Mgnrega Pashu shed yojana
"महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम" (MGNREGA) भारत में एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा योजना है जो हर ग्रामीण परिवार को वित्तीय वर्ष में 100 दिनों के अशिक्षित हाथों के श्रम का गारंटीत रोजगार प्रदान करती है। जबकि MGNREGA प्राथमिकत: राजस्थान कृषि, जल संरक्षण, और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास जैसे विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्रदान करने पर केंद्रित होती है, यह पशु सम्बंधित गतिविधियों को भी समर्थन प्रदान करती है जैसे कि MGNREGA पशु शेड योजना।
MGNREGA Pashu shed yojana एक पहल है जो पशु पालन के प्रबंधन को बेहतर बनाने और ग्रामीण परिवारों की आमदनी में सुधार करने का उद्देश्य रखती है। पशु पालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, भारत में करोड़ों लोगों को आजीविका के अवसर प्रदान करता है। हालांकि, पशुओं के निवास और प्रबंधन के लिए अपर्याप्त बुनियादी संरचना कारण अक्सर अधिक उत्पादकता और आय स्तर को कम करता है।
MGNREGA पशु शेड योजना के अंतर्गत, ग्रामीण परिवारों को उनके पशु पालन के लिए छत्र बनाने और प्रबंधित करने के लिए वित्तीय सहायता और तकनीकी समर्थन प्रदान किया जाता है। इन छत्रों का निर्माण उत्तर विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है जिन्हें पशुओं को विपरीत मौसमी शर्तों, शेर, और बीमारियों से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। अच्छी तरह से डिज़ाइन किए गए छत्रों का निर्माण न केवल पशुओं की जीवन शर्तों को सुधारता है बल्कि बेहतर स्वास्थ्य और उत्पादकता में भी मदद करता है, जिससे पशु पालकों की आय बढ़ती है।
MGNREGA पशु शेड योजना के कार्यान्वयन में कई महत्वपूर्ण कदम शामिल होते हैं:
जागरूकता और संचालन: सरकारी प्राधिकारी, स्थानीय स्व-सहायता समूह और गैर-सरकारी संगठन जागरूकता अभियान आयोजित करते हैं ताकि ग्रामीण परिवारों को योजना के लाभ और उत्तापन्नता के महत्व के बारे में जागरूक किया जा सके। संचालन के प्रयास प्रायोजित करने के लिए अधिकृत अधिकारियों को प्रोत्साहित किया जाता है और ग्रामीण समुदायों को योजना में सक्रिय भागीदारी और सहयोग करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
पंजीकरण और प्रमाणीकरण: रुचिकर्ता परिवारों की योजना के लिए पंजीकरण करते हैं, अपने पशुओं और वर्तमान निवास संरचना के विवरण प्रदान करते हैं। सरकारी अधिकारी परिवारों की पात्रता की पुष्टि करते हैं और पूर्वनिर्धारित मानकों के आधार पर नई या सुधारित पशु शेड की आवश्यकता का मूल्यांकन करते हैं।
तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण: ग्रामीण परिवारों को शेड निर्माण तकनीकों, उपयुक्त सामग्रियों का चयन, और रखरखाव व्यवस्था पर तकनीकी मार्गदर्शन और प्रशिक्षण सत्र प्राप्त होता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम अधिकारियों के द्वारा पशु स्वास्थ्य और पोषण प्रबंधन पर भी ध्यान केंद्रित करते हैं ताकि उत्तम उत्पादकता और कल्याण सुनिश्चित हो सके।
वित्तीय सहायता: सरकार पशुओं के लिए शेड के निर्माण के लिए पात्र परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। वित्तीय सहायता की राशि क्षेत्र में शेड के आकार, पशुओं की संख्या, और वर्तमान निर्माण लागतों के आधार पर भिन्न हो सकती है।
मॉनिटरिंग और मूल्यांकन: सरकारी अधिकारी निर्माण गतिविधियों की प्रगति को नियमित रूप से मॉनिटर करते हैं ताकि तकनीकी निर्देशों और समयसारिता के साथ अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके। योजना की प्रभावकारिता का मूल्यांकन करने और किसी भी चुनौतियों या अंतरों को संबोधित करने के लिए लाभार्थियों से प्रतिक्रिया इकट्ठा की जाती है।
प्रतिस्थापनीय उपाय: योजना के अंतर्गत सतत पशु प्रबंधन अभियान को बढ़ावा देने के लिए कई संरक्षणीय उपाय किए जाते हैं, जैसे कि पर्यावरण को मिताने वाले निर्माण सामग्रियों, वर्षा के पानी के इस्तेमाल की योजना, और प्रकाश और हवा संचार के लिए नवीनीकृत ऊर्जा स्रोत। पारिस्थितिकीय दायरे के नियमित प्रशिक्षण योजनाओं पर भी ध्यान केंद्रित किया जाता है ताकि पर्यावरणीय प्रभाव को कम किया जा सके।
MGNREGA पशु शेड योजना के कई लाभ ग्रामीण समुदायों और पशु पालन क्षेत्र के लिए हैं:
आजीविका सुरक्षा: बेहतर पशु प्रबंधन से बढ़ती उत्पादकता और आय उत्पन्न करती है, जिससे ग्रामीण परिवारों की आजीविका सुरक्षा में सुधार होता है, जो ट्रेडिशनल कृषि पर निर्भरता को कम करता है।
