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#एनपीएस पर टैक्स छूट
rudrjobdesk · 2 years
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नौकरीपेशा के लिए बचत का बेहतर विकल्प है नेशनल पेंशन सिस्टम, कम जोखिम पर ज्यादा रिटर्न और टैक्स छूट की सुविधा
नौकरीपेशा के लिए बचत का बेहतर विकल्प है नेशनल पेंशन सिस्टम, कम जोखिम पर ज्यादा रिटर्न और टैक्स छूट की सुविधा
आमतौर पर सभी प्रकार के निवेश की अपनी खूबियां और कमियां होती हैं। इसी प्रकार नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) की भी अपनी खूबियां और कमियां हैं। एनपीएस में निवेश, निवेशक के सेवानिवृत्ति लाभों पर केंद्रित… Source link
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divyabhashkar · 3 years
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Budget 2022 tax exemption on national pension system nps epf ppf kcnd
Budget 2022 tax exemption on national pension system nps epf ppf kcnd
नई दिल्ली. केंद्र सरकार बजट 2022 में तीन साल की लॉकइन पीरियड वाली एफडी पर टैक्स छूट देने के साथ एनपीएस सब्सक्राइबर्स (NPS Subscribers) को भी बड़ी राहत दे सकती है. बजट में ईपीएफ (EPF) और पीपीएफ (PPF) की तरह एनपीएस सब्सक्राइबर्स को मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि को टैक्स के दायरे (Tax Exemption) से बाहर किया जा सकता है. साथ ही उन्हें इन पैसों को अपने हिसाब से खर्च करने की आजादी दी जा सकती है. निवेश…
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jainyupdates · 4 years
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निवेश के मंत्र 75: NPS में सभी कर्मचारियों को मिल सकती है छूट , जानिए आपको कैसे होगा फायदा
निवेश के मंत्र 75: NPS में सभी कर्मचारियों को मिल सकती है छूट , जानिए आपको कैसे होगा फायदा
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Updated Mon, 16 Nov 2020 10:23 AM IST
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राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में नियोक्ताओं की ओर से किए जाने वाले 14 फीसदी के योगदान पर सभी  कर्मचारियों को टैक्स छूट मिल सकती है। पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) आगामी बजट के लिए सरकार के…
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kisansatta · 4 years
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INCOME TAX : बजट 2020 की घोषणा के बाद नए वित्तीय वर्ष में लागू हुए नए नियम
नई दिल्ली : आज से शुरू हुए नए वित्त वर्ष के साथ ही सरकार के कई नए नियम भी प्रभावी हो रहे हैं। इससे इतर कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश भर में चल रहे 21 दिन के लॉकडाउन के कारण सरकार ने कुछ नियमों या प्रक्रियाओं की समय सीमा में इजाफा कर दिया है, इससे वे नए वित्त वर्ष के शुरू होने पर भी यथावत बनी रहेंगी। इसमें साल 2018-19 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न की फाइलिंग भी शामिल है। सरकार ने इसकी आखिरी तारीख को आगे बढ़ा दिया है।
आज हम आपको बजट 2020 में घोषित हुए कुछे ऐसे आयकर से जुड़े नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो एक अप्रैल से प्रभावी हो रहे हैं।
1. बजट 2020 में हुई घोषणा के अनुसार, नया टैक्स स्लैब एक अप्रैल से प्रभावी रहेगा। हालांकि, पुराना टैक्स स्लेब भी प्रभावी रहेगा। इससे लोगों के सामने दोनों में से किसी एक का चयन करने का विकल्प रहेगा। बजट में घोषित नए टैक्स स्लैब में 2.5 लाख तक की सालाना आय पर शून्य, 2.5 लाख से 5 लाख तक की सालाना आय पर 5 फीसद, पांच लाख से ऊपर और 7.5 लाख से कम की सालाना आय पर 10 फीसद, 7.5 लाख से ऊपर और 10 लाख से कम सालाना आय पर 15 फीसद, 10 लाख से ऊपर और 12.5 लाख से कम सालाना आय पर 20 फीसद, 12.5 लाख से ऊपर और 15 लाख से कम सालाना आय पर 25 फीसद और 15 लाख से ऊपर की सालाना आय पर 30 फीसद टैक्स का प्रावधान है।
2. म्युचुअल फंड्स और घरेलू कंपनियों से मिला डिविडेंड्स प्राप्तकर्ता के लिए कर योग्य होगा। एक अप्रैल से प्रभावी नए टैक्स नियम से उच्च टैक्स ब्रैकेट्स में आने वाले निवेशकों पर ज्यादा बोझ पड़ेगा, जबकि निचले टैक्स ब्रैकेट्स वाले लोगों के लिए बोझ कम होगा।
3. अगर एनपीएस, ईपीएफ और पेंशन फंड में एक साल में नियोक्ता का योगदान 7.5 लाख रुपये को पार करता है, तो यह कर्मचारी के सिरे पर करयोग्य होगा। आय कर नियम में यह परिवर्तन नए और पुराने दोनों टैक्स स्लैब में लागू होगा।
4. वे लोग जो पहली बार घर खरीद रहे हैं और इसकी कीमत 45 लाख रुपये तक है, तो उनके लिए सरकार ने अतिरिक्त कर लाभ की तारीख को एक साल के लिए 31 मार्च 2021 तक बढा दिया है। 45 लाख तक का घर खरीदने के लिए लोन लेने वाले मकान मालिक को मौजूदा दो लाख की टैक्स छूट के अतिरिक्त ब्याज पर 1.5 लाख की अतिरिक्ट टैक्स छूट का क्लेम करने का मौका मिलेगा।
5. स्टार्टअप्स के कर्मचारियों को राहत देते हुए एक अप्रैल से लागू टैक्स नियमों में उन्हें ESOPs या एंप्लाई स्टॉक ऑनरशिप प्लान के अंदर आवंटित शेयर पर टैक्स भुगतान से मोहलत दी गई है।
https://kisansatta.com/income-tax-new-rules-come-into-effect-in-the-new-financial-year-after-the-announcement-of-the-budget-2020/ #INCOMETAXNewRulesComeIntoEffectInTheNewFinancialYearAfterTheAnnouncementOfTheBudget2020 INCOME TAX: New rules come into effect in the new financial year after the announcement of the budget 2020 Business, Top, Trending #Business, #Top, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
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rohtakmedia-blog · 6 years
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5 लाख तक की टैक्सेबल इनकम टैक्स फ्री
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5 लाख तक की टैक्सेबल इनकम टैक्स फ्री : इस अंतरिम बजट में छोटे करदाताओं पर टैक्स का बोझ घटाने का प्रस्ताव दिया गया है। साल में पांच लाख रुपये तक की कमाई पर टैक्स नहीं देना होगा। यहां तक कि इससे ज्यादा कमाई वाले भी टैक्स देने से बच सकते हैं, बशर्ते आयकर कानून की विभिन्न धाराओं में टैक्स डिडक्शंस क्लेम करने के बाद उनकी इनकम पांच लाख रुपये से कम रह जाए। अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट भाषण में कहा था, '6.5 लाख रुपये की सकल आमदनी वालों को भी टैक्स नहीं देना होगा, बशर्ते वे एक सीमा तक निवेश तय इंस्ट्रूमेंट्स में कर दें।' उदाहरण के लिए, सात लाख रुपये तक की कमाई वाले ऐसे शख्स को टैक्स नहीं देना होगा, अगर वह सेक्शन 80C में 1.50 लाख रुपये का निवेश करे और सेक्शन 80CCD(1B) के तहत 50 हजार रुपये एनपीएस में लगा दे। इन्हे भी पढ़े :- रिस्क लिए बिना बेहतर रिटर्न के, ये हैं निवेश के अच्छे विकल्प स छूट ने सेक्शन 87A के तहत मौजूदा बेनेफिट को बढ़ा दिया है। अब तक साल में 3.5 लाख रुपये तक कमाने वालों को 2,500 रुपये की टैक्स छूट मिलती थी। इस बार के प्रस्ताव में