Tumgik
#क्या खाली पेट चाय पीना स्वस्थ है
Text
एसिडिटी के घरेलू उपाय
आज के आधुनिक युग में जहां लोग नित नए नए आयाम प्राप्त कर रहे हैं। पिछले कुछ दशकों में लोगों का रहन-सहन, खान-पान, जीवन शैली में बदलाव देखा जा रहा है तो वहीं लोगों में मानसिक और शारीरिक विकृति भी देखी गई है। शारीरिक समस्याओं की बात की जाए तो बहुत सी ऐसी परेशानियां हैं, जो हमारे दैनिक  क्रियाकलापों में बाधा उत्पन्न करती है। उनमें से एक समस्या एसिडिटी की है जिसकी वजह से ही स्वास्थ्य में गिरावट देखा जा सकता है। एसिडिटी के घरेलू उपाय को समझने से पहले, इस समस्या के पीछे के कारणों को जानना आवश्यक है।
क्या है एसिडिटी | acidity kya hai
एसिडिटी एक पाचन संबंधी समस्या है, जो कि पेट से संबंधित विकार के रूप में जाना जाता है। जिसमें खाने की नली में एक जलन होने लगती है। यह प्रक्रिया तब होती है, जब पेट  का संपूर्ण एसिड खाने की  नली में आ जाता है। इस एसिड की वजह से बार बार पेट व सीने में जलन होने लगती है। यह समस्या अनुवांशिक भी हो सकती है। इस समस्या की वजह बदलती जीवन शैली को माना जाता है।
एसिडिटी के लक्षण | acidity ke lakshan kya hai
एसिडिटी की समस्या सामान्य होती जा रही है। इसके लक्षण जैसे छाती में दर्द, जलन, पेट में जलन, खट्टी डकार आना, जी मिचलाना, मुंह का स्वाद सही नहीं होना, लेटने पर दर्द व जलन का बढ़ जाना मुख्य है, जो बहुत ही पीड़ादायक होता है।
एसिडिटी के घरेलू उपाय |acidity ke gharelu upay in hindi
आज के आधुनिक जीवन शैली के मद्देनजर एसिडिटी की समस्या बहुत ही आम हो गई है। कई बार यह समस्या बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। इस समस्या से निपटने के लिए कुछ घरेलू उपाय अपना कर आप स्वस्थ रह सकते हैं।
1) एसिडिटी की समस्या को दूर करने के लिए रोजाना आधा चम्मच बेकिंग सोडा में नींबू का रस मिलाकर पीना फायदेमंद होता है। इस उपाय को रोजाना करने से एसिडिटी को दूर किया जा सकता है।
2) अगर आप रोजाना खाली पेट गर्म पानी में हींग डालकर पीते हैं, तो इससे भी एसिडिटी में फर्क पड़ता है।
3) एसिडिटी से राहत के लिए एक अचूक उपाय मेथी दाना और गुड़ का भी है। जिसमें आप मेथी दाना और गुड़ को उबालकर पीए, तो इससे भी एसिडिटी में फायदा होगा।
4) एसिडिटी की समस्या ज्यादा होने पर आप इलायची का सेवन कर सकते हैं। जब भी आपको छाती और पेट में जलन की समस्या होने लगे तो इलायची चूसने से आपको फायदा हो सकता है।
5) पुदीना से हमारे शरीर को शीतलता मिलती है। अगर आपको जलन एसिडिटी की समस्या होने लगे,तो पुदीने  को पीसकर उसमें काला नमक मिलाकर सेवन कर सकते हैं।
6) ठंडा दूध को हमेशा से ही एसिडिटी कम करने में सहायक माना जाता है। इसलिए जब भी आपको एसिडिटी लगे तो फ्रिज से निकालकर ठंडा दूध पिए इससे आपको फर्क पड़ेगा।
7) आंवले को पाचक के रूप में देखा जाता है। एसिडिटी होने पर आंवले को या आंवले को काले नमक के साथ सेवन करने पर लाभ प्राप्त होता है।
8) सौंफ की तासीर ठंडी होती है।जब भी आपको एसिडिटी होने लगे, तो आप सौफ खा सकते हैं। इससे पेट व छाती की जलन कम होने लगती है और चाहे तो सौंफ का शरबत बनाकर किया जा सकता है।
9) लॉन्ग भी हमारे पाचन को सही करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नियमित लाॅन्ग को चबाते रहने से आपको एसिडिटी से राहत मिलेगी और पाचन भी बिल्कुल सही हो जाएगा।
10) अगर आप अदरक के रस में थोड़ा-सा सेंधा नमक और जीरा पाउडर डालकर पिए तो इससे भी आपकी एसिडिटी की समस्या खत्म हो सकती है।
11) एसिडिटी में गन्ने का रस भी फायदेमंद होता है। अगर उपलब्ध हो सके तो गन्ने के रस में थोड़ा नींबू का रस और सेंधा नमक डालने से भी आपको फायदा होगा और एसिडिटी की समस्या खत्म नजर आएगी।
12) अगर आप जीरे को रात में भीगा कर रखें और सुबह खाली पेट उसके पानी को पीए, तो इससे भी आपको फायदा होगा और एसिडिटी की समस्या खत्म हो जाएगी।
एसिडिटी होने पर कैसी होनी चाहिए जीवन शैली
एसिडिटी के होने पर हमेशा अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस समस्या से निपटने के लिए अपनी जीवनशैली में विशेष बदलाव करना होगा जिससे जल्द से जल्द राहत मिल सके।
1) समय पर खाना नाश्ता लेना चाहिए ज्यादा देर तक भूखे रहना सही नहीं होता है।
2) हमेशा पर्याप्त नीद लेना चाहिए। कम से कम 7 घंटे की नींद अनिवार्य माना गया है।
3) किसी अन्य समस्या के होने पर दवाइयां अपने मन से ही ना ले। ज्यादा दवाइयां लेने से किडनी में प्रभाव पड़ता है।
4) एसिडिटी के होने पर धूम्रपान और अल्कोहल से दूर ही रहना चाहिए।
5) अत्यधिक मात्रा में भोजन का उपयोग ना करें। ज्यादा मसालेदार और तेलीय खाने से बचें।
6) रात में ज्यादा देर तक जागना भी सही नहीं माना जाता है।
7) अत्यधिक तनाव लेने से बचें ज्यादा तनाव से एसिडिटी बढ़ जाती है।
8) रात में खाना खाने  के बाद कम से कम आधा घंटा टहले।
9) थोड़ा समय निकालकर योग का अभ्यास जरूर करें इससे एसिडिटी खत्म करना आसान होता है।
10) अत्यधिक मात्रा में चाय व कॉफी के सेवन से बचें।
11) अत्यधिक मात्रा में नमक का उपयोग करने से भी बचें।
खाँसी के 10 घरेलू उपचार एवं नुस्खे
एसिडिटी को खत्म करने के लिए कुछ प्रमुख आसन
अगर आप ऐसिडिटी को जल्द ही खत्म करना चाहे तो योगासन के माध्यम से भी जल्द ही खत्म किया जा सकता है। मुख्य रूप से आपको कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी प्राणायाम, गोमुखासन ,कंधरासन, सर्वांगासन, पवनमुक्तासन, पश्चिमोत्तानासन के माध्यम से भी अपनी समस्या को खत्म किया जा सकता है। कम से कम इन आसन को शुरुआत में 10:15 मिनट करें और बाद में समय सीमा बढ़ाई भी जा सकती है।
एसिडिटी में कैसा आहार है फायदेमंद | acidity main kaise ahara hain faydemand
एसिडिटी में अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। इन आहारों के माध्यम से भी जल्द से जल्द इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
1) अनाज के रूप में ब्राउन ब्रेड, समुद्री नमक, रोटी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें।
2) फल एवं सब्जियों में केला, तरबूज, पपीता, अंजीर, से��� आवश्यक रूप से ले जो एसिडिटी में होने वाली जलन से भी छुटकारा देते हैं। सब्जियों में हरी पत्तेदार सब्जियां, बींस, फूलगोभी, लौकी, कद्दू का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करें साथ ही साथ जड़ वाली सब्जियां लेना भी फायदेमंद है।
3) मसाले के रूप में अजवाइन, हींग, सौंफ, जीरा, धनिया का उपयोग भी किया जा सकता है।
4) अगर आप नॉनवेज खाना पसंद करते हैं तो बेक किया हुआ चिकन, मटन या फिर अंडे का सफेद भाग भी खाया जा सकता है।
एसिडिटी में समुद्री नमक का उपयोग अवश्य ही करें | acidity main samundar ka namak ka upyog avashyak hai
ऐसा माना जाता है कि समुद्री नमक  सामान्य नमक की अपेक्षा अधिक गुणकारी होता है। अगर आप समुद्री नमक का उपयोग सलाद, सूप के रूप में ही करें तब भी एसिडिटी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है समुद्री नमक में क्षार अधिक मात्रा में है, जो एसिडिटी के मरीजों को लाभ पहुंचाते हैं।
एसिडिटी में कैसा आहार ना लें | acidity main kaise ahara naa le
कुछ ऐसे आहार भी होते हैं जिनको एसिडिटी के मरीजों के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। एसिडिटी की समस्या होने पर कभी भी अतिरिक्त तेल, मसाले वाला भोजन नहीं लेना चाहिए। इसके अलावा मैदा से बने आहार की ज्यादा मात्रा में नहीं लेना चाहिए। बहुत ज्यादा खट्टे फलों का सेवन से बचना चाहिए। किसी भी प्रकार की मिर्च का सेवन न हीं करें तो बेहतर है। बहुत ज्यादा सोडा या चॉकलेट खाने से बचें। डेयरी प्रोडक्ट लेने से बचें क्योंकि उनमें अतिरिक्त मात्रा में वसा होती है, जो एसिडिटी को बढ़ाने में सहायक होता है। मरीजों को बहुत ज्यादा मात्रा में दही, छाछ लेने से भी बचना होगा।
बुजुर्गों का खास ध्यान रखें एसिडिटी में
कई बार ऐसा होता है कि बुजुर्गों  में एसिडिटी की समस्या ज्यादा होती है। ऐसे समय में बुजुर्गों का खास ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। कई बार बुजुर्ग हमारी बात नहीं समझते हैं, उन्हें प्यार से समझाना चाहिए। उन्हें समय पर खाना, नाश्ता दे और किसी प्रकार के मसालेदार खाने से दूर ही रखें। समय पर खाना और नींद से ही उन्हें एसिडिटी की समस्या से दूर रखा जा सकता है।
एसिडिटी है  हानिकारक
एसिडिटी हम सभी के लिए हानिकारक है जिसमें पीड़ा भी होती है। एसिडिटी ज्यादा हो जाने से गैस की समस्या भी बढ़ने लगती है जिससे शरीर के हर अंग में दिक्कत शुरू हो जाती है। आज की आधुनिक जीवन शैली में समस्या बढ़ती ही जा रही है। ज्यादा समस्या बढ़ जाने पर हृदय संबंधी विकार हो जाते हैं, जो हमारे शरीर पर गलत प्रभाव के रूप में नजर आते हैं। अतः खुद का ध्यान रखें और सही दिनचर्या को अपनाएं।
अंतिम शब्द
आज के दौर में जहां कई बीमारियां हमें घेरे हुए हैं, वहां पर खुद का ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक हो जाता है। अगर आप अपने जीवन में संतुलित रहकर जीवन शैली को अपनाए तो ऐसी समस्या हमारे पास नहीं आ पाएंगी, जब भी एसिडिटी की समस्या होती है तो इसका कारण हमारी लापरवाही भी होती है। किसी भी प्रकार की लापरवाही से बचें और अपने परिवार का संपूर्ण रुप से ध्यान रखें ताकि किसी भी समस्या से बचा जा सके।इस समस्या को खत्म करने का घरेलू उपाय आपके काम आएंगे और आपको राहत महसूस होगी।
1 note · View note
gethealthy18-blog · 5 years
Text
बायो ऑयल के फायदे, उपयोग और नुकसान – Bio Oil Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
New Post has been published on https://healingawerness.com/getting-healthy/getting-healthy-women/%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a5%8b-%e0%a4%91%e0%a4%af%e0%a4%b2-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ab%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%a6%e0%a5%87-%e0%a4%89%e0%a4%aa%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%97-%e0%a4%94%e0%a4%b0/
बायो ऑयल के फायदे, उपयोग और नुकसान – Bio Oil Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
त्वचा और बालों के लिए किसी नए उत्पाद का चयन, एक बड़ा सवाल हो सकता है। कई बार जानकारी के अभाव में लोग ऐसे उत्पादों को खरीद बैठते हैं, जो फायदा पहुंचाने की जगह नुकसान का कारण बन जाते हैं। ऐसे में अगर आप त्वचा के लिए बायो ऑयल का उपयोग करने के बारे में विचार कर रहे हैं, तो स्टाइलक्रेज का यह लेख आपके लिए मददगार साबित हो सकता है। इस लेख में बायो ऑयल के फायदे विस्तारपूर्वक बताए गए हैं, साथ ही त्वचा और बालों के लिए बायो ऑयल का उपयोग किस प्रकार करना है, इस विषय में भी जानकारी दी गई है। लेख के अंत में आपको संभावित बायो ऑयल के नुकसान के विषय में भी जानने को मिलेगा।
अधिक जानकारी के लिए पढ़ते रहिए यह लेख।
सबसे पहले जानिए कि बायो ऑयल क्या होता है और इसमें कौन-कौन से तत्व मौजूद होते हैं।
बायो ऑयल एक तरह का नॉन-ग्रीसी (जो चिपचिपा न हो) तेल होता है। इसमें कई तरह से एसेंशियल ऑयल एवं विटामिन मौजूद होते हैं, जो त्वचा के लिए लाभदायक हो सकते हैं, जैसे-
कैलेंडुला तेल (Calendula Oil)
लैवेंडर तेल (Lavender Oil)
कैमोमाइल तेल (Chamomile Oil)
पर्सेलिन तेल (Purcellin Oil)
विटामिन-ए
विटामिन-ई
इस लेख के अगले भाग में जानिए बायो ऑयल के फायदे के बारे में।
विषय सूची
बायो ऑयल के फायदे – Benefits of Bio Oil in Hindi
बायो ऑयल के फायदे जानने से पहले पाठक इस बात को भी ध्यान में रखें कि बायो ऑयल लेख में शामिल किसी भी समस्या का मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं है। यह सिर्फ उन समस्या के प्रभाव को कुछ हद तक कम करने में सहायक भूमिका निभा सकता है।
1. झुर्रियों को कम करने के लिए
उम्र बढ़ने के साथ बढ़ती उम्र के लक्षण जैसे झुर्रियां होना सामान्य है। वहीं, कई बार ऑक्सीडेटिव तनाव भी चेहरे पर बढ़ती उम्र के लक्षण दिखने की वजह बन सकता है। ऐसे में, इससे बचने के लिए बायो ऑयल का इस्तेमाल किया जा सकता है। एमडीपीआई (MDPI – मॉलिक्यूलर डायवर्सिटी प्रिजर्वेशन इंटरनेशनल) नामक वेबसाइट द्वारा प्रकाशित एक शोध में बायो ऑयल के एंटीऑक्सीडेंड गुणों का जिक्र मिलता है, जो ऑक्सीडेटिव तनाव को कम कर एजिंग के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं। इस गुण के कारण कई कॉस्मेटिक कंपनियां इस खास तेल का इस्तेमाल एंटी-रिंकल और एंटीएजिंग उत्पादों को बनाने में करती हैं (2)।
2. मुंहासों और दाग-धब्बों से आराम दिलाए
