निक कार्टर ने अपने 'बेबी ब्रदर' आरोन कार्टर को याद किया
निक कार्टर ने अपने ‘बेबी ब्रदर’ आरोन कार्टर को याद किया
द्वारा एसोसिएटेड प्रेस
न्यू यॉर्क: 34 वर्षीय गायक आरोन कार्टर के दक्षिणी कैलिफोर्निया में अपने घर पर मृत पाए जाने के एक दिन बाद, बैकस्ट्रीट बॉयज़ के सदस्य निक कार्टर ने अपने छोटे भाई को याद करते हुए कहा कि “एक जटिल रिश्ते” के बावजूद, उनके लिए उनका प्यार “कभी फीका नहीं”।
रविवार को एक इंस्टाग्राम पोस्ट में, वर्षों से दोनों की तस्वीरों के साथ, निक कार्टर ने कहा कि कार्टर के पांच भाई-बहनों में सबसे…
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Music Vocabulary
संगीत - music (masculine), also मौसीक़ी (feminine)
* पारम्परिक संगीत - traditional music
* शास्त्रीय संगीत - classical music
* लोक संगीत - folk music
* वाद्य संगीत - instrumental music
* पत्रक संगीत - sheet music
संगीत सुनना - to listen to music (transitive)
ध्वनि - sound, tone (feminine)
स्वर - 1. voice, sound (masculine), also आवाज़, वाणी (feminine)
2. tune, note, also सुर (masculine)
* notes and sounds can be for example कोमल (soft) or तीव्र, ऊँचा (high pitched).
स्वर-तरंग, ध्वनि-तरंग - sound wave (feminine)
सुर - 1. sound, tone, note, 2. tune, melody (masculine)
गायन, गाना, गान- 1. singing, 2. song, also गीत (masculine)
* गाना, गान करना - to sing (transitive)
* गायन शैली - singing style (feminine)
गायकी - the art of singing (feminine)
गायक - singer (masculine), गायिका (feminine)
* मुख्य गायक - lead singer
* बैकअप गायक - backup singer
वादक - musician, artist (masculine)
मंडली, मंडलिका - group, gathering (feminine)
* संगीत-मंडली - band
* गायक मंडली - choir
रॉक समूह - rock group (masculine)
बाजा - 1. orchestra, 2. instrument (masculine), also साज़ (masculine)
* पीतल का बाजा - brass instrument
वादन, बजाना - playing (masculine)
बजना - to ring, to play (intransitive)
बजाना - to play (transitive)
* एकल बजाना - to play a solo
* वाद्य बजाना - to play an instrument
वाद्य - 1. musical (adjective), 2. instrument (masculine),
also वाद्य-यंत्र, बाजा (masculine)
* फूँक वाद्य, सुषिर वाद्य, वायुवाद्य - wind instrument
* तालवाद्य, घात वाद्य, अवनद्ध वाद्य - percussion instrument
* तंतुवाद्य, तारवाला वाद्य - string instrument
तार - string (masculine)
ताल - rhythm, beat (masculine), also लय (feminine)
* ताल में होना - to be in rhythm, with the beat
लय - rhythm, singing in tune, tune, melody (feminine)
ताली - clap (feminine)
* ताली बजाना - to clap (transitive)
गति - tempo, speed (feminine)
* in music tempo can be द्रुत (fast) or धीमी (slow)
सुरीला - melodious, harmoniuous (adjective)
नृत्य, नृत्त, नाच, नाचना - dancing (masculine)
* नाचना, नृत्य करना - to dance (transitive)
नर्तक, नचनिया - dancer (masculine), नर्तकी (feminine)