गरीबी की उन्मूलन: पशुओं के लिए शेड निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करके, और बेहतर पशु प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए, योजना गरीबी की उन्मूलन और ग्रामीण समुदायों की आर्थिक शक्ति में सहायक होती है।
स्वास्थ्य और पोषण: पशुओं के उच्च स्तर की देखभाल और प्रबंधन से न ही जनजीवन और जनस्वास्थ्य के लिए लाभ होता है, बल्कि भोजन सुरक्षा और पोषण स्तरों में भी सुधार होता है।
पर्यावरणीय स्थिरता: योजना के तहत प्रोत्साहित सतत पशु प्रबंधन प्रथाएँ प्राकृतिक संसाधनों की संरक्षण, हरित घास के गैस उत्सर्जन को कम करती है, और जैव विविधता संरक्षण को प्रोत्साहित करती है।
महिला सशक्तिकरण: ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर महिलाओं के लिए एक आजीविका का स्रोत पशु पालन होता है। MGNREGA पशु शेड योजना महिलाओं को पशु संबंधित गतिविधियों में उनकी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए उन्हें प्रशिक्षण और वित्तीय समर्थन प्रदान करके उन्हें सशक्त करती है।
समापनरूप में, MGNREGA पशु शेड योजना ग्रामीण समुदायों में पशु पालन कर रहे लोगों की आजीविका को सुधारने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। पशुओं के छत्र निर्माण के लिए वित्तीय सहायता और तकनीकी समर्थन प्रदान करके, यह अनुस्तानिक पशु प्रबंधन प्रथाओं को प्रोत्साहित करती है, आय के अवसरों को बढ़ाती है, और समग्र ग्रामीण विकास में योगदान करती है।
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प्रतापगढ़ एवं उदयपुर के गोगुन्दा (सूरण गांव) में ब्लॉक स्तरीय राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल गतिविधियों का अवलोकन किया। दोनों ही जगहों पर विभिन्न विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने मैदान में खिलाड़ियों से मुलाकात की और उन्हें प्रोत्साहित किया। राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों में उम्र का कोई बंधन नहीं रखा गया। मैदान में हर वर्ग और बुजुर्ग से लेकर युवा खिलाड़ी एक साथ बिना किसी भेदभाव के हिस्सा ले रहे हैं। इससे गांवों में आपसी मेलजोल और भाईचारे का माहौल बना है।
राजीव गांधी के नाम से यह ओलंपिक खेल, देश ही नहीं दुनिया में एक नई और अनूठी पहल है। जल्द ही शहरों में भी बड़े स्तर पर खेल आयोजन होंगे। राजस्थान में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है और हम ग्रामीण ओलंपिक खेलों के माध्यम से इन प्रतिभाओं को आगे लाने का प्रयास कर रहे हैं। खेल स्टेडियम के साथ-साथ खेल छात्रावास बनाने की दिशा में विचार किया जा रहा है।
इस बार प्रदेश में वर्षा अच्छी हुई, जिससे रबी की फसल का रकबा भी बढ़ा है। प्रदेश में 8 लाख किसानों के बिजली बिल शून्य हो गए हैं। इससे उन्हें आर्थिक संबल मिला है। सामाजिक सुरक्षा सरकार का ध्येय है। इसी के तहत प्रदेश में एक करोड़ बुजुर्गों को सामाजिक सुरक्षा के तहत पेंशन दी जा रही है। प्रदेश में शिक्षा के लिए 3 साल में 211 महाविद्यालय खोले हैं, जिनमें 90 कन्या महाविद्यालय है। साथ ही, जिस विद्यालय में 500 बालिकाएं अध्ययनरत हैं, वहां महाविद्यालय शुरू किया जाएगा।
राज्य सरकार शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, आधारभूत ढांचा विकास सहित समस्त क्षेत्रों मे कार्य कर रही है। महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों के माध्यम से किसान एवं मजदूरों के बच्चे भी अब अंग्रेजी माध्यम में पढाई कर पा रहे हैं। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के माध्यम से आमजन को 10 लाख रूपये तक का ईलाज उपलब्ध कराया है। प्रदेश में दवाईयां, जांच एवं उपचार समस्त चिकित्सा सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही चिरंजीवी योजना में 5 लाख रूपये तक का दुर्घटना बीमा भी शामिल किया गया है।
सरकार राज्य की एक करोड़ 35 लाख महिलाओं को मोबाईल फोन इन्टरनेट कनेक्शन के साथ उपलब्ध कराने जा रही है। राज्य सरकार ने हाल ही में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना लागू कर 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराकर बेरोजगारों को संबल प्रदान करने का प्रयास किया है।
गौवंश में फैल रहे लंपी स्किन डिजीज की रोकथाम के लिए राज्य सरकार मजबूती के साथ युद्ध स्तर पर हरसंभव प्रयास कर रही है। ऐलोपेथी के साथ ही आयुर्वेद व होम्योपैथी के माध्यम से भी उपचार किया जा रहा है।
गोगुंदा के हुए समारोह के दौरान मैदान में भी पहुंचे। हॉकी और कबड्डी के खिलाड़ियों से मुलाकात की और खिलाड़ियों से हाथ मिलाकर परिचय किया। परिचय के बाद टॉस कराकर और हॉकी स्टिक से शॉट मारकर हॉकी मैच का शुभारंभ किया। कबड्डी मैदान पर भी टॉस करवाया और खुद कबड्डी खेलकर खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया। इस मौके पर कार्यक्रम स्थल सूरण विद्यालय में स्टेडियम बनाने के लिए घोषणा की।
