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#लघु बचत योजना
currenthunt · 9 months
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सुकन्या समृद्धि खाता योजना
केंद्र सरकार ने सुकन्या समृद्धि खाता योजना (SSAS) पर रिटर्न 8% से बढ़ाकर 8.2% और 3-वर्षीय पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉज़िट स्कीम (POTDS) पर रिटर्न 7% से बढ़ाकर 7.1% करने का निर्णय लिया है। वर्ष 2024 की तिमाही, जबकि अन्य सभी लघु बचत योजनाओं के लिये ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा गया है। सुकन्या समृद्धि खाता योजना - सुकन्या समृद्धि खाता योजना (SSAS) वित्त मंत्रालय द्वारा विशेष रूप से एक बालिका के लिये एक छोटी जमा योजना है और इसे ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान के एक भाग के रूप में शुरू किया गया है। - यह योजना किसी लड़की/बालिका की शिक्षा और विवाह के खर्चों को पूरा करने के लिये सरकार की एक पहल है। पात्रता - ऐसी कोई भी बालिका जो खाता खोलने से लेकर इसकी परिपक्वता/क्लोज़र की अवधि तक भारतीय निवासी हो। - यह खाता अभिभावकों में से किसी एक द्वारा उस बालिका के नाम पर खोला जा सकता है, जिसने खाता खोलने की तारीख तक 10 वर्ष की आयु प्राप्त नहीं की हो। - इस योजना के तहत एक परिवार बालिकाओं के लिये अधिकतम दो खाते खोल सकता है। हालाँकि, अपवादों में पहले या दूसरे क्रम में पैदा हुए जुड़वाँ या तीन बच्चों के लिये दो से अधिक खाते खोलने की अनुमति होती है, जो एक हलफनामे/शपथपत्र और जन्म प्रमाण पत्र द्वारा प्रमाणित होते हैं। लाभ - योजना के तहत न्यूनतम निवेश की राशि 250 रुपए तथा अधिकतम निवेश की राशि 1,50,000 रुपए प्रतिवर्ष है एवं मैच्योरिटी/परिपक्वता अवधि 21 वर्ष है। - वर्तमान में SSAS में कई कर लाभ हैं और सभी लघु बचत योजनाओं में इसकी ब्याज दर सबसे अधिक है। डाकघर सावधि जमा योजना - POTDS को राष्ट्रीय बचत समय जमा योजना के रूप में भी जाना जाता है, यह एक सरकार समर्थित बचत विकल्प है जो व्यक्तियों को एक निश्चित अवधि के लिये राशि जमा करने और अपने निवेश पर पूर्व निर्धारित ब्याज दर अर्जित करने की अनुमति देता है। यह योजना इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) द्वारा शुरू की गई है। POTDS की विशेषताएँ - यह अलग-अलग परिपक्वता अवधि वाले चार प्रकार के खाते प्रदान करती है: 1 वर्ष, 2 वर्ष, 3 वर्ष और 5 वर्ष। - यह 100 रुपए के गुणकों में 1,000 रुपए से लेकर किसी भी राशि तक जमा करने की अनुमति देता है। - यह संयुक्त खाते, लघु खाते और नामांकन सुविधा की अनुमति देता है। - यह आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80C के तहत 5-वर्षीय खाते के लिये आयकर लाभ प्रदान करता है। - आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80C, व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों (HUF) द्वारा किये गए कुछ निवेशों एवं खर्चों के लिये सकल कुल आय से कटौती की अनुमति देती है। - इससे विशिष्ट तरीकों से बचत और निवेश को प्रोत्साहन मिलता है, जिसके तहत कर योग्य  देय कम होता है तथा करदाताओं को कर लाभ मिलता है। Read the full article
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ऑनलाइन कमेटी सिस्टम: एक पारंपरिक बचत और उधार मंच
कमेटी सिस्टम दशकों पहले स्थापित की गई थी जब जरूरतमंद व्यक्तियों के एक समूह ने पाया कि बैंक ऋण प्राप्त करना बहुत कठिन था, और उन्हें महत्वपूर्ण खर्चों को कवर करने की आवश्यकता थी। कमेटी सिस्टम उस समय स्थापित की गई थी। दोस्तों या परिवारों के एक समूह द्वारा एक योजना शुरू की गई थी। कमेटी के प्रबंधन के लिए एक विश्वसनीय सदस्य चुना गया था। इस योजना में भाग लेने वाला प्रत्येक सदस्य एक पूर्व निर्धारित मासिक राशि की बचत या योगदान करेगा। मासिक नीलामी के दौरान उच्चतम बोली लगाने वाले को एकमुश्त राशि दी गई। जैसा कि उच्चतम बोली लगाने वाला कुल संग्रह से अधिकतम राशि छोड़ता है, छोड़ी गई राशि सदस्यों के बीच समान रूप से विभाजित की जाएगी। इसे "लाभांश" के रूप में जाना जाता था।
लोगों को कमेटी सिस्टम के माध्यम से पैसा बचाने और मासिक लाभांश प्राप्त करने का विचार पसंद आया। इसके अलावा, अन्य लाभ भी थे, जैसे कि शामिल होने में आसानी और यदि आप पैसा उधार लेना चाहते हैं तो न्यूनतम दस्तावेज। इसके अलावा, बाजार में उतार-चढ़ाव से समितियां अप्रभावित थीं। उन्होंने अनिवार्य रूप से बचत करने की आदत डाली, खासकर मध्यम वर्ग में। कमेटी सिस्टम में निवेश करने से लोगों को बिना किसी परेशानी के भारी भुगतान उधार लेने में मदद मिली, जो अन्यथा मुश्किल होता। यह धीरे-धीरे उद्यमियों, लघु उद्योगपतियों और निवेशकों के लिए वित्त पोषण का एक सुविधाजनक स्रोत बन गया।
Read: Online Kameti System: पैसे जुटाने का सरल तरीका
 ऑनलाइन कमेटी सिस्टम
कमेटी सिस्टम पैसे बचाने का साधन और आपसी विश्वास पर आधारित ऋण स्रोत बन गईं। प्रौद्योगिकी प्रगति और डिजिटलीकरण के साथ कमेटी सिस्टम ऑनलाइन भी हो गए हैं।
मनी क्लब कमेटी कमेटी सिस्टम की अवधारणा पर आधारित एक सुरक्षित और सुरक्षित मोबाइल ऐप है और उपयोगकर्ता दस्तावेज़ीकरण की परेशानी के बिना घर बैठे बचत, निवेश या उधार ले सकते हैं। यह अब तक का पहला सामाजिक नेटवर्क है जो सदस्यों को पैसे कमाने, पैसे बचाने और आर्थिक रूप से एक दूसरे का समर्थन करने में मदद करने के लिए समर्पित है। यह मध्यवर्गीय परिवारों के लिए सबसे अच्छा मंच है, जो आपात स्थिति में ऋण प्राप्त नहीं कर सकते हैं और उन्हें उच्च ब्याज वाले साहूकारों पर निर्भर रहना पड़ता है। यह कैसे काम करता है इसके बारे में अधिक जानने के लिए आप यहां वीडियो देख सकते हैं।
Read: Social Community जहां लोगों को वित्तीय संकट में मदद मिलती है
बीसी या कमेटी क्या है और यह कैसे काम करती है?
