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#बच्चों के कमरे के लिए वास्तु
mypanditastrologer · 6 months
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monkvyasaa · 2 years
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Vastu Shastra Tips In Hindi For Home, Office
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वास्तु शास्त्र वास्तुकला पर सबसे महत्वपूर्ण प्राचीन भारतीय ग्रंथों में से एक है। यह किसी भी स्थान पर स्वस्थ और शुभ वातावरण बनाने के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करता है, चाहे वह किसी व्यक्ति का घर हो या सार्वजनिक स्थान। इस लेख में, हम आपको अधिक सामंजस्यपूर्ण वातावरण बनाने में मदद करने के लिए कुछ Vastu Shastra Tips Hindi में साझा करेंगे।
वास्तु शास्त्र वास्तुकला और डिजाइन की एक प्रणाली है जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई थी। वास्तु शास्त्र के पीछे दर्शन यह है कि एक घर को प्राकृतिक नियम या कंपन के सिद्धांतों के अनुसार डिजाइन किया जाना चाहिए।
इसमें यह सुनिश्चित करना शामिल है कि दरवाजे और खिड़कियां सही जगहों पर हैं, फर्नीचर को उन्मुख करना ताकि यह ऊर्जा प्रवाह में बाधा न डाले, और सजावटी सुविधाओं को स्थापित करना जो आसपास के वातावरण के अनुरूप हों।
आप अपने घर के आकार और दिशा का निर्धारण कैसे करते हैं?
स्वास्थ्य और समृद्धि को बेहतर बनाने के लिए वास्तु शास्त्र की सही समझ होना जरूरी है। वास्तुकला का प्राचीन हिंदू विज्ञान हमारे घरों को उनके प्राकृतिक प्रवाह और ऊर्जा के अनुसार डिजाइन करने में हमारा मार्गदर्शन करता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, प्रत्येक घर का अपने परिवेश में संतुलन बनाने के लिए एक विशिष्ट आकार और दिशा होनी चाहिए।
वास्तु तीन तत्वों से बना है: राजा (राजा), तुला (तारा) और नक्षत्र (स्थान)। ये तत्व मिलकर एक ज्यामिति बनाते हैं जो एक इमारत को आकार देती है। अपने घर के आकार और आकार की गणना करने के कई तरीके हैं, लेकिन ऐसा करने का सबसे सटीक तरीका वास्तु शास्त्र के विशेषज्ञ से सलाह लेना है।
वास्तु क्या है? आपके घर में वास्तु सिद्धांतों का पालन करने के क्या लाभ हैं?
इसमें आपके घर की ऊर्जा में सुधार के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं। घर की ऊर्जा का निर्धारण करने में सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक वस्तुओं और फर्नीचर का स्थान है। शुरुवात करने में आपकी सहायता के लिए यहां 25 Vastu Shastra Tips Hindi में दी गई हैं:
अगर आपको वास्तु शास्त्र के बारे में और जानकारी चाहिए तो किसी Expert Astrologer की सहायता ले.
1) मोर का पंख घर के पूर्वी और उत्तर-पश्चिम दीवार पर लगाने से राहू का दोष दूर होता है, कालसर्प दोष दूर करने के लिये भी मोरपंख को तकिये के अन्दर रखा जाता है. यदि रात में डरावने सपने आते हों तो मोर पंख को अपने तकिये के नीचे रख लें और सोते समय जले रक्षतु वाराहः स्थले रक्षतु वामनः अटव्यां नारसिंहश्च सर्वतः पातु केशवः इस मन्त्र का जाप करें, ऐसा करने से डरावने सपने नहीं आते हैं.
2) वास्तु विज्ञान के अनुसार लाल रंग के फूल जीवन में उत्साह और उमंग लाते हैं. इस रंग के फूल बगीचे या घर के दक्षिण में लगाना चाहिये। ईस दिशा में लाल फूल लगाने से यश और कीर्ति मिलती है. इसके अलावा बगीचे की दक्षिण दिशा में लाल गुलाब और गुड़हल का पौधा लगाना शुभ माना जाता है, इससे पति-पत्नी के जीवन में भी प्रेम बढ़ता है.
3) मनी प्लांट की जड़ो को कभी भी जमीन पर न फैलाएं इसे दीवारों के सहारे ऊपर की ओर जाने देना चाहिए, इससे धन की वृद्धि होती है. 
4) वास्तु के अनुसार बच्चों के कमरे में नीले, गुलाबी या हरे रंग के पर्दे लगाने चाहिए, यह रंग शांति और अच्छे स्वास्थ्य का संकेत माना जाता है और इससे बच्चों का मन भी पढ़ाई में लगा रहता है.
