Tumgik
#निर्मला सीतारमण कहां की है
honestnewsoaoer · 8 months
Text
Nirmala Sitharaman Presented An Interim Budget
अंतरिम बजट में टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं, जानिए क्या बोलीं निर्मला सीतारमण Nirmala Sitharaman : 1 फरवरी 2024 को, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतरिम बजट पेश किया। इस बजट में करदाताओं को कोई नई छूट नहीं दी गई है और इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि, स्टार्टअप के लिए टैक्स छूट को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है। Nirmala…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
dainiksamachar · 8 months
Text
चीन का मुकाबला कैसे करेगा भारत, रक्षा बजट 10 गुना कम, इस साल 75 अरब डॉलर ही मिला
बीजिंग: भारत ने 2024 के अंतरिम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 75 अरब अमेरिकी डॉलर (6.21 लाख करोड़ रुपये) का आवंटन किया है। इसमें 20 अरब डॉलर (1.72 लाख करोड़ रुपये) का सैन्य आधुनिकीकरण बजट भी शामिल है। आधुनिकीकरण का पैसा लड़ाकू विमानों, युद्धपोतों, पनडुब्बियों और मैकेनाइज्ड इंफ्रेंट्री व्हीकल्स को खरीदने में खर्च किया जाएगा। इसके बाद बची हुई धनराशि का उपयोग मौजूदा हथियारों को बनाए रखने, कर्मचारियों को वेतन और पेंशन में खर्च किया जाएगा। लद्दाख में तनाव के बीच भारत के रक्षा बजट की तुलना चीन से की जा रही है। चीन का रक्षा बजट भारत के मुकाबले लगभग 10 गुना अधिक है। यह बात और है कि चीनी सेना के पास भारतीय सेना का तुलना में युद्ध अनुभव की भारी कमी है, जो जंग के मैदान में बाजी को पलट सकता है। चीन से 10 गुना कम है भारत का रक्षा बजट अमेरिकी थिंक-टैंक द हेरिटेज फाउंडेशन ने सितंबर 2023 के अपने अध्ययन में आकलन किया था कि 75 अरब अमेरिकी डॉलर का भारतीय सैन्य बजट चीन के 700 बिलियन अमेरिकी डॉलर के अनौपचारिक खर्च से दस गुना कम होगा। अमेरिका रक्षा पर 800 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक खर्च करता है। भारतीय रक्षा मंत्रालय के अनुसार, 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट आवंटन वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य को पूरा करेगा और आत्मनिर्भरता और (हथियार) निर्यात को बढ़ावा देने के दोहरे उद्देश्यों को पूरा करेगा। रक्षा मंत्रालय ने बजट पर जताई खुशी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 2024-25 का अंतरिम रक्षा बजट भारत सरकार के कुल बजट का 13.04% है। रक्षा मंत्रालय (MoD) को मंत्रालयों के बीच सबसे अधिक आवंटन प्राप्त होता रहता है। FY24-25 के लिए रक्षा के लिए बजटीय आवंटन वित्त वर्ष 2022-23 के आवंटन से लगभग (INR) एक लाख करोड़ (INR 1 ट्रिलियन) या 18.35% अधिक है और FY23-24 के आवंटन से 4.72% अधिक है। कहां-कहां खर्च होगा रक्षा बजट रक्षा बजट का 27.67% नए हथियारों और सैन्य प्रणालियों को खरीदने के लिए खर्च किया जाएगा। 14.82% हथियारों और गोला-बारूद के रखरखाव और परिचालन तैयारियों पर खर्च होगा। 30.68% रक्षा कर्मियों के वेतन और भत्ते के लिए और 22.72% सेवानिवृत्त कर्मियों की पेंशन पर खर्च होगा। इसके अलावा रक्षा बजट का 4.11% रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले नागरिक संगठनों के लिए खर्च किया जाएगा। http://dlvr.it/T2DH09
0 notes
dharmendrarana-blog · 3 years
Text
Cryptocurrency में करते हैं ट्रेडिंग तो जरूर पढ़ें यह खबर, जानें कितना देना होगा टैक्‍स
Cryptocurrency में करते हैं ट्रेडिंग तो जरूर पढ़ें यह खबर, जानें कितना देना होगा टैक्‍स
क्रिप्टो को लाभ में बेचने पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगेगा, लेकिन लाभ में नहीं बेचने पर भी एक प्रतिशत का टीडीएस देना होगा। हाल ही में एक मीटिंग में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये घोषणा की थी। सरकार का उद्देश्य इसको लेकर यह था कि इससे पता चलेगा कि कहां-कहां क्रिप्टो का लेनदेन हुआ है। बता दें कि आरबीआइ की तरफ से प्रस्तावित डिजिटल रुपये को ही डिजिटल करेंसी माना जाएगा, बाकी अन्य को डिजिटल असेट…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
hashtagindiasocial · 4 years
Text
मोदी सरकार ने टैक्सपेयर्स के लिए की ये 10 अहम घोषणाएं, जानें आपकों कहां होगा फायदा
मोदी सरकार ने टैक्सपेयर्स के लिए की ये 10 अहम घोषणाएं, जानें आपकों कहां होगा फायदा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट में टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है। हालांकि, बजट में कई ऐसे कदम उठाने का ऐलान किया गया है जिससे करदाताओं को आयकर रिटर्न भरने से लेकर अग्रिम… Source link
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
chaitanyabharatnews · 4 years
Text
पीएम मोदी ने दी बजट पर अपनी प्रतिक्रिया, कहा- बजट के दिल में गांव-किसान, ऐसे बजट कम ही देखने को मिलते हैं
Tumblr media
चैतन्य भारत न्यूज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में बजट पेश किया। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया दी। पीएम मोदी ने कहा कि ये बजट नए भारत के आत्मविश्वास को उजागर करने वाला बजट है। बजट देश के इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव लाएगा, साथ ही युवाओं को कई मौके देने का काम करेगा। पीएम मोदी ने कहा कि इस बजट के दिल में गांव और किसान हैं। पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे बजट कम ही देखने को मिलते हैं, जिसकी शुरुआत में अच्छे रिस्पॉन्स आए। बजट को लेकर पीएम मोदी बोले कि चुनौतियों के बावजूद हमारी सरकार ने बजट को ट्रांसपेरेंट बनाने पर ज़ोर दिया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत कोरोना काल में काफी प्रो-एक्टिव रहा है। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने बजट के जरिए देश के सामने प्रो-एक्टिव होने का संकेत दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि इस बजट में जान भी और जहान भी पर जोर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बार के बजट में दक्षिण से लेकर उत्तर और पूर्व के सभी राज्यों पर जोर दिया गया, समुद्र से लगे राज्यों को इकॉनोमिक रूप से मजबूत करने का फैसला किया गया है। बजट में ऐसे कई फैसले लिए गए हैं, जिनसे रोजगार देने वाले अवसर पैदा किए गए हैं और किसानों की आय बढ़ाने में मदद की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के इस शानदार बजट के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उनकी टीम को बधाई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सोमवार को बजट की तारीफ की, उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में इस वर्ष का बजट बनाना निश्चित रूप से एक जटिल काम था। पीएम नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक सर्वस्पर्शी बजट पेश किया है। यह आत्मनिर्भर भारत, 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था, किसानों की आय दो गुना करने के संकल्प का मार्ग प्रशस्त करेगा। बता दें सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया, जिसमें मुख्य रूप से स्वास्थ्य सेक्टर पर जोर दिया गया। हालांकि, इस बार टैक्स स्लैब में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है। ऐसे में मिडिल क्लास को जैसी उम्मीद थी, वैसा कुछ देखने को नहीं मिला है। बजट 2021: वित्त मंत्री ने किए ये बड़े ऐलान, आम आयकरदाता को टैक्स में राहत नहीं, इलेक्ट्रॉनिक सामान होंगे महंगे भारत का बजट होता है 30 लाख करोड़ का, जानिए सरकार के पास कहां से आता है इतना पैसा बजट 2021: टिकरी बॉर्डर पर की गई ऐसी सुरक्षा जैसी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी नहीं है, बनाई गई आठ लेयर की सुरक्षा दीवार Read the full article
0 notes
vilaspatelvlogs · 4 years
Text
Budget 2021: जानिए सरकार के पास कहां से आता है पैसा जिससे तैयार होता है देश का बजट
Budget 2021: जानिए सरकार के पास कहां से आता है पैसा जिससे तैयार होता है देश का बजट
नई दिल्ली: देश के बजट से हर किसी की उम्मीदें जुड़ी होती हैं. देशवासी उम्मीद करते हैं कि उन्हें टैक्स में छूट मिल जाए या किसी और तरीके से सरकार उनकी मदद करे, जिससे साल भर जेब पर बुरा असर न पड़े. 1 फरवरी 2021 यानी आज, को भारत का बजट पेश होने वाला है. फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण संसद में आज लोगों को उनकी उम्मीदों का बजट पेश करन�� वाली हैं. इस बार भी हर सेक्टर के लिए धनराशि का आवंटन होगा.  ये भी…
View On WordPress
0 notes
dainiksamachar · 8 months
Text
चुनाव से पहले कोई लोक लुभावन घोषणा नहीं, इतना कॉन्फिडेंस कहां से लाए पीएम मोदी?