गोगुंदा और प्रतापगढ़ के हेलिपेड पहुंचने पर मेवाड़ के पारम्परिक लोकनृत्य गैर और गवरी नृत्य के कलाकारों ने स्वागत किया। लोक कलाकारों ने थाली-मादल की स्वरलहरियों के बीच नृत्य कर समां बांधा। कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।
प्रतापगढ़ में हुए समारोह में विधायक श्री रामलाल मीणा ने कहा कि ग्रामीण ओलंपिक खेलों का ऐतिहासिक आयोजन हो रहा है। इससे गांवों में खेलों का माहौल बना है। हम सभी मिलकर इस माहौल को आगे भी जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में क्षेत्र के विकास में कोई कमी नहीं रखी जा रही है। इस अवसर पर सहकारिता मंत्री श्री उदयलाल आंजना, जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री श्री अर्जुन सिंह बामणिया, जिला प्रमुख श्रीमती इंदिरा देवी मीणा, धरियावद विधायक श्री नगराज मीणा, पूर्व संसदीय सचिव श्री नानालाल, गोगुन्दा में प्रभारी मंत्री श्री रामलाल जाट, वल्लभनगर विधायक श्रीमती प्रीति शक्तावत, पूर्व मंत्री श्री मांगीलाल गरासिया, पूर्व सांसद श्री रघुवीर मीणा, पूर्व विधायक श्री सज्जन कटारा सहित जनप्रतिनिधिगण, अधिकारीगण, खिलाड़ी एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।
गोगुंदा में लोकार्पण व शिलान्यास:-
1.75 करोड़ रूपए की लागत से तैयार केजीबीवी नांदेशमा ब्लॉक सायरा के आवासीय भवन का लोकार्पण
6.07 करोड़ रूपए की लागत से उदयपुर की 20 पंचायत समितियों में बनने जा रहे मेजर ध्यानचंद खेल स्टेडियम का शिलान्यास
18.92 करोड रूपए की लागत से 88 ग्राम पंचायतों में खेल मैदान के विकास कार्यों का शिलान्यास
प्रतापगढ़ में लोकार्पण एवं शिलान्यास:-
4.14 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित डाइट प्रशिक्षण भवन का लोकार्पण
2.80 करोड़ रूपए के बहुउद्देशीय खेल छात्रावास परिसर का शिलान्यास
13 करोड़ रूपए के केसुंदा से भाटखेड़ा सड़क के सुदृढ़ीकरण एवं चौड़ाईकरण कार्य
20 करोड़ रूपए के प्रतापगढ़ से बिलेसरी सड़क का सुदृढ़ीकरण एवं चौड़ाईकरण
25 करोड़ रूपए के बड़ीसादड़ी-छोटीसादड़ी-नीमच रोड के सुदृढ़ीकरण एवं चौड़ाईकरण कार्य
3 करोड़ रूपए के पण्डावा से मेहंदी खेड़ा सड़क सुदृढ़ीकरण एवं चौड़ाईकरण कार्य
50 करोड़ रूपए लाख के कुलथाना से सालमगढ़ सड़क सुदृढ़ीकरण कार्य
9 करोड़ रूपए के जाखम नदी पर पुलिया निर्माण के कार्य
6 करोड़ रूपए के लोहागढ़ से देवला सड़क टू-लेनिंग के कार्य
3 करोड़ रूपए के 50 बेड फील्ड हॉस्पिटल धरियावद का कार्य
4.5 करोड़ रूपए की लागत के राजकीय कन्या महाविद्यालय भवन टीमरवा
4.5 करोड़ रूपए की लागत के राजकीय महाविद्यालय भवन भचुंडा
4.5 करोड़ रूपए की लागत के राजकीय महाविद्यालय भवन पीपलखूंट
1 करोड़ रूपए की लागत के लालगढ़ ��वकुश वाटिका इको टूरिज्म प्रोजेक्ट गौतमेश्वर महादेव का शिलान्यास किया।
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Budget 2022: मनरेगा के बजट पर चली कैंची, 73,000 करोड़ रुपये आवंटित किए
Budget 2022: मनरेगा के बजट पर चली कैंची, 73,000 करोड़ रुपये आवंटित किए
केंद्र ने मंगलवार को पेश किए गए केंद्रीय बजट 2022-23 में ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम मनरेगा के लिये 73,000 करोड़ रुपये आवंटित किए। यह मौजूदा वित्त वर्ष के लिये संशोधित आकलन से 25.51 प्रतिशत कम…
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मनरेगा में धड़ल्ले से हो रहा मशीनों का इस्तेमाल, मजदूरों की जगह जेसीबी और ट्रैक्टर कर रहे हैं कार्य
मनरेगा में धड़ल्ले से हो रहा मशीनों का इस्तेमाल, मजदूरों की जगह जेसीबी और ट्रैक्टर कर रहे हैं कार्य
Sheikhpura: शेखोपुरसराय प्रखंड के खुड़िया गांव में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना मखौल बनकर रह गई है। कोई कितना भी शिकायत करे पदाधिकारी की नींद खुलने वाली नहीं है, इसलिए संवेदक मजदूरों से काम कराने के बदले जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर का इस्तेमाल कर रहे हैं।
दरअसल अमृत सरोवर कार्यक्रम के तहत खुड़िया गांव में बाजिदपुर सीमाना के पास मनरेगा के माध्यम से पोखर की उड़ाही का कार्य…
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नारी सशक्तिकरण की दिशा में लगातार हो रहा प्रयास
नारी सशक्तिकरण की दिशा में लगातार हो रहा प्रयास
#InternationalWomensDay
#HappyBirthdaySUGA
#StudyAtABBS
