुंधलापन को दूर करती है, जिससे आपकी दृष्टि स्पष्ट होती है।
सुरक्षा: अच्छी दृष्टि से आपका जीवन सुरक्षित बनता है, चाहे वह ड्राइविंग हो, गर्मी में घूमना हो, या अन्य सामाजिक गतिविधियों में भाग लेना हो।
आत्म-विश्वास: स्पष्ट दृष्टि से आप अपनी दैनिक कार्यों को आसानी से कर सकते हैं, जिससे आपका आत्म-विश्वास बढ़ता है।
स्वतंत्रता: आपके लिए स्वाभिमानपूर्ण होने का एक माध्यम है, आप अपने दैनिक कार्यों को स्वतंत्र रूप से कर सकते हैं।
अगर आपको लगता है कि आपकी आंखों में मोतियाबिंद है, तो डॉ. विक्रम भल्ला, भल्ला आई हॉस्पिटल, रांची से संपर्क करें। हमें 7061015823 या 8969749533 पर कॉल करें और एक परामर्श के लिए आरक्षित करें, ताकि हम आपको उचित सलाह दे सकें और आपके लिए सबसे उपयुक्त उपचार तय कर सकें।
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👁️ क्या आपने 20-20-20 नियम के बारे में सुना है?
आज की डिजिटल युग में, हम अक्सर दीर्घकालिक रूप से स्क्रीन के सामने बैठे रहते हैं, चाहे वह काम हो या मनोरंजन। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह हमारी आंखों को थका सकता है?
Dr. Vikram Bhalla, MBBS, DNB (Ophthalmology), भल्ला आई हॉस्पिटल में, यहां हैं एक सरल लेकिन प्रभावी अभ्यास पर रोशनी डालने के लिए: 20-20-20 नियम। हर 20 मिनट के लिए, जितना समय आप स्क्रीन के सामने बिता रहे हैं, उतना ही समय, 20 सेकंड का अवकाश लें और कुछ 20 फुट दूर की चीज़ को देखें। यह आंखों की थकान और थकान को कम करने में एक छोटा सा समायोजन है जो बड़े परिणाम दे सकता है।
अगर आप किसी भी अस्वस्थता का अनुभव कर रहे हैं या अपनी आंखों के स्वास्थ्य के बारे में कोई चिंता है, तो डॉ. विक्रम भल्ला से संपर्क करें। आप हमें रांची, झारखंड के भल्ला आई हॉस्पिटल में पाएं, बिरसा चौक के पास, हवाई नगर, सत्यारी टोली, मारुति ट्रू वैल्यू के सामने, एचपी पेट्रोल पंप के पास। हमें 7061015823 या 8969749533 पर कॉल करके अपॉइंटमेंट बुक करें या कोई सवाल पूछें।
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👁️ कैटरेक्ट : चरणों के आधार पर उपचार 👁️
कैटरेक्ट , एक सामान्य दृष्टि संबंधी समस्या है, जो धीरे-धीरे बढ़ती है और शुरूआती चरणों में चश्मे, संपर्क लेंस या अन्य दृष्टि सहायक उपकरणों का उपयोग करके प्रबंधित किया जा सकता है। हालांकि, जब यह बढ़ती है और दृष्टि में कमी होती है, तो सर्जिकल इंटरवेंशन अनिवार्य ��ो जाता है। चरणों के आधार पर उपचार के विकल्पों का विवरण यहां है:
👓 शुरूआती चरण: शुरूआती चरण में, चश्मे और संपर्क लेंस जैसे दृष्टि सहायक उपकरण सिम्पटम का प्रबंधन करने और दृष्टि को स्पष्ट रखने में मददगार हो सकते हैं।
🔍 उन्नत चरण: जब कैटरेक्ट बढ़ती है और दृष्टि की कमी अधिक होती है, तो सामान्यत: विशेषज्ञों द्वारा शल्य उपचार के लिए सलाह दी जाती है।
🏥 शल्यकरण के विकल्प: पारंपरिक शल्य जोखिमपूर्ण होने के कारण, उन्हें अलग तरीके से शल्य उपचार की आवश्यकता हो सकती है, जैसे phacofragmentation, extracapsular cataract extraction (ECCE), या intracapsular cataract extraction (ICCE)।
याद रखें, समय पर पहचान और नियमित नेत्र जाँच महत्वपूर्ण है। यदि आपको कैटरैक्ट या किसी अन्य नेत्र संबंधी समस्या के बारे में कोई संदेह है, तो Dr. Vikram Bhalla, MBBS, DNB (Ophthalmology) से संपर्क करें, रांची के भल्ला आई हॉस्पिटल में। उनसे संपर्क करने के लिए फोन करें 📞 7061015823 या 8969749533।
साथ मिलकर नेत्र स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें!
