डीडी बनाम केएचटी ड्रीम 11 भविष्यवाणी: ढाका डोमिनेटर बनाम खुलना टाइगर्स ड्रीम 11 टीम, प्लेइंग 11, आज की बांग्लादेश प्रीमियर लीग के फैंटेसी क्रिकेट टिप्स
डीडी बनाम केएचटी ड्रीम 11 भविष्यवाणी: ढाका डोमिनेटर बनाम खुलना टाइगर्स ड्रीम 11 टीम, प्लेइंग 11, आज की बांग्लादेश प्रीमियर लीग के फैंटेसी क्रिकेट टिप्स
डीडी बनाम केएचटी ड्रीम 11 भविष्यवाणी: बांग्लादेश प्रीमियर लीग कल से शुरू हुई और दूसरे दिन इस टूर्नामेंट में दो और मैच खेले जाएंगे। दिन के पहले गेम में ढाका डोमिनेटर और खुलना टाइगर्स शामिल हैं। दोनों टीमों के लिए यह सीरीज का पहला मैच है।
आज के मैच के लिए डीडी बनाम केएचटी ड्रीम 11 टीम भविष्यवाणी
ढाका डोमिनेटर बनाम खुलना टाइगर्स, बांग्लादेश प्रीमियर लीग 2022 का मैच 03
07 जनवरी, दोपहर 01:30…
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उर्फी ने फिर बगावत कर दी, अपने शरीर को छोटी-छोटी घंटियों से ढक लिया
उर्फी ने फिर बगावत कर दी, अपने शरीर को छोटी-छोटी घंटियों से ढक लिया
उर्फी जावेद वीडियो: सोशल मीडिया सनसनी उर्फी जावेद अपने अजीबोगरीब ड्रेसिंग सेंस को लेकर सुर्खियों में हैं। इसी बीच उर्फी ने जैसे ही सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है। एक्ट्रेस ने हर बार की तरह इस बार भी ऐसे कपड़े पहने कि हर तरफ उनकी चर्चा होने लगी. उनका नया वीडियो हर तरफ चर्चा में है.
उर्फी जावेद ने शेयर किया नया वीडियो (Uorfi Javed Video)
दरअसल उर्फी जावेद ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट पर…
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*गुरुजी ने कहा कि मां के पल्लू पर निबन्ध लिखो..*
*तो लिखने वाले छात्र ने क्या खूब लिखा.....*
*"पूरा पढ़ियेगा आपके दिल को छू जाएगा"* 🥰
आदरणीय गुरुजी जी...
माँ के पल्लू का सिद्धाँत माँ को गरिमामयी
छवि प्रदान करने के लिए था.
इसके साथ ही ... यह गरम बर्तन को
चूल्हा से हटाते समय गरम बर्तन को
पकड़ने के काम भी आता था.
पल्लू की बात ही निराली थी.
पल्लू पर तो बहुत कुछ
लिखा जा सकता है.
पल्लू ... बच्चों का पसीना, आँसू पोंछने,
गंदे कान, मुँह की सफाई के लिए भी
इस्तेमाल किया जाता था.
माँ इसको अपना हाथ पोंछने के लिए
तौलिया के रूप में भी
इस्तेमाल कर लेती थी.
खाना खाने के बाद
पल्लू से मुँह साफ करने का
अपना ही आनंद होता था.
कभी आँख में दर्द होने पर ...
माँ अपने पल्लू को गोल बनाकर,
फूँक मारकर, गरम करके
आँख में लगा देतीं थी,
दर्द उसी समय गायब हो जाता था.
माँ की गोद में सोने वाले बच्चों के लिए
उसकी गोद गद्दा और उसका पल्लू
चादर का काम करता था.
जब भी कोई अंजान घर पर आता,
तो बच्चा उसको
माँ के पल्लू की ओट ले कर देखता था.
जब भी बच्चे को किसी बात पर
शर्म आती, वो पल्लू से अपना
मुँह ढक कर छुप जाता था.
जब बच्चों को बाहर जाना होता,
तब 'माँ का पल्लू'
एक मार्गदर्शक का काम करता था.
जब तक बच्चे ने हाथ में पल्लू
थाम रखा होता, तो सारी कायनात
उसकी मुट्ठी में होती थी.
जब मौसम ठंडा होता था ...
माँ उसको अपने चारों ओर लपेट कर
ठंड से बचाने की कोशिश करती.
और, जब बारिश होती तो,
माँ अपने पल्लू में ढाँक लेती.
पल्लू --> एप्रन का काम भी करता था.
माँ इसको हाथ तौलिया के रूप में भी
इस्तेमाल कर लेती थी.
पल्लू का उपयोग पेड़ों से गिरने वाले
मीठे जामुन और सुगंधित फूलों को
लाने के लिए किया जाता था.
पल्लू में धान, दान, प्रसाद भी
संकलित किया जाता था.
पल्लू घर में रखे समान से
धूल हटाने में भी बहुत सहायक होता था.
