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#विदेशी नागरिक
best24news · 2 years
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Haryana crime: पुलिसकर्मी बनकर विदेशी नागरिक को लूटा
Haryana crime: पुलिसकर्मी बनकर विदेशी नागरिक को लूटा
हरियाणा: ठगी के आजकल नए नए हथकंडे अपनाए जा रहे है। गुरूग्राम में एक नाईजिरियन को पुलिसकर्मी बता बीजा दिखाने का कहा तथा उसके बैग से 13 हजार डालर लेकर फरार हो गए। जब इसका अली मोहम्मद इमान ने विरोध किया तो दोनों ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। PM Kisan Yojana: इस डाक्यूमेंट्स के बिना नही मिलेगा पैसा, जानिए कैसे करे Update सीसीटीवी फुटेज खंगालने में जुटी पुलिस बताया जा रहा है नाईजिरीयन मेहम्मद इमान…
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deepgardenvoid · 3 months
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दिमाग़ को हिला देने वाला सच, पढ़ कर आप भी आश्चर्य चकित रह जायेंगे ? (Data might vary)
_जरा सोचिए  डाकू कौन ???_____________________________________
भारत में कुल 4120 MLA और 462 MLC हैं अर्थात कुल 4,582 विधायक।
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प्रति विधायक वेतन भत्ता मिला कर प्रति माह 2 लाख का खर्च होता है। अर्थात
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91 करोड़ 64 लाख रुपया प्रति माह। इस हिसाब से प्रति वर्ष लगभ 1100 करोड़ रूपये।
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भारत में लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर कुल 776 सांसद हैं।
इन सांसदों को वेतन भत्ता मिला कर प्रति माह 5 लाख दिया जाता है।
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अर्थात कुल सांसदों का वेतन प्रति माह 38 करोड़ 80 लाख है। और हर वर्ष इन सांसदों को 465 करोड़ 60 लाख रुपया वेतन भत्ता में दिया जाता है।
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अर्थात भारत के विधायकों और सांसदों के पीछे भारत का प्रति वर्ष 15 अरब 65 करोड़ 60 लाख रूपये खर्च होता है।
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ये तो सिर्फ इनके मूल वेतन भत्ते की बात हुई। इनके आवास, रहने, खाने, यात्रा भत्ता, इलाज, विदेशी सैर सपाटा आदि का का खर्च भी लगभग इतना ही है।
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अर्थात लगभग 30 अरब रूपये खर्च होता है इन विधायकों और सांसदों पर।
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अब गौर कीजिए इनके सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों के वेतन पर।
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एक विधायक को दो बॉडीगार्ड और एक सेक्शन हाउस गार्ड यानी कम से कम 5 पुलिसकर्मी और यानी कुल 7 पुलिसकर्मी की सुरक्षा मिलती है।
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7 पुलिस का वेतन लगभग (25,000 रूपये प्रति माह की दर से) 1 लाख 75 हजार रूपये होता है।
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इस हिसाब से 4582 विधायकों की सुरक्षा का सालाना खर्च 9 अरब 62 करोड़ 22 लाख प्रति वर्ष है।
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इसी प्रकार सांसदों के सुरक्षा पर प्रति वर्ष 164 करोड़ रूपये खर्च होते हैं।
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Z श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त नेता, मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए लगभग 16000 जवान अलग से तैनात हैं।
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जिन पर सालाना कुल खर्च लगभग 776 करोड़ रुपया बैठता है।
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इस प्रकार सत्ताधीन नेताओं की सुरक्षा पर हर वर्ष लगभग 20 अरब रूपये खर्च होते हैं।
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*अर्थात हर वर्ष नेताओं पर कम से कम 50 अरब रूपये खर्च होते हैं।*
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इन खर्चों में राज्यपाल, भूतपूर्व नेताओं के पेंशन, पार्टी के नेता, पार्टी अध्यक्ष , उनकी सुरक्षा आदि का खर्च शामिल नहीं है।
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यदि उसे भी जोड़ा जाए तो कुल खर्च लगभग 100 अरब रुपया हो जायेगा।
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अब सोचिये हम प्रति वर्ष नेताओं पर 100 अरब रूपये से भी अधिक खर्च करते हैं, बदले में गरीब लोगों को क्या मिलता है ?
*क्या यही है लोकतंत्र ?*
*(यह 100 अरब रुपया हम भारत वासियों से ही टैक्स के रूप में वसूला गया होता है।)*
_एक सर्जिकल स्ट्राइक यहाँ भी बनती है_
◆ भारत में दो कानून अवश्य बनना चाहिए
→पहला - चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध
नेता केवल टेलीविजन ( टी वी) के माध्यम से प्रचार करें
→दूसरा - नेताओं के वेतन भत्तो पर प्रतिबंध
| तब दिखाओ देशभक्ति |
प्रत्येक भारतवासी को जागरूक होना ही पड़ेगा और इस फिजूल खर्ची के खिलाफ बोलना पड़ेगा ?
*इस मेसेज़ को जितना हो सके फेसबुक और व्हाट्सअप ग्रुप में फॉरवर्ड कर अपनी देश भक्ति का परिचय दें।*
सादर निवेदन
माननीय PM and CM जी,
कृपया सारी *योजना बंद कर दीजिये।*
सिर्फ
*सांसद भवन जैसी कैन्टीन हर दस किलोमीटर पर खुलवा दीजिये ।*
सारे झगड़े ख़त्म।
*29 रूपये में भरपेट खाना मिलेगा..*
80% लोगों को घर चलाने का झगड़ा ख़त्म।
*ना सिलेंडर लाना, ना राशन*
और
घर वाली भी खुश ।
*चारों तरफ खुशियाँ ही रहेगी।*
फिर हम कहेंगे सबका साथ सबका विकास ।
*सबसे बड़ा फायदा 1र् किलो गेहूँ नहीं देना पड़ेगा*
और
*PM जी को ये ना कहना पड़ेगा कि मिडिल क्लास के लोग अपने हिसाब से घर चलाएँ ।*
इस पे गौर करें
कृपया कड़ी मेहनत से प्राप्त हुई ये जानकारी देश के हर एक नागरिक तक पहुँचाने की कोशिश करे ।
शान है या छलावा...।
पूरे भारत में एक ही जगह ऐसी है जहाँ खाने की चीजें सबसे सस्ती है ।
चाय = 1.00
सुप = 5.50
दाल= 1.50
खाना =2.00
चपाती =1.00
चिकन= 24.50
डोसा = 4.00
बिरयानी=8.00
मच्छी= 13.00
ये *सब चीज़ें सिर्फ गरीबों के लिए है और ये सब Available है Indian Parliament Canteen में।*
और उन *गरीबों की पगार है 5,00,000 रूपये महीना वो भी बिना income tax के ।*
आपके Mobile में जितने भी नम्बर save है सबको forward करें ताकि सबको पता चले …
कि यही कारण है कि इन्हें लगता है कि जो *आदमी 30 या 32 रूपये रोज़ कमाता है वो ग़रीब नहीं है।*
*Jokes तो हर रोज़ Forward करते हैं, आज इसे भी Forward करें और भारतीय  जनता को जागरूक करें।*
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ashokgehlotofficial · 2 years
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जोधपुर में तीन दिवसीय डिजिफेस्ट जॉब फेयर व प्रदर्शनी के पहले दिन आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। जॉब फेयर में 270 कंपनियां आई हैं तथा पहले दिन ही 500 युवाओं का चयन नौकरी के लिए हो चुका है। 1500 से ज्यादा प्रतिभागियों को शॉर्टलिस्ट कर लिया गया है। 75 हजार प्रतिभागियों ने जॉब फेयर में भाग लेने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराया है। यहां आई कम्पनियों में लगभग 30 हजार वेकेंसी है, जिन्हें तीन दिन चलने वाले इस जॉब फेयर में भरा जाएगा। युवाओं और बेरोजगारों के लिए नौकरी प्राप्त करने का यह एक बड़ा अवसर है।
इस अवसर पर डिजिफेस्ट के पहले ही दिन प्रतिष्ठित कम्पनियों से 18-18 लाख के उच्चस्तरीय पैकेज प्राप्त करने वाले 5 युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किए और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
आज देश में महंगाई और बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्याएं हैं। राज्य सरकार युवाओं और छात्रों को केन्द्र में रखकर नीतियां बना रही है। वर्तमान आई.टी. युग में भारतीय युवाओं की प्रतिभा का लोहा विश्वभर के देशों ने माना है। राज्य सरकार युवाओं को आधुनिक तकनीकी शिक्षा देने तथा उन्हें अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
वर्तमान युग आई.टी. का युग है। स्वर्गीय श्री राजीव गांधी का देश को आई.टी. से जोड़ने का स्वप्न आज साकार हो रहा है। राज्य सरकार प्रदेश में आई.टी. शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए लगातार निर्णय ले रही है। जोधपुर में 600 करोड़ की लागत से फिनटेक यूनिवर्सिटी का निर्माण हो रहा है। इसी प्रकार कोटा में राजीव गांधी नॉलेज सेन्टर एवं इनोवेशन हब तथा जयपुर में राजीव गांधी सेन्टर फॉर एडवांस टेक्नोलॉजी की स्थापना की जा रही है। आज ई-मित्र के माध्यम से जनता को 600 सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध है।
राज्य सरकार युवाओं के हितों की रक्षा के लिए कृत-संकल्पित है। युवा देश का भविष्य है। सभी युवाओं को सपने बड़े देखने चाहिए तथा उन्हें पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्य करना चाहिए। युवाओं के सपने साकार करने के लिए राज्य सरकार हर कदम पर अपना सहयोग दे रही है। प्रदेश में अब तक 1.25 लाख सरकारी पदों पर भतियां की जा चुकी हैं, लगभग इतने ही पदों पर भर्तियां प्रक्रियाधीन है तथा 1 लाख पदों पर भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है। र���ज्य सरकार का आने वाला बजट युवाओं और छात्रों को समर्पित होगा। बजट के लिए आमजन से सुझाव मांगे गए हैं। अभी तक 21 हजार से अधिक सुझाव प्राप्त हो चुके हैं। यह इंगित करता है कि आमजन राज्य सरकार के कार्यों में भागीदारी निभाने के लिए तत्पर है।