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धमतरी। प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, बीस सूत्रीय, वाणिज्यिक कर (जीएसटी) मंत्री टी.एस.सिंहदेव ने आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आयोजित राज्य स्तरीय वर्चुअल कार्यक्रम में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत राज्य भर की चिन्हांकित 75 महिला मेट को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया। दोपहर 12 बजे से शुरू…
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NREGA Job Card Latest List : नरेगा जॉब कार्ड की नयी सूची आज हुई जारी, ऐसे चेक करें नाम
NREGA Job Card Latest List 2022 : ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार इस कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले ज्यादातर गरीब परिवारों को मनरेगा ( Mahatma Gandhi National. Rural Employment Guarantee Act 2005 ) कार्ड जारी करने के लिए जिम्मेदार है। ये जॉब कार्ड केंद्र सरकार की नरेगा ( National. Rural Employment Guarantee Act 2005 List ) योजना के तहत जारी किए जाते हैं।
NREGA Job Card Latest List 2022
NREGA Job Card Latest List 2022
नरेगा ( National. Rural Employment Guarantee Act 2005 List ) जॉब कार्ड लिस्ट मनरेगा द्वारा जारी की जाती है, जिसे राज्यवार नीचे चेक किया जा सकता है। नरेगा योजना शुरू करने के पीछे का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों से ताल्लुक रखने वाले लोगों के स्तर का उत्थान करना है और उन्हें 100 दिन के वेतन रोजगार की गारंटी देकर पूरा किया जाएगा। जिन लोगों ने योजना के तहत पंजीकरण कराया है, वे मनरेगा ( Mahatma Gandhi National. Rural Employment Guarantee Act 2005 ) जॉब कार्ड सूची में अपना नाम देख सकते हैं। नीचे इस लेख में, आप जानेंगे कि कैसे जांचें और राज्यवार सीधा लिंक कैसे करें।
सरकार ने वित्तीय वर्ष -22 में नरेगा ( National. Rural Employment Guarantee Act 2005 List ) के लिए 73000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। कोरोना काल में कई लोगों की नौकरी चली गई है। रोजगार क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए इस मनरेगा ( Mahatma Gandhi National. Rural Employment Guarantee Act 2005 ) योजना के तहत अधिक जोर दिया गया है। वर्ष 2020-21 के लिए जो राशि आवंटित की गई थी वह 61,500 करोड़ थी।
मनरेगा ( Mahatma Gandhi National. Rural Employment Guarantee Act 2005 ) के तहत राजस्थान की राज्य सरकार ने एक अभियान शुरू किया है जिसकी टैगलाइन “पूरा काम पूरा करना” है, जिसका अर्थ है कि यदि कार्यकर्ता ने अपना कार्य पूरा किया है तो उस स्थिति में उन्हें पूरा भुगतान किया जाएगा। अब तक दैनिक आधार पर मनरेगा श्रमिकों को अधिकतम 220/- रुपए प्रतिदिन दिहाड़ी दी जाती है !
नरेगा जॉब कार्ड सूची
इस मनरेगा ( Mahatma Gandhi National. Rural Employment Guarantee Act 2005 ) योजना के तहत विभिन्न राज्यों की सरकार गरीब लोगों को नौकरी के अवसर प्रदान करती है ताकि वे अपनी आजीविका के लिए पैसा कमा सकें। नरेगा ( National. Rural Employment Guarantee Act 2005 List ) योजना एक वित्तीय वर्ष में 100 दिनों तक अकुशल श्रमिक कार्य प्रदान करती थी।
- ग्रामीण विकास मंत्रालय सभी राज्यों के गरीब नागरिकों के लिए जॉब कार्ड तैयार करने के लिए जिम्मेदार है और इसे मनरेगा की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से डाउनलोड या देखा जा सकता है।
- नरेगा ( National. Rural Employment Guarantee Act 2005 List ) जॉब कार्ड का उपयोग करके आपके क्षेत्र के सभी लोगों की सूची आपके क्षेत्र / गांव में ऑनलाइन चेक की जा सकती है। जिस नागरिक का नाम नरेगा सूची में था, वह मनरेगा योजना के लिए आवेदन कर सकता है।
मनरेगा ( Mahatma Gandhi National. Rural Employment Guarantee Act 2005 ) के तहत सभी 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए पिछले 10 वर्षों के नरेगा जॉब कार्ड की सूची मनरेगा के आधिकारिक पोर्टल पर देखी जा सकती है।
Steps To Check NREGA Job Card Latest List
जिन लोगों ने नरेगा ( National. Rural Employment Guarantee Act 2005 List ) के लिए आवेदन किया था, वे नीचे दिए गए चरणों को लागू करके मनरेगा ( Mahatma Gandhi National. Rural Employment Guarantee Act 2005 ) जॉब कार्ड सूची डाउनलोड कर सकेंगे:
- आधिकारिक वेबस���इट नरेगा जॉब कार्ड लिस्ट यानी nrega.nic.in पर जाएं ।
- होमपेज पर, पारदर्शिता और जवाबदेही अनुभाग में जॉब कार्ड विकल्प पर क्लिक करें
- इस पृष्ठ में स्क्रीन पर प्रदर्शित सभी राज्यों की सूची दिखाई देगी।
- लिस्ट में से अपने राज्य के लिंक पर क्लिक करें.
- इसके बाद सामान्य प्रक्रिया से आप आसानी से नरेगा कार्ड की सूची देख सकते है !