कभी कोई वस्तु खो जाए, तो
एकदम से पल्लू में गांठ लगाकर
निश्चिंत हो जाना , कि
जल्द मिल जाएगी.
पल्लू में गाँठ लगा कर माँ
एक चलता फिरता बैंक या
तिजोरी रखती थी, और अगर
सब कुछ ठीक रहा, तो कभी-कभी
उस बैंक से कुछ पैसे भी मिल जाते थे.
*मुझे नहीं लगता, कि विज्ञान पल्लू का विकल्प ढूँढ पाया है !*
*मां का पल्लू कुछ और नहीं, बल्कि एक जादुई एहसास है !*
स्नेह और संबंध रखने वाले अपनी माँ के इस प्यार और स्नेह को हमेशा महसूस करते हैं, जो कि आज की पीढ़ियों की समझ में आता है कि नहीं........
*अब जीन्स पहनने वाली माएं, पल्लू कहाँ से लाएंगी*
*पता नहीं......!!
सादर साभार 🙏
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तुम!
तुम चाँद को आईना दिखाओ एतराज़ करूँ ये कहाँ जुर्रत मेरी
जानता हूँ किसी को नीचा दिखाना है कहाँ कोई फ़ितरत तेरी।
तुम्हें चाँदनी में नहाता देखकर चाँद खुद पे इतराये जा रहा था
वो तो खुद की ही ख़ूबसूरती के नये क़िस्से सुनाए जा रहा था।
तुम्हारी ख़ूबसूरती चाँदनी में जिसने देखी वो ठगा सा रह गया
संग-ए-मरमर सा शफ़्फ़ाफ़ बदन देख वो अपनी रौ में बह गया।
होश खो बैठा दीवाना तुम्हारा बेदाग़ नूरानी सा चेहरा देखकर
खुद को रोक न पाया उलाहना देते चाँद को दाग़दार कह गया।
ऐ चाँद तुम पे तो दाग हैं कमसिन की सूरत है बड़ी बे-लौस सी
उसकी ख़ूबसूरती के आगे ऐ चाँद तुम्हारी हैसियत कुछ भी नहीं।
छींटाकशी नागवार गुजरी उसने खुद को बादलों से ढक लिया
दूसरों बातों से ख़फा चाँद ने इल्ज़ाम बेवजह तुम पर मढ़ दिया।
तुम हरगिज़ दिल पर मत लगाना चाँद का बेवजह तुमसे रूठना
दीवाने की इन हरकतों में तुम्हारी ख़ूबसूरती का क्या क़सूर था।
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मेरा एक घर था
तुम्हारे अन्दर
तुम्हारा एक घर था
मेरे अन्दर
समय बीता
खून-पसीने-मूत्र
के बहाव में जंगज़दा
ईंटों ने ढ़हना शुरू कर दिया
हम व्याकुल होकर हाथ मारते रहे
मलबे में
खोजते ठौर, कुछ रातें गुजारने को
खम्भे, टिकाने को अपने
शोर भरे सर और उम्मीदें
एक उल्कापिंड हमारे अस्त-व्यस्त ग्रह से
टकराने वाला है
कुछ दशकों में
हम चाहते हैं उससे पहले
मुहब्बत के आशियानों में
जी भर नींद ले लें
अंगड़ाई लेने में भी बर्बाद न हो समय
समय और मृत्यु
अपनी पटरियों पर
भड़भड़ाते हुए आ रहें हैं शायद
पर उससे बहुत पहले
हमारे घरों का गलना
हमारे प्रेम का अपघटन
भुला देगा
कि था इस
दलदल में कोई महल
पहाड़ की कोख में एक गुफा
इतिहास में कहीं इंसान
पहाड़ का मर्म
भू-स्खलन के धीमे, क्रूर बहाव
में बाहर आता है
उल्कापिंड टकराता है ढ़लान से
कई किलोमीटर तक विश्व ढक जाता है
नमी में
पुराने पहाड़ गिरेंगे
नए पहाड़ उठेंगे
तुम नहीं रोक सकते
बहना
तुम्हारे स्पर्श से
जहर फैला
तुम्हारे कुरेदने से हुए
नासूर
विखंडन की प्रलयंकारी शक्ति
का स्रोत तुम थे
ढहती इमारतों की नींव से दरकती मिटटी
तुम्हारी थी
चित्रगुप्त ने पूछा तुमसे
तुम्हारी ग़लतियों के बारे में
तुमने बवंडर की तरह सर हिलाया
और कहा
“नहीं, नहीं, नहीं!”
रेडक्लिफ रेख खेंच दी गयी एक बार फिर
एक कलाई पर
धरती की कोख से उफ़नकर लावा रेंगा
सब ओर
जलते माँस को देखकर
हमें प्यार करने वाले भर गए घिन्न से
विभाजन गोदा प्यार के सर में हमने मिलकर
थक्कों के कीचड़ से लथपथ
घर-बाज़ार, माल-असबाब,
ताले-चाबियाँ;
जीवन के पुलिंदे
मृत्यु सिर्फ़ तुम्हारे हिस्से ही क्यों आई?
