23.05.2024, लखनऊ | बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एवं चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा ट्रस्ट के इंदिरा नगर स्थित कार्यालय में "श्रद्धापूर्ण पुष्पांजलि" कार्यक्रम का आयोजन किया गया I कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल व ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने गौतम बुद्ध जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें सादर नमन किया I
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, “बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध के जन्मदिवस एवं महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है । महात्मा बुद्ध ने अपने जीवन में संघर्ष, दु:ख और संवेदना को समझा और मानवता के लिए शांति, प्रेम और सहानुभूति का संदेश दिया । उनकी शिक्षाएं हमें बताती हैं कि जीवन में समृद्धि पाने का रास्ता सिर्फ बाह्य संपत्ति और आनंद में ही नहीं है बल्कि आंतरिक शांति और आत्म-समर्पण के माध्यम से भी है । हमें दुख से निपटने के लिए अपने मन को संयमित करना चाहिए और साथ ही दूसरों की सहायता करने का भी प्रयास करना चाहिए । बुद्ध पूर्णिमा के दिन हमें अपने आप को उन्मुक्त करने का संकल्प लेना चाहिए एवं शांति और प्रेम के संदेश को फैलाने का काम करना चाहिए । इस बुद्ध पूर्णिमा पर आइए हम सभी महात्मा बुद्ध के महान संदेशों को याद करने का और उन्हें अपने जीवन में अमल में लाने का संकल्प लें तथा अपने आस-पास के लोगों के प्रति सहानुभूति और प्रेम का विस्तार करें ताकि हम सभी मिलकर एक समृद्ध और खुशहाल समाज का निर्माण कर सकें ।“
प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक एवं सांख्यिकीविद्, भारतीय सांख्यिकी संस्थान के संस्थापक एवं पद्म विभूषण से सम्मानित प्रो. पी. सी. महालनोबिस जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन ।
उनकी जयंती पर मनाये जाने वाले 'राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस' की समस्त देश वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं ।
प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक एवं सांख्यिकीविद्, भारतीय सांख्यिकी संस्थान के संस्थापक एवं पद्म विभूषण से सम्मानित प्रो. पी. सी. महालनोबिस जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन ।
उनकी जयंती पर मनाये जाने वाले 'राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस' की समस्त देश वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं ।
प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक एवं सांख्यिकीविद्, भारतीय सांख्यिकी संस्थान के संस्थापक एवं पद्म विभूषण से सम्मानित प्रो. पी. सी. महालनोबिस जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन ।
उनकी जयंती पर मनाये जाने वाले 'राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस' की समस्त देश वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं ।
प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक एवं सांख्यिकीविद्, भारतीय सांख्यिकी संस्थान के संस्थापक एवं पद्म विभूषण से सम्मानित प्रो. पी. सी. महालनोबिस जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन ।
उनकी जयंती पर मनाये जाने वाले 'राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस' की समस्त देश वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं ।
साहित्य अर्पण:अंतर्राष्ट्रीय मंच का भव्य आयोजन; हिन्दी दिवस विशेष अंतर्राष्ट्रीय काव्य गोष्ठी व साझा काव्य संकलन के मुख्य पृष्ठ का अनावरण
हिन्दी दिवस के अंतर्गत 6 घंटे चला मैराथन काव्य पाठ साथ ही “नवीन अवचेतन साहित्य सुमन” हिन्दी दिवस विशेष साझा काव्य संकलन के कवर पेज का अनावरण भी साहित्य अर्पण मंच द्वारा किया गया।
साहित्य अर्पण अंतरराष्ट्रीय मंच द्वारा हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में विशेष ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मंच की संस्थापक और सीईओ, नेहा शर्मा, जो दुबई से हिंदी साहित्य के वैश्विक प्रचार-प्रसार में सक्रिय भूमिका निभा…