राजस्थान में संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं की आज पूरे देश में चर्चा है। चिरंजीवी योजना के माध्यम से आमजन को महंगे इलाज की चिंता से मुक्ति मिली है। इस योजना के तहत प्रदेशवासियों के लिए 10 लाख तक का इलाज निःशुल्क कर दिया गया है। लीवर ट्रांस्प्लांट, किडनी ट्रांस्प्लांट, कोक्लियर इम्प्लांट आदि जटिल उपचारों में 10 लाख की सीमा समाप्त कर दी गई है। प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा से जोडने के क्रम में 1 करोड़ से अधिक लोगों को पेंशन दी जा रही है। इन्दिरा गांधी शहरी रोजगारी गारंटी योजना द्वारा शहरी क्षेत्र में आमजन को 100 दिन का रोजगार सुनिश्चित किया गया है। इन्दिरा रसोई योजना में 8 रूपए में आमजन को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। यहां मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता के कारण विदेशी सैलानी भी इन्दिरा रसोई में आकर भोजन ग्रहण कर रहे हैं। अनुप्रति कोचिंग योजना में 20 हजार से अधिक आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निःशुल्क कोचिंग दी जा रही है। प्रतिवर्ष 200 मेधावी छात्रों को विदेश में निःशुल्क पढ़ाई का प्रावधान राज्य सरकार द्वारा किया गया है। राज्य सरकार के कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू किया गया है, साथ ही उन्हें कैशलेस स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए आरजीएचएस योजना शुरू की गई है। राज्य में कोरोना महामारी के दौरान शानदार प्रबंधन किया गया। यहां के भीलवाड़ा मॉडल की पूरे देश में सराहना की गई। इन जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता फैलाई जानी चाहिए ताकि कोई भी पात्र नागरिक इनके लाभ से वंचित ना रहे।
प्रदर्शनी में लगे हुए विभिन्न स्टॉल का अवलोकन किया तथा जॉब फेयर में आए युवाओं के साथ संवाद किया।
कार्यक्रम में तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री सुभाष गर्ग ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में तकनीकी शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए उच्च स्तरीय शिक्षण संस्थान खोले जा रहे हैं।
इस अवसर पर विधायक श्री किशनाराम विश्नोई, विधायक श्रीमती मनीषा पंवार, राजस्थान पशु धन विकास बोर्ड अध्यक्ष श्री राजेन्द्र सोलंकी, राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा श्रीमती संगीता बेनीवाल, आरसीए अध्यक्ष श्री वैभव गहलोत, महापौर श्रीमती कुन्ती देवड़ा परिहार सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में जॉबफेयर में आए युवा उपस्थित थे।
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rightnewshindi · 21 days
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भुंतर में पुलिस ने होटल में दबिश देकर पकड़े दो रसियन, सैटलाइट फोन हुआ बरामद
Kullu News: पुलिस ने भुंतर में रशिया के 2 लोगों को सैटेलाइट फोन के साथ पकड़ा है। पुलिस के अनुसार पारला भुंतर में सैटेलाइट फोन के इस्तेमाल का सुरक्षा एजैंसियों को पता चला। इस दौरान पुलिस टीम ने होटल में दबिश दी। होटल के मेन गेट पर पहरा बैठाकर कमरों की चैकिंग की गई। इस दौरान दो विदेशी नागरिक एक कमरे में मिले और उनके कब्जे से सैटेलाइट फोन की बरामदगी हुई। इन विदेशियों की पहचान देजीनिस सकालेव और एंटन…
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manmohan888-blog · 3 months
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राष्ट्रगौरव की अवहेलना: विदेशी शक्तियों की चाल और विपक्ष की राजनीति
भारतीय प्रधानमंत्री को रूस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिलना, निस्संदेह, भारत के लिए गर्व की बात है। लेकिन यह सफलता विदेशी ताकतों के मोहरे, जो मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद से वंचित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, के लिए पचाना मुश्किल हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीसरे कार्यकाल में विकसित भारत के संकल्प के साथ, देश को शक्तिशाली देशों में शामिल करने और इसे तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने…
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jubaer01 · 5 months
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FOR USA AND FIJI CITIZENS - CANADA Government of Canada Electronic Travel Authority - Canada ETA - Online Canada Visa
कनाडा सरकार वीज़ा आवेदन, ऑनलाइन कनाडा वीज़ा आवेदन केंद्र
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Address : A-1, 309, Safdarjung Enclave, Block A 1, Nauroji Nagar, Safdarjung Enclave South West Delhi - 110029
Phone : +91 11 4171 7136
Website : https://www.canada-visas.org/hi/visa/ 
Business Hours : 24/7/365
Owner / Official Contact Name : Ram Singh Haas
Description : कैनेडियन इलेक्ट्रॉनिक ऑनलाइन वीज़ा या ईटीए या इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवल अथॉरिटी क्या है? इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवल अथॉरिटी ईटीए उन नागरिकों के लिए एक प्रवेश शर्त है, जिन्हें पेपर स्टैंप वीज़ा की आवश्यकता नहीं होती है, दूसरे शब्दों में, हवाई जहाज के माध्यम स��� कनाडा जाने वाले वीज़ा वेटर नागरिकों की आवश्यकता नहीं होती है। एक इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकरण आपके पासपोर्ट से इलेक्ट्रॉनिक रूप से जुड़ा हुआ है। यह कनाडा के लिए अल्पावधि वीजा है। यह पांच साल की अवधि के लिए या आपके पासपोर्ट की अवधि समाप्त होने तक, जो भी पहले हो, वैध है। यदि आपका पासपोर्ट खो गया है, चोरी हो गया है या क्षतिग्रस्त हो गया है या नवीनीकृत किया गया है, तो आपको एक और ऑनलाइन कनाडा वीज़ा या ईटीए आवेदन करना होगा। वैध ऑनलाइन कनाडा वीज़ा या इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवल अथॉरिटी के साथ, आप छोटे प्रवास के लिए कई बार कनाडा जा सकते हैं (आमतौर पर प्रति यात्रा 180 दिन या छह महीने तक)। जब आप हवाई अड्डे की सीमा पर पहुंचेंगे, तो एक अधिकारी आपसे कनाडा ईटीए या ऑनलाइन कनाडा वीज़ा की आपकी ईमेल प्रति देखने और आपके पासपोर्ट की जांच करने का अनुरोध करेगा। जब आपको ऑनलाइन कनाडा वीज़ा स्वीकृत हो जाए तो हवाई अड्डे पर क्या लाना है, सॉफ्ट कॉपी ईमेल या प्रिंटआउट अपने पास रखें। आपका पासपोर्ट आपके ऑनलाइन कनाडा वीज़ा या इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवल अथॉरिटी से मेल खाना चाहिए, यह उस वीज़ा से जुड़ा होगा जिसका उपयोग आपने आवेदन करने के लिए किया था। एयरलाइन कर्मचारी यह पुष्टि करने के लिए आपके वीज़ा या ईटीए की समीक्षा करेंगे कि आपके पास वैध कनाडाई इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवल अथॉरिटी है। सुनिश्चित करें कि आप मूल पासपोर्ट अपने साथ रखें, यदि आपके पास एक से अधिक पासपोर्ट हैं, तो वह पासपोर्ट अपने साथ रखें जो आपके कनाडाई ईटीए या ऑनलाइन कनाडा वीज़ा से जुड़ा हो। हवाई टर्मिनल पर समस्याओं से दूर रहें, जब आपका इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवल अथॉरिटी स्वीकृत और समर्थित हो, तो सुनिश्चित करें कि आपके इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवल अथॉरिटी अनुमोदन ईमेल के लिए उल्लिखित पहचान संख्या आपके पासपोर्ट पृष्ठ की संख्या से मेल खाती है। इस घटना में कि वे संरेखित और मेल नहीं खाते हैं, आपको फिर से कनाडा के लिए किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवल अथॉरिटी या ऑनलाइन कनाडा वीज़ा के लिए आवेदन करना होगा। निम्नलिखित देशों के नागरिक और निवासी ऑनलाइन कनाडाई वीज़ा या ईटीए, पोलैंड, क्रोएशिया, ब्रिटिश विदेशी, स्पेन, नॉर्वे, स्विट्जरलैंड, इज़राइल, लिथुआनिया, स्लोवेनिया, केमैन द्वीप, बेल्जियम, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड, रोमानिया, के लिए आवेदन करने के पात्र हैं। माल्टा, ताइवान, लक्ज़मबर्ग, डेनमार्क, बहामास, Barbados, समोआ, फ़्रांस, हांगकांग, ब्र. वर्जिन आई.एस., ग्रीस, नीदरलैंड, फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, पापुआ न्यू गिनी, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, मैक्सिको, वेटिकन सिटी राज्य, यूनाइटेड किंगडम, साइप्रस, आयरलैंड, चिली, आइसलैंड, लातविया, सोलोमन द्वीप, हंगरी, जापान, पुर्तगाल, मोंटसेराट, स्लोवाकिया, स्वीडन, बुल्गारिया, सैन मैरिनो, लिकटेंस्टीन, ब्रुनेई, अंडोरा, मोनाको, चेक गणराज्य, एस्टोनिया, इटली और एंगुइला।  What is a Canadian electronic Online Visa or ETA or Electronic Travel Authority. An Electronic Travel Authority ETA is a entry prerequisite for those citizens who do NOT require paper stamp Visa in other words visa waiter  nationals going to Canada via Airplance. An Electronic Travel Authority is electronically connected to your Passport. It is a short term Visa for Canada.
