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#मोरल –
sakshiiiisingh · 2 years
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#मूर्ख कछुआ | The foolish tortoise#questkahaniya#story#quest#kahani#बलवान कछुए की मूर्खता#एक सरोवर में विशाल नाम का एक कछुआ रहा करता था। उसके पास एक मजबूत कवच था। यह कवच शत्रुओं से बचाता#एक बार भैंस तालाब पर पानी पीने आई थी। भैंस का पैर विशाल पर पड़ गया था। फिर भी विशाल को नहीं हुआ। उ#यह कवच विशाल को कुछ दिनों में भारी लगने लगा। उसने सोचा इस कवच से बाहर निकल कर जिंदगी को जीना चाहि#मुझे कवच की जरूरत नहीं है।#विशाल ने अगले ही दिन कवच को तालाब में छोड़कर आसपास घूमने लगा।#अचानक हिरण का झुंड तालाब में पानी पीने आया। ढेर सारी हिरनिया अपने बच्चों के साथ पानी पीने आई थी#उन हिरणियों के पैरों से विशाल को चोट लगी#वह रोने लगा।#आज उसने अपना कवच नहीं पहना था। जिसके कारण काफी चोट जोर से लग रही थी।#विशाल रोता-रोता वापस तालाब में गया और कवच को पहन लिया। कम से कम कवच से जान तो बचती है।#मोरल –#प्रकृति से मिली हुई चीज को सम्मान पूर्वक स्वीकार करना चाहिए वरना जान खतरे में पड़ सकती है।#Popular Stories#⦿ लालची शेर की कहानी : https://www.youtube.com/watch?v=ZlMYa...#⦿ एक चिड़िया ने गाँव मे लगी आग को कैसे भुझायी : https://www.youtube.com/watch?v=sb95O...#⦿ जीवन संघर्ष : https://www.youtube.com/watch?v=pNfdH...#Youtube
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dgnews · 3 months
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मेंढक और चूहा
“द फ्रॉग एंड द माउस मोरल स्टोरी” एक ऐसी कहानी है जहां पानी जमीन से मिलता है, और सबक कठिन तरीके से सीखे जाते हैं। ईसप अहंकार और जिज्ञासा के परिणामों को शानदार ढंग से प्रदर्शित करता है। उनके जलीय दुस्साहस के पीछे के गहन संदेश की खोज करें। पढ़ने का आनंद लें. एक शांत तालाब में एक घमंडी मेंढक रहता था जिसे ज़मीन पर जीवों को इधर-उधर भागते हुए देखना बहुत पसंद था। तालाब के बगल में, एक बिल में, एक जिज्ञासु…
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smvkidstv · 4 months
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The Goose that Laid Golden Eggs | सोने की अंडे देने वाली हंस | Moral Strories for kids
#मोरलकहानी#सोनेकीअंडेवालीहंस#बुद्धिमानहंस
Welcome to SMV Kids TV - Your Gateway to Education and Fun for Kids !
Produced by :- Vishwas Khot
Creative Head :- Mahesh Matkar
SMV Team :- Ashutosh Nirbhavne ,Affan shaikh
Youtube Link : https://www.youtube.com/watch?v=_4FC76tHMKU...
यह कहानी है एक गाँव की, जहां एक बुद्धिमान हंस ने अद्भुत शक्ति से सोने के अंडे देना शुरू किया। लेकिन धन के लालच में लोग उसे हानि पहुंचा देते हैं। क्या इस कहानी से हमें सीख मिलेगी कि आत्मसमर्पण और सहयोग की महत्वता क्या है? आइए जानें इस मोरल कहानी में छुपी बड़ी सीख।
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anjanasakya-blog · 7 months
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kahanimithr · 11 months
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Biwi Ki Salah Par Shohar Ki Mouth | HIndi Kahani Moral हिंदी कहानी मोरल ...
