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#बुजुर्ग से लिफ्ट
best24news · 2 years
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Kosli Crime: सरपंच का लडका बताकर बुजुर्ग से लिफ्ट देकर​ 20 हजार की ठगी
Kosli Crime: सरपंच का लडका बताकर बुजुर्ग से लिफ्ट देकर​ 20 हजार की ठगी
कोसली: शातिर ठगी के नए नए हथकडे अपना रहे है। एक शातिर शख्स ने सेना से सेवानिवृत बुजुर्ग को लिफ्ट देकर उससे 20 हजार रुपए ठग लिए। शातिर ने खुद को सरपंच का लड़का बताया और फिर झांसे में लेकर वारदात को अंजाम देकर फरार हो गया। गांव जुड्‌डी निवासी महेन्द्र सिंह (74) भारतीय सेना में हवलदार के पद से रिटायर्ड है। हर माह उनकी पेंशन कोसली के सेंट्रल बैंक में स्थित खाते में आती है। महेन्द्र सिंह अपनी पेंशन के…
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dainiksamachar · 1 year
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दिल्ली के फ्लैट में 7 दिन तक पड़ी रही मां-बेटी की लाश का रहस्य क्या है!
नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली के अपने फ्लैट में राजरानी (64) और उनकी बेटी गिन्नी करार (39) की हत्या को करीब एक हफ्ते बीत चुके थे। किसी को पता ही नहीं चला कि अंदर दो लाशें पड़ी हैं। बुधवार शाम को जब पुलिस की टीम फ्लैट में घुसी तो मंजर देखकर सन्न रह गई। कृष्णा नगर इलाके में चार मंजिला बिल्डिंग के पहले फ्लोर से तेज गंध आ रही थी। आसपास के लोगों को लग रहा था कि शायद कोई चूहा मर गया है या सीवर लाइन का ढक्कन खुला रह गया है। घर के लोगों ने पूरी बिल्डिंग की सफाई भी करवाई लेकिन किसी के दिमाग में ही नहीं आया कि पहले फ्लोर पर कुछ गड़बड़ हो सकता है। जब गंध नहीं रुकी तो उन्होंने पुलिस बुला ली। बिल्डिंग के टॉप फ्लोर पर रहने वाले विकास जैन ने हमारे सहयोगी अखबार TOI को बताया कि उन्होंने चारों फ्लोर की सफाई कराई थी। फर्श, लिफ्ट, पार्किंग वाला हिस्सा और छत को भी सैनिटाइज कराया गया। जब इतने पर भी बदबू आती रही तो पहले RWA और बाद में पुलिस को सूचना दी गई। आसपास के लोगों का कहना है कि मां-बेटी ज्यादातर समय कमरे के अंदर ही रहती थीं और पड़ोसियों से बहुत कम बात होती थी। रात में पहले फ्लोर पर ज्यादा हलचल होने से पड़ोसी नाराज भी होते थे। कई बार झगड़ा भी हो चुका था। बताते हैं कि बुजुर्ग महिला लगातार काम करने वाली नौकरानी बदलती रहती थी। देर रात आते थे डिलिवरी बॉयबिल्डिंग में रहने वाले नरेंद्र जैन ने बताया कि महिलाओं ने अपने फ्लैट को पेंट करने के लिए कुछ लोगों को काम पर रखा था। पिछली दिवाली के समय रात में काम होता था। हम लोग परेशान हो जाते थे जब देर रात डिलिवरी बॉय हमारे घर की घंटी बजा देते थे। फिर हमें बताना पड़ता था कि पहला फ्लैट है और ऐसे जाओ। राजरानी के पति हुकुम चंद का 2011 में निधन हो गया था। पुलिस ने बताया कि वह लोकसभा प्रिंटिंग प्रेस में काम करते थे। इनकी तीन बेटियां हैं। दो की शादी हो चुकी है और वे गांधी नगर और गाजियाबाद में अपने परिवारों के साथ रहती हैं। पति की मौत के बाद राजरानी और गिन्नी रोहिणी से 2019 में कृष्णा नगर के ई-ब्लॉक में शिफ्ट हो गए। इन्हें रहते चार साल हो गए थे, लेकिन आसपास के लोग उनके बारे में बहुत कम जानते थे। बेटी को ऑटिज्म की समस्या थी और थेरेपिस्ट आता था। दक्षिण दिल्ली से उसने फाइन आर्ट्स में एमए किया था। महिला की एक सफेद रंग की कार थी लेकिन वह पार्किंग में ही खड़ी रहती थी। महिला ने ऑटोमेटिक दरवाजे वाला सिस्टम लगा रखा था। मेन डोर पर सीसीटीवी भी लगा था। एक पड़ोसी ने बताया कि हमने कभी भी उनके रिश्तेदारों को घर पर आते नहीं देखा। ई ब्लॉक में बिजनस परिवार रहते हैं। दो हत्याओं से आसपास के लोग सहम गए हैं। पुलिस ने कहा है कि वह इलाके में गश्त बढ़ाएगी। CCTV में दिखे वे दो लोग कौन थे पुलिस को सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि हत्या की वारदात को दो लोगों ने अंजाम दिया है। आरोपियों की तलाश में छापेमारी हो रही है। 25 मई को शायद लूटपाट के इरादे से वे आए थे। पुलिस यह भी ढूंढ रही है कि महिला के पास कितनी प्रॉपर्टी थी। सीसीटीवी फुटेज में दिखाई देता है कि दो लोग रात 10 बजे अंदर घुस रहे हैं और आधे घंटे बाद बाहर चले गए। वे ऑटोरिक्शा से आए ���े और कुछ दूरी पर ही उतर गए थे। एक पुलिस अधिकारी ने बताया है कि इसमें एक शख्स पीड़ित को जानता था और इसीलिए उन्होंने दरवाजा खोला क्योंकि डिजिटल लॉक सिस्टम था। सीसीटीवी फुटेज स्थानीय लोगों को दिखाई गई है, जिन्होंने दोनों की पहचान कर ली है। आसपास के लोगों ने बताया है कि ये दोनों पहले भी घर में आए थे। हमारे सहयोगी अखबार टीओआई के पास आरोपियों के पास ज्यादा जानकारी है लेकिन इसे यहां शेयर नहीं किया जा रहा है क्योंकि वे अभी तक पकड़े नहीं जा सके हैं। http://dlvr.it/Sq1SRZ
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rudrjobdesk · 2 years
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दो फ्लोर के बीच लिफ्ट खोलकर बच्चों और महिलाओं को निकाला गया बाहर | Lift stuck in Panchsheel Hainish Society Children and women were taken out by opening the lift between two floors
दो फ्लोर के बीच लिफ्ट खोलकर बच्चों और महिलाओं को निकाला गया बाहर | Lift stuck in Panchsheel Hainish Society Children and women were taken out by opening the lift between two floors
नोएडा13 मिनट पहले लिफ्ट में फंसे बच्चों और महिलाओं को बाहर निकालते हुए ग्रेटर नोएडा वेस्ट की पंचशील हाइनिश सोसाइटी में मंगलवार को सुबह और दोपहर के समय दो टावर में लिफ्ट अटकने की घटना हुई है। सुबह के समय टावर-2 में बच्चे को बस टॉप तक छोड़ने जा रही एक 58 साल की बुजुर्ग और 4 साल का बच्चा 20 मिनट फंसा रहा। दोपहर में स्कूल से बच्चों को लेकर टावर आठ से रहने वाले तीन महिला और बच्चे 20 मिनट से अधिक तक…
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मन की बात का 75 वां एपिसोड: पीएम मोदी ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए लोगों को धन्यवाद दिया.