नई दिल्ली: कल के बजट में एक बाद कॉमन थी। बजट सत्र से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि उनकी सरकार ही पूर्ण बजट पेश करेगी। दूसरी तरफ बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जोर देकर कहा कि जब जुलाई हमारी सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी तो विकासित भारत का विस्तृत रोडमैप पेश किया जाएगा। यही नहीं, अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने कोई लोकलुभावन घोषणा भी नहीं की। तो बड़ा सवाल है कि आखिर केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), जिसे कुछ ही दिनों में आम चुनाव में जाना है, इतना भरोसे में कैसे है? दरअसल, इस भरोसा के पीछे तमाम वजहें हैं लेकिन एक जो सबसे अहम है वो है बिखरा विपक्ष। इसके अलावा सरकार के तमाम वो सुधार जिससे उसे भरोसा है कि देश की जनता लगातार तीसरी बार उसे ही चुनेगी। मोदी के कॉन्फिडेंस का राज क्या? पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी दोनों ही 2024 के चुनाव के लिए मजबूत दावे कर रहे हैं। इसके पीछे जो सबसे कारण है वो है राम मंदिर का निर्माण। भगवा दल का सबसे अहम चुनावी मुद्दा 22 जनवरी को अयोध्या में पूरा हो चुका है। खुद पीएम मोदी मुख्य यजमान बनकर राम मंदिर में बाल राम की प्राण प्रतिष्ठा कर चुके हैं। राम के लहर पर बीजेपी उत्तर भारत में विपक्ष पर बड़ी बढ़त की तैयारी में है। पार्टी इसके लिए कोशिश भी शुरू कर चुकी है। कई राज्यों से आम लोगों को राम मंदिर के दर्शन के लिए लाया जा रहा है। विपक्ष भी दबी जुबान में ये मान रहा है कि भगवा दल को इसका फायदा हो सकता है। बिखरे विपक्ष भी कर रहा है काम आसान पीएम मोदी का सामना करने के लिए इंडिया गठबंधन बनाया गया था। लेकिन चुनाव आते-आते इसके मुख्य कर्ता-धर्ता ही बीजेपी में शामिल हो गए। बिहार में नीतीश के बीजेपी में शामिल होने के बाद राज्य में भगवा दल को बढ़त हासिल हो गई है। दूसरी तरफ ममता बनर्जी ने भी कांग्रेस का हाथ बंगाल में छोड़ दिया है। यानी एक वक्त जो लग रहा था कि इसबार पीएम मोदी को तगड़ी टक्कर मिल सकती है। उसकी सूरत फिलहाल तो नजर नहीं आ रही है। यही नहीं, विपक्ष तो अभी कई राज्यों में सीट शेयरिंग पर भी अटका है। दूसरी तरफ बीजेपी को कुछ राज्यों में छोड़ दें ज्यादातर जगहों पर अकेले ही लड़ना है। ऐसे में कमजोर और बिखरे विपक्ष के कारण उसे ज्यादा परेशानी नहीं होगी। राम लगाएंगे बेड़ा पार इसके अलावा बीजेपी को राम मंदिर निर्माण का बड़ा फायदा मिलने वाला है। पार्टी के घोषणापत्र में हर बार राम मंदिर का मुद्दा रहता था। विपक्ष तो बीजेपी एक समय तंज कसता था कि मंदिर वही बनाएंगे लेकिन तारीख नहीं बताएंगे। अब 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद बीजेपी काफी जोश में है। पार्टी को इसका फायदा पूरे उत्तर भारत में मिलने की उम्मीद है। पार्टी इसके अलावा आर्टिकल 370 का भी जमकर जिक्र करती है। यानी राम के जरिए भगवा दल को जीत की आस दिख गई है। शायद इसीलिए बजट में को लोकलुभावन योजना भी नहीं दिखी। लाभार्थी योजना का बीजेपी उठाएगी लाभ पीएम नरेंद्र मोदी अपने लगभग हर कार्यक्रम और सभा में इसका जिक्र जरूर करते हैं। कोरोना के काल से 80 करोड़ों लोगों को केंद्र सरकार मुफ्त अनाज मुहैया करा रही है। यही लाभार्थी हैं जो बीजेपी के कोर वोटर भी बन गए हैं। इसी की बदौलत बीजेपी ने कई राज्यों में चुनावी बिसात बिछाई और उसे कामयाबी भी मिली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी अपने बजट भाषण में इसका जिक्र किया था। बीजेपी ऐसे लाभार्थियों के जरिए मजबूती के साथ आगे बढ़ने का तरीका ढूंढ चुकी है। गर्वनेंस मॉडल से मिलेगी जीत पीएम मोदी सरकारी योजनाओं को लागू करने में बिचौलियों के नहीं रहने की बात अक्सर करते हैं। यानी सरकारी लाभ सीधे जरूरतमंदों के खाते में जाता है। बिचौलिया गायब। चाहे किसान सम्मान निधि की बात हो या अन्य मदों में डायरेक्ट ट्रांसफर। सरकार अपने बेहतर गर्वनेंस मॉडल के जरिए भ्रष्टाचार रोकने का दावा करती है। इसके अलावा बीजेपी भाई-भतीजावाद से खुद को दूर रखने का वादा करती है। पार्टी सामाजिक न्याय के जरिए जीत का रास्ता सुनिश्चित करने के लिए जोर लगा रही है। निर्मला ने अपने बजट भाषण में कहा कि हमारे शासन में पारदर्शिता है, इस बात का भरोसा है कि पात्र लोगों तक फायदे पहुंचाए जा रहे हैं। संसाधनों का उचित वितरण होता है। समाज में चाहे किसी का भी दर्जा हो, सभी को अवसर मिलते हैं। हम व्यवस्थागत असमानताओं को दूर कर रहे हैं... हम केवल खर्च पर ध्यान नहीं देते, बल्कि परिणामों पर जोर देते हैं, ताकि सामाजिक-आर्थिक बदलाव लाया जा सके। पीएम मोदी के वो चार स्तंभ पीएम मोदी ने ओबीसी जाति जनगणना की काट ढूंढने के लिए चार जातियों का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था गरीब, महिलाएं, युवा और किसान उनके चार जातियां हैं। इस बार के बजट में भी इन चारों जातियों के लिए निर्मला ने कुछ न कुछ जरूर दिया है। यानी बीजेपी ने 2024 के लिए अपने वोटर वाला… http://dlvr.it/T2CCVS
0 notes
abhay121996-blog · 4 years
Text
कांग्रेस को रूस और चीन का पिछलग्गू बता लोकसभा में बरसीं सीतारमण Divya Sandesh
#Divyasandesh
कांग्रेस को रूस और चीन का पिछलग्गू बता लोकसभा में बरसीं सीतारमण
नई दिल्ली वित्त मंत्री ने लोकसभा में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कांग्रेस पार्टी की आर्थिक नीतियों की बखिया उधेड़ दी। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर आर्थिक मामलों में कभी रूस तो कभी चीन का पिछलग्गू बनने का आरोप लगाया और दावा किया कि बीजेपी ने हमेशा भारत, भारतीयता और यहां के लोगों पर भरोसा किया। उन्होंने कहा कि हमारी जनसंघ से लेकर बीजेपी तक और आज की बीजेपी तक एक ही सोच रही है। उन्होंने कहा, “हमारा जनसंघ के दिनों से ही भारत के आंट्रप्रन्योर, यहां की इंजीनियरिंग, यहां के ट्रेड और नौजवानों पर हमेशा भरपूर भरोसा रहा है। हम उधार की सोच नहीं रखते।”
कांग्रेस विदेशों का पिछलग्गू, हमारा भारत पर हमेशा भरोसा: निर्मला निर्मला ने आगे कहा, “जनसंघ अपने जन्मदिन से भारत और भारतीयों पर लगातार भरोसा करता है। आप जैसा नहीं कि कहीं से कुछ उठा लिया, उसमें अपना मुलम्मा चढ़ा दिया। हमने कभी किसी की नकल नहीं की। हम कभी रूस के नजदीकी थे तो हम उसके पिछलग्गू हो गए और उसके बिल्कुल कड़े नियंत्रण में आ गए। बाद में पता चला कि चीन की धाक बढ़ने लगी है और वो पूंजीवाद को बढ़ावा दे रहा है तो हमें भी वैसा ही करना चाहिए। नहीं, हमारी सोच ऐसी कभी नहीं रही। जनसंघ से लेकर बीजेपी के गठन और अब की बीजेपी तक हमारी सोच एक ही रही है। हमें भारत, भारत के युवाओं और भारत की कारोबारी क्षमता पर लगातार भरोसा है।’
‘मुख्यमंत्री मोदी’ के अनुभवों पर बना है बजट: वित्त मंत्री इससे पहले वित्त मंत्री ने कहा कि 1991 में अर्थव्यवस्था खोलने के बाद जब देश की सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों को कुख्यात लाइसेंस कोटा राज से मुक्ति मिली तभी हमें गरीबी उन्मूलन की दिशा में बड़ी उपलब्धि हासिल हो सकी। उन्होंने कहा, “इसलिए मैं बार-बार यह कहती हूं कि यह बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उन दिनों के अनुभवों पर बहुत हद तक आधारित है जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री थे। तब उन्होंने महसूस किया था कि लाइसेंस कोटा राज के खात्मे से भारतीय अर्थव्यवस्था को कैसे पर लगने लगे थे। उन्हीं अनुभवों के आधार पर सुधारों की सतत प्रक्रिया का संकल्प लिया गया। इस बजट में भी आपको इसकी झलक मिल रही होगी।”
