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#आरक्षण की दूसरी सूची
dainiksamachar · 11 months
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आखिर क्यों भूख हड़ताल नहीं तोड़ रहे मनोज जरांगे पाटिल... मराठा आरक्षण का नौंवें दिन फिर पानी पीना छोड़ा
मुंबई: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण के मुद्दे जारी गतिरोध नौंवे दिन भी खत्म नहीं हुआ। मराठा आरक्षण पर 32 दलों के एकमत पर होने और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अपील के बाद भी जालना में जारी मराठा क्रांति मोर्चा के नेता और शिवबा संगठन के अध्यक्ष मनोज जारांगे पाटिल ने अपनी भूख हड़ताल खत्म नहीं की। 25 अक्टूबर से भूख हड़ताल पर बैठक जरांगे ने 1 नवंबर को शिंदे और समाज के लोगों की अपील पर पानी पिया था, लेकिन इसके बाद 2 नवंबर को उन्होंने फिर से पानी पीना छोड़ दिया। जरांगे ने डॉक्टरों की सलाह को नजरंदाज कर दिया। जरांगे की मांग है कि जारांगे पाटिल की मांग है वह तब तक पीछे नहीं हटेंगे, जब तक 'कुनबी जाति' के तहत मराठा समुदाय को पूर्ण आरक्षण नहीं दिया जाता है? सरकार और जरांगे के बीच यह मांग गतिरोध का बड़ा कारण है। ओबीसी के विरोध की आशंका शिंदे सरकार की मुश्किल है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में नहीं जा सकती है। महाराष्ट्र में एक साथ मराठा समाज को आरक्षण दिया गया था, जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था। जरांगे को डर है कि जो हाल गुर्जर आरक्षण, जाट आरक्षण और पाटीदार आंदोलन का हुआ। वही हश्र का न हो जाए। तो वहीं सरकार के इस मामले में पूरी तरह से हाथ बंधे हुए हैं। राज्य में अभी सबसे ज्यादा आरक्षण ओबीसी के पास है। उन्हें 19 फीसदी आरक्षण मिला हुआ है। सरकार निजाम शासन के दस्तावेज रखने वाले मराठा को कुनबी प्रमाण पत्र देकर आगे बढ़ना चाहती है। कुनबी जाति ओबीसी में आती है। सरकार ने धाराशिव में प्रमाण पत्र देने की शुरूआत की है। सुप्रीम कोर्ट से बंधी सरकार इसके अलावा शिंदे सरकार पूरी तरह से सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बंधी हुई है। जरांगे चाहते हैं कि सरकार पूरे मराठा समुदाय को आरक्षण देने का ऐलान करे। सरकार सुप्रीम कोर्ट आरक्षण की सीमा बढ़ाने की स्वीकृति के पहले ऐसा नहीं कर सकती है। ऐसे में सरकार बीच का रास्ता निकालकर आगे बढ़ना चाहती है। मराठा समुदाय में एक ऐसा वर्ग है जो आरक्षण नहीं चाहता है। इस पर जरांगे का कहना है कि पूरे समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए। जो चाहेगा। वह आरक्षण लेगा। यह भी मांग उठ रही है कि केंद्र सरकार आरक्षण की लिमिट को बढ़ाने के कानून बनाए। अगर महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण के लेकर केंद्र सरकार ऐसा करती है तो एक अलग पैंडोरा बॉक्स खुल सकता है। गुर्जर,जाट और पाटीदार आरक्षण की मांग फिर तेज हो सकती है। दोहरी मुश्किल में शिंदे मनोज जारांगे पाटिल के कड़े तेवरों से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सामने दोहरी मुश्किल हैं। उन्हें मराठा समुदाय की इमोशंस को भी ध्यान में रखना है और दूसरी तरफ ओबीसी के मिले आरक्षण से छेड़छाड़ न हो इसे भी सुनिश्चित करना है। राज्य में मराठा समाज के अलाव धनगर समाज भी आरक्षण की मांग कर रहा है। इस सूची में मुस्लिमों के लिए 5 फीसदी आरक्षण की मांग भी जुड़ गई है। एनसीपी और एमआईएमआईएम ने इसकी मांग की है। ऐसे में मनोज जरांगे पाटिल सरकार से वह सवाल पूछ रहे हैं जिसका सवाल सरकार के पास नहीं है। सरकार अभी सिर्फ निजाम शासन के दस्तावेज रखने वालों को कुनबी सर्टिफिकेट दे सकती है। सरकार वही कर रही है। यही वजह है कि सभी दल मराठा आरक्षण पर एकमत हैं लेकिन इसका हल राजनीतिक से ज्यादा कानूनी है। सरकार को कानूनी दांव-पेचों को सुलझाने समय मांग रही है। जरांगे देरी का आरोप लगा रहे हैं। http://dlvr.it/SyHtwy
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24daynews · 3 years
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पंचायत चुनाव 2021: जौनपुर में बूथ पंचायत चुनव में उम्मीदवारों और उनके समर्थकों के बीच झड़प
पंचायत चुनाव 2021: जौनपुर में बूथ पंचायत चुनव में उम्मीदवारों और उनके समर्थकों के बीच झड़प
अमर उजाला नेटवर्क, जौनपुर द्वारा प्रकाशित: लेखराज गौतम अपडेटेड थू, 15 अप्रैल 2021 03:20 PM IST मौके पर पहुंची पुलिस। – फोटो: अमर उजाला ख़बर सुनकर ख़बर सुनकर जौनपुर में पंचायत चुनाव के दौरान कई जगह पर मामूली विवादों में झड़प और मारपीट की भी घटनाएं हुईं। रेपुर के रूपचंद्रपुर में दो प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच लाठी-डंडा और ईंट-पत्थर चले। इसमें पांच लोग घायल हो गए। एक की हालत गंभीर देख रेपुर…
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allgyan · 3 years
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RCTC Charges  (आईआरसीटीसी  कैंसलेशन शुल्क)-
IRCTC Charges  (आईआरसीटीसी  कैंसलेशन शुल्क)-
IRCTC  Payment Gateway Charges -
IRCTC  Payment -आईआरसीटीसी ई-टिकट कैंसलेशन शुल्क, नियम: आईआरसीटीसी ट्रेन के चार्ट तैयार करने से पहले और आरक्षण चार्ट तैयार होने के बाद कन्फर्म टिकट पर फ्लैट कैंसलेशन शुल्क लेता है। भारतीय रेलवे अपने वर्ग के टिकटों पर अलग-अलग कैंसलेशन शुल्क लगाता है जैसे कि कार्यकारी वर्ग या एसी प्रथम श्रेणी, एसी टू-टियर, एसी थ्री-टियर, अन्य। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) - राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर की ई-टिकटिंग शाखा, ने अपनी आधिकारिक आईआरसीटीसी अगली पीढ़ी की ई-टिकटिंग वेबसाइट पर कन्फर्म ट्रेन टिकटों को रद्द करने पर नियम निर्दिष्ट किए हैं।आईआरसीटीसी कन्फर्म टिकट पर ट्रेन का चार्ट बनने से पहले और रिजर्वेशन चार्ट बनने के बाद फ्लैट कैंसिलेशन चार्ज वसूल करता है।
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC), i-PAY का इनहाउस पेमेंट गेटवे अब हर दिन 125,000 से अधिक ट्रांजैक्शन प्रोसेस कर रहा है। आईआरसीटीसी के एक बयान में कहा गया है कि आई-पे आईआरसीटीसी वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर रेलवे टिकट, हवाई टिकट और टूर पैकेज बुक करने के लिए भुगतान की सुविधा प्रदान करता है।
यह आईआरसीटीसी वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध कई भुगतान गेटवे में से एक है।
“अप्रैल-2019 के महीने में लॉन्च होने पर, i-PAY ने कुल ऑनलाइन रेल टिकट बुकिंग का केवल 5.8 प्रतिशत किया, जो बढ़कर 13 प्रतिशत हो गया है। वर्तमान में, आई-पे को आईआरसीटीसी के विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों जैसे एयर टिकटिंग, पर्यटन, आई-मुद्रा और ई-टिकटिंग में लाइव कर दिया गया है।
पेमेंट गेटवे एक ई-कॉमर्स वेबसाइट और ��क बैंकिंग ट्रांजेक्शन वेबसाइट के बीच एक माध्यम के रूप में कार्य करता है। आईआरसीटीसी के अधिकारियों ने कहा कि अधिक लेनदेन की सुविधा के लिए आई-पे प्लेटफॉर्म को अन्य ईकॉमर्स वेबसाइट पर विस्तारित करने की वर्तमान में कोई योजना नहीं है।
आईआरसीटीसी ने कहा कि उसने हाल ही में आई-पे भुगतान गेटवे का उपयोग करने वाले आईआरसीटीसी वेबसाइट और मोबाइल ऐप उपयोगकर्ताओं के लिए 'ऑटोपे' की एक नई सुविधा भी पेश की है। आईआरसीटीसी के एक बयान में कहा गया है, "इस सुविधा में, उपयोगकर्ता को अपने यूपीआई बैंक खाते या अन्य भुगतान साधन को एक मैंडेट सुविधा के माध्यम से डेबिट करने की अनुमति देनी होती है, जो उसके भुगतान साधन पर एक ग्रहणाधिकार (अवरुद्ध राशि) बनाता है।"