ग्रामीण विकास मंत्रालय सभी राज्यों के गरीब नागरिकों के लिए जॉब कार्ड तैयार करने के लिए जिम्मेदार है और इसे मनरेगा ( Mahatma Gandhi National. Rural Employment Guarantee Act 2005 ) की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से डाउनलोड या देखा जा सकता है। नरेगा ( National. Rural Employment Guarantee Act 2005 List ) जॉब कार्ड 2020 का उपयोग करके आपके क्षेत्र के सभी लोगों की सूची आपके क्षेत्र / गांव में ऑनलाइन चेक की जा सकती है।
जिस नागरिक का नाम नरेगा ( National. Rural Employment Guarantee Act 2005 List ) सूची में था, वह मनरेगा योजना के लिए आवेदन कर सकता है। यह सूची सभी 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए लागू है। जॉब कार्ड सूची व्यक्ति द्वारा प्राप्त रोजगार की अवधि, निश्चित अवधि और उस मनरेगा ( Mahatma Gandhi National. Rural Employment Guarantee Act 2005 ) कार्य के बारे में जानकारी प्रदान करती है जिस पर रोजगार की पेशकश की गई थी।
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इस साल 13% परिवारों के लिए मनरेगा नौकरी नहीं, कार्यकर्ता का आरोप
इस साल 13% परिवारों के लिए मनरेगा नौकरी नहीं, कार्यकर्ता का आरोप
कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) के लिए बजट आवंटन में कथित कमी के लिए सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि इस वित्तीय वर्ष में कार्यक्रम के लिए आवेदन करने वाले कुल परिवारों में से लगभग 13 प्रतिशत को कोई रोजगार नहीं मिला।
मजदूर किशन शक्ति संगठन के सदस्य निखिल डे ने कहा, “यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण आंकड़ा है। रोजगार की मांग करने वाले (मनरेगा के तहत)…
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मनरेगा कार्मिकों की मृत्यु पर आश्रितों को मिलेगा 1 लाख रूपए का अनुकंपा अनुदान
मनरेगा कार्मिकों की मृत्यु पर आश्रितों को मिलेगा 1 लाख रूपए का अनुकंपा अनुदान
राज्य मनरेगा कार्यालय ने कलेक्टरों को जारी किया संशोधित परिपत्र
रायपुर(realtimes) मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) कार्मिक की सेवा काल के दौरान मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को एक लाख रूपए का अनुकम्पा अनुदान प्रदान किया जाएगा। राज्य मनरेगा कार्यालय ने इस संबंध में सभी कलेक्टरों-सह-जिला कार्यक्रम समन्वयकों (मनरेगा) को संशोधित परिपत्र जारी किया है। पूर्व में जारी…
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झुंझुनूं जिले के गुढ़ा में जनसभा को संबोधित किया। राज्य सरकार गरीबों को केंद्र में रखकर कार्य कर रही है। इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत 800 करोड रूपए का प्रावधान कर शहरी लोगों को रोजगार की गारंटी दी गई है। राज्य सरकार द्वारा बिजली बिलों में अनुदान देने से लाखों किसानों को राहत मिली है। घरेलू उपभोक्ताओं को भी 50 यूनिट बिजली प्रतिमाह मुफ्त दी गई है, जिससे लाखों परिवारों को फायदा मिला है।
देश में जनता महंगाई से दुखी है, ऐसे में हम लोगों को राहत देने का प्रयास कर रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा चिरंजीवी योजना में 10 लाख रूपए तक का कवर दिया जा रहा है। आज राज्य सरकार द्वारा महंगा उपचार, जांच तथा दवाईयां निःशुल्क दी जा रही है, जिससे आमजन को राहत मिल रही है। आज राज्य सरकार द्वारा हर जिले में मेडिकल कॉलेज तथा नर्सिंग कॉलेज खोला जा रहा है।
राज्य सरकार 1.35 करोड़ परिवारों की महिला मुखिया को निःशुल्क स्मार्टफोन और 3 साल तक इंटरनेट सेवा देने जा रही है। महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के द्वारा वंचित तबके के विद्यार्थी अंग्रेजी माध्यम में उत्कृष्ट शिक्षा निःशुल्क प्राप्त कर रहे हैं। सड़क परिवहन के क्षेत्र में राज्य सरकार बेहतरीन कार्य कर रही है।
राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों से प्रदेश में एक नई खेल संस्कृति विकसित हो रही है तथा खेलों के प्रति सकारात्मक माहौल बन रहा है। राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों में 30 लाख से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया है और सवा दो लाख से अधिक टीमें बनीं। खेलों को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार खिलाड़ियों को ‘आउट ऑफ टर्न’ नौकरी दे रही है। वहीं पदक विजेताओं के लिए तीन करोड़ रूपए तक की पुरस्कार राशि का प्रावधान किया गया है।
कोरोनाकाल में किए गए बेहतरीन प्रबंधन से दुनिया भर में राज्य का नाम हुआ है, वहीं लम्पी रोग के नियंत्रण के लिए भी राज्य सरकार ने प्रभावी कार्य किया है। इस दौरान उदयपुरवाटी प्रीमियर लीग के विजेताओं को भी ट्राफी देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में सैनिक कल्याण, गृह रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा विभाग (स्वतंत्र प्रभार), पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास विभाग राज्यमंत्री श्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि झुंझुनूं में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुआ है। चिंरजीवी योजना की वजह से आमजन को महंगे इलाज से राहत मिली है। उन्होंने बताया कि उदयपुरवाटी में भूजल स्तर में गिरावट को देखते हुए 950 करोड़ रूपए बजट की योजना पर काम चल रहा है।
