जानें...बजट से आपको क्या मिला?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में आम बजट पेश किया। बजट में आम लोगों के लिए बड़े ऐलान किए गए हैं। स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार कर दिया गया है। इसके अलावा, सोना-चांदी से बने गहने, चमड़े से बने सामान और मोबाइल फोन भी सस्ते कर दिए गए हैं। बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए भी बड़े ऐलान किए गए हैं।
इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव
वित्त मंत्री ने नई कर व्यवस्था के तहत…
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Nirmala Sitharaman Presented An Interim Budget
अंतरिम बजट में टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं, जानिए क्या बोलीं निर्मला सीतारमण
Nirmala Sitharaman : 1 फरवरी 2024 को, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतरिम बजट पेश किया। इस बजट में करदाताओं को कोई नई छूट नहीं दी गई है और इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि, स्टार्टअप के लिए टैक्स छूट को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है।
Nirmala…
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पीएम किसान और ओल्ड पेंशन पर कुछ नहीं... 2024 के चुनावों को देखते हुए कहां ठहरता है बजट?
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में एनडीए सरकार ने लगातार दसवां बजट पेश किया है। बजट से पहले सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि वह कौन सा रास्ता चुने। एक रास्ता लोकलुभावन बजट का था, जो कोविड के बाद आम लोगों के लिए कई सौगात की ओर ले जाता। दूसरा रास्ता, आर्थिक सुस्ती और भविष्य में उठापटक की आशंका के बीच रक्षात्मक रुख के साथ संतुलन बनाने की ओर जाता था। सरकार ने दूसरा रास्ता चुना। ऐसा इसलिए भी कि भले 2024 में पूर्ण बजट नहीं होगा, लेकिन लोकलुभावन बजट का विकल्प खुला रहेगा। साल 2019 के अंतरिम बजट में भी सरकार ने कई बड़े फैसले किए थे। इस बजट से सरकार ने पांच सियासी और आर्थिक संदेश देने की कोशिश की है।
1- मिडल क्लास को खुश करने की कोशिश
कुछ वर्षों में मिडल क्लास ने जिस तरह राजनीति में रुचि बढ़ाई है और नैरेटिव बनाने में जिस तरह इस तबके की भूमिका सामने आई है। उ���के अनुरूप इस वर्ग को सरकार से उम्मीद के मुताबिक, सौगात नहीं मिली थी। लेकिन इस बजट में इस वर्ग को भी काफी कुछ मिला है। इनकम टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव और नौकरियों पर जोर से सरकार ने मिडिल क्लास को संबोधित करने की कोशिश की है।
2-गरीबों पर फोकस
सरकार ने बजट में गरीबों पर पूरा फोकस रखा। बीजेपी की लगातार मजबूत सियासी स्थिति में गरीब वोटरों का बड़ा योगदान रहा है। ऐसे में इस बजट में मुफ्त अनाज, हर घर जल, सभी को घर से जुड़ी योजनाओं के जरिए सरकार ने इस तबके पर अपनी पकड़ बनाए रखने की पूरी मंशा दिखाई है। जिस तरह बीते कुछ महीनों से सरकार ने आदिवासी समुदाय के बीच अपनी कमजोर होती पकड़ को मजबूत करने की कोशिश की है, उसकी भी झलक इस बजट में दिखी।
3- किसान का भी ध्यान
बजट में खेती और किसान पर भी जोर रहा। दरअसल बीते कई वर्षों से किसानों का मोदी सरकार के साथ रिश्ता उतार-चढ़ाव भरा रहा है। साल 2019 से पहले जब पूरे देश में अलग-अलग किसान आंदोलन हुए, तब किसान सम्मान निधि का एलान हुआ, जिसका लाभ तब चुनाव में मिला। इस बार खेती के कर्ज का लक्ष्य 2023-24 के लिए बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया गया है। लेकिन कई मदों में कटौती भी की गई।
4- रेवड़ी कल्चर से परहेज