126वें जन्म दिवस पर याद किये गए शिक्षविद पं. भगवानदीन दूबे
प्रतापगढ़, 16 सितंबर 2024। भगवानदीन दूबे इंटरमीडिएट कॉलेज, पहाड़पुर में कॉलेज के संस्थापक स्वर्गीय पं. भगवानदीन दूबे जी का 126वां जन्म दिवस समारोह भव्यता और गरिमामय तरीके से मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में केंद्र शासित प्रदेश लेह-लद्दाख के महामहिम उपराज्यपाल ब्रिगेडियर डॉ. बी.डी. मिश्रा उपस्थित रहे। उन्होंने दीप प्रज्वलित कर और मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का…
विश्नोई धर्म के संस्थापक संत जम्भेश्वर जी ने कहा है:
हरि पर हरि को नाम जपीजै, हिरयालो हरि आण हरूं, हरि नारायण देव नरूं। आशा सास निरास भइलो, पाइलो मोक्ष दवार खिंणू ।।
संत जम्भेश्वर जी की यह वाणी हरियाणा में अवतरित हुए संत रामपाल जी महाराज पर खरी उतरती है। क्योंकि वे शास्त्र अनुकूल भक्ति मार्ग बताते हैं जिससे मोक्ष संभव है।
15.10.2023, लखनऊ | महाराजा अग्रसेन जी की जन्म जयंती के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा "श्रद्धांपूर्ण पुष्पांजलि" कार्यक्रम का आयोजन ट्रस्ट के इंदिरा नगर स्थित कार्यालय, 25/2G, सेक्टर 25 में किया गया | कार्यक्रम में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल व ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने महाराजा अग्रसेन जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पार्पण कर उन्हें सादर नमन किया |
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, "आश्विन शुक्ल प्रतिपदा अर्थात नवरात्री के प्रथम दिवस को महाराज अग्रसेन के जन्म दिवस के रूप में अग्रसेन जयंती मनाई जाती है । अग्रवाल समाज में अग्रसेन जयंती सबसे बड़े पर्व के रूप में मनाई जाती हैं । महाराजा अग्रसेन एक कर्मयोगी लोकनायक के साथ-साथ संतुलित एवं आदर्श समाजवादी व्यवस्था के निर्माता भी थे । वे गणतंत्र के संस्थापक, समाजवाद के प्रणेता, अहिंसा के पुजारी एवं शांति के दूत थे । जनहित के लिए समर्पित ऐसी महान विभूति को उनकी जयंती पर शत्-शत् नमन और देशवासियों को नवरात्रि की ढेरों शुभकामनाएं । शक्ति प्रदायिनी मां दुर्गा हर किसी के जीवन में सुख-समृद्धि,सौभाग्य और उत्तम स्वास्थ्य लेकर आएं । नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री के चरणों में कोटि-कोटि वंदन । जय माता दी !
विश्नोई धर्म के संस्थापक संत जम्भेश्वर जी ने शब्द वाणी सं. 102 में कहा है:
विष्णु-विष्णु भण अजर जरी जै, धर्म हुवै पापां छुटिजै।
हरि पर हरि को नाम जपीजै, हिरयालो हरि आण हरूं, हरि नारायण देव नरूं।
आशा सास निरास भइलो, पाइलो मोक्ष दवार खिंणू।।
हरि अर्थात परमात्मा हरियाणा में प्रकट होंगे। उनके द्वारा बताई शास्त्रोक्त भक्ति की साधना से मोक्ष का मार्ग प्राप्त होगा। संत जम्भेश्वर जी की यह वाणी संत रामपाल जी महाराज पर खरी उतरती है। क्योंकि संत रामपाल जी महाराज ही वह पूर्ण परमात्मा के अवतार हैं जिनका अवतरण हरियाणा प्रांत में हुआ है। उनके द्वारा बताई भक्ति से लोग सुखी हो रहे हैं, क्योंकि संत रामपाल जी द्वारा बताई भक्ति शास्त्रों से प्रमाणित है।
💠संत रामपाल जी कौन हैं?
गीता अध्याय 15 श्लोक 1 में तत्वदर्शी संत की पहचान बताते हुए गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि
ऊपर को पूर्ण परमात्मा आदि पुरुष परमेश्वर रूपी जड़ वाला नीचे को तीनों गुण अर्थात् रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु व तमगुण शिव रूपी शाखा वाला अविनाशी विस्तारित पीपल का वृक्ष है, जिसके जैसे वेद में छन्द है ऐसे संसार रूपी वृक्ष के भी विभाग छोटे-छोटे हिस्से टहनियाँ व पत्ते कहे हैं। उस संसार रूपी वृक्ष को जो विस्तार से जानता है वह पूर्ण ज्ञानी अर्थात् तत्वदर्शी संत है।
संत रामपाल जी महाराज जी ही वह तत्वदर्शी संत हैं।
💠पूर्ण परमात्मा कविर्देव चारों युगों में आए हैं। सृष्टी व वेदों की रचना से पूर्व भी अनामी लोक में मानव सदृश कविर्देव नाम से विद्यमान थे। कबीर परमात्मा ने फिर सतलोक की रचना की, बाद में परब्रह्म, ब्रह्म के लोकों व वेदों की रचना की इसलिए वेदों में कविर्देव का विवरण है।
परमात्मा साकार है!
