'खसरा से मौत': स्वास्थ्य मंत्रालय ने मुंबई भेजी टीम
‘खसरा से मौत’: स्वास्थ्य मंत्रालय ने मुंबई भेजी टीम
खसरे के संदिग्ध मामलों में वृद्धि और तीन बच्चों की मौत की रिपोर्ट के बाद, गठबंधन स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को एक बहु-विषयक टीम को मुंबई भेजा। यह अभी तक निर्धारित नहीं किया गया है कि मृत्यु खसरे के कारण हुई थी, जो कभी-कभी एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क की एडिमा), अंधापन और निमोनिया जैसी जटिलताओं को जन्म दे सकती है।
“शायद मौत खसरे से हुई थी। राज्य ने भी इन मौतों को खसरा के रूप में वर्गीकृत नहीं किया।…
मैनचेस्टर डर्बी | यूनाइटेड 'योद्धा' मार्टिनेज का सामना हैलैंड टेस्ट . से हुआ
मैनचेस्टर डर्बी | यूनाइटेड ‘योद्धा’ मार्टिनेज का सामना हैलैंड टेस्ट . से हुआ
मैनचेस्टर सिटी के लिए सभी प्रतियोगिताओं में नौ मैचों में 14 गोल के साथ, अपने पहले मैनचेस्टर डर्बी में खेल रहे एर्लिंग हैलैंड, मैनचेस्टर यूनाइटेड के हालिया पुनरुद्धार को परीक्षण में डाल देंगे।
मैनचेस्टर सिटी के लिए सभी प्रतियोगिताओं में नौ मैचों में 14 गोल के साथ, अपने पहले मैनचेस्टर डर्बी में खेल रहे एर्लिंग हैलैंड, मैनचेस्टर यूनाइटेड के हालिया पुनरुद्धार को परीक्षण में डाल देंगे।
मैनचेस्टर…
माननीय प्रधानमंत्री परम आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी को आपका सबका साथ, स्वर्गीय अनवर जलालपुरी को सच्ची श्रद्धांजलि – हर्ष वर्धन अग्रवाल I
लखनऊ, 25.03.2023 | परम आदरणीय माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी, माननीय प्रधानमंत्री जी के "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास", मंत्र की प्रेरणा से, हेल्प यू एजुकेशनल एण्ड चैरिटेबल ट्रस्ट के पूर्व संरक्षक पद्मश्री स्व. अनवर जलालपुरी जी को समर्पित, फखरूद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी तथा हेल्प यू एजुकेशनल एण्ड चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम "मुशायरा" का आयोजन ऑडिटोरियम, जयपुरिया इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, विनीत खण्ड, गोमती नगर, लखनऊ में किया गया |
मुशायरा का शुभारंभ राष्ट्रगान तथा श्री तुरज जैदी, अध्यक्ष, फखरूद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी, श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, संस्थापक एवं प्रबंध न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा डॉ रूपल अग्रवाल, न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने दीप प्रज्वलन करके किया l
फखरूद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी के अध्यक्ष श्री तुरज जैदी जी तथा आमंत्रित शायरों को हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक एवं प्रबंध न्यासी, श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल तथा न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने प्रतीक चिन्ह व कॉफ़ी टेबल बुक "अनवर जलालपुरी : मोहब्बत के सफ़ीर" देकर सम्मानित किया I मुशायरे में शायरों ने अपनी शायरी से सभागार में उपस्थित सभी श्रोतागणों को मंत्र मुग्ध कर दिया I
इस मौके पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि, "पदम श्री स्वर्गीय अनवर जलालपुरी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के पूर्व संरक्षक थे वह उर्दू अदब के बड़े नामों में से एक थे I अनवर जलालपुरी उर्दू शायरी के बगीचे का एक ऐसा गुलाब थे जिसकी ख़ुशबू जलालपुर की सरहदों को पार कर पूरी दुनिया में फैली और अपनी शायरी की शाब्दिक जादूगरी से लोगों के दिलों को महकाया I आज का यह कार्यक्रम हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा अनवर जलालपुरी जी को समर्पित है |
हमारा देश भारत विभिन्न धर्मों का संगम है, यहां पर एक दूसरे से धार्मिक और विचारात्मक विभिन्नता होने के बावजूद भी हम लोगों के दिलों में एक दूसरे के लिए मोहब्बतों के चिराग रौशन हैं I यह हमारी गंगा-जमुनी संस्कृति का नतीजा है तथा अनवर जलालपुरी जी हिन्दुस्तान की सरज़मीं पर पनपी गंगा-जमुनी तहज़ीब के उज्जवल प्रतीक थे । उन्होनें पवित्र ग्रन्थ श्रीमद्भगवद गीता की ज्ञानगंगा को बहुत ही सरल तरीके से उर्दू भाषा में उर्दू जानने वाले लोगों के समक्ष शायरी के रूप में पेश किया । इस काम में उन्होनें अपनी जिंदगी के 38 साल लगाए । उनका कहना था कि भगवद गीता एक इल्मी किताब है । इसे हर इंसान को पढ़ना और समझना चाहिए। यह जीवन का दर्शन शास्त्र है। इसमें दी गयी तालीम से इंसान इस दुनिया में अपनी ज़िंदगी को आसान बना सकता है । इससे फ़ायदा ले सकता है । अनवर जलालपुरी की हमेशा यही कोशिश रहती थी कि हमारी इस तहज़ीब को किसी की नज़र न लगे और आपसी भाईचारे का ज़ज़्बा परवान चढ़े I