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मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार। इस बार जब मैं पत्रों, टिप्पणियों से इनकार कर रहा था; मन की बात के लिए अलग-अलग इनपुट्स डालना जारी रखते हैं, कई लोगों ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण बिंदु को याद किया। MyGov पर, आर्यन श्री - बेंगलुरु से अनूप राव, नोएडा से देवेश, ठाणे से सुजीत - इन सभी ने कहा - मोदी जी, इस बार, मन की बात का 75 वां एपिसोड; उसके लिए बधाई। मैं मन की बात को इतनी सूक्ष्मता से मानने के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं; साथ ही जुड़े रहने के लिए। मेरे लिए, यह बहुत गर्व की बात है; यह खुशी की बात है। मेरी तरफ से, यह निश्चित रूप से आपको धन्यवाद; मैं मन की बात के सभी श्रोताओं का भी धन्यवाद व्यक्त करता हूं, क्योंकि यह यात्रा आपके समर्थन के बिना संभव नहीं थी। यह कल की तरह ही लगता है जब हम इस विचार और विचारों की यात्रा पर निकले थे। फिर, 3 अक्टूबर 2014 को, यह विजयदशमी का पवित्र अवसर था; संयोग देखिए - आज यह होलिका दहन है। The एक दीपक एक और प्रकाश, इस प्रकार राष्ट्र को रोशन कर सकता है '- इस भावना के साथ चलना, हमने इस तरह से ट्रैवर्स किया है। हमने देश के हर कोने में लोगों से बात की और उनके असाधारण काम के बारे में सीखा। आपने भी अनुभव किया होगा कि हमारे देश के सबसे दूर के कोने में भी, विशाल, अद्वितीय क्षमता है - असंख्य रत्न पोषित किए जा रहे हैं, जो भारत माता की गोद में हैं। वैसे मेरे लिए, समाज को देखना, समाज के बारे में जानना, उसकी ताकत का एहसास कराना अपने आप में एक अभूतपूर्व अनुभव रहा है। इन 75 प्रकरणों के दौरान, एक व्यक्ति कई विषयों से गुजरा। कई बार, नदियों का संदर्भ था; अन्य समय में हिमालय की चोटियों को छुआ गया था ... कभी-कभी रेगिस्तान से संबंधित मामले; अन्य समय में प्राकृतिक आपदाओं को उठाना ... कभी-कभी मानवता की सेवा पर अनगिनत कहानियों में भिगोना ... कुछ में, प्रौद्योगिकी में आविष्कार; दूसरों में, एक अज्ञात कोने में कुछ उपन्यास करने के अनुभव की कहानी! आप देखें, चाहे वह स्वच्छता के बारे में हो या हमारी विरासत के संरक्षण पर चर्चा हो;और सिर्फ इतना ही नहीं, खिलौने बनाने के संदर्भ में, ऐसा क्या है जो वहां नहीं था? शायद, जिन विषयों पर हमने छुआ है, उनमें से अनगिनत संख्याएँ अनगिनत होंगी! इस सब के दौरान, हमने समय-समय पर उन महान प्रकाशकों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनका भारत के निर्माण में योगदान अद्वितीय रहा है; हमने उनके बारे में सीखा। हमने कई वैश्विक मामलों पर भी बात की; हमने उनसे प्रेरणा प्राप्त करने का प्रयास किया है। कई बिंदु थे जो आपने मुझे बताए; आपने मुझे कई विचार दिए। एक तरह से, इस har विचार यात्रा ’में, विचार और विचार की यात्रा, आप एक साथ चलते रहे, जुड़ते रहे, कुछ नया जोड़ते रहे। इस 75 वें एपिसोड के दौरान, शुरुआत में, मैं मन की बात के प्रत्येक श्रोता को इसे सफल बनाने, इसे समृद्ध बनाने और जुड़े रहने के लिए दिल से धन्यवाद देता हूं। मेरे प्यारे देशवासियो, आप देखें कि यह कितना बड़ा सुखद संयोग है कि आज मुझे अपने at५ वें मन की बात व्यक्त करने का अवसर मिला! यह वही महीना है जो आजादी के 75 वर्षों के 'अमृत महोत्सव' के आरंभ का प्रतीक है। Day अमृत महोत्सव ’की शुरुआत दांडी यात्रा के दिन से हुई थी और यह 15 अगस्त, 2023 तक जारी रहेगी। अमृत महोत्सव के संबंध में कार्यक्रम पूरे देश में लगातार आयोजित किए जा रहे हैं; लोग कई जगहों से इन कार्यक्रमों की जानकारी और तस्वीरें साझा कर रहे हैं। झारखंड के नवीन ने नमोऐप पर मुझे कुछ ऐसी तस्वीरों के साथ एक संदेश भेजा है। उन्होंने लिखा है कि उन्होंने अमृत महोत्सव पर कार्यक्रम देखे और तय किया कि वह कम से कम दस स्थानों पर स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े लोगों से मिलेंगे। उनकी सूची में पहला नाम भगवान बिरसा मुंडा की जन्मभूमि का है। नवीन ने लिखा है कि वह झारखंड के आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियों को देश के अन्य हिस्सों में प्रसारित करेंगे। भाई नवीन, मैं आपको अपने विचार पर बधाई देता हूं।
दोस्तों, यह एक स्वतंत्रता सेनानी की संघर्ष गाथा हो; यह देश के किसी स्थान या किसी सांस्कृतिक कहानी का इतिहास हो, आप अमृत महोत्सव के दौरान इसे सामने ला सकते हैं; आप देशवासियों को इससे जोड़ने का साधन बन सकते हैं। आप देखेंगे - अमृत महोत्सव, अमृत की ऐसी ही प्रेरक बूंदों से भरा होगा ... और फिर जो अमृत बहेगा, वह हमें भारत की आजादी के सौ साल बाद तक प्रेरित करेगा ... यह देश को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा, देश के लिए कुछ न कुछ करने की उत्कंठा छोड़ना। स्वतंत्रता के लिए संघर्ष में, हमारे सेनानियों ने असंख्य कठिनाइयों को झेला क्योंकि वे देश के लिए बलिदान को अपना कर्तव्य मानते थे। उनके बलिदान की अमर गाथा, 'त्याग' और 'बालिदान' हमें लगातार कर्तव्य पथ पर ले जाने के लिए प्रेरित करते हैं। और जैसा कि भगवान कृष्ण ने गीता में कहा है, “नित्यम् कुरु कर्म त्वा कर्म कर्मो ह्यकर्माणः | इसी भावना के साथ, हम सभी अपने निर्धारित कर्तव्यों को ईमानदारी से निभा सकते हैं। और हमारी स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव का तात्पर्य है कि हम नए संकल्प करते हैं…। और उन संकल्पों को महसूस करने के लिए, हम पूरी लगन के साथ पूरी ईमानदारी से… भारत के लिए उज्ज्वल भविष्य ... संकल्प ऐसा होना चाहिए जिसमें स्वयं एक जिम्मेदारी या दूसरे को ग्रहण करे ... किसी के अपने कर्तव्य के साथ जुड़ा हो। मेरा मानना ​​है कि हमारे पास गीता को जीने का यह सुनहरा अवसर है।
मेरे प्यारे देशवासियो, पिछले साल मार्च का यह महीना था जब देश ने पहली बार men जनता कर्फ्यू ’शब्द सुना। महान प्रजा के पराक्रम के अनुभव पर एक नजर डालिए, इस महान देश के लोग ... जनता कर्फ्यू पूरी दुनिया के लिए आफत बन गया था। यह अनुशासन का एक अभूतपूर्व उदाहरण था; आने वाली पीढ़ियां निश्चित रूप से उस पर गर्व महसूस करेंगी। इसी तरह, हमारे कोरोना योद्धाओं के लिए सम्मान, सम्मान व्यक्त करते हुए, थालियां बजती हैं, तालियाँ बजाती हैं, दीप जलाती हैं! आप कल्पना नहीं कर सकते कि कोरोना वारियर्स के दिलों को कितना छुआ था ... और यही कारण है कि वे बिना थके, बिना रुके, पूरे साल जमकर थिरके। स्पष्ट रूप से, उन्होंने देश के प्रत्येक नागरिक के जीवन को बचाने के लिए सहन किया। पिछले साल, इस समय के आसपास, जो सवाल उभर रहा था ... कोरोना वैक्सीन कब आएगा! दोस्तों, यह सभी के लिए सम्मान की बात है कि आज, भारत दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम चला रहा है। भुवनेश्वर की पुष्पा शुक्ला जी ने मुझे टीकाकरण कार्यक्रम की तस्वीरों के बारे में लिखा है। वह आग्रह करती है कि मैं मान के बारे में चर्चा करूं कि टीका के बारे में घर के बुजुर्गों में दिखाई देने वाला उत्साह। दोस्तों, यह सही है, साथ ही… हमें देश के कोने-कोने से ऐसी खबरें सुनने को मिल रही हैं; हम ऐसी तस्वीरें देख रहे हैं, जो हमारे दिल को छू जाती हैं। जौनपुर यूपी से 109 साल की बुजुर्ग माँ, राम दुलैया जी ने लिया टीकाकरण; इसी तरह दिल्ली में 107 साल के केवल कृष्ण जी ने वैक्सीन की खुराक ली है। हैदराबाद के 100 वर्षीय जय चौधरी ने वैक्सीन ले ली है और सभी से यह टीका लेने की अपील की है। मैं ट्विटर-फ़ेसबुक पर देख रहा हूं कि कैसे अपने घरों के बुजुर्गों को टीका लगने के बाद लोग उनकी तस्वीरें अपलोड कर रहे हैं। केरल के एक युवा आनंदन नायर ने वास्तव में इसे this वैक्सीन सेवा ’का एक नया शब्द दिया है। इसी तरह के संदेश शिवानी ने दिल्ली से, हिमांशु ने हिमाचल से और कई अन्य युवाओं ने भेजे हैं। मैं आप सभी श्रोताओं के इन विचारों की सराहना करता हूं। इन सब के बीच, कोरोना से लड़ने का मंत्र याद रखें- दवयै भई कदैभि। ऐसा नहीं है कि मुझे सिर्फ कहना है; हमें भी जीना है, बोलना भी है, बताना भी है और लोगों को i दवई भी कडाई है ’के लिए भी प्रतिबद्ध रखना है।