मुंहासों से आराम पाने में बायो ऑयल का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। इस कार्य के पीछे इसमें मौजूद एसेंशियल ऑयल काम करते हैं। जैसा कि बायो ऑयल के परिचय में हम बता चुके हैं कि इसमें अन्य तत्वों के साथ कैमोमाइल, लैवेंडर और कैलेंडुला एसेंशियल ऑयल भी मौजूद होते हैं। इन तीनों तेल की मौजूदगी इस तेल के गुणों को बढ़ाने का काम करती हैं, जैसे कैमोमाइल तेल का उपयोग मुंहासों को कम करने में मदद कर सकता है। वहीं, लैवेंडर एसेंशियल ऑयल मुंहासों के साथ त्वचा के दाग-धब्बों को हटाने में मददगार साबित हो सकता है (3)। इसके अलावा, बायो ऑयल में मौजूद ओलिक और लिनोलेनिक एसिड भी दाग-धब्बों को हल्का करने में सहायक हो सकते हैं (4)।
3. स्ट्रेच मार्क्स के लिए बायो ऑयल के फायदे
बायो ऑयल अपने कई फायदों के लिए जाना जाता है, लेकिन स्ट्रेच मार्क्स को कम करना, बायो ऑयल के फायदे में सबसे ऊपर है। माना जाता है कि लगभग 80 प्रतिशत महिलाएं जीवन में कभी न कभी स्ट्रेच मार्क्स का शिकार होती हैं। ये शरीर के अलग अलग हिस्सों जैसे पेट, कमर, स्तन, जांघ व कूल्हों के आस पास कई कारणों से हो सकते हैं, जैसे मोटापा और गर्भावस्था। एक शोध में देखा गया है कि बायो ऑयल स्ट्रेच मार्क्स पर सकारात्मक प्रभाव दिखा सकता है। लगभग छह से आठ हफ्तों के उपयोग से बायो ऑयल स्ट्रेच मार्क्स को कम करने में प्रभावी रूप से मददगार साबित हो सकता है (5)।
बायो ऑयल के अन्य फायदों के लिए स्क्रॉल करें।
4. रंगत निखारने में बायो ऑयल के फायदे
माना जाता है नियमित रूप से बायो ऑयल का इस्तेमाल करने से मुंहासों और झुर्रियों को कम करने के साथ, त्वचा का रंग निखारने में भी मदद मिल सकती है। इसका यह फायदा लोगों के अनुभव पर आधारित है और इस पर कोई वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है। इस कारण यह नहीं कहा जा सकता कि त्वचा का रंग निखारने में बायो ऑयल के फायदे कितना काम करेंगे।
5. ऑयली त्वचा के लिए लाभदायक
कई लोगों के मन में यह सवाल उठ सकता है कि क्या बायो ऑयल का इस्तेमाल ऑयली त्वचा के लिए किया जा सकता है? लोगों ने अनुभव के आधार पर यह जानकारी मिलती है कि यह एक नॉन-ग्रीसी (जो चिपचिपा न हो) तेल है और ऑयली स्किन के लिए भी लाभदायक हो सकता है। दरअसल, बायो ऑयल में मौजूद लैवेंडर ऑयल, ऑयली त्वचा और उससे संबंधित समस्याएं, जैसे एक्ने से आराम दिलाने में मदद कर सकता है (3)।
6. बालों के लिए बायो ऑयल के फायदे
जैसा कि हम बता चुके हैं कि बायो ऑयल में कई एसेंशियल ऑयल मौजूद होते हैं और इन्हीं में से एक है लैवेंडर ऑयल। लैवेंडर तेल के फायदे बालों के लिए भी देखे जा सकते हैं। यह बालों को झड़ने से रोकता है और उन्हें बढ़ने में मदद करता है (6)। इसके अलावा, बायो ऑयल में विटामिन-ई भी पाया जाता है, जो एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट होता है। यह बालों को फ्री रेडिकल्स से बचाकर, उन्हें स्वस्थ रखने में मदद करता है (7)।
और जानकारी के लिए स्क्रॉल करें
लेख के अगले भाग में जानिए बायो ऑयल का इस्तेमाल किस प्रकार किया जा सकता है।
बायो ऑयल का उपयोग – How to Use Bio Oil in Hindi
त्वचा के लिए बायो ऑयल का उपयोग
सबसे पहले प्रभावित त्वचा को पानी से धोकर अच्छी तरह साफ कर लें।
अब बायो ऑयल की कुछ बूंदे हथेलियों में लें।
अब प्रभावित हिस्से पर हाथों को गोलाकार (Circular Motion) घुमाते हुए मसाज करें।
इसे लगभग पांच से आठ मिनट के लिए करें। इतनी देर में तेल त्वचा में पूरी तरह समा जायेगा।
बेहतर परिणाम के लिए इस प्रक्रिया को दिन में दो बार दोहराया जा सकता है।
बालों के लिए बायो ऑयल का उपयोग
सबसे पहले बालों को शैम्पू से धो लें और फिर सुखा लें।
इसके बाद हथेली में थोड़ा सा बायो ऑयल लें और इससे सिर की अच्छी तरह मसाज करें।
लगभग 15 से 20 मिनट मसाज करने के बाद बालों को शैम्पू से धो लें।
आप चाहें तो रात भर इसे बालों में रहने दें और सुबह बाल धो लें।
पढ़ते रहें आर्टिकल
बायो ऑयल का उपयोग के बाद जानिए इसके कुछ अन्य फायदों के बारे में।
बायो ऑयल के अन्य फायदे – Other Benefits Of Bio Oil in Hindi
मेकअप रिमूवर – मेकअप हटाने के लिए बायो ऑयल का उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए उंगलियों की मदद से बायो ऑयल से चेहरे पर मसाज करें। जब मेकअप चेहरे से निकलने लगे तो रुई की मदद से उसे पोंछ लें। पूरा मेकअप निकालने के बाद, चेहरे को फेस वॉश से धो लें।
मॉइस्चराइजर – बायो ऑयल का उपयोग मॉइस्चराइजर के रूप में भी किया जा सकता है। इसमें मौजूद विटामिन-ई त्वचा को नम बनाए रखने में मदद करता है (8)। इसके लिए उंगलियों पर बायो ऑयल की कुछ बूंदे लेकर चेहरे पर मसाज की जा सकती है।
लिप बाम – बायो ऑयल का उपयोग लिप बाम की तरह भी किया जा सकता है। माना जाता है कि इसमें मौजूद विटामिन-ई होठों की त्वचा को भी नम बनाए रखने में मदद कर सकता है। फिलहाल, इस पर कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
आगे जानिए कि क्या बायो ऑयल के नुकसान भी हैं?
बायो ऑयल के नुकसान – Side Effects of Bio Oil in Hindi
बायो ऑयल के नुकसान की बात करें तो इससे जुड़े वैज्ञानिक अध्ययनों का अभाव है। वहीं, किसी को अगर इसमें मौजूद किसी भी एसेंशियल ऑयल से एलर्जी है या किसी की त्वचा अतिसंवेदनशील है, तो वे इसका उपयोग करने से बचें। इसके अलावा, त्वचा विशेषज्ञ से संपर्क कर इसके उपयोग संबंधी अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
इसके फायदे जानने के बाद अगर आप इसे लेना चाह रहे हैं, तो यहां से खरीदें
उम्मीद करते हैं कि इस लेख को पढ़ने के बाद आप बायो ऑयल के फायदे अच्छी तरह जान गए हो��गे। साथ ही त्वचा और बालों के लिए इसका इस्तेमाल किस प्रकार किया जा सकता है, इस विषय में भी आपको जानकारी हो गई होगी। ऐसे में अगर आप इसका इस्तेमाल करने के बारे में सोच रहे हैं, तो इसे ऑनलाइन या बाजार से खरीद सकते हैं। अगर बायो ऑयल का उपयोग करने से त्वचा पर जलन या रैशेज जैसी समस्याएं होती हैं, तो इसका इस्तेमाल बंद कर दें और त्वचा विशेषज्ञ से संपर्क करें। आशा करते हैं कि यह लेख आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा।
Was this article helpful?
Related
The following two tabs change content below.
सौम्या व्यास ने माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय, भोपाल से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बीएससी किया है और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ जर्नलिज्म एंड न्यू मीडिया, बेंगलुरु से टेलीविजन मीडिया में पीजी किया है। सौम्या एक प्रशिक्षित डांसर हैं। साथ ही इन्हें कविताएं लिखने का भी शौक है। इनके सबसे पसंदीदा कवि फैज़ अहमद फैज़, गुलज़ार और रूमी हैं। साथ ही ये हैरी पॉटर की भी बड़ी प्रशंसक हैं। अपने खाली समय में सौम्या पढ़ना और फिल्मे देखना पसंद करती हैं।
ताज़े आलेख
काली किशमिश के फायदे और नुकसान – Black Raisins Benefits and Side Effects in Hindi
शरीर को पर्याप्त पोषण देने के लिए ड्राई फ्रूट्स का सेवन अच्छा विकल्प हो सकता है। ऐसे में अन्य ड्राई फ्रूट्स के साथ काली किशमिश को भी दैनिक आहार में शामिल किया जा सकता है। माना जाता है कि इसमें कई ऐसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए औषधि के रूप में काम कर सकते हैं। स्टाइलक्रेज के इस लेख में जानते हैं स्वास्थ्य के लिए काली किशमिश खाने के फायदे
अनार के फेस पैक लगाने के फायदे – Benefits of Pomegranate Face Pack in Hindi
अनार रसभरा स्वादिष्ट फल है। आपने अक्सर बुजुर्गों से सुना होगा कि कई बीमारी का इलाज एक अनार है। इसका कारण यह है कि अनार में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होता है।
गुड़हल की चाय के फायदे और नुकसान – Hibiscus Tea Benefits and Side Effects in Hindi
विश्वभर में हर्बल टी की मांग तेजी से बढ़ रही है। माना जाता है कि यह चाय की तलब को दूर करने के साथ-साथ स्वास्थ्य को भी कई तरीके से फायदा पहुंचाने का काम कर सकती है।
गर्भावस्था में दूध पीना सुरक्षित है या नहीं – Milk During Pregnancy in Hindi
गर्भावस्था के दौरान पोषक तत्वों से युक्त भोजन लेना बहुत जरूरी है। इस दौरान गर्भवती महिला जो कुछ भी खाती है, उसका सीधा असर गर्भस्थ शिशु पर पड़ता है। यही कारण है कि गर्भ में पल रहे शिशु को अच्छा स्वास्थ्य देने के लिए कुछ पदार्थों को भोजन में शामिल किया जाता है, तो कुछ को न खाने की सलाह दी
क्या गर्भावस्था में केसर खाना सुरक्षित है? – Saffron (Kesar) In Pregnancy in Hindi
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई चीजें खाने की सलाह दी जाती हैं, उन्हीं में से एक केसर है। केसर एक प्राकृतिक उत्पाद है, जिसका वैज्ञानिक नाम क्रोकस सैटीवस (Crocus sativus) है।
Source: https://www.stylecraze.com/hindi/bio-oil-ke-fayde-upyog-aur-nuksan-in-hindi/
0 notes
rajatgarg79 · 7 years
Text
इसको रोज़ पीने से आप कर सकते हैं तेजी से सर्दियों में वजन कम
आपने ये तो सुना होगा कि रोज़ सुबह सुबह खाली पेट गर्म पानी में नींबू निचोड़कर पीने से आपको कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। इससे शरीर हाइड्रेटेड रहता है और पाचन क्रिया को भी सही रखने में मदद मिलती है। रोज़ाना सुबह नींबू पानी पीने का सबसे बड़ा फायदा है कि ये वजन कम करने में बहुत प्रभावी है।
(और पढ़ें - वजन घटाने के उपाय)
 जितना आपको उमीद होगी, उससे कहीं ज़्यादा वजन कम हो जाता है नींबू पानी पीने से। और इसलिए ही हर रसोई में पाया जाने वाला नींबू आज हर जगह स्वस्थ डाइट और वजन को प्राकृतिक तरीके से दूर करने में इस्तेमाल किया जा रहा है।
(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए डाइट टिप्स)
इतना ही नहीं, अगर आप नींबू को अन्य सामग्रियों के साथ मिलाते हैं, जैसे अदरक और शहद, तो ये और ज़्यादा बेहतरीन पेय पदार्थ बन जाता है। ये मिश्रण कई बीमारियों के इलाज के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है, जैसे जुकाम और फ्लू।
(और पढ़ें - फ्लू के घरेलू उपाय और सर्दी जुकाम के घरेलू उपाय)
इसके अलावा इन सभी सामग्रियों के अपने भी प्राकृतिक औषधीय गुण हैं। जब ये सभी सामग्रियां एक साथ मिलती हैं तो इनसे एक  राहत पहुंचाने वाली चाय बनती है जो आपके शरीर को बहुत से लाभ देती है और प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है।
(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए डाइट प्लान)
तो इन सर्दियों में, स्वादिष्ट शहद और नींबू से बनी चाय से अपने शरीर को डिटॉक्सीफाई करें और प्राकृतिक तरीके से वजन को कम करें। साथ ही इससे आपके स्वास्थ्य को सुधारने में भी मदद मिलेगी। शहद और नींबू दोनों में फैट को बर्न करने के गुण मौजूद होते हैं जिसकी वजह से आपका वजन प्रभावी तरीके से कम होता है।
(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए क्या खाना चाहिए)
कैसे शहद और नींबू वजन को कम करने में करते हैं मदद -
शहद में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं जैसे प्रोटीन, पानी, ऊर्जा, फाइबर, शुगर और कई तरह के विटामिन और खनिज। ये सभी वसा को बर्न करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण तत्व हैं। इसके अलावा, शहद अधिक वजन या मोटे लोगों में होने वाले कार्डियोवैस्कुलर डिसऑर्डर के जोखिम को भी दूर करने में मदद करता है, और साथ ही वजन को भी नियंत्रित रखता है। उसी प्रकार नींबू एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन सी से भरपूर होता है जो कि वजन घटाने में बेहद प्रभावी है। नींबू में फ्लवोनोइड्स होते हैं जिसमे कई वजन से संबंधित लाभ होते हैं, जैसे लीवर द्वारा कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के बनने को ये कम करने में मदद करता है।
(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए कितना पानी पीना चाहिए)
कैसे बनाएं शहद और नींबू की चाय –
सामग्री -
एक चम्मच ताज़ा नींबू जूस।
एक चम्मच शहद।
एक कप पानी। 
विधि -
सबसे पहले एक कप पानी को गर्म कर लें।
अब इस पानी को कप में डालें और फिर उसमे शहद और नींबू के जूस को मिला लें और अच्छे से उस मिश्रण को चलाते रहें।
फिर इस चाय को गर्म गर्म पी जाएँ।
तो अगर आप वजन कम करने का सोच रहे हैं, तो इस बेहतरीन चाय का लाभ अपने डाइट के साथ साथ ज़रूर उठायें। इससे आपका वजन घटेगा और आपका शरीर स्वस्थ भी रहेगा।
(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए क्या नहीं खाना चाहिए)
from myUpchar.com के स्वास्थ्य संबंधी लेख via http://www.myupchar.com/weightloss/isko-roj-peene-se-aap-kar-sakte-hain-teji-se-sardiyo-mein-vajan-kam-in-hindi
0 notes
Text
प्रेगनेंसी के बाद वजन कम करने के उपाय
हमारा जीवन कठिनाइयों भरा होता है, जहां कोई ना कोई परेशानी लगी ही रहती है। अगर बात महिलाओं की जाए तो भी सजग रहते हुए भी समस्या आ ही जाती है। ऐसा देखा जाता है कि महिलाओं के प्रेग्नेंट होने पर उनका वजन अचानक बढ़ जाता है जिससे बाद में महिलाओं को वजन कम करने में बड़ी दिक्कतें होने लगती हैं।
ऐसे में हम आपकी मदद करेंगे ताकि आप  प्रेगनेंसी के बाद अपना वजन आसानी से कम कर सके।
डिलीवरी के बाद क्यों बढ़ जाता है  वजन?