आज के इस कार्यक्रम के माध्यम से हम सभी को मिलकर माननीय प्रधानमंत्री परम आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी के मूल मंत्र सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास, को आत्मसात करते हुए भारत देश को विश्व का सबसे संपन्न देश बनाने का संकल्प लेना चाहिए जिसके लिए सभी देशवासियों को आपसी प्रेम और सौहार्द को बनाए रखना सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि सभी देशवासियों के साथ से ही किसी संपन्न देश का निर्माण किया जा सकता है इसलिए देश हित तथा जनहित में अपना सहयोग देते हुए देश को विश्व का सबसे संपन्न राष्ट्र बनाने की माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मुहिम में अपना योगदान अवश्य दें I माननीय प्रधानमंत्री परम आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी को आपका सबका साथ, स्वर्गीय अनवर जलालपुरी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी I
श्री तुरज़ जैदी जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि, आज की शाम शायरी और कविता की जो महफ़िल सजी हुई है इस महफिल के रूह ए रवा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक व प्रबंध न्यासी भाई हर्ष वर्धन अग्रवाल जी हैं जो पिछले दस वर्षों से हिन्दी उर्दू साहित्य की सेवा के साथ साथ समाज के सभी वर्गों के विकास और सहायता में अपने ट्रस्ट की तरफ से निरंतर अपना योगदान दे रहे हैं I हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के सामजिक उत्थान के कार्यों की सराहना करते हुए गीतों के कवि पद्मभूषण गोपाल दास नीरज, पद्मश्री अनवर जलालपुरी तथा श्री अनूप जलोटा जी ने ट्रस्ट का संरक्षक बनना स्वीकार किया I हर्ष वर्धन अग्रवाल जी ने इस मुशायरे में शिरकत के लिए मुझसे बहुत पहले चर्चा की थी तब मैंने कहा कि, मैं आप की हर सम्भव मदद अपनी फखरूद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी की तरफ से करने के लिए तैयार हूँ I इस मुशायरे की सबसे अहम बात ये है कि ये मुशायरा उर्दू हिन्दी अदब की उस अज़ीम शख्सियत के नाम मनसूब है जिसे साहित्य की दुनिया में लोग अनवर जलालपुरी के नाम से जानते हैं I अनवर जलालपुरी साहब ने अपने पूरे पचास वर्षों के साहित्यिक जीवन में समाज के सभी वर्गों को भाईचारा, प्रेम, मोहब्बत के साथ रहने और देश की एकता को जोड़ कर रखने का पैग़ाम दिया I आज इस कार्यक्रम के जरिये अनवर साहब को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं व उर्दू साहित्य को फलक तक पहुँचाने व उर्दू शेर ओ शायरी में उनके द्वारा दिए गए योगदान को सादर नमन करते हैं I
मुशायरे में आमंत्रित शायर, श्री ख़ुशबीर सिंह शाद (जालंधर से), श्री अज़्म शाकरी (एटा से), श्री शारिक कैफी (बरेली से), श्री पवन कुमार (लखनऊ से), श्री मनीष शुक्ला (लखनऊ से), प्रो. (डॉ.) अब्बास रज़ा 'नय्यर जलालपुरी' (लखनऊ से), डॉ. तारिक़ क़मर (लखनऊ से) तथा डॉ. भावना श्रीवास्तव (वाराणसी से), जैसे मक़बूल शोरा, शायरात और कवियों ने शिरकत की l कार्यक्रम की सदारत श्री खुशबीर सिंह शाद ने की तथा निज़ामत प्रो. (डॉ.) अब्बास रज़ा (नय्यर जलालपुरी) ने की I
प्रभु - स्वामी - ईश - राम - खुदा - अल्लाह - रब - मालिक - साहेब - देव - भगवान
गौड। यह सर्व शक्ति बोधक शब्द हैं जो भिन्न-भिन्न भाषाओं में उच्चारण किए व लिखे जाते हैं।
‘‘प्रभु‘‘ की महिमा से प्रत्येक प्राणी प्रभावित है कि कोई शक्ति है जो परम सुखदायक व कष्ट निवारक है। वह कौन है? कैसा है? कहाँ है? कैसे मिलता है? यह प्रश्नवाचक चिन्ह अभी तक पूर्ण रूप से नहीं हट पाया। यह शंका इस पुस्तक से पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएगी।
जो शक्ति अन्धे को आँखें प्रदान करे, गूंगे को आवाज, बहरे को कानों से श्रवण करवा दे, बाँझ को पुत्र दे, निर्धन को धनवान बना दे, रोगी को स्वस्थ करे, जिस के यदि दर्शन हो जायें तो अति आनन्द हो, जो सर्व ब्रह्मण्डों का रचनहार, पूर्ण शान्तिदायक जगत गुरु तथा सर्वज्ञ है, जिसकी आज्ञा बिना पत्ता भी नहीं हिल सकता अर्थात् सर्वशक्तिमान जिसके सामने कुछ भी असम्भव नहीं है। ऐसे गुण जिसमें है वह वास्तव में प्रभु (स्वामी, ईश, राम, भगवान, खुदा, अल्लाह, रहीम, मालिक, रब, गौड) कहलाता है।
यहाँ पर एक बात विशेष विचारणीय है कि किसी भी शक्ति का ज्ञान किसी शास्त्र से ही होता है। उसी शास्त्र के आधार पर गुरुजन अपने अनुयाइयों को मार्गदर्शन करते हैं। वह शास्त्र (धार्मिक पुस्तकें) हैं चारों वेद (ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद), श्री मद्भागवत गीता, श्री मद्भागवत सुधासागर, अठारह पुराण, महाभारत, बाईबल, कुरान आदि प्रमाणित पवित्र शास्त्र हैं। चारों वेद स्वयं पूर्ण परमात्मा के आदेश से ज्योति निरंजन (काल) ने समुद्र के अन्दर अपने स्वांसों के द्वारा गुप्त छिपा दिया तथा प्रथम बार सागर मन्थन के समय यह चारों वेद श्री ब्रह्मा जी को प्राप्त हुए। जो ब्रह्मा जी (क्षर पुरुष के ज्येष्ठ पुत्र) ने पढे़ तथा जैसा समझ सका उसी आधार पर संसार में ज्ञान का प्रचार अपने वंशजों (ऋषियों) के द्वारा करवाया। पूर्ण परमात्मा ने पाँचवां ‘‘स्वसम‘‘ (सूक्ष्म) वेद भी ब्रह्म (काल) को दिया था जो इस ज्योति निरंजन ने अपने पास गुप्त रखा तथा उसे समाप्त कर दिया।
