क्रोएशिया अभी के लिए अति पर्यटन चिंताओं को भूल जाता है
क्रोएशिया अभी के लिए अति पर्यटन चिंताओं को भूल जाता है
मध्ययुगीन पुराने शहरों, भव्य प्राकृतिक पार्कों और एक हजार से अधिक द्वीपों के साथ, यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि क्रोएशिया एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। महामारी से पहले, देश भर में और विशेष रूप से डबरोवनिक में अति-पर्यटन के बारे में चिंताएं थीं, जहां लोकप्रिय गेम ऑफ थ्रोन्स टेलीविजन श्रृंखला के कुछ हिस्सों को शूट किया गया था। COVID-19 महामारी के दौरान आगंतुकों की संख्या में कमी के बाद, पर्यटकों…
प्रकृति के इस श्वेतवर्णी वरदान को बचाए रखनेविजय गर्ग
पिछले वर्ष जब यूरोप के ज्यादातर हिस्सों में सर्दियां बिना बर्फ के गुजर रही थीं तो लगा कि बेलगाम कार्बन उत्सर्जन करने और जीवाश्म ईंधन के बेइंतहा इस्तेमाल से जलवायु परिवर्तन की समस्या पैदा करने वाले विकसित देश अपने कर्मों का नतीजा देख रहे हैं। बर्फ नहीं पड़ी, तो यूरोप के बहुतेरे पर्यटन स्थल वीरान हो गए, ग्लेशियर पिघलने लगे और नदियों का जलस्तर कम होने लगा। मगर, हमें अहसास नहीं था कि ऐसा ही कुछ एक…
कोविद -19 संकट: स्पेन पर्यटन के लिए धीरे-धीरे खुलेगा, यूरोप के साथ पहले, विदेश मंत्री कहते हैं
कोविद -19 संकट: स्पेन पर्यटन के लिए धीरे-धीरे खुलेगा, यूरोप के साथ पहले, विदेश मंत्री कहते हैं
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मैड्रिड, स्पेन में कोरोनवायरस बीमारी (COVID-19) के प्रकोप के बीच सामाजिक दूरियां बनाए रखते हुए लोग एक सुपरमार्केट के बाहर कतार में खड़े हो जाते हैं। (रायटर)
REUTERS / सुसाना वेरा
स्पेन आमतौर पर प्रत्येक वर्ष 80 मिलियन से अधिक आगंतुकों का स्वागत करता है, जिससे यह दुनिया के सबसे अधिक दौरा किए गए देशों में से एक है, जिसमें पर्यटन अपनी अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध क�� यूरोप की छुट्टियों की बुकिंग पर सीमित प्रभाव पड़ रहा है
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रनवे ट्रैवल की ट्रैवल एडवाइजर जेसिका ग्रिस्कावेज का कहना है कि यूक्रेन युद्ध के बीच यूरोप की लग्जरी ट्रिप बुक करने वाले यात्रियों ने रद्द नहीं किया है। चित्र, ग्रिग्नन, फ्रांस।
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जैसा कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण जारी है, जिसका कोई अंत नहीं है, अमेरिकियों की यूरोपीय छुट्टियों की योजना कैसे प्रभावित हो रही है? यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किससे पूछते हैं,…
न्यूडिटी:ऐसे देश या जगह जहाँ नंगा होना कोई अपराध नहीं -
न्यूडिटी और रिब्ड जीन्स-
न्यूडिटी को लेकर हमेशा बहस छिड़ती रहती है।अभी हाल में भारत में रिब्ड जीन्स को लेकर बवाल हुआ था।की महिलाओं को कैसे जीन्स पहनने चाहिए कैसे नहीं इसपे बहुत बहस हो रही थी। तो हमने सोचा की आप को उन जगहों के बारे में बताया जाये जहाँ तो न्यूडिटी भी कोई अपराध नहीं है।यहाँ रिब्ड जीन्स पर बवाल हुआ पड़ा है वहाँ लोगों के नंगे घूमने में भी कोई पाबंदियां नहीं है।हर देश में अपने अलग कानून हैं फिर चाहे वो भरे बाजार किस करना हो या एक-दूसरे का हाथ पकड़कर चलना।बहुत से देशों में अपने पार्टनर का हाथ तक पकड़ना गैरकानूनी माना जाता है लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में कुछ ऐसे भी देश हैं जहां आप निर्वस्त्र होकर यानि बिना कपड़ों के घूम सकते हैं और यह पूरी तरह से न्यायोचित है।सबसे पहले हम आपको उन देशों के नाम बताते है।
1 - फ्रांस - इस देश में निर्वस्त्र घूमना पूरी तरह से तो वैध नहींहै लेकिन फ्रांस में ऐसी कई जगहें हैं जहां आप सार्वजनिक रूप से निर्वस्त्र होकर घूम सकते हैं जैसे की कैप डीएग्डी शहर।इस सहर को नेकेड सिटी के नाम से भी जाना जाता है। ये सहर ऐसा है की यहाँ लोग केवल बीच पर ही अपने कपडे नहीं उतारते बल्कि पुरे सहर में कपडे उतार के रहना यहाँ की पहली शर्त है। गर्मियों में यहाँ एक बार में 40000 से ज्यादा लोग इख्ठा होते है। लेकिन यहाँ एंट्री फीस देकर ही इस सहर में प्रवेश मिलता है नहीं तो यहाँ घुसने नहीं दिया जायेगा। यहाँ पर आप दूसरे साथी के साथ न्यूडिटी आनंद ले सकते है यहाँ पर शॉपिंग माल है और अच्छे बार और रेस्ट्रोरेंट है बैंकिंग जैसी हर तरह की सुविधाएं है जिसे आप प्रयोग कर सकते है लेकिन यहाँ फोटोग्राफी और फोटे लेना सख्त मना है।
2 - क्रोएशिया -क्रोएशिया दक्षिण पूर्व यूरोप यानि बाल्कन में पानोनियन प्लेन, और भूमध्य सागर के बीच बसा एक देश है। देश का दक्षिण और पश्चिमी किनारा एड्रियाटिक सागर से मिलता है। देश की राजधानी और सबसे बड़ा शहर जगरेब है, जो तट से भीतर स्थित है। एड्रियाटिक सागर के किनारे कई हज़ार द्वीप हैं, इस समुद्र के किनारे पर्यटन के लिए उपयुक्त परिस्थितियाँ हैं।इस देश में नग्नवाद कल्चर काफी लम्बे समय से चला आ रहा है।आप इस देश में कहीं पर भी निर्वस्त्र घूम सकते हैं क्योंकि यहां सार्वजनिक रूप से निर्वस्त्र होने को लेकर कोई भी कानून नही है।क्रोएशिया में एक अच्छी तरह से विकसित न्यूडिटी संस्कृति के साथ शिविर स्थलों और होटल विशेष रूप से खानपान के लिए लोकप्रिय हो गया है।
3 -नीदरलैंड- इस देश में सड़कों पर निर्वस्त्र घूमना तब तक किसी प्रकार का अपराध नहीं है जबतक कि आप कोई अविश्वसनीय कार्य नहीं करते हैं। यहां पर केवल कुछ जगह ही ऐसी हैं जहां पूरी तरह से नग्न होना वैध है। नीदरलैंड में कई टॉपलैस बीच भी हैं।नीदरलैंड के कल्चर के बारे में सुनके बहुत अजीब लगता है परन्तु यहाँ के लोगो के लिए ये साधारण बात होती है।नीदरलैंड में लोग सेक्स को खुले आम रखना पसंद करते है। नीदरलैंड में सेक्स की कई दुकाने है और संग्रहालय है जो यहाँ के कल्चर को उजागर करते है। नीदरलैंड में एक ही लिंग के व्यक्तियों के आपस में रिलेशन को नीदरलैंड बहुत अच्छे से स्वीकार करता है।
4 - अमेरिका- फ्लोरिडा हॉलोवर बीच मियामी न्यूडिटी के मामले में पूरी दुनिया में मशहूर हैं।यहां के लोगों को नंगे घूमना स्वर्ग में घूमने जैसा प्रतीत होता है।फ्लोरिडा के मियामी बीच में हौलओवर पार्क, दुनिया के सर्वश्रेष्ठ नग्न समुद्र तटों में से एक है। पहली बार 1948 में खोला गया, हौलओवर पार्क अपनी सुंदरता, स्थान और निर्धारित स्थान औ�� मज़ेदार वातावरण के कारण धन्यवादवादियों को प्रभावित करना जारी रखता है।हलोवर एक कपड़े-वैकल्पिक समुद्र तट के रूप में बहुत लोकप्रिय हो गया जब राजस्व-भूखे काउंटी ने समुद्र तट का उपयोग करने के लिए न्यूट्रीशियन से फीस एकत्र करने का दूसरा तरीका देखा। हालाँकि, बहुत कम कपड़े एक मुद्दा बन गए, और एक उचित रूप से उचित समाधान समुद्र तट के सबसे उत्तरी 800-यार्ड खिंचाव के लिए कपड़े-वैकल्पिक पहुंच को सीमित करना था।समुद्र तट सूर्योदय से सूर्यास्त तक और हर दिन एकमात्र खुला है शुल्क आपको पार्किंग के लिए पांच डॉलर का भुगतान करना होगा। सुविधाओं में टॉयलेट, शावर, रियायतें, पिकनिक टेबल और लाइफगार्ड शामिल हैं जो पार्क के खुले रहने के दौरान ड्यूटी पर हैं।
हालांकि, समुद्र तट के उत्तरी भाग को 1991 तक कपड़ों के वैकल्पिक के रूप में नामित नहीं किया गया था, जब एक डैड काउंटी अध्यादेश पर परिवारों को अपनी त्वचा को नंगे करने की अनुमति देने के लिए हस्ताक्षर किए गए थे। दुर्भाग्य से, फ्लोरिडा के राज्य के कानून आम तौर पर सार्वजनिक नग्नता की अनुमति नहीं देते हैं, इसलिए हौलोवर बीच फ्लोरिडा के एकमात्र स्थानों में से एक है जहां समुद्र तट नग्न होकर धूप सेंक सकते हैं।जबकि कैमरा क्षमताओं के साथ कैमरों या इलेक्ट्रॉनिक्स को प्रतिबंधित करने के लिए कोई कानून नहीं है, नग्न शिष्टाचार मांग के बिना अनुमति के कोई चित्र नहीं ले सकता है। स्नेह की यौन गतिविधि और सार्वजनिक प्रदर्शन सख्ती से निषेध है।
5 -यूनाईटेड किंगडम-यहां पर दुनिया के सबसे प्रसिद्ध नग्न बीच मौजूद हैं। यूके में कई ��ग्नवादी बीच ऐसे भी हैं जहां पर आप पूरी तरह से निर्वस्त्र हो सकते हैं और यह कानूनी तौर पर कोई अपराध भी नहींहै।
6 -स्पेन-इस देश में न्यूडिटी हर व्यक्ति का मानवाधिकार है। स्पेन के कानून के अनुसार यहां पर लोगों का नग्न होना और सड़को, बीचऔर पार्क में घूमना पूरी तरह वैध माना जाता है।अगर आप भी निर्वस्त्र होने का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो इन देशोंमें घूमने जा सकते हैं। यहां आपको भारत जैसा कल्चर तो दूर-दूर तक नहीं दिखेगा।
यह घटना एक अश्लील पर आधारित नहीं है और, कुछ मायनों में, नग्न की प्रशंसा करने और किसी को अपना दिखाने के लिए पूरी तरह से विकृत इच्छा (यह, बल्कि, प्रदर्शकों में निहित है), लेकिन प्रकृति के करीब पहुंचने की पूरी तरह से स्वस्थ इच्छा।आधुनिक दुनिया धीरे-धीरे सदियों पुरानी नैतिकता के अवशेषों से छुटकारा पाने के लिए शुरू हो रही है ।
न्यूडिटी पर अपनी दलीले -
19 वीं शताब्दी के अंत में, दो पुस्तकें जो लगभग एक साथ प्रकाशित हुईं, लेकिन स्वतंत्र रूप से एक-दूसरे से - हेनरिक इनगेविटर द्वारा "न्यूडिटी" और हेनरिक पुडर द्वारा "न्यूडिटी ऑफ न्यूडिटी" पूरे यूरोप में सुपर-बेस्टसेलर बन गईं।इन पुस्तकों का सार इस तथ्य से उबला हुआ है कि मानवता ने बहुत कुछ खो दिया है, हमेशा अपने आप को जंगली से आवास और कपड़े की दीवारों के साथ बंद कर दिया है, जिससे उन पर गहरी निर्भरता हो सकती है।कि पूर्ण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए, शरीर को हवा, पानी, घास, ओस, और एक लाभदायक प्राकृतिक आभा के अन्य प्राकृतिक संचयकों के साथ निकट, प्रत्यक्ष शारीरिक संपर्क की आवश्यकता होती है।न्यूडिज़्म का अभ्यास सभी उच्चतम अभिजात वर्ग, वैज्ञानिक और व्यावसायिक बुद्धिजीवी, संस्कृति और कला कार्यकर्ता करते थे।न्यूडिज़्म के आधुनिक इतिहास को गिना जा सकता है, जिसके संस्थापक भूगोलवेत्ता (और कट्टर अराजकतावादी) एलीज़ रिकलस थे।उन्होंने नग्नता को एक सामाजिक रूप से स्वीकार्य व्यवहार के रूप में घोषित किया जो पूरी दुनिया को एक नए प्रकार की सोच का नेतृत्व कर सकता है।हमारा उद्देश्य ये रहता है की आप तक कुछ रोचक ख़बरों के साथ उसके पीछे की पुरे इतिहास को साथ लाये। अगर आपको हमारे आर्टिकल पसंद आ रहे है तो हमे अपना समर्थन दे।
क्या आप जानते हैं कि भारतीय कला, संस्कृति और विरासत को किस और नाम से जाना जा सकता है – निश्चित ही टाइम्ज़ पैशन ट्रेल से।
टाइम्ज़ पैशन ट्रेल, टाइम्ज़ आफ़ इंडिया ग्रूप की एक ऐसी अनोखी पहल है जिसमें न केवल देश के पर्यटन को बढ़ावा मिलता है अपितु बहुत ही बारीकियों से अपनी बहुमूल्य और गरिमामई कला, संस्कृति और विरासत को जानने और समझने का मौक़ा मिलता है। टाइम्ज़ पैशन ट्रेल, केंद्र और राज्यों के पर्यटन, कला-संस्कृति और पुरातत्व विभागों के साथ सहभागिता करके इन कार्यक्रमों का आयोजन करता है।
टाइम्ज़ पैशन ट्रेल के मध्य प्रदेश संस्करण में सम्मिलित होने का अवसर मुझे मिला। 14 से 19 मार्च 2020 तक चले इस ट्रेल की शुरुआत हिंदुस्तान के दिल, मध्य प्रदेश की राजधानी, झीलों के शहर भोपाल से हुई। अविस्मरणीय पलों के लिए हम सभी बहुत उत्साहित थे और तैयार थे जीवन के नूतन अनुभवों के लिए।
अगर मैं टाइम्ज़ पैशन ट्रेल के प्रमुख संजय लाल जी की मानूँ तो अगले ६ दिन हम काल चक्र को पीछे करके इतिहास में जीने वाले थे।
मैं मूलतः मध्य प्रदेश का ही र��ने वाला हूँ और अव्वल दर्जे का घुमक्कड हूँ। चूँकि मध्य प्रदेश के अधिकांशतः जगह मैंने पहले ही देख रखी थी तो सच कहूँ कि मेरे मन में तनिक संशय भी था, कि इस यात्रा में अब नया क्या होने वाला है। बहरहाल ये तो वक़्त ही बताने वाला है।
पहले दिन मैं जहनुमा पैलेस में रुका। यहाँ रुके घुमक्कड साथियों से परिचय हुआ और साथ ही परिचय हुआ हमारे मेज़बान – टाइम्ज़ पैशन ट्रेल की टीम से। हम सब अपनी ख़ुसफुस में व्यस्त थे कि इसी बीच एक और व्यक्ति ने हमें ज्वाइन किया। बातें शुरू होने के कुछ ही क्षण बाद हम सब को यह अहसास हो गया कि यह साधारण सा दिखने वाला व्यक्ति बहुत ही असाधारण और बहुमुखी प्रतिभा का धनी है। हमारी यात्रा को सार्थक बनाने के लिए इस महान विभूति को हमारा मार्गदर्शक बनाया गया। हमारी ख़ुशी का ठिकाना ना था जब हमें मालुम पड़ा कि यह सज्जन कोई और नहीं बल्कि स्वयं पद्मश्री पुरातत्वविद श्री के के मोहम्मद जी हैं। भारत के इतिहास और धरोहरों को संभालने और उनके रख-रखाव में इन्होंने, पुरातत्व विभाग के डिरेक्टर के तौर पर आजीवन अहम भूमिका निभाई। शाम इनसे गुफ़्तगू करते कब बीत गई पता ही नहीं चला। रात्रि भोज से पहले मध्य प्रदेश पर्यटन के अधिकारियों से कार्यक्रम की रूपरेखा कि जानकारी मिली और औपचारिक मुलाक़ात हुई। रात्रि विश्राम के दौरान श्री के के मोहम्मद जी के संस्कृत और धर्म के प्रति उनके प्यार और लगाव को देखकर वो दोहा याद आ गया और उनके सम्मान में ये तो कहना बनता है कि “जात न पूछो साधु की, पूछ लीजिए ज्ञान”
14 मार्च की सुबह हम जहनुमा रिट्रीट पंहुचे और अपने दल के बाक़ी साथियों से परिचय हुआ। सभी सोशल मीडिया के प्रभावशाली लोग समाज के अलग-अलग क्षेत्र से थे। कोई फ़ौजी, कोई डॉक्टर, कोई लेखक़ तो कोई मुझ जैसा घुमक्कड। मगर हम सब में एक बात जो समान थी, वो थी कला, संस्कृति और धरोहरों से प्रेम। अपने इतिहास को जानने और समझने की लालसा और अपना देश देखने की चाहत।
टाइम्ज़ पैशन ट्रेल का आग़ाज़ हो चुका था और सांस्कृतिक संध्या से इसका शुभारंभ हुआ। भारत के प्रथम संस्कृत रॉक बैंड ध्रुवा ने गोविंद के गानों से समा बाँध दिया। इस संगीतमयी शाम को संस्कृत और संस्कृति के धागे से इतनी ख़ूबसूरती से बाँधा, कि वहाँ उपस्थित सभी लोग स्तब्ध हो गए और ऐसा लगा मानो समय भी उसका आनंद लेने के लिए रुक गया हो।
भीमबेटका की गुफाएँ
टाइम्ज़ पैशन ट्रेल का क़ाफ़िला निकल चुका था। कार्यक्रम का शुभारंभ मानवों के इतिहास से हुआ और हमें भीमबेटका जाकर इंसानों के शुरुआती दिनों और हमारे अतीत से रूबरू होने का मौक़ा मिला।
श्री के के मोहम्मद साहब बताते हैं कि यह इतिहास इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्यूँकि यूरोप में मनुष्यों का संज्ञानात्मक विकास चालीस हज़ार वर्ष पूर्व शुरू हुआ वहीं भीमबेटका में इसकी शुरुआत लगभग एक लाख साल वर्ष पहले ही हो गई थी। विंध्यांचल पर्वत शृंखला के निचले हिस्से में स्थित इन गुफ़ाओं में बनी चित्रकारियाँ यहाँ रहने वाले पाषाण युग के मनुष्यों के बौधिक विकास की कहानी दर्शाते हैं। गुफ़ाओं में लाल और सफ़ेद रंग की चित्रकारियों में हाथी, घोड़े, बाघ जैसे जानवरों के चित्र हैं। इसके साथ ही शिकार करना, नृत्य करना, संगीत बजाना जैसी कला क्रती भी मौजूद है। हम कृतज्ञ हैं श्री विष्णु श्रीधर वाकणकर और श्री मोहम्मद जैसे पुरातत्वविदों के, जिनके कारण ही, हम अपने इतिहास को टटोल पाते हैं।भीमबेटका की चट्टानें देखकर मेरे अंदर का पर्वत प्रेम बाहर आ गया और चट्टानों में हाथ आज़माए बिना चैन नहीं मिला। सही कहते हैं बंदर कभी गुलाट मारना नहीं छोड़ सकता।
भोजेश्वर महादेव मन्दिर, भोजपुर
भीमबेटका के बाद हमारी टीम भोजपुर पहुँची। राजा भोज की नगरी भोपाल, का एक ख़ूबसूरत पहलू भोजपुर है हालाँकि अब यह रायसेन जिले की शान है। शिव को अपना आराध्य मानने वाले राजा भोज चाहते थे कि उनके क्षेत्र में शिव का सबसे बड़ा और सुंदर मन्दिर बने। इसी के चलते ही शायद उन्होंने सबसे बड़ा ज्योतिर्लिंग बनाने का प्रण किया। श्री मोहम्मद बताते हैं कि एक ही पत्थर से बनाया गया यह विश्व का सबसे ऊँचा शिवलिंग है। सूर्यास्त के समय सूर्य किरणों का शिवलिंग पर पड़ना, मानो जाते-जाते सूर्यदेव ख़ुद भी शिव के इस विशालकाय रूप से अभिभूत होना चाहते हों।
ताज-उल-मसाजिद
शायद ही कोई भोपाल आए और ताज-उल-मसाजिद की भव्यता ना देखे। टाइम्ज़ पैशन ट्रेल की टीम आज एक ऐसे इतिहास को टटोलने जा रही थी जो जीता-जागता सबूत है वीरांगनाओं का। हमारे मार्गदर्शक जमाल अय्यूब जी जब ताज-उल-मसाजिद और वहाँ की बेगमों की वीरतापूर्ण चरित्र की दास्तान सुना रहे थे, जिन्होंने २ सदियों तक भोपाल में राज किया तो लग रहा था कि जिस महिला सशक्तिकरण की बात हम आज कर रहे हैं उसे तो इन बेगमों ने बहुत पहले ही चरितार्थ कर दिया था। यक़ीनन यह भारतीय इतिहास के स्वर्णिम पहलुओं में से एक है।
मध्य प्रदेश पर्यटन की तरफ़ से इस कार्यक्रम को बिना किसी अवरोध के पूर्ण कराने के लिए राज्य शासन की पायलट गाड़ी ने हमें भोपाल से रूक्सत किया जो अपने आप में बहुत दिलचस्प था। सफ़र आगे बढ़कर कर्क रेखा पर रुका और फिर हम साँची के लिए प्रस्थान कर गए।
साँची स्तूप
श्री के के मोहम्मद जी ने जब ये बताया कि बुद्ध कभी साँची आए ही नहीं तो मुझे यह जानकर बहुत ताज्जुब हुआ। सम्राट अशोक द्वारा निर्मित इस महान स्तूप और उसके आलीशान तोरन आज भी बख़ूबी दर्शाते हैं कि हमारे मूर्तिकार और कारीग़र अपने काम में कितने श्रेष्ठ और निपुण थे। यह भी बहुत अहम बात थी कि हमारे राष्ट्रपति भवन को ��हीं से प्रेरित होकर बनाया गया था।
उदयगिरी
उदयगिरी की गुफ़ाओं में बहुत ही ख़ूबसूरती से हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियाँ बनाई गई हैं। गुफा में भगवान विष्णु एक प्रतिमा में लेटे हुए हैं और उनके आस पास उनके भक्त खड़े हैं। गुफ़ा की मूर्तियों में त्रिदेव हों या गणेश, सभी को बहुत ख़ूबसूरत तरीक़े से आस्था के साथ बनाया गया है और उन कारीगरों का कौशल और निपुणता, क़ाबिले तारीफ़ है। पत्थरों पर बनाई इन प्रतिमाओं और गुफाएँ को देखकर आप मंत्रमुग्ध हो जाएँगे। शाम को साँची वापस लौट कर स्तूप में साउंड और लाइट शो का लुत्फ़ उठाया और वहाँ के इतिहास को और बेहतर तरीक़े से जाना।
बेगमों की रियासत छोड़ हम बुद्ध के शरण में थे और अब बारी थी बुंदेलखंड की। अगली सुबह हम ओरछा के लिए रवाना हुए और इस बीच हम चन्देरी में रुके।
चन्देरी
काली भाई के नेत्रत्व में हमें इस प्राचीन शहर चन्देरी के बारे में जानने का मौक़ा मिला। शुरुआत भारतीय पुरातत्व विभाग के चन्देरी संग्रहालय से हुई जिसके बाद बादल महल और चन्देरी क़िले की सुंदरता और भव्यता देखने को मिली। यात्रा के इस पड़ाव तक पंहुचने के बाद अब मैं यक़ीन के साथ कह सकता हूँ कि समय चक्र को पीछे ले जाकर इतिहास को दुबारा जीने का मौक़ा हमें मिला है। संजय लाल जी का कहा हर शब्द सही हो रहा था और अपने घर और प्रदेश को, एक नए नज़रिए से देख रहा था।
इतिहास के पन्नो से वर्तमान में लौटने के लिए चन्देरी गेट की एक झलक ही काफ़ी थी। काली भैया ने चन्देरी गेट के महत्व को समझाते हुए बताया कि कैसे मालवा और बुंदेलखंड को ये जोड़ता है और मध्य भारत का प्रमुख व्यापार केंद्र था। रोचक बात ये भी थी कि बॉलीवुड की सुपरहिट फ़िल्म स्त्री की शूटिंग यहीं हुई थी।
इस बीच लंच के लिए हम मध्य प्रदेश पर्यटन के क़िला कोठी में रुके। लज़ीज़ देसी व्यंजनों का लुत्फ़ उठाने के बाद काली भैया के साथ निकल पड़े चन्देरी क़िले के उस पहलू को देखने, जहाँ अप्रतिम सौंदर्य की मालकिनों ने अपने मान-सम्मान को बचाने के लिए जौहर किया। क़िला कोठी का जौहर स्मारक इन वीरांगनाओं की वीरता की कहानी आज भी चीख़-चीख़ कर बयां करता है।
ना केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में चन्देरी की साड़ियों की चमक है। यहाँ के कारीग़र कितनी बारीकी और लगन से काम करते हैं, इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है इनके द्वारा निर्मित विश्व की सबसे बेहतरीन माने जाने वाली साड़ियाँ। चन्देरी में काफ़ी कुछ है जो आपको आनंदित और प्रफुल्लित कर देगा। यक़ीं मानिए, मध्य प्रदेश पर्यटन यूँ ही नहीं कहता कि – हिंदुस्तान का दिल देखो।।
ओरछा
चन्देरी की यादों को समेट कर टाइम्ज़ पैशन ट्रेल की गाड़ी के चक्के बढ़ चले थे बेतवा नदी के किनारे बसे राजा राम चंद्र जी की नगरी ओरछा। राम मन्दिर की घंटियों, चिड़ियों की चहचहाहट, बेतवा का कल-कल करता पानी, मानो इस भागती दौड़ती ज़िंदगी में ठहराव सा आ गया हो, मानो हमें आत्म-मंथन और आत्म-चिंतन का समय मिल गया हो। वहीं ओरछा के दूसरी ओर, प्राचीन महल और इमारतें यहाँ के बुंदेलाओं की वीरता और शौर्यपूर्ण कार्यों की गवाही दे रहे हैं। ऐसा लग रहा है मानो ओरछा ने एक ही चादर में पूरी कायनात समेट ली हो। ओरछा की मनमोहक छवि शायद ही कभी मानस पटल से मिट पाएगी। महराजा वीर सिंह बुंदेला की छत्री हो या ओरछा राज परिवार की राजकुमारी रजेश्वरी और राजकुमार रुद्रप्रताप जी के साथ भोजन, इतना सब कुछ सुव्यवस्थित करना टाइम्ज़ पैशन ट्रेल के ही बूते की बात है।
खजुराहो
चार दिन कैसे बीत गए पता ही नहीं चला। मन कर रहा था कि समय की रफ़्तार को रोक दूँ, पर भला समय रुका है क्या कभी किसी के लिए।
टाइम्ज़ पैशन ट्रेल का क़ाफ़िला खजुराहो पंहुच कर अपने अंतिम दौर पर आ चुका है। खजुराहो का मन में आते ही कामुक प्रतिमाओं का ध्यान आता है पर अगर अनुराग शुक्ला जी की मानें तो खजुराहो में ना केवल कामुकता बल्कि पूरे जीवन चक्र को दर्शाया गया है। यहाँ कला, संस्कृति, कारीगरी के ऐसे अनगिनत उदाहरण हैं जिन्हें देखकर आप दाँतों तले उँगलियाँ दबा लेंगे।चंदेल राजाओं ने 85 मंदिर बनवाए थे पर रख-रखाव की कमी के चलते अब यहाँ सिर्फ़ 25 मंदिर ही शेष हैं जो अब पुरातत्व विभाग के अंदर हैं और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का हिस्सा है।
अनुराग शुक्ला जी खजुराहो में हमारा मार्गदर्शन करने वाले थे। यहाँ के मन्दिर ना केवल विष्णु-महेश के गुणगान करते हैं बल्कि चंदेल राजाओं की दूरगामी सोच को भी दर्शाते हैं। वराह मंदिर, लक्ष्मण मन्दिर, कंदरिया महादेव, जैन मंदिर, चतुर्भुज मंदिर, दुल्हादेव मंदिर और क्या नहीं।। खजुराहो की शाम बहुत ही ख़ास थी। और होती भी क्यूँ ना! सूफ़ी संगीत के उस्ताद ध्रुव संग्री और उनकी टीम द्वारा बहुत ही मधुर सूफ़ी संगीत का कार्यक्रम।
अंत में मध्य प्रदेश पर्यटन द्वारा निर्मित कुटनी आयलंड में भोजन कर वहाँ के ख़ूबसूरत नज़ारों का लुत्फ़ लिया। कुटनी देखने के बाद यही समझ आया कि हमारे देश में ऐसे अंगिनत छुपे रत्न हैं जिनकी ख़बर रत्नेश को नहीं। कुटनी के उपरांत खजुराहो बाज़ार से कुछ एंटीक की ख़रीददारी कर हम अपने गंतव्य को रवाना हुए।
दिल में यादें लिए, अपने घर-मध्य प्रदेश को एक नए नज़रिए से देखकर बहुत सुख की अनुभूति हुई। और हाँ, संजय जी ने शुरुआत में सही ही कहा था कि आप इतिहास को दुबारा जीने जा रहे हैं। आज उनकी कही हर बात चरितार्थ हो गई।
ऐसी कोई कहानी ही नहीं जो बिना कैमरे की हो। हर पल को छवि या चलचित्र में समेट कर यादगार बनाने के लिए बहुत ऐसे हाँथ होते हैं जो परदे के पीछे से काम करते हैं।
टाइम्ज़ पैशन ट्रेल के उन्ही साथियों के प्रति कृतज्ञता ज़ाहिर किए बिना ये लेख अधूरा ही रह जाएगा। इसलिए आप सभी का तहे दिल से शुक्रिया - संजय लाल, तलहा तुंगेकर, दुष्यंत चौहान, मनोज रॉय, गौरव जैन, जतिन कपूर, जूही अरोरा, राहुल सिंह, जमाल आयुब, अमित भारद्वाज, सचिन राव��, विनोद पाण्डेय, लोचन माली, समन अली, शोएब रहमान, विवेक राय, राहुल शर्मा, चाँद भाई इत्यादि।
यूरोप के Montenegro में पारिवारिक विवाद के चलते शख्स ने अंधाधुंद फायरिंग की, 11 लोगों की मौत - Montenegro shooting 11 killed family dispute ntc
यूरोप के Montenegro में पारिवारिक विवाद के चलते शख्स ने अंधाधुंद फायरिंग की, 11 लोगों की मौत – Montenegro shooting 11 killed family dispute ntc
स्टोरी हाइलाइट्स
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पुलिस कोई भी बयान जारी करने से बच रही
पर्यटन के लिहाज से मशहूर है Montenegro
यूरोप के Montenegro में एक पारिवारिक विवाद से परेशान होकर शख्स ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. इस फायरिंग में कुल 11 लोगों की मौत हो गई और कई घायल भी हुए. टेलीविजन चैनल ‘आरटीसीजी’ ने जानकारी दी है कि आरोपी शख्स गली में बच्चों समेत सभी लोगों पर गोली चला रहा था. उस गोलीबारी में 6 लोग घायल हुए,…
जनकपुरधाम : मधेश प्रदेश सरकारको टोली यूरोपको भ्रमणमा जान लागेको छ ।तराईमा बढदो गर्मी र वर्षायाम छल्न मुख्यमन्त्री मो.लालबाबु राउत गद्दीको नेतृत्वमा झण्डै डेढ दर्जनको सहभागिता रहेको टोली भदौ ६ गते सोमवार त्यस तर्फ प्रस्थान गर्ने छन् ।
भ्रमण टोलीमा मुख्यमन्त्री राउत, मधेश प्रदेश सभामुख सरोजकुमार राय यादव, भौतिक पूर्वाधार विकास मन्त्री रामसरोज यादव, उद्योग, पर्यटन तथा वन मन्त्री शत्रुधन यादव, गृह…
मधेश प्रदेश सरकारको टोली यूरोपको भ्रमणमा जान लागेको छ ।तराईमा बढदो गर्मी र वर्षायाम छल्न मुख्यमन्त्री मो.लालबाबु राउत गद्दीको नेतृत्वमा झण्डै डेढ दर्जनको सहभागिता रहेको टोली भदौ ६ गते सोमवार त्यस तर्फ प्रस्थान गर्ने छन् ।
भ्रमण टोलीमा मुख्यमन्त्री राउत, मधेश प्रदेश सभामुख सरोजकुमार राय यादव, भौतिक पूर्वाधार विकास मन्त्री रामसरोज यादव, उद्योग, पर्यटन तथा वन मन्त्री शत्रुधन यादव, गृह तथा सञ्चार…
पैसे की बचत करते हुए यूरोपीय अवकाश: यूरोप के लिए 7 बजट-अनुकूल यात्रा युक्तियाँ
पैसे की बचत करते हुए यूरोपीय अवकाश: यूरोप के लिए 7 बजट-अनुकूल यात्रा युक्तियाँ
यूरोप सबसे लोकप्रिय में से एक है ��र्यटक दुनिया में गंतव्य और इसके साथ आश्चर्यजनक दृश्य, जीवंत संस्कृति और समृद्ध इतिहास, इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि लाखों यात्री हर साल महाद्वीप में आते हैं, लेकिन जहां यूरोप यात्रा करने के लिए एक अविश्वसनीय जगह हो सकती है, वहीं यह महंगी भी हो सकती है। सौभाग्य से, यूरोप में यात्रा करते समय पैसे बचाने के बहुत सारे तरीके हैं, ताकि आप बैंक को तोड़े बिना पूरे…
Situated only 1.5 hours from Amsterdam: Giethoorn the Venice of the Netherlands, The City with No Roads.
If you visit the Netherlands you must also go to Giethoorn.
At the nothern tip of the province of Overijssel, in the middle of the nature reserve known De Wieden and De Weerribben, lies the village of Giethoorn. The characteristic features of this village are the many canals, typical high bridges and thatched farmhouses. This pituresque entourage and the natural beauty of the surroundings account for the nickname of ‘Green Venice’. Giethoorn has something to offer Young and old alike. Peace and quiet in a natural setting. But all forms of water sprorts are also available to be enjoyed here. And there are still many unique spots waiting to be discovered by boat, bicycle or on foot.
Giethoorn is a very popular tourist attraction with lots of hotels, boot rental (all kinds) holiday appartments, camping sites and more.
For more information: https://touristinformationgiethoorn.nl/home-en/ https://giethoorn.com/en/
यूरोप के लिए मीरा राजपूत वापसी, घिया उसका लंबा खोया प्यार है
यूरोप के लिए मीरा राजपूत वापसी, घिया उसका लंबा खोया प्यार है
कुछ भी नहीं धड़कता है ghar ka khana और इसे मीरा राजपूत से बेहतर कोई नहीं जानता। हालांकि यही कारण? वह एक लंबी पारिवारिक छुट्टी से घर वापस आ गई है और स्वादिष्ट घर का बना खाना खाने में व्यस्त हो गई है। मीरा अपने पति अभिनेता शाहिद कपूर और अपने दो बच्चों मीशा और ज़ैन के साथ फैमिली वेकेशन के लिए यूरोप गई थीं। यात्रा वास्तव में सुंदर पर्यटन स्थलों, प्राकृतिक परिदृश्यों और परिवार के साथ खुशी के पलों के…
डेनमार्क में मोदी-मोदी: पीएम ने की भारतीयों की तारीफ, भारत के पर्यटन और स्टार्टअप को बढ़ाने पर दिया जोर, पढ़ें भाषण की खास बाते���
डेनमार्क में मोदी-मोदी: पीएम ने की भारतीयों की तारीफ, भारत के पर्यटन और स्टार्टअप को बढ़ाने पर दिया जोर, पढ़ें भाषण की खास बातें
सार
भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जब मेरी विदेशी नेताओं से मुलाकात होती है, तो वे मुझे अपने देश के भारतीयों की उपलब्धियों को शान से बताते हैं। वे भारतीयों के नेचर की सराहना करते थकते नहीं। आप लोगों के व्यवहार और संस्कार के मूल में है ये। इसलिए मुझे जो बधाइयां मिल रही हैं, वह मैं आपको समर्पित करता हूं।
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यूरोप यात्रा के दूसरे दिन मंगलवार को…