झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: चुनाव संग्राम से बाहर हुए झारखंड के राजे-रजवाड़े
झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: चुनाव संग्राम से बाहर हुए झारखंड के राजे-रजवाड़े
चुनावी सियासत से झारखंड के राजे-रजवाड़े बाहर हो रहे हैं। राजपरिवारों के वारिसों को राजनीतिक दल तवज्जो नहीं दे रहे। यहां की सियासत में राजपरिवारों के लोग लगातार घटते जा रहे हैं। वर्तमान विधानसभा चुनाव…
Source link
View On WordPress
0 notes
Elections Polls: 44 दिनों तक चलेगा सत्ता का संग्राम, इतिहास में दूसरा सबसे लंबा लोकसभा चुनाव; जानें सबसे कम वक्त कब लगा The battle for power will last for 44 days, the second longest Lok Sabha election in history; know when it took the least time
Elections: 1951-52 के दौरान पहले लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया में 120 दिन लगे थे। 1980 में दो चरण में मतदान हुए थे और यह अवधि केवल चार दिन की ही थी। 2024 के लोकसभा चुनाव देश के चुनावी इतिहास के दूसरे सबसे लंबे चुनाव हैं।
देश में इन दिनों लोकसभा चुनावों की सरगर्मी है। 16 मार्च को चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के लिए कार्यक्रमों की घोषणा की थी। 19 अप्रैल से 1 जून के बीच देश में सात चरण में चुनाव होने…
View On WordPress
0 notes
हमीरपुर के विधायकों का विश्वास खो चुके है सीएम सुक्खू, उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए; जयराम ठाकुर
हमीरपुर के विधायकों का विश्वास खो चुके है सीएम सुक्खू, उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए; जयराम ठाकुर
Mandi News: राज्यसभा चुनाव के बाद शुरू हुए सियासी संग्राम के बाद बयानबाजी अभी भी थमने का नाम नहीं ले रही है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने ही गृह जिला हमीरपुर के विधायकों का विश्वास खो चुके हैं। उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने ही गृह जिला हमीरपुर के विधायकों का विश्वास खो चुके हैं।…
View On WordPress
0 notes
पार्टी के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, लोकसभा चुनाव के प्रदेश प्रभारी, सह प्रभारी व प्रदेश संगठन महामंत्री ने प्रदेश कार्यालय में वीर सावरकर जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित किए
भोपाल, 26/02/20204।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व समाज सुधारक वीर सावरकर जी की पुण्यतिथि पर आज भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यालय में पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व ने श्रद्धा सुमन अर्पित कर नमन किया।
प्रदेश कार्यालय में पार्टी के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री श्री अजय जामवाल, प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री विष्णुदत्त शर्मा, लोकसभा चुनाव के प्रदेश प्रभारी डॉ. महेन्द्र सिंह, सह प्रभारी श्री सतीश उपाध्याय एवं…
View On WordPress
0 notes
भारत के निर्माण में कांग्रेस का बहुत योगदान है: विजय प्रताप
फरीदाबाद। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के 139वें स्थापना दिवस के अवसर पर बडख़ल विधानसभा से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ चुके कांग्रेस नेता विजय प्रताप सिंह ने सर्वप्रथम कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओं और देशवासियों का स्थापना दिवस की बधाई देते हुए कहा कि आजादी से पूर्व देश कांग्रेस की विचारधारा के साथ था और उसी विचाराधारा के तहत कांग्रेस ने पूरे देश में आजादी की अलख जगाई और लोगों ने कांग्रेस की विचारधारा के साथ एकजुट होकर देश के स्वतंत्रता संग्राम को लड़ा और गुलामी से आजादी दिलवाने में अहम योगदान दिया
0 notes
'ठाकुर का कुआं' के बाद 'बॉबकट-लिपिस्टिक लेडी', माने RJD 'बिना बवाल कैसा बिहार' बनाना चाहता है क्या?
पटना: बिहार में बयानों से राजनीति की दशा भले न बदले, पर दिशा जरूर बदलती रही है। बयान भी ऐसे-ऐसे, जिसे सुन कर किसी का मन-मिजाज बदलना स्वाभाविक है। अभी RJD के राज्यसभा सांसद मनोज झा के ठाकुर के कुएं पर संग्राम छिड़ा हुआ ही था कि RJD के कद्दावर नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने महिलाओं पर अजब बयान देकर माहौल गरम कर दिया है। पिछड़े और ओबीसी महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने वाला महिला आरक्षण विधेयक जब नारी शक्ति वंदन नाम से संसद से पास हो गया तो अब पिछड़े और ओबीसी वर्ग की महिलाओं को आरक्षण के लिए आरजेडी ने न सिर्फ आवाज बुलंद की, बल्कि अब्दुल बारी सिद्दीकी ने ऐसा बयान दे दिया, जिससे बिहार की राजनीति में सनसनी फैल गई। बिहार में बयानों का सियासी नफा-नुकसान हम पहले भी देख चुके हैं। अब सवाल ये कि क्या RJD 'बिना बवाल, कैसा बिहार' बनाना चाहता है?