भजन - devotional song, hymn (masculine)
लोकगीत - folk song
रचना - composition (feminine)
* रचना करना - to compose (transitive)
रचित - composed (adjective)
संगीतकार - composer, musician (masculine)
संगीतज्ञ - musical scholar (masculine)
गाने के बोल - song lyrics (masculine)
श्रोता - audience, listener (masculine)
सुनाई देना - to be heard (transitive), also सुनाई पड़ना (intransitive)
* मुझे कोई सुंदर गाना सुनाई दे रहा है - I hear a beautiful song
ध्वनि की गुणवत्ता - sound quality (feminine)
Instruments
बाँसुरी, मुरली - flute (feminine)
* अनुप्रस्थ बांसुरी - transverse flute, western concert flute
* बांसुरीवादक - flute player (masculine)
शहनाई - clarinet (feminine)
ओबाउ - oboe (masculine)
अलगोजा - bassoon (masculine)
फ्रेंच भोंपू - French horn (masculine)
तुरही - trumpet, sometimes used for other brass instruments like tuba or trombone (feminine)
बिगुल - bugle (masculine)
मुँह का बाजा - mouth organ, harmonica (masculine)
तबला - tabla, a pair of Indian hand drums (masculine)
डमरु - damru, a small Indian drum shaped like an hourglass (masculine)
ढोल - dhol, a big Indian drum (masculine), also ढोलक, ढोलकी (feminine)
झांझ - cymbal (feminine)
ताल, मंजीरा - taal, manjira, pair of small Indian hand cymbals (masculine)
चंग - tambourine (feminine), also डफ (masculine)
सिलाफ़न - xylophone (masculine)
हारमोनियम, पेटी बाजा - harmonium (masculine)
मशक बाजा - bagpipe (masculine)
महावाद्य - piano (masculine)
भव्य पियानो - grand piano (masculine)
* छोटी कुंजियाँ - minor keys (feminine)
* बड़ी कुंजियाँ - major keys (feminine)
* सप्तक - octave (masculine)
गिटार - guitar (masculine or feminine)
* बास गिटार - bass guitar
बेला - violin, fiddle (feminine)
* धनुष - bow (masculine)
सितार - sitar (feminine)
सारंगी - sarangi, an Indian stringed instrument (feminine)
सरोद - sarod, an Indian stringed instrument (masculine)
वीणा - veena, an Indian lute (feminine)
पेडल वीणा - harp (feminine)
वायलनचेलो - cello (masculine)
डबलबस - contra bass, double bass (masculine or feminine)
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महागौरी हिंदू मां देवी महादेवी के नवदुर्गा पहलुओं में आठवां रूप है। नवरात्रि के आठवें दिन इनकी पूजा की जाती है। हिंदू धर्म के अनुसार महागौरी में अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करने की शक्ति है। जो देवी की पूजा करता है, उसे जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। महागौरी की चार भुजाएं हैं। उसका दाहिना हाथ भय को दूर करने की मुद्रा में है और दाहिने निचले हाथ में त्रिशूल है। वह अपने बाएं ऊपरी बांह में एक डफ रखती है और निचला एक आशीर्वाद के रूप में है l
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बिन ही मुख सारंग राग सुन, बिन ही तंती तार। बिना सुर अलगोजे बजैं, नगर नांच घुमार।।
