Tumgik
#भारतऔरचीन
chaitanyabharatnews · 4 years
Text
लोकसभा में चीन मुद्दे पर बोले राजनाथ सिंह- चीन ने जुटाए सैनिक और गोला बारूद, हम हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार
Tumblr media
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. कोरोना वायरस महामारी के बीच सोमवार से 18 दिनों के मानसून सत्र की शुरुआत हुई। सत्र के दूसरे दिन पहले राज्यसभा की कार्यवाही हुई। लद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी तनाव को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को सदन में जवाब दिया। राजनाथ सिंह ने सदन में कहा कि, अभी की स्थिति के अनुसार, चीन ने एलएसी और अंदरूनी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सैनिक टुकड़ियां और गोला बारूद को इकट्ठा किया है। भारतीय सेना ने भी पूरी तैयारी कर ली है। राजनाथ सिंह ने कहा, एलएसी (LAC) को लेकर दोनों देशों के बीच में मतभेद है। सीमा विवाद जटिल मामला है लेकिन इसे सुलझाया जा सकता है। भारत और चीन दोनों ही सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए सहमत हुए हैं, यह आगे के द्विपक्षीय संबंधों के लिए जरूरी है। भारत चीन सीमा विवाद का कोई हल नहीं निकल सका है। अब तक इसे सुलझाने को लेकर कोई भी संयुक्त सहमति नहीं बन सकी है। चीन सीमा पर असहमति जता रहा है। रक्षा मंत्री ने कहा कि, चीन सीमा की सांस्कृतिक और प्रथागत मार्गरेखा की पहचान नहीं करता है हम मानते हैं कि यह मार्गरेखा अच्छी तरह से स्थापित भौगोलिक रियासतों पर आधारित है। भारत के पहले भी चीन के साथ विवाद होते रहे हैं, ये विवाद लंबे समय तक चले हैं, हालांकि, इस वर्ष की स्थिति, पहले से बहुत अलग है, फिर भी हम मौजूदा स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके साथ-साथ मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम सभी परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार हैं। राजनाथ सिंह ने कहा यह समय है जब यह सदन अपने सशस्त्र सेनाओं के साहस और वीरता पर पूर्ण विश्वास जताते हुए उनको यह संदेश भेजे कि यह सदन और सारा देश सशस्त्र सेनाओं के साथ है जो भारत की संप्रभुता एवं सम्मान की रक्षा में जुटे हुए हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि यह सदन अवगत है चीन, लद्दाख में भारत की लगभग 38,000 स्क्वायर किलोमीटर भूमि पर अनधिकृत कब्जा किए हुए है। इसके अलावा, 1963 में एक तथाकथित बाउंड्री एग्रीमेंट के तहत, पाकिस्तान ने पीओके की 5180 स्क्वायर किलोमीटर भारतीय जमीन अवैध रूप से चीन को सौंप दी है। राजनाथ सिंह ने कहा कि यह भी बताना चाहता हूं कि अभी तक भारत-चीन के बॉर्डर इलाके में कॉमनली डेलीनिएटिड LAC नहीं है और LAC को लेकर दोनों की धारणा अलग-अलग है। राजनाथ सिंह ने कहा एक ओर किसी को भी हमारे सीमा की सुरक्षा के प्रति हमारे दृढ़ निश्चय के बारे में संदेह नहीं होना चाहिए, वहीं भारत यह भी मानता है कि पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण संबंधों के लिए आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि हम मौजूदा स्थिति का वार्ता के जरिए समाधान चाहते हैं, हमने चीनी हिस्से के साथ कूटनीटिक और सैन्य व्यस्तता को बनाए रखा है। इन वार्ताओं में तीन प्रमुख सिद्धांत हमारी दृष्टिकोणों को तय करते हैं- दोनों पक्षों को LAC का सम्मान और कड़ाई से पालन करना चाहिए। किसी भी पक्ष को अपनी तरफ से यथास्थिति का उल्लंघन करने का प्रयास नहीं करना चाहिए। दोनों पक्षों के बीच सभी समझौतों और समझ का पूर्णतया पालन होना चाहिए हर चुनौती का सामना करेंगी देश की सेनाएं राजनाथ सिंह ने कहा सदन को आश्वस्त रहना चाहिए कि हमारी सैन्य ताकतें इस चुनौती का सफलता से सामना करेंगी, और इसके लिए हमें उनपर गर्व है। अभी जो स्थिति बनी हुई है उसमें सेंसिटिव ऑपरेशनल मामले शामिल हैं। इसलिए मैं इस बारे में ज्यादा ब्यौरा का खुलासा नहीं करना चाहूंगा। Read the full article
0 notes
chaitanyabharatnews · 4 years
Text
लद्दाख दौरे पर सेना प्रमुख, कहा- LAC पर स्थिति थोड़ी तनावपूर्ण, हर चुनौती का सामना करने को तैयार
Tumblr media
