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chaitanyabharatnews · 3 years
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विश्व मलेरिया दिवस : देश में हर साल 15 लाख लोग होते हैं मलेरिया का शिकार, जानें इस बीमारी के लक्षण और बचाव के उपाय
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चैतन्य भारत न्यूज हर वर्ष 25 अप्रैल को 'विश्व मलेरिया दिवस' (World Malaria Day) मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य मलेरिया से लोगों को जागरूक और उनकी जान की रक्षा करना है। 'मलेरिया' एक जानलेवा बीमारी है, जो मच्छर के काटने से फैलती है। यह ऐसी बीमारी है जिसमें यदि मरीज को सही समय पर इलाज न मिले तो यह जानलेवा भी हो जाती है। मलेरिया दिवस का इतिहास पहली बार साल 2008 में विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया था। यूनिसेफ द्वारा इस दिन को मनाने का उद्देश्य मलेरिया जैसे खतरनाक रोग पर जनता का ध्यान केंद्रित करना था, जिससे हर साल लाखों लोग मरते हैं। इस मुद्दे पर 'विश्व स्वास्थ्य संगठन' का कहना है कि मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम चलाने से बहुत-सी जानें बचाई जा सकती हैं। भारत में मलेरिया की स्थिति एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की स्वतंत्रता के बाद से अब तक हजारों लोग इस बीमारी की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं। मलेरिया एक जटिल बीमारी है। 'स्वास्थ्य मंत्रालय' के 'राष्ट्रीय मच्छर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम' (एनवी��ीडीसीपी) देश में प्रतिवर्ष करीब 15 लाख मलेरिया के मरीजों की संख्या दर्ज करता है। भारत ने साल 2030 तक मलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। जबकि साल 2027 तक पूरे देश को मलेरिया मुक्त बनाया जाएगा। इसके लिए शासन स्तर पर कई परियोजनाएं चलाई जा रही हैं।
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क्या है मलेरिया मलेरिया एक प्रकार के परजीवी प्लाजमोडियम से फैलने वाला रोग है। जिसका वाहक मादा एनाफिलीज मच्छर होता है। जब संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है तो वह अपने लार के साथ उसके रक्त में मलेरिया परजीवियों को पहुंचा देता है। संक्रमित मच्छर के काटने के 10-12 दिनो के बाद उस व्यक्ति में मलेरिया रोग के लक्षण प्रकट हो जाते हैं। मलेरिया के रोगी को काटने पर असंक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर रोगी के रक्त के साथ मलेरिया परजीवी को भी चूस लेते हैं व 12-14 दिनों में ये मादा एनाफिलीज मच्छर भी संक्रमित होकर जितने भी स्वस्थ मनुष्यों को काटते हैं, उनमें मलेरिया फैलाने में सक्षम होते हैं। इस तरह एक मादा मच्छर कई स्वस्थ लोगों को भी मलेरिया ग्रसित कर देता है। मलेरिया के लक्षण ठंड देकर बुखार आना सिददर्द होना उल्टी हो भी सकती है और नहीं भी कमर में दर्द होना कमजोरी लगना मांसपेशियों में दर्द थकान सीने में दर्द खांसी और पसीना आना मलेरिया से बचने के उपाय जहां तक हो पूरी बांह के कपड़ों का प्रयोग करें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। बंद कमरे में जितना हो सके क्वॉइल का प्रयोग न करें। घर में पानी को जमा न होने दें। अगर आसपास पानी जमा है तो उसमें ऑइल डाल दें जिससे मच्छर नहीं पनपेंगे। थोड़ा भी बुखार आने पर डॉक्टर से परामर्श लें। Read the full article
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divyarishiposts · 4 years
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Malaria Fever Symptoms and Prevention Health Tips by Divyarishi
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Health Tips by Divyarishi in Hindi. Visit our youtube channel for Various other Ayurvedic Nuskhe and Treatment. For any help related to any ailment you can contact us:-9310295401             
Email ID:- [email protected]            
Website:- http://divyarishi.com               
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chromoscience · 4 years
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Research Highlights: Cutting the Energy Source of the Malaria Parasite Plasmodium