बजट से पहले किसान सम्मान निधि बढ़ाने की चर्चा थी। सुगबुगाहट यह भी थी क्या विपक्ष के दबाव में सरकार पुरानी पेंशन की वापसी का संकेत देगी? लेकिन सरकार ने परहेज किया। कोई बड़ी मुफ्त योजना का ऐलान भी नहीं किया। दरअसल पिछले दिनों पीएम ने रेवड़ी कल्चर के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है। ऐसे में बजट में इन चीजों से परहेज किया गया। मुफ्त राशन को जरूर जारी रखा गया, लेकिन फूड सब्सिडी में कमी की भी बात कही गई।
5- भविष्य के प्रति सतर्क नजरिया
सरकार ने सकारात्मक संदेश देने की भी पूरी कोशिश की, लेकिन भविष्य की आर्थिक अनिश्चितता का साफ असर भी बजट पर दिखा। वैश्विक मंदी की आशंका के बीच सरकार ने कोई बड़ा जोखिम लेने से परहेज किया। साथ ही, ऐसे फैसलों से भी दूरी रखी जो बाजार का सेंटिमेंट कमजोर करे। वित्तीय घाटे को काबू में रखने की मंशा दिखाई गई। इन कदमों को आने वाले दिनों में किसी भी सूरत से निपटने की तैयारी के रूप में देखा गया। http://dlvr.it/ShpbM9
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टैक्स स्लैब क्या है? 2023
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जैसा की आप लोगों को मालूम है कि आज के दिन निर्मला सीतारमण ने संसद में आम बजट पेश किया है और इस बजट में टैक्स के स्लैब में काफी बदलाव सरकार की तरफ से किया गया है,
ऐसे में आप भी अगर जानना चाहते हैं कि टैक्स स्लैब होता क्या है और 2023 में टैक्स स्लैब में किस प्रकार के बदलाव किए गए हैं अगर आप इसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हम आपसे निवेदन करेंगे कि आर्टिकल को आखिर तक पढ़े चलिए शुरू करते हैं-
कितनी सैलरी पर कितना टैक्स लगेगा?
निर्मला सीतारमण की तरफ से आज संसद में बजट पेश किया गया और इसमें नौकरी करने वाले लोगों टैक्स मेरा हाथ दिया गया है जिसका पूरा विवरण हम आपको नीचे दे रहे हैं आइए जानते
- 0 से तीन लाख तक की आमदनी वाले को 0 फीसदी
- 3 से 6 लाख तक की आमदनी वाले को 5 फीसदी,
- 6 से 9 लाख रुपये की सालाना आमदनी वाले को 10 फीसदी
- 9 से 12 लाख तक की आमदनी वाले को 15 फीसदी
- 12 से 15 लाख लाख रुपये की चलाना कमाने वाले 20 फीसदी
- 15 लाख से अधिक आमदनी वाले को 30 फीसदी
मासिक आय के आधार पर टैक्स की दर
- 0-25 हजार तक 0 फीसदी
- 25-57 हजार तक 0 फीसदी
- 58-75 हजार तक 5 फीसदी
- 75 हजार से 1 लाख 10 फीसदी
- 1 लाख से सवा लाख 20 फीसदी
- सवा लाख से अधिक 30 फीसदी
सालाना आय के हिसाब से नई टैक्स दरें
- 0 से तीन लाख 0 फीसदी
- 3 से 6 लाख 5 फीसदी
- 6 से 9 लाख 10 फीसदी
- 9 से 12 लाख 15 फीसदी
- 12 से 15 लाख 20 फीसदी
- 15 लाख से ज्यादा 30 फीसदी
टैक्स स्लैब क्या है
ATM Se Paise Kaise Nikale ? 2023
IDBI bank Personal Loan Kaise Le
टैक्स की गणना कैसे की जाती है?
टैक्स की गणना कैसे की जाती है तो हम आपको बता आपकी टैक्स योग्य इनकम पर लागू टैक्स स्लैब के आधार पर की जाती है. उदाहरण के तौर पर आप इस बात को ऐसे समझ सकते हैं
कि जब आप कोई भी नौकरी या बिजनेस करते हैं और आप वहां से जो भी पैसा इनकम करते हैं उसके आधार पर आपसे सरकार टैक्स वसूल की है क्योंकि टैक्स के पैसे से यह देश संबंधित विकास को पूरा किया जाता है
टैक्स का स्लैब इनकम के आधार पर होता है यानी आप कितना इनकम कर रहे हैं अगर सरकार ने जोर टैक्स स्लैब बनाया है उसके अंतर्गत अगर आप पैसे कमाते हैं तो आपको टैक्स स्लैब के अनुसार सरकार को पैसे देने पड़ेंगे I
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इनकम टैक्स (IT) क्या है?
अगर आप भी यह समझना चाहते हैं कि वास्तव में इनकम टैक्स (Income Tax) क्या है तो हम आपको Income Tax in Hindi के बारे में विस्तार से बता रहे हैं. हर साल बजट में देश के वित्त मंत्री इनकम टैक्स (IT) यानी आयकर की बात करते हैं.