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. भारत और चीन के बीच जारी तनाव के बीच सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे दो दिवसीय दौरे पर लद्दाख पहुंचे हैं। यहां उन्होंने कहा कि, वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC पर स्थिति गंभीर और नाजुक है। सेना प्रमुख ने कहा कि, 'एलएसी पर स्थिति थोड़ी तनावपूर्ण है। स्थिति को ध्यान में रखते हुए, हमने अपनी सुरक्षा के लिए एहतियातन तैनाती ले ली है, जिससे कि हमारी सुरक्षा और अखंडता सुरक्षित रहे। हम किसी भी तरह की चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।' सेना प्रमुख ने आगे कहा कि, 'पिछले 2-3 महीनों से स्थिति तनावपूर्ण है, लेकिन हम चीन के साथ सैन्य और राजनयिक दोनों स्तरों पर लगातार बात कर रहे हैं। यह हो रहा है और भविष्य में भी जारी रहेगा। हमें पूरा यकीन है कि इस बातचीत के माध्यम से हमारे बीच जो भी मतभेद हैं; उसका हल निकाल लिया जाएगा। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि यथास्थिति नहीं बदली जाए और हम अपने हितों की रक्षा करने में सक्षम हों।' किसी भी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार- सेना प्रमुख सेना प्रमुख ने कहा कि, 'जवानों का का मनोबल ऊंचा है और वे किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। मैं फिर से दोहराना चाहूंगा कि हमारे अधिकारी और जवान दुनिया में सबसे अच्छे हैं और न केवल सेना बल्कि देश को भी गौरवान्वित करेंगे।' नरवणे ने कहा, 'मैंने लेह पहुंचने के बाद विभिन्न स्थानों का दौरा किया। मैंने अधिकारियों, जेसीओ से बात की और तैयारियों का जायजा लिया। जवानों का मनोबल ऊंचा है और वे सभी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं।' बता दें गुरुवार को नरवणे ने लद्दाख का दो दिवसीय दौरा शुरू किया था। सेना से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पैंगोंग झील के दक्षिणी तट के आस-पास यथास्थिति को बदलने के चीन के हालिया प्रयासों के मद्देनजर क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति की व्यापक समीक्षा करने के मकसद से सेना प्रमुख का यह दौरा हुआ। गौरतलब है कि इससे पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने जोर दिया था कि भारत के सैन्य बल चीन की आक्रामक गतिविधियों से ‘सबसे बेहतर एवं उचित तरीकों’ से निपटने में सक्षम हैं। Read the full article
0 notes
chaitanyabharatnews · 4 years
Text
भारत-चीन झड़प: जवानों की शहादत पर बोले प्रधानमंत्री मोदी- 'वे मारते-मारते मरे, हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा'
Tumblr media
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. एलएसी (LAC) पर गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए जबकि चीन के 45 सैनिक गंभीर रूप से हताहत बताए जा रहे हैं। लद्दाख में हुई हिंसक झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन से विवाद पर पहली बार बयान दिया है। उन्होंने साफ कहा कि भारतीय जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, 'जिन जवानों की शहादत हुई है, वो व्यर्थ नहीं जाएगी। हमें अपने जवानों पर गर्व करना चाहिए, वे मारते-मारते मरे हैं।' पीएम मोदी ने बुधवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना वायरस पर वार्ता की। इससे पहले उन्होंने चीन सीमा पर शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी। इसके साथ ही शहीद जवानों के लिए दो मिनट का मौन भी रखा गया। पीएम मोदी ने कहा, 'हमने हमेशा से अपने पड़ोसियों के साथ मिलकर काम किया है। हमेशा उनके विकास और कल्याण की कामना की है। जहां कहीं मतभेद भी रहे हैं, हमने ह���ेशा ये प्रयास किया है कि मतभेद विवाद न बने। हम कभी किसी को भी उकसाते नहीं हैं। लेकिन अपने देश की अखंडता और संप्रभुता के साथ समझौता भी नहीं करते। जब भी समय आया है हमने देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने के लिए अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है, अपनी क्षमताओं को साबित किया है।' 'रक्षा से कोई नहीं रोक सकता' पीएम मोदी ने आगे कहा, 'त्याग और तपस्या हमारे चरित्र का हिस्सा है। विक्रम और वीरता भी हमारे चरित्र का हिस्सा है। देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करने से हमें कोई भी रोक नहीं सकता। इसमें किसी को भी भ्रम नहीं होना चाहिए। भारत शांति चाहता है लेकिन भारत उकसाने पर हर हाल में यथोचित जवाब देने में सक्षम है और हमारे दिवंगत शहीद वीर जवानों के विषय में देश को इस बात का गर्व होगा कि वे मारते-मारते मरे हैं।' Read the full article
