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#वजन घटाने के लिए पालक
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स्वस्थ हड्डियों के लिए सुझाव (Tips for Healthy Bones)
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हमारी हड्डियां हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो शरीर को संरचना प्रदान करती हैं, अंगों की रक्षा करती हैं, मांसपेशियों को सहारा देती हैं और कैल्शियम और फॉस्फोरस संग्रहीत करती हैं। बचपन और किशोरावस्था में मजबूत और स्वस्थ हड्डियां बनाना बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन आजकल युवाओं में भी कमज़ोर हड्डियों के लक्षण देखने को मिल रहे हैं। जिसका एक बड़ा कारण है, अनहेल्दी लाइफ स्टाइल, जैसे कि अपर्याप्त पोषण और शारीरिक गतिविधि की कमी, हड्डियों की कमजोरी और ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis – एक ऐसी बीमारी जो हड्डियां कमज़ोर करती है) का कारण बन सकते हैं।
अनहेल्दी लाइफ स्टाइल से हड्डियों की कमजोरी के कई कारण (Causes of Bone Weakness) हो सकते हैं, जैसे कि :
1. कैल्शियम और विटामिन D की कमी: हमारी हड्डियों के लिए कैल्शियम और विटामिन D बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। कैल्शियम हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है, जबकि विटामिन D कैल्शियम के समावेश में सहायता करता है। इनकी कमी से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं।
2. शारीरिक गतिविधि की कमी: नियमित व्यायाम हड्डियों को मजबूत और स्वस्थ रखता है। व्यायाम की कमी से हड्डियों का घनत्व घट सकता है, जिससे वे कमजोर हो जाती हैं। इसीलिए रोज़ाना थोड़ा थोड़ा व्यायाम जैसे कि 20-30 मिनट पैदल चलना, धीमे धीमे दौड़ना या वजह उठाने के व्यायाम किये जा सकते हैं। 
3. धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन: धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। ये आदतें हड्डियों की कमजोरी और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ाती हैं।
लक्षण:
1. दर्द: हड्डियों में दर्द या असुविधा होना उनकी कमजोरी का संकेत हो सकता है।
2. आसानी से हड्डी टूटना: यदि हड्डियां आसानी से टूट जाती हैं, तो यह उनकी कमजोरी को दर्शाता है।
3. कद में कमी: उम्र बढ़ने के साथ कद में कमी आना भी हड्डियों की कमजोरी का एक लक्षण हो सकता है।
4. बॉडी के मूवमेंट जैसे चलने, दौड़ने और काम करने में प्रॉब्लम।
बच्चों और किशोरों के लिए, कैल्शियम और विटामिन D युक्त आहार और वजन उठाने वाली गतिविधियों में भाग लेना उनकी हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है। वयस्कों के लिए, स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम हड्डियों को मजबूत रखने के लिए जरूरी हैं।
यदि आप अपनी हड्डियों की सेहत को लेकर चिंतित हैं या कमज़ोरी महसूस करते हैं तो उपरोक्त कदमों का पालन करें। (Tips for healthy bones):
1. हरी सब्जियां और प्रोटीन युक्त आहार: हरी सब्जियां जैसे पालक, ब्रोकोली और फलियां कैल्शियम और अन्य मिनरल्स से भरपूर होती हैं जो हड्डियों को मजबूत बनाती हैं।
प्रोटीन हड्डियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है (Benefits of Protein to the human body)। यह हड्डियों की मरम्मत और नवीनीकरण में मदद करता है। इसके लिए प्रोटीन युक्त आहार जैसे, अंडे, ओट्स, पीनट बटर, बादाम, पनीर आदि रोज़ाना सही मात्रा में ले। साथ ही प्रोटीन की कमी पूरी करने के लिए बाजार में उपलब्ध हड्डियों को मज़बूती देने वाले सप्लीमेंट (Protein supplements that are beneficial for bones) प्रयोग में ला सकते हैं।
2. वजन उठाने वाले और ताकत बढ़ाने वाले व्यायाम: वेट ट्रेनिंग और रेजिस्टेंस एक्सरसाइज हड्डियों को घनत्व और ताकत प्रदान करते हैं। ये व्यायाम हड्डियों को चोटों और फ्रैक्चर से बचाने में सहायक होते हैं। ये आपकी बॉडी में फ्लेक्सिबिलिटी (felxibility) बनाये रखती हैं।  इसके लिए आप किसी फिटनेस ट्रेनर से राय ले सकते हैं।
3. कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ: दूध, दही, पनीर और अन्य डेयरी उत्पादों में कैल्शियम होता है जो हड्डियों के लिए आवश्यक है। कैल्शियम हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है और उन्हें स्वस्थ रखता है। साथ ही कैल्शियम की कमी को पूरी करने वाले सप्लीमेंट (Supplement for strong bones) प्रयोग किये जा सकते हैं।
3. विटामिन D और विटामिन K: विटामिन D सूर्य की रोशनी से मिलता है और यह हड्डियों के लिए कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है। विटामिन K हड्डियों के स्वास्थ्य और मजबूती के लिए जरूरी है। साथ ही बाजार में ऐसे ऐसे सप्लीमेंट मौजूद हैं जो विटामिन D और विटामिन K की कमी पूरी करते हैं, प्रयोग किये जा सकते हैं।
4. बहुत कम कैलोरी वाले आहार से बचें: बहुत कम कैलोरी वाले आहार से हड्डियों को जरूरी पोषण नहीं मिल पाता है, जिससे वे कमजोर हो सकती हैं।
5. स्थिर और स्वस्थ वजन: अत्यधिक वजन घटाने या बढ़ाने से हड्डियों पर दबाव पड़ता है और वे कमजोर हो सकती हैं। स्थिर और स्वस्थ वजन बनाए रखना हड्डियों के लिए अच्छा है। इसके लिए वेट मैनेज करना बहुत ज़रूरी है। इसके लिए वेट मैनेजमेंट एक्सरसाइज, जैसे तेज़ चलना आदि या वेट मैनेज (Weight Management) करने वाले सप्लीमेंट की मदद ली जा सकती है। 
6. हड्डी सम्बंधित कोई भी समस्या आने पर चिकित्सक से संपर्क करें। वजन उठाने की एक्सरसाइज करने से पहले फिटनेस ट्रेनर से संपर्क करें और कोई भी नया सप्लीमेंट शुरू करने के लिए हेल्थ एक्सपर्ट की राय लें।
निष्कर्ष
हमारी हड्डियों का स्वास्थ्य हमारे जीवन की गुणवत्ता और सक्रियता को प्रभावित करता है। एक स्वस्थ जीवनशैली, जिसमें पोषक आहार, नियमित व्यायाम, और धूम्रपान व अत्यधिक शराब के सेवन से परहेज शामिल है, हड्डियों को मजबूत और स्वस्थ रखने के लिए अत्यंत आवश्यक है। यदि आपको हड्डियों की कमजोरी के लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें और उपरोक्त सुझावों को अपनाएं। याद रखें, हड्डियों की देखभाल और स्वास्थ्य एक निरंतर प्रक्रिया है जिसे जीवन भर बनाए रखना चाहिए।
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synerhealseo · 3 months
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मधुमेह (डायबिटीज) के लिए सिफारिश की गई भोजन!
इंसुलिन की कमी से या कोशिकाओं (सेल) के इंसुलिन के प्रति प्रतिरोधक क्षमता के बढ़ने एवं रक्तप्रवाह में ब्लड शुगर (ग्लूकोज) के स्तर में वृद्धि के कारण मधुमेह (डायबिटीज) होता है। दुनिया भर मे लाखों लोग मधुमेह (डायबिटीज)  से प्रभावित हैं। इनमें से अधिकांश निम्न-मध्यम आय वाले देशों में रहने वाले लोग हैं। समय-समय पर मधुमेह की जांच न कराने से हर साल मृत्यु दर मे बढ़ोतरी हो रही है। पिछले कुछ दशकों में प्रभावित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
मधुमेह मे वृद्धि के कारक:
खनपान मे बढ़ते हुए बदलाव, मोटापा, वजन बढ़ना एवं शारीरिक निष्क्रियता मधुमेह (डायबिटीज) का एक प्रमुख  कारण है और यह एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। 
किस प्रकार खनपान मे परिवर्तन मधुमेह (डायबिटीज)  का प्रमुख कारण बना है ?
कार्बोहाइड्रेट से भरपूर भोजन करने के बाद ब्लड शुगर (रक्तप्रवाह में ग्लूकोज) के स्तर में वृद्धि होता है। स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थ जैसे ब्रेड, आलू, चावल और दूध खाद्य पदार्थों में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है। कार्बोहाइड्रेट हर किसी के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
मधुमेह से क्या-क्या खतरे हैं?
समय के साथ, मधुमेह हृदय, रक्त वाहिकाओं (ब्लड वैसेल्स), आंखों, गुर्दे (किडनी) और तंत्रिकाओं (नर्वस) को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे दीर्घकालिक समस्याएं और अल्प अवधि में शीघ्र मृत्यु के कारण उत्पन्न होता है।
अध्ययनों से पता चलता है कि दुनिया भर मे मधुमेह रोगियों की संख्या बढ़ रही है, और बच्चों मे किशोर
मधुमेह (जुवेनाइल डायबिटीज) के रूप मे यह बीमारी के विकसित होने का खतरा अधिक है।
प्रारंभिक कार्रवाई और रोगियों को शिक्षित करना आवश्यक है, लेकिन कई देशों को पर्याप्त स्वास्थ्य प्रणालियों की कमी के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
मधुमेह रोगियों को अपने ब्लड शुगर (रक्त में ग्लूकोज) के स्तर को नियंत्रण में रखने के लिए अपने भोजन के विकल्पों पर ध्यान देने की आवश्यकता है:
निम्नलिखित के कारणों से ब्लड शुगर (रक्त मे ग्लूकोज) का स्तर बढ़ सकता है:
● कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन।
● शारीरिक गतिविधि या व्यायाम का अभाव।
● निर्जलीकरण/पर्याप्त पानी का सेवन न करना
● तनाव एक महत्वपूर्ण कारक है
● पर्याप्त नींद न आना।
● विशिष्ट (स्पेसिफिक) दवाएं, जैसे स्टेरॉयड।
यहां कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ दिए गए हैं जिनका सेवन करने से आपको बेहतर एवं फर्क महसूस होता है।
1. बिना स्टार्च वाली सब्जियाँ:
बिना स्टार्च वाली सब्जियों में कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी कम होती है एवं फाइबर अधिक होता है, जो उन्हें मधुमेह वाले व्यक्तियों के लिए अत्युत्तम विकल्प बनाता है।
आहार में पालक या कोई भी पत्तेदार साग, ब्रोकोली, फूलगोभी, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, बेल मिर्च और खीरे या कोई भी पानी आधारित सब्जियां शामिल होनी चाहिए जिनमें स्टार्च की मात्रा कम हो और जो आपके देश में उगाई गई हो।
2. प्रोटीन:
प्रोटीन खाने से ग्लूकोज का प्रवाह धीमा होता है और ब्लड शुगर (रक्त में ग्लूकोज) को स्थिर करने में मदद मिलता है। प्रोटीन ग्लूकोज को रोक उन्हें धीमा करता हैं और फिर उन्हें धीरे-धीरे रक्तप्रवाह में छोड़ता हैं ताकि आपके ब्लड शुगर (रक्त मे ग्लूकोज) सामान्य सीमा में रहे। मुख्य रूप से प्रोटीन के साथ इंसुलिन शरीर के प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ने में मदद करता है। ये ब्लड शुगर (रक्त ग्लूकोज) के स्तर को प्रभावित नहीं करता और समग्र स्वास्थ्य बनाए रखने एवं वजन घटाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
3. साबुत अनाज:
हालाँकि साबुत अनाज, जौ, बाजरा आदि ( में कार्बोहाइड्रेट होता हैं) फाइबर का भी समृद्ध स्रोत हैं जो ब्लड शुगर (रक्त में ग्लूकोज) के स्तर को बनाए रखने में मदद करता हैं।
4. हेल्दी फैट:
हमें ऐसे भोजन को शामिल करना चाहिए जो रक्तप्रवाह में ग्लूकोज के अवशोषण(अब्ज़ॉर्प्शन) को धीमा करने में मदद कर सके और आपको पेट भरा हुआ महसूस कराए। जैसे: एवोकाडो, ड्राई फ्रूट्स, बीज, जैतून का तेल और अन्य वनस्पति तेल । सुबह सबसे पहले एक चम्मच घी, वर्जिन जैतून या वर्जिन नारियल जैसे वसा (फैट/तेल) का सेवन  इंसुलिन स्पाइक को कम करता है और शरीर को इंसुलिन के प्रति प्रतिरोध को कम करने में मदद करता है।