मेरे प्यारे देशवासियो, आज मुझे सौम्या जी को धन्यवाद देना है जो इंदौर में रहती हैं। उसने एक विषय पर मेरा ध्यान आकर्षित किया है और मुझसे i मन की बात ’में इसका उल्लेख करने का आग्रह किया है। यह विषय है - भारतीय क्रिकेटर मिताली राज का नया रिकॉर्ड। हाल ही में मिताली राज जी दस हजार रन बनाने वाली पहली भारतीय महिला क्रिकेटर बन गई हैं। उनकी इस उपलब्धि पर उन्हें बहुत-बहुत बधाई। वह एक दिवसीय अंतर���ाष्ट्रीय मैचों में सात हजार रन बनाने वाली एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय महिला खिलाड़ी हैं। महिला क्रिकेट के क्षेत्र में उनका योगदान शानदार है। मिताली राज जी ने दो दशक से अधिक लंबे करियर के दौरान लाखों लोगों को प्रेरित किया है। उनकी दृढ़ता और सफलता की कहानी न केवल महिला क्रिकेटरों के लिए बल्कि पुरुष क्रिकेटरों के लिए भी एक प्रेरणा है। दोस्तों, यह दिलचस्प है ... मार्च के महीने में, जब हम महिला दिवस मना रहे थे, कई महिला खिलाड़ियों ने अपने नाम पर रिकॉर्ड और पदक हासिल किए। भारत ने दिल्ली में आयोजित आईएसएसएफ विश्व कप शूटिंग के दौरान शीर्ष स्थान हासिल किया। भारत ने स्वर्ण पदक तालिका में भी शीर्ष स्थान हासिल किया। भारतीय महिला और पुरुष निशानेबाजों के शानदार प्रदर्शन के कारण यह संभव हो पाया। इस बीच पी वी सिंधु जी ने बीडब्ल्यूएफ स्विस ओपन सुपर 300 टूर्नामेंट में रजत पदक जीता है। आज शिक्षा से लेकर उद्यमिता, सशस्त्र बल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तक, देश की बेटियाँ हर जगह एक अलग मुकाम बना रही हैं। मैं विशेष रूप से खुश हूं कि बेटियां खेलों में अपने लिए एक नई जगह बना रही हैं। पेशेवर विकल्पों में खेल एक पसंदीदा विकल्प के रूप में आ रहा है।
मेरे प्यारे देशवासियो, क्या आपको कुछ समय पहले आयोजित मैरीटाइम इंडिया समिट याद है? क्या आपको याद है कि मैंने इस शिखर सम्मेलन में क्या कहा था? स्वाभाविक रूप से, बहुत सारे कार्यक्रम होते रहते हैं, इसलिए बहुत सी चीजें मिलती हैं, कैसे सभी को याद करता है और एक या तो ध्यान कैसे देता है ... स्वाभाविक रूप से! लेकिन मुझे अच्छा लगा कि गुरु प्रसाद जी ने मेरे एक अनुरोध को दिलचस्पी के साथ आगे बढ़ाया। इस शिखर सम्मेलन में, मैंने देश में लाइट हाउस परिसरों के आसपास पर्यटन सुविधाओं को विकसित करने की बात की थी। गुरु प्रसाद जी ने 2019 में दो लाइट हाउस- चेन्नई लाइट हाउस और महाबलीपुरम लाइट हाउस में अपनी यात्रा के अनुभव साझा किए हैं। उन्होंने बहुत ही रोचक तथ्य साझा किए हैं जो 'मन की बात' के श्रोताओं को भी चकित कर देंगे। उदाहरण के लिए, चेन्नई लाइट हाउस दुनिया के उन चुनिंदा लाइट हाउसों में से एक है, जिनमें लिफ्ट हैं। यही नहीं, यह भारत का एकमात्र लाइट हाउस भी है जो शहर की सीमा के भीतर है। इसमें बिजली के लिए भी सोलर पैनल लगे हैं। गुरु प्रसाद जी ने लाइट हाउस के विरासत संग्रहालय के बारे में भी बात की, जो समुद्री नेविगेशन के इतिहास को सामने लाता है। पुराने समय में तेल के लैंप, मिट्टी के तेल की रोशनी, पेट्रोलियम वाष्प और पुराने समय में इस्तेमाल किए जाने वाले बिजली के लैंप की विशालकाय छतों को संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाता है। गुरु प्रसाद जी ने भारत के सबसे पुराने लाइट हाउस- महाबलीपुरम लाइट हाउस के बारे में भी विस्तार से लिखा है। उनका कहना है कि इस लाइट हाउस के बगल में पल्लव राजा महेंद्रमन फर्स्ट द्वारा सैकड़ों साल पहले बनाया गया ’उलकनेश्वर’ मंदिर है।
दोस्तों, मैंने 'मन की बात' के दौरान कई बार पर्यटन के विभिन्न पहलुओं की बात की है, लेकिन ये लाइट हाउस पर्यटन की दृष्टि से अद्वितीय हैं। उनकी भव्य संरचनाओं के कारण प्रकाश घर हमेशा लोगों के आकर्षण का केंद्र रहे हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत में 71 प्रकाश घरों की पहचान की गई है। इन सभी प्रकाश घरों में, उनकी क्षमता के आधार पर, संग्रहालय, एम्फी-थिएटर, ओपन एयर थिएटर, कैफेटेरिया, बच्चों के पार्क, पर्यावरण के अनुकूल कॉटेज और भूनिर्माण का निर्माण किया जाएगा। वैसे, जैसा कि हम प्रकाश घरों की बात कर रहे हैं, मैं आपको एक अनोखे प्रकाश घर के बारे में भी बताना चाहूंगा। यह लाइट हाउस गुजरात के सुरेंद्र नगर जिले में जिंझुवाड़ा नामक स्थान पर है। क्या आप जानते हैं कि यह लाइट हाउस क्यों खास है? यह विशेष है, क्योंकि अब समुद्र तट सौ किलोमीटर से अधिक दूर है जहां यह लाइट हाउस है। इस गाँव में आपको ऐसे पत्थर भी देखने को मिलेंगे जो हमें बताते हैं कि अतीत में यहाँ एक व्यस्त बंदरगाह रहा होगा। इसका मतलब है, पहले समुद्र तट जिंझुवाड़ा तक था। समुद्र से इतनी दूर जाना, पीछे हटना, आगे बढ़ना, आगे बढ़ना भी इसकी एक विशेषता है। इस महीने जापान में आई भयानक सुनामी से 10 साल पूरे होने जा रहे हैं। इस सूनामी में हजारों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। 2004 में ऐसी ही एक सुनामी भारत में आई थी। सुनामी के दौरान हमने अपने लाइट हाउस में काम करने वाले हमारे 14 कर्मचारियों को खो दिया था; वे अंडमान निकोबार और तमिलनाडु में प्रकाश घरों में ड्यूटी प�� थे। मैं हमारे इन मेहनती प्रकाश रखवालों को सम्मानजनक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और उनके काम के लिए उच्च सम्मान है। प्रिय देशवासियों, नवीनता, आधुनिकीकरण जीवन के सभी क्षेत्रों में आवश्यक है, अन्यथा यह कई बार बोझ बन जाता है। भारतीय कृषि के क्षेत्र में आधुनिकीकरण समय की आवश्यकता है। पहले ही देर हो चुकी है। हमने पहले ही बहुत समय खो दिया है। कृषि क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए पारंपरिक खेती के साथ-साथ नए विकल्प, नए नवाचारों को अपनाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है; किसानों की आय बढ़ाने के लिए। श्वेत क्रांति के दौरान देश ने इसका अनुभव किया है। अब मधुमक्खी पालन एक समान विकल्प के रूप में उभर रहा है। मधुमक्खी पालन देश में एक शहद क्रांति या मीठी क्रांति का आधार बन रहा है। किसान, बड़ी संख्या में, किसानों के साथ जुड़ रहे हैं; नवाचार कर रहा है।
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग के एक गाँव गुरुदाम के रूप में। वहाँ खड़ी पहाड़ियाँ, भौगोलिक समस्याएं हैं, और फिर भी, यहाँ के लोगों ने मधुमक्खी पालन का काम शुरू कर दिया है, और आज, इस स्थान पर शहद की फसल की भारी मांग है। इससे किसानों की आय भी बढ़ रही है। पश्चिम बंगाल के सुंदरबन इलाकों के प्राकृतिक जैविक शहद की हमारे देश और दुनिया में बहुत मांग है। मुझे गुजरात में भी ऐसा ही एक निजी अनुभव रहा है। वर्ष 2016 में बनासकांठा, गुजरात में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। उस कार्यक्रम में, मैंने लोगों से कहा था कि यहाँ बहुत संभावनाएँ हैं ... क्यों नहीं बनासकांठा और यहाँ के किसान मीठी क्रांति का एक नया अध्याय लिख रहे हैं? आपको यह जानकर खुशी होगी कि इतने कम समय में बनासकांठा शहद उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र बन गया है। आज बनासकांठा के किसान शहद के जरिए सालाना लाखों रुपये कमा रहे हैं। कुछ ऐसा ही उदाहरण यमुनानगर, हरियाणा का भी है। यमुना नगर में, किसान सालाना कई सौ टन शहद का उत्पादन कर रहे हैं, मधुमक्खी पालन करके अपनी आय बढ़ा रहे हैं। किसानों की इस मेहनत का नतीजा है कि देश में शहद का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है, और सालाना लगभग 1.25 लाख टन का उत्पादन होता है और इसमें से बड़ी मात्रा में शहद का निर्यात विदेशों में भी किया जा रहा है।
दोस्तों, हनी बी फार्मिंग से केवल शहद से ही आय नहीं होती है, बल्कि मधुमक्खी का मोम भी आय का एक बहुत बड़ा स्रोत है। हर चीज में मधुमक्खी के मोम की मांग है ... दवा, खाद्य, कपड़ा और कॉस्मेटिक उद्योग हमारा देश वर्तमान में मधुमक्खी के मोम का आयात करता है, लेकिन, हमारे किसान अब इस स्थिति को तेजी से बदल रहे हैं ... अर्थात, एक तरह से ir आत्मानिभर भारत के अभियान में योगदान दे रहा है। आज पूरी दुनिया आयुर्वेद और प्राकृतिक स्वास्थ्य उत्पादों को देख रही है। ऐसे में शहद की मांग और भी तेजी से बढ़ रही है। मैं हमारे देश के अधिक से अधिक किसानों को उनकी खेती के साथ-साथ मधुमक्खी पालन से जुड़ने की कामना करता हूं। इससे किसानों की आय में भी वृद्धि होगी और उनका जीवन भ��� मधुर होगा! मेरे प्यारे देशवासियों, विश्व गौरैया दिवस कुछ ही दिन पहले मनाया गया था। गौरैया जिसे गोरैया कहा जाता है, स्थानों पर चकली के नाम से भी जाना जाता है, या इसे चिमनी, या घनचिरिका भी कहा जाता है। इससे पहले, गोराया हमारे घरों की दीवारों या पड़ोसी पेड़ों की सीमाओं पर चहकते हुए पाए जाते थे। लेकिन अब लोग गोरैया को याद करते हुए बताते हैं कि आखिरी बार उन्होंने गोरैया को कई साल पहले देखा था! आज हमें इसे बचाने के लिए प्रयास करने की आवश्यकता है। बनारस से आए मेरे मित्र इंद्रपाल सिंह बत्रा ने इस दिशा में एक उपन्यास प्रयास शुरू किया है मैं मन की बात के श्रोताओं को यह निश्चित रूप से बताना चाहूंगा। बत्रा जी ने गोरैया के लिए अपने घर को अपना घर बना लिया है। उसे अपने घर में लकड़ी के बने ऐसे घोंसले मिलते थे जहाँ गोराई आसानी से रह सकते थे। आज बनारस के कई घर इस अभियान से जुड़ रहे हैं। इससे घरों में एक अद्भुत प्राकृतिक वातावरण पैदा हुआ है। मैं चाहूंगा कि प्रकृति, पर्यावरण, पशु, पक्षी या जिनके लिए हमारे द्वारा छोटे या बड़े प्रयास किए जाएं।