कभी (Income Tax) के स्लैब में बदलाव किया जाता है तो कभी टैक्स छूट बढ़ाया-घटाया जाता है.कभी इनकम टैक्स (IT)बचत के लिए निवेश के विकल्प की बात की जाती है तो कभी (Income Tax) बचत के लिए जारी कुछ सुविधाओं को खत्म करने या कुछ नई सुविधा शुरू करने की बात की जाती है.तो हम आपको इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं.इनकम टैक्स (IT) (Income Tax) हमारी आमदनी पर लगने वाला टैक्स है. हर साल हमें अपनी आमदनी में से एक निर्धारित हिस्सा केंद्र सरकार को देना पड़ता है.इनकम टैक्स (IT)अलग-अलग आमदनी वाले लोगों पर अलग-अलग तरीके से लगाया जाता है.
https://taxjankari.com/
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Interview : नए इनकम टैक्स स्लैब पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं- करदाताओं की क्षमता जानने के लिए बनाई नई व्यवस्था
Interview : नए इनकम टैक्स स्लैब पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं- करदाताओं की क्षमता जानने के लिए बनाई नई व्यवस्था
निर्मला सीतारमण इंटरव्यू: I कामयाबी की समझ में आने पर उसे पता चलेगा। इस तरह से और बदल दिया गया है। ‘हिन्दुस्तान’ के विशेष बजट सौर मंडल से बातचीत में एक साथ रहने वाले लोगों को यह नहीं कहा जाएगा।
प्रश्न: ‘ संशोधित करने के लिए संशोधित करें। अपने नए सुधारों को सुधारें?
उत्तर: जिल्दसाज़ भी नहीं है। साफ साफ साफ है। टीवी से चलने वाले टीवी टेलीविजन में सक्रिय रूप से आगे बढ़ते हैं। लागू होने पर खराब होने…
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इनकम टैक्स: सीए का चक्कर छोड़ दें, 2021-22 में आप खुद फैसला कर सकते हैं
इनकम टैक्स: सीए का चक्कर छोड़ दें, 2021-22 में आप खुद फैसला कर सकते हैं
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष (2021-22) के अंत से पहले केवल एक सप्ताह के साथ, आयकर राजनेता पहले से ही अपनी कर (आयकर) देयता के बारे में चिंतित हैं। स्टॉम्प पैड और इसका उपयोग कैसे किया जाता है, इसके बारे में कुछ बुनियादी तथ्य यहां दिए गए हैं।
सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि आप अपना आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए कौन सा टैक्स स्लैब (कर व्यवस्था) चुनते हैं। यदि आप पुराने टैक्स स्लैब को चुनते हैं तो आपको…
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कैसा है मोदी सरकार का बजट, किस वर्ग के लिए क्या है खास.. #news4
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में बजट पेश किया। इनकम टैक्स में छूट नहीं मिलने से आम आदमी निराश दिखाई दे रहा है। शेयर बाजार भी बजट को लेकर उत्साहित नहीं है। क्रिप्टो करेंसी से इनकम पर 30 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाया गया है। जानिए क्या है बजट में खास…
-बजट मैं इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं
-बजट में 60 लाख नई नौकरियां देने का प्रस्ताव
-पीएम आवास योजना के तहत 80…
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट में कहां सटीक लगा निशाना, कहां हुआ मिस फायर Divya Sandesh
#Divyasandesh
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट में कहां सटीक लगा निशाना, कहां हुआ मिस फायर
नई दिल्ली
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को देश का आम बजट पेश किया। साल 2021-22 के इस बजट में वित्त मंत्री ने कई तीर चलाए। इनमें से कुछ निशाने पर लगे जबकि कुछ चूक भी गए। कई उ���्मीदें पूरी हुईं तो कुछ अधूरी रह गईं। किसी की तारीफ हुई तो किसी में लोगों को कमी नजर आई। हम देखते हैं ऐसे ही वित्त मंत्री के कुछ हिट ऐंड मिस…
यहां सटीक लगा निशाना
1. 75 साल या इससे ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को ITR में छूट
75 साल या इससे ज्यादा उम्र के उन सीनियर सिटिजन को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करना होगा, जिनकी आय सिर्फ पेंशन और बैंक में मिलने वाले ब्याज से है। इनका टैक्स बैंक ही TDS के तौर पर काट लेगा। रिटर्न फॉर्म में कैपिटल गेन्स, डिविडेंड और ब्याज से होने वाली आय पहले से भरी होगी।