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hindichowk · 11 months
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suraj2356 · 1 year
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5 Best Moral Stories in Hindi for class 7 in 2023 | नैतिक कहानियाँ
5 Best Moral Stories in Hindi for class 7 in 2023 | 2023 की नैतिक कहानियाँ
नमस्कार दोस्तों अगर आप Moral Stories in Hindi for class 7 वाली कहानी पढ़ना चाहते है तो आप एक दम सही जगह पर आए है क्योंकी यहा पर आप को एकदम नई Moral Stories in Hindi for class 7 वाली नैतिक कहानियाँ मिलेंगी दोस्तों मे आप से वादा करता हु की आप को ये 5 Moral Stories in Hindi for class 7 वाली कहानी जरूर पसंद आएगी क्योंकी इन नैतिक कहानियाँ को हमने काफी सोच समझ के लिखा है मे आप को बताना चहता हु की मुझे काफी सालों का तजुर्बा है Moral Stories in Hindi for class 7 वाली और नैतिक कह���निया लिखते हुए इसलिए आप को यह Moral Stories in Hindi की वाली कहानी जरूर अच्छी लगेगी
1- व्यापारी ने दी बेटी की बलि | Moral Stories in Hindi for class 7
एक बार की बात है, एक छोटा सा गांव था जहां एक नौजवान लड़का रहता था, जिसका नाम रोहन था। रोहन के पास बहुत सी किताबें थी, जिन्हे पढ़ कर वो अपनी सोच को बढ़ाता था। एक दिन, उसकी उसने एक कहानी पढ़ी जिसमे एक व्यापारी ने अपनी बेटी को धन और माल के लिए एक खंजर से मार दिया था। रोहन कहानी को पढ़ते ही बहुत रो पड़ा, उसके चेहरों से किसी भी तरह की खुशी नहीं दिख रही थी।
रोहन को बहुत बुरा लग रहा था कि एक बाप अपनी बेटी को अपने ही लालच के लिए मार सकता है। उसे सोचा की अगर ये कहानी उनके सहपाठियों को सुना जाए तो शायद किसी की सोच बदल जाए। तो रोहन ने अपनी क्लास 7 में एक दिन खानी सुनाई, रोहन ने कहानी चालू की जब, एक दिन व्यापारी किसी काम से बाहर जा रहा था, तो उसे रास्ते मे काफी रात हो जाती है और वो जंगल के एकदम बीचों - बीच होता
है, तभी उसे डरावनी सी सकल की एक औरत उसे वह दिखाई देती है ,व्यापारी बिना कुछ सोचे समझे वहा चला जाता है फिर वो और उससे कहती है की मुझे किसी ने श्राप दे दिया है ,और इस श्राप से छुटकारा पाने के लिए मुझे एक लड़की की बलि देनी होगी ,उसके बदले मे उसे इस गुफा का सारा धन दे दूँगी जो मुझे बलि के लिए लड़की ला
कर देगा फिर व्यापारी जैसे ही गुफा की और देखता है ,तो उसे पूरे गुफा मे धन ह��� धन दिखाई देता है फिर क्या व्यापारी अपने बच्ची को उस औरत को बलि के लिए दे देता है रोहन की इस कहानी को सभी बच्चे सुनते ही हेरान हो गए। कहानी में व्यापारी के धन के लिए बेटी का खून बहुत और काफी शब्दों को झेलना पड़ा। कहानी में इतना सस्पेंस था कि बच्चे सोच रहे हैं कि आगे क्या होगा। कहानी खत्म होने के बाद रोहन ने अपने
दोस्तों को ये कह दिया कि हमारे पास जो भी है उसके हमारे लिए काफी है, और हमें हमेशा अपने दिल की सुनाना चाहिए। उसे अपने दोस्तों को ये भी बताया कि हमेशा सचाई और मंदारी से काम करना चाहिए। इस कहानी ने रोहन के दोस्तों के दिल को छु लिया और उनमें सच्ची और कल्पना की आदत पैदा हो गई। आगे से वो कभी झूठ
नहीं बोलते थे और हमेशा सच और भावनाओं से काम करते थे। रोहन के साथ ये कहानी सुनने से उसके क्लासमेट्स ने बहुत कुछ सीखा और अब वो अपने जीवन में हमेशा सचाई और इरादे से काम करते हैं। इस तरह से ये कहानी एक बहुत बड़ी सीख और सबक दे सकती है, जो हमारे जीवन में जरूरी है