जैसा कि ... एक दोस्त बिजय कुमार काबिजी। ओडिशा के केंद्रपाड़ा से बिजयजी हिल्स। केंद्रपाड़ा समुद्री तट पर है। इसीलिए इस जिले में कई गांव हैं, जो उच्च ज्वार और चक्रवात के खतरों से ग्रस्त हैं। इससे कई बार तबाही भी मचती है। बिजोयजी को लगा कि अगर कुछ भी इस पर्यावरणीय तबाही को रोक सकता है, तो जो चीज इसे रोक सकती है, वह केवल प्रकृति है। यही कारण है कि जब बिजयजी ने बाराकोट गाँव से अपना मिशन शुरू किया और 12 साल तक ... दोस्तों, अगले 12 वर्षों तक मेहनत करके उन्होंने गाँव के बाहरी इलाके में 25 एकड़ का मैंग्रोव वन समुद्र की ओर बढ़ाया। आज यह जंगल इस गाँव की रक्षा कर रहा है। एक इंजीनियर अमरेश सामंत जी ने ओडिशा के पारादीप जिले में इसी तरह का काम किया है। अमरेश जी ने सूक्ष्म वन लगाए हैं, जो आज कई गांवों की रक्षा कर रहे हैं। दोस्तों, एंडेवर के इन प्रकारों में, यदि हम समाज को शामिल करते हैं, तो महान परिणाम प्राप्त होते हैं। उदाहरण के लिए, मारीमुथु योगनाथन हैं, जो कोयम्बटूर, तमिलनाडु में बस कंडक्टर के रूप में काम करते हैं। योगानाथन जी अपने बस के यात्रियों को टिकट जारी करते समय एक मुफ्त में एक जलपान भी देते हैं। इस तरह, योगनाथन जी को असंख्य पेड़ लग गए हैं! योगनाथन जी इस काम के लिए अपने वेतन का एक बड़ा हिस्सा खर्च कर रहे हैं। अब इस कहानी को सुनने के बाद, एक नागरिक के रूप में कौन मारीमुथु योगनाथन के काम की सराहना नहीं करेगा? मैं उनके प्रयासों को, उनके प्रेरणादायक कार्यों के लिए दिल से बधाई देता हूं। मेरे प्यारे देशवासियों, हम सभी ने धन में कचरे को परिवर्तित करने के बारे में दूसरों को देखा, सुना और उल्लेख किया है! उसी तरह, अपशिष्ट को मूल्य में परिवर्तित करने के प्रयासों का भी प्रयास किया जा रहा है। ऐसा ही एक उदाहरण केरल के कोच्चि के सेंट टेरेसा कॉलेज का है। मुझे याद है कि 2017 में, मैंने इस कॉलेज के परिसर में पुस्तक पढ़ने पर केंद्रित एक कार्यक्रम में भाग लिया। इस कॉलेज के छात्र पुन: प्रयोज्य खिलौने बना रहे हैं, वह भी बहुत रचनात्मक तरीके से। ये छात्र पुराने कपड़े, लकड़ी के टुकड़े, बैग और बक्से को खिलौने बनाने में परिवर्तित कर रहे हैं। कुछ छात्र एक पहेली बना रहे हैं जबकि दूसरा एक कार बनाते हैं या एक ट्रेन बनाते हैं। यहां, यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान दिया जाता है कि खिलौने सुरक्षित होने के साथ-साथ बच्चे के अनुकूल भी हों। और इस पूरे प्रयास के बारे में एक अच्छी बात यह है कि इन खिलौनों को आंगनवाड़ी बच्चों को उनके साथ खेलने के लिए दिया जाता है। आज, जबकि भारत खिलौनों के निर्माण में बहुत आगे बढ़ रहा है, अपशिष्ट से मूल्य तक के इन अभियानों, इन सरल प्रयोगों का बहुत मतलब है।
आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में प्रोफेसर श्रीनिवास पद्कंडलाजी हैं। वह बहुत दिलचस्प काम कर रहे हैं। उन्होंने ऑटोमोबाइल मेटल स्क्रैप से मूर्तियां बनाई हैं। उनके द्वारा बनाई गई ये विशाल मूर्तियां सार्वजनिक पार्कों में स्थापित की गई हैं और लोग इन्हें बड़े उत्साह के साथ देखते हैं। यह इलेक्ट्रॉनिक और ऑटोमोबाइल अपशिष्ट पुनर्चक्रण के साथ एक अभिनव प्रयोग है। मैं एक बार फिर कोच्चि और विजयवाड़ा के इन प्रयासों की सराहना करता हूं और आशा करता हूं कि इस तरह के प्रयासों में बड़ी संख्या में लोग आगे आएंगे। मेरे प्यारे देशवासियों, जब भारत के लोग दुनिया के किसी भी कोने में जाते हैं, तो वे गर्व से कहते हैं कि वे भारतीय हैं। हमारे पास गर्व करने के लिए बहुत कुछ है ... हमारे योग, आयुर्वेद, दर्शन और क्या नहीं! हम गर्व के साथ बात करते हैं। हमें अपनी स्थानीय भाषा, बोली, पहचान, पहनावे, खान-पान पर गर्व है। हमें नया प्राप्त करना है ... उसके लिए यही जीवन है लेकिन उसी समय हमें अपना अतीत नहीं खोना है! हमें अपने आसपास की अपार सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करने के लिए वास्तव में कड़ी मेहनत करनी होगी, इसके लिए नई पीढ़ी को पारित करना होगा। आज असम में रहने वाला सिकरी तिसाऊ बहुत लगन से ऐसा कर रहा है। कार्बी आंगलोंग जिले के सिकरी तिसाऊ जी पिछले 20 वर्षों से करबी भाषा का दस्तावेजीकरण कर रहे हैं। एक बार, दूसरे युग में, 'कार्बी', 'कार्बी आदिवासी' भाइयों और बहनों की भाषा ... अब मुख्यधारा से गायब हो रही है। श्रीमन सिकरी तिसाऊ ने फैसला किया कि वह उनकी पहचान की रक्षा करेगा ... और आज उनके प्रयासों के परिणामस्वरूप कार्बी भाषा के बारे में अधिक जानकारी के दस्तावेजीकरण हो गए हैं। उन्हें अपने प्रयासों के लिए कई स्थानों पर प्रशंसा भी मिली, और पुरस्कार भी मिले। मैं निश्चित रूप से 'मन की बात' के माध्यम से श्रीमन सिकरी तिसाऊ जी को बधाई देता हूं, लेकिन देश के कई कोनों में इस तरह की पहल में इस तरह के नारे लगाने वाले कई साधक होंगे और मैं उन सभी को भी बधाई देता हूं।
मेरे प्यारे देशवासियो, कोई भी नई शुरुआत हमेशा बहुत खास होती है। नई शुरुआत का मतलब है नई संभावनाएं - नई कोशिशें। और, नए प्रयासों का मतलब है नई ऊर्जा और नया जोश। यही कारण है कि यह विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में और विविधता से भरी हमारी संस्कृति में उत्सव के रूप में किसी भी नई शुरुआत का पालन करने की परंपरा रही है। और यह समय नई शुरुआत और नए त्योहारों के आगमन का है। होली भी बसंत, वसंत को त्योहार के रूप में मनाने की परंपरा है। जब हम रंगों के साथ होली मना रहे होते हैं, उसी समय, यहाँ तक कि वसंत हमारे चारों ओर नए रंग फैला देता है। इस समय, फूल खिलने लगते हैं और प्रकृति जीवंत हो उठती है। जल्द ही देश के विभिन्न क्षेत्रों में नया साल भी मनाया जाएगा। चाहे वह उगादी हो या पुथंडू, गुड़ी पड़वा या बिहू, नवरेह या पोइला, या बोईशाख या बैसाखी - पूरा देश जोश, उत्साह और नई उम्मीदों के रंग में सराबोर हो जाएगा। इसी समय, केरल भी विशु के सुंदर त्योहार मनाता है। इसके बाद जल्द ही चैत्र नवरात्रि का पावन अवसर भी आएगा। चैत्र महीने के नौवें दिन, हमारे पास रामनवमी का त्योहार होता है। इसे भगवान राम की जयंती और न्याय और पराक्रम के नए युग की शुरुआत के रूप में भी मनाया जाता है। इस दौरान चारों ओर धूमधाम के साथ भक्ति का माहौल होता है, जो लोगों को करीब लाता है, उन्हें परिवार और समाज से जोड़ता है, आपसी संबंधों को मजबूत करता है। इन त्योहारों के अवसर पर, मैं सभी देशवासियों को बधाई देता हूं। दोस्तों, इस बार 4 अप्रैल को देश ईस्टर भी मनाएगा। ईस्टर का त्योहार यीशु मसीह के पुनरुत्थान के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। प्��तीकात्मक रूप से, ईस्टर जीवन की नई शुरुआत से जुड़ा है। ईस्टर उम्मीदों के पुनरुत्थान का प्रतीक है। इस पवित्र और शुभ अवसर पर, मैं न केवल भारत में ईसाई समुदाय, बल्कि विश्व स्तर पर ईसाइयों का अभिवादन करता हूं।
मेरे प्यारे देशवासियो, आज 'मन की बात' में हमने 'अमृत महोत्सव' और देश के प्रति अपने कर्तव्यों के बारे में बात की। हमने अन्य त्योहारों और उत्सवों पर भी चर्चा की। इस बीच, एक और त्योहार आ रहा है जो हमें हमारे संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाता है। वह 14 अप्रैल है - डॉ। बाबा साहेब अम्बेडकर जी की जयंती। 'अमृत महोत्सव' में इस बार यह अवसर और भी खास हो गया है। मुझे यकीन है कि हम बाबासाहेब की इस जयंती को अपने कर्तव्यों का संकल्प लेकर यादगार बनाएंगे और इस तरह उन्हें श्रद्धांजलि देंगे। इसी विश्वास के साथ, आप सभी को एक बार फिर से त्योहारों की शुभकामनाएँ। आप सभी खुश रहें, स्वस्थ रहें और आनन्दित रहें। इस इच्छा के साथ, मैं आपको याद दिलाता हूं remind दवई भी, कडाई भी ’! आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
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khabronmebikaner · 2 years
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मंदिर की लिफ्ट आधे घंटे तक अटकी रही, दो बुजुर्ग करते रहे मदद का इंतजार... फिर...
