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*🔅बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय🔅*
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🎈अल्लाह साकार है, बेचून नहीं!
पवित्र कुरान शरीफ (सुरत फुकार्नि 25, आयत 59)
अल्ल्जी खलकस्समावाति वल्अर्ज व मा बैनहुमा फी सित्तति अय्यामिन् सुम्मस्तवा अलल्अर्शि शशि अरर्ह्मानु फस्अल् बिही खबीरन्(कबीरन्)। हजरत मुहम्मद को कुरान शरीफ बोलने वाला प्रभु (अल्लाह) कह रहा है कि वह कबीर प्रभु वही है जिसने जमीन तथा आसमान के बीच में जो भी विद्यमान है सर्व सृष्टि की रचना छः दिन में की तथा सातवें दिन ऊपर अपने सत्यलोक में सिंहासन पर विराजमान हो (बैठ) गया। उसके विषय में जानकारी किसी बाखबर से पूछो।
इससे यह स्पष्ट है कि सर्व सृष्टि रचनहार, सर्व पाप विनाशक, सर्व शक्तिमान, अविनाशी परमात्मा मानव सदृश शरीर में आकार में है तथा सत्यलोक में रहता है। उसका नाम कबीर है, उसी को अल्लाहु अकबिरू भी कहते हैं।
♦️शेख फरीद ने साकार परमात्मा, कबीर साहिब जी, से नाम उपदेश लिया था और सतनाम का जाप किया अर्थात असली मंत्र का जाप किया। उसके बाद सतगुरु कबीर साहिब ने उसे सारशब्द दिया। जिसको प्राप्त करके शेख फरीद ने अपना जीवन सफल किया।
♦️ एक दिन शेख फरीद कुँए से बाहर आकर लेटा हुआ था और बहुत घबराया हुआ था कि हे भगवान, यह शरीर भी जायेगा और दर्शन परमात्मा के हुए नहीं। वो ऐसे लेटा हुआ था और कौअे आ गए और उन्होंने सोचा कि ये आदमी मरा हुआ है। उसके शरीर पर और तो कहीं मांस था नहीं, तो उसके माथे पर कौअे आ कर बैठ गए। शेख फरीद कहने लगा, भाई कौओं मेरी आँख न फोड़ो। अगर मेरे शरीर पर कहीं माँस बचा हो तो उसको सारे को खा लो। मेरी आँख न खाओ। हो सकता है मु��े अल्लाह के दर्शन हो जाएँ। जब वो इतना बोला तो कौअे उड़ गए कि ये आदमी तो जिन्दा है।
फिर उसको कबीर परमात्मा ने दर्शन दिए और सतभक्ति पर लगाया।
♦️जब शेख फरीद फूट-फूट कर रोने लग गया कि हे परमात्मा, जीवन बर्बाद हो गया, आपके दर्शन हुए नहीं। अब यह पुण्य आत्मा पहले कभी परमेश्वर की शरण में रही थी। जब परमात्मा ने देखा कि यह हृदय से रो रहा है, फूट-फूट कर रो रहा है कि जीवन नाश हो गया। तो परमात्मा कबीर भगवान, अल्लाहु अकबर, सतलोक से आये और शेख फरीद को कुँए से बाहर निकाल लिया। और सतभक्ति दी।
♦️‘‘भाई बाले वाली जन्म साखी’’ के पृष्ठ 198 पर एक काजी रूकनदीन के प्रश्न का उत्तर देते हुए श्री नानक देव जी ने कहा:-
खालक आदम सिरजिआ आलम बड़ा कबीर।
काइम दाइम कुदरती सिर पीरां दे पीर।
सयदे (सजदे) करे खुदाई नूं आलम बड़ा कबीर।
अर्थात जिस परमात्मा (अल्लाह) ने बाबा आदम की बनाया वह कबीर परमात्मा है जो सब गुरुओं का गुरु है।
मुस्लिम धर्मगुरु कहते हैं कि अल्लाह तो बेचून (निराकार) है, जबकि संत रामपाल जी महाराज ने पवित्र कुरान से प्रमाणित किया कि अल्लाह साकार है, सशरीर है, तख्त /सिंहासन पर विराजमान है, उनका नाम कबीर है।
♦️शेख फरीद ने सोचा कि गुरु जी ने कहा है की तप करने से परमात्मा के दर्शन हो सकते हैं। अगर इस मानव जीवन से परमात्मा प्राप्ति नहीं हुई, तो यह व्यर्थ है। ऐसा सोच कर जैसे उसके गुरुदेव ने बताया था वो वैसे साधना करता रहा। पहले बैठ कर किया, फिर खड़ा हो कर किया। उसने सोचा कि भाई ऐसे तो बात नहीं बनेगी। एक दिन उसने कुएँ में उल्टा लटक कर तप करने की सोची। वह एक वृक्ष की मोटी डार से अपने पैर बाँध कर कुँए के अंदर उल्टा लटक जाता और पानी के स्तर के ऊपर रह कर घंटों तप करता रहता। बीच में थोड़ा सा अन्न खाता। बहुत कमज़ोर हो गया। एक दिन उसे कबीर परमात्मा मिले। तब शेख फरीद ने साकार परमात्मा, कबीर साहिब जी, से नाम उपदेश लिया और सतनाम का जाप किया अर्थात असली मंत्र का जाप किया।
♦️भक्त फरीद जी का जन्म मुसलमान धर्म में शेख कुल में हुआ। वह बचपन में चंचल थे। उनकी माता ने उन्हें नमाज़ करने के लिए प्रेरित किया। माता ने उन्हें यह विश्वास दिलाने के लिए कि अल्लाह खजूर देगा, एक योजना बनाई। जब फरीद ने आँखें बंद करके नमाज़ की, तो खजूर चद्दर के नीचे रखा गया। जब फरीद ने खजूर पाया, तो उन्हें समझ में आया कि अल्लाह गुप्त रूप से कार्य करता है, और उन्होंने फिर से नमाज़ करने का वचन लिया।
♦️शेख फरीद ने बड़ा हो कर के घर त्याग दिया। क्योंकि जिनको भगवान की चाह है वो तड़फ जाते हैं। उसने एक फक्कड़ फकीर को गुरु बना लिया। उस गुरु के हुक्के में आग भरने के लिये उसने अपनी आंख तक चिमटे से फोड़ कर ��िकाल दी थी। वह भी ठीक हो गयी थी। उसके गुरु ने जैसा कहा कि तप से अल्लाह का दीदार होगा। शेख फरी�� वैसा करने लगा। परन्तु कोई लाभ नहीं हुआ। फिर अल्लाह कबीर ने स्वयं दर्शन दिये। सतभक्ति दी तब उसका कल्याण हुआ।
♦️शेख फरीद ने बड़ा हो कर के घर त्याग दिया। क्योंकि जिनको भगवान की चाह है वो तड़फ जाते हैं जब तक उनको यथार्थ भक्ति मार्ग नहीं मिलता। तो उसने जा कर के एक सूफी संत यानी तपस्वी संत को गुरु बना लिया। अब उस तपस्वी को जैसा ज्ञान था उसने उसको कहा कि बेटा, तप से अल्लाह का दीदार होगा, परमात्मा के दर्शन होंगे। और जितना घोर तप आप कर सकते हो करो। उसने विधि बता दी। शेख फरीद वैसा करने लगा। परन्तु कोई लाभ नहीं हुआ। फिर अल्लाह कबीर ने स्वयं दर्शन दिये।
♦️शेख फरीद एक दिन कुँए से बाहर आकर लेटा हुआ था। उसके शरीर पर और तो कहीं मांस था नहीं, उसके माथे पर कौअे आ कर बैठ गए। शेख फरीद कहने लगा, भाई कौओं मेरी आँख न खाओ। हो सकता है मुझे अल्लाह के दर्शन हो जाएँ। कौअे उड़ गए कि ये तो जिन्दा है।
वह वापिस कुएँ में लटक गया। और रोने लग गया। परमात्मा ने देखा हृदय से रो रहा है। परमात्मा कबीर भगवान, अल्लाहु अकबर, सतलोक से आये और शेख फरीद को कुँए से बाहर निकाला और उसे सच्चे मंत्र का जाप दिया। उसके बाद शेख फरीद ने अपना जीवन सफल किया।
♦️अल्ल्जी खलकस्समावाति वल्अर्ज व मा बैनहुमा फी सित्तति अय्यामिन् सुम्मस्तवा अलल्अर्शि शशि अरर्ह्मानु फस्अल् बिही खबीरन्(कबीरन्)।।
हजरत मुहम्मद को कुरान शरीफ बोलने वाला प्रभु (अल्लाह) कह रहा है कि वह कबीर प्रभु वही है जिसने जमीन तथा आसमान के बीच में जो भी विद्यमान है सर्व सृष्टि की रचना छः दिन में की तथा सातवें दिन ऊपर अपने सत्यलोक में सिंहासन पर विराजमान हो (बैठ) गया। उसके विषय में जानकारी किसी बाखबर से पूछो।
इससे यह स्पष्ट है कि सर्व सृष्टि रचनहार, सर्व पाप विनाशक, सर्व शक्तिमान, अविनाशी परमात्मा मानव सदृश शरीर में आकार में है तथा सत्यलोक में रहता है। उसका नाम कबीर है, उसी को अल्लाहु अकबिरू भी कहते हैं।
♦️भक्त शेख फरीद ने अल्लाह का दीदार पाने के लिए घर भी छोड़ दिया था। लेकिन अल्लाह का दीदार नहीं हुआ था। फिर उनको अल्लह कबीर जी जिंदा बाबा के रूप में मिले थे। तब सतमार्ग दिखाया।
उसने 12 साल में सवा मन यानि 50 किलो अन्न खाया था। अस्थि पिंजर शेष था। वह कुएं में उल्टा लटक कर तप करता था। जब शेख फरीद कुएं से बाहर आया तो कबीर साहिब ने कहा कि तुम कुँए में क्या कर रहे हो। शेख फरीद ने कहा कि मैं अल्लाह के दीदार कर प्रयत्न कर रहा हूँ। कबीर साहिब बोले – मैं अल्लाह हूँ। शेख फरीद ने कहा कि अल्लाह तो बेचून है, निराकार है। कबीर साहिब बोले। एक तरफ तो तुम कह रहे हो कि अल्लाह बेचून है, निराकार है। और दूसरी तरफ अल्लाह के दीदार के लिए तप कर रहे हो। यह सुनते ही शेख फरीद ने अल्लाह कबीर के चरण पकड़ लिए।
🌙 अल्लाह कबीर यथार्थ ज्ञान बताता है। शैतान (काल) गुप्त रहता है। गुप्त रूप से अज्ञान व ज्ञान का मिश्रण मानव को देता है जो अधूरा अध्यात्म ज्ञान है। समर्थ परमेश्वर संत व सतगुरू के रूप में प्रत्यक्ष प्रकट होकर यथार्थ संपूर्ण अध्यात्म ज्ञान अपने मुख से बोलकर बताता है। परंतु सर्व मानव ने एक बात की रट लगा रखी है कि प्रभु निराकार है जबकि सर्व धर्मों के पवित्र ग्रन्थों में प्रमाण है कि खुदा मानव जैसा साकार है।
🌙बाईबल तथा कुरआन का ज्ञानदाता एक है।
जिस अल्लाह ने ''कुरआन‘‘ का पवित्र ज्ञान हजरत मुहम्मद पर उतारा। उसी ने पाक ''जबूर‘‘ का ज्ञान हजरत दाऊद पर, पाक ''तौरेत‘‘ का ज्ञान हजरत मूसा पर तथा पाक ''इंजिल‘‘ का ज्ञान हजरत ईसा पर उतारा था। इन सबका अल्लाह एक ही है।
