आज पूरे विश्व में जिस कार्य को करने के 6लिए सरकारें अरबों-खरबों रुपये खर्च करके भी नहीं कर पा रही हैं, उसी कार्य को संत रामपाल जी महाराज जी ने सहज रूप से अपने आध्यात्मिक ज्ञान से करके दिखाया है। समाज में फैली बुराइयों जैसे दहेज प्रथा, मृत्यु भोज, पाखंड पूजा, अंधविश्वास, नशा, व्याभिचार, रिश्वतखोरी,
भ्रष्टाचार, भ्रूण हत्या, जातिवाद, धार्मिक भेदभाव आदि हमारे दु:ख को जड़ से खत्म करके संत रामपाल जी महाराज एक स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं। जिससे मानव समाज सुखी होगा!
2🌀मदिरा पीवै कड़वा पानी! सत्तर जन्म श्वान के जानी!!
भांग तम्बाकू छोतरा, आफु और शराब!
गरीबदास कौन करे, ये तो पाँचों करें खराब!!
अमल आहारी आत्मा, कबहु न उतरे पार!!
संत रामपाल जी महाराज के शिष्य भांग, तम्बाकू, शराब आदि किसी भी तरह के नशे को किसी को लाकर देना तो दूर रहा उसे हाथ तक नहीं लगाते? इस तरह संत रामपाल जी महाराज ने नशे की लत से लाखों उजड़े परिवारों को मात्र ज्ञान आधार से एक बार पुनः नशा मुक्त कर उन्हें सुखी बनाया है!
3🌀धार्मिक भेदभाव से आज़ादी
संत रामपाल जी कहते हैं:
कबीर वाणी'
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
हिंदू-मुस्लिम, सिक्ख-ईसाई, आपस में सब भाई-भाई।
आर्य-जैनी और बिश्नोई, एक प्रभू के बच्चे सोई।।
इसी कारण संत रामपाल जी व उनके करोड़ों अनुयायी किसी प्रकार का किसी के साथ जातीय या धार्मिक भेदभाव नहीं करते! इससे समाज में प्रेम और भाईचारा बढ़ रहा है!
👉04 जून कबीर प्रकट दिवस के उपलक्ष्य में जरूर जानें कबीर साहेब जी का समाज को विशेष संदेश।🙇♀🥰
कबीर साहेब जी ने साखियों के माध्यम से शिक्षा दी हैं कि हर एक मनुष्य को सभी के साथ प्रेमभाव व अच्छा व्यवहार करना चाहिए। ईश्वर को पाने के लिए आडंबर को छोड़कर सच्ची भक्ति से ईश्वर को पाने का प्रयास करना चाहिए। बड़े ग्रंथ, शास्त्र पढ़ने भर से कोई ज्ञानी नहीं होता। अर्थात् ईश्वर की प्राप्ति नहीं कर पाता।
कबीर साहेब ने समाज की हालत देखकर सर्वप्रथम आमजन में यह सन्देश प्रसारित किया की सभी जन एक हैं और एक ही परमात्मा की संतान हैं। सभी जीव एक ही परमेश्वर की ही संतान हैं। छुआछूत, अस्पर्श्यता, ऊंच नीच सभी इंसानों के द्वारा ही बनाए गए हैं। कोई जन्म के आधार पर श्रेष्ठ नहीं हो सकता उसका आचरण महत्वपूर्ण हैं। ईश्वर के सुमिरन का अधिकार सभी को है। ईश्वर की नजर में सब समान हैं।
जीव हमारी जाति है,मानव धर्म हमारा।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, आपस में सब भाई-भाई।
आर्य जैनी और विश्नोई, एक प्रभु के बच्चे सोई।।
वास्तविक धर्म का ज्ञान
कबीर परमेश्वर जी ने सभी धर्मों के लोगों को संदेश दिया कि सब मानव एक परमात्मा की संतान हैं। अज्ञानता वश हम अलग-अलग जाति धर्मों में बंट गये।
कबीर परमेश्वर जी ने शास्त्रानुकूल भक्ति तथा शास्त्रविरूद्ध भक्ति का भेद बताया।
शास्त्र अनुकूल साधना करने से सुख व मोक्ष संभव है तथा शास्त्रविरूद्ध साधना करने से जीवन हानि तथा नरक व चौरासी का कष्ट सदैव बना रहेगा।
(गीता अ.16, श्लोक 23-24)