मंदिर की लिफ्ट आधे घंटे तक अटकी रही, दो बुजुर्ग करते रहे मदद का इंतजार… फिर…
बीकानेर। नगर के प्रसिद्ध ��्री नागणेची जी मंदिर में बुजुर्गो व असहाय लोगो के लिए माता के दर्शन हेतु लिफ्ट लगाई हुई हैं।जिससे वे सीढ़िया न चढ़कर आसानी से निज मंदिर पहुंच सके।लेकिन बिजली चले जाने पर यह लिफ्ट अचानक बीच रास्ते में ही अटक जाती हैं।क्योंकि लिफ्ट को न तो इन्वर्टर से जोड़ा गया और न ही जनरेटर से।कल रात की ही बात हैं। शाम को आरती के समय आए दो बुजुर्ग नीचे उतरने के लिए जैसे ही लिफ्ट में गए…
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eradioindia · 3 years
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गर्लफ्रेंड के शौक पूरे करने को बन गए लुटेरे
गर्लफ्रेंड के शौक पूरे करने को बन गए लुटेरे
मेरठ गर्लफ्रेंड के शौक पूरे करने के लिए तीन युवक राहगीरों से लूटपाट करने लगे। पुलिस ने सीसीटीवी से पहचान कर आरोपितों को पकड़ लिया। इनके कब्जे से मोबाइल, एटीएम व नकदी बरामद हुई है। कोतवाली थाना क्षेत्र के लाला का बाजार स्थित शीशमहल निवासी रजत सिंघल एक कंपनी में अकाउंटेंट है। शनिवार रात वह स्कूटी से घर लौट रहे थे। इसी बीच एक बुजुर्ग ने उनसे लिफ्ट मांगी। बुजुर्ग को विक्टोरिया पार्क के पास उतारकर…
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khashrapat · 4 years
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भोपाल में लिफ्ट गिरने से सात लोग घायल
भोपाल में लिफ्ट गिरने से सात लोग घायल
71 वर्षीय बुजुर्ग को अस्पताल में भर्ती कराया गया हादसा कोहेफिजा इलाके में बनी नील गगन हाइट्स में हुआ बच्चों समेत एक अन्य महिला को गंभीर चोट नहीं भोपाल 22 फरवरी (एजेंसी) सूत्रों के अनुसार भोपाल में लिफ्ट गिरने से सात लोग घायल हो गए। घायलों में बुजुर्ग और दो बच्चे भी शामिल हैं। सभी करीब एक घंटे तक लिफ्ट में फंसे रहे, जिन्हें बमुश्किल से सभी को बाहर निकाला गया। उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया…
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घर पर बॉडी बनाने के तरीके
आज के समय में लोग आधुनिकीकरण की ओर बढ़ रहे हैं, जो कहीं ना कहीं सही भी है। हम जितना आधुनिक होंगे उतने ही खुद में भी कुछ बदलाव करने होंगे। आधुनिकीकरण की दौड़ में कोई भी किसी से पीछे नहीं होना चाहता फिर वह बच्चे हो, युवा वर्ग हो, या बुजुर्ग हो।
इस आधुनिक युग में खुद को फिट रखने की जद्दोजहद भी देखी जा सकती है। खासकर युवा वर्ग खुद की बॉडी बनाने या स्लिम ट्रिम करने में अपनी सारी मेहनत लगा देते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि  जब तक फिट नहीं होंगे तो हम पीछे रह जाएंगे। इसमें हम देखेंगे कि युवाओं में बॉडी बनाने की होड़ बनी है वहीं कहीं ना कहीं बॉलीवुड अभिनेताओं को देखकर भी होती है।
बॉडी बनाना है एक नया ट्रेंड
बॉडी बनाना एक ट्रेंड के रूप में सामने आया है। ऐसा देखा जाता है कि बॉडी बना लेने से लोगों  का ध्यान आसानी से ध्यान खींचा जा सकता है लेकिन यह पूर्ण रूप से सत्य नहीं है। बॉडी बनाना ही काफी नहीं होता लेकिन यह भी सत्य है कि लगातार बढ़ते इस  ट्रेंड से नए व्यवसाय जैसे जिम ट्रेनर, पर्सनल ट्रेनर की अवसर बढ़ जाते हैं।
अगर आप चाहे तो घर पर भी आसानी से बॉडी बनाई जा सकती है जो आपके लिए आसान भी है और सुरक्षित भी।
घर पर बॉडी बनाने के तरीके | Ghar Par Body Banane Ke Tarike
अगर आप घर से बाहर नहीं जा सकते और अपनी बॉडी बनाने के लिए उत्साहित हैं, तो ऐसे में आप घर में ही रहकर बॉडी बना सकते हैं। हमारे सुझाए तरीकों से महिला और पुरुष फिट हो सकते हैं। यह सभी तरीके आप सुबह के समय या शाम के समय भी कर सकते हैं इसके माध्यम से खुद को तरोताजा भी कर सकते हैं। सभी की इच्छा खुद को आकर्षित और खूबसूरत बनाने की होती है तो यह हसरत पूरी की जा सकती है घर पर ही।
1) लेग  ड्रॉप करें | Leg Drop Karye
यह सबसे आसान तरीका है, जो आप को फिट रखने में मददगार है। इसके लिए आप मैट पर लेट जाएं। अब अपने दोनों पैरों को धीरे-धीरे उठाते हुए सीधा करें और जैसे ही आप पैरों को ऊपर की ओर लाएं तो थोड़ी देर ऊपर ही छोड़ दें। इसको आप 10/ 15 बार करें शुरू में थोड़ा कम समय लीजिए बाद में समय बढ़ाया भी जा सकता है।
2) पुश अप करें | Push Ups kare
पुश अप से आप अपने व्यायाम की शुरुआत कर सकते हैं। इसके लिए पहले आप लेट जाएं वह भी पेट के बल अब दोनों हाथों को सामने जमीन की ओर रखें और हाथों के ही बल ऊपर जाएं उसी क्रम में नीचे भी जाएं। ऐसे हाथों के सहारे ऊपर नीचे करें तो आपके मसल्स को फायदा होगा। इसे आप 10 से 15 बार कर  सकते हैं।
3) क्रंच करें | karanch karen
इसमें आपको एकदम सीधे किसी मैट पर या जमीन पर लेटना होगा। अपने दोनों हाथों को पीछे की ओर कानों के पास रखें। अपने पैरों को मोड़ ले और फिर पीठ को ऊपर की ओर उठाएं। इसके बाद फिर से वापस लौट जाएं बार-बार उठ कर इसे दोहराएं हाथों को पीछे ही रहने दे। यह भी आपकी बाडी के लिए आवश्यक एक्सरसाइज है।
4) लेग लिफ्ट करे | Leg lift kare
यह एक्सरसाइज भी आसान ही है इसमें आपको पीठ के बल लेटना होगा। ऐसा आप एक पैर के साथ करें। पहले बाएं पैर को उठाए फिर दाएं पैर को। ऐसा करने से भी आपको बहुत ही फायदा होगा।
5) साइड प्लैंक करे | side plank kare
एक्सरसाइज को साइड में लेट कर किया जा सकता है। इसमें करवट के बल लेट जाएं अब हाथों को कमर में रखकर पैरों को एक साथ कर ले। अब धीरे-धीरे अपनी बॉडी को हटाएं थोड़ी देर के लिए बॉडी को उठाएं ही रखें।  एक्सरसाइज को कम से कम 10 बार दोहराएं इससे भी अपनी बॉडी को फिट रखा जा सकता है।
अपने खानपान का रखें विशेष ध्यान
आप अपने शरीर और खुद को फिट बनाए रखने के लिए जागरूक हैं यह तो अच्छी बात है। लेकिन इसके लिए अपने आहार पर विशेष ध्यान देना होगा ज्यादा से ज्यादा  ऐसा आहार लेना होगा जो वसायुक्त हो। जिसमे मक्खन ,जैतून का तेल, पनीर, हरी सब्जियां, मछली, मशरूम, दही, सोयाबीन, प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का उपयोग करें। अगर आप ताजे फल और दूध, दही ले तो भी फायदेमंद है।
1) दही | Dahi
बॉडी बनाने के लिए दही के सेवन को अनिवार्य माना गया है। अगर आप नाश्ते में पराठे खाते हैं खासतौर से आलू के पराठे तो आप साथ मे दही जरूर ले। यह आपकी बॉडी को फिट बनाता है।
2) मूंगफली और गुड़ | mungfali or Gud
इन दोनों आहारों को उर्जा का अच्छा स्त्रोत माना गया है। इसमें आप 40 ग्राम मूंगफली को सेक कर रख ले और साथ में लगभग 20 ग्राम गुड़ मिलाकर उपयोग करें इससे अच्छा परिणाम प्राप्त होगा।
3) पनीर | Paneer
बॉडी बनाते समय आपके लिए दूध या दूध से बनी चीजें फायदेमंद होंगी। अगर आप खाने या नाश्ते में पनीर के साथ बने व्यंजन ले या फिर कच्चा पनीर भी खा ले तो इससे भी आपको बहुत ही ज्यादा फायदा होने वाला है।
4) फल |Fruits
हमेशा कोशिश करें कि ताजे व मौसमी फलों को लिया जाए ताकि शरीर में विटामिन, प्रोटीन या पर्याप्त शर्करा की कमी पूरी हो सके।
5) जंक फूड | Junk Food
अगर आप अपने सही शेप में बॉडी बनाना चाहते हैं, तो जंक फूड से दूरी बना ले। यह आपके शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं और बॉडी बनाने में अवरोध पैदा करते हैं।
6) पानी
ऐसा कहा जाता है कि दिन में 8/10 गिलास पानी पीना फायदेमंद है। अगर आप बॉडी बनाने के इच्छुक हैं, तो निश्चित रूप से आपको ज्यादा पानी पीना चाहिए यह शरीर के अंदर की सारी कमियों को दूर करेगा।
घर पर बॉडी बनाने के कारगर टिप्स
कभी-कभी कुछ लोगों को बाहर जाकर बॉडी बनाना आसान नहीं लगता है। ऐसे में हम आसानी से घर पर ही बॉडी बनाने के टिप्स बताने जा रहे हैं।