5. डेयरी उत्पाद:
 कम वसा(फैट) वाले और बिना चीनी वाले खाद्य पदार्थ जैसे: ग्रीक दही, कॉटेज पनीर, बिना चीनी वाले बादाम या सोया दूध इत्यादि उपयुक्त है। डेयरी में मौजूद ठोस तैयब दूध में भी चीनी में परिवर्तित होने की प्रवृत्ति होती है इसलिए गैर डेयरी या दही और छाछ के रूप उपयुक्त है।
6. फल:
फलों में जामुन, स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, रसभरी, सेब, नाशपाती इत्यादि शामिल हैं ।
संतुलित आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
7. जड़ी-बूटियाँ और मसाले:
दालचीनी, हल्दी, अदरक भोजन मे बिना कार्बोहाइड्रेट के स्वाद बढ़ाता हैं।
निम्नलिखित कदम हमारे शरीर के रक्त मे ग्लूकोज के स्तर को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है:
1. अपने शरीर को सक्रिय रखने और इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ावा देने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें।
2. संतुलित आहार और शारीरिक गतिविधि के माध्यम से स्वस्थ शरीर का वजन बनाए रखें।
3. मीठे पेय और मिठाइयों का सेवन कम करके चीनी का सेवन कम करें।
4. रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट सीमित करें
5. ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए फल, सब्जियां और साबुत अनाज जैसे हाई फाइबर वाले खाद्य पदार्थ चुनें।
6. पूरे दिन खूब सारा पानी पीकर हाइड्रेटेड रहें।
7. समग्र स्वास्थ्य और हार्मोन विनियमन के लिए नींद को प्राथमिकता दें।
8. स्थिर ब्लड शुगर को बनाए रखने के लिए तनाव प्रबंधन तकनीकों जैसे योग, ध्यान, अनुलोम-विलोम योग का अभ्यास करें।
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infohotspot · 9 months
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भारत मे आज कल वजन कम करेन के लिए एक नयी डाइट का इस्तमाल किया जा रहा है| जिसे कीाटोजेनिकी डाइट और कीटो डाइट के नाम से जाना जाता है |शाकाहारी और केटो आहार के स्वास्थ्य लाभों का बड़े पैमाने पर अध्ययन किया गया है। यह शरीर के फैट को बर्न करने मे बहुत उपयोगी है |इस कीटो डाइट के समर्थको का कहना है की यह बहुत कम समय मे वजन कम करता है और अधिक उर्जा प्रदान करता है कीटो डाइट : कीटो डाइट कम कार्बोहाइड्रेट आहार के लिए जाना जाता है जिसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम और वसा की ज्यादा होती है। इससे डाइटिंग पर रहने के बाद भी शरीर में उर्जा की कमी नहीं होती और वजन भी कंट्रोल में रहता है।इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें कार्बोहाइड्रेट की कमी शरीर के मेटाबॉलिज्म स्तर को बढ़ा देती है और वजन तेजी से कम होने लगता है। जब शरीर का इन्सुलिन लेवल गिर जाता है तो फैट बर्निंग बढ़ जाती है। इस डाइट से वेट लॉस तो होता ही है, भूख भी कम लगती है क्योंकि ऊर्जा बनी रहने के कारण भूख का एहसास ही नहीं होता है। वजन घटाने के लिए भारतीय शाकाहारी कीटो आहार योजना का पालन करने के नियम: प्रतिबंधित कार्ब्स: भारतीय आहार कार्बोहाइड्रेट से भरे होते हैं। इसलिए शाकाहारियों के लिए आहार में कार्ब्स को कम करना मुश्किल है। इस प्रकार, हम दिन के दौरान उपयोग किए जाने वाले अनाज या दालों की संख्या को कम करने की कोशिश करेंगे। लेकिन उच्च फाइबर सामग्री वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करें। यह वजन कम करने में मदद करता है चीनी से परहेज करें: वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए चीनी से सख्ती से बचें। कृत्रिम मिठास के उपयोग से भी बचें। कृत्रिम मिठास रसायनों, ब्लीच और कई अन्य हानिकारक उत्पादों से भरी होती है। जरूरत पड़ने पर आप वजन घटाने के लिए स्टीविया को अपने भारतीय शाकाहारी केटो आहार योजना में शामिल कर सकते हैं। वसा: नारियल का तेल आसानी से पच जाता है। घी और तेल का परस्पर उपयोग किया जा सकता है। मक्खन भी एक अच्छा विकल्प है। मल्टीविटामिन्स: यदि आवश्यक हो तो किसी भी कमी से बचने के लिए मल्टीविटामिन्स, ओमेगा 3, कैल्शियम और मल्टी-मिनरल्स कैप्सूल का उपयोग करें। शाकाहारी और केटोजेनिक आहार दोनों ही वजन घटाने से जुड़े हैं। एक रिसर्च से पता चला है की शाकाहारी केटो आहार प्लान 2kg अधिक वजन कम करता है तुलना मे मांसाहारी आहार प्लान | खाने के लिए खाद्य पदार्थ:एक स्वस्थ शाकाहारी कीटो आहार में विभिन्न प्रकार की गैर-स्टार्च वाली सब्जियां, स्वस्थ वसा और प्रोटीन स्रोत शामिल होने चाहिए: 1. गैर-स्टार्च वाली सब्जियां: पालक, ब्रोकली, मशरूम, केल, फूलगोभी, तोरी और बेल 2. स्वस्थ वसा: जैतून का तेल, नारियल तेल, एवोकाडो, एमसीटी तेल और एवोकैडो तेल। 3. नट्स: बादाम, अखरोट, काजू, मैकाडामिया नट्स, पिस्ता, और ब्राजील नट्स 4. बीज: चिया, भांग, सन और कद्दू के बीज 5. अखरोट बटर: बादाम, मूंगफली, पेकान और हेज़लनट बटर 6. पूर्ण वसा वाले डेयरी उत्पाद: दूध, दही, और पनीर 7.प्रोटीन: अंडे, टोफू, टेम्पेह, स्पाइरुलिना, नाटो, और पोषण खमीर 8. कम कार्ब फल (मॉडरेशन में): जामुन, नींबू, और नीबू। यहाँ कुछ खाद्य पदार्थ हैं जिन्हें आपको सीमित करना चाहिए: स्टार्च वाली सब्जियां: आलू, रतालू, बीट, पार्सनिप, गाजर, और शकरकंदचीनी-मीठा पेय: सोडा, मीठी चाय, स्पोर्ट्स ड्रिंक, जूस और एनर्जी ड्रिंकअनाज: रोटी, चावल, क्विनोआ, जई, बाजरा, राई, जौ, एक प्रकार का अनाज, और पास्ताफलियाँ: बीन्स, मटर, दाल और छोलेफल: सेब, केले, संतरे, जामुन, तरबूज, खुबानी, आलूबुखारा, मसालों: बारबेक्यू सॉस, शहद सरसों, केचप, marinades, और मीठा सलाद ड्रेसिंगमिठास: ब्राउन शुगर, सफेद चीनी, शहद, मेपल सिरप और एगेव अमृत कीटो डाइट के फायदे जब भी डाइट की बात होती है तब लोग कम कैलोरी वाले खाने को अपने प्लान मे शामिल करते है लेकिन कीटो डाइट उससे अलग है|इसलिए कम कैलोरी वाली डाइट के बजाय कीटो डाइट चार्ट को अपनाएं |इसके कई फायदे हैं उन्हीं फायदों में से कुछ के बारे में हम आपको बता रहे हैं। कुछ अध्ययनों ने उन्हें कैंसर के कम जोखिम, बीएमआई, कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप सहित कई हृदय रोग जोखिम कारकों के स्तर में सुधार किया। रोग की रोकथाम पर इसके प्रभावों के लिए कीटो आहार का भी अध्ययन किया गया है। एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और रक्त शर्करा, ये सभी हृदय रोग के जोखिम कारक हैं। अन्य अध्ययनों से पता चलता है कि यह आहार मस्तिष्क स्वास्थ्य की रक्षा कर सकता है और पार्किंसंस और अल्जाइमर रोग��ं का इलाज करने में मदद कर सकता है। ऐसे अध्ययन हैं जो बताते हैं कि कीटो आहार कैंसर के ट्यूमर के विकास को कम कर सकता है। हालाँकि, इस बात को साबित करने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।
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raginisinghjnp10 · 2 years
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healthy foods to keep you warm this winter lunch
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healthy foods to keep you warm this winter lunch 
क्यों खाते हैं सर्दियों में गरिष्ठ भोजन आइए जानते
 हैं?https://raginisingh18.blogspot.com/
हमारे यहां हार में उर्जा प्रदान करने वाले प्रमुख तत्व है। कार्बोहाइड्रेट्स और वसा। इन तत्वों को हम प्राप्त कर सकते हैं अन्य दालो, गुड़ चीनी ,में वे तेल और घी आदि में । सर्दियों में घी व चिकनाई युक्त आहार सूखे मेवे आदि खाए जाते हैं। क्योंकि इनमें कैलोरी ज्यादा होती है यह चीजें हमें अधिक शक्ति देती हैं जिससे शरीर का तापमान बड़ा रहता है और गर्माहट महसूस होती रहती है।
कितना खाए घी चिकनाई
ज्यादा तली भुनी चीजें खाने से शरीर पर काफी प्रभाव पड़ता है शरीर के हिसाब से अगर हम ज्यादा कैलोरी लेते हैं जैसे शरीर को 1200 कैलोरी चाहिए और तली हुई चीजें खाकर कलर इसको अट्ठारह सौ से 2000 तक बढ़ा लिया तो अतिरिक्त 600 से 800 कैलोरी इस्तेमाल में ना आकर हमारे शरीर में वसा के रूप में जमा हो जाती है।
इससे वजन बढ़ जाता है उसे घटाने के लिए डबल एक्सरसाइज करनी पड़ती है इसके अलावा दिल के या छाई राइट के डायबिटीज के मरीजों के लिए ज्यादा तला भुना खाना नुकसानदेह हो सकता है।
शरीर को जितनी जरूरत है उतना ही खाना खाए उसमे ही अगर खाने की क्वालिटी बदल दे जैसे कम तेल इस्तेमाल करें गर्म खाना है तो सब्जियों का सूप वगैरह ले सकते हैं इनसे शरीर को गर्माहट तो मिलेगी ही साथ ही उतनी कैलोरी भी नहीं आएगी।
बढ़ते बच्चे यह सब चीजें ले सकते हैं क्योंकि वह लोग खेलते कुदते हैं और इसी उम्र में उनका शारीरिक मानसिक विकास होता है इसीलिए उन्हें ज्यादा शक्ति की जरूरत होती है लेकिन बड़ी उम्र में लोगों को यह चीजें कम मात्रा में हफ्ते में एक या किसी छुट्टी वाले दिन ही लेनी चाहिए कभी-कभी लेंगे तो कैलोरी इतनी ज्यादा नहीं बढ़ेगी।
मुगलई मसाला गोभी
सामाग्री
दो छोटी-छोटी फूलगोभी
मध्यम आकार के दो प्याज
एक बड़ा चम्मच अदरक लहसुन का पेस्ट
एक छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर
एक बड़ा चम्मच धनिया पाउडर
चुटकी भर हल्दी पाउडर
एक छोटा चम्मच गरम मसाला
5 धागे केसर
एक एक बड़ा चम्मच काजू और बादाम
एक बड़ा चम्मच दूध
4 बड़े चम्मच रिफाइंड आयल
आधा छोटा चम्मच मेथी दाना
नमक स्वादानुसार 
बनाने की विधिफूल गोभी को अच्छी तरह साफ करें एक भगोड़े में पानी उबालें जिसमें गोभी भी डूब जाएं जब पानी उबलने लगे तो उसमें चुटकी भर नमक और एक बड़ा चम्मच दूध डाल दे इसमें गोभी डालकर 3 मिनट तक उबालें पानी से गोभी निकालकर हल्के हल्के हाथों से कपड़े से पूछ ले अब एक कड़ाही में तेल गर्म करें उसमें उलट-पुलट कर गोभी तलने गोभी का रंग बहुत अधिक बदलना नहीं चाहिए।प्याज और बादाम को अलग-अलग पीस लें बादाम को गर्म करें यानी गर्म पानी में दो-तीन मिनट तक उबालें फिर छिलका उसका उतारकर उसका पेस्ट बना ले दही का भी पेस्ट बना लें केसर को गर्म तवे पर डालें थोड़ी देर सूखा ही हाथ से मसल लें। जिस कढ़ाई में गोली चली थी उसी में बच्चे तेल में मेथी दाने का तड़का लगाकर ब्याज व अदरक लहसुन का पेस्ट बने जब मसाला तेल छोड़ने लगे तो उसमें सभी बच्चे मसाले केसर पाउडर व दही वाला पेस्ट आदि डाल दें 1 मिनट सारे मसाले को मिला है फिर उसमें गोभी भी डाल दें कढ़ाई का ढक्कन लगा दे बहुत दिन याद पर गोभी को पकाएं जब मसाला तेल छोड़ दे और गोभी पक जाए तो तले हुए बादाम काजू में सजाकर सर्विग डिश में में निकालें ऊपर से हरी धनिया डालकर सर्व करें।
पनीर, पालक, मेथी रोटी।
 सामग्री( material 
एक कप आटा
 एक छोटा चम्मच तेल 
आधा कप बारीक कटिंग मेथी और पालक के पत्ते 
एक बड़ा चम्मच ताजा दही