कई बार ऐसा देखा जाता है कि प्रेग्नेंसी के समय वजन बढ़ता ही जाता है जिससे महिलाएं चिंतित होने लगती हैं। एक्सपर्ट की मानें तो ऐसे समय में हार्मोन का संतुलन बदलता रहता है।
जब भी महिलाएं प्रेग्नेंट होती है, तो बच्चे एवं खुद के पोषण को ध्यान रखते हुए खानपान की मात्रा बढ़ा दी जाती है। ऐसे में वजन बढ़ना लाजिमी हो जाता है। कई बार महिलाओं को प्रेगनेंसी में भी थायराइड की समस्या होती है और वजन बढ़ने का कारण बनती है। कई बार प्रेगनेंसी में बेहतर सेहत के लिए कई प्रकार की दवाइयां दी जाती है और यह भी वजन बढ़ने में बड़ा कारण बनती है।
गर्भावस्था के दौरान बवासीर का घरेलू इलाज
प्रेगनेंसी के बाद वजन कम करने के कारगर उपाय
प्रेगनेंसी के बाद महिलाएं चिंतित होने लगती हैं क्योंकि कुछ दिनों में उनका वजन बढ़ जाता है। ऐसे में हैरान परेशान नहीं बल्कि कुछ कारगर उपाय कर आप फायदा ले सकती हैं।
1) खानपान सही हो –  महिलाएं वजन को लेकर इतना परेशान हो जाती है कि खाना भी सही तरीके से नहीं खाती हैं। ऐसा करने से आपकी परेशानी और भी बढ़ सकती है। ऐसे समय में आपको ऐसा खानपान लेना होगा ज��� आपको पूरा पोषण दे सके।
2) बेल्ट का उपयोग – आपने देखा होगा कि मोटापा कम करने के लिए लोग बेल्ट का उपयोग करते हैं ऐसे में आप भी इस बेल्ट का सहारा ले सकती हैं,  जो पूर्ण रूप से सुरक्षित है और आसानी से मिल भी जाती है।
3) ज्यादा कैलोरी ना लेना – ऐसे समय में ऐसा खानपान ले, जो ज्यादा कैलोरी का ना हो। इसमें आप प्रोटीन, ओमेगा 3 फैटी एसिड, कैल्शियम, फाइबर युक्त भोजन ले। यह सभी वजन कम करने में फायदेमंद है।
4) सही सामान की खरीदारी करें – कई बार ऐसा भी देखा जाता है कि मार्केट जाते ही हम कई प्रकार के खाने का सामान देखकर खरीदारी कर लेते हैं। जो आपके लिए सही नहीं है। ऐसे में चॉकलेट, कुकीज ,कुकीज़, से दूर ही रहे तो बेहतर होगा।
5) खाना हो सही समय पर — इस बात का खास ख्याल रखें कि खाना सही समय पर खाएं। बहुत ज्यादा देर ना करें। सोने के  2 घंटे पहले खाना खाना ही बेहतर है।
6) तनाव से दूरी — कई बार ऐसा भी देखा गया है कि तनाव के कारण वजन बढ़ सकता है, ऐसे में किसी भी तनाव से बचें। ऐसा देखा गया है कि यह कहना आसान है लेकिन अगर आप चाहे तो एक बार कोशिश की जा सकती है।
7) स्नैक्स ले —  अगर आपको ऐसा लगे कि भूख लग रही है तो थोड़ा-थोड़ा करके खाएं। आप चाहे तो स्नैक्स के रूप में ओट्स,  सूखे मेवे का सेवन कर सकते हैं।
8)  ज्यादा पानी पिए — अगर आप ज्यादा पानी पिए तो फायदेमंद होगा। रोजाना 8 से 10 गिलास पानी पी कर खुद को स्वस्थ भी रख सकते हैं।
9) चाय, कॉफी से दूरी —  प्रेगनेंसी में वजन कम करने के लिए चाय, कॉफी से दूरी बना लेना ही फायदेमंद है। इनमें कैफीन होती है, जो वजन कम करने में बाधक है। अगर आप चाय, कॉफी पीने के शौकीन हैं तो ग्रीन टी पी सकते हैं।
डिलीवरी के बाद वजन कम करने के घरेलू उपाय
pregnancy ke baad vajan kam kaise kare | delivery ke baad vajan kam karne ka gharelu upay
अगर आप चाहे तो घरेलू उपाय से ही वजन कम किया जा सकता है जो सुरक्षित भी है और घर में रखी सामग्री से आप अपना काम कर सकते हैं।
1)  नींबू और शहद – अगर आप खाली पेट नींबू का पानी गर्म करके और उसमें शहद डालकर पिए हैं, तो यह बहुत ही फायदेमंद हो जाएगा।
2)  टमाटर –   अगर टमाटर का सेवन किया जाए तो यह बेहतर होगा। टमाटर में लाइकोपीन और  बीटा कैरोटीन होता है, जो वजन कम करता है। इसमे प्राकृतिक शुगर पाई जाती है, जो किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं करती है।
3) लहसुन – अगर आप रोज सुबह खाली पेट कच्चे लहसुन की चार पांच कलियों को खाएं तो निश्चित रूप से वजन कम किया जा सकता है। शुरू में इसका स्वाद अजीब लगेगा पर बाद में ठीक हो जाता है।
4).  ग्रीन टी –   अगर आप  ग्रीन टी का उपयोग करें तो बहुत ही फायदा करेगा और कुछ ही दिनों में आपका वजन कम हो जाएगा।
5)  अजवाइन का पानी – अगर आप एक चम्मच अजवायन को पानी में डालकर गर्म कर लें और रोजाना पिए तो इससे भी बहुत ज्यादा फायदा होने वाला है।
प्रेगनेंसी के बाद वजन कम करने के कुछ मुख्य व्यायाम
प्रेगनेंसी के होने पर  व्यायाम की सलाह दी जाती है लेकिन आप  डिलीवरी के बाद भी व्यायाम करके आप वजन को नियंत्रित कर सकते हैं।
1) वॉकिंग – वजन कम करने का सबसे आसान उपाय वाकिंग है। अगर आपको समय मिले तो सुबह  ताजी हवा में कम से कम आधे घंटे तक वॉकिंग करें इससे आपको फायदा होगा वजन कम करने में।
2) सिटअप्स – अगर आप नियमित रूप से सिटअप्स करते हैं, तो निश्चित रूप से आपका वजन कम होगा। इसके लिए जमीन पर लेट जाए। इसके बाद अपने दोनों हाथों को गर्दन के पीछे ले जाएं और धीरे-धीरे सिर को ऊपर की ओर उठाने की कोशिश करें।अगर  आप बार-बार दोहराती है, तो अतिरिक्त वसा बढ़ नहीं पाती है।
3)  स्विमिंग – अगर आप वजन कम करने की इच्छुक हैं, तो प्रेगनेंसी के बाद स्विमिंग आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। इसके लिए आप अपने समयानुसार स्विमिंग कर आनंद ले सकती हैं।
4)  स्टेचिंग – वजन कम करने के लिए इसे भी कारगर माना गया है। इसमें आप पीठ के बल लेट जाएं । उसके बाद अपने घुटनों को धीरे धीरे मोड़े। ऐसा करते समय पीठ एकदम सीधी होनी चाहिए। शुरुआत में इसे बहुत ज्यादा देर तक नहीं करें तो बेहतर होगा।
5) बेली बीथिंग – इसे करना बहुत ही आसान है। इसमें आपको पीठ के बल लेटना होगा और अपने हाथों को पेट में रखे। जैसे सांस ले तो आप देखेंगे पेट बाहर आएगा और सांस होने पर पेट को अंदर खींच ले। फिर से सांस रोकते हुए या व्यायाम करें यह भी आपके लिए फायदेमंद है।
अच्छा होगा यदि शुरुआत में आप किसी विशेषज्ञ से सलाह ले ले।
वजन कम करने हेतु क्या नहीं करना चाहिए
कई बार महिलाएं वजन कम करने की होड़ में कुछ गलतियां कर बैठती हैं, तो आपको इन गलतियों से बचना होगा।
1) कई बार महिलाएं अपना खाना पीना छोड़ने लगती हैं। यह तो बिल्कुल गलत है जब तक आपका पोषण सही नहीं होगा, तब तक बच्चे का पोषण सही से नहीं हो पाएगा। इससे बच्चे की सेहत पर बुरा असर होगा।
2) कुछ महिलाएं ऐसा सोचती है कि उपवास करने से वजन कम हो जाएगा लेकिन यदि आपकी कुछ दिनों पहले ही डिलीवरी हुई हो, तो उपवास बिल्कुल ना करें इससे बच्चे की सेहत पर असर पड़ेगा सबसे ज्यादा जरूरी बच्चे की सेहत है, उस पर ध्यान दें।
3) ऐसे समय में आपके बच्चे को आपके दूध की परम आवश्यकता है। ऐसे में बच्चे को दूध नियमित रूप से दें किसी भी प्रकार की कोताही ना बरतें।
4) आपने  अखबार पत्र व विज्ञापनों में वजन कम करने के लिए कई प्रकार की दवाइयों की जानकारी देखी होगी तो इस प्रकार के विज्ञापनों से दूर ही रहे और सही निर्णय लें।
डिलीवरी के बाद वजन कम करना क्यों है जरूरी
डिलीवरी के बाद कई  महिलाओं का वजन बढ़ जाता है और उसे कम करने की जद्दोजहद शुरू होती है लेकिन यह भी देखा गया है कि डिलीवरी के बाद वजन कम करना जरूरी है क्योंकि बाद में कई प्रकार की समस्याएं घिर सकती हैं, जो बच्चे के लिए भी घातक हो सकता है ऐसे में पूरा ध्यान बच्चे पर दें।
वजन कम करना है एक चुनौती
वजन कम करना एक हमेशा से ही चुनौती होती है और अगर प्रेगनेंसी के बाद वजन कम करना हो, तो यह और भी मुश्किल काम नजर आता है। बच्चे के साथ वजन कम करना थका देने वाला काम है। ऐसे में अगर सही पोषण पर ध्यान दिया जाए तो निश्चित रूप से यह आपके और बच्चे के लिए फायदेमंद होने वाला है। ऐसे में अगर आप किसी भरोसेमंद व्यक्ति या अपने पार्टनर से मदद लें तो भी फायदेमंद होगा। ऐसे में खुश रहे और धीरे-धीरे वजन कम करने की कोशिश करें ज्यादा परेशान ना ही रहे।
प्रेगनेंसी में इम्यूनिटी पावर कैसे बढ़ाए
सिजेरियन के बाद कैसे करें वजन कम
सिजेरियन डिलीवरी होने से कई प्रकार की समस्याएं देखी जा सकती हैं उनमें से एक वजन की भी समस्या है। इस समय आप एकदम से वजन कम करने के बारे में न सोचे। कुछ दिनों बाद ही वजन कम करना सही होगा। इस समय आपको खुद का ध्यान देने की आवश्यकता है। कुछ आसान उपाय करके इस समय आप अपना वजन कम कर सकती हैं
1) स्तनपान – स्तनपान. किसी भी मां के लिए सबसे अच्छा तरीका है। अपना वजन कम करने का स्तनपान कराने से बच्चे को भी सही पोषण मिल जाता है। जब भी स्तनपान कराया जाता है तो उसमें लगभग 500 कैलोरी खर्च होती है और इससे पेट की चर्बी को भी कम किया जा सकता है। इसे करना आसान भी है।
2) खूब पानी पिए – रोजाना ज्यादा से ज्यादा पानी पिए जो शरीर के लिए फायदेमंद है। यह अतिरि���्त वसा को दूर करने का भी काम करता है।
3) हमेशा कैलोरी पर ध्यान दें – वजन कम करने की जद्दोजहद में कैलोरी पर ध्यान देना जरूरी हो जाता है। सही तरीके से नाश्ता, खाना, मेवे, दही ही लिया जाए तो सही रहेगा। कोशिश करना चाहिए कि ऐसे समय में कैलोरी बहुत ज्यादा भी कम ना हो सके नहीं तो ऐसे में दिक्कत हो जाएगी।
निष्कर्ष
इसमें से हमने देखा कि प्रेगनेंसी के बाद वजन कम करना थोड़ा मुश्किल है पर नामुमकिन नहीं। इस बात का विशेष ध्यान रखें और बच्चे का भी ध्यान रखें। बहुत जरूरी है कि ऐसे समय में खुश रहे तभी बच्चा सही विकास कर पाएगा।
आपके आने वाले भविष्य के लिए शुभकामनाएं एवं हमारा लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद।
Source : https://www.ghareluayurvedicupay.com/pregnancy-ke-baad-vajan-kam-karne-ke-upay/
0 notes
gethealthy18-blog · 5 years
Text
क्या ग्रीन टी वजन घटाने में मदद करती है – Green Tea For Weight Loss in Hindi
New Post has been published on http://healingawerness.com/getting-healthy/getting-healthy-women/%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%97%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%a8-%e0%a4%9f%e0%a5%80-%e0%a4%b5%e0%a4%9c%e0%a4%a8-%e0%a4%98%e0%a4%9f%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%87/
क्या ग्रीन टी वजन घटाने में मदद करती है – Green Tea For Weight Loss in Hindi
क्या ग्रीन टी वजन घटाने में मदद करती है – Green Tea For Weight Loss in Hindi Saral Jain Hyderabd040-395603080 December 26, 2019
मोटापे से ग्रस्त लोग कई जतन करने के बाद भी सकारात्मक परिणाम न मिलने पर निराश हो जाते हैं। उन्हें लगता है कि वो वजन को कम नहीं कर पाएंगे। वहीं, अगर यह कहा जाए कि व्यायाम व भोजन में बदलाव करने के साथ-साथ चाय पीने की आदत को बदलने पर मोटापा कम हो सकता है, तो कई लोगों को इस पर यकीन नहीं होगा। जी हां, ग्रीन टी न सिर्फ वजन को कम करती है, बल्कि विभिन्न प्रकार के कैंसर, हृदय रोग और लीवर की समस्याओं से बचाने में मदद कर सकती है। इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीवायरल, न्यूरोप्रोटेक्टिव जैसे गुण पाए जाते हैं, जोकि सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद हो सकते हैं (1)। इन गुणों के कारण यह चाय मोटापा कम करने में मदद कर सकती है। इसके लिए चाय के साथ-साथ नियमित व्यायाम, योग व संतुलित आहार का सेवन करना जरूरी है।
लेख की शुरुआत में हम बता रहे हैं वजन को कम करने के लिए ग्रीन टी के फायदे।
विषय सूची
वजन घटाने में ग्रीन टी क्यों फायदेमंद है? – Benefits of Green Tea for Weight Loss in Hindi
ग्रीन-टी में एपिगैलोकैटेचिन-3-गैलेट (ईजीसीजी, EGCG, एक प्रकार का कैटेचिन) नामक कंपाउंड होता है (2)। यह वजन कम करने में कारगर हो सकता है। इस हर्बल चाय में कई अन्य प्रकार के गुण भी होते हैं और उन्हीं में से एक है एंटीऑक्सीडेंट। यह गुण मेटाबॉलिज्म को बढ़ाकर वजन कम कर सकता है। इसके अलावा, अगर इसका सेवन एक्सरसाइज के साथ किया जाए, तो यह फैट को कम करने का काम भी कर सकती है। इसी संबंध में एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम के रिसर्च को प्रकाशित किया गया है। इस रिसर्च में बताया गया है कि ग्रीन-टी पीने से मोटापा संबंधी समस्या दूर हो सकती हैं। यह मेटाबॉलिक रेट दर को बढ़ाकर हर समय थोड़ी-थोड़ी कैलोरी को कम करने में मदद मिल सकती है। इसमें मौजूद योगिक फैट बर्निंग हॉर्मोन को सक्रिय कर सकते हैं (3) ।