1) बॉडी बनाने के लिए लटकने वाली एक्सरसाइज भी की जाती है, जिससे स्टेमिना बढ़ता है। ऐसे में आप घर में ही किसी रोड से लटककर अपने शरीर को फिट बनाने का काम कर सकते हैं।
2) अगर आप सुबह-सुबह रनिंग का काम कर करें तो इससे भी आपका स्टेमिना बढ़ेगा। आप शुरुआत में दो-तीन किलोमीटर तक ही रनिंग कर सकते हैं।
3) अगर आप बॉक्सिंग करना चाहते हैं, तो किसी बैग में रेत भर लें और उसमें बॉक्सिंग, पंचिंग करें इससे आप आसानी से खुद को फिट कर पाएंगे।
4) आप घर में बनी सीढ़ियों के माध्यम से भी वर्कआउट कर सकते हैं। बार-बार सीढ़ियों में ऊपर नीचे करके भी शरीर को फिट किया जा सकता है। इससे ज्यादा कैलरी बर्न होती है इसलिए यह आपके लिए फायदेमंद है।
5) आप योग के माध्यम से भी खुद को स्वस्थ और फिट बना सकते हैं इसमें अनुलोम विलोम, कपालभाति, प्राणायाम मुख्य है।
धैर्य रखना भी है जरूरी
अगर आप बॉडी बनाने की सोच रहे हैं, तो एक बात पहले से ही समझ लीजिए कि आपको थोड़ा धैर्य रखना होगा। बॉडी बनाना एक प्रकार से लंबे समय लेने वाली प्रक्रिया है जिसमें आपको लगातार प्रयत्न करते रहना होगा। अपने आहार, अपनी नींद, अपनी आदतों पर नियंत्रण रखना होगा। बुरी आदतों से भी खुद को दूर रखना होगा।
कई बार लोगों को ऐसा लगता है कि कितने दिन हो गए पर फर्क ही नहीं पड़ रहा है, तो ऐसे में बेचैन नहीं बल्कि धैर्य रखने की जरूरत होती है। अगर इंसान दृढ़ निश्चय कर ले तो कुछ भी आसानी से हासिल कर सकता है इसलिए आप ज्यादा सोचने नहीं बल्कि निरंतर रूप से अपना काम करते रहे।
इम्यूनिटी बूस्टर जूस बनाने के तरीके
कम बजट में घर में ही कैसे बनाएं जिम
इस कोरोना काल में बाहर निकलना मुश्किलों भरा है और आप अपनी बॉडी के लिए भी चिंतित हैं, तो ऐसे में आप कम बजट में ही छोटा सा जिम घर में बना सकते हैं।
1) रोप
रस्सी कूदने को सबसे काम की  एक्सरसाइज मानी जाती है जो बॉडी बनाने में सहायक होती है। आप बाजार से ही कम कीमत में इसे खरीद कर सुबह के समय रोपिंग का अभ्यास कर सकते हैं।
2)  रजिस्टेंस बैंड
ऐसा देखा गया है कि शरीर का संतुलन बनाए रखने के लिए रजिस्टेंस बेंड को जरूरी माना जाता है। आप बाजार से 800 से 1200 तक का बैण्ड लेकर इस्तेमाल कर सकते हैं।
3) वेट मशीन
एक्सरसाइज होने पर इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि वजन पर क्या प्रभाव पड़ा? इसके लिए वेट मशीन का भी उपयोग करें इसे आप सस्ते दामों में ऑनलाइन ही प्राप्त कर सकते है।
4) डम्बल्स
बॉडी बनाने के लिए डंबल्स का भी उपयोग किया जा सकता है। यह आपको सस्ते दामों में लोकल मार्केट से मिल जाता है। धीरे धीरे आप  डंबल का वजन भी बढ़ा सकते हैं और घर में ही आसानी से उपयोग किया जा सकता है।
5) हूप
हुप का उपयोग कमर से कैलोरी को कम करने में भी किया जाता है। इसे चर्बी भी कम की जा सकती है इसे आप अपने साइज के हिसाब से भी ले सकते हैं, जो सस्ते दामों में मिल सकता है।
इन सभी उपकरण से आसानी से ही घर में ही बॉडी बना सकते हैं लेकिन ध्यान रहे कि यह सब नियमित रूप से हो।
इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए लाभदायक है प्याज की चाय
डांस करना भी है फायदेमंद
अगर आप डांस करना पसंद करते हैं, तो सुबह या किसी भी समय इसे भी आजमा सकते हैं। आप इससे आपकी अतिरिक्त कैलोरी बर्न होगी। ऐसे किसी भी गतिविधि को करते समय जब पसीना आता है वह वजन घटाने या बॉडी बनाने में सहायक हो सकता है। आपने देखा होगा कि मशहूर अभिनेत्रियां हेमा मालिनी, माधुरी दीक्षित, श्रीदेवी ने अपने क्लासिकल डांस के माध्यम से अपने आप को संतुलित रखा है। भले ही आप क्लासिकल डांस ना जानते हो पर किसी भी प्रकार का डांस आपके लिए फायदेमंद है। इसे जरू��� आजमाएं।
निष्कर्ष
इस प्रकार से ��पने देखा कि बॉडी बनाना बहुत मुश्किल काम नहीं और अगर घर से यह काम करना हो तो कोई दिक्कत नहीं है। आप घर के कामों के साथ-साथ भी इस काम को भी अंजाम दे सकते हैं। इसमें आपको थोड़ी मेहनत की आवश्यकता है। अगर आपके अंदर लगन हो, तो कोई भी कार्य आसानी से किया जा सकता है। प्रयत्न करते रहिए और अपने मार्ग में आगे  बढि़ए।
उम्मीद करते हैं हमारा लेख आपको पसंद आएगा।
Source : https://www.ghareluayurvedicupay.com/ghar-par-body-banane-ke-tarike/
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its-axplore · 4 years
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आर ब्लॉक - दीघा सिक्स लेन हाईवे पर यू-टर्न नहीं होगा। पहले के प्लानिंग के तहत आर ब्लॉक से दीघा के बीच आर-पार करने के लिए दो जगह पर यू-टर्न बनाने की योजना थी। यहां पर हाईवे का स्पीड 40 किलोमीटर प्रतिघंटा रखा गया था। लेकिन, बुधवार को परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल के निरीक्षण के बाद बंद करने का निर्णय लिया गया।
इसके अगले दिन गुरुवार को निर्माण एजेंसी ने यू-टर्न बनाने के लिए खाली रखे जाने वाले दोनों जगहों पर लोहे का ग्रिल लगाकर बैरिकेडिंग लगाने का कार्य शुरू कर दिया है। हाईवे से गुजरने वाली गाड़ियों का स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटा है। यानी, आर ब्लॉक से दीघा के बीच की दूरी 6 मिनट में पूरी हाे जाएगी।
अब सिक्स लेन हाईवे को पार करने के लिए सर्विस लेन पकड़ने के बाद तीन विकल्प का उपयोग करना होगा। पहला विकल्प बेली रोड फ्लाई ओवर, दूसरा विकल्प शिवपुर फ्लाई ओवर और तीसरा विकल्प राजीव नगर फ्लाई ओवर है। इन विकल्पों का उपयोग कर हाईवे के आर-पार जाया जा सकेगा।
एक जनवरी से चालू होने वाले आर ब्लॉक-दीघा सिक्स लेन हाइवे का 95 फीसदी से अधिक पूरा हो गया है। बेली रोड फ्लाई ओवर का कार्य अंतिम चरण में चल रहा हैं। इसके पूरा होने के साथ ही आर ब्लॉक से दीघा के बीच 6.3 किलोमीटर की दूरी 6 मिनट में तय करने की सुविधा बहाल हो जाएगी। हाईवे से सर्विस लेन के लिए 9 कट, सिटी बसों के लिए बन रहे तीन स्टॉप आर ब्लॉक – दीघा हाईवे से सर्विस लेन में आने-जाने के लिए 9 जगह पर कट बनाया गया है। इन कटों के माध्यम से बाएं लेने वाले सर्विस रोड में उतर सकेंगे। इसके साथ ही इन जगहों से हाईवे पर चढ़ने की सुविधा है। आर ब्लॉक - दीघा सिक्स लेन हाईवे के दोनों लेन में सिटी बसों के लिए तीन-तीन जगह पर स्टॉप बन रहा है। इसके साथ ही सिक्स लेन हाईवे पर मैनुअल बोर्ड लगाने के साथ 6 जगहों पर डिजिटल स्क्रीन बोर्ड लगाया जा रहा है। सुरक्षा के लिए 7 जगहों पर सीसीटीवी कैमरा लगाया जा रहा है। इससे स्पीड की मॉनिटरिंग होगी।
यू-टर्न बंद कर डिवाइडर बनाने का विरोध भी शुरू, सड़क पर उतरे लोग आर ब्लॉक – दीघा सिक्स लेन हाईवे पर पानी टंकी के पास यू-टर्न को डिवाइडर बनाकर बंद करने का स्थानीय लोगों ने विरोध कराना शुरू कर दिया है। इसमें महेश नगर, इंद्रपुरी, पटेल नगर के निवासी शामिल है। महेश नगर निवासी प्रो. बिहारी सिंह ने कहा कि स्थानीय लोगों को पानी टंकी, बोरिंग रोड, पाटलीपुत्र जाने के लिए एक से डेढ़ किलोमीटर सर्विस लेन से दूरी तय करनी होगी। पूरब की तरफ जाने पर शिवपुरी फ्लाई ओवर को पार करना होगा। यहां शिवपुरी मुहल्ले सहित अन्य मुहल्लों की आबादी निकलने के कारण पहले से जाम रहता है।
पैदल चलने वाले को पानी टंकी के बाद हाईवे पार करना होगा
पैदल चलने वाले लोगों को आर ब्लॉक-दीघा सिक्स लेन पार करने की पानी टंकी के पास सुविधा मिलेगी। यहां पर फुट ओवर ब्रिज बनाने का काम चल रहा है। इसपर चढ़ने और उतरने के लिए लिफ्ट लगेगा। बुजुर्ग-दिव्यांग सहित आम लोगों को आने-जाने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। इस फुट ओवर ब्रिज के माध्यम से लोग हाईवे आर-पार करेंगे।
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आर ब्लॉक दीघा सड़क पर यू-टर्न को बंद करते कर्मी।
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best24news · 2 years