कबीर साहेब जी ने कहा है कि मनुष्य जन्म बहुत अनमोल है इसे शास्त्र विरुद्ध साधना करके व्यर्थ नहीं करना चाहिए, क्योंकि मनुष्य जन्म बार बार नहीं मिलता।
मानुष जन्म दुर्लभ है, ये मिले ना बारंबार।
जैसे तरवर से पत्ता टूट गिरे, वो बहुर न लगता डार।।
#KabirPrakatDiwas
#SantRampalJiMaharaj
अधिक जानकारी के लिए "Sant Rampal Ji Maharaj" App Play Store से डाउनलोड करें और "Sant Rampal Ji Maharaj" YouTube Channel पर Videos देखें और Subscribe करें।
संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें।
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कबीर साहेब जी ने साखियों के माध्यम से शिक्षा दी हैं कि हर एक मनुष्य को सभी के साथ प्रेमभाव व अच्छा व्यवहार करना चाहिए। ईश्वर को पाने के लिए आडंबर को छोड़कर सच्ची भक्ति से ईश्वर को पाने का प्रयास करना चाहिए। बड़े ग्रंथ, शास्त्र पढ़ने भर से कोई ज्ञानी नहीं होता। अर्थात् ईश्वर की प्राप्ति नहीं कर पाता।
कबीर साहेब ने समाज की हालत देखकर सर्वप्रथम आमजन में यह सन्देश प्रसारित किया की सभी जन एक हैं और एक ही परमात्मा की संतान हैं। सभी जीव एक ही परमेश्वर की ही संतान हैं। छुआछूत, अस्पर्श्यता, ऊंच नीच सभी इंसानों के द्वारा ही बनाए गए हैं। कोई जन्म के आधार पर श्रेष्ठ नहीं हो सकता उसका आचरण महत्वपूर्ण हैं। ईश्वर के सुमिरन का अधिकार सभी को है। ईश्वर की नजर में सब समान हैं।
जीव हमारी जाति है,मानव धर्म हमारा।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, आपस में सब भाई-भाई।
आर्य जैनी और विश्नोई, एक प्रभु के बच्चे सोई।।
वास्तविक धर्म का ज्ञान
कबीर परमेश्वर जी ने सभी धर्मों के लोगों को संदेश दिया कि सब मानव एक परमात्मा की संतान हैं। अज्ञानता वश हम अलग-अलग जाति धर्मों में बंट गये।
कबीर परमेश्वर जी ने शास्त्रानुकूल भक्ति तथा शास्त्रविरूद्ध भक्ति का भेद बताया।
शास्त्र अनुकूल साधना करने से सुख व मोक्ष संभव है तथा शास्त्रविरूद्ध साधना करने से जीवन हानि तथा नरक व चौरासी का कष्ट सदैव बना रहेगा।
(गीता अ.16, श्लोक 23-24)
कबीर साहेब जी ने कहा है कि मनुष्य जन्म बहुत अनमोल है इसे शास्त्र विरुद्ध साधना करके व्यर्थ नहीं करना चाहिए, क्योंकि मनुष्य जन्म बार बार नहीं मिलता।
मानुष जन्म दुर्लभ है, ये मिले ना बारंबार।
जैसे तरवर से पत्ता टूट गिरे, वो बहुर न लगता डार।।
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कबीर साहेब ने समाज की हालत देखकर सर्वप्रथम आमजन में यह सन्देश प्रसारित किया की सभी जन एक हैं और एक ही परमात्मा की संतान हैं। सभी जीव एक ही परमेश्वर की ही संतान हैं। छुआछूत, अस्पर्श्यता, ऊंच नीच सभी इंसानों के द्वारा ही बनाए गए हैं। कोई जन्म के आधार पर श्रेष्ठ नहीं हो सकता उसका आचरण महत्वपूर्ण हैं। ईश्वर के सुमिरन का अधिकार सभी को है। ईश्वर की नजर में सब समान हैं।
जीव हमारी जाति है,मानव धर्म हमारा।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, आपस में सब भाई-भाई।
आर्य जैनी और विश्नोई, एक प्रभु के बच्चे सोई।।
वास्तविक धर्म का ज्ञान
कबीर परमेश्वर जी ने सभी धर्मों के लोगों को संदेश दिया कि सब मानव एक परमात्मा की संतान हैं। अज्ञानता वश हम अलग-अलग जाति धर्मों में बंट गये।
