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#स्वस्थता
hindisoulveda · 23 hours
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दोस्तों का छोटा सर्कल: क्यों ये बुरा नहीं है?
"क्या सच में ज़्यादा दोस्तों या मित्रों का समूह होना ज़रूरी है? इसका जवाब है– बिल्कुल नहीं! दोस्तों का छोटा सर्कल होना बुरा नहीं, बल्कि कई बार फायदेमंद साबित हो सकता है।"
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This article explores the idea that having a small circle of friends isn't necessarily a bad thing. It delves into the emotional and social benefits of maintaining close, meaningful relationships with a few people rather than having a large group of acquaintances.
The content highlights how a smaller circle can lead to deeper connections, trust, and support in both good times and bad.
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pradhyayoga · 1 year
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योग क्या है ?
योग क्या है ?
हम में से ज्यादा तर लोग आज योग को मात्र शारीरिक स्वाथ्य के रूप में लेते है , कुछ आसान और शरीर की अलग अलग मुद्राओ को करना ही योग मानते है ,आधुनिक युग में योग के अलग -अलग तरीके आपको दिखाए जाते है जो की लुभावने होते है पर क्या वो आपके लिए लाभकारी है ,ये समझने के लिए पहले हमे योग क्या है ये जानना होगा -
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शरीर, मन और आत्मा का एकीकरण है योग
शरीर, मन और आत्मा का एकीकरण ही योग कहा गया है ,योग का अर्थ ही है जोड़ना / मिलाना ,और भी सरल शब्दों में कहा जाये तो अपने शरीर को स्वस्थ्य से ,मन को अच्छे विचारो से और अपनी आत्मा को परमात्मा से मिलाना /जोड़ना या मिलाने का प्रयास करना ही योग है ,
योग एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है जो हमारे शरीर, मन और आत्मा के एकीकरण को समर्पित है। यह एक अद्वैत सिद्धांत है जो मनुष्य के सम्पूर्ण विकास और पूर्णता को प्राप्त करने की मार्गदर्शन करता है। योग आत्मा की अनुभूति और उसके अभिविकास को संभव बनाता है, जिससे हम आनंद, शांति, स्वस्थता और सच्ची संतुष्टि की अनुभूति कर सकते हैं।
योग का शास्त्रीय आधार पतंजलि के 'योग सूत्र' माना जाता है। पतंजलि ने योग को आठ अंगों में विभाजित किया है, जिन्हें 'अष्टांग योग' कहा जाता है। ये अष्टांग योग यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि हैं। इन अंगों के माध्यम से, योगी अपने मन को नियंत्रित करते हैं, शरीर को स्वस्थ रखते हैं और आत्मा के साथ अद्वैत अनुभव करते हैं।
योग के माध्यम से हम अपने शरीर की स्थायित्वता, लचीलापन, शक्ति और स्थैर्य को विकसित करते हैं। आसनों के द्वारा हम अपने शरीर को सुव्यस्थ और लचीला बनाते हैं। प्राणायाम के माध्यम से हम अपने प्राण (श्वास-प्रश्वास) को नियंत्रित करते हैं और अपने मन को शांत करते हैं। प्रत्याहार के द्वारा हम अपने इंद्रियों को इन्द्रिय विषयों से वश में लाते हैं और मन को बाहरी विषयों से आंतरिक मंदिर में नियंत्रित करते हैं। इस प्रकार योगी अपने मन को नियंत्रित कर अपनी चिंताओं और विचारों को स्वयं संयमित करते हैं।
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योग का ध्यान और समाधि अंग मन को एकाग्र करने, उसे अपनी सच्ची पहचान में ले जाने और आत्मा के साथ एकीकृत होने के लिए हैं। योगी ध्यान के माध्यम से अपने आंतरिक स्वरूप की पहचान करते हैं और समाधि में वह अपनी अस्तित्वता को भुल जाता है और परमात्मा के साथ अभिन्न हो जाता है। इस स्थिति में, योगी को सच्ची आनंद, शांति और आत्मिक समृद्धि की अनुभूति होती है।
योग आजकल एक प्रमुख ध्यान विधा के रूप में भी चर्चा में है। यहालांकि, योग केवल एक ध्यान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक पूर्ण जीवनशैली को भी दर्शाता है। योग का अभ्यास व्यक्ति को तनाव, रोग, मानसिक चिंताओं और अनियंत्रित मन के साथ निपटने में मदद करता है। योग के माध्यम से हम अपनी आंतरिक शक्तियों को जागृत करते हैं, स्वस्थ और खुश जीवन जीते हैं और स्वयं को संतुष्ट रखते हैं।
योग का महत्वपूर्ण अंश योगासन है, जिसमें विभिन्न शारीरिक पोज़ और आसनों को प्रदर्शित किया जाता है। योगासनों के अभ्यास से हमारे शरीर की लचीलापन, संतुलन, स्थायित्व और शक्ति में सुधार होती है। इसके अलावा, योग आसनों के द्वारा हम विभिन्न रोगों को नियंत्रित कर सकते हैं, जैसे कि मधुमेह, हृदय रोग, अस्थमा, अवसाद आदि।
योग का अभ्यास मनोरोगों में भी मदद करता है। ध्यान और मन को नियंत्रित करके हम स्वयं को शांत और स्वस्थ बना सकते हैं। योग का अभ्यास करने से मन में स्थिरता और एकाग्रता की स्थिति बढ़ती है, जिससे समस्याओं और टेंशन को नियंत्रित किया जा सकताहै।
