करीना कपूर खान बताती हैं कि सास शर्मिला टैगोर अभी तक अपने नवजात शिशु से नहीं मिल पाई हैं
करीना कपूर खान बताती हैं कि सास शर्मिला टैगोर अभी तक अपने नवजात शिशु से नहीं मिल पाई हैं
करीना कपूर खान और सैफ अली खान 21 फरवरी को दूसरी बार माता-पिता बने। बच्चे के जन्म के लगभग 2 महीने हो गए हैं लेकिन नानी शर्मिला टैगोर उसे अभी तक नहीं देखा है। एक वीडियो बातचीत में, करीना कपूर खान ने रहस्योद्घाटन किया। शर्मिला लेडीज स्टडी ग्रुप के साथ एक साक्षात्कार कर रही थीं। वीडियो नीचे देखा जा सकता है: यह भी पढ़ें – करीना कपूर खान, सैफ अली खान या तैमूर: घर में रसोई और खाना पकाने की ड्यूटी कौन…
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Maharashtra Coronavirus: महाराष्ट्र में कल 8 बजे से लागू होंगी नई पाबंदियां, उद्धव बोले- राज्य में कोरोना हुआ नियंत्रण से बाहर, केन्द्र करे मदद
Maharashtra Coronavirus: महाराष्ट्र में कल 8 बजे से लागू होंगी नई पाबंदियां, उद्धव बोले- राज्य में कोरोना हुआ नियंत्रण से बाहर, केन्द्र करे मदद
महाराष्ट्र कोरोनावायरस: बेकाबू कोरोना के बीच कोटाव ठाकरे ने कहा- महाराष्ट्र में कोरोना नियंत्रण से बाहर हुआ।
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COVID-19 lockdown news: List of states where tough restrictions are imposed after second wave
COVID-19 lockdown news: List of states where tough restrictions are imposed after second wave
चूंकि भारत COVID-19 की दूसरी लहर से लड़ रहा है, मामलों की संख्या में लगातार वृद्धि ने विभिन्न राज्य सरकार को प्रतिबंध और रात के कर्फ्यू लगाने के लिए प्रेरित किया है, ताकि प्रतिबंधों और प्रतिबंधों की सूची में नई नई जोड़ते हुए वायरस के प्रसार को रोका जा सके।
भारत ने मंगलवार (13 अप्रैल) को पिछले 24 घंटों में 1,61,736 नए मामले दर्ज किए, जो सोमवार के 1.69 मामलों की तुलना में थोड़ा कम है, जिससे देश की…
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महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गोवा 31 मई तक प्रतिबंध बढ़ाते हैं
महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गोवा 31 मई तक प्रतिबंध बढ़ाते हैं
द्वारा: एक्सप्रेस समाचार सेवा | चेन्नई, मुंबई, पणजी |
प्रकाशित: 18 मई, 2020 3:08:38 पूर्वाह्न
तमिलनाडु में तालाबंदी के विस्तार की घोषणा करते हुए, मुख्यमंत्री एडप्पादी के पलानीस्वामी ने स्पष्ट किया कि प्रतिबंध क्षेत्रों में प्रतिबंध जारी रहेगा।
महाराष्ट्र, तमिलनाडु और गोवा सरकारों ने रविवार को अपने-अपने राज्यों में बंद को 31 मई…
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महाराष्ट्र कर्फ्यू गाइडलाइन्स: फिल्म्स की शूटिंग, टीवी शो और विज्ञापनों को कल से रोकना, सिनेमा हॉल को बंद करना
महाराष्ट्र कर्फ्यू गाइडलाइन्स: फिल्म्स की शूटिंग, टीवी शो और विज्ञापनों को कल से रोकना, सिनेमा हॉल को बंद करना
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को घोषणा की कि सरकार COVID-19 मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्य में सख्त प्रतिबंध लगाएगी। सीएम ने कहा कि कोरोनावायरस के आगे प्रसार को रोकने के लिए प्रतिबंध बुधवार (14 अप्रैल), रात eight बजे से लागू होंगे।
नए एसओपी और दिशानिर्देशों के अनुसार, सिनेमा हॉल, थिएटर, ऑडिटोरियम, मनोरंजन पार्क, जिम और खेल परिसर बंद रहेंगे। सभी फिल्मों, टीवी शो और…
