Does the habit of smoking impact your heart health? Have you tried to quit smoking many times but haven't been successful? If yes, then read our blog, 'The Impact of Smoking on Heart Health: Tips for Quitting,' and discover the best tips to help you quit smoking.
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धूम्रपान करने के मामले में विश्व में दूसरे नंबर पर भारत, एक सिगरेट पीने से जिंदगी के 11 मिनट हो जाते है कम
चैतन्य भारत न्यूज
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 15 करोड़ से अधिक लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। पूरे विश्व में धूम्रपान करने वाले लोगों की 12% आबादी भारत में है। भारत पूरे विश्व में दूसरे नंबर पर है, जहां सबसे अधिक धूम्रपान किया जाता है। हर दिन लगभग 2500 लोगों की धूम्रपान से मौत होती है। एक सिगरेट पीने से जिंदगी के 11 मिनट कम हो जाते हैं। धूम्रपान करने वाले व्यक्ति स्वयं को तो नुकसान पहुंचाता ही है बल्कि पैसिव स्मोकर के रूप में आसपास के लोग इससे प्रभावित होते हैं इसलिए कहीं ना कहीं प्रत्येक व्यक्ति इससे अछूता नहीं है।
धूम्रपान करने से कैंसर,हृदय रोग, डायबिटीज ,शरीर पर होने वाले घाव एवं अनेक हार्मोनल डिसऑर्डर होने की संभावनाएं रहती हैं और इसका सेवन करने वाले व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में प्रतिदिन इनसे होने वाली तकलीफों को भी महसूस करता ही है। आजकल बाजार में असामाजिक तत्वों के द्वारा युवा पीढ़ी को जाने अनजाने में इन उत्पादों की आदत लगाई जा रही है जिसके भविष्य में गंभीर परिणाम सामने आएंगे। सर्वे में देखा गया है कि 53% लोगों ने इसको छोड़ ना चाहा, किंतु वह नाकाम रहे, क्योंकि धूम्रपान से निकले केमिकल एवं निकोटिन नर्वस सिस्टम पर कार्य करता है। इसे लेने पर लोगों को कुछ समय के लिए बेहतर और तनाव रहित लगता है, किंतु यह एक मिथ्या भ्रम है। धीरे-धीरे यह आदत शरीर को कंकाल बना देती है। व्यक्ति की सामाजिक,आर्थिक, शारीरिक एवं मानसिक स्थिति दयनीय हो जाती है।
डॉ. अखलेश भार्गव (आयुर्वेद विशेषज्ञ) ने बताया कि सबसे पहले हमें धूम्रपान के क्या कारण हैं इनको जानना होगा। अधिकांश लोगों ने बताया कि तो तनाव से बचने के लिए अथवा काम के अधिक प्रेशर होने के कारण धूम्रपान करते हैं। एक बार सेवन करने से शरीर को निकोटिन की आदत हो जाती है फिर यह शौक आदत में बदल जाता है। बार-बार शरीर को उसकी जरूरत पड़ती है और व्यक्ति धूम्रपान पर निर्भर हो जाता है।
कैसे करें उपचार
सर्वप्रथम रोगी की आत्मशक्ति प्रबल होना चाहिए कि वह नशा छोड़ना चाहे।
धूम्रपान करने वाले लोगों का साथ छोड़ना चाहिए। परिवार वालों के साथ अधिक समय देकर अपने आप को व्यस्त रखना चाहिए।
सरकार एवं निजी क्षेत्रों में नशा मुक्ति केंद्र संचालित हैं। उनकी सहायता लेना चाहिए।
एफडीए द्वारा स्वीकृत निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी भी कारगर है।
मोबाइल में कुछ ऐप जैसे क्विट नाउ क्विट स्मोकिंग, क्विट ट्रैकर, स्टॉप स्मोकिंग ऐप पर धूम्रपान के नुकसान। इसको छोड़ने से होने वाले
फायदे आदि की जानकारी उपलब्ध है। यहां पर ऐसे व्यक्ति भी मिलेंगे जो धूम्रपान छोड़ चुके हैं और स्वस्थ हैं।
योगा ,प्राणायाम के द्वारा तनाव मुक्ति ���वं शरीर में बल प्राप्ति।
पंचकर्म चिकित्सा द्वारा भी लाभ मिलता है।
आयुर्वेद दवाइयों के प्रयोग से धूम्रपान छोड़ने में मदद मिलती है। अदरक, आंवला व हल्दी का चूर्ण उपयोगी है। मानसिक तनाव को दूर करने हेतु अश्वगंधा, ब्राह्मी ,मंडूकपर्णी उपयोगी है। यदि रोगी को नींद नहीं आए तो चिकित्सक की देखरेख में सर्पगंधा चूर्ण ले सकते हैं।
भूख ना लगने पर चित्रक ,त्रिकटु ,अजवाइन आदि का प्रयोग किया जा सकता है। उल्टी का मन होने पर बड़ी इलायची का चूर्ण लाभदायक है। यदि रोगी को कब्ज जाने लगे तो आंवला, हरीतकी, सनाय आदि लाभदायक है।सभी दवाइयां चिकित्सक की देखरेख में लेना चाहिए।
डॉ. अखलेश भार्गव, आयुर्वेद विशेषज्ञ
एसोसिएट प्रोफेसर ,
अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज, लोकमान्य नगर
इंदौर
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You Quit Smoking? That's Nice. I've Quit 18 Times!