2- लालची राजा | Moral Stories in Hindi for class 7
एक बार की बात है, एक छोटे से गांव में एक छोटा सा बच्चा रहता था। उसे रोज़ स्कूल जाना होता था और उसके बाद वो अपने घर लौटता था। उसका नाम मोहित था।
एक दिन उसने एक मोरल स्टोरी की किताब पढ़ी जिसमें एक राजा ने अपने लालच के चलते सब कुछ खो दिया था। उस राजा ने बहुत अधिक लालच कर लिया था | जो उसे नुकसान पहुंचाने वाला साबित हुआ था।
मोहित ने उस स्टोरी को पढ़ते हुए राजा की भावनाओं को महसूस किया और उसकी ज़रा सी गलती से उसके नुकसान की कहानी से साफ हो गया था। साथ ही, सवाल के रूप में वो उस स्टोरी के अगले पन्नों का इंतज़ार करता रह गया।
मोहित ने उस कहानी को अपने कक्षा मे सुनाने का फेसला किया वो अपनी कक्षा मे उस कहानी को सुनने लगा | एक दिन राजा शिकार करने काफी दूर जंगल मे निकल गया था उसे वह कुछ साधु मिले वो सभी साधु एक लुटेरे थे उन्मे से एक साधु ने उन्हे रोक और पानी मांगा पानी पीने के बाद साधु ने उनसे कहा की मे राज की बात बताता हु
राजा ने कहा जी महाराज बोलिए साधु ने कहा यहा से कुछ दूर एक गुफा मे एक कुआ होगा उस कुआ मे तुम जितना धन डालोगे उसका दोगुना होकर निकले गा राजा लालच मे गया उसने अपना सारा धन उस कुआ मे दल दिया उन साधु ने कुआ मे सुरंग बना राखी थी वो सुरंग के रास्ते सारा धन ले कर गायब हो गए
जैसे उस स्टोरी की कहानी आगे बढ़ती गई, उसमें सस्पेंस भी बढ़ता गया। राजू की आवाज़ से उसके सभी दोस्त इस कहानी में इतने खो गए कि उन्हें अपनी अपनी नावल की कहानियों का नाम भी याद नहीं रहा था।
जब उस स्टोरी का अंत आया, तो राजू के दोस्तों के चेहरों पर अलग ही आभास था। सभी उत्साहित थे क्योंकि यह कहानी न केवल मनोरंजनपूर्ण थी, बल्कि उन्हें एक महत्वपूर्ण सन्देश भी देती थी। राजू के दोस्तों ने उसे धन्यवाद दिया क्योंकि उसने उन्हें इतनी रोचक कहानी सुनाई थी।
वे सभी सोचते थे कि अगली बार वो भी एक अच्छी कहानी बताएंगे। राजू उन सभी को धन्यवाद देते हुए अपने घर की ओर चल दिया। वह अपने घर के दारवाजे पर पहुँचा तो उसने देखा कि दरवाजा खुला है और उसकी मां बेहोश हो गई है।
राजू को डर लगने लगा था क्योंकि उसने ऐसा कुछ पहले कभी नहीं देखा था। उसने अपनी मां को अपने हाथों से उठाकर बिस्तर पर लेटा दिया। तभी मोहित को याद आया की इस प्रकार की घटना पहले उस एक कहानी मे पढ़ी थी
एक बच्चा और उसकी माँ | Moral Stories in Hindi for class 7
एक बच्चा था जो अपनी माँ के साथ एक गांव में रहता था। वह बच्चा अपनी माँ से बहुत प्यार करता था और हमेशा उसकी खुशी के लिए कुछ ना कुछ करता रहता था।
एक दिन वह बच्चा अपनी माँ के साथ बाहर घूमने चला गया। दोनों कुछ समय बाद एक जंगल में पहुंचे जहां वे अपने खाने के लिए कुछ खोजने लगे। बच्चे को खाने में ज्यादा रुचि नहीं थी इसलिए उसने खाने से मना कर दिया।
उसकी माँ बच्चे को बार-बार खाना खाने को कहती रही, लेकिन बच्चा नहीं मानता था। उसने सोचा कि वह अपनी माँ को दिखाएगा कि वह खुद खाना कैसे ढूंढता है। बच्चा जंगल के अंदर खाना खोजने लगा। थोड़ी देर बाद वह अचानक एक गुफा में गिर गया। गुफा में काफी अँधेरा था और वह बच्चा बिलकुल डर गया। उसने अपनी माँ को बुलाया लेकिन उसकी माँ वहा नहीं थी।