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महाराष्ट्र कर्फ्यू गाइडलाइन्स: फिल्म्स की शूटिंग, टीवी शो और विज्ञापनों को कल से रोकना, सिनेमा हॉल को बंद करना
महाराष्ट्र कर्फ्यू गाइडलाइन्स: फिल्म्स की शूटिंग, टीवी शो और विज्ञापनों को कल से रोकना, सिनेमा हॉल को बंद करना
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को घोषणा की कि सरकार COVID-19 मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्य में सख्त प्रतिबंध लगाएगी। सीएम ने कहा कि कोरोनावायरस के आगे प्रसार को रोकने के लिए प्रतिबंध बुधवार (14 अप्रैल), रात 8 बजे से लागू होंगे।
नए एसओपी और दिशानिर्देशों के अनुसार, सिनेमा हॉल, थिएटर, ऑडिटोरियम, मनोरंजन पार्क, जिम और खेल परिसर बंद रहेंगे। सभी फिल्मों, टीवी शो और…
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6 महीने के लिए डिन-इन सेवा बंद, हताश रेस्तरां मालिकों ने udhav Thackeray से इसे अनुमति देने का आग्रह किया
6 महीने के लिए डिन-इन सेवा बंद, हताश रेस्तरां मालिकों ने udhav Thackeray से इसे अनुमति देने का आग्रह किया
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द्वारा लिखित अतीक राशिद
| पुणे |
24 सितंबर, 2020 6:37:54 पूर्वाह्न
बुधवार को, शिवाजीनगर निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा विधायक सिद्धार्थ शिरोले – जो एक संयम लेखक भी हैं – ठाकरे को लिखा गया, उनसे रेस्तरां पर “अनुचित प्रतिबंध” हटाने का आग्रह किया गया। (रिप्रेसेंटेशनल)
अपने व्यवसाय पर निरंतर प्रतिबंधों के साथ, महाराष्ट्र में…
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महाराष्ट्र बंद का विस्तार 31 अगस्त तक छवि स्रोत: पीटीआई महाराष्ट्र बंद का विस्तार 31 अगस्त तक महाराष्ट्र सरकार ने कोरोनोवायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए बुधवार को राज्य में तालाबंदी 31 अगस्त तक बढ़ा दी। मुख्य सचिव संजय कुमार द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि यह निर्णय COVID-19 के प्रसार को रोकने और रोकने के लिए "आपातकालीन कदम" के रूप में लिया गया है।
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लॉकडाउन 4.0: लॉकडाउन 4 दिशानिर्देशों से राज्यों को क्या चाहिए
लॉकडाउन 4.0: लॉकडाउन 4 दिशानिर्देशों से राज्यों को क्या चाहिए
प्रतिनिधि छवि। (साभार: पीटीआई)
ख़बरगढ़ रिपोर्ट
नई दिल्ली: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 मई तक मुख्यमंत्रियों को केंद्र के साथ साझा करने का अनुरोध किया था, “आप में से प्रत्येक लॉकडाउन शासन से कैसे निपटना चाहता है, इस पर एक व्यापक रणनीति।” हालांकि कुछ राज्यों ने लॉकडाउन के विस्तार का समर्थन किया है, अधिकांश ने प्रतिबंधों में ढील देने के साथ-साथ लाल, हरे, नारंगी क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों के…
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8 दिसम्बर 2020 भारत बंद है : किसान आंदलोन
किसान आंदोलन में तेजी दिनों दिन बढ़ती जा रही है । सुरुआती दौर में लगा था कि किसान आंदोलन शायद एक आम आंदोलनों की तरह अल्पविराम में सिमट कर रह जायेगी लेकिन 8 दिसम्बर को भारत बंद की एलान ने इसे विशाल क्रांति का रूप दे दिया है ।
कल भारत बंद का असर सड़कों पर दिखेगी की नही यह तो मैं नही कहूँगा लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि ये आंदोलन यहाँ तक पहुँच पायी है तो सिर्फ केंद्र सरकार की लापरवाह रवैया के कारण ! जिस किसान बिल को आसानी से , तरीके पूर्ण तथ्यों के साथ किसानों के समझ रखा जा सकता था उसे शोशल मीडिया पर रखने से सुखद परिणाम तो नही आये लेकिन भारत बंद होने की नौबत जरूर आ गयी ।।