5) रसोई में कभी भी दवाई नहीं रखनी चाहिए, ऐसा करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं और जीवन में सुख की कमी भी होती है। दवाई हमेशा घर की ईशान कोण में रखनी चाहिए। दवाओं को उत्तर-पूर्व दिशा में रखने से भी इन दवाओं का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और स्वास्थ्य लाभ भी बना रहता है।
6) यदि कोई व्यक्ति तनावग्रस्त या मानसिक रूप से परेशान है तो प्रतिदिन मिट्टी के बने गमले से पौधों को पानी दें। आप किसी भी पेड़ या पौधे में मिट्टी के बर्तन से पानी डाल सकते हैं। रोजाना ऐसा करने से मानसिक शांति मिलती है और नकारात्मकता और तनाव से मुक्ति मिलती है। घर में मिट्टी के छोटे-छोटे सजावटी बर्तन रखने से भी रिश्तों में मधुरता बनी रहती है।
7) किसी भी कार्य की सफलता के लिए घर से निकलने से पहले जाते समय रोटी हाथ में लें। रास्ते में जहां कहीं भी कौवे दिखें, उस रोटी को टुकड़ों में काटकर आगे बढ़ा दें, इससे सफलता मिलती है।
8) घर में कलश में शुद्ध जल भरकर अशोक या आम के पत्तों को लाल धागे से बांधना चाहिए। इस तरह से कलश रखने से स्वास्थ्य, समृद्धि और कल्याण में वृद्धि होती है। इसे घर के मंदिर में स्थापित करना शुभ होता है, इसे भी समय-समय पर बदलते रहना चाहिए।
9) क्रसुला का पौधा धन को चुंबक की तरह आकर्षित करता है। घर में क्रसुला का पौधा लगाने से सकारात्मक ऊर्जा आती है। वास्तु शास्त्र में ऐसा माना जाता है कि इस पौधे को रखने से घर में धन की वृद्धि होती है।
10) सोमवार के उपाय व्यवसाय में उन्नति के लिए सोमवार के दिन शिव-मंदिर में जाकर दूध मिश्रित जल शिवलिंग पर चढ़ाएं। महीने की किसी भी पूर्णिमा को जल में दूध मिला कर चन्द्रमा को अर्घ्य देकर व्यवसाय में उन्नति की प्रार्थना करें, तुरन्त ही असर दिखाई देगा।
11) अगर आप अक्सर माइग्रेन या सिर दर्द से परेशान रहते हैं तो घर को चमेली, मेंहदी और शीशम की खुशबू से भर दें। वास्तु के अनुसार इन फूलों की सुगंध से मानसिक शांति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि भी बनी रहती है।
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vasturaviraj · 4 years
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Home Vastu Tips: अपने सपनों का खरीदना है घर, तो पहले जान लें ये महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स
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Article Authored by Mr Raviraj Ahirrao, Co-founder of VastuRaviraj
Home Vastu Tips: कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन ने लोगों को कई प्रकार के कार्यों से दूर कर दिया था। लोगों ने कोरोना काल में अपने सपनों का घर खरीदने की योजना को स्थगित कर दिया। जैसे जैसे अब हम कोरोना से उबर रहे हैं, लोग अब अपने सपनों के घर को खरीदने का भी मन बना रहे हैं। रियल एस्टेट डेवलपर्स भी ऐसे समय में लोगों को अपनी प्रॉपर्टी वर्चुअली दिखा रहे हैं। य​ह घर खरीदने वालों के लिए भी बिल्कुल ही नया अनुभव है। यदि आप अपने सपनों का घर खरीदने का विचार कर रहे हैं तो आपको सबसे पहले वास्तु से संबंधित महत्वपूर्ण बातों को जान लेना चाहिए, ताकि बाद में किसी प्रकार का वास्तु दोष आपकी तरक्की में बाधक न बनें।
वास्तु विशेषज्ञ डॉ. रविराज अहिरराव से जानते हैं कि मकान या फ्लैट खरीदते समय व्यक्ति को वास्तु के किन महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखना चाहिए। आइए जानते हैं—
1. अपने सपनों के घर बनाने के लिए न्यूनतम तीन विकल्प चुनें। घर के सभी पहलुओं का मूल्यांकन करने के लिए वास्तु एक्सपर्ट की सलाह लें और फिर सर्वश्रेष्ठ का चयन करें।
2. हमेशा उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व में मुख्य प्रवेश द्वार वाला ही मकान या फ्लैट पसंद करें। यह वास्तु के अनुसार उत्तम माना जाता है।
3. आपके घर में उत्तर से पूर्व क्षेत्र में ज्यादा खुला स्थान होना चाहिए।
4. आपके घर में सुबह की सूरज की किरणें आनी चाहिए। यह किसी भी खुशहाल घर के लिए महत्वपूर्ण होता है। घर में सुबह की किरणें आएं, ना कि शाम की किरणें।