इसे बढ़ाकर 12,500 रुपये कर दिया गया है और इसे पाने की पात्रता सीमा 5 लाख रुपये तक की कमाई को कर दिया गया है। इस छूट का असर ज्यादा कमाई करने वालों पर नहीं पड़ेगा, लेकिन लोअर इनकम ग्रुप के टैक्सपेयर्स इस प्रस्ताव से टैक्स के रूप में 13 हजार रुपये तक की बचत कर सकते हैं। करीब तीन करोड़ टैक्सपेयर्स के टैक्स नेट से बाहर निकल जाने का अनुमान है। इससे सरकार को करीब 18,500 करोड़ रुपये के राजस्व से हाथ धोना पड़ेगा। टैक्स फाइलिंग पोर्टल टैक्सस्पैनरडॉटकॉम के को-फाउंडर सुधीर कौशिक ने कहा, 'इस छूट से केवल लो-इनकम टैक्सपेयर्स को फायदा होगा। दूसरों के मामले में मामूली बदलाव ही आएगा।' ज्यादा कमाई करने वालों के लिए एकमात्र फायदा यह है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन को 10 हजार रुपये बढ़ाकर 50 हजार रुपये करने का प्रस्ताव है। इससे वेतनभोगी करदाताओं का सालाना टैक्स 3000 रुपये घट जाएगा। एक्सपर्ट्स ने इस कदम का स्वागत इस वजह से किया है कि ट्रांसपोर्ट अलाउंस और मेडिकल रीइंबर्समेंट पर टैक्स इग्जेंप्शन खत्म कर पिछले साल स्टैंडर्ड डिडक्शन का असर खत्म कर दिया गया था। क्लीयरटैक्सडॉटकॉम के फाउंडर और सीईओ अर्चित गुप्ता ने कहा, 'स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर 50 हजार रुपये करने से यह बेनिफिट ज्यादा सार्थक हो जाएगा। इस कदम से 80-90 प्रतिशत वेतनभोगी करदाताओं को फायदा होगा।' टैक्स प्लानिंग पर फोकस अंतरिम बजट के प्रस्तावों से टैक्स प्लानिंग पर जोर बढ़ने की संभावना है। थ्रेशोल्ड लिमिट के करीब वाले करदाताओं को यह पक्का करना होगा कि उनकी इनकम 5 लाख रुपये से ज्यादा न हो जाए। अभी सालाना 3.5 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम वाले हर शख्स को सेक्शन 87A के तहत 2,500 रुपये की टैक्स छूट मिलती है। हालांकि यह इनकम 3.5 लाख रुपये से एक रुपया भी ज्यादा होने पर टैक्स छूट खत्म हो जाती है। कई टैक्सपेयर्स को यह भी पता नहीं है कि फिक्स्ड डिपॉजिट्स, बॉन्ड्स और कुछ लघु बचत योजनाओं (स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स) से मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगता है। इसे टैक्सपेयर की आमदनी में जोड़ा जाता है और नॉर्मल रेट से उस पर टैक्स लगाया जाता है। ऐसे करदाता अपने रिटर्न में इस आमदनी का जिक्र करना भूल सकते हैं और इस पर एक सीमा तक मिलने वाली टैक्स छूट का दावा करने से चूक सकते हैं। इन्हे भी पढ़े :- SAMSUNG के फोल्डेबल स्मार्टफोन का इंतजार खत्म, इस तारीख को हो सकता है लॉन्च हालांकि इस ब्याज को जोड़ने पर अगर उनकी टोटल इनकम 5 लाख रुपये से ज्यादा हो जाए तो वे टैक्स छूट पाने लायक नहीं रह जाएंगे। क्लीयरटैक्सडॉटकॉम के गुप्ता ने कहा, 'अधिकतर करदाता इस रिबेट का क्लेम अपना रिटर्न फाइल करते वक्त ही कर सकते हैं। उसी वक्त उन्हें पता लगेगा कि उनकी कुल आमदनी और डिडक्शंस का आंकड़ा क्या है।' एक्सपर्ट्स का कहना है कि बजट प्रस्तावों से टैक्स सेविंग के उपायों का इस्तेमाल बढ़ सकता है। उदाहरण के लिए, 80CCD(2) के तहत एनपीएस बेनिफिट से टैक्सेबल इनकम काफी कम हो सकती है। इसके तहत एंप्लॉयी की बेसिक पे का 10 प्रतिशत तक हिस्सा एंप्लॉयर एनपीएस में रखे तो उस पर टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। टैक्सस्पैनरडॉटकॉम के कौशिक ने कहा, 'अब एनपीएस का 60 प्रतिशत तक मच्योरिटी कॉर्पस टैक्स फ्री है और आपात स्थिति में उसे निकाला जा सकता है। लिहाजा टैक्स सेविंग के लिए इस पेंशन स्कीम का सहारा लिया जा सकता है।' हालांकि, इस बजट में 60 साल से ऊपर के सीनियर सिटीजंस और 80 साल से ऊपर के बहुत सीनियर सिटीजंस के लिए कुछ खास नहीं है। पिछले साल के बजट में सीनियर सिटीजंस के लिए टीडीएस थ्रेशोल्ड बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया गया था। साथ ही, 80 साल से ऊपर के बुजुर्गों के लिए 5 लाख रुपये की बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट है। लिहाजा ताजा प्रस्तावों से उन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। 5 लाख तक की टैक्सेबल इनकम टैक्स फ्री स्त्रोत :- navbharattimes छायाचित्र भिन्न हो सकता है Read the full article
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नई टैक्स व्यवस्था में भी मिलते रहेंगे पुरानी व्यवस्था के कई फायदे, 20 लाख रुपए तक की ग्रेच्युटी पर नहीं लगेगा टैक्स
नई टैक्स व्यवस्था में भी मिलते रहेंगे पुरानी व्यवस्था के कई फायदे, 20 लाख रुपए तक की ग्रेच्युटी पर नहीं लगेगा टैक्स
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वित्त वर्ष की शुरुआत में किसी एक व्यवस्था के चुनाव के बाद आप पूरे वित्त वर्ष के दौरान दूसरी व्यवस्था नहीं चुन सकते।
80CCD (2) के तहत एनपीएस में नियोक्ता के योगदान पर टैक्स छूट का फायदा मिलता रहेगा।
दैनिक भास्कर
May 03, 2020, 08:21 AM IST
नई दिल्ली. एक अप्रैल से शुरू हुए वित्त वर्ष 2020-21 में सैलरीड क्लास को पुरानी और नई इनकम टैक्स व्यवस्था में से किसी एक को चुनने का विकल्प दिया गया है।…
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ajitnehrano0haryana · 5 years
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नई दिल्ली। बजट 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्सपेयर्स को टैक्स सिस्टम के दो विकल्प दिए हैं। टैक्सपेयर पुरानी या नई व्यवस्था, दोनों में से एक चुन सकते हैं। पुरानी व्यवस्था में डिडक्शन्स मिलेंगे लेकिन नए सिस्टम में डिडक्शन्स खत्म कर दिए गए हैं। सरकार का कहना है कि नई व्यवस्था काफी आसान है। आइए जानते हैं कि आपको कौन-से डिडक्शन्स ने सिस्टम के चुनाव पर आपको नहीं मिलेंगे।
स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन सैलरी से हुई कुल कमाई में एक एकमुश्त रकम घटा दी जाती है, जिसे स्टैंडर्ड डिडक्शन कहा जाता है। इस रकम को घटाए जाने के बाद टैक्सेबल इनकम का कैलकुलेशन किया जाता है। फिलहाल सैलरीड को 50,000 रुपये तक स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन मिलता है। यानी नया टैक्स सिस्टम चुना तो आप यह डिडक्शन नहीं ले सकते।
LTA लीव ट्रैवल अलाउंस (एलटीए) कर्मचारी के सीटीसी (कॉस्ट-टू-कंपनी) का हिस्सा होता है। आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10(5) के तहत कर्मचारी ट्रैवलिंग पर होने पर वाले खर्च के लिए छूट का दावा कर सकते हैं। देश में कहीं भी यात्रा करने पर यह छूट मिलती है। एलटीए छूट 4-4 साल के ब्लॉक में 2 यात्राओं के लिए मिलती है। नई टैक्स प्रणाली में आप इसका फायदा नहीं ले पाएंगे।
HRA एचआरए यानी हाउस रेंट अलाउंस किसी कर्मचारी को दिया जाने वाला अलाउंस है, जो मकान का किराया देने के लिए कंपनी देती है। एम्प्लॉयी के हाथ में आते ही यह टैक्सेबल हो जाता है। इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 10(13ए) के तहत कुछ सीमाओं के साथ एचआर पर टैक्स छूट ली जा सकती है। एचआरए के रूप में हुई आमदनी पर टैक्स छूट का फायदा वही उठा सकता है जिसकी सैलरी में एचआरए हो और वह किराये के मकान में रहता हो। नई टैक्स प्रणाली में आप इस छूट के लिए भी दावा नहीं कर पाएंगे।