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👁️ अपनी आँखें रगड़ने का नुकसान
क्या कभी आपने महसूस किया है कि लंबे दिन के बाद या जब आपकी आँखें खुजली या थकी हुई महसूस होती है, तो आप अपनी आँखें रगड़ने लगते हैं? हालांकि यह अस्थायी राहत दे सकता है, क्या आपको पता है कि यह दीर्घकालिक रूप से हानिकारक हो सकता है? यहाँ कुछ कारण हैं:
आँखों में संक्रमण का जोखिम: आपकी आँखों को रगड़ने से हाथों में मौजूद बैक्टीरिया, वाइरस, और अन्य जीवाणुओं को आपकी आँखों में ले जाने का खतरा होता है, जो नेत्र अंजन (पिंक आई) जैसे संक्रमण का खतरा बढ़ाता है।
कोरिया में हानि का खतरा: कोरिया आँख का एक नाजुक हिस्सा है जो प्रकाश को फोकस करने के लिए जिम्मेदार है। अपनी आँखें बहुत ज्यादा या अक्सर रगड़ने से कोरिया पर चोट या खरोंच हो सकती है, जो असहजता और नेत्र दृष्टि पर प्रभाव डाल सकती है।
एलर्जी की स्थिति में बिगड़ना: आपकी आँखें और ज्यादा अतिरिक्त हिस्टामीन को र��हाई देने के लिए अपनी आँखों को और ज्यादा खुजलाने से आपकी एलर्जी की स्थिति और बिगड़ सकती है, जो आइरिटेशन की एक चक्र में परिणत हो सकती है।
आँखों में बढ़ी हुई दबाव: उन लोगों के लिए जिनमें ग्लौकोमा जैसी स्थिति है, उनकी आँखों को रगड़ने से अस्थायी रूप से आंत्रिक आंत्रदाब बढ़ सकता है, जो समय-समय पर ऑप्टिक नस को क्षति पहुंचा सकता है।
अपनी आँखों को रगड़ने की बजाय, ये विकल्प कोशिश करें:
आँखों के बूंदें लगाएं: अगर आपकी आँखें सूखी या खुजली महसूस करती हैं, तो चिकित्सक सलाह के साथ आँखों की देखभाल करने के लिए बूंदें लगाएं।
गरम परत लगाएं: थकी हुई या परेशान आँखों के लिए, गरम परत लगाना उन्हें बिना किसी हानि के ठंडा करने में मदद कर सकता है।
अच्छी स्वच्छता का पालन करें: हाथों को बार-बार धोकर आँखों में जीवाणुओं को ले जाने का खतरा कम करें।
ध्यान दें, यदि आपको स्थायी आंतरिक असहजता या दृष्टि में परिवर्तन का अनुभव होता है, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप विशेषज्ञ सलाह लें। Dr. Vikram Bhalla, MBBS, DNB (Ophthalmology), भल्ला आँख अस्पताल, रांची, झारखंड में आपकी सेवा में हैं। उनसे संपर्क करें: 7061015823 या 8969749533।
चलो, आँखों की स्वास्थ्य और भलाई को प्राथमिकता दें! 👀
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