5. आपके घर का रसोईघर दक्षिण-पूर्व में, दक्षिण-पश्चिम में मास्टर बेडरूम और उत्तर-पश्चिम में बच्चों के कमरे होने चाहिए।
6. पूजा घर या पूजा करने का स्थान उत्तर से पूर्व क्षेत्र में होना चाहिए।
7. आपका घर या फ्लैट का आकार वर्गाकार या आयताकार होना चाहिए। वास्तु के अनुसार ऐसे घर और फ्लैट बहुत ही उत्तम माने जाते हैं।
जब भी आप घर या फ्लैट खरीदें तो उससे पहले किसा वास्तु विशेषज्ञ से इस बारे में राय जरूर ले लें। ऐसा करने से आपके सपनों का घर वास्तु दोष से मुक्त होगा और आपका परिवार खुशहाल रहेगा।
This article is originally featured on “Jagran.com”, published on March 1, 2021:
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Read our article on “12 Vastu Tips For Bedroom & Living Room” click here
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imsaki07 · 4 years
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Vastu Tips for Kids Room : कैसा हो बच्चों का कमरा, जानिए 10 खास बातें #news4
हर गृह स्वामी को अपने घर के संपूर्ण वास्तु-विचार के साथ अपने बच्चों के कमरे के वास्तु का भी ध्यान रखना चाहिए। बच्चों की उन्नति एवं बुद्धि प्राप्ति के लिए उनका वास्तु अनुकूल गृह अथवा कमरे में निवास करना आवश्यक है। आइए जानें 10 खास बातें-  1. घर में बच्चों का कमरा पूर्व, उत्तर, पश्चिम या वायव्य में हो सकता है। दक्षिण, नैऋत्य या आग्नेय में बच्चों के कमरे की सजावट पूर्ण रूप से उनके अनुकूल होनी…
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यदि शयनकक्ष में वास्तु नियमों का ध्यान रखा जाता है, तो जीवन में शांति, बच्चों की पढ़ाई में सफलता और व्यवसाय में यथासंभव तरक्की रहती है। आज हम पति पत्नी के शयनकक्ष से संबंधित कुछ नियमों पर चर्चा करेंगे। • शयनकक्ष में कपड़े रखने के लिए अलमारी कमरे के उत्तरपश्चिम, पश्चिम, दक्षिणपश्चिम या दक्षिण में होनी चाहिए। • टेलिविजन शयनकक्ष के उत्तर या प��र्व में रखना चाहिए। • शयनकक्ष का दक्षिणपश्चिमी कोना कभी खाली नहीं होना चाहिए। • शयनकक्ष में सोते समय सिर कभी भी उत्तर की ओर नहीं होना चाहिए। • किसी भी विवादित मुद्दे पर शयनकक्ष में चर्चा नहीं की जानी चाहिए। • शयनकक्ष की दीवारों में कोई टूट-फूट नहीं होनी चाहिए। • शयनकक्ष में ऐसी कोई भी तस्वीर न लगाएं जो हिंसा को दर्शाती हो। • बिस्तर कभी भी सीधे दरवाजे के सामने नहीं होना चाहिए। यदि दरवाजे के एकदम सामने बिस्तर हो, तो इसे थोड़ा सरका लें। यदि आपका कमरा छोटा है और बिस्तर सरकाना संभव नहीं है, तो दरवाजे पर पर्दा लगा लें। http://shashwatatripti.wordpress.com #vastulokesh #bedroom https://www.instagram.com/p/CE0hrClHkQi/?igshid=mouyokmtwg17
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devendrasinghworld · 4 years
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Candle Image Source : INSTAGRAM/RE_LIPSTICK_1
वास्तु शास्त्र में आचार्य इंदु प्रकाश बात करेंगे बच्चों के कमरे में कैंडल्स लगाने के बारे में। अगर आपके बच्चे को पढ़ते वक्त डर लगता है जिसके चलते वह अपनी पढ़ाई में कॉन्सन्ट्रेट नहीं कर पाता और एक ही चीज को दोहराता रहता है , तो उसके भय को दूर करने के लिये उसके स्टडी रूम की दक्षिण दिशा में एक लाल रंग का कैंडल जलाकर रख दें और जब तक वह पढ़ता रहे, वहां कैंडल जली रहने दें।  
आपको बता दूं दक्षिण दिशा का संबंध अग्नि से है और अग्नि का संबंध लाल रंग से है। अतः दक्षिण दिशा में  लाल रंग की कैंडल ही जलानी  चाहिए। इससे बच्चे को किसी प्रकार का भय नहीं होगा और वह पढ़ाई में अच्छे से कॉन्सन्ट्रेट कर पायेगा।
अगर आपको अन्य दिशाओं में भी कैंडलस लगानी हो, तो  सही रंगों का चुनाव दिशा के अनुसार ही करना चाहिए। अतः किस दिशा में कौन-से रंग की कैंडलस लगाना उचित होगा, इस पर हम कल चर्चा करेंगे।
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!! वास्तु टिप्स !!
Scientific Vastu by Dr. Anand Bhardwaj Ph.- 9811656700, 9999256700 www.vaastu-india.com
घर में अशान्ति का महौल है ?