स्वप्नों में गुदे फंतांसी परिदृश्य
के समक्ष ये गुफाएँ,
जैसे कोकेन के समक्ष
ख़ुशी
स्टेलेक्टाइट के खम्भों के विन्यास को हमने समझ लिया
किसी प्रासाद का खंडहर
झींगुर के हाथ मलने की आवाज़ों को
मान लिया रात की लटों में उमड़ता
नाद
आंख-नाक-कान के रस्ते आये उद्दीपनों
को मनमाने तरीकों से जमा कर
ढूंढ लिया अपना अपना सत्य
विचारों से प्रेम किया
और बना लिए हाड़-मांस के पुतले उनके चारों ओर
यहाँ नीरव अन्धकार के कम्बल में ढके हम
और कर भी क्या सकते थे
बोरियत के मारे
हम जानते थे कि कोई रास्ता
नहीं था
तो हमने नाखूनों से
हमारे पैरों तले की जमीन खुरच ली
हमने खोदीं अपनी ही कब्रें
ताकि कोई और न कर पाता हमें
नेस्तनाबूद
या कि हम नहीं जानते थे
कि क्या होता है
प्रेम
क्या होता है जीवित रहना
मृतकों की प्रतिमाओं से भरी इस दुनिया में
क्या होता है होना
न होने के बीहड़ों में
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गाजा की सामूहिक क़ब्रों में पीड़ितों के हाथ बंधे हुए मिले: यूएन मानवाधिकार कार्यालय Victims found in Gaza mass graves with hands tied: UN human rights office
गाजा की सामूहिक क़ब्रों में पीड़ितों के हाथ बंधे हुए मिले: यूएन मानवाधिकार कार्यालयबीते सप्ताह के आखिर में मध्य गाजा के ख़ान यूनिस के नासेर अस्पताल और उत्तरी इलाक़े में स्थित ग़ाज़ा सिटी के अल-शिफ़ा अस्पताल के मैदानों में सैकड़ों शव बरामद किए गए, जिन्हें ज़मीन में दबाए जाने के बाद उन स्थानों को कूड़े-कचरे से ढक दिया गया था.
अल-शिफा अस्पताल के बाहर इकट्ठा हुए लोग. फोटो साभार: WHO
नई दिल्ली:…
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APNE DUSHMAN SE BACHNE KI DUA
Apne Dushman Se Bachne Ki Dua, “दोस्तो आपने एक कहावत तो जरूर सुनी होगी। दोस्ती जब किसी से की जाए, तब दुश्मन की भी राय जरूर ली जाए। आज कल लोग अपने दुखो से परेशान नहीं हैं। बाल्की अपनों को सुखी देखकर ज्यादा परेशान है। आपका दुश्मन एक हो या सौ। आपकी हस्ती खेलती जिंदगी को बर्बाद करने के लिए 1 ही दुश्मन काफी है। अब आपको परेशान होने की जरुरत नहीं है। क्योकि पवित्र कुरान में Apne Dushman Se Bachne Ki Dua दी हुई है। जिसे पढ़कर आप आसानी से दुश्मन से बच सकते है।
अक्सर देखा जाता है, जब दुश्मन की तलाश की जाती है, तो सबसे करीब अपना ही निकलता है। आज का समय में कोई किसी को देखकर खुश नहीं है। अगर आपके पास अच्छा पैसा है, खुद का बड़ा घर है, अच्छा करोबार चल रहा है, तो आपके रिश्तेदार ही आपको देख-देख कर जलते रहते हैं। लेकिन वो आपके मुँह पर कुछ नहीं बोल पाते हैं।
दुश्मन अपनी जलन मिटाने के लिए वो आपके ऊपर काला इल्म, काला जादू, तावीज़ात और जिन्न जिन्नात छोड़ देता हैं। ताकि आप जल्दी से बर्बाद हो जाओ और सड़क पर भीख मांगने लग जाओ।
लेकिन आप पैसे के नशे में चूर रहते हैं। आपको कुछ पता ही नहीं चलता है, की आपके कितने दुश्मन बन गए हैं। जब आपको पता चलता है, तो बहुत देर हो चुकी होती है। देखते ही देखते आपकी आंख के सामने आपके सपनों का महल ढ़हकर गिर जाता है। ऐसे हालात आने से पहले ही आप Apne Dushman Se Bachne Ki Dua पढ़ सकते हैं। और अपने ऊपर आने वाली परेशानी से निजात पा सकते हैं।
Apne Dushman Se Bachne Ki Dua
आज कल पता ही नहीं चलता, कि कब और कौन आस्तीन का सांप बन जाए। क्या आपका दुश्मन आपको ब्लैक मेल करता है? क्या रोज़ आपके घर आकर आपको परेशान करता है? आपको मोहल्ले वाले के सामने बेइज्जती करता है। अपने-अपने दुश्मन से बचने के लिए घर बैठे कर ही अल्लाह से दुआ कर रहे हैं, तो दोस्तो इससे काम नहीं चलने वाला है।