कुछ समय उपरान्त अर्थात् एक कल्प (एक हजार चतुर्युग) के बाद तीन लोक (पृथ्वी लोक, स्वर्गलोक, पाताललोक) के सर्व प्राणी प्रलय (विनाश) हो जाते हैं। फिर ज्योति निरंजन (काल) के निर्देश से ब्रह्मा अपनी रात्री समाप्त होने पर (ब्रह्मा की रात्री एक हजार चतुर्युग की होती है तथा इतना ही दिन) जब दिन प्रारम्भ होता है, रजोगुण से प्रभावित करके प्राणियों की उत्पत्ति तीनों लोकों में शुरू करता है।
तब सतयुग की शुरुआत में वही चारों वेद काल (ब्रह्म) स्वयं ब्रह्मा को फिर प्रदान करता है तथा फिर प्राकृतिक उथल-पुथल के कारण चारों पवित्र वेदों का ज्ञान समाप्त हो जाता है। उसके पश्चात् फिर समय अनुसार अन्य ऋषियों में प्रवेश करके दोबारा लिखवाता है। फिर भी समय अनुसार प्राकृतिक उथल-पुथल के बाद स्वार्थी लोगों के द्वारा वेदों में बदलाव करके वास्तविक ज्ञान संसार से लुप्त कर दिया जाता है। वही काल (ब्रह्म-ज्योति निरंजन) महाभारत युद्ध के समय श्री कृष्ण में प्रवेश करके चारों वेदों का संक्षिप्त विवरण श्रीमद्भागवत गीता के रूप में दिया तथा कहा कि अर्जुन यही ज्ञान मैंने पहले सूर्य से कहा था। उसने अपने पुत्र वैवश्वत् अर्थात् मनु से तथा वैवश्वत् अर्थात् मनु ने अपने पुत्र इक्ष्वाकु से कहा था। परन्तु बीच में यह उत्तम ज्ञान प्राय समाप्त हो गया था।
इस काल (ब्रह्म-ज्योति निरंजन) ने श्री वेदव्यास ऋषि के शरीर में प्रवेश करके चारों वेद, महाभारत, अठारह पुराण, श्रीमद्भागवतगीता, श्री सुधासागर को पुनः लिपिबद्ध (संस्कृत भाषा में) करवाया जो आज सभी को उपलब्ध हैं। ये सर्व शास्त्र श्रेष्ठ हैं। अब इन शास्त्रों को कलयुगी ऋषियों ने भाषा-भाष्य अर्थात् हिन्दी अनुवाद करके अपने विचार मिलाने की कोशिश की है, जो स्पष्ट गलत दिखाई देते हैं और व्याख्या से मेल नहीं खाते हैं। यह सर्व शास्त्र महर्षि व्यास जी द्वारा लगभग 5300 (पाँच हजार तीन सौ) वर्ष पूर्व दोबारा लिखे गए थे। उस समय हिन्दु धर्म, इसाई धर्म, मुसलमान धर्म व सिक्ख धर्म आदि कुछ भी नहीं थे। एक वेदों के मानने वाले आर्य ही हुआ करते थे। कर्म आधार पर जाति होती थी तथा केवल चार वर्ण (क्षत्रि-वैश्य-ब्राह्मण तथा शुद्र) ही थे।
इससे एक तो यह प्रमाणित हो जाता है कि यह सर्व शास्त्र किसी धर्म या व्यक्ति विशेष के लिए नहीं है। यह केवल मानव मात्र के कल्याण हेतु हैं। दूसरे यह प्रमाणित होता है कि हमारे पूर्वज एक थे। जिनके संस्कार आपस में मिले जुले हैं।
सर्व प्रथम पवित्र शास्त्र गीता जी पर विचार करते हैं।
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🧩गुरु-शिष्य परंपरा बनाए रखने के लिए कबीर साहेब ने रामानन्द जी को गुरू धारण किया
ऋषि रामानंद जी का जीव सतयुग में विद्याधर ब्राह्मण था जिसे परमेश्वर सतसुकृत नाम से मिले थे। त्रेता युग में रामानन्द जी का जीव वेदविज्ञ नामक ऋषि था जिसको परमेश्वर मुनींद्र ऋषि के रूप में मिले थे। दोनों जन्मों में यह नि:संतान थे। परमात्मा इनको शिशु रूप में मिले, उस समय इन्होंने परमेश्वर को पुत्रवत पाला तथा प्यार किया था। उसी पुण्य के कारण यह आत्मा परमात्मा को चाहने वाली थी।
कलयुग में भी इनका परमेश्वर के प्रति अटूट विश्वास था।
स्वामी रामानंद जी अपने समय के सुप्रसिद्ध की विद्वान कहे जाते थे। वह द्रविड़ से काशी नगर में वेद व गीता ज्ञान के प्रचार हेतु आए थे।
स्वामी रामानंद जी ने 1400 ऋषि शिष्य बना रखे थे। परमेश्वर कबीर जी ने अपने नियमानुसार रामानंद स्वामी को शरण में लेना था।
गरीब- जो जन हमरी शरण है, उसका हूँ मैं दास।
गेल-गेल लाग्या फिरू, जब तक धरती आकाश।।
गोता मारू स्वर्ग में, जा बैठू पाताल।
गरीबदास ढूंढत फिरु अपने हीरे मोती लाल।।
रामानन्द जी प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व गंगा नदी के तट पर बने पंचगंगा घाट पर स्नान करने जाते थे। 5 वर्षीय कबीर परमेश्वर ने ढाई वर्ष के बच्चे का रूप धारण किया व लीला करके रामानन्द को गुरू बनाकर उनका उद्धार किया।
गरीब- ज्यों बच्छा गऊ की नजर में, यूं साई कूं संत।
भक्तों के पीछे फिरे, भक्त वच्छल भगवंत।।
जब कबीर परमेश्वर ने स्वामी रामानंद जी को सतलोक के दर्शन कराए थे तब स्वामी रामानंद की आत्मा को आंखों देखकर दृढ़ विश्वास हुआ कि कबीर ही परमात्मा है। जिसका चित्रार्थ गरीब दास जी महाराज जी ने अपनी वाणी किया है–
बोलत रामानंद जी सुन कबीर करतार।
गरीबदास सब रूप में, तुमही बोलनहार॥
दोहु ठोर है एक तू, भया एक से दोय।
गरीबदास हम कारणें, उतरे हो मग जोय॥
तुम साहेब तुम संत हो, तुम सतगुरु तुम हंस। गरीबदास तुम रूप बिन और न दूजा अंस॥
तुम स्वामी मैं बाल बुद्धि, भर्म-कर्म किये नाश। गरीबदास निज ब्रह्म तुम, हमरे दृढ़ विश्वास॥
कबीर परमेश्वर ने स्वामी रामानंद जी को गुरु बना कर न केवल उनका उद्धार किया बल्कि उनकी जातिवादी सोच का भी नाश क��या क्योंकि किसी भी प्रकार के जाति ��र्म, ऊंच नीच का भेदभाव रखने वाला व्यक्ति सतलोक नहीं जा सकता।
साथ ही कबीर साहेब ने गुरु शिष्य परम्परा का निर्वाह इसलिए किया कि कलयुग कोई पाखण्डी गुरु यह नहीं कह सके कि गुर��� बनाने की कोई आवश्यकता नहीं, कबीर साहेब ने कौनसा गुरु बनाया था।