प्र0. हमारा तीन कमरे व एक ड्राइंग रूम का दुमंजिल मकान है। 2 साल पहले सबसे बडे़ भाई साहब की शादी हो गई व फर्स्ट फ्लोर पर सबसे पीछे का कमरा उन्हें दे दिया गया। पहले यहां पर हमारे माता-पिता रहते थे। पिछले कुछ महीनों से घर में अशान्ति व कलह का माहौल है। मैं तीनों भाईयों में बीच का हूं व शीघ्र ही मेरी भी शादी होने वाली है। लेकिन टेन्शन के कारण में कुछ भी समझ नहीं पा रहा हूं। क्या ऐसा किसी वास्तुदोष के कारण हो सकता है। रमेश आहुजा, तिलक नगर।
उ0. ऐसा लगता है कि आपका मकान पूर्व या उत्तरमुखी है तथा इसमें पीछे की ओर नेत्रत्य कोण है जहां पर कि पहले घर के वरीष्ठतम सदस्य (माता-पिता) रहते थे व तीनों बेटे दक्षिण व पश्चिम की दिशा में नीचे के फ्लोर पर रहते थे यह एक बड़ी सुखद वास्तु स्थिति है। परन्तु यदि नेत्रत्य कोण में ऊपर के तल पर शादीशुदा बच्चे रहेंगे तो यह समझें कि जैसे रथ के सारथी के हाथों से घोड़ो की लगाम छूट गई हो। ऐसे में परस्पर प्यार, एकजुटता, सम्बधों की मिठास , आदर एवं गृहशान्ति जैसे सुख दूर होना शुरु कर देते है। अतः आपको फिर से कमरों की सैटिंग ऐसे करनी होगी जिससे घर के बड़े लोग पूर्व या उत्तर के कमरो में न रह कर पुनः भवन के सबसे शक्तिशाली भाग यानि नै´ृत्य कोण में रहें। बच्चों को भी दक्षिण व पश्चिम के कमरों में ही रहना चाहिए। पूर्व एवं उत्तर के कमरे पूजा, स्टडी, मेहमान आदि के लिए प्रयोग करे।
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kisansatta · 4 years
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Vastu Tips: सास बहू के झगड़े को शांत कर सकते है ये उपाय
हर घर की ज्यादातर एक ही समस्या होती है और वो है सास-बहू का झगड़ा। इस रिश्ते के बीच खींचतान इसकी मूल पहचान बन गया है।कई बार यह तालमेल ना होने पर क्लेश बढ़ता है और घर का माहौल खराब होता है।अगर आपके रिश्ते भी अपनी बहू या सास के साथ अच्छे नहीं हैं तो कहीं इसके पीछे वास्तु दोष तो नहीं एक बडी वजह।इए जानते हैं आखिर किस वास्तु दोष की वजह से सास-बहू में अक्सर बनी रहती है अनबन और कैसे इसे ठीक किया जा सकता है।
सास और बहु के कमरे में अलग अलग सास बहु की तस्वीरें दीवार पर लगाएं। बहु का बैडरूम दक्षिण पश्चिम कोने में होना चाहिए और सिरहाना दक्षिण दिशा में हो और सास का कमरा उत्तर पूर्व दिशा में हो और सिरहाना पूर्व की तरफ रखें। घर के बाहर आंगन , बालकनी , या वरांडे में केले या तुलसी का पौधा लगाकर उसकी पूजा पाठ करें। घर में मनीप्लांट उत्तर दिशा में लगाएं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, आप घर में चंदन की मूर्ति ऐसी जगह रखें, जहां सभी के नजर पड़ती हो। ऐसा करने से ना केवल सास-बहू के झगड़े खत्म हो जाएंगे बल्कि परिवार में एक-दूसरे के प्रति तनाव भी खत्म हो जाएगा।
वास्तु के अनुसार किचन की कैबिनेट का रंग काला न रखें। काले रंग से निकलने वाली रेडिएशन घर की महिलाओं की सेहत पर बुरा असर डाल सकती हैं।
दक्षिण पश्चिम कोने में दिवंगत पूर्वजो की तस्वीर लगाएं। उनको माला पहना कर रखें। दीवार पर बत्तख और उसके बच्चों की तस्वीर लगाकर रखें। सास बहु घर में शहद का सेवन ज़रूर करें। दीवारों का रंग हल्का बैंगनी या हरे रंग का होना चाहिए। सास बहु के झगड़े को कम करने के लिए बहु का कमरा दक्षिण दिशा में रखना भी ठीक रहेगा। उस से छोटी बहु का कमरा उत्तर दिशा में रखना है।
कोई झगड़ालू सास या झगड़ालू बहु हो। इनका सिरहाना कभी भी पूर्व दिशा की ओर ना रखें। इनका सर दक्षिण की तरफ और पैर उत्तर की तरफ होना चाहिए। इनको तेज़ नमक या मसालेदार खाना नहीं खाना चाहिए।
वास्तु विज्ञान के अनुसार, दोनों के बीच रिश्तें में प्यार बढ़ाने के लिए दोनों के ही कमरों में लाल रंग के फ्रेम में उनकी साथ खिंचवाई तस्वरी लगवाएं। इससे दोनों के बीच आपसी संबंध सुधरेंगे।
वास्तु के अनुसार रिश्तों में तनाव कम करने के लिए घर की उत्तर-पूर्व दिशा में कूड़ेदान नहीं रखना चाहिए। ध्यान रखें इस जगह को हमेशा साफ रखने की कोशिश करें।
झगड़ालू सास और बहु को गले में सफ़ेद धागे में चांदी का चन्द्रमा सोमवार को पहनाएं। शुक्रवार को क्रिस्टल की माला पहनाने से झगड़े कम होंगे।
सास और बहु के कमरे में झरने और नदियों की तस्वीरें भी लगा सकते है।