It is valid for period of five years or until your Passport expires,  whichever is sooner. If your passport is lost, stolen or damaged or renewed, then you need to apply another Online Canada Visa or ETA. With a valid Online Canada Visa or  Electronic Travel Authority, you can fly  out to Canada multiple times for short stays (ordinarily for as long as a 180 days or six months per visit). At the point when you show up on the border of Airport, an official will request to see your Email copy of Canada ETA or Online Canada Visa and also check your passport.  What to bring to the airport when you get Approved Online Canada Visa, keep the soft copy email or printout handy. Your passport must match you Online Canada Visa or Electronic Travel Authority, it will be connected to the visa you used to apply. The airline employees  will review  your visa or ETA to confirm  that you have a legitimate Canadian Electronic Travel Authority.  Ensure that you carry the original passport, if you have multiple passports, then carry the passport that is connected to your Canadian ETA or Online Canada Visa. Keep away from problems at the air terminal, When your Electronic Travel Authority is approved and endorsed, make sure that the identification number mentioned for your Electronic Travel Authority approval email matches the number in your Passport Page. In the event that they don't align and match, you must again apply for another Electronic Travel Authority for Canada or Online Canada Visa. Citizens and Residents of the following countries are eligible to apply for Online Canadian Visa or ETA, Poland, Croatia, British overseas, Spain, Norway, Switzerland, Israel, Lithuania, Slovenia, Cayman Islands, Belgium, South Korea, New Zealand, Romania, Malta, Taiwan, Luxembourg, Denmark, Bahamas, Barbados, Samoa, France, Hong Kong, Br. Virgin Is., Greece, Netherlands, Finland, Australia, Singapore, Papua New Guinea, Germany, Austria, Mexico, Vatican City State, United Kingdom, Cyprus, Ireland, Chile, Iceland, Latvia, Solomon Islands, Hungary, Japan, Portugal, Montserrat, Slovakia, Sweden, Bulgaria, San Marino, Liechtenstein, Brunei, Andorra, Monaco, Czech Republic, Estonia, Italy and Anguilla. 
Keywords : ऑनलाइन कनाडा वीजा, कनाडा के लिए ऑनलाइन वीजा, ऑनलाइन एवीसा कनाडा, ऑनलाइन कनाडा एविसा, ऑनलाइन कनाडा वीजा ऑनलाइन, कनाडा वीजा आवेदन, तत्काल कनाडाई वीजा, प्राथमिकता कनाडाई वीजा, फास्ट ट्रैक कनाडा वीजा, स्लोवेनिया नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीजा, ऑनलाइन कनाडा वीजा सोलोमन द्वीप के नागरिक, हांगकांग के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीजा, सिंगापुर के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीजा, आयरलैंड के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीजा, न्यूजीलैंड के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीजा, रोमानिया के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीजा, चिली के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीजा, ऑनलाइन कनाडा ब्रुनेई नागरिकों के लिए वीज़ा, पापुआ न्यू गिनी के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा, यूनाइटेड किंगडम के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा, ऑस्ट्रेलिया के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा, अंडोरा नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा, भाई के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा। वर्जिन है. नागरिक, पोलैंड के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा, साइप्रस के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा, मेक्सिको के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा, पोलैंड के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा Barbados नागरिक, हंगरी के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा, इटली के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा, सैन मैरिनो नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा, लातविया के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा, ताइवान के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा, लक्ज़मबर्ग नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा, लिथुआनिया के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा नागरिक, लिकटेंस्टीन नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा, वेटिकन सिटी राज्य के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा, दक्षिण कोरिया के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा, स्पेन के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा, एस्टोनिया नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा, क्रोएशिया के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा, ऑनलाइन कनाडा वीज़ा जर्मनी के नागरिकों के लिए, बुल्गारिया के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीजा, ब्रिटिश विदेशी नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीजा, स्वीडन के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीजा, फिनलैंड के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीजा, स्विट्जरलैंड के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीजा, ऑस्ट्रिया के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीजा, ऑनलाइन कनाडा वीजा चेक गणराज्य के नागरिकों के लिए, नॉर्वे के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा, डेनमार्क के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा, नीदरलैंड के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा, एंगुइला नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा, पुर्तगाल के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा, बेल्जियम के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा, ऑनलाइन कनाडा वीज़ा ग्रीस के नागरिकों के लिए, स्लोवाकिया के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीजा, बहामास के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीजा, मोनाको के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीजा, मोंटसेराट के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीजा, माल्टा के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीजा, आइसलैंड के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीजा, आइसलैंड के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीजा केमैन द्वीप के नागरिक, समोआ के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा, इज़राइल के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा, फ्रांस के न���गरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा, जापान के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कनाडा वीज़ा  Online Canada visa,Online visa for Canada,  Online evisa Canada, Online Canada evisa, Online Canada visa online, Canada Visa Application, Urgent Canadian Visa, Priority Canadian Visa, Fast Track Canada Visa,  Online Canada Visa for Slovenia Citizens , Online Canada Visa for Solomon Islands Citizens , Online Canada Visa for Hong Kong Citizens , Online Canada Visa for Singapore Citizens , Online Canada Visa for Ireland Citizens ,
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samaya-samachar · 6 months
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लुम्बिनीमा अनलाईन टिकेटिङको पर्यटन मन्त्रीले गरे शुभारम्भ
भैरहवा, १० चैत । लुम्बिनी विकास कोषले बुद्धजन्मस्थल लुम्बिनी भ्रमणका लागि अनलाईन टिकेटिङ प्रणालीको शुभारम्भ गरेको छ ।   लुम्बिनी विकास कोषका अध्यक्ष एंव संस्कृती पर्यटन तथा नागरिक उडडयन मन्त्री हितबहादुर तामाङले शनिबार लुम्बिनी भ्रमणका लागि स्वदेशी र विदेशी तीर्थालुहरुलाई मध्यनजर गरी तयार पारिएको अनललाईन टिकेटिङ प्रणालीको शुभारम्भ गरेका हुन ।   उद्घाटन समारोहलाई सम्बोधन गर्दै मन्त्री तामाङले…
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lawspark · 7 months
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IPC NOTES
IPC NOTES
धारा 1 - संहिता का नाम और उसके प्रवर्तन का विस्तार *धारा 1: भारतीय दंड संहिता का नाम और विस्तार** भारतीय दंड संहिता को संक्षेप में आईपीसी भी कहा जाता है। * आईपीसी एक कानून है जो भारत में होने वाले अपराधों और उनके लिए सजा का प्रावधान करता है। * आईपीसी 1 जनवरी, 1862 से पूरे भारत में लागू है, सिवाय जम्मू और कश्मीर के। * जम्मू और कश्मीर में आईपीसी 31 अक्टूबर, 2019 से लागू हुई है, जब भारत सरकार ने वहां संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया था। * आईपीसी में कुल 511 धाराएं हैं, जो 23 अध्यायों में विभाजित हैं। * आईपीसी की पहली धारा संहिता का नाम और विस्तार बताती है।*उदाहरण:** अगर कोई व्यक्ति किसी की हत्या करता है, तो उसे आईपीसी की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास या मौत की सजा हो सकती है। * अगर कोई व्यक्ति किसी के साथ बलात्कार करता है, तो उसे आईपीसी की धारा 376 के तहत आजीवन कारावास या 10 साल तक की सजा हो सकती है। * अगर कोई व्यक्ति किसी की जेब से पर्स चुराता है, तो उसे आईपीसी की धारा 379 के तहत 3 साल तक की सजा हो सकती है।*संबंधित कानून:** आईपीसी के अलावा, भारत में कई अन्य कानून हैं जो अपराधों और उनकी सजा का प्रावधान करते हैं। * इन कानूनों में भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), साक्ष्य अधिनियम, भारतीय साक्ष्य अधिनियम, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और अन्य शामिल हैं। * ये सभी कानून मिलकर भारत में अपराधों को नियंत्रित करने और अपराधियों को सजा देने का काम करते हैं। धारा 2 - भारत के भीतर किए गए अपराधों का दण्ड धारा 2, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) इस सिद्धांत को निर्धारित करती है कि किसी भी अपराध के लिए दंडित किए जाने के लिए, अपराध को भारत के भीतर किया जाना चाहिए। इसका मतलब है कि अगर कोई व्यक्ति भारत के बाहर अपराध करता है, तो उसे उस अपराध के लिए भारत में दंडित नहीं किया जा सकता है।