घण्टा बाजै ताल नग, मंजीरे डफ झांझ। मूरली मधुर सुहावनी, निसबासर और सांझ।।
बीन बिहंगम बाजहिं, तरक तम्बूरे तीर। राग खण्ड नहीं होत है, बंध्या रहत समीर।।
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अनादि काल से ही मानव परम शांति, सुख व अमृत्व की खोज में लगा हुआ है। वह अपने सामथ्र्य के अनुसार प्रयत्न करता आ रहा है लेकिन उसकी यह चाहत कभी पूर्ण नहीं हो पा रही है। ऐसा इसलिए है कि उसे इस चाहत को प्राप्त करने के मार्ग का पूर्ण ज्ञान नहीं है। सभी प्राणी चाहते हैं कि कोई कार्य न करना पड़े, खाने को स्वादिष्ट भोजन मिले, पहनने को सुन्दर वस्त्रा मिलें, रहने को आलीशान भवन हों, घूमने के लिए सुन्दर पार्क हों, मनोरंजन करने के लिए मधुर-2 संगीत हों, नांचे-गांए, खेलें-कूदें, मौज-मस्ती मनांए और कभी बीमार न हों, कभी बूढ़े न हों और कभी मृत्यु न होवे आदि-2, परंतु जिस संसार में हम रह रहे हैं यहां न तो ऐसा कहीं पर नजर आता है और न ही ऐसा संभव है। क्योंकि यह लोक नाशवान है, इस लोक की हर वस्तु भी नाशवान है और इस लोक का राजा ब्रह्म काल है जो एक लाख मानव सूक्ष्म शरीर खाता है। उसने सब प्राणियों को कर्म-भर्म व पाप-पुण्य रूपी जाल में उलझा कर तीन लोक के पिंजरे में कैद किए हुए है। कबीर साहेब कहते हैं कि:--
कबीर, तीन लोक पिंजरा भया, पाप पुण्य दो जाल। सभी जीव भोजन भये, एक खाने वाला काल।।
गरीब, एक पापी एक पुन्यी आया, एक है सूम दलेल रे।
बिना भजन कोई काम नहीं आवै, सब है जम की जेल रे।।
वह नहीं चाहता कि कोई प्राणी इस पिंजरे रूपी कैद से बाहर निकल जाए। वह यह भी नहीं चाहता कि जीव आत्मा को अपने निज घर सतलोक का पता चले। इसलिए वह अपनी त्रिगुणी माया से हर जीव को भ्रमित किए हुए है। फिर मानव को ये उपरोक्त चाहत कहां से उत्पन्न हुई है ? यहां ऐसा कुछ भी नहीं है। यहां हम सबने मरना है, सब दुःखी व अशांत हैं। जिस स्थिति को हम यहां प्राप्त करना चाहते हैं ऐसी स्थिति में हम अपने निज घर सतलोक में रहते थे। काल ब्रह्म के लोक में स्व इच्छा से आकर फंस गए और अपने निज घर का रास्ता भूल गए। कबीर साहेब कहते हैं कि --
इच्छा रूपी खेलन आया, तातैं सुख सागर नहीं पाया।
इस काल ब्रह्म के लोक में शांति व सुख का नामोनिशान भी नहीं है। त्रिगुणी माया से उत्पन्न काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, राग-द्वेष, हर्ष-शोक, लाभ-हानि, मान-बड़ाई रूपी अवगुण हर जीव को परेशान किए हुए हैं। यहां एक जीव दूसरे जीव को मार कर खा जाता है, शोषण करता है, ईज्जत लूट लेता है, धन लूट लेता है, शांति छीन लेता है। यहां पर चारों तरफ आग लगी है। यदि आप शांति से रहना चाहोगे तो दूसरे आपको नहीं रहने देंगे। आपके न चाहते हुए भी चोर चोरी कर ले जाता है, डाकू डाका डाल ले जाता है, दुर्घटना घट जाती है, किसान की फसल खराब हो जाती है, व्यापारी का व्यापार ठप्प हो जाता है, राजा का राज छीन लिया जाता है, स्वस्थ शरीर में बीमारी लग जाती है अर्थात् यहां पर कोई भी वस्तु सुरक्षित नहीं। राजाओं के राज, ईज्जतदार की ईज्जत, धनवान का धन, ताकतवर की ताकत और