इसलिए कबीर साहेब ने गुरु बनाया तथा यह बताया कि:-
गुरु बिन माला फेरते, गुरु बिन देते दान। गुरु बिन दोनों निष्फल है, चाहे पूछो वेद पुराण।।
राम कृष्ण से कौन बड़ा, उन्हों भी गुरु कीन्ह। तीन लोक के वे धणी, गुरु आगे आधीन।।
गुरु बड़े गोविंद से, मन में देख विचार। हरि सुमरे सो रह गए, गुरु सुमरे होय पार।।
वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज पूर्ण गुरु/तत्वदर्शी संत हैं तथा कबीर साहेब के अवतार हैं। उनसे नाम दीक्षा लेकर अपने जीव का कल्याण कराये।
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विराट कोहली के बाद Umesh Yadav भी पहुंचे बाबा महाकाल की शरण में
Umesh Yadav: हाल ही में भारतीय क्रिकेट के जाने माने खिलाड़ी विराट कोहली अपनी जीवनसंगिनी अभिनेत्री अनुष्का शर्मा के साथ बाबा महाकाल के दर्शन पाने के लिए उज्जैन पहुंचे थे। उज्जैन दर्शन के पहले विराट कुछ खास चमत्कार ग्राउंड पर नही दिखा पा रहे थे, लेकिन वहां से दर्शन करके आने के बाद मैदान में ऐंसा जादू बिखेर रहे है कि लग रहा है मानो कोई जादू करवा कर आए है।
बाबा के आशीर्वाद ने चमका दी विराट कोहली की सोई किस्मत
कहते है कि जो भगवान शिव की सच्चे मन से आरती पूजा करते है, उनके कार्य़ निश्चित ही सफल होते नज़र आते है। इसका सर्वश्रेष्ट उदाहरण विराट कोहली के खेल में होते दिख रहा है, जिसकी पुष्टि स्वयं विराट कोहली ने भी की है।
विराट कोहली के पूर्व मैचों में वह कुछ खास कमाल नही दिखा पा रहे थे, एवं उन्हे मन में भी अशांति सी महसूस हो रही थी, जिसके लिए खिलाड़ी विराट अपने परिवार संग उज्जैन दर्शन के लिए निकल पड़े। वहां उन्होने बाबा महाकाल की आराधना भी की।
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साथ ही महाकाल को दुग्ध स्नान भी कराया। वहां से लौटकर आने पर तो मानो जादू हो गया, विराट वापिस फॉर्म में आ गए औऱ मैदान में चौके छक्को की बरसात करना प्रारंभ कर दिया। विराट बाबा महाकाल के बहुत बड़े भक्त है औऱ वह इसे उन्ही का आशीर्वाद मानते है।
ऋषभ पंत सहित कई औऱ क्रिकेटर्स महाकाल के दर्शन को पहुंचे
हाल ही में विराट कोहली के पूर्व कई अन्य क्रिकेटर्स भी महाकाल के चरणों में दर्शन को पहुंचे थे।
जनवरी के महीने में न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे वंडे मैच खेल जाना था, औऱ उसी समय क्रिकेटर ऋषभ पंत का कार एक्सीडेंट हो गया था। जिसके कारण उनके स्वास्थ को लेकर पूरी क्रिकेट टीम चिंता में थी।
हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। जिसमें मशहूर क्रिकेटर Umesh Yadav को शिव भक्ति करते देखा जा सकता है। क्रिकेटर Umesh Yadav भी शिव भक्त है। वह बाबा महाकाल के दर्शन हेतु उज्जैन नगरी पहुंचे।
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।। नमो नमः ।। ।।भाग्यचक्र ।। आज का पञ्चाङ्ग :- संवत :- २०७९ दिनांक :- 02 जुलाई 2022 सूर्योदय :- 05:45 सूर्यास्त :- 19:18 सूर्य राशि :- मिथुन चंद्र राशि :- कर्क मास :- आषाढ़ तिथि :- तृतीया वार :- शनिवार नक्षत्र :- आश्लेषा योग :- हर्षण करण :- गर अयन:- उत्तरायण पक्ष :- शुक्ल ऋतू :- ग्रीष्म लाभ :- 14:13 - 15:55 अमृत:- 15:56 - 17:36 शुभ :- 07:27 - 09:07 राहु काल :- 09:08 - 10:50 जय महाकाल महाराज :- *गुप्त नवरात्रि प्रारम्भ* *ग्रह दोष के पूर्व संकेत :-* ग्रह अपना शुभाशुभ प्रभाव गोचर एवं दशा-अन्तर्दशा-प्रत्यन्तर्दशा में देते हैं।जिस ग्रह की दशा के प्रभाव में हम होते हैं, उसकी स्थिति के अनुसार शुभाशुभ फल हमें मिलता है। जब भी कोई ग्रह अपना शुभ या अशुभ फल प्रबल रुप में देने वाला होता है, तो वह कुछ संकेत पहले से ही देने लगता है । ऐसे ही कुछ पूर्व संकेतों का विवरण यहाँ दृष्टव्य है। *शनि के अशुभ होने के पूर्व संकेत* दिन में नींद सताने लगती है । अकस्मात् ही किसी अपाहिज या अत्यन्त निर्धन और गन्दे व्यक्ति से वाद-विवाद हो जाता है । मकान का कोई हिस्सा गिर जाता है । लोहे से चोट आदि का आघात लगता है । पालतू काला जानवर जैसे- काला कुत्ता, काली गाय, काली भैंस, काली बकरी या काला मुर्गा आदि मर जाता है । निम्न-स्तरीय कार्य करने वाले व्यक्ति से झगड़ा या तनाव होता है । व्यक्ति के हाथ से तेल फैल जाता है । व्यक्ति के दाढ़ी-मूँछ एवं बाल बड़े हो जाते हैं । कपड़ों पर कोई गन्दा पदार्थ गिरता है या धब्बा लगता है या साफ-सुथरे कपड़े पहनने की जगह गन्दे वस्त्र पहनने की स्थिति बनती है । अँधेरे, गन्दे एवं घुटन भरी जगह में जाने का अवसर मिलता है । आज का मंत्र :- ""|| ॐ शं शनैश्चराय नमः॥ ||"" *🙏नारायण नारायण🙏* जय महाकालेश्वर महाराज। माँ महालक्ष्मी की कृपा सदैव आपके परिवार पर बनी रहे। 🙏🌹जय महाकालेश्वर महाराज🌹🙏 महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग का आज का भस्म आरती श्रृंँगार दर्शन। 02 जुलाई 2022 ( शनिवार ) जय महाकालेश्वर महाराज। सभी प्रकार के ज्योतिष समाधान हेतु। Whatsapp@9522222969 https://www.facebook.com/Bhagyachakraujjain शुभम भवतु ! 9522222969 https://www.instagram.com/p/Cffw1wGIaPI/?igshid=NGJjMDIxMWI=