धारा 2 में निम्नलिखित प्रमुख तत्व हैं:* अपराध भारत के भीतर किया जाना चाहिए। * अपराधी को भारत के भीतर दोषी ठहराया जाना चाहिए। * अपराधी को भारतीय दंड संहिता के तहत दंडित किया जाना चाहिए।धारा 2 के कुछ उदाहरण यहां दिए गए हैं:* अगर कोई व्यक्ति भारत में हत्या करता है, तो उसे भारत में हत्या के लिए दंडित किया जा सकता है। * अगर कोई व्यक्ति भारत में चोरी करता है, तो उसे भारत में चोरी के लिए दंडित किया जा सकता है। * अगर कोई व्यक्ति भारत में बलात्क��र करता है, तो उसे भारत में बलात्कार के लिए दंडित किया जा सकता है।धारा 2 के अपवाद भी हैं। कुछ अपराध ऐसे हैं जिन्हें भारत के बाहर भी किया जा सकता है, लेकिन फिर भी भारत में दंडनीय हैं। इन अपराधों में शामिल हैं:* भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ना। * भारत की सरकार को उखाड़ फेंकने का प्रयास। * भारत के राष्ट्रपति या प्रधान मंत्री की हत्या। * भारत में राजनयिक मिशन या वाणिज्य दूतावास पर हमला।धारा 2 भारतीय दंड संहिता का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है जो सुनिश्चित करता है कि भारत में केवल भारत के भीतर किए गए अपराधों के लिए ही दंडित किया जा सकता है। धारा 3 - भारत से परे किए गए किन्तु उसके भीतर विधि के अनुसार विचारणीय अफराधों का दण्ड *धारा 3, भारतीय दंड संहिता: भारत से परे किए गए अपराधों का दंड**सादे शब्दों में:*धारा 3 IPC के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति भारत से बाहर कोई अपराध करता है, लेकिन उस अपराध पर भारतीय कानून के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है, तो उस व्यक्ति पर उसी तरह से मुकदमा चलाया जाएगा जैसे कि उसने वह अपराध भारत में ही किया हो।*उदाहरण:** अगर कोई भारतीय नागरिक दूसरे देश में किसी भारतीय नागरिक की हत्या करता है, तो उस पर भारत में हत्या के आरोप में मुकदमा चलाया जा सकता है। * अगर कोई विदेशी नागरिक भारत में किसी भारतीय नागरिक की चोरी करता है, तो उस पर भारत में चोरी के आरोप में मुकदमा चलाया जा सकता है। * अगर कोई भारतीय नागरिक दूसरे देश में किसी विदेशी नागरिक की हत्या करता है, और वह भारतीय नागरिक भारत वापस आ जाता है, तो उस पर भारत में हत्या के आरोप में मुकदमा चलाया जा सकता है।*संबंधित धाराएँ:** धारा 4 IPC: अपराध किस जगह किया गया, यह निर्धारित करने के लिए नियम। * धारा 5 IPC: अपराध किस समय किया गया, यह निर्धारित करने के लिए नियम। * धारा 6 IPC: अपराधी की मृत्यु हो जाने पर भी अपराध के लिए मुकदमा चलाया जा सकता है। * धारा 7 IPC: अपराध की साजिश रचने या भड़काने के लिए भी मुकदमा चलाया जा सकता है।*निष्कर्ष:*धारा 3 IPC यह सुनिश्चित करती है कि भारत से बाहर किए गए अपराधों के लिए भी अपराधियों को सजा दी जा सके। यह धारा भारत के नागरिकों और विदेशी नागरिकों दोनों पर समान रूप से लागू होती है। धारा 4 - राज्यक्षेत्रातीत अपराधों पर संहिता का विस्तार *धारा 4 आईपीसी - राज्यक्षेत्रातीत अपराधों पर संहिता का विस्तार*भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 4 भारत के बाहर किए गए अपराधों के लिए भारतीय अदालतों के अधिकार क्षेत्र को निर्धारित करती है। इस धारा के अनुसार, यदि भारत का कोई नागरिक भारत के बाहर कोई अपराध करता है, या यदि भारत में पंजीकृत किसी जहाज या विमान पर कोई व्यक्ति अपराध करता है, तो उस व्यक्ति पर आईपीसी के प्रावधान लागू होंगे और उसे भारत की अदालत में विचारण के लिए लाया जा सकता है।*उदाहरण:** यदि कोई भारतीय नागरिक विदेश में हत्या करता है, तो उसे भारत में हत्या के लिए विचारित और दोषी ठहराया जा सकता है। * यदि कोई व्यक्ति भारत में पंजीकृत जहाज पर चोरी करता है, तो उसे भारत में चोरी के लिए विचारित और दोषी ठहराया जा सकता है।धारा 4 के स्पष्टीकरण में कहा गया है कि "अपराध" शब्द के अंतर्गत भारत के बाहर किया गया ऐसा हर कार्य आता है, जो यदि भारत में किया जाता तो आईपीसी के अधीन दंडनीय होता। इसका मतलब यह है कि धारा 4 केवल उन अपराधों पर लागू होती है जो आईपीसी के तहत दंडनीय हैं।*संबंधित धाराएँ:** आईपीसी की धारा 5: यह धारा उन परिस्थितियों को निर्दिष्ट करती है जिनमें भारत के बाहर किए गए अपराधों के लिए भारतीय अदालतों को अधिकार क्षेत्र नहीं होगा। * आईपीसी की धारा 6: यह धारा उन परिस्थितियों को निर्दिष्ट करती है जिनमें भारत के बाहर किए गए अपराधों के लिए भारतीय अदालतों को अधिकार क्षेत्र होगा। * आईपीसी की धारा 7: यह धारा उन परिस्थितियों को निर्दिष्ट करती है जिनमें भारत के बाहर किए गए अपराधों के लिए भारतीय अदालतों को अधिकार क्षेत्र नहीं होगा, भले ही धारा 6 के तहत भारतीय अदालतों को अधिकार क्षेत्र हो।धारा 4 भारतीय दंड संहिता का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है जो यह सुनिश्चित करता है कि भारत के बाहर किए गए अपराधों के लिए भारतीय नागरिकों और भारत में पंजीकृत जहाजों या विमानों पर अपराध करने वाले व्यक्तियों को दंडित किया जा सके। धारा 5 - कुछ विधियों पर इस अधिनियम द्वारा प्रभाव न डाला जाना धारा 5, भारतीय दंड संहिता: भारत सरकार की सेवा के ऑफिसरों, सैनिकों, नौसैनिकों और वायु सैनिकों को दंडित करने वाले विशेष कानूनधारा 5 कहती है कि इस अधिनियम (IPC) की कोई भी बात निम्नलिखित पर लागू नहीं होगी:- भारत सरकार की सेवा के अधिकारियों द्वारा विद्रोह और अभिजन को दंडित करने वाले किसी अधिनियम के प्रावधान - किसी विशेष या स्थानीय कानून के प्रावधानइसका मतलब यह है कि अगर कोई भारत सरकार का अधिकारी है, सैनिक है, नौसेना का सदस्य है, या वायु सेना का सदस्य है, और वह विद्रोह या अभिजन में शामिल है, तो उसे इस अधिनियम के तहत दंडित नहीं किया जाएगा। इसके बजाय, उसे उस कानून के तहत दंडित किया जाएगा जो विशेष रूप से भारत सरकार के अधिकारियों, सैनिकों, नौसैनिकों और वायु सेना के सदस्यों को दंडित करने के लिए बनाया गया है।उदाहरण के लिए, अगर कोई सैनिक विद्रोह में शामिल है, तो उसे भारतीय दंड संहिता के तहत दंडित नहीं किया जाएगा। इसके बजाय, उसे सैन्य कानून के तहत दंडित किया जाएगा।इसी प्रकार, अगर कोई नौसेना का सदस्य अभिजन में शामिल है, तो उसे भारतीय दंड संहिता के तहत दंडित नहीं किया जाएगा। इसके बजाय, उसे नौसेना कानून के तहत दंडित किया जाएगा।धारा 5 यह सुनिश्चित करती है कि भारत सरकार के अधिकारियों, सैनिकों, नौसैनिकों और वायु सेना के सदस्यों को भारतीय दंड संहिता के तहत दंडित नहीं किया जाएगा, जब तक कि वे भारतीय दंड संहिता के तहत दंडनीय अपराध नहीं करते हैं। धारा 6 - संहिता में की परिभाषाओं का अपवादों के अध्यधीन समझा जाना *धारा 6: परिभाषाओं के अपवाद** यह धारा कहती है कि इस संहिता में हर अपराध की परिभाषा, हर दंड उपबंध और हर ऐसी परिभाषा या दंड उपबंध का हर दृष्टांत, "साधारण अपवाद" शीर्षक वाले अध्याय में शामिल अपवादों के अधीन समझा जाएगा, चाहे उन अपवादों को ऐसी परिभाषा, दंड उपबंध या दृष्टांत में दोहराया न गया हो।* *उदाहरण:* * इस संहिता की वे धाराएं, जिनमें अपराधों की परिभाषाएं शामिल हैं, यह स्पष्ट नहीं करती हैं कि सात वर्ष से कम आयु का बच्चा ऐसे अपराध नहीं कर सकता, लेकिन परिभाषाओं को उस साधारण अपवाद के अधीन समझा जाता है जिसमें यह प्रावधान है कि कोई भी काम, जो सात वर्ष से कम आयु के बच्चे द्वारा किया जाता है, अपराध नहीं है। * क, एक पुलिस अधिकारी, बिना वारंट के, य को पकड़ लेता है, जिसने हत्या की है। यहां क सदोष परिरोध के अपराध का दोषी नहीं है, क्योंकि वह य को पकड़ने के लिए कानून द्वारा बाध्य था, और इसलिए यह मामला उस सामान्य अपवाद के अंतर्गत आता है, जिसमें यह प्रावधान है कि "कोई भी काम अपराध नहीं है जो किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जाता है जो उसे करने के लिए कानून द्वारा बाध्य है।"* यह धारा महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सुनिश्चित करती है कि अपराध की परिभाषाओं और दंड उपबंधों की व्याख्या करते समय अदालतें "साधारण अपवाद" को ध्यान में रखें। यह यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि अपराधों की परिभाषाओं और दंड उपबंधों की व्याख्या उचित और न्यायसंगत तरीके से की जाए। धारा 7 - एक बार स्पष्टीकॄत पद का भाव *धारा 7 का सरल अर्थ:*धारा 7 के अनुसार, यदि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में किसी शब्द को परिभाषित किया गया है, तो उस शब्द को पूरे आईपीसी में उसी अर्थ में इस्तेमाल किया जाएगा। यह सुनिश्चित करता है कि आईपीसी में इस्तेमाल किए गए शब्दों का मतलब स्पष्ट और सुसंगत हो।*उदाहरण:** धारा 299 में "अपवित्रता" शब्द को परिभाषित किया गया है। इस परिभाषा के अनुसार, अपवित्रता का मतलब है "कोई भी शब्द, इशारा या कृत्य जो धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाता है।" इसलिए, आईपीसी में हर जगह "अपवित्रता" शब्द का इस्तेमाल इसी अर्थ में किया जाएगा। * धारा 300 में "हत्या" शब्द को परिभाषित किया गया है। इस परिभाषा के अनुसार, हत्या का मतलब है "किसी व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनना।" इसलिए, आईपीसी में हर जगह "हत्या" शब्द का इस्तेमाल इसी अर्थ में किया जाएगा।*संबंधित धाराएँ:** धारा 3: यह धारा "कारण" शब्द को परिभाषित करती है। * धारा 5: यह धारा "सद्भावना" शब्द को परिभाषित करती है। * धारा 6: यह धारा "बाध्यता" शब्द को परिभाषित करती है।*भारतीय दंड संहिता और भारतीय आपराधिक कानून में धारा 7 का महत्व:*धारा 7 आईपीसी में इस्तेमाल किए गए शब्दों के अर्थ को स्पष्ट करती है। यह सुनिश्चित करता है कि आईपीसी को लागू करते समय कोई भ्रम या अनिश्चितता न हो। यह न्यायाधीशों और वकीलों को आईपीसी को सही ढंग से समझने और लागू करने में मदद करता है।