बयान में कहा गया है, "इस सुविधा का उपयोग करते हुए, तत्काल कोटा के तहत प्रतीक्षा सूची वाले टिकट की पुष्टि होने के बाद ही टिकट बुक करने के लिए पैसा डेबिट किया जाएगा।"
सीधे शब्दों में कहें तो उपयोगकर्ता अपने खाते के विवरण दर्ज कर सकते हैं और एक बार कन्फर्म टिकट उपलब्ध होने पर आईआरसीटीसी वेबसाइट को टिकट बुकिंग राशि में कटौती करने की अनुमति दे सकते हैं। यदि चार्ट तैयार होने के बाद भी तत्काल प्रतीक्षा सूची में टिकट प्रतीक्षा सूची में रहता है, तो केवल लागू शुल्क (जैसे रद्दीकरण शुल्क, आईआरसीटीसी सुविधा शुल्क और मैंडेट शुल्क) उपयोगकर्ता के खाते से काट लिया जाएगा और अवरुद्ध राशि जारी की जाएगी।
साथ ही, यदि एक टिकट की पुष्टि नहीं होती है, तो अवरुद्ध राशि का उपयोग दूसरी टिकट बुक करने के लिए किया जा सकता है। इसका मतलब तेज रिफंड भी होगा।
आईआरसीटीसी के अनुसार, ऑटोपे सुविधा पूर्व अधिकृत आदेश के माध्यम से टिकट बुकिंग की उच्च विश्वसनीयता सुनिश्चित करती है क्योंकि यह बुकिंग के समय भुगतान साधन विवरण में उपयोगकर्ता के समय को कम करती है।
“उपयोगकर्ता का बैंक खाता तभी डेबिट होगा जब सिस्टम पीएनआर (यात्री नाम रिकॉर्ड) उत्पन्न करेगा। ऑटोपे अधिक फायदेमंद है जहां 'बर्थ चॉइस नॉट मेट' या 'नो रूम' परिदृश्यों के कारण उपयोगकर्ता के बैंक खाते से भुगतान की कटौती के बाद भी टिकट बुक नहीं होता है," आईआरसीटीसी के बयान में कहा गया है।
बयान में कहा गया है, "यह उपरोक्त मामलों में ग्राहकों को वित्तीय स्वतंत्रता देता है, जहां ग्राहक आईआरसीटीसी से अपने बैंक खाते में रिफंड राशि जमा करने की चिंता किए बिना उसी / अगले दिन बाद की बुकिंग करना चाहते हैं।"
IRCTC Cancellation charges of e-Tickets before the chart preparation of trains -
आईआरसीटीसी के मुताबिक, काटी गई राशि कैंसिलेशन के समय और कैंसिलेशन के समय ट्रेन टिकट की स्थिति पर आधारित होती है।
1. यदि एक कन्फर्म टिकट ट्रेन के न��र्धारित प्रस्थान से 48 घंटे पहले ऑनलाइन रद्द किया जाता है, तो टिकटों की श्रेणी के लिए न्यूनतम प्रति यात्री फ्लैट रद्दीकरण शुल्क इस प्रकार हैं:
एसी फर्स्ट क्लास या एग्जीक्यूटिव क्लास के लिए 240 रुपये काटे जाएंगे एसी टू-टियर या फर्स्ट क्लास के लिए 200 रुपये काटे जाएंगे एसी थ्री टियर या एसी चेयर कार या एसी थ्री इकोनॉमी क्लास के लिए 180 रुपये काटे जाएंगे स्लीपर क्लास के लिए 120 रुपए कटेंगे द्वितीय श्रेणी के लिए 60 रुपये निर्धारित किए जाएंगे
2. यदि एक कन्फर्म ट्रेन टिकट ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से 48 घंटे की अवधि के भीतर और 12 घंटे तक रद्द किया जाता है, तो रद्दीकरण शुल्क ऊपर उल्लिखित न्यूनतम फ्लैट दर के अधीन किराए का 25 प्रतिशत होगा, साथ ही सभी एसी क्लास पर जीएसटी लागू।
3. यदि कन्फर्म ट्रेन टिकट 12 घंटे की अवधि के भीतर और ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से चार घंटे पहले तक ऑनलाइन रद्द किया जाता है, तो रद्दीकरण शुल्क न्यूनतम रद्दीकरण दर के अधीन, जीएसटी के साथ किराए का 50 प्रतिशत होगा। सभी एसी कक्षाओं के लिए लागू।
4. आईआरसीटीसी ने कहा कि कन्फर्म रिजर्वेशन वाले ट्रेन टिकटों पर किराए की कोई वापसी स्वीकार्य नहीं होगी, अगर टिकट ऑनलाइन रद्द नहीं किया जाता है या ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से चार घंटे पहले तक टीडीआर ऑनलाइन दर्ज नहीं किया जाता है।
How to cancel IRCTC e-ticket online (आईआरसीटीसी का ई-टिकट ऑनलाइन कैसे कैंसिल करें)-
आईआरसीटीसी की ई-टिकटिंग वेबसाइट पर जाएं। लॉगिन स्क्रीन पर अपने सही उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड के साथ लॉग इन करें। My Transactions' पर जाएं और My Account मेन्यू के तहत 'Booked Ticket History' लिंक पर क्लिक करें। बुक किए गए टिकट प्रदर्शित किए जाएंगे। रद्द करने के लिए टिकट का चयन करें और 'टिकट रद्द करें' पर क्लिक करें। जिन यात्रियों के टिकट कैंसिल किए जाने हैं, उन्हें चुनकर कैंसिलेशन शुरू करें यात्री के नाम से पहले चेक बॉक्स का चयन करें और 'टिकट रद्द करें' बटन पर क्लिक करें एक पुष्टिकरण पॉप-अप प्रदर्शित किया जाएगा। रद्दीकरण की पुष्टि करने के लिए 'ओके' बटन का चयन करें। सफलतापूर्वक रद्द करने पर, रद्द करने की राशि काट ली जाएगी और धनवापसी राशि स्क्रीन पर प्रदर्शित होगी। रद्द करने के लिए एक पुष्टिकरण संदेश मोबाइल नंबर (बुकिंग के समय प्रदान किया गया) पर भेजा जाएगा। रद्द करने के लिए एक पुष्टिकरण मेल आईआरसीटीसी के साथ पंजीकृत ईमेल आईडी पर भेजा जाएगा। आंशिक रद्दीकरण के मामले में, यात्री को उन यात्रियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक आरक्षण पर्ची (ईआरएस) का एक नया प्रिंटआउट प्राप्त करना चाहिए जो अपनी यात्रा जारी रख रहे है।   रेलवे जैसा की आप जानते है हमेसा इसके चार्जेज में और ट्रेनों में बदलाव होते रहते है क्योकि भारत सरकार का उपक्रम है और इसके लिए बाकायदा बजट भी पेश होता है। हमने इस लेख हर तरह के चार्जेज को कवर करने की कोशिश की है। अगर आपको हमारे लेख पसंद आये तो हमे अपना प्यार दे।
Please read full article -https://bit.ly/3lULauQ
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govtforms-blog · 3 years
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Bihar Panchayat Election Date 2021 लिस्ट | पंचायत चुनाव Nomination Dates
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Bihar Panchayat Chunav Date 2021 | Bihar Mukhiya Chunav Date 2021 | बिहार पंचायत चुनाव 2021 तारीख | बिहार मुखिया चुनाव 2021 | CEO Bihar Panchayat Election 2021 News | Bihar Gram Panchayat Chunav 2021 date, guideline, rules schedule दोस्तों जैसे की हम अब जानते हैं बिहार में चुनावी दौर शुरू हो गया है. विधानसभा के चुनाव अक्टूबर और नवम्बर के महीने में आयोजित किए गए थे. इसके तुरंत बाद पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. हम सब जानते हैं पंचायत चुनाव का अपना एक खास महत्व होता है. पंचायत चुनाव का मुख्य मुद्दा आरक्षण होगा. और प्रदेश सरकार के अनुसार आरक्षण में बढ़ोतरी होगी. राज्य में कभी भी पंचायत के चुनाव आयोजित किए जा सकते हैं. बिहार राज्य के पंचायत के चुनाव अप्रैल से मई के बीच कभी भी हो सकते हैं. बिहार पंचायत इलेक्शन को लेकर अभी भी दुविधा बनी हुई है जल्द ही चुनाव सम्बंधित घोषणा हो सकती है अगर आप बिहार राज्य से हैं और पंचायत चुनाव की जानकारी, नियम, खबर जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ें. पंचायत चुनाव की जानकारी जल्द ही चुनाव आयोग द्वारा अपडेट की जाएगी. बिहार पंचायत चुनाव की तारीख से सम्बंधित सभी अटकलों को विराम मिल चूका है और राज्य के पंचायत चुनाव की तारीख घोषित हो चुकी हैं.  चुनाव 10 चरण में आयोजित होंगे और 1 लाख 13 हजार मतदान केंद्र बनाये जायेंगे.
Bihar Panchayat Election Date 2021 News
बिहार के उप मुख्यमंत्री श्री सुशील मोदी जी ने कहा की बिहार में पंचायत और नगर निकाय के चुनाव होंगे तो उसमे मौजूदा आरक्षण कोटा बढेगा. इस समय राज्य में अति पिछड़ों को 20% और SC/ST को 13% आरक्षण मिला हुआ है. अगले चुनाव में यह कोटा बढ़ सकता है. जैसे की कोरोना महामारी की दूसरी लहर पर नियंत्रण पर लिया जायेगा, बिहार पंचायत चुनाव से सम्बंधित प्रक्रिया तेजी से संपन्न की जाएँगी.