So you want to quit smoking, but it seems damn near impossible. You can hardly go an hour without a cigarette—how are you supposed to go days, weeks, or even years? Well, I'm here to tell you that it absolutely is possible and addiction does not have to control your life. I know this because I've not only successfully quit smoking, but I've successfully quit smoking well over a dozen times. So I'm basically an expert.
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धूम्रपान करने के मामले में विश्व में दूसरे नंबर पर भारत, एक सिगरेट पीने से जिंदगी के 11 मिनट हो जाते है कम
चैतन्य भारत न्यूज
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 15 करोड़ से अधिक लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। पूरे विश्व में धूम्रपान करने वाले लोगों की 12% आबादी भारत में है। भारत पूरे विश्व में दूसरे नंबर पर है, जहां सबसे अधिक धूम्रपान किया जाता है। हर दिन लगभग 2500 लोगों की धूम्रपान से मौत होती है। एक सिगरेट पीने से जिंदगी के 11 मिनट कम हो जाते हैं। धूम्रपान करने वाले व्यक्ति स्वयं को तो नुकसान पहुंचाता ही है बल्कि पैसिव स्मोकर के रूप में आसपास के लोग इससे प्रभावित होते हैं इसलिए कहीं ना कहीं प्रत्येक व्यक्ति इससे अछूता नहीं है।
धूम्रपान करने से कैंसर,हृदय रोग, डायबिटीज ,शरीर पर होने वाले घाव एवं अनेक हार्मोनल डिसऑर्डर होने की संभावनाएं रहती हैं और इसका सेवन करने वाले व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में प्रतिदिन इनसे होने वाली तकलीफों को भी महसूस करता ही है। आजकल बाजार में असामाजिक तत्वों के द्वारा युवा पीढ़ी को जाने अनजाने में इन उत्पादों की आदत लगाई जा रही है जिसके भविष्य में गंभीर परिणाम सामने आएंगे। सर्वे में देखा गया है कि 53% लोगों ने इसको छोड़ ना चाहा, किंतु वह नाकाम रहे, क्योंकि धूम्रपान से निकले केमिकल एवं निकोटिन नर्वस सिस्टम पर कार्य करता है। इसे लेने पर लोगों को कुछ समय के लिए बेहतर और तनाव रहित लगता है, किंतु यह एक मिथ्या भ्रम है। धीरे-धीरे यह आदत शरीर को कंकाल बना देती है। व्यक्ति की सामाजिक,आर्थिक, शारीरिक एवं मानसिक स्थिति दयनीय हो जाती है।
डॉ. अखलेश भार्गव (आयुर्वेद विशेषज्ञ) ने बताया कि सबसे पहले हमें धूम्रपान के क्या कारण हैं इनको जानना होगा। अधिकांश लोगों ने बताया कि तो तनाव से बचने के लिए अथवा काम के अधिक प्रेशर होने के कारण धूम्रपान करते हैं। एक बार सेवन करने से शरीर को निकोटिन की आदत हो जाती है फिर यह शौक आदत में बदल जाता है। बार-बार शरीर को उसकी जरूरत पड़ती है और व्यक्ति धूम्रपान पर निर्भर हो जाता है।
कैसे करें उपचार
सर्वप्रथम रोगी की आत्मशक्ति प्रबल होना चाहिए कि वह नशा छोड़ना चाहे।
धूम्रपान करने वाले लोगों का साथ छोड़ना चाहिए। परिवार वालों के साथ अधिक समय देकर अपने आप को व्यस्त रखना चाहिए।
सरकार एवं निजी क्षेत्रों में नशा मुक्ति केंद्र संचालित हैं। उनकी सहायता लेना चाहिए।
एफडीए द्वारा स्वीकृत निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी भी कारगर है।
मोबाइल में कुछ ऐप जैसे क्विट नाउ क्विट स्मोकिंग, क्विट ट्रैकर, स्टॉप स्मोकिंग ऐप पर धूम्रपान के नुकसान। इसको छोड़ने से होने वाले
फायदे आदि की जानकारी उपलब्ध है। यहां पर ऐसे व्यक्ति भी मिलेंगे जो धूम्रपान छोड़ चुके हैं और स्वस्थ हैं।
योगा ,प्राणायाम के द्वारा तनाव मुक्ति एवं शरीर में बल प्राप्ति।
पंचकर्म चिकित्सा द्वारा भी लाभ मिलता है।
आयुर्वेद दवाइयों के प्रयोग से धूम्रपान छोड़ने में मदद मिलती है। अदरक, आंवला व हल्दी का चूर्ण उपयोगी है। मानसिक तनाव को दूर करने हेतु अश्वगंधा, ब्राह्मी ,मंडूकपर्णी उपयोगी है। यदि रोगी को नींद नहीं आए तो चिकित्सक की देखरेख में सर्पगंधा चूर्ण ले सकते हैं।
भूख ना लगने पर चित्रक ,त्रिकटु ,अजवाइन आदि का प्रयोग किया जा सकता है। उल्टी का मन होने पर बड़ी इलायची का चूर्ण लाभदायक है। यदि रोगी को कब्ज जाने लगे तो आंवला, हरीतकी, सनाय आदि लाभदायक है।सभी दवाइयां चिकित्सक की देखरेख में लेना चाहिए।
डॉ. अखलेश भार्गव, आयुर्वेद विशेषज्ञ
एसोसिएट प्रोफेसर ,
अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज, लोकमान्य नगर
इंदौर
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