 मनी क्लब के लाभ
• यह मध्यवर्गीय परिवारों के लिए सबसे अच्छा मंच है, जो आपात स्थिति में ऋण प्राप्त नहीं कर सकते हैं और उन्हें उच्च ब्याज वाले साहूकारों पर निर्भर रहना पड़ता है। यदि आप नियमित रूप से इस प्लेटफॉर्म पर छोटी राशि जमा करते हैं तो मनी क्लब प्लेटफॉर्म के साथ आप आपात स्थिति में तुरंत एकमुश्त राशि प्राप्त कर सकते हैं।
• आप सत्यापित मित्रों के समूह में शामिल होते हैं और उनके साथ पैसे जमा करते हैं।
• आप अपने द्वारा निवेश की गई राशि से कई गुना अधिक राशि उधार ले सकते हैं।
• जब आपको धन की आवश्यकता होती है, तो आपको बस बोली लगानी होती है, और छह से आठ घंटे में पैसा आपके बैंक खाते में पहुंच जाता है।
• सभी लेनदेन डिजिटल हैं। क्लब के सदस्य सीधे आपके बैंक खाते में धनराशि जमा करते हैं। पैसा आयोजक के पास नहीं है।
• आप घर बैठे पैसे कमा सकते हैं। यदि आप मनी क्लब एजेंट बनने के लिए साइन अप करते हैं और अपने 20 दोस्तों और परिवार को सिफारिश करते हैं, तो आप 20,000 रुपये जीत सकते हैं।
Read: आपकी आर्थिक समस्या का समाधान: अब टेंशन होगी दूर
अपने financial health में सुधार के लिए अपनी income kaise badhaye?
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airnews-arngbad · 2 years
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Regional Marathi Text Bulletin, Aurangabad
Date – 02 February 2023
Time 7.10 AM to 7.25 AM
Language Marathi
आकाशवाणी औरंगाबाद
प्रादेशिक बातम्या
दिनांक ०२ फेब्रुवारी  २०२३ सकाळी ७.१० मि.****
२०२३-२४ साठी, पहिल्या अमृतकाळ वर्षातला ४५ लाख कोटी रुपये खर्चाचा अर्थसंकल्प संसदेत सादर, प्राधान्य विषयांच्या ‘सप्तर्षी’वर अर्थसंकल्पाचा आराखडा
शेती, पायाभूत सुविधा, गुंतवणुक, सक्षमता, हरित विकास, युवाशक्ती, महिला आणि वित्तीय क्षेत्रासाठी मोठी तरतूद
दोन हजार दोनशे कोटी रुपये खर्चाचा आत्मनिर्भर ��्वच्छ रोप लागवड कार्यक्रम, रासायनिक खतांचा समतोल आणि पर्यायी खतांचा वापरासाठी 'पीएम-प्रणाम' योजनेची घोषणा
राष्ट्रीय हरित हायड्रोजन अभियानासाठी १९ हजार ७०० कोटी रुपयांची तरतूद, गावपातळीवरील ६३ हजार विविध कार्यकारी सेवा सहकारी संस्थांचं संगणकीकरण करण्याची योजना
ज्येष्ठ नागरिकांसीठीच्या ठेव कमाल मर्यादेत ३० लाख रुपयापर्यंत वाढ, ‘महिला सन्मान बचत प्रमाणपत्र’ योजनाही सुरू करणार
नवीन कर प्रणालीत प्राप्तिकराच्या सवलत मर्यादेत पाच लाखांहून सात लाख रुपयांपर्यंत वाढ, जुन्या कर प्रणालीचा लाभ घेण्याचा पर्याय कायम
विधान परिषदेच्या शिक्षक आणि पदवीधर मतदारसंघातल्या पाच जागांसाठी आज मतमोजणी
आणि
तिसऱ्या टी-ट्वेंटी क्रिकेट सामन्यात भारताचा न्यूझीलंडवर १६८ धावांनी विजय, तीन सामन्यांची मालिका दोन - एकनं जिंकली
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केंद्रीय अर्थमंत्री निर्मला सीतारामन यांनी काल लोकसभेत आर्थिक वर्ष २०२३-२४ साठी, एकूण ४५ लाख कोटी रुपये खर्चाचा अर्थसंकल्प सादर केला. यात एकूण भांडवली खर्च दहा लाख ९६१ कोटी रुपये इतका असेल. यामुळे भांडवली खर्चात गेल्यावर्षीच्या अंदाजाच्या तुलनेत ३७ पूर्णांक चार टक्क्यांची वाढ अपेक्षित आहे.  कर्ज वगळता २७ लाख २० हजार कोटी रुपयांची जमा या वर्षासाठी दाखवण्यात आली आहे.
महसुली करातून सरकारला २६ लाख ३२ हजार २८१ कोटी रुपये निधी मिळण्याची अपेक्षा आहे. तर इतर स्रोतातून १८ लाख ७० हजार ८१६ कोटी रुपये मिळण्याचा अंदाज आहे.
भारतीय अर्थव्यवस्था योग्य दिशेनं उज्ज्वल भविष्याकडे वाटचाल करत असल्याचं वित्तमंत्र्यांनी सांगितलं. देशाच्या अमृतकाळात जगातली इतर राष्ट्र भारतीय अर्थव्यवस्थेकडे एक आशेचा किरण म्हणून पाहत असल्याचं त्या म्हणाल्या. अमृतकाळातला हा पहिलाच अर्थसंकल्प असून, स्वातंत्र्याच्या शतकपूर्तीच्या वर्षात भारत नक्की कुठे असेल त्याची रुपरेषा या माध्यमातून मांडली जात असल्याचं त्या म्हणाल्या.
सप्तर्षी अर्थात सात प्राधान्य विषयांवर अर्थसंकल्पाचा आराखडा मांडला आहे. सर्वसमावेशक विकास, विकासाचा लाभ समाजातल्या शेवटच्या घटकापर्यंत पोहोचवणं, पायाभूत सुविधा आणि गुंतवणुकीवर विशेष भर, सक्षमता, हरितविकास, युवाशक्ती आणि वित्तीय क्षेत्र हे अर्थसंकल्पातले सात ठळक मुद्दे अर्थात सप्तर्षी आहेत.
सूक्ष्म, लघु आणि मध्यम उद्योग क्षेत्राला दिलासा देत तीन कोटी रुपयांपर्यंतची उलाढाल असलेल्या कंपन्यांना, ७५ लाखांपर्यंतच कर्ज घेता येणार आहे. सहकार क्षेत्रासाठीही अनेक सवलती देण्यात आल्या आहेत. ज्यांच्या आर्थिक उलाढाली ३१ मार्च २०२४ पर्यंत आहेत, त्यांना पंधरा टक्क्यांचा कर किंवा सध्या लागू असलेली कर सवलत दिली जाणार आहे.