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CEO Bihar Mukhiya Chunav 2021 जैसा की हम सब जानते हैं हर पांच साल में पंचायत चुनाव होते हैं और इन चुनावों का अपना एक खास महत्व है. बिहार में मुखिया चुनाव 2021 में आयोजित करवाए जायेंगे. हालाँकि अभी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विभाग और राज्य निर्वाचन आयोग बिहार की और से कोई पुष्टि नहीं हुई है. और अधिक जानकारी के लिए जुड़े रहें और आधिकारिक पोर्टल से भी प्राप्त कर सकते हैं. Krishi Bihar Farmer Registration - PM Awas Yojana List 2021 Bihar Election Panchayat Election Department Chief Electoral Officer, Bihar Date Bihar Panchayat Election Date 2021 News Official portal ceobihar.nic.in Check online Bihar Panchayat Chunav News 2021 Tentative Schedule May to June Important Bihar Gram Panchayat Chunav Rules, schedule बिहार पंचायत चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग की तैयारियां तेजी से चल रही हैं. मतदाता सूची इ सम्बंधित सभी जानकारी या अपडेट आपको आधिकारिक पोर्टल उपलब्ध हैं. अब पंचायत चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची, नियम आदि सम्बंधित जानकारी भी आपको ऑनलाइन ही प्राप्त होगी. सभी बिहार वासियों से अनुरोध है कृपया झूठी ख़बरों, अफवाहों पर ध्यान न दें. चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग सभी जानकारी निर्वाचन आयोग के पोर्टल पर उपलब्ध होगी. - प्रथम चरण - 24 सितम्बर 2021 (10 जिलों में 12 प्रखंड) - दूसरा चरण - 29 सितम्बर 2021 (34 जिलों के 48 प्रखंड) - तीसरा चरण - 8 अक्टूबर 2021 (35 जिलों के 50 प्रखंड) - चौथा चरण - 10 अक्टूबर 2021 (36 जिलों के 53 प्रखंड) - पांचवा चरण - 38 जिलों के 58 प्रखंड - छठा चरण 37 जिलों के 57 प्रखंड - सातवाँ चरण 37 जिलों के 63 प्रखंड - आठवां चरण - 36 जिलों के 55 प्रखंड  - नौवां चरण - 33 जिलों के 53 प्रखंड  - दसवां चरण - 34 जिलों के 53 प्रखंड  - 11वाँ  चरण (बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में) - 20 जिलों के 38 प्रखंड)
Bihar Gram Panchayat Chunav Date 2021
Bihar Gram Panchayat Election Dates 2021 tentative - New schedule will be released soon, stick around this page to know about updates and news related to panchayat elections. Issue of office notification for Panchayat Polls 2021 February 2021 Model Code of Conduct Implementation February 2021 Start filling nomination forms for Panchayat Polls March 2021 Withdrawal of Name From Nomination March 2021 Scrutiny of Nomination Forms by SEC official March 2021 Distribution Panchayat Election Symbol of each candidate April 2021 Start of Panchayat Polls 2021 TBA Declaration of Panchayat Polls Result in 2021 TBA... Bihar Bijli Bill Check online & Pay - PM Suraskha Bima Yojana दोस्तों बिहार पंचायत चुनाव मार्च अप्रैल के महीने में होने की सम्भावना है. बिहार पंचायत चुनाव कराने का मुख्य उद्देश्य जिला परिषद्, मुखिया, सरपंच, पंच, पंचायत समिति, और वार्ड मेम्बर को चुनना है. और अधिक जानकारी के लिए सभी बिहार वासियों को सूचित किया जाता है Chief Electoral Officer or State Election Commission पर जाने की सलाह दी जाती है. लिंक नीचे दिया हुआ है जहाँ से आप पूरी जानकारी प्राप्त कर सकती है. बिहार ग्राम पंचायत के चुनाव मार्च से मई के महीने में ९ चरणों में होने की पूरी सम्भावना हो. पंचायत चुनाव में भी BJP, RJD and JDU उतारेंगे अपने अपने उमीदवार. पंचायत चुनाव में 700 मतदाताओं का एक बूथ का गठन किया जाना है. और पूरे राज्य में लगभग 1 लाख 13 हज़ार बूथ स्थापित किए जाने है. जल्द ही अन्य जानकारी भी आपको लेख के माध्यम से प्रदान की जाएगी। समय समय पर लेख को ध्यान से पढ़ें। बिहार ग्राम पंचायत आरक्षण सूची 2021 दोस्तों बिहार पंचायत चुनाव के अंतर्गत आरक्षण में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है. इसका फैसला माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने बैठक के दौरान लिया है. इसीलिए पंचायतों के पुनर्गठन के बाद भी कोई बदलाव नहीं होगा. बिहार पंचायत चुनाव की तारीख का ऐलान हो चूका है. प्रथम 4 चरण की तारीख घोषित हो चुकी है और जल्द ही बाकि चरण की तारीख भी जल्द ही जारी की जाएगी. दोस्तों बिहार राज्य में कुल 38 जिले हैं और सबसे अधिक जनसँख्या वाले राज्यों में से एक है. राज्य में कुल 8406 पंचायत हैं और 45103 revenue village हैं. जिनके चुनाव आगामी वर्ष 2021 में आयोजित होंगे. और अधिक जानकारी के लिए आपको नीचे दिए लिंक पर जाना होगा. यहाँ पर आपको चुनाव मतदाता सूची, चुनाव की ख़बरें और ग्राम पंचायत चुनाव की सारी जानकारी प्राप्त होगी. Bihar Voter List 2021 - PM Krishi Sinchai Yojana - PM Fasal Bima Yojana Form 2021 Bihar बिहार चुनाव की जानकारी प्राप्त करने के लिए - यहाँ पर क्लिक करें.
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CEO Bihar Panchayat Election 2021 SEC Bihar (State Election Commission) - Click Here
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SEC Bihar Gram Panchayat Chunav 2021 बिहार पंचायत चुनाव कब होंगे? दोस्तों पंचायत चुनाव जून/जुलाई/अगस्त 2021 में 9 चरणों  होने की सम्भावना है. और अधिक जानकारी के लिए ऑनलाइन रहें और सीईओ बिहार से ऑनलाइन रहें. चुनाव आयोजित होने में अभी देर हो सकती है क्यूंकि कोरोना की दूसरी लहर और भी घातक है. हर रोज लाखों कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं. Bihar panchayat election dates list 2021 दोस्तों योजनाओं की जानकारी के लिए इस पेज से जुड़े रहें. देश और राज्य स्तर के चुनाव और योजनाओं के बारे में जानने के लिए या प्रश्न पूछने के लिए कमेंट बॉक्स में लिखें. Read the full article
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abhay121996-blog · 3 years
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OBC आरक्षण वाला बिल राज्यसभा में पास, विपक्ष भी बोलता रहा ऐतिहासिक, क्रांतिकारी Divya Sandesh
#Divyasandesh
OBC आरक्षण वाला बिल राज्यसभा में पास, विपक्ष भी बोलता रहा ऐतिहासिक, क्रांतिकारी
नई दिल्ली राज्यों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की जातियों की पहचान करने और सूची बनाने का अधिकार बहाल करने वाला ‘संविधान (127वां संशोधन ) विधेयक, 2021’ बुधवार को में पास हो गया। इसके बाद बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही राज्य अपने यहां ओबीसी जातियों की लिस्ट खुद तैयार करा सकेंगे। इसके लिए राज्यों को केंद्र पर नहीं निर्भर रहना होगा।
सरकार को विपक्ष का मिला साथ लोकसभा में बिल यह बिल पहले ही पास हो चुका है, अब राज्यसभा से भी यह पास हो गया। विपक्षी दलों ने इस बिल पर सरकार का समर्थन करने की बात कही थी, जिसके बाद इस संशोधन विधेयक का पास होना तय माना जा रहा था। राज्यसभा में इस बिल पर शांति से चर्चा हुई और इस विपक्षी सदस्यों ने कोई हंगामा नहीं किया। मॉनसून सत्र में यह दूसरी बार है जब इस उच्च सदन में चर्चा के दौरान हंगामा नहीं हुआ।
राज्यों को मिलेगा ओबीसी लिस्ट तैयार करने का अधिकार केंद्र सरकार जो संशोधन विधेयक लेकर आई है, उसमें प्रावधान है कि राज्य सरकारें अब अपने यहां ओबीसी की लिस्ट तैयार कर सकेंगी। यानी अब राज्यों को किसी जाति को ओबीसी में शामिल करने के लिए केंद्र पर निर्भर नहीं रहना होगा। इसका मतलब है कि अब राज्य सरकारें अपने यहां किसी जाति को ओबीसी समुदाय में शामिल कर पाएगी।
‘पुरानी गलती सुधार रही सरकार’ कांग्रेस ने बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि एक पुरानी गलती ठीक की गई है। कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, देर आए दुरुस्त आए। 2018 में संशोधन लाकर देश के हर राज्य का अधिकार क्षेत्र खत्म केंद्र ने खत्म कर दिया था। वही गलती अब सरकार सुधार रही है।’
सिंघवी ने केंद्र पर जातीय जनगणना से दूर भागने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘आप जातीय जनगणना से दूर क्यों भाग रहे हैं? क्यों कतरा रहे हैं? बिहार के मुख्यमंत्री और ओडिशा के मुख्यमंत्री भी इसके पक्ष में हैं। कल तो आपकी एक सांसद ने भी इसके समर्थन में बात कही है। फिर सरकार चुप क्यों बैठी है। सरकार ने अभी तक स्पष्ट क्यों नहीं किया। आप नहीं करना चाहते तो भी कह दीजिए।’
देवेगौड़ा बोले- अब महिला आरक्षण पर विचार का समय चर्चा में भाग लेते हुए शिवसेना सदस्य संजय राउत ने इसे ऐतिहासिक और क्रांतिकारी विधेयक करार दियाष उन्होंने कहा कि इससे राज्यों को अधिक अधिकार मिल सकेंगे तथा वे आरक्षण देने के लिए अपनी सूची तैयार कर सकेंगे। पूर्व प्रधानमंत्री एवं जेडीएस के नेता एच डी देवेगौड़ा ने विधेयक की सराहना करते हुए कहा पिछले सत्र में प्रधानमंत्री ने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की थी। सरकार को महिला आरक्षण के बारे में भी सोचना चाहिए। यह समय की मांग है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने पेश किया बिल उच्च सदन में यह विधेयक चर्चा करने और पारित करने के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने पेश किया। उन्होंने प्रधानमंत्री और विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्यों का, इस महत्वपूर्ण विधेयक पर चर्चा करने के लिए सहमति बनाने को लेकर आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस विधेयक से , देश भर में कुल ओबीसी आबादी में करीब बीस फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले 671 समुदायों के लिए मददगार होगा।