सरकार को लगती है कि ये विपक्ष की चाल है और आंदोलन कर रहे पंजाबी किसानों के बीच खालिस्तानी आतंकवादी शामिल हैं । और तभी किसान बिल को समझ लेने के बाद भी दोनों वार्ताओं को विफल बताकर - आंदोलन को तूल दे रहे हैं । सरकार की इस शंकाओं पर नामी-गिरामी मीडिया चेन्नल वाले भी जोरदार तरीके से मुहर लगा रहे हैं। कभी महराष्ट्र के किसानों को पकड़ कर वीडियो बना लेते हैं तो कभी राजस्थान के किसानों को - किसान वीडियो में किसान बिल के फायदे ही फायदे गिना रहे होते हैं । अब इस से ज्यादा और सबूत क्या चाहिये कि आंदोलन कर रहे किसान खालिस्तान इक्छुक आतंकी हैं ।
इस तरह के हथकंडे का परिणाम है - 8 दिसम्बर भारत बंद । इस करोना काल मे एक तो वैसे ही रोज हजारों लोग भारत में दम तोड़ रहे हैं और ऊपर से आज शकरपुर , दिल्ली में स्पेशल सेल के ऑफिसरों ने पांच आतंकवादियों को धर दबोचा है । इन आतंकवादियों ने दिन- दहाड़े फायरिंग की - लेकिन सभी जिंदा पकड़े गये । इनमें से 3 आतंकवादी कश्मीर के हैं जिनके तार खुंखाड़ आतंकी संगठन आई.एस. आई. एस से जुड़े हैं और दो पंजाब से हैं जो खालिस्तानी संगठन से हैं ।।
अब इस्लामिक संगठन और खालिस्तानी संगठन दोनों मिलकर हिंदुस्तान को छलनी छलनी करना चाहते हैं ।। फिलहाल तो ये आतंकी पकड़ लिये गए हैं लेकिन कल भारत बंद को देखते हुये मन मे शंका है कि कहीं भीड़- छूपे हुये आतंकियों के निशाने पर ना हो । ठिक है कि पांच आज पकड़े गए लेकिन संभावना तो छुपे हुए चेहरों की बनी ही हुयी है ।
भारत बंद से निपटने के लिए वैसे ही हजारों की संख्या में पुलिस बल तैनात हैं - और इसका फायदा देश को नुकसान पहचानें वाले लोग आसानी से ले सकते हैं ।
मैं तो मानता हूँ कि केंद्र सरकार को जल्दि से जल्दि इस आंदोलन को खत्म कर देना चाहिए । अभी देश को एकत्रित होकर पहले से ही आये हुए विपति से लड़ना चाहिए - जबकि हम सभी कर रहे हैं इसके विपरीत ।। सरकार चाहे तो इस आंदोलन को एक दिन में समाप्ति कर सकती है । वही मीडिया जो किसानों के खेत मे जा जाकर वीडियो बना रहे हैं , वे आंदोलन में जाकर वहाँ से किसान नेता और सरकार की लाइव बातचीत को सम्पूर्ण देश मे दिखा सकती है ।।
मैं तो बस इतना जनता हूँ कि इस तरह से यह आंदोलन और विकराल होती चली जायेगी और भुगतान भारतवासियों को ही है ।। सरकार तो आती है और जाती है ऐसा अटल जी ने कहा था लेकिन इसमें एक बात जोड़ते हुये अंत मे मैं कहूंगा कि - जनता तो हमेशा ही मरेगी , उसके दिन और घर कभी नही आएंगे ।
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NRC से पालघर हत्याकांड तक, उद्धव की हिन्दुत्ववादी सियासत पर ऐसे उठे सवाल
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NRC से पालघर हत्याकांड तक, उद्धव की हिन्दुत्ववादी सियासत पर ऐसे उठे सवाल
हिंदुत्ववादी सियासत के साये में पले-बढ़े हैं उद्धव ठाकरे
शिवसेना की हिंदुत्व की सियासत पर खड़े हो रहे सवाल
महाराष्ट्र की सियासत में शिवसेना की पुरानी दोस्त बीजेपी अब उसकी सियासी दुश्मन है तो कभी वैचारिक विरोधी रही कांग्रेस-एनसीपी ही आज उसकी सबसे बड़ी सारथी हैं. हिंदुत्व की राजनीतिक के साए में पले-बढ़े उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने के बाद से विपक्ष लगातार उन पर हिंदुत्व से समझौता करने का आरोप लगा रही है.