गुरु ग्रन्थ साहेब, राग आसावरी, महला 1 के कुछ अंश - पृष्ठ 463
💠कौन हैं संत रामपाल जी महाराज?
संत रामपाल जी महाराज कबीर परमेश्वर के अवतार हैं जिनके विषय में कबीर परमेश्वर ने 600 वर्ष पूर्व ही कबीर सागर के अध्याय स्वसमवेद बोध के पृष्ठ 171 पर बताया था कि
पांच सहंस अरू पाँच सौ पाँच, जब कलियुग बीत जाय।
महापुरूष फरमान तब, जग तारन को आय।।
घर घर बोध विचार हो, दुर्मति दूर बहाय।
कलियुग में इक होय सब, बरते सहज सुभाय।।
कहा उग्र कहा छुद्र हो, हरै सबकी भव पीर (पीड़)।
सो समान समदृष्टि है, समरथ सत्य कबीर।।
💠कौन हैं संत रामपाल जी?
संत रामपाल जी महाराज जगत के तारणहार, मुक्तिदाता संत हैं जिनके विषय में फ्रांस के विश्व प्रसिद्ध भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी के शतक 6 श्लोक 70 में लिखा है:
“मैं छाती ठोककर कहता हूं कि वह महापुरुष ऐसा ज्ञान बतलायेगा, जो आज से पहले किसी ने भी न सुना होगा, उसके ज्ञान को सुनकर सभी विद्वान कहलाने वाले धर्मगुरुओं को नतमस्तक होना पड़ेगा।”
जो ज्ञान संत रामपाल जी बता रहे हैं वह ज्ञान अब तक किसी को भी पता नहीं था और हम इस बात से भी वाकिफ़ हैं कि संत रामपाल जी महाराज ने वर्तमान समय के सभी धर्मगुरुओं को आध्यात्मिक ज्ञानचर्चा में निरुत्तर कर दिया है।
💠संत रामपाल जी कौन हैं?
जिस महापुरुष के विषय में जयगुरुदेव पंथ के संस्थापक तुलसीदास जी ने शाकाहारी पत्रिका (जयगुरुदेव की अमरवाणी भाग 2) के पृष्ठ 50 पर 7 सितंबर 1971 को भविष्यवाणी करी कि
'वह अवतार जिसकी लोग प्रतीक्षा कर रहे हैं वह 20 वर्ष का हो चुका है। यदि उसका पता बता दूँ तो लोग उसके पीछे पड़ जाएंगे, अभी ऊपर से बताने का आदेश नहीं हुआ है।'
वह अवतार यानि महापुरुष संत रामपाल जी महाराज जी हैं जिनका जन्म 8 सितंबर 1951 को गाँव धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में हुआ था जो 7 सितंबर 1971 को 20 वर्ष के हो चुके थे।
💠कौन हैं संत रामपाल जी?
धर्मगुरु व कथावाचकों का कहना है कि कर्मफल तो भोगना ही पड़ता है। जबकि संत रामपाल जी महाराज वे पूर्ण संत हैं जिन्होंने सामवेद मंत्र संख्या 822, ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 161 मंत्र 2, 5, ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 162 मंत्र 5 व ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 163 मंत्र 1-3 से प्रमाण सहित बताया कि यदि साधक की जीवन शक्ति नष्ट हो गई हो और वह मृत्यु के निकट पहुंच गया है तो भी पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी उसे पुनः जीवित करके सौ वर्ष की आयु प्रदान कर देते हैं। साथ ही किसी भी तरह का असाध्य रोग हो उसे भी परमात्मा ठीक कर देता है। यहाँ तक की परमात्मा हमारे संस्कारों में भी परिवर्तन कर सकता है।
💠संत रामपाल जी कौन हैं?