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Haryana News: घर में चल रहे थे मंगल गीत, धारूहेडा से दुल्हा गायब
Haryana News: घर में चल रहे थे मंगल गीत, धारूहेडा से दुल्हा गायब
हरियाणा: अक्सर प्रेम प्रसंग के चलते लडकिया शादी से पहले या शादी वाले फिर फरार हो जाती है। लेकिन धारूहेडा में एक नया मामला सामने आया है। दूल्हा शादी से पहले संदिग्ध हालात में गायब हो गया। जबकि शुक्रवार को उसकी बारात जानी थी। दुल्हे के गायब होने से घर मे अफरा तफरी मची हुई है। Kosli Crime: सरपंच का लडका बताकर बुजुर्ग से लिफ्ट देकर​ 20 हजार की ठगी थाना धारूहेडा पुलिस के अनुसार गांव खटावली की ढाणी के…
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shaileshg · 4 years
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एक नामी न्यूज चैनल पर खबर चल रही है। सुशांत सिंह राजपूत की मौत की तफ्तीश में जुटे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने भेजा इन अभिनेत्रियों को समन। फिर एक-एक कर स्क्रीन पर उनका नाम आता है। पीछे स्क्रीन पर उनकी तस्वीर और उनकी फिल्मों के वीडियो क्लिप्स।
दीपिका पादुकोण, जब एंकर दीपिका के फोन में घुसकर उसकी निजी चैट सार्वजनिक कर रहा है, पीछे पीले रंग की बिकनी में उनका वीडियो दिखाया जा रहा है। पर्दे पर खट से दृश्य बदलता है और अब वो गाढ़े हरे रंग के गाउन में नशे में धुत्त डांस फ्लोर पर नाच रही हैं। कुछ 30 सेकेंड में दृश्य फिर बदलता है। अब वो एक कार में चार लड़कों के साथ हैं। फिर एक फोटो आती है, जिसमें उन्होंने नीले रंग की बिकनी पहन रखी है।
फिर दूसरी फोटो, जिसमें चेहरे से ज्यादा फोकस उनकी छातियों और क्लीवेज पर है। फिर तीसरी फोटो, हॉट पैंट में, फिर एक कामुक वीडियो। इसमें से एक भी फोटो, एक भी वीडियो उनकी रोजमर्रा की जिंदगी का नहीं है। जींस-टॉप में एयरपोर्ट पर दिखती, बैडमिंटन खेलती, काम पर जाती, इंटरव्यू देती, अवॉर्ड लेती, भाषण देती दीपिका पादुकोण। हर वीडियो उनकी फिल्मों से लिया गया है, जिसमें वो कोई एक किरदार में हैं। वो खुद दीपिका पादुकोण नहीं हैं।
बैकग्राउंड में चल रही इन नंगी तस्वीरों के साथ एंकर गला फाड़-फाड़कर चिल्ला रहा है कि कैसे बॉलीवुड की औरतें नशे में डूबी हुई हैं। फिर एक-एक कर और भी नाम आते हैं और पीछे उनकी वैसी ही तस्वीरें और वीडियो। श्रद्धा कपूर, सारा अली खान, रकुल सिंह प्रीत। इन्हें चुनते हुए बस एक बात का पूरा एहतियात बरता गया है कि गलती से भी कोई तस्वीर पूरे कपड़ों में न हो।
मैं एक के बाद दूसरे वीडियो से गुजरती जा रही हूं। तभी वीडियो पॉज होता है और बीच में एक विज्ञापन आने लगता है। एक मर्द लिफ्ट में है। एक बुजुर्ग स्त्री भी साथ में है, आदमी अपने फ्लोर का बटन दबाता है। तभी लिफ्ट में एक गोरी, सुंदर, कमनीय देह वाली स्त्री घुसती है। उसकी पीठ खुली है। मर्द अचानक लिफ्ट के ढेर सारे बटन दबा देता है। विज्ञापन खत्म हो जाता है। स्क्रीन पर एक लाइन लिखकर आती है- मेन विल बी मेन।
विज्ञापन खत्म, खबर दोबारा शुरू हो चुकी है। एक बार फिर दीपिका उसी पीली बिकनी में पर्दे पर हैं। कैमरा चेहरे को छोड़ बाकी हर जगह फोकस है। एंकर का फोकस भी बिगड़ा नहीं है। वो हाथ हवा में झटकता है, आंखें चौड़ी करता है और चिल्लाता है- बॉलीवुड की नशेड़ी औरतें। बीच में एक जगह सुशांत सिंह राजपूत का भी नाम आता है और तुरंत स्क्रीन पर तस्वीर उभरती है- जींस-टीशर्ट में सौम्यता से मुस्कुराते सुशांत की, उसके तुरंत बाद गुलाबी बिकनी में रकुल सिंह प्रीत।
ये देखकर हमें क्या समझ आता है? यही कि बॉलीवुड की औरतें नशे में डूबी हुई हैं। सिर्फ वही हैं, जो ड्रग्स लेती हैं, लड़के सब संस्कारी हैं, उनके फोन में कोई ऐसी चैट नहीं, जिसे सूंघता नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो उनके घर तक पहुंच जाए। जिसे पढ़कर संस्कारी देश के संस्कारी बेटों के चरित्र पर कोई आंच आए। जांच के दौरान जब गवाहों ने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत ड्रग्स लेते थे तो जनता और मीडिया ने हेडलाइन चलाई- सुशांत को ड्रग्स देती थीं रिया चक्रवर्ती। राजा बेटा लेता नहीं था, डायन गर्लफ्रेंड देती थी।
और ऐसा नहीं है कि ये कहने वाले सब अजनबी ट्रोलर्स हैं। मेरे घर के वॉट्सऐप ग्रुप में मामा, चाचा, काका, मौसा, फूफा मीम्स भेज रहे हैं। अतरंगी कपड़ों में रणवीर सिंह की तस्वीरें हैं, नीचे अंग्रेजी में लिखा है- 'व्हैन योर वाइफ शॉप फॉर यू आफ्टर टेकिंग ड्रग्स। एक और मीम है, रणवीर सिंह ने एक बिखरे बालों वाली नशे में धुत्त लड़की को कंधे पर उठा रखा है। नीचे लिखा है- 'बीवी को एनसीबी के दफ्तर ले जाते रणवीर सिंह।'
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नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने शनिवार को दीपिका पादुकोण से साढ़े पांच घंटे, श्रद्धा कपूर से 6 घंटे और सारा अली खान से पांच घंटे पूछताछ की।
मेरी बहन ने फेसबुक पर एक पोस्टर शेयर किया है और लिखा है- 'दीपिका पादुकोण को जेल की सलाखों के पीछे देखना चाहते हैं तो इसे शेयर करें।' एक महीने पहले उसी बहन ने पोस्ट लिखकर देश के माता-पिताओं से गुजारिश की थी कि अपने बेटों को लिव इन वाली चुड़ैलों से कैसे बचाएं।
तो ऐसा नहीं है कि ये सब किसी और दुनिया में हो रहा है। ये मेरे घर में हो रहा है। ये आपके भी घर में हो रहा है। ये हमारे टीवी स्क्रीन पर हो रहा है। सब संस्कारी लड़के दूध में हॉरलिक्स में डालकर पी रहे हैं और बर्बाद लड़कियां नशे में धुत्त हैं। और इन सबके बीच लड़कों की कमजोरियों, गलतियों और दरिंदगी तक को हंसी में उड़ा देने वाले चुटकुले भी चल रहे हैं। टैगलाइन है- 'बॉयज विल भी बॉयज मेन विल बी मेन।
बेचारे लड़के ही तो हैं, लड़कों से गलती हो जाती है। वैसे अगर आपको याद हो तो नेताजी ने तो भरे मंच से कहा था रेप करने वाले लड़कों के लिए, 'लड़के हैं, गलती हो जाती है। अब एक सच्ची कहानी सुनाती हूं। ये सोचना आपका काम है कि अलग-अलग नजर आती इन सारी कहानियों के तार आपस में कैसे जुड़े हैं।
फेसबुक पर महिलाओं के एक क्लोज्ड ग्रुप में एक बार लेबनान के एक अमीर घर की लड़की ने अपनी कहानी लिखी थी। शादी के बाद उसे पता चला कि उसके पति का किसी और स्त्री के साथ अफेयर है। इस सदमे और तकलीफ के बीच ही पहले बच्चे का जन्म घर पर ही हुआ। जबकि उसे दिक्कत थी, लेकिन हॉस्पिटल नहीं ले गए।
बच्चा तो पैदा हुआ लेकिन गर्भाशय लटककर बाहर आ गया। फिर उसे ठीक करने के लिए एक ऑपरेशन कराया गया, लेकिन उसके बाद से उसके पेट के निचले हिस्से में दर्द रहने लगा। इतना कि सेक्स करना तकरीबन असंभव हो गया। पति उस दूसरी औरत को घर ले आया।
वो रोई-चीखी तो उसके सास-ससुर और यहां तक कि उसके मां-बाप ने भी कहा कि गलती तुम्हारी है। कमी तुझमें है। तुम पति को खुश नहीं रख पाई, वो डिप्रेशन और ड्रग्स की शिकार हो गई।14 साल बाद जब वो ये कहानी सुना रही थी तो डिप्रेशन, ड्रग्स, पति और ससुराल से आजाद होने और अपने पैरों पर खड़े होने के बाद।
उसकी कहानी के जवाब में दुनिया के और तमाम मुल्कों और शहरों की औरतों ने अपनी कहानी सुनाई और बताया कि कैसे वो भी अकेले ही जिम्मेदार ठहराई गई हैं मर्द की हर गलती की। रेप हुआ तो उनकी गलती, छेड़खानी हुई तो उनकी गलती, पति का अफेयर हुआ तो उनकी गलती, उन्हें मार पड़ी तो उनकी गलती, वो घर से निकाली गईं तो उनकी गलती।
प्रेग्नेंट हो गईं तो उनकी गलती और नहीं हो पा रही तो भी उनकी ही गलती। सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की तो रिया चक्रवर्ती की गलती। बॉलीवुड में ड्रग्स चलता है तो वहां की सारी औरतों की गलती। सब गलती सिर्फ और सिर्फ औरतों की गलती। मर्द सारे पाक-साफ, पवित्र, महान, गंगाजल से नहाए, ईश्वर का अवतार।