https://kisansatta.com/vastu-tips-these-measures-can-calm-the-quarrel-of-mother-in-law33151-2/ #CrystalBeads, #SilverMoon, #VastuTipsTheseMeasuresCanCalmTheQuarrelOfMotherInLaw Crystal beads, Silver moon, Vastu Tips: These measures can calm the quarrel of mother-in-law Religious, Trending #Religious, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
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homeandgardenhindi · 5 years
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एम्मा मार्टिन के साथ प्रकृति के करीब पहुंचें
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एम्मा मार्टिन के साथ प्रकृति के करीब पहुंचें डिजाइन और आर्किटेक्चर, ईको लिविंग, गार्डन, होम में 22 जुलाई को लियाम किंग्सवेल द्वारा प्रकृति के करीब आने का समय: एम्मा मार्टिन ने अपने स्टाइल सीक्रेट्स को बाहर के लोगों तक पहुंचाने में मदद की। प्रकृति से प्रेरित स्टाइल हाल के सत्रों में अंदरूनी हिस्सों में सबसे बड़े रुझानों में से एक र���ा है, और ऐसा लगता है जैसे यह यहां रहना है। एंग्लियन होम इम्प्रूवमेंट्स के अनुसार, 'बायोफिलिया' बाहर लाने की हमारी इच्छा के पीछे है। जीवित चीजों और प्रकृति के प्यार के रूप में परिभाषित किया गया है, जो कई लोगों का मानना ​​है कि मनुष्य के साथ पैदा होते हैं, बायोफिलिया न केवल हमें बाहरी दुनिया से जोड़ता है - यह भी है माना जाता है कि स्वास्थ्य और भलाई पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। एंग्लियन ने जीवन और शैली के ब्लॉगर, एम्मा मार्टिन (एंबेल और ऐश @ लिटलवुडलाइफ़) के साथ मिलकर शीर्ष युक्तियाँ प्रदान की हैं कि इस प्रवृत्ति को हमारे अपने रहने वाले स्थानों में कैसे शामिल किया जा सकता है। एम्मा की युक्तियों को घर के मालिकों को तेज-तर्रार अंदरूनी बनाने के लिए प्रेरित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो बाहरी लोगों के लिए अधिकतम संपर्क का आनंद लेते हैं, साथ ही कई लाभों का आनंद ले सकते हैं जो प्रकृति के करीब ला सकते हैं। एंग्लियन होम इंप्रूवमेंट्स के डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर लियाम किंग्सवेल ने कहा: “हम अपना 90 प्रतिशत समय विभिन्न प्रकार की इमारतों के अंदर बिताते हैं - और वास्तव में इस समय का अधिकांश हिस्सा हमारे घरों के अंदर ही व्यतीत होता है। एंग्लियन में हमारा मानना ​​है कि हमारे घरों को अभयारण्य होना चाहिए; हमारे व्यस्त और तनावपूर्ण जीवन से उबरने के लिए एक जगह। इसलिए हम एम्मा मार्टिन के साथ काम करके बहुत खुश हैं, घर के मालिकों को इंटीरियर डिजाइन के माध्यम से अपने रहने की जगह में बायोफिलिया प्रवृत्ति को शामिल करने में मदद करने के लिए और अंत में, घर को घर बनाने के लिए। " EMMA मार्टिन टॉप टिप्स: वानस्पतिक प्रिंट का उपयोग करें अपनी दीवारों और नरम असबाब के लिए एक विचित्र वनस्पति प्रिंट चुनने पर विचार करें। पुष्प और पत्ती रूपांकनों व्यापक रूप से उपलब्ध हैं और - लिनन, कच्ची लकड़ी, राफिया और रतन के साथ संयुक्त - वे एक योजना बना सकते हैं जो समकालीन और ताजा दोनों है। आपका घर सबसे काले दिनों में भी वर्षावन या अंग्रेजी देश के बगीचे का कोना बन सकता है! इंद्रियों को उत्तेजित करो अपने स्थान को सूक्ष्मता से सुगंधित करने के लिए पुष्प या हर्बल सुगंधित लिनन स्प्रे और मोमबत्तियों का उपयोग करें। लैवेंडर आरामदायक नींद, और नींबू और अदरक को पुनर्जीवित करने में सहायता करने के लिए एकदम सही है। ऐसे तंतुओं को चुनें जो आगे आने वाले मौसमों के कारण हैं - वसंत खिलता है, समुद्र में गर्मी होती है, या सर्दी के महीनों में देवदार के जंगल। फूलों और पौधों के साथ गौण अपने स्थान को वास्तव में निजीकृत करने के लिए ताजे फूल और पौधे जोड़ें। मौसमी तनों को कांच की बोतलों या जैम जार में प्रदर्शित करने के लिए चुनें और उन्हें अलमारियों या ड्रेसर के शीर्ष पर अन्य प्राकृतिक तत्वों के साथ मिलाएं, ताकि आंख को शांत और प्रसन्न किया जा सके। कोनों में या फर्श पर एक खिड़की से बड़े वास्तु पौधों पर विचार करें। ये वास्तव में बाहर के साथ लिंक करते हैं, लंबे समय तक चलने वाले होते हैं जिनकी देखभाल की जाती है, और घर में वायु की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करते हैं। जब संभव हो तो खिड़कियां और दरवाजे खोलें और वसंत