सम्पूर्ण विश्व को मानवता के सूत्र में बांधने का प्रयत्न करने वाले महापुरुष हैं संत रामपाल जी महाराज। जिनका नारा है:
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नही कोई न्यारा।।
💠कौन हैं संत रामपाल जी महाराज?
अमेरिका की भविष्यवक्ता फ्लोरेंस अपनी पुस्तक "Golden Light of New Era" में लिखती हैं कि
'जब मैं ध्यान लगाती हूं तो अक्सर एक संत को देखती हूँ। उसका गौर वर्ण है, सफेद बाल है, मुख पर ना दाढ़ी है, ना मूंछ है। वह संत अपनी कल्याणकारी विचारधारा तथा अपने सत् चरित्र प्रबल अनुयायियों की शक्ति से संपूर्ण विश्व में नए ज्ञान का प्रकाश फैला रहे हैं। उनमें इतनी शक्ति है कि वे प्राकृतिक परिवर्तन भी कर सकते हैं। उनकी कृपा और प्रयत्नों से मानवीय सभ्यता में नई जाग्रति आएगी।'
वह संत कोई और नहीं बल्कि संत रामपाल जी महाराज हैं जो उस नए ज्ञान को पूरे विश्व को प्रदान कर रहे हैं जिससे अभी तक सभी लोग अनभिज्ञ थे।
💠संत रामपाल जी कौन हैं?
परमेश्वर कबीर जी ने ‘‘कबीर सागर’’ के अध्याय ‘‘जीव धर्म बोध’’ के पृष्ठ
1960 पर गुरू के लक्षण बताते हुए कहा है:
गुरू के लक्षण चार बखाना। प्रथम वेद शास्त्र का ज्ञाना (ज्ञाता)।।
दूसरा हरि भक्ति मन कर्म बानी। तीसरा सम दृष्टि कर जानी।।
चौथा वेद विधि सब कर्मा। यह चारि गुरू गुन जानों मर्मा।।
संत रामपाल जी महाराज जी ही सर्व शास्त्रों के ज्ञाता हैं।
💠संत रामपाल जी महाराज कौन हैं?
संत रामपाल जी महाराज पूर्ण सतगुरु हैं जो सद्ग्रंथों से प्रमाणित सत्संग करते हैं वे अपने सत्संगो में कही एक-एक बात का प्रमाण शास्त्रों में दिखाते हैं। संत रामपाल जी महाराज गीता अध्याय 9 श्लोक 25 से प्रमाणित करते हुए बताते हैं कि मनमाने कर्मकांड जैसे-श्राद्ध, पिण्ड दान, माता मसानी और प्रेतों की पूजा करना गीता में मना किया गया है क्योंकि इनके करने से मानव भूत व पितर योनि को प्राप्त होता है। जिससे साधक का मानव जीवन व्यर्थ हो जाता है और वह मानव जीवन के मूल उद्देश्य मोक्ष की प्राप्ति नहीं कर पाता। इसलिए उनके द्वारा भक्त समाज को शास्त्र अनुकूल भक्ति प्रदान की जा रही है जिससे मानव का आत्म कल्याण हो सके।
💠कौन हैं संत रामपाल जी?
संत रामपाल जी महाराज के विषय में भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस ने शतक 1 श्लोक 50 में कहा है:
'तीन ओर से सागर से घिरे द्वीप यानि हिन्दुस्तान में उस महान संत का जन्म होगा, उस समय तत्वज्ञान के अभाव से अज्ञान अंधेरा होगा। वह धार्मिक नेता भक्ति की शक्ति से तथा तत्वज्ञान द्वारा सर्व राष्ट्रों को नतमस्तक करेगा। एशिया में उसे रोकना, उसके प्रचार में बाधा करना पागलपन होगा।'
संत रामपाल जी के तत्वज्ञान को नकली धर्मगुरुओं द्वारा रोकने का भरसक प्रयास किया गया। इसके विपरीत संत रामपाल जी का तत्वज्ञान दिन दुगनी और रात चौगुनी रफ़्तार से आगे बढ़ रहा है।
💠कौन हैं संत रामपाल जी?