साखर सहकारी संस्थांनी २०१६-१७ मध्ये शेतकऱ्यांना दिलेल्या रक्कमेचा परतावा मागण्याची संधी, अर्थमंत्र्यांनी दिली आहे. यामुळे साखर सहकारी संस्थांना दहा हजार कोटी रुपयांचा दिलासा मिळू शकेल. प्राथमिक कृषी सहकारी सोसायट्या तसंच कृषी सहकारी आणि ग्रामीण विकास बँकांमध्ये खातेदारांना, प्रति व्यक्ती दोन लाख रुपयांपर्यंतची रोख रक्कम बँकेत ठेवता येणार आहे.
स्टार्ट अप उद्योगांना देण्यात आलेल्या सवलती यावर्षीही कायम राहणार आहेत. देशाच्या अर्थव्यवस्थेचा वाढीचा वेग असाच कायम ठेवण्यासाठी, निर्यातीला चालना आणि देशांतर्गत उत्पादनाला पाठबळ देण्यासाठी, त्याशिवाय हरितऊर्जेसाठी, अप्रत्यक्ष करात अनेक सवलती अर्थसंकल्पात जाहीर करण्यात आल्या आहेत.
कृषी क्षेत्रात उच्च मूल्याच्या फळपिकांच्या लागवडीसाठी रोगमुक्त, दर्जेदार लागवड सामग्रीची उपलब्धता वाढवण्यासाठी, दोन हजार दोनशे कोटी रुपये खर्चाचा आत्मनिर्भर स्वच्छ रोप लागवड कार्यक्रम, अर्थसंकल्पात जाहीर करण्यात आला आहे. येत्या तीन वर्षांत एक कोटी शेतकऱ्यांना नैसर्गिक शेती करण्याच्या सुविधा पुरवण्यासाठी, १० हजार संसाधन केंद्रांची निर्मिती केली जाणार आहे.
वसुंधरेच्या रक्षणासाठी रासायनिक खतांचा समतोल वापर आणि पर्यायी खतांचा वापर आवश्यक आहे. त्यादृष्टीनं राज्यांनी आणि केंद्रशासित प्रदेशांनी पावलं उचलावीत यासाठी 'पीएम-प्रणाम' हा कार्यक्रम सुरु केला जाणार आहे. चक्राकार अर्थव्यवस्थेला चालना देण्यासाठी कचऱ्यातून संपदा निर्माण करणारे ५०० नवे प्रकल्प गोबरधन योजनेअंतर्गत उभारले जाणार आहेत.
नुकत्याच सुरु केलेल्या राष्ट्रीय हरित हायड्रोजन अभियानावर, १९ हजार ७०० कोटी रुपये खर्च करण्यात येणार असून, त्यामुळे हरित ऊर्जेच्या क्षेत्रात भारताला जागतिक बाजारपेठेचं नेतृत्व करता येणार आहे. २०३० पर्यंत वर्षाला ५० लाख टन निर्मितीचं उद्दिष्ट यासाठी ठेवण्यात आलं आहे. ऊर्जासंक्रमणासाठी आणि कार्बन उत्सर्जनविषयक उद्दिष्टाच्या पूर्ततेसाठी, ३५ हजार कोटी रुपयाची भांडवली गुंतवणूक, या अर्थसंकल्पात प्रस्तावित करण्यात आली आहे.
दोन हजार ५१६ कोटी रुपयांची गुंतवणूक करुन, गावपातळीवरील ६३ हजार विविध कार्यकारी सेवा सहकारी संस्थांचं संगणकीकरण करण्यात येणार असल्याचं अर्थमंत्र्यांनी यावेळी सांगितलं.
देशात १५७ नवीन परिचारिका महाविद्यालयांची स्थापना, आगामी तीन वर्षात साडेतीन लाख आदिवासी विद्यार्थी शिकत असलेल्या ७४० एकलव्य आदर्श निवासी शाळांमध्ये ३८ हजार ८०० शिक्षक आणि शिक्षकेतर कर्मचाऱ्यांची भरती करण्यात येणार असल्याचं अर्थमंत्र्यांनी सांगितलं.
प्रधानमंत्री आवास योजनसाठीच्या खर्चाच्या आराखड्यात ६६ टक्क्यांनी वाढ करून तो ७९ हजार कोटी रुपयांचा करण्यात आला आहे. रेल्वेसाठी  दोन  लाख  ४० हजार कोटी रुपयांच्या भांडवली खर्चाची तरतूद करण्यात आली आहे. नव्या संधी, व्यवसायाची मॉडेल्स आणि रोजगाराच्या क्षमता निर्माण करण्यासाठी 5जी सेवा आधारित ॲप्लिकेशन्स विकसित करण्यासाठी देशभरात १०० प्रयोगशाळा उभारण्यात येणार आहेत.
युवा वर्गाला आंतरराष्ट्रीय संधी उपलब्ध करून देण्यासाठी विविध राज्यांमध्ये ३० कौशल्य भारत आंतरराष्ट्रीय केंद्रांची स्थापना करण्यात येणार आहे. सूक्ष्म, लघु आणि मध्यम उद्योगांसाठी नऊ हजार कोटी रुपयांची भर घालून नव्याने पत हमी योजना सुरू करण्याची घोषणा यावेळी अर्थमंत्री सीतारामन यांनी केली. ज्येष्ठ नागरिकांना ठेवी जमा करण्याच्या कमाल मर्यादेत १५ लाख रुपयांवरून ३० लाख रुपये वाढ करण्यात आली आहे.
स्वातंत्र्याच्या  अमृत महोत्सवाच्या स्मरणार्थ, एकाचवेळी ठेव ठेवता येणारी नवीन अल्प बचत योजना, ‘महिला सन्मान बचत प्रमाणपत्र’ सुरू करण्यात येणार आहे. मासिक उत्पन्न खाते योजनेची कमाल ठेव मर्यादा एकल खात्यासाठी रुपये साडे चार लाखांवरून नऊ लाख रुपये आणि संयुक्त खात्यासाठी नऊ लाख रुपयांवरून १५ लाखांपर्यंत वाढवली आहे.
पायाभूत सुविधांमध्ये खाजगी गुंतवणुकीच्या संधी वाढवण्यासाठी नवीन पायाभूत सुविधा वित्त सचिवालयाची स्थापना करण्यात येणार असून, राज्य सरकारांना आणखी एक वर्षासाठी ५० वर्षांचे बिनव्याजी कर्ज देणं सुरू ठेवले जाणार आहे.