 आधा चम्मच लाल मिर्च
 चौथाई चम्मच अमचूर 
चुटकी भर हींग 
आधा छोटा चम्मच चीनी 
नमक स्वाद अनुसार
सजावट के लिए
आधा कप बारीक कटिंग मेथी पालक के पत्ते
एक बड़ा चम्मच कद्दूकस किया पनीर
बनाने की विधि
सभी सामग्री को मिलाकर आटा गूथ लें आवश्यक हो तो थोड़ी दही और मिला दे इस आटे को बराबर बराबर भागों में बांट कर पराठा बनाकर दोनों तरफ से सीख ले सर्व करते समय हर रोटी पर थोड़ा पालक मेथी के पत्ते डालकर बुराक दे और थोड़ी देर के लिए सेके। फिर गरमा गरम चटनी के साथ सर्व करें।
मक्के की खिचड़ी
सामग्री
6 ताजे भुट्टे सिर्फ दाने कद्दूकस किए हुए
 एक छोटा चम्मच चीनी 
नमक स्वाद अनुसार
 आधा नींबू का रस 
2 बड़े चम्मच बारीक कटा धनिया
 तड़का के लिए दो बड़े चम्मच घी
 एक छोटा चम्मच राई 
एक छोटा चम्मच जीरा 
चौथाई चम्मच हींग
 2 हरी मिर्च बारीक कटी हुई
बनाने की विधि
एक पैन में तेल गर्म करें राई जीरा हींग और हरी मिर्च डालें जब ताने चटकने लगे तो कद्दूकस किया हुआ मक्का 5 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं। इतना डाले कि भुट्टा उसमें डूब जाए। नमक और चीनी डालें ढककर मक्के को गलने तक पकाएं। एचडी गाड़ी लगे तो थोड़ा और पानी डाल दें। स्वादानुसार नमक और नींबू का रस डालकर अच्छी तरह मिलाएं धनिया की पत्ती से सजाकर। लहसुन मिर्चा धनिया की चटनी के साथ गरमागरम खाए।
कैरेट वाल्स इन रबडी
सामग्री
500 ग्राम लाल पीली का गाजर
डेढ़ सौ ग्राम बारीक सूजी 
200 ग्राम खोया 
50 ग्राम नारियल पाउडर
 200 ग्राम चीनी
 एक छोटा चम्मच पिस्ता
 10 से 12 कटे बादाम
 चौथाई चम्मच इलायची पाउडर 
और चांदी की वर्क
रबड़ी के लिए सामग्री
1 लीटर फुल क्रीम दूध 
6 बड़े चम्मच मिल्क पाउडर
 3 बड़े चम्मच चीनी
 केवड़े में भीग 6  7 केसर के धागे
 एक छोटा चम्मच बारीक कटा पिस्ता
विधि बनाने की
गाजर को धोकर मोटा मोटा कद्दूकस कर लें अब एक कड़ाही में घी गर्म करके उसमें गाजर को खूब अच्छी तरह भूनें जब तक गाजर का पानी ना सुख जाए उसमें चीनी डाल दे चीनी पिघल जाए और गाजर अच्छी तरह से लिपट जाए तो कढ़ाई को नीचे उतार दे सुजीतथा मावे को हाथ से अच्छी तरह मिलाएं फिर एक सपरेटर में डालकर सूजी मावे के मिश्रण को 10 मिनट प्रेशर कुकर की भाप में पकाएं ।ठंडा होने पर उसमें गाजर का मिश्रण नारियल और इलायची पाउडर मिलाकर लड्डू बना ले। लगभग 30-35 लड्डू बनेंगे उन पर बादाम पिस्ता की कटे हुए टुकड़े चिपकाए को ऐसे भी किया जा सकता है लड्डू किया जा सकता है और रबड़ी के साथ भी।
रबड़ी के लिए दूध वाले 15 मिनट मध्य मार्ग पर दूध पकाए फिर मिल्क पाउडर को थोड़े से दूध में घोलकर उबलते हुए दूध में डाल दें केसर को 10 मिनट के बड़े के पानी में भिगो दें इसको भी उबलते दूध में डाल दें जब दूध रबड़ी की तरह गाढ़ा हो जाए तो उसमें चीनी व कटा हुआ मेवा डालकर 5 मिनट तक और पकाए रबड़ी को ठंडा करें और ठंडा होने के बाद इसे फ्रिज में रख दे बढ़िया स्वीट डिश तैयार है।
मटन दो प्याजा
सामग्री
500 ग्राम मटन
 500 ग्राम मध्यम आकार के प्याज 
आधा कप सरसों का तेल या घी
 चार कप दही 
दो छोटे चम्मच नमक
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khabardaartv · 4 years
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मीरा कपूर की हेल्दी जौ की लपेट अच्छे स्वाद और पोषण से भरी हुई है (देखें तस्वीर)
मीरा कपूर की हेल्दी जौ की लपेट अच्छे स्वाद और पोषण से भरी हुई है (देखें तस्वीर)
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मीरा कपूर ने घर पर एक स्वस्थ और पौष्टिक आवरण बनाया।
हाइलाइट
मीरा कपूर ने एक यम्मी बूरिटो रैप साझा करने के लिए इंस्टाग्राम पर लिया
रैप को जौ के आटे और बेबी पालक के साथ बनाया गया था
उसने अपनी माँ के प्रसिद्ध बूरिटो को भी इसमें जोड़ा
मीरा कपूर एक ऐसी हस्ती हैं जो अपना भोज पक्ष दिखाने से नहीं कतराती हैं। स्वस्थ सलाद से लेकर सिंधी भोजन तक – ग्लूटोनस भोग की संख्या का कोई अंत नहीं है कि वह…
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Red Spinach Benefits for Health (लाल लाल पलक के फायदे स्वास्थ्य मे) 1. Promotes Better Digestion 2. Rich In Iron Levels 3. Prevents Kidney Disorders 4. Improved Vision 5. Aids In Weight Loss 6. Prevents Graying Of Hair 7. Red Spinach Benefits For Skin 8. Maintains Blood Pressure 9. Anti-Cancer Properties 1. बेहतर पाचन को बढ़ावा देता है 2. आयरन के स्तर में समृद्ध 3. गुर्दा विकार रोकता है 4. बेहतर विजन 5. वजन घटाने में सहायक 6. बालों का सफेद होना रोकता है 7. त्वचा के लिए लाल पालक के फायदे 8. ब्लड प्रेशर को बनाए रखता है 9. एंटी-कैंसर गुणों से भरपूर
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newsbabahindi-blog · 5 years
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वजन घटाने की विधि: यह 10 मिनट पालक का सूप डाइटर्स के साथ हिट होना निश्चित है
वजन घटाने की विधि: यह 10 मिनट पालक का सूप डाइटर्स के साथ हिट होना निश्चित है
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हाइलाइट
पालक फाइबर से भरा होता है
पालक एक बहुत ही बहुमुखी सब्जी है
सूप आपको पोषक तत्वों से भरपूर बनाए रखने में मदद करते हैं
गर्म आराम सूप के एक बड़े कटोरे के बारे में कुछ ऐसा है जो हमें अपने दिन भर के संकटों को भूल जाता है। सूप हमारे गो-टू बीमारी और स्वास्थ्य में पसंदीदा रहा है। कई कारण हैं कि यह डायटर्स के साथ इतनी हिट क्यों है। यह भर रहा है; सूप की उच्च तरल सामग्री तृप्ति की भावना…
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arayurvedafitness · 2 years
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The Five Secrets That You Shouldn't Know About Best Weight Gain Drinks.
आज कल लोग अपनी निजी जिंदगी में इतने व्यस्त हो गए है की कभी-कभी खाना सही वक़्त पे नहीं खा पाते है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है, हमारे हैल्थी स्वास्थ्य के लिए हमें सही वक़्त पे खाना बहोत ही जरुरी है। और कभी कभी तो हम हमारे काम में इतने व्यस्त हो जाते है की खाना खाना ही भूल जाते है फिर जब याद आता है तब बहोत ही देर हो चुकी होती है इसी लिए हम यही सोच लेते है की अब बाद में ही खा लेंगे पर ऐसे टाइम पे हम कभी कभी हैल्थी ज्यूस भी ले सकते है जिससे अगर कभी हम खाना नहीं खाए तो भी हमारे स्वस्थ्य को कोई हानि नहीं होगी और हमें सही विटामिन और प्रोटीन भी मिलता है जो हमारे लिए हैल्थी है।
ऑयली और चीजी खाना खा कर बॉडी में चर्बी बढ़ती है और बिन जरुरी फैट को घटाने ने के लीये लोग डाइटिंग और एक्सरसाइज करते है। और कुछ लोग ऐसे भी होते है जो ऑयली और चीजी खाना खाते है लेकिन फिर भी उसका वजन और बॉडी नहीं बढ़ता है। उनके दुबले पतले बॉडी की वजह से उन्हें सब के सामने शर्मिंदगी महसूस होती है। हैल्थी सब्जी जैसे की पालक, कॉर्न, हरी सब्जियाँ आदि वजन बढ़ाने में मददरूप है लेकिन कई बार लोगो को सब्जिया पसंद नहीं आती है और वो नहीं खाते है। अगर आपको सब्जियाँ नहीं पसंद है तो आप सब्जियों के आलावा भी हैल्थी तरीके से वजन बढ़ा सकते हो।
क्या आप भी दुबले पतले हो और आपको  भी वजन बढाना है? तो यह ५ ज्यूस आपको जरुर पिएने चिहिए जिसे आपका वजन जल्दी ही बढ़ेगा
1. केले
कई लोग ऐसे भी होते है जिनका अधिक खाने से भी वजन नही बढ़ता है तो उसके लिए केले का ज्यूस सबसे बेह्तरिन है  उसमे भरपूर मात्रा में कैलोरी और विटामिन होते है। केले का ज्यूस बनाने के लिए 1 कप दूध, 2 केला और  2 टी.स्पू. हनी मिक्स करके हम ले सकते है।
2.खजूर
खजूर खाने के बहोत ही फायदे होते है।  उसमे फाइबर, विटामिन-सी और भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है। जो आपको वजन बढ़ाने में बहोत ही मददरूप साबित हुआ है। इसके आलावा  आप 2-3 खजूर को दूध में मिला कर उबाल दो और इस उबाले हुए दूध को रात में पिने से कुछ ही दिनों में आपका वजन बढ़ने लगेगा और आपको खुद फर्क दिखाई देगा
3. अश्वगंधा और दूध (ashwagandha with milk)
अश्वगंधा तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है और वजन बढ़ाने में मदद करता है। अश्वगंधा लेने के लिये रात को सोने के वक्त 1 गिलास दूध लेना और 1 चम्मच अश्वगंधा लेना है  अश्वगंधा और दूध दोनों  को मिलाकर उससे पीना है
४.चीकू
चीकू मै भरपूर मात्रा में फाइबर और विटामिन होते है जो वजन बढ़ाने में बहोत ही मददरूप है। चीकू और दूध को मिलकर पिने से हमारा वजन आसानी से बढ़ता है।  चीकू में पाए गए पोषण तत्व जो हमारा वजन तेजी से बढ़ाता है।
५. अश्वारिन प्लस पाउडर
बहोत लोग होते है जीने फलो का जूस नही अच्छा लगता है तो वो लोग अश्वारिन प्लस पाउडर ले सकते है यह खाने से मास पेशिया मजबूत बनती है इस पाउडर का कोई भी साइड इफ़ेक्ट नही है. अश्वारिन प्लस पाउडर अश्वगंधा, विदारी, कौचा जैसी महत्वपूर्ण जड़ी बूटियों का सही मात्रा में मिश्रण करके तैयार किया गया है। ये पाउडर लेने से कमजोरी , हताशा, थाकावत दूर होती है, भूख बढ़ती है और वजन तेजी से बढ़ता है इस दवा को भारत सरकार ने पूरी जाँच करने के बाद इसे मंजूरी दे दी है। यह दवाई आरोग्य विभाग द्वारा प्रमाणित है तथा साथ ही इस कंपनी को GMP और ISO द्वारा स्वीकृत प्रदान किया गया है। ये पाउडर पूरी तरह से सेफ है वजन बढ़ाने के लिए।
समापन:
बहुत से लोग ऐसे होते है जो अधिक खाना खाने पर भी अपना वजन नहीं बढ़ा पाते है इसी लिए यहाँ पर हमने 5 ऐसे तरीके बताये है जो आपको तेजी से और हैल्थी तरीके से वजन बढाने में आपकी जरूर मदद करेगा।
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granddreamerkingdom · 3 years
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पालक वेज हरा भरा कबाब वजन घटाने के लिए अच्छा है
पालक वेज हरा भरा कबाब वजन घटाने के लिए अच्छा है
कबाब एक ऐसा स्नैक्स है जो आपको नॉनवेज और वेज दोनों में मिलेगा. शामी कबाब, गलौटी कबाब, हराभरा कबाब कुछ फेमस कबाब हैं. लोग कबाब खाने के खूब शौकीन होते हैं. पार्टी फंक्शन में आपको ज्यादातर स्नैक्स में कबाब खाने को मिलेगा. अगर आपको कबाब पसंद है और आप शाकाहारी हैं तो हम आपको पालक के हेल्दी और टेस्टी कबाब बनाना बता रहे हैं. आप इसे अपने घर की पार्टी के मेन्यू में भी शामिल कर सकते हैं. पालक कबाब बच्चों…
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abhay121996-blog · 4 years
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Weight Loss Foods : ये फूड कॉम्बिनेशन आपके बढ़ते वजन को घटाने में कारगर साबित होगा, वेट लॉस की ये असरदार डाइट आपने ट्राई की क्या..? Divya Sandesh
#Divyasandesh
Weight Loss Foods : ये फूड कॉम्बिनेशन आपके बढ़ते वजन को घटाने में कारगर साबित होगा, वेट लॉस की ये असरदार डाइट आपने ट्राई की क्या..?