Malaria parasites (purple) infect hosts’ red blood cells (pink, with mouse cells shown). JOSEPH TAKAHASHI LAB/UT SOUTHWESTERN MEDICAL CENTER/HHMI Original Authors: Xin Jiang, Yafei Yuan, Jian Huang, Shuo Zhang, Shuchen Luo, Nan Wang, Debing Pu, Na Zhao, Qingxuan Tang, Kunio Hirata, Xikang Yang, Yaqing Jiao, Tomoyo Sakata-Kato, Jia-Wei Wu, Chuangye Yan, Nobutaka Kato, Hang Yin, Nieng Yan Malaria is a mosquito-borne disease caused by a parasite. People with malaria often experience fever, chills, and flu-like illness. Malaria is caused by single-celled microorganisms of the Plasmodium group. Plasmodium species rely on glucose for energy supply during blood stage. Cutting the glucose uptake is a potential strategy for the development of antimalarial drugs. Plasmodium has a protein that transports glucose, and this protein is known to be essential for parasite growth and survival. In another study, compound 3361 (C3361) has been described to moderately inhibits this glucose transporter protein and suppresses the growth of the blood-stage parasites. This study present the crystal structures of the glucose transporter protein in complex with D-glucose and with the selective inhibitor C3361. Although both structures were blocked, binding of C3361 causes marked rearrangements that result in an additional pocket. This inhibitor-binding-induced pocket presents an opportunity for the rational design of the glucose transporter protein inhibitors. Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years
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विश्व मलेरिया दिवस : देश में हर साल 15 लाख लोग होते हैं मलेरिया का शिकार, जानें इस बीमारी के लक्षण और बचाव के उपाय
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चैतन्य भारत न्यूज हर वर्ष 25 अप्रैल को 'विश्व मलेरिया दिवस' (World Malaria Day) मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य मलेरिया से लोगों को जागरूक और उनकी जान की रक्षा करना है। 'मलेरिया' एक जानलेवा बीमारी है, जो मच्छर के काटने से फैलती है। यह ऐसी बीमारी है जिसमें यदि मरीज को सही समय पर इलाज न मिले तो यह जानलेवा भी हो जाती है। मलेरिया दिवस का इतिहास पहली बार साल 2008 में विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया था। यूनिसेफ द्वारा इस दिन को मनाने का उद्देश्य मलेरिया जैसे खतरनाक रोग पर जनता का ध्यान केंद्रित करना था, जिससे हर साल लाखों लोग मरते हैं। इस मुद्द�� पर 'विश्व स्वास्थ्य संगठन' का कहना है कि मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम चलाने से बहुत-सी जानें बचाई जा सकती हैं। भारत में मलेरिया की स्थिति एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की स्वतंत्रता के बाद से अब तक हजारों लोग इस बीमारी की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं। मलेरिया एक जटिल बीमारी है। 'स्वास्थ्य मंत्रालय' के 'राष्ट्रीय मच्छर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम' (एनवीबीडीसीपी) देश में प्रतिवर्ष करीब 15 लाख मलेरिया के मरीजों की संख्या दर्ज करता है। भारत ने साल 2030 तक मलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। जबकि साल 2027 तक पूरे देश को मलेरिया मुक्त बनाया जाएगा। इसके लिए शासन स्तर पर कई परियोजनाएं चलाई जा रही हैं।
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क्या है मलेरिया मलेरिया एक प्रकार के परजीवी प्लाजमोडियम से फैलने वाला रोग है। जिसका वाहक मादा एनाफिलीज मच्छर होता है। जब संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है तो वह अपने लार के साथ उसके रक्त में मलेरिया परजीवियों को पहुंचा देता है। संक्रमित मच्छर के काटने के 10-12 दिनो के बाद उस व्यक्ति में मलेरिया रोग के लक्षण प्रकट हो जाते हैं। मलेरिया के रोगी को काटने पर असंक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर रोगी के रक्त के साथ मलेरिया परजीवी को भी चूस लेते