“विदेशी प्रभाव में आकर कांग्रेस ने अर्थव्यवस्था ध्वस्त कर दी” निर्मला ने कांग्रेस पर विदेशी प्रभाव में आकर आर्थिक नीतियां तय करने का आरोप लगााया और कहा कि इसी सोच ने भारतीय बिजनस की रीढ़ तोड़ दी। उन्होंने कहा, “भारत के आर्थिक इतिहास में यह बेहद महत्वपूर्ण है कि कैसे 1948 से समाजवाद को बड़े जोशो-खरोश के साथ अपनाया गया था। संस्थाओं का राष्ट्रीयकरण किया गया। तब लाइसेंस कोटा राज के रूप में समाजवाद पर भारतीयता का मुलम्मा भी चढ़ाया गया। इससे भारतीय कंपनियों के संचालन की राह में बाधा पैदा की गई, उनके लिए काम करना मुश्किल हो गया, खासकर छोटे और मझोले उद्योंगो के लिए। सवालों, लाइसेंसों, नियम-कानूनों के बोझ ने कारोबारियों की कमर तोड़ दी।”
“कांग्रेस ने विदेशी नीतियों पर चढ़ाया अपना मुलम्मा” सीतारमण ने आजादी के बाद से लेकर आज तक की कांग्रेस की आर्थिक नीतियों का हवाला दिया। उन्होंने कहा, “आजादी के बाद भारत की आर्थिक इतिहास पर एक नजर डालिए। मैं इसके डीटेल में नहीं जाऊंगी, आपको थोड़ा इशारा जरूर कर रही हूं। आप समझ जाएंगे कि यहां क्या चल रहा था। 1948, 1955, 1969 और 1975 जब समाजवाद अपने शीर्ष पर था। उन्होंने कहा, लेकिन यह वास्तविक अर्थों में समाजवाद नहीं था। वह समाजवाद भी नहीं जिसकी चर्चा पश्चिमी देशों और रूस में चल रही थी बल्कि एक अजीब तरह का मिश्रित समाजवाद था जिसने भारतीय उद्यमियों की उस क्षमता पर ही प्रहार किया जिससे वो देश की अर्थव्यवस्था को उड़ान दे सकते थे।”
वित्त मंत्री का कांग्रेस पर जबर्दस्त तंज वित्त मंत्री ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, “मजे की बात यह है कि जो पार्टी 1948 से 1975 तक समाजवाद पर नाज करती रही, उसे अचानक 1991 में अर्थव्यवस्था खोलने का सपना आ गया। आज तो वो इस बात पर गर्व करते हैं कि हमने ही 1991 में अर्थव्यवस्था को उदार बनाया, हमने ही मुक्त बाजार की पहल की, इस तरह हम ‘सुधारवादी’ हैं।”
उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि जिस पार्टी ने शुरू में भारतीय अर्थव्यवस्था की राह रोकी, फिर 1991 में इसे खोला और अब हमारे प्रधानमंत्री को बार-बार पूछती है कि आपने कहां सुधार किया? उन्होंने कहा, “कांग्रेस आरोप लगाती है कि आपमें (NDA सरकार में) आर्थिक सुधारों के लिए प्रतिबद्धता नहीं है, आपको अर्थशास्त्र समझ में नहीं आता है, आपको अर्थव्यवस्था के प्रबंधन की कोई जानकारी नहीं है, इसलिए आप सुधार नहीं कर सकते, यह काम तो हम (कांग्रेस) ही कर सकते हैं।”
वित्त मंत्री ने आगे कहा, “समाजवाद से साम्यवाद, फिर पूरी तरह लाइसेंस कोटा राज और आर्थिक उदारवाद तक… इसलिए हम तो सबकुछ हैं। एक वक्त में समाजवादी, दूसरे वक्त में साम्यवादी, फिर लाइसेंस कोटा राज, क्रोनी कैपिटलिजम और अंत में अर्थव्यवस्था को खोल दिया। इतने उतार-चढ़ाव लेकिन बोलते सीना तानकर हैं, कोई शर्मिंदगी नहीं।”
0 notes
vsplusonline · 5 years
Text
यहां पढ़ें देश और दुनिया की 10 बड़ी खबरें
New Post has been published on https://apzweb.com/%e0%a4%af%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%82-%e0%a4%aa%e0%a4%a2%e0%a4%bc%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%b6-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%a6%e0%a5%81%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%95-2/
यहां पढ़ें देश और दुनिया की 10 बड़ी खबरें
Tumblr media
नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Corona Virus) के खिलाफ जंग में पीएम नरेंद्र मोदी ने समय रहते ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स का गठन कर दिया. इसके अलावा उन्होंने इसके खिलाफ सक्रियता से कई कदम उठाए, जिसके कारण पीएम नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में ग्लोबल लीडर बनकर उभरे हैं. दूसरी तरफ सोमवार से सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ ज़रूरी मुकदमों की सुनवाई होगी. सुनवाई के दौरान एक मामले में सिर्फ एक याचिकाकर्ता और एक वकील को हाज़िर होने की इजाजत होगी. उधर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूएस आए आयरलैंड के प्रधानमंत्री लियो वराडकरका स्वागत नमस्ते कहकर किया. कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते गुरुवार को व्हाइट हाउस में ट्रंप ने भारतीय संस्कृति का सहारा लेकर अपने मेहमान का नमस्ते कर स्वागत किया.
यहां पढ़ें 10 बड़ी खबरें
कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में ग्लोबल लीडर बनकर उभरे पीएम मोदी कोरोना वायरस (Corona Virus) के खिलाफ जंग में पीएम मोदी का समय रहते हरकत में आना और बचाव की प्लानिंग ऐसी की इस महामारी को बड़े स्तर पर फैलने से रोकने में भारत सफल रहा. ऐसा कर मोदी सरकार ने दुनिया को दिखा दिया है कि एपिक सेंटर चीन के सबसे करीब होने के बाद भी भारत में ये महामारी क्यों नही फैली और भारत कोरोना को कैसे काबू करने में सफल रहा. ये बात किसी से छुपी नहींं है कि कोरोना वायरस की आहट पाते ही पीएम मोदी ने एक ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स गठित कर दिया. हर रोज वह ट्वीट कर संदेश देते रहे. स्वास्थ्य मंत्रालय एडवाइजरी जारी करता रहा. होमियोपैथी, दवाओं और बचने के उपायों के बारे में देश भर में जागरूकता अभियान चलता रहा. आलम ये रहा कि जब तक विश्व स्वास्थ्य संगठन इसे महामारी घोषित करता भारत में पूरा तंत्र और नागरिक सतर्क हो चुके थे.यहां क्लिक कर पढ़ें पूरी खबर
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर कोरोना वायरस का खतरा, अब सिर्फ जरूरी मुकदमे सुने जाएंगे देश दुनिया में कोरोना वायरस (corona Viurs) के बढ़ते खतरे का असर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) की सुनवाई पर भी पड़ने जा रहा है. सोमवार से सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ ज़रूरी मुकदमों की सुनवाई होगी. सुनवाई के दौरान एक मामले में सिर्फ एक याचिकाकर्ता और एक वकील को हाज़िर होने की इजाजत होगी. कोर्ट मुकदमे की संवेदनशीलता और जरूरत के हिसाब से सुनवाई करेगा. जिस केस को टाला जा सकता है उसकी सुनवाई नहीं होगी, जितने मुकदमों में सुनवाई होनी है, उसी के मुताबिक जज उपस्थित होंगे. यानी कोर्ट पूरी तरह से काम नहीं करेगा. ऐसा कोरोना वायरस के मद्देनजर किया गया है. ऐसा अगले आदेश तक चलता रहेगा.यहां क्लिक कर पढ़ें पूरी खबर
‘कोविड-19 लक्षणों वाले 40-45 बांग्लादेशियों को सीमा से वापस भेजा गया’ कोरोना वायरस (Corona Virus) के बढ़ते खतरे के बीच शुक्रवार को त्रिपुरा (Tripura) में अखौरा चौकी के जरिए भारत आ रहे करीब 40-45 बांग्लादेशियों (Bangladeshies) को वापस भेज दिया गया. इन बांग्लादेशियों में बुखार, खांसी और सांस लेने में कठिनाई होने जैसी समस्याएं पाए जाने के बाद उन्हें सीमा से वापस भेज दिया गया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उन सभी के पास यात्रा के वैध दस्तावेज थे. पश्चिमी त्रिपुरा की जिला निगरानी अधिकारी संगीता चक्रवर्ती ने कहा, कि जिन लोगों को अखौरा चौकी से भारत में प्रवेश करने की अनुमति दी गई, उन्हें 14 दिनों के लिए त्रिपुरा में आइसोलेशन में रखा जाएगा.