वहीं पांच महीने के कार्यकाल में एनआरसी से लेकर मुस्लिम आरक्षण तक के मामले सामने आए और अब पालघर में दो साधुओं की भीड़ द्वारा की गई हत्या के बाद तो उद्धव ठाकरे सरकार को अखाड़ा परिषद ने ‘रावणराज’ कह डाला है.
पालघर में साधुओं की लिंचिंग
महाराष्ट्र में 16-17 अप्रैल की रात जब लॉकडाउन में लोग घरों में बंद थे, पालघर से करीब 100 किलोमीटर दूर मॉब लिंचिंग की वारदात हुई. पालघर के गड़चिनचले गांव में मुंबई से सूरत जा रहे दो साधुओं और ड्राइवर की गाड़ी रोक कर भीड़ ने जान ��े ली. भीड़ के हाथ चढ़े ��ोनों साधु मुंबई के जोगेश्वरी स्थित हनुमान मंदिर के थे. वो मुंबई से सूरत अपने गुरु के अंतिम संस्कार में जा रहे थे, लेकिन लॉकडाउन के चलते पुलिस ने इन्हें हाइवे पर जाने से रोक दिया था.
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इसके बाद इको कार में सवार दोनों साधु ग्रामीण इलाके की तरफ मुड़ गए, जहां वे मॉब लिंचिंग के शिकार हो गए. पुलिस की मानें तो अफवाह के कारण साधु और ड्राइवर भीड़ के शिकार हुए. भीड़ ने उन्हें बच्चा चोर समझ कर गाड़ी रोकी और साधुओं पर टूट पड़ी. इस मामले में अभी तक 101 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जबकि 10 लोगों को वारदात के अगले दिन ही गिरफ्तार किया गया था.
साधुओं की हत्या के बाद से उद्धव ठाकरे पर सवाल खड़े होने लगे हैं. साधुओं की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी महराज ने कहा कि महराष्ट्र में रावण राज चल रहा है.
मुस्लिम आरक्षण पर विवाद
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार के कॉमन मिनिमम प्रोग्राम में मुस्लिम समुदाय को 5 फीसदी आरक्षण देने का वादा किया गया है. ऐसे में सरकार बनने के बाद अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने विधान परिषद में घोषणा की थी कि सरकार राज्य में 5 फीसदी मुस्लिम आरक्षण के लिए कानून लाएगी.
मुस्लिम समुदाय के आरक्षण को लेकर बीजेपी ने सवाल खड़े किए तो सीएम उद्धव ठाकरे ने यह कहते हुए इस मुद्दे पर विराम लगाने की कोशिश की थी कि सरकार के सामने अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं आया है. इस मसले को लेकर हमने अभी कोई फैसला नहीं किया है. जब इस मसले पर वास्तव में कोई फैसला लिया जाएगा, उस समय के लिए विपक्ष अपनी ऊर्जा बचाकर रखे.
एनआरसी के खिलाफ उद्धव सरकार
महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज उद्धव ठाकरे सरकार सीएए का समर्थन में थी, लेकिन एनआरसी के खिलाफ तेवर अख्तियार किए हुए थी. शिवसेना ने कहा था कि एनआरसी आया है और आपको भी नागरिकतता सिद्ध करने के लिए लाइन में खड़ा रहना होगा. आपके भी मां-बाप या परिवार होंगे और उन्हें भी यह कष्ट उठाना पड़ेगा. साथ ही सवाल खड़ा किया था कि आदिवासियों का क्या होगा? जंगल, पहाड़ों में रहने वाले आदिवासी कहां से जन्म का सबूत लाएंगे?
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सीएम उद्धव ने कहा था, ‘मैं मानता हूं कि सीएए किसी को देश से निकालने वाला कानून नहीं है, एनआरसी केवल मुसलमानों के लिए तकलीफदायक नहीं है. अगर बीजेपी एनआरसी लाती है तो इससे हिंदुओं और अन्य धर्म के लोगों को दिक्कत होगी. देश के सभी नागरिकों को अपनी नागरिकता साबित करनी होगी. मुसलमानों ने आंदोलन किया, वे रास्ते पर उतरे. अगर यही भूमिका हिंदुओं ने अपना ली तो आप क्या करोगे? एनआरसी हिंदुओं पर भी भारी पड़ेगा जैसे असम में हुआ.’ इसे लेकर बीजेपी ने शिवसेना पर कड़े हमले किए थे और बाला साहेब ठाकरे की विचारधारा के साथ समझौता करने का भी आरोप लगाया था.