यहां तक की हम सभी के शरीर भी अचानक छीन लिए जाते हैं। माता-पिता के सामने जवान बेटा-बेटी मर जाते हैं, दूध पीते बच्चों को रोते-बिलखते छोड़ कर मात-पिता मर जाते हैं, जवान बहनें विधवा हो जाती हैं और पहाड़ से दुःखों को भोगने को मजबूर होते हैं। विचार करें कि क्या यह स्थान रहने के लायक है ? लेकिन हम मजबूरी वश यहां रह रहे हैं क्योंकि इस काल के पिंजरे से बाहर निकलने का कोई रास्ता नजर नहीं आता और हमें दूसरों को दुःखी करने की व दुःख सहने की आदत सी बन गई। यदि आप जी को इस लोक में होने वाले दुःखों से बचाव करना है तो यहां के प्रभु काल से परम शक्ति युक्त परमेश्वर (परम अक्षर ब्रह्म) की शरण लेनी पड़ेगी। जिस परमेश्वर का खौफ काल प्रभु को भी है। जिस के डर से यह उपरोक्त कष्ट उस जीव को नहीं दे सकता जो पूर्ण परमात्मा अर्थात् परम अक्षर ब्रह्म 1⁄4सत्य पुरूष1⁄2 की शरण पूर्ण सन्त के बताए मार्ग से ग्रहण करता है। वह जब तक संसार में भक्ति करता रहेगा, उसको उपरोक्त कष्ट आजीवन नहीं होते। जो व्यक्ति इस पुस्तक ‘‘ज्ञान गंगा’’ को पढ़ेगा उसको ज्ञान हो जाएगा कि हम अपने निज घर को भूल गए हैं। वह परम शांति व सुख यहां न होकर निज घर सतलोक में है जहां पर न जन्म है, न मृत्यु है, न बुढ़ापा, न दुःख, न कोई लड़ाई-झगड़ा है, न कोई बिमारी है, न पैसे का कोई लेन-देन है, न मनोरंजन के साधन खरीदना है। वहां पर सब परमात्मा द्वारा निःशुल्क व अखण्ड है। बन्दी छोड़ गरीबदास जी महाराज की वाणी में प्रमाण है कि:--
बिन ही मुख सारंग राग सुन, बिन ही तंती तार। बिना सुर अलगोजे बजैं, नगर नांच घुमार।।
घण्टा बाजै ताल नग, मंजीरे डफ झांझ। मूरली मधुर सुहावनी, निसबासर और सांझ।।
बीन बिहंगम बाजहिं, तरक तम्बूरे तीर। राग खण्ड नहीं होत है, बंध्या रहत समीर।।
तरक नहीं तोरा नहीं, नांही कशीस कबाब। अमृत प्याले मध पीवैं, ज्यों भाटी चवैं शराब।।
मतवाले मस्तानपुर, गली-2 गुलजार। संख शराबी फिरत हैं, चलो तास बजार।।
संख-संख पत्नी नाचैं, गावैं शब्द सुभान। चंद्र बदन सूरजमुखी, नांही मान गुमान।।
संख हिंडोले नूर नग, झूलैं संत हजूर। तख्त धनी के पास कर, ऐसा मुलक जहूर।।
नदी नाव नाले बगैं, छूटैं फुहारे सुन्न। भरे होद सरवर सदा, नहीं पाप नहीं पुण्य।।
ना कोई भिक्षुक दान दे, ना कोई हार व्यवहार। ना कोई जन्मे मरे, ऐसा देश हमार।।
जहां संखों लहर मेहर की उपजैं, कहर जहां नहीं कोई। दासगरीब अचल अविनाशी, सुख का सागर सोई।।
सतलोक में केवल एक रस परम शांति व सुख है। जब तक हम सतलोक में नहीं जाएंगे तब तक हम परमशांति, सुख व अमृत्व को प्राप्त नहीं कर सकते। सतलोक में जाना तभी संभव है जब हम पूर्ण संत से उपदेश लेकर पूर्ण परमात्मा की आजीवन भक्ति करते रहें। इस पुस्तक ‘‘ज्ञान गंगा’’ के माध्यम से जो हम संदेश देना चाहते हैं उसमें किसी देवी-देवता व धर्म की बुराई न करके सर्व पवित्रा धर्म ग्रंथों में छुपे गूढ रहस्य को उजागर करके यथार्थ भक्ति मार्ग बताना चाहा है जो कि वर्तमान के सर्व संत, महंत व आचार्य गुरु साहेबान शास्त्रों में छिपे गूढ रहस्य को समझ नहीं पाए। परम पूज्य कबीर साहेब अपनी वाणी में कहते हैं कि - ‘वेद कतेब झूठे ना भाई, झूठे हैं सो समझे नांही।