यहां क्लिक कर पढ़ें पूरी खबर
जानें, भारत में कोरोना वायरस की जांच के लिए कहां है सबसे बड़ा आइसोलेशन सेंटर? भारत समेत पूरे विश्व में कोरोना वायरस (Coronavirus) के खतरे से निपटने के लिए तमाम इंतजाम किए जा रहे हैं. इससे निपटने के लिए सबसे अहम कड़ी ये है कि जिन लोगों में इस वायरस का शक है उन्हें अकेले में रखकर उनकी विस्तृत जांच की जाए. इसे आइसोलेट प्रोसेस कहते हैं जिसमें 14 दिन का वक्त लगता है. वैसे तो भारत में प्रशासन ने अलग-अलग जिलों में ऐसे केंद्र बनाए गए हैं लेकिन आईटीबीपी का दिल्ली के छावला स्थित आइसोलेशन सेंटर पिछले 2 महीनों से बखूबी अपनी भूमिका निभा रहा है. यह देश का सबसे बड़ा आइसोलेशन सेंटर है कोरोना वायरस निपटने के लिए. पूरे विश्व में जैसे ही कोरोना वायरस क्षेत्र के खतरे की खबर सामने आने लगी महज चंद दिनों में भारत सरकार के निर्देश पर आईटीबीपी ने इस खास कैंप को तैयार किया. इस कैंप में करीब 1000 बेड हैं. यहां क्लिक कर पढ़ें पूरी खबर
7 महीने बाद रिहा हुुुए फारूक अब्‍दुल्‍ला, बोले- जब तक सभी नेता रिहा नहीं होते, मैं राजनीतिक मुद्दे पर नहीं बोलूंगा जम्‍मू कश्‍मीर के पूर्व मुख्‍यमंत्री और नेशनल कॉन्‍फ्रेंस के मुखिया फारुक अब्‍दुल्‍ला पर लगी पाबंदी को शुक्रवार 13 मार्च 2020 को हटा दिया. इसके बाद वह मीडिया के सामने आए. उन्‍होंने अपने घर की छत से बात करते हुए कहा, ‘मेरे पास कहने के लिए शब्‍द नहीं हैं. मैं आज आजाद हुआ हूं. अब मैं दिल्‍ली जा सकूंगा. संसद में आपकी बात को उठा सकूंगा. मैं उन सभी लोगों का धन्‍यवाद कहना चाहूंगा, जिन्‍होंने हमारे लिए आवाज उठाई. ये आजादी उस समय पूरी होगी, जब बाकी के नेता भी आजाद हो जाएंगे. मुझे उम्‍मीद है कि वह भी जल्‍द छूटेंगे.’ यहां क्लिक कर पढ़ें पूरी खबर
यस बैंक खाताधारकों के लिए खुशखबरी, वित्त मंत्री ने कहा- इस दिन हट जाएंगे सभी प्रतिबंध के��द्रीय कैबिनेट की बैठक (Cabinet Meeting) पूरी होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में अहम ऐलान किए गए हैं. कैबिनेट ने यस बैंक के रिकन्स्ट्रक्शन स्कीम को मंजूरी दे दी है.  वित्ती मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने बताया कि यस बैंक (Yes Bank) में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) 49 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदेगी. SBI 3 साल तक अपनी स्टेक को 26 फीसदी से कम नहीं कर सकेगी. इसके अलावा प्राइवेट लेंडर्स भी इसमें निवेश करेंगे. प्राइवेट लेंडर्स के लिए भी लॉक इन पीरियड भी 3 साल तक का ही होगा, लेकिन उनके लिए स्टेक की लिमिट 75 फीसदी तक है. यहां क्लिक कर पढ़ें पूरी खबर
कोरोना वायरस से डरे ट्रंप! आयरलैंड के पीएम से नहीं मिलाया हाथ, नमस्ते कर किया वेलकम अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने आयरलैंड के प्रधानमंत्री लियो वराडकर (Leo Varadkar) का स्वागत नमस्ते कहकर किया. कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते प्रकोप को देखते गुरुवार को व्हाइट हाउस में ट्रंप ने भारतीय संस्कृति का सहारा ले अपने मेहमान से नमस्ते किया. इस संस्कृति को ट्रंप के अलावा कई लोग अपना रहे हैं. बकिंघम पैसेल में भी प्रिंस चार्ल्स नमस्ते करते हुए देखे गए. प्रिंस चार्ल्स और ब्रिटिश टीवी एंकर फ्लोएला बेंजामिन ने गुरुवार को नमस्ते कर एक दूसरे का अभिवादन किया. ट्रंप और आयरलैंड के प्रधानमंत्री वराडकर की व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई. मीडिया के पुछने पर ट्रंप ने कहा कि ‘मैं हाल ही में भारत से लौटा हूं वहां मैंने किसी से हाथ नहीं मिलाया. ये बहुत आसान परंपरा है वहां ऐसे ही अभिवादन किया जाता है.’ वॉशिंगटन में मीडिया के सामने राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए ये जरूरी है. जब मीडिया ने वराडकर से हाथ मिलाने के लिए पूछा तो उन्होंने हाथ जोड़कर नमस्ते किया. यहां क्लिक कर पढ़ें पूरी खबर
LIC की खास स्कीम, एक बार पैसा लगाकर जिदंगीभर मिलती रहेगी 8000 रुपये/महीना पेंशन LIC की जीवन शांति स्कीम (Jeevan Shanti Scheme) की खासियत है इसमें मिलने वाली पेंशन. ये पॉलिसी ग्राहकों को पेंशन (Pension) के जरिए भविष्य की सुरक्षा प्रदान कराती है. इस पॉलिसी की खासियतों के बारे में मान लीजिए कि 50 वर्ष का कोई व्यक्ति 10,18,000 रुपये पॉलिसी में लगाता है तो उसे तुरंत 65,600 सालाना की पेंशन मिलने लगेगी. लेकिन इसके साथ कुछ शर्तें भी हैं. इस प्लान के लॉन्च के मौके पर LIC के अध्यक्ष वीके शर्मा ने बताया कि यह जीवन शांति याेजना एक नॉन लिंक्ड प्लान है. साथ ही यह एकल प्रीमियम वार्षिकी योजना है जिसमें बीमा धारक को तत्काल वार्षिकी या स्थगित वार्षिकी चुनने का विकल्प है. यहां क्लिक कर पढ़ें पूरी खबर
Corona Virus के चलते भारत- साउथ अफ्रीका वनडे सीरीज रद्द कोरोना वायरस (Corona Virus) के चलते भारत और साउथ अफ्रीका (India vs South Africa) के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज रद्द हाे गई है. तीन मैचों की वनडे सीरीज का पहला मुकाबला धर्मशाला में भारी बारिश के कारण रद्द हो गया था और अब वायरस के कारण पूरी सीरीज ही रद्द हो गई.  बीसीसीआई ने बाद में बयान जारी करके कहा कि श्रृंखला को बाद में आयोजित किया जाएगा. बोर्ड सचिव जय शाह ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका की टीम तीन एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के लिए बाद में भारत दौरे पर आएगी. बीसीसीआई-सीएसए नए कार्यक्रम पर मिलकर काम करेगा. यहां क्लिक कर पढ़ें पूरी खबर
कपिल शर्मा ने अक्षय कुमार पर ली चुटकी, ‘मेरे जैसे छोटे लोगों के ऐड भी छीन लेते हैं’ कॉमेडियन कपिल शर्मा (Kapil Sharma) के शो ‘द कपिल शर्मा शो’ (The Kapil Sharma Show) में इस वीकेंड पर फिल्‍म ‘सूर्यवंशी’ की कास्‍ट अपनी फिल्‍म के प्रमोशन के लिए आने वाली है. हालांकि ये फिल्‍म जो पहले 24 तारीख को रिलीज होने वाली थी, अब इस तारीख को रिलीज नहीं होगी क्‍योंकि इसकी रिलीज डेट पोस्‍टपोन्‍ड हो गई है. ‘सूर्यवंशी’ की कास्‍ट कपिल के शो में जैसे ही पहुंची तो कपिल ने अक्षय कुमार को उनका विज्ञापन छीनने के लिए ताना मारा है. कपिल शर्मा के शो का एक ताजा प्रोमो सामने आया है, जिसे खुद कपिल शर्मा ने अपने इंस्‍टाग्राम पर शेयर किया है. इस वीडियो में कपिल रोहित शेट्टी से कहते हैं, ‘रोहित सर ने अजय देवगन साहब के साथ सिंघम बनाई, रणवीर सिंह के साथ सिंबा बनाई. यहां क्लिक कर पढ़ें पूरी खबर