प्रमाण :— कुरआन मजीद की सुरा अल् मुअमिनून नं. 23 आयत नं. 49
और मूसा को हमने किताब प्रदान की ताकि लोग उससे मार्गदर्शन प्राप्त करें।
🌙कुरआन ��्ञान दाता अपने से अन्य दयालु अल्लाह की महिमा बताता है।
सूरः अस् सज्��ा—32 आयत नं. 4 :— वह अल्लाह ही है जिसने आसमानों और जमीन को और उन सारी चीजों को जो इनके बीच है, छः दिन में पैदा किया और उसके बाद सिंहासन पर विराजमान हुआ। उसके सिवा न तुम्हारा कोई अपना है, न सहायक है और न कोई उसके आगे सिफारिश करने वाला है। फिर क्या तुम होश में न आओगे।
🌙सूक्ष्मवेद में कहा है कि :—
वही मोहम्मद वही महादेव, वही आदम वही ब्रह्मा।
दास गरीब दूसरा कोई नहीं, देख आपने घरमा॥
मुसलमान धर्म के प्रवर्तक हजरत मुहम्मद जी भगवान शिव के लोक से आए, पुण्यकर्मी आत्मा थे जो परंपरागत साधना ही एक गुफा में बैठकर किया करते थे। शिव जी का एक गण जो ग्यारह रूद्रों में से एक है, वह मुहम्मद जी से उस गुफा में मिले। उन्हीं की भाषा (अरबी भाषा) में काल प्रभु अर्थात् ब्रह्म का संदेश सुनाया। उसी रूद्र को मुसलमान जबरिल फरिश्ता कहते हैं जो नेक फरिश्ता माना जाता है।
🌙"मक्का महादेव का मंदिर है"
सिख धर्म की पुस्तक भाई बाले वाली जन्म साखी में प्रमाण है :—
‘‘साखी मदीने की चली‘‘ हिन्दी वाली के पृष्ठ 262 पर श्री नानक जी ने चार इमामों के प्रश्न का जवाब देते हुए कहा है :
आखे नानक शाह सच्च, सुण हो चार इमाम।
मक्का है महादेव का, ब्राह्मण सन सुलतान॥
सतगुरू नानक देव जी ने चार इमामों से चर्चा करते हुए कहा कि जिस मक्का शहर में जो काबा (मंदिर) है जिसको आप अपना पवित्र स्थान मानते हो। वह महादेव (शिव जी) का मंदिर है। इसमें सब देवी—देवताओं की मूर्तियां थीं। उसकी स्थापना करने वाला सुल्तान (राजा) ब्राह्मण था। बाद में सब मूर्तियाँ उठा दी गई थी। नबी इब्राहिम व हजरत इस्माईल (अलैहि.) ने इसका पुनः निर्माण करवाया था।
🌙कुरआन मजीद का ज्ञान नाजिल करने वाले खुदा ने अपने नबी-ए-करीम मुहम्मद (सल्लम) को सृष्टि की उत्पत्ति करने वाले अल्लाह के विषय में सम्पूर्ण जानकारी नहीं दी है।प्रमाण :— सूरः फुरकानि—25 आयत नं. 59 में लिखा है कि (हे मुहम्मद) अल्लाह ने सारी कायनात को छः दिन में उत्पन्न किया। फिर आसमान में तख्त (सिंहासन) पर जा बैठा। उसकी (खबर) सम्पूर्ण जानकारी किसी (बाखबर) जानकार यानि तत्त्वदर्शी संत से पूछो।(जानो)
वह बाख़बर संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।
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🧩बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय🧩
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🎈मुस्लिम प्रवक्ता डॉक्टर ज़ाकिर नाइक ने कहा था कि कोई भी धर्म गुरु या संत अगर मुझे ज्ञान चर्चा में पराजित कर दे तो उसके धर्म को श्रेष्ठ मानूंगा।
जगतगुरु संत रामपाल जी महाराज ने चुनौती स्वीकार की पर जाकिर नाइक चर्चा करने ही नहीं आया।
सच्चाई जानने के लिए देखें विडियो Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel पर।
🎈मुस्लिम धर्म प्रवक्ता जाकिर नाइक का कहना है कि मांस खाना अल्लाह का आदेश है।
जबकि बाखबर संत रामपाल जी महाराज कुरान, तौरात, बाइबल आदि में प्रमाण सहित बताते है कि मांस खाना अल्लाह का आदेश नहीं है बल्कि यह शैतान का आदेश है, ना तो हजरत मुहम्मद जी ने कभी मांस को छुआ, ना हीं उनके अनुयायियों ने कभी मांस खाया।
अधिक जानकारी के लिए देखें विडियो Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel पर।
🎈आओ समझें इल्म कुरआन
जाकिर नाईक को ज्ञान में सभी पॉइंट पर गलत साबित करने वाली वीडियो आप जरूर देखें Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel पर।
और अपने जीवन को बर्बाद होने से बचाएं।
🎈हजरत मुहम्मद जी ही कल्कि अवतार है - डॉ. ज़ाकिर नाइक
गीता और वेदों में हजरत मुहम्मद जी का कोई जिक्र नहीं है।
डॉ. जाकिर नाइक जी ने तो सदग्रंथों की केवल जिल्द दिखाई है और दास दिखाएगा इन के अंदर की सच्चाई - बाखबर संत रामपाल जी
सच्चाई जानने के लिए देखें ज़बरदस्त विडियो Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel पर।
🎈ज़ाकिर नाइक झूठ बोल कर भोली जनता को, लतीफे दा�� बातें सुनाकर अपने पीछे लगा रहे हैं। अध्यात्म मार्ग इनके पास शून्य है। - बाख़बर संत रामपाल जी महाराज
सच्चाई जानने के लिए देखें विडियो Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel पर।
🎈 मोक्ष को लेकर ज़ाकिर नाइक का झूठा प्रचार
संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि मोक्ष प्राप्त करने के लिए परम संत की शरण में आना आवश्यक है, जबकि डॉ. जाकिर नाइक आत्मा को क़यामत तक कब्र में मानते हैं। पवित्र कुरान सूरत कहफ 18 आयत 47-48 और सूरह मुल्क 67 आयत 2 में साफ उल्लेख है कि आत्मा का पुनर्जन्म होता है और मोक्ष प्राप्त करने के लिए एक सच्चे संत की शरण आवश्यक है।
🎈संत रामपाल जी महाराज ने पवित्र कुरान शरीफ सूरत फुरकान 25 आयत 59 से प्रमाणित किया है कि परमात्मा साकार हैं। इस आयत में बताया गया है कि "जिसने 6 दिनों में सृष्टि की रचना की और 7वें दिन अपने तख्त पर जा विराजे।" इससे स्पष्ट होता है कि परमात्मा का रूप है और वह साकार हैं। इसके विपरीत, डॉ. जाकिर नाइक अल्लाह को निराकार बताते हैं, जो कि पवित्र कुरान के ज्ञान के विरुद्ध है।
🎈संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि पवित्र कुरान में आत्मा के जन्म-मृत्यु के चक्र का उल्लेख है, जबकि डॉ. जाकिर नाइक इसे नकारते हैं। पवित्र कुरान सूरह अर-रूम 30:11 और सूरत अंबिया 21:104 में लिखा है कि परमात्मा सृष्टि का निर्माण और विनाश करते हैं, जो पुनर्जन्म के चक्र को दर्शाता है। संत रामपाल जी प्रमाणित करते हैं कि मोक्ष प्राप्त करने के लिए इस चक्र से बाहर निकलना जरूरी है, जबकि डॉ. नाइक इस सत्य को नहीं मानते।
🎈मुस्लिम धार्मिक प्रवक्ता डॉ. जाकिर नाइक ज़ोर देकर कहते हैं कि परमेश्वर निराकार है। इसके विपरीत, संत रामपाल जी महाराज शिक्षा देते हैं कि परमेश्वर का मानव जैसा रूप है। यही बात पवित्र कुरान से भी प्रमाणित होती हैं कि परमेश्वर ने मानव को अपने प्रतिरूप में बनाया।
🎈संत रामपाल जी महाराज जी जन्म और मृत्यु के चक्र के बारे में प्रमाण सहित यह बताते हैं कि यह चक्र तब तक खत्म नहीं होता जब तक आप परम संत/बाखबर की शरण में रहकर भक्ति नहीं करते जबकि डॉ. ज़ाकिर नाइक जी कहते हैं कि आत्माएं क़यामत तक कब्रों में दफन रहती हैं, जो कि पवित्र कुरान शरीफ़ के ज्ञान के भी विरुद्ध ज्ञान है।
🎈डॉ. जाकिर नाइक के विचारों के अनुसार, भगवान ने मनुष्यों को जानवरों का भोजन करने का आदेश दिया है। लेकिन संत रामपाल जी महाराज स्पष्ट करते हैं कि पवित्र कुरान और बाइबल में बीज वाले पौधों और फलों का सेवन करने का आदेश प्राप्त है। होली बाइबल उत्पत्ति ग्रंथ 1 छंद 27-29 में इसका प्रमाण है। जानवरों को मारकर खाने का आदेश कुरआन ज्ञानदाता का है, न कि अल्लाहु अकबर (कादिर अल्लाह) का। जैसा कि पवित्र कुरान सूरह-अल-माइदा 5 आयत 1, 3 और सूरह-अल-मुएमिन 40 आयत 79 में उल्लेख किया गया है।
🎈सूरत फुरकानि-25 (कुरआन शरीफ)
आयत नं. 59:- जिसने आसमानों और जमीन और जो कुछ उनके बीच में है (सबको) छः दिन में पैदा किया और फिर तख्त पर जा बिराजा। (वह अल्लाह बड़ा) रहमान है। उसकी खबर किसी बाखबर (इल्मवाले) से पूछ देखो। पूरी जानकारी के लिए देखें Zakir Naik VS Sant Rampal Ji Maharaj डिबेट यूट्यूब चैनल पर।
🎈मुस्लिम धार्मिक प्रवक्ता डॉ. जाकिर नाइक ज़ोर देकर कहते हैं कि परमेश्वर निराकार है। इसके विपरीत, संत रामपाल जी महाराज शिक्षा देते हैं कि परमेश्वर का मानव जैसा रूप है। यही बात पवित्र कुरान से भी प्रमाणित होती हैं कि परमेश्वर ने मानव को अपने प्रतिरूप में बनाया। क्या क्रियाएं जैसे कि सिंहासन पर बैठना, आदम से बात करना, कपड़े बनाना और बाग में चलना एक निराकार कर सकता है?