कहते हैं, कि जिस तरह से प्यार किया नहीं जाता प्यार हो जाता है। वैसे ही दुश्मन की नहीं जाती, बल्कि दुश्मन गलतफहमियों की वजह से हो जाती है। अक्सर देखा जाता है, कि कल तक जो दोस्त एक दूसरे के लिए जान न्योछावर करता था। लेकिन अचानक ऐसा क्या हो जाता है, की वो एक दूसरे के कट्टर दुश्मन बन जाते है।
अक्सर भोले भले ही लोग हाय दुश्मन के जाल में आसानी से फंस जाते हैं। लेकिन दुश्मन के बिछाये जाल से बाहर भी कुरान पाक की मदद से निकला जा सकता है। आज मैं आपको Apne Dushman Se Bachne Ki Dua ऐसी तैयारी करवाऊंगा। जिसे एक बार भी कर लिया जाए तो दुश्मन आपके पास भी नहीं आएगा।
इस दुआ को लगातार 3 दिन तक पढ़ना है, 3 दिन के बीच कोई गैप नहीं होना चाहिए।
आपको दोपहर के ठीक 1 बजे कमरे में जाना है, कमरे के सभी खिडकिया दरवाज़े बंद कर देने है।
पूर्व दिशा की ओर मुंह करके जमीन पर बैठ जाना है।
सबसे पहले अपने दुश्मन का फोटो अपने सामने ज़मीन पर रखना है, और उस फोटो के ऊपर 7 नीम के पत्ते रखने है।
और आखिर में आपको इस मंत्र को 301 बार पढ़ना है- या जब्बारु या क़हहारु या मुन्तक़ीमु या क़वियु
दोस्तों इस दुआ को आप तब ही पढ़े, जब आपका दुश्मन आपको हद से ज्यादा परेशान कर रहा हो। दुआ को पढ़ने से आपकी दुश्मन से जान छूट जायेगी। और आपका दुश्मन आपको जिंदगी में कभी परेशान नहीं करेगा।
Dushman Se Nijat Pane Ka Amal
हर कोई चाहता है, कि वो चैन और सुकून की जिंदगी जिए। उसके परिवार में खुशियां बनी रहीं। चारो तरह हंसी खुशी का माहौल बना रहे। लेकिन आपका दुश्मन ये सब नहीं चाहता है। वो अपनी आँखों से आपको बर्बाद होते हुए देखना चाहते हैं।
इसके लिए वो किसी तांत्रिक, मोलवी, बाबा की मदद से आपको बर्बाद करने की सोचते है। और होता भी ठीक ऐसा ही है। थोड़े से पैसे के लालच में मोलवी या तांत्रिक आपके ऊपर बंदिश लगा देते हैं। जिसकी वजह से आपका कारोबार थप हो जाता है, आपका शरीर कई तरह की बिमारियों से ढक जाता है। घर में दिन रात कलेश और झगड़ा होने लगता है।
कुछ लोग खुद ही अपने Dushman Se Nijat Pane Ka Amal इंटरनेट या किताब से देखकर करने लगते हैं। लेकिन इसका थोड़ा सा भी असर दुश्मन पर देखने को नहीं मिल पाता है। लेकिन आज इस ताक़तवर अमल के जरिए आपको दुश्मन से छुटकारा मिल जायेगा।
आप भी खुद को दुश्मन से बचाने के लिए अल्लाह से दुआ करते हैं। लेकिन दुआ का असर कई दिनों के बाद दिखाई देता है। अगर आप अपने दुश्मन से जल्दी रिहाई पाना चाहते हैं तो आपको Dushman Se Nijat Pane Ka Amal जरूर करना चाहिए। क्योंकि इसका असर कुछ ही घंटों में होना शुरू हो जाता है।
ये अमल ���हुत ही आसान है। और आपको सिर्फ एक ही दिन करना है।
इसमे आपको सिर्फ बायां हाथ अपने सर पर रखकर 41 बार इस मंत्र को पढ़े।
मंत्र– या हफीजू या हफीजू या रकीबो या वाकेलो
मंत्र खत्म करने के बाद अपने दोनों हाथों को गुलाब जल से धो लेने है।
अमल की बरकत से अल्लाह तल्लाह जादू, जिन्नात, असरात और बंदिशों से आपकी हिफाजत फरमायेगे। और दुश्मन फिर से आपके ऊपर कोई जादू टोना या कोई इल्म करेगा, तो वो इल्म उसके ऊपर उल्टा ही गिर जाएगा। आपके दुश्मन को अपने किये की सजा मिल जायेगी।
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बाल प्रत्यारोपण सर्जरी प्रक्रिया और सावधानियां
हर कोई आकर्षक रूप, फिट शरीर और घने बाल चाहता है। लेकिन, प्रदूषण और तनाव के कारण कई लोगों में बाल झड़ने की गंभीर स्थिति पैदा हो जाती है। 60% से अधिक पुरुष और 10% महिलाएँ बाल झड़ने से पीड़ित हैं। गंजापन अधिकांश लोगों के लिए प्रमुख चिंता का विषय बन गया है और इस्का सबसे अच्छा उपचार है हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी करवाना।
हेयर ट्रांसप्लांट क्या है?