एंटरटेनमेंट अलाउंस एंटरटेनमेंट अलाउंस कुछ खास कर्मचारियों को मिलता है। प्राइवेट कर्मचारियों के लिए इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्‍शन 16 के तहत यह अलाउंस डिडक्‍शन कि लिस्ट में आता है। गैर-सरकारी कर्मचारी के मामले में यह अलाउंस टैक्सेबल है।
होम लोन पेमेंट पर छूट होम लोन के ब्याज की पेमेंट पर टैक्‍स छूट मिलती है। ब्याज के लिए इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 24बी के तहत 2 लाख रुपये तक का डिडक्शन मिलता है। किराये की प्रॉपर्टी पर ब्याज कटौती के लिए क्लेम करने की कोई ऊपरी सीमा नहीं है।
सेक्‍शन 80सी के तहत मिलने वाली छूट सेक्‍शन 80सी के तहत इन्वेस्टमेंट के कई ऐसे विकल्‍प हैं जिन पर टैक्‍स में फायदा मिलता है। इनमें ईपीएफ, वीपीएफ, पीपीएफ, ईएलएसएस, म्यूचुअल फंड, सुकन्या समृद्धि योजना, टैक्स सेविंग एफडी, पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट, एनपीएस, एनएससी, एससीएसएस , नाबार्ड बॉन्ड और कुछ अन्य शामिल हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम आयकर कानून के सेक्शन 80डी के तहत जीवनसाथी, बच्चों और अपने लिए प्रिवेंटिव हेल्थकेयर चेक-अप के खर्च सहित हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। क्लेम की यह रकम 25,000 रुपये तक हो सकती है। इसके अलावा अगर आप माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते हैं तो 50,000 रुपये तक अतिरिक्त डिडक्शन ले सकते हैं। शर्त यह है कि माता-पिता सीनियर सिटिजन हों। इस तरह आप 75,000 रुपये तक टैक्स बचत कर लेते हैं। लेकिन नए टैक्स सिस्टम में आप यह छूट भी नहीं ले सकते।
डिपेंडेंट का मेडिकल खर्च देश में रहने वाला कोई भी व्यक्ति सेक्शन 80डीडीबी के तहत डिडक्शन क्लेम कर सकता है। अपने या परिवार के डिपेंडेंट सदस्य के मेडिकल खर्च पर यह डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। कानून के तहत डिपेंडेंट के दायरे में जीवनसाथी, बच्चे, माता-पिता, भाई और बहन आते हैं। लेकिन नई व्यवस्था में इस डिडक्शन को भी नहीं क्लेम किया जा सकता।
एजुकेशन लोन के ब्‍याज पर टैक्‍स छूट एजुकेशन के लिए लिया गया लोन भी टैक्स बचाने में मददगार है। अपने, पत्नी या बच्चों के लिए लिए गए एजुकेशन लोन पर टैक्स छूट हासिल मिलती है। कानूनी रूप से आप उसके अभिभावक हैं जिसके लि��� एजुकेशन लोन ले रहे हैं तो इसके ब्याज पेमेंट पर आपको छूट मिलती है। नए टैक्स सिस्टम में आप यह डिडक्शन नहीं ले पाएंगे।
डोनेशन इनकम टैक्स कानून की धारा 80जी के तहत किसी चैरिटेबल संस्था को डोनेशन पर डिडक्शन का फायदा मिलता है। कुछ फंडों और संस्थानों में दान देने पर टैक्स छूट मिलती है। दान की रकम कुल टैक्स योग्य आय से कट जाती है। इस कटौती का फायदा कोई भी टैक्सपेयर ले सकता है।
नया टैक्‍स सिस्टम चुनने वाले इनकम टैक्स ऐक्ट के चैप्‍टर VIए (80सी, 80सीसीसी, 80सीसीडी, 80डी, 80डीडी, 80डीडीबी, 80ई, 80ईई, 80ईईए, 80ईईबी, 80जी, 80जीजी, 80जीजीए, 80जीजीसी, 80आईए, 80-आईएबी, 80-आईएसी, 80-आईबी, 80-आईबीए इत्‍याद‍ि) के तहत उपलब्‍ध किसी भी डिडक्‍शन को क्‍लेम नहीं कर सकेंगे।
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sonita0526 · 5 years
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नई शिशु व्यवस्था में भी वीआरएस में मिलने वाली पांच लाख रुपये तक की राशि पर कोई टैक्स नहीं लगेगा
नई शिशु व्यवस्था में भी वीआरएस में मिलने वाली पांच लाख रुपये तक की राशि पर कोई टैक्स नहीं लगेगा
नई दिलवाली:
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निश्चित रूप से शिशु की नई व्यवस्था (नई आयकर प्रणाली) में अब तक मिलने वाली कई रियासतों और छूट को समाप्त करने की घोषणा कर दी है लेकिन सरकार का कहना है कि नई कर व्यवस्था में भी पेंशन, एनपीएस निकासी के अलावा वीआरएस (वीआरएस) में मिलने वाली पांच लाख रुपये तक की राशि पर कर छूट उपलब्ध होगी। वित्त मंत्री ने शनिवार को संसद में पेश किया 2020-21 के बजट में…
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googleyoffer-blog · 5 years
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एनपीएस में निवेश पर टैक्स छूट की सीमा 50 हजार रुपए से बढ़ाकर 1 लाख की जाए: पीएफआरडीए
एनपीएस में निवेश पर टैक्स छूट की सीमा 50 हजार रुपए से बढ़ाकर 1 लाख की जाए: पीएफआरडीए
नई दिल्ली.पेंशन फंड रेग्युलेटर पीएफआरडीए ने नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) में निवेश पर टैक्स छूट की सीमा 50 हजार रुपए से बढ़ाकर 1 लाख रुपए करने का प्रस्ताव दिया है। पीएफआरडीए के पूर्णकालिक सदस्य सुप्रतिम बंधोपाध्यायय के मुताबिक सरकार के साथ बजट पूर्व चर्चा में यह प्रस्ताव रखा गया। एनपीएस में 14% योगदान टैक्स फ्री होने का फायदा राज्य कर्मचारियों और केंद्र-राज्य की स्वायत्त संस्थाओं के कर्मचारियों…
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knockingnews-blog · 7 years
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1 अप्रैल से चलेगी 'जेब पर कैंची', पढ़ लें ये नियम, कुछ-कुछ अच्छा भी है #newrules#1stapril#aprilfool नई दिल्ली: 1 अप्रैल से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष के साथ ही इनकम टैक्स से जुड़े कुछ खास नियमों में बदलाव हो जाएगा. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट 2017 में इनकम टैक्स में कई बदलावों की भी घोषणा की थी. वित्त विधेयक में कुछ बदलावों को लोकसभा ने अपनी मंजूरी दे दी है. ऐसे में आप भी जान लीजिए कि नए वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल से क्या कुछ बदलने वाला है: ढाई लाख से 5 लाख रुपये के बीच की इनकम वालों का टैक्स 10 % से घटाकर 5 फीसदी कर दिया जाएगा. हालांकि, सेक्शन 87ए के तहत मिलने वाली 5000 रुपये की छूट को घटाकर 2500 रुपये कर दी गई है. इतना ही नहीं, जिन आयकर दाताओं की आय 3.5 लाख रुपये से ऊपर है उनके लिए कोई छूट नहीं है. इसका मतलब यह होगा कि 3 से 5 लाख रुपये की करयोग्य आय वालों को 7,700 रुपये की बचत होगी, जबकि 5 से 50 लाख रुपये टैक्‍सेबल इनकम वालों को 12,900 रुपये की बचत होगी. 