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col-life23 · 4 years
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बलिया में पंचायत चुनव - पंचायत चुनाव: आपत्तियां जुटाने के लिए भीड़ उमड़ी
बलिया में पंचायत चुनव – पंचायत चुनाव: आपत्तियां जुटाने के लिए भीड़ उमड़ी
खबर सुनिए खबर सुनिए बलिया। दूसरी बार पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण के मामले में, उच्च न्यायालय के आदेश के बाद दूसरी बार प्रधान, ब्लॉक प्रमुख, क्षेत्र और जिला पंचायत सदस्य के वार्डों के लिए आरक्षण की सूची जारी की गई। सूची जारी होते ही आपत्तियों का दौर शुरू हो गया। ज्यादातर आपत्तियां प्रधान कार्यालय के आरक्षण में गड़बड़ी को लेकर थीं। सोमवार को जिला पंचायत राज विभाग की आपत्तियों को उठाने के लिए…
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cnnworldnewsindia · 5 years
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68500 शिक्षक भर्ती में 6127 शिक्षकों का बदलेगा जिला आवंटन, हाईकोर्ट के आदेश से प्रदेश के जिले होंगे प्रभावित, दूसरी सूची में चयनितों पर तलवार:- जानिए गड़बड़ी कहां और कैसे हुई
68500 शिक्षक भर्ती में 6127 शिक्षकों का बदलेगा जिला आवंटन, हाईकोर्ट के आदेश से प्रदेश के जिले होंगे प्रभावित, दूसरी सूची में चयनितों पर तलवार:- जानिए गड़बड़ी कहां और कैसे हुई
बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों का समायोजन हुआ है। सभी जिलों में छात्र संख्या के अनुरूप शिक्षकों की नियुक्ति हो पाई है। अब फिर शिक्षक इधर से उधर होंगे। इसमें दो माह चली प्रक्रिया पर पानी फिरना तय है। परिषद मुख्यालय का अनुमान है कि 68500 शिक्षक भर्ती में चयनित 6127 शिक्षकों का जिला आवंटन बदलेगा। इतना ही नहीं भर्ती की दूसरी सूची में इतने ही शिक्षक मनचाहे जिलों में तैनात हुए थे, अब उन पर भी तलवार लटक गई है, उन्हें दूसरे जिलों में भी जाना पड़ सकता है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गुरुवार को 68500 सहायक अध्यापक भर्ती के जिला आवंटन से संबंधित फैसला सुनाया है। यह लंबे समय से सुरक्षित था। इसमें कहा गया है कि एमआरसी (मेरिट में चुने गए आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी) को वरीयता वाले जिलों में तैनाती मिलेगी। इस आदेश पर अमल जल्द शुरू होगा, क्योंकि तीन माह में ऐसे अभ्यर्थियों से अर्जी लेकर नए शैक्षिक सत्र से पहले उन्हें वरीयता वाले जिलों में नियुक्ति दी जानी है। कोर्ट के आदेश से सभी जिलों में नवनियुक्त शिक्षक प्रभावित होंगे। एमआरसी में 6127 शिक्षक ही क्यों? शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में 1,25,746 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया, उसमें से 1,07873 अभ्यर्थी इम्तिहान में शामिल हुए। उनमें महज 41,556 सफल हुए, जबकि 66,356 असफल करार दिए गए। परिषद मुख्यालय ने नियुक्ति के लिए अर्ह 34,660 की पहली सूची जारी की, जबकि 6127 अभ्यर्थी बाहर कर दिए गए थे, इनमें से अधिकांश सामान्य व कुछ ओबीसी थे। हाईकोर्ट के आदेश से प्रदेश के जिले होंगे प्रभावित, दूसरी सूची में चयनितों पर तलवार गड़बड़ी कहां और कैसे हुई परिषद ने कुल भर्ती की सीटों 68500 की जगह सफल अभ्यर्थियों को आधार बनाकर नियुक्ति सूची जारी की। परीक्षा में सामान्य वर्ग के 15772, ओबीसी के 19168, एससी के 6493 व एसटी के 123 अभ्यर्थी सफल हुए थे। नियुक्ति का मानक बदलने से सामान्य व ओबीसी के कुछ अभ्यर्थी इसलिए बाहर हुए, क्योंकि उनकी सीटों पर अन्य आरक्षित वर्ग के मेधावी अभ्यर्थी चयनित हो गए थे। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का सामान्य की सीटों पर चयन होने से उन्हें जिला आवंटन में आरक्षण का लाभ न देकर मेरिट के अनुरूप जिला आवंटन कर दिया गया। अब कोर्ट ने उसी गलती को सुधारने का निर्देश दिया है। सामान्य वर्ग को लाभ नहीं भर्ती की दूसरी 6127 अभ्यर्थियों की चयन सूची जारी होने व चयनितों को गृह जिलों में नियुक्ति मिलने पर बवाल मचा। सामान्य वर्ग के मेधावी अभ्यर्थियों का कहना था कि यदि पहले ही 68500 पदों के सापेक्ष नियुक्ति आदेश जारी होता तो वे मनचाहे जिलों में नियुक्ति पा जाते, वह काम परिषद ने बाद में किया। उसी को कोर्ट में चुनौती दी गई। कोर्ट ने केवल आरक्षित वर्ग को ही लाभ देने का आदेश दिया है, ऐसे में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी अब भी जहां के तहां पड़े रहेंगे।
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Read full post at: https://www.cnnworldnews.info/2019/08/68500-6127.html
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24daynews · 3 years
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पंचायत चुनाव 2021: जौनपुर में उम्मीदवारों और समर्थकों द्वारा उपद्रव के कारण एक और आधे घंटे तक मतदान रुका - यूपी पंचायत चुनाव: जौनपुर में प्रत्याशी और समर्थकों के हंगामे से डेरामुखी रुका मतदान, जानें पूरा मामला
पंचायत चुनाव 2021: जौनपुर में उम्मीदवारों और समर्थकों द्वारा उपद्रव के कारण एक और आधे घंटे तक मतदान रुका – यूपी पंचायत चुनाव: जौनपुर में प्रत्याशी और समर्थकों के हंगामे से डेरामुखी रुका मतदान, जानें पूरा मामला
अमर उजाला नेटवर्क, जौनपुर द्वारा प्रकाशित: लेखराज गौतम अपडेटेड थू, 15 अप्रैल 2021 02:26 PM IST ख़बर सुनकर ख़बर सुनकर उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में पंचायत चुनाव के दौरान प्रशासनिक अव्यवस्था हावी रही। बक्शा ब्लॉक के सड़ेरी गांव में जिला पंचायत सदस्य के 13 उम्मीदवार प्रचार कर रहे थे, जबकि मतपत्र पर दस के ही उम्मीदवार चिह्न थे। इसकी जानकारी में केवल हंगामा मच गया। प्रत्याशी और उनके समर्थकों ने…
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allgyan · 3 years
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IRCTC Charges  (आईआरसीटीसी  कैंसलेशन शुल्क)-
IRCTC  Payment Gateway Charges -
IRCTC  Payment -आईआरसीटीसी ई-टिकट कैंसलेशन शुल्क, नियम: आईआरसीटीसी ट्रेन के चार्ट तैयार करने से पहले और आरक्षण चार्ट तैयार होने के बाद कन्फर्म टिकट पर फ्लैट कैंसलेशन शुल्क लेता है। भारतीय रेलवे अपने वर्ग के टिकटों पर अलग-अलग कैंसलेशन शुल्क लगाता है जैसे कि कार्यकारी वर्ग या एसी प्रथम श्रेणी, एसी टू-टियर, एसी थ्री-टियर, अन्य। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) - राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर की ई-टिकटिंग शाखा, ने अपनी आधिकारिक आईआरसीटीसी अगली पीढ़ी की ई-टिकटिंग वेबसाइट पर कन्फर्म ट्रेन टिकटों को रद्द करने पर नियम निर्दिष्ट किए हैं।आईआरसीटीसी कन्फर्म टिकट पर ट्रेन का चार्ट बनने से पहले और रिजर्वेशन चार्ट बनने के बाद फ्लैट कैंसिलेशन चार्ज वसूल करता है।
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC), i-PAY का इनहाउस पेमेंट गेटवे अब हर दिन 125,000 से अधिक ट्रांजैक्शन प्रोसेस कर रहा है। आईआरसीटीसी के एक बयान में कहा गया है कि आई-पे आईआरसीटीसी वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर रेलवे टिकट, हवाई टिकट और टूर पैकेज बुक करने के लिए भुगतान की सुविधा प्रदान करता है।
यह आईआरसीटीसी वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध कई भुगतान गेटवे में से एक है।
“अप्रैल-2019 के महीने में लॉन्च होने पर, i-PAY ने कुल ऑनलाइन रेल टिकट बुकिंग का केवल 5.8 प्रतिशत किया, जो बढ़कर 13 प्रतिशत हो गया है। वर्तमान में, आई-पे को आईआरसीटीसी के विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों जैसे एयर टिकटिंग, पर्यटन, आई-मुद्रा और ई-टिकटिंग में लाइव कर दिया गया है।
पेमेंट गेटवे एक ई-कॉमर्स वेबसाइट और एक बैंकिंग ट्रांजेक्शन वेबसाइट के बीच एक माध्यम के रूप में कार्य करता है। आईआरसीटीसी के अधिकारियों ने कहा कि अधिक लेनदेन की सुविधा के लिए आई-पे प्लेटफॉर्म को अन्य ईकॉमर्स वेबसाइट पर विस्तारित करने की वर्तमान में कोई योजना नहीं है।
आईआरसीटीसी ने कहा कि उसने हाल ही में आई-पे भुगतान गेटवे का उपयोग करने वाले आईआरसीटीसी वेबसाइट और मोबाइल ऐप उपयोगकर्ताओं के लिए 'ऑटोपे' की एक नई सुविधा भी पेश की है। आईआरसीटीसी के एक बयान में कहा गया है, "इस सुविधा में, उपयोगकर्ता को अपने यूपीआई बैंक खाते या अन्य भुगतान साधन को एक मैंडेट सुविधा के माध्यम से डेबिट करने की अनुमति देनी होती है, जो उसके भुगतान साधन पर एक ग्रहणाधिकार (अवरुद्ध राशि) बनाता है।"
बयान में कहा गया है, "इस सुविधा का उपयोग करते हुए, तत्काल कोटा के तहत प्रतीक्षा सूची वाले टिकट की पुष्टि होने के बाद ही टिकट बुक करने के लिए पैसा डेबिट किया जाएगा।"
सीधे शब्दों में कहें तो उपयोगकर्ता अपने खाते के विवरण दर्ज कर सकते हैं और एक बार कन्फर्म टिकट उपलब्ध होने पर आईआरसीटीसी वेबसाइट को टिकट बुकिंग राशि में कटौती करने की अनुमति दे सकते हैं। यदि चार्ट तैयार होने के बाद भी तत्काल प्रतीक्षा सूची में टिकट प्रतीक्षा सूची में रहता है, तो केवल लागू शुल्क (जैसे रद्दीकरण शुल्क, आईआरसीटीसी सुविधा शुल्क और मैंडेट शुल्क) उपयोगकर्ता के खाते से काट लिया जाएगा और अवरुद्ध राशि जारी की जाएगी।