हेयर ट्रांसप्लांट आज की तारीख में सबसे अधिक किया जाने वाली कॉस्मेटिक सर्जिकल प्रक्रिया है। हेयर ट्रांसप्लांट एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें शरीर के किसी भी हिस्से से बाल के रोम को हटाकर उन्हें बाल रहित हिस्से में लगाया जाता है। यह बालों के घनत्व को बहाल करने और प्रभावित क्षेत्र में बालों के विकास में सुधार करने के लिए किया जाता है।
बाल प्रत्यारोपण कौन करा सकता है?
हेयर ट्रांसप्लांट प्रक्रिया पुरानी या वंशानुगत गंजेपन से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद है। वंशानुगत गंजापन परिवार में चलने वाले आनुवंशिक दोष के कारण होता है और आमतौर पर इसका इलाज संभव नहीं होता है। इस्की प्रक्रिया की सलाह उन लोगों को भी दी जाती है जिनके बाल किसी चोट, निशान या जलने के कारण झड़ जाते हैं। ऐसे लोगों के लिए उन जगहों पर बाल वापस लाने के लिए हेयर ट्रांसप्लांट की सलाह दी जाती है जहां बाल उगना बंद हो गए हों।
प्रक्रिया
सबसे पहले, सर्जन आपकी खोपड़ी को साफ करता है और आपके सिर के पिछले हिस्से को सुन्न करने के लिए दवा इंजेक्ट करता है।
आपका डॉक्टर बाल प्रत्यारोपण के लिए दो तरीकों में से एक का चयन करेगा:
● फॉलिक्यूलर यूनिट स्ट्रिप सर्जरी (FUSS)
● कूपिक इकाई निष्कर्षण (FUE)
FUSS में सर्जन आपके सिर के पीछे से त्वचा की 6 से 10 इंच की पट्टी हटा देता है। वह इसे एक तरफ रख देता है और खोपड़ी को सिलकर बंद कर देता है। सबसे पहले, वह क्षेत्र जहां से बाल हटाए जाएंगे, आसपास के बालों से छिपा होता है। फिर, सर्जिकल टीम खोपड़ी की पट्टी को छोटे टुकड़ों में काटती है, जिनमें से प्रत्येक में लगभग 500 से 2,000 छोटे बाल होते हैं, प्रत्येक में एक बाल या कुछ बाल होते हैं। आपको आपके बालों के प्रकार, गुणवत्ता, रंग और प्रत्यारोपण क्षेत्र के आकार जैसे करानो के आधार पर ग्राफ्ट प्राप्त होंगे।
यदि आप FUE प्रक्रिया करवा रहे हैं, तो सर्जन की टीम आपके सिर के पिछले हिस्से को शेव कर देगी। फिर, डॉक्टर वहां से बालों के रोमों को एक-एक करके हटा देंगे। उपचार के बाद, छोटे बिंदु बनेंगे, जो आपके मौजूदा बालों से ढक जाएंगे। इसके बाद, दोनों प्रक्रियाएं समान हैं। ग्राफ्ट तैयार करने के बाद, सर्जन उस क्षेत्र को साफ और सुन्न कर देता है जहां बाल रक्खे जाएंगे, एक स्केलपेल या सुई के साथ छेद या स्लिट बनाता है, और प्रत्येक ग्राफ्ट को छेद में नाजुक ढंग से रखता है।
प्रक्रिया की अवधि प्रत्यारोपण के आकार के आधार पर भिन्न होती है, आमतौर पर 4 से 8 घंटे तक चलती है। यदि आप और अधिक बाल झड़ने का अनुभव करते हैं या घने बाल चाहते हैं, तो आपको भविष्य में अतिरिक्त प्रक्रियाओं की आवश्यकता हो सकती है।
बाल प्रत्यारोपण लागत
हेयर ट्रांसप्लांट की लागत सिटिंग की संख्या और आपके द्वारा चुनी गई ट्रांसप्लांट प्रक्रिया के आधार पर भिन्न होती है। यह चुने गए कमरे, आपकी वर्तमान स्थिति, आपके स्वास्थ्य की स्थिति के आधार पर डॉक्टर द्वारा अनुशंसित प्रक्रिया, बीमा कवरेज आदि जैसे कारणो पर भी निर्भर करता है। अधिक जानकारी के लिए केवा हेयर केयर पर आएं
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Jamshedpur school timing- जमशेदपुर के कई स्कूलों का बदला समय, अभिभावकों से भी एहतियात बरतने की अपील