धारा 7 आईपीसी की एक महत्वपूर्ण धारा है जो आईपीसी में इस्तेमाल किए गए शब्दों के अर्थ को स्पष्ट करती है। यह सुनिश्चित करता है कि आईपीसी को लागू करते समय कोई भ्रम या अनिश्चितता न हो। यह न्यायाधीशों और वकीलों को आईपीसी को सही ढंग से समझने और लागू करने में मदद करता है। धारा 8 - लिंग धारा 8, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), लिंग-तटस्थ भाषा के उपयोग पर लागू होती है। यह निर्दिष्ट करता है कि जहां किसी व्यक्ति के लिंग को शामिल करने वाला शब्द या वाक्यांश का उपयोग किया जाता है, वहाँ यह दोनों लिंगों के व्यक्तियों पर लागू होगा।*उदाहरण के लिए:*- धारा 300, आईपीसी, "हत्या" को परिभाषित करता है। यदि यह धारा "पुरुष" शब्द का उपयोग करती, तो यह केवल पुरुषों के खिलाफ हत्या के लिए लागू होती। हालाँकि, धारा 8 के कारण, यह धारा महिलाओं के खिलाफ हत्या के लिए भी लागू होती है। - धारा 376, आईपीसी, "बलात्कार" को परिभाषित करता है। यदि यह धारा "पुरुष" शब्द का उपयोग करती, तो यह केवल पुरुषों द्वारा बलात्कार के लिए लागू होती। हालाँकि, धारा 8 के कारण, यह धारा महिलाओं द्वारा बलात्कार के लिए भी लागू होती है।धारा 8 का उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए भी किया जाता है कि आईपीसी में निहित विभिन्न अपराधों के दंड दोनों लिंगों के व्यक्तियों के लिए समान हैं। उदाहरण के लिए, धारा 302, आईपीसी, "हत्या" के लिए मृत्युदंड या आजीवन कारावास का प्रावधान करती है। यह ��ंड पुरुषों और महिलाओं दोनों पर समान रूप से लागू होता है।धारा 8 यह सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है कि आईपीसी लिंग-निरपेक्ष हो और यह पुरुषों और महिलाओं के साथ समान व्यवहार करता हो। यह लैंगिक समानता हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। धारा 9 - वचन धारा 9: एकवचन और बहुवचनभारतीय दंड संहिता की धारा 9 एक व्याख्यात्मक प्रावधान है जो इस बात का मार्गदर्शन करती है कि जब तक संदर्भ से अन्यथा स्पष्ट न हो, एकवचन वाचक शब्दों में बहुवचन भी शामिल है और बहुवचन वाचक शब्दों में एकवचन भी शामिल है। दूसरे शब्दों में, जब कोई कानून एकवचन या बहुवचन शब्द का उपयोग करता है, तो उसका आशय है कि उस शब्द में दोनों संख्याएँ शामिल हैं, जब तक कि कानून के विशिष्ट शब्दांकन या संदर्भ से यह स्पष्ट न हो कि केवल एक संख्या का उल्लेख किया गया है।उदाहरण के लिए, यदि कोई कानून कहता है कि "कोई व्यक्ति जो चोरी करता है उसे कारावास से दंडित किया जाएगा," तो इसका मतलब है कि एक व्यक्ति जो एक वस्तु चुराता है या एक व्यक्ति जो कई वस्तुओं की चोरी करता है, दोनों को कारावास से दंडित किया जाएगा। इसी तरह, यदि कोई कानून कहता है कि "कोई व्यक्ति जो हत्या करता है उसे मौत की सजा दी जाएगी," तो इसका मतलब है कि एक व्यक्ति जो एक व्यक्ति की हत्या करता है या एक व्यक्ति जो कई व्यक्तियों की हत्या करता है, दोनों को मौत की सजा दी जाएगी।धारा 9 का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कानून स्पष्ट और संक्षिप्त हों, और यह कि कानूनी प्रक्रिया में अनावश्यक देरी या भ्रम से बचा जाए। धारा 9 यह सुनिश्चित करने में भी मदद करती है कि कानून भेदभावपूर्ण न हो, क्योंकि यह सुनिश्चित करती है कि कानून उन व्यक्तियों पर भी लागू होते हैं जो एकवचन या बहुवचन शब्दों का उपयोग करते हैं।धारा 9 भारतीय दंड संहिता की कई अन्य धाराओं से संबंधित है, जिसमें धारा 10 (शब्दों के अर्थ) और धारा 11 (अनुपातिक व्याख्या) शामिल हैं। धारा 10 शब्दों और वाक्यांशों के अर्थों को परिभाषित करती है, जबकि धारा 11 यह निर्दिष्ट करती है कि कानूनों की व्याख्या एक उचित और आनुपातिक तरीके से की जानी चाहिए। इन धाराओं को एक साथ पढ़ने से, यह स्पष्ट हो जाता है कि भारतीय दंड संहिता का उद्देश्य स्पष्ट और निष्पक्ष कानून बनाना है जो सभी व्यक्तियों पर समान रूप से लागू होते हैं। धारा 10 - “पुरुष”। “स्त्री” *धारा 10: पुरुष और स्त्री की परिभाषा** *पुरुष:* यह शब्द किसी भी उम्र के मानव नर को संदर्भित करता है। यह शब्द व्यापक है और इसमें लड़के और वयस्क पुरुष दोनों शामिल हैं। * *स्त्री:* यह शब्द किसी भी उम्र की मानव नारी को संदर्भित करता है। यह शब्द भी व्यापक है और इसमें लड़कियाँ और वयस्क महिलाएँ दोनों शामिल हैं।धारा 10 भारतीय दंड संहिता की व्याख्यात्मक धाराओं में से एक है। यह धारा भारतीय दंड संहिता में प्रयुक्त शब्दों "पुरुष" और "स्त्री" को परिभाषित करती है। ये परिभाषाएँ भारतीय दंड संहिता में अपराधों की परिभाषा और व्याख्या करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।उदाहरण के लिए, धारा 302 भारतीय दंड संहिता में हत्या के अपराध को परिभाषित करती है। यह धारा कहती है कि "जो कोई भी किसी व्यक्ति की इच्छा के विरुद्ध, किसी ऐसे कृत्य से मृत्यु का कारण बनता है जो मृत्यु का कारण बनने की संभावना है, वह हत्या का दोषी होगा"। इस धारा में "व्यक्ति" शब्द का प्रयोग किया गया है। यह शब्द धारा 10 के अनुसार "किसी भी उम्र का मानव नर या मानव नारी" को संदर्भित करता है। इसलिए, धारा 302 भारतीय दंड संहिता के तहत हत्या का अपराध किसी भी व्यक्ति की हत्या के लिए किया जा सकता है, चाहे वह व्यक्ति पुरुष हो या महिला, बालक हो या वयस्क।धारा 10 भारतीय दंड संहिता की एक महत्वपूर्ण धारा है। यह धारा भारतीय दंड संहिता में प्रयुक्त शब्दों "पुरुष" और "स्त्री" को परिभाषित करती है। ये परिभाषाएँ भारतीय दंड संहिता में अपराधों की परिभाषा और व्याख्या करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। धारा 11 - व्यक्ति धारा 11 भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की व्याख्या:1. "व्यक्ति" की परिभाषा: - धारा 11 के अनुसार, "व्यक्ति" शब्द में कोई भी कंपनी, एसोसिएशन या व्यक्ति निकाय शामिल है, चाहे वह निगमित हो या नहीं। - इसका मतलब यह है कि कानून की नजर में, न सिर्फ इंसान, बल्कि कंपनियां, संगठन और अन्य संस्थाएं भी "व्यक्ति" के दायरे में आती हैं।2. उदाहरण: - एक कंपनी जो पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन करती है, उसे आईपीसी के प्रावधानों के तहत दंडित किया जा सकता है। - एक एसोसिएशन जो लोगों के बीच झगड़े या हिंसा को बढ़ावा देती है, उसे आईपीसी के तहत अपराध के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। - एक व्यक्ति निकाय जो धोखाधड़��� या जालसाजी में शामिल है, उसे आईपीसी के तहत दंडित किया जा सकता है।3. प्रासंगिक तथ्य: - धारा 11 आईपीसी में एक महत्वपूर्ण परिभाषा खंड है, क्योंकि यह निर्धारित करता है कि "व्यक्ति" शब्द का उपयोग पूरे आईपीसी में किस अर्थ में किया जाएगा। - धारा 11 में "व्यक्ति" की परिभाषा "वैधानिक व्यक्ति" की अवधारणा से संबंधित है। वैधानिक व्यक्ति वे संस्थाएं या संगठन हैं जिन्हें कानून ने एक कानूनी इकाई के रूप में मान्यता दी है। - "व्यक्ति" की परिभाषा आईपीसी में अपराधों के लिए जिम्मेदारी को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।4. अन्य संबंधित धाराएँ: - आईपीसी की धारा 12 "अपराध" की परिभाषा प्रदान करती है और धारा 13 "अवरोध" की परिभाषा प्रदान करती है। ये धाराएँ आईपीसी में अपराधों की अवधारणा को समझने के लिए आवश्यक हैं। - आईपीसी की धारा 34 "सामान्य इरादा" की अवधारणा को परिभाषित करती है, जबकि धारा 35 "अप्रत्यक्ष उत्तरदायित्व" की अवधारणा को परिभाषित करती है। ये धाराएँ आईपीसी में अपराधों के लिए जिम्मेदारी को समझने के लिए आवश्यक हैं।निष्कर्ष: धारा 11 आईपीसी में एक महत्वपूर्ण परिभाषा खंड है, क्योंकि यह निर्धारित करता है कि "व्यक्ति" शब्द का उपयोग पूरे आईपीसी में किस अर्थ में किया जाएगा। "व्यक्ति" की परिभाषा आईपीसी में अपराधों के लिए जिम्मेदारी को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। धारा 12 - लोक *धारा 12: लोक**सरल शब्दों में व्याख्या:** "लोक" शब्द का अर्थ है एक बड़ा समूह या लोगों का समुदाय। * यह एक अपराध को परिभाषित करने के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह तय करता है कि क्या कोई कार्रवाई एक अपराध है या नहीं। * यह निर्धारित करने के लिए कि कोई कार्रवाई "सार्वजनिक" है या नहीं, अदालतें निम्नलिखित कारकों पर विचार करेंगी:* क्या कार्रवाई एक सार्वजनिक स्थान पर हुई थी। * क्या कार्रवाई कई लोगों द्वारा देखी गई थी। * क्या कार्रवाई सामाजिक शांति या व्यवस्था के लिए खतरा पैदा करती है।*उदाहरण:** यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक पार्क में नग्न दौड़ता है, तो यह एक सार्वजनिक अपराध माना जाएगा क्योंकि यह एक सार्वजनिक स्थान पर हुआ था और इसे कई लोगों ने देखा था। * यदि कोई व्यक्ति अपने घर में नग्न दौड़ता है, तो इसे सार्वजनिक अपराध नहीं माना जाएगा क्योंकि यह एक सार्वजनिक स्थान पर नहीं हुआ था और इसे किसी ने नहीं देखा था।*संबंधित धाराएँ:** धारा 11: "अपराध" की परिभाषा देता है। * धारा 23: "सहमति" की परिभाषा देता है। * धारा 29: "आवश्यकता" की परिभाषा देता है। * धारा 30: "उकसावे" की परिभाषा देता है।*निष्कर्ष:*धारा 12 यह परिभाषित करती है कि "लोक" शब्द का अर्थ क्या है और यह किसी अपराध को परिभाषित करने के लिए महत्वपूर्ण है। अदालतें यह निर्धारित करने के लिए कई कारकों पर विचार करेंगी कि कोई कार्रवाई "सार्वजनिक" है या नहीं, जिसमें यह भी शामिल है कि क्या कार्रवाई सार्वजनिक स्थान पर हुई थी, क्या इसे कई लोगों ने देखा था, और क्या यह सामाजिक शांति या व्यवस्था के लिए खतरा पैदा करती है। धारा 13 - “क्वीन” की परिभाषा *धारा 13 का सरलीकृत स्पष्टीकरण*धारा 13 को भारतीय दंड संहिता, 1860 के विधि अनुकूलन आदेश, 1950 द्वारा निरस्त कर दिया गया है। इस धारा में "क्वीन" शब्द को परिभाषित किया गया था, जो कि ब्रिटिश शासन के दौरान भारत की संप्रभु थी। निरस्तीकरण के बाद, धारा 13 अब भारतीय दंड संहिता का हिस्सा नहीं है। इसलिए, इस धारा के बारे में विस्तार से चर्चा करना और उदाहरण देना प्रासंगिक नहीं है। धारा 14 - सरकार का सेवक *धारा 14: सरकार का सेवक (Government Read the full article
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गुजरात अहमदाबाद में मेरे नजदीक सर्वश्रेष्ठ वकील | 9925002031 | भारत मे एरपोर्ट के उपर सोने की तस्करी मामले के वकील ।  परेश एम मोदी
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भारत के हवाई अड्डे पर सोने की तस्करी के मामले: अधिवक्ता परेश एम मोदी भारत के किसी भी हवाई अड्डे पर सोने की तस्करी से संबंधित कानूनी मुद्दों से निपटने में अच्छी तरह से वाकिफ हैं, वह आपको मानक के अनुसार कानूनी समाधान के साथ दंड मोचन शुल्क के साथ सोना वापस पाने में मदद कर सकते हैं। सीमा शुल्क अधिनियम के कानून.