50 लाख से लेकर एक करोड़ रुपये तक की वार्षिक आय वाले लोगों को 10 प्रतिशत सरचार्ज देना होगा. (वहीं एक करोड़ रुपये सालाना इनकम वाले लोगों को पहले की ही तरह 15 प्रतिशत सरचार्ज देना होगा.) पांच लाख रुपये की सालाना आय (व्यावसायिक ��नकम के अलावा) वाले व्‍यक्तिग�� करदाताओं के लिए सुविधा के लिए टैक्‍स रिटर्न फाइल करने के लिए एक पेज का फॉर्म पेश किया जाएगा. राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्‍कीम में निवेश पर आकलन वर्ष 2018-19 के लिए किसी भी प्रकार का कर लाभ नहीं मिलेगा. इस टैक्‍स सेविंग स्‍कीम की घोषणा वित्‍त वर्ष 2012-13 में की गई थी. यह योजना प्रतिभूति बाजार में पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों को प्रोत्‍साहित करने के लिए शुरू की गई थी. यदि सर्च ऑपरेशन के दौरान 50 लाख रुपये से अधिक की अघोषित आय या संपत्ति का पता चलता है तो आयकर अधिकारी पिछले 10 साल के कर मामलों को दोबारा खोल सकते हैं. वर्तमान में कर अधिकारियों को पिछले छह साल के दस्‍तावेजों की ही छानबीन करने का अधिकार हासिल है. समय पर अपना रिटर्न फाइल नहीं करने वाले करदाताओं को आकलन वर्ष 2018-19 के लिए 10,000 रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है. हालांकि, यदि किसी व्‍यक्ति की कुल आय 5 लाख रुपये से अधिक नहीं है, तो इस धारा के तहत उस पर अधिक‍तम जुर्माने की राशि 1,000 रुपये से अधिक नहीं होगी. लांग टर्म गेन के लिए किसी संपत्ति के होल्डिंग पीरियड को 3 साल से घटाकर अब 2 साल कर दिया गया है. यदि कोई व्‍यक्ति संपत्ति खरीदकर उसे 2 साल के भीतर ही बेच देता है तो उसे इस पर होने वाले लाभ पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्‍स देना होगा. यदि इस संपत्ति की बिक्री खरीदने की तारीख से दो साल बाद की जाती है तो उस पर कोई टैक्‍स देय नहीं होगा. सरकार ने किराये पर घर देने वालों के कर लाभ में कटौती कर दी है. मौजूदा कर कानून के मुताबिक किराये पर दी गई संपत्ति के लिए करदाता रेंटल इनकम को समायोजित करने के बाद होम लोन पर चुकाए जाने वाले संपूर्ण ब्‍याज पर टैक्‍स कटौती का लाभ ले सकता है. अब नए नियम के मुताबिक खुद के रहने वाले मकान के लिए होम लोन पर ब्‍याज के भुगतान में 2 लाख रुपये पर टैक्‍स कटौती का लाभ मिलेगा लेकिन रेंट पर दी गई प्रॉपर्टी के लिए करदाता रेंटल इनकम एडजस्‍ट करने के बाद प्रतिवर्ष केवल 2 लाख रुपये पर ही टैक्‍स लाभ हासिल कर सकेगा. दो लाख रुपये से अधिक की राशि को अगले आठ असेसमेंट वर्षों तक आगे ले जाया जा सकेगा. प्रतिमाह 50,000 रुपये से अधिक के किराये का भुगतान करने वाले व्‍यक्ति को अब 5 प्रतिशत टीडीएस (स्रोत कर कर) काटना होगा. कर विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से ऐसे व्‍यक्ति जिनकी रेंटल इनकम बहुत अधिक है, वो कर के दायरे में आ जाएंगे. यह नियम एक जून 2017 से प्रभावी होगा नेशनल पेंशन सिस्‍टम (एनपीएस) से आंशिक निकासी/आहरण पर कोई टैक्‍स नहीं लगेगा. प्रस्‍तावित बदलावों के अनुसार, एनपीएस सब्‍सक्राइबर्स अपने अंशदान का 25 प्रतिशत हिस्‍सा रिटायरमेंट से पहले आपातकालीन स्थिति में निकाल सकेंगे. यह याद रखें कि रिटायरमेंट पर कुल फंड का 40 प्रतिशत हिस्‍सा ही कर मुक्त होता है. एक जुलाई से पैन कार्ड बनवाने और इनकम टैक्‍स दाखिल करने के लिए आधार नंबर अनिवार्य होगा. सरकार ने कालेधन की रोकथाम के लिए नकद लेनदेन की सीमा भी 3 से घटाकर अब 2 लाख रुपये कर दी गई है. यदि कोई व्‍यक्ति दो लाख रुपये से अधिक का लेनदेन करते पाया जाता है तो उसे इस सीमा से अधिक राशि पर 100 प्रतिशत जुर्माना देना होगा.
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poonamranius · 3 years
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Benefits of APY And NPS : अटल पेंशन योजना और राष्ट्रीय पेंशन योजना के लाभ, जानिए यहाँ
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Benefits of APY And NPS अटल पेंशन योजना और राष्ट्रीय पेंशन योजना के लाभ, जानिए यहाँ : जानिए अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) और राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension Yojana) के लाभ। जानिए, APY और NPS में क्या अंतर है, और जानिए क्या है निवेश के लिए बेहतर? जब भी पेंशन की बात आती है तो सबसे पहले जो बात दिमाग में आती है वह है रिटायरमेंट के बाद गारंटीड इनकम। बाजार में कई तरह की पेंशन योजनाएं (Pension Schemes) उपलब्ध हैं, जो सरकार के साथ-साथ कई निजी कंपनियों द्वारा पेश की जाती हैं, जिनमें से किसी एक को चुनना एक मुश्किल काम है। Benefits of APY And NPS Benefits of APY And NPS सेवानिवृत्ति योजना – अटल पेंशन योजना (APY) और राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के संदर्भ में दो पेंशन योजनाओं को बहुत पसंद किया जाता है। आप अपनी जरूरत के हिसाब से कोई एक स्कीम चुन सकते हैं। अटल पेंशन योजना क्या है – APY: अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) भारत सरकार की एक गारंटीड पेंशन योजना है, जिसका संचालन पीएफआरडीए द्वारा किया जा रहा है। यह योजना (APY) मुख्य रूप से असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए है। भारत सरकार गारंटी प्रदान करती है। इस पेंशन योजना (Pension Scheme) का लाभ लेने के लिए आपकी उम्र कम से कम 18 और अधिकतम 40 साल होनी चाहिए। इस योजना (Atal Pension Yojana) के तहत कम से कम 20 साल के लिए निवेश करना होगा। अटल पेंशन योजना (APY) के तहत आप मैच्योरिटी से पहले निवेश किए गए पैसे को नहीं निकाल सकते हैं। अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) के तहत निवेशकों को निवेश का कोई विकल्प नहीं दिया जाता है। राष्ट्रीय पेंशन योजना क्या है – NPS: सरकारी कर्मचारियों के लिए जनवरी 2004 में राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension Scheme) शुरू की गई थी। इसे 2009 में सभी लोगों के लिए खोल दिया गया था। NPS में कोई भी व्यक्ति नियमित रूप से एक निश्चित राशि का निवेश कर सकता है। NPS एक सेविंग अकाउंट की तरह काम करता है, जहां से आप अपनी जरूरत के हिसाब से पैसे निकाल सकते हैं। यदि आप राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension Scheme) में निवेश करना चाहते हैं, तो यह आवश्यक है कि आपकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो, इसके लिए अधिकतम आयु सीमा 55 है। एनपीएस में निवेशकों को विकल्प दिया जाता है, जहां वे अपनी जरूरत या इच्छा के अनुसार निवेश करना चुन सकते हैं। खातों के प्रकार राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension Scheme) में दो प्रकार के खाते हैं: टियर 1 और टियर 2। टियर 1 से 60 वर्ष की आयु तक फंड नहीं निकाला जा सकता है। Tier II NPS अकाउंट एक सेविंग अकाउंट की तरह काम करता है, जहां से ग्राहक अपनी जरूरत के हिसाब से पैसे निकाल सकता है. दूसरी ओर, अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) में केवल एक ही प्रकार का खाता है। अटल पेंशन योजना और राष्ट्रीय पेंशन योजना के लाभ योजना कौन ले सकता है? भारत का कोई भी निवासी अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) में निवेश कर सकता है। दूसरी ओर, कोई भी निवेशक, जो भारत के नागरिक हैं, राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension Scheme) में पैसा लगा सकते हैं। इसके अलावा एनआरआई भी इस योजना में निवेश कर सकते हैं। गारंटी पेंशन की गारंटी की बात करें तो अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) में निवेश करने पर रिटायरमेंट के बाद गारंटीड पेंशन मिलती है। वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension Scheme) में सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन की कोई गारंटी नहीं है। दरअसल, एनपीएस (NPS) पूंजी बाजार से जुड़ा हुआ है। इसलिए इसमें लाभ की कोई गारंटी नहीं है। टैक्स लाभ धारा 80सीसीडी की उप धारा 80सीसीडी (1) इस पेंशन योजना (Pension Yojana) में