function serchclick() var seacrhbox = document.getElementById("search-box"); if (seacrhbox.style.display === "block") seacrhbox.style.display = "none"; else seacrhbox.style.display = "block";
document.addEventListener("DOMContentLoaded", function() document.getElementById("search-click").addEventListener("click", serchclick); /* footer brand slider start */ new Glide(document.querySelector('.ftrchnl-in-wrap'), type: 'carousel', perView: 8, ).mount(); ); !function(f,b,e,v,n,t,s)if(f.fbq)return;n=f.fbq=function()n.callMethod? n.callMethod.apply(n,arguments):n.queue.push(arguments);if(!f._fbq)f._fbq=n; n.push=n;n.loaded=!0;n.version='2.0';n.queue=[];t=b.createElement(e);t.async=!0; t.src=v;s=b.getElementsByTagName(e)[0];s.parentNode.insertBefore(t,s)(window, document,'script','https://connect.facebook.net/en_US/fbevents.js'); fbq('init', '482038382136514'); fbq('track', 'PageView'); Source link
0 notes
vilaspatelvlogs · 4 years
Text
बजट 2021 : ये है बजट बनाने वाली वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की टीम, जानिए इनके बारे में सबकुछ
बजट 2021 : ये है बजट बनाने वाली वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की टीम, जानिए इनके बारे में सबकुछ
एक फरवरी को देश का बजट संसद में पेश किया जाएगा, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही इस बात का एलान कर चुकी हैं कि इस साल का बजट ऐसा होगा, जो पहले कभी नहीं देखा गया होगा। दरअसल, आम बजट में सरकार इस बात की जानकारी देती है कि इस वित्त ��र्ष में वो कहां-कहां से कमाई करेगी और कहां-कहां खर्च करेगी। इसके लिए बजट में सबसे ज्यादा नजर जिस एलान पर होती है, वो है टैक्स स्लैब पर मिलने वाली छूट। लेकिन…
View On WordPress
0 notes
kisansatta · 5 years
Photo
Tumblr media
मोदी, निर्मला को आर्थिक स्थिति का कुछ पता नहीं: कांग्रेस प्रवक्ता पवन
Tumblr media
नई दिल्ली। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर यस बैंक की वित्तीय स्थिति को देखते हुए सीधा हमला करते हुए कहा है कि बैंक डूब रहे हैं और लोगों को अपना पैसा निकालने में दिक्कत हो रही है लेकिन यह स्थिति क्यों पैदा हो रही है इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि मोदी पहले प्रधानमंत्री और सीतारमण पहली वित्त मंत्री हैं जो देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर एकदम अनजान और ‘क्लूलेस’ हैं।
मोदी सरकार के पास किसी तरह का वित्तीय प्रबंधन नहीं है और मोदी-निर्मला को यह पता ही नहीं है कि अर्थव्यवस्था कहां जा रही है। मोदी सरकार ने न सिर्फ अर्थव्यवस्था की कमर तोड दी है बल्कि देश के आम आदमी को धोखा दिया है और उसका जीना मुश्किल कर दिया है। उन्होंने कहा कि यस बैंक की स्थिति को लेकर सरकार को सारी जानकारी थी इसके बावजूद कोई कदम नहीं उठाए गये और रिजर्व बैंक को आखिर यस बैंक को अपने कब्जे में लेना पड़ और खाता धारकों के लिए 50 हजार रुपए की निकासी की सीमा तय करनी पड़ी है।
उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि जब सब कुछ उसके सामने हुआ है तो यह स्थिति क्यों आई और आम खाता धारक को संकट में क्यों डाला गया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी सरकार के कुप्रबंधन के कारण बैंकों के सामने लम्बी कतारें लग रही हैं और लोगों को अपना ही पैसा निकालने के लिए प्रतिबंध झेलना पड़ रहा है। करीब छह माह पहले महाराष्ट्र में लोग अपना पैसा निकालने के लिए लम्बी लाइनों में खड़े रहे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार आने के बाद बैंकों में घोटाले बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि 2015-16 में 18699 करोड़ रुपए का, 2016-17 में 239335 तथा 2017-18 में 41176 करोड़ रुपए का बैंक घोटाला हुआ है। वर्ष 2019 से अब तक एक लाख 43 हजार करोड़ रुपए के घपले हुए।
https://is.gd/43IQ5t #Modi, #NirmalaHaveNoIdeaAboutTheEconomicSituationCongressSpokespersonPawan modi, Nirmala have no idea about the economic situation: Congress spokesperson Pawan National, Top, Trending #National, #Top, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
0 notes
ashokgehlotofficial · 5 years
Link
भाजपा सरकार के आरक्षण विरोधी रुख के खिलाफ दिए गए प्रदेश स्तरीय धरना एवं प्रदर्शन के दौरान संबोधन- मुझे खुशी है कि एससी, एसटी और ओबीसी प्रकोष्ठ ने और एमबीसी ने मिलकर के ये आयोजन किया। जैसा अभी पायलट जी बता रहे थे आपको कि जैसे ही फैसला आया सुप्रीम कोर्ट के अंदर कांग्रेस प्रेसीडेंट सोनिया गांधीजी ने, राहुल गांधी जी ने तमाम राज्यों को संदेश दिया कि सरकार की मंशा ठीक नहीं है। केन्द्र सरकार जिस प्रकार से एजेंडा थोप रही है, ये एजेंडा आरएसएस का है, बीजेपी का है। उसके अनुरूप जो काम होते जा रहे है एक के बाद एक वो कहां ले जाकर छोड़ेंगे देश को देश की दशा क्या होगी। ये जो है एजेंडा उनकी नीयत ठीक नहीं है। लोकतंत्र में चुनाव जीत गए वो लोग। वोट आए 100 में से 39 वोट 61 वोट खिलाफ पड़े हैं। चुनाव जीतना अलग बात है 100 में से 61 वोट खिलाफ है, 39 वोट पक्ष के अंदर है। क्या उनको अधिकार है बिना आवाम की आवाज को देखते हुए फैसला करें, किए जा रहे है चाहे धारा 370 हो, ट्रिपल तलाक हो, जो चाहे फैसला कर रहे है। जो असहमति व्यक्त करते है वो देशद्रोही है। वो पाकिस्तान से मिला हुआ है। दिल्ली में क्या हुआ मालूम है आपको जो सत्ता पक्ष के लोग है वो मुख्यमंत्री को कहते है ये आतंकवादी है। करंट जाएगा शाहीन बाग तक करंट जाएगा। इन गद्दारों को गोली मारो। यूपी के मुख्यमंत्री क्या कहते है ये ऐसे नहीं मानेंगे ये गोली से मानेंगे। कोई कह सकता है मुख्यमंत्री किसी राज्य का मुख्यमंत्री कह सकता है, प्रजा के लिए। ऐसे नहीं मानेंगे ये तो गोली से मानेंगे और यूपी में 15 लोग मार दिए और जब में बदला लूंगा आप लोग शांत हो जाइए, कंपनी जब्त हो जाएगी। इस माहौल में देश चल रहा है। नागरिक संशोधन विधेयक पास हुआ, एनपीआर की बात हुई, एनआरसी जो आसाम में जो फेल हो गया 19 लाख लोग सलैक्ट हुए बाहर हो गए एनआरसी से। 