दुनिया का इतिहास उठाकर देख लीजिए, अरबों पन्ने कम पड़ जाएं उस कहानी को कहने में कि जितनी बार मर्दों के सारे अपराधों का जिम्मेदार औरतों को ठहराया गया। सिर्फ इतना ही नहीं, कभी उनका गला काट दिया गया, कभी सरेआम फांसी पर टांगा गया।
इंग्लैंड की पहली महिला शासक क्वीन एलिजाबेथ प्रथम की मां एन्न बॉयल को भरे बाजार फांसी दी गई थी क्योंकि उन्होंने अपने पति से झूठ बोला था। अभी इतनी जगह और वक्त नहीं कि पूरी कहानी सुना सकूं। एक फिल्म है 'द अदर बॉयलन गर्ल।' ढूंढ़कर देख लीजिए ताकि कुछ देर दिल पर हाथ रखकर रो सकें, ये मेरे बचपन की घटना है।
इलाहाबाद के एक बड़े नामी लेखक की बेटी ने 16 साल की उम्र में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मेरे अवचेतन में आज भी उसके मरने से ज्यादा वो डरावनी कहानियां जिंदा हैं, जो मैंने घर की औरतों और मर्दों के मुंह से सुनी थी। लड़की का चरित्र खराब था, वो प्रेग्नेंट हो गई थी।
घर के जिस लड़के ने उसकी कहानी सबसे ज्यादा चटखारे लेकर सुनाई, उसी ने बाद में एक दिन मौका पाकर मेरे सीने पर भी हाथ मारने की कोशिश की। हालांकि, ऐसा होने से न मैं बदनाम हुई, न गाली खाई, न मरी क्योंकि मैंने ये बात किसी को बताई ही नहीं।
औरतें चुप रहें तो सब ठीक रहता है। पर्दे में रहें, गाय बनकर खूंटे से बंधी रहें, मुंह न खोलें तो न चैनल पर गालियां पड़ती हैं, न नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो चैट खंगालता है, न सलाखों के पीछे डालता है। न दुनिया डायन कहती है, जेएनयू जाकर बताएंगी कि वो सिर्फ सुंदर ही नहीं है, राजनीतिक समझ भी रखती हैं तो कीमत तो चुकानी पड़ेगी न।
और ये सारी कीमतें औरतें अकेले चुकाती हैं, राजा बेटे पर कोई आंच नहीं आती। इतिहास की किताबें पढ़ते हुए ऐसा लगता था हमें कि बर्बर मध्ययुग का अंत हो चुका। जैसे कहा था फोबी वॉलर ब्रिज ने अपने कॉमेडी शो में कि 'पहले हॉर्नी औरतें फांसी पर चढ़ाई जाती थीं, अब उन्हें एम्मी दिया जाता है। लेकिन, ये अब भी मेरे देश का सच नहीं।
बस चार कदम बढ़े थे हम थोड़ा बेहतर, थोड़ा न्यायपूर्ण, थोड़ा मानवीय होने की ओर कि 40 कदम पीछे ढकेल दिए गए हैं। अगर इस देश का पॉपुलर मेन स्ट्रीम मीडिया, न्यायिक संस्थाएं, जांच एजेंसियां एक-एक कर सिर्फ औरतों को निशाना बना रही हैं और कोई इस पर सवाल भी नहीं कर रहा तो ये बात डराने वाली है। और हम औरतों को इस बात से और ज्यादा डर लग रहा है कि औरतों के लिए इतनी तेजी से डरावने होते जा रहे इस देश से मर्दों को डर नहीं लग रहा।
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reviewsground · 4 years
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Jodhpur News In Hindi : Corona positive in the investigation after the death of a 55-year-old man who was undergoing treatment for TB for 16 days, the administration conducted the last rites in Jodhpur | भोपाल में कोरोना के शक में भाई ने भाई को घर से निकाला; जोधपुर में 16 दिन तक टीबी का इलाज चला, मौत के बाद कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई
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ब्यावर में रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर बुजुर्ग लिफ्ट लेकर अस्पताल पहुंचा, अब उसके संपर्क में आए लोगों को खोजा रहे
सऊदी में कोरोना से मौत ���े 5 दिन बाद भी अंतिम संस्कार के इंतजार में शव, मदद के लिए हिमाचल में परिवार परेशान
दैनिक भास्कर
Jun 11, 2020, 10:08 AM IST
भोपाल/जोधपुर. कोरोना संक्रमण के दौर में लोगों को जागरुक करने के लिए सरकारें करोड़ों रुपए खर्च कर रही हैं। इसके अलावा डॉक्टर और स्वास्थ्य…
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भोपाल में कोरोना के शक में भाई ने भाई को घर से निकाला; जोधपुर में 16 दिन तक टीबी का इलाज चला, मौत के बाद कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई
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vilaspatelvlogs · 4 years
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भोपाल में कोरोना के शक में भाई ने भाई को घर से निकाला; जोधपुर में 16 दिन तक टीबी का इलाज चला, मौत के बाद कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई
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jaivendra · 4 years
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गेट खुल गया लेकिन लिफ्ट नहीं आई, तीसरे फ्लोर से गिरने पर रिटायर्ड इंजीनियर की मौत Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE
गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई हैं। यहां की मोती रेजीडेंसी कॉलोनी में गुरुवार शाम को लिफ्ट में खराबी की वजह से 76 वर्षीय सेवानिवृत एक्जीक्यूटिव इंजीनियर की मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक लिफ्ट का गेट तो खुल गया था लेकिन लिफ्ट नहीं आई जिसकी वजह से बुजुर्ग तीसरे फ्लोर से सीधे नीचे ग्राउंड फ्लोर के गड्ढे में गिर गए। घटना के बाद कॉलोनी के लोगों ने जमकर हंगामा किया और बिल्डर पर लापरवाही का आरोप लगाया। मृतक के बेटे ने बिल्डर के खिलाफ शिकायत की है।
बता दें कि मोरटा शाहपुर मार्ग पर गांव मोरटा के पास मोती रेजीडेंसी कॉलोनी में 13 फ्लोर हैं। जिसमें तीसरे फ्लोर पर मूल रुप से आजमगढ़ के निवासी विद्युत निगम से पूर्व एक्जीक्यूटिव इंजीनियर केदारनाथ गौड अपने पुत्र राजेश गौड़ ,पुत्र वधु गीता, पोत्र आदित्य व पोती के साथ रहते थे। बताया जा रहा है कि केदारनाथ गौड़ अपने पोते पोती के साथ प्रत्येक दिन शाम को 5 बजे के आसपास पार्क में टहलने के लिए जाते थे। गुरुवार को उनकी पोती पहले पार्क में चली गई और पोते ने जाने से इंकार कर दिया।
शाम सवा 5 बजे के आसपास पार्क जाने के लिए केदारनाथ गौड़ घर से निकले थे। तीसरे फ्लोर पर उन्होंने लिफ्ट का बटन दबाया तो गेट खुल गया। मगर तकनीकी खराबी के कारण लिफ्ट ऊपर ही अटक गई। बुजुर्ग को लिफ्ट आने का पता नहीं चला। गेट खुलते ही जैसे ही उन्होंने आगे कदम बढ़ाया तो वह सीधे चैंबर में नीचे जाकर गिरे। देर शाम तक जब वह घर वापस नहीं आए तो उनकी तलाश शुरू की गई। किसी ने बताया कि शाम पांच बजे लिफ्ट के पास खड़ा देखा था। इसके बाद कॉलोनी के लोगों ने उनकी लिफ्ट के ग्राउंड फ्लोर के गड्ढे में उनकी तलाश शु्रू की। लिफ्ट का दरवाजा तोड़कर गौड को गड्ढे से बाहर निकालकर पास के वरदान अस्पताल पहुंचाया गया, जहां पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
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mastereeester · 4 years
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मजदूर पिता ने उधार लेकर बेटे को पढ़ाई के लिए 13 हजार रुपए का मोबाइल दिलाया, लुटेरे हाथ से छीनकर भागा, मदद करने वाले ने कहा किसी और की मदद ले लोDainik Bhaskar
मजदूर पिता ने उधार लेकर बेटे को पढ़ाई के लिए 13 हजार रुपए का मोबाइल दिलाया, लुटेरे हाथ से छीनकर भागा, मदद करने वाले ने कहा किसी और की मदद ले लोDainik Bhaskar
राजधानी भोपाल में एक्टिवा सवार बदमाश 11वीं के एक छात्र के हाथ से मोबाइल फोन लूटकर फरार हो गया। आरोपी का पीछा कर रहे छात्र को एक बुजुर्ग ने लिफ्ट दी। कुछ दूरी पर जाने के बाद बुजुर्ग ने कहा कि मैं गाड़ी तेज नहीं चला सकता हूं, तुम किसी और की मदद ले लो। इतनी देर में आरोपी गायब हो गया। छात्र को यह मोबाइल फोन उसके पिता ने रिश्तेदारों से उधार लेकर अच्छी पढ़ाई करने के लिए हाल ही में दिलाया था।
भोपाल के…
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