कबीर परमेश्वर जी ने शास्त्रानुकूल भक्ति तथा शास्त्रविरूद्ध भक्ति का भेद बताया।
शास्त्र अनुकूल साधना करने से सुख व मोक्ष संभव है तथा शास्त्रविरूद्ध साधना करने से जीवन हानि तथा नरक व चौरासी का कष्ट सदैव बना रहेगा।
(गीता अ.16, श्लोक 23-24)
कबीर साहेब जी ने कहा है कि मनुष्य जन्म बहुत अनमोल है इसे शास्त्र विरुद्ध साधना करके व्यर्थ नहीं करना चाहिए, क्योंकि मनुष्य जन्म बार बार नहीं मिलता।
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कबीर साहेब ने समाज की हालत देखकर सर्वप्रथम आमजन में यह सन्देश प्रसारित किया की सभी जन एक हैं और एक ही परमात्मा की संतान हैं। सभी जीव एक ही परमेश्वर की ही संतान हैं। छुआछूत, अस्पर्श्यता, ऊंच नीच सभी इंसानों के द्वारा ही बनाए गए हैं। कोई जन्म के आधार पर श्रेष्ठ नहीं हो सकता उसका आचरण महत्वपूर्ण हैं। ईश्वर के सुमिरन का अधिकार सभी को है। ईश्वर की नजर में सब समान हैं।
जीव हमारी जाति है,मानव धर्म हमारा।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, आपस में सब भाई-भाई।
आर्य जैनी और विश्नोई, एक प्रभु के बच्चे सोई।।
वास्तविक धर्म का ज्ञान
कबीर परमेश्वर जी ने सभी धर्मों के लोगों को संदेश दिया कि सब मानव एक परमात्मा की संतान हैं। अज्ञानता वश हम अलग-अलग जाति धर्मों में बंट गये।
कबीर परमेश्वर जी ने शास्त्रानुकूल भक्ति तथा शास्त्रविरूद्ध भक्ति का भेद बताया।
शास्त्र अनुकूल साधना करने से सुख व मोक्ष संभव है तथा शास्त्रविरूद्ध साधना करने से जीवन हानि तथा नरक व चौरासी का कष्ट सदैव बना रहेगा।
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कबीर साहेब जी ने कहा है कि मनुष्य जन्म बहुत अनमोल है इसे शास्त्र विरुद्ध साधना करके व्यर्थ नहीं करना चाहिए, क्योंकि मनुष्य जन्म बार बार नहीं मिलता।
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कबीर साहेब ने समाज की हालत देखकर सर्वप्रथम आमजन में यह सन्देश प्रसारित किया की सभी जन एक हैं और एक ही परमात्मा की संतान हैं। सभी जीव एक ही परमेश्वर की ही संतान हैं। छुआछूत, अस्पर्श्यता, ऊंच नीच सभी इंसानों के द्वारा ही बनाए गए हैं। कोई जन्म के आधार पर श्रेष्ठ नहीं हो सकता उसका आचरण महत्वपूर्ण हैं। ईश्वर के सुमिरन का अधिकार सभी को है। ईश्वर की नजर में सब समान हैं।
जीव हमारी जाति है,मानव धर्म हमारा।
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हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, आपस में सब भाई-भाई।
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कबीर परमेश्वर जी ने सभी धर्मों के लोगों को संदेश दिया कि सब मानव एक परमात्मा की संतान हैं। अज्ञानता वश हम अलग-अलग जाति धर्मों में बंट गये।
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शास्त्र अनुकूल साधना करने से सुख व मोक्ष संभव है तथा शास्त्रविरूद्ध साधना करने से जीवन हानि तथा नरक व चौरासी का कष्ट सदैव बना रहेगा।
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कबीर साहेब जी ने कहा है कि मनुष्य जन्म बहुत अनमोल है इसे शास्त्र विरुद्ध साधना करके व्यर्थ नहीं करना चाहिए, क्योंकि मनुष्य जन्म बार बार नहीं मिलता।