19 में से 16 लाख हिंदू निकले। वहां कि सरकार बीजेपी की है वो लागू नहीं कर पा रही है। कैसे पूरे मुल्क में लागू करोगे। ऐसे क्यों हो रहा है, आज एससी,एसटी लोगों को आशंकाएं क्यों हो रही हैं। संदेह क्यों हो रहा है। इसलिए हो रहा है, क्योंकि सरकार की नीति में खोट है, नियत में खोट है। वो एजेंडा थोपने के लिए कुछ भी कर सकती है। फायरिंग करवा सकती है। जो करवाया यूपी के अंदर। मुख्यमंत्री भड़का रहा है पुलिस को। दिल्ली में क्या हुआ जेएनयू के अंदर नकाबपोश लोग गए अंदर नौजवान, मारपीट की लड़कियों के साथ में लड़कों के साथ में, पुलिस की एस्कोर्ट में बाहर निकले कोई मुकदमा दायर नहीं हुआ। जामिया मिलिया में ऐसे ही हुआ। चार पांच दिन पहले लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की, दीवार फांदकर गए लड़के पुलिस की देखरेख में, कुछ नहीं हुआ। क्या जा रहा है, देश किस दिशा में जा रहा है। कहां लोकतंत्र है देश के अंदर। इस माहौल में जब देश चल रहा है तो संदेह होना लाजमी है। इसलिए आपको याद होगा अभी अविनाश जी कह रहे थे। पहले हम लोगों ने शांति मार्च निकाला और शानदार 4-5 लाख लोग सड़कों पर आ जाए और एक झंडा नीचे नहीं गिरे एक नारा नहीं लगे। तख्तियां लेकर चलें और जो डिवाइडर होता है सड़कों के बीच में एक फूल तक नहीं टूटा हो। क्या कहेंगे इसको। उसी वक्त वहां यूपी में क्या हो रहा था तांड़व हो रहा था हिंसा का। इसलिए एससी,एसटी का सोचना लाज़मी है। 28 तारीख को दिसंबर को प्रदेश कांग्रेस कमेटियों ने निकाला। पूरे देश की प्रदेश कांग्रेस कमेटियों को काम दिया गया। कांग्रेस स्थापना दिवस था उसको हमने संविधान बचाओ के रूप में मनाया और शानदार रूप से आप लोगों ने उसको कामयाब किया। भारत बचाओ का नारा दिया एआईसीसी ने जिलों में आपने अच्छा काम किया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अच्छा जुलूस निकला। शानदार तरीके से लोग आए और दिल्ली के रामलीला मैदान में आप लोगों ने रिकॉर्ड तोड़ दिया इसके लिए आप बधाई के पात्र हैं। राजस्थान के कार्यकर्ता बहुत जागरूक हैं, समझता है देश में क्या हो रहा है। इसलिए जो आव्हान किया है एआईसीसी ने, प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने हम लोगों ने आप कोई चूक नहीं करते हो। परसों की बात है हम लोगों ने तय किया धरना देंगे, ज्ञापन देंगे राज्यपाल महोदय को। और दो दिन के अंदर आप सब लोग इकठ्ठे हो गए। और यहां जो बैठे है वो सिर्फ एससी के लोग नहीं है, एसटी के नहीं है 36 कौमों के लोग है। यही होना चाहिए। ये मुद्दा खाली एससी, एसटी का नहीं है ये मुद्दा संविधान की मूल भावना का है। जिसकी धज्जियां उड़ा रहे हैं। एनडीए गवर्नर्मेंट, मोदी जी, अमित शाह जी। नागरिक संशोधन विधेयक क्या है। एक धर्म को अलग करके आपने कानून पास कर दिया। बाबा साहब अंबेडकर ने क्या कहा सभी धर्म, सभी जाति के लोगों को समान अधिकार मिले। क्या आप कर सकते हो चेंज उसमें, कर सकते हो चेंज। अगर आपने एक शुरूआत की पता नहीं आप कहां ले जाओगे। कभी कह दोगे आरएसएस तो बोलने लग गई थी। आरक्षण की जरूरत क्या है एससी, एसटी को 70 साल हो गए। बिहार चुनाव में सुना होगा आप लोगों ने मोहन भागवत जी बोले पहली बार सफाया हो गया उनका, बिहार से सफाया हो गया उनका। आपको याद होगा ये जान पूछकर भ्रम पैदा करने के लिए कभी आरक्षण को हटाने की बात करेंगे, फिर कहेंगे हमारा मकसद ये नहीं था, हमारा संकल्प ये नहीं था। ये जो तमाम बातें हो रही है देश के अंदर आशंका पैदा करते है किस रूप में फासिस्ट रूप में किस तरीके से एक तरफा फैसले किए जा रहे है एक के बाद एक। आप बताइए क्या जरूरत पड़ी कि आज 400-500 जगह धरने चल रहे है। राजस्थान में ही 20-25 जगह धरने चल रहे है। सर्दी के वक्त में क्या तकलीफ हुई होगी महिलाओं को, बच्चों को, मुस्लिम भी थे, हिंदू भी थे, एक्टिविस्ट भी थे, सोशल वर्कर भी थे। क्या जरूरत पड़ी क्योंकि इस सरकार पर विश्वास नहीं रहा लोगों का। सरकार बनना अलग बात है विश्वास कायम करना दूसरी बात है। वो विश्वास कायम रखा जाता है जब सारे फैसले आवाम क्या चाहती है वो देखकर होते हैं। क्या फैसले ऐसे कर रहे है ये लोग। उस रूप में जो ये देश चल रहा है आरक्षण को खतरा होना भी स्वाभाविक है। जिस दिन इनका सारा एजेंडा समाप्त हो जाएगा, कॉमन सिविल कोड लाने की बात चल रही है। जो इनके मैनिफैस्टो के अंदर है वो भी लाएंगे उसके बाद में जब मौका लगेगा सुबह घोषणा मिलेगी जैसे नोटबंदी की मिली थी या नहीं, नोटबंदी का क्या मिली थी। हमारे मोदीजी कैबिनेट से उठकर गए। बोले आप रूको मैं अभी आता हूं, उनको भी नहीं कहा। सीधा टीवी के अंदर प्रसारण आया कि भाईयों और बहनों अभी 8 बजे है रात को 12 बजे के बाद में आपका 500,1000 का नोट बंद हो गया है। 500,1000 का नोट बंद खत्म, खारिज कर दिया है। ये कौन कर सकता है उसकी क��या दुर्गति हुई है अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई है। जीएसटीसी ने और बर्बाद कर दिया है। पूरा देश आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। इनके खुद के एडवाइजर कहते है कि अर्थव्यवस्था आईसीयू में चली गई है। क्या क्या कामेंट नहीं आ रहे है अरे निर्मला सीतारमण जो इनकी वित्त मंत्री है उनके पति कहते है कि इस सरकार को समझ ही नहीं है अर्थव्यवस्था की। बताईए आप, पंडित नेहरू को छोड़ दिया इन्होंने उनकी नीतियों को। अब इनको चाहिए नरसिम्हा राव के वक्त में डॉ मनमोहन सिंह जी की जो नीतियां थी उनको अपनाएं तो अर्थव्यवस्था बच जाएगी। एक केन्द्रीय मंत्री के पति को ये बात कहनी पड़ती है क्या करें। इनकी कोई क्रेडिबिलिटी नहीं रही है। क्रेडिबिलिटी खत्म होती जा रही है। क्योंकि देश में खाली मोदी और अमित शाह सिर्फ दो लोग राज कर रहें है। बीजेपी के नेता भी अंदर ही अंदर धमेड़े देते जा रहे है। वो भी मन ही मन कहता है कि इनको सबक मिलना चाहिए। अभी दिल्ली के अंदर चुनाव हुए परिणाम आने लगे बीजेपी के अंदर मेरे पास खबर आई आर्टिकल आया, कि यार ये 20 जगह कैसे आगे आ गई बीजेपी हमारी ये तो सिंगल डिजिट पर आनी चाहिए थी। सुबह-सुबह 20 जगह आगे आ रही थी ना तो बीजेपी वालों ने ही कहा कि ये 20 कैसे आ गई इसकी दुर्गति तो 10 के अंदर- अंदर होनी चाहिए थी। अब बताइए आप। पूरा देश दुखी है धीरे-धीरे बीजेपी वाले खुद दुखी होते जा रहे है। इसलिए मैं कहूंगा कि ये खतरनाक खेल है आरक्षण को लेकर के आपको याद होगा पिछली बार लड़ाई लडी थी पूरी प्रमोशन में आरक्षण को लेकर और हमारे जो थे हाईकोर्ट ने फैसला दे दिया हमारे खिलाफ में चीफ सैक्रेटरी को जेल भेज दिया, डीजीपी को जेल भेजने का फैसला दे दिया। हम लोग सुप्रीम कोर्ट से जीतकर आए। तो राजस्थान में शांति है। राजस्थान में शांति है आज कोई वर्ग हो सब संतुष्ट है सरकार के फैसले से, खाली एक मात्र राजस्थान है देश के अंदर जिसने राज्य में आराम से अपने