शिव के अनसुने किस्से: जानिए भोलेनाथ से जुड़े वो रहस्य जो आज भी हैं अनदेखे
भगवान शिव, जिन्हें भोलेनाथ, महादेव और शिवशंकर के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में सबसे पूजनीय देवताओं में से एक हैं। वे विनाश और सृजन के देवता हैं, और उन्हें भगवान विष्णु और ब्रह्मा के साथ त्रिमूर्ति का हिस्सा माना जाता है। भगवान शिव के जीवन से जुड़ी कई कहानियां और किस्से हैं, जिनमें से कुछ प्रसिद्ध हैं और कुछ अनसुनी।
भारतीय संस्कृति में भगवान शिव को उनकी अद्वितीयता और गौरव के लिए पूजा जाता है। वे सृष्टि के प्रारंभक, सर्वशक्तिमान, और संहारक हैं। उनके विभिन्न रूप, तप, और रहस्य भक्तों को आकर्षित करते हैं और उनके जीवन में अनगिनत किस्से और गहरे रहस्य हैं। ये रहस्य हमें उनके महत्वपूर्ण सिद्धांतों और जीवन की अद्वितीयता के प्रति जागरूक करते हैं।
शिव चालीसा और शिव जी की आरती
भगवान शिव, जो हिन्दू धर्म में प्रमुख देव हैं, उनकी भक्ति से जुड़े स्त्रोत हैं। शिव चालीसा, जिसका अर्थ है "चालीस पद," भगवान शिव के गुणों, दिव्य कार्यों और महत्त्व का वर्णन करने वाली हार्दिक स्तुति है। ऐसा माना जाता है कि चालीसा का पाठ करने से शांति मिलती है, बाधाएं दूर होती हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। शिव आरती प्रकाश की भेंट चढ़ाने वाली प्रार्थना है, जिसमें भजन और मंत्र शामिल होते हैं। आरती करना कृतज्ञता व्यक्त करने और कल्याण एवं समृद्धि के लिए शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने का एक तरीका है। ये दोनों स्त्रोत, पूजा के दौरान या व्यक्तिगत रूप से जपने पर, भगवान शिव की कृपा से जुड़ने के प्रभावी मार्ग हैं।
अनसुने किस्से:
नीलकंठ:
समुद्र मंथन के समय निकले विष को भगवान शिव ने ग्रहण कर लिया था, जिसके कारण उनका कंठ नीला हो गया था।
गंगा अवतरण:
भगवान शिव ने देवी गंगा को अपने मस्तक पर धारण किया था, जिससे गंगा नदी पृथ्वी पर अवतरित हुई थी।
त्रिशूल धारण:
भगवान शिव के त्रिशूल के तीन अंक ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतिनिधित्व करते हैं।
नटराज:
नटराज स्वरूप में भगवान शिव नृत्य करते हुए ब्रह्मांड के निर्माण, विनाश और पुनर्निर्माण का प्रतीक हैं।
सोमनाथ:
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भगवान चंद्रमा ने सोमनाथ में उनकी पूजा की थी।
अर्धनारीश्वर:
शिव के अर्धनारीश्वर रूप का महत्वपूर्ण संदेश है। यह रूप शिव और पार्वती माता के आपसी मेल-जोल को दर्शाता है, और सृष्टि के द्वंद्वों को समानता और संतुलन के माध्यम से प्रतिष्ठित करता है।
शिव और विष्णु:
शिव और विष्णु के बीच आध्यात्मिक युद्ध का कथन भी महत्वपूर्ण है। यह युद्ध ब्रह्मा की गलतियों को सुधारने के लिए हुआ था और इससे हमें धर्म और न्याय के महत्वपूर्ण सिद्धांतों का संदेश मिलता है।
महाकाल:
शिव को "महाकाल" के रूप में भी पूजा जाता है, जो समय और मृत्यु का प्रतिनिधित्व करता है। इससे हमें समय के महत्व और जीवन के मूल्य की याद दिलाई जाती है।
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Mahashivratri: Commemorating the Divine Union of Shiva and Parvati
Mahashivratri is a special festival Hindus celebrate to honor and worship Lord Shiva, one of the principal deities in the Hindu religion. This festival holds great significance in the hearts of devotees and is observed with enthusiasm and devotion.