जमशेदपुर : जमशेदपुर अप्रैल के पहले सप्ताह में ही गर्मी ने अपना विकराल रूप ले लिया है. जहां सुबह से ही गर्म हवा के अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया हैं. वही मौसम विभाग की माने तो आने वाले चार दिनों तक गर्म हवा चलेंगी और इसे लेकर येलो अलर्ट भी जारी किया गया है. गर्मी का सितम इतना है कि लोग अपने मुंह को ढक कर निकल रहे है, साथ ही काफी संख्या में फलों और जुश का सेवन कर रहे है, ताकि इस भीषण गर्मी से लोगों…
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#GodMorningWednesday
यीशु परमेश्वर द्वारा भेजे गए दूत थे
यीशु को ईश्वर द्वारा पूर्ण परमेश्वर का संदेश देने के लिए भेजा गया था। यह ईश्वर का पुत्र या दूत था।
मैथ्यू 17:5--जब वह बोल रहा था तब एक प्रकाशमान बादल ने उन्हें ढक लिया और वहीं रूका रहा।बादल में से एक आवाज ने कहा यह मेरा प्रिय पुत्र है जिससे मैं प्रसन्न हूं, उसकी बात सुनो।
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डेटिंग ऐप पर प्यार, कार में सेक्स और फिर... दहला देगी सेक्सटॉर्शन की यह कहानी
नई दिल्ली: एक बढ़िया नौकरी, दिल्ली में घर और सुंदर पत्नी... 29 साल के नितेश (बदला हुआ नाम) की जिंदगी में सबकुछ ठीक चल रहा था। सुबह ऑफिस और शाम को परिवार का साथ। लेकिन, इसी बीच नितेश के मन में कुछ अरमान जागे। एक समलैंगिक रिलेशनशिप की तलाश में उसने एक डेटिंग ऐप डाउनलोड किया। यहां उसे 'रियली रिलेशनशिप' नाम का एक प्रोफाइल मिला और दोनों के बीच बातें होने लगीं। कुछ ही दिनों में ये बातचीत अंतरंग हो गई और दोनों खुलकर एक-दूसरे से अपनी ख्वाहिशें शेयर करने लगे। नितेश खुश था। अपनी जिंदगी में जिस चीज की कमी वो महसूस करता था, उसे वो मिल गई थी।सेक्सटिंग के बाद अब दोनों के बीच मुलाकात की हसरत जागी। 29 मार्च को रात 9 बजे नितेश को मिलने के लिए निर्माण विहार मेट्रो स्टेशन बुलाया गया। नितेश तय वक्त पर पहुंच गया। कुछ ही देर में लाल रंग की एक चमचमाती हुई गाड़ी उसके पास आकर रुकी और नितेश उसमें बैठ गया। गाड़ी के अंदर उसका वही प्यार था, जिससे अभी तक वो केवल मैसेज पर बात करता था। नितेश को बिल्कुल अंदाजा नहीं था, कि उसके साथ क्या होने वाला है। दोनों पहले लॉन्ग एक लॉन्ग ड्राइव पर निकले और इसके बाद गाड़ी एक अंधेरी और सुनसान गली में आकर रुक गई। नितेश के इस 'रियली रिलेशनशिप' वाले साथी ने गाड़ी के शीशों को ढक दिया।
गाड़ी की खिड़की खोली और बनाने लगे वीडियो
उस सुनसान गली में गाड़ी के अंदर दोनों संबंध बना ही रहे थे कि तभी वहां चार लोग पहुंचे और खिड़की खोलकर वीडिया बनाने लगे। नितेश कुछ समझ पाता, इससे पहले ही उसकी सारी हरकतें मोबाइल के कैमरे में कैद हो गईं। उसका फोन छीन लिया गया और वीडियो वायरल करने की धमकी देकर 20 हजार रुपए मांगे गए। दरअसल, नितेश एक ऐसे गैंग का शिकार बन चुका था, जो के जरिए लोगों को लूटता था। इस गैंग में वो लड़का भी शामिल था, जिसे नितेश अपना प्यार समझ रहा था। कई दिनों तक उसके साथ ब्लैंकमेलिंग होत��� रही। और आखिरकार, तंग आकर नितेश पुलिस के पास पहुंचा। इसके बाद सामने आई वो कहानी, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।
ऐसे शिकंजे में आया सेक्सटॉर्शन करने वाला ये गैंग
गे डेटिंग के नाम पर ये गैंग ईस्ट दिल्ली के शकरपुर से चल रहा था। नितेश ने पुलिस को अपनी पूरी आपबीती बताई। उसका मोबाइल भी इस गैंग के पास था। गैंग के लोग उसके मोबाइल से नितेश की पत्नी को फोन कर रुपयों की डिमांड करते। वो धमकी देते थे कि अगर रुपए नहीं दिए गए, तो नितेश के वीडियो को उनके रिश्तेदारों के बीच वायरल कर दिया जाएगा। नितेश की शिकायत के बाद पुलिस ने एक टीम बनाई। टीम ने उस इलाके के सीसीटीवी खंगाले, जहां वो कार रोकी गई थी। कुछ देर की मशक्कत के बाद पुलिस को एक सीसीटीवी में उस कार का नंबर दिख गया। इसके बाद पुलिस को गैंग तक पहुंचने में देर नहीं लगी और 5 लोगों को धर दबोचा गया।