🎈कबीर परमेश्वर द्वारा बताई सतभक्ति से हुए वर्तमान में अद्भुत लाभ🎈
कबीर परमेश्वर जी चारों युगों में आते हैं और आकर अपनी प्यारी आत्माओं को शरण में लेते हैं 600 वर्ष पूर्व कबीर परमेश्वर जी ने अनेकों लीलाए चमत्कार किए थे और अपनी प्यारी आत्माओं को शरण में लेकर सत भक्ति विधि देकर अनेकों लाभ दिए।
"महर्षि सर्वानन्द की माँ शारदा का रोग ठीक करना "
600 वर्ष पहले एक सर्वानन्द नाम के महर्षि थे। उसकी आदरणीय माता श्रीमती शारदा देवी पाप कर्म फल से पीडित थी। उसने कबीर परमात्मा से उपदेश प्राप्त किया तथा उसी दिन कष्ट मुक्त हो गई।
क्योंकि पवित्र यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32 में लिखा है कि कविरंघारिरसि अर्थात् (कविर्) कबीर (अंघारि) पाप का शत्रु (असि) है। फिर इसी पवित्र यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13 में लिखा है कि परमात्मा (एनसः एनसः) अधर्म के अधर्म अर्थात् पापों के भी पाप घोर पाप को भी समाप्त कर देता है।
"सेउ की कटी हुई गर्दन को जोड़ना "
परमात्मा कबीर ने अपने भक्त की कटी हुई गर्दन वापिस जोड़ दी थी और कहा आओ सेउ जीम लो, यह प्रसाद प्रेम । सिर कटते हैं चोरों के, साधों के नित्य क्षेम ।।
ऐसी-2 बहुत लीलाएँ साहेब कबीर (कविरग्नि) ने की हैं जिनसे यह स्वसिद्ध है कि ये ही पूर्ण परमात्मा हैं।
सामवेद संख्या नं. 822 तथा ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 162 मंत्र 2 में कहा है कि कविर्देव अपने विधिवत् साधक साथी की आयु बढ़ा देता है।
इसके अलावा 600 वर्ष पूर्व कबीर साहेब ने सिकंदर लोधी के हाथों रामानंद का कत्ल होने पर उन्हें पुनः जीवित कर दिया था।
शास्त्र प्रमाणित करते हैं कि यदि किसी रोगी की प्राण शक्ति क्षीण हो चुकी है तथा उसकी आयु (जीवन-श्वांस) भी शेष न रही हो तो उसके प्राणों की रक्षा करूं तथा उसे 100 वर्ष आयु प्रदान करता हुं अर्थात् सत्य भक्ति करने वाले साधक को स्वस्थ करके परमात्मा 100 वर्ष की आयु प्रदान कर देता है यानि पूर्ण आयु प्रदान करता है।
प्रमाण -
ऋग्वेद मंडल 10, सुक्त 161, मंत्र 2
ऋग्वेद मंडल 9, सुक्त 80, मंत्र 2
ऋग्वेद मंडल 9, सुक्त 86, मंत्र 20
संख्या नं. 822, सामवेद उतार्चिक अध्याय 3, खण्ड 5, श्लोक 8
ऐसे ऐसे अनेको चमत्कार कबीर साहेब ने किए जिस वजह से उस समय उनके 64 लाख शिष्य बने थे । इससे सिद्ध है की कबीर परमेश्वर पूर्ण परमेश्वर है जिनके लिए कुछ भी असंभव नहीं है ।
वर्तमान में कबीर परमेश्वर जी के अवतार संत रामपाल जी महाराज जी है जिनके द्वारा बताई गई सतभक्ति से आज लाखों अनुयायियों के साथ अनेकों चमत्कार हुए हैं। जो इस प्रकार है-
केशव मैनाली पुत्र श्री इन्द्र प्रसाद मैनाली गाँव विकास समिति हरिऔन, जिला सर्लाही, नेपाल का निवासी पिछले 20 वर्षो से खूनी बवासीर से पीड़ित था। साथ ही 8 वर्षों से क्रोनिक ब्रोंकाइटिस से पीड़ित थे।
जब 2 मई 2012 को संत रामपाल जी महाराज से उपदेश लिया और गुरू जी के दर्शन के लिए गये तब “सब ठीक हो जाएगा” का आर्शीवाद सिर पर हाथ रखकर संत रामपाल जी ने दिया और मेरे साथ चमत्कार हो गया।
ऐसा ही चमत्कार ईश्वर सिंह, सोनीपत (हरियाणा) मै ईश्वर सिंह सोनीपत हरियाणा से हूँ। मुझे कैंसर था, फिर मैंने संत रामपाल महाराज जी से नाम दीक्षा ली, और नाम दीक्षा लेने से कैंसर जैसी भयानक बीमारी भी खत्म हो गई ।
मैं कमल देवास (MP) का रहने वाला हूँ
मेरी भाभी जी को BONE कैंसर हो गया था, जिसके चलते उनके फेफड़ों की 3 हड्डियों को भी काट दिया गया था। लेकिन इसके बावजूद डॉक्टर उसे सही नहीं कर पाए। फिर जब संत रामपाल जी से दीक्षा लेकर भक्ति करी तो मेरी भाभी जी को इस भयंकर बीमारी से निजात मिली।
नाम-राजेन्द्र, इन्दौर से इन्होंने बताया कि संत रामपाल जी महाराज से सद्भक्ति प्राप्त करते ही मेरे पिताजी को लकवा था वह ठीक हो गया । मां की आंख की बीमारी ठीक हुई, हमारा कर्ज भी धीरे-धीरे खत्म हो गया । परमात्मा ने खूब दया कर रखी है।
ऐसे ऐसे अनेकों चमत्कार लाखों अनुयायियों के साथ हुए हैं। आज संत रामपाल जी महाराज जो सत भक्ति प्रदान कर रहे हैं उस सत भक्ति से भी वही चमत्कार और अलौकिक घटनाएं हो रही हैं जो 600 साल पहले परमात्मा कबीर साहिब ने की थी।
जम्मू-कश्मीर में तीर्थयात्रियों पर आतंकी हमला,अब तक 9 लोगो की जा चुकी जान, जानिए पूरा मामला
Jammu Kashmir Terror Attack: कल 9 जून का दिन जहाँ बेहद खास था वहीं एक ऐसी खबर ने सबको हिला कर रख दिया है। बीते दिन नरेंद्र मोदी ने जहाँ पीएम पद की शपथ ली और भारतीय क्रिकेट टीम ने पकिस्तान को हरा कर न्यूयॉर्क में जीत का झंडा लहराया तो वहीं जम्मू-कश्मीर में आतंकी दर्दनाक हमला हुआ जिसके चपेट में अब तक कई लोगो की जानें जा चुकी है। जी हाँ शिवखोड़ी से कटरा की ओर जा रही बस पर आतंकियों ने करीब 30 से 40 राउंड फायरिंग की। आतंकियों की फायरिंग में बस ड्राइवर को एक गोली लग गई, जिससे ड्राइवर ने गाड़ी पर संतुलन खो दिया और बस गहरी खाई में गिर गई।