व्यापार करण्यात आणखी सुगमता आणण्याच्या दृष्टीने विहित सरकारी संस्थांच्या सर्व डिजिटल सेवांसाठी सामायिक ओळख निश्चितीचे साधन म्हणून पॅन म्हणजेच स्थायी खाते क्रमांकाचा वापर करण्यात येईल. न्यायदानाची प्रक्रिया अधिक कार्यक्षम करण्यासाठी सुरु करण्यात आलेल्या ई-न्यायालय प्रकल्पामधल्या तिसऱ्या टप्प्यासाठी सात हजार कोटी, उर्जा सुरक्षा, उर्जा स्थित्यंतर आणि संपूर्णतः शून्य उत्सर्जन उद्दिष्टांच्या पूर्ततेसाठी ३५ हजार कोटी रुपयांची तरतूद करण्यात आली आहे. देशातल्या ४७ लाख युवकांना विद्यावेतन देण्यासाठी अखिल भारतीय राष्ट्रीय शिकाऊ उमेदवारी प्रोत्साहन योजनेअंतर्गत थेट लाभ हस्तांतरण प्रणाली सुरु करण्यात येईल.
प्रत्यक्ष कररचने अंतर्गत अनेक क्षेत्रांना या अर्थसंकल्पात दिलासा देण्यात आला आहे.
नोकरदारांनाही या अर्थसंकल्पात मोठा दिलासा मिळाला आहे. प्राप्तीकरासंदर्भात पाच मोठ्या घोषणा अर्थमंत्र्यांनी केल्या. यानुसार जुन्या आणि नव्या दोन्ही कररचनेत सात लाख रुपयांपर्यंतचं वार्षिक उत्पन्न पूर्णत: करमुक्त करण्यात आलं आहे.
याआधीच्या उत्पन्नाच्या सहा वर्गवारी आता पाच वर्गवारीत रुपांतरित करण्यात आल्या आहेत. त्यानुसार तीन लाखांपर्यंतच्या उत्पन्नावर कोणताही कर नाही, तीन ते सहा लाख उत्पन्नावर पाच टक्के, सहा ते नऊ लाख उत्पन्नांवर दहा टक्के, नऊ ते बारा लाख उत्पन्नावर पंधरा टक्के, बारा ते पंधरा लाखावर, वीस टक्के, आणि पंधरा लाखांच्यावर तीस टक्के असा कर लागणार आहे.
नोकरदार आणि निवृत्तीधारकांपैकी साडे पंधरा लाख किंवा त्यापेक्षा अधिक उत्पन्न असलेल्यांना कर वजावटीच्या सवलतीनुसार ५२ हजार पाचशे रुपयांपर्यंतची सवलत मिळू शकेल.
सर्वोच्च करदरात्यालाही मोठी सवलत देण्यात आली आहे. सध्या हा करदर उत्पन्नाच्या ४२ पूर्णांक ७४ टक्के इतका होता. तो आता ३९ टक्क्यांपर्यंत कमी करण्यात आला आहे. यासाठी करावरचा अधिभार दर ३७ टक्क्यांवरुन पंचवीस टक्के करण्यात आला आहे. बिगर सरकारी पगारदारासाठी निवृत्तीच्यावेळी करवजावटीची मर्यादा मर्यादा २५ लाखांपर्यंत वाढवली आहे.
कापड उद्योग आणि कृषी क्षेत्र वगळता २१ पैकी १३ वस्तुवर आकारलं जाणारं उत्पादन शुल्क कमी करण्यात आलं आहे. यामुळे खेळणी, सायकल, वाहनं यावरचा कर कमी झाला आहे.
कॉम्प्रेस बायोगॅस, मोबाईल आणि टीव्हीसाठी लागणारे सुटे भाग, कॅमेरा, बॅटरी, रसायन आणि पेट्रोकेमिकल उत्पादनं, प्रयोगशाळेत विकसित होणार्या हिऱ्यांवर प्रक्रिया करण्यासाठीची घटकं इत्यादीवरचं उत्पादन शुल्क कमी करण्यात आलं आहे. सोने, चांदी आणि प्लॅटिनमच्या वस्तुवरचं आयात शुल्क, स्वयंपाक गृहातील इलेक्ट्रिक चिमणीवर लागणारं उत्पादन शुल्क, तर सिगरेटवर लागणारा राष्ट्रीय आकस्मिक शुल्क निधी वाढवण्यात आला आहे.
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या अर्थसंकल्पानं देशाच्या विकासाला गती मिळणार असल्याची प्रतिक्रीया पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी व्यक्त केली आहे.
‘‘बजेट में हमने टेक्नोलॉजी और न्यू इकॉनॉमीपर बहोत अधिक बल दिया है। एसपिरॅशनल भारत आज रोड, रेल, मेट्रो, पोर्ट, वॉटरवेईज हर क्षेत्र में आधुनिक इन्फ्रास्ट्रकचर चाहता है। नेक्स्ट जनरेशन इन्फ्रास्ट्रकचर चाहिए २०१४ के तुलना में इन्फ्रास्ट्रकचर में निवेशपर चारसौ परसेंटसे ज्यादा की वृद्धी की गई है। इस बार इन्फ्रास्ट्रक्चर पर १० लाख करोड रुपये का अभुतपूर्व इन्व्हेसमेंट भारत के विकास को नई ऊर्जा और तेज गती देगा। यह निवेश युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा एक बहोत बडी आबादी को आय के नए अवसर उपलब्ध कराएगा।’’
केंद्राचा अर्थसंकल्प गरीबांना आधार, मध्यमवर्गीयांना दिलासा, उद्योगांना उभारी तसंच पायाभूत सुविधांना उत्तेजन देणारा असल्याची प्रतिक्रिया मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांनी दिली आहे. ते म्हणाले..
 ‘‘सगळ्या समाज घटकांना न्याय देण्याचं का�� केलेलं आहे. गरीबांना, मध्यमवर्गीयांना, महिला-भगिनींना, कामगारांना, शेतकऱ्यांना, विद्यार्थ्यांना त्याच बरोबर तरुणांना रोजगार असेल, आरोग्य, शिक्षण, कृषी, क्लायमेट चेंज यालादेखील केंद्रीत केलं आहे. आणि शेतकरी हा केंद्र बिंदू याच्यामध्ये मानलेला आहे.’’
केंद्रीय अर्थसंकल्प हा सर्वजन हिताय असल्याची प्रतिक्रिया देत पुढील २५ वर्षात विकसित भारताकडे नेणारा असल्याचं प्रतिपादन उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी केलं आहे. ते म्हणाले –
‘‘अर्थमंत्री निर्मला सीतारमनजी यांनी सादर केलेला अर्थसंकल्प हा अमृत कालातील ‘सर्वजन हिताय’ या संकल्पनेवर आधारित अशा प्रकारचा अर्थसंकल्प आहे. समाजातल्या शेवटच्या व्यक्तीचा विचार करत असताना गरीब, मध्यमवर्गीय, शेतकरी, उद्योजक आणि युवा अशा सगळ्या लोकांचा विचार या अर्थसंकल्पाने केला आहे. आणि विशेषतः पुढच्या पंचवीस वर्षांमध्ये जो एक विकसित भारत आपण म्हणतोय, त्याच्याकडे जाण्याचा रस्ता या अर्थसंकल्पाने स्पष्टपणे दाखवला आहे.’’