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Celebrating Maha Shivratri , 2024 :
Date: Maha Shivratri falls on Fri, 8 Mar, 2024, 9:57 pm – Sat, 9 Mar, 2024, 6:17 pm. This night holds immense significance for Hindus around the world.
Significance:
Honoring Lord Shiva: Maha Shivratri literally translates to "The Great Night of Shiva." It's a night dedicated to the...... Continue reading
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शिव यजुर मंत्र, जिसे कर्पूरगौरं करुणावतारम् मंत्र के नाम से भी जाना जाता है, सबसे प्रसिद्ध शिव मंत्रों में से एक है।
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शिव जी की बेटी | Shiv Ji Ki Beti | Hindi Kahani | Bhakti Kahani | Bhakti...
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Sawan Special : शिव मंदिर के बाहर क्यों है नन्दी विराजमान ?
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Sawan Special – सावन का महीना चल रहा है ऐसे में शिव जी के भक्त बड़ी ही श्रद्धा भाव से भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हुए नज़र आ रहे है। वैसे तो भक्त हमेशा ही शिव मंदिरों में जाना पसंद करते है लेकिन सावन का महीना भोलेनाथ के भक्तों के लिए बहुत ही खास होता है।
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हिन्दू धर्म में भगवान शिव को जहाँ देवो के देव महादेव माना जाता है, तो बही उनके…
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Shri Mahakaleshwar Live Darshan , Ujjain .
Mahakaleshwar Jyotirlinga is a Hindu temple dedicated to Shiva and is one of the twelve Jyotirlingas, shrines which are said to be the most sacred abodes of Shiva. It is located in the ancient city of Ujjain in the state of Madhya Pradesh, India. The temple is situated on the side of the holy river Shipra.
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गौ माता के मंत्र: गौवंश की प्राचीन धरोहर (उच्चारण और फायदे)
गौ माता के मंत्रों का अनुष्ठान हमारे जीवन को सफल और समृद्ध बनाने में मदद करता है। इन मंत्रों का नियमित उच्चारण करने से हम अपने मन, शरीर, और आत्मा को संतुलित रखते हैं और अपने जीवन में सफलता की ओर अग्रसर होते हैं। गौ माता के मंत्रों का अनुष्ठान हमें आध्यात्मिक उन्नति और आत्म-समर्पण की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करता है।
गौ माता हमारे समाज में पवित्रतम मान्यताओं में से एक हैं। उनके प्रति हमारा समर्पण और श्रद्धा, हमारे संस्कृति और धर्म के विविध आयामों में गहरी उत्सुकता और प्रेम का प्रतीक है। गौ माता के मंत्र उनके श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं, जो उन्हें सदा प्रकाशमय और सफल जीवन की दिशा में आगे बढ़ने में सहायक होते हैं।
गौ माता के मंत्रों का महत्व
गौ माता के मंत्रों का महत्व अत्यधिक है। ये मंत्र हमें ध्यान में लगाने, शांति और समृद्धि की प्राप्ति के लिए आह्वान करते हैं। गौ माता के मंत्र ध्यान और धार्मिकता को बढ़ावा देते हैं और हमें उनकी कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने में मदद करते हैं। इन मंत्रों का उच्चारण और अनुष्ठान हमें मानसिक और आध्यात्मिक स्थिरता प्रदान करता है।
गौ माता के मंत्रों की शक्ति