सभी धर्मगुरु कहते हैं कि कर्मफल अर्थात पाप कर्म तो भोगना ही पड़ेगा जबकि संत रामपाल जी महाराज एकमात्र संत हैं जो यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32 और यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13 से प्रमाण सहित बताते हैं कि कविर्देव अर्थात कबीर परमेश्वर घोर से घोर पाप का भी नाश कर सकता है तथा काल के कर्मबंधनों से मुक्त कराकर मोक्ष प्रदान करता है।
💠संत रामपाल जी कौन हैं?
संत रामपाल जी महाराज एक विश्व प्रसिद्ध समाज सुधारक संत हैं जो अपने तत्वज्ञान के माध्यम से समाज से दहेज प्रथा, नशा, भ्रष्टाचार, अंधविश्वास, पाखंडवाद, छुआछात जैसी सभी सामाजिक बुराइयों को समाप्त कर, एक ऐसे स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं। जिसमें सभी व्यक्ति मिल-जुलकर आपसी भाईचारे के साथ रहेंगे और एक पूर्ण परमात्मा की शास्त्र अनुकूल भक्ति करेंगे, जिससे मानव सुखी होगा।
💠संत रामपाल जी कौन हैं?
क़ुरान शरीफ़ सूरह फ़ुरकान 25 की आयत 59 में जिस बाख़बर से इल्म प्राप्त करने के लिए कहा गया है वह बाख़बर संत रामपाल जी महाराज हैं जो क़ुरान शरीफ़, सूरह शूरा 42 आयत 2 में कादिर अल्लाह की इबादत के सांकेतिक कलमा (मंत्र) 'अैन. सीन. काफ' का भेद बताते हैं और कादिर अल्लाह (पूर्ण परमात्मा) की प्राप्ति के लिए इन्हीं सांकेतिक मंत्र को प्रदान करते हैं जिससे लोगों को अल्लाह से मिलेने वाले सम्पूर्ण लाभ हो रहे हैं।
शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने पर विपक्ष बनाम BJP, 10 पॉइंट में जानें दिनभर क्या हुआ
मुंबई: मुंबई में शिवाजी की मूर्ति गिरने पर विवाद प्रधानमंत्री की ओर से माफी मांगे जाने के बावजूद कम होने का नाम नहीं ले रहा है। महाराष्ट्र विधानसभ चुनाव से पहले माफी मांगना विवाद का विषय बन गया है और उद्धव ठाकरे ने इस पर सवाल उठाए हैं। वहीं महाविकास अघाड़ी के और सहयोगियों शरद पवार और नाना पटोले ने भी हमला बोला है। वहीं बीजेपी ने भी पलटवार किया है। महाराष्ट्र बीजेपी के प्रमुख नेता देवेंद्र फडणवीस ने जहां विपक्ष पर सवाल उठाए हैं, वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे को घेरा है। महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के विवाद पर राज्य में आज क्या हुआ, जानते 10 बड़े अपडेट-टॉप 10 पॉइंट इस प्रकार हैं:01- विरोध-प्रदर्शन के नाम रहा दिनरविवार को मुंबई में विरोध रैलियों का दिन रहा। देश की आर्थिक राजधानी में न केवल मूर्ति गिरने पर बीजेपी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए, बल्कि बीजेपी ने विपक्ष के खिलाफ भी एक रैली की। इसमें 17वीं शताब्दी के मराठा योद्धा राजा के प्रति उनकी श्रद्धा को चुनौती दी गई।02- शरद पवार ने उठाए सवालराष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने रविवार को कहा कि विपक्ष महाराष्ट्र में अगले दो महीनों में ‘महायुति’ सरकार को सत्ता से हटाने और छत्रपति शिवाजी के आदर्शों पर नयी सरकार बनने तक शांत नहीं बैठेगा। मुंबई के घाटकोपर में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पवार ने 26 अगस्त को सिंधुदुर्ग जिले में मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के गिरने की घटना को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की।03- उद्धव ने पीएम पर बोला हमलाविपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी ने एक विरोध रैली आयोजित की, जहां पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र की आत्मा का अपमान किया गया है और लोग छत्रपति शिवाजी का अपमान करने वालों को कभी नहीं भूलेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की माफ़ी पर भी सवाल उठाए। उद्धव ठाकरे ने जोड़े मारो यानी जूते से मारो विरोध प्रदर्शन में कहा कि क्या आपने (प्रधानमंत्री की) माफ़ी में अहंकार देखा? इसमें अहंकार की बू आ रही है।