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आगामी निवडणुका डोळ्यासमोर ठेऊन ‘चुनावी जुमला’ असलेला अर्थसंकल्प असल्याची टीका, विधानसभेचे विरोधी पक्ष नेते अजित पवार यांनी केली आहे. जुन्या घोषणांचा पुनरुच्चार अर्थमंत्र्यांनी केला असून, वेलफेअर स्टेटची संकल्पना मोडित काढणारा अर्थसंकल्प असल्याचं ते म्हणाले....
‘‘हा चुनावी जुमला असलेला अर्थसंकल्प ज्याला आपण वेलफेअर स्टेटची संकल्पना मोडित काढणारा अर्थसंकल्प असं देखिल म्हणू शकतो. तुम्ही जर पाहिलं तर अमृतकालचे वेस्टनलावून मुळ प्रश्नांना बगल देणारा अशा प्रकारचा अर्थ संकल्प आहे. आणि जो राज्य महाराष्ट्र हे सगळ्यात जास्त कर रुपाने पैसा देशाच्या तिजोरीमध्ये टाकण्याचं काम करतं. त्या प्रमाणामध्ये कुठंतरी आपल्याला थोडं झुकतं माप द्यायला पाहिजे होतं. परंतु तशा प्रकारचं झुकतं माप अजिबात आपल्याला दिलेलं गेलेलं नाहीये.’’
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राज्यातल्या विधान परिषदेच्या शिक्षक आणि पदवीधर मतदारसंघातल्या पाच जागांसाठी आज मतमोजणी होणार आहे. यामध्ये मराठवाडा, कोकण, नागपूर शिक्षक मतदारसंघ तसंच अमरावती आणि नाशिकच्या पदवीधर मतदारसंघांचा समावेश आहे. गेल्या सोमवारी झालेल्या निवडणुकीत मराठवाडा शिक्षक मतदारसंघासाठी ८६ टक्के मतदान झालं होतं.
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अहमदाबाद इथं झालेल्या तिसऱ्या टी-ट्वेंटी क्रिकेट सामन्यात भारतानं न्यूझीलंडवर १६८ धावांनी विजय मिळवत, तीन सामन्यांची मालिका दोन - एकनं जिंकली. प्रथम फलंदाजी करत भारतीय संघाने शुभमन गिलच्या नाबाद १२४ धावांच्या बळावर २० षटकांत चार बाद २३४ धावा केल्या. प्रत्यूत्तरादाखल आलेला न्यूझीलंडचा संघ तेराव्या षटकात ६६ धावातच सर्वबाद झाला. हार्दिक पांड्यानं चार, तर अर्शदीप सिंग, उमरान मलिक आणि शिवम मावीनं प्रत्येकी दोन गडी बाद केले. शुभमन गिल सामन्यातला, तर कर्णधार हार्दिक पांड्या मालिकेतला सर्वोत्तम खेळाडू ठरला.
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नांदेड जिल्हा प्रशासनामार्फत जिल्हा पातळीवर रब्बी हंगामात ई-पीक पेरा नोंदवण्यासाठी १५ फेब्रुवारी पर्यंत मुदतवाढ देण्यात आली आहे. यापूर्वी मोबाईल अॅपद्वारे पीकपेरा नोंदणी करण्यासाठी ३१ जानेवारी पर्यंत मुदत देण्यात आली होती. सर्व शेतकऱ्यांनी पीक पेरा नोंद करावी असं आवाहन जिल्हा प्रशासनामार्फत करण्यात आलं आहे.
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newdelhimart · 2 years
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sabkuchgyan · 2 years
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अपने बच्चे का भविष्य सुरक्षित करने के लिए इन सरकारी योजनाओं में करें निवेश! पढ़ाई से लेकर शादी के खर्च तक, कोई चिंता नहीं
अपने बच्चे का भविष्य सुरक्षित करने के लिए इन सरकारी योजनाओं में करें निवेश! पढ़ाई से लेकर शादी के ख���्च तक, कोई चिंता नहीं
केंद्र और राज्य सरकारें लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तरह-तरह की योजनाएं चलाती हैं। तो आइए जानते हैं उन सरकारी योजनाओं के बारे में जो खासतौर पर लड़कियों के लिए बनाई गई हैं। अगर आप भी अपनी बेटी की पढ़ाई और शादी के खर्च को लेकर परेशान हैं तो आप इन 5 सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी बेटी का भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में सुकन्या समृद्धि योजना एक सरकारी लघु बचत योजना…
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365store · 2 years
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SIP की तरह इस सरकारी समझौते में करें निवेश, 41 लाख रुपए मिलेंगे
SIP की तरह इस सरकारी समझौते में करें निवेश, 41 लाख रुपए मिलेंगे
डाकघर लघु बचत योजना: अधिक आकर्षक बनने के लिए लोगों के पास निवेश के कई विकल्प होते हैं। सरकारी योजनाओं से लेकर म्यूचुअल फंड (म्यूचुअल फंड) में निवेश करने वाले लोग अधिक आकर्षित बनते हैं। म्यूचुअल फंड एक सिस्टमैटिक तरीके से निवेश का विकल्प देता है, जिसे SIP कहते हैं। म्यूचुअल फंड में सरकारी योजनाओं (सरकारी योजना) से अधिक लाभ मिलता है, लेकिन इसमें जोखिम अधिक होता है। वहीं, सरकारी योजना बिना जोखिम के…
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krazyshoppy · 2 years
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PPF, सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करने वालों को जल्द मिल सकती है खुशखबरी
PPF, सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करने वालों को जल्द मिल सकती है खुशखबरी
Small Saving Schemes: अगर आप एनएससी(NSC), पीपीएफ(PPF) और सुकन्या समृद्धि योजनाओं( Sukanya Samridhi Yojna) जैसी बचत योजना में निवेश करते हैं तो जून में आपके लिए खुशखबरी का ऐलान हो सकता है. आरबीआई के रेपो रेट को 40 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 4.40 फीसदी किए जाने के बाद मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए वित्त मंत्रालय जब इन बचत योजनाओं के ब्याज दरों की समीक्षा करेगी तो इन सेविंग स्कीमों मिलने वाले…
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vilaspatelvlogs · 4 years
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पीपीएफ पर जुलाई-सितंबर 2020 तिमाही में मिलता रहेगा 7.10 फीसदी ब्याज, सरकार ने लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरें नहीं बदलीं
पीपीएफ पर जुलाई-सितंबर 2020 तिमाही में मिलता रहेगा 7.10 फीसदी ब्याज, सरकार ने लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरें नहीं बदलीं
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अप्रैल-जून तिमाही के लिए लघु बचत याजनाओं की ब्याज दरों में 0.7-1.4 फीसदी तक की कटौती की गई थी
दूसरी तिमाही के लिए दरों में और कटौती होती, तो पीपीएफ की ब्याज दर 7 फीसदी से नीचे चली जाती
दैनिक भास्कर
Jul 01, 2020, 09:39 PM IST
नई दिल्ली. सरकार ने चालू कारोबारी साल की दूसरी तिमाही में लघु बचत योजनाओं या पोस्ट ऑफिस योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। भारतीय डाक…
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mrdevsu · 3 years
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जानिए- वो कौन सी छोटी सेविंग स्कीम है जिसमें ब्याज दर ज्यादा है
जानिए- वो कौन सी छोटी सेविंग स्कीम है जिसमें ब्याज दर ज्यादा है
नई दिल्ली: संकल्प में परिवर्तन एक के मामले में सक्षम होने के कारण, पी.पी.पी.एस.एस.एस.एस.एस.एस.एस.एस.एस.एस.एस.एस.एस.एस.एस.एस. बदली की अवधि के हिसाब से (जुलाई से) एन एससी 6.8 और पी पी पी फिक्स मौसम से पहले खराब होने के कारण मौसम से खराब होने पर 1.1 खराब हो गया था। की पिछले इस प्रकार के मामलों में वे संक्रमित होते हैं जब वे संक्रमित होते हैं। ‘सुकन्या स्‍मृति योजना खाता’ पर 7.6 ब्‍याज दरसूक्ष्म से…
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नवीनतम डाकघर लघु बचत योजना ब्याज दरें यहां देखें
नवीनतम डाकघर लघु बचत योजना ब्याज दरें यहां देखें
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इंडिया पोस्ट, देश भर के डाकघरों के अपने विशाल नेटवर्क के माध्यम से, सरकार की छोटी बचत योजना जैसे कि वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, मासिक आय खाता, सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) योजना, किसान विकास पत्र और सुख समृद्धि योजना (SSY) प्रदान करता है ) अन्य बचत योजनाओं में खाता योजना। सरकार समय-समय पर छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर में बदलाव करती रहती है और यही दरें डाकघरों और नामित बैंकों…
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allgyan · 4 years
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किसान विकास पत्र(KVP) क्या होता है ?