2. 15 पुरानी कमर्शल, 20 साल पुरानी प्राइवेट गाड़ी स्क्रैप होगी
15 साल पुरानी कमर्शल गाड़ियां और 20 साल पुरानी निजी गाड़ियां स्क्रैप की जा सकेंगी। फिलहाल यह इच्छा पर होगा। अगर आप गाड़ी को कबाड़ में नहीं भेजना चाहते तो फिटनेस सर्टिफिकेट लेना होगा। इस बारे में नियम-शर्तें क्या होंगी, कितना इंसेंटिव मिलेगा, सड़क परिवहन मंत्रालय जारी करेगा।
3. वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़, हेल्थ बजट 137% बढ़ा
कोरोना की चुनौतियों से निपटने के लिए हेल्थ सेक्टर की सेहत सुधारने की खातिर इस बार बजट में 137% की बढ़ोतरी की गई। अकेले वैक्सीन के लिए ही 35 हजार करोड़ रुपये तय किए गए हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि जरूरत पड़ी तो और फंड दिया जाएगा।
लेकिन यहां मिस फायर हुआ
1. आम करदाता के लिए नहीं बदला टैक्स स्लैबआम नौकरीपेशा की उम्मीदें टूटीं। इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ है। यानी पिछले साल की ही तरह आपको इस साल भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के दो ऑप्शन मिलेंगे। पुराने सिस्टम में पहले की तरह निवेश पर टैक्स छूट मिलेगी। नए सिस्टम में NPS में 50 हजार तक की छूट है।
2. PF पर 2.5 लाख रुपये से ज्यादा निवेश तो टैक्स
प्रोविडेंट फंड में अगर किसी वित्त वर्ष में कुल कॉन्ट्रिब्यूशन 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है तो ढाई लाख रुपये से ज्यादा की उस राशि पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगेगा। यह टैक्स उस शख्स के स्लैब के हिसाब से लगेगा। पीएफ पर कॉन्ट्रिब्यूशन बढ़ाने वालों के लिए यह प्रस्ताव झटका है।
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BUDGET 2021: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ी घोषणाएं, यहां पढ़े बजट की मुख्य बातें
BUDGET 2021: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ी घोषणाएं, यहां पढ़े बजट की मुख्य बातें
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में आम बजट 2021 पेश किया । वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र की एक नई योजना प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना लॉन्च की जाएगी, इस योजना पर 6 वर्षों में क़रीब 64,180 करोड़ खर्च होगा । वहीं इस, बार बजट में इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया, बल्कि सिर्फ 75 साल से अधिक उम्र वालों को रिटर्न भरने से छूट दी गई है।Continue reading
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INCOME TAX : बजट 2020 की घोषणा के बाद नए वित्तीय वर्ष में लागू हुए नए नियम
नई दिल्ली : आज से शुरू हुए नए वित्त वर्ष के साथ ही सरकार के कई नए नियम भी प्रभावी हो रहे हैं। इससे इतर कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश भर में चल रहे 21 दिन के लॉकडाउन के कारण सरकार ने कुछ नियमों या प्रक्रियाओं की समय सीमा में इजाफा कर दिया है, इससे वे नए वित्त वर्ष के शुरू होने पर भी यथावत बनी रहेंगी। इसमें साल 2018-19 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न की फाइलिंग भी शामिल है। सरकार ने इसकी आखिरी तारीख को आगे बढ़ा दिया है।
आज हम आपको बजट 2020 में घोषित हुए कुछे ऐसे आयकर से जुड़े नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो एक अप्रैल से प्रभावी हो रहे हैं।
1. बजट 2020 में हुई घोषणा के अनुसार, नया टैक्स स्लैब एक अप्रैल से प्रभावी रहेगा। हालांकि, पुराना टैक्स स्लेब भी प्रभावी रहेगा। इससे लोगों के सामने दोनों में से किसी एक का चयन करने का विकल्प रहेगा। बजट में घोषित नए टैक्स स्लैब में 2.5 लाख तक की सालाना आय पर शून्य, 2.5 लाख से 5 लाख तक की सालाना आय पर 5 फीसद, पांच लाख से ऊपर और 7.5 लाख से कम की सालाना आय पर 10 फीसद, 7.5 लाख से ऊपर और 10 लाख से कम सालाना आय पर 15 फीसद, 10 लाख से ऊपर और 12.5 लाख से कम सालाना आय पर 20 फीसद, 12.5 लाख से ऊपर और 15 लाख से कम सालाना आय पर 25 फीसद और 15 लाख से ऊपर की सालाना आय पर 30 फीसद टैक्स का प्रावधान है।