जिस कारण भक्त समाज को अपार हानि हो रही है। सब अपने अनुमान से व झूठे गुरुओं द्वारा बताई गई शास्त्रा विरूद्ध साधना करते हैं। जिससे न मानसिक शांति मिलती है और न ही शारीरिक सुख, न ही घर व कारोबार में लाभ होता है और न ही परमेश्वर का साक्षात्कार होता है और न ही मोक्ष प्राप्ति होती है। यह सब सुख कैसे मिले तथा यह जानने के लिए कि मैं कौन हूं, कहां से आया हूं, क्यों जन्म लेता हूं, क्यों मरता हूं और क्यों दुःख भोगता हूं ? आखिर यह सब कौन करवा रहा है और परमेश्वर कौन है, कैसा है, कहां है तथा कैसे मिलेगा और ब्रह्मा, विष्णु और शिव के माता-पिता कौन हैं और किस प्रकार से काल ब्रह्म की जेल से छुटकारा पाकर अपने निज घर (सतलोक) में वापिस जा सकते हैं। यह सब इस पुस्तक के माध्यम से दर्शाया गया है ताकि इसे पढ़कर आम भक्तात्मा का कल्याण संभव हो सके। यह पुस्तक सतगुरु रामपाल जी महाराज के प्रवचनों का संग्रह है जो कि सद्ग्रन्थों में लिखे तथ्यों पर आधारित है। हमें पूर्ण विश्वास है कि जो पाठकजन रूची व निष्पक्ष भाव से पढ़ कर अनुसरण करेगा। उसका कल्याण संभव है:-
”आत्म प्राण उद्धार ही, ऐसा धर्म नहीं और। कोटि अश्वमेघ यज्ञ, सकल समाना भौर।।“
जीव उद्धार परम पुण्य, ऐसा कर्म नहीं और। मरूस्थल के मृग ज्यों, सब मर गये दौर-दौर।।
भावार्थ:-- यदि एक आत्मा को सतभक्ति मार्ग पर लगाकर उसका आत्म कल्याण करवा दिया जाए तो करोड़ अवश्वमेघ यज्ञ का फल मिलता है और उसके बराबर कोई भी धर्म नहीं है। जीवात्मा के उद्धार के लिए किए गए कार्य अर्थात् सेवा से श्रेष्ठ कोई भी कार्य नहीं है। अपने पेट भरने के लिए तो पशु-पक्षी भी सारा दिन भ्रमते हैं। उसी तरह वह व्यक्ति है, जो परमार्थी कार्य नहीं करता, परमार्थी कर्म सर्वश्रेष्ठ सेवा जीव कल्याण के लिए किया कर्म है। जीव कल्याण का कार्य न करके सर्व मानव मरूस्थल के हिरण की तरह दौड़-2 कर मर जाते हैं। जिसे कुछ दूरी पर जल ही जल दिखाई देता है और वहां दौड़ कर जाने पर थल ही प्राप्त होता है। फिर कुछ दूरी पर थल का जल दिखाई देता है अन्त में उस हिरण की प्यास से ही मृत्यु हो जाती है। ठीक इसी प्रकार जो प्राणी इस काल लोक में जहां हम रह रहे है। वे उस हिरण के समान सुख की आशा करते हैं जैसे निःसन्तान सोचता है सन्तान होने पर सुखी हो जाऊँगा। सन्तान वालों से पूछें तो उनकी अनेकों समस्याऐं सुनने को मिलेंगी। निर्धन व्यक्ति सोचता है कि धन हो जाए तो में सुखी हो जाऊं। जब धनवानों की कुशल जानने के लिए प्रश्न करोगे तो ढेर सारी परेशानियाँ सुनने को मिलेंगी। कोई राज्य प्राप्ति से सुख मानता है, यह उसकी महाभूल है। राजा (मन्त्राी, मुख्यमन्त्राी, प्रधानमन्त्राी, राष्टंपति) को स्वपन में भी सुख नहीं होता। जैसे चार-पांच सदस्यों के परिवार का मुखिया अपने परिवार के प्रबन्ध में कितना परेशान रहता है। राजा तो एक क्षेत्र का मुखिया होता है। उसके प्रबन्ध में सुख स्वपन में भी नहीं होता। राजा लोग शराब पीकर कुछ गम भुलाते हैं। माया इकट्ठा करने के लिए जनता से कर लेते हैं फिर अगले जन्म���ं में जो राजा सत्यभक्ति नहीं करते, पशु योनियों को प्राप्त होकर प्रत्येक व्यक्ति से वसूले कर को उनके पशु बनकर लौटाते हैं। जो व्यक्ति मनमुखी होकर तथा झूठे गुरुओं से दिक्षित होकर भक्ति तथा धर्म करते हैं। वे सोचते हैं कि भविष्य में सुख होगा लेकिन इसके विपरित दुःख ही प्राप्त होता है। कबीर साहेब कहते हैं कि मेरा यह ज्ञान ऐसा है कि यदि ज्ञानी पुरुष होगा तो इसे सुनकर हृदय में बसा लेगा और यदि मूर्ख होगा तो उसकी समझ से बाहर है।