जमा राशि पर कर छूट प्रदान करती है। मौजूदा आयकर प्रावधानों के अनुसार, धारा 80CCD राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension Scheme) खाते पर कर कटौती का लाभ प्रदान करती है। स्वरोजगार करने वाले व्यक्ति को उसकी कुल आय का 20 प्रतिशत तक पेंशन खाते में मिलता है, जो अधिकतम 1.5 लाख रुपये है। वेतनभोगी कर्मचारियों को उनके वेतन के 10 प्रतिशत तक की छूट मिल सकती है। इसके अलावा एक और उप-धारा 80CCD (1B) भी है, जिसके तहत वेतनभोगी कर्मचारी और स्व-नियोजित व्यक्ति दोनों अपनी ओर से NPS खाते में जमा करके अतिरिक्त कर छूट का लाभ उठा सकते हैं। यह 50000 रुपये तक होगा। वहीं अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) की बात करें तो इसमें निवेशकों को किसी तरह का टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता है। मैच्योरिटी से पहले पैसे निकालें राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension Scheme) के तहत, टियर II एनपीएस (NPS) खाता एक बचत खाते की तरह काम करता है जहाँ से आप अपनी आवश्यकता के अनुसार पैसे निकाल सकते हैं। अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) के तहत आप मैच्योरिटी से पहले निवेश किए गए पैसे को नहीं निकाल सकते हैं। इसका मतलब यह है कि अगर आप योजना में निवेश करने के कुछ समय बाद अपना विचार बदलते हैं और आप कहीं और निवेश करना चाहते हैं तो उसके पास यह सुविधा नहीं है। हालांकि, अगर इस अवधि के दौरान निवेशक की मृत्यु हो जाती है या उसका स्वास्थ्य गंभीर रूप से बीमार हो जाता है, तो निकासी पर विचार किया जा सकता है। निवेश एनपीएस (National Pension Scheme) में निवेशकों को विकल्प दिया जाता है, जहां वे अपनी जरूरत या इच्छा के अनुसार चुन सकते हैं। वहीं अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) के तहत निवेशकों को निवेश का कोई विकल्प नहीं दिया जाता है। Read the full article
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poonamranius · 3 years
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National Pension System 5 Big Changes : एनपीएस में 5 बड़े बदलाव, जानें नए नियम
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National Pension System 5 Big Changes : जो लोग राष्ट्रीय पेंशन योजना ( National Pension Scheme ) के ग्राहक हैं, यहां आपके लिए एक अच्छी खबर है। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली ( National Pension System ) नवीनतम अपडेट के अनुसार, पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने कहा कि वह जल्द ही निवेशकों को एक वित्तीय वर्ष में अपने निवेश पैटर्न को चार बार तक बदलने की अनुमति देने जा रहा है। National Pension System 5 Big Changes NPS National Pension System 5 Big Changes राष्ट्रीय पेंशन योजना ( National Pension Scheme ) में पीएफआरडीए के अध्यक्ष सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने विवरण देते हुए एक बयान में कहा कि ग्राहक निवेश छूट में वृद्धि की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब तक, ग्राहक राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली ( National Pension System ) योजना के तहत एक वित्तीय वर्ष में दो बार निवेश पैटर्न बदल सकते हैं ! “अब, बहुत कम समय में, हम इसे चार गुना तक बढ़ाने जा रहे हैं क्योंकि अनुरोध हैं कि आप अधिक संख्या में (निवेश पैटर्न को बदलने के लिए) अनुमति दें,” उन्हें एक समाचार पोर्टल द्वारा उद्धृत किया गया था। National Pension System 5 Big Changes राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली ( National Pension System ) सरकार द्वारा दी जाने वाली सेवानिवृत्ति सह पेंशन योजना है। एनपीएस में निवेश करने से निवेशकों को टैक्स सेविंग और रिटायरमेंट प्लानिंग का दोहरा फायदा मिलता है। राष्ट्रीय पेंशन योजना ( National Pension Scheme ) खाते में योगदान धारा 80 सी के तहत कटौती के माध्यम से व्यक्तियों को लाभ प्रदान करता है। यह न केवल आपकी सेवानिवृत्ति योजना को सुरक्षित करता है, बल्कि यह सालाना 1,50,000 रुपये तक के करों को भी बचाता है। सबसे अच्छी बात यह है कि निजी और सरकारी दोनों कर्मचारी इस सेवानिवृत्ति योजना योजना में निवेश कर सकते हैं। हाल के महीनों में पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा एनपीएस में कुछ बदलाव किए गए हैं। आइए देखते हैं क्या हैं ये बड़े बदलाव; एनएसीएच मैंडेट के माध्यम से एनपीएस में लेनदेन फंड ट्रांसफर प्रक्रिया में मौजूदा चुनौतियों को रोकने के लिए पीएफआरडीए ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली ( National Pension System ) लेनदेन में नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (एनएसीएच) जनादेश को सक्षम किया है। एनएसीएच मैंडेट की मदद से प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस (पीओपी) और अन्य एनपीएस वितरकों के लिए पूरी लेनदेन प्रक्रिया डिजिटल हो जाएगी । राष्ट्रीय पेंशन योजना ( National Pension Scheme ) पीएफआरडीए ने नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा संचालित नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस के माध्यम से ट्रस्टी बैंक और सेंट्रल रिकॉर्ड कीपिंग द्वारा संयुक्त रूप से एनएसीएच मैंडेट की शुरुआत की। संपूर्ण संचित पेंशन धन को वापस ले लें अब परिपक्वता पर, पीएफआरडीए ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली ( National Pension System ) ग्राहकों को पेंशन राशि 5 लाख रुपये से कम होने पर वार्षिकी खरीदे बिना पूरी संचित पेंशन राशि निकालने की अनुमति दी है। वर्तमान में, व्यक्ति राष्ट्रीय पेंशन योजना ( National Pension Scheme ) खाते में जमा राशि का 60 प्रतिशत तक निकाल सकता है, जबकि शेष 40 प्रतिशत का उपयोग वार्षिकी योजना खरीदने के लिए किया जाता है। समयसीमा में छूट : National Pension System 5 Big Changes PFRDA ने महामारी की दूसरी लहर के बीच राष्ट्रीय पेंशन योजना ( National Pension Scheme ) और NPS लाइट- स्वावलंबन योजना के तहत गतिविधियों के लिए समयसीमा में ढील दी है। प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस (पीओपी) को पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस) विनियम, 2018 के तहत निर्धारित टर्न अराउंड टाइम (टीएटी) के भीतर राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली ( National Pension System ) से संबंधित गतिविधियों को करने की सलाह दी जाती है, ताकि समय पर यह सुनिश्चित किया जा सके। और ग्राहकों को कुशल सेवा, यह पेंशन नियामक ने उल्लेख किया है। स्व-घोषणा के माध्यम से आंशिक निकासी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली ( National Pension System ) में आंशिक निकासी की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए और राष्ट्रीय पेंशन योजना ( National Pension Scheme ) ग्राहकों के लिए इसे सरल, ऑनलाइन और पेपरलेस बनाने के लिए, उन्हें स्व-घोषणा के आधार पर आंशिक निकासी की अनुमति देने का निर्णय लिया गया था और इस तरह से समर्थन करने वाले दस्तावेजों को जमा करने से दूर किया गया था । डी रेमिट के तहत जमा योगदान राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली ( National Pension System ) के ग्राहक आईएमपीएस का उपयोग करके डी रेमिट (या प्रत्यक्ष प्रेषण) के तहत अपने खातों में योगदान जमा कर सकते हैं। पेंशन नियामक ने कहा, “पीएफआरडीए को तत्काल भुगतान प्रणाली (आईएमपीएस), भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा प्रदान की जाने वाली तत्काल निधि हस्तांतरण सुविधा का उपयोग करके डी रेमिट में अंशदान को सक्षम करने की घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है।राष्ट्रीय पेंशन योजना ( National Pension Scheme ) का लाभ लेना आसान है ! Read the full article