2. म्युचुअल फंड्स और घरेलू कंपनियों से मिला डिविडेंड्स प्राप्तकर्ता के लिए कर योग्य होगा। एक अप्रैल से प्रभावी नए टैक्स नियम से उच्च टैक्स ��्रैकेट्स में आने वाले निवेशकों पर ज्यादा बोझ पड़ेगा, जबकि निचले टैक्स ब्रैकेट्स वाले लोगों के लिए बोझ कम होगा।
3. अगर एनपीएस, ईपीएफ और पेंशन फंड में एक साल में नियोक्ता का योगदान 7.5 लाख रुपये को पार करता है, तो यह कर्मचारी के सिरे पर करयोग्य होगा। आय कर नियम में यह परिवर्तन नए और पुराने दोनों टैक्स स्लैब में लागू होगा।
4. वे लोग जो पहली बार घर खरीद रहे हैं और इसकी कीमत 45 लाख रुपये तक है, तो उनके लिए सरकार ने अतिरिक्त कर लाभ की तारीख को एक साल के लिए 31 मार्च 2021 तक बढा दिया है। 45 लाख तक का घर खरीदने के लिए लोन लेने वाले मकान मालिक को मौजूदा दो लाख की टैक्स छूट के अतिरिक्त ब्याज पर 1.5 लाख की अतिरिक्ट टैक्स छूट का क्लेम करने का मौका मिलेगा।
5. स्टार्टअप्स के कर्मचारियों को राहत देते हुए एक अप्रैल से लागू टैक्स नियमों में उन्हें ESOPs या एंप्लाई स्टॉक ऑनरशिप प्लान के अंदर आवंटित शेयर पर टैक्स भुगतान से मोहलत दी गई है।
https://kisansatta.com/income-tax-new-rules-come-into-effect-in-the-new-financial-year-after-the-announcement-of-the-budget-2020/ #INCOMETAXNewRulesComeIntoEffectInTheNewFinancialYearAfterTheAnnouncementOfTheBudget2020 INCOME TAX: New rules come into effect in the new financial year after the announcement of the budget 2020 Business, Top, Trending #Business, #Top, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
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Budget 2020: इकोनॉमी को बचाने के लिए थीं बड़ी उम्मीदें, क्या मोदी सरकार का बजट खरा उतर पाया?
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Budget 2020: इकोनॉमी को बचाने के लिए थीं बड़ी उम्मीदें, क्या मोदी सरकार का बजट खरा उतर पाया?
पिछले एक साल से इकोनॉमी की हालत बेहद खराब है
उम्मीद थी कि वित्त मंत्री बजट में कोई बूस्टर डोज देंगी
हालांकि, बजट में कोई बड़ा सुधार या पैकेज नहीं दिखा
वर्ष 2020-21 के बजट को मोदी सरकार के लिए अब तक के सबसे कठिन बजट माना जा रहा था. खासकर पिछले एक साल में इकोनॉमी की हालत बेहद खस्ता थी, ऐसे में बड़ी उम्मीद थी कि वित्त मंत्री ऐसे कुछ साहसिक उपायों की घोषणा करेंगी, जिससे मांग- निवेश को प्रोत्साहन मिले और जीडीपी ग्रोथ रफ्तार पकड़े. आइए जानते हैं कि यह बजट इस मामले में कितना खरा उतर पाया है.
क्या था देश का माहौल
पिछले एक साल से अर्थव्यवस्था की हालत काफी खराब है. इस वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में बढ़त महज 5 फीसदी रहने का अनुमान है. सितंबर में खत्म तिमाही में तो इकोनॉमी की बढ़त दर महज 4.8 फीसदी रह गई थी. पिछले एक साल में जीडीपी की रफ्तार तेजी से घटने से नौकरियां तो जा रही हैं और नई नौकरियां पर्याप्त संख्या में पैदा नहीं हो रही हैं. पिछले साल लीक हुए एनएसओ के आंकड़ों के मुताबिक हाल के वर्षों में बेरोजगारी दर 45 साल के ऊंचे स्तर पर पहुंच गई थी. सरकार ने हर साल 2 करोड़ नौकरियों का वादा किया था, लेकिन नई नौकरियां कुछ लाख में मिल रही हैं. हाल के महीनों में महंगाई भी काफी ऊंचाई पर पहुंच गई है.
इसे भी पढ़ें: नये टैक्स स्लैब से किसे नुकसान-किसे फायदा? जानें- एक्सपर्ट की राय
क्या है समस्या की वजह
इकोनॉमी की सुस्ती की प्रमुख वजह यह है कि अर्थव्यवस्था के सभी इंजन सुस्त पड़ गए हैं. असल में किसी इकोनॉमी को आगे बढ़ाने के लिए मुख्यत: चार इंजन होते हैं- निजी उपभोग, सरकारी खर्च, कारोबारियों का निवेश और आयात-निर्यात. पिछले एक साल में इन सभी में हालात ठीक नहीं रहे हैं.