“कबीर, ज्ञानी हो तो हृदय लगाई, मूर्ख हो तो गम ना पाई“
अधिक जानकारी के लिए कृप्या प्रवेश करें इस पुस्तक ‘‘ज्ञान गंगा’’ में। इस पुस्तक को पढ़कर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ट अधिवक्ता श्री सुरेश चन्द्र ने कहा ‘‘इस पुस्तक का नाम तो ‘‘ज्ञान सागर’’ होना चाहिए।।
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शिवाजी महाराज : वाघनखं महाराष्ट्रातून इंग्लंडला कशी गेली? ती नेणारे ग्रँट डफ कोण होते?
https://bharatlive.news/?p=141521
शिवाजी महाराज : वाघनखं महाराष्ट्रातून इंग्लंडला कशी गेली? ती नेणारे ग्रँट ...
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बिन ही मुख सारंग राग सुन, बिन ही तंती तार। बिना सुर अलगोजे बजैं, नगर नांच घुमार।।
घण्टा बाजै ताल नग, मंजीरे डफ झांझ। मूरली मधुर सुहावनी, निसबासर और सांझ।।
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जहां संखों लहर मेहर की उपजैं, कहर जहां नहीं कोई।
दासगरीब अचल अविनाशी, सुख का सागर सोई।।
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कॉइनबेस एथेरियम स्केलेबिलिटी, मेटावर्स, डेफी, एनएफटी के भविष्य पर भविष्यवाणियां साझा करता है - विशेष रुप से बिटकॉइन समाचार
कॉइनबेस एथेरियम स्केलेबिलिटी, मेटावर्स, डेफी, एनएफटी के भविष्य पर भविष्यवाणियां साझा करता है – विशेष रुप से बिटकॉइन समाचार
कॉइनबेस के मुख्य उत्पाद अधिकारी ने 2022 के लिए एथेरियम की मापनीयता, मेटावर्स, विकेंद्रीकृत वित्त (डीएफआई), अपूरणीय टोकन (एनएफटी), और बहुत कुछ के बारे में कुछ भविष्यवाणियां साझा की हैं।
कॉइनबेस के कार्यकारी द्वारा 2022 की भविष्यवाणियां
कॉइनबेस के मुख्य उत्पाद अधिकारी, सुरोजीत चटर्जी, साझा पिछले सप्ताह 2022 में क्रिप्टोक्यूरेंसी उद्योग के बारे में 10 भविष्यवाणियां। भविष्यवाणियां क्रिप्टो विषयों की…
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आयपीएलची ब्रँड व्हॅल्यू 6 वर्षांत प्रथमच घसरली आहे, रिपोर्ट | आयपीएल: गेल्या सहा वर्षांत प्रथमच आयपीएलचे ब्रँड व्हॅल्यू, मुंबई इंडियन्स फ्रॅंचायझी ब्रँड रँकिंगमध्ये नुकसानानंतरही अव्वल
आयपीएलची ब्रँड व्हॅल्यू 6 वर्षांत प्रथमच घसरली आहे, रिपोर्ट | आयपीएल: गेल्या सहा वर्षांत प्रथमच आयपीएलचे ब्रँड व्हॅल्यू, मुंबई इंडियन्स फ्रॅंचायझी ब्रँड रँकिंगमध्ये नुकसानानंतरही अव्वल
डिजिटल डेस्क, नवी दिल्ली. गेल्या सहा वर्षांत प्रथमच इंडियन प्रीमियर लीग (आयपीएल) च्या ब्रँड व्हॅल्यूमध्ये घट झाली आहे. डफ Fण्ड फेल्प्सच्या अहवालात हे उघड झाले आहे. अहवालानुसार, 2020 मध्ये आयपीएलचे इकोसिस्टम मूल्य 3.6 टक्क्यांनी कमी झाले.