बच्चा अब बिना माँ के अकेला सा हो गया था। वह भयभीत हो गया था क्योंकि वह गुफा से नहीं निकल सकता था। वह अपनी माँ को ढूँढने लगा लेकिन वह कहीं नहीं मिल रही थी। उसने काफी देर तक अपनी मां को आवाज दी लिकिन किसी ने उसकी आवाज़ नही सुनी , और वह बच्चा गुफा के भीतर से निकलने के लिए कई रास्ते भी निकालता रहा। लेकिन उसे सही रास्ता नहीं मिल रहा था।
देर रात हो गई थी और बच्चा अब जोर से रोने लगा था। उसे लगा कि उसकी माँ कभी नहीं आएगी और वह अकेला ही गुफा में रह जाएगा। उसे लगा कि उसकी माँ उसे अकेले छोड़ कर चली गई है।
जब बच्चा इतना रोता रहा, तभी वह एक वृद्ध व्यक्ति से मिला जिसने उसे अपने घर चलने के लिए कहा। वह बच्चा उस व्यक्ति के साथ चल दिया। जब बच्चा उस व्यक्ति के घर पहुंचा, तो उसने देखा कि उसकी माँ वहां है। उसकी माँ बहुत चिंतित थी और उसे ढूंढ रही थी।
बच्चे ने अपनी माँ को देखते ही रोना छोड़ दिया और उसकी माँ ने उसे गले लगाया लिया। उसकी माँ ने उसे बताया कि वह उसको ढूंढ रही थी और वो भी बिना रुके ढूंढती रही थी। बच्चे ने अपनी गलती मान ली थी और अपनी माँ से माफी भी मांगी। उसने अपनी माँ से कहा कि उसने उस वृद्ध व्यक्ति को मदद के लिए नहीं बुलाया था। वह वृद्ध व्यक्ति उसके पास आया था और उसे अपने घर ले जाने के लिए कहा था।
बच्चे ने अपनी माँ से आग्रह किया कि आ���े से उसे ऐसी गलतियाँ नहीं करनी चाहिए। उसने उसे बताया कि उसका प्रयास था उस व्यक्ति को मदद करना लेकिन उसे सही रास्ता नहीं मिल पाया था।
इस कहानी से सीख मिलती है कि हमेशा सच्चे और सही कार्य के लिए प्रयास करना चाहिए। हमारी गलतियों से हमें सीखना चाहिए और उन्हें दोहराने से बचना चाहिए। हमें हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमारे कार्यों से हमारे परिवार और समाज को नुकसान न हो।
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theblogarticle · 1 year
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05+ Moral Stories in Hindi | हिंदी नैतिक कहानियां | Kids Story
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आज हम इस लेख में नैतिक कहानियों (Short Moral Stories in Hindi) के बारे में जानेगे। जिन्हे पढ़ने के बाद आपको बहुत कुछ सिखने को मिलेगा। जब भी हम कहानियों के बारे में पड़ते है| मोरल स्टोरीज इन हिंदी (Moral Stories in Hindi) में आपका स्वागत है। दोस्तों, आपके लिए Top 06 Moral Stories in Hindi सुनाने जा रहा हूं। आशा रखता हूँ की आपको बेहद पसंद आएगा। कहानी एक (Story) आपके बच्चों को Engaged रखने का एक शानदार तरीका है। शायद आपके बचपन की सबसे स्पष्ट यादों में से एक वह Stories हैं जो आपने बचपन में पढ़ी थीं। तो हमें ज्यादातर कहानियां बच्चो से समन्धित पढ़ने के लिए मिलती है। क्योकिं एक छोटे बच्चो को कुछ भी समझाने के लिए कहानियों को सुनाना बहुत जरुरी है। क्योकिं बच्चे कहानियों को बहुत ध्यान से सुनते है। कुछ नैतिक कहानियां तो ऐसी होती है, जो की सीधे हमारे हृदय मन उतर जाती है। हमें इन कहानियों से बहुत सिखने को मिलता है। ज्यादातर छोटे बच्चे अपने दादा – दादी और नाना – नानी से कहानियां सुनना पसंद करते है। अगर आप भी अपने बच्चो को कहानियां सुनना चाहते है, तो आप यहाँ पर लिखी सभी कहानियों को अपने बच्चो को सुना सकते है। यह सभी कहानियां शिक्षाप्रद है। कहानियों को लेखक कई प्रकार से लिखते है, जिससे की किसी भी कहानी को अधिक से अधिक रोचक बनाया जा सके।