क्या कर सकती थीं वित्त मंत्री
ग्रोथ को बढ़ाने के लिए 50 फीसदी से ज्यादा योगदान पहले इंजन यानी निजी उपभोग का होता है और इसके बाद कारोबारी निवेश का स्थान होता है. सरकारी खर्च का योगदान सबसे कम होता है. इसलिए सबसे बड़ी उम्मीद तो यही थी कि वित्त मंत्री निजी उपभोग को बढ़ाने के लिए खास उपाय करेंगी. राजस्व संग्रह लक्ष्य से कम होने की वजह से सरकारी खर्च बढ़ाने की ज्यादा गुंजाइश नहीं थी.
सरकार पहले ही कॉरपोरेट टैक्स घटाकर इनको राहत दे चुकी है और कंपनियों ने इस तरह मिले फायदे के बावजूद निवेश नहीं किया. मंदी के दौर में जब मांग ही नहीं है तो कंपनियां भला निवेश क्यों करेंगी, वे इसीलिए कारोबारी नकदी दबाकर बैठे हैं या शेयर बाजार में पैसा लगा रहे हैं.
वित्त मंत्री के पास एक विकल्प यह था कि व्यक्तिगत आयकर में कटौती करके लोगों की जेब में पैसा डालें और निजी उपभोग को बढ़ावा दिया जाए. वित्त मंत्री ने टैक्स स्लैब में बदलाव कर ऐसा करने की कोशिश भी की है. 6 तरह का नया टैक्स स्लैब बनाते हुए लोगों को यह विकल्प भी दिया गया कि वे नया स्लैब चुनें या पुराना. लेकिन इसका बहुत फायदा मिलता इसलिए नहीं दिख रहा है क्योंकि लोगों की टैक्स बचत कुछ खास नहीं हो रही और ज्यादातर टैक्सपेयर्स पुराने स्लैब में ही बने रहना चाहेंगे.
बजट से पता चलता है कि सरकार जो कर्ज ले रही है उससे पूंजीगत व्यय (कैपिटल एक्सपेंडीचर) बढ़ाने की कोशिश नहीं हो रही है, बल्कि उसे राजस्व व्यय बढ़ाया जा रहा है. पूंजीगत व्यय का मतलब है सड़क जैसे बुनियादी ढांचे पर खर्च, जब इस तरह का खर्च बढ़ता है तो इकोनॉमी को ज्यादा रफ्तार मिलती है. राजस्व व्यय से इसका करीब एक-तिहाई फायदा ही होता है.
पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री यूपी के को-चेयरमैन मनीष खेमका कहते हैं, ‘निर्यात को रफ्तार देने के लिए कुछ बड़े कदम उठाए जाने चाहिए थे. निर्यात को बढ़ाए बिना अर्थव्यवस्था की गति तेज करना मुमकिन नहीं है.’
क्या कहा वित्त मंत्री ने
इकोनॉमी को रफ्तार देने के लिए बजट में कुछ खास क्यों नहीं किया गया, इस सवाल पर तमाम मीडिया इंटरव्यू में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘ निजी निवेश नहीं बढ़ रहा तो अब दारोमदार सरकार के ऊपर ही था. हम निजी निवेश का इंतजार नहीं कर रहे हैं और हमने साफ कहा कि निवेश करेंगे, खासकर बुनियादी ढांचे में. बुनियादी ढांचे में 100 लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश होने जा रहा है. सॉवरेन फंड को काफी रियायतें दी गई हैं ताकि वे भारत आएं, लेकिन शर्त यह है कि उन्हें बुनियादी ढांचे में निवेश करना होगा.’
इसे भी पढ़ें: अपनी सैलरी के हिसाब से जानें इनकम टैक्स में आपको कितना हुआ फायदा
इकोनॉमी की सच्चाई से बेखबर हैं वित्त मंत्री!