अब्दुलबारी सिद्दीकी के बयान ने शरद की याद दिला दी
महिला आरक्षण की कवायद 1996 में तत्कालीन पीएम एचडी देवेगौड़ा ने शुरू की थी। तब समाजवादी नेता शरद यादव ने इसका विरोध करते हुए कहा था- क्या आप परकटी महिलाओं को सदन में लेकर आना चाहते हैं ? नरेंद्र मोदी की सरकार ने 27 साल बाद जब महिला आरक्षण बिल को संसद के दोनों सदनों से पास करा लिया तो आरजेडी से संबंध रखने वाले बिहार के एक सीनियर लीडर अब्दुल बारी सिद्दीकी ने भी शरद यादव के अंदाज में ही बयान दे दिया। सिद्दीकी ने कहा- महिला आरक्षण के नाम पर बाब कट और क्रीम-लिपस्टिक वाली महिलाएं आपके घर की महिलाओं का हक मार लेंगी। उनका इरादा पिछड़े और ओबीसी महिलाओं के लिए भी आरक्षण की मांग करने का था। लेकिन लहजे में उन्होंने शरद की तरह महिलाओं का ही अपमान कर दिया।
अब ‘ठाकुर का कुआं’ पर मचा घमासान
इसी बीच बिहार में ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता ‘ठाकुर का कुआं’ पर जुबानी जंग छिड़ी हुई है। राज्य में कोहराम मच गया है। राज्यसभा में पढ़ी आरजेडी सांसद मनोज झा की इस कविता पर बिहार की राजनीति में बवाल पैदा हो गया है। ओमप्रकाश वाल्मीकि द्वारा अब से करीब साढ़े चार दशक पहले लिखी इस कविता के पाठ पर ठाकुर (राजपूत) समाज बिदका हुआ है। उसे इसमें अपना अपमान दिख रहा है। राजपूत नेताओं से गर्दन काटने और जीभ खींच लेने जैसी धमकियां मनोज झा को मिलने लगी हैं। धमकियां भी गुमनाम नहीं, बल्कि पार्टी लाइन तोड़ कर हर दल के राजपूत नेता सामने आ गए हैं। आश्चर्य यह कि मनोज झा की बिरादरी से आने वाले जेडीयू नेता और बिहार सरकार के मंत्री संजय झा भी राजपूत नेताओं के समर्थन में आ गए हैं। राजपूतों का खुद को नेता बताने वाले आनंद मोहन भले अभी किसी पार्टी में नहीं हैं, लेकिन उनकी रिहाई आरजेडी और जेडीयू की साझीदारी वाली सरकार की कृपा से ही सुनिश्चत हो पाई। यानी तकनीकी तौर पर भले वे किसी पार्टी में न हों, पर आरजेडी से अलग उनको देखना भूल होगी। सबसे पहले आनंद मोहन के परिवार ने ही मनोज झा द्वारा पढ़ी कविता पर विवाद की शुरुआत की। आरजेडी में उनके विधायक बेटे चेतन आनंद ने पहला हमला बोला तो शाम होते-होते आनंद मोहन ने मैदान संभाल लिया। उन्होंने मनोज झा को जीभ खींच लेने की धमकी दी। उसके बाद जेडीयू और भाजपा के राजपूत नेता भी सामने आने लगे।
ऐसे बयान का 2015 में दिखा था असर
प्रसंगवश यह उल्लेख आवश्यक है कि ऐसे बयानों का चुनावों में क्या असर होता है, यह 2015 में सभी देख चुके हैं। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने उस साल हुए बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान कहा था कि समय-समय पर आरक्षण की समीक्षा होती रहनी चाहिए। इसे आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने यह कह कर प्रचारित किया था कि भाजपा आरक्षण को खत्म करना चाहती है। मोहन भागवत के बयान का इशारा इसी ओर है। इसका फल भी महागठबंधन को मिला और बिहार में एनडीए को मात खानी पड़ी। अभी अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की सरगर्मी बढ़ गई है। ऐसी स्थिति में नेताओं के ये बयान क्या गुल खिलाएंगे, यह देखना बाकी है।
बिहार में राजपूत-ब्राह्मण में उपजा मतभेद
ठाकुर-ब्राह्मणों के बीच शुरू से ही अच्छे संबंध रहे हैं। इसके बावजूद मनोज झा के सदन में काव्य पाठ से दोनों के बीच विभाजन की लकीरें साफ दिख रही हैं। राजपूतों की तरह ब्राह्मण खुल कर तो नहीं बोल रहे, लेकिन मन में इस बात का मलाल तो है ही कि एक ब्राह्मण नेता की जीभ और गर्दन काटने की खुलेआम चेतावनी दी जा रही है। यह भी सबको पता है कि राजपूत-ब्राह्मण वोट बीजेपी को मिलते रहे हैं। बीजेपी का आरोप है कि आरजेडी जान-बूझकर इन दोनों जातियों में विभेद पैदा करना चाहती हैं। खैर, अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में इसका क्या असर पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी। http://dlvr.it/SwsgRk