योग का अभ्यास सिर्फ शारीरिक और मानसिक लाभों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह आत्मा के साथ एकीकृत होने की भी साधना है। जब हम योग के माध्यम से अपने मन को नियंत्रित करते हैं और अपनी आंतरिक स्वरूप को पहचानते हैं, तब हम एक ऊँचे स्तर पर उठते हैं और अपने स्वभाव के मूल्यों को समझते हैं। इस प्रकार, योग हमें सच्ची स्वतंत्रता, आनंद और मुक्ति की अनुभूति दिलाताहै।
योग हमारे शरीर, मन और आत्मा के एकीकरण को साधना करने और समर्पित होने का एक विज्ञान है। इसके माध्यम से हम अपनी शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्थिति में सुधार कर सकते हैं और एक सुखी, स्वस्थ और पूर्ण जीवन जी सकते हैं। योग का अभ्यास करने से हम अपनी सामर्थ्यों को पहचानते हैं और आपातकाल में भी स्थिर रहते हैं। इसलिए, योग हमारे जीवन का अटूट हिस्सा है और हमें स्वस्थ, स्थिर और संतुष्ट बनाने में सहायता प्रदान करता है। योग का अभ्यास आपकी जीवनशैली को सुधारता है और आपको एक सकारात्मक दिशा में ले जाता है।
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The Ayurvedic Miracle: 5 चमत्कारी हर्ब्स जो लिवर में भरे हुए विषाक्त पदार्थों को निकाल देंगे
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लिवर, हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो पाचन का समर्थन करने में मदद करता है। यह न्यूट्रिएंट्स को संग्रहित करके शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और हमें हानिकारक पदार्थों से मुक्त करके शरीर को डिटॉक्स करता है। इसके साथ ही, लिवर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो हमारे इम्यून सिस्टम के लिए आवश्यक है। एक स्वस्थ लिवर हमारे सामान्य स्वास्थ्य और आरोग्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
शराब की अधिकता, जंक फूड, प्रोसेस्ड और स्टेल फूड, एरेटेड ड्रिंक्स, अनियमित भोजन, बुरी नींद, तनाव का बढ़ना, और कुछ दवाओं का सेवन लिवर को क्षति पहुंचा सकते हैं। विश्व भर में लिवर रोगों के बढ़ते बोझ के कारण, हमें अपनी जीवनशैली में स्वस्थ्य संशोधन करने की आवश्यकता होती है और अपने लिवर को मजबूत और सुरक्षित रखने के लिए हर्बल सहायता लेनी चाहिए।लिवर के स्वास्थ्य को बनाए रखने और लिवर रोगों को रोकने और ठीक करने के लिए कई जड़ी-बूटियों का सेवन लाभदायक होता है। आइए हम कुछ ऐसी जड़ी-बूटियों को देखें जो लिवर के स्वास्थ्य के लिए सबसे फायदेमंद होती हैं।
लिवर स्वास्थ्य के लिए सबसे फायदेमंद जड़ी बूटियां लिवर को स्वस्थ रखने और उसकी क्��मता को बढ़ाने के लिए कई जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जा सकता है। यहां कुछ सबसे फायदेमंद जड़ी-बूटियां हैं जो लिवर स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकती हैं:
मिल्क थीस्ल लिवर के स्वास्थ्य को बनाए रखने और उसकी सुरक्षा के लिए, एक जड़ी-बूटी जो हमेशा सर्वोच्च स्थान पर खड़ी है, वह है मिल्क थीसल। इसे हर्बल दवाओं में लिवर को साफ करने और संरक्षण करने के लिए लंबे समय से उपयोग किया जाता आ रहा है और इसका गहन अध्ययन भी हो चुका है।
मिल्क थीस्ल में मजबूत एंटीऑक्सिडेंट और पौधे के तत्व मौजूद होते हैं, विशेष रूप से सिलीमारिन के रूप में जाना जाता है, जो आपके लिवर और पूरे शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है। इसका एक प्रोटेक्टिव प्रभाव भी होता है जो सूजन को कम करता है और लिवर रोग की प्रगति को धीमा करता है।
अश्वगंधा अश्वगंधा, एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो लिवर के संतुलन को बनाए रखने में मदद करती है। यह आपके लिवर की कोशिकाओं में तनाव और विकिरण को कम करके यहां तक कि क्षति को भी रोकने में मदद करता है। यह पाचन तंत्र के अच्छे कामकाज के लिए महत्वपूर्ण पित्त और संबंधित एंजाइमों के प्राकृतिक उत्पादन को बढ़ावा देने में भी सहायता करता है।
कुटकी यह आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी शरीर के लिए किसी भी औषधि से कम नहीं है। इसके शुद्धिकरण गुण लिवर और पित्ताशय दोनों पर प्रभाव डालते हैं। यह लिवर के कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने में मदद करती है और पित्त की प्रवाह प्रक्रिया को बढ़ाती है। इसे एक प्रबल औषधि  के रूप में मान्यता प्राप्त है जो खून को भी साफ करता है।
हल्दी हल्दी स्किन, पाचन तंत्र, लिवर और मस्तिष्क के लिए अत्यंत उपयोगी है। हल्दी में पाए जाने वाले डिटॉक्सिफाई करने वाले गुण लिवर के सभी कोशिकाओं और सेल्स को सुधारने में मदद करते हैं। यह बाइल उत्पादन को प्रोत्साहित करने में मदद करती है, जो आपके लिवर और पाचन सिस्टम का समर्थन करता है।, हल्दी में पाए जाने वाले सक्रिय तत्व, जिसे कुर्कुमिन कहा जाता है, लिवर स्वास्थ्य में सहायता करता है।