🎈डॉ. जाकिर नाइक के विचारों के अनुसार, भगवान ने मनुष्यों को जानवरों का भोजन करने का आदेश दिया है। लेकिन संत रामपाल जी महाराज स्पष्ट करते हैं कि पवित्र कुरान और बाइबल में बीज वाले पौधों और फलों का सेवन करने का आदेश प्राप्त है।
🎈डॉ. जाकिर नाइक यह मानते हैं ���ि जन्म और मौत नहीं होती हैं और आत्माएं कब्रों में क़यामत तक रहती हैं। संत रामपाल जी महाराज पवित्र कुरआन में अलग-अलग सूरह से प्रमाण प्रस्तुत करते हुए बताते हैं कि पवित्र कुरआन में निर्माण, विनाश और जन्म-मृत्यु के चक्र का उल्लेख है।
प्रमाण के लिए, कृपया सूरह कहफ़ 18 आयत 47, 48; सूरह मुल्क 67 आयत 2; सूरह-अर-रूम 30 आयत 11; सूरह अंबिया 21 आयत 104; सूरह-अल-बकराह 2 आयत 25, 28, 29 देखें।
🎈 डॉ. जाकिर नाइक यह मानते हैं कि पवित्र कुरान का ज्ञानदाता अल्लाह है। लेकिन अगर कुरान का ज्ञानदाता अल्लाह है तो वह दूसरे को अल्लाह के रूप में क्यों दर्शाता है और अपने वक्तव्य में "वह" का प्रयोग क्यों करता है? इससे पता चलता है कि अल्लाह कोई और है, पवित्र कुरान का ज्ञानदाता नहीं है।
🎈 अपनी कमज़ोर जानकारी के कारण, जाकिर नाइक अनावश्यक और गलत तरीके से भागवत पुराण का हवाला देते हुए पैगंबर मुहम्मद को "कल्कि अवतार" के बराबर बता रहे हैं। जाकिर नाइक शास्त्रों का गलत हवाला देकर एक तरह से पैगंबर मुहम्मद का अपमान कर रहे हैं।
🎈मुस्लिम धर्म के प्रवक्ता मानते हैं कि क़यामत/प्रलय के बाद जिंदा किये जायेंगे। लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि वे किस आयु के होंगे यानि कोई 10 वर्ष का, कोई कम, कोई 20, 30, 40, 50 या इससे अधिक आयु में मरेंगे। कब्रों में दबाया जायेगा। फिर उनको उसी आयु में जीवित किया जायेगा या शिशु रूप में जीवित किये जायेंगे ?
जबकि क़ुरान शरीफ़ (मजीद) सूरह अंबिया 21 आयत 104, सूरह अर रूम 30 आयत 11, सूरह अल बकराह 2 आयत 28, 243 में स्पष्ट है कि अल्लाह ने पहले जिस तरह सृष्टि किया है उसे दोहरायेगा।
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*🪷बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय🪷*
#धर्मराज_के_तिल_तिल_का_लेखा
Republic Day
🌿धर्मराज के तिल तिल का लेखा
कबीर परमेश्वर जी की साखी:-
कबीर, हरि के नाम बिना, नारी कुतिया होय।
गली-गली भौंकत फिरे, टूक ना डाले कोय।।
कबीर परमेश्वर जी ने अध्यात्म का विधान बताया है। कहा है कि जो स्त्री भक्ति नहीं करती, वह अगले जन्म में कुतिया का जीवन प्राप्त करके गली-गली भौंकती फिरती है। कोई उसको भोजन का ग्रास भी नहीं डालता। मानव जीवन में सब भोजन समय पर मिल रहा था। भक्ति न करने से यह दशा होगी।
🌿धर्मराज के तिल तिल का लेखा
परमात्मा के विधान के अनुसार, जो लोग जानवरों को मारते हैं और उनका मांस खाते हैं, वे काफिर होते हैं। इसके अलावा, जो लोग हुक्का पीते हैं वे भगवान के दरबार में काफिरों के रूप में खड़े होते हैं क्योंकि वे खुद को एक जघन्य पाप में शामिल करते हैं।
काफिर सो जो मुरगी काटे, वे काफिर जो सीना चाटे ।
काफिर गूदा घटें सलाई, काफिर हुक्का पीवें अन्यायी ।।
🌿धर्मराज के तिल तिल का लेखा
पवित्र शास्त्र परमात्मा का बनाया संविधान है जो व्यक्ति संविधान का उल्लंघन करता है, वह दंडित होता है। उसे न सुख प्राप्त होता है, न कार्य सिद्ध होते हैं न उसका मोक्ष (गति) होता है।
प्रमाण- गीता अध्याय 16 श्लोक 23, 24 में है।
🌿धर्मराज के तिल तिल का लेखा
मानव शरीर प्राप्त प्राणी को सत्संग के माध्यम से ही पूर्ण संत की शरण मिलती है। पूर्ण संत ही परमेश्वर का संविधान बताता है जिसमें उसे सत्संग के माध्यम से यथार्थ आध्यात्मिक ज्ञान दिया जाता है 'कि यदि पूर्ण संत से नाम दीक्षा लेकर भक्ति, पुण्य, दान, धर्म, शुभ कर्म नहीं किए। तो पूर्व जन्म के पुण्य मानव जीवन में खर्च करके परमात्मा के दरबार में जाओगे और फिर पशु आदि के जीवन ही भोगने पड़ेंगे।
🌿परमात्मा के संविधान की किसी भी धारा का उल्लंघन कर देने पर सजा अवश्य मिलेगी। पवित्र गीता जी व पवित्र चारों वेदों में वर्णित व वर्जित विधि के विपरीत साधना करना व्यर्थ है। गीताजी के अध्याय 9 श्लोक 25 में कहा है कि जो पितर पूजा (श्राद्ध आदि) करते हैं वे मोक्ष प्राप्त नहीं कर पाते।
🌿"बदला कहीं न जात है तीन लोक के माही"
परमात्मा के विधान अनुसार मांस खाने और जीव हत्या करने वाले लोगों को घोर नरक में डाला जाएगा। और इसका बदला भी आपको देना पड़ेगा, जब आप बकरे की योनी में जाओगे और वह बकरा मनुष्य जीवन में होगा उस समय आपकों भी उसी तरह हलाल किया जाएगा।
🌿जीव हने हिंसा करे, प्रकट पाप सिर होय। निगम पुनि ऐसे पाप से, भिस्त गया न कोय।।
जो जीव हिंसा करते है, वह अल्लाह के विधानुसार पाप के भागी होते है। और ऐसे भयानक पाप करके भिस्त कोई नहीं जा सकता।
🌿परमात्मा का विधान है जो सूक्ष्मवेद में कहा है:-
कबीर, गुरू बिन माला फेरते, गुरू बिन देते दान।
गुरू बिन दोंनो निष्फल है, पूछो वेद पुराण।।
गुरू बिन नाम जाप की माला फिराते हैं या दान देते हैं, वह व्यर्थ है। यह वेदों तथा पुराणों में भी प्रमाण है। यदि ��ीक्षा लेकर फिर गुरू को छोड़कर उन्हीं मन्त्रों का जाप करता रहे तथा यज्ञ, हवन, दान भी करता रहे, वह भी व्यर्थ है। उसको कोई लाभ नहीं होगा।
कबीर, तांते सतगुरू शरणा लीजै, कपट भाव सब दूर करिजै।
गुरू पूरा हो, झूठे गुरू से कोई लाभ नहीं होता।
वर्तमान में धरती पर पूर्ण सतगुरु संत रामपाल जी महाराज जी हैं जो शास्त्र प्रमाणित भक्ति और लाभ देते हैं।
🌿भगवान का विधान है:
मदिरा पीवै कड़वा पानी, सत्तर जन्म श्वान के जानी।
भांग तम्बाकू छोतरा आफु और शराब।
गरीबदास कौन करे बंदगी ये तो करे खराब।
अमल आहारी आत्मा, कबहु न उतरे पार।
संत रामपाल जी महाराज के शिष्य भांग, तम्बाकू, शराब आदि किसी भी तरह के नशे को किसी को लाकर देना तो दूर रहा उसे हाथ तक नहीं लगाते।
🌿गीता अध्याय 6 श्लोक 16
नात्यश्नतस्तु योगोऽस्ति न चैकान्तमनश्नत: ।
न चातिस्वप्नशीलस्य जाग्रतो नैव चार्जुन ।।16।।
हे अर्जुन! यह योग न तो बहुत खाने वाले का, न बिल्कुल न खाने वाले का, न बहुत शयन करने के स्वभाव वाले का और न सदा जागने वाले का ही सिद्ध होता है ।।16।।
इस श्लोक में गीता ज्ञान दाता ने योग अर्थात् सद्भक्ति करने वालों को अधिक खाने, व्रत करने, सदा जागने, अधिक शयन के लिए मना किया है। नियमित आहार और नियमित शयन करना चाहिए। जो निराहार रहते है/व्रत करते है वे परमात्मा के विधान को खंड करते है और मोक्ष से वंचित रह जाते है।
🌿कबीर, मांस मछलियां खात है, सुरापान से हेत।
ते नर नरकै जाहिंगे, मात पिता समेत।।
इस वाणी द्वारा कबीर साहेब ने बताया है कि, जो मांस मछली खाते हैं, शराब आदि पीते हैं।
वह इंसान माता पिता के साथ नरक में जाएगा। ये परमात्मा का विधान है।
🌿 पवित्र गीता जी व पवित्र वेद प्रभु का संविधान है। जिसमें केवल एक पूर्ण परमात्मा की पूजा का ही विधान है, अन्य देवताओं, पितरों, भूतों की पूजा करना मना है।
🌿परमात्मा का विधान
यह संसार समंझदा नाहीं, कहंदा शाम दोपहरे नूं।
गरीब दास यह वक्त जात है, रोवोगे इस पहरे नूँ।।
संत गरीबदास जी ने बताया है कि मनुष्य जन्म प्राप्त करके जो व्यक्ति भक्ति नहीं करता, वह कुत्ते, गधे आदि-आदि की योनि में कष्ट उठाता है। कुत्ता रात्रि में आसमान की ओर मुख करके रोता है। इसलिए गरीबदास जी ने बताया है कि यह मानव शरीर का वक्त एक बार हाथ से निकल गया और भक्ति नहीं की तो इस समय (इस पहरे) को याद करके रोया करोगे।
🌿शास्त्रविधि अनुसार पूर्ण गुरू से दीक्षा लेकर भक्ति मर्यादा का निर्वाह करते हुए आजीवन साधना करने से मोक्ष होगा। यदि घर त्यागकर वन में चले ��ए तो भोजन के लिए फिर गाँव या शहर में ग्रहस्थी के द्वार पर आना होगा। गर्मी-सर्दी, बारिश से बचने के लिए कोई कुटी बनानी पड़ेगी। वस्त्र भी माँगने पड़ेंगे। वह फिर घर बन गया। इसलिए घर पर रहो। सत्य साधना करो, मोक्ष निश्चित है।
🌿परमात्मा बड़ी से बड़ी आपत्ति टाल देता है
"संत शरण में आने से, आई टलै बला।
जै भाग्य में सूली हो, कांटे में टल जाय।।"
भावार्थ: कबीर जी बताते हैं कि सच्चे गुरु की शरण में आने के बाद यदि किसी के भाग्य में भयंकर संकट है, तो परमात्मा उसे घटाकर एक छोटा सा कष्ट बना देता है।
अवश्य सुनें संत रामपाल जी महाराज के अमृत वचन साधना टीवी पर प्रतिदिन 7:30 p.m. से 8:30 p.m.