कार्यक्रम के दौरान महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती ममता भूपेश, ऊर्जा राज्यमंत्री श्री भंवर सिंह भाटी, किसान आयोग के अध्यक्ष और खंडेला विधायक श्री महादेव सिंह खंडेला, तिजारा विधायक श्री संदीप यादव, नगर विधायक श्री वाजिब अली, आरटीडीसी के चेयरमैन श्री धर्मेंद्र सिंह राठौड़ सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि एवं जिला अधिकारी उपस्थित रहे।
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प्रधानमंत्री आज देंगे किसानों को 1 लाख करोड़ की वित्तपोषण सुविधा का लाभ
नई दिल्ली। आज किसानों को एक लाख करोड़ रुपए की वित्तपोषण सुविधा कृषि अवसंरचना कोष के तहत शुरू कराई जाएंगी, साथ ही पीएम-किसान योजना के तहत 8.5 करोड़ किसानों को 17,000 करोड़ रुपए की धनराशि की छठी किस्त भी जारी होगी एक आधिकारिक वक्तव्य के मुताबिक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से होने वाले इस कार्यक्रम में देश भर के लाखों किसान, सहकारी समितियां और आम नागरिक शामिल होंगे।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। केंद्रीय कैबिनेट ने पिछले महीने एक लाख करोड़ रुपये का कृषि अवसंरचना कोष बनाने को मंजूरी दी थी। वक्तव्य के मुताबिक इस कोष से कृषि संबंधी बुनियादी संरचना के लिये सस्ते कर्ज दिये जायेंगे, जिससे ग्रामीण इलाकों में निजी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा तथा रोजगार के अवसरों का सृजन होगा। कृषि अवसंरचना कोष प्रधानमंत्री के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज का एक हिस्सा है।
यह योजना ब्याज अनुदान और वित्तीय सहायता के माध्यम से, फसल के बाद बुनियादी ढांचा प्रबंधन और सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों के लिए व्यवहार्य परियोजनाओं में निवेश के लिए मध्यम-लंबी अवधि के ऋण वित्तपोषण की सुविधा प्रदान करेगी। सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों में से 11 बैंकों ने पहले ही कृषि सहयोग और किसान कल्याण विभाग के साथ सहमति पत्रों (MOU) पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
इन परियोजनाओं की व्यवहार्यता बढ़ाने के लिए लाभाॢथयों को 3 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी और दो करोड़ रुपये तक की ऋण गारंटी दी जाएगी।एक दिसंबर 2018 को आरंभ की गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम-किसान) के तहत 9.9 करोड़ से भी अधिक किसानों को 75,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का प्रत्यक्ष नकद लाभ प्रदान किया गया है। इसने किसानों को अपनी कृषि आवश्यकताओं को पूरा करने और अपने-अपने परिवारों को आवश्यय सहारा देने में सक्षम बनाया है।
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सरकार के लिए कोरोना वायरस संकट के दौरान जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाने में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) प्रणाली एक कारगर हथियार साबित हुआ है। इसका पता इससे चलता है कि 24 मार्च 2020 से 17 अप्रैल 2020 तक की लॉकडाउन अवधि के दौरान डीबीटी प्रणाली के जरिये 16.01 करोड़ लाभार्थियों और जरूरतमंदों के बैंक खातों में 36,659 करोड़ रुपये डाले जा चुके हैं। वित्त मंत्र��लय की रविवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार यह राशि मजबूत डिजिटल भुगतान प्रौद्योगिकी लोक वित्त प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के माध्यम से डीबीटी के जरिये केंद्रीय योजनाओं/केंद्र प्रायोजित योजनाओं के अलावा राज्य सरकारों की योजनाओं के तहत सीधे लाभार्थियों के खाते में डाली गई है। मंत्रालय के अनुसार कुल 36,659 करोड़ रुपये से अधिक राशि 16.01 करोड़ लाभार्थियों को कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जारी बंद (24 मार्च से 17 अप्रैल) के दौरान दिए गए। कुल राशि में से 27,442 करोड़ रुपये केंद्र प्रायोजित योजनाओं और केंद्रीय योजनाओं के लिये तथा 9,717 करोड़ रुपये राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत डीबीटी माध्यम से कुल 16.01 करोड़ लाभार्थियों के खाते में डाले गए हैं। मंत्रालय के ब्योरे के अनुसार केंद्र प्रायोजित और केंद्रीय योजनाओं से जुड़े लाभार्थियों की संख्या 11.42 करोड़ जबकि राज्यों की विभिन्न योजनाओं से संबद्ध लाभार्थियों की संख्या 4.59 करोड़ रही। डीबीटी प्रणाली से लगती है गड़बड़ियों पर लगाम नकद अंतरण के जरिये भुगतान के लिये लेखा महानियंत्रक (सीजीए) के डिजिटल भुगतान प्रैद्योगिकी पीएफएमएस का उपयोग पिछले तीन वित्त वर्ष में काफी बढ़ा है। वर्ष 2018 में जहां डीबीटी के माध्यम से कुल राशि का वितरण 22 फीसदी था, वह बढ़कर 2019-20 में 45 फीसदी हो गया। डीबीटी से जहां एक तरफ नकद राशि सीधे लाभार्थी के खाते में जाती है वहीं गड़बड़ियों पर अंकुश लगता है और दक्षता बढ़ती है। केंद्रीय या केंद्र प्रायोजित जिन योजनाओं के लिए डीबीटी माध्यम से भुगतान किया गया, उसमें पीएम किसान, महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा), राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी), प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई), राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम), राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और राष्ट्रीय स्कॉलरशिप पोर्टल के जरिये विभिन्न मंत्रालयें की ‘स्कॉलरशिप’ योजना शामिल हैं। पीएम गरीब कल्याण योजना पैकेज से भी की जा रही मदद इसके अलावा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पैकेज के तहत घोषित नकद भुगतान भी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के जरिये किया जा रहा है। महिला जनधन खाता https://www.instagram.com/p/B_K_x8fFOl2Lbsp0xWQndrFuppMud36VsYNEdU0/?igshid=3ypwzfuq1cef