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poonamranius · 3 years
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NPS Online Investment : एनपीएस में निवेश क्यों है फायदेमंद, जानिए कैसे करें ऑनलाइन निवेश
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NPS Online Investment : NPS का मतलब राष्ट्रीय पेंशन योजना ( National Pension Scheme ) है ! अगर आप नौकरीपेशा हैं और भविष्य के लिए बचत करना चाहते हैं ! या कहें रिटायरमेंट, तो एनपीएस में निवेश ( NPS Investment ) करना आपके भविष्य के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है ! इसमें निवेश करने से पहले अगर आपके मन में किसी भी तरह की अगर-मगर है तो उसका समाधान भी जरूरी है ! और यह जानना बेहद जरूरी है कि आखिर यह आपके लिए फायदेमंद क्यों है | NPS Online Investment NPS Online Investment दरअसल, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली ( National Pension System), पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) द्वारा शुरू की गई एक बचत योजना है ! यह एक स्वैच्छिक अंशदायी योजना है, जो केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जाती है ! सरकार द्वारा शुरू की गई इस एनपीएस योजना ( NPS Yojana ) का उद्देश्य देश में पेंशन सुधारों को स्थापित करना और लोगों में सेवानिवृत्ति के लिए बचत करने की आदत डालना है ! इसके तहत, आप एक व्यक्तिगत सेवानिवृत्ति खाता संख्या (PRAN) खोल सकते हैं ! जिसमें कामकाजी जीवन के दौरान पेंशन राशि को बचाया जा सकता है ! यह राष्ट्रीय पेंशन योजना ( National Pension Scheme ) सभी के लिए खुली है और सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य भी है ! आइए जानते हैं कैसे है एनपीएस आपके लिए फायदेमंद और कैसे आप इसमें ऑनलाइन निवेश ( Online Investment ) कर सकते हैं ! निवेश के बाद अच्छा रिटर्न - राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली ( National Pension System ) एक ऐसी स्कीम है,! जो हमें पैसा लगाने का मौका देती है ! इसमें कुछ साल निवेश करने पर अच्छा एमपीपीएस रिटर्न मिलता है ! - परिवार की जरूरतों पर पैसा खर्च किया जा सकता है ! - सेवानिवृत्ति ( Retirement ) के समय आप अपने परिवार की जरूरतों और खर्चों को प्रबंधित करने के लिए निवेश के माध्यम से इस योजना में बचाई गई राशि का उपयोग कर सकते हैं ! - निवेश के पैसे का इस्तेमाल बीमा पॉलिसी लेने में भी किया जा सकता है ! - अगर आप एनपीएस ( NPS ) में निवेश कर रहे हैं तो आप इसमें निवेश की गई राशि का इस्तेमाल जीवन बीमा पॉलिसी लेने के लिए भी कर सकते हैं ! इसके साथ ही आप अपनी कमाई का एक हिस्सा उम्र के हिसाब से एकमुश्त भी निकाल सकते हैं ! कौन ले सकता है एनपीएस https://www.pfrda.org.in/ के अनुसार भारत का कोई भी नागरिक और! विदेश में रहने वाला भारत का नागरिक (OCI) सरकार की इस राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली ( National Pension System ) को ले सकता है, जिसकी उम्र 18 के बीच होनी चाहिए ! 65 वर्ष तक और केवाईसी के अनुरूप होना चाहिए ! एनपीएस ( National Pension Scheme ) में निवेश के लिए दो तरह के खाते खोले जाते हैं ! इसमें पहले प्रकार के खाते को टियर I कहा जाता है ! दूसरे प्रकार का खाता टियर II है ! एनपीएस पर टैक्स छूट मिलती है - आयकर की धारा 80सीसीडी(1) के तहत मूल वेतन और महंगाई भत्ता का 10 प्रतिशत या स्व-नियोजित व्यक्तियों के लिए आयकर की धारा 80सीसीई के तहत कुल आय का 20 प्रतिशत, जिसकी अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपये है ! पात्र कर से छूट प्राप्त है ! - आयकर की धारा 80सीसीई के तहत 50,000 रुपये तक की अतिरिक्त कटौती पर ! - यदि एनपीएस ( NPS ) ग्राहक नियोक्ता से अंशदान प्राप्त कर रहा है ! तो आयकर की धारा 80सीसीडी(2) के तहत लाभ के अतिरिक्त 80सीसीई के तहत इसका दावा किया जा सकता है ! निवेशकों को मिलता है दोहरा फायदा अगर कोई राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली ( National Pension System ) में निवेश करता है तो निवेशक को दोहरा फायदा होता है ! सबसे पहले, इस एनपीएस योजना ( NPS Yojana ) में निवेश करने के बाद, व्यक्ति को सेवानिवृत्ति की आयु तक एक निश्चित अवधि में चक्रवृद्धि का लाभ मिलता है ! दूसरा, खाता बनाए रखने की लागत बहुत कम है, इसलिए सेवानिवृत्ति तक राशि बढ़ जाती है ! ऑनलाइन निवेश करना आसान (NPS Online Investment) एनपीएस अकाउंट ( NPS Account ) को ऑनलाइन मैनेज करना बहुत आसान है ! आप ई-एनपीएस पोर्टल के जरिए भी राष्ट्रीय पेंशन योजना ( National Pension Scheme ) का खाता खुलवा सकते हैं ! इतना ही नहीं इस पोर्टल के जरिए आप अपने खाते में ऑनलाइन निवेश भी कर सकते हैं ! इसके लिए आपको e-NPS पोर्टल पर एक PRAN अकाउंट खोलना होगा ! इसके लिए सब्सक्राइबर को एक लॉगइन आईडी और पासवर्ड दिया जाएगा ! और इसके बाद लॉग इन करके ऑनलाइन में, कोई भी व्यक्ति आप खाते को देख या प्रबंधित कर सकते हैं ! Read the full article
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poonamranius · 3 years
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Atal Pension Yojana Latest – Update : कौन कर सकता है अटल पेंशन योजना में आवेदन, क्या मिलेंगे लाभ