🌿कबीर, चोरी जारी वैश्या वृति, कबहु ना करयो कोए।
पुण्य पाई नर देही, ओछी ठौर न खोए।।
जो मानव चोरी, डकैती, ठगी, वैश्यागमन करते हैं, वे महाअपराधी हैं। जो स्त्रियां वैश्या का धंधा करती हैं, वे भी महाअपराधी हैं। परमात्मा के दरबार में उनको कठिन दण्ड दिया जाएगा।
ऐसे अपराधों से बचने के लिए देखिए संत गमपाल जी महाराज यूट्यूब चैनल
🌿यह दम टूटै पिण्डा फूटै, हो लेखा दरगाह मांही।
उस दरगाह में मार पड़ैगी, जम पकड़ेंगे बांही।।
भक्ति न करने वाले या शास्त्रविरुद्ध भक्ति करने वाले को यम के दूत भुजा पकड़कर ले जाएंगे। उसकी पिटाई की जाएगी।
शास्त्र अनुकूल भक्ति विधि की जानकारी के लिए विजिट करें संत रामपाल जी महाराज यूट्यून चैनल
🌿 कबीर, राम नाम से खिज मरैं, कुष्टि हो गल जाय।
शुकर होकर जन्म ले, नाक डूबता खाय।।
भावार्थ:- कबीर जी ने कहा है कि अभिमानी व्यक्ति राम नाम की चर्चा से खिज जाता है। फिर कोढ़ (कुष्ट रोग) लगकर गलकर मर जाता है। अगला जन्म सूअर का प्राप्त करके गंद खाता है। सूअर की नाक भी गंद में डूबी रहती है। इस प्रकार का कष्ट वह प्राणी उठाता है जो भक्ति नहीं करता या नकली संत बनकर जनता में फोकट महिमा बनाता है।
🌿 गरीब, गाड़ी बाहो घर रहो, खेती करो खुशहाल।
सांई सिर पर राखिये, सही भगत हरलाल।।
भावार्थ:- परमात्मा प्राप्ति के लिए घर त्यागने की आवश्यकता नहीं है। अपना खेती का कार्य तथा गाड़ी बाहने (ट्रांसपोर्ट) का कार्य खुशी-खुशी करो। घर पर रहो। परमात्मा की भक्ति जो मैं बताऊँ, वह करते रहो। आप सही भक्त कहलाओगे।
🌿संत गरीबदास जी ने कहा है कि:-
तमा + खू = तमाखू।
खू नाम खून का तमा नाम गाय। सौ बार सौगंध इसे न पीयें-खाय।। भावार्थ:- भावार्थ है कि फारसी भाषा में ‘‘तमा’’ गाय क��� कहते हैं। खू = खून यानि रक्त को कहते हैं। यह तमाखू गाय के रक्त से उपजा है। इसके ऊपर गाय के बाल जैसे रूंग (रोम) जैसे होते हैं। हे मानव! तेरे को सौ बार सौगंद है कि इस तमाखू का सेवन किसी रूप में भी मत कर। तमाखू का सेवन गाय का खून पीने के समान पाप लगता है।
🌿परमात्मा का विधान
गरीब, परद्वारा स्त्री का खोलै। सत्तर जन्म अंधा हो डोलै।।
जो व्यक्ति अन्य स्त्री से अवैध सम्बन्ध बनाता है, उस पाप के कारण वह सत्तर जन्म अंधे के प्राप्त करता है। अंधा गधा-गधी, अंधा बैल, अंधा मनुष्य या अंधी स्त्री के लगातार सत्तर जन्मों में कष्ट भोगता है।
🌿मदिरा पीवै कड़वा पानी। सत्तर जन्म श्वान के जानी।।
कड़वी शराब रूपी पानी जो पीता है, वह उस पाप के कारण सत्तर जन्म तक कुत्ते के जन्म प्राप्त करके कष्ट उठाता है। गंदी नालियों का पानी पीता है। रोटी ने मिलने पर गंद खाता है।
🌿सुरापान मद्य मांसाहारी। गमन करै भोगै पर नारी।।
सत्तर जन्म कटत है शीशं। साक्षी साहेब है जगदीशं।।
- (सुरा) शराब (पान) पीने वाले तथा परस्त्री को भोगने वाले, माँस खाने वालों को अन्य पाप कर्म भी भोगना होता है। उनके सत्तर जन्म तक मानव या बकरा-बकरी, भैंस या मुर्गे आदि के जीवनों में सिर कटते हैं। इस बात को मैं परमात्मा को साक्षी रखकर कह रहा हूँ, सत्य मानना।
🌿परमात्मा का विधान है,
तम्बाकू पीना भी महापाप है,
मानव जीवन परमात्मा प्राप्ति के लिए ही मिला है। परमात्मा को प्राप्त करने वाले मार्ग को तम्बाकू का धुँआ बंद कर देता है। इसलिए भी तम्बाकू भक्त के लिए महान शत्रु है।j
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#हेभोलेइंसान_आंखोंदेखले_भगवान
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⭐ क्या सनातनी पूजा का पतन अंधविश्वास से जुड़��� है?
संत रामपाल जी महाराज की जुबानी जानें इसका वास्तविक कारण।
देखें "सनातनी पूजा के पतन की कहानी संत रामपाल जी महाराज की जुबानी भाग - 5"।
Factful Debates YouTube चैनल पर।
⭐ क्या सनातनी पूजा का पतन एक ऐतिहासिक भूल है?
संत रामपाल जी महाराज ने किया खुलासा।
देखें "सनातनी पूजा के पतन की कहानी संत रामपाल जी महाराज की जुबानी भाग - 5"
Factful Debates YouTube चैनल पर।
⭐ सभी धर्मों की मूल जड़ है आदि सनातनी पूजा क्यों सनातनी पूजा को समझ नहीं पाए सभी धर्म गुरु हैं?
संत रामपाल जी महाराज की प्रवचन से जानें सच्चाई।
देखें "सनातनी पूजा के पतन की कहानी संत रामपाल जी महाराज की जुबानी भाग - 5"।
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⭐ क्या है हमारा असली पुरातन धर्म? सनातनी पूजा का पतन क्यों हुआ?
संत रामपाल जी महाराज ने इस विषय पर ऐतिहासिक तथ्य दिए हैं।
देखें "सनातनी पूजा के पतन की कहानी संत रामपाल जी महाराज की जुबानी भाग - 5"।
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⭐ क्या शास्त्रों में दिए गए पूजा पद्धति को समझ नहीं पाए तमाम धर्म गुरु?
संत रामपाल जी महाराज ने किया बड़ा खुलासा।
देखें "सनातनी पूजा के पतन की कहानी संत रामपाल जी महाराज की जुबानी भाग - 5"।
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⭐ क्या हम सनातनी पूजा की असल सच्चाई जानते हैं?
संत रामपाल जी महाराज ने बताया सत्य।
देखें "सनातनी पूजा के पतन की कहानी संत रामपाल जी महाराज की जुबानी भाग - 5"।
Factful Debates चैनल पर।
⭐ क्या पूजा का उद्देश्य बदल गया है?
संत रामपाल जी महाराज के अद्भुत खुलासे।
देखें "सनातनी पूजा के पतन की कहानी संत रामपाल जी महाराज की जुबानी भाग - 5"
Factful Debates यूट्यूब चैनल पर।
⭐ क्या सनातनी पूजा को सही दिशा की आवश्यकता है?
संत रामपाल जी महाराज ने इस पर किया बड़ा खुलासा।
देखें "सनातनी पूजा के पतन की कहानी संत रामपाल जी महाराज की जुबानी भाग - 5"।
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⭐ क्या सनातनी पूजा के असली रूप को हम पहचान नहीं पाए हैं?
संत रामपाल जी महाराज ने बताया सच्चाई।
देखें "सनातनी पूजा के पतन की कहानी संत रामपाल जी महाराज की जुबानी भाग - 5"
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⭐ क्या सनातनी पूजा के पतन के पीछे कोई गहरी साजिश है?
संत रामपाल जी महाराज ने बताया सच्चाई।
देखें "सनातनी पूजा के पतन की कहानी संत रामपाल जी महाराज की जुबानी भाग - 5"।
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⭐ क्या हम सनातनी पूजा के असली उद्देश्य से भटक गए हैं?
संत रामपाल जी महाराज ने बताया सत्य।
देखें "सनातनी पूजा के पतन की कहानी संत रामपाल जी महाराज की जुबानी भाग - 5"।
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⭐ क्या सनातनी पूजा के पतन का कारण शास्त्रों को ठीक से न समझ पाना है?
संत रामपाल जी महाराज ने किया खुलासा।
देखें "सनातनी पूजा के पतन की कहानी संत रामपाल जी महाराज की जुबानी भाग - 5"।
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⭐ क्या हम सनातनी पूजा को सही तरीके से कर रहे हैं?
संत रामपाल जी महाराज ने बताया सच।
देखें "सनातनी पूजा के पतन की कहानी संत रामपाल जी महाराज की जुबानी भाग - 5"।
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⭐ क्या सनातनी पूजा के पतन को रोका जा सकता है?
संत रामपाल जी महाराज ने दिया समाधान।
देखें "सनातनी पूजा के पतन की कहानी संत रामपाल जी महाराज की जुबानी भाग - 5"।
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⭐ क्या सनातनी पूजा के पतन के कारण सिर्फ अज्ञानता हैं?
संत रामपाल जी महाराज ने इस पर की गहन चर्चा।
देखें "सनातनी पूजा के पतन की कहानी संत रामपाल जी महाराज की जुबानी भाग - 5"।
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⭐ क्या सनातनी पूजा के पतन की वजह सिर्फ धर्म की सटीक जानकारी न होना है?
संत रामपाल जी महाराज ने किया खुलासा।
देखें "सनातनी पूजा के पतन की कहानी संत रामपाल जी महाराज की जुबानी भाग - 5"।
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⭐ क्या सनातनी पूजा के पतन को फिर से सुधार सकते हैं?
संत रामपाल जी महाराज ने दिया मार्गदर्शन।
देखें "सनातनी पूजा के पतन की कहानी संत रामपाल जी महाराज की जुबानी भाग - 5"।
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⭐ क्या सनातनी पूजा के पतन की वजह सिर्फ पूजा विधियों का बदलाव है?
संत रामपाल जी महाराज ने उजागर किया सत्य।
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⭐ आदि सनातनी धर्म में कौनसी है वो तीन चरण की साधनाएं जिससे होगा मोक्ष?
संत रामपाल जी महाराज ने उजागर किया सत्य।
देखें "सनातनी पूजा के पतन की कहानी संत रामपाल जी महाराज की जुबानी भाग - 5"।
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⭐ क्या आदि सनातनी पूजा में आती सभी धर्मों की पूजा?
आदि सनातनी धर्म में कौनसी है वो तीन चरण की साधनाएं जिससे होगा मोक्ष?
संत रामपाल जी महाराज ने उजागर किया सत्य।
देखें "सनातनी पूजा के पतन की कहानी संत रामपाल जी महाराज की जुबानी भाग - 5"।
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⭐ क्या सनातनी पूजा का पतन अंधविश्वास से जुड़ा है?
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युग परिवर्तन निकट है!
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#युग_परिवर्तन_निकट_है
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🏇 युग परिवर्तन निकट है!
इजरायल के प्रो. हरार के अनुसार 'भारत देश का एक दिव्य महापुरूष मानवतावादी विचारों से आध्यात्मिक क्रांति की जड़े मजबूत कर लेगा व सारे विश्व को उनके विचार सुनने को बाध्य होना पड़ेगा।'
और वह दिव्य महापुरुष संत रामपाल जी महाराज हैं जिनके सत्य आध्यात्मिक ज्ञान के आगे सभी नतमस्तक हैं।
🏇 युग परिवर्तन निकट है!