और गर्मियों के महीनों में दरवाजे की चौखट और पौधों के बर्तनों के साथ सील करें। उन्हें पानी में रहने का लाभ होगा लेकिन फिर भी आपके इनडोर स्थान को रंग प्रदान करेगा। कुछ जड़ी-बूटियों को अलग-अलग गमलों में लगाएं और उन्हें अपने किचन काउंटर पर, एक खिड़की के पास रखें। वे देखने में बहुत अच्छे हैं और अगर मिट्टी को नम रखा जाए तो शानदार ढंग से बढ़ेगा। वे आपके खाना पकाने के लिए कुछ ताजा, बाहरी जायके जोड़ने के लिए एकदम सही हैं! यदि आप एक अधिक बड़े बदलाव की कल्पना करते हैं, और वास्तव में अपने बाहरी स्थान को एक रूढ़िवादी विस्तार या द्वि-मोड़ दरवाजे जोड़ना चाहते हैं, तो यह आपके घर में प्रकाश को अधिकतम करेगा। खिड़की और दरवाजे के फ्रेम के लिए ऑप्ट जो कि जितना संभव हो उतना सहज हो, और कांच के पैन जो आपके बगीचे से परे अखंड विचार प्रदान करते हैं। दरवाजे चौड़े करना और इनडोर टाइलें चुनना जो आउटडोर फ़र्श (या डेकिंग में चलने वाली लकड़ी की फ़र्श) के समान हैं, यह सभी को एक इनडोर / आउटडोर स्पेस होने का सुसंगत एहसास देता है। गर्मियों की पार्टियों के लिए बिल्कुल सही! एम्मा मार्टिन ने कहा: "अमेरिकी जीवविज्ञानी एडवर्ड ओ विल्सन ने प्रकृति के साथ मानव संबंध की खोज करते हुए, और बाहरी दुनिया पर हमारे मनोदशा और मानस पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभावों को देखते हुए, 1980 में 'बायोफिलिया' शब्द गढ़ा। तीस साल, आंतरिक रुझान तेजी से महान बाहर से अपनी बढ़त ले रहे हैं। हमारे घरों में वानस्पतिक प्रिंट, प्राकृतिक कपड़े और पौधों के जीवन में एक उतार-चढ़ाव आया है, इसलिए भले ही हमें प्राकृतिक परिवेश में बाहर समय बिताना पड़े, तो भी हम घर आ सकते हैं। " एम्मा मार्टिन एक जीवन शैली और स्टाइल ब्लॉगर (एंबेल और ऐश) है, जो अपने तीन बच्चों और लघु Dachshund Ernie के साथ पारिवारिक जीवन का दस्तावेजीकरण करती है। 2013 में, एम्मा के परिवार ने अपने हमेशा के लिए घर बनाने की प्रक्रिया शुरू की, अंदरूनी विचारों, नए खरीददारों, अपसाइक्लिंग और कमरे के सुधारों से। डबल-चकाचौंध वाली खिड़कियों और दरवाजों, कंजर्वेटरी और ऑरेंजरीज़ सहित, एंग्लियन और इसके विस्तृत घर सुधार उत्पादों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, www.anglianhome.co.uk पर जाएँ। इसे साझा करें:
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finiiinteriors · 6 years
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बेड रूम (शयन कक्ष) के स्थान और सामान के लिए वास्तु टिप्स
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बेडरूम आपका वह स्थान जहां आप अपना सबसे ज्यादा समय बिताते हें| पुरे दिन काम करने के बाद यह स्थान आपके शरीर और दिमाग को आराम और शांति प्रदान करता है| यहाँ वास्तु शास्त्र के अनुसार शयन कक्ष के स्थान और चीजों के रखरखाव के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं |
बेड रूम के लिए उपयुक्त दिशाये:
मुख्य शयन कक्ष, जिसे मास्टर बेडरूम भी कहा जाता हें, घर के दक्षिण पश्चिम या उत्तर पश्चिम की ओर होना चाहिए | अगर घर में एक मकान की ऊपरी मंजिल है तो मास्टर ऊपरी मंजिल मंजिल के दक्षिण पश्चिम कोने में होना चाहिए |बच्चों का कमरा उत्तर – पश्चिम या पश्चिम में होना चाहिए और मेहमानों के लिए कमरा (गेस्ट बेड रूम) उत्तर पश्चिम या उत्तर – पूर्व की ओर होना चाहिए|पूर्व दिशा में बने कमरा का अविवाहित बच्चों या मेहमानों के सोने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है |उत्तर – पूर्व दिशा में देवी – देवताओं का स्थान है इसलिए इस दिशा में कोई बेडरूम नहीं होना चाहिए | उत्तर – पूर्व में बेडरूम होने से धन की हानि , काम में रुकावट और बच्चों की शादी में देरी हो सकती है |दक्षिण – पश्चिम का बेडरूम स्थिरता और महत्वपूर्ण मुद्दों को हिम्मत से हल करने में सहायता प्रदान करता है |दक्षिण – पूर्व में शयन कक्ष अनिद्रा , चिंता , और वैवाहिक समस्याओं को जन्म देता है | दक्षिण पूर्व दिशा अग्नि कोण हें जो मुखरता और आक्रामक रवैये से संबंधित है | शर्मीले और डरपोक बच्चे इस कमरे का उपयोग करें और विश्वास प्राप्त कर सकते हैं | आक्रामक ��र क्रोधी स्वभाव के जो लोग है इस कमरे में ना रहे|उत्तर – पश्चिम दिशा वायु द्वारा शासित है और आवागमन से संबंधित है | इसे विवाह योग्य लड़किया के शयन कक्ष के लिए एक अच्छा माना गया है | यह मेहमानों के शयन कक्ष लिए भी एक अच्छा स्थान है|शयन कक्ष घर के मध्य भाग में नहीं होना चाहिए, घर के मध्य भाग को वास्तु में बर्हमस्थान कहा जाता है | यह बहुत सारी ऊर्जा को आकर्षित करता है जोकि आराम और नींद के लिए लिए बने शयन कक्ष के लिए उपयुक्त नहीं है |