किसान विकास पत्र एक लघु योजना -
भारत के डाकघरों का सबसे पुराना और सबसे सुरक्षित तरीका अपने पैसे के निवेश करने का पहले इसमें रिटर्न ज्यादा मिलता था लेकिन अब रिटर्न कम हो गया है अब कोई भी राशि निवेश करने में 113 महीनो में दुगनी होती है वही कम से कम 9 साल 5 महीने कम से कम लगेंगे |इस समय किसान विकास पत्र में 7 .6 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है | इंडिया पोस्ट के किसान विकास  पत्र जैसी छोटी बचत योजनाओं पर सरकार हर तिमाही समीक्षा करती है |मार्च में समाप्त होने के बाद भी सरकार वही ब्याज दर बना के रखा है |
क्या किसान विकास पत्र में निवेश की सीमा है ?इसका
किसान विकास पत्र का खाता खोलने के लिए आपको न्यूनतम राशि 1000 रूपए निवेश करने होते है | खाता खोलना भी बहुत सरल है इंडियन पोस्ट की वेबसाइट पे जाके आप अपना खाता खोल सकते है |और किसान विकास पत्र की निवेश की कोई ऊपरी सीमा नहीं है |
किसान विकास पत्र एक सुरक्षित निवेश -
किसान विकास पत्र में आप अपना पत्र किसी के नाम पे ट्रांसफर कर सकते है ये किसान विकास पत्र आप अपने लिए या किसी नाबालिक के लिए भी ले सकते है | निवेश करने के लिए सबसे सुरक्षित माध्यम है |रूपए भी आप ख़रीदे गये समय के 2.5 साल बाद निकल सकते है |किसान विकास पत्र मध्यम वर्गीय परिवारों में बहुत लोकप्रिय है | इंडियन पोस्टल विभाग पे आज भी लोग भरोसा करते है |नयी तकनीकी के दौर में अब लोग चिठ्ठी और पत्री नहीं लिखते है | अब तो व्हाट्सप के जरिये ही सन्देश का आदान प्रदान हो जा रहा है |इसलिए डाकघरों पे उतना दबाव भी नहीं है | सबसे पहली बात ये सरकार से संचालित विभाग है तो आप निवेश के लिए किसान विकास पत्र को चुन सकते है | इसमें आप एडल्ट और नाबालिक का भी निवेश हो सकता है |
पूरा जानने के लिए-https://bit.ly/338v4Er
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poonamranius · 2 years
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India Post PPF Calculator करोड़पति बनाने वाली स्कीम, मिलेगा 100% रिटर्न
India Post PPF Calculator करोड़पति बनाने वाली स्कीम, मिलेगा 100% रिटर्न
इंडिया पोस्ट पीपीएफ कैलकुलेटर: India Post PPF Calculator सार्वजनिक भविष्य निधि के लिए लघु बचत योजना को क्या करना चाहिए? (सामान्य भविष्य निधि) यानी जो निवेशक लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए PPF बेस्ट प्लान है! 15 साल की परिपक्वता के साथ, यह लंबी अवधि के निवेश को प्रोत्साहित करता है! साथ ही इस पर मिलने वाला ब्याज अन्य सभी योजनाओं से बेहतर है! Post Office PPF (Post Office PPF) सरकार…
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merikheti · 2 years
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राजस्थान कृषि बजट समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ये है अगला प्लान
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4 लाख किसानों पर खर्च होंगे 1705 करोड़ रु.