भारत में सोने की तस्करी मामले के वकील | 9925002031 | गुजरात भारत में मेरे निकटतम सर्वश्रेष्ठ कस्टम एक्ट वकील | वकील परेश एम मोदी
भारत में, सोने की तस्करी एक आपराधिक अपराध है और विभिन्न कानूनों के तहत आती है। तस्करी और संबंधित अपराधों को संबोधित करने वाले प्रासंगिक अधिनियम और कानून में शामिल हैं:
सीमा शुल्क अधिनियम, 1962: सीमा शुल्क अधिनियम प्राथमिक कानून है जो भारत में सीमा शुल्क प्रक्रियाओं को नियंत्रित करता है। इसमें सीमा शुल्क अधिकारियों की शक्तियों, माल की निकासी की प्रक्रियाओं और तस्करी जैसे अपराधों के लिए दंड की रूपरेखा दी गई है।
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा), 1999: फेमा भारत में विदेशी मुद्रा नियमों से संबंधित है। सीमाओं के पार सोने की तस्करी को फेमा का उल्लंघन माना जा सकता है, जिसके कानूनी परिणाम हो सकते हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए), 2002: यदि सोने की तस्करी मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों से जुड़ी है, तो यह मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के दायरे में आ सकती है।
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी): आईपीसी में चोरी, आपराधिक साजिश और अन्य अपराधों से संबंधित प्रावधान शामिल हैं जो सोने की तस्करी के मामलों में लागू हो सकते हैं।
सोने की तस्करी में शामिल व्यक्तियों को जुर्माना और कारावास सहित गंभीर दंड का सामना करना पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त, अधिकारी तस्करी के सामान को जब्त कर सकते हैं। कानूनी परिणामों से बचने के लिए कानूनी और नियामक ढांचे का पालन करना आवश्यक है।
यदि आपको सोने की तस्करी से संबंधित कोई चिंता या संदेह है, तो उचित कानून प्रवर्तन एजेंसियों को मामले की रिपोर्ट करने की सिफारिश की जाती है। गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं और व्यक्तियों और पूरे समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
भारत में प्रमुख अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं जहां सोने की तस्करी के मामले हुए हैं
इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (DEL) - नई दिल्ली एरपोर्ट 
छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (बीओएम) - मुंबई
केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (बीएलआर) - बेंगलुरु एरपोर्ट
चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (एमएए) - चेन्नई एरपोर्ट
नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (सीसीयू) - कोलकाता एरपोर्ट
राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (HYD) - हैदराबाद एरपोर्ट
कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (सीओके) - कोच्चि एरपोर्ट
सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (एएमडी) - अहमदाबाद एरपोर्ट
कृपया ध्यान दें कि भारत में कई अन्य हवाई अड्डे भी हैं जो अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित करते हैं। मेरे पिछले अपडेट के बाद से अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों की स्थिति और संख्या बदल गई होगी
अहमदाबाद शहर में शामिल प्रमुख क्षेत्र:
राणिप - नारणपुरा - वाडज:
अधिवक्ता परेश एम मोदी नारणपुरा के जीवंत इलाके में कानूनी जरूरतों को पूरा करते हैं, संपत्ति विवादों से लेकर वैवाहिक मुद्दों तक के मामलों पर विशेषज्ञ सलाह प्रदान करते हैं।
मणिनगर - इसानपुर - घोडासर:
मणिनगर के हलचल भरे इलाके में, अधिवक्ता परेश एम मोदी आपराधिक बचाव, साइबर अपराध और पारिवारिक कानून में विशेषज्ञता के साथ जटिल कानूनी परिदृश्यों को सुलझाने में उत्कृष्ट हैं।
सैटेलाइट - प्रह्लादनगर - आनंदनगर:
सैटेलाइट निवासी चेक रिटर्न मामलों, सहकारी आवास सोसायटी विवादों और अन्य जैसे विविध क्षेत्रों को कवर करने वाले कुशल कानूनी परामर्श के लिए एडवोकेट परेश एम मोदी पर भरोसा कर सकते हैं।
बोडकदेव - वस्त्रापुर - थलतेज:
अधिवक्ता परेश एम मोदी क्रेडिट कार्ड विवाद, ऋण वसूली और संपत्ति शीर्षक मामलों से संबंधित चिंताओं को संबोधित करते हुए, बोदकदेव के निवासियों को कानूनी सहायता प्रदान करते हैं।
घाटलोडीया - सोला- साइंस सिटी:
अहमदाबाद के निवासियों के लिए, अधिवक्ता परेश एम मोदी विशेष कानूनी सेवाएं प्रदान करते हैं, जिनमें एनडीपीएस अधिनियम के मामले, हवाई अड्डे से संबंधित अपराध और कस्टम अधिनियम के मामले शामिल हैं।
हवाई अड्डा रोड - शाहीबाग - आश्रम रोड:
अहमदाबाद  के निवासियों के लिए, अधिवक्ता परेश एम मोदी विशेष कानूनी सेवाएं प्रदान करते हैं, जिनमें एनडीपीएस अधिनियम के मामले, हवाई अड्डे से संबंधित अपराध, कस्टम अधिनियम के मामले और सोने की तस्करी के मामले शामिल हैं।
सीजी रोड - नवरंगपुरा - आम्बावाड़ी:
नवरंगपुरा अहमदाबाद के  निवासी कुशल कानूनी सलाह के लिए एडवोकेट परेश एम मोदी पर भरोसा कर सकते हैं, जो चेक रिटर्न मामलों, व्यापार लेनदेन विवाद, सहकारी आवास सोसायटी विवादों और अन्य जैसे विविध क्षेत्रों को कवर करते हैं।
अहमदाबाद जिले गुजरात में शामिल क्षेत्र:
गांधीनगर:
गांधीनगर में एक प्रमुख कानूनी व्यक्ति के रूप में, अधिवक्ता परेश एम ��ोदी निषेध अधिनियम, नियमित जमानत मामलों ��र स��कारी आवास सोसायटी विवादों से जुड़े मामलों को संभालते हैं।
सानंद:
साणंद गुजरात के औद्योगिक केंद्र में, वकील परेश एम मोदी संपत्ति विवादों, तलाक के मामलों और वसीयत और वसीयत मामलों से संबंधित कानूनी चिंताओं को संबोधित करते हैं।
धोलका:
धोलका के निवासी चेक रिटर्न मामलों, साइबर अपराध मुद्दों और आपराधिक बचाव मामलों को संभालने में एडवोकेट परेश एम मोदी की विशेषज्ञता से लाभ उठा सकते हैं।
मेहसाणा:
अधिवक्ता परेश एम मोदी मेहसाणा के निवासियों को कानूनी सहायता प्रदान करते हैं, जिसमें पारिवारिक कानून, बैंकिंग मुद्दे और कस्टम अधिनियम मामलों सहित कानूनी सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है।
नडियाद:
ऐतिहासिक शहर नडियाद में, वकील परेश एम मोदी संपत्ति के स्वामित्व विवादों, क्रेडिट कार्ड विवादों और एफआईआर से संबंधित मामलों को संभालने में अपने कानूनी कौशल के लिए प्रसिद्ध हैं।
कानूनी विशेषज्ञता:
- कानूनी सलाहकार और कानूनी सलाहकार:
अधिवक्ता परेश एम मोदी एक विश्वसनीय कानूनी सलाहकार के रूप में कार्य करते हैं, जो विभिन्न कानूनी क्षेत्रों में रणनीतिक सलाह प्रदान करते हैं।
- चेक रिटर्न केस वकील - एनआई अधिनियम 138 मामले वकील:
अनादरित चेक से संबंधित मामलों में विशेषज्ञता रखते हुए, अधिवक्ता परेश एम मोदी परक्राम्य लिखत अधिनियम (एनआई अधिनियम) धारा 138 की जटिलताओं को सुलझाने में उत्कृष्ट हैं।
वैवाहिक वकील और पारिवारिक कानून अधिवक्ता:
अधिवक्ता परेश एम मोदी वैवाहिक विवादों, विवाह और तलाक के मामलों और पारिवारिक कानून मामलों में दयालु लेकिन मुखर प्रतिनिधित्व प्रदान करते हैं।