भुम्यमालकी भूम्यामलकी एक प्रमुख आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो लिवर के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। इसे पूरी दुनिया में "लिवर के राजा" के रूप में जाना जाता है। यह जड़ी-बूटी लिवर के विभिन्न संक्रमणों, विषाक्तता, और विकारों के इलाज में सक्रिय रूप से उपयोग की जाती है। भुम्यमालकी के सेवन से लिवर के तंत्र की स्वस्थता बनी रहती है और यह शरीर में ताजगी और ऊर्जा को बढ़ाने में सहायता करती है।
जड़ी-बूटियां उच्चतम गुणवत्ता वाली औषधियाँ हैं जो आपके लिवर को सफाई करने में मदद करती हैंऔर आपके लिवर को हानिकारक प्रभावों से बचाने में सहायता प्रदान करती हैं। हालांकि, लिवर के स्वास्थ्य के लिए सिर्फ जड़ी-बूटियों का सेवन करना पर्याप्त नहीं है। आपके  आहार और जीवनशैली भी आपके लिवर के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। संतुलित डाइट और स्वस्थ जीवनशैली के साथ साथ, Fytika Fit Liver  का सेवन प्राकृतिक रूप से उपयोगी है जो कि मिल्क थिसल, कुटकी, डैंडेलियन पुनर्नवा और भूमि अमला जैसी प्राकृतिक तत्वों  से बना है। इन टेबलेट में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और प्रोबायोटिक्स का संयोजन मिलकर आपके लिवर फैट खत्म करती  है और साथ ही लिवर की डिटॉक्सिफिकेशन करने, क्षति से बचाने और स्वस्थ लिवर कार्यक्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। यह स्वस्थ मल और पाचन को बढ़ावा देकर आपके ऊर्जा स्तर को भी बढ़ाता है।अतः इसका सेवन भी आपको लिवर की समस्या से निदान दिला सकता है ।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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narmadanchal · 26 days
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सुखतवा महाविद्यालय में राष्ट्रीय खेल दिवस का आयोजन
इटारसी। भगवान बिरसा मुंडा शासकीय महाविद्यालय सुखतवा में प्राचार्य श्रीमती कामधेनु पटोदिया के संरक्षण, स्पोट्र्स आफिसर डॉ राधा आशीष पांडे के मार्गदर्शन में खेल गतिविधियों को बढ़ाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय खेल दिवस का आयोजन किया। इस अवसर पर प्राचार्य ने संबोधित करते हुए कहा कि खेल से हम शारीरिक और मानसिक स्वस्थता प्राप्त कर लक्ष्य को हासिल कर सकते है। डॉ मंजू मालवीय ने कहा कि खेलों के क्षेत्र में…
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fojfitfitness · 4 months
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अग्निवीर भर्ती: फिजिकल टेस्ट की तैयारी 
भारतीय सेना में हर साल लगभग लाखों युवा आवेदन करते हैं, जिसमें से महज कुछ हजार लोग ही सेना का हिस्सा बन पाते हैं।अग्निवीर भारती दौड़ एक उत्सव है जो भारतीय राष्ट्रीयता, शारीरिक स्वस्थता और राष्ट्रभक्ति को प्रोत्साहित करता है। यह दौड़ हर साल विभिन्न भारतीय शहरों में आयोजित की जाती है और लाखों लोगों को एक साथ आने का मौका देती है।इस दौड़ के माध्यम से, युवाओं को अपने शारीरिक और मानसिक क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया जाता है। इसके साथ ही, वे राष्ट्रीय समृद्धि के प्रति अपने समर्पण को प्रकट करते हैं और समृद्ध भारत की दिशा में अपना योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं। 
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doctorforcervical1 · 4 months
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कपिंग थेरेपी के 10 विशेष उपयोगी तरीके
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कपिंग थेरेपी एक प्राचीन चीनी चिकित्सा पद्धति है जिसमें त्वचा पर ग्लास या सिलिकॉन के कप लगाकर रक्त प्रवाह को बढ़ावा दिया जाता है। इस चिकित्सा विधि में ग्लास कप को शरीर की चुनी हुई स्थानों पर लगाकर विशिष्ट तरीके से उसमें हवा को बाहर निकाला जाता है, जिससे त्वचा के नीचे रक्त प्रवाह को बढ़ाया जाता है। इस प्रक्रिया से शरीर की ऊर्जा का संतुलन सुधारता है और शारीरिक दर्द, सूजन, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं में राहत मिल सकती है।
कपिंग थेरेपी का माना जाता है कि यह रक्त संचार को बढ़ाने से त्वचा के अंदर के विभिन्न अंगों और ऊतकों को पोषण प्राप्त होता है और इससे त्वचा के रोगों जैसे की मामले में लाभ हो सकता है। इसके अलावा, कपिंग थेरेपी से तंत्रिकाओं की संतुलन और शारीरिक ऊर्जा के बारे में भी सुधार हो सकती है। यह चिकित्सा पद्धति विशेष तौर पर अर्थराइटिस, मांसपेशियों के दर्द, मांसपेशियों में तनाव, और मस्तिष्क के संबंधित समस्याओं में सुधार के लिए इस्तेमाल की जाती है।
कपिंग थेरेपी के 10 विशेष उपयोगी तरीके:
दर्द से राहत:कपिंग थेरेपी मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द, सिरदर्द, माइग्रेन, और मासिक धर्म ऐंठन जैसे विभिन्न प्रकार के दर्द से राहत प्रदान करने में प्रभावी हो सकती है। यह थेरेपी रक्त संचार को बढ़ावा देती है, शरीर में ऊर्जा संतुलन को सुधारती है, और दर्द को कम करने में मदद करती है।
सूजन कम करना: कपिंग थेरेपी सूजन को कम करने में मदद कर सकती है, जो दर्द और गतिशीलता में कमी का कारण बन सकती है। यह गठिया, चोटों और संक्रमण जैसी स्थितियों में फायदेमंद हो सकता है।
रक्त प्रवाह में सुधार: कपिंग थेरेपी त्वचा में रक्त प्रवाह को बढ़ावा दे सकती है, जिससे ऊतकों को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति में सुधार होता है। यह घाव भरने और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।
तनाव और चिंता कम करना: कपिंग थेरेपी तनाव और चिंता को कम करने में मदद कर सकती है। इस चिकित्सा विधि में बने बड़े बर्तनों को शरीर पर रखकर उनमें हवा को बाहर निकालने से अंदरूनी दबाव कम होता है और एंडोर्फिन की रिहाई को बढ़ावा मिल सकता है, जिससे मूड में सुधार हो सकता है।
त्वचा स्वास्थ्य में सुधार: कपिंग थेरेपी त्वचा के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है। यह मुंहासे, एक्जिमा और सोरायसिस जैसी स्थितियों के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।
पाचन तंत्र में सुधार: कपिंग थेरेपी प���चन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है। यह कब्ज, अपच, और सूजन जैसी स्थितियों के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है। इस चिकित्सा पद्धति में प्रयोग किए गए विशेष बर्तनों को शरीर पर रखकर उनमें हवा को बाहर निकालने से शरीर का अपशिष्ट, विषाक्त रक्त, और दूषित धातुओं से मुक्ति होती है, जिससे पाचन तंत्र की क्रिया सुधारती है।
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करना: कपिंग थेरेपी पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है। यह कब्ज, अपच, और सूजन जैसी स्थितियों के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है। इस चिकित्सा पद्धति में प्रयोग किए गए विशेष बर्तनों को शरीर पर रखकर उनमें हवा को बाहर निकालने से शरीर का अपशिष्ट, विषाक्त रक्त, और दूषित धातुओं से मुक्ति होती है, जिससे पाचन तंत्र की क्रिया सुधारती है।
वजन घटाने में सहायता: कपिंग थेरेपी वजन घटाने में सहायक हो सकती है। इस थेरेपी से चयापचय को बढ़ावा मिलता है और शरीर की वसा को जलाने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, कपिंग थेरेपी से शरीर का अच्छा रक्त संचार होता है जो स्वस्थ वजन प्राप्त करने में सहायक होता है।
डिमेंशिया का इलाज: कुछ अध्ययनों से पता चला है कि कपिंग थेरेपी डिमेंशिया के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है। इस चिकित्सा पद्धति में रक्त संचार को बढ़ावा देने से मस्तिष्क की स्वस्थता में सुधार हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप डिमेंशिया जैसी समस्याओं के लक्षणों में कमी आ सकती है।
कैंसर का इलाज: कुछ अध्ययनों से पता चला है कि कपिंग थेरेपी कैंसर के इलाज में सहायक हो सकती है। यह कैंसर कोशिकाओं को मारने और कैंसर के उपचार के दुष्प्रभावों को कम करने में मदद कर सकता है।
कपिंग थेरेपी के कुछ संभावित दुष्प्रभाव:
त्वचा पर चोट या घाव
चक्कर आना या मतली
थकान
सिरदर्द
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कपिंग थेरेपी हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं है। गर्भवती महिलाओं, रक्तस्राव विकारों वाले लोगों, और त्वचा की स्थिति वाले लोगों को कपिंग थेरेपी से बचना चाहिए। यदि आप कपिंग थेरेपी पर विचार कर रहे हैं, तो किसी योग्य चिकित्सक से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।
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ह्रदय की स्वास्थ्य की देखभाल: जानें और समझें
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क्या आपने कभी सोचा है, 'मेरे दिल की स्वस्थता कैसी है?' अपने दिल की स्वस्थता को समझना सभी के लिए महत्वपूर्ण है। यहाँ कुछ सरल लेकिन महत्वपूर्ण संकेतक हैं:
नियमित व्यायाम: शारीरिक गतिविधि में शामिल होने से न केवल आपके दिल को मजबूती मिलती है, बल्कि संचार भी बेहतर होता है और रक्तचाप कम होता है। संतुलित आहार: फल, सब्जी, पूरे अनाज और कम वसा वाले प्रोटीन की आहार को चुनें। यह आपका वजन संतुलित रखने में मदद करता है और कोलेस्ट्रोल स्तर को नियंत्रित रखता है। नियमित जांच: Dr. Md. Farhan Shikoh, MBBS, MD (Medicine), DM (Cardiology) जैसे कार्डियोलॉजिस्ट के साथ अपनी वार्षिक जाँच न छोड़ें। किसी भी समस्या की समय पर पहचान, आगे की समस्याओं से बच सकती है। तनाव प्रबंधन: ऊँचा तनाव हृदय स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। गहरी साँस लेने, ध्यान या योग जैसे आराम करने की तकनीकों का अभ्यास करें। पर्याप्त नींद: प्रति रात 7-9 घंटे की गुणवत्ता वाली नींद का लक्ष्य रखें। खराब नींद मोटापा और उच्च रक्तचाप जैसे हृदय रोग के जोखिम कारकों में योगदान कर सकती है।
ध्यान दें, एक स्वस्थ ह्रदय एक खुशहाल ह्रदय है! व्यक्तिगत देखभाल और विशेषज्ञ सलाह के लिए, डॉ. फरहान से संपर्क करें, राँची में स्थित सुकून हार्ट केयर, सैनिक मार्केट, मेन रोड, झारखंड: 834001। आप उनसे 6200784486 पर संपर्क कर सकते हैं या drfarhancardiologist.com पर जाकर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आपका दिल मायने रखता है, इसका ध्यान रखें! 💓
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hindunidhi · 5 months
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गौ माता के मंत्र: गौवंश की प्राचीन धरोहर (उच्चारण और फायदे)
गौ माता के मंत्रों का अनुष्ठान हमारे जीवन को सफल और समृद्ध बनाने में मदद करता है। इन मंत्रों का नियमित उच्चारण करने से हम अपने मन, शरीर, और आत्मा को संतुलित रखते हैं और अपने जीवन में सफलता की ओर अग्रसर होते हैं। गौ माता के मंत्रों का अनुष्ठान हमें आध्यात्मिक उन्नति और आत्म-समर्पण की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करता है।
गौ माता हमारे समाज में पवित्रतम मान्यताओं में से एक हैं। उनके प्रति हमारा समर्पण और श्रद्धा, हमारे संस्कृति और धर्म के विविध आयामों में गहरी उत्सुकता और प्रेम का प्रतीक है। गौ माता के मंत्र उनके श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं, जो उन्हें सदा प्रकाशमय और सफल जीवन की दिशा में आगे बढ़ने में सहायक होते हैं।
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गौ माता के मंत्रों का महत्व
गौ माता के मंत्रों का महत्व अत्यधिक है। ये मंत्र हमें ध्यान में लगाने, शांति और समृद्धि की प्राप्ति के लिए आह्वान करते हैं। गौ माता के मंत्र ध्यान और धार्मिकता को बढ़ावा देते हैं और हमें उनकी कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने में मदद करते हैं। इन मंत्रों का उच्चारण और अनुष्ठान हमें मानसिक और आध्यात्मिक स्थिरता प्रदान करता है।
गौ माता के मंत्रों की शक्ति
गौ माता के मंत्रों की शक्ति अद्भुत है। इन मंत्रों का जाप करने से हमारे मन, शरीर और आत्मा को आत्मिक शांति और संतुलन मिलता है। गौ माता के मंत्रों का प्रतिदिन जाप हमें स्वास्थ्य, धन, समृद्धि, और सफलता में सहायक होता है। ये मंत्र हमें नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति दिलाते हैं और हमारे जीवन में खुशियों की अनंत स्रोत प्रदान करते हैं।
गौ माता के मंत्रों का उच्चारण और फायदे
गौ माता के मंत्रों का उच्चारण करने से हमें अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। ये मंत्र हमें मन की शांति, शारीरिक स्वस्थता, और आत्मिक उन्नति में सहायक होते हैं। इन मंत्रों का नियमित उच्चारण करने से हमारी आत्मा का संयम और शक्ति में वृद्धि होती है। गौ माता के गोबर में लक्ष्मी माता का स्थान बताया गया है। गौ माता के मंत्रों का अनुष्ठान हमें सम्पूर्ण सुख और समृद्धि की प्राप्ति में मदद करता है।
गौ माता के मंत्रों का उपयोग
गौ माता के मंत्रों का उपयोग कई तरीकों से किया जा सकता है। इन मंत्रों का नियमित उच्चारण करने से हमारा मन शांत होता है और हम अपने दैनिक जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं। गौ माता के मंत्रों का जाप करने से हमारी आत्मा की ऊर्जा प्रशांत होती है और हम अपने जीवन में सकारात्मकता और संतुलन का अनुभव करते हैं।
गौ माता के मंत्रों की श्रद्धा
गौ माता के मंत्रों की श्रद्धा भारतीय संस्कृति में अत्यंत महत्वपूर्ण है। गौ माता के सिंगो में भगवान शिव जी का निवास माना जाता है, ये मंत्र हमारी आत्मा को शुद्धि, शक्ति, और संतुलन प्रदान करते हैं और हमें अपने जीवन में सफलता की ओर अग्रसर करते हैं। गौ माता के मंत्रों की श्रद्धापूर्ण अनुष्ठान से हम अपने जीवन में सफलता, शांति, और समृद्धि का अनुभव करते हैं।
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naturalhealingcentre · 6 months
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पथ्य अपथ्य आहार
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मनुष्य का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य आहार पर निर्भर करता है। सही आहार से जीवन ऊर्जावान और सकारात्मक बना रहता है, वहीं गलत आहार से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। आज के दौर में, बढ़ती जीवनशैली, तनाव और खान-पान की गलत आदतें स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही हैं। इसी के साथ, व्यक्तियों के पास अच्छे और सही आहार की जानकारी होना भी बहुत जरूरी है। इसी संदर्भ में, 'पथ्य अपथ्य आहार' का महत्व समझना आवश्यक है।
पथ्य आहार
'पथ्य आहार' का अर्थ है वह आहार जो हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए उत्तम होता है। इसमें पोषण से भरपूर और आवश्यक पोषक तत्वों का समावेश होता है। पथ्य आहार में फल, सब्जियां, अनाज, दालें, दूध आदि शामिल होते हैं। इन खाद्य पदार्थों में विटामिन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, और मिनरल्स जैसे महत्वपूर्ण तत्व पाए जाते हैं, जो हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं।
पथ्य आहार का सेवन करने से शारीरिक क्षमता बढ़ती है, त्वचा स्वस्थ रहती है, वजन नियंत्रित रहता है, मानसिक स्वस्थता बढ़ती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। पथ्य आहार के सेवन से हृदय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर, अस्थमा, ओस्टियोपोरोसिस आदि रोगों का जोखिम कम होता है।
अपथ्य आहार
अपथ्य आहार वह आहार होता है जो हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। इसमें अधिक मात्रा में तला-भुना, मीठा, नमकीन, तेल, अधिक चिकनाई वाले खाद्य पदार्थ, जंक फ़ूड्स, कफीन, शराब, शरबत, अधिक मात्रा में चीनी, प्रोसेस्ड फ़ूड्स, और बाजार में उपलब्ध आहार आते हैं। ये आहार पचाने में कठिन होते हैं और अत्यधिक मसालों और तेल के सेवन से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
अपथ्य आहार का सेवन करने से शारीरिक क्षमता कम होती है, मोटापा बढ़ता है, तनाव बढ़ता है, ह्रदय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर, आदि रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।
पथ्य अपथ्य आहार का महत्व
पथ्य अपथ्य आहार का अहम रोल हमारे स्वास्थ्य में है। यह न केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बल्कि हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। अच्छे आहार से शरीर की सम्पूर्ण ऊर्जा और पोषण मिलता है जो कि शरीर के उत्तम स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक होता है।
पथ्य आहार के सेवन से आत्मविश्वास बढ़ता है, दिमाग तेज होता है, बुद्धि बढ़ती है, और व्यक्ति सकारात्मक बना रहता है। वहीं, अपथ्य आहार का सेवन करने से तनाव बढ़ता है, दिल बीमारियों का जोखिम बढ़ता है, वजन बढ़ता है, और व्यक्ति थका-थका रहता है।
पथ्य और अपथ्य आहार का सेवन करने का फायदा और नुकसान शरीर की संरचना और कार्यात्मकता पर निर्भर करता है। अच्छे आहार से शरीर की ऊर्जा तथा क्षमता बढ़ती है, जबकि अपथ्य आहार से उसकी क्षमता और ऊर्जा कम हो जाती है।
संरक्षण और सलाह
पथ्य और अपथ्य आहार का सही समय पर सही मात्रा में सेवन करना बहुत महत्वपूर्ण है। दिनचर्या में अपने आहार को संतुलित रखने के लिए हमें सही खाद्य सामग्री का चयन करना चाहिए। व्यायाम और नियमित चिकित्सा जांच भी स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है।
अपने आहार में अधिक फल, सब्जियां, अनाज, दालें, और दूध को शामिल करें। अधिक से अधिक पानी पिएं और तला-भुना खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें। अपनी चाय और कॉफी की मात्रा कम करें और जंक फ़ूड्स का सेवन न करें। व्यायाम को नियमित रूप से करें और नियमित चिकित्सा जांच करवाएं।
निष्कर्ष
पथ्य और अपथ्य आहार का सही चयन करना आपके स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। सही आहार का सेवन करने से आपका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बना रहेगा और आपको एक सकारात्मक जीवन जीने में मदद मिलेगी। अपने आहार में संतुलितता और विवेकपूर्णता लाने से आप अपने जीवन को स्वस्थ्य बना सकते हैं और अपनी ऊर्जा और क्षमता को बढ़ा सकते हैं। इसलिए, पथ्य और अपथ्य आहार के महत्व को समझकर आपको अपने खान-पान की देखभाल करनी चाहिए।
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pilesdoctorinindore · 7 months
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इंदौर में पाइल्स, फिशर, फिस्टुला के लिए सिर्फ 30 दिन की प्रोसीजर से समाधान
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abhinews1 · 7 months
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तन-मन को तरोताजा रखने के लिए खेल जरूरीः जेल अधीक्षक
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तन-मन को तरोताजा रखने के लिए खेल जरूरीः जेल अधीक्षक
मथुरा। अच्छे भविष्य और बेहतर करियर के लिए जितना पढ़ाई का महत्व है, उतना ही महत्व बेहतर जीवन के लिए खेलों का भी है। शरीर के उचित विकास और फिजिकल फिटनेस के लिए खेलों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जो विद्यार्थी नियमित रूप से किसी न किसी खेल में हिस्सा लेते हैं वह अन्य लोगों की अपेक्षा अधिक स्वस्थ और तरोताजा रहते हैं लिहाजा भावी चिकित्सक न केवल स्वयं स्वस्थ रहें बल्कि समाज को भी स्वस्थ रहने का संदेश दें। उक्त सारगर्भित उद्गार सोमवार को के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में स्पर्धा-2024 के शुभारम्भ अवसर पर मुख्य अतिथि जेल अधीक्षक मथुरा बृजेश कुमार ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। स्पर्धा का शुभारम्भ मार्चपास्ट के बाद राष्ट्रगान उसके बाद गुब्बारे उड़ाकर किया गया। लगभग एक पखवाड़े तक चलने वाले स्पर्धा-2024 के शुभारम्भ अवसर पर प्राचार्य और डीन डॉ. मनेष लाहौरी तथा महाप्रबंधक अरुण अग्रवाल ने मुख्य अतिथि जेल अधीक्षक मथुरा बृजेश कुमार व विशिष्ट अतिथि डॉ. शैलेंद्र प्रताप सिंह जिला कमाण्डेंट होमगार्ड मथुरा का पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया। अपने उद्बोधन में जेल अधीक्षक बृजेश कुमार ने कहा कि शरीर के विकास के लिए सिर्फ पोषक पदार्थों से युक्त भोजन की ही जरूरत नहीं होती बल्कि अच्छी सेहत और बेहतर मानसिक विकास के लिए खेल जरूरी हैं। अब खेल समय की बर्बादी नहीं बेहतर करियर का माध्यम भी हैं। विशिष्ट अतिथि डॉ. शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि स्वस्थ शरीर और दिमाग को विकसित करने के लिए खेल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। खेलों से जहां हमारा शरीर सुगठित होता है वहीं मन भी तरोताजा रहता है लिहाजा है प्रत्येक छात्र-छात्रा को प्रतिदिन कुछ समय खेलों को अवश्य देना चाहिए। श्री सिंह ने छात्र-छात्राओं से फास्टफूड से दूर रहते हुए प्रकृति से जुड़ने का आह्वान किया। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल और प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने अपने संदेश में छात्र-छात्राओं से खेलभावना के साथ खेलने का आह्वान किया। इस अवसर पर प्राचार्य और डीन डॉ. मनेष लाहौरी ने कहा कि स्वस्थ शरीर हमारे दैनिक कार्यों को पूरा करने में मदद करता है। स्वस्थ रहने का अर्थ रोगरहित तन का होना ही नहीं बल्कि तनावमुक्त मन का होना भी है। शरीर और मन दोनों की स्वस्थता जीवन में सफलता के साथ आनंदमय जीवन जीने का सूत्र है। डॉ. लाहौरी ने कहा कि आज हर व्यक्ति स्वस्थ रहना चाहता है, समाज में खेल संस्कृति के प्रति चेतना आई है। लोग खेलों के महत्व को स्वीकारने लगे हैं। खेलकूद न केवल छात्र-छात्राओं का मनोरंजन करते हैं अपितु उनके स्वास्थ्य को भी उत्तम बनाते हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओं से खेलभावना के साथ विभिन्न प्रतियोगिताओं में शिरकत करने का आह्वान किया। इस अवसर पर कॉलेज की स्पोर्ट्स पत्रिका का विमोचन भी किया गया। स्पोर्ट्स आफीसर डॉ. सोनू शर्मा ने स्पर्धा की जानकारी देते हुए कहा कि छात्र-छात्राओं को छह ग्रुपों में बांटा गया है तथा छात्र वर्ग की कप्तानी सौरभ बंसल तथा छात्रा वर्ग की कप्तानी आयुषी यादव को सौंपी गई है। प्रतियोगिता के व्यवस्थित संचालन की जवाबदेही स्पोर्ट्स आफीसर लोकेश शर्मा, लक्ष्मीकांत चौधरी, निशांत शर्मा आदि को सौंपी गई है। स्पर्धा-2024 में क्रिकेट, शतरंज, बास्केटबाल, वॉलीबाल, फुटबाल, कबड्डी, रस्साकशी, बैडमिंटन, कैरम, पंजा-कुश्ती, थ्रोबाल, एथलेटिक्स आदि प्रतिस्पर्धाएं होंगी। स्पर्धा का आगाज शतरंज और रस्साकशी प्रतियोगिता से हुआ। स्पर्धा-2024 के शुभारम्भ अवसर पर सभी संकाय सदस्य, चिकित्सक, प्रशासनिक अधिकारी नीरज छापड़िया तथा बड़ी संख्या में खिलाड़ी छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन कृति बरसौल तथा मित्रा जे. सिंह ने किया।
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hindisoulveda · 1 month
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Exploring the Bonds of Rakshabandhan: From Childhood to Now
This article on Soulveda delves into the cherished festival of Rakshabandhan, exploring how the tradition of tying a thread of silk symbolizes the deep bond between siblings. From childhood memories to present-day celebrations, the piece reflects on how this ritual has evolved over time while preserving its essence.