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Atal Pension Yojana Latest – Update : वर्तमान में अटल पेंशन योजना ( Atal Pension Yojana ) सबसे ज़्यादा प्रचलन में है ! पेंशन लोगों को मासिक आय प्रदान करती है। इस समय सरकार कई पेंशन चला रही है। इन योजनाओं में शामिल अटल पेंशन योजना ( APY ) युवाओं और महिलाओं को काफी पसंद आ रही है। संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2022 से पता चला है कि सितंबर 2021 तक इस पेंशन ( Pension ) योजना से जुड़ने वाले 43 फीसदी लोगों की उम्र 18 से 25 साल के बीच है. मार्च 2016 में अटल पेंशन योजना में इस आयु वर्ग की हिस्सेदारी 29 प्रतिशत थी । Atal Pension Yojana Latest – Update APY Atal Pension Yojana Latest – Update अटल पेंशन योजना ( Atal Pension Yojana ) भी बहुत सारी महिलाओं को आकर्षित कर रही है। मार्च 2016 में जहां महिलाओं की भागीदारी 37 फीसदी थी, वहीं सितंबर 2021 तक यह बढ़कर 44 फीसदी हो गई है। आर्थिक सर्वेक्षण से पता चलता है कि अधिक लोग 1,000 रुपये मासिक पेंशन को अपना रहे हैं। मार्च 2016 में 38 फीसदी लोगों ने 1,000 रुपये मासिक पेंशन ( Pension ) का विकल्प चुना, जबकि सितंबर 2021 में यह आंकड़ा बढ़कर 78 फीसदी हो गया। इस APY योजना के अंतर्गत आने वाले कुल लोगों में से 8 प्रतिशत ने 2,000, 3,000 और 4,000 रुपये मासिक पेंशन का विकल्प चुना है। 14% लोगों ने 5,000 रुपये मासिक पेंशन के विकल्प को प्राथमिकता दी है। यह है अटल पेंशन योजना : Atal Pension Yojana Latest – Update अटल पेंशन योजना ( Atal Pension Yojana ) में 18 वर्ष या उससे अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति निवेश कर सकता है। यदि 18 वर्ष का व्यक्ति 42 रुपये प्रतिमाह जमा करता है तो 60 वर्ष की आयु में उसे 1,000 रुपये प्रतिमाह पेंशन मिलेगी। वहीं, 18 साल की उम्र में हर महीने 210 रुपये पेंशन ( Pension ) जमा करने पर सेवानिवृत्ति के बाद 5,000 रुपये मासिक पेंशन मिलती है। हालांकि, उम्र के साथ प्रीमियम राशि बढ़ती जाती है। अगर 40 साल की उम्र में कोई व्यक्ति अटल पेंशन योजना ( APY ) का लाभ लेना चाहता है तो उसे 1 हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन के लिए 291 रुपये प्रति माह, जबकि 5 हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन के लिए 1,454 रुपये जमा करने होंगे. ये हैं योग्यताएं – - भारत का नागरिक होना चाहिए। - आवेदक की उम्र 18-40 साल के बीच होनी चाहिए। - एक बैंक खाता है जो आधार कार्ड से जुड़ा हुआ है। - आवेदक के पास मोबाइल नंबर होना चाहिए। - पहले से अटल पेंशन का लाभार्थी नहीं है। Atal Pension Yojana Latest – Update : ये लाभ प्राप्त करें अगर अटल पेंशन योजना ( Atal Pension Yojana ) में मिलने वाले फायदों की बात करें तो इसमें कई तरह के फायदे मिलते हैं। उदाहरण के लिए अगर आप इस APY योजना में निवेश करते हैं तो आपको हर महीने 5 हजार रुपये पेंशन ( Pension ) के रूप में मिलते हैं, योजना में निवेश करने पर आयकर में छूट मिलती है आदि। ये है अप्लाई करने का तरीका – - इसके लिए आपको सबसे पहले इस अटल पेंशन योजना ( Atal Pension Yojana ) की आधिकारिक वेबसाइट enps.nsdl.com /eNPS/ National Pension System. html पर जाना होगा। फिर यहां एपीवाई एप्लीकेशन पर क्लिक करें और अपना आधार विवरण भरें। अब अपने मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी दर्ज करें और बैंक खाता विवरण भरें। - फिर आपको अपना बैंक अकाउंट वेरिफाई करवाना होगा, जिसके बाद यह अकाउंट एक्टिवेट हो जाएगा। इसके बाद आपको नॉमिनेशन भरना होगा और अपना पेंशन ( Pension ) प्रीमियम जमा करने के बारे में भी। अंत में, ई-साइन करें और फिर इसे सत्यापित किया जाएगा। इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद आपका रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाएगा। कई लाभ उपलब्ध हैं अटल पेंशन योजना ( Atal Pension Yojana ) के प्रीमियम पर आयकर की धारा 80सीसीडी के तहत टैक्स का लाभ मिलता है। धारा 80CCD के तहत कटौती की अधिकतम सीमा 2 लाख रुपये है। इसमें 50,000 रुपये की अतिरिक्त कटौती का लाभ भी शामिल है। 3 करोड़ 90 लाख लोग जुड़े 12 अक्टूबर 2021 तक 3 करोड़ 90 लाख लोग अटल पेंशन योजना ( APY ) से जुड़ चुके थे। इस योजना में इन लोगों का योगदान 16109 करोड़ रुपये है। अटल पेंशन योजना लगभग हर बैंक और डाकघर में उपलब्ध है। सितंबर 2020 से सितंबर 2021 तक नई पेंशन योजना और अटल पेंशन ( Pension ) योजना के ग्राहकों की संख्या में 23.7% की वृद्धि हुई है। सितंबर 2020 में, 37.4 मिलियन लोग उनसे जुड़े थे, जो 2021 में बढ़कर 46.3 मिलियन हो गए। एनपीएस के तहत कुल योगदान भी एक वर्ष में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सभी पात्र इस अटल पेंशन योजना ( Atal Pension Yojana ) का लाभ ले सकतें है ! Read the full article
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poonamranius · 3 years
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Best Small Saving : करना चाहते हैं निवेश, तो जानें PPF और NPS में कौन है ज्यादा फायदेमंद
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Best Small Saving : समय के साथ महंगाई भी बढ़ रही है ! ऐसे में सभी को अपने भविष्य की चिंता सताने लगती है ! अगर आप भी वेतनभोगी हैं और भविष्य में निवेश की तलाश कर रहे हैं, तो नेशनल पेंशन स्कीम ( National Pension Scheme ) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) दोनों ही निवेश के अच्छे विकल्प हैं ! इन निवेशों में निवेश ( Investment ) करके आप अपनी बचत पर सुनिश्चित रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं ! Best Small Saving राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली ( National Pension System ) में रिटर्न की कोई गारंटी नहीं है ! इसलिए यह निवेश की दृष्टि से सुरक्षित नहीं है ! एनपीएस ( NPS ) का रिटर्न पेंशन फंड मैनेजरों के प्रदर्शन पर निर्भर करता है ! इसलिए, यदि आप अपने प्रबंधक के प्र��र्शन से संतुष्ट नहीं हैं, तो आप प्रबंधक को बदल सकते हैं ! पीपीएफ रिटर्न ( PPF Return ) सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है ! इसकी राशि का उपयोग भी सरकार करती है ! इसलिए इसमें काफी जोखिम शामिल है ! डिफ़ॉल्ट रूप से यहां लगभग कोई जोखिम नहीं है ! क्या है पीपीएफ सार्वजनिक भविष्य निधि ( Public Provident Fund ) की शुरुआत 1968 में वित्त मंत्रालय के राष्ट्रीय बचत संस्थान द्वारा भारत में एक बचत साधन के रूप में की गई थी ! पब्लिक प्रोविडेंट फंड लंबी अवधि के लिए निवेश का बेहतर विकल्प है ! पीपीएफ में निवेश ( PPF Small Saving Investment ) न सिर्फ सुरक्षित है, बल्कि इसमें टैक्स छूट का भी पूरा फायदा मिलता है ! इसमें खाते को चालू रखने के लिए हर वित्तीय वर्ष में कम से कम 500 रुपये जमा करने होते हैं ! वहीं, एक वित्तीय वर्ष में पीपीएफ ( PPF ) के नाम पर 1.5 लाख रुपये तक जमा किए जा सकते हैं ! पीपीएफ में निवेश पूरी तरह से सरकार द्वारा सुरक्षित है ! इसलिए, यह पूरी तरह से जोखिम मुक्त है ! साथ ही इस तरह पीपीएफ बैलेंस पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री रहता है ! राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली क्या है राष्ट्रीय पेंशन योजना ( National Pension Scheme ) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक सेवानिवृत्ति बचत योजना है ! जो बाजार आधारित रिटर्न की गारंटी देती है ! कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) और सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) योजनाओं की तरह एनपीएस तीनों स्तरों पर कर मुक्त है ! एनपीएस के तहत कर्मचारी रिटायरमेंट के समय कुल जमा राशि का 60 फीसदी निकाल सकते हैं ! लिंक्ड राशि का शेष 40 प्रतिशत पेंशन योजना ( Pension Yojana ) में जाता है ! परिपक्वता अवधि में किसकी सुविधा अधिक है? पीपीएफ ( Public Provident Fund ) की अवधि 15 वर्ष है ! खाता