अब आगे हम बता रहे हैं कि किस प्रकार वजन घटाने के लिए ग्रीन टी फायदेमंद हो सकती है।
1. कैलोरी में कम होती है ग्रीन टी
माना जाता है कि डाइट में कैलोरी की मात्रा अधिक होने और शारीरिक गतिविधि कम होने से मोटापे का खतरा हो सकता है, जिससे कई प्रकार की शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं (4)। वहीं, ग्रीन टी के एक कप यानी 245 ग्राम में केवल 2.45 कैलोरी होती है (5)। कम कैलोरी होने के कारण इसे पीने से वजन नहीं बढ़ता है और साथ ही यह वजन को कम करने में भी फायदेमंद हो सकती है (6)। यह प्राकृतिक पेय है, जिसे तैयार करने में केवल 5-7 मिनट लगते हैं।
2. कैटेचिन से भरपूर ग्रीन टी
ग्रीन टी में एपिगैलोकैटेचिन गैलेट (Epigallocatechin gallate) यानी ईजीसीजी पाया जाता है, जो कैटेचिन का एक प्रकार होता है। कैटैचिन चाय में पाया जाने वाला एक प्रकार का फेनोलिक कंपाउंड होता है। ग्रीन टी में कुल कैटिचिन का 50- 80 प्रतिशत ईजीसीजी होता है। ग्रीन टी में मौजूद इस ईजीसीजी में एंटीबैक्टीरियल, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीओबेसिटी, एंटीकैंसर और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं (7)। जापानी शोध के अनुसार, अगर 12 सप्ताह तक प्रतिदिन 690 मिलीग्राम कैटेचिन का सेवन किया जाए, तो इससे बाॅडी मास इंडेक्स (बीएमआई) और शरीर का फैट कम हो सकता है (8)।
3. फैट-बर्निंग कैफीन
ग्रीन टी में कैटेचिन के साथ ही कुछ मात्रा कैफीन की भी पाई जाती है। वहीं, वजन को कम करने के लिए एनर्जी के स्तर को संतुलित करना जरूरी है और इस काम में कैफीन कुछ हद तक मदद कर सकती है। इसके अलावा, कैफीन शरीर में थर्मोजेनेसिस और फैट ऑक्सीकरण के प्रभाव को संतुलित करके वजन को कम करने में मदद कर सकती है (9) (10) (11)। व्यायाम से पहले ग्रीन टी के रूप में कैफीन का सेवन भी शरीर से फैट को कम करने में मदद कर सकता है (12)।
4. चयापचय को बढ़ाने के लिए
शरीर में होने वाली रासायनिक गतिविधियों को चयापचय कहते हैं। चयापचाय यानी मेटाबॉलिज्म के फायदे की बात करें तो ये शरीर में ऊर्जा का इस्तेमाल पाचन क्रिया, सांस की कार्यप्रणाली, रक्त संचरण, शरीर का तापमान, मूत्र और मल के माध्यम से अपशि��्ट पदार्थ को शरीर से बाहर निकालने और मस्तिष्क व तंत्रिकाओं की कार्यप्रणाली को बेहतर करने में करता है (13)। वहीं, ग्रीन टी का सेवन चयापचय को बढ़ाने में लाभदायक हाे सकता है। ग्रीन टी के कैटेचिन नामक कंपाउंड में एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं। यह एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर से हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। इसके अलावा, चयापचय सिंड्रोम के जोखिम को कम करने में भी मदद कर सकता है (14), (15)।
5. भूख को कम करे
ग्रीन टी के सेवन से भूख कम लगती है। दरअसल, इसमें पाए जाने वाले एपिगैलोकैटेचिन गैलेट (epigallocatechin gallate) नामक कंपाउंड भूख को कम करने का काम करते हैं (16)। वहीं, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित स्वीडिश वैज्ञानिकों के शोध में पाया गया है कि ग्रीन टी का सेवन भूख के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है (17)। एक अन्य वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार, ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन और फाइबर दोनों मिलकर भूख को कम करने में मदद कर सकते हैं (18)।
6. बेली फैट को कम करने में मददगार
एनसीबीआई की बेवसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार पेट की बढ़ी हुई चर्बी यानी कि मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग और कुछ कैंसर जैसे रोगों का कारण बन सकती है (19)। इस समस्या के लक्षणों को कम करने में ग्रीन टी काफी हद तक मदद कर सकती है। जैसा कि लेख के शुरुआत में बताया गया है कि ग्रीन टी में कैटेचिन की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। वहीं, एक शोध के अनुसार, इसमें पाया जाने वाला कैटेचिन पेट की चर्बी को कम करने में कारगर हो सकता है (20) (21)। इस प्रकार ग्रीन टी के सेवन से पेट की चर्बी, वजन, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में कुछ हद तक मदद मिल सकती है (22)।
7. मोटापे से संबंधित जीन को नियंत्रित करती है ग्रीन टी
ग्रीन टी से घटाये मोटापा। मोटापे को कम करने के लिए ग्रीन टी में मौजूद पॉलीफेनोल्स (जीटीपी) को फायदेमंद माना गया हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर चूहों पर किए गए एक शोध को प्रकाशित किया गया है। इसमें पाया गया है कि ग्रीन टी के पॉलीफेनोल्स में एंटी-इंफ्लेमेटरी व एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो मोटापे से संबंधित जीन को नियंत्रित करने में कारगर हो सकते हैं। इस प्रकार यह चाय माेटापे को बढ़ने से रोकने के साथ ही वजन को कम करने में भी फायदेमंद हो सकती हैं (23)।
8. ग्रीन टी व्यायाम में मददगार
स्वस्थ रहने के लिए और कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं को दूर करने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना फायदेमंद माना गया है। वहीं, कुछ लोग कम समय में ही थक जाते हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए 1 कप ग्रीन टी फायदेमंद हाे सकती है। एक शोध में पाया गया है कि ग्रीन टी का अर्क मांसपेशियों की कार्य करने की क्षमता को बढ़ाने में मददगार हो सकता है। इसमें पाया जाने वाला कैटेचिन कार्य करने की क्षमता को बढ़ाने में मददगार हो सकता है। 15 दिन तक लगभग 500 मिलीग्राम ग्रीन टी का सेवन व्यायाम, खेल प्रदर्शन और मांसपेशियों की रिकवरी में सुधार कर सकता है (24) (25) (26)।
नोट: इस लेख में दिए गए वैज्ञानिक अध्ययनों में से कुछ जानवरों पर किए गए हैं। मनुष्यों पर शोध किया जाना अभी बाकी है।
अब हम वजन घटाने के लिए ग्रीन टी पीने के सही समय के बारे में जान लेते हैं।
वजन घटाने में ग्रीन टी पीने का सही समय – When to Drink Green Tea for weight loss in Hindi
ग्रीन टी को सुबह नाश्ते के थोड़ी देर बाद और दोपहर को भोजन के कुछ समय बाद पिया जा सकता है। इसके अलावा, ग्रीन टी से मोटापा कम करने के लिए इसका सेवन कब और कैसे करना है, इस संबंध में आप एक बार आहार विशेषज्ञ से भी पूछ सकते हैं।
ग्रीन टी पीने के समय के बाद जानते हैं कि इसकी कितनी खुराक फायदेमंद हो सकती है।
वजन कम करने के लिए ग्रीन टी के प्रतिदिन की खुराक क्या होना चाहिए?
वजन घटाने के लिए ग्रीन टी सेवन प्रतिदिन एक या दो कप किया जा सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि ग्रीन टी में कुछ मात्रा कैफीन की भी होती है और अधिक कैफीन का सेवन सेहत के लिए अच्छा नहीं है (27)।
लेख के अंत में जानते हैं कि ग्रीन टी पीते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
ध्यान रखने योग्य बातें
ग्रीन टी के सेवन के साथ ही कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है, जाे इस प्रकार हैं :
जैसा कि आप जान चुके हैं कि ग्रीन टी में कुछ मात्रा कैफीन की होती है, इसलिए जिन्हें हृदय की समस्या, रक्तचाप, पेट का अल्सर, गुर्दे या लीवर की समस्या हो, उन्हें इसका अधिक सेवन करने से बचना चाहिए। गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं, थायराइड हाइपरफंक्शन, ऐंठन और मानसिक विकार से ग्रस्त मरीजों काे भी इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए (27)।
ग्रीन-टी को कुछ भी खाने के तुरंत बाद न पिये।
ग्रीन-टी खाली पेट भी नहीं पीना चाहिए।
देर रात को सोने से पहले ग्रीन-टी पीने न पिएं, इससे नींद न आने की समस्या हो सकती है।
ग्रीन-टी में दूध या चीनी नहीं मिलानी चाहिए।
इस आर्टिकल से यह तो समझ आ ही गया है कि ग्रीन टी जल्‍दी वजन कम करने में मदद करती है। साथ ही वजन घटाने के लिए ग्रीन टी का सेवन कैसे किया जा सकता है, यह भी इस आर्टिकल से स्पष्ट हो गया है। इसलिए, अगर कोई अधिक वजन से परेशान है, तो ग्रीन टी से मोटापा कम करने का प्रयास कर सकता है। आप ग्रीन टी पीते समय इस लेख में बताई गई काम की बातों को भी जरूर अपने ध्यान में रखें, तभी यह चाय पीने का फायदा होगा। आपको यह आर्टिकल कैसा लगा, आप अपने विचार नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए हम तक पहुंचा सकते हैं।
The following two tabs change content below.
Latest posts by Saral Jain (see all)
Saral Jain
सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ. सी. वी. रमन विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ से पत्रकारिता में बीए किया है। सरल को इलेक्ट्रानिक मीडिया का लगभग 8 वर्षों का एवं प्रिंट मीडिया का एक साल का अनुभव है। इन्होंने 3 साल तक टीवी चैनल के कई कार्यक्रमों में एंकर की भूमिका भी निभाई है। इन्हें फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, एडवंचर व वाइल्ड लाइफ शूट, कैंपिंग व घूमना पसंद है। सरल जैन संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी व कन्नड़ भाषाओं के जानकार हैं।
संबंधित आलेख
Source: https://www.stylecraze.com/hindi/vajan-ghatane-ke-liye-green-tea-in-hindi/
0 notes
gethealthy18-blog · 5 years
Text
वजन कम करने के लिए त्रिफला का उपयोग – How to Use Triphala For Weight Loss in Hindi
New Post has been published on https://healingawerness.com/getting-healthy/getting-healthy-women/%e0%a4%b5%e0%a4%9c%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a4%ae-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b2%e0%a4%bf%e0%a4%8f-%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%ab%e0%a4%b2%e0%a4%be/
वजन कम करने के लिए त्रिफला का उपयोग – How to Use Triphala For Weight Loss in Hindi
Bhupendra Verma Hyderabd040-395603080 August 27, 2019
क्या आप वजन बढ़ने की समस्या से परेशान हैं? क्या आपका पेट फूलता जा रहा है और कम करने के लिए आपको काफी मशक्कत करनी पड़ रही है? अगर ऐसा है, तो यह लेख आपका वजन कम करने में ��हायक हो सकता है। यह लेख त्रिफला चूर्ण के बारे में है, जो वजन को कम करने का काम कर सकता है। त्रिफला को आंवला, हरड़ और बहेड़ा को मिलकर बनाया जाता है, जो कई तरह के समस्याओं में जड़ी-बूटी के रूप में काम करता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में आप वजन घटाने के लिए त्रिफला चूर्ण के फायदे जानेंगे।
लेख के इस भाग में जानिए कि वजन घटाने में त्रिफला किस प्रकार फायदेमंद है।
विषय सूची
वजन घटाने में त्रिफला क्यों फायदेमंद है – Benefits of Triphala for Weight Loss in Hindi
Shutterstock
वजन घटाने के लिए त्रिफला चूर्ण का उपयोग किया जा सकता है। त्रिफला चिकित्सीय एजेंट के रूप में काम करता है। यह वजन को कम करने के लिए शरीर से अनावश्यक तत्वों को बाहर करने में मदद करता है। साथ ही फैट को भी कम कर सकता है (1)। ध्यान रहे कि वजन घटाने के लिए त्रिफला चूर्ण का सेवन करने के साथ-साथ नियमित रूप से व्यायाम करना भी जरूरी है। यहां जानिए कि त्रिफला किस प्रकार फायदेमंद है।
एंटीऑक्सीडेंट– एक शोध में पाया गया है कि एंटीऑक्सीडेंट गुण फ्री रेडिकल्स को नष्ट करके वजन को कम करने में सहायता कर सकते हैं (2)। वहीं, त्रिफला चूर्ण में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। इसलिए, वजन घटाने के लिए त्रिफला चूर्ण को फायदेमंद माना जा सकता है (1)।
फैटी एसिड– वजन घटाने के लिए त्रिफला चूर्ण के फायदे देखे जा सकते हैं। त्रिफला में फैटी एसिड पाए जाता है (1), जो आपके वजन को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि ओमेगा-3 फैटी एसिड भूख को शांत रखने का काम करता है, जिससे मोटापे को कम किया जा सकता है (4)।
लेख के आगे के भाग में त्रिफला चूर्ण से कैसे वजन घटाएं इसके बारे में बताया गया है।
मोटापा कम करने के लिए त्रिफला का उपयोग कैसे करें?