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शास्त्र अनुकूल साधना करने से सुख व मोक्ष संभव है तथा शास्त्रविरूद्ध साधना करने से जीवन हानि तथा नरक व चौरासी का कष्ट सदैव बना रहेगा।
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जीव हमारी जाति है,मानव धर्म हमारा।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, आपस में सब भाई-भाई।
आर्य जैनी और विश्नोई, एक प्रभु के बच्चे सोई।।
वास्तविक धर्म का ज्ञान
कबीर परमेश्वर जी ने सभी धर्मों के लोगों को संदेश दिया कि सब मानव एक परमात्मा की संतान हैं। अज्ञानता वश हम अलग-अलग जाति धर्मों में बंट गये।
कबीर परमेश्वर जी ने शास्त्रानुकूल भक्ति तथा शास्त्रविरूद्ध भक्ति का भेद बताया।
शास्त्र अनुकूल साधना करने से सुख व मोक्ष संभव है तथा शास्त्रविरूद्ध साधना करने से जीवन हानि तथा नरक व चौरासी का कष्ट सदैव बना रहेगा।
(गीता अ.16, श्लोक 23-24)
कबीर साहेब जी ने कहा है कि मनुष्य जन्म बहुत अनमोल है इसे शास्त्र विरुद्ध साधना करके व्यर्थ नहीं करना चाहिए, क्योंकि मनुष्य जन्म बार बार नहीं मिलता।
मानुष जन्म दुर्लभ है, ये मिले ना बारंबार।
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भ्रष्टाचार, भ्रूण हत्या, जातिवाद, धार्मिक भेदभाव आदि हमारे दु:ख को जड़ से खत्म करके संत रामपाल जी महाराज एक स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं। जिससे मानव समाज सुखी होगा!
2🌀मदिरा पीवै कड़वा पानी! सत्तर जन्म श्वान के जानी!!
भांग तम्बाकू छोतरा, आफु और शराब!
गरीबदास कौन करे, ये तो पाँचों करें खराब!!
अमल आहारी आत्मा, कबहु न उतरे पार!!
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हिंदू-मुस्लिम, सिक्ख-ईसाई, आपस में सब भाई-भाई।
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कबीर साहेब ने समाज की हालत देखकर सर्वप्रथम आमजन में यह सन्देश प्रसारित किया की सभी जन एक हैं और एक ही परमात्मा की संतान हैं। सभी जीव एक ही परमेश्वर की ही संतान हैं। छुआछूत, अस्पर्श्यता, ऊंच नीच सभी इंसानों के द्वारा ही बनाए गए हैं। कोई जन्म के आधार पर श्रेष्ठ नहीं हो सकता उसका आचरण महत्वपूर्ण हैं। ईश्वर के सुमिरन का अधिकार सभी को है। ईश्वर की नजर में सब समान हैं।
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हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
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आर्य जैनी और विश्नोई, एक प्रभु के बच्चे सोई।।
वास्तविक धर्म का ज्ञान
कबीर परमेश्वर जी ने सभी धर्मों के लोगों को संदेश दिया कि सब मानव एक परमात्मा की संतान हैं। अज्ञानता वश हम अलग-अलग जाति धर्मों में बंट गये।
कबीर परमेश्वर जी ने शास्त्रानुकूल भक्ति तथा शास्त्रविरूद्ध भक्ति का भेद बताया।
शास्त्र अनुकूल साधना करने से सुख व मोक्ष संभव है तथा शास्त्रविरूद्ध साधना करने से जीवन हानि तथा नरक व चौरासी का कष्ट सदैव बना रहेगा।