साथ ही, यदि एक टिकट की पुष्टि नहीं होती है, तो अवरुद्ध राशि का उपयोग दूसरी टिकट बुक करने के लिए किया जा सकता है। इसका मतलब तेज रिफंड भी होगा।
आईआरसीटीसी के अनुसार, ऑटोपे सुविधा पूर्व अधिकृत आदेश के माध्यम से टिकट बुकिंग की उच्च विश्वसनीयता सुनिश्चित करती है क्योंकि यह बुकिंग के समय भुगतान साधन विवरण में उपयोगकर्ता के समय को कम करती है।
“उपयोगकर्ता का बैंक खाता तभी डेबिट होगा जब सिस्टम पीएनआर (यात्री नाम रिकॉर्ड) उत्पन्न करेगा। ऑटोपे अधिक फायदेमंद है जहां 'बर्थ चॉइस नॉट मेट' या 'नो रूम' परिदृश्यों के कारण उपयोगकर्ता के बैंक खाते से भुगतान की कटौती के बाद भी टिकट बुक नहीं होता है," आईआरसीटीसी के बयान में कहा गया है।
बयान में कहा गया है, "यह उपरोक्त मामलों में ग्राहकों को वित्तीय स्वतंत्रता देता है, जहां ग्राहक आईआरसीटीसी से अपने बैंक खाते में रिफंड राशि जमा करने की चिंता किए बिना उसी / अगले दिन बाद की बुकिंग करना चाहते हैं।"
IRCTC Cancellation charges of e-Tickets before the chart preparation of trains -
आईआरसीटीसी के मुताबिक, काटी गई राशि कैंसिलेशन के समय और कैंसिलेशन के समय ट्रेन टिकट की स्थिति पर आधारित होती है।
1. यदि एक कन्फर्म टिकट ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से 48 घंटे पहले ऑनलाइन रद्द किया जाता है, तो टिकटों की श्रेणी के लिए न्यूनतम प्रति यात्री फ्लैट रद्दीकरण शुल्क इस प्रकार हैं:
एसी फर्स्ट क्लास या एग्जीक्यूटिव क्लास के लिए 240 रुपये काटे जाएंगे एसी टू-टियर या फर्स्ट क्लास के लिए 200 रुपये काटे जाएंगे एसी थ्री टियर या एसी चेयर कार या एसी थ्री इकोनॉमी क्लास के लिए 180 रुपये काटे जाएंगे स्लीपर क्लास के लिए 120 रुपए कटेंगे द्वितीय श्रेणी के लिए 60 रुपये निर्धारित किए जाएंगे
2. यदि एक कन्फर्म ट्रेन टिकट ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से 48 घंटे की अवधि के भीतर और 12 घंटे तक रद्द किया जाता है, तो रद्दीकरण शुल्क ऊपर उल्लिखित न्यूनतम फ्लैट दर के अधीन किराए का 25 प्रतिशत होगा, साथ ही सभी एसी क्लास पर जीएसटी लागू।
3. यदि कन्फर्म ट्रेन टिकट 12 घंटे की अवधि के भीतर और ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से चार घंटे पहले तक ऑनलाइन रद्द किया जाता है, तो रद्दीकरण शुल्क न्यूनतम रद्दीकरण दर के अधीन, जीएसटी के साथ किराए का 50 प्रतिशत होगा। सभी एसी कक्षाओं के लिए लागू।
4. आईआरसीटीसी ने कहा कि कन्फर्म रिजर्वेशन वाले ट्रेन टिकटों पर किराए की कोई वापसी स्वीकार्य नहीं होगी, अगर टिकट ऑनलाइन रद्द नहीं किया जाता है या ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से चार घंटे पहले तक टीडीआर ऑनलाइन दर्ज नहीं किया जाता है।
How to cancel IRCTC e-ticket online (आईआरसीटीसी का ई-टिकट ऑनलाइन कैसे कैंसिल करें)-
आईआरसीटीसी की ई-टिकटिंग वेबसाइट पर जाएं। लॉगिन स्क्रीन पर अपने सही उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड के साथ लॉग इन करें। My Transactions' पर जाएं और My Account मेन्यू के तहत 'Booked Ticket History' लिंक पर क्लिक करें। बुक किए गए टिकट प्रदर्शित किए जाएंगे। रद्द करने के लिए टिकट का चयन करें और 'टिकट रद्द करें' पर क्लिक करें। जिन यात्रियों के टिकट कैंसिल किए जाने हैं, उन्हें चुनकर कैंसिलेशन शुरू करें यात्री के नाम से पहले चेक बॉक्स का चयन करें और 'टिकट रद्द करें' बटन पर क्लिक करें एक पुष्टिकरण पॉप-अप प्रदर्शित किया जाएगा। रद्दीकरण की पुष्टि करने के लिए 'ओके' बटन का चयन करें। सफलतापूर्वक रद्द करने पर, रद्द करने की राशि काट ली जाएगी और धनवापसी राशि स्क्रीन पर प्रदर्शित होगी। रद्द करने के लिए एक पुष्टिकरण संदेश मोबाइल नंबर (बुकिंग के समय प्रदान किया गया) पर भेजा जाएगा। रद्द करने के लिए एक पुष्टिकरण मेल आईआरसीटीसी के साथ पंजीकृत ईमेल आईडी पर भेजा जाएगा। आंशिक रद्दीकरण के मामले में, यात्री को उन यात्रियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक आरक्षण पर्ची (ईआरएस) का एक नया प्रिंटआउट प्राप्त करना चाहिए जो अपनी यात्रा जारी रख रहे है।   रेलवे जैसा की आप जानते है हमेसा इसके चार्जेज में और ट्रेनों में बदलाव होते रहते है क्योकि भारत स��कार का उपक्रम है और इसके लिए बाकायदा बजट भी पेश होता है। हमने इस लेख हर तरह के चार्जेज को कवर करने की कोशिश की है। अगर आपको हमारे लेख पसंद आये तो हमे अपना प्यार दे।
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newswave-kota · 6 years
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राजस्थान में कर्जमाफी के नाम पर किसानों के साथ धोखा
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भाजपा के राजस्थान चुनाव प्रभारी सांसद नारायण पंचारिया ने कहा, 10 दिन में सम्पूर्ण कर्जमाफी का जवाब दे कांग्रेस सरकार न्यूजवेव@ कोटा भाजपा के राजस्थान चुुनाव प्रभारी नारायण लाल पंचारिया ने कहा कि राजस्थान में 52 लाख किसानों पर 1 लाख करोड़ रू से अधिक कर्जा है लेकिन किसानों को सम्पूर्ण कर्जा माफ करने का दावा करने वाली कांग्रेस सरकार अब तक केवल 18 हजार करोड़ रू. कर्जा माफी के पत्रक बांट रही है। इसमें 6 करोड़ रू. की वह राशि भी शामिल है, जिसे वसुंधरा सरकार पहले ही माफ कर चुकी थी। रविवार को डीसीएम गेस्ट हाउस में पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राज्य में 10 दिन में किसानों का सम्पर्ण कर्जा माफ करने का झूठा वादा कर किसानों को गुमाराह किया था लेकिन किसानों को हकीकत पता चली तो वे फिर से सडकों पर आंदोलन कर रहे हैं। पंचारिया ने कहा कि मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में किसानों को 6 हजार रू. तीन किश्तों में भगुतान करने की घोषणा की थी लेकिन कांग्रेस सरकार ने अभी तक राज्य के 52 लाख किसानों के बैंक खाते की सूची नहीं दी है। अब तक केवल 1.27 लाख किसानों की सूची केंद्र को भेजी गई है। जबकि इसमें एक किश्त जारी हो चुकी है, दूसरी किश्त अप्रैल में जारी होगी। किसानों को खाद व बीज खरीदने के लिये राशि चाहिये लेकिन गहलोत सरकार इसमें बैरियर खडे़ कर रही है। उन्होंने कहा कि 5 वर्ष में विभिन्न 141 योजनाओं से जनता की आशाएं पूरी हुई हैं, अब आकांक्षाएं पूरी करने के लिये काम करेंगे। तबादला उद्योग चला रही गहलोत सरकार पंचारिया ने आरोप लगाया कि गहलोत सरकार विधानसभा चुनाव के बाद 80 दिन में 3 लाख से अधिक तबादले कर दिये हैं। 2014 में शिक्षा क्षेत्र में राज्य देश में 25वें स्थान पर था, वसुंधरा सरकार के 5 वर्ष में हम शिक्षा में दूसरे नंबर पर आ गये। सरकारी स्कूलों का समानीकरण किया था, कांग्रेस ने सत्ता में आते ही तबादला उद्योग चालू कर दिया। अकेले हाड़ौती में प्रोबेशन पर चल रहे 79 कर्मचारियों को भी दुर्भावना से ट्रांसफर कर दिया। राज्य में सामान्य वर्ग को नहीं मिला आरक्षण भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता जितेंद्र श्रीमाली ने कहा कि मोदी सरकार ने 31 जनवरी को आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की थी। लेकिन राज्य की कांग्रेस सरकार ने इसमें बाधा खडी कर दी। राज्य में 12 मार्च को इसकी अधिसूचना जारी हुई, जिसकी गाइडलाइन में तीन बैरियर लगा दिये। पहला, केंद्र की अधिसूचना के अनुसार, परिवार की परिभाषा में 18 वर्ष का अभ्यर्थी व उसके माता-पिता शामिल थे, राज्य सरकार ने इसमे भाई-बहिन को भी जोड़ दिया। दूसरा, जाति प्रमाणपत्र जरूरी नहीं था, लेकिन राज्य सरकार ने इसे आवश्यक बना दिया। तीसरा, एसडीएम, तहसीलदार या अन्य सक्षम अधिकारी आय प्रमाणपत्र जारी कर सकते हैं लेकिन राज्य सरकार ने सिर्फ एसडीएम को ही अधिकृत किया, जिससे अभी तक एक भी प्रमाणपत्र जारी नहीं हो सका। 15 मार्च को जेईई-मेन के आवेदन की अंतिम तिथी निकल गई लेकिन राज्य के सामान्य वर्ग के छात्रों को आय प्रमाणपत्र नहीं मिलने से आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकेगा। 2093 बूथ पर व्यूह रचना तैैयार भाजपा शहर जिलाध्यक्ष हेमंत विजयवर्गीय ने कहा पार्टी ने लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत के लिये 2093 बूथ पर व्यूह रचना तैैयार कर ली गई। प्रत्येक बूथ पर 21 कार्यकर्ता तैनात होंगे। 49 मंडलों का गठन किया है, जिसमें 361 शक्ति केंद्र बनाए गये हैं। 6 बूथ पर एक शक्ति केंद्र रहेगा। हमारा प्रत्याशी कमल है, उसे जिताने के लिये टीमें जुट गई हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने जैसे ही आव्हान किया कि हर देशवासी, परिवार व समाज देश के चौकीदार हैं। हम देश के लिये काम कर रहे हैं, इसी सोच के साथ लाखों युवाओं ने देशहित मे निर्णायक लड़ाई शुरू कर दी है। इससे पहले भाजपा कोटा-बूंदी लोकसभा चुनाव संचालन समिति की बैठक में सांसद ओम बिरला सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। Read the full article
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abhay121996-blog · 3 years
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तो आरक्षण की लिस्ट सें गायब हो जाएंगे यादव, कुर्मी और गुर्जर! रामगोपाल को क्यों सता रहा यह डर? Divya Sandesh
#Divyasandesh
तो आरक्षण की लिस्ट सें गायब हो जाएंगे यादव, कुर्मी और गुर्जर! रामगोपाल को क्यों सता रहा यह डर?