शवों के जलाने का फैसला बदला
बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) पर शिवसेना का कब्जा है. कोरोना संक्रमण के बीच बीएमएस ने आदेश जारी किया था कि कोरोना से संक्रमित मृतकों का अंतिम संस्कार उनके धर्म के अनुसार नहीं किया जाएगा. न ही उन्हें दफनाया जा सकता है और न ही किसी तरह की कोई क्रिया कलाप की जाएगी. कोरोना से मरने वालों के शव को जलाकर अंतिम संस्कार किया जाए.
इस फैसले के बाद सवाल खड़े होने लगे तो शिवसेना की सहयोगी एनसीपी नेता नवाब मलिक ने बीएमसी से इस संबंध में बात की, जिसके बाद सरकार ने यह फैसला वापस ले लिया था. इसके बाद अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक ने ट्वीट कर बताया कि बीएमसी ने अपना फैसला वापस ले लिया है.
तबलीगी जमात पर उद्धव नरम रहे
कोरोना संक्रमण मामले में ज्यादातर नेता तबलीगी जमात को दोष देने में जुटे हुए थे. ऐसे में महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने के बाद भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने तबलीगी जमात को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की बल्कि उन्होंने सांप्रदायिक वायरस को कोरोना वायरस की ही तरह खतरनाक बताकर सबको हैरान कर दिया था. उन्होंने कहा था कि मैं उन लोगों को चेतावनी दे रहा हूं, जो नागरिकों में गलत संदेश फैला रहे हैं और ऐसे वीडियो को मजे के लिए भी अपलोड कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह कोविड-19 वायरस कोई धर्म नहीं देखता है.
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क्या महाराष्ट्र में लॉकडाउन लगेगा? सीएम कोटव ठाकरे रात 8:30 बजे राज्य के लोगों को संबोधित करेंगे
क्या महाराष्ट्र में लॉकडाउन लगेगा? सीएम कोटव ठाकरे रात 8:30 बजे राज्य के लोगों को संबोधित करेंगे
मुंबई: महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया जा सकता है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे आज रात साढ़े 8 बजे राज्य के लोगों को संबोधित करेंगे। इस दौरान लॉकडाउन का एलान कर रहे हैं।
इससे पहले आज के महाराष्ट्र के मंत्री असलम शेख ने कहा कि सरकार कोरोनावायरस की रोकथाम के लिए कुछ नए पाबंदी के बारे में दिशा-निर्देश जारी करेगी। मुंबई के प्रभारी मंत्री शेख ने कहा, & lsquo; &…
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टूटने ही वाला है हिंदुत्व वाला ‘बंधन’ ? : अब शिवसेना किसानों के लिए राहत की मांग की है, राउत पवार से मिले
चुनाव के नतीजे आए हुए 8 दिन हो गए महराष्ट्र में अब तक सरकार नहीं बनी है. बीजेपी से सीएम पद पर तनातनी के बीच कल शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने शरद पवार से मुलाकात की. इसके बाद कहा गया है कि शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस की मदद से अपना मुख्यमंत्री बना सकती है लेकिन इस वक्त सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर ये कि महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सरकार बनाने को लेकर कांग्रेस जल्दबाजी में नहीं है. एनसीपी जो फैसला लेगी कांग्रेस उसके साथ रहेगी. महाराष्ट्र में कांग्रेस की प्रदेश इकाई चाहती है कि अगर बीजेपी शिवसेना में बात नहीं बनती है तो कांग्रेस को बाहर से समर्थन देना चाहिए. हालांकि पार्टी यह भी मानती है इस पूरे प्रकरण का लाभ शिवसेना बीजेपी पर दबाव बनाने के लिए भी कर रही है.
उधर आज महाराष्ट्र में नयी सरकार के गठन को लेकर गठबंधन सहयोगी बीजेपी के साथ जारी गतिरोध के बीच शिवसेना ने शुक्रवार को मांग की कि राज्य के कई हिस्सों में बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों को तत्काल राहत दी जाए. शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा गया है कि जिन किसानों की फसल खराब हुई है उन्हें बिना किसी शर्त के पर्याप्त मुआवजा दिया जाना चाहिए. संपादकीय में कहा गया है, ‘राज्य के किसानों को नयी सरकार का नहीं बल्कि तत्काल सहायता का इंतजार है.’