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कबीर साहेब जी ने कहा है कि मनुष्य जन्म बहुत अनमोल है इसे शास्त्र विरुद्ध साधना करके व्यर्थ नहीं करना चाहिए, क्योंकि मनुष्य जन्म बार बार नहीं मिलता।
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तारा सुतारिया ब्यावर आदर जैन के साथ एक स्टाइलिश उपस्थिति बनाती हैं क्योंकि वे वार्षिक क्रिसमस ब्रंच के लिए शशि कपूर के आवास पर पहुंचते हैं - तस्वीरें देखें - टाइम्स ऑफ इंडिया
तारा सुतारिया ब्यावर आदर जैन के साथ एक स्टाइलिश उपस्थिति बनाती हैं क्योंकि वे वार्षिक क्रिसमस ब्रंच के लिए शशि कपूर के आवास पर पहुंचते हैं – तस्वीरें देखें – टाइम्स ऑफ इंडिया
तारा सुतारिया और आ��ार जैन पिछले काफी समय से डेटिंग कर रहे हैं और वे हमेशा अपने रिश्ते की स्थिति के बारे में खुले हैं।
इस जोड़े ने आज शशि कपूर के आवास पर वार्षिक क्रिसमस ब्रंच में एक स्टाइलिश उपस्थिति दर्ज कराई। तारा जहां सफेद पोशाक में नजर आ रही थीं, वहीं आधार ने कैजुअल प्रिंटेड शर्ट और सफेद पैंट का विकल्प चुना।
यहां तस्वीरों पर एक नज़र डालें:
तस्वीर: गुरुजीत सिंह
तस्वीर: गुरुजीत सिंह
हाल ही…
सितारों से मिलें Rediff.com योगदान फोटोग्राफर प्रदीप बांदेकर सप्ताहांत में देखे गए। संडे फुटबॉल के लिए तैयार रणबीर कपूर। रणबीर के चचेरे भाई आदर जैन उनके साथ शामिल होते हैं। अपारशक्ति खुराना एक अंगूठा देते हैं। डिनो मोरिया मैदान पर उतरे। मीजान फुटबॉलरों में शामिल हो गए। मार्क रॉबिन्सन किसके लिए लहरा रहा है? अवेज़ दरबार, संगीतकार इस्माइल दरबार के छोटे बेटे। निर्माता बंटी वालिया अपने फुटबॉल को…
Satsang Ishwar TV | 02-09-2024 | Episode: 2499 | Sant Rampal Ji Maharaj ...
*🙏🙇♂️बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय🙇♂️🙏*
*2/09/24 Monday/ सोमवार*
#GodMorningMonday
#MondayMotivation
#MondayThoughts
#संतरामपालजी_की_जनहित_सेवा*
*India Will Become A Vishwaguru*
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1🌀*संत रामपाल जी के सामाजिक कार्य*⏬
आज पूरे विश्व में जिस कार्य को करने के लिए सरकारें अरबों-खरबों रुपये खर्च करके भी नहीं कर पा रही हैं, उसी कार्य को संत रामपाल जी महाराज जी ने सहज रूप से अपने आध्यात्मिक ज्ञान से करके दिखाया है। समाज में फैली बुराइयों जैसे दहेज प्रथा, मृत्यु भोज, पाखंड पूजा, अंधविश्वास, नशा, व्याभिचार, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, भ्रूण हत्या, जातिवाद, धार्मिक भेदभाव आदि हमारे दु:ख का कारण बनी हुई हैं। इन बुराइयों को जड़ से खत्म करके संत रामपाल जी महाराज एक स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं। जिससे मानव समाज सुखी होगा।
2🌀दहेज प्रथा का होगा समूल नाश
जहाँ आज दहेज के कारण न जाने कितनी ही बहन, बेटियों को समाज में जिंदा जला दिया जाता है या फिर दहेज उत्पीड़न के कारण बेटियों को आत्महत्या की नौबत आ जाती है। तो वहीं दूसरी और समाज सुधारक परम संत, सतगुरु रामपाल जी महाराज अपने अनुयायियों को दहेज मुक्त विवाह करने की शिक्षा देकर दहेज मुक्त विवाह करवा रहे हैं। जिससे दहेज प्रथा का अंत हो रहा है। इससे बहन, बेटियों को समाज में सम्मान के साथ जीने का अधिकार मिल रहा है।