- संपत्ति का शीर्षक और सिविल कानून वकील:
चाहे वह संपत्ति के स्वामित्व संबंधी विवादों को सुलझाना हो या नागरिक मुकदमेबाजी को संभालना हो, अधिवक्ता परेश एम मोदी के पास कानूनी जटिलताओं को दूर करने की विशेषज्ञता है।
- साइबर अपराध बचाव वकील:
अधिवक्ता परेश एम मोदी साइबर अपराध के आरोपों के खिलाफ ग्राहकों का बचाव करने में सबसे आगे हैं, व्यक्तियों और व्यवसायों को ऑनलाइन खतरों से बचाने के लिए मजबूत कानूनी रणनीति पेश करते हैं।
- ऋण वसूली और क्रेडिट कार्ड विवाद केस के वकील:
ऋण वसूली में विशेषज्ञता, अधिवक्ता परेश एम मोदी क्रेडिट कार्ड विवादों, ऋण ईएमआई मुद्दों और वित्तीय मामलों में ग्राहकों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- आपराधिक बचाव वकील:
आपराधिक कानून पर ध्यान केंद्रित करने के साथ, अधिवक्ता परेश एम मोदी कई तरह के मामलों को संभालते हैं, जिनमें एनडीपीएस अधिनियम, सीमा शुल्क अधिनियम, हवाई अड्डे के अपराध, अवैध सोने की तस्करी, हवाई अड्डों पर नशीली दवाओं की तस्करी और बहुत कुछ शामिल हैं।
- गुजरात उच्च न्यायालय के वकील:
एक अनुभवी व्यवसायी के रूप में, अधिवक्ता परेश एम मोदी गुजरात उच्च न्यायालय में ग्राहकों का प्रतिनिधित्व करते हैं, उच्चतम स्तर पर कानूनी विशेषज्ञता और प्रतिनिधित्व प्रदान करते हैं।
निष्कर्ष:
अनुभव, समर्पण और ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण को संयोजित करने वाले कानूनी प्रतिनिधित्व के लिए, जटिल कानूनी परिदृश्य को सुलझाने में अधिवक्ता परेश एम मोदी को अपना विश्वसनीय कानूनी भागीदार मानें। अपनी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप वैयक्तिकृत और प्रभावी कानूनी समाधानों के लिए आज ही हमसे संपर्क करें। विभिन्न कानूनी क्षेत्रों में अपनी दक्षता के लिए, एडवोकेट परेश एम मोदी एक विश्वसनीय कानूनी सलाहकार और सलाहकार के रूप में खड़े हैं, जो व्यापक ग्राहकों को व्यापक समाधान प्रदान करते हैं।
आप एडवोकेट परेश एम. मोदी को उनके मोबाइल नंबर: 9925002031 पर कॉल कर सकते हैं और "[email protected]" पर ई-मेल कर सकते हैं।
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icnnetwork · 9 months
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#UP-विदेशी नागरिक की बंद फ्लैट में मिली लाश,मथुरा पुलिस तफ्तीश में जुटी
#Uppolice #mathurapolice #AmericanTourist #PaulAnthonyOdonil #dmMathura
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deepgardenvoid · 3 months
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दिमाग़ को हिला देने वाला सच, पढ़ कर आप भी आश्चर्य चकित रह जायेंगे ? (Data might vary)
_जरा सोचिए डाकू कौन ???_____________________________________
भारत में कुल 4120 MLA और 462 MLC हैं अर्थात कुल 4,582 विधायक।
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प्रति विधायक वेतन भत्ता मिला कर प्रति माह 2 लाख का खर्च होता है। अर्थात
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91 करोड़ 64 लाख रुपया प्रति माह। इस हिसाब से प्रति वर्ष लगभ 1100 करोड़ रूपये।
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भारत में लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर कुल 776 सांसद हैं।
इन सांसदों को वेतन भत्ता मिला कर प्रति माह 5 लाख दिया जाता है।
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अर्थात कुल सांसदों का वेतन प्रति माह 38 करोड़ 80 लाख है। और हर वर्ष इन सांसदों को 465 करोड़ 60 लाख रुपया वेतन भत्ता में दिया जाता है।
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अर्थात भारत के विधायकों और सांसदों के पीछे भारत का प्रति वर्ष 15 अरब 65 करोड़ 60 लाख रूपये खर्च होता है।
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ये तो सिर्फ इनके मूल वेतन भत्ते की बात हुई। इनके आवास, रहने, खाने, यात्रा भत्ता, इलाज, विदेशी सैर सपाटा आदि का का खर्च भी लगभग इतना ही है।
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अर्थात लगभग 30 अरब रूपये खर्च होता है इन विधायकों और सांसदों पर।
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अब गौर कीजिए इनके सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों के वेतन पर।
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एक विधायक को दो बॉडीगार्ड और एक सेक्शन हाउस गार्ड यानी कम से कम 5 पुलिसकर्मी और यानी कुल 7 पुलिसकर्मी की सुरक्षा मिलती है।
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7 पुलिस का वेतन लगभग (25,000 रूपये प्रति माह की दर से) 1 लाख 75 हजार रूपये होता है।
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इस हिसाब से 4582 विधायकों की सुरक्षा का सालाना खर्च 9 अरब 62 करोड़ 22 लाख प्रति वर्ष है।
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इसी प्रकार सांसदों के सुरक्षा पर प्रति वर्ष 164 करोड़ रूपये खर्च होते हैं।
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Z श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त नेता, मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए लगभग 16000 जवान अलग से तैनात हैं।
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जिन पर सालाना कुल खर्च लगभग 776 करोड़ रुपया बैठता है।
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इस प्रकार सत्ताधीन नेताओं की सुरक्षा पर हर वर्ष लगभग 20 अरब रूपये खर्च होते हैं।
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*अर्थात हर वर्ष नेताओं पर कम से कम 50 अरब रूपये खर्च होते हैं।*
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इन खर्चों में राज्यपाल, भूतपूर्व नेताओं के पेंशन, पार्टी के नेता, पार्टी अध्यक्ष , उनकी सुरक्षा आदि का खर्च शामिल नहीं है।
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यदि उसे भी जोड़ा जाए तो कुल खर्च लगभग 100 अरब रुपया हो जायेगा।
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अब सोचिये हम प्रति वर्ष नेताओं पर 100 अरब रूपये से भी अधिक खर्च करते हैं, बदले में गरीब लोगों को क्या मिलता है ?
*क्या यही है लोकतंत्र ?*
*(यह 100 अरब रुपया हम भारत वासियों से ही टैक्स के रूप में वसूला गया होता है।)*
_एक सर्जिकल स्ट्राइक यहाँ भी बनती है_
◆ भारत में दो कानून अवश्य बनना चाहिए
→पहला - चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध
नेता केवल टेलीविजन ( टी वी) के माध्यम से प्रचार करें
→दूसरा - नेताओं के वेतन भत्तो पर प्रतिबंध
| तब दिखाओ देशभक्ति |
प्रत्येक भारतवासी को जागरूक होना ही पड़ेगा और इस फिजूल खर्ची के खिलाफ बोलना पड़ेगा ?