ड्रिप इरिगेशन से फसल उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य तय
किसानों को मिलेगा फायदा
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य कृषि बजट की समीक्षा बैठक के दौरान प्रदेश में खेती-किसानी की स्थिति पर चर्चा की। सीएम गहलोत ने राजस्थान जैसे मरुस्थलीय प्रदेश में ड्रिप इरिगेशन को ही सिंचाई के लिए एक दीर्घकालिक समाधान बताया। उन्होंने ड्रिप इरिगेशन से फसल पैदावार बढ़ने की बात कही।
उन्होंने कहा कि, किसानों का रुझान ड्रिप इरिगेशन की ओर बढ़ा है। राजस्थान सरकार इसके उपयोग के प्रति जागरूकता प्रसार के लिए प्रतिबद्ध है जिसके लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं।
ड्रिप इरिगेशन (Drip irrigation या trickle irrigation या micro irrigation या localized irrigation), सिंचाई की ऐसी विधि है, जिससे पानी और खाद की भरपूर बचत की जा सकती है।
ये भी पढ़ें: ड्रिप सिंचाई यानी टपक सिंचाई की संपूर्ण जानकारी
कृषि बजट में प्रावधान –
राजस्थान सरकार ने ड्रिप इरिगेशन के उपयोग को राज्य में अमल में लाने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। सीएम ने बताया कि, सरकार ने बजट में 4 लाख किसानों को ड्रिप इरिगेशन से लाभान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य पूर्ति के लिए 1705 करोड़ रुपए का प्रावधान कृषि बजट में किया गया है।
सिंचाई संयंत्र की उपलब्धता
सीएम गहलोत ने कहा कि, राजस्थान प्रदेश के 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रिप इरिगेशन के लिए सरकार कृत संकल्पित है। इसके लिए राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन के तहत 1.60 लाख कृषकों को सिंचाई संयंत्र उपलब्ध कराने हेतु स्वीकृति जारी कर दी गई है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य कृषि बजट की समीक्षा बैठक में इस बारे में जानकारी प्रदान की।
जलसंचय अभियान
राजस्थान में कम पानी की स्थिति के कारण जलसंचय के लिए खास प्रबंध किए जा रहे हैं। राज्य में पानी की कमी की समस्या से निपटने के लिए अब तक 9,738 फार्मपोंड व 1,892 डिग्गियां बनाने के लिए इजाजत दी जा चुकी है।
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सोलर पंप वर्क ऑर्डर
राज्य सरकार के अनुसार सोलर पंप की स्थापना के लिए 22,807 किसानों को वर्क ऑर्डर जारी किए जा चुके हैं। इन सोलर पंप्स पर सरकार ने 61.58 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी की है।
75 फीसदी सब्सिडी
सिंचाई में प्रयुक्त होने वाले पानी की बचत को बढ़ावा देने के मामले मेें राजस्थान सरकार संवेदनशील नजर आ रही है। प्रदेश सरकार की ओर से सिंचाई के पानी की बचत संबंधी योजनाओं पर लगभग 75 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है।
ड्रोन की तैयारी
बैठक में बताया गया कि, राजस्थान सरकार 40 करोड़ की लागत से 1000 ड्रोन खरीदेगी। यह ड्रोन ग्राम सेवा सहक��री समितियों तथा कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को उपलब्ध करवाए जाएंगे।
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ये काम करेगा ड्रोन
सीएम ने उम्मीद जताई कि, राज्य सरकार द्वारा खरीद कर वितरित किए जाने वाले ड्रोन से प्रभावी एवं सुरक्षित तरीके के साथ ही कम समय में कीटनाशकों का छिड़काव संभव हो सकेगा। इससे न केवल फसल की कम लागत में रक्षा होगी बल्कि किसान की आय में भी बढ़ोतरी होगी।
सीएम गहलोत ने राज्य में कृषि संबंधित योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लघु और सीमांत किसानों तक पहुंचाने के लिए किसान हितैषी कृषि प्रावधान करने के निर्देश बैठक में दिए।
फल-मसालों पर जोर
मुख्यमंत्री ने राजस्थान बागवानी विकास मिशन के तहत फलों व मसालों की खेती पर फोकस करने के लिए निर्देशित किया। राज्य में करीब 15000 हेक्टेयर क्षेत्र में फलों की खेती व 1500 हेक्टेयर क्षेत्र में मसालों की खेती का लक्ष्य तय किया गया है।
बगीचों पर ग्रांट बढ़ाई
राजस्थान सरकार द्वारा फल बगीचों की स्थापना एवं विस्तार के लिए ग्रांट प्रदान करने की सीमा 50 फीसदी से बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दी गई है। इसके तहत प्राप्त आवेदनों को स्वीकृति प्रदान करने की प्रक्रिया प्रदेश में जारी है।
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टिश्यू कल्चर पौध आपूर्ति
राजस्थान में खजूर की खेती के प्रोत्साहन के लिए सरकार ने खजूर बगीचा स्थापना तथा टिश्यू कल्चर पौध आपूर्ति के लिए अनुदान देना शुरू किया है।
राज्य कृषि बजट की समीक्षा बैठक के दौरान कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने किसानों से ऋणमाफी, किसान ऊर्जा मित्र योजना, फसल सुरक्षा, मशीनरी खरीद आदि के लिए अनुदान से जुड़ी योजनाओं का अधिक से अधिक फायदा उठाने की अपील की है।
source राजस्थान कृषि बजट समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ये है अगला प्लान
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sabkuchgyan · 2 years
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Post office plan: 0 जोखिम शादी के बाद खोलें यह खाता, 4950 रुपये प्रति माह की गारंटी
Post office plan: 0 जोखिम शादी के बाद खोलें यह खाता, 4950 रुपये प्रति माह की गारंटी
Post office plan: बाजार में उतार-चढ़ाव के जोखिम के बीच आपको निवेश का चुनाव बहुत सोच समझकर करना चाहिए। आप एक निवेश विकल्प चुनते हैं जहां आपका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित हो और आपको गारंटीड रिटर्न भी मिले। डाकघर मासिक आय योजना (पोस्ट ऑफिस एमआईएस) एक सुपरहिट लघु बचत योजना है जिसमें आपको केवल एक बार निवेश करना होता है। एमआईएस खाते की परिपक्वता अवधि 5 वर्ष है। यानी पांच साल बाद आपको गारंटीड मंथली इनकम…
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365store · 2 years
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SIP की तरह इस सरकारी समझौते में करें निवेश, 41 लाख रुपए मिलेंगे
SIP की तरह इस सरकारी समझौते में करें निवेश, 41 लाख रुपए मिलेंगे
डाकघर लघु बचत योजना: अधिक आकर्षक बनने के लिए लोगों के पास निवेश के कई विकल्प होते हैं। सरकारी योजनाओं से लेकर म्यूचुअल फंड (म्यूचुअल फंड) में निवेश करने वाले लोग अधिक आकर्षित बनते हैं। म्यूचुअल फंड एक सिस्टमैटिक तरीके से निवेश का विकल्प देता है, जिसे SIP कहते हैं। म्यूचुअल फंड में सरकारी योजनाओं (सरकारी योजना) से अधिक लाभ मिलता है, लेकिन इसमें जोखिम अधिक होता है। वहीं, सरकारी योजना बिना जोखिम के…
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ashokgehlotofficial · 2 years
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मंगलवार शाम मुख्यमंत्री निवास पर राजस्थान राज्य कृषि बजट की समीक्षा बैठक को संबोधित किया। राज्य सरकार प्रदेश में किसानों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इस प्रतिबद्धता की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए हमने पहली बार अलग से कृषि बजट प्रस्तुत किया। हमारी पूरी कोशिश है कि कृषि बजट में की गई घोषणाओं की क्रियान्विति सुनिश्चित कर इन्हें धरातल पर उतारा जाए।