इंटरनेट डेस्क। वजन घटाने के लिए आप कितनी चीजें खाना छोड़ देते हैं और कितनी ही चीजें डाइट में शामिल कर लेते हैं।कभी-कभी वेट लॉस की ये स्पेशल डाइट असरदार होती है, तो कभी-कभी इनका फायदा नहीं भी होता है लेकिन आज हम आपको ऐसे फूड कॉम्बिनेशन के बारे में बता रहे हैं, जो न सिर्फ आपका वजन कम करेंगे बल्कि ��ेहत से जुड़ी कई परेशानियों से भी आपको मुक्ति दिलाएंगे।
नींबू-शहद का कॉम्बिनेशन
सुबह उठकर गुनगुने पानी में नींबू-शहद मिलाकर पीना फायदेमंद होता है। रोजाना इसके सेवन से आप अपने वजन को कंट्रोल में रख सकते हैं। पेट की चर्बी कंट्रोल होने के साथ इससे आपकी बॉडी डिटॉक्स भी होती है।
ग्रीन-लेमन टी बढ़ते वजन को मॉनिटर करने वालों के लिए ग्रीन टी सबसे अच्छा बेवरेज माना जाता है। लो कैलरी और एंटी-ऑक्सीडेंट वाला ड्रिंक तेजी से कैलोरी बर्न करता है और बेहद कम समय में कई किलो वजन घटा देता है। कई स्टडी में ये बात साबित हो चुकी है कि दिन में 2-3 कप ग्रीन टी पीने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और तेजी से वजन घटता है।
अंडा और पालक अंडे में हाई क्वालिटी का प्रोटीन पाया जाता है। इस पौष्टिक आहार की रेसिपी बेहद आसान और वेट लॉस फ्रेंडली है, अगर आप वजन घटाने के मिशन पर हैं, तो अपने ऑमलेट में पालक को शामिल कर लें। एक स्टडी के मुताबिक, आयरन से भरपूर पालक अंडे के साथ तेजी से वजन घटाने का काम करता है।
सेब और पीनट बटर सेब और पीनट बटर एक क्लासिक वेट लॉस फ्रेंडली फूड माने जाते हैं। पीनट बटर में मोनोसैचुरेटेड और पॉलीसैचुरेटेड फैट होता है, जो लंबे समय तक भूख को रोके रखता है और इंसुलिन मेटाबलिज्म भी दुरुस्त करता है। सेब के साथ पीनट बटर खाने से आपका वजन तेजी से कम हो सकता है।
पत्तेदार सब्जिया और ऑलिव ऑयल हरी पत्तेदार सब्जियां और सलाद भू�� को कंट्रोल करने लिए बेस्ट फूड आइटम मानी जाती हैं।इसमें अगर ऑलिव ऑयल शामिल कर लिया जाए तो फायदा दोगुना होगा। इन दोनों चीजों को एकसाथ खाने से आप तेजी से अपना वजन घटा सकते हैं।
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synerhealseo · 4 months
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मधुमेह (डायबिटीज) के लिए सिफारिश की गई भोजन!
इंसुलिन की कमी से या कोशिकाओं (सेल) के इंसुलिन के प्रति प्रतिरोधक क्षमता के बढ़ने एवं रक्तप्रवाह में ब्लड शुगर (ग्लूकोज) के स्तर में वृद्धि के कारण मधुमेह (डायबिटीज) होता है। दुनिया भर मे लाखों लोग मधुमेह (डायबिटीज)  से प्रभावित हैं। इनमें से अधिकांश निम्न-मध्यम आय वाले देशों में रहने वाले लोग हैं। समय-समय पर मधुमेह की जांच न कराने से हर साल मृत्यु दर मे बढ़ोतरी हो रही है। पिछले कुछ दशकों में प्रभावित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
मधुमेह मे वृद्धि के कारक:
खनपान मे बढ़ते हुए बदलाव, मोटापा, वजन बढ़ना एवं शारीरिक निष्क्रियता मधुमेह (डायबिटीज) का एक प्रमुख  कारण है और यह एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। 
किस प्रकार खनपान मे परिवर्तन मधुमेह (डायबिटीज)  का प्रमुख कारण बना है ?
कार्बोहाइड्रेट से भरपूर भोजन करने के बाद ब्लड शुगर (रक्तप्रवाह में ग्लूकोज) के स्तर में वृद्धि होता है। स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थ जैसे ब्रेड, आलू, चावल और दूध खाद्य पदार्थों में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है। कार्बोहाइड्रेट हर किसी के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
मधुमेह से क्या-क्या खतरे हैं?
समय के साथ, मधुमेह हृदय, रक्त वाहिकाओं (ब्लड वैसेल्स), आंखों, गुर्दे (किडनी) और तंत्रिकाओं (नर्वस) को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे दीर्घकालिक समस्याएं और अल्प अवधि में शीघ्र मृत्यु के कारण उत्पन्न होता है।
अध्ययनों से पता चलता है कि दुनिया भर मे मधुमेह रोगियों की संख्या बढ़ रही है, और बच्चों मे किशोर
मधुमेह (जुवेनाइल डायबिटीज) के रूप मे यह बीमारी के विकसित होने का खतरा अधिक है।
प्रारंभिक कार्रवाई और रोगियों को शिक्षित करना आवश्यक है, लेकिन कई देशों को पर्याप्त स्वास्थ्य प्रणालियों की कमी के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
मधुमेह रोगियों को अपने ब्लड शुगर (रक्त में ग्लूकोज) के स्तर को नियंत्रण में रखने के लिए अपने भोजन के विकल्पों पर ध्यान देने की आवश्यकता है:
निम्नलिखित के कारणों से ब्लड शुगर (रक्त मे ग्लूकोज) का स्तर बढ़ सकता है:
● कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन।
● शारीरिक गतिविधि या व्यायाम का अभाव।
● निर्जलीकरण/पर्याप्त पानी का सेवन न करना
● तनाव एक महत्वपूर्ण कारक है
● पर्याप्त नींद न आना।
● विशिष्ट (स्पेसिफिक) दवाएं, जैसे स्टेरॉयड।
यहां कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ दिए गए हैं जिनका सेवन करने से आपको बेहतर एवं फर्क महसूस होता है।
1. बिना स्टार्च वाली सब्जियाँ:
बिना स्टार्च वाली सब्जियों में कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी कम होती है एवं फाइबर अधिक होता है, जो उन्हें मधुमेह वाले व्यक्तियों के लिए अत्युत्तम विकल्प बनाता है।
आहार में पालक या कोई भी पत्तेदार साग, ब्रोकोली, फूलगोभी, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, बेल मिर्च और खीरे या कोई भी पानी आधारित सब्जियां शामिल होनी चाहिए जिनमें स्टार्च की मात्रा कम हो और जो आपके देश में उगाई गई हो।
2. प्रोटीन:
प्रोटीन खाने से ग्लूकोज का प्रवाह धीमा होता है और ब्लड शुगर (रक्त में ग्लूकोज) को स्थिर करने में मदद मिलता है। प्रोटीन ग्लूकोज को रोक उन्हें धीमा करता हैं और फिर उन्हें धीरे-धीरे रक्तप्रवाह में छोड़ता हैं ताकि आपके ब्लड शुगर (रक्त मे ग्लूकोज) सामान्य सीमा में रहे। मुख्य रूप से प्रोटीन के साथ इंसुलिन शरीर के प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ने में मदद करता है। ये ब्लड शुगर (रक्त ग्लूकोज) के स्तर को प्रभावित नहीं करता और समग्र स्वास्थ्य बनाए रखने एवं वजन घटाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
3. साबुत अनाज:
हालाँकि साबुत अनाज, जौ, बाजरा आदि ( में कार्बोहाइड्रेट होता हैं) फाइबर का भी समृद्ध स्रोत हैं जो ब्लड शुगर (रक्त में ग्लूकोज) के स्तर को बनाए रखने में मदद करता हैं।
4. हेल्दी फैट:
हमें ऐसे भोजन को शामिल करना चाहिए जो रक्तप्रवाह में ग्लूकोज के अवशोषण(अब्ज़ॉर्प्शन) को धीमा करने में मदद कर सके और आपको पेट भरा हुआ महसूस कराए। जैसे: एवोकाडो, ड्राई फ्रूट्स, बीज, जैतून का तेल और अन्य वनस्पति तेल । सुबह सबसे पहले एक चम्मच घी, वर्जिन जैतून या वर्जिन नारियल जैसे वसा (फैट/तेल) का सेवन  इंसुलिन स्पाइक को कम करता है और शरीर को इंसुलिन के प्रति प्रतिरोध को कम करने में मदद करता है।
5. डेयरी उत्पाद:
 कम वसा(फैट) वाले और बिना चीनी वाले खाद्य पदार्थ जैसे: ग्रीक दही, कॉटेज पनीर, बिना चीनी वाले बादाम या सोया दूध इत्यादि उपयुक्त है। डेयरी में मौजूद ठोस तैयब दूध में भी चीनी में परिवर्तित होने की प्रवृत्ति होती है इसलिए गैर डेयरी या दही और छाछ के रूप उपयुक्त है।
6. फल:
फलों में जामुन, स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, रसभरी, सेब, नाशपाती इत्यादि शामिल हैं ।
संतुलित आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
7. जड़ी-बूटियाँ और मसाले:
दालचीनी, हल्दी, अदरक भोजन मे बिना कार्बोहाइड्रेट के स्वाद बढ़ाता हैं।
निम्नलिखित कदम हमारे शरीर के रक्त मे ग्लूकोज के स्तर को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है:
1. अपने शरीर को सक्रिय रखने और इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ावा देने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें।
2. संतुलित आहार और शारीरिक गतिविधि के माध्यम से स्वस्थ शरीर का वजन बनाए रखें।
3. मीठे पेय और मिठाइयों का सेवन कम करके चीनी का सेवन कम करें।
4. रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट सीमित करें
5. ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए फल, सब्जियां और साबुत अनाज जैसे हाई फाइबर वाले खाद्य पदार्थ चुनें।
6. पूरे दिन खूब सारा पानी पीकर हाइड्रेटेड रहें।
7. समग्र स्वास्थ्य और हार्मोन विनियमन के लिए नींद को प्राथमिकता दें।
8. स्थिर ब्लड शुगर को बनाए रखने के लिए तनाव प्रबंधन तकनीकों जैसे योग, ध्यान, अनुलोम-विलोम योग का अभ्यास करें।
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वजन कम करने का तरीका
आज के भागती दौड़ती जिंदगी में खुद का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी हो जाता है। अगर आपका आज अच्छा है, तो कल को सही तरीके से बेहतर कर पाएंगे। आज के समय में शरीर को बीमारियों का घर कहा जा सकता है, तो ऐसे में सतर्क रहकर कार्य करें।
कई बीमारियों की वजह बढ़ता वजन  है। डॉक्टर के मुताबिक वजन कम कर लेने से भी कुछ हद तक समस्याओं से बचा जा सकता है। वजन कम करना आसान (wazan kam karne ka tarika) तो नहीं पर कोशिश जरूर की जा सकती है।
वजन कम करना क्यों है जरूरी
ऐसा माना जाता है कि बढ़ता हुआ वजन कई बीमारियों को बुलावा देता है। जिसमें मोटापा, शुगर ,हार्ट प्रॉब्लम मुख्य है। अगर आप के वजन पर कंट्रोल नहीं रखा गया तो कहीं ना कहीं यह सारी बीमारियां अपने विकराल रूप में आ जाती हैं। वजन कम करने से हमारी दैनिक, शारीरिक गतिविधि सही तरीके से सही दिशा में अग्रसर होती है। वजन नियंत्रित रखने से मेटाबॉलिज्म रेट सही रहता है इसलिए वजन पर पूरा ध्यान दें।
अगर आप अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं, तो हम आपको वजन कम करने के कारगर उपाय बताने जा रहे हैं आप जरूर उन्हें अपनी दिनचर्या में शामिल कर लाभ लें।
कैसे करें वजन कम घरेलू तरीके से
अगर आप बढ़ते वजन से बहुत ज्यादा परेशान हैं, तो घरेलू रूप से उपाय किए जा सकते हैं। wazan kam karne ka tarika in hindi
1) नींबू और शहद
वजन कम करने (wazan kam karne) में इन दो सामग्री का मुख्य योगदान माना गया है। अगर आप सुबह खाली पेट गर्म नींबू पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर रोज पिएं इससे आपको जल्द ही फर्क महसूस होगा।