50 से ज्यादा लोगों को शिकार बना चुका है गैंग
पुलिस ने सेक्सटॉर्शन करने वाले इस गैंग के मास्टरमाइंड हिमांशु गुप्ता, गौरव कश्यप उर्फ लालू, शादाब अंजुम उर्फ राहुल, दीपांशु कुमार उर्फ चिंटू और शिशांत कुमार को गिरफ्तार किया है। रियली रिलेशनशिप के नाम पर शादाब ही राहुल बनकर नितेश से मिला था। पुलिस का कहना है कि ये गैंग अभी तक 50 से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बना चुका है। पुलिस को इनके कब्जे से जो मोबाइल मिले, उनमें कुछ और लोगों के भी इस तरह के वीडियो और फोटो मिले हैं। पुलिस पूछताछ में इन पांचों ने बताया कि वो डेटिंग ऐप पर आकर्षक प्रोफाइल बनाकर लोगों को अपना निशाना बनाते थे। इनके शिकार सबसे ज्यादा वो लोग होते थे, जो शादीशुदा हैं और इसके बाद भी डेटिंग ऐप पर हैं। http://dlvr.it/T4xTbV
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घर से निकले अगर हम बहक जाएँगे
घर से निकले अगर हम बहक जाएँगे
वो गुलाबी कटोरे छलक जाएँगे,
हमने अल्फ़ाज़ को आइना कर दिया
छपने वाले ग़ज़ल में चमक जाएँगे,
दुश्मनी का सफ़र एक क़दम दो क़दम
तुम भी थक जाओगे हम भी थक जाएँगे,
रफ़्ता रफ़्ता हर एक ज़ख़्म भर जाएगा
सब निशानात फूलों से ढक जाएँगे,
नाम पानी पे लिखने से क्या फ़ाएदा
लिखते लिखते तेरे हाथ थक जाएँगे,
ये परिंदे भी खेतों के मज़दूर हैं
लौट के अपने घर शाम तक जाएँगे,
दिन में परियों की…
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*गुरुजी ने कहा कि मां के पल्लू पर निबन्ध लिखो..*🙏🏻
*तो लिखने वाले छात्र ने क्या खूब लिखा.....*
*"पूरा पढ़ियेगा आपके दिल को छू जाएगा"* 🥰
आदरणीय गुरुजी जी...
माँ के पल्लू का सिद्धाँत माँ को गरिमामयी
छवि प्रदान करने के लिए था.
इसके साथ ही ... यह गरम बर्तन को
चूल्हा से हटाते समय गरम बर्तन को
पकड़ने के काम भी आता था.
पल्लू की बात ही निराली ��ी.
पल्लू पर तो बहुत कुछ
लिखा जा सकता है.
पल्लू ... बच्चों का पसीना, आँसू पोंछने,
गंदे कान, मुँह की सफाई के लिए भी
इस्तेमाल किया जाता था.
माँ इसको अपना हाथ पोंछने के लिए
तौलिया के रूप में भी
इस्तेमाल कर लेती थी.
खाना खाने के बाद
पल्लू से मुँह साफ करने का
अपना ही आनंद होता था.
कभी आँख में दर्द होने पर ...
माँ अपने पल्लू को गोल बनाकर,
फूँक मारकर, गरम करके
आँख में लगा देतीं थी,
दर्द उसी समय गायब हो जाता था.
माँ की गोद में सोने वाले बच्चों के लिए
उसकी गोद गद्दा और उसका पल्लू
चादर का काम करता था.
जब भी कोई अंजान घर पर आता,
तो बच्चा उसको
माँ के पल्लू की ओट ले कर देखता था.
जब भी बच्चे को किसी बात पर
शर्म आती, वो पल्लू से अपना
मुँह ढक कर छुप जाता था.
जब बच्चों को बाहर जाना होता,
तब 'माँ का पल्लू'
एक मार्गदर्शक का काम करता था.
जब तक बच्चे ने हाथ में पल्लू
थाम रखा होता, तो सारी कायनात
उसकी मुट्ठी में होती थी.
जब मौसम ठंडा होता था ...
माँ उसको अपने चारों ओर लपेट कर
ठंड से बचाने की कोशिश करती.
और, जब बारिश होती तो,
माँ अपने पल्लू में ढाँक लेती.
पल्लू --> एप्रन का काम भी करता था.
माँ इसको हाथ तौलिया के रूप में भी
इस्तेमाल कर लेती थी.
पल्लू का उपयोग पेड़ों से गिरने वाले
मीठे जामुन और सुगंधित फूलों को
लाने के लिए किया जाता था.
पल्लू में धान, दान, प्रसाद भी
संकलित किया जाता था.