04- मूर्ति का गिरना महाराष्ट्र की आत्मा का अपमान उद्धव ठाकरे ने कहा कि प्रधानमंत्री किस बात के लिए माफ़ी मांग रहे थे? उस मूर्ति के लिए जिसका उन्होंने आठ महीने पहले उद्घाटन किया था? उसमें शामिल भ्रष्टाचार के लिए? एमवीए को शिवाजी महाराज का अपमान करने वाली ताकतों को हराने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। मूर्ति का गिरना महाराष्ट्र की आत्मा का अपमान है।05- दादर में बीजेपी का प्रदर्शनभारतीय जनता पार्टी ने मुंबई के दादर इलाके में महा विकास अघाड़ी के खिलाफ जवाबी विरोध प्रदर्शन किया। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि एमवीए का आंदोलन पूरी तरह से राजनीतिक है।06- फडणवीस ने विपक्ष को घेरादेवेंद्र फडणवीस ने कहा कि एमवीए या कांग्रेस ने कभी छत्रपति शिवाजी का सम्मान नहीं किया। पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी की ओर से लाल किले से दिए गए भाषणों को याद करें। छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम नहीं लिया गया। जब कमल नाथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तब छत्रपति शिवाजी की मूर्ति को बुलडोजर से हटा दिया गया था।07- शिंदे ने उद्धव पर बोला हमलामुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र के लोगों ने दो साल पहले ही उन्हें (उद्धव ठाकरे) उनकी जगह दिखा दी है। आप छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम लेते हैं, लेकिन काम औरंगजेब और अफजल खान जैसे हैं।08- कांग्रेस ने क्या कहा?कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि प्रधानमंत्री के माफी मांगने से बहुत पहले ही विपक्ष ने ऐसी ‘शिवाजी द्रोही’ (छत्रपति शिवाजी के सिद्धांतों के साथ विश्वासघात करने वाली) सरकार को सत्ता में आने देने के लिए मराठा योद्धा से माफी मांगी थी। उन्होंने कहा, ‘हमने संकल्प लिया है कि ऐसा दोबारा नहीं होगा।09- पीएम मोदी ने मांगी थी माफीप्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को पालघर में एक कार्यक्रम में कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ एक नाम या योद्धा नहीं बल्कि एक आराध्य देव हैं। उन्होंने कहा था कि आज मैं उनके (शिवाजी) चरणों में सिर झुकाता हूं और उनसे माफी मांगता हूं।10- क्या है विवाद?सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा 26 अगस्त को ढह गई थी। इस प्रतिमा का अनावरण 4 दिसंबर को नौसेना दिवस समारोह के हिस्से के रूप में किया गया था, जो कि सिंधुदुर्ग में पहली बार आयोजित किया गया था। http://dlvr.it/TCgN5F
Jamshedpur teacher's Day- शिक्षक दिवस के पूर्व आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में 500 शिक्षक हुए सम्मानित
जमशेदपुर: शिक्षक दिवस के पूर्व रविवार को को मानगो डिमना रोड के महेंद्र मैरिज हॉल में बाबा बैद्यनाथ सेवा संघ की ओर से आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में 500 शिक्षकों को सम्मानित करने का कार्य संघ के संस्थापक सदस्य विकास सिंह ने किया. संघ के द्वारा विगत छह वर्षों से शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया जाता रहा है कार्यक्रम में डिग्री कॉलेज, इंटर कॉलेज, उच्च विद्यालय, मध्य विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय के…
जिस महापुरुष के विषय में जयगुरुदेव पंथ के संस्थापक तुलसीदास जी ने शाकाहारी पत्रिका (जयगुरुदेव की अमरवाणी भाग 2) के पृष्ठ 50 पर 7 सितंबर 1971 को भविष्यवाणी करी कि
'वह अवतार जिसकी लोग प्रतीक्षा कर रहे हैं वह 20 वर्ष का हो चुका है। यदि उसका पता बता दूँ तो लोग उसके पीछे पड़ जाएंगे, अभी ऊपर से बताने का आदेश नहीं हुआ है।'
वह अवतार यानि महापुरुष संत रामपाल जी महाराज जी हैं जिनका जन्म 8 सितंबर 1951 को गाँव धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में हुआ था जो 7 सितंबर 1971 को 20 वर्ष के हो चुके थे।
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✰संत रामपाल जी महाराज अवतरण दिवस ✰
इस पावन शुभ अवसर पर दिनांक *06, 07, 08 सितंबर 2024* पर होने वाले विश्व के सबसे बड़े नि:शुल्क खुले भंडारे में आप सभी परिवार सहित सतलोक आश्रम सोजत, पाली, राजस्थान में सादर आमंत्रित है।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें: 𝟴𝟴𝟴𝟮𝟵𝟭𝟰𝟵𝟰𝟲, 𝟴𝟴𝟴𝟮𝟵𝟭𝟰𝟵𝟰𝟳
सरदार वल्लभ भाई पटेल | 146th Birth Anniversary Sardar Vallab Bhai Patel : Pledge for Unity
हमारी एकता में ही देश की अखण्डता है - डॉ० रूपल अग्रवाल
31.10.2022, लखनऊ | राष्ट्रीय एकता दिवस 2022 के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट व सरोज लाल जी मेहरोत्रा भारतीय विद्या भवन गर्ल्स डिग्री कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में आधुनिक भारत के शिल्पी, भारत के बिस्मार्क, लौह पुरुष भारत रत्न श्रद्धेय श्री सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की 146वीं जन्म जयंती पर "श्रद्धांपूर्ण पुष्पांजलि व Pledge for Unity" कार्यक्रम का आयोजन सरोज लाल जी मेहरोत्रा भारतीय विद्या भवन गर्ल्स डिग्री कॉलेज, गोमती नगर, लखनऊ में किया गया | कार्यक्रम में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ० रूपल अग्रवाल, भारतीय विद्या भवन गर्ल्स डिग्री कॉलेज की प्राचार्या डॉ० अलका निवेदन, डॉ० छवि निगम, शिक्षिकाओं व छात्राओं ने सरदार वल्लभ भाई पटेल जी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर देश में एकता व अखण्डता बनाये रखने हेतु शपथ ग्रहण की व यूनिटी चेन बनाकर "हम सब एक हैं" का नारा बुलंद किया I
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुयी तत्पश्चात डॉ रूपल अग्रवाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि, "आज राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर मैं सभी भारतवासियों को बधाई देती हूँ I जैसा की हम सभी जानते हैं आज हम स्वतंत्र भारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री व गृहमंत्री लौह पुरुष श्री सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की 146वीं जन्म जयंती मना रहे हैं जिसे पूरे देश राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है I सरदार पटेल जी यह कहा करते थे कि "एकता के बिना जनशक्ति नहीं है और शक्ति के अभाव में विश्वास व्यर्थ है, विश्वास और शक्ति दोनों किसी महान कार्य को करने के लिए आवश्यक है I अतः अगर हम अपने देश को राजनीतिक, आर्थिक और नैतिक रूप से मजबूत बनाना चाहते हैं तो हमें एकता की शक्ति को पहचानना होगा और आगे बढ़ना होगा क्योंकि हमारी एकता में ही देश की अखण्डता है I"
डॉ० अलका निवेदन ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का आभार जताते हुए कहा कि, "आज लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जयंती पर हम सब सादर नमन करते हैं व उनके बताये हुए रास्ते पर चलने की शपथ लेते है I मैं हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की ह्रदय से आभारी हूँ कि उन्होंने आज यह कार्यक्रम आयोजित किया व आशा करती हूँ कि आगे भी हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करता रहेगा जिसमें हमें हमारे देश के महापुरुषों के बारे में और अधिक जानने का मौका मिलेगा I"
डॉ० छवि निगम ने कहा कि, "किसी भी देश का आधार उसकी एकता और अखंडता में निहित होता है और सरदार पटेल देश की एकता के सूत्रधार थे I इसी वजह से उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है I वल्लभभाई झावेरभाई पटेल, जो सरदार पटेल के नाम से लोकप्रिय थे, एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे I वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और भारतीय गणराज्य के संस्थापक पिता थे जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए देश के संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाई और एक एकीकृत, स्वतंत्र राष्ट्र में अपने एकीकरण का मार्गदर्शन किया I गुजरात में नर्मदा के सरदार सरोवर बांध के सामने सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर (597 फीट) ऊँची लोह प्रतिमा (स्टेचू ऑफ़ यूनिटी) का निर्माण किया गया है जो विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा है I