2) सेब का सिरका
फलों में सेब फायदेमंद है लेकिन अगर आप सेब के सिरके में थोड़ा सा शहद मिला कर पिए तो वजन घटाने में मदद मिल सकती है। सेब में पेपरिन फाइबर वजन घटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
3) पत्ता गोभी
पत्तागोभी को ज्यादा से ज्यादा सब्जियों और सलाद के रूप में उपयोग किया जाता है ऐसा इसलिए क्योंकि पत्ता गोभी में उपस्थित टेरिटरिक एसिड कार्बोहाइड्रेट को वसा में परिवर्तित होने से रोक देता है। ऐसे में पत्ता गोभी को बहुत ज्यादा फ्राई नहीं करें तो बेहतर होगा।
4) अजवाइन पाउडर
अगर आप अजवाइन पाउडर को गर्म पानी में डालकर पिए तो इससे फायदा होगा। साथ में अगर शहद मिला लिया जाए तो और भी अच्छा होगा।
5) इलायची
अगर आप वजन कम करना चाहे तो रोजाना इलायची का सेवन करें। अगर रात में सोने से पहले इसे लिया जाए तो और भी फायदेमंद होगा। इलायची जमे हुए फैट को कम करती है और पाचन में सहायता करती है।
6) त्रिफला चूर्ण
इसमें त्रिफला चूर्ण आपके लिए फायदेमंद है। अगर आप  त्रिफला चूर्ण को रात में ही भीगा कर रख दे और सुबह तब तक उबालें जब तक वह आधा ना हो जाए। साथ ही इसमें एक चम्मच शहद भी मिलाएं। नियमित रूप से सेवन करने से वजन कम किया जा सकते हैं।
7) पुदीना
यह हमारी पाचन संबंधी समस्या को खत्म करती है। यदि पुदीना के रस  को पानी में घोलकर पिया जाए तो निश्चित रूप से ही आपको सफलता होगी।
8) आंवला
आंवला में विटामिन सी पाया जाता है और यह एंटी ऑक्सीडेंट भी है। यह मेटाबॉलिज्म को सही कर वजन कम करने में भी सहायक है। ऐसे में अगर आप रोजाना आंवले का सेवन करें तो आपके लिए फायदेमंद है।
9) हल्दी
हल्दी में बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को मजबूती प्रदान करते हैं। यह पोषक तत्व आयरन, ओमेगा 3 फैटी एसिड, फाइबर होते हैं, जो शरीर से चर्बी को भी कम करते हैं।
10) सौफ
अगर आप सौफ हो बारीक पीस लें और उसे गुनगुने पानी के साथ पिए तो इससे बहुत ही ज्यादा फायदा होगा इसका उपयोग जरूर करें।
11) ग्रीन टी
अगर सोने से पहले ग्रीन टी पिया जाए तो इससे मेटाबॉलिज्म सही रहता है और वजन नियंत्रित रहता है लेकिन इसे बहुत ज्यादा सेवन करने से बचें।
वजन घटाने के बेहतरीन घरेलु नुस्खे
वजन कम करने के लिए खानपान का रखें ख्याल
अगर आप वजन कम करना (wazan kam karne) चाहते हैं, तो अपने खान-पान को व्यवस्थित रखें। कई सारे ऐसे आहार हैं, जो वजन बढ़ाने में सहायक हैं उन्हें पूरी तरह से त्याग दें।
1)  वजन कम करने के लिए यदि आप जौ, बाजरा ,रागी ,मसूर,  आंवला, अंकुरित अनाज, उबली हुई सब्जियों का उपयोग करें तो फायदेमंद होता है।
2) इसके अलावा ककड़ी, गाजर, सेब, चुकंदर आवश्यक रूप से ले।
3) हमेशा मौसमी फलों का सेवन करें इसमें आपको ऊर्जा मिलेगी।
4) हमेशा दूध का सेवन करें दूध में कैल्शियम हैं, जो वजन को कम करने में सहायक है।
5) जब भी रात्रि का भोजन करें तो वह हल्का ही करें। हल्का भोजन जल्दी पचता है और इससे पाचन शक्ति भी मजबूत होती है।
6) रात में भोजन के बाद तुरंत नहीं सोना चाहिए। कम से कम 2 घंटे का अंतराल जरूर रखें।
7) भोजन कभी भी जल्दबाजी में ना करें अच्छे से चबा चबा कर ही भोजन करें।
अपने जीवन शैली में करें बदलाव
अगर आप वजन कम करना (wazan kam karne) चाहते हैं, तो निरंतर रूप से खानपान के अलावा अपनी जीवनशैली में भी बड़ा बदलाव करें।
1) सुबह उठे, आलस त्यागे और सैर पर जाएं।
2) अगर आप सुबह सुबह योग का अभ्यास करें इससे निश्चित रूप से ही आपको फायदा होगा।
3) वजन घटाने के लिए वसा युक्त पदार्थों से दूरी बना ले।
4) ज्यादा से ज्यादा भोजन में हरी सब्जियां, दही, दाल का उपयोग करें।
5) गुनगुने पानी का सेवन करें।
6) अगर आप सप्ताह में 1 दिन उपवास करें तो इससे भी फायदा होगा।
7) आपके लिए अंकुरित अनाज का सेवन करना फायदेमंद होगा।
8) नींद हमेशा 6 से 8 घंटे की ही लें।
7 दिन में पेट की चर्बी कम करने के तरीके
खाना खाना ना छोड़े
कई बार लोग गलतियां कर बैठते हैं वह यह कि वजन कम करने के चक्कर में खाना खाना ही छोड़ देते हैं। शरीर को ऊर्जा की आवश्यकता होती है ऐसे में आप खाना छोड़ कर खुद को मुसीबत में डाल रहे हैं। आप खाना जरूर खाएं। आपको यह याद रखना है कि आप को संपूर्ण पोषक तत्वों से युक्त भोजन ही करना है। भले ही आप थोड़ा कम खाएं पर खाना छोड़ देना सही नहीं है।
अगर आप खाना छोड़ते हैं, तो शरीर में कमजोरी आ जाएगी। यह भी ध्यान रखने योग्य है खाना भरपेट न खाए बल्कि पेट से थोड़ा कम ही खाएं तब बेहतर फायदा देखा जा सकेगा।
वजन कम करने के लिए बनाए बेहतरीन जूस
अगर आप वजन कम करना चाह रहे हैं लेकिन अपने खानपान में नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं तो ऐसे में आप इस जूस से भी अपना वजन कम कर सकते हैं। इसे बनाना बेहद ही आसान है और सारी सामग्री घर में ही मिल जाती है।
जूस बनाने के लिए आवश्यक सामग्री
खीरा — एक, धनिया पत्ती — आधी कटोरी, नींबू का रस — एक चम्मच, एलोवेरा रस — 1 बड़ा चम्मच ,अदरक — कीसा हुआ, पानी — एक गिलास
आप सारी सामग्री को मिक्सी में पीस लें और उसे छानकर पी लें। इस बात का ध्यान रहे कि इसमें नमक ना मिला हो।
लौकी का जूस
इसी प्रकार लौकी के रस से भी आप अपना वजन कम कर सकते हैं। आयुर्वेदिक में भी लौकी के जूस को फायदेमंद बताया गया है।
सबसे पहले आप लोकी को छीलकर किस लें। एक गिलास पानी के साथ उसे मिक्सी में पीस लें।  अब उसे छान ले। आप चाहे तो उसमें सेंधा नमक डाला जा सकता है। इस जूस को रोजाना पीने से बहुत ही जल्द फायदा होता है इसे आप जरूर आजमाएं।
वजन कम करने के लिए महत्वपूर्ण डाइट
जब भी वजन कम करने की सोचते हैं, तो एक डाइट चार्ट का होना जरूरी है जो आपकी मदद कर सके।
1) सुबह का ड्रिंक — अगर आप सुबह-सुबह गुनगुना पानी पिए तो निश्चित रूप से फायदेमंद होगा।
2) नाश्ता — नाश्ता वजन कम करने के लिए कम कैलोरी का करें। जिसमें ओट्स, दलिया, ब्राउन ब्रेड, आमलेट लिया जा सकता है।
3) स्नैक्स — ऐसा भी होता है कि आपको स्नेक्स लेने का मन करें। ऐसे में आप दो बिस्किट और ग्रीन टी ले सकते हैं। वजन कम करने के लिए से तरबूज, केला, संतरा भी लिया जा सकता है।
4) लंच — दोपहर के खाने में भी कैलोरी का विशेष ध्यान रखना होगा। ऐसे में आप ब्राउन राइस, फिश, दाल ,ब्रोकली, उबली सब्जी, रोटी ले सकते हैं। साथ ही साथ रायता ,सलाद, हरी सब्जी और दाल लेना भी अनिवार्य है। ऐसे में आप व्हाइट ब्रेड ना ले और कम से कम तेल का उपयोग करें।
5) शाम का नाश्ता — कभी-कभी शाम को भी जोरों की भूख लग जाती है तो आप थोड़े ड्राई फ्रूट्स, उबले अंडे, ग्रिल्ड सेंडविच, फल ले सकते हैं।
6) डिनर — एक बात याद रखें कि डिनर  हल्का ही ले। इसके लिए आप चावल, चपाती, चिकन, राजमा ले सकते हैं।
7) सोने से पहले — अगर आप सोने से पहले ऐसा ड्रिंक ले जो वजन कम करने में सहायक हो तो अच्छा होगा।
उम्र के हिसाब से क्या हो सही डाइट चार्ट
वजन कम करने के लिए डाइट चार्ट का पालन करना जरूरी है लेकिन यदि उम्र के हिसाब से नया डाइट चार्ट बनाया जाए तो और भी फायदेमंद होगा।
1) 20 – 30  वर्ष — यह उम्र नाजुक उम्र है जिसमें सभी प्रकार का आहार लेना अनिवार्य है। इसमें कैल्शियम, आयरन, फालेट होना बहुत जरूरी है। अगर आप दूध, दही, पालक, दाल, मूंगफली, बींस को अपने आहार में शामिल करें, तो बहुत ही फायदेमंद होगा।
2) 30 – 40 वर्ष —  इस उम्र में थोड़ी शारीरिक परेशानी आ जाती है और अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो मैग्नीशियम की मात्रा का जरूर समावेश करें। आप बादाम, पालक, काजू, दही और सभी सब्जियों का उपयोग जरूर करें।
3) 40 — 50 वर्ष — बढ़ती उम्र में वजन करने में बहुत मुश्किल हो सकती हैं। ऐसे में आप विटामिन सी, विटामिन ई युक्त आहार के साथ सब फल, ब्रोकली,  टमाटर ,पीनट बटर, सनफ्लावर तेल, हरी सब्जी ,बादाम, गाजर ले तो बहुत ही फायदेमंद होगा।
4) 50 से ज्यादा वर्ष — इस उम्र में हड्डियां कमजोर हो जाती है इसलिए कैल्शियम और विटामिन डी आहार में जरूर शामिल करें। हड्डियों को मजबूत करने के लिए मछली, चिकन, लो फैट मिल्क, दही, चीज़ का भरपूर उपयोग करें। इस उम्र में वजन कम करने के बारे में गंभीरता से सोचते हुए निर्णय ले।
निष्कर्ष
वजन कम करना थोड़ा मुश्किल है लेकिन अगर धैर्य और लगन के साथ इसे किया जाए तो निश्चित रूप से आपको सफलता मिलेगी। वजन कम करने में कुछ समय लग सकता है ऐसे में आप कोशिश करते रहिए।
हमारे बताएं सुझावों को अमल में लाकर आपको फायदा होगा। जीवन में आने वाली हर परेशानियों का सामना दृढ़ता से करें और आगे बढ़े। साथ ही अपने परिवार का पूरा ख्याल रखें।
Source : https://www.ghareluayurvedicupay.com/wazan-kam-karne-ka-tarika/
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kisansatta · 4 years
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लिवर को मजबूत रखने के लिए इस्तेमाल करे तरीके
  लिवर हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो शरीर की सही प्रकार से क्रिया करने के लिए बहुत जरूरी है। अगर लीवर में कभी कोई इंफेक्शन या बीमारी हो जाती है तो उसकी वजह से हमें बहुत सारी शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लीवर के कार्य करने की क्षमता कम होने पर शरीर में कमजोरी आने लगती है। इसलिए लीवर का मजबूत बने रहना बहुत ही जरूरी है। लिवर को मजबूत बनाए रखने के लिए यहां पर कुछ ऐसे ही खास खाद्य पदार्थ बताए जा रहे हैं जिसका सेवन आप नियमित रूप से कर सकते हैं। आइए अब इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरूरी माना जाता है। वहीं, जब बात आती है लिवर को मजबूत बनाने की तो इसमें भी लहसुन का सेवन सक्रिय रूप से कार्य करता है। कई वैज्ञानिक रिपोर्ट में इस बात का दावा किया जा चुका है कि लहसुन का सेवन करने से लिवर को स्वस्थ बनाए रखने में काफी मदद मिलती है। इसके लिए आप रोज सुबह तक के लहसुन का सेवन एक गिलास पानी के साथ भी कर सकते हैं।