फ्रांस के डॉ. जूलर्वन के अनुसार 'भारत से उठी ज्ञान की धार्मिक क्रांति नास्तिकता का नाश करके आँधी तूफान की तरह सम्पूर्ण विश्व को ढक लेगी। उस
आपको बता दें डॉ. जूलर्वन ने भारत के जिस महापुरुष के ज्ञान का जिक्र किया है वह संत रामपाल जी महाराज हैं। जिनके अध्यात्म ज्ञान को सुन नास्तिक लोग भी आस्तिक हो रहे हैं।
🏇युग परिवर्तन निकट है!
अमेरिका के भविष्यवक्ता ‘‘श्री एण्डरसन’’ के अनुसार, 'भारत के देहात का एक धार्मिक व्यक्ति, एक मानव, एक भाषा और झण्डा की रूपरेखा का संविधान बनाकर संसार को सदाचार, उदारता, मानवीय सेवा व प्यार का सबक देगा। यह मसीहा विश्व में आगे आने वाले हजारों वर्षों के लिए धर्म व सुख-शांति भर देगा।'
और संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाओं से उनके समर्थकों में सदाचार, मानवता देखने को मिलती है। जिससे उनका जीवन सुखी हो रहा है।
🏇 युग परिवर्तन निकट है!
नास्त्रेदमस ने अपने ग्रंथ के शतक 1 श्लोक 50 में कहा है "यह मेरी भविष्यवाणी की गौरव की बात होगी कि वास्तव में वह तत्वदर्शी संत संसार में अवश्य प्रसिद्ध होगा। उसका सर्व ज्ञान शास्त्र प्रमाणित होगा। वह आदि पुरुष परमेश्वर का अनुयायी दुनिया का तारणहार होगा।"
नास्त्रेदमस की इन भविष्यवाणियों के अनुसार एक ही महापुरुष का नाम सामने आता है जिनका नाम है संत रामपाल जी महाराज।
🏇भविष्यवक्ता ‘‘श्री वेजीलेटिन’’ के अनुसार विश्व में आपसी प्रेम का अभाव, मानवता का ह्यस, माया संग्रह की दौड़, लूट व राज नेताओं का अन्यायी हो जाना आदि-आदि बहुत से उत्पात देखने को मिलेगें। परन्तु भारत से उत्पन्न हुई शांति भ्रातृत्व भाव पर आधारित नई सभ्��ता विश्वभर में अमन व चैन उत्पन्न करेगी।
संत रामपाल जी ही वह महापुरुष हैं भेदभाव की सारी सीमाएं समाप्त कर अमन व शांति का पैगाम दे रहे हैं।
🏇“मैं छाती ठोककर कहता हूं कि वह महापुरुष ऐसा ज्ञान बतलायेगा, जो आज से पहले किसी ने भी न सुना होगा, उसके ज्ञान को सुनकर सभी विद्वान कहलाने वाले धर्मगुरुओं को नतमस्तक होना पड़ेगा।” - नास्त्रेदमस
हम सभी जानते हैं कि संत रामपाल जी महाराज ही एकमात्र संत हैं जिन्होंने वर्तमान के सभी धर्मगुरुओं को आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा में नतमस्तक कर दिया है।
🏇पुस्तक "भाई बाले वाली जन्म साखी में" प्रह्लाद जी ने एक महापुरुष के विषय में भविष्यवाणी की है कि 'वह महापुरुष पंजाब की धरती पर जाट वर्ण में जन्म लेगा उसका प्रचार का क्षेत्र बरवाला होगा।'
संत रामपाल जी महाराज का जन्म जाट जाति में हुआ तथा उनका प्रचार क्षेत्र बरवाला है।
🏇हॉलैण्ड के भविष्यवक्ता ‘‘श्री गेरार्ड क्राइसे’’ के अनुसार 'भारत का एक महापुरूष सम्पूर्ण विश्व को मानवता के एक सूत्र में बांध देगा व हिंसा, फूट-दुराचार, कपट आदि संसार से सदा के लिए मिटा देगा।'
इस कार्य में अभी तक सिर्फ संत रामपाल जी महाराज ही सफल हुए हैं।
🏇इंग्लैण्ड के ज्योतिषी ‘कीरो’ ने सन् 1925 में लिखी पुस्तक में भविष्यवाणी की है, '20वी सदी के उत्तरार्द्ध में जन्मा भारत का वह एक संत सारे संसार में ज्ञानक्रांति ला देगा।'
कीरो की यह भविष्यवाणी संत रामपाल जी महाराज पर सटीक बैठती है। जिनके ज्ञान का कोई सानी नहीं है।
🏇 'सन् 1998 के बाद एक शक्तिशाली धार्मिक संस्थान भारत में प्रकाश में आएगी जिसके स्वामी एक गृहस्थ होंगे। उस व्यक्ति की आचार संहिता का पालन संपूर्ण विश्व करेगा। उसका आध्यात्मिक तत्वज्ञान पूरे ही विश्व को मान्य होगा।' - नार्वे के भविष्यवक्ता श्री आनंदाचार्य
संत रामपाल जी महाराज ही वह महान संत हैं जिनके तत्वज्ञान का लोहा आज पूरा विश्व मानता है।
🏇 विश्नोई धर्म के संस्थापक संत जम्भेश्वर जी ने कहा है:
हरि पर हरि को नाम जपीजै, हिरयालो हरि आण हरूं, हरि नारायण देव नरूं।
आशा सास निरास भइलो, पाइलो मोक्ष दवार खिंणू।।
संत जम्भेश्वर जी की यह वाणी हरियाणा में अवतरित हुए संत रामपाल जी महाराज पर खरी उतरती है। क्योंकि वे शास्त्र अनुकूल भक्ति मार्ग बताते हैं जिससे मोक्ष संभव है।
🏇संत गरीबदास जी ने कहा है:
साहिब तख्त कबीर खवासा। दिल्ली मंडल लीजै वासा।।
सतगुरू दिल्ली मंडल आयसी। सूती धरती सूम जगायसी।।
संत रामपाल जी महाराज की जन्म स्थली सोनीपत जन्म के समय दिल्ली मण्डल में ही आती थी। उनके तत्वज्ञान से आज अज्ञान ��ंधकार में सोया हुआ भक्त समाज हड़बड़ाकर सतभक्ति करने के लिए अग्रसर हो रहा है।
🏇अमेरिका की प्रसिद्ध महिला भविष्यवक्ता फ्लोरेंस ने अपनी book " Golden Light of New Era" में लिखा है कि एक संत की कल्याणकारी विचारधारा से पूरे विश्व में शान्ति होगी। वह संत कोई और नहीं बल्कि संत रामपाल जी महाराज हैं। जो दुनिया को अपने तत्वज्ञान के माध्यम से अमन और शांति का पैगाम दे रहे हैं।
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🥥दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
विक्रमी संवत् 1570 (सन 1513) में कबीर परमेश्वर
केशव बंजारे का वेश धारण करके अमर लोक यानी सतलोक से नौ लाख बोरी में भंडारा सामग्री बैलों पर रखकर व एक लाख सेवादारों के साथ कांशी नगर आए। केशव बंजारे रूप में आए परमात्मा ने काशी नगर में अद्भुत भंडारे का आयोजन किया। चाहे कितना भी खाओ कोई रोक टोक नहीं, वहा मिठाई, लड्डू, जलेबी, चावल, खीर, हलवा, आदि कढ़ाहो के ढेर की ढेर लगे थे, मानो कुबेर का भंडार ही धरती पर आ गया हो।
🥥दिव्य धर्म यज्ञ दिवस परमात्मा कबीर साहेब जी द्वारा किए गए उस दिव्य चमत्कार का स्मरण
विक्रमी संवत 1570 (सन् 1513) में कबीर जी ने काशी में 18 लाख साधु-संतों के लिए तीन दिवसीय भंडारे का आयोजन किया। कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष में प्रारंभ हुआ यह भंडारा मंगसर (माघशीर्ष) की कृष्ण पक्ष एकम (प्रथमा) को सम्पन्न हुआ। यह आयोजन उन लोगों के झूठे निमंत्रण के कारण हुआ था, जो कबीर साहेब से ईर्ष्या रखते थे और इस असंभव भंडारे को उनके लिए चुनौती मानते थे। कबीर साहेब ने केशव बंजारे का रूप धारण कर सतलोक से सारी सामग्री मंगवाई और साधु-संतों को तीन दिन तक भोजन करवाकर यह चमत्कार पूर्ण किया। आज संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में उनके अनुयायियों द्वारा इस दिवस को दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के रूप में श्रद्धा से मनाया जाता है, जिसमें सभी सतलोक आश्रमों में तीन दिवसीय भंडारा और अमरवाणी का अखंड पाठ किया जाता है।
🥥 दिव्य धर्म यज्ञ का उद्देश्य
दिव्य धर्म यज्ञ का उद्देश्य परमात्मा कबीर साहेब द्वारा दिखाए गए मार्ग को जन-जन तक पहुँचाना है। संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में इसे इस बार 14, 15, 16 नवंबर को मनाया जाएगा, जिसमें भक्त दिव्य भंडारे का आनंद लेते हैं, आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करते हैं और धर्म के वास्तविक स्वरूप से परिचित होते हैं।
🥥कैसे हुआ दिव्य धर्म यज्ञ का प्रारंभ?
विक्रमी संवत 1570 में कबीर साहेब ने काशी में तीन दिनों का भंडारा आयोजित किया था। इसमें 18 लाख साधु-संतों ने भाग लिया था और कबीर साहेब ने उन्हें भोजन और वस्त्र भेंट किए थे। इस ऐतिहासिक आयोजन की स्मृति में संत रामपाल जी महाराज द्वारा 14, 15, 16 नवंबर को दिव्य धर्म यज्ञ मनाया जा रहा है।
🥥क्या है दिव्य धर्म यज्ञ दिवस?