इसमें कहा गया कि सालों से किसान सूखे से परेशान थे, अब बारिश से परेशान है क्योंकि मानसून खत्म हुए एक पखवाड़ा हो गया है लेकिन पानी बरसना बंद ही नहीं हो रहा. बीते एक महीने से बारिश जारी रहने के कारण किसानों की सारी उपज खराब हो गई.
इसमें बीजेपी पर निशाना साधा गया, ‘किसानों के साथ खड़े होने के बजाए सारे प्रयास सरकार बनाने के लिए समर्थन जुटाने पर केंद्रित हैं. जनादेश मिलने के बावजूद अब तक नयी सरकार का गठन नहीं हुआ.’ संपादकीय में हालांकि बीजेपी का नाम नहीं लिया गया. इसमें कहा गया है कि बेमौसम बारिश से जिन किसानों की फसल बरबाद हुई है उनके लिए सहायता की मांग को लेकर शिवसेना के प्रतिनिधिमंडल ने बृहस्पतिवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की थी.
शिवसेना के नेता और वर्ली से विधायक आदित्य ठाकरे भी इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे. अखबार में लिखा है ,‘सत्ता की राजनीति की तुलना में शिवसेना किसानों को बचाने में ज्यादा विश्वास करती है.’ हाल में हुए विधानसभा चुनावों 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 105 सीटें मिलीं जबकि शिवसेना के खाते में 56 सीटें आई हैं. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी राज्य में ढाई साल के लिये मुख्यमंत्री पद और 50:50 के अनुपात में मंत्रालयों का बंटवारा चाहती है. बीजेपी ने ये दोनों ही मांगे खारिज कर दी हैं और उसका कहना है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस अगले पांच सालों तक मुख्यमंत्री के पद पर बने रहेंगे.
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एशिया की सबसे वजनी महिला ने चार महीने में घटाया 214 किलो वजन, अब दिखती हैं ऐसी
चैतन्य भारत न्यूज
एशिया की सबसे मोटी महिला कही जाने वाली अमिता राजानी ने चार साल में अपना 214 किलोग्राम वजन घटाकर चौंकाने वाला कारनामा कर दिखाया है। 42 वर्षीय अमिता महराष्ट्र के पालघर की रहने वाली हैं। पहले अमिता का वजन करीब तीन सौ किलोग्राम से ज्यादा था। बेरियाट्रिक सर्जरी के बाद अमिता का वजन 300 से घटकर 86 किलोग्राम हो गया है। इसकी घोषणा डाॅ. शशांक शाह ने की है। उन्होंने बताया कि, चार साल में अमिता की दो चरणों में सर्जरी हुई है जिसके बाद उनका इतना वजन घटा है।
अमिता को कोई पैदाइशी बीमारी नहीं थी। वह एक सामान्य बच्चे की तरह ही पैदा हुईं थीं। जन्म के समय अमिता का वजन तीन किलो था। लेकिन जब वह छह साल की हुईं तो अचानक उनका वजन बढ़ने लगा और 16 साल की होते-होते उसका वजन 126 किलो हो गया था। अमिता के बढ़ते हुए वजन को देख घरवालों की चिंता बढ़ गई। फिर उन्होंने देश और दुनिया के कई बड़े डॉक्टरों से संपर्क किया। अमिता ने कई डॉक्टरों से इलाज भी कराया लेकिन इसका उनपर कोई असर नहीं हुआ। धीरे-धीरे उन्हें रोजाना के काम करने में दिक्कत होने लगी। ज्यादा वजन के कारण अमिता को चलने-फिरने में भी दिक्कत होने लगी थी। इतना ही नहीं बल्कि उनकी शारीरिक क्रियाएं बिलकुल बंद हो गई थी। इस चक्कर में अमिता ने घर से निकलना छोड़ दिया।