बेड रूम में रखे सामान के लिए उपयुक स्थान:
सोते समय एक अच्छी नींद के नंद के लिए सिर पूर्व या दक्षिण की ओर होना चाहिए |वास्तु के सिद्धांतों के अनुसार, पढ़ने और लिखने की जगह पूर्व या शयन कक्ष के पश्चिम की ओर होनी चाहिए | जबकि पढाई करते समय मुख पूर्व दिशा में होना चाहिए |ड्रेसिंग टेबल के साथ दर्पण पूर्व या उत्तर की दीवारों पर तय की जानी चाहिए |अलमारी शयन कक्ष के उत्तर पश्चिमी या दक्षिण की ओर होना चाहिए | टीवी, हीटर और एयर कंडीशनर को दक्षिण पूर्वी के कोने में स्थित होना चाहिए |बेड रूम के साथ लगता बाथरूम, कमरे के पश्चिम या उत्तर में होना चाहिए |दक्षिण – पश्चिम , पश्चिम कोना कभी खाली नहीं रखा जाना चाहिए|यदि आप कोई सेफ या तिजोरी, बेड रूम में रखना चाहे तो उसे दक्षिण कि दिवार के साथ रख सकते हें, खुलते समय उसका मुंह धन की दिशा, उत्तर की तरफ खुलना चाहिए|
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vinay991099 · 6 years
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बच्चों के चहुंमुखी विकास के लिए साफ सुथरा बच्चों का कमरा, उचित पौष्टिक आहार, चिकित्सा सुविधा, शिक्षा, वस्त्रों आदि की आवश्यकता होती है। वास्तु शास्त्र, इंटीरियर डेकोरेटर्स, वास्तुशास्त्र, शारीरिक विकास, बच्चों के कमरे के वातावरण, ब्लैकबोर्ड, स्पॉट लाइट, Super Thirty Vastu Tips
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वास्तु दोष दूर करने के लिए यह दिन है खास
वैशाख मास में पूर्णिमा के दिन भगवान श्री हरि विष्णु के कूर्म अवतार के रूप में कूर्म जयंती का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी तिथि को भगवान विष्णु ने कूर्म (कछुए) का अवतार धारण किया था। समुद्र मंथन के समय श्री हरि ने कूर्म अवतार लेकर मंदराचल पर्वत को अपनी पीठ पर धारण किया था। इस दिन को निर्माण संबंधी कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। अगर आपको परिवार के लिए घर की आवश्यकता है तो कूर्म स्वरुप श्री हरि विष्णु की पूजा करें। भगवान को पीले फल व पीले वस्त्र अर्पित करें।
कूर्मावतार भगवान श्री हरि के प्रसिद्ध दस अवतारों में द्वितीय अवतार है और 24 अवतारों में 11वां अवतार है। कूर्म जयंती नया घर, भूमि आदि के पूजन के लिए सबसे उत्तम समय माना जाता है। इस विशेष दिवस पर घर से वास्तु दोष दूर किए जा सकते हैं। नया भवन बना रहे हैं तो घर की नींव में चांदी का कछुआ रखने से परिवार में संपन्नता और खुशहाली आती है। बच्चों के कमरे में मिट्टी के कछुए को स्थापित करें। शयन कक्ष में धातु का कछुआ रखने से गहरी निद्रा आती है। रसोई घर में कूर्म की स्थापना करने से वहां पकने वाला भोजन रोगों से मुक्ति दिलाता है। घर की छत पर कूर्म की स्थापना करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
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परीक्षा / परिणाम तनाव से निपटने के लिए साधारण वास्तु परिवर्तन
परीक्षा का समय बच्चों के साथ, माता-पिता के लिए भी महत्वपूर्ण है। परीक्षा के साथ-साथ परिणाम का समय भी आपके घर में दबाव, तनाव और चिंता के सूक्ष्म कंपन उत्पन्न करता है। ये कंपन आपके बच्चे के अवचेतन दिमाग पर बहुत प्रभाव डालते हैं। हालांकि, आपके घर में कुछ वास्टू परिवर्तन आपके बच्चे को इस तनाव और अनावश्यक चिंता से बचा सकता है।
पीसी (कंप्यूटर) या लैपटॉप को पुनर्स्थापित करें
आज की टेक्नोलॉजी-संचालित दुनिया ने पीसी (कंप्यूटर) पर खर्च किए जाने वाले छात्र के समय को बढ़ाया है, चाहे यह परियोजनाओं, स्कूल कार्य या सोशल मीडिया के लिए हो। पीसी (कंप्यूटर) को वास्तु नियुक्त दिशा में रखने से बच्चों के बीच चिंता कम करने में मदद मिल सकती है। पूर्व दिशा सभी दिशाओं में सबसे पवित्र है और इसलिए यह लैपटॉप या कंप्यूटर रखने के लिए सबसे अच्छी है। यह दिशा घर में सभी दिव्य प्रकाश और ऊर्जा का प्रवेश बिंदु है।
बिस्तर की प्लेसमेंट