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस, परमेश्वर कबीर साहेब द्वारा काशी में आयोजित धार्मिक भंडारे की पुनः स्मृति का एक भव्य आयोजन है। इस आयोजन में लाखों श्रद्धालुओं को भोजन कराया जाता है और सत्संग का आयोजन होता है, जो संत रामपाल जी महाराज के आदेशानुसार उनके अनुयायियों द्वारा किया जा रहा है। इस वर्ष यह आयोजन 14, 15, 16 नवंबर को होगा।
🥥511वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस का उद्देश्य
संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में दिव्य धर्म यज्ञ का आयोजन परमात्मा कबीर साहेब की उस ऐतिहासिक घटना को स्मरण करने हेतु किया जाता है, जब उन्होंने (शेख तकी द्वारा डाली गई झूठी चिट्ठी के बाद आए) 18 लाख साधुओं को भोजन कराया था। परमेश्वर की संपूर्ण लीलाओं की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
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🌹"बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय"🌹
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🥥दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
दिल्ली के बादशाह सिकंदर लो��ी के पीर शेखतकी व अन्य धार्मिक मुल्ला काजियों ने ईर्ष्यावश कबीर साहेब को काशी से भगाने के लिए उनके नाम का झूठा निमंत्रण पत्र पूरे भारतवर्ष में प्रचारित कर दिया। निमंत्रण पत्र में लिखा कि कबीर पुत्र नीरू काशी में तीन दिन तक भंडारा (लंगर) करेगा। भोजन करने वाले को प्रत्येक बार भंडारा करने पर एक मोहर व एक दोहर दिया जायेगा। भोजन में सात प्रकार की मिठाई, खीर, पूरी, हलवा, दही बड़े, आदि मिष्ठान बनाए जायेंगे। भंडारे में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सुखा सीधा भी दिया जायेगा। यह निमंत्रण पाकर दूर दूर से साधु संत आने लगे और उन्होंने तीन दिन भंडारा किया।
🥥दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
विक्रमी संवत् 1570 (सन 1513) में परमेश्वर कबीर जी ने काशी में 18 लाख साधु संतों को भंडारा करवाया था जो 3 दिन तक कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष चतुर्दशी को प्रारंभ हुआ था मंगसर (माघशीर्ष) के कृष्ण पक्ष एकम (प्रथमा) को सम्पन्न हुआ था।
वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में दिव्य धर्म यज्ञ दिवस 14, 15, और 16 नवंबर 2024 को मनाया जायेगा।
🥥दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
केशव बंजारे का रुप बदलकर आए कबीर परमेश्वर जी
ने विक्रमी संवत् 1570 (सन 1513) में18 लाख महात्माओं को विश्वविख्यात काशी नगर में धार्मिक भंडारा करवाकर भोजन कराया था। आज वही दिव्य धर्म भंडारा संत रामपाल जी महाराज जी के संचालन में देश के दस सतलोक आश्रमों में किया जा रहा है।
🥥दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
काशी नगर में पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी ने तीन दिनों तक खुला भंडारा आयोजित किया था। इसी के उपलक्ष्य में 14 नवंबर से प्रारंभ होने वाले विशाल भंडारे व धार्मिक आयोजन की संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा देश के दस सतलोक आश्रमों में तैयारियां जोरों शोरों से चल रही है। इस तीन दिवसीय विशाल धर्म भंडारे में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओ के जुटने का अनुमान लगाया जा रहा है l
🥥दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
विक्रमी संवत् 1570 (सन 1513) में कबीर परमेश्वर
केशव बंजारे का वेश धारण करके अमर लोक यानी सतलोक से नौ लाख बोरी में भंडारा सामग्री बैलों पर रखकर व एक लाख सेवादारों के साथ कांशी नगर आए। केशव बंजारे रूप में आए परमात्मा ने काशी नगर में अद्भुत भंडारे का आयोजन किया। चाहे कितना भी खाओ कोई रोक टोक नहीं, वहा मिठाई, लड्डू, जलेबी, चावल, खीर, हलवा, आदि कढ़ाहो के ढेर की ढेर लगे थे, मानो कुबेर का भंडार ही धरती पर आ गया हो।
🥥दिव्य धर्म यज्ञ दिवस परमात्मा कबीर साहेब जी द्वारा किए गए उस दिव्य चमत्कार का स्मरण
विक्रमी संवत 1570 (सन् 1513) में कबीर जी ने काशी में 18 लाख साधु-संतों के लिए तीन दिवसीय भंडारे का आयोजन किया। कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष में प्रारंभ हुआ यह भंडारा मंगसर (माघशीर्ष) की कृष्ण पक्ष एकम (प्रथमा) को सम्पन्न हुआ। यह आयोजन उन लोगों के झूठे निमंत्रण के कारण हुआ था, जो कबीर साहेब से ईर्ष्या रखते थे और इस असंभव भंडारे को उनके लिए चुनौती मानते थे। कबीर साहेब ने केशव बंजारे का रूप धारण कर सतलोक से सारी सामग्री मंगवाई और साधु-संतों को तीन दिन तक भोजन करवाकर यह चमत्कार पूर्ण किया। आज संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में उनके अनुयायियों द्वारा इस दिवस को दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के रूप में श्रद्धा से मनाया जाता है, जिसमें सभी सतलोक आश्रमों में तीन दिवसीय भंडारा और अमरवाणी का अखंड पाठ किया जाता है।
🥥 दिव्य धर्म यज्ञ का उद्देश्य
दिव्य धर्म यज्ञ का उद्देश्य परमात्मा कबीर साहेब द्वारा दिखाए गए मार्ग को जन-जन तक पहुँचाना है। संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में इसे इस बार 14, 15, 16 नवंबर को मनाया जाएगा, जिसमें भक्त दिव्य भंडारे का आनंद लेते हैं, आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करते हैं और धर्म के वास्तविक स्वरूप से परिचित होते हैं।
🥥कैसे हुआ दिव्य धर्म यज्ञ का प्रारंभ?
विक्रमी संवत 1570 में कबीर साहेब ने काशी में तीन दिनों का भंडारा आयोजित किया था। इसमें 18 लाख साधु-संतों ने भाग लिया था और कबीर साहेब ने उन्हें भोजन और वस्त्र भेंट किए थे। इस ऐतिहासिक आयोजन की स्मृति में संत रामपाल जी महाराज द्वारा 14, 15, 16 नवंबर को दिव्य धर्म यज्ञ मनाया जा रहा है।
🥥क्या है दिव्य धर्म यज्ञ दिवस?
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस, परमेश्वर कबीर साहेब द्वारा काशी में आयोजित धार्मिक भंडारे की पुनः स्मृति का एक भव्य आयोजन है। इस आयोजन में लाखों श्रद्धालुओं को भोजन कराया जाता है और सत्संग का आयोजन होता है, जो संत रामपाल जी महाराज के आदेशानुसार उनके अनुयायियों द्वारा किया जा रहा है। इस वर्ष यह आयोजन 14, 15, 16 नवंबर को होगा।
🥥511वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस का उद्देश्य
संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में दिव्य धर्म यज्ञ का आयोजन परमात्मा कबीर साहेब की उस ऐतिहासिक घटना को स्मरण करने हेतु किया जाता है, जब उन्होंने (शेख तकी द्वारा डाली गई झूठी चिट्ठी के बाद आए) 18 लाख साधुओं को भोजन कराया था। परमेश्वर की संपूर्ण लीलाओं की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
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*📯बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय📯*
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🔅हजरत मुहम्मद जी को क़ुरआन शरीफ बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि कबीर प्रभु वही है जिसने सर्व सृष्टि की रचना छः दिन में की तथा सातवें दिन ऊपर अपने सतलोक में सिंहासन पर विराजमान हो(बैठ) गया। उसकी ख़बर किसी बाख़बर से पूछो।
क़ुरान सूरह अल-फुरकान 25 आयत 59
वह बाख़बर और अंतिम पैगम्बर संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।
🔅सूरह अश शूरा 42, आयत 1, 2 में (कोड वर्ड) सांकेतिक शब्द हैं। उनका ज्ञान किसी भी मुसलमान भाई को नहीं है।
हा. मीम्, अैन. सीन. काफ.
ये अक्षर लिखे हैं जो जाप करने का नाम है। नाम जाप के बिना जीव का कल्याण नहीं हो सकता।
इन अक्षरों की जानकारी सिर्फ बाख़बर संत रामपाल जी महाराज ने दी है।
🔅 पवित्र क़ुरआन में वर्णित ऐन सीन काफ़ और पवित्र गीता जी में वर्णित ओम तत सत में क्या संबंध है?
जानने के लिए अवश्य पढ़िए पवित्र पुस्तक मुसलमान नहीं समझे ज्ञान क़ुरआन।
🔅बाख़बर वही है जो सच्चे खुदा कबीर की इबादत बताएगा।
वह बाख़बर, अंतिम नबी संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं। जिन्होंने अल्लाहु अकबर (अल्लाह कबीर जी) की संपूर्ण जानकारी दी है। उनसे जुड़ें और अपना जीवन सफल बनायें।
🔅 क़ुरआन का ज्ञान अधूरा है।
हजरत मुहम्मद को क़ुरआन शरीफ बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि वह कबीर प्रभु वही है जिसने जमीन तथा आसमान के बीच में जो भी विद्यमान है सर्व सृष्टि की रचना छः दिन में की तथा सातवें दिन ऊपर अपने सतलोक में सिंहासन पर विराजमान हो(बैठ) गया। उसकी ख़बर किसी बाख़बर से पूछो।
क़ुरआन सूरह अल-फुरकान 25 आयत 59
वह बाख़बर और अंतिम पैगम्बर संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।
🔅कुरान शरीफ का ज्ञान दाता किसी अन्य अल्लाह के बारे में जानकारी दे रहा है; पूर्ण परमात्मा कबीर परमेश्वर (अल्लाहु अकबर) का वर्णन कर रहा है। वह कहता है कि " हे पैग़म्बर उस 'जिंदा' पर भरोसा करो जो तुम्हें 'जिंदा महात्मा' के रूप में मिला था। वह अविनाशी है, उसकी इबादत करो।"
अल्लाह ताला की जानकारी के लिए पढ़ें पुस्तक मुसलमान नहीं समझे ज्ञान क़ुरान
🔅सच्ची इबादत की जानकारी ना होने की वजह से हजरत मुहम्मद जी ने जीवन भर बहुत पीड़ा सहकर प्राण त्याग दिए।
सच्ची इबादत केवल बाख़बर व अंतिम पैगम्बर संत रामपाल जी महाराज जी ही बताते हैं जिससे पाप रूपी कांटे भी निकल जाते हैं व मोक्ष प्राप्ति भी होती है।
🔅 क़ुरआन शरीफ के अनुसार सही इबादत की जानकारी केवल बाख़बर से ही प्राप्त हो सकती है और वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी वह बाखबर हैं और अंतिम पैगम्बर हैं जो सही इबादत को पूरी दुनिया तक पहुंचा रहे हैं।
🔅क़ुरआन शरीफ का ज्ञानदाता कहता है कि उस सर्वोच्च अल्लाह के वास्तविक ज्ञान के बारे में और उसकी जानकारी के लिए किसी बाख़बर से पूछो।
वह बाख़बर, अंतिम पैगम्बर संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं। उनसे नाम दीक्षा लेकर अपना कल्याण कराएं।
🔅 अंतिम पैगम्बर आए हैं,
अल्लाह का संदेश लाए हैं।
सपूर्ण जानकारी के अवश्य पढ़ें संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक
"मुस्लमान नहीं समझे ज्ञान कुरान"
🔅सभी मुस्लिम समुदाय से प्रार्थना है कि कृपया करके अपने सच्चे बाख़बर, रहनुमा, खुदा का भेजा हुआ वर्तमान में नबी, पैगम्बर (अवतार) जोकि संत रामपाल जी महाराज जी हैं। आयें और जन्नत में जाने का रास्ता इख़्तियार करवाऐं।
🔅बाख़बर संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा बताए ज्ञान को समझकर आज बहुत बड़ा जन समूह अपने रहमान खुदा (प्रभु) कबीर को पहचानकर सतभक्ति कर रहा है अर्थात् वे सच्ची इबादत कर रहे हैं।
आप भी अंतिम नबी संत रामपाल जी महाराज जी से नाम उपदेश लेकर अपना कल्याण कराएं।
🔅क़ुरआन शरीफ सूरह अल फुरकान 25, आयत 59 में कहा है
(अल्लाह बड़ा) रहमान है। उसकी ख़बर किसी बाख़बर (इल्मवाले) से पूछ देखो।
वर्तमान में कौन है वह अंतिम पैगम्बर या बाख़बर?