लखनऊ ओबीसी आरक्षण बिल को विपक्ष का समर्थन तो मिल गया है लेकिन कई दलों ने आरक्षण का दायरा 50 फीसदी से बढ़ाने की मांग कर दी। मंगलवार को लोकसभा में अखिलेश यादव के बाद आज राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने भी यही बात उठाई। इसी के साथ रामगोपाल यादव ने एक आशंका भी जाहिर कर दी। राज्यसभा में बिल पर चर्चा के दौरान रामगोपाल ने कहा कि ऐसी चर्चा है कि विधेयक के कानून बनने के बाद यूपी में तीन जातियों- यादव, गुर्जर और कुर्मी को ओबीसी लिस्ट से हटा दिया जाएगा। आगे जानिए, रामगोपाल यादव के इस बयान के मायने और यूपी की राजनीति में इन जातियों की ताकत-
संसद में रामगोपाल यादव का बयान सबसे पहले जान लीजिए रामगोपाल यादव ने बुधवार को राज्यसभा में क्या कहा? सपा सांसद ने कहा, विधेयक के कानून बनने के बाद जो राज्यों को सूची में संशोधित करने का अधिकार मिलेगा, उसका तब तक कोई लाभ नहीं जब तक रिजर्वेशन की सीमा की कैप बढ़ाकर 50 फीसदी न कर दिया जाए। उन्होंने आगे कहा, ‘अभी जो जातियां ओबीसी लिस्ट में हैं, अब उनके अलावा नई जातियां जोड़ी जाएंगी। मान लीजिए 7 फीसदी नई जातियां जोड़ दी गईं। यूपी में पिछड़ी जातियों के लिए 27 फीसदी आरक्षण है, 7 फीसदी और नई जातियां आ जाएंगी तो मौजूदा ओबीसी समुदायों को नुकसान होगा।’
इसी के साथ रामगोपाल यादव कहा, ‘मुझे एक आशंका है कि जब नई सूची बनेगी तो बीजेपी सरकार जो मौजूदा ओबीसी जातियां हैं उनमें से तीन जातियों को- यादव, कुर्मी और गुर्जर लिस्ट से बाहर कर देगी। ये अभी चर्चा है और आगे चलकर ये होगा ही। कोई न कोई बहाना ढूंढकर इन जातियों को बाहर किया जाएगा।’
रामगोपाल के बयान के मायने क्या? अब जानिए कि रामगोपाल यादव के इस बयान के मायने क्या हैं। दरअसल यूपी में अगले साल चुनाव हैं और सपा यह हरगिज नहीं चाहती कि उसके सबसे बड़े कोर वोटर यादवों को इस लिस्ट से बाहर किया जाए और उन्हें आरक्षण के लाभ से मोहताज रहना पड़े। यादव वोटर लंबे समय से सपा के साथ ठीक वैसे ही खड़े हैं जैसे दलित बीएसपी के साथ। इसके अलावा सपा की नजर कुर्मी समुदाय पर भी है जिनकी पिछड़ा समुदाय में दूसरी बड़ी आबादी है। इसी समुदाय से आने वाले नरेश उत्तम पटेल को पार्टी ने यूपी में कमान सौंपी हुई है।
यादव और कुर्मी सबसे संपन्न जातियां ऐसा माना जाता है कि यूपी में ओबीसी आरक्षण का सबसे अधिक फायदा यादव, कुर्मी, जाट और कुशवाहा समुदाय को मिला है जबकि अन्य पिछड़ी जातियां काफी समय से आरक्षण की मांग करती रही हैं। साल 2018 में योगी सरकार ने 4 सदस्यीय उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग सामाजिक न्याय समिति का गठन किया था। इस समिति ने यादव और कुर्मी जातियों को संपन्न बताया था। समिति की रिपोर्ट के अनुसार, यादव और कुर्मी दोनों जातियां न सिर्फ सांस्कृतिक बल्कि आर्थिक और राजनीतिक रूप से सक्षम है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि यूपी में अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए रोजगार के अवसर जनसंख्या के मुकाबले आधे हैं जबकि कुछ यादव और कुर्मी जैसी उप जातियों को नौकरी के मौके ज्यादा मिल रहे हैं। जिनको मध्यम वर्ग की श्रेणी में रखा जा सकता है। ऐसे में सपा को डर है कि योगी सरकार संशोधन का अधिकार मिलने के बाद इन दलों को आरक्षण सूची से बाहर कर सकती है।
यूपी में यादव, कुर्मी और गुर्जर की आबादीअब आते हैं इन जातियों के आकलन पर। जनगणना के हिसाब से बात करें तो यूपी की कुल आबादी यादवों की संख्या 9 फीसदी है जबकि ओबीसी जातियों में यादवों की हिस्सेदारी करीब 20 फीसदी है। यूपी में पांच बार यादव समाज से सीएम रहे हैं। पहली बार 1977 में रामनरेश यादव यहां से सीएम बने। फिलहाल यह समुदाय समाजवादी पार्टी का कोर वोटर है।
यूपी में कुर्मी समाज की आबादी करीब 12 फीसदी बताई जाती है, हालांकि यह आधिकारिक आंकड़ा नहीं है। इस समाज को बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल का कोर वोट बैंक समझा जाता है। इसके अलावा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी इसी समुदाय से आते हैं।
गुर्जर समाज की बात करें तो पश्चिम यूपी में इनकी आबादी अधिक है। वहां के करीब 6 जिलों में गुर्जरों का बोलबाला है। सबसे ज्यादा आबादी गौतमबुद्धनगर में बताई जाती है। यहां करीब 3 लाख गुर्जर वोटर हैं। इसके बाद सहारनपुर में ढाई लाख, मेरठ-हापुड़, अमरोहा और गाजियाबाद में इनकी आबादी डेढ़ लाख के करीब बताई जाती है।
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jmyusuf · 5 years
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जाति के आधार पर धर्म के आधार पर समाज में विभाजन करना ध्रुवीकरण करना इस मोडस ऑपरेंडी का मूल तत्त्व है
दस बारह दिन पूर्व मे भोपाल में था, प्रज्ञा ठाकुर और दिग्विजय सिंह के मुकाबले की वजह से वहां के चुनावी माहौल में गर्मी आ चुकी थी वहाँ एक मित्र मिले उन्होंने बताया कि यहाँ भोपाल में व्हाट्सएप पर एक वीडियो क्लिप तेजी से सर्कुलेट की जा रही हैं, वह वीडियो क्लिप जाकिर नाइक ओर दिग्विजय सिंह से संबंधित थी........ मुझे बेहद आश्चर्य हुआ जब परसो प्रधानमंत्री अपनी एक रैली में जाकिर नाइक ओर दिग्विजयसिंह के तथाकथित संबंधों की दुहाई देते नजर आए.......... आजकल में ही जाकिर नाइक का जिन्न न्यूज़ चैनल पर भी नजर आने वाला है............ यह भाजपा की मोडस ऑपरेंडी है पहले विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए एक ऐसा मुद्दे को केंद्र में लाओ जिनका जनता की रोजमर्रा के जीवन से कोई संबंध नही है वह एक भावनात्मक मुद्दा है........ और उसे स्टेबलिश कर विभिन्न नेताओं के मुँह से कहलवाओ ओर फिर बिके हुए न्यूज़ चैनलों के माध्यम से इस पर राष्ट्रीय स्तर की बहस चला दो जनता उसी में लगी रहेगी...... बीजेपी बहुत अच्छी तरह से समझ चुकी हैं कि प्रोपगैंडा और गलत सूचनाओं को फैलाने में भारत में सबसे लोकप्रिय मैसजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सऐप का इस्तेमाल कैसे करना है उसका सबसे बड़ा टारगेट वह युवा है जो पहली बार वोट डालने जा रहा है अगर कोई नेता व्हाट्सऐप और फ़ेसबुक के ज़रिए प्रचार करता हैं तो ये युवा उससे सीधा जुड़ाव महसूस करता हैं उसे लगता है कि हम उनसे सीधी सीधा जुड़ा हैं इसलिए वो हमसे सीधे वोट मांग सकता है. भारत व्हाट्सऐप का सबसे बड़ा बाज़ार है. भारत में 20 करोड़ से ज्यादा लोग इस ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं इसका सबसे अधिक इस्तेमाल राजनीतिक संदेश और वीडियो को शेयर करने में किया जा रहा हैं. लोगों को गलत जानकारी दी जाती है.......... हाल में हुए रायटर्स इंस्टीट्यूट के सर्वे के मुताबिक भारतीय इंटरनेट यूजर्स में 52 फ़ीसदी लोगों को न्यूज व्हाट्सऐप के जरिए मिलती है. करीब इतने ही लोगों को न्यूज, फेसबुक के जरिए मिलती है.......... व्हाट्सऐप की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसकी पोस्ट निजी होती हैं और इनक्रिप्शन से संरक्षित होती हैं. विशेषज्ञ प्रंशात के. रॉय इसे ब्लैक होल जैसा बताते हैं. वे कहते हैं, "कोई भी शख्स, यहां तक कि व्हाट्सऐप भी, संदेशों को ना तो पढ़ सकता है, ना फिल्टर कर सकता है और ना ही संदेश का विश्लेषण कर सकता है. प्रशांतो के. रॉय एक ऐसे व्हाट्सऐप समूह के सदस्य हैं, जिनमें उनके दिल्ली स्थित हाई स्कूल के 100 से ज्यादा क्लासमेट शामिल हैं. उनमें हिंदू, मुसलमान और ईसाई शामिल हैं. वे बताते हैं, "2014 से हमने देखा कि काफ़ी ज्यादा ध्रुवीकरण हुआ है. 