वजन से छुटकारा पाने के लिए आप त्रिफला का उपयोग इन विभिन्न तरीकों से कर सकते हैं :
1. पानी के साथ– त्रिफला चूर्ण को पानी में मिलकर पिया जा सकता है। इसके लिए आप ठंडा और गर्म दोनों तरह के पानी का उपयोग कर सकते हैं।
कब करें उपयोग :
इसे सुबह खाली पेट पीना ज्यादा फायदेमंद होता है।
2. नींबू और शहद के साथ त्रिफला– अगर सादे पानी के साथ त्रिफला को लेने से आपको स्वाद अजीब लगता है, तो आप हल्के गुनगुने पीने में नींबू व शहद मिला सकते हैं।
कब करें उपयोग :
इसे व्यायाम करने के बाद लिया जा सकता है।
3. त्रिफला चाय– त्रिफला चूर्ण को चाय की तरह भी उपयोग कर सकते हैं। इसके पाउडर पानी में डालकर उबाल लें और फिर शहद डालकर पिएं।
कब करें उपयोग :
इसे सुबह और शाम पी सकते हैं।
4. त्रिफला कैप्सूल– आपको त्रिफला कैप्सूल बाजार से आसानी से मिल जाएगा।
कब करें उपयोग :
इसे दोपहर में ले सकते हैं।
त्रिफला को लेकर कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जिसके बारे में हम आगे बता रहे हैं।
ध्यान देने वाली बातें – Points to Remember
लेख का यह भाग आपके लिए जरूरी हो सकता है, क्योंकि त्रिफला को लेकर कुछ बातों को ध्यान में रखना आपके लिए फायदेमंद होगा।
अगर आप घर में ही चूर्ण बना रहे हैं, तो ध्यान रहे कि आंवला, हरड़ और बहेड़ा अच्छे से सूखे हों।
आपको किसी तरह की शारीरिक या मानसिक समस्या है, तो इसे लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
त्रिफला चूर्ण का उपयोग करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि उस चूर्ण को बनाए कितना समय हो गया है। साथ ही उसे किस तरह से रखा गया है। अधिक समय से बनाया हुआ चूर्ण का उपयोग न करें।
त्रिफला के सेवन के साथ नियमित व्यायाम का भी ध्यान रखना जरूरी है।
आगे हम बता रहे हैं कि किन लोगों को त्रिफला नहीं खाना चाहिए।
त्रिफला किन-किन लोगों को नहीं खाना चाहिए – Who Should Avoid Triphala in Hindi (Pregnant women can eat)
कुछ लोगों को त्रिफला का सेवन करने से विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है :
गर्भवती महिलाओं को त्रिफला चूर्ण के उपयोग से दूर रहना चाहिए। त्रिफला की तासीर गर्म होती है। इसलिए, गर्भपात का जोखिम बना रहता है।
जो महिलाएं शिशु को स्तनपान कराती हैं, उन्हें भी त्रिफला चूर्ण के सेवन से परहेज करना चाहिए।
मधुमेह के रोगियों को इसके सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
जिन्हें जल्दी एलर्जी हो जाती है, वो इसका सेवन न करें।
अब तो आप समझ ही गए होंगे कि वजन घटाने के लिए त्रिफला चूर्ण के फायदे किस तरह से हो सकते हैं। यकीन मानिए, त्रिफला चूर्ण के सेवन से न सिर्फ आपका वजन कम होगा, बल्कि पेट भी हमेशा ठीक रहेगा। इससे आप खुद को अंदर से तरोताजा और स्वस्थ महसूस कर सकेंगे। अब जब आप त्रिफला के फायदे जान ही चुके हैं, तो इसे आज ही अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लें। अगर आपके मन में त्रिफला के संबंध में अभी भी कोई शंका है, तो बेझिझक होकर हमसे पूछें। आप अपने सवाल नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए हम तक पहुंचा सकते हैं।
The following two tabs change content below.
Latest posts by Bhupendra Verma (see all)
वजन कम करने के लिए त्रिफला का उपयोग – How to Use Triphala For Weight Loss in Hindi – August 27, 2019
चिंता (एंग्जायटी) के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Home Remedies for Anxiety in Hindi – August 27, 2019
ओट्स (जई) के 24 फायदे, उपयोग और नुकसान – Oats Benefits, Uses and Side Effects in Hindi – August 20, 2019
खरबूजा के 24 फायदे, उपयोग और नुकसान – Muskmelon Benefits, Uses and Side Effects in Hindi – August 20, 2019
लौकी और इसके जूस के 10 फायदे, उपयोग और नुकसान – Bottle Gourd and it’s Juice Benefits in Hindi – August 19, 2019
Bhupendra Verma
संबंधित आलेख
अदरक-नींबू की चाय के 12 फायदे – Benefits Of Lemon Ginger Tea in Hindi
लेमन जिंजर टी पीने के कई फायदे हैं (Lemon ginger tea benefits in hindi)। वजन कम करना, उल्टी रोकना, ह्रदय को स्वस्थ रखना, रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने जैसे और भी कई सारे फायदों के बारेमे विस्तारित जानने के लिए पढ़े ये लेख…
डायरिया के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय – Diarrhea Symptoms and Home Remedies in Hindi
जानिए डायरिया के कारण, लक्षण और घरेलू उपायों के बारे में (Diahrrea remedies in hindi)। डायरिया देर तक रहने पर व्‍यक्ति कमजोर हो जाता है। आपको इससे घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इस लेख में हम आपको डायरिया के घरेलू इलाज बताएंगे…
अश्वगंधा के 25 फायदे, उपयोग और नुकसान – Ashwagandha Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
अश्वगंधा एक आयुर्वेदिक औषधि है और इसके अनगिनत फायदे (Ashwangandha benefits in hindi) जानकर आप हैरान रह जायेंगे। अश्वगंधा के फायदों और उपयोग के बारे में विस्तारित जानने के लिए ज़रूर पढ़े ये लेख…
नियमित मॉर्निंग वॉक (सुबह की सैर) करने के 21 फायदे – Morning Walk Benefits in Hindi
ऐसा माना जाता है के मॉर्निंग वॉक करना मतलब सुबह के समय दौड़ना सबसे आसान व्यायाम है और सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है (Morning walk benefits in Hindi)। वजन घटने के साथ साथ कोलेस्ट्रॉल, कैंसर, डिप्रेशन जैसे और भी बोहोत सारे बिमारिओ में फायदेमंद है मॉर्निंग वॉक। विस्तारित जानने के लिए पढ़े ये लेख…
छाछ के 25 अद्भुत लाभ और उपयोग – Benefits And Uses Of Butter Milk (Chaas) in Hindi
आयुर्वेद में छाछ को सात्विक आहार माना गया है। दही से बनने वाला यह पेय पदार्थ स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक है। जब भी आप भारी या मसालेदार भोजन की वजह से एसिडिटी का अनुभव करें, तो एक गिलास छाछ पी लें।
Source: https://www.stylecraze.com/hindi/vajan-kam-karne-ke-liye-triphala-in-hindi/
0 notes
gethealthy18-blog · 6 years
Text
प्राकृतिक रूप से चमकती त्वचा पाने के लिए बेस्ट डायट प्लान – Glowing Skin Diet Plan in Hindi
New Post has been published on http://healingawerness.com/getting-healthy/getting-healthy-women/%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%95%e0%a5%83%e0%a4%a4%e0%a4%bf%e0%a4%95-%e0%a4%b0%e0%a5%82%e0%a4%aa-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%9a%e0%a4%ae%e0%a4%95%e0%a4%a4%e0%a5%80-%e0%a4%a4%e0%a5%8d/
प्राकृतिक रूप से चमकती त्वचा पाने के लिए बेस्ट डायट प्लान – Glowing Skin Diet Plan in Hindi
Arpita Biswas March 1, 2019
महिला हो या पुरुष हर किसी को चमकती त्वचा और चेहरे की चाहत होती है। आप कहीं भी जाते हैं, तो सबसे पहले आपका चेहरा ही आकर्षण का केंद्र बनता है। वो बात और है कि इन दिनों बढ़ते प्रदूषण और तनाव भरी जिंदगी के कारण आपका चेहरा प्राकृतिक चमक खोने लगता है। परिणामस्वरूप त्वचा संबंधी परेशानियां घेरने लगी हैं। इस कारण से आप तरह-तरह की क्रीम, लोशन, स्किन केयर प्रोडक्ट, मेकअप और स्किन ट्रीटमेंट पर पानी की तरह पैसा बहाते हो। हालांकि, इनका असर कुछ वक्त तक तो रहता है, लेकिन कई बार साइड इफेक्ट का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में कभी आपने सोचा है कि चमकती त्वचा के लिए आहार भी बहुत मायने रखता है।
विषय सूची
स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम चमकती त्वचा के लिए आहार और डाइट प्लान आपके साथ शेयर कर रहे हैं। साथ ही हम आपको उन खाद्य पदार्थों के बारे में भी बताएंगे, जिनका सेवन आपको नहीं करना चाहिए।
चमकती त्वचा के लिए डायट प्लान – Diet Plan For Glowing Skin
मील क्या खाएं प्रातः सुबह
(6:00 बजे)
एक कप पानी + आधे नींबू का जूस
या
एक कप पानी + एलोवेरा जूस
नाश्ता
(6:45-7:00 बजे)
एक कप पपीता + एक कप दूध/सोय मिल्क/ग्रीन टी + 4 बादाम
या
गेहूं की एक रोटी + एक कप रिकोटा चीज/उबला हुआ अंडा/दलिया + एक कप ग्रीन टी
मध्य सुबह
(9:30-10:00 बजे)
एक खीरा/ गाजर का टुकड़ा दही/हुमस के साथ
या
एक कप ताजा फलों का रस/नारियल पानी
दोपहर का भोजन
(12:30-1:00 बजे)
सब्जियों के साथ लेटस रैप और चिकन/मशर��म/टोफू + एक कप छाछ
या
ह       हल्की उबली सब्जियां + ग्रिल्ड फिश/चिकन/दाल का सूप + एक छोटा कप ब्राउन राइस
शाम का नाश्ता
(3:30-4:00 बजे)
एक कप ग्रीन टी या एक कप ताजे फलों/सब्जियों का रस रात का खाना
(7:00-7:30 बजे)
सब्जियों/चिकन स्टू (stew) + एक फ्लैट ब्रेड + एक कप रायता
या
मिक्स सब्जी करी + दो फ्लैट ब्रेड + एक कप रायता
रात को सोने से पहले
(10:00 बजे)
एक कप गर्म दूध/पानी + एक चुटकी हल्दी
इस डाइट चार्ट से क्या-क्या लें – Takeaways From This Diet Chart in Hindi
बेशक, स्वास्थ्य के लिहाज से यह डायट चार्ट ठीक है, लेकिन आपको सिर्फ इसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है। आप उन सभी अच्छे खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं, जो आपकी त्वचा को स्वस्थ और जवां रखने में मदद करें। इसके लिए यह समझना जरूरी है कि अपने आहार में क्या शामिल किया जाए और क्या नहीं। इस संबंध में हम आपको नीचे कुछ टिप्स दे रहे हैं, जो आपकी मदद कर सकते हैं।
खाली पेट पानी पीना जरूरी है। साथ ही आप एलोवेरा जूस, हल्दी पाउडर या नींबू के रस का सेवन कर सकते हैं।
जब भी आप सुबह कहीं बाहर जाएं, तो पहले नाश्ता जरूर करें।
अपने आहार में सही मात्रा में फल, सब्जियों और प्रोटीन को शामिल करें।
सही स्नैक्स का चुनाव करें जैसे – फलों का रस, दही, छाछ या फिर नारियल पानी।
ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जो आपके पेट और लिवर के लिए अच्छे हो।
उन खाद्य पदार्थों से बचें, जिनसे आपको एलर्जी हो सकती है, जैसे कि डेयरी उत्पाद, सी फूड इत्यादि।
आप अपने आहार में स्वाद लाने के लिए हल्के-फुल्के मसाले और हर्ब्स मिला सकते हैं।
अब वक्त है उन खाद्य पदार्थों के बारे में जानने का, जिन्हें अपनी जीवनशैली में शामिल करना चाहिए।
प्राकृतिक रूप से ग्लोइंग स्किन के लिए 15 खाद्य पदार्थ – Glowing skin diet in hindi
1. हरी पत्तेदार सब्जियां
चमकती त्वचा के लिए आहार की बात करें, तो हरी पत्तेदार सब्जियां सबसे पहले आती हैं। एंटीऑक्सीडेंट और आवश्यक विटामिन्स व पोषक तत्वों से भरपूर हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे – पालक, मूली के पत्ते, सरसों का साग, धनिया व ब्रोकोली आदि आपको बेजान त्वचा से राहत दिलाकर आपकी त्वचा पर निखार लाते हैं । आप इन सब्जियों को सलाद, सूप, सैंडविच व दाल आदि में भी डालकर सेवन कर सकते हैं।
2. पानी
Shutterstock
पानी पीना न सिर्फ आपके स्वास्थ्य के लिए, बल्कि आपकी त्वचा के लिए भी लाभकारी है। जब आप पूरे दिन में खूब सारा पानी पीते हैं, तो आप हाइड्रेटेड रहते हैं, जिसका प्रभाव आपके चेहरे पर नजर आता है। पानी न सिर्फ आपके शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है, बल्कि यह आपके चेहरे पर झुर्रियां होने से भी बचाता है। साथ ही यह आपकी त्वचा में चमक लाता है। आप हर वक्त अपने पास पानी की बोतल रखें और जब भी आपको सोडा वाले पेय पदार्थ या कोल्ड ड्रिंक पीने का मन करे, तो उनकी जगह पानी पी लें।
3. हल्दी
हल्दी आपके शरीर के अंदर और बाहर हानिकारक बैक्टीरिया को मारती है। हल्दी में मौजूद मुख्य फाइटोन्यूट्रिएंट करक्यूमिन (Cucurmin) एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीफंगल गुणों से भरपूर होता है। आप सुबह के वक्त सबसे पहले कच्ची हल्दी का सेवन कर सकते हैं या फिर आप रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में हल्दी मिक्स करके पी सकते हैं। आपको एक हफ्ते के अंदर फर्क नजर आने लगेगा। आप हल्दी को सब्जी, सलाद व जूस आदि में भी मिला सकते हैं।
4. एवोकाडो
Shutterstock
एवोकाडो त्वचा के लिए उत्तम खाद्य पदार्थ है। यह विटामिन-ई और स्वस्थ वसा से भरपूर होता है। स्वस्थ वसा सूजन को कम करता है और विटामिन-ई एक एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। एवोकाडो त्वचा के नुकसान को कम करने में मदद करता है, नमी को लॉक करता है और वक्त से पहले झुर्रियों, मुंहासे और बेजान त्वचा को रोकने में मदद करता है। आप एवोकाडो को नाश्ते के दौरान या फिर सैंडविच और सलाद के साथ सेवन कर सकते हैं।
5. एलोवेरा
