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#Prophecies_About_SantRampalJi
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#TrueWorship_TrueHappiness
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#TrueWorship_TrueHappiness
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#हमारे_दुख_दूर_हुऐ
Sant Rampal Ji Maharaj
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#जगतगुरु_संतरामपालजी_महाराज
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#पूर्णगुरु_संतरामपालजी_महाराज
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#Allah_DidNotOrder_ToEatMeat
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#Allah_DidNotOrder_ToEatMeat
Last Prophet Sant Rampal Ji
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#RealKnowledgeOfQuran
Baakhabar Sant Rampal Ji
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#Kabirissupremegod
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#TrueStoryOfJagannath
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#TrueStoryOfJagannath
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#कबीरसाहेब_की_मगहर_लीला
🦋कबीर साहिब जी की मगहर लीला🦋
हमारे वेदों में वर्णित है कि परमात्मा पृथ्वी पर सःशरीर आते हैं और अपनी लीला करके स:शरीर वापस अपने लोक चले जाते हैं।
प्रमाण -
ऋग्वेद मंडल 9, सूक्त 93, मंत्र 2
ऋग्वेद मंडल 9, सूक्त 94, मंत्र 2
आज़ से 625 वर्ष पहले ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष पूर्णमासी को विक्रमी संवत् 1455 सन् 1398 में सुबह ब्रह्म मुहूर्त (सूर्योदय से डे��़ घंटा पहले) काशी में लहरतारा तालाब पर कमल के फूल पर शिशु रुप में कबीर परमेश्वर प्रकट हुए थे।
कबीर परमेश्वर ने 120 वर्ष तक पृथ्वी पर रहकर अनेकों लीलाएं की। अपने सतलोक गमन करने के दौरान भी एक अद्भुत लीला की।
उस समय ब्राह्मणों ने एक ग़लत धारणा फैला रखी थी कि काशी में मरने वाला स्वर्ग तथा मगहर में मरने वाला नर्क में जाता है। इसी भ्रम को दूर करने के लिए कबीर परमेश्वर माघ महीने की शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी वि.सं.1575 सन् 1518 को काशी से चलकर मगहर आए और सशरीर सतलोक गमन किया। और लोगों का भ्रम निवारण किया कि सतभक्ति करने वाला कहीं भी प्राण त्यागे वह अपने स्थान पर ही जाएगा। और सतभक्ति न करने वाले चाहे काशी में प्राण त्यागे तो भी नर्क में जाएगा ही जाएगा।
कबीर परमेश्वर ने मगहर की एकमात्र आमी नदी जो भगवान शिव जी के श्राप से सूख गई थी। उस आमी नदी की ओर अपने हाथ से चलने का इशारा किया तो उस आमी नदी में एक जोर से धमाका हुआ और देखते ही देखते वह आमी नदी पूरी भरकर बहने लगी। जो आज भी प्रमाण के तौर पर विद्यमान है।
सतलोक प्रस्थान के समय हिंदू तथा मुस्लिम आपस में कबीर साहेब के शरीर को लेकर उनके अंतिम संस्कार को लेकर लड़ाई करने की तैयारी में थे, लेकिन कबीर परमेश्वर ने एक अद्भुत लीला की। और कहा कि मेरे जाने के पश्चात आप आपस में लड़ना मत, क्योंकि आप दो नहीं बल्कि एक ही परमेश्वर के पुत्र हो।
कबीर परमेश्वर ने राजा बीर सिंह बघेल तथा बिजली खां पठान से कहां कि एक चद्दर नीचे बिछाओ और एक मेरे ऊपर। फिर कुछ देर बाद आकाशवाणी हुई कि,
उठा लो पर्दा, इसमें नहीं है मुर्दा।
जब चद्दर उठाकर देखा तो वहां कबीर परमेश्वर का शव नहीं मिला, वहां सुगंधित फूलों का ढेर मिला। जिसे हिंदू मुसलमानों ने आधे आधे बांटकर वही पर 100 -100 फुट की दूरी पर एक एक यादगार बनाई,जो आज भी विद्यमान है। यह दोनों धर्मों हिंदुओं और मुसलमानों में आपसी भाईचारे व सद्भावना की एक मिसाल का प्रमाण है।
गरीब, बिरसिंघ बघेला करै बीनती, बिजली खाँन पठाना हो।
दो चदरि बकसीस करी है, दीना यौह प्रवांना हो।।
#कबीरसाहेब_की_मगहर_लीला
#SantRampalJiMaharaj
अधिक जानकारी के लिए अवश्य download करें
पवित्र पुस्तक "कबीर परमेश्वर"
https://bit.ly/KabirParmeshwarBook

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#DivinePlayAtMaghar
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#TrueWorship_TrueHappiness
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