जागतिक महामारीमुळे सन २०२० हे वर्ष आर्थिकदृष्ट्या आव्हानात्मक होते. यामुळे, जगातील क्रीडा क्रियाकलाप ठप्प झाले. अनेक स्पर्धा तहकूब करावी लागल्या. आयपीएलवर या…
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How I Met Your Father: An overview of everything that's wrong with the spinoff
How I Met Your Father: An overview of everything that’s wrong with the spinoff
हाउ आई मेट योर फादर के पहले एपिसोड में लगभग पांच मिनट में, मेरी पहली हल्की हंसी थी। मेरे द्वारा देखे गए दो एपिसोड में शायद यही मेरे मनोरंजन का विस्तार था। मैं मानता हूँ, मैं मूल (हाउ आई मेट योर मदर) का बहुत बड़ा प्रशंसक नहीं था। मैं शुरू में अवधारणा के बारे में उत्साहित था लेकिन मुझे लगा कि यह शो दो लंबे समय तक चला और अंत बिल्कुल उपयुक्त नहीं था। अगर हाउ आई मेट योर फादर इसे ठीक करने का प्रयास कर…
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हिलेरी डफ अभिनीत हाउ आई मेट योर मदर ’की अगली कड़ी, हुलु पर स्ट्रीम होगी
हिलेरी डफ अभिनीत हाउ आई मेट योर मदर ’की अगली कड़ी, हुलु पर स्ट्रीम होगी
‘हाउ आई मेट योर फादर’ में हिलेरी डफ को सोफी के रूप में देखा जाएगा, एक माँ अपने युवा बेटे को बता रही है कि वह अपने पिता से कैसे मिली?
“हाउ आई मेट योर फादर”, एमी विजेता सिटकॉम की अगली कड़ी “हाउ आई मेट योर मदर” को हुलु में एक सीधी-सीरीज़ ऑर्डर दिया गया है।
नई श्रृंखला में हिलेरी डफ को सोफी के रूप में दिखाया जाएगा, एक माँ अपने युवा बेटे को बताती है कि वह अपने पिता से कैसे मिली।
इसहाक के शोकेस…
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जब हिलेरी डफ के बच्चे घर पर अपने तीसरे बच्चे को जन्म देने के लिए चले गए
जब हिलेरी डफ के बच्चे घर पर अपने तीसरे बच्चे को जन्म देने के लिए चले गए
अभिनेत्री हिलेरी डफ ने अपने हालिया घर के जन्म से कुछ और अंतरंग विवरण साझा किए, जिसमें बताया कि ‘डॉ। इलियट बर्लिन’ के एक एपिसोड में होस्ट डॉ। इलियट बर्लिनसूचित गर्भावस्था‘पॉडकास्ट कि उसका नौ साल का बेटा लुका उस समय चल बसा था, जब वह प्रसव पीड़ा में थी और बच्चे को बाहर निकाल रही थी।
33 वर्षीय ‘लिजी मैकगायर‘स्टार ने कहा कि जब वह घर पर अपने तीसरे बच्चे, बेटी माए बैर को जन्म दे रही थी, तो उसके साथ उसका…
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Hilary Duff opens up about ‘disgusting internet lie’ चित्र स्रोत: INSTAGRAM / @ HILARY DUFF हिलेरी डफ ने 'घृणित इंटरनेट झूठ' के बारे में खोला