0 notes
Bangladesh Election : Bangladesh PM शेख हसीना से इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले
बांग्लादेश में आगामी चुनाव को लेकर माहौल गर्मा-गर्मी का बन गया है। विपक्षी दलों ने शनिवार को सड़कों पर जमकर बवाल किया और प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग की है।
बांग्लादेश चुनाव (Bangladesh Election) से पहले सियासी दलों के कार्यकर्ताओं के बीच संग्राम बढ़ गया है। सत्ता पक्ष और विपक्षी कार्यकर्ताओं के बीच जमकर बवाल हो रहा है। विपक्षी पार्टी सड़कों पर प्रदर्शन कर रही है और प्रधानमंत्री शेख…
View On WordPress
0 notes
राजनीति के चौसड
राजनीति के चौसड पर बिछ गई जनता
वोट बैंक के चालों में उलझ गई जनता
इस बार चुनाव लोकसभा का भीषण
संग्राम,
सारी विपक्षी पार्टियों का मिला जुला अभियान
मिलकर जो लड़ेंगे जीत जायेंगे
बिखर गए तो फिर सत्ता में ना आयेंगे,
मोदी जी के औरा के सामने कोई नहीं है
जनता के दिल में विश्वास उनपर आज भी है ।
गठबंधन करने पर ही भविष्य बनेगा,
वरना तो सबके सियासत का अंत होगा ।।
View On WordPress
0 notes
jharkhand-dhanbad-singh-mansion-धनबाद के सिंह मेंशन और रघुकुल के बीच फिर से संग्राम की स्थिति, मेयर चुनाव में कुंति देवी ने ताल ठोंका, गोतनी इंदु भी मैदान में उतरेगी
jharkhand-dhanbad-singh-mansion-धनबाद के सिंह मेंशन और रघुकुल के बीच फिर से संग्राम की स्थिति, मेयर चुनाव में कुंति देवी ने ताल ठोंका, गोतनी इंदु भी मैदान में उतरेगी
जमशेदपुर : झारखंड के कोयला क्षेत्र धनबाद में एक बार फिर से नगर निकाय चुनाव में झरिया के पूर्व विधायक स्वर्गीय सूर्यदेव सिंह का परिवार एक बार फिर से आमने-सामने है. सिंह मेंशन और रघुकुल मेंशन के लोग आमने सामने आ गये है. सिंह मेंशन से सिद्धार्थ गौतम और उनकी पत्नी का नाम मेयर चुनाव के लिए सामने आया है. वहीं, इंदू देवी का नाम भी सामने आ चुका है, जिसके बाद पूर्व विधायक कुंति देवी एक बार फिर से मेयर का…
View On WordPress
0 notes
Akbar Vs Maharana Pratap: महाराणा प्रताप और अकबर पर राजस्थान में संग्राम, BJP का कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन - Rajasthan minister govind singh dotasra mughal emperor akbar versus rajput king maharana pratap bjp protests atrc
New Post has been published on https://toldnews.com/hindi/akbar-vs-maharana-pratap-%e0%a4%ae%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%a3%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a4%e0%a4%be%e0%a4%aa-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%85%e0%a4%95%e0%a4%ac%e0%a4%b0/
Akbar Vs Maharana Pratap: महाराणा प्रताप और अकबर पर राजस्थान में संग्राम, BJP का कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन - Rajasthan minister govind singh dotasra mughal emperor akbar versus rajput king maharana pratap bjp protests atrc
राजस्थान में सरकार बदलते ही एक बार फिर से इस बात पर संग्राम छिड़ गया है कि महाराणा प्रताप महान थे या अकबर. कांग्रेस सरकार के शिक्षा मंत्री के बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने गुरुवार को पलटवार करते हुए कहा कि अब इस मुद्दे पर सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जवाब दें कि दोनों में कौन महान थे? साथ ही बीजेपी ने महाराणा प्रताप के बहाने राजपूत वोट बैंक को साधने के लिए राज्यभर में कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन करने का ऐलान किया है.