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत कहती हैं, ‘अब तक का सबसे लंबा बजट भाषण भारतीय अर्थव्यवस्था के किसी भी घटक को प्रेरित करने में विफल रहा है. तीव्र आर्थिक मंदी और मांग एवं निवेश दोनों में मंदी के दौरान प्रस्तुत बजट से अर्थव्यवस्था को गति देने की उम्मीद की गई थी, लेकिन यह बुरी तरह विफल रहा. भारतीय अर्थव्यवस्था के हितधारकों के लिए एक भयावह चिंता यह है कि सरकार आर्थिक संकट की व्यापकता को स्वीकारने में अभी भी इनकार कर रही है. तभी तो बजट में कोई बड़े कदम और उपचार का जिक्र नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘निजी निवेश के लिए कुछ भी नहीं है, खपत को प्रोत्साहित करने या निर्यात को पुनर्जीवित करने के लिए कोई बड़ा कदम नहीं है. नौकरियों को बनाने के लिए कोई रणनीतिक सोच नहीं है. दो सेक्टर जो जल्दी से रोजगार पैदा कर सकते थे – ऑटोमोबाइल और रियल एस्टेट उनके के बारे में कोई बड़ी योजना नहीं है- किफायती आवास को छोड़कर कोई भी उल्लेख नहीं मिलता है जो कि खुद बहुत छोटा हिस्सा है. ‘
रोजगार को तवज्जो नहीं
एनएसओ के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2017-18 में बेरोजगारी दर 45 साल के ऊंचे स्तर पर पहुंच गई थी. सरकार ने हर साल 2 करोड़ नौकरियों का वादा किया था, लेकिन ईपीएफओ और ईएसआईसी के आंकड़ों के बावजूद संख्या लाखों तक ही सीमित रह गई है. बजट में रोजगार बढ़ाने के लिए किसी बड़े या ठोस उपाय की घोषणा नहीं की गई है.
इकोनॉमी को बूस्ट के लिए कोई भी बड़ा ऐलान या राहत पैकेज नहीं
बजट में ऐसा कोई साहसिक कदम, बड़ा ऐलान या राहत पैकेज नहीं देखा गया, जैसा कि आमतौर पर संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था में देखा जाता है. इसी तरह बजट में कोई बड़ा नीतिगत सुधार भी नहीं दिखा. अर्थव्यवस्था में मंदी की एक वजह यह भी है कि ग्रामीण क्षेत्रों में संकट है, मांग नहीं है. मांग में कमी का मतलब यह है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था मुश्किल के दौर में है.
लेकिन इस मांग को बढ़ाने के लिए खास उपाय नहीं दिख रहे. पीएम किसान निधि या मनरेगा का बजट बढ़ाकर ग्रामीण क्षेत्र का संकट दूर करने की उम्मीद की जा रही है. सच तो यह है कि पीएम किसान निधि भी पिछले साल बजट में तय लक्ष्य का करीब 30 फीसदी कम खर्च हुआ है. इसी तरह मनरेगा योजना अब बहुत प्रभावी नहीं रही है.
यही नहीं, समूचे फूड सब्सिडी का बजट घटाया गया है. पिछले साल के तय बजट 1.84 लाख करोड़ के फूड सब्सिडी के मुकाबले खर्च महज 1.08 लाख करोड़ रुपये का हुआ. इस तरह से न तो शहरी मांग को बढ़ाने का कोई पुख्ता इंतजार किया गया और न ही ग्रामीण मांग को, जबकि मांग को बढ़ाए बिना अर्थव्यवस्था की चाल तेज करना मुश्किल है. इसके अलावा संकट में चल रहे ऑटो और रियल एस्टेट सेक्टर के लिए भी कोई ठोस उपाय नहीं किए गए हैं.
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Budget 2022 salaried class expects from govt samp - Budget 2022
Budget 2022 salaried class expects from govt samp – Budget 2022
नई दिल्ली. 1 फरवरी 2022 को पेश होने वाले बजट से सैलरीड क्लास टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को कई उम्मीदें हैं. कोरोना की तीसरी लहर के बीच बजट 2022 (Budget 2022) की घोषणाएं करदाताओं को बड़ी राहत दे सकती हैं. वेतनभोगी वर्ग के करदाता आगामी केंद्रीय बजट 2022-23 से इनकम टैक्स स्लैब (Income Tax) में बदलाव और सरचार्ज में कमी की उम्मीद कर रहे हैं.