दरअसल तीर्थयात्री शिवखोड़ी में भोले बाबा के दर्शन करने के बाद ये बस वापस कटरा लौट रही थी। बस में करीबन 40 से 50 तीर्थ यात्री सवार थे। अचानक से जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में दो से तीन आतंकियों ने बस पर हमला कर दिया। आतंकियों ने बस पर लगातार 30 से 40 राउंड फायरिंग की, फायरिंग में एक गोली बस ड्राइवर को लग गयी जिसके बाद बस खाई में जा गिरा।
बताया जा रहा है कि इस हादसे में अब तक 9 लोगों की जान जा चुकी है और 33 लोग घायल हुए हैं। घायल व्यक्तियों को तत्का�� नारायणा हॉस्पिटल और रियासी जिला अस्पताल भेजा गया है। जहाँ उनका इलाज जारी है।
सूत्रों के मुताबकि, ये आतंकी पाकिस्तानी मूल के हैं, जिन्होंने ये हमला किया है। इस मामले की जांच की जा रही है तो वहीं, तीसरी आंख यानी कि ड्रोन से भी घने जंगलों को खंगाल जा रहा है ताकी इन जंगलों में जितने भी आतंकी छुपे हुए हैं उनको ढूंढा जाए। साथ ही साथ उनका खात्मा किया जा सके। बता दें इस हमले के बाद बस की आस पास की तस्वीरें सामने आई है। जिसमे देखा जा सकता है कि कई लोगों का शव जहां तहां पड़े दिखाई दिए। शव क्षत-विक्षत हालात में मिले। इन शवों में कुछ बच्चों के शव भी शामिल थे।
बता दें बस में सवार तीर्थ यात्री उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान से बताये बताये जा रहे है। आतंकियों को खोजने के लिए सर्च ऑपरेशन चला दिया गया है। पुरे इलाके की घेराबंदी की गई है और तलाश भी जारी है।
पीएम मोदी और अमित शाह ने जताया शोक
इस हादसे को सुनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने शोक जताते हुए घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है। साथ ही अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और डीजीपी से बात कर इस पुरे मामले की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें कानून के शिकंजे में डाला जाएगा। इस बात की जानकारी जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने ट्वीट के माध्यम से बताया है उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने स्थिति की जानकारी ली और हालात पर नजर रखने को कहा है। साथ ही सभी घायलों के बेहतर इलाज और मदद के निर्देश दिए हैं।
इस घटना को लेकर राहुल गांधी ने आतंकवादी हमले को कायरतापूर्ण बताया है उन्होंने कहा कि पूरा देश एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ खड़ा है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रियासी आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा है कि जिन इलाकों से आतंकियों को हटा दिया गया था, वहां फिर से वापसी हो गई है।
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (द्वितीया तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक:-08-जून-2024
वार:-------शनिवार
तिथि :---02द्बितिया:-15:56
पक्ष:-----शुक्लपक्ष
माह:-----ज्येष्ठ
नक्षत्र:-----आर्द्रा:-19:42
योग:-----गंण्ड:-18:26
करण:-----कोलव:-15:56
चन्द्रमा:-----मिथुन
सूर्योदय:-----05:49
सूर्यास्त:------19:25
दिशा शूल-----पूर्व
निवारण उपाय:---उङद या वाह्वारंग का सेवन
ऋतु :-----ग्रीष्म वर्षा ऋतु
गुलिक काल:---05:49से 07:30
राहू काल:---09:11से10:52
अभीजित---11:55से12:45
विक्रम सम्वंत .........2081
शक सम्वंत ............1946
युगाब्द ..................5126
सम्वंत सर नाम:---कालयुक्त
🌞चोघङिया दिन🌞
शुभ:-07:30से09:11तक
चंचल:-12:33से14:14तक
लाभ:-14:14से15:55तक
अमृत:-15:55से17:36तक
🌗चोघङिया रात🌓
लाभ:-19:25से20:43तक
शुभ:-22:02से23:21तक
अमृत:-23:21से00:40तक
चंचल:-00:40से02:59तक
लाभ:-04:37से05:56तक
🌸आज के विशेष योग🌸
वर्ष का 61वाँ दिन, रंभाव्रत तीज व्रत
🌺👉टिप्स 👈🌺
घर के अन्दर चप्पल का प्रयोग ना करें।
सुविचार
एक सफल व्यक्ति बनने की कोशिश मत करो, बल्कि मूल्यों पर चलने वाले व्यक्ति बनो।
सदैव खुश मस्त स्वास्थ्य रहे।
राधे राधे वोलने में व्यस्त रहे।
अपने अपने कामों में व्यस्त रहे।
*💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*
*गिलोय के औषधीय गुण : -*
*इम्युनिटी बढ़ाने में सहायक -*
बीमारियों को दूर करने के अलावा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना भी गिलोय के फायदे में शामिल है। गिलोय सत्व या गिलोय जूस का नियमित सेवन शरीर की इम्युनिटी पॉवर को बढ़ता है जिससे सर्दी-जुकाम समेत कई तरह की संक्रामक बीमारियों से बचाव होता है।
गिलोय इम्युनिटी बूस्टर की तरह काम करती है। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए दिन में दो बार दो से तीन चम्मच (10-15ml) गिलोय जूस का सेवन करें।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
कोई बुरी खबर मिलने की संभावना है। स्वास्थ्य नरम रह सकता है। किसी अपने ही व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। भागदौड़ रहेगी। व्याप���र-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय होगी, धैर्य रखें।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