राजस्थान में पिछले साल पाठ्यक्रम में बदलाव करते हुए अकबर के आगे लगे शब्द महान को हटा दिया गया था. साथ ही महराणा प्रताप के नाम के आगे महान शब्द लगाया गया था. इसके अलावा यह भी लिख दिया गया था कि हल्दीघाटी के युद्ध में अकबर नहीं, बल्कि महराणा प्रताप जीते थे. अब सरकार बदली, तो राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कह दिया कि पूरे पाठ्यक्रम की समीक्षा की जाएगी और यह देखा जाएगा कि महाराणा प्रताप और अकबर में कौन महान था? डोटासरा ने कहा, ‘अब नई सरकार बनी है, तो सभी पाठ्यक्रमों की समीक्षा की जाएगी. मेरे मानने या नहीं मानने से क्या होता है?’
शिक्षा मंत्री की जुबान से यह बाहर निकलते ही बीजेपी ने इसे लपक लिया और राज्यभर में प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू कर दिया. बीजेपी दफ्तर में गुरुवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि अब इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बयान दें कि अकबर और महराणा प्रताप में कौन महान है? देवनानी ने आरोप लगाया कि अकबर के कारनामे ऐसे थे कि कांग्रेस दोनों को महान बनाने का दुस्साहस नहीं कर सकती है, इसलिए किसी एक को महान बनाना होगा.
पूर्व शिक्षा मंत्री ने आरोप लगाया कि मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए कांग्रेस अपने वीरों का अपमान कर रही है. देवनानी ने आरोप लगाया कि 2004 में कांग्रेस ने पाठ्यक्रमों में बदलाव किया था. पाठ्यक्रमों में बदलाव की फेहरिस्त गिनाते हुए बीजेपी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने पाठ्यक्रम से राम जैसे शब्द तक को हटा दिया था.
वासुदेव देवनानी ने कहा कि मंत्री इस तरह के बयान दे रहे हैं. लिहाजा अब मुख्यमंत्री गहलोत को जवाब देना चाहिए कि महराणा प्रताप महान थे या अकबर महान थे. दरअसल, इस बार के विधानसभा चुनाव में राजपूतों की नाराजगी बीजेपी को भारी पड़ी थी. राजपूतों को बीजेपी का परंपरागत वोट बैंक माना जाता है. हालांकि इस बार राजपूत कांग्रेस के पाले में चले गए थे, जिसके चलते बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था.
बीजेपी की कोशिश है कि इस बहाने महराणा प्रताप के नाम पर एक बार फिर से राजपूत वोट बैंक को जोड़ा जाए. कांग्रेस समझती है कि महाराणा प्रताप के नाम पर इस तरह के विवाद से नुकसान हो सकता है. लिहाजा अपने राजपूत नेताओं को भी मैदान में उतार दिया है. उधर राजपूत संगठनों ने एक बार फिर से कांग्रेस के शिक्षा मंत्री का पुतला फूंकने का ऐलान किया है.