बता दें कि 31 जनवरी को बजट सत्र (Budget Session) शुरू होगा और 1…
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Salaried persons what achieved through new Budget 2020? New Tax imposed on PF, NPS deduction, IT Slab Changed, Nirmala Sitharaman - नौकरीपेशा लोगों ने नए बजट से क्या पाया, क्या खोया? एक क्लिक पर जानें PF, NPS, HRA, आयकर से जुड़ी डिटेल्स
Salaried persons what achieved through new Budget 2020? New Tax imposed on PF, NPS deduction, IT Slab Changed, Nirmala Sitharaman – नौकरीपेशा लोगों ने नए बजट से क्या पाया, क्या खोया? एक क्लिक पर जानें PF, NPS, HRA, आयकर से जुड़ी डिटेल्स
नौकरीपेशा से जुड़े लोगों के लिए बजट में इनकम टैक्स स्लैब बढ़ाकर थोड़ी राहत देने की कोशिश की गई है लेकिन 100 में से 70 तरह के डिडक्शन को खत्म करने से उन्हें झटका भी लगा है। सरकार ने नए बजट में 50 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन और 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये के डिडक्शन को भी खत्म कर दिया है। इसके अलावा 7.5 लाख रुपये अधिक के भविष्य निधि, नई पेंशन स्कीम में कटौती और सुपरनेशन फंड में कटौती पर भी…
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इनकम टैक्स कैलकुलेटर: बजट में घोषित नए वैकल्पिक स्लैब, अगले यार के लिए अपने टैक्स की गणना करें
इनकम टैक्स कैलकुलेटर: बजट में घोषित नए वैकल्पिक स्लैब, अगले यार के लिए अपने टैक्स की गणना करें
यदि कोई व्यक्ति नई आयकर व्यवस्था के लिए विरोध करता है, तो वह कर छूट के लिए पात्र नहीं होगा।
News18 मीर सुहैल द्वारा रचनात्मक।
नई दिल्ली: शनिवार को अपने केंद्रीय बजट 2020 के भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा कम दरों के साथ नए आयकर स्लैब पेश किए गए, जिससे मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिली।
सीतारमण ने अपने बजट भाषण में एक वैकल्पिक कर व्यवस्था का प्रस्ताव रखा। यदि कोई व्यक्ति…
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लाल कपड़े में बजट लेकर संसद पहुंची निर्मला सीतारमण, तोड़ी बरसों पुरानी परंपरा
चैतन्य भारत न्यूज
नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अब से कुछ देर बाद ही लोकसभा में केंद्रीय बजट को पेश करेंगी। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का ये दूसरा आम बजट है। निर्मला सीतारमण 11 बजे बजट पेश करेंगी। इस बार भी उन्होंने बरसों से चली आ रही परंपरा को तोड़ते हुए बजट को ब्रीफकेस की जगह एक लाल रंग के फोल्डर में रखा।
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Delhi: Finance Minister Nirmala Sitharaman arrives at Ministry of Finance; She will present her second Budget today pic.twitter.com/LGwGcumYk1
— ANI (@ANI) February 1, 2020
बता दें निर्मला सीतारमण पहली महिला वित्त मंत्री हैं, जिनपर पूर्ण रूप से वित्त मंत्रालय का कार्यभार है। निर्मला सीतारमण आज अपना दूसरा बजट पेश करेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद भवन पहुंच गए हैं। कुछ ही देर में मोदी कैबिनेट की बैठक होनी है, जिसमें केंद्रीय बजट को मंजूरी मिलेगी। पिछले काफी समय से भारत की अर्थव्यवस्था सुस्त चल रही है। ऐसे में इस बजट पर आज दुनियाभर की निगाहें हैं।
Delhi: Prime Minister Narendra Modi arrives at the Parliament, ahead of presentation of Union Budget 2020-21. #Budget2020 pic.twitter.com/0JhnBWCyMo
— ANI (@ANI) February 1, 2020
लोकसभा में बजट पेश करने से पहले हर बार की तरह इस बार भी वित्त मंत्री ने राष्ट्रपति से मुलाकात की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार सुबह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। बजट को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है और अब केंद्रीय कैबिनेट में बजट पास होगा।
As per tradition, Finance Minister @nsitharaman calls on President Kovind at Rashtrapati Bhavan before presenting the Union Budget. pic.twitter.com/JLEbSxNhAe
— President of India (@rashtrapatibhvn) February 1, 2020
सूत्रों के मुताबिक, किसानों और मिडिल क्लास के लिए बजट में कुछ बड़े ऐलान किए जा सकते हैं। जैसे-
टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स छूट की सीमा को 2।5 लाख रुपए से बढ़ाकर 3 लाख रुपए किया जा सकता है।
5 लाख से 7।50 लाख रुपए की आय पर 10 फीसदी का एक नया टैक्स स्लैब का ऐलान संभव है।
निवेश पर टैक्स छूट की सीमा को 1।50 लाख रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपए की जा सकती है।
पीएम किसान योजना में मिलने वाली 6000 रुपए की रकम को 8000 रुपए किए जाने के आसार।
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