Short Moral Stories in Hindi | हिंदी नैतिक कहानियां
यहाँ पर हम आपको सभी ऐसी कहानियों की List देने जा रहे है, जो की शिक्षाप्रद होने के साथ साथ बहुत मनोरंजक, और रोचक भी है। जिन्हे पढ़ते हुए आपको बहुत मजा आने वाला है। यहाँ पर लिखी गयी सारी कहानियां सभी वर्ग के आयु के लोगो के लिए है। क्योकिं कोई भी कहानी सिर्फ बच्चो को ही कुछ नहीं सिखाती है। बल्कि बड़े लोगो को भी कहानियों से बहुत कुछ सिखने के लिए मिलता है। अगर आप भी अपने बच्चो को कुछ रोचक कहानियां सुनाना चाहते है, तो आप यहाँ से पढ़कर सुना सकते है।
1. लकड़हारा और कुल्हाड़ी की कहानी (Short Stories in Hindi)
एक समय की बात है, एक गांव में एक लकड़हारा रहता है, जो की जंगल से लकड़ियों को काटकर उन्हें बाजार में बेचकर पैसे कमाता था, जो भी पैसे उसे लकड़ी बेच कर मिलते थे|
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वह उसी से अपना और अपने परिवार का पालन पोषण करता था। एक दिन वह जंगल में रोज की तरह लकड़ी काटने के लिए गया, और नदी किनारे एक वृक्ष से लकड़ी काटने लगा। अचानक उसके हाथ से कुल्हाड़ी छूटकर नदी में गिर गयी। इससे लकड़हारे को बहुत दुःख हुआ, और वह नदी में कुल्हाड़ी ढूंढ़ने का प्रयत्न करने लगा। लेकिन उसे नदी में अपनी कुल्हाड़ी नहीं मिली। इस बात से लकड़हारा बहुत ज्यादा दुखी था, और वह नदी के किनारे बैठकर रोने लगा। जब वह नदी किनारे रो रहा था, तो लकड़हारे की आवाज सुनकर नदी से भगवान प्रकट हुए। भगवान् जी ने लकड़हारे से पूछा की तुम क्यों रो रहे हो, इस पर लकड़हारे ने शुरू से अंत की पूरी कहानी भगवान को सुनाई। लकड़हारे की कहानी सुनकर भगवान को उस पर दया आ गयी, और उन्होंने लकड़हारे की मेहनत को देखते हुए उसकी मदद करने की योजना बनाई। https://www.youtube.com/watch?v=zPpsQJhPlaI इसके बाद भगवान जी नदी में गायब हो गए, और एक सोने की कुल्हाड़ी लकड़हारे को देते हुए बोले ये लो तुम्हारी कुल्हाड़ी। सोने की कुल्हाड़ी देखकर लकड़हारे बोलै की “हे भगवन” यह कुल्हाड़ी मेरी नहीं है| इस बात को सुन��र भगवान फिर से नदी में गायब हो गए और इस बार एक चांदी की कुल्हाड़ी लकड़हारे को देते हुए बोले यह लोग तुहारी कुल्हाड़ी, इस बार भी लकड़हारे ने यही कहा की यह कुल्हाड़ी भी मेरी नहीं है, और मुझे सिर्फ मेरी कुल्हाड़ी चाहिए। भगवान् ने फिर से नदी में गायब होकर एक लोहे की कुल्हाड़ी निकाली और लकड़हारे को देते हुए कहा ये लो तुम्हारी कुल्हाड़ी। इस बार लकड़हारे के चेहरे पर मुस्कान थी, क्योकिं यह कुल्हाड़ी लकड़हारे की थी। उसने कहा ये मेरी कुल्हाड़ी है। भगवान ने लकड़हारे की ईमानदारी से खुश होकर उसे सोने और चंडी की दोनों कुल्हाड़ियाँ भी उसी लकड़हारे को दे दी। इससे लकड़हारा ख़ुशी ख़ुशी घर चला गया। Moral of This Story लकड़हारे की इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है की , "हमें हमेशा अपनी ईमानदारी पर ही रहना चाहिए।" क्योकिं जीवन में ईंमानदार व्यक्ति को कोई भी नहीं हरा सकता है।
2. खजाने की खोज की कहानी (Short Moral Stories in Hindi)
पुराने समय की बात है, गांव में धनीराम नाम का एक किसान रहता था, उसके पास चार लड़के थे। धनीराम अपना घर चलने के लिए अपने खेत में कृषि कार्य करता था। लेकिन धनीराम के चारो लड़के बहुत ज्यादा आलसी थे, वह कभी भी खेतो में काम करने के लिए नहीं गए थे। वह सारा दिन अपना समय गांव में इधर उधार बैठ कर बिताया करते थे।