Great)
1 note
·
View note
चुनावी सफर शशि शेखर के साथ: अवध जो अवधारणा गढ़ेगा
चुनावी सफर शशि शेखर के साथ: अवध जो अवधारणा गढ़ेगा
चिकनकारी, जरी और जरदोजी के लिए मशहूर अवध के मतदाताओं का फैसला उत्तर प्रदेश के सियासी संग्राम की दशा और दिशा तय करने में अ��म भूमिका निभाने ��ा रहा है। पिछले चुनाव में एकतरफा समर्थन देकर भाजपा की झोली…
Source link
View On WordPress
0 notes
सरदार भगत सिंह के वकील """""""""""""""""""''''""""""""""" बैरिस्टर आसिफ अली सरदार भगतसिंह के वकील थे वह स्वतंत्रता संग्राम के नेताओ में से थे गांधी जी से बहुत करीबी ताल्लुक था उनके कहने पर दिल्ली असेम्बली का चुनाव भी लड़ा और जीत हासिल की बैरिस्टर आसिफ अली ने बहुत से स्वतंत्रता सेनानियों के मुकदमे लड़े जिन में सरदार भगतसिंह का मुकदमा भी था लाल किला ट्रायल के नाम से मशहूर मुकदमा जिस में आजाद हिन्द फौज के मेजर जनरल शाहनवाज हुसैन , कर्नल गुरु बख्श सिंह ढिल्लन और कर्नल प्रेम सहगल पर मुकदमा चला था बचाव पक्ष की ओर से सर तेज बहादुर सप्रू के नेतृत्व वकीलों के एक दल तैयार हुआ जिसमें पंडित जवाहरलाल नेहरू व बैरिस्टर आसिफ अली सदस्य थे इसके अलावा कराची कोर्ट ट्रायल जो कांग्रेसी नेताओं के विरुद्ध मशहूर मुकदमा था उस में भी बैरिस्टर आसिफ अली बचाव पक्ष के वकील थे 1946 में जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में बनी सर्वदलीय सरकार में बैरिस्टर आसिफ अली रेलवे व ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर बनाए गए थे आजादी के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका में भारत के पहले राजदूत बनाए गए अमरीका के अलावा कई देशों में भारतीय राजदूत की हैसियत से काम किया! #Copied ✍️! #Barrister #AsifAli #India #History #Politics #BhagatSingh #India #Freedom #Fighter. #MSAalam (at नफरत करने वालो नफ़रत में ही मर जाओगे) https://www.instagram.com/p/CbiNLxVvBv8/?utm_medium=tumblr
0 notes
जीत का दावा करने वाले 80% नेताओं की जब्त हो जाती है जमानत, जानिए कैसा रहा है इतिहास
जीत का दावा करने वाले 80% नेताओं की जब्त हो जाती है जमानत, जानिए कैसा रहा है इतिहास
हाइलाइट्स
1993 में सबसे अधिक 8652 प्रत्याशियों की जब्त हुई थी जमानत
2017 में चुनाव मैदान में खड़े 3736 प्रत्याशी नहीं बचा पाए थे जमानत
स्थानीय स्तर के समीकरण के सहारे जीत का दावा करने वालों को होती है निराशा
पीएम मोदी के साथ बातचीत से गदगद हुए जेलेंस्की, ट्वीट कर बताया- उन्हें क्या अच्छा लगा
लखनऊ: दो महीने तक चलने वाले सियासी संग्राम में वैसे तो हर दल और नेता अपनी जीत का दावा कर रहा है। पर जब…
View On WordPress
0 notes
मतदाता जागरूकता अभियान चलाया
मतदाता जागरूकता अभियान चलाया
जौनपुर। 7 मार्च को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कई समितियों द्वारा अभियान चलाकर शत-प्रतिशत मतदान के लिए जागरूक किया गया। पन्ना लाल स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जन कल्याण समिति के संस्थापक तथा समिति के कार्यकर्ताओं ने मिलकर कई गांव में पहुंचकर मतदाता जागरूकता अभियान चलाया। सदर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामसभा काफरपूर से मतदाता जागरूकता रैली प्रारंभ हुई जो पतहना, मिर्चा गांव से होते हुए जफराबाद…
View On WordPress
0 notes
राजनीतिक तनाव
Picture by: Google
राजनीति में तनाव आया है
लोकतंत्र का चुनाव आया है,
नेताओं के बोल खोलते एक दूजे के पोल
मीडिया सोशल मीडिया में तीखी बहस
से भूचाल आया है ,
लोकतंत्र का चुनाव आया है ।
ईडी सीबीआई आईटी का बढ़ता दबाव
विरोधी दलों में भ्रष्टाचार का अलाव
सुलगते सवालों के पोल खोल
सत्ता और विपक्ष का बिगड़ता ताल मेल
राजनीति में संग्राम लाया है,
लोकतंत्र का चुनाव आया है ।।
View On WordPress
0 notes
UP के चुनावी सर्वे में 'बाबा' क्यों पड़ रहे सब पर भारी ?, पढ़ें योगी आदित्यनाथ की पंच पावर पॉलिटिक्स से जुड़ी खास खबर #news4
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश में सत्ता का संग्राम छिड़ चुका है। वोटरों को रिझाने के लिए सियासी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। उत्तरप्रदेश को लेकर अब तक आए सभी ओपिनियन पोल में सत्तारूढ़ दल भाजपा को सभी विरोधियों पर्टियों पर भारी बताया है। सभी चुनावी सर्वे में योगी आदित्यनाथ सीएम का सार्वधिक पंसदीदा चेहरा बने हुए है।
वैसे भी भाजपा की ओर से चुनाव प्रचार की कमान खुद मुख्यमंत्री योगी…
View On WordPress
0 notes