त्वचा की समस्याओं को दूर करने के लिए एलोवेरा सबसे लोकप्रिय घरेलू उपाय है। इसमें ऑक्सिन और जिबरेलिन नामक हार्मोंस होते हैं, जिनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता हैं। इसलिए, जब आप एलोवेरा लगाते हैं, इसका जूस पीते हैं या फिर इसे सप्लीमेंट की तरह सेवन करते हैं, तो यह किसी भी तरह की सूजन को कम करने में मदद करता है। ध्यान रहे कि कभी सीधा एलोवेरा के पत्ते से निकले जेल का सेवन न करें। यह हानिकारक साबित हो सकता है।
6. फल
Shutterstock
फल विटामिन्स, मिनरल्स और फ्रूट शुगर से भरपूर होते हैं। मीठे फल बार-बार भूख लगने की लत को कम करते हैं। इस कारण जंक फूड खाने की आदत कम हो सकती है। इसलिए, फलों का सेवन करके, आप अपनी त्वचा के स्वास्थ्य को बनाए रख सकते हैं और त्वचा में चमक बढ़ा सकते हैं। नीचे हम कुछ फलों के बारे में बता रहे हैं, जो आपकी त्वचा के लिए फायदेमंद हैं।
आम एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन-ए से भरपूर होता है, जो त्वचा पर वक्त से पहले एजिंग या झुर्रियों की परेशानी से बचाता है। साथ ही त्वचा की चमक और कसाव को बरकरार रखता है। यह त्वचा की नई कोशिकाओं को बढ़ने में भी मदद करता है।
केला विटामिन-ए, बी और ई से भरपूर होता है। यह त्वचा पर समय से पहले आने वाली झुर्रियों से बचाता है।
पपीता त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाता है और त्वचा की अशुद्धियों को दूर कर त्वचा को साफ करता है।
संतरा और कीवी विटामिन-सी से भरपूर होते हैं, जो झुर्रियां को होने से रोकते हैं और कोलेजन संश्लेषण को बढ़ाते हैं। अमरूद, अंगूर और स्ट्रॉबेरी भी ऐसे फल हैं, जो विटामिन-सी से भरपूर होते हैं। विटामिन-सी त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से होने वाली क्षति से बचाता है और नए कोशिकाओं को बनने में मदद करता है। इस प्रकार यह आपकी त्वचा को लंबे वक्त तक जवां और खूबसूरत बनाए रखता है।
एक गिलास गर्म पानी में शहद और नींबू का रस मिलाकर पीने से आपकी त्वचा में निखार आएगा, जिससे आपकी त्वचा और साफ नजर आएगी।
सेब टोंड लुक को बनाए रखने में मदद करता है और आपकी त्वचा को जवां बनाता है।
जामुन भी विटामिन-सी से भरपूर होता है, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और ��म्युनिटी बूस्टर है। इनका सेवन करने से त्वचा के काले धब्बे और निशान से जल्दी छुटकारा पाने में मदद मिलती है।
7. गाजर
गाजर में बीटा-कैरोटीन, विटामिन-ए और एंटीऑक्सीडेंट के उच्च स्तर होते हैं। ये विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर आपकी त्वचा को अंदर से स्वस्थ बनाते हैं। ये आपकी त्वचा को सूरज से होने वाले नुकसान से बचाते हैं और समय से पहले चेहरे पर आने वाली झुर्रियों को रोकते हैं। शकरकंद और रतालू अन्य विकल्प हैं, जो समान परिणाम दिखाते हैं।
8. मछली और मछली का तेल
Shutterstock
मछली और मछली का तेल ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होता है। इसके सेवन से त्वचा में प्राकृतिक तेल का स्तर संतुलित रहता है, जो सूजन, मुंहासे, फटी त्वचा और लालिमा को कम करने में मदद करता है। त्वचा को स्वस्थ और मुलायम बनाए रखने के लिए आप वसा युक्त मछली जैसे ट्यूना, साल्मन, कार्प या फिर फिश ऑयल के सप्लीमेंट्स का सेवन कर सकते हैं। मछली की त्वचा को निकाले बिना ग्रिल्ड या बेक्ड फिश का सेवन करना फायदेमंद होता है।
9. स्वस्थ फैट
स्वस्थ फैट आपकी त्वचा के लिए गुणकारी होता है। स्वस्थ फैट के सबसे अच्छे स्रोत नट्स (बादाम व अखरोट आदि), बीज (अलसी, सूरजमुखी के बीज, चिया बीज आदि), स्वस्थ तेल (जैतून का तेल, चावल की भूसी का तेल आदि) और मछली हैं। शाकाहारियों के लिए नट्स, बीज और तेल बढ़िया विकल्प हैं। दाग रहित त्वचा पाने के लिए आप अपने आहार में पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक तत्वों को शामिल करें।
10. ग्रीन टी/माचा टी
Shutterstock
ग्रीन टी एंटीऑक्सीडेंट का प्राकृतिक स्रोत है। चाय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण हानिकारक मुक्त कणों को नष्ट करने में मदद करता है, जिससे आपकी त्वचा समय से पहले बूढ़ी, काले धब्बों और लालिमा का शिकार होने से बच जाती है। ग्रीन टी मुंहासे पैदा करने वाले हार्मोन के स्तर को भी कम करने में मदद करती है, जिससे आपकी त्वचा स्वस्थ और दमकती नजर आती है।
11. ब्रोकली
ब्रोकली में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं। त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए एंटीऑक्सीडेंट महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। फ्री ऑक्सीजन रेडिकल्स कोशिकाओं को क्षति पहुंचाकर कोशिकाओं और अंगों के सामान्य कामकाज को बाधित करते हैं। इससे हार्मोंस के स्तर में असंतुलन, कमजोर इम्युनिटी या पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, आपको भोजन के माध्यम से एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी खुराक लेनी चाहिए। ऐसे में ब्रोकली अच्छा विकल्प है।
12. दही
Shutterstock
दही और छाछ में प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो पाचन और मल त्याग में मदद करते हैं। जब आपकी पाचन शक्ति सही होती है, तो आपको त्वचा से जुड़ी परेशानियां जैसे – कील-मुंहासे, दाग-धब्बे या किसी भी तरह के संक्रमण का खतरा भी कम होता है। प्रतिदिन दोपहर के भोजन के बाद, रात के खाने के साथ या स्मूदी में दही का सेवन कर सकते हैं।
13. लौकी
चेचक यानी चिकन पॉक्स कभी भी हो सकते हैं और कई बार चिकन पॉक्स के निशान कई दिनों तक रहते हैं। कुछ लोगों के चेहरे पर तो ये उम्र भर रह जाते हैं। ऐसे में लोग कई तरह के उपाय भी करते हैं, लेकिन कुछ खास फर्क नहीं पड़ता। ऐसे में सही खाना बहुत मददगार साबित हो सकता है। लौकी (लौकी का रस) चिकन पॉक्स के निशान को हटाने के लिए अच्छा प्राकृतिक उपचार है। लौकी में मौजूद फाइटोन्यूट्रिएंट्स में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इस लिहाज से लौकी प्राकृतिक रूप से निशान हटाने के लिए अच्छा खाद्य पदार्थ है। आप नाश्ते में अन्य खाद्य पदार्थों के साथ लौकी का जूस पी सकते हैं। आप लौकी का सूप बना सकते हैं या सब्जी और दाल में मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं।
14. करेला
Shutterstock
करेला भले ही खाने में कड़वा लगे, लेकिन इसके कई फायदे हैं। यह न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि यह आपकी त्वचा के लिए भी बहुत गुणकारी है। यह त्वचा संबंधी कई परेशानियों जैसे – एलर्जी, दाग-धब्बे और टैन से राहत दिलाता है। यह न सिर्फ एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत है, बल्कि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं। साथ ही करेला आपके लिवर और पेट को भी स्वस्थ रखता है। आप करेले को उबालकर खा सकते हैं। इसे भूनकर या लंबे वक्त तक पानी में भिगोकर न खाएं, क्योंकि ऐसा करने से इसके पोषक तत्व खत्म या कम हो जाते हैं।
15. रेड वाइन
रेड वाइन और कुछ नहीं, बल्कि लाल अंगूर का फर्मेन्टेड रस होता है। इसमें त्वचा की चमक को बरकरार रखने के और एजिंग या वक्त से पहले झुर्रियों की समस्या को कम करने के गुण होते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और त्वचा को सूजन व सूरज की हानिकारक किरणों से होने वाली क्षति से बचाने में मदद करते हैं। इसका सीमित मात्रा में ही सेवन करें, क्योंकि शराब का अधिक सेवन करने से आप डीहाइड्रेट हो सकते हैं, जिससे त्वचा संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
ये तो थे चमकती त्वचा के लिए आहार ( glowing skin diet in hindi) जिनका सेवन आप कर सकते हैं, लेकिन अपनी त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए किन खाद्य पदार्थों से आपको बचना चाहिए यह जानना भी जरूरी है।
नीचे हम आपको वो खाद्य पदार्थ बता रहे हैं, जिनका सेवन आपको नहीं करना चाहिए।
क्या न खाएं – Foods To Avoid in Hindi
चटपटा या मसालेदार खाना।
प्रोसेस्ड और जंक फूड।
उच्च सोडियम और उच्च शर्करा वाले खाद्य पदार्थ।
तैलीय व अधिक मिर्च-मसाले वाले खाद्य पदार्थ।
ऐसे खाद्य पदार्थ, जिनमें एस्ट्रोजन (estrogen) का उच्च स्तर हो।
ऐसे खाद्य पदार्थ, जो शरीर के आंतरिक तापमान को बढ़ाते हैं।
ओवरकुकड या आंशिक रूप से जले खाद्य पदार्थ (कबाब)।
स्वस्थ और चमकती त्वचा अच्छे स्वास्थ्य की निशानी है और चमकती त्वचा के लिए आहार (glowing skin diet in hindi) भी बहुत मायने रखता है। इसलिए, वक्त रहते अपने खाने की सभी बुरी आदतों को दूर कर स्वस्थ खाद्य पदार्थों का सेवन शुरू करें। ऊपर दिए गए डायट प्लान को फॉलो करें और एक नई जीवनशैली को अपनाएं। साथ ही अपने अनुभव हमारे साथ कमेंट बॉक्स में शेयर करना न भूलें।
The following two tabs change content below.
Latest posts by Arpita Biswas (see all)
Arpita Biswas
संबंधित आलेख
होंठों पर पिंपल्स से छुटकारा पाने के 9 सबसे सरल तरीके – Simple Ways To Get Rid Of Pimples On Lips in Hindi
होंठों पर पिम्पल बोहोत ही दर्दनाक होता है। (Lip Pimples Remedies in Hindi) होंठों के ऊपर होने वाले पिम्पले को हटाने के लिए हम आपके लिए लाये है कुछ आसान और प्रमाणित घरेलु उपाय। जानने के लिए ज़रूर पढ़े…
ऑयली त्वचा के लिए 20 मॉइस्चराइजर – Best Moisturizers For Oily Skin in Hindi
अक्सर ऑयली स्किन (तैलीय त्वचा) के लिए मॉइस्चराइजर (Moisturizers for oily skin in hindi) चुनना थोड़ा मुश्किल हो जाता है, इसलिए हम इस लेख में लाये है तैलीय त्वचा के लिए कुछ सबसे अच्छे मॉइस्चराइजर जो आपके इस परेशानी को तुरंत दूर कर सकता है। जानने के लिए पढ़े…
सुडौल नितंब पाने के उपाय – How to Get a Bigger Butt in Hindi
हर लड़की एक बेहतर फिगर चाहती है और सुडौल नितंब इसमें खास भूमिका निभाते हैं, लेकिन कई महिलाएं अपने नितंब के आकार को लेकर परेशान रहती हैं। वो सुडौल नितंब पाने के लिए कई तरह के उपाय भी करती हैं, जिनमें से कुछ कारगर साबित होते हैं, तो कुछ नहीं होते। इसमें कोई दो राय नहीं कि नियमित
झाइयां हटाने के घरेलू उपाय – Home Remedies For Skin Pigmentation In Hindi
पिगमेंटेशन या झाइयां एक त्‍वचा संबंधित समस्‍या है जिसका प्रभाब आपके सुंदरता पे परता है। इस लेख में पढ़िए झाइयां हटाने के कुछ आसान घरेलु उपाय (Pigmentation remedies in hindi) जो आपके सारे झाइयो का इलाज करके आपको और खूबसूरत बनाने में मदद करेगा…
बालों को तेज़ी से बढ़ाने के 20 तरीके – Baalo Ko Tezi Se Badhane Ke 20 Tarike – Hair Growth Tips in Hindi
अगर आप अपने बालों को तेजी से बढ़ाना चाहते हैं तो इस लेख में हैं आपके लिए हैं बालों को बढ़ाने के 20 घरेलू तरीके (Hair growth tips in hindi)। जानिए बाल कमज़ोर होने के कुछ कारणों को और कैस्टर ऑयल, प्याज़, अंडा, आंवला जैसे ढेर सारे घरेलू उपायों के बारे में…
Source: https://www.stylecraze.com/hindi/chamakti-twacha-paane-ke-liye-diet-plan-in-hindi/
0 notes
gethealthy18-blog · 6 years
Text
ग्रीन कॉफी के 15 फायदे, उपयोग और नुकसान – 15 Green Coffee Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
New Post has been published on http://healingawerness.com/getting-healthy/getting-healthy-women/%e0%a4%97%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%89%e0%a4%ab%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%87-15-%e0%a4%ab%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%a6%e0%a5%87-%e0%a4%89%e0%a4%aa%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%97/
ग्रीन कॉफी के 15 फायदे, उपयोग और नुकसान – 15 Green Coffee Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
Anuj Joshi January 4, 2019
चाय और कॉफी हमारी दिनचर्या का अहम हिस्सा बन गए हैं। जहां पहले हम इन्हें सिर्फ स्वाद भर के लिए पीते थे, वहीं आज स्वास्थ्य के लिहाज से इनका सेवन किया जा रहा है। चाय में तो पहले ही हर्बल और ग्रीन-टी के रूप में कई विकल्प बाजार में उपलब्ध हैं। अब इसी क्रम में ग्रीन कॉफी (green coffee) का नाम भी जुड़ गया है। जी हां, ग्रीन कॉफी, जो सामान्य रूप से मिलने वाली कॉफी से हट कर है और बेहद गुणकारी भी है। अगर आप वजन घटना चाहते हैं, तो ग्रीन कॉफी आपके लिए सबसे बेहतर है। ग्रीन कॉफी के अन्य फायदे भी हैं, जिनके बारे में आप स्टाइलक्रेज के इस लेख में पढ़ेंगे। साथ ही आपको यह भी बताएंगे कि कुछ मामलों में ग्रीन कॉफी नुकसानदायक भी है।
लेख के शुरुआत में हम आपको यह बता रहे हैं कि आखिर ग्रीन कॉफी है क्या।
क्या है ग्रीन कॉफी – What is Green Coffee?