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बधाई- मनरेगा योजना के सफल क्रियान्वयन में पिथौरागढ़ देश का पहला जिला बना, मिलेगा पुरस्कार भारत की सबसे बड़ी योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के सफल संचालन एवं क्रियान्वयन के लिए पिथौरागढ़ जिले को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। पिथौरागढ़ जिले के मूनाकोट विकासखंड में किए कार्यों के कारण जिले का चयन हुआ है। आगामी 19 दिसंबर 2019 को दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम में जिले के प्रतिनिधि को सम्मानित भी किया जाएगा। देश का सीमांत जिला होने के कारण यह उपलब्धि और विशेष बन जाती है। …
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MSME Schemes : आसानी से मिलेगा 10 लाख का लोन, ऐसें करे अप्लाई
MSME Schemes आसानी से मिलेगा 10 लाख का लोन, ऐसें करे अप्लाई : हमारे देश में सरकार नए उद्यमियों के लिए कई MSME योजनाएं (MSME Yojana) चला रही है जो स्वरोजगार करना चाहते हैं। फिलहाल केंद्र की मोदी सरकार भारत को स्टार्टअप हब बनाने के लिए तेजी से काम कर रही है। अगर आप भी कोई नया बिजनेस (New Business) शुरू करने की सोच रहे हैं तो यह लेख आपको कई महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं की जानकारी देने वाला साबित होगा।
MSME Schemes
इन MSME योजनाओं का लाभ उठाकर आप न सिर्फ किसी नए उद्यम के लिए कर्ज ले सकेंगे, बल्कि आपके द्वारा लिए गए कर्ज पर सरकार काफी बड़ी सब्सिडी भी देगी चलिए, शुरू करते हैं –
नए उद्यमियों के लिए एमएसएमई योजनाएं – (MSME Schemes)
- पीएमईजीपी योजना (प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम)
- प्रधानमंत्री मुद्रा ऋण योजना
- सिडबी द्वारा सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फंड।
- क्रेडिट गारंटी योजना
- स्टार्टअप इंडिया
- बैंक ऋण सुविधा
यदि आप कोई नया व्यवसाय (New Business) या अपना कोई व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं जिसे आप आगे बढ़ाना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको 6 योजनाओं का लाभ मिल सकता है, ये ऐसी योजनाएं हैं जिनके माध्यम से आप आसानी से अपने व्यवसाय के लिए ऋण (Loan) ले सकते हैं और अपने व्यवसाय को बढ़ा सकते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से-
पीएमईजीपी योजना (Pradhan Mantri Employment Generation Programme) –
केंद्र सरकार की यह योजना भारत के सभी राज्यों में चल रही है। PMEGP योजना केवल ग्रामीण या शहरी क्षेत्र के उन लोगों के लिए है जो अपना नया व्यवसाय (New Business) शुरू करने जा रहे हैं। इसके अलावा बिजनेस शुरू करना, सर्विस सेक्टर या मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का होना भी अनिवार्य है। इसके तहत हमने इस लेख में लोन (Loan) अप्रूवल की पूरी प्रक्रिया के बारे में बताया है –
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना –
इस योजना (Pradhan Mantri Mudra Yojana) के तहत आप अपने व्यवसाय के लिए बैंक से आसानी से कर्ज ले सकते हैं। MUDRA जिसका पूरा नाम Micro Units Development and Refinance Agency है। इस योजना के तहत हर कोई अपने व्यवसाय के लिए 10 लाख रुपये तक का ऋण ले सकता है।
यह योजना (PMMY) वर्ष 2015 में शुरू की गई थी और इस योजना (Pradhan Mantri Mudra Yojana) के तहत अगले 2 वर्षों के भीतर 1.8 करोड़ से अधिक का सृजन किया गया है। यह भी बताया जा रहा है कि 14 अगस्त, 2020 तक इस ऋण के तहत 67 हजार से अधिक ऋण फाइलें पारित की जा चुकी हैं, जिसमें 48,000 करोड़ का ऋण दिया गया है। मुद्रा ऋण तीन प्रकार के होते हैं –
- शिशु ऋण यह एक लघु व्यवसाय ऋण है जिसमें 50 हजार तक का ऋण दिया जाता है।
- किशोर ऋण यह मध्यम व्यवसाय के लिए ऋण है। इसमें 5 लाख तक का कर्ज दिया जाता है।
- तरुण लो��� यह लोन बड़े बिजनेस के लिए है और इसमें 10 लाख तक का लोन दिया जाता है।
सिडबी द्वारा सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फंड
��गर कोई उद्यम स्टार्टअप या नया व्यवसाय (New Business) है जिसके लिए उन्हें धन की आवश्यकता है, तो यह उनके लिए बहुत अच्छा विकल्प है। इस योजना (MSME Scheme) के तहत नए व्यवसाय और स्टार्टअप को बिना किसी बंधक के 1 करोड़ तक का ऋण (Loan) दिया जाता है ताकि नए व्यवसाय को विकास की नई राह दी जा सके।
यह भी एक प्रकार का Business Loan है जिसका संचालन SIDBI द्वारा किया जाता है। सिडबी जिसका पूरा नाम भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक है। इस लोन (Loan) के लिए अप्लाई करने के बाद अगर आपके दस्तावेज सही पाए जाते हैं तो आपका पैसा 3 दिन में आपके पास आ जाता है, जिसे आप अपने बिजनेस में लगा सकते हैं !
