KOI BAN GAYA RONAQ PAKHIYA DI
KOI CHORH KE SHEESH MEHAL CHALEYA
KOI PALEYA NAAZ TE NAKHREYA VICH
KOI GARAM REIT TE THALL CHALEYA
KOI BHUL GAYA MAQSAD AVAN DA
KOI KAR KE MAQSAD HALL CHALEYA
GULAAM FAREEDA ETHE SAB MUSAFIR NE
KOI AJ CHALEYA, KOI KAL CHALEYA."
#sheikfarid #Punjabi #quotes
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शेख फरीद जी अपने गुरुजी के बताए अज्ञान के अनुसार अल्लाह को निराकार (बेचून) मानते थे और अल्लाह की प्राप्ति के लिए घोर तप भी कर रहे थे। लेकिन एक दिन अल्लाह कबीर जी स्वयं बाख़बर संत रूप में जिस कुंए पर शेख फरीद जी तप कर रहे थे वहीं प्रकट हुए और शेख फरीद जी से कहा कि जब अल्लाह निराकार है तो तू उसे देखेगा कैसे? जिससे उनके अज्ञान का अंधेरा दूर हुआ और अल्लाह कबीर जी से नाम उपदेश लेकर शेख फरीद जी ने अपना कल्याण करवाया। पढ़िये शेख फरीद जी की सम्पूर्ण कथा: https://bit.ly/3NrkXSZ
#babafareed #FariduddinGanjshakar #babafarid #SheikhFarid
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भक्त शेख फरीद जी - Bhagat Sheikh Farid Ji an Introduction
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शेख फरीद जी अपने गुरुजी के बताए अज्ञान के अनुसार अल्लाह को निराकार (बेचून) मानते थे और अल्लाह की प्राप्ति के लिए घोर तप भी कर रहे थे। लेकिन एक दिन अल्लाह कबीर जी स्वयं बाख़बर संत रूप में जिस कुंए पर शेख फरीद जी तप कर रहे थे वहीं प्रकट हुए और शेख फरीद जी से कहा कि जब अल्लाह निराकार है तो तू उसे देखेगा कैसे? जिससे उनके अज्ञान का अंधेरा दूर हुआ और अल्लाह कबीर जी से नाम उपदेश लेकर शेख फरीद जी ने अपना कल्याण करवाया। पढ़िये शेख फरीद जी की सम्पूर्ण कथा: https://bit.ly/3NrkXSZ
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