कॉफी के पौधे से हरे रंग के बीजों को लेकर पहले उन्हें भुना जाता है और फिर पीसकर कॉफी बनाई जाती है। इस प्रक्रिया से कॉफी का रंग हरे से बदलकर हल्का या गहरा भूरा हो जाता है और स्वाद भी बढ़ जाता है, लेकिन कॉफी में मौजूद एंटीआक्सीडेंट जैसे गुणकारी तत्व खत्म हो जाते हैं। वहीं, जब कॉफी को बिना भुने पीसकर पाउडर बनाया जाता है, तो इसे ग्रीन कॉफी कहते हैं। इसमें कई गुणकारी तत्व मौजूद होते हैं, जो सेहत के लिए अच्छे होते हैं। वैज्ञानिक शोध के अनुसार प्रतिदिन 200 से 480 एमजी तक ग्रीन कॉफी का सेवन किया जाना चाहिए (1)।
आइए, अब ग्रीन कॉफी के फायदों (green coffee benefits) के बारे में विस्तार से जानते हैं।
ग्रीन कॉफी के फायदे – Benefits of Green Coffee in Hindi
ग्रीन कॉफी (green coffee) सेहत के लिए फायदेमंद है। यहां हम सेहत, त्वचा और बालों के लिए ग्रीन कॉफी के फायदे बता रहे हैं।
त्वचा के लिए ग्रीन कॉफी के फायदे – Skin Benefits of Green Coffee in Hindi
Shutterstock
वजन नियंत्रण : अगर आप बढ़ते वजन से परेशान हैं और किसी भी तरह की डाइट का अच्छी तरह पालन नहीं कर पा रहे हैं, तो ग्रीन कॉफी का सेवन शुरू कर दीजिए। ग्रीन कॉफी में अत्यधिक मात्रा में केल्प (एक प्रकार का समुद्री खरपतवार) होता है, जिसमें भरपूर मात्रा में खनिज और विटामिन पाए जाते हैं। यह शरीर में जरूरी पोषक तत्वों को संतुलित बनाए रखता है। साथ ही यह मेटाबॉलिज्म के स्तर को नियंत्रित करता है, जिससे शरीर में मौजूद जरूरत से ज्यादा चर्बी और कैलरी को कम किया जा सकता है (2)। इसलिए, ग्रीन कॉफी वजन कम (green coffee weight loss) करने के लिए अच्छा विकल्प साबित हो सकती है
डायबिटीज : टाइप-2 डायबिटीज से ग्रस्त मरीज ग्रीन कॉफी का सेवन कर सकते हैं। इसे पीने से रक्त में बढ़ा हुआ शुगर का स्तर कम हो सकता है। साथ ही वजन भी कम होने लगता है और ये दोनों चीजें ही टाइप-2 डायबिटजी को ठीक करने के लिए जरूरी हैं (4)।
सिरदर्द : अगर ग्रीन कॉफी को सीमित मात्रा में पिया जाए, तो यह सिरदर्द से भी राहत दे सकती है। यह न सिर्फ सिरदर्द को कम कर सकती है, बल्कि उसे दूर भी कर सकती है। ग्रीन कॉफी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट इस काम में मदद करते हैं (5)।
Shutterstock
 ह्रदय रोग : ग्रीन कॉफी में क्लोरोजेनिक एसिड होता है, जो एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। इसके सेवन से रक्त नलिकाओं पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और ह्रदय रोगों से लड़ने में मदद मिलती है। साथ ही ग्रीन कॉफी पीने से ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म में सुधार होता है और रक्तचाप नियंत्रित होता है। इससे उन लोगों को फायदा हो सकता है, जो डायबिटीज व ह्रदय रोग से ग्रस्त हैं (6)।
कोलेस्ट्रोल : इसे नियंत्रित करने के लिए प्रतिदिन सीमित मात्रा में ग्रीन कॉफी का सेवन किया जा सकता है। यह खराब कोलेस्ट्रोल को खत्म करने का अच्छा स्रोत है। अगर शरीर में कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ जाए, तो मोटापा व ह्रदय रोग जैसी कई बीमारियां हो सकती हैं (7)।
Shutterstock
रोगप्रतिरोधक क्षमता : ग्रीन कॉफी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण रोगप्रतिरोधक सिस्टम को किसी भी तरह के वायरल और बैक्टीरियल के हमले से बचता है। इसलिए, अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रतिदिन ग्रीन कॉफी ��ा सेवन किया जा सकता है।
एंटीऑक्सीडेंट : ग्रीन कॉफी में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह शरीर में फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करता है और पूरी तरह से हमारे स्वास्थ्य को बेहतर करता है। कई शोधों में इस बात की पुष्टि की गई है कि ग्रीन कॉफी के बीजों में 100 प्रतिशत क्लोरोजेनिक एसिड होता है, जो मुख्य रूप से कैफीन एसिड होता है और इसमें एंटीऑक्सीडेंट के गुण होते हैं। यह रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित कर त्वचा कोशिकाओं को हर तरह के नुकसान से बचाता है (8)।
भूख में कमी : अगर आप लगातार भूख लगने की समस्या से जूझ रहे हैं, तो ग्रीन कॉफी आपकी मदद कर सकती है। इसमें भूख को कम करने की क्षमता होती है। यह हर समय कुछ न कुछ खाने की लालसा को नियंत्रित कर सकती है, जिससे हम जरूरत से ज्यादा भोजन करने से बच सकते हैं। इससे हमारे शरीर में अतिरिक्त वसा क��� निर्माण नहीं हो पाता और हम जरूरत से ज्यादा वजन से छुटकारा प्राप्त कर सकते हैं (9)।
कैंसर : कैंसर जैसी बीमारी के लिए भी ग्रीन कॉफी कारगर है। इसमें मौजूद फेनोलिक यौगिक ट्यूमर को पनपने से रोकने में सक्षम हैं। साथ ही यह कैंसर को नियंत्रित कर उसे बढ़ने से रोकने में भी सक्षम है। यह विभिन्न तरह के कैंसर को पनपने से रोक सकता है। इसलिए, ग्रीन कॉफी को अपनी दिनचर्या में शामिल करना फायदे का सौदा हो सकता है (10)।
Shutterstock
रक्त संचार : शरीर में रक्तचाप अधिक होने पर स्ट्रोक, ह्रदयाघात, गुर्दे का रोग आदि बीमारियां हो सकती हैं। वहीं, शोधकर्ताओं का दावा है कि ग्रीन कॉफी के बीजों में एस्प्रिन नामक प्रभावशाली तत्व होता है, जो रक्ता नलिकाओं पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। यह रक्त में प्लेटलेट्स के स्तर में सुधार लेकर आता है। इससे रक्त धमनियां स्वस्थ रहती हैं और रक्त संचार बेहतर रहता है।
डिटॉक्सीफिकेशन : ग्रीन कॉफी के बीजों को प्राकृतिक डिटॉक्स माना गया है। ग्रीन कॉफी के सेवन से खराब कोलेस्ट्रोल, अतिरिक्त फैट और हमारे लीवर से जीवाणु बाहर निकल जाते हैं। जब लीवर ठीक होगा, तो वो अच्छे से काम करेगा और मेटाबॉलिज्म में सुधार होगा।
आगे हम त्वचा के लिए ग्रीन कॉफी के फायदे बता रहे हैं।
त्वचा के लिए ग्रीन कॉफी के फायदे – Skin Benefits of Green Coffee in Hindi
Shutterstock
स्किन मॉइस्चराजर : ग्रीन कॉफी में एंटीऑक्सीडेंट के साथ-साथ फैटी एसिड, लिनोलिक एसिड और ओलेक एसिड भी होता है। ये सभी त्वचा को पोषित करते हैं और जरूरी मॉइस्चराइजर प्रदान करते हैं। इससे त्वचा रूखी व बेजान होने से बच जाती है। त्वचा पर बढ़ती उम्र का असर नजर नहीं आता। साथ ही त्वचा पर किसी भी तरह के दाग-धब्बे भी नहीं पड़ते।
झाइयों से बचाव : ग्रीन कॉफी में एमिनोब्यूटिरिक एसिड, थियोफिलाइन व एपिगैलोकैटेचिन गैलेट जैसे कुछ जरूर तत्व होते हैं। ये सभी तत्व मिलकर त्वचों को स्वस्थ रखने का काम करते हैं और झुरियों से बचाते हैं। इसलिए, प्रतिदिन ग्रीन कॉफी पीना सेहत के लिए लाभकारी है।
आगे जानते हैं कि बालों के लिए ग्रीन कॉफी किस प्रकार लाभकारी है।
बालों के लिए ग्रीन कॉफी के फायदे – Hair Benefits of Green Coffee in Hindi
Shutterstock
टूटते बालों के लिए : बालों के कमजोर होकर झड़ने के पीछे एक मुख्य कारण ऑक्सीडेंट होता है। वहीं, अभी तक आप यह तो जान ही चुके हैं कि ग्रीन कॉफी का सबसे प्रमुख स्रोत एंटीऑक्सीडेंट है। इस गुण के कारण ही टूटते बालों के लिए यह वरदान की तरह है। यह विषैले जीवाणुओं के खिलाफ लड़ने में सक्षम है। साथ ही बालों को मजबूत बनाकर उन्हें टूटकर गिरने से बचाता है और उनकी खूबसूरती लौटाता है।
गंजेपन से राहत : आज के समय में प्रदूषण, धूल-मिट्टी खराब लाफस्टाइल व खान-पान के कारण पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं पर भी गंजेपन का खतरा मंडराने लगा है। ऐसे में ग्रीन कॉफी का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। ग्रीन कॉफी में मौजूद गुणकारी तत्व बालों को जड़ों से मजबूत कर उन्हें मोटा करते हैं, जिस कारण गंजेपन से बचा जा सकता है।
अब हम जान लेते हैं कि ग्रीन कॉफी को बनाया कैसे जाता है।
ग्रीन कॉफी बनाने की विधि – How to Prepare Green Coffee in Hindi
अभी तक हमने जाना कि ग्रीन कॉफी किस प्रकार से हमारे लिए लाभकारी है। अब हम जानेंगे कि ग्रीन कॉफी को बनाया कैसे जाता है। इसे हरे रंगे के कच्चे बीजों से बनाया जाता है, जो बिना भुने हुए होते हैं। इन बीजों को इनके प्राकृतिक रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
सामग्री :
ग्रीन कॉफी के करीब 10 ग्राम बीज
तीन चौथाई कप गर्म पानी
बनाने की विधि :
ग्रीन कॉफी बीज का पैकेट बाजार में व ऑनलाइन आसानी से उपलब्ध है। संभव हो तो आप किसी आयुर्वेदिक दुकान से ही ग्रीन कॉफी खरीदें। वहां आपको अच्छी गुणवत्ता की ग्रीन कॉफी मिल सकती है।
आप रात को पानी में बीजों को डालकर रख दें।
अगली सुबह बीजों सहित पानी को करीब 15 मिनट तक धीमी आंच पर उबालें। इससे बीजों का हरा रंग पानी में आ जाएगा। अब आप पानी को आंच से उतार लें और छान लें।
जब पानी सामान्य हो जाए, तो उसे पिएं।
वहीं, अगर आपके पास ग्रीन कॉफी का पाउडर है, तो आप पानी को उबाल कर उसमें पाउडर का एक पाउच डालकर घोल लें और पिएं।
सावधानी : ग्रीन कॉफी में चीनी या शहद का प्रयोग न ही करें, तो बेहतर होगा। साथ ही इसमें दूध भी न मिलाएं। इसे ऐसे ही पिएं और दिनभर में अधिक से अधिक दो कप का ही सेवन करें। इससे अधिक पीने पर कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं, जिसके बारे में हम इस लेख में आगे बताएंगे। साथ ही गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं और बच्चों को ग्रीन कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए (1)।
ग्रीन कॉफी पीने का सही समय – When to Drink Green Coffee in Hindi
Shutterstock
कोई भी चीज तभी फायदा करती है, जब उसे नियमानुसार और तय समय पर किया जाए। इसी प्रकार ग्रीन कॉफी पीने का समय भी जानना जरूरी है। कई लोग जब मन किया तभी इसे पी लेते हैं, जो सही नहीं है। यहां हम बता रहे हैं ग्रीन कॉफी पीने का सही समय।
ग्रीन कॉफी को सुबह खाली पेट पीना चाहिए। इस समय पीने से इसका असर तेजी से होता है।
आप इसे दोपहर को खाने से आधा घंटा पहले या फिर खाने के एक घंटे बाद पी सकते हैं।
अब लेख के अंत में हम यह जान लेते हैं कि ग्रीन कॉफी के नुकसान क्या-क्या हो सकते हैं।
ग्रीन कॉफी के नुकसान – Side Effects of Green Coffee in Hindi
हमारे बुजुर्गों ने हमे सिखाया है कि किसी भी चीज की अति अच्छी नहीं होती। अगर कोई भी काम जरूर से ज्यादा किया जाए या फिर किसी खाद्य पदार्थ का अधिक सेवन किया जाए, तो नुकसान होना तय है। यह नियम ग्रीन कॉफी पर भी लागू होता है। अगर आप दिनभर में दो कप से ज्यादा ग्रीन कॉफी का सेवन करते हैं, तो फायदा होने की जगह नुकसान (green coffee side effects) हो सकता है। आइए, जान लेते हैं कि यह किस प्रकार हानिकारक साबित हो सकती है (1)।
अधिक ग्रीन कॉफी पीने से शरीर में होमोसिस्टीन का स्तर बढ़ सकता है। यह एक प्रकार का प्रोटीन होता है, जो शरीर में अधिक होने पर कोलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ा सकता है। इससे ह्रदयाघात, स्ट्रोक व उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं हो सकती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दिल के दौरे और स्ट्रोक से होने वाली मौतों में 10 प्रतिशत कारण होमोसिस्टीन का होता है (11)।
मानसिक रूप से राहत प्रदान करने व सिरदर्द से राहत पाने के लिए ग्रीन कॉफी का सेवन किया जा सकता है, लेकिन अधिक मात्रा लेने पर यह मानसिक विकार व सिरदर्द को बढ़ाने का कारण बन सकती है।
इसके अधिक सेवन से रक्त में शर्करा की मात्रा तेजी से कम हो सकती है, जो शुगर के मरीजों के लिए हानिकारक साबित हो सकती है।
बेशक, यह मेटाबॉलिज्म के लिए अच्छी है, लेकिन ज्यादा सेवन करने पर दस्त लग सकते हैं। यहां तक कि इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (पेट से जुड़ी बीमारी) हो सकता है।
इसके अधिक सेवन से ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या हो सकती है। ऑस्टियोपोरोसिस में शरीर की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। यह समस्या ज्यादातर महिलाओं में देखने को मिलती है।
अब आप जान ही गए होंगे कि ग्रीन कॉफी वजन कम करने के साथ-साथ अन्य शारीरिक स्वास्थ्य की पूर्ति में भी सहायक है। इसके नियमित सेवन करने से आपको सकारात्मक प्रभाव नजर आएंगे। आप यहां बताई गई विधि व नियम के अनुसार ग्रीन कॉफी का सेवन करें और अपने अनुभव हमारे साथ नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में शेयर करें।
The following two tabs change content below.