खाने में ज्यादा से ज्यादा पत्तेदार और हरी सब्जी का इस्तेमाल लिवर को स्वस्थ रखने में सबसे अधिक फायदेमंद है। ब्रोकली इसमें आपका मददगार है। कई शोधों से पता चला है कि ब्रोकली, वसाजनित रोगों से हमें बचाता है। इसलिए अपने रोजाना के खाने में आप ब्रोकली को उबालकर सलाद के रूप में या सब्जी बनाकर खा सकते हैं। अपनी पसंद के अनुसार आप ब्रोकली के अलग-अलग तरह के व्यंजन बनाकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
गर्मियों में पपीता आपको बड़ी आसानी से मिल जाएगा। इसे आप चाहें तो आमतौर पर जूस के रूप में भी पी सकते हैं। यहां को हाइड्रेट रखने के साथ-साथ आपके शरीर को कई जरूरी पोषक तत्व भी प्रदान करता है। लिवर को मजबूत बनाने के लिए भी पपीता काफी कारगर साबित हो सकता है। लिवर को डिटॉक्सिफाई करने में भी सक्रिय रूप से कार्य करता है। इसलिए आप हफ्ते में पपीते का सेवन कम से कम 2 बार जरूर कर सकते हैं।
बीटरूट यानी चुकंदर सेहत से भरपूर होता है और लिवर को डिटॉक्स करने के लिए यह बेहतरीन है। इसे आप जूस या सूप के रूप में पी सकते हैं। विटमिन सी और ऐंटीऑक्सिडेंट से भरपूर बीटरूट यह बाइल डक्ट को प्रोटेक्ट करता है, यह बाइल जूस को पतला करता है और आसानी से पच जाता है।
स्ट्रॉबेरीज, ब्लूबेरीज, ब्लैकबेरी और रस्पबेरीज लिवर को क्षतिग्रस्त होने से बचाती हैं और लिवर सेल्स के डैमेज को रोकती हैं। बेरीज मेटाबॉलिजम भी बूस्ट करती हैं और फैटी लिवर की समस्या से बचाती है। साथ ही डाइजेस्टिव सिस्टम से टॉक्सिन्स को कुदरती तरीके से बाहर करती हैं।
लिवर की सफाई के लिए डाइट में अदरक की चाय को शामिल करें। इसके अलावा आप सब्जी या पुलाव में भी अदरक डाल सकते हैं। अध्ययन के मुताबिक, 28 दिनों तक लगातार इसे खाने से लिवर को डिटॉक्स करने के साथ ही वज़न भी कम होता है।
लिवर को डिटॉक्स करने और वजन घटाने के जीरा भी मददगार है। गर्मियों में जीरे की ड्रिंक बनाकर पी सकते हैं। इसके अलावा भूना हुआ जीरा खाने से भी लिवर डिटॉक्स हो जाता है।
हरी पत्तेदार सब्जियों में प्रमुख रूप से गिनी जाने वाली पालक का साग के रूप में सबसे ज्यादा सेवन किया जाता है। पालक में विटामिन-सी की मात्रा पाई जाती है। हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती है जो हमारे लिवर को कमजोर होने से बचाने के लिए भी कार्य करता है। इसलिए पालक का जूस का सेवन करने से लिवर को कमजोर होने से बचाए रख सकते हैं।
हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है इसके साथ-साथ हमारे शरीर को कई अन्य लोगों से भी बचाने का कार्य करती है। लिवर को मजबूत बनाए रखने के लिए और उसकी कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से चलाने के लिए भी हल्दी का सेवन सक्रिय रूप से मददगार साबित हो सकता है। अब गोल्डन ड्रिंक के रूप में हल्दी और दूध का एक साथ सेवन कर सकते हैं, जिससे आपका लिवर अच्छी तरह से कार्य करेगा और यह बीमारियों से बचा भी रहेगा।
आंवला एक ऐसा फल है जो कई रूपों में खाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसका अचार, जूस के और मुरब्बे के रूप में सेवन किया जाता है। लिवर को मजबूत बनाने के लिए यह फल काफी लाभदायक माना जाता है। पर प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार लिवर को मजबूत बनाए रखने के लिए आंवला का सेवन भी कर सकते हैं। इसलिए आप चाहें तो ऊपर बताए गए 3 रूपों में से किसी भी एक रूप में आंवले का सेवन कर सकते हैं। यह त्वचा को निखारने के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है।
एंटीऑक्‍सीडेंट और विटामिन सी से भरपूर ग्रेपफ्रूट लिवर की प्राकृतिक रूप से सफाई करता है। एक छोटे ग्लास ग्रेपफ्रूट का सेवन लीवर में कार्सिनोजिन को इकठ्ठा होने से रोकता है और अन्य हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता हैं।
  https://kisansatta.com/use-methods-to-keep-the-liver-strong/ #UseMethodsToKeepTheLiverStrong, #YouCanAlsoAddGingerToVegetableOrCasserole Use methods to keep the liver strong, You can also add ginger to vegetable or casserole Life, Trending #Life, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
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digimakacademy · 5 years
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Spinach helps to lose weight, and there are also many other green vegetables – Weight Loss: पालक वजन कम करने में करता है मदद, और भी कई हरी सब्जियां Weight Loss Tips: सब्जियों और फलों में विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट उच्च मात्रा में होता है जो कई बीमारियों को रोकने में मदद करता है या उनका इलाज करता है। उनकी उच्च फाइबर सामग्री उन्हें सबसे शक्तिशाली वजन घटाने वाले फूड्स में से एक बनाती हैं। यदि आप बेली फैट कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो हरी सब्जियां आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है। इनमें मौजूद फाइबर पेट को लंबे समय तक भरा रखता है जिससे ओवरइटिंग की संभावना कम हो जाती है। इसके अलावा ये सब्जियां बेली फैट को भी कम करने में मदद करते हैं, साथ ही एक्सट्रा फैट भी बर्न करते हैं। पालक के अलावा और भी कई सब्जियां हैं जो वजन कम करता है। आइए जानते हैं उन सब्जियों के बारे में-
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chaitanyabharatnews · 5 years
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अपनी डाइट में शामिल करें ये खास चीजें, सालभर रहेंगे फिट
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चैतन्य भारत न्यूज नए साल की शुरुआत हो चुकी है। इसकी शुरुआत होते ही लोग नए-नए संकल्प लेने लगते हैं। चाहे वो कामकाज को लेकर हो या अपनी फिटनेस को लेकर ही क्यों न हो। आज हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें अपनी डाइट में शामिल करके आप पूरे साल फिट रह सकते हैं। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); हरी सब्जियां  हरी सब्जियों में कैलोरी और फैट कम होता है इसलिए आप अपनी डाइट में पालक, बथुआ सरसों का साग, मेथी, मूली के पत्ते, बंद गोभी जैसा हरी पत्तेदार सब्जिय���ं शामिल करें। यह कोलोस्ट्रोल को कम करने, डाइबीटिज को रोकने और वजन घटाने में भी सहायक होती हैं। अंकुरित अनाज अगर आपको पूरे साल फिट रहना है तो रोज अंकुरित मूंग दाल खाएं। मूंग दाल में प्रोटीन, विटामिन के साथ-साथ मिनरल्स भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। अंकुरित मूंग दाल वजन कम करने में भी सहायक होता है, साथ ही ब्लड प्रेशर सही रखता है और कब्ज की समस्या को दूर करता है। इसके अलावा आप अंकुरित चने भी खा सकते हैं। अंगूर अगर आप अपने आहार में अंगूर शामिल करते हैं तो मोटापे के खतरे को कम किया जा सकता है। साथ ही इसके सेवन से पेट के बैक्टीरिया को भी बेहतर बनाया जा सकता है। केला केले शरीर के लिए बहुत अच्छे होते हैं। केले में भरपूर मात्रा में फाइबर मौजूद होते हैं जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं। हाई बीपी के मरीजों के लिए केला खाना खासतौर पर फायदेमंद होता है। केले में आयरन की मात्रा भी अच्छी होती है। रोजाना एक केला खाने से एनीमिया का खतरा कम हो जाता है। चीकू चीकू पेट पर जमी अतिरिक्त वसा को जलाने में कारगर है। यह आपके पाचन तंत्र को सही बनाए रखता है और इरिटेबेल बाउल सिंड्रोम यानी आईबीएस (Irritable Bowel Syndrome (IBS) से बचाता है। चीकू में ग्लूकोज पाया जाता है जो शरीर को तुरंत एनर्जी देने का काम करता है। अंडा दिन में एक अंडा खाने से आप कई तरह की बीमारियों से दूर रहेंगे। दरअसल अंडे में विटामिन ए, डी, बी और बी12 के अलावा लूटीन जैसे पोषक तत्व होते हैं। अंडा आंखों के लिए काफी फायदेमंद हैं। इसे खाने से आपको प्रोटीन, कैल्‍शियम और ओमेगा 3 फैटी एसिड मिलता है। ब्रोकली ब्रोकली में प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, विटामिन ए, सी और कई दूसरे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। ये शुगर लेवल को संतुलित बनाता है। अमरुद अमरुद विटामिन सी, लाइकोपिन और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है। इसमें केले के बराबर मात्रा में पोटैशियम होता है, जो ब्लड प्रेशर को नॉर्मल रखने में मदद करता है। इसे अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। ये भी पढ़े... ठंड में बीमारियों से बचने के लिए आहार में शामिल करें ये चीजें, बढ़ाएगी रोगों से लड़ने की क्षमता मूली को ना समझें मामूली, इसे खाने से शरीर को होते हैं ये बेहतरीन फायदे सर्दियों में खाएंगे ये चीजें तो रहेंगे सेहतमंद, इनसे करें परहेज Read the full article
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gethealthy18-blog · 5 years
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पाइनएप्पल डाइट प्लान की मदद से करें वजन कम – Pineapple Diet Plan for Weight Loss in Hindi
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पाइनएप्पल डाइट प्लान की मदद से करें वजन कम – Pineapple Diet Plan for Weight Loss in Hindi
व्यायाम की कमी और खाने के प्रति लापरवाही की वजह से इस आधुनिक समय में अधिकतर लोग मोटापे का शिकार हो रहे हैं। समय पर मोटापे को नियंत्रित न किया जाए, तो भविष्य में कई तरह के गंभीर रोगों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में हम क्विक पाइनएप्पल डाइट विकल्प के तौर पर लेकर आए हैं, जो बढ़ते वजन को नियंत्रित करने में कुछ हद तक मददगार साबित हो सकता है। साथ ही यह डाइट शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति का काम भी करेगी। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम पोषक तत्वों से भरपूर डाइट प्लान और इससे होने वाले विभिन्न लाभ के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। बस ध्यान रखें कि डाइट प्लान में शामिल किसी भी चीज से अगर एलर्जी हो तो उसके किसी विकल्प का सेवन करें।
चलिए, जानते हैं पाइनएप्पल डाइट वजन घटाने में क्यों फायदेमंद है।
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वजन घटाने में पाइनएप्‍पल डाइट क्यों फायदेमंद है?