थोड़े प्रयास से ही कार्यसिद्धि होगी। कार्य की प्रशंसा होगी। सामाजिक कार्य करने की प्रेरणा स्वत: ही प्राप्त होगी। आय में वृद्धि होगी। कोई बड़ा कार्य करने का मन बनेगा। छोटी-मोटी यात्रा हो सकती है। उत्साह बढ़ेगा। जल्दबाजी न करें।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। अच्छे समाचार प्राप्त होंगे। आत्मसम्मान बना रहेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। जल्दबाजी व लापरवाही न करें। थकान रह सकती है। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। प्रमाद न करें।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
किसी लंबी यात्रा की योजना बनेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। समय की अनुकूलता का लाभ लें। भरपूर प्रयास करें। कार्यसिद्धि होगी। आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। उत्साह से परिपूर्ण रहेंगे। धनार्जन होगा।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
वाणी पर नियंत्रण रखें। बेवजह विवाद हो सकता है। कार्य में विघ्न आ सकते हैं। फालतू खर्च पर नियंत्रण रखें। दूसरों की बातों में न आएं। नौकरी में अधिकारी वर्ग की अपेक्षाएं। बढ़ेंगी। आय में निश्चितता रहेगी।
👩🏻🦱 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
व्यापारिक उन्नति के योग हैं। यात्रा लाभदायक रहेगी। नए अनुबंध होंगे। भाग्य अनुकूल है। डूबी हुई रकम प्राप्त होगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। पारिवारिक जिम्मेदारी बढ़ सकती है। प्रसन्नता व उत्साह से कार्य कर पाएंगे।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
योजना फलीभूत होगी। कार्यक्षेत्र में उन्नति होगी। नौकरी में अधिकार तथा जवाबदारी बढ़ सकते हैं। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। साधारणतया स्वास्थ्य ठीक रहेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। किसी कार्य के प्रति चिंता रहेगी। प्रमाद न करें।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
किसी धार्मिक स्थान के दर्शन का कार्यक्रम बन सकता है। सत्संग का लाभ मिलेगा। किसी विवाद में अपना पक्ष रख पाएंगे। प्रभाव बढ़ेगा। व्यस्तता के चलते थकान रह सकती आय में वृद्धि होगी, प्रयास करें। दुष्टजनों से बचें।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
चोट व दुर्घटना से शारीरिक हानि की आशंका है। जल्दबाजी न करें। नौकरी में कार्यभार रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। कोई आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। परिवार में सामंजस्य बैठाना पड़ेगा। महत्वपूर्ण निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
कुंआरों को वैवाहिक प्रस्ताव मिलने की संभावना है। किसी विवाद में विजय मिल सकती है। प्रतिद्वंद्विता में कमी होगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में चैन रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। प्रमाद से बचें।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
स्थायी संपत्ति के किसी बड़े सौदे से बड़ा लाभ हो सकता है। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। पार्टनरों का सहयोग प्राप्त होगा। किसी कार्य के प्रति चिंता रहेगी। थकान से बचें। लापरवाही न करें।
🐠 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। नौकरी में कोई विशेष कार्य करने से मान बढ़ेगा। पठन-पाठन व लेखन इत्यादि में मन लगेगा। किसी मनोरंजक यात्रा का कार्यक्रम बन सकता है। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। मित्रों का साथ रहेगा। आय में वृद्धि होगी।
Chanakya Niti For Success: चाणक्य से सीखें असफलता को सफलता में बदलने का जादू || Prabhat Prakashan
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चाणक्य का जीवन कठोर धरातल पर अनेक विसंगतियों से जूझता हुआ आगे बढ़ा। विष्णुगुप्त चाणक्य एक असाधारण बालक थे। उनके पिता चणक एक शिक्षक थे। वह भी शिक्षक बनना चाहते थे। उन्होंने तक्षशिला विश्वविद्यालय में राजनीति और अर्थशात्र की शिक्षा ग्रहण की।
इसके पूर्व वेद, पुराण इत्यादि वैदिक साहित्य का उन्होंने किशोर वय में ही अध्ययन कर लिया था। उनकी कुशाग्र बुद्धि और तार्किकता से उनके साथी तथा शिक्षक भी प्रभावित थे; इसी कारण उन्हें ‘कौटिल्य’ भी कहा जाने लगा। अध्ययन पूरा करने के बाद तक्षशिला विश्वविद्यालय में ही चाणक्य अध्यापन करने लगे।
इसी दौर में उत्तर भारत पर अनेक विदेशी आक्रमणकारियों की गिद्धदृष्टि पड़ी, जिनमें सेल्यूकस, सिकंदर आदि प्रमुख हैं। परंतु चाणक्य भारतवर्ष को एकीकृत देखना चाहते थे। इसलिए उन्होंने तक्षशिला में अध्यापन-कार्य छोड़ दिया और राष्ट्रसेवा का व्रत लेकर पाटलिपुत्र आ गए। चाणक्य का जीवन कठोर धरातल पर अनेक विसंगतियों से जूझता हुआ आगे बढ़ा।