खोलने के 5 साल बाद आप कुछ पैसे निकाल सकते हैं ! हालांकि, इसमें चालू वर्ष से पिछले वित्तीय वर्ष के अंत तक खाते की शेष राशि का 50 प्रतिशत या चौथे वित्तीय वर्ष के अंत में चालू खाते की शेष राशि का 50 प्रतिशत निकाला जा सकता है ! वहीं, एनपीएस ( NPS ) की मैच्योरिटी अवधि 60 साल की उम्र में होती है ! इसमें आप खाता खोलने के तीन साल बाद अपने योगदान का 25 फीसदी तक निकाल सकते हैं ! आप राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली ( National Pension System ) से केवल तीन बार ही इतनी राशि निकाल सकते हैं ! आप इसे अपनी इच्छानुसार 70 वर्ष की आयु तक बढ़ा सकते हैं ! वापसी की दर (Best Small Saving ) नेशनल पेंशन सिस्टम ( National Pension System ) में फिलहाल 8 फंड मैनेजर हैं 1 जो इक्विटी में 60 फीसदी तक निवेश ( Investment ) करना चुन सकते हैं ! योजना लंबी अवधि की है ! इसलिए लॉन्ग टर्म में डेट में निवेश करके औसतन 6 से 7 फीसदी का रिटर्न दिया जा सकता है ! वहीं, पीपीएफ ( PPF ) पर फिलहाल सालाना 7.1 फीसदी ब्याज मिलता है ! अगर आप इसे पूरी मैच्योरिटी अवधि तक जारी रखते हैं ! तो 15 साल बाद आपका पैसा उसी ब्याज पर मैच्योर हो जाएगा ! कर में छूट पीपीएफ खाते ( PPF Account ) में प्रति वर्ष 1.5 लाख रुपये तक निवेश करने पर आपको आयकर अधिनियम, 1961 के तहत कर छूट मिलती है ! साथ ही इसमें मिलने वाला ब्याज भी टैक्स फ्री होता है ! पीपीएफ मैच्योरिटी राशि पर भी टैक्स से छूट मिलती है ! इस तरह पीपीएफ पूरी तरह टैक्स फ्री है ! एनपीएस ( National Pension Scheme ) में निवेश करने पर 1.5 लाख रुपये तक टैक्स फ्री है ! हालाँकि, यह आपके वेतन के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता है ! राष्ट्रीय पेंशन योजना ( NPS ) की शेष राशि के 40 प्रतिशत को कर मुक्त किया जा सकता है ! लेकिन इसके लिए अन्य 40 प्रतिशत राशि का उपयोग अनिवार्य रूप से वार्षिकी (मासिक आय) खरीदने के लिए करना होगा ! यह वार्षिकी ( Small Saving ) कर योग्य है ! शेष 20 प्रतिशत कर के भुगतान के बाद वापस लिया जा सकता है ! या वार्षिकी खरीदने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है ! Read the full article
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poonamranius · 3 years
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NPS Scheme : इतनी मासिक से बाद रिटायरमेंट के बाद हर महीने पा सकते हैं 50,000 रुपये पेंशन
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NPS Scheme : इतनी मासिक से बाद रिटायरमेंट के बाद हर महीने पा सकते हैं 50,000 रुपये पेंशन | नौकरी (Job) के पहले ही दिन से रिटायरमेंट के लिए प्लानिंग (Retirement Planning) शुरू कर देनी चाहिए! अगर आप सरकारी कर्मचारी (Government Employee) हैं तो पेंशन के साथ रिटायरमेंट बिता सकते हैं, लेकिन अगर प्राइवेट नौकरीपेशा (Private Employed) हैं तो आपको अपनी पेंशन के लिए खुद से ही तैयारी करनी होगी! इसके लिए आप अलग-अलग सरकारी स्कीम में निवेश (Investments in Govt Schemes) कर सकते हैं! NPS Scheme : इतनी मासिक से बाद रिटायरमेंट के बाद हर महीने पा सकते हैं 50 हजार रुपये पेंशन NPS Scheme आज हम आपको नेशनल पेंशन सिस्टम ( National Pension System ) के बारे में बता रहे हैं! जहां निवेश कर आप रिटायरमेंट की सोच सकते हैं! अगर नौकरी करते हुए आप नौकरी के बाद के खर्त की योजना नहीं बनाएंगे तो देर हो जाएगी! सभी बिना किसी आर्थिक तंगी के टेंशन फ्री बुढ़ापे में जीना चाहते हैं! इसके लिए जरूरी है कि सैलरी की तरह रेगुलर इनकम ( Regular Income ) का जरिया बना रहे! इसके लिए जरूरी है कि नौकरी के दौरान ही रिटायरमेंट प्लानिंग शुरूकर दी जाए! इसके लिए नेशनल पेंशन सिस्टम ( Nation pension System ) एक बेस्‍ट ऑप्‍शन हो सकता है ! चलिए आपको बताते हैं इस स्कीम के बारे में! NPS Scheme : अगर 21 साल की उम्र में करते हैं निवेश (If you invest at the age of 21) अगर निवेशक की औसत उम्र 21 साल है और वो मासिक 4,500 रुपये निवेश ( Monthly Investment ) करता है तो 21 साल से लेकर 60 साल क��� उम्र तक वो 39 साल निवेश करेगा! यानी वो सालाना 54000 रुपये निवेश (Yearly Investment) करेगा और 39 साल में योजना में 21.06 लाख रुपये निवेश होगा! अगर 10 प्रतिशत का रिटर्न मिलता है तो मैच्योरिटी पर 2.59 करोड़ रुपये हो जाएगी! यानी फिर आपको रिटायर होने पर 51,848 रुपये महीना पेंशन (Monthly Pension) मिलेगा! इसमें एक अनुमान के मुताबिक कैलकुलेशन किया गया है! रिटायरमेंट पर मिलेंगे 1.56 करोड़ (1.56 crore on retirement) NPS (National Pension Scheme) में अगर आप 40 फीसदी एन्‍युटी लेते हैं और एन्‍युटी रेट 6 फीसदी सालाना है, तो रिटायरमेंट (Retirement) के बाद आपको 1.56 करोड़ रुपये एक साथ मिल जाएंगे! फिर 1.04 करोड़ एन्‍युटी में चले जाएंगे! अब इसी एन्‍युटी की रकम से आपको हर महीने 51,848 रुपये की पेंशन मिलेगी! एन्‍युटी की रकम जितनी ज्‍यादा रखेंगे आपको पेंशन उतनी ज्‍यादा मिलेगी! ऑनलाइन खोल सकते हैं NPS (You can open NPS online) अगर आप भी रिटायरमेंट (Retirement) के बाद की प्लानिंग कर सकते हैं और ईएनपीएस (NPS) का लाभ लेना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले NPS की ऑफिशियल वेबसाइट Enps.nsdl.com/eNPS या Nps.karvy.com लिंक पर क्लिक करें! यहां New Registration पर क्लिक करे और अपनी डिटेल्स (Own Details) और मोबाइल नंबर (Mobile Number) भरें! आपका मोबाइल नंबर OTP से वैरिफाई होगा! बैंक अकाउंट (Bank Account) का डिटेल भरें! इसके बाद अपने पोर्टफोलियो का और फंड का चुनाव करें! इसके आप नामांकित व्यक्ति का नाम भरें! आपने जिस अकाउंट की डिटेल (Account Details) भरी हैं! उस अकाउंट का कैंसल चेक देना होगा! आपको कैंसल चेक, फोटोग्राफ और सिग्नेचर अपलोड करना होगा! इसके बाद आपको अपना Investment NPS में करना होगा! पेमेंट करने के बाद आपका Permanent Retirement Account Number जेनरेट हो जाएगा! आपको पेमेंट की रसीद भी मिलेगी! इसके बाद इन्वेस्टमेंट (Investment) करने के बाद ‘e-sign/print registration form’ पेज पर जाएं! यहां आप पैन कार्ड (PAN Card) और नेट बैंकिंग (Net Banking) के साथ रजिस्टर कर सकते हैं! इससे आपकी केवाईसी (Know your customer) हो जाएगी! रजिस्टर करते समय इस बात का ध्यान रखें कि ये आपके बैंक अंकाउंट (Bank Account) में दी डिटेल्स से मैच करें! ऑनलाइन एनपीएस (Online NPS) लेने की सुविधा अभी 22 बैंक दे रहे हैं! इनकी जानकारी एनएसडीएल (NSDL) की वेबसाइट पर मिल जाएगी! NPS Scheme : NPS पर मिलती है टैक्स छूट (Tax exemption is available on NPS) बता दें कि अभी एनपीएस ( National Pension System ) पर इनकम टैक्स की धारा 80 CCD (1), 80 CCD (1B) और 80 CCD (2) के तहत टैक्स छूट (Tax Exemption) मिलती है! NPS पर सेक्शन 80C यानी 1.50 लाख रुपये से अलग 50,000 रुपये की और छूट ले सकते हैं! यानी NPS में निवेश कर 2 लाख रुपये की छूट का फायदा उठा सकते हैं ! Read the full article
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