0 notes
chaitanyabharatnews · 4 years
Text
लद्दाख बॉर्डर पर भारतीय-चीनी सेना से झड़प, भारत के एक अफसर-दो जवान शहीद, रक्षा मंत्री ने बुलाई बैठक
Tumblr media
चैतन्य भारत न्यूज भारत और चीन के बीच पिछले काफी समय से लद्दाख में जारी विवाद अब और भी गहरा गया है। लद्दाख सीमा पर गलवान घाटी के पास दोनों सेनाओं के बीच सोमवार देर रात झड़प हो गई, जिसमें भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए। ये घटना तब हुई जब सोमवार रात को गलवान घाटी के पास जब दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद सबकुछ सामान्य होने की स्थिति आगे बढ़ रह थी। भारतीय सेना ने अपने बयान में कहा है कि हिंसक झड़प में दोनों पक्षों को नुकसान हुआ है। During de-escalation process in Galwan Valley, a violent face-off took place last night with casualties. The loss of lives on Indian side includes an officer & 2 soldiers. Senior military officials of the two sides are currently meeting at the venue to defuse the situation: Army pic.twitter.com/Z3y9ocQu26 — ANI (@ANI) June 16, 2020 जानकारी के मुताबिक, इस झड़प के दौरान कुछ चीनी सैनिक भी घायल हुए हैं। भारतीय सेना द्वारा जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया है कि, ‘गलवान घाटी में सोमवार की रात को डि-एस्केलेशन की प्रक्रिया के दौरान भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई। इस दौरान भारतीय सेना के एक अफसर और दो जवान शहीद हो गए हैं। दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी इस वक्त इस मामले को शांत करने के लिए बड़ी बैठक कर रहे हैं।' इस मामले पर चीन के विदेश मंत्रालय ने टिप्पणी की है। बीजिंग ने उलटे भारत पर घुसपैठ करने का आरोप लगाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजिंग का आरोप है कि भारतीय सैनिकों ने बॉर्डर क्रॉस करके चीनी सैनिकों पर हमला किया था। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है, 'यह भारत पर निर्भर है कि वह इस मामले को सहयोग से सुलझाएगा। भारत ऐसी स्थिति में एकतरफा कार्रवाई ना करे।' लंबे वक्त से चल रही थी बातचीत की कोशिश बता दें मई की शुरुआत से ही भारत और चीन के बीच लद्दाख बॉर्डर के पास तनावपूर्ण माहौल बना हुआ था। चीनी सैनिकों ने भारत द्वारा तय की गई LAC को पार कर लिया था और पेंगोंग झील, गलवान घाटी के पास आ गए थे। जानकारी के मुताबिक, चीन द्वारा यहां पर करीब पांच हजार सैनिकों को तैनात किया गया था, इसके अलावा सैन्य सामान भी इकट्ठा किया गया था। ये भी पढ़े... वैज्ञानिकों का दावा- चीन नहीं बल्कि फ्रांस में आया था कोरोना वायरस का पहला केस! अमूल ने की चीनी सामान का बहिष्कार करने की पहल, तो ट्विटर अकाउंट हुआ ब्लॉक, भड़के लोग चीन ने अब सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर बनाया 5जी इंटरनेट बेस स्टेशन, कई देशों पर रखेगा नजर Read the full article
0 notes
chaitanyabharatnews · 4 years
Text
लद्दाख बॉर्डर पर भारतीय-चीनी सेना से झड़प, भारत के एक अफसर-दो जवान शहीद, रक्षा मंत्री ने बुलाई बैठक
Tumblr media
चैतन्य भारत न्यूज भारत और चीन के बीच पिछले काफी समय से लद्दाख में जारी विवाद अब और भी गहरा गया है। लद्दाख सीमा पर गलवान घाटी के पास दोनों सेनाओं के बीच सोमवार देर रात झड़प हो गई, जिसमें भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए। ये घटना तब हुई जब सोमवार रात को गलवान घाटी के पास जब दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद सबकुछ सामान्य होने की स्थिति आगे बढ़ रह थी। भारतीय सेना ने अपने बयान में कहा है कि हिंसक झड़प में दोनों पक्षों को नुकसान हुआ है। During de-escalation process in Galwan Valley, a violent face-off took place last night with casualties. The loss of lives on Indian side includes an officer & 2 soldiers. Senior military officials