Latest posts by Anuj Joshi (see all)
Anuj Joshi
संबंधित आलेख
इन 15 आसान घरेलू फेस पैक से पाएं चमकती-दमकती त्वचा – Homemade Face Packs for Beautiful and Glowing Skin in Hindi
अगर आप चमकती-दमकती त्वचा चाहते है तो हम आपके लिए लाये है कुछ आसान घरेलु फेस पैक (Homemade face packs in Hindi) जो आपके तव्चा को खूबसूरत बनाने में प्रमाणित रूप से मदद कर सकता है। जानिए खीरा, अंडा, निम्बू और भी बोहोत कुछ कैसे करता है मदद…
हाथों और पैरों में झनझनाहट – कारण, लक्षण, और उपचार – Tingling In The Hands And Feet – Causes, Symptoms And Treatment in Hindi
इस लेख में हमारे साथ जानिए हाथों-पैरों में होने वाली झनझनाहट पर काबू पाने के सबसे सटीक घरेलू उपाय और उनके इस्तेमाल करने के तरीकों के बारे में। अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं और निजात पाने के लिए प्राकृतिक समाधान चाहते हैं तो यह लेख जरूर पढ़ें…..
लौंग के फायदे, उपयोग और नुकसान – Clove (Laung) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
इस लेख में हमारे साथ जानिए लौंग के फायदे और इसका उपयोग करने के विभिन्न तरीकों के बारे में। (Clove Benefits in Hindi) लौंग एक असरदार आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसका इस्तेमाल सर्दी-खांसी से लेकर अस्थमा जैसी गंभीर बीमारियों के लिए भी किया जाता है…
पेट और कमर की चर्बी कम करने के आसान उपाय – Tips to Reduce Belly Fat in Hindi
आज हम इस लेख में आप आपको पेट और कमर की चर्बी काम करने के कुछ आसान उपायों के बारेमे (Tips to reduce belly fat in hindi)। बता रहे है जानिए पेट में चर्बी जमा होने के कारन और इसके घटाने के नुश्खे। जानने के लिए पढ़े…
मुंह में छाले होने के कारण, लक्षण और उपचार – How To Get Rid Of Cold Sores, causes, symptoms and precautions in Hindi
मुंह के छाले होना सामान्य बात है। इसे बीमारी तो नहीं कह सकते, लेकिन यह बीमार होने के लक्षण जरूर हैं। यह कभी भी और किसी को भी हो सकते हैं। अक्सर ऐसा बुखार होने के बाद या अंदरूनी बुखार होने पर गर्मी की वजह से होते हैं। ये होंठ या गाल में होते हैं और कष्टदायी होते हैं।
Source: https://www.stylecraze.com/hindi/green-coffee-ke-fayde-upyog-aur-nuksan-in-hindi/
0 notes
rajatgarg79 · 7 years
Text
वजन बढ़ाने के लिए डाइट प्लान - Diet plan to gain weight in Hindi
जो लोग मोटे होते हैं वो वजन घटानें के बारे में सोचते रहते हैं और जो लोग पतले होते हैं उनकी परेशानी वजन बढाने की रहती है। ये तो बिल्कुल भी नहीं है कि मोटे लोग ही अपने वजन घटाने को लेकर सबसे ज़्यादा परेशान हैं। ऐसे लोगो की गिनती भी कम नहीं है जो वजन बढ़ाने के लिएकोई न कोई नुस्खा अपनाते रहते हैं। लेकिन उनका वजन लाख कोशिशों के बाद भी बढ़ता नहीं है। (और पढ़ें - वजन बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए?)
वजन बढ़ाने के लिए ज़रूरी है अधिक कैलोरी का सेवन। इससे आपके वजन को तेज़ी से बढ़ने में मदद मिलेगी साथ ही आपका शरीर स्वस्थ भी रहेगा। आज हम आपको वजन बढ़ाने के लिए डाइट प्लान के बारे में बताएंगे जिसमे प्रोटीन, कैलोरी, वसा और विटामिन का एक संयोजन होगा। 
1. वजन बढ़ाने के डाइट प्लान का पहला भोजन - सुबह उठने के तुरंत बाद
ये आदत अब आप डाल लीजिये कि सुबह उठने के तुरंत बाद कुछ न कुछ पोषक पेय पदार्थ पीना ही है, तभी आप अपना वजन बढ़ाने की शुरुआत कर पाएंगे। तो अगर चाहते हैं कि सुबह उठने के तुरंत बाद पेट खाली न रहे तो अपनायें ये दो पेय पदार्थ। रोज़ इनमें से एक पीएं।
सुबह उठने के तुरंत बाद क्या लें
सुबह उठने के बाद 7-8 बजे के बीच चाय या कैपेचीनो (cappuccino) वसादार दूध और चीनी के साथ लें।
सुबह उठने के तुरंत बाद इन पेय पदार्थों के फायदे
काली चाय हो, ग्रीन टी हो या किसी और फ्लेवर की चाय हो सभी में एंटीऑक्सीडेंट्स होते है जो हमारे शरीर को सकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं।    
एक गिलास दूध के साथ कैपेचीनो बनाने से 250 ग्राम कैलोरी आपके शरीर को मिलेगी साथ ही प्रोटीन भी अच्छी मात्रा में आपके शरीर को प्राप्त होगा। 
अगर आप 2 चम्मच भी चीनी कैपेचीनो या चाय में डालते हैं तो आपके शरीर को 35 ग्राम कैलोरी मिलेगी। आपके दिन की शुरुआत इन महत्वपूर्ण पोषक तत्वों के साथ होगी।         
2. वजन बढ़ाने के लिए डाइट प्लान का दूसरा भोजन – नाश्ता
चाय, कैपेचीनो के बाद अब बारी आती है नाश्ता कर��े की। हमेशा नाश्ता हैवी होना चाहिए क्यूंकि ये आपके पूरे दिन के कामों को करने के लिए ऊर्जा प्रदान करता है। साथ ही शरीर में ऊर्जा के स्तर को बनाये रखने के लिए ज़रूरी है ब्रेकफास्ट में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट युक्‍त खाद्य पदार्थों को लेना। अगर आपको अपना वजन बढ़ाना है तो कोशिश करिये कि नाश्ता एक भी दिन का न छोड़ें। (और पढ़ें - सुबह का नाश्ता छोड़ने के क्या हो सकते हैं दुष्परिणाम)
नाश्तें में क्या लें
8-9 के बीच जब भी आप नाश्ता करें। नाश्तें में इन आहारों को ज़रूर लें -
इन में से एक का चयन करें या रोज़ बदल बदल कर खायें
मक्खन और अंडे या ऑमलेट के साथ दो मल्टीग्रेन ब्रेड।
या फिर कॉर्न फलैक्स (corn flakes) जई(oats) या दलिया का कटोरा।
या फिर पोहा, उपमा, या बहुत सारी सब्जियों के साथ दलिया खिचड़ी।
या फिर सब्जियों के साथ दो रोटी या दो भरवां परांठे
और फल या ताजा फलों के जूस का एक गिलास।
नाश्तें में इन आहार के वजन बढ़ाने के लिए फायदे
मक्खन में वसा होने से शरीर का वजन बढ़ाने में मदद मिलेगी। अंडे या ऑमलेट के साथ दो मल्टीग्रेन ब्रेड खाने से आपको 160 से 300 ग्राम कैलोरी आपके शरीर को प्राप्त होगी।
कॉर्न फलैक्स में उच्च मात्रा में विटामिन, प्रोटीन और कैलोरी पायी जाती है। ओट्स खाने से शरीर स्वस्थ रहता है साथ ही शरीर को एक अच्छी ऊर्जा भी मिलती है। दलीय में अच्छी मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है जो आपके शरीर का वजन बढ़ाने में बहुत ही लाभकारी है। दलिये को आप मीठा या नमकीन अपने स्वाद के अनुसार बना सकते हैं।
पोहा में 270 ग्राम कैलोरी पायी जाती है जो आपके शरीर का वजन बढ़ने में बेहद फायदेमंद है। अगर आप पोहा की जगह उपमा खाना पसंद करते है तो ये भी आप खा सकते हैं। इसमें 322 कैलोरी पायी जाती है जो कि आपके शरीर के वजन को बढ़ने के लिए बिल्कुल सटीक है। जैसा की हमने बताया दलीय में प्रोटीन अच्छी मात्रा में पाया जाता है। अगर आप इसे खूब सारी हरी सब्ज़ियों के साथ बनाएंगे तो इसके कैलोरी, प्रोटीन, विटामिन का स्तर और भी ज़्यादा बढ़ जाएगा।
सब्ज़ियों के साथ दो रोटी (घी लगी हुई) में 200 ग्राम कैलोरी पायी जाती है और दो भरवां पराठे जूस के साथ खाने से आपके शरीर को काफी मात्रा में प्रोटीन, विटामिन और कैलोरी प्राप्त होगी।
3. वजन बढ़ाने के लिए डाइट प्लान का तीसरा भोजन - नाश्ते के 3-4 घंटे बाद
नाश्ता करने के बाद 10 –11 बजे के बीच आप कोई पेय पदार्थ ले सकते हैं। लेकिन वही जो आपके शरीर को पोषण दे और वजन बढ़ने में मदद करे।   
नाश्ते के 3-4 घंटे बाद क्या लें
वसादार दूध या मलाईदार मठ्ठा। 
नाश्ते के बाद इन पेय पदार्थों के फायदे
जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया एक गिलास दूध में 250 ग्राम कैलोरी पायी जाती है साथ ही इसमें प्रोटीन कैल्शियम उच्च मात्रा में पाया जाता है।
अगर आप दही से बना मलाईदार मठ्ठा पीते हैं तो आपको कैलोरी के साथ साथ वसा भी मिलेगी जो आपके शरीर के वजन को बढ़ाने में बेहद महत्वपूर्ण है। मठ्ठा आप सुबह के नाश्ते में भी ले सकते हैं।
4. वजन बढ़ाने के लिए डाइट प्लान का चौथा भोजन - दोपहर का खाना
वजन बढ़ने के लिए डाइट प्लान का अगला हिस्सा है दोपहर का भोजन। दोपहर का भोजन खाने से शरीर में बीएमआर (basal metabolic rate) का स्तर बना रहता है। 12:30 – 1:30 बजे के बीच दोपहर के खाने में ज़रूरी नहीं है आप रोटी सब्ज़ी ही लें, अगर आप मांसाहारी हैं तो चिकन, मछली, मटन भी खा सकते हैं।   
दोपहर के खाने में क्या लें
दो चपाती (घी लगी हुई) और चावल की एक छोटी कटोरी।
दाल का एक कटोरा (मसूर, मूंग, चना)।
चिकन के दो टुकड़े, मछली, अंडे या पनीर का एक टुकड़ा।
सलाद में ककड़ी, पत्ता गोभी, मूली, गाजर और टमाटर।
मीठी दही का एक छोटा कटोरा।
दोपहर के आहार को खाने के फायदे
दोपहर के खाने में अगर आप घी लगी हुई 2 रोटी खातें हैं तो आपके शरीर को 200 ग्राम कैलोरी प्राप्त होगी और एक कप चावल में 150 ग्राम कैलोरी और भरपूर मात्रा में प्रोटीन भी मिलेगा।     
किसी भी दाल का एक कटोरा 150 ग्राम कैलोरी आपको देगा साथ ही दालों में भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है जिससे आपके शरीर का वजन बढ़ने के साथ साथ स्वस्थ भी बनेगा।
आप मांसाहारी भी हैं तो आपके पास दाल के अलावा दूसरा विकल्प भी है। जी हाँ आप दोपहर के खाने में चिकन के दो टुकड़े मछली, मटन या पनीर का एक कटोरा भी खा सकते हैं। जितने भी पतले लोग होते हैं उन्हें सबसे ज़्यादा नॉन वेज खाने को कहाँ जाता है क्यूंकि सबसे ज़्यादा मात्रा में प्रोटीन, विटामिन, वसा इन्ही में ही पायी जाती है। पनीर में 265 ग्राम कैलोरी पायी जाती है जो आपके शरीर का वजन बढ़ने में बेहद गुणकारी है।
आप कई तरह के सलाद ले सकते हैं जैसे हरी पत्तेदार सब्ज़ियों का सलाद (हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक, गोबी या पत्ता गोभी, खीरा, ककड़ी आदि से बनता है, ग्रीन सलाद में विटामिन बी12 का अच्छा स्रोत होता है), वेजिटेबल सलाद (हरे रंग की सब्जियों के अलावा दूसरे रंगों की सब्जियां जैसे खीरा, मिर्च, टमाटर, मशरूम, प्याज, मूली, गाजर आदि), आप ऐसे ही कई तरह के सलाद ले सकते हैं।
चीनी और दही की कैलोरी आपके शरीर का वजन बढ़ाने में मदद करते हैं।
5. वजन बढ़ाने के लिए डाइट प्लान का पांचवा भोजन - शाम का नाश्ता
दोपहर के खाने के 4-5 घंटे बाद यानि 5:30 – 6:30 बजे के बीच शाम के नाश्ते को भी ज़रूर लें लेकिन उसमे पोषक तत्व भी होने ज़रूरी हैं जिससे आपके शरीर का वजन बढ़ने में मदद हो।
शाम के नाश्ते में क्या लें
सब्ज़ी या चिकन सूप मक्खन के साथ।
सैंडविच चीज़ या मेयोनेज़ के साथ।
शाम के नाश्ते को खाने के फायदे
आप सारी सब्ज़ियों को मिलाकर सूप बना सकते है जो आपके शरीर को पोषक तत्व दे सके। चिकन सूप में 100 ग्राम कैलोरी पायी जाती है जो आपके शरीर के वजन को बढ़ने के लिए बेहद फायदेमंद है।
सैंडविच को पनीर या मेयोनीज़ के साथ लेने से आपके शरीर को दोपहर के खाने के 4-5 घंटे बाद फिर से नयी ऊर्जा मिलती है और आपका पेट खाली भी नहीं रहता। 
6. वजन बढ़ाने के लिए डाइट प्लान का सातवां भोजन - रात का खाना
8:30–9:30 बजे के बीच जब भी आप डिनर करें। आपका आहार हमेशा पौष्टिक रहना चाहिए और उसमे कोई भी ऐसी चीज़ शामिल करने से बचें जिसे आप रात के समय पचा न पाएं। रात का खाना हमेशा सोने से 2.5 घंटे पहले खाने की कोशिश करनी चाहिए। इससे खाना अच्छे से पच जाता है और कोई पाचन संबंधी समस्याएं भी नहीं होती।
रात को खाने में क्या लें
जैसा लंच में खाना खाया था, वैसा ही खायें, बस चावल ना लें।
रात को खाने में आहार के फायदे
इसके फायदे आपको ऊपर बता ही दिए हैं।   
7. वजन बढ़ाने के के लिए डाइट प्लान का आठवां भोजन - सोने से पहले
सोने से पहले 10:30 – 11 बजे के बीच दूध पीना न भूलें।
सोने से पहले दूध पीने के फायदे
रात को सोने से पहले गर्म दूध पीने से पुरे दिन की सारी थकान उतर जाती है साथ ही नींद भी बिना किसी रूकावट के अच्छे से पूरी होती है जो कि आपके शरीर के वजन को बढ़ाने में बेहद ज़रूरी है। तनाव, नींद न पूरी होना शरीर का वजन गिराते हैं इसलिए रात को सोने से पहले गर्म गर्म दूध ज़रूर पियें।
        from myUpchar.com के स्वास्थ्य संबंधी लेख via http://www.myupchar.com/weightloss/vajan-badhane-ke-liye-diet-plan-in-hindi
0 notes