क्रेडिट गारंटी योजना –
सरकार द्वारा चलाई जा रही यह एक ऐसी योजना है, जिसने एमएसएमई (MSME Scheme) की ऋण प्रणाली को और भी आसान और मजबूत बना दिया है। एमएसएमई की ऋण (Loan) प्रक्रिया को और भी सुविधाजनक बनाने के लिए इस क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट की शुरुआत की गई है। इस योजना में सरकारी, निजी और उसके सहयोगी बैंकों के साथ-साथ ग्रामीण और क्षेत्रीय बैंक भी कर्ज देने के लिए प्रतिबद्ध हैं !
यदि किसी कंपनी का टर्नओवर 2 करोड़ है तो इस योजना (Credit Guarantee Scheme) के तहत उस व्यवसाय (Business) को 75 प्रतिशत राशि या 1.15 करोड़ रुपये तक की गारंटी कवर सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा सूक्ष्म उद्योगों पर 5 लाख तक के ऋण पर 85 प्रतिशत तक का गारंटी कवर मिलता है।
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महात्मागांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम योजना
महात्मागांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम योजना
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नरेगा (NREGA) यानि राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (National Rural Employment Guarantee Act) केन्द्र सरकार के सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में से एक कार्यक्रम है, जिसका क्रियान्वयन ग्रामीण विकास मंत्रालय (Ministry of Rural Development) द्वारा…
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भारत में सरकारी योजनाएँ
Contents
अ
• अटल पेंशन योजना
• अन्त्योदय अन्न योजना
आ
• आधार कार्ड
• आयुष्मान भारत योजना
इ
• इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना
उ
• उजाला योजना
• उदय (योजना)
ऐ
• ऐंकर
क
• किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना
ज
• जननी सुरक्षा योजना
• जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण योजना
• जूनियर साइंस टैलेंट सर्च परीक्षा
ड
• डिजिटल लॉकर
द
• दिल्ली मुंबई औद्योगिक गलियारा परियोजना
• दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना
• दोपहर भोजन योजना
न
• निर्मल भारत अभियान
प
• प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना
• प्रधानमंत्री आवास योजना
• प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि
• प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना
• प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना
• प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना
• प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास अध्येतावृत्ति योजना
• प्रधानमंत्री जन धन योजना
• प्रधानमंत्री जन-औषधि योजना
• प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना
• प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
• प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
• प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान
• प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना
ब
• बालबंधु योजना
भ
• भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण
म
• महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम
• मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता
• मिशन इंद्रधनुष अभियान
• मेक इन इंडिया
• मौलाना आजाद राष्ट्रीय छात्रवृति योजना
र
• राजीव गाँधी किशोरी सशक्तिकरण योजना
• राष्ट्रीय ई-शासन योजना
• राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान
• राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम
• राष्ट्रीय कैडेट कोर
• राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना
• राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम, 2005
• राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन
• राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली
• राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना
• राष्ट्रीय साक्षरता मिशन
• राष्ट्रीय सेवा योजना
व
• वाल्मीकि अम्बेडकर मलिन बस्ती आवास योजना (वाम्बे)
स
• समन्वित बाल विकास योजना
• समेकित बाल संरक्षण योजना
• सरकारी ई-बाज़ार (GeM)
• सांसद आदर्श ग्राम योजना
• साखमय अनुदान योजना
• सुकन्या समृद्धि
• स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2017
• स्वच्छ भारत अभियान
• स्वयंसिद्धा
• स्वस्थ भारत यात्रा
• स्वाधार
ह
• हाथी परियोजना
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मनरेगा के तहत इस बार जल संरक्षण के कार्यों को दी गई प्राथमिकता: केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये रोजगार गारंटी परिषद की बैठक ली
नई दिल्ली:
केंद्रीय रोजगार गारंटी परिषद की 21वीं बैठक मंगलवार को केंद्रीय ग्रामीण विकास, कृषि और पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई. रोजगार गारंटी परिषद का गठन महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम-2005 की धारा 10 के तहत किया गया है. बैठक में केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि मनरेगा सबसे बड़ी रोजगार सृजन योजनाओं में से एक है जिसके तहत् ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को वैकल्पिक रोजगार प्रदान किया जाता है. इस कार्यक्रम में 261 कार्य हैं जिनमें से 164 प्रकार के कार्य कृषि और इससे संबंधित गतिविधियों से जुड़े हैं.
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सरकार ने जल संरक्षण/ सिंचाई संबंधी निर्माण कार्य को प्राथमिकता दी है जिसका लाभ आने वाले समय में कृषि क्षेत्र में मिल सकेगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मनरेगा श्रमिकों के बैंक खातों में 100% मजदूरी का भुगतान करने के सभी उपाय कर रही है. मनरेगा के लिए 61,500 करोड़ रू. का बजट था लेकिन आत्मनिर्भर भारत अभियान में इसके लिए 40 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है.
गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण देश की अर्थव्यवस्था ठप पड़ी हुई है, इसे गति देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि पैकेज से अर्थव्यवस्था को उबरने में मदद मिलेगी और इसका “गुणात्मक प्रभाव” होगा. वित्त मंत्री ने कहा, ” बिजनेस सेक्टर के लिए प्रोत्साहन देना महत्वपूर्ण था. पीएम गरीब कल्याण योजना में हमने कुछ कैश ट्रांसफर किया है, हम फिलहाल इस विकल्प को बंद नहीं कर रहे हैं. यह योजना लॉकडाउन के बाद शुरू की गई है.
VIDEO: मुश्किल में काम आएगा मनरेगा
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