🔅 हे मुसलमान भाइयों! जान लो उस बाख़बर(इल्मवाले) को जिसके बारे में क़ुरआन ज्ञान दाता ने सूरह फुरकान 25 आयात 59 में कहा है कि कबीर अल्लाह (बड़ा अल्लाह) जो पूरी कायनात का मालिक है। उसकी ख़बर किसी बाख़बर से पूछो।
वह बाख़बर संत रामपाल जी महाराज (सतपुरुष के अंतिम नबी) हैं।
🔅इस्लाम में मान्यता है कि पुनर्जन्म नहीं होता, केवल एक बार जन्म होता हैं फिर मृत्यु होती है, उसके बाद उनको कब्र में दफ़ना दिया जाता है। फिर जब कभी कयामत (सृष्टि का विनाश) होगी तब मुर्दों को कब्र से निकालकर कर्म अनुसार जन्नत और दोजख में डाला जाएगा। इसके बाद सृष्टि क्रम सदा के लिए बंद हो जाएगा। जबकि हजरत मुहम्मद जी ने ऊपर जन्नत में बाबा आदम, मुसा, ईसा, दाऊद इत्यादि को देखा। फिर तो ��नको भी कब्र में रहना चाहिए था। इससे साफ जाहिर होता है कि इस्लाम में भी पुनर्जन्म होता है।
तथा क़ुरान में कई आयते है जो पुनर्जन्म को सिद्ध करती है।
सूरह-अर-रूम-30: 11, सूरह-अल-बकरा 2: 243, सूरह-अल-अंबिया 21: 104
अधिक जानकारी के लिए पढ़ें पुस्तक मुसलमान नहीं समझे ज्ञान क़ुरान
🔅क़ुरान शरीफ/मजीद सुरः अल मुल्क-67 आयत 9 से पहले वाली आयतों में बताया है कि जो इस कुरआन का ज्ञान बताने वाले नबी से लोग कहते हैं कि तू झूठ बोल रहा है। और अल्लाह की हिदायतों की पालना न करके गलत साधना करके मरेंगे। फिर वे नरक में डाले जाएँगे तो उनसे दोजख के दरोगा पूछेंगे कि क्या तुम्हारे पास कोई हिदायत देने वाला रसूल नहीं आया था। तुमने गलत काम किए और कष्ट भोगने आ गए।
इस आयत 9 में बताया है कि ‘‘वे कहेंगे कि हिदायत देने वाला यानि नबी तो आया था।
हमने उसको यह कहकर झुठला दिया कि कबीर खुदा ने कोई चीज नाजिल नहीं की है, तुम गलत कह रहे हो।
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*बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय* 🧩
*#InspiredBy_SantRampalJi*
*मानवता की मिसाल*
🩸 रक्तदान महादान
मानवहित में संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा से उनके शिष्यों ने सतलोक आश्रम खमाणों (पंजाब) में 200 यूनिट रक्तदान कर समाज सेवा का अनुपम उदाहरण पेश किया।
🩸 संत रामपाल जी के शिष्य समाज हित में अग्रणी भूमिका निभाते हुए सैकड़ों यूनिट रक्तदान कर मानवता का सर्वोच्च कार्य कर रहे हैं।
🩸 रक्तदान, जीवनदान
सतलोक आश्रम बैतूल (मध्यप्रदेश) में संत रामपाल जी के समर्थकों ने 472 यूनिट रक्तदान कर मानवता का सर्वोच्च कार्य किया।
🩸 सेवा का नया आयाम
सतलोक आश्रमों में संत रामपाल जी की सामाजिक शिक्षाओं से प्रभावित हो उनके अनुयायियों ने किया सैकड़ों यूनिट रक्तदान।
🩸 जीवन को बचाने की पहल, संत रामपाल जी के अनुयायियों का रक्तदान अभियान, जिसके तहत सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा) में किया गया 155 यूनिट रक्तदान���
🩸 जीवनदान का नया अध्याय
सतलोक आश्रम शामली (उत्तरप्रदेश) में संत रामपाल जी महाराज के अवतरण दिवस पर हुआ 300 यूनिट रक्तदान, जिससे बचेंगी अनेक जिंदगियाँ।
🩸 मानवता की सेवा में संत रामपाल जी का रक्तदान में अनमोल योगदान देखने क�� मिला, जिसके तहत सतलोक आश्रम धुरी (पंजाब) में हुआ संत रामपाल जी के सानिध्य में 80 यूनिट रक्तदान।
🩸 रक्तदान महादान
संत रामपाल जी की एक छोटी सी पहल से प्रेरित होकर उनके अनुयायी सैकड़ों यूनिट रक्तदान कर एक बड़ी सेवा कर रहे हैं। क्योंकि 'रक्तदान है महादान'
🩸 संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी मानवता की सेवा में अग्रसर हैं। इसलिए लाखों लोगों की जिंदगियाँ बचाने के लिए वे हर समागम में करते हैं सैकड़ों यूनिट रक्तदान।
🩸 संत रामपाल जी महाराज के शिष्य रक्तदान कर सच्ची मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं। जिससे सैकड़ों जिंदगियों की जान बच सकेगी।
🩸 रक्तदान, पुण्य का काम, हर बूंद में जीवन देने की शक्ति है और इस शक्ति को पहचाना है संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों ने, जिन्होंने लोगों की जिंदगियाँ बचाने के लिए संत रामपाल जी के 74वें अवतरण दिवस पर किया सैकड़ों यूनिट रक्तदान।
🩸 संत रामपाल जी महाराज के 74वें अवतरण दिवस पर सतलोक आश्रम धनाना धाम, हरियाणा में आयोजित रक्तदान शिविर में संत रामपाल जी के शिष्यों ने 335 यूनिट रक्तदान किया। जहाँ ब्लड लेने स्वयं रोहतक पीजीआई की टीम पहुंची। जिसने इस महापरोपकारी कार्य के लिए संत रामपाल जी की सराहना की।
🩸 संत रामपाल जी बताते हैं कि मानवता की सेवा, परम कर्तव्य है। इसी को ध्यान में रखकर उनके शिष्यों ने सतलोक आश्रम धनाना धाम, हरियाणा में 335 यूनिट रक्तदान किया। जहाँ ब्लड लेने स्वयं रोहतक पीजीआई की टीम पहुंची।
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*🌺बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय🌺*
#संतरामपालजी_का_संघर्ष
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#SantRampalJi_AvataranDiwas #dharma #meditation #god
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#KabirIsGod #sanatandharma
#SupremeGod
🔹 संत रामपाल जी ��ा संघर्ष
संत रामपाल जी महाराज के गुरु स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने सन् 1993 में उन्हें सत्संग करने की तथा 1994 में नाम दान करने की आज्ञा प्रदान की। जिसके बाद संत रामपाल जी महाराज ने भक्त समाज तक तत्वज्ञान पहुँचाने के लिए जे.ई. की पोस्ट से त्यागपत्र दे दिया और सन् 1994 से 1998 तक घर-घर, गाँव-गाँव, नगर-नगर में जाकर सत्संग किया और जिससे अज्ञानी संतो का विरोध भी बढ़ता गया और यह संघर्ष संत रामपाल जी का निरंतर जारी है।
🔹 संत रामपाल जी महाराज के संघर्ष
"जो मम संत सत शब्द दृढ़ावै, वाकै संग सब राड़ बढ़ावै।
ऐसे संत महंतन की करणी, धर्मदास में तोसे वरणी॥"
कबीर परमेश्वर जी ने कहा है कि जो मेरा सच्चा संत सतनाम के विषय में दृढ़ता से बताएगा उसके साथ उस समय के संत तथा महंत झगड़ा करेंगे क्योंकि वह सच्चा ज्ञान उन नकलियों के नकली ज्ञान का पर्दाफाश करेगा और वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज ��े ही संत हैं क्योंकि आज उनके सत्यज्ञान का विरोध वर्तमान के सभी धर्मगुरु कर रहे हैं।
🔹आज देश दुनिया में जाति मजहब को लगातार लड़ाई झगड़े देखने को मिल रहे हैं लेकिन संत रामपाल जी पूरी दुनिया में शांति हो, जाति मजहब की दीवार समाप्त हो, भाईचारे की कोपले पुनः लोगों के अंदर प्रफुल्लित हों इसके लिए दिन रात संघर्ष कर रहे हैं।
संत रामपाल जी महाराज का नारा है:-
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
🔹 संत रामपाल जी महाराज का समाज सुधार में संघर्ष
संत रामपाल जी एक ऐसे स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं जो चोरी, जारी, रिश्वतखोरी,नशा, जीव हिंसा, कन्या भ्रूण हत्या, दहेज कुप्रथा, मृत्यु भोज, ऊंच-नीच, जातिवाद से रहित होगा, इस स्वच्छ समाज निर्माण में आज उनके साथ प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग जुड़ रहे हैं और अपना जीवन सार्थक बना रहे हैं।
🔹संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य है कि सारा विश्व बुराइयों से मुक्त हो, जिससे विश्व में शांति स्थापित हो सके। आपसी भाईचारा कायम हो, धरती स्वर्ग समान बने, हर इंसान सुखी हो। इसके लिए संत रामपाल जी महाराज दिन-रात संघर्ष कर रहे हैं और इस संघर्ष का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि संत रामपाल जी तथा उनके अनुयायियों पर झूठे मुकदमे तक लगाए गए, उन्हें जेल तक जाना पड़ा।
🔹संत रामपाल जी ने अपना पूरा जीवन मानव समाज तक सतभक्ति और सत्यज्ञान पहुँचने के लिए न्योछावर कर दिया। इसी कड़ी में उन्होंने सर्वप्रथम अपनी नौकरी से त्यागपत्र दिया व उसके बाद दिन-रात संघर्ष कर घर-घर जा��र सत्यज्ञान की अलख जगाई। वास्तव में संत रामपाल जी महाराज का जीवन मानव कल्याण के लिए संघर्ष का पर्याय बन गया।
🔹सामाजिक भेदभाव के खिलाफ संघर्ष
संत रामपाल जी ने समाज में फैले भेदभाव और असमानता को देखा। जातिगत एवं धार्मिक भेदभाव ने उन्हें भीतर से झकझोर दिया। वे इस सामाजिक कुरीति को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हो गए। उन्होंने अपने प्रवचनों में इन मुद्दों को उठाया और लोगों को समानता और भाईचारे का संदेश दिया। उनके प्रयासों से कई लोगों में बदलाव आया और समाज के एक बड़े वर्ग ने उनका समर्थन किया। उनके इस प्रयास से समाज से धार्मिक एवं जातिगत भेदभाव पूर्ण रूप से मिट रहा है। उनका कहना है सभी मानव एक परमात्मा की संतान है:
जीव हमारी जाति है मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म कोई नही न्यारा।।
🔹संत रामपाल जी का संघर्ष
अध्यात्म के नाम पर अज्ञान परोसने वाले धर्मगुरुओं के अज्ञान को उजागर कर मानव समाज को शास्त्र अनुकूल ज्ञान देने के लिए संत रामपाल जी महाराज को अनेक संघर्षों का सामना करना पड़ा। यहाँ तक कि सत्यज्ञान के प्रचार लिए उन्होंने अन्य धर्मगुरुओं का विरोध झेला, उन्हें जेल तक जाना पड़ा और बिना रुके, बिना थके आज जेल में रहते हुए भी संत रामपाल जी महाराज का संघर्ष जारी है।
🔹संत रामपाल जी महाराज का जीवन संघर्षों और चुनौतियों से भरा रहा है, लेकिन इन संघर्षों ने उन्हें और भी दृढ़ और साहसी बनाया है। उन्होंने हमेशा समाज की भलाई के लिए काम किया और अंधविश्वास, पाखंडवाद, जातिवाद और सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। उनके उपदेशों का मुख्य उद्देश्य समाज में आध्यात्मिक के साथ-साथ नैतिकता, मानवता और सद्भावना का प्रसार करना है। वे अपने अनुयायियों को शास्त्रानुसार भक्ति साधना के साथ-साथ धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं, जिससे समाज में सकारात्मक परिवर्तन आ रहा है।
🔹सामाजिक सुधार के लिए संघर्ष