of the two sides are currently meeting at the venue to defuse the situation: Army pic.twitter.com/Z3y9ocQu26 — ANI (@ANI) June 16, 2020 जानकारी के मुताबिक, इस झड़प के दौरान कुछ चीनी सैनिक भी घायल हुए हैं। भारतीय सेना द्वारा जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया है कि, ‘गलवान घाटी में सोमवार की रात को डि-एस्केलेशन की प्रक्रिया के दौरान भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई। इस दौरान भारतीय सेना के एक अफसर और दो जवान शहीद हो गए हैं। दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी इस वक्त इस मामले को शांत करने के लिए बड़ी बैठक कर रहे हैं।' इस मामले पर चीन के विदेश मंत्रालय ने टिप्पणी की है। बीजिंग ने उलटे भारत पर घुसपैठ करने का आरोप लगाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजिंग का आरोप है कि भारतीय सैनिकों ने बॉर्डर क्रॉस करके चीनी सैनिकों पर हमला किया था। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है, 'यह भारत पर निर्भर है कि वह इस मामले को सहयोग से सुलझाएगा। भारत ऐसी स्थिति में एकतरफा कार्रवाई ना करे।' लंबे वक्त से चल रही थी बातचीत की कोशिश बता दें मई की शुरुआत से ही भारत और चीन के बीच लद्दाख बॉर्डर के पास तनावपूर्ण माहौल बना हुआ था। चीनी सैनिकों ने भारत द्वारा तय की गई LAC को पार कर लिया था और पेंगोंग झील, गलवान घाटी के पास आ गए थे। जानकारी के मुताबिक, चीन द्वारा यहां पर करीब पांच हजार सैनिकों को तैनात किया गया था, इसके अलावा सैन्य सामान भी इकट्ठा किया गया था। ये भी पढ़े... वैज्ञानिकों का दावा- चीन नहीं बल्कि फ्रांस में आया था कोरोना वायरस का पहला केस! अमूल ने की चीनी सामान का बहिष्कार करने की पहल, तो ट्विटर अकाउंट हुआ ब्लॉक, भड़के लोग चीन ने अब सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर बनाया 5जी इंटरनेट बेस स्टेशन, कई देशों पर रखेगा नजर Read the full article
0 notes
chaitanyabharatnews · 4 years
Text
सिक्किम: सीमा पर भारतीय-चीनी सैनिकों के बीच हुई हाथापाई, दोनों देशों के जवान हुए घायल
Tumblr media
चैतन्य भारत न्यूज गंगटोक. सिक्किम के पास अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर एक बार फिर भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प होने की खबर सामने आई है। उत्तर सिक्किम इलाके (India-China boundary) के नाकु ला सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच यह झड़प हुई। इसकी जानकारी भारतीय सेना के सूत्रों ने दी है। Temporary and short duration face-offs occur as the boundary is not resolved. Troops resolve such issues mutually as per established protocols. This has occurred after a long time: Indian Army sources https://t.co/scuySUQYt8 — ANI (@ANI) May 10, 2020 गश्त के दौरान हुई झड़प भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक, दोनों पक्षों के बीच हाथापाई हुई। इस दौरान दोनों तरफ के सैनिक घायल हो गए। इन्हें हल्की चोटें आई हैं। जहां यह घटना हुई वह इलाका 5 हजार मीटर से ज्यादा ऊंचाई पर है। सूत्रों के मुताबिक, इस क्षेत्र में सड़क परिवहन की कोई सुविधा नहीं है और हेल��कॉप्टर सेवाओं के माध्यम से इसका रख-रखाव किया जाता है। सूत्रों ने बताया कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच नियमित गश्त के दौरान यह झड़प हुई थी। हालांकि, स्थानीय स्तर पर इस मामले को सुलझा लिया गया और दोनों तरफ के सैनिक अपनी-अपनी पोस्ट पर वापस लौट गए। लंबे समय बाद हुई ऐसी घटना बता दें कि सीमा विवाद के चलते सैनिकों के बीच ऐसे छोटे-मोटे विवाद होते रहते हैं। इस तरह की घटना काफी लंबे समय के बाद हुई है। साल 2017 में डोकलाम सेक्टर में भारत और चीन की सेनाओं के बीच 73 दिनों तक गतिरोध चला था। दरअसल चीनी सेना ने इस इलाके में सड़क निर्माण का कार्य शुरू कर दिया था। इसके बाद भारतीय सेना भूटान द्वारा मदद का हाथ बढ़ाने के बाद डोकलाम तक पहुंच गई और सड़क निर्माण कार्य रोक दिया। इसके बाद दोनों देशों की सेना 73 दिनों तक उसी स्थिति में तैनात रहीं। फिर राजनयिक बातचीत के बाद अगस्त में गतिरोध समाप्त हो गया। Read the full article
0 notes