3🌀पाखंडवाद का समूल नाश
संत रामपाल जी महाराज समाज में फैले अंधविश्वास और पाखंडवाद को समाप्त करने के उद्देश्य से सभी प्रमाणित धर्म ग्रंथों की तुलनात्मक समीक्षा करके शास्त्रानुकूल भक्ति को जनसाधारण तक पहुंचाना चाहते हैं ताकि मानव अपने मूल उद्देश्य को पहचान कर जन्म-मरण से छुटकारा पाकर मोक्ष प्राप्त कर सके। क्योंकि मानव जीवन के महत्व को बताते हुए कबीर परमेश्वर ने कहा है:
कबीर, मानुष जन्म दुर्लभ है, मिले न बारम्बार।
तरूवर से पत्ता टूट गिरे, बहुर न लगता डारि।।
4🌀नशा मुक्त समाज
आज समाज में नशे रुपी राक्षस का प्रहार तेजी से फैलता नजर आ रहा है। एक इंसान नशा करने के बाद अपनी इंसानियत भूलकर गलत कदम उठा लेता है और अपराध कर बैठता है। सिर्फ आध्यात्मिक ज्ञान से ही इससे छुटकारा पाया जा सकता है। संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान सुनकर लोग नशे की लत से दूर हो रहे हैं। लेकिन नशा मुक्ति केंद्र खोलने के बावजूद सरकारें समाज से नशा को समाप्त करने में लाचार दिखतीं हैं। तो वहीं संत रामपाल जी महाराज ने समाज सुधारक का काम करते हुए नशा मुक्त समाज तैयार करने का बीड़ा उठा रखा है। वे अपने सत्संगों में भगवान का विधान बताते हैं:
मदिरा पीवै कड़वा पानी, सत्तर जन्म श्वान के जानी।
भांग तम्बाकू छोतरा आफु और शराब।
गरीबदास कौन करे बंदगी ये तो करे खराब।
अमल आहारी आत्मा, कबहु न उतरे पार।
जिससे प्रभावित होकर संत रामपाल जी महाराज के शिष्�� भांग, तम्बाकू, शराब आदि किसी भी तरह के नशे को किसी को लाकर देना तो दूर रहा उसे हाथ तक नहीं लगाते। इस तरह संत रामपाल जी महाराज ने नशे की लत से लाखों उजड़े परिवारों को मात्र ज्ञान आधार से एक बार पुनः नशा मुक्त कर उन्हें सुखी बनाया है।
5🌀 छुआछूत से आज़ादी
छुआछात समाज की एक जटिल समस्या है लेकिन संत रामपाल जी महाराज कहते हैं कि
जाति नहीं जगदीश की, हरिजन की कहां से होय।
इस जात पात के चक्कर में, डूब मरो मत कोय।।
जिससे उनके शिष्य किसी तरह का छुआछात नहीं करते और इससे समाज को छुआछूत से आज़ादी मिल रही है।
6🌀धार्मिक भेदभाव से आज़ादी
संत रामपाल जी कहते हैं:
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
हिंदू-मुस्लिम, सिक्ख-ईसाई, आपस में सब भाई-भाई।
आर्य-जैनी और बिश्नोई, एक प्रभू के बच्चे सोई।।
इस उद्धरण का नतीजा यह है कि संत रामपाल जी व उनके करोड़ों अनुयायी किसी प्रकार का किसी के साथ जातीय या धार्मिक भेदभाव नहीं करते। इससे समाज में प्रेम और भाईचारा बढ़ रहा है।
7🌀 बेटा-बेटी एक समान
समाज में बेटा-बेटी में भेदभाव आज भी समाज में देखने को मिलता है। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने अपने सत्संगों में बताया है कि बेटा हो या बेटी सभी परमात्मा की आत्माएं हैं और हमें उनमें भेदभाव करके परमात्मा का दोषी नहीं बनना चाहिए।