फैसला करवा दिया। और सबने स्वागत किया। पर जो सुप्रीम कोर्ट की नियत है और जो फैसला आया है उसे लोग स्वीकार नहीं कर पाए है। उसे लोग अनफॉरचुनेट बता रहे है। अब केन्द्र को चहिए ये धरना क्यों दिया जा रहा है। केन्द्र को चाहिए जो एआईसीसी ने सोनिया गांधीजी ने, राहुल गांधीजी ने जो फैसला किया है पूरे देश में आव्हान करो। सभी लोग एससी,एसटी, ओबीसी, एमबीसी, और आर्थिक रूप से पिछ़डे लोगों को आरक्षण मिल गया है 10 प्रतिशत उस आरक्षण की रक्षा के लिए सब आगे आएं और हिम्मत दिखाएं जिससे भविष्य में हिम्मत नहीं हो आरक्षण को खत्म करने की। एक ध्वनि निकल रही है इनकी बातों से वो जो खतरा है, आधा करने के लिए आपको तकलीफ दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कह दिया राज्यों को आप दवाब नहीं दे सकते हो आरक्षण के लिए प्रमोशन के अंदर। ये बहुत खतरनाक संदेश जाएगा इससे लोग घबरा गए हैं। मैं चाहूंगा कि पार्लियामेंट के अंदर क्यों नहीं वापस संशोधन हो कि प्रमोशन में आरक्षण मिलना चाहिए। जितना उनका हक है वो उन्हें मिलना चाहिए जैसे राजस्थान में मिला है। राजस्थान को क्यों नहीं मॉडल बनाकर ये सरकार पूरे देश के अंदर प्रमोशन में आरक्षण लागू करवाए। मेन मुद्दा ये है इसकी तरफ सबका ध्यान जाना चाहिए। जनरल कास्ट को मिलेगा उसमें उसके अनुपात के अंदर, एससी, एसटी का हक है उसको मिलेगा। ये राजस्थान में हुआ है। इसलिए में आपको अनुरोध करूंगा आज आपका आना बहुत मायनें रखता है। पूरा समाज एकजुट है एससी एसटी के लोगों के लिए कई बार हार्ट बर्निंग होती है मैं कहना चाहूंगा आपको की आज भी अपनी ईमानदारी से बात करें जो अपना एससी वर्ग है। गांवों में क्या स्थिति है उसकी हरिजनों की स्थिति क्या है। गटर में उतारते हैं उसको सफाई करने के लिए मर जाते हैं कई गैस के अंदर। छुआछुत आज भी है देश के अंदर। मीटिंग होती है जैसे यह मीटिंग हो रही है सब बैठे हैं यहां पर और अलग दरियां लगी हुई हैं दरियां भी नहीं लगी हुई है। दरी पर खुद बैठेंगे। एक कोने के अंदर बिना दरियों के शेड्यूल कास्ट लोग बैठते हैं। अलग से बैठते हैं यह स्थिति है जिस मुल्क में छुआछुत हो, भेदभाव हो। 100 साल पहले रवीन्द्र नाथ टेगौर ने कहा था राष्ट्रवाद से भी बड़ी मानवता है। जब मानवता नहीं रहेगी तो राष्ट्रवाद क्या रहेगा और यह राष्ट्रवाद के नाम पर लोगों को भड़का रहे हैं बीजेपी वाले, आरएसएस वाले, राष्ट्रवाद का जहर घोल रहे हैं। इनका राष्ट्रवाद छद्म राष्ट्रवाद है। हम लोग बैठें हैं राष्ट्रवादी हैं असली राष्ट्रवादी हम यहां बैठे हुए हैं। उनका छद्म राष्ट्रवाद है चुनाव जीतने के लिए हैं। हिन्दुओं को भड़काने के लिए है। यह नहीं सोचते 20 प्रतिशत आबादी मुस्लिम समुदाय की है वो कहां जाएगी। आज ये मुस्लिम मायनॉरिटी पर हमला कर रहे हैं। कल यह सिखों पर आएंगे। बुद्ध पर आएंगे क्या चाहते हैं ये लोग। मैं चाहता हूं कि हिन्दू राष्ट्र का यह जो सपना है इन लोगों का कभी साकार नहीं होगा और हिन्दू राष्ट्र की बात करने वालों को आखिरी में अपनी बात कह कर मैं बात समाप्त करता हूं। आरएसएस वालों, बीजेपी वालों, सुन लो, क्या एससी का आदमी हिन्दू नहीं है, एसटी का हिंदू नहीं है। आपने कभी कोशिश की छुआछुत मिटाने की इन लोगों के साथ में। कितने परिवार के लोग आपके उनके साथ बैठकर खाना खाते हैं। कितने परिवार के लोगों में छुआछुत मिटाने के लिए अभियान चलाया है आपने। कभी आरएसएस ने चलाया है। हमारे नेताओं ने तो आजादी के वक्त में ही हमारे जो बड़े-बड़े नेता थे। जयनारायण व्यास हो चाहे माणिक्य लाल वर्मा हो, हीरालाल शास्त्री हो। उस जमाने में बड़े-बड़े नेता हरिजनों को मंदिरों में प्रवेश कराना चाहते थे। लाठी-डंडा खाते थे। तुमने क्या किया 70 साल के अंदर आप बात करते हो हिन्दू संस्कारों की, संस्कृति की। परम्पराओं की। क्या यह परम्परा नहीं है कि मानव-मानव के साथ भेद हो रहा हैं। करते हो क्या आप लोग कुछ कोशिश। ये आरएसएस वाले क्या चाहते हैं। हिन्दू की बात करते हैं और हिन्दू के अंदर भी भेदभाव करते हैं। पहले आरएसएस को सब काम छोड़कर के छुआछुत मिटाने का काम करें तब मैं समझूंगा कि आरएसएस का मकसद हिन्दू राष्ट्र बनाने की असली मंशा इनकी है जो यह नहीं कर पाएंगे ये लोग। इसलिए मैं यही बात कहता हुआ आपको आह्वान करूंगा ध्वनि निकल रही है केन्द्र सरकार के मंत्रियों से, इनके मैम्बर पार्लियामेंट से, आरएसएस के नेताओं से, वो ध्वनियां बहुत खतरनाक हैं। कब जाकर के ये घोषणा कर दे कि हम आरक्षण खत्म करते हैं। आगे नहीं बढ़ाएगे कोई भरोसा नहीं है इनका ये भरोसे लायक है ही नहीं है। इसलिए जरूरत पड़ी आज धरने की। यही बात कहता हुआ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं। धन्यवाद, जय हिन्द, धन्यवाद
0 notes
gujjunews · 4 years
Text
लॉकडाउन के कारण देश में बढ़े हुए दूध का उपयोग कहां किया जा रहा है?
लॉकडाउन के कारण देश में बढ़े हुए दूध का उपयोग कहां किया जा रहा है?
Image Source
Gujju 24/7 : लॉकडाउन ने दूध की मांग और आपूर्ति पर सवाल उठाए हैं। हालांकि लॉकडाउन के कारण दूध की खपत में 25% की कमी आई है। जितना उत्पादन हो रहा है, उतना दूध नहीं बिक रहा है। सवाल यह है कि बचे हुए दूध का उपयोग कहां किया जा रहा है।
इसका जवाब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के बीच एक संवाददाता सम्मेलन में आया। हालांकि, जो दूध नहीं बेचा जा रहा है, उसे दूध…
View On WordPress
0 notes
manishajain001 · 4 years
Link
देशव्यापी लॉकडाउन के बाद एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश जाकर अपने खून-पसीने से अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले लाखों श्रमिकों ने पहली बार अपने ही देश की निर्वाचित सरकार के हाथों अपनी बदहाली का इतना कड़वा स्वाद चखा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को देश के उन कई करोड़ निजी क्षेत्र के श्रमिकों और वेतनभोगी कर्मचारियों को बेहद निराश किया जो बिना वजह उनकी सरकार के बिना सोचे-समझे थोपे गए लॉकडाउन के सबसे ज्यादा शिकार हुए हैं।
आर्थिक पैकेज की घोषणा में दो माह से बिना वेतन और बेरोजगारी में भूखे-प्यासे कलप रहे श्रमिकों के खातों में पैसे डालने की घोषणा करने के बजाय सिर्फ इधर-उधर बातें घुमाई गईं। अब तो यही लगता है कि प्रवासी श्रमिकों को अभी कुछ और दिन खाली जेब भूखों मरने को छोड़ दिया गया। वे कब खाली हाथ अपने गांव लौटेंगे। उन्हें काम पर कब वापस बुलाने की बात होगी? दो माह से खाली जेब वे किस भरोसे गांव छोड़ काम-धंधों पर लौटने का जोखिम लेंगे?