कुछ लोग सोच सकते हैं कि उनका जीवन-दर्शन प्रतिशोध लेने की प्रेरणा देता है; लेकिन चाणक्य का प्रतिशोध निजी प्रतिशोध न होकर सार्वजनिक प्रतिशोध था। उन्होंने जनता के दुख-दर्द को देखा और स्वयं भोगा था। उसी की फरियाद लेकर वे राजा से मिले थे। घनानंद चूँकि प्रजा का हितैषी नहीं था, इसलिए चाणक्य ने उसे खत्म करने का प्रण किया। उन्होंने ‘चाणक्य नीति’ जैसा नीतियों का एक अनमोल खजाना दुनिया को दिया, जो जीवन के सभी क्षेत्रों में हमारा मार्गदर्शन करने की क्षमता रखता है।
18.02.2023, लखनऊ | स्वामी रामकृष्ण परमहंस जी की 187वीं जयंती के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा ट्रस्ट के इंदिरा नगर स्थित कार्यालय में श्रद्धापूर्ण पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया | कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल व ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने स्वामी रामकृष्ण परमहंस जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें सादर नमन किया |
इस अवसर पर हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, "रामकृष्ण परमहंस स्वतंत्रता-पूर्व भारत के प्रसिद्ध आध्यात्मिक संत थे जिनकी आज 187वीं जयंती मनाई जा रही है । रामकृष्ण जी एक महान संत थे और समाज में आध्यात्मिकता का ज्ञान प्रसार करने के कारण उन्हें परमहंस की उपाधि मिली । अपने ज्ञान के प्रकाश के कारण उन्होंने नरेंद्र नाम के एक साधारण बालक को, जो अध्यात्म से कोसों दूर तर्क में विश्वास रखता था, उसे अध्यात्म से परिचित कराया । भगवान की शक्ति से असीम शक्तियों का ज्ञान कराके, उन्हें नरेंद्र से स्वामी विवेकानंद बना दिया । देश को ऐसा बेटा दिया जिसने देश को सरहदों से पार जाकर सम्मान दिलाया । जिन्होंने युवाओं को जागरूक कर रामकृष्ण मिशन की स्थापना की | राम कृष्ण परमहंस के विचार मनुष्य को जीवन का सही मार्ग दिखाते हैं । रामकृष्ण परमहंस भारत के एक महान संत, आध्यात्मिक गुरु एवं विचारक थे । इन्होंने सभी धर्मों की एकता पर जोर दिया । उन्हें बचपन से ही विश्वास था कि ईश्वर के दर्शन हो सकते हैं अतः ईश्वर की प्राप्ति के लिए उन्होंने कठोर साधना और भक्ति का जीवन बिताया । स्वामी रामकृष्ण मानवता के पुजारी थे । साधना के फलस्वरूप वह इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि संसार के सभी धर्म सच्चे हैं और उनमें कोई भिन्नता नहीं । वे ईश्वर तक पहुँचने के भिन्न-भिन्न साधन मात्र हैं ।"
पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं जबलपुर विधायक लखन लाल घनघोरिया जी ने पीतांबरा पीठ पर पूजा पाठ एवं कांग्रेस कार्यकर्ताओं से की मुलाकात
दतिया ।
मध्य प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं जबलपुर विधायक लखन घनघोरिया जी ने आज दिनांक 17/05/2024 को माँ पीताम्बरा के दर्शन कर एवं मोटल होटल मे कांगेस पदाधिकारीगण एवं समस्त कार्यकर्ताओ से भेंट कर राजनीति की गहन चर्चा की।
कल 16 मई को मोटल होटल में रात्रि विश्राम किया उनके साथ सागर ग्रामीण कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश तोमर,सागर शहर कांग्रेस अध्यक्ष रामकुमार पचौरी,शैलेन्द तोमर सागर आदि…
कैबिनेट मंत्री महाराज ने किए केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के दर्शन, पूजा-अर्चना के बाद निर्माण एवं पुनर्निर्माण कार्यों का लिया जायजा
देहरादून। प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व, लोक निर्माण, पंचायतीराज, संस्कृति व जलागम मंत्री सतपाल महाराज और पूर्व कैबिनेट मंत्री अमृता रावत ने बाबा केदारनाथ और श्री बद्रीनाथ धामों में पहुंचकर देव दर्शन एवं पूजा अर्चना कर संपूर्ण विश्व एवं मानवता के कल्याण की कामना की। इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड के सतत विकास के लिए भी बद्री-केदार से आशीर्वाद मांगा।
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BJP sushil leader modi funeral - सुशील मोदी का पार्थिव शरीर पहुंचा पटना, दीघा घाट पर राजकीय सम्मान के साथ होगा उनका अंतिम संस्कार
पटना : दिल्ली के एम्स में इलाज के दौरान सोमवार देर रात दिवंगत हुए बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व भाजपा के वरीय नेता सुशील मोदी का पार्थिव शरीर मंगलवार को विशेष विमान से पटना एयरपोर्ट लाया गया. उनका पार्थिव शरीर राजेद्र नगर स्थित उनके आवास पर ले जाया जाएगा, जहां लोग उनके अंतिम दर्शन करेंगे एवं श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. बिहार विधानसभा, बिहार विधान परिषद व भाजपा कार्यालय में भी उन्हें श्रद्धांजलि दी…
ऐतिहासिक धार्मिक तथा पर्यटकीय स्थल सलहेस फूलबारीमा आजमात्र फुल्ने फुल हेर्न आउनेको घुईंचो
मुकेश कुमार यादव
सिरहा, १ बैशाख। प्रत्येक नयाँ बर्षको पहिलो दिन अर्थात बैशाख १ गतेमात्र फुल्ने फुल दर्शन गर्न बिहानैदेखि लहान नगरपालिकास्थित ऐतिहासिक धार्मिक तथा पर्यटकीय स्थल सलहेस फूलबारीमा सर्वसाधारणको ठुलो भिड लागेका छन्।
पूर्व पश्चिम राजमार्गसँगै जोडिएको लहान नगरपालीकाको १२ र २२ नम्वर वडामा अवस्थित धार्मिक तथा पर्यटकीय स्थल सलहेश फूलवारीमा आजकै दिन मात्र फुल्ने फुल दर्शन गर्न आउने…