*इस मेसेज़ को जितना हो सके फेसबुक और व्हाट्सअप ग्रुप में फॉरवर्ड कर अपनी देश भक्ति का परिचय दें।*
सादर निवेदन
माननीय PM and CM जी,
कृपया सारी *योजना बंद कर दीजिये।*
सिर्फ
*सांसद भवन जैसी कैन्टीन हर दस किलोमीटर पर खुलवा दीजिये ।*
सारे झगड़े ख़त्म।
*29 रूपये में भरपेट खाना मिलेगा..*
80% लोगों को घर चलाने का झगड़ा ख़त्म।
*ना सिलेंडर लाना, ना राशन*
और
घर वाली भी खुश ।
*चारों तरफ खुशियाँ ही रहेगी।*
फिर हम कहेंगे सबका साथ सबका विकास ।
*सबसे बड़ा फायदा 1र् किलो गेहूँ नहीं देना पड़ेगा*
और
*PM जी को ये ना कहना पड़ेगा कि मिडिल क्लास के लोग अपने हिसाब से घर चलाएँ ।*
इस पे गौर करें
कृपया कड़ी मेहनत से प्राप्त हुई ये जानकारी देश के हर एक नागरिक तक पहुँचाने की कोशिश करे ।
शान है या छलावा...।
पूरे भारत में एक ही जगह ऐसी है जहाँ खाने की चीजें सबसे सस्ती है ।
चाय = 1.00
सुप = 5.50
दाल= 1.50
खाना =2.00
चपाती =1.00
चिकन= 24.50
डोसा = 4.00
बिरयानी=8.00
मच्छी= 13.00
ये *सब चीज़ें सिर्फ गरीबों के लिए है और ये सब Available है Indian Parliament Canteen में।*
और उन *गरीबों की पगार है 5,00,000 रूपये महीना वो भी बिना income tax के ।*
आपके Mobile में जितने भी नम्बर save है सबको forward करें ताकि सबको पता चले …
कि यही कारण है कि इन्हें लगता है कि जो *आदमी 30 या 32 रूपये रोज़ कमाता है वो ग़रीब नहीं है।*
*Jokes तो हर रोज़ Forward करते हैं, आज इसे भी Forward करें और भारतीय जनता को जागरूक करें।*
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nepsebajarofficial · 10 months
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त्रिभुवन विमानस्थलबाट साढे ६ किलो सुन बरामद
त्रिभुवन अन्तर्राष्ट्रिय विमानस्थलबाट साढे ६ किलो सुनसहित विदेशी नागरिक पक्राउ परेका छन् । फ्लाइ दुबईको जहाजबाट शनिबार राति ११ बजेर ५१ मिनेट विमानस्थलमा अवतरण गरेका उनी ६ किलो ५७५ ग्राम सुनसहित पक्राउ परेका हुन् ।  सुन भन्सारबाट पास भइ बाहिरिसकेको अवस्थामा उनलाई प्रहरीले पक्राउ गरेको हो । पक्राउ परेका इजिप्टका नागरिक रहेका बताइएको छ । साथै शंकास्पद दुईजना सुडानी नागरिक पनि पक्राउ परेका र…
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erupse · 1 year
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ढोरपाटनमा विदेशी सिकारी
म्याग्दी — अमेरिकी नागरिक नाथन हन्टर भेनर यतिबेला ढोरपाटन क्षेत्रमा छन् । उनी यहाँ घुम्न वा कुनै काम विशेषले नभई सिकार खेल्न आएका हुन् । मुलुकको एकमात्र सिकार आरक्ष ढोरपाटनमा गत बुधबारदेखि काँधमा राइफल बोकेर ४० थान गोलीसहित सिकारको खोजीमा निस्किएका उनी कात्तिक २८ सम्म आरक्षमा हुनेछन् । ढोरपाटन आरक्षले उनलाई एउटा नाउर, एक बँदेल सिकार गर्ने अनुमति दिएको हो । यस वर्षको शरदयामको सिकार खेल्न भेनरसहित…
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rightnewshindi · 2 months
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भारत में भी होंगे बांग्लादेश जैसा हाल, जानें किस कांग्रेस नेता पर भड़के जगदीप धनखड़ और क्या कहा
Jagdeep Dhankhar News: राज्यसभा के उपसभापति जगदीप धनखड़ उन लोगों पर भड़क गए हैं जो कहते हैं कि भारत का हाल भी बांग्लादेश जैसा होगा। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना तंज कसा और चिंता जताई कि कोई भारत की तुलना बांग्लादेश से कैसे कर सकता है। धनखड़ ने ये बातें जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट के प्लेटिनम जुबली समारोह में कहीं। उन्होंने कहा कि इस देश का एक नागरिक जो सांसद रह चुका है और दूसरा जिसने कई विदेशी…
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newswave-kota · 1 year
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राजस्थान में कोटा से टूरिज्म का नया रास्ता खुला- मुख्यमंत्री
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हमने कोटा में 40 वर्षों बाद नये एयरपोर्ट के लिये जमीन उपलब्ध करवा दी, अब केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है यहां एयरपोर्ट को चालू करवाये न्यूजवेव @कोटा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कोटा में ऑक्सीजोन सिटी पार्क (The Garden of Joy) का लोकार्पण कर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी, स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल और अन्य मंत्रियों के साथ पार्क का अवलोकन किया।
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गहलोत ने पत्रकारों से कहा कि कोटा की पहचान पहले बडे़ उद्योगों से थी, जब उद्योग बंद हुये तो कोचिंग ने कोटा को पहचान दिलाई। चूंकि कोटा सहित हाडौती में टूरिज्म की अपार संभावनायें हैं। इसे देखते हुये नगरीय विकास मंत्री धारीवाल ने स्थानीय संसाधनों को उपयोग करते हुये कोटा में चम्बल रिवर फ्रंट, सिटी पार्क और सेवन वंडर्स जैसी सौगातें दी है। इससे शहर में टूरिज्म का नया रास्ता खुल गया है।
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एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोटा में 40 वर्षों बाद नये एयरपोर्ट के लिये जमीन उपलब्ध करवा दी है। अब केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि यहां एयरपोर्ट को चालू करवाये। कोटा-बूंदी के सांसद लोकसभा अध्यक्ष भी हैं, उनको इसकी पहल करनी होगी। इससे टूरिज्म कई गुना बढ जायेगा और यहां रोजगार के अवसर भी बढेंगे।
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गहलोत ने कहा कि 30 सितम्बर को विजन 2030 के तहत प्रदेशभर से आए सुझावों को एकत्रित कर विजन दस्तावेज तैयार करेंगे जिससे आने वाले समय में राजस्थान विकास के क्षेत्र में सिरमौर बन सके। उन्होंने बताया कि उत्तर भारत में आर्थिक विकास की दृष्टि से राजस्थान पहले पायदान पर है, बड़े राज्यों में आंध्रप्रदेश के बाद दूसरे नम्बर पर है। आने वाले समय में राजस्थान प्रत्येक पैरामीटर में प्रथम पायदान पर रहेगा। इससे पूर्व गहलोत ने नवनिर्मित कर भवन और द कोटा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के नवनिर्मित प्रधान कार्यालय एवं शाखा भवन का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि नगरीय विकास में राजस्थान देश में मॉडल स्टेट बन गया है। कोचिंग विद्यार्थियों को मिलेगा खुशनुमा माहौल
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प्राकृतिक सौंदर्य वाले सिटी पार्क में शहरवासियों के साथ बाहरी राज्यों से यहां कोचिंग ले रहे हजारों को विद्यार्थियों को पार्क में घूमने से तनावमुक्त खुशनुमा माहौल मिलेगा। यहां नेचर और म्यूजिक का संगम है। पार्क में दोनों प्रवेश द्वारों पर विशाल फाउंटेन बनाया गया है। समारोह में विधानसभा अध्यक्ष डॉ सी.पी. जोशी शिक्षा मंत्री बी.डी. कल्ला, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, राजस्व मंत्री रामलाल जाट, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, उद्योग मंत्री शकुंतला रावत, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, खान एवं गोपालन विभाग मंत्री प्रमोद जैन भाया, पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा सहित मंत्रिपरिषद के सदस्य, विधायक, जनप्रतिनितिधि एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। पहली पसंद बना ऑक्सीजोन सिटी पार्क
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कोटा में ऑक्सीजोन सिटी पार्क 120 करोड़ रु की लागत से 30 हैक्टेयर क्षेत्र में बना है। इसमें 4 किमी पक्का ट्रेक एवं 1.25 किमी नहर के सहारे जॉगिंग ट्रेक है। 1.04 किमी व 12-15 मीटर चौड़ाई की एक नहर भी बनाई गई है। इस पार्क में 2 लाख से अधिक पौधे लगाए गए हैं। 200 विदेशी-देशी पक्षियों के लिए 1 पक्षीशाला (ऐवियरी) दर्शनीय है।
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सिटी पार्क में 15 मीटर ऊंची गन मेटल से बनी ट्री मेन, नॉलेज इज फ्रीडम, सेव द अर्थ प्रतिमा आकर्षण का केंद्र हैं। पार्क में 13 गुना 28 मीटर का एक ग्लास हाउस का निर्माण किया गया है। एक आर्टिफिशियल पहाड़ी (आर्ट हिल) और 12 गुना 12 मीटर एवं 9 मीटर ऊंचा इन्वर्टेड पिरामिड पर थ्री डी मेपिंग होगी। 10 मीटर की ऊंचाई पर 45 गुना 40 मीटर का डक पौंड है। इसके अलावा 320 मीटर लम्बाई में एक झरना बहता है। पार्क की नहर पर 2 स्टोन ब्रिज, 1 वुडन ब्रिज, 1 रेम्प ब्रिज है। पार्क में फूड जोन, कैफे, सिटी बाजार, एम्पीथियेटर, किड्स जोन, ओपन जिम जैसे कई आकर्षण हैं। यह पार्क कोचिंग विद्यार्थियों के लिये पहली पसंद बन गया है।   Read the full article
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dainiksamachar · 1 year
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सोने की तस्करी से लेकर ATM की लूट तक, चीनी अपराधियों का गढ़ बना नेपाल, भारत के लिए बने खतरा
काठमांडू: नेपाल में चीन के कई आपराधिक गैंग्स एक्टिव हैं। ये नेपाल में से लेकर मैच फिक्सिंग, कॉल बाइपास, मानव तस्करी, एटीएम की लूट, ऑनलाइन फ्रॉड और गैर कानूनी तरीके से विदेशी मुद्रा की ट्रेडिंग करते हैं। हाल ही में नेपाल में राजस्व जांच विभाग (DRI) ने पुष्टि की कि 19 जुलाई को 60 किग्रा सोने की तस्करी में एक चीनी गिरोह शामिल था और इस गैंग ने नेपाल के रास्ते भारत में सोना पहुंचा था। ये लगातार भारत के लिए भी मुसीबत बनते जा रहे हैं। इसके अलावा भारत में लोगों की जान लेने वाले लोन एप में से कई नेपाल से ही चलते हैं। नेपाल पुलिस के प्रवक्ता उप महानिरीक्षक कुबेर कदायत ने कहा, 'हाल ही में चीनी नागरिकों की आपराधिक गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है।'उन्होंने बताया कि चीनी पर्यटक वीजा पर नेपाल आते हैं और यहां पहुंचने के बाद आपराधिक प्रवृत्ति वाले लोग क्राइम में हिस्सा लेते हैं। आईटी सेक्टर में काम करने की आड़ में ये लोग यहां रहते हैं। इसके बाद सोने की तस्करी, कॉल बायपास, मैच फिक्सिंग आदि धंधे में लग जाते हैं। पुलिस के नए आंकड़ों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान नेपाल में 42 चीनी लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इसी तरह 2021-22 में 13 और 2020-21 में 16 चीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया था। अपराध में शामिल होते हैं चीनी नागरिक गिरफ्तार किए गए सभी लोग कॉल बायपास, एटीएम तोड़फोड़, मैच फिक्सिंग, विदेशी मुद्रा के अवैध व्यापार और सोने की तस्करी में जुड़े थे। 23 दिसंबर 2019 को नेपाल पुलिस ने एक साथ 122 चीनी नागरिकों को गिरफ्तार कर वापस उनके देश भेज दिया था। इन चीनियों को पुलिस ने साइबर अपराध में शामिल होने के कारण गिरफ्तार किया था। उस समय यह पुष्टि हुई थी कि नेपाल में कुछ चीनी बड़े अपार्टमेंट को किराए पर लेकर उनमें अपराध का कारोबार चला रहे थे। गलत तरीके से ली नेपाली नागरिकता यह पाया गया है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में से सात चीनी सोने की तस्करी में शामिल हैं। इतना ही नहीं उन्होंने नेपाल के कानूनों का उल्लंघन करके नेपाल की नागरिकता हासिल कर ली है। इसके बाद एक नई जांच कमेटी बनाई गई है। त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट के कस्टम ने इन्हें पकड़ा था, लेकिन यह भाग निकले थे। http://dlvr.it/SvX38b
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