पल्लू घर में रखे समान से
धूल हटाने में भी बहुत सहायक होता था.
कभी कोई वस्तु खो जाए, तो
एकदम से पल्लू में गांठ लगाकर
निश्चिंत हो जाना , कि
जल्द मिल जाएगी.
पल्लू में गाँठ लगा कर माँ
एक चलता फिरता बैंक या
तिजोरी रखती थी, और अगर
सब कुछ ठीक रहा, तो कभी-कभी
उस बैंक से कुछ पैसे भी मिल जाते थे.
*मुझे नहीं लगता, कि विज्ञान पल्लू का विकल्प ढूँढ पाया है !*
*मां का पल्लू कुछ और नहीं, बल्कि एक जादुई एहसास है !*
स्नेह और संबंध रखने वाले अपनी माँ के इस प्यार और स्नेह को हमेशा महसूस करते हैं, जो कि आज की पीढ़ियों की समझ में आता है कि नहीं........
*अब जीन्स पहनने वाली माएं, पल्लू कहाँ से लाएंगी*
*पता नहीं......!!*
*सभी माताओं को नमन*
🙏🏻🌹🙏🏻
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फोटो से शत्रु नाश होगा निश्चित enemy destroyed by photo ph. 85280 57364फोटो से शत्रु नाश होगा निश्चित enemy destroyed by photo
फोटो से शत्रु नाश होगा निश्चित enemy destroyed by photo ph. 85280 57364फोटो से शत्रु नाश होगा निश्चित enemy destroyed by photo
फोटो से शत्रु नाश होगा निश्चित इस मंत्र से शत्रु का नाश पक्का होगा और वो पागल हो जाएगा फिर आपको कभी परेशान नहीं करेगा यह प्रयोग प्राचीन है
प्रतिमा मारण मन्त्र खंग मारै कालिका । भुजंग मारै भैरव। झपट के मारै दुर्गा। कहे अलमस्त । वो ही पस्त । जो मुझको सतायेगा ।
श्मशान में जाकर किसी शनिवार की रात्रि को कोई जलती हुई चिता देखकर समस्त वस्त्र उतार कर उसके समक्ष बैठ जाएं और इस मन्त्र का जप करें। सूर्योदय से पहले उस चिता को प्रणाम करें और उसका कोयला तथा राख लेकर आ जाएं। अपने शत्रु के पाँव तले की धूल लेकर उसमें राख मिलाकर पीली मिट्टी की शत्रु की प्रतिमा बनाएं। इसको कोयले के ढेर पर रखकर श्मशान वाला कोयला इसके हृदय पर रख दें और पुनः कोयलों से ढक कर उसे सुलगा दें; साथ-ही-साथ ऊपर बताए गये मन्त्र का जप करते रहें। जैसे-जैसे प्रतिमा ताप पायेगी, वैसे-वैसे शत्रु ताप से पीड़ित होकर तड़पेगा। जैसे ही पूर्ण ताप पाकर प्रतिमा चटकेगी, शत्रु भी मृत्यु को प्राप्त हो जायेगा |पर उक्त मन्त्र का १०८ बार जप करें। खैर या आक की लकड़ी जलाकर इस वस्त्रको आग में तपायें। कपड़ा जलने न पाये। शत्रु पागल हो जायेगा। अच्छा करने के
लिए गधे के मूत्र से उस कपड़े को धोकर सुखा दें।
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नींबू प्रजाति के फलों की खेती
Nimbu Prajati Ke Falon Ki Kheti
बीज का चयन:
उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का चयन करें। बीजों को स्थानीय कृषि विभाग या पौधशाला से प्राप्त करें।
रोपने का समय:
नींबू की खेती का सही समय गर्मियों में होता है। इसे मार्च-अप्रैल के बीच बोए जा सकता है।
बीजों का पूर्व-बोना:
बोने जाने वाले बीजों को आधे से एक इंच तक मिट्टी से ढक दें।
पूर्व-बोना मिट्टी:
नींबू के पौधों के लिए अच्छी द्रावणीय और गुड़े से गुलाबी मिट्टी का चयन करें।
पोषण:
पौधों को अच्छे से पौधशाला में पूर्व-बोना करें और उन्हें धूप में सुखाएं। Read more
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Deoghar: कृष्णापुरी मोहल्ले में फायरिंग, डॉ. प्रभात रंजन के घर के सामने बदमाशों ने चलाई गोली, दहशत
Deoghar: देवघर नगर थाना क्षेत्र के कृष्णापुरी मोहल्ले में मंगलवार की रात बदमाशों ने फायरिंग की है। जिसके बाद स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, बाइक पर सवार बदमाशों ने बाइक रोक कर डॉ. प्रभात रंजन के घर वाली गली में थोड़ा आगे बढ़े और फायरिंग की और फरार हो गए। बदमाशों ने चेहरा ढक रखा था। घटना के बाद पुलिस को सूचना दी गई।
मौके पर पुलिस पहुंची है और छानबीन की जा रही है।
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