8🌀संत रामपाल जी महाराज ने मानव व समाज हित में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उनके मार्गदर्शन में उनके समर्थकों ने रक्तदान शिविर, नि:शुल्क नेत्र शिविर, दहेज-मुक्त विवाह, अंगदान शिविर और दंत चिकित्सा शिविर जैसे कार्यक्रमों का आयोजन कर हजारों, लाखों लोगों की मदद की। साल 2023 में ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण रेल दुर्घटना को कौं भुला सकता है। उस दौरान भी उनके अनुयायियों ने सैकड़ों यूनिट रक्तदान कर घायलों की सहायता की, जो उनके समाज सेवा के प्रति अटूट समर्पण को दर्शाता है।
9🌀समाज सेवा से पर्यावरण संरक्षण तक
जलवायु परिवर्तन आज दुनिया की एक सबसे बड़ी समस्या है। जिसे देखते हुए संत रामपाल जी के मार्गदर्शन में उनके लाखों अनुयायियों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए एक दिन में 11-12 लाख पौधे लगाने में मध्यप्रदेश सरकार का सहयोग देकर विश्व रिकॉर्ड बनाया। तो वहीं पंजाब, छत्तीसगढ़ में भी उनके हजारों समर्थकों ने एक दिन में 50000 से अधिक वृक्षारोपण और पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण में अपनी अहम भूमिका निभाई।
🌀10 महामारी के समय जब बड़ी-बड़ी संस्थाएं भी पीछे हट गईं थीं और सरकार के पास लोगों के इलाज़ के लिए अस्पताल कम पड़ रहे थे। तब संत रामपाल जी महाराज ने सरकार से अपने आश्रमों को कोविड सेंटर में तब्दील करने का आग्रह किया। उन्होंने न केवल कोविड सेंटर में आने वाले सभी खर्चों का वहन करने का भी वादा किया बल्कि इसके साथ-साथ अनेकों प्रवासी मजदूरों के लिए भी आश्रमों के द्वार खोल दिए थे। जो समाज हित में किये जाने वाले उनके सामाजिक कार्यों में योगदान को प्रदर्शित करता है।
11🌀हमारे समाज में जीवों के साथ क्रूरता आज एक जटिल समस्या बन चुकी है। लेकिन संत रामपाल जी महाराज की छवि पशु प्रेमी के रूप में भी उभरकर सामने आई है। उनका कहना है कि जीव हिंसा भगवान का आदेश नहीं है। इस विषय में कबीर परमेश्वर ने कहा है:
कबीर-जीव हनै हिंसा करै, प्रगट पाप सिर होय।
निगम पुनि ऐसे पाप तें, भिस्त गया नहिं कोय।।
साथ ही, बाइबिल के उत्पत्ति 1:29 से 30 में भी परमात्मा ने मानव को खाने के लिए बीजदार पौधे और फलदार वृक्ष दिए हैं। यानि माँस खाने का आदेश भगवान का नहीं है। इसीलिए हमें जीव हिंसा नहीं करनी चाहिए।
12🌀संत रामपाल जी का सामाजिक कार्यों में अहम योगदान
संत रामपाल जी महाराज दहेज जैसी कुरीति को जड़ से खत्म करने के साथ-साथ जातीय, धार्मिक भेदभाव, छुआछूत, मृत्यु भोज व नशे जैसी अन्य बुराइयों को समाज से ख़त्म कर रहे हैं। जिससे एक स्वच्छ समाज का निर्माण हो रहा है। यही नहीं जब-जब मानव जाति पर प्राकृतिक आपदा के रूप में महामारी आई या बाढ़ उस दौरान भी लोगों की मदद के लिए संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा से उनके अनुयायी सबसे आगे खड़े दिखे।
13🌀समाज सेवा हो तो ऐसी!
कोरोना महामारी के दो वर्षों को कौन भूल सकता है, जो मानव जाति पर कहर बरपा रही थी, कोरोना मानव जाति को तबाह करने में आमादा थी। उस दौरान अस्पताल भी कम पड़ रहे थे, तब मानव जाति की रक्षा के लिए संत रामपाल जी व उनके अनुयायी सामने आए थे और संत रामपाल जी के मार्गदर्शन में सतलोक आश्रम बैतूल (मध्यप्रदेश) व सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा) में अस्थायी कोविड सेंटर खोले गए थे। जिससे मानव जाति को एक बड़ी राहत मिली