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एक दिन धनीराम अपनी पत्नी से बोला की आज तो में जिन्दा हूँ तो सब कुछ सही चल रहा है, मेरे बाद कौन खेती करेगा। हमारे बच्चो ने तो आज तक खेतो में कदम तक भी नहीं रखा है। धनीराम पत्नी ने इस पर कहाँ कोई बात नहीं धीरे धीरे यह काम करने लगेंगे। इसी तरह से धीरे धीरे समय गुजरता जा रहा था। एक दिन धनीराम की अचानक से तबियत ख़राब हो जाती है, और वह बहुत ज्यादा बीमार पड़ जाता है। इस दौरान धनीराम अपनी पत्नी से कहता है, की चारो लड़को को मेरे पास बुलाऊँ मेरे पास समय बहुत कम है। इतना सुनने के बाद धनीराम की पत्नी अपने चारो लकड़ो को उनके पिता के पास बुलाकर लाती है। धनीराम इस बात से बहुत ज्यादा चिंतित था, की उसके बाद उसके लड़को का क्या होगा। इसलिए उसने अपने चारो लकड़ो को अपने पास बैठाकर कहा, की मेरे पास जितना भी कमाया हुआ धन था, मैंने वह सारा अपने खेतो के निचे दबाया हुआ है। जब में इस दुनिया में ना रहूं, तो मेरे बाद तुम खेतो में से दबाया हुआ सारा खजाना निकल कर आपस में बाँट लेना है। इतना सुनने के बाद धनीराम के चारो बेटे बहुत खुश हुए। https://www.youtube.com/watch?v=6zt-wkylO9M इसके कुछ समय बाद धनीराम की बहुत ज्यादा बीमार होने की वजह से मृत्यु हो गयी। धनीराम की मृत्यु के कुछ दिन बाद, उसके चारो बेटे ��ेत में दबे हुए खजाने को खोदने के लिए निकल गए। खेत में पहुंचने के बाद चारो बेटों ने पूरा खेत खोद डाला लेकिन उनमे से किसी को भी खजाने जैसा कुछ नहीं मिला। इस बात से वह चारो बहुत निराश हुए, और उन्होंने घर आकर अपनी माँ से कहा, की पिताजी ने खेत जो खोजने के बारे में बताया था, वह एक झूठ था। हम चारो ने पूरा खेत खोद डाला लेकिन हमें खेत में कोई भी खजाना नहीं मिला। यह सुनकर उनकी माँ बोली की तुम्हारे पिताजी ने अपने पुरे जीवन में यह घर और खेत ही कमाया है, अब जब तुमने इतनी मेहनत करके पूरा खेत खोद दिया है, तो अब उसमे बीज भी डाल दो। इसके बाद चारो बेटों ने खेत में बीज वो दिए, और माँ के कहे गए अनुसार खेत में समय पर पानी और खाद डालने लगे। समय बीतता गया है, और कुछ समय बाद खेत में फसल तैयार हो गयी। फसल काटने के बाद चारो बेटों ने फसल को बाजार में बेचा और उससे जो भी पैसे मिले उससे उन्हें बहुत ख़ुशी मिली। इसके बाद जब चारो बेटे घर गए, तो माँ ने कहा की बेटा तुम्हारे पिताजी तुम्हे यही समझाना चाहते है, की जो हम मेहनत करते है, उसके बदले में ही हमें खजाना मिलता है। Moral of The Story इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है। अगर हमें अपने जीवन में सफल होना है, "तो हमें मेहनत करनी चाहिए।" अगर कोई भी व्यक्त ज्यादा आलस करता है, तो वह अपने जीवन का कीमती समय बर्बाद कर रहा होता है। आपको हमेशा अपने जीवन में सही दिशा में मेहनत करनी चाहिए।
3. नकारात्मक लोगो की बिल्कुल भी नहीं सुननी चाहिए (Short Moral Stories in Hindi)
एक बार एक जंगल में बहुत सारे मेंढकों का ग्रुप घूम रहा था। यह सभी जंगल में आगे यात्रा करते जा रहे है। तभी उनमे से दो मेंढक एक गड्डे में गिर जाते है। यह देखकर दूसरे सभी मेंढक को लगा की अब यह जीवित नहीं बचेंगे, क्योकिं वह गड्डