पटना /विश्व फ़िज़ियोथेरापी दिवस पर इंडियन इंस्टिच्युट ऑफ हेल्थ एडुकेशन ऐंड रिसर्च में में आयोजित हुआ समारोह,डा अनूप कुमार गुप्ता को दिया गया 'फ़िज़ियोथेरापी गौरव सम्मान'
पटना, 9 सितम्बर। गत शताब्दी के अंतिम दशक में बिहार को ही नहीं संपूर्ण भारत वर्ष को ‘फ़िज़ियोथेरापी’ से प्रथम परिचय, बेउर, पटना स्थित इंडियन इंस्टिच्युट ऑफ हेल्थ एडुकेशन ऐंड रिसर्च ने ही कराया था। तब आमजन तो क्या ख़ासलोग भी नहीं जानते थे कि ‘फ़िज़ियोथेरापी’ है क्या? यहाँ तक कि अस्थिरोग-विशेषज्ञों को छोड़कर अन्य चिकित्सक भी आधुनिक चिकित्सा-विज्ञान की इस विशेष पद्धति से परिचित नहीं थे। आज संसार में…
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शराब से हर साल दुनिया में 30 लाख मौतें, जहर है फिर भी इससे इतनी मुहब्बत क्यों, लोग कितनी शराब पी रहे हैं, ‘भाषिकी रिसर्च जर्नल’ अध्ययन से हुए महत्वपूर्ण खुलासे
मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 21 जून 2024 | जयपुर – दिल्ली – मुंबई : शराब की वजह से दुनियाभर में 30 लाख लोग अपनी जान गंवा देते हैं, ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर फि भी क्यों लोगों को शराब की लत लग जाती है। तमिलनाडु में जहरीली शराब पीने से 34 लोगों की मौत हो गई तो वहीं 100 से ज्यादा लोग हॉस्पिटल में भर्ती हैं। आए दिन जहरीली शराब से मौतों की खबर आप सुनते ही होंगे।
शराब से हर साल दुनिया में 30 लाख…
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Adani Enterprises Share Price & News | अडानी एंटरप्राइजेज शेयर
Adani Enterprises Share | अडानी एंटरप्राइजेज शेयर
Adani Enterprises Share Price & News | अडानी एंटरप्राइजेज शेयर
अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड एक भारतीय बहुराष्ट्रीय सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध होल्डिंग कंपनी है और अदानी समूह का एक हिस्सा है । इसका मुख्यालय अहमदाबाद में है और मुख्य रूप से कोयले और लौह अयस्क के खनन और व्यापार में शामिल है । अपनी विभिन्न सहायक कंपनियों के माध्यम से, हवाईअड्डा…
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अडानी के शेयर गिरे:LIC में पैसा लगाने वालों को भी ये खबर जरूर पढ़नी चाहिए
नई दिल्ली:हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद भारत में बड़े मचे बवाल के बीच अदानी ग्रुप के शहर में होने वाली गिरावट से जहां पूरा भूचाल मच गया है वही अब भारत में अडानी ग्रुप पर भरोसा करने वालों का भरोसा भी डगमगाने लगा है। इसके साथ ही भारत में विभिन्न सरकारी बैंकों के द्वारा अडानी ग्रुप को दिया जाने वाला कर्ज भी अब सवालों के घेरे में आ गया है। भारत के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक आफ इंडिया…
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ISRO Recruitment 2023
ISRO Recruitment 2023 : इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) ने 526 पदों पर नई भर्ती का नोटिफिकेशन जरी किया है l इसरो भर्ती 2023 के लिए ऑनलाइन आवेदन 20 दिसंबर 2022 से 9 जनवरी 2023 तक कर सकते है और आवेदन शुक्ल जमा करवाने की अंतिम तिथि 11 जनवरी 2023 तक रखी गई है l
इसरो भर्ती 2023 के तहत असिस्टेंट, जूनियर पर्सनल असिस्टेंट, अप्पर डिवीज़न क्लर्क, स्टेनोग्राफर, पर्सनल असिस्टेंट सहित कई पदों पर भर्ती…
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पुस्तक बिक्रीको रकम मानवीय सेवामा
प्रा डा बच्चुकैलाश कैनीले हालै प्रकाशित आफ्ना पाँच कृतिको बिक्रीबाट आउने सबै रकम मानवीय सेवामा लगाउने घोषणा गर्नुभएको छ ।
काठमाडौँ, १३ कात्तिक (रासस) :
नेपाल क्यान्सर अस्पताल एवम् रिसर्च सेन्टर ललितपुरका प्रमुख कार्यकारी अधिकृत प्रा डा बच्चुकैलाश कैनीले हालै प्रकाशित आफ्ना पाँच कृतिको बिक्रीबाट आउने सबै रकम मानवीय सेवामा लगाउने घोषणा गर्नुभएको छ ।
पुस्तक बिक्रीबाट उठेको रकम असहाय तथा बेसहाराको उद्धार गरी संरक्षण गर्दै आएको संस्था मानवसेवा आश्रमलाई दिने डा कैनीले बताउनुभयो । उहाँले पहिलो चरणको सहयोगअन्तर्गत पुस्तक…
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Silly Game Time: Tell us all a dumb joke! If English isn't your first language, feel free to tell us one in your first language! (I'd almost prefer it, in fact.)
Hi!
Your wish is my command!
And my friend just sent me a cracking joke, so I must share it
(Horrid translation courtesy of me)
A physicist, a biologist and a chemist are just sitting at the seaside, watching the ocean and waves and all.
So, the physicist went to research the wave speed, and never came back
The biologist went to study the species living in the ocean, and never came back.
The chemist just sits there for years and writes a research paper that states that physicists and biologists are dissolvable on water.
If you want the original thing, it's below the cut.
So you can get a better translation or smth.
Do you have any dumb jokes to share?
तीन वैज्ञानिक भोतिकशास्त्री,जीवविज्ञानी और रसायनशास्त्री समुन्द्र की लहरों को देख रहे थे
भोतिकशास्त्री :मै चला लहरों की तरंग गति पर रिसर्च करने और गया वापिस ना आया
जीवविज्ञानी :मै चला समुन्द्र की वनस्पतियों पर रिसर्च करने और गया वापिस ना आया रसायनशास्त्री :कई वर्षों तक बैठा रहा,इंतजार करता रहा और अंत में उसने रिसर्च पेपर छापा कि " भोतिकशास्त्री और जीवविज्ञानी समुन्द्र के पानी मै घुलनशील होते है
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नाभि में चूना लगाने के फायदे; और नुक्सान MedicoSutra
बहुत से लोग अज्ञानता बस नाभि में चूना लगाते हैं उन्हें यह नहीं पता होता की नाभि में चूना लगाने के फायदे होते हैं या फिर सिर्फ सुनी बातों की वजह से नाभि में चूना लगाने लग जाते हैं, हम इस लेख में जानेंगे की नाभि में चूना लगाने से क्या होता है? क्या सच में इसके फायदे हैं या फिर लोग लोगों की बातों में आकर नाभि में चूना लगाने लग जाते हैं,
नाभि में चूना लगाने के फायदे के बारे में किसी प्रकार के चिकित्सा रिसर्च और पारंपरिक उपचार पद्धतियों में उल्लेख नहीं मिलता है कई लोगों का ऐसा मानना है की नाभि में चूना लगाने से वजन घटता है, परंतु सच बात यह है कि नाभि में चूना लगाने के फायदे नहीं होते हैं यह एक मिथक है, कई रिसर्च ने स्पष्ट रूप से यह माना है कि नाभि में चूना लगाने से Read more..
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भारत के चंद्रयान लैंडर के 23 अगस्त को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की उम्मीद
Chandrayaan News Update। भारत के चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर के 23 अगस्त को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की उम्मीद है। दूसरी ओर, रूस ने 10 अगस्त को अपना चंद्र मिशन लूना -25 लॉन्च किया, जो 21 अगस्त को चांद के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग कर सकता है। इस बीच चंद्रयान-3 मिशन को लेकर भारतीय स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेश के पूर्व प्रमुख के सिवन ने कहा है कि भारत के मंगल मिशन की लागत बेशक कुछ हॉलीवुड फिल्मों की तुलना…
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पटना /विवानटीस हॉस्पिटल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट का रूपसपुर दीघा रोड में हुआ उद्घाटन
पटना /विवानटीस हॉस्पिटल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट का रूपसपुर दीघा रोड में हुआ उद्घाटन
अभिजीत कुमार की रिपोर्ट /रूपसपुर दीघा रोड पिलर नम्बर 249 के सामने स्थित विवानटीस हॉस्पिटल एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट का उद्घाटन बिहार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिक मंत्री सुमित कुमार सिंह के द्वारा किया गया, इस अवसर पर मुख्य अतिथि विधायक रीतलाल यादव, पूर्व विधायक मनजीत कुमार सिंह ,अजय प्रताप सिंह, सतीश कुमार,भाई सनोज यादव, अनिल सुलभ, राज कुमार झा, गिरधर पाठक आदि उपस्थित हॉस्पिटल के डायरेक्टर रवीश कुमार…
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Why tyres are made only in black colour?
टायर का रंग काला ( black tire)क्यों होता है लाल, पीला या सफ़ेद क्यों नहीं होता तो आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे है और इसके पीछे का कारण भी बताएंगे. टायर की बात करे तो हर आदमी इस चीज से बाकिफ होगा क्योंकि टायर किसी भी वाहन का प्रमुख अंग है टायर की वजह से ही एक वाहन लम्बा सफ़र तय कर पाते हैं लेकिन टायर को देखकर भी यहीं सवाल उठता है कि ये टायर काले क्यों होते है और अब तो टेक्नोलॉजी में काफी बदलाव आ गया अब भी टायरों को किसी दूसरे कलर में क्यों नहीं बनाया जाता है. भारत में लगभग सभी चीजें काफी बाद में आती है लेकिन जो देश टेक्नोलॉजी में सबसे आगे है वहां के वाहन के टायर अभी भी काले क्यों बनाये जा रहे है. तो जानेंगे इसके पीछे की वजह.
टायर का रंग काला क्यों होता है || Why is the color of the tire black
टायर का इतिहास काफी पुराना है क्योंकि आदिमानव के जमाने भी टायर बनाये जाते थे लेकिन उस समय रबर जैसी किसी चीज की खोज नहीं हुई थी जब रबर की खोज हुई तो इसके टायर भी बनाये गए जो काफी काम में आने लगे लेकिन अभी भी इन टायर में कमी थी क्योंकि साधारण रबर के टायर जल्दी घिस जाते थे इसके बाद थोड़ी और रिसर्च की गयी और पाया गया कि रबर में कार्बन और सल्फर मिलाकर इसे मजबूत किया जा सकता है. वैसे आपको पता होगा कि रबर का प्राकतिक रंग स्लेटी होता है लेकिन जब इसमें कार्बन और सल्फर मिलाया जाता है तो इसका रंग काला हो जाता है.
रबर में कार्बन मिलाने से बहुत बड़ा फायदा हुआ है क्योंकि जहां साधारण रबर से बना टायर 10 किलोमीटर चल सकता है वहीं कार्बन और सल्फर युक्त रबर का टायर 1 लाख किलोमीटर से ज्यादा चल सकता है इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि टायर बनाने के लिए रबर में कार्बन और सल्फर मिलाना कितना जरुरी है. चुकीं रबर में कार्बन और सल्फर मिलाते है इसलिए टायर का रंग काला हो जाता है.
और पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें :-
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2000 के नोट में GPS चिप खोजने में असफल होने के बाद RBI ने अब बाजार से 2000 के नोट वापस लेने का किया फैसला। इन दोनो chip अंकल और chip आंटी की इतनी रिसर्च बर्बाद कर दी RBI ने।
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पाकिस्तान में भुखमरी के जैसे हालात बने हैं वो दिखाता है कि आजादी के बाद प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू ने आत्मनिर्भर भारत की सोच से जो निर्णय लिए एवं बड़े-बड़े कल कारखानों, इस्पात कारखानों, बांधों के निर्माण के साथ भारत को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाने की सोच रखी वो कितनी आवश्यक थी।
नेहरू जी ने पहली पंचवर्षीय योजना का 45% फंड कृषि, सामुदायिक विकास, सिंचाई और ऊर्जा पर खर्च किया था। नेहरू जी के कार्यकाल में भाखड़ा नांगल बांध, हीराकुंड बांध, दामोदर घाटी परियोजना, नागार्जुन सागर बांध जैसी बड़ी सिंचाई परियोजनाएं बनीं। इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टिट्यूट एवं इंडियन कांउसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च जैसे संस्थानों को विकसित किया एवं नई कृषि विश्वविद्यालय खोले।
इसी का परिणाम है कि आजादी के 75 वर्ष में भारत मजबूत हुआ है जबकि भारत के साथ ही आजाद हुआ पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर है एवं आज वहां गृहयुद्ध के हालात बन चुके हैं।
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बातें ......
महाबली बजरंगबली के जन्म स्थान से जुड़ी बातें ।
हम सभी जानना चाहते है कि महावीर बजरंगबली यानी हनुमान जी का जन्म भारत में कहां हुआ था.....
आइये सबसे पहले आपको बताते है कि महाबली हनुमान कौन है और इनके माता-पिता कौन है..?
हनुमान जी को वीरता, शक्ति, स्वामीभक्ति और निस्वार्थ सेवा के लिए जाना जाता है। महाकाव्य तुलसी रामायण के वर्णन में हनुमान जी को भगवान रामजी का सबसे बड़ा और परम भक्त बताया गया है। और कहा जाता है कि इनकी रोजाना पूजा करने से मनोवांछित वरदान की प्राप्ति होती है। पुराणों के अनुसार हनुमान जी को भगवान शिवजी का 11वां अवतार माना गया है। हनुमान जी के माता का नाम अंजना है इसलिए उन्हे आंजनेय के नाम से भी जाना जाता है। और पिता का नाम केसरी है इसलिए महावीर को केसरीनंदन के नाम से भी जाना जाता है।
अब आप सबके मन में सवाल उठ रहा होगा कि जन्म स्थान कहां है?.. तो आइये हम आपको बताते है......
हनुमानजी के जन्मस्थान को लेकर कई सारे अलग-अलग मतभेद है हमारी रिसर्च और पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक चार ऐसी जगह है जहां हनुमानजी के जन्मस्थल होने का प्रामाण देती है।
पहला जन्मस्थान कुछ शास्त्रों के वर्णन के अनुसार हरियाणा राज्य के कैथल जिले में हुआ। यह पहले करनाल जिले का भाग था। यह कैथल ही पहले कपिस्थल था क्योंकि केसरीजी यानी हनुमान जी के पिता को कपिराज कहा जाता था, क्योंकि वे वानरों की कपि नाम की जाति से थे ।
दूसरे जन्मस्थान में ऐसा माना जाता है कि गुजरात में स्थित डांग जिला में हुआ रामायण के समय यह स्थान दंड��ारन्य प्रदेश के रुप में जाना जाता था। मान्यता के अनुसार यह कहा जाता है कि यहीं भगवान राम और लक्ष्मण आये थे और शबरी ने बेर खिलाये थे। वर्तमान में यह स्थल शबरीधाम के नाम से जाना जाता है। डांग जिले के अंजनी पर्वत में एक गुफ़ा है और वहां के आदिवासियों का दावा है कि इसी गुफ़ा में ही हनुमानजी का जन्म हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि माता अजंनी ने इसी पर्वत पर घोर तपस्या की थी और इसी तपस्या के फलस्वरुप उन्हे पुत्ररत्न यानी हनुमान जी की प्राप्ति हुई थी।
तीसरे जन्मस्थान में धार्मिक मान्यताओं के दावों के अनुसार हनुमान जी का जन्म झारखंड राज्य के गुमला जिले में स्थित आंजन गांव में हुआ। मान्यताओं का दावा है कि आंजन गांव में ही माता अजंना रहा करती थी। और इसी गांव में एक पहाड़ी है और इसी पहाड़ी में एक गुफ़ा है और कहा जाता है कि इसीगुफ़ा में रामभक्त हनुमान जी का जन्म हुआ था। इसी दावे और विश्वास के साथ यहां की जनजाति भारी संख्या में भक्ति और श्रद्धा के साथ माता अंजनी और महाबली हनुमान जी की पूजा अर्चना करती है। यहां एक प्रचीन मूर्ती भी है माता अंजनी अपने पुत्र हनुमान को गोद में लिए हुए स्थापित है। वहां के लोगों के कथित बातों के अनुसार अद्भुत मंदिर के पास जब भी बिजली चमकती है तो साक्षात प्रभु श्रीराम नजर आते है।
चौथे जन्मस्थान में अभी तक का सबसे बड़ा दावा यह दावा बड़े-बड़े जानकारों ने किया है। यह दावा महाराष्ट्र के नासिक अंजनेरी पर्वत के लिए किया जाता है कहा जाता है कि इस पर्वत पर हनुमान जी से जुड़े कई सच्ची निशानियां आज भी मौजूद है। जानकारों के मुताबिक इसी पहाड़ी पर स्थित गुफ़ा में माता अजंना ने महादेव की तपस्या कर हनुमान जी को जन्म दिया था।
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Aap bhi yadi nye blogger hai to ye galti kabhi nhi kre! Is tarah se kre keyword research!!!
अक्सर जो beginner blogger होते है वो youtube से video देखकर blogging तो start कर देते है लेकिन जब कीवर्ड रिसर्च की बात आती है तो वो हमेशा गलती करते है और एक अच्छा ब्लॉग पोस्ट लिखने के बाद में भी उनका पोस्ट रैंक नही कर पता है क्योकि वे कीवर्ड रिसर्च ठीक से नही करते है और जब पोस्ट पब्लिश करते है तो उस पोस्ट का seo भी सही से नही करते जिस कारण उनका पोस्ट रैंक नही कर पाता है.
New beginner blogger को कीवर्ड रिसर्च करते समय हमेशा निम्नलिखित बातो का ध्यान रखना चाहिए
Long tail keyword को ही यूज करे
ऐसे keyword पर काम करे जिसका competition low हो. वो keyword जिनकी keyword difficulty 0-10 हो, उन्ही keyword को यूज करे. और यदि 0-5 keyword difficulty वाले keyword को आप यूज करते है तो ये और भी अच्छी बात होगी. continue reading...
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