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साम्ययोग : पसायदान ते जय जगत्
साम्ययोग : पसायदान ते जय जगत्
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लोकमान्यांनी संत साहित्याचे सखोल अध्ययन केले नव्हते तरी ते संतांच्या योगदानाचे महत्त्व जाणून होते
मराठय़ांचा इतिहास लिहिताना जेम्स ग्रँट डफ यांनी युद्धकेंद्री भूमिका घेतली. त्या मांडणीला उत्तर म्हणून न्यायमूर्ती रानडे यांनी ‘मराठी सत्तेचा उत्कर्ष’ हे पुस्तक लिहिले. त्याच वेळी इतिहासाचार्य राजवाडे यांनी समाजाच्या अवनतीसाठी संतांना जबाबदार धरले. त्यांना प्रत्युत्तर…
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डेफी लेंडिंग स्टार्टअप एवे ने वित्तीय संस्थानों को लुभाने के लिए अनुमति प्राप्त प्लेटफॉर्म लॉन्च किया - डेफी बिटकॉइन न्यूज
डेफी लेंडिंग स्टार्टअप एवे ने वित्तीय संस्थानों को लुभाने के लिए अनुमति प्राप्त प्लेटफॉर्म लॉन्च किया – डेफी बिटकॉइन न्यूज
5 जनवरी को, ओपन-सोर्स गैर-कस्टोडियल विकेन्द्रीकृत वित्त (डीएफआई) ऋण देने वाले प्लेटफॉर्म एवे ने संस्थानों के उद्देश्य से प्रोटोकॉल का एक अनुमत संस्करण लॉन्च किया। एव आर्क नाम का प्लेटफॉर्म पहले श्वेतसूची के रूप में फायरब्लॉक्स का लाभ उठाएगा क्योंकि प्लेटफॉर्म का उद्देश्य पारंपरिक वित्तीय संस्थानों को डीएफआई से पाटने में मदद करना है।
केवाईसी-सेंट्रिक डेफी लिक्विडिटी: एएवी ने वित्तीय संस्थानों के…
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आयपीएलची ब्रँड व्हॅल्यू 6 वर्षांत प्रथमच घसरली आहे, रिपोर्ट | आयपीएल: गेल्या सहा वर्षांत प्रथमच आयपीएलचे ब्रँड व्हॅल्यू, मुंबई इंडियन्स फ्रॅंचायझी ब्रँड रँकिंगमध्ये नुकसानानंतरही अव्वल
आयपीएलची ब्रँड व्हॅल्यू 6 वर्षांत प्रथमच घसरली आहे, रिपोर्ट | आयपीएल: गेल्या सहा वर्षांत प्रथमच आयपीएलचे ब्रँड व्हॅल्यू, मुंबई इंडियन्स फ्रॅंचायझी ब्रँड रँकिंगमध्ये नुकसानानंतरही अव्वल
डिजिटल डेस्क, नवी दिल्ली. गेल्या सहा वर्षांत प्रथमच इंडियन प्रीमियर लीग (आयपीएल) च्या ब्रँड व्हॅल्यूमध्ये घट झाली आहे. डफ Fण्ड फेल्प्सच्या अहवालात हे उघड झाले आहे. अहवालानुसार, 2020 मध्ये आयपीएलचे इकोसिस्टम मूल्य 3.6 टक्क्यांनी कमी झाले.
जागतिक महामारीमुळे सन २०२० हे वर्ष आर्थिकदृष्ट्या आव्हानात्मक होते. यामुळे, जगातील क्रीडा क्रियाकलाप ठप्प झाले. अनेक स्पर्धा तहकूब करावी लागल्या. आयपीएलवरही…
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