10 लोग लगातार फ़ेक कंटेंट शेयर करते हैं. कुछ मेरे जैसे लोग हैं जो फ़ैक्ट चेक कर उन्हें बताते हैं कि सही क्या है, लेकिन वे हमारी उपेक्षा करते हैं." यानी साफ है कि पढ़े लिखे लोग भी इस���े बहुत बुरी तरह से प्रभावित होते हैं बीजेपी ने 2015 से ही आम लोगों के बीच व्हाट्सऐप ग्रुप का गठन करना शुरू कर दिया था.बीजेपी के लिए 2017 और 2018 के विधानसभा चुनावों के लिए काम कर चुके डेटा एनालिस्ट शिवम शंकर सिंह बताते हैं कि बीजेपी इकलौती ऐसी पार्टी है जिसके पास इतनी बड़ी संख्या में व्हाट्सऐप ग्रुप मौजूद हैं. दूसरी पार्टी अब ऐसा नहीं कर सकती हैं क्योंकि व्हाट्सऐप ने अपनी नीतियां बदल दी हैं." लेकिन उसके बावजूद बीजेपी लगातार इस विषय मे ओर आगे बढ़ रही है, भाजपा देश के 9,27,533 मतदान केंद्रों के लिए हर एक बूथ पर तीन व्हाट्सएप ग्रुप बनाने की नीति पर काम कर रही है नयी नीति के अनुसार व्हाट्सएप ग्रुप में अधिकतम 256 सदस्य होते हैं ऐसे में भारत की 1.3 अरब आबादी में से 700 मिलियन लोगों तक व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए मैसेज पहुंचाए जा सकते हैं. मतदाता सूची के नाम और मोबाइल नंबर की सूची में मिलान करके डेमोग्राफिक कैटगरी, जाति के आधार पर और धर्म के आधार पर करके ग्रुप बनाकर संदेश भेजे जा रहे हैं. भारत के कई बड़े राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश और बिहार में, 70% से अधिक लोगों की जाति उनके नामों का विश्लेषण करके निर्धारित की जा सकती है बीजेपी ने ठीक यही किया उत्तरप्रदेश के चुनावों के बारे में शिवम शंकर सिंह ने बताया कि व्हाट्सएप ग्रुप जाति के आधार पर बनाए गए थे. हम जानते है कि उत्तर प्रदेश की ओबीसी आबादी में लगभग 11% यादव और 31% अन्य शामिल हैं, सभी जानते है कि यादव वोट एक तरफा सपा को जाता है लेकिन एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है जो ओपन है वह किसी के भी साथ जा सकता है अब बीजेपी से जुड़े डाटा एनिलिस्ट ऐसे व्हाट्सएप ग्रुप का निर्माण करते हैं, जिनमें अठारह और चालीस के आयु वर्ग के बीच केवल गैर-यादव ओबीसी शामिल हैं, जो निम्न-मध्यम सामाजिक-आर्थिक स्थिति के है उन ग्रुप्स में 2 से 3 महीने तक लगातार ऐसे तथ्य सर्कुलेट करने है जिससे यह लगे कि यादवों ने शैक्षणिक संस्थानों और नौकरियों में आरक्षण के सभी लाभों को कैसे प्राप्त किया है, जिससे अन्य ओबीसी समूहों को वंचित किया जाता है, व्हाट्सएप पर भेजी गई दलीलें धीरे धीरे लोगों की दैनिक बातचीत का हिस्सा बन जाती है उन्हें यह विश्वास होने लगता हैं कि उनके लाभ का सही हिस्सा यादवों द्वारा ले लिया गया हैं........... इसी तरह की मोडस आपरैंडी का उपयोग करते हुए 2017 के उत्तरप्रदेश विधानसभा में भाजपा ने सोची न जा सकने वाली जीत हासिल की थी..... जाति के आधार पर धर्म के आधार पर समाज में विभाजन करना ध्रुवीकरण करना इस मोडस ऑपरेंडी का मूल तत्त्व है पता नहीं कितने लोग यह सब समझ पाएँगे..........
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col-life23 · 4 years
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जानिए गोरखपुर में ब्लॉक कार्यालयों पर गोरखपुर पंचायत के आरक्षण सूची को कब प्रदर्शित किया जाएगा
जानिए गोरखपुर में ब्लॉक कार्यालयों पर गोरखपुर पंचायत के आरक्षण सूची को कब प्रदर्शित किया जाएगा
उत्तर प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए गोरखपुर में भी आरक्षण सूची तैयार है। यह सूची शाम 5 बजे तक जारी होने की उम्मीद है। दूसरी ओर, ग्राम प्रधान, बीडीसी और जिला पंचायत पदों के भावी दावेदारों और उनके समर्थकों की चिंता बढ़ती जा रही है। दावेदार और समर्थक यह जानने की पूरी कोशिश कर रहे हैं कि कौन सी सीट किस क्षेत्र के लिए आरक्षित है और कौन सी नहीं। 2 और 3 मार्च को उत्तर प्रदेश सरकार…
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cnnworldnewsindia · 6 years
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41556 शिक्षक भर्ती की दो चयन सूची से खिले सभी के चेहरे, कम मेरिट वालों को भी मिला मन मुताबिक जिला Shikshak Bharti
41556 शिक्षक भर्ती की दो चयन सूची से खिले सभी के चेहरे, कम मेरिट वालों को भी मिला मन मुताबिक जिला  Shikshak Bharti
इलाहाबाद: कई ऐसे मौके आते हैं, जब गलतियों की परिणति सुखद रहती है। शिक्षक भर्ती में भी ऐसा ही हुआ। बेसिक शिक्षा महकमे ने भर्ती की पहली चयन सूची में नियमानुसार आरक्षण लागू करके ओबीसी, एससी व एसटी के मेधावियों (यानी अधिक अंक पाने वालों को) को सामान्य वर्ग की सीटों पर चयनित किया। इसीलिए लिखित परीक्षा में तय पदों से अधिक चयनित ओबीसी वर्ग के अधिकांश अभ्यर्थियों को जिला आवंटित हुए। वहीं, एससी व एसटी का सफलता ग्राफ कम था इसलिए वे भी आसानी से चयनित हो गए। भर्ती के पद घटाने से सामान्य वर्ग व कुछ ओबीसी अभ्यर्थी पहले बाहर हो गए थे। इन्हें नियुक्ति दिलाने को दूसरी सूची बनाई गई इसमें 68500 पद होते ही हर जिले में हर वर्ग के बड़ी संख्या में पद खाली थे, तभी दूसरी सूची के अधिकांश अभ्यर्थियों को अपना गृह जिला आसानी से मिल गया। इसका लाभ ओबीसी को भी हुआ। एससी व एसटी के अभ्यर्थी बचे ही नहीं थे, वरना वे भी लाभ पाते।
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24daynews · 3 years
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पंचायत चुनाव 2021: भदोही में पंचायत चुनव के लिए पहला चरण मतदान
पंचायत चुनाव 2021: भदोही में पंचायत चुनव के लिए पहला चरण मतदान
अमर उजाला नेटवर्क, भदोही द्वारा प्रकाशित: लेखराज गौतम अपडेटेड थू, 15 अप्रैल 2021 11:35 AM IST सार उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान आज।भदोही जिले में सुबह ही मतदान के लिए लाइन में लगे मतदाता।जिले में 546 ग्राम पंचायत, 26 जिला पंचायत और 664 बीडीसी के सीट पर चुनाव। दौड़ के लिए पहुंचे बुजुर्ग दिव्यांग। – फोटो: अमर उजाला ख़बर सुनकर ख़बर सुनकर उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के…
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allgyan · 3 years
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IRCTC Charges  (आईआरसीटीसी  कैंसलेशन शुल्क)-
IRCTC  Payment Gateway Charges -
IRCTC  Payment -आईआरसीटीसी ई-टिकट कैंसलेशन शुल्क, नियम: आईआरसीटीसी ट्रेन के चार्ट तैयार करने से पहले और आरक्षण चार्ट तैयार होने के बाद कन्फर्म टिकट पर फ्लैट कैंसलेशन शुल्क लेता है। भारतीय रेलवे अपने वर्ग के टिकटों पर अलग-अलग कैंसलेशन शुल्क लगाता है जैसे कि कार्यकारी वर्ग या एसी प्रथम श्रेणी, एसी टू-टियर, एसी थ्री-टियर, अन्य। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) - राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर की ई-टिकटिंग शाखा, ने अपनी आधिकारिक आईआरसीटीसी अगली पीढ़ी की ई-टिकटिंग वेबसाइट पर कन्फर्म ट्रेन टिकटों को रद्द करने पर नियम निर्दिष्ट किए हैं।आईआरसीटीसी कन्फर्म टिकट पर ट्रेन का चार्ट बनने से पहले और रिजर्वेशन चार्ट बनने के बाद फ्लैट कैंसिलेशन चार्ज वसूल करता है।