फिर अमिता का इलाज मुंबई के बांद्रा स्थित लीलावती अस्पताल में लैपराओबेसो सेंटर के संस्थापक शशांक शाह ने किया। उन्होंने तो जैसे अमिता की जिंदगी ही बदल दी। डॉ. शाह ने कहा कि, पहली बार अमिता उनके पास साल 2015 में आई थी। उन्हें सुपर मॉर्बिड ओबेसिटी के साथ ही और भी कई बीमारियां हो गई थी। तमाम जांचों के बाद अमिता की सर्जरी करने का फैसला लिया गया। अमिता को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस में सोफा लगाना पड़ा था। अस्पताल में अमिता के लिए एक खास बेड का इंतजाम किया गया। अमिता की दो बार सर्जरी हुई। पहली 'मेटाबॉलिक सर्जरी' 2015 में हुई और दूसरी 'गैस्ट्रिक बाईपास' 2017 में हुई। सर्जरी के बाद उनका वजन कम होने लगा और अब उनका वजन 86 किलो हो गया है। सर्जरी के बाद अमिता को किडनी, ब्लड प्रेशर, डाइबिटीज जैसी बीमारियों से भी मुक्ति मिल गई है। डॉ. शाह के मुताबिक, फिलहाल अमिता का नाम 'लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड' में दर्ज कराने की प्रक्रिया चल रही है।
डॉ. शाह ने बताया कि, बदलते पर्यावरण के प्रभाव से लोगों का वजन बढ़ रहा है। पहले हमारे देश में हर पांचवा व्यक्ति मोटापे से पीड़ित था लेकिन अब यह बीमारी हर तीसरे व्यक्ति को होने लगी है। मोटापा कई बीमारियों की जड़ है। यह समस्या पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में अधिक देखी जाती है। महिलाओं में मोटापे के कारण प्रेग्नेंसी, मेनोपॉज आदि होते हैं। वहीं पुरुषों में पेट के ऊपर चर्बी जमने की शिकायतें ज्यादा देखने को मिलते हैं। मोटापे के कारण कलेस्ट्रॉल, डायबीटीज और दिल के जुड़ी तमाम बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।
क्या है बेरियाट्रिक सर्जरी
वैसे तो वजन घटाने के कई सारे तरीके होते हैं, लेकिन अगर कोई सबसे आसान तरीका है तो वह है बेरियाट्रिक सर्जरी। इस सर्जरी के जरिए वजन तेजी से कम किया जा सकता है। बेरियाट्रिक सर्जरी तीन तरह की होती है- 'लैप बैंड', 'स्लीव गैस्ट्रीकटोमी' और 'गैस्ट्रीक बाइपास' सर्जरी। लैप बैंड सर्जरी कराने के बाद व्यक्ति की खाने की क्षमता बहुत कम हो जाती है। स्लीव गैस्ट्रीक्टोमी से हर हफ्ते डेढ़ से दो किलो वजन कम होना शुरू हो जाता है। तीसरी गैस्ट्रीक बाइपास सर्जरी में पेट को बांटकर गेंद के आकार का बनाकर छोड़ दिया जाता है। इस सर्जरी के बाद भूख बढ़ाने वाला 'ग्रेहलीन' हार्मोन बनना बंद हो जाता और खाना भी देर से पचता है। इस सर्जरी के जरिए शरीर में जो भी फैट जमा है वह एनर्जी के रूप में बाहर आ जाता है। ऐसे में वजन तेजी से कम होना शुरू हो जाता है।
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महाराष्ट्र में तालाबंदी: महिला राजनीतिज्ञों ने 'छाया महामारी' पर चर्चा शुरू की
महाराष्ट्र में तालाबंदी: महिला राजनीतिज्ञों ने ‘छाया महामारी’ पर चर्चा शुरू की
द्वारा लिखित कविता अय्यर
| मुंबई |
अपडेट किया गया: 17 मई, 2020 2:11:00 बजे
सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि समस्या भारतीय घरों में एक “छाया महामारी” बन गई है।
हाल ही में, एक ‘की मेजबानीफेसबुक तालाबंदी के दौरान घरेलू हिंसा के मुद्दे पर लाइव ‘, संसद सदस्य सुप्रिया सुले ने कहा कि समस्या एक छाया बन गई है सर्वव्यापी महामारी
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8 बजे पीएम मोदी: कांग्रेस ने प्रधानमंत्री की नकल करके कोरोनावायरस लॉकडाउन की घोषणा की याद दिलाई
8 बजे पीएम मोदी: कांग्रेस ने प्रधानमंत्री की नकल करके कोरोनावायरस लॉकडाउन की घोषणा की याद दिलाई
नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ाया है। इस समय के आसपास यह खत्म हो गया है कि पार्टी ने ‘फेल्ड लॉकडाउन एनिवर्सरी’ के रूप में करार दिया है।
24 मार्च को, पीएम मोदी ने घोषणा की थी कि भारत आधी रात से कोरोनावायरस से प्रेरित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से गुजरेगा। पूरा ताला तब लगाया गया जब देश में लगभग 525 सकारात्मक मामलों का पता चला था।
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