संत रामपाल जी महाराज ने न केवल आध्यात्मिकता की बात की है, बल्कि समाज सुधार के लिए भी कई कदम उठाए है। उन्होंने दहेज प्रथा, भ्रष्टाचार और नशा के खिलाफ अभियान चलाए। उनके अनुयायियों ने समाज में जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए। उनके प्रवचनों में इन बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाई जाती थी, जिससे लोग जागरूक होकर इन कुरीतियों से दूर होने लगे। उनके प्रयासों से समाज में सकारात्मक बदलाव देखने को मिला। आज उनके करोड़ों समर्थक न दहेज़ लेते हैं और न ही देते हैं। साथ ही, उनका कोई भी अनुयायी किसी भी प्रकार की नशीली वस्तु को हाथ तक नहीं लगाता।
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*🦋बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय🦋*
*#पूर्ण_गुरु_से_होगा_मोक्ष*
*True Guru Sant Rampal Ji*
🔹पूर्ण गुरु से होगा मोक्ष
कबीर साहेब जी कहते हैं;
कबीर, गुरु बिन माला फेरते, गुरु बिन देते दान।
गुरु बिन दोनों निष्फल हैं, चाहे पूछो वेद पुराण।।
वर्तमान में पूर्ण गुरु संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।
🔹पूर्ण गुरु से ही जन्म मरण के रोग से छुटकारा पाया जा सकता है। अधूरे गुरु से नहीं।
वर्तमान में पूर्ण गुरु संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।
🔹पूर्ण गुरु ही सतभक्ति देकर चौरासी लाख योनियों के कष्ट से बचा सकता है।
वर्तमान में पूर्ण गुरु संत रामपाल जी महाराज जी ही सतभक्ति प्रदान कर रहे हैं। अन्य किसी के पास भी भक्ति के यथार्थ मंत्र नहीं हैं।
🔹पूर्ण गुरु द्वारा दिये गए सच्चे मंत्रों द्वारा ही मोक्ष संभव है। संत रामपाल जी महाराज जी ही सच्चे मंत्र देते हैं जिससे सर्व कष्ट, सर्व रोग दूर होकर सनातन परम धाम जहां परम शांति है व मोक्ष प्राप्ति होती है।
🔹कबीर साहेब ने कहा है:
वेद पुराण यह करे पुकारा। सबही से इक पुरुष नियारा।
तत्वदृष्टा को खोजो भाई, पूर्ण मोक्ष ताहि तैं पाई।
अर्थात तत्वदृष्टा यानी पूर्ण गुरु की बताई भक्ति से ही उपासक को पूर्ण मोक्ष प्राप्त हो सकता है और वर्तमान में पूर्ण गुरु संत रामपाल जी महाराज जी हैं, जो वेदों और गीता के आधार पर भक्ति विधि बता रहे हैं।
🔹जो संत शास्त्रों के अनुसार भक्ति साधना बताता है, वही पूर्ण संत होता है। इसके विषय में गीता अध्याय 4 श्लोक 34, गीता अध्याय 15 श्लोक 1-4, और यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 10 में भी पूर्ण संत अर्थात तत्वदर्शी संत की ओर संकेत किया गया है।
वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज जी एकमात्र तत्वदर्शी संत हैं जो शास्त्रोक्त भक्ति बता रहे हैं जिससे साधक का मोक्ष संभव है।
🔹मोक्ष केवल पूर्ण गुरु की बताई भक्ति से ही संभव है। इसलिए, पूर्ण गुरु और मोक्ष प्राप्ति के मार्ग को जानने के लिए Sant Rampal Ji Maharaj यूट्यूब चैनल पर प्रतिदिन संत रामपाल जी महाराज के सत्संग देखें।
🔹वर्तमान समय में सैकड़ों गुरु हो गए हैं और सभी कहते हैं कि उनकी भक्ति करने से मोक्ष होगा, वे ही पूर्ण गुरु हैं। लेकिन पूर्ण गुरु कौन है, इसकी पहचान गीता जी के अध्याय 15 श्लोक 1 में बताई गई है कि जो संत संसार रूपी उलटे लटके हुए वृक्ष के सभी विभागों को वेदों के अनुसार बता देगा, वह तत्वदर्शी संत होगा। इस रहस्य को जानने वाले तत्वदर्शी संत वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज जी हैं।
🔹पूर्ण गुरु से ही मोक्ष संभव है और वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण गुरु हैं। वे गीता के अध्याय 17 श्लोक 23, सामवेद मंत्र संख्या 822 और कुरआन शरीफ के सूरह शूरा 42 आयत 2 में वर्णित पूर्ण परमात्मा की भक्ति के सांकेतिक मंत्रों का रहस्य उजागर कर अपने अनुयायियों को प्रदान कर रहे हैं। इन मंत्रों का सुमिरन करने से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
🔹मोक्ष प्राप्ति के लिए पूर्ण गुरु (पूर्ण संत) की तलाश आवश्यक है। कबीर परमात्मा ने पूर्ण गुरु की पहचान बताते हुए ‘‘कबीर सागर’’ के अध्याय ‘‘जीव धर्म बोध’’ के पृष्ठ 1960 पर कहा है:
गुरू के लक्षण चार बखाना। प्रथम वेद शास्त्र का ज्ञाना(ज्ञाता)।
दूसरा हरि भक्ति मन कर्म बानी। तीसरा सम दृष्टि कर जानी।
चौथा बेद विधि सब कर्मा। यह चारि गुरू गुन जानों मर्मा।
वर्तमान में पूर्ण गुरु संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।
🔹मनुष्य जीवन को सफल बनाने के लिए पूर्ण गुरु का होना बहुत ज़रूरी है क्योंकि पूर्ण गुरु ही सच्चा आध्यात्मिक मार्ग प्रदान करता है। केवल पूर्ण गुरु ही पवित्र शास्त्रों से प्रमाणित ज्ञान समझाता है और सच्चे मोक्ष मंत्र प्रदान करता है, क्योंकि मोक्ष प्राप्त करना ही मानव जीवन का एकमात्र मुख्य उद्देश्य है। इसलिए, पूर्ण संत की खोज करके उसे गुरु धारण करना चाहिए ताकि मनुष्य अपना मोक्ष प्राप्त कर सके।
वर्तमान में पूर्ण गुरु संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।
🔹वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज जी एकमात्र तत्वदर्शी संत हैं जो शास्त्रोक्त भक्ति बता रहे हैं जिससे साधक का मोक्ष संभव है।"
"कबीर साहेब कहते हैं:
कबीर, गुरु बिन माला फेरते, गुरु बिन देते दान।
गुरु बिन दोनों निष्फल हैं, पूछो वेद पुराण।।
🔹जो गुरु शास्त्रों के अनुसार भक्ति करता है और अपने अनुयायियों अर्थात शिष्यों को करवाता है, वही पूर्ण संत है। मोक्ष केवल पूर्ण गुरु के द्वारा बताई गई शास्त्रानुकूल भक्ति से होता है और इस कलियुग में संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण संत हैं, जो शास्त्रों के अनुसार सतभक्ति बताते हैं।
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*🌴बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय🌴*
*#सहआदर_निमंत्रण*
*Bhandara Invitation ToThe World*
⚡627 वें कबीर साहेब प्रकट दिवस के उपलक्ष्य पर 20-22 जून 2024 को सभी सतलोक आश्रमों में विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है जिसमें पूरा विश्व आमंत्रित है।
⚡ संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में कबीर परमेश्वर के 627वें प्रकट दिवस के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय विशाल भंडारे का आयोजन 20 से 22 जून 2024 को किया जा रहा है। इस विशाल भंडारे का निमंत्रण संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा देश विदेश में दिया जा रहा है। इसके साथ ही समाज को कबीर साहेब के सत्य ज्ञान के आधार पर बुराइयों से दूर रहने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
⚡एक संत ने पूरे विश्व को भंडारे के लिए आमंत्रित किया है।
20-21-22 जून को 627वें कबीर परमेश्वर प्रकट दिवस पर संत रामपाल जी महाराज ने पूरे विश्व को सतलोक आश्रमों में आमंत्रित किया है। आप सभी सहपरिवार ज़रूर पधारें।
⚡627वें कबीर परमेश्वर प्रकट दिवस के उपलक्ष्य में 20 से 22 जून 2024 को होने वाले भंडारे का निमंत्रण संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा देश-विदेश में दिया जा रहा है, इस विशाल भंडारे का आयोजन संत रामपाल जी महाराज के 11 सतलोक आश्रमों में होगा। जिसमें आप सभी सादर आमंत्रित हैं।
⚡627वें कबीर प्रकट दिवस के उपलक्ष्य में संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में तीन दिवसीय विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है, जो कि 20 से 22 जून 2024 तक चलेगा। इस अद्भुत, अलौकिक विशाल भंडारे में पूरा विश्व सादर आमंत्रित है। साथ ह�� अखंड पाठ की भी वर्षा होगा।
⚡20 से 22 जून 2024 को कबीर साहिब जी का तीन दिवसीय प्रकट दिवस संत रामपाल जी के सानिध्य में नेपाल सहित भारत के 11 सतलोक आश्रमों में मनाया जा रहा है। इस उपलक्ष्य में लोगों को सतभक्ति का संदेश देने के लिए आध्यात्मिक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा। वहीं इस अद्भुत भंडारे में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा पूरे विश्व को सपरिवार आमंत्रित किया जा रहा है।
⚡ना मेरा जन्म ना गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया।
काशी नगर जल कमल पर डेरा, ��हां जुलाहे न पाया॥
देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी कबीर साहेब के 627वें प्रकट दिवस पर संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में उनके अनुयायियों द्वारा प्रचार प्रसार किया जा रहा है। साथ ही कबीर साहेब के प्रकट दिवस पर होने वाले विशाल भंडारे में सपरिवार आने का निमंत्रण भी दिया जा रहा है।
⚡गुरु समान दाता नहीं, याचक शिष्य समान।
तीन लोक की सम्पदा, सो गुरु दीन्ही दान।।
कबीर साहेब जी की अद्भुत लीला का वर्णन जानने के लिए आप सभी आमंत्रित हैं कबीर जी के 627 वें प्रकट दिवस पर संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में आयोजित विशाल भंडारे में जिसका आयोजन 20-21-22 जून 2024 को सभी सतलोक आश्रमों में किया जाएगा। आप सभी परिवार सहित ज़रूर आयें।
⚡कबीर साहेब अविनाशी हैं। सशरीर प्रकट होते हैं, सशरीर चले जाते हैं - प्रमाण ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 93 मंत्र 2, मण्डल 10 सूक्त 4 मंत्र 3
गरीब, पानी से पैदा नहीं, श्वासा नहीं शरीर |
अन्न आहार करता नहीं, ताका नाम कबीर ||
627 वें कबीर साहेब प्रकट दिवस के उपलक्ष्य पर 20-22 जून 2024 को सभी सतलोक आश्रमों में विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है जिसमें पूरा विश्व आमंत्रित हैं।
⚡627 वें कबीर साहेब प्रकट दिवस के उपलक्ष्य पर 20-22 जून 2024 को सभी सतलोक आश्रमों में संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है जिसमें आप सभी आमंत्रित हैं।
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