राज्य में ऐसे कृषि प्रावधान किए जाने चाहिए जिससे कृषि संबंधित योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लघु और सीमांत किसानों को मिल सके। योजनाओं का प्रदेश में अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाकर प्रक्रियात्मक पारदर्शिता में वृद्धि करने के भी निर्देश दिए।
यह एक वैज्ञानिक तथ्य है कि ड्रिप इरिगेशन से उत्पादन में बढ़ोतरी होती है। राजस्थान जैसे मरूस्थलीय प्रदेश में ड्रिप इरिगेशन ही सिंचाई हेतु एक दीर्घकालिक समाधान है। किसानों का इस तरफ रूझान बढ़ा है। सरकार इसके उपयोग के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार द्वारा बजट में 4 लाख किसानों को ड्रिप इरिगेशन से लाभांवित करने के लिए 1705 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रिप इरिगेशन के लिए राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन के अंतर्गत 1.60 लाख कृषकों को सिंचाई संयंत्र उपलब्ध कराने के लिए स्वीकृति जारी कर दी गई है। इसी क्रम में बजट में घोषित 825 करोड़ की सब्सिडी के अंतर्गत अब तक 9,738 फार्मपौण्ड व 1,892 डिग्गियों के निर्माण हेतु स्वीकृति जारी की जा चुकी है। वहीं, किसानों को सोलर पंप की स्थापना के लिए 22,807 कार्य आदेश जारी किए जा चुके हैं। इन सोलर पंपों पर सरकार द्वारा 61.58 करोड़ का अनुदान किया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा सिंचाई में पानी की बचत वाली स्कीमों पर लगभग 75 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है। इन योजनाओं के प्रति किसानों में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार व प्रगतिशील किसानों का प्रशिक्षण करवाया जाएगा।
बैठक में बताया गया कि 40 करोड़ की लागत से 1000 ड्रोन ग्राम सेवा सहकारी समितियों तथा कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को उपलब्ध करवाए जाने का कार्य किया जा रहा है। इससे किसान प्रभावी एवं सुरक्षित तरीके से कम समय में कीटनाशकों का छिड़काव कर सकेंगे, जिससे फसल की रक्षा हो सकेगी एवं कम लागत से उनकी आय में भी बढ़ोतरी होगी।
राज्य में खरीफ की फसल के लिए खाद-बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है तथा इन्हें किसानों को उपलब्ध कराए जाने के लिए सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री बीज स्वाबलंबन योजना के अंतर्गत खरीफ फसलों के बीजों का वितरण बड़े स्तर पर किया गया है। लघु एवं सीमांत किसानों को 10 लाख बाजरा मिनीकिट्स एवं 2 लाख सूक्ष्मतत्व व जैव कीटनाशक किट का वितरण शुरू किया जा चुका है। राज्य में 0.49 लाख मीट्रिक टन यूरिया एवं 0.37 लाख मीट्रिक टन डीएपी उर्वरक भंडारित किया जा चुका है। इस वर्ष अभी तक मानसून सामान्य रहने से 11 जिलों में सामान्य वर्षा एवं 22 जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई है तथा राज्य में 76 प्रतिशत बुवाई का कार्य किया जा चुका है।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 29 कृषि महाविद्यालय हेतु अस्थायी भवन की व्यवस्था एवं भूमि आवंटन की कार्यवाही जारी है। ये कृषि महाविद्यालय उच्च शिक्षा विभाग के अधीन संचालित होंगे। वहीं देवली, टोंक में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
उत्पादकता व किसानों की आय बढ़ाने के लिए आवश्यक है कि किसानों को उन्नत किस्मों के बीज सस्ती दर पर उपलब्ध कराए जाएं। कृषि में नवाचार कर रहे किसानों को सरकार द्वारा सम्मानित किया जाए। उन्नत खेती तकनीकों का डेमों शहरों के प्रमुख स्थानों पर करवाकर किसानों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। बैठक में बताया गया कि सरकार द्वारा जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को देखते हुए राजस्थान संरक्षित खेती मिशन के तहत ग्रीन हाउस, शेडनेट, लॉटनल, प्लास्टिक मल्चिंग आदि तकनीकों के उपयोग के लिए किसानों को सब्सिडी दी जा रही है। 12,500 किसान इस योजना से लाभांवित हो चुके हैं। जैविक उत्पादों के प्रमाणीकरण हेतु सभी संभागों में 15 करोड़ की लागत से लैब बनाने के लिए डीपीआर करवाई जा रही है। वहीं ऑर्गेनिक कमोडिटी बोर्ड की स्थापना का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। सभी संभाग मुख्यालयों पर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर माइक्रो इरिगेशन की स्थापना हेतु कार्य प्रगति पर है।
लघु व सीमांत किसानों का हित सरकार की प्रत्येक कृषि योजना के केन्द्र में है। राजस्थान बीज उत्पादन एवं वितरण मिशन के अंतर्गत 12 लाख लघु व सीमांत किसानों को 78 करोड़ की लागत से बीज मिनीकिट्स के वितरण का कार्य किया जा रहा है। राजस्थान कृषि बीज स्वाम्बलन योजना से राजस्थान कृषि तकनीक मिशन के अंतर्गत महंगे यंत्रों और उपकरणों की खरीद पर 108.80 करोड़ रूपए अनुदान दिया जा रहा है। वर्तमान में संचालित 371 कस्टम हायरिंग केन्द्रों से सस्ती दरों पर किसानों को ट्रेक्टर, थ्रेशर, रोटोवेटर आदि कृषि यंत्र व उपकरण उपलब्ध करवाए जा रहे है। इससे कृषि उत्पादन में वृद्धि, आदान लागत में कमी तथा कम समय में अधिक कार्य करने के साथ-साथ ��िसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी। प्याज भंडारण केन्द्रों कर किसानों को प्याज, लहसुन आदि फसलों के लिए निःशुल्क भंडारण सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, ताकि उन्हें अपनी उपज कम दाम पर ना बेचनी पड़े। राजस्थान फसल सुरक्षा योजना के अंतर्गत तारबंदी के लिए किसानों को 125 करोड़ रूपए के अनुदान दिया जा रहा है। योजना से लाभांवितों में आवश्यक रूप से 30 प्रतिशत लघु व सीमांत किसान होने का प्रावधान किया गया है। सभी योजनाओं में लघु व सीमांत किसानों का अतिरिक्त अनुदान दिया जा रहा है।
राजस्थान उद्यानिकी विकास मिशन के तहत फलों व मसालों की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए 15000 हेक्टेयर क्षेत्र में फलों की खेती व 1500 हेक्टेयर क्षेत्र में मसालों की खेती का लक्ष्य निर्धारण कर कार्य किया जा रहा है। फल बगीचोें की स्थापना के लिए अनुदान सीमा 50 से बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दी गई है। योजना अंतर्गत आवेदन प्राप्त कर स्वीकृति प्रदान करने का कार्य जारी है। साथ ही खजूर की खेती को प्रोत्साहन देने केे लिए सरकार द्वारा खजूर बगीचा स्थापित करने तथा टिश्यू कल्चर पौध आपूर्ति हेतु अनुदान दिया जा रहा है।
कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में प्रदेश में किसानों के हित में एक से बढ़कर एक फैसले लिए जा रहे हैं। इनमें किसानों की ऋणमाफी, किसान ऊर्जा मित्र योजना के तहत बिजली बिल में छूट, तारबंदी के लिए अनुदान, मशीनरी खरीद के लिए अनुदान सहित कई अहम निर्णय शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पहली बार प्रस्तुत कृषि बजट की घोषणाओं को पूरा करने के लिए सभी विभागीय अधिकारी पूरी मेहनत एवं एकजुटता के साथ कार्य करें।
बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा, प्रमुख सचिव वित्त श्री अखिल अरोड़ा, प्रमुख सचिव कृषि श्री दिनेश कुमार, उद्यानिकी आयुक्त श्री चेतन राम देवड़ा एवं कृषि आयुक्त श्री काना राम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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