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC), i-PAY का इनहाउस पेमेंट गेटवे अब हर दिन 125,000 से अधिक ट्रांजैक्शन प्रोसेस कर रहा है। आईआरसीटीसी के एक बयान में कहा गया है कि आई-पे आईआरसीटीसी वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर रेलवे टिकट, हवाई टिकट और टूर पैकेज बुक करने के लिए भुगतान की सुविधा प्रदान करता है।
यह आईआरसीटीसी वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध कई भुगतान गेटवे में से एक है।
“अप्रैल-2019 के महीने में लॉन्च होने पर, i-PAY ने कुल ऑनलाइन रेल टिकट बुकिंग का केवल 5.8 प्रतिशत किया, जो बढ़कर 13 प्रतिशत हो गया है। वर्तमान में, आई-पे को आईआरसीटीसी के विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों जैसे एयर टिकटिंग, पर्यटन, आई-मुद्रा और ई-टिकटिंग में लाइव कर दिया गया है।
पेमेंट गेटवे एक ई-कॉमर्स वेबसाइट और एक बैंकिंग ट्रांजेक्शन वेबसाइट के बीच एक माध्यम के रूप में कार्य करता है। आईआरसीटीसी के अधिकारियों ने कहा कि अधिक लेनदेन की सुविधा के लिए आई-पे प्लेटफॉर्म को अन्य ईकॉमर्स वेबसाइट पर विस्तारित करने की वर्तमान में कोई योजना नहीं है।
आईआरसीटीसी ने कहा कि उसने हाल ही में आई-पे भुगतान गेटवे का उपयोग करने वाले आईआरसीटीसी वेबसाइट और मोबाइल ऐप उपयोगकर्ताओं के लिए 'ऑटोपे' की एक नई सुविधा भी पेश की है। आईआरसीटीसी के एक बयान में कहा गया है, "इस सुविधा में, उपयोगकर्ता को अपने यूपीआई बैंक खाते या अन्य भुगतान साधन को एक मैंडेट सुविधा के माध्यम से डेबिट करने की अनुमति देनी होती है, जो उसके भुगतान साधन पर एक ग्रहणाधिकार (अवरुद्ध राशि) बनाता है।"
बयान में कहा गया है, "इस सुविधा का उपयोग करते हुए, तत्काल कोटा के तहत प्रतीक्षा सूची वाले टिकट की पुष्टि होने के बाद ही टिकट बुक करने के लिए पैसा डेबिट किया जाएगा।"
सीधे शब्दों में कहें तो उपयोगकर्ता अपने खाते के विवरण दर्ज कर सकते हैं और एक बार कन्फर्म टिकट उपलब्ध होने पर आईआरसीटीसी वेबसाइट को टिकट बुकिंग राशि में कटौती करने की अनुमति दे सकते हैं। यदि चार्ट तैयार होने के बाद भी तत्काल प्रतीक्षा सूची में टिकट प्रतीक्षा सूची में रहता है, तो केवल लागू शुल्क (जैसे रद्दीकरण शुल्क, आईआरसीटीसी सुविधा शुल्क और मैंडेट शुल्क) उपयोगकर्ता के खाते से काट लिया जाएगा और अवरुद्ध राशि जारी की जाएगी।
साथ ही, यदि एक टिकट की पुष्टि नहीं होती है, तो अवरुद्ध राशि का उपयोग दूसरी टिकट बुक करने के लिए किया जा सकता है। इसका मतलब तेज रिफंड भी होगा।
आईआरसीटीसी के अनुसार, ऑटोपे सुविधा पूर्व अधिकृत आदेश के माध्यम से टिकट बुकिंग की उच्च विश्वसनीयता सुनिश्चित करती है क्योंकि यह बुकिंग के समय भुगतान साधन विवरण में उपयोगकर्ता के समय को कम करती है।
“उपयोगकर्ता का बैंक खाता तभी डेबिट होगा जब सिस्टम पीएनआर (यात्री नाम रिकॉर्ड) उत्पन्न करेगा। ऑटोपे अधिक फायदेमंद है जहां 'बर्थ चॉइस नॉट मेट' या 'नो रूम' परिदृश्यों के कारण उपयोगकर्ता के बैंक खाते से भुगतान की कटौती के बाद भी टिकट बुक नहीं होता है," आईआरसीटीसी के बयान में कहा गया है।
बयान में कहा गया है, "यह उपरोक्त मामलों में ग्राहकों को वित्तीय स्वतंत्रता देता है, जहां ग्राहक आईआरसीटीसी से अपने बैंक खाते में रिफंड राशि जमा करने की चिंता किए बिना उसी / अगले दिन बाद की बुकिंग करना चाहते हैं।"
IRCTC Cancellation charges of e-Tickets before the chart preparation of trains -
आईआरसीटीसी के मुताबिक, काटी गई राशि कैंसिलेशन के समय और कैंसिलेशन के समय ट्रेन टिकट की स्थिति पर आधारित होती है।
1. यदि एक कन्फर्म टिकट ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से 48 घंटे पहले ऑनलाइन रद्द किया जाता है, तो टिकटों की श्रेणी के लिए न्यूनतम प्रति यात्री फ्लैट रद्दीकरण शुल्क इस प्रकार हैं:
एसी फर्स्ट क्लास या एग्जीक्यूटिव क्लास के लिए 240 रुपये काटे जाएंगे एसी टू-टियर या फर्स्ट क्लास के लिए 200 रुपये काटे जाएंगे एसी थ्री टियर या एसी चेयर कार या एसी थ्री इकोनॉमी क्लास के लिए 180 रुपये काटे जाएंगे स्लीपर क्लास के लिए 120 रुपए कटेंगे द्वितीय श्रेणी के लिए 60 रुपये निर्धारित किए जाएंगे
2. यदि एक कन्फर्म ट्रेन टिकट ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से 48 घंटे की अवधि के भीतर और 12 घंटे तक रद्द किया जाता है, तो रद्दीकरण शुल्क ऊपर उल्लिखित न्यूनतम फ्लैट दर के अधीन किराए का 25 प्रतिशत होग��, साथ ही सभी एसी क्लास पर जीएसटी लागू।
3. यदि कन्फर्म ट्रेन टिकट 12 घंटे की अवधि के भीतर और ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से चार घंटे पहले तक ऑनलाइन रद्द किया जाता है, तो रद्दीकरण शुल्क न्यूनतम रद्दीकरण दर के अधीन, जीएसटी के साथ किराए का 50 प्रतिशत होगा। सभी एसी कक्षाओं के लिए लागू।
4. आईआरसीटीसी ने कहा कि कन्फर्म रिजर्वेशन वाले ट्रेन टिकटों पर किराए की कोई वापसी स्वीकार्य नहीं होगी, अगर टिकट ऑनलाइन रद्द नहीं किया जाता है या ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से चार घंटे पहले तक टीडीआर ऑनलाइन दर्ज नहीं किया जाता है।
How to cancel IRCTC e-ticket online (आईआरसीटीसी का ई-टिकट ऑनलाइन कैसे कैंसिल करें)-
आईआरसीटीसी की ई-टिकटिंग वेबसाइट पर जाएं। लॉगिन स्क्रीन पर अपने सही उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड के साथ लॉग इन करें। My Transactions' पर जाएं और My Account मेन्यू के तहत 'Booked Ticket History' लिंक पर क्लिक करें। बुक किए गए टिकट प्रदर्शित किए जाएंगे। रद्द करने के लिए टिकट का चयन करें और 'टिकट रद्द करें' पर क्लिक करें। जिन यात्रियों के टिकट कैंसिल किए जाने हैं, उन्हें चुनकर कैंसिलेशन शुरू करें यात्री के नाम से पहले चेक बॉक्स का चयन करें और 'टिकट रद्द करें' बटन पर क्लिक करें एक पुष्टिकरण पॉप-अप प्रदर्शित किया जाएगा। रद्दीकरण की पुष्टि करने के लिए 'ओके' बटन का चयन करें। सफलतापूर्वक रद्द करने पर, रद्द करने की राशि काट ली जाएगी और धनवापसी राशि स्क्रीन पर प्रदर्शित होगी। रद्द करने के लिए एक पुष्टिकरण संदेश मोबाइल नंबर (बुकिंग के समय प्रदान किया गया) पर भेजा जाएगा। रद्द करने के लिए एक पुष्टिकरण मेल आईआरसीटीसी के साथ पंजीकृत ईमेल आईडी पर भेजा जाएगा। आंशिक रद्दीकरण के मामले में, यात्री को उन यात्रियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक आरक्षण पर्ची (ईआरएस) का एक नया प्रिंटआउट प्राप्त करना चाहिए जो अपनी यात्रा जारी रख रहे है।   रेलवे जैसा की आप जानते है हमेसा इसके चार्जेज में और ट्रेनों में बदलाव होते रहते है क्योकि भारत सरकार का उपक्रम है और इसके लिए बाकायदा बजट भी पेश होता है। हमने इस लेख हर तरह के चार्जेज को कवर करने की कोशिश की है। अगर आपको हमारे लेख पसंद आये तो हमे अपना प्यार दे।
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