वजन घटाने में पाइनएप्पल डाइट लाभदायक हो सकती है। इसमें मौजूद कौन से तत्व व खासियत की वजह से वजन कम करने में मदद मिल सकती है, यह हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं:
1. भूख को कम करे:
अनानास में फाइबर की मात्रा भरपूर होती है। फाइबर युक्त पदार्थ को चबाने में अधिक समय लगता है, जिससे लार और गैस्ट्रिक जूस बनता है। यह प्रक्रिया फूड इनटेक को नियंत्रित करती है और पेट भरे होने का एहसास कराती है। इस प्रकार फाइबर, अतिरिक्त भोजन की वजह से शरीर के बढ़ते वजन को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है (1)।
2. पौष्टिक और कैलोरी में कम:
पाइनएप्पल कई सारे पोषक तत्वों से भरपूर होने के साथ ही कैलोरी में काफी कम होता है। इस वजह से माना जाता है कि यह शरीर के वजन को बढ़ने नहीं देता है (2)। कम कैलोरी युक्त डाइट वजन को तेजी से कम करने में मदद कर सकती है (3)।
3. लेप्टिन (Leptin) :
लेप्टिन एक तरह का हार्मोन है, जो ब्रेन सिगलन के माध्यम से शरीर के वजन को नियंत्रित करने का काम करता है। वहीं, अधिक वजन वाले व्यक्तियों में लेप्टिन हार्मोन ज्यादा होता है और इस स्थिति में यह वजन नियंत्रण का अपना काम नहीं कर पाता (3) (4)। यहां पाइनएप्पल के लाभ देखे जा सकते हैं, क्योंकि यह लेप्टिन हार्मोन को कम करने में मदद कर सकता है (5)।
4. वसा संश्लेषण (Synthesis) को कम और लिपोलिसिस को बढ़ाना:
पाइनएप्पल जूस वसा फैट सिंथेसिस (फैट के जमाव) को कम करके भी वजन नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। इसके साथ ही यह लिपोलिसिस (फैट और लिपिड ब्रेकडाउन) को बढ़ाता है, जिससे मोटापा कम हो सकता है (6)।
5. ब्रोमेलिन:
ब्रोमेलिन नामक तत्व की मौजूदगी की वजह से पाइनएप्पल को वजन नियंत्रित करने के लिए एक कार���र फल माना जा सकता है। यह तत्व वजन कम करने के साथ ही एंटीइंफ्लामेटरी एजेंट की तरह भी शरीर में काम करता है (5)।
6. सक्रिय और ऊर्जावान:
अनानास दिनभर ऊर्जात्मक और सक्रिय रखकर भी वजन कम करने में मदद कर सकता है। दरअसल, इसमें विटिमिन-बी1 होता है (7)। एनसीबीआई में मौजूद एक शोध की मानें तो यह विटामिन व्यक्ति को ऊर्जात्मक रखने में मदद करता है (8)।
7. पाचन
पाचन को भी बेहतर करने में अनानास मदद करता है। दरअसल, इसमें मौजूद ब्रोमेलिन तत्व पाचन एंजाइम की तरह काम करके आंत संबंधी विकार, अग्नाशय को निकालने वाली सर्जरी (Pancreatectomy) और ईपीआई (Exocrine pancreatic insufficiency) यानी भोजन पचाने वाले एंजाइम को बनाने की असमर्थता को ठीक करने में मदद करता है (7) (9)। ऐसे में माना जाता है कि पाइनएप्पल पाचन को बेहतर करके वजन को कम करने में मदद कर सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद एक शोध में कहा गया है कि कई मामलों में पेट और आंत संबंधी समस्याओं (गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल) की वजह से मोटापा हो सकता है (10)। हालांकि, अन्य स्टडी में यह भी कहा गया है कि पेट संबंधी समस्या की वजह से होने वाले मोटापे के संबंध में अधिक रिसर्च की आवश्यकता है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि यह किस तरह वजन को बढ़ाने का काम करता है (11)।
आगे हम पाइनएप्पल डाइट का नमूना प्लान बता रहे हैं।
पाइनएप्पल डाइट में पांच दिनों का नमूना प्लान – Sample 5 Days Diet Plan In Hindi
पहला दिन:
खाने का समय क्या खाएं सुबह सोकर उठते ही (7:45 a.m) थोड़ी मात्रा में शहद, नींबू और एप्पल साइडर विनेगर के साथ एक कप गर्म पानी नाश्ता  (8:30 a.m) एक कप पाइनएप्पल + एक कप ओटमील लंच (12:00 – 12:30 p.m) 1 से 2 ग्रील्ड टूना मछली की सामान्य स्लाइस या आधा कप पनीर या सोया चाप  + एक कप पाइनएप्पल दोपहर के खाने के बाद (4:00 p.m) 1 कप ताजा पाइनएप्पल जूस रात का खाना (7:00 p.m) टमाटर+शतावरी+पाइनएप्पल सलाद (एक बाउल) के साथ एक बेक्ड चिकन ब्रेस्ट या एक छोटा कप ग्रिल मशरूम।
कैसे लाभदायक है :
शहद, नींबू और एप्पल साइडर विनेगर डिटॉक्स ड्रिंक की तरह काम करते हैं (12)। वहीं, नींबू और  शहद से जुड़े एक शोध (शॉर्ट टर्म लेमन-हनी जूस फास्टिंग) में इनके वजन नियंत्रण लाभ के बारे में पता चलता है (13)। इसके बाद नाश्ते में पाइनएप्पल और ओट्स का सेवन भी वजन को घटाने में मदद कर सकते हैं। जैसा कि हम ऊपर बता ही चुके हैं कि पाइनएप्पल में मौजूद लो कैलोरी और ब्रोमेलिन तत्व वजन को कम कर सकते हैं और इसके साथ ओटमिल का सेवन करने से यह और लाभकारी नाश्ता बन जाता है। दरअसल, ओटमिल फाइबर से भरपूर होता है, जो पेट को दिनभर भरा-भरा सा महसूस कराता है (14)। ऐसे में ओवर इटिंग से भी बचा जा सकता है। इसके बाद दोपहर में ली जाने वाली टूना मछली या पनीर में आवश्यक प्रोटीन होता है, जो वजन कम करने में मदद कर सकता है (15) (16) (17)। वहीं, चीन की एक शोध संस्था के अनुसार,  मशरूम में फाइबर के साथ-साथ एंटीओवेसिटि गुण भी होते हैं, जो बढ़ते वजन को कम करने में फायदेमंद हो सकता है (18)।
कैसा महसूस होगा:
पहला दिन कठिन हो सकता है, खासकर अगर किसी को दिनभर ठोस अनाज खाने की आदत हो तो। वैसे यह डाइट चार्ट में स्वस्थ प्रोटीन और फाइबर शामिल हैं, इसलिए बार-बार भूख नहीं लगेगी।
 दूसरा दिन:
खाने का समय क्या खाएं सुबह सोकर उठते ही  (7:45 a.m) एक कप मेथी दाने का पानी (रातभर भिगोकर रखे हुए) नाश्ता  (8:30 a.m) एक अखरोट और भिगाए हुए दो बादाम  + एक कप पाइनएप्पल + 2 अंडा या दो बेसन के ऑमलेट लंच (12:00 – 12:30 p.m)  आधा कप पाइनएप्पल और एक छोटा बाउल लेमन चिकन सलाद या टोफू सलाद दोपहर के खाने के बाद (4:00 p.m) नींबू और पुदीना मिलाकर बना हुआ ताजा पाइनएप्पल और तरबूज का एक कप जूस रात का खाना (7:00 p.m) एक बाउल सॉटेड (Sauteed) मिक्स सब्जियां + 1 कप पाइनएप्पल + एक स्लाइस ग्रिल्ड सैल्मन मछली या आधा कप ग्रिलड मशरूम
कैसे लाभदायक है:
मेथी का पाउडर या पानी मोटापे से लड़ने में मदद करता है, यह भूख को कम करने में सहायक हो सकता है  (19)। मेथी की जगह सौंफ का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। सौंफ भूख को बढ़ने से रोकती है, जिससे वजन नियंत्रित किया जा सकता है (20)। इसके बाद पाइनएप्पल के जूस से पहले बादाम या अखरोट का सेवन भी वजन को नियंत्रित करने में सहायक माने जाते हैं। इनमें मौजूद प्रोटीन और फाइबर की वजह से बार-बार भूख लगने का एहसास नहीं होता है (21)। इसके बाद प्रोटीन के लिए दिन में पाइनएप्पल के साथ लेमन चिकन सलाद या फिर टोफू का सेवन करने से भी स्वस्थ वजन नियंत्रित रखने में सहायता मिल सकती है (22) (23) (24)। इसके अलावा, सब्जियां भी वजन कम करने में मदद कर सकती हैं (25)।
कैसा महसूस होगा:
दूसरे दिन के अंत तक, शरीर हल्का लगेगा और अच्छा महसूस होगा। दिनभर ऊर्जात्मक भी महसूस करेंगे।
तीसरा दिन 
खाने का समय क्या खाएं सुबह सोकर उठते ही (7:45 a.m) एक कप ग्रीन टी नींबू के साथ नाश्ता  (8:30 a.m) 1 कप पाइनएप्पल जूस + 1 मशरूम ऑमलेट लंच (12:00 – 12:30 p.m) 1 टूना मछली रैप+ एक कप पाइनएप्पल
या
आधा बाउल अंकुरित सलाद + 1 कप पाइनएप्पल
दोपहर के खाने के बाद (4:00 p.m)  चुटकी भर काली मिर्च और नींबू की कुछ बूंदों के साथ आधा कप पाइनएप्पल सलाद रात का खाना (7:00 p.m)  एक कप चिकन या मशरूम सूप + एक बाउल कम तेल में हल्की भूनी हुई सब्जियां + एक कप पाइनएप्पल जूस
कैसे लाभदायक है:
ग्रीन टी का सेवन शरीर से विषाक्तता को दूर करने में मदद करता है (26)। इसके अलावा, इसमें मिलाए जाने वाले नींबू में मौजूद विटामिन-सी इम्यूनिटी को बढ़ाने और वजन को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है (27)। इसके अलावा, मशरूम में मौजूद एंटीओबेसिटी गुण की वजह से इससे बना ऑमलेट खाने से भी वजन को कंट्रोल करने में सहायता मिल स��ती है (18)। वहीं, स्प्राउट्स में भरपूर प्रोटीन होता है और काली मिर्च में मौजूद पिपरीन (Piperine) भी वजन को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है (28)।
कैसा महसूस होगा:
तीसरे दिन के अंत तक पाइनएप्पल डाइट की आदत पड़ जाएगी। इससे शरीर में मौजूद पानी का वजन कम हो सकता है और व्यक्ति स्लिम महसूस करेगा। अगर किसी तरह की कमजोरी महसूस हो तो पाइनएप्पल डाइट को यहीं रोककर नियमित आहार का सेवन कर सकते हैं।
चौथा दिन 
खाने का समय क्या खाएं सुबह सोकर उठते ही (7:45 a.m) थोड़ी मात्रा में शहद और नींबू के साथ एक कप गर्म पानी नाश्ता  (8:30 a.m) एक कप पाइनएप्पल जूस + एक कप क्विनोआ (एक तरह का अनाज) या ओट्स लंच (12:00 – 12:30 p.m) चुटकी भर दालचीनी पाउडर और क्रीम मिक्स पाइनएप्पल + स्ट्रॉबेरी + कीवी  सलाद (1 बाउल) शाम का नाश्ता (4:00 p.m) एक कप छाछ (बटर मिल्क) रात का खाना (7:00 p.m)  आधा बाउल टूना सलाद या पनीर + एक कप पाइनएप्पल
कैसे लाभदायक है:
जैसा कि हम ऊपर बता ही चुके हैं कि नींबू और शहद का पानी शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है। वहीं, फाइबर से भरपूर ओट्स का सेवन करने के बाद पेट भरा-भरा सा लगता है और संतुष्टि का एहसास होता है। साथ ही बार-बार कुछ-न-कुछ खाने की इच्छा में भी कमी आती है। स्ट्रॉबेरी भी अन्य खाद्य पदार्थों की तरह ही वजन को कम करने में मदद कर सकती है (29)। इसके अलावा, दालचीनी पाउडर में भी मोटापे को नियंत्रित करने में सहायता मिल सकती है (30)।
कैसा महसूस होगा:
दिन में केवल तीन बार अनानास और अन्य जरूरी पोषक तत्व लेने से पाचन तंत्र सही रहेगा। दिनभर भरा-भरा महसूस करेंगे, जिससे जंक फूड्स खाने की इच्छा नहीं होगी। साथ ही आप हल्का महसूस करने लगेंगे।
पांचवें दिन 
खाने का समय क्या खाएं सुबह सोकर उठते ही (7:45 a.m) दालचीनी और अदरक की बनी चाय नाश्ता (8:30 a.m) 2 बादाम + 1 बॉयल अंडा या आधा कप सोया चाप + 1 कप पाइनएप्पल जूस + 1 मल्टी ग्रेन ब्रेड लंच (12:00 – 12:30 p.m)  1 या 2 स्लाइस ग्रील्ड मैकेरेल मछली या एक बाउल मशरूम और शतावरी+ 1 कप पाइनएप्पल दोपहर के खाने के बाद (4:00 p.m) आधा कप दही रात का खाना (7:00 p.m) एक रोस्टेड चिकन ब्रेस्ट या आधा बाउल पनीर पालक और टमाटर सलाद + 1 कप कटा हुआ पाइनएप्पल
कैसे लाभदायक है:
ऊपर हम बता ही चुके हैं कि दालचीनी में वजन को नियंत्रित करने के गुण होते हैं। इसके साथ ही अदरक भी मोटापे को कम करने व पाचन क्रिया को बेहतर करने के लिए जाना जाता है। अदरक में मौजूद 6-जिंजरॉल केमिकल कंपाउंड की वजह से यह एंटीओबेसिटी प्रभाव प्रदर्शित करता है (31)। अंडा व बेसन में प्रोटीन की मात्रा काफी होती है, जो स्वस्थ वजन को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं (22) (32) (33)। शतावरी में मौजूद लो-कैलोरी से भी वजन को नियंत्रित रखने में सहायता मिल सकती है (34) (35)।
कैसा महसूस होगा:
पांचवें दिन के अंत तक स्लिम के साथ ही शरीर में सकारात्मक बदलाव महसूस करेंगी। यह बदलाव पाइनएप्पल डाइट अपनाने वाले सभी लोगों को काफी अच्छा लगेगा।
नोट: यह एक तरह का नमूना डाइट चार्ट है। इसमें बताए गए खाद्य पदार्थों की मात्रा शरीर की जरूरत के अनुसार कम-ज्यादा हो सकती है। किसी को अगर डाइट चार्ट में मौजूद किसी भी खाद्य पदार्थ से एलर्जी हो, तो उसका सेवन करने से बचें। साथ ही पाइनएप्पल डाइट से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए डाइटिशियन से जरूर संपर्क करें।
पाइनएप्पल डाइट चार्ट के बाद आगे जानिए कुछ जरूरी व्यायाम।
पाइनएप्पल डाइट से वजन घटाने के लिए कुछ व्यायाम – Exercises for Pineapple Diet in Hindi
वजन कम करने के लिए स्वस्थ भोजन के साथ ही शारीरिक रूप से सक्रिय रहना भी जरूरी है। मतलब साफ है कि स्वस्थ आहार के साथ ही व्यायाम किया जाए तभी वजन कम करने में पाइनएप्पल डाइट मदद कर सकती है। पाइनएप्पल डाइट के साथ ही इन व्यायामों को दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। अगर व्यायाम करने के तुरंत बाद भूख और थकावट महसूस होती है, तो आप अनानास का रस भी पी सकते हैं।
1. टहलना:
पाइनएप्पल डाइट प्लान के फायदे के लिए वजन घटाने की एक्सरसाइज करना भी जरूरी है। इममें सबसे आसान व्यायाम है टहलना। विशेषज्ञों की मानें तो वजन घटाने के लिए टहलना अच्छा विकल्प हो सकता है। घर के आस-पास व छत पर करीब 30 मिनट तक तेज कदमों से टहल सकते हैं। टहलने से कैलोरी घटने के साथ ही वजन भी नियंत्रित रहता है (36)। जानकारों के मुताबिक, मध्यम गति से चलने से 324 कैलोरी और तेज गति से चलने पर 371 कैलोरी बर्न होती है (37)।
2. साइकलिंग:
पाइनएप्पल डाइट प्लान के साथ वजन घटाने के लिए साइकलिंग करने से और बेहतर परिणाम नजर आ सकते हैं। यह एक तरह का मध्यम व्यायाम माना जाता है। करीब 30 मिनट तक साइकिल चलाने से 145 कैलोरी तक घटाई जा सकती है (38)।
3. डांसिंग:
डांसिंग को भी पाइनएप्पल डाइट प्लान के साथ दिनचर्या में शामिल किया जा सकता है। करीब आधे घंटे तक डांस करने से 165 और एक घंटे तक डांस करने से 330 कैलोरी को कम किया जा सकता है (38)।
4. रस्सी कूदना:
पाइनएप्पल डाइट प्लान के फायदे के लिए व्यायाम के तौर पर रस्सी कूद भी कर सकते हैं। इस व्यायाम को 30 मिनट किया जा सकता है (39)। रस्सी कूदना एक तीव्र आवेग (Vigorus) व्यायाम होता, जो एरोबिक्स में शामिल होता है। एक घंटे तक रस्सी कूदने से करीब 480 कैलोरी को घटाया जा सकता है  (38)।
5. जंपिंग जैक्स:
वजन कम करने में अनानास के फायदे जल्दी देखना चाहते हैं त��� जंपिंग जैक्स व्यायाम को भी शामिल कर सकते हैं। 10 मिनट तक जम्पिंग जैक्स करना वजन घटाने में सहायक माना जाता है (40)। जंपिंग जैक्स करना बेहद आसान है। बस सावधान मुद्रा में खड़े होकर शरीर को जमीन से थोड़ा उछालना है। कूदते समय दोनों हाथ और पैरों को फैलाएं।
 पाइनएप्पल डाइट प्लान के फायदे के साथ ही कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जिसके बारे में हम नीचे बता रहे हैं।
पाइनएप्पल डाइट प्लान के नुकसान – Pineapple Diet Plan Side Effect In Hindi
पाइनएप्पल डाइट प्लान के नुकसान निम्नलिखित रूप में सामने आ सकते हैं –
अनानास का अधिक सेवन करने से पाचन तंत्र में फाइबर बॉल यानी बेजोर्स का निर्माण हो जाता है। बेजोर (Bezoar) एक ��रह की न पची हुई ठोस सामग्री होती है, जो पाचन तंत्र में जमा होकर ब्लॉकेज का कारण बन सकती है(7)।
वैज्ञानिकों ने पाया है कि कृत्रिम रूप से पकने वाले अनानास के नियमित सेवन से कमजोरी, चक्कर आना, स्किन अल्सर और दिल से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं(41)।
विषाक्त रसायन का प्रयोग करके अनानास की खेती की गई है तो इसकी वजह से कई बीमारियां हो सकती हैं। वैज्ञानिकों की मानें तो जहरीले रसायन का इस्तेमाल करके उत्पादित किए गये फलों के नियमित सेवन से लीवर और किडनी की समस्या का खतरा बढ़ सकता है(41)।
गर्भावस्था में हानिकारक हो सकता है। दरअसल, इससे समय पूर्व प्रसव का खतरा बढ़ सकता है। इसी वजह से प्रेगनेंसी के समय अनानास के सेवन से बचने की सलाह दी जाती है(42)।
पाइनएप्पल में पोलन यानी पराग होता है, जिससे ओरल एलर्जी हो सकती है(43)।
पाइनएप्पल डाइट प्लान की वजह से कमजोरी का एहसास भी हो सकता है।
कच्चा पाइनएप्पल खाने के नुकसान (7):
ठीक तरीके से न पके हुए पाइनएप्पल का सेवन जहरीला हो सकता है।
गले में खुजली हो सकती है।
साथ ही दस्त भी हो सकता है। 
पाइनएप्पल डाइट प्लान वजन कम करने में और बढ़ते वजन को नियंत्रित करने में लाभदायक साबित हो सकता है, लेकिन तभी जब इसके साथ शारीरिक गतिविधि पर भी ध्यान दिया जाए। पाठक यहां बताए गये डाइट प्लान के साथ सुझाए गए व्यायाम में से किसी को भी चुन सकते हैं। रोजाना हल्का व्यायाम और पाइनएप्पल डाइट स्वस्थ वजन बनाए रखने और बढ़ते वजन को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। बस आपको जंक फूड्स से बचना होगा, वरना यह डाइट प्लान का असर उतना प्रभावशाली नहीं होगा। यह लेख आपको कैसा लगा हमें जरूर बताएं। साथ ही पाइनएप्पल डाइट प्लान के फायदे से जुड़े इस लेख को पढ़ने के बाद भी अगर कोई सवाल आपको जहन में हों, तो उन्हें कमेंट बॉक्स के माध्यम से हमतक पहुंचा सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या अनानास पेट की चर्बी को बर्न करता है?
हां, जैसा कि हम ऊपर बता ही चुके हैं कि पाइनएप्पल में एंटीओबेसिटी प्रभाव होते हैं, जो मोटापे को कम करने में मदद कर सकते हैं। ऐसे में पाइनएप्पल, पेट की चर्बी को भी कम करने में सहायक हो सकता है।
अगर मैं रोज अनानास खाऊं तो क्या होगा?
जी हां, संतुलित मात्रा में पाइनएप्पल रोजाना खाया जा सकता है। यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है। एक शोध के मुताबिक इसका सेवन 9 हफ्तों तक लगातार करने से संक्रमण से बचाव और इसकी अवधि को कम किया जा सकता है (44)। अगर किसी को पाइनएप्पल से एलर्जी हो तो वो इसका सेवन न करे। इसके अलावा, पाइनएप्पल को अत्यधिक खाने से भी बचना चाहिए।
अनानास एक कीटो है?
नहीं, पाइनएप्पल कीटो नहीं है। कीटो डाइट में कम कार्बोहाइड्रेट और कम शुगर युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह दी जाती है (45) (46)। पाइनएप्पल में दोनों की मात्रा अधिक होती है, इसलिए इसे कीटो नहीं माना जाता है (47)।
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विनिता पंगेनी ने एनएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय से मास कम्यूनिकेशन में बीए ऑनर्स और एमए किया है। टेलीविजन और डिजिटल मीडिया में काम करते हुए इन्हें करीब चार साल हो गए हैं। इन्हें उत्तराखंड के कई पॉलिटिकल लीडर और लोकल कलाकारों के इंटरव्यू लेना और लेखन का अनुभव है। विशेष कर इन्हें आम लोगों से जुड़ी रिपोर्ट्स करना और उस पर लेख लिखना पसंद है। इसके अलावा, इन्हें बाइक चलाना, नई जगह घूमना और नए लोगों से मिलकर उनके जीवन के अनुभव जानना अच्छा लगता है।
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