तमाम विशेषज्ञों का मानना है कि निर्मला सीतारमण ने ऐसी बातों में ही प्रेस सम्मेलन का वक्त जाया किया जो भारत जैसी बड़ी इकॉनोमी को डील कर रहीं वित्त मंत्री के पद के अनुकूल कतई नहीं। सेंटर फॉर इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) महासचिव और पूर्व राज्यसभा सांसद तपन सेन कहते हैं, “एमएसएमई क्षेत्र को जो पैकेज देने की बातें उछाली गई, वह अनुदान नहीं बल्कि कर्जा है। एक साल की रियायत कर्ज अदायगी में दी गई है, लेकिन बाद में ब्याज पर सूद समेत उसे वापस तो करना ही होगा। श्रमिक वर्ग से सामाजिक सुरक्षा छीनने का रास्ता साफ कर दिया गया है। सत्ता के करीबी बड़े पूंजीपतियों के इशारे पर ही मोदी सरकार ने श्रम कानूनों को इस कदर बेमानी बना दिया। अब पीएफ की दर में भी कटौती तय है।”
लॉकडाउन में पीएम मोदी की बात को देश में कितनी तवज्जो मिली, यह सारे देश के श्रमिकों और निजी क्षेत्र के लोगों ने खुद ही झेल लिया। मोदी की बात कितने निजी उद्योगपतियों ने माना या नहीं माना, इस बारे में पीएमओ को सही जमीनी रिपोर्ट जिलों के श्रम विभाग, पुलिस थानों से लेकर ब्लॉक और जिला स्तर से मंगानी चाहिए थी। देश में अब किसी को भी इस बात की जरा भी उम्मीद नहीं कि जो सरकार कोरोना से लड़ने का बहाना बनाकर श्रमिकों के शोषण और दमन की इबारत लिखकर श्रम कानूनों को ही खत्म कर चुकी है, उस सरकार में इतना नैतिक बल कहां बचा कि वह लॉकडाउन में श्रमिकों के वेतन को अनिवार्य कर पाती।
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने 12 मई की शाम को 8 बजे अपनी चिरपरिचित शैली में देश के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के बेसिर-पैर के पैकेज की घोषणा की। उसके कई पक्षों का खुलासा और पोस्टमॉर्टम भारत में लंबे काल तक होना अभी बाकी है। 20 लाख करोड़ और 2020 की तुकबंदी। लेबर, लॉ, लैंड, लिक्विडिटी को आधार मानकर आगे बढ़ने का दर्शन। लोगों के सिर से ये सारी बातें सरपट ओझल हैं।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने कोराना की इस भयावह आपदा को उपलब्धि में बदलने का जो नारा दिया, वह देश में ज्यादातर लोगों के गले नहीं उतर रहा। विशेषज्ञ जो कोरोना महामारी से निपटने में पीएम मोदी के तौर-तरीकों की पहले दिन से ही आलोचना कर रहे हैं, उनका मानना है कि हर रोज सुबह कोई तीन दर्जन आईएएस अधिकारियों के साथ अपने आवास पर होने वाली बैठक में मिले बाबूओं के टिप्स के बाहर वे अब तक नहीं निकल पाए।
गुजरात में मुख्यमंत्री के तौर पर मोदी की कार्यप्रणाली को 13 वर्षों तक करीब से देखने वाले एक वरिष्ठ पत्रकार का कहना है, ‘‘तुकबंदी और जुमलों के शब्दजाल में बातें गढ़ना मोदी की पुरानी आदत है। वे केवल मजदूरों के साथ सहानुभूति दिखाने का प्रदर्शन करने और खुद सहानुभूति बटोरने के लिए खुद को चाय बेचने वाला, तो कभी अपनी मां के पड़ोस के घरों में मजदूरी करने की बातें करते हैं। श्रमिक कानूनों को खत्म करने में उन्होंने सबसे पहले गुजरात से ही शुरुआत करवा दी।”
जाहिर है कि मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात में श्रमिकों के संवैधानिक अधिकारों को खत्म कर दिया गया। कोरोना संकट की आड़ लेकर देश में श्रम कानूनों को खत्म करने के जरिये स्वतंत्र भारत में श्रमिकों के मौलिक अधिकारों पर यह सबसे बड़ा हमला है। 6 मई को दिल्ली में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ बैठक में श्रम मंत्री गंगवार ने राष्ट्रीय श्रम संगठनों के सुझावों पर अमल की बातें रद्दी की टोकरी में डाल दीं।
गौरतलब है कि पिछले साल 23 जुलाई को मोदी सरकार ने पेशागत सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य शर्तों संबंधी कोड विधेयक लोकसभा में पेश किया और उसे पारित भी करवा लिया। केंद्रीय श्रम संगठनों की अपील थी कि जब तक लॉकडाउन है, तब तक नए श्रम कानूनों को लागू करने की प्रकिया मुल्तवी कर दी जाए। मोदी सरकार को यही मौका सबसे मुफीद लगा और श्रम कानूनों को ही भारत से अलविदा कर दिया।
विशेषज्ञों की नजर में देश को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने का दम भरने वाले वाले पीएम मोदी में भारत को औपनिवेशिक श्रमिक गुलामी की ओर धकेल रहे हैं। विदेशी कपंनियों को लुभाने के लिए जो नए श्रम कानून संसद की स्वीकृति के बिना ही आध्यादेश के जरिये लाद दिए गए, उनसे भारत में श्रमिक क्षेत्र का एक बड़ा वर्ग पराधीनता, शोषण और अराजकता के नए दौर में प्रवेश कर जाएगा। मोदी समर्थकों की नजर में देश के श्रम बाजार को अराजकता और मनमानी की छूट देने के इस क्रूरतम कदम को राष्ट्रवाद के तौर पर जाना जाएगा। श्रम संगठन इसे अंधे युग की खौफनाक संज्ञा दे रहे हैं।
0 notes
cg24xnews · 4 years
Text
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण LIVE: NBFC के लिए 30 हजार करोड़ की स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम, MSME को 3 लाख करोड़ का बिना गारंटी लोन
नई दिल्ली। देश में कोरोना के कारण उभरी वित्तीय समस्याओं को दूर करने और इकोनॉमी को बूस्ट करने के लिए केंद्र सरकार ने आर्थिक मदद करने का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था की गाड़ी को पटरी पर लाने के लिए मंगलवार रात देश के नाम अपने संबोधन में 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की। अब इस पैकेज का इस्तेमाल कहां और कैसे होगा इसकी जानकारी बुधवार को केंद्रीय वित्त…
View On WordPress
0 notes
abhay121996-blog · 4 years
Text
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट में कहां सटीक लगा निशाना, कहां हुआ मिस फायर Divya Sandesh
#Divyasandesh
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट में कहां सटीक लगा निशाना, कहां हुआ मिस फायर
नई दिल्ली वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को देश का आम बजट पेश किया। साल 2021-22 के इस बजट में वित्त मंत्री ने कई तीर चलाए। इनमें से कुछ निशाने पर लगे जबकि कुछ चूक भी गए। कई उम्मीदें पूरी हुईं तो कुछ अधूरी रह गईं। किसी की तारीफ हुई तो किसी में लोगों को कमी नजर आई। हम देखते हैं ऐसे ही वित्त मंत्री के कुछ हिट ऐंड मिस… यहां सटीक लगा निशाना
1. 75 साल या इससे ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को ITR में छूट 75 साल या इससे ज्यादा उम्र के उन सीनियर सिटिजन को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करना होगा, जिनकी आय सिर्फ पेंशन और बैंक में मिलने वाले ब्याज से है। इनका टैक्स बैंक ही TDS के तौर पर काट लेगा। रिटर्न फॉर्म में कैपिटल गेन्स, डिविडेंड और ब्याज से होने वाली आय पहले से भरी होगी।
2. 15 पुरानी कमर्शल, 20 साल पुरानी प्राइवेट गाड़ी स्क्रैप होगी 15 साल पुरानी कमर्शल गाड़ियां और 20 साल पुरानी निजी गाड़ियां स्क्रैप की जा सकेंगी। फिलहाल यह इच्छा पर होगा। अगर आप गाड़ी को कबाड़ में नहीं भेजना चाहते तो फिटनेस सर्टिफिकेट लेना होगा। इस बारे में नियम-शर्तें क्या होंगी, कितना इंसेंटिव मिलेगा, सड़क परिवहन मंत्रालय जारी करेगा।
3. वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़, हेल्थ बजट 137% बढ़ा कोरोना की चुनौतियों से निपटने के लिए हेल्थ सेक्टर की सेहत सुधारने की खातिर इस बार बजट में 137% की बढ़ोतरी की गई। अकेले वैक्सीन के लिए ही 35 हजार करोड़ रुपये तय किए गए हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि जरूरत पड़ी तो और फंड दिया जाएगा।
लेकिन यहां मिस फायर हुआ
1. आम करदाता के लिए नहीं बदला टैक्स स्लैबआम नौकरीपेशा की उम्मीदें टूटीं। इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ है। यानी पिछले साल की ही तरह आपको इस साल भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के दो ऑप्शन मिलेंगे। पुराने सिस्टम में पहले की तरह निवेश पर टैक्स छूट मिलेगी। नए सिस्टम में NPS में 50 हजार तक की छूट है।
2. PF पर 2.5 लाख रुपये से ज्यादा निवेश तो टैक्स प्रोविडेंट फंड में अगर किसी वित्त वर्ष में कुल कॉन्ट्रिब्यूशन 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है तो ढाई लाख रुपये से ज्यादा की उस राशि पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगेगा। यह टैक्स उस शख्स के स्लैब के हिसाब से लगेगा। पीएफ पर कॉन्ट्रिब्यूशन बढ़ाने वालों के लिए यह प्रस्ताव झटका है।
0 notes