चूंकि बच्चे को इस चरण के दौरान स्थिरता में वृद्धि की जरूरत है, इसलिए दक्षिण की दिशा में बिस्तर को जगह देना सर्वोत्तम है क्योंकि दक्षिण पृथ्वी की दिशा है- जिसका अर्थ है स्थिरता।
सीढ़ियों का वास्तु
सीढ़ियां घर में प्रवेश और बाहर निकलने का बिंदु हैं और इसलिए सीढ़ियों के वास्तु का ध्यान रखना चाहिए। सीढ़ियों की दीवारों पर प्रेरक तस्वीरें लगाना बच्चों के लिए इस महत्वपूर्ण चरण के दौरान बहुत उपयोगी साबित होता है।
गहरे रंग की चादर से बचें
चिंता का स्तर कम करने में मदद करने के लिए हल्के रंग की चादर आपके बच्चे के बेडरूम में उपयोग करने के लिए सर्वश्रेष्ठ है।
कमरा उज्ज्वल होना चाहिए
बच्चों के कमरे विशेष रूप से अध्ययन क्षेत्र को अच्छी तरह से रोशन किया जाना चाहिए। तेज रोशनी प्रेरक भावना को बढ़ाती है।
बच्चे की जरूरतों पर ध्यान दें
बच्चों की परीक्षाओं के कार्यकाल के दौरान, माता-पिता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे बच्चे के साथ-साथ उनकी मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं के लिए अपना अधिकतम समय दें। अपने बच्चे के प्रति पूर्ण ध्यान सुनिश्चित करने के लिए गैजेट को अपने से दूर रखें।
आपके घर या कार्यालय के लिए किसी भी वास्तु से संबंधित प्रश्नों के लिए Kunal Vaastu Kendra से संपर्क करें।
Website: www.kunalvaastukendra.com
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बच्चों के कमरे के लिए महत्वपूर्ण वास्तु सुझाव- • बच्चों के कमरे का दरवाजा उत्तर या पूरब दिशा में होना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि दरवाजा एक ही पल्ले वाला हो, दो पल्ले वाला नहीं। • बच्चों को हमेशा पूर्व दिशा में सिर करके सोना चाहिए। इससे बुद्धि तेज होती है। • बच्चों के कमरे में कुर्सी और मेज इस प्रकार रखनी चाहिए की पढ़ाई करते हुए उनका मुख पूर्व दिशा की ओर रहे। ऐसे में ध्यान भटकता नहीं है। • बच्चों के कमरे में बिस्तर के सामने कोई भी दर्पण नहीं रखा होना चाहिए। इससे उनकी सेहत और दिमाग दोनों पर ही नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। • बच्चों के कमरे में प्रकाश न तो बहुत तेज होना चाहिए और न ही बहुत कम होना चाहिए। • बच्चों के कमरे की छत ऊँची नीची न हो। http://shashwatatripti.wordpress.com #vastulokesh #childrenroom https://www.instagram.com/p/CEGEvHxnb3Z/?igshid=fmn4p6wraxx1
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devendrasinghworld · 4 years
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Candle Image Source : INSTAGRAM/RE_LIPSTICK_1
वास्तु शास्त्र में आचार्य इंदु प्रकाश बात करेंगे बच्चों के कमरे में कैंडल्स लगाने के बारे में। अगर आपके बच्चे को पढ़ते वक्त डर लगता है जिसके चलते वह अपनी पढ़ाई में कॉन्सन्ट्रेट नहीं कर पाता और एक ही चीज को दोहराता रहता है , तो उसके भय को दूर करने के लिये उसके स्टडी रूम की दक्षिण दिशा में एक लाल रंग का कैंडल जलाकर रख दें और जब तक वह पढ़ता रहे, वहां कैंडल जली रहने दें।  
आपको बता दूं दक्षिण दिशा का संबंध अग्नि से है और अग्नि का संबंध लाल रंग से है। अतः दक्षि: Yibण दिशा में  लाल रंग की कैंडल ही जलानी  चाहिए। इससे बच्चे को किसी प्रकार का भय नहीं होगा और वह पढ़ाई में अच्छे से कॉन्सन्ट्रेट कर पायेगा।
अगर आपको अन्य दिशाओं में भी कैंडलस लगानी हो, तो  सही रंगों का चुनाव दिशा के अनुसार ही करना चाहिए। अतः किस दिशा में कौन-से रंग की कैंडलस लगाना उचित होगा, इस पर हम कल चर्चा करेंगे।
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कुछ वास्तु नियमों का ध्यान रखें पढ़ाई-लिखाई ��े लिए
कुछ वास्तु नियमों का ध्यान रखें पढ़ाई-लिखाई के लिए
वास्तु नियमों के अनुसार, बच्चों के पढ़ने का कमरा यानी अध्ययन कक्ष उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में इस प्रकार होना चाहिए कि पढ़ाई करते समय चेहरा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रहे।
शौचालय के पास पढ़ने का कमरा कभी नहीं होना चाहिए। पढ़ाई हेतु कमरे में पुस्तकों की रैक या अलमारी पूर्व या उत्तर दिशा में होनी चाहिए। अगर जगह की कमी के कारण बेडरूम में पढ़ाई करनी हो, तो पढ़ने वाली मेज, लाइब्रेरी और रैक पश्चिम या…
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