हैं व 12-14 दिनों में ये मादा एनाफिलीज मच्छर भी संक्रमित होकर जितने भी स्वस्थ मनुष्यों को काटते हैं, उनमें मलेरिया फैलाने में सक्षम होते हैं। इस तरह एक मादा मच्छर कई स्वस्थ लोगों को भी मलेरिया ग्रसित कर देता है। मलेरिया के लक्षण ठंड देकर बुखार आना सिददर्द होना उल्टी हो भी सकती है और नहीं भी कमर में दर्द होना कमजोरी लगना मांसपेशियों में दर्द थकान सीने में दर्द खांसी और पसीना आना मलेरिया से बचने के उपाय जहां तक हो पूरी बांह के कपड़ों का प्रयोग करें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। बंद कमरे में जितना हो सके क्वॉइल का प्रयोग न करें। घर में पानी को जमा न होने दें। अगर आसपास पानी जमा है तो उसमें ऑइल डाल दें जिससे मच्छर नहीं पनपेंगे। थोड़ा भी बुखार आने पर डॉक्टर से परामर्श लें। Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years
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विश्व मलेरिया दिवस : देश में हर साल 15 लाख लोग होते हैं मलेरिया का शिकार, जानें इस बीमारी के लक्षण और बचाव के उपाय
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चैतन्य भारत न्यूज हर वर्ष 25 अप्रैल को 'विश्व मलेरिया दिवस' (World Malaria Day) मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य मलेरिया से लोगों को जागरूक और उनकी जान की रक्षा करना है। 'मलेरिया' एक जानलेवा बीमारी है, जो मच्छर के काटने से फैलती है। यह ऐसी बीमारी है जिसमें यदि मरीज को सही समय पर इलाज न मिले तो यह जानलेवा भी हो जाती है। मलेरिया दिवस का इतिहास पहली बार साल 2008 में विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया था। यूनिसेफ द्वारा इस दिन को मनाने का उद्देश्य मलेरिया जैसे खतरनाक रोग पर जनता का ध्यान केंद्रित करना था, जिससे हर साल लाखों लोग मरते हैं। इस मुद्दे पर 'विश्व स्वास्थ्य संगठन' का कहना है कि मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम चलाने से बहुत-सी जानें बचाई जा सकती हैं। भारत में मलेरिया की स्थिति एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की स्वतंत्रता के बाद से अब तक हजारों लोग इस बीमारी की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं। मलेरिया एक जटिल बीमारी है। 'स्वास्थ्य मंत्रालय' के 'राष्ट्रीय मच्छर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम' (एनवीबीडीसीपी) देश में प्रतिवर्ष करीब 15 लाख मलेरिया के मरीजों की संख्या दर्ज करता है। भारत ने साल 2030 तक मलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। जबकि साल 2027 तक पूरे देश को मलेरिया मुक्त बनाया जाएगा। इसके लिए शासन स्तर पर कई परियोजनाएं चलाई जा रही हैं।
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क्या है मलेरिया मलेरिया एक प्रकार के परजीवी प्लाजमोडियम से फैलने वाला रोग है। जिसका वाहक मादा एनाफिलीज मच्छर होता है। जब संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है तो वह अपने लार के साथ उसके रक्त में मलेरिया परजीवियों को पहुंचा देता है। संक्रमित मच्छर के काटने के 10-12 दिनो के बाद उस व्यक्ति में मलेरिया रोग के लक्षण प्रकट हो जाते हैं। मलेरिया के रोगी को काटने पर असंक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर रोगी के रक्त के साथ मलेरिया परजीवी को भी चूस लेते हैं व 12-14 दिनों में ये मादा एनाफिलीज मच्छर भी संक्रमित होकर जितने भी स्वस्थ मनुष्यों को काटते हैं, उनमें मलेरिया फैलाने में सक्षम होते हैं। इस तरह एक मादा मच्छर कई स्वस्थ लोगों को भी मलेरिया ग्रसित कर देता है। मलेरिया के लक्षण ठंड देकर बुखार आना सिददर्द होना उल्टी हो भी सकती है और नहीं भी कमर में दर्द होना कमजोरी लगना मांसपेशियों में दर्द थकान सीने में दर्द खांसी और पसीना आना मलेरिया से बचने के उपाय जहां तक हो पूरी बांह के कपड़ों का प्रयोग करें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। बंद कमरे में जितना हो सके क्वॉइल का प्रयोग न करें। घर में पानी को जमा न होने दें। अगर आसपास पानी जमा है तो उसमें ऑइल डाल दें जिससे मच्छर नहीं पनपेंगे। थोड़ा भी बुखार आने पर डॉक्टर से परामर्श लें। Read the full article
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