गौ माता के मंत्रों की शक्ति अद्भुत है। इन मंत्रों का जाप करने से हमारे मन, शरीर और आत्मा को आत्मिक शांति और संतुलन मिलता है। गौ माता के मंत्रों का प्रतिदिन जाप हमें स्वास्थ्य, धन, समृद्धि, और सफलता में सहायक होता है। ये मंत्र हमें नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति दिलाते हैं और हमारे जीवन में खुशियों की अनंत स्रोत प्रदान करते हैं।
गौ माता के मंत्रों का उच्चारण और फायदे
गौ माता के मंत्रों का उच्चारण करने से हमें अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। ये मंत्र हमें मन की शांति, शारीरिक स्वस्थता, और आत्मिक उन्नति में सहायक होते हैं। इन मंत्रों का नियमित उच्चारण करने से हमारी आत्मा का संयम और शक्ति में वृद्धि होती है। गौ माता के गोबर में लक्ष्मी माता का स्थान बताया गया है। गौ माता के मंत्रों का अनुष्ठान हमें सम्पूर्ण सुख और समृद्धि की प्राप्ति में मदद करता है।
गौ माता के मंत्रों का उपयोग
गौ माता के मंत्रों का उपयोग कई तरीकों से किया जा सकता है। इन मंत्रों का नियमित उच्चारण करने से हमारा मन शांत होता है और हम अपने दैनिक जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं। गौ माता के मंत्रों का ���ाप करने से हमारी आत्मा की ऊर्जा प्रशांत होती है और हम अपने जीवन में सकारात्मकता और संतुलन का अनुभव करते हैं।
गौ माता के मंत्रों की श्रद्धा
गौ माता के मंत्रों की श्रद्धा भारतीय संस्कृति में अत्यंत महत्वपूर्ण है। गौ माता के सिंगो में भगवान शिव जी का निवास माना जाता है, ये मंत्र हमारी आत्मा को शुद्धि, शक्ति, और संतुलन प्रदान करते हैं और हमें अपने जीवन में सफलता की ओर अग्रसर करते हैं। गौ माता के मंत्रों की श्रद्धापूर्ण अनुष्ठान से हम अपने जीवन में सफलता, शांति, और समृद्धि का अनुभव करते हैं।
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Mahashivratri: Celebrating the Divine Union of Shiv Ji
Mahashivratri is a special festival Hindus celebrate to honor and worship Lord Shiva, one of the principal deities in the Hindu religion. This festival holds great significance in the hearts of devotees and is observed with enthusiasm and devotion.
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I just watched Arjun: the warrior prince and I just want to say THE PLOT TWIST WAS LEGENDARY
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#शिवजी_किसका_ध्यान_धरते_हैं
शिव भगवान अधिकतर समाधि में लीन रहते हैं
तो क्या इनसे ऊपर भी कोई परमात्मा है???
👇🙏🏻
पवित्र सद् ग्रंथों अनुसार सतज्ञान की प्राप्ति के लिए अवश्य देखें सत्संग साधना टीवी पर रात्रि 7:30 से 8:30
#Shankaracharya #Devkinandan
#Sanatani_Elvish_Yadav
#SUGA
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सत्यवती की भक्ति | Satyavati Ki Bhakti | Hindi Kahani | Moral Stories | ...
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भगवान शिव ने क्यों लिया अर्धनारीश्वर अवतार
भगवान शिव ने क्यों लिया अर्धनारीश्वर अवतार
भगवान शिव के कई स्वरुप हैं, मगर उनका अर्धनारीश्वर अवतार सबसे खास माना जाता है। इस स्वरूप में संसार के विकास की कहानी छुपी हुई है। शिव पुराण, नारद पुराण सहित अन्य कई पुराणों के अनुसार अगर शिव इस स्वरूप को धारण नहीं करते तो सृष्टि आज भी वीरान रह जाती। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताने जा रहे है कि आखिरकार क्यों भगवान शिव ने अर्धनारीश्वर अवतार लिया।
इस वजह से भगवान शिव ने लिया अर्धनारीश्वर…
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