Discover the significance of Rakshabandhan, the emotional connections it fosters, and how it continues to strengthen relationships through generations.
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jeevanvidya · 7 months
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मानव जाति में मनः स्वस्थता की रिक्तता को भरने के लिए यह विकल्प प्रस्तुत हुआ है. #jeevanvidya
#madhyasthdarshan
#जीवनविद्या
#मध्यस्थदर्शन https://www.jeevan-vidya.com/manav-jaati/
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proctologistinindore · 7 months
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इंदौर में पाइल्स, फिशर, फिस्टुला का समाधान सिर्फ 30 दिन की प्रोसीजर से
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freelanceatwill-blog · 8 months
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स्लिम ब्यूटी डांस: स्वस्थता और सौंदर्य का खास अनुभव
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martandstore · 8 months
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सुंदरता का रहस्य: चमकती त्वचा के लिए आयुर्वेदिक क्रीम
त्वचा हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण और बड़ा ज्यों का त्यों का अंग है। यह हमें बाहरी आकृति देने के साथ-साथ, हमारे आत्मविश्वास को भी बढ़ाती है। इसलिए, चमकती और स्वस्थ त्वचा का होना हमारे लिए महत्वपूर्ण है। आयुर्वेद का अनुभव और सामग्रियों की समृद्धि के साथ, हमें त्वचा की सुरक्षा और देखभाल के लिए कई विकल्प मिलते हैं। इस ब्लॉग में, हम एक ऐसी आयुर्वेदिक क्रीम के बारे में बात करेंगे जो त्वचा को सुंदरता का रहस्य देती है - Martand CHANDRAKANTA Ayurvedic Skin Care Ointment।
आयुर्वेद त्वचा की देखभाल के लिए सदियों से जाना जाता है और Martand CHANDRAKANTA Ayurvedic Skin Care Ointment इस परंपरागत ज्ञान को आपके लिए एक सुगंधित और प्रभावी समाधान के साथ लेकर आया है।
Martand CHANDRAKANTA Ayurvedic Skin Care Ointment एक अद्वितीय ब्रांड है जो आपको स्वाभाविक सामग्रियों से बनी उत्कृष्टता के साथ एक स्वस्थ त्वचा प्रदान करता है। इसमें पाए जाने वाले औषधीय तत्व और जड़ी-बूटियों का संयुक्त प्रयोग त्वचा को गहरे से मोईस्चराइज़ करने में मदद करता है और उसे नरम, चमकदार और स्वस्थ बनाए रखता है।
चंदन, नींबू, आम्ला, नीम, और जैतून के तेल के साथ, Martand CHANDRAKANTA Ayurvedic Skin Care Ointment में विशेषकर चंदन का उपयोग त्वचा के रंग को सुंदर और उज्ज्वल बनाए रखने के लिए किया जाता है। चंदन की आगंतुक गुणधर्म त्वचा को ठंडक प्रदान करता है और कुष्ठ, दाद, और खुजली जैसी चर्मरोगों के खिलाफ एक प्राकृतिक रक्षा प्रदान करता है।
Martand CHANDRAKANTA Ayurvedic Skin Care Ointment की एक अन्य विशेषता यह है कि यह त्वचा के अंदर से होकर समस्त कीटाणुओं के खिलाफ एक प्राकृतिक रक्षा प्रदान करता है। इसमें मौखिक क्षेत्र को स्वच्छ और स्वस्थ बनाए रखने के लिए तुलसी, मन्जिष्ठा, और दारुहरिद्रा जैसी जड़ी-बूटियां शामिल हैं।
Martand CHANDRAKANTA Ayurvedic Skin Care Ointment का उपयोग करना बहुत ही आसान है। आप इसे दिन में दो बार त्वचा पर लगा सकते हैं, और इसे निर्धारित समय के लिए रखने के लिए सुनिश्चित करें। इसका नियमित उपयोग आपको समय के साथ एक नई त्वचा की चमक और स्वस्थता प्रदान करेगा।
इस ब्लॉग का संक्षेप में कहें तो, सुंदरता का रहस्य Martand CHANDRAKANTA Ayurvedic Skin Care Ointment में छिपा है। इसमें समृद्ध और प्राकृतिक घटकों का संयुक्त प्रयोग होने के कारण यह आपकी त्वचा को स्वस्थ, चमकदार, और युवा बनाए रखता है। आयुर्वेदिक सौंदर्य से सम्बंधित इस नई आयुर्वेदिक क्रीम के साथ, आप अपनी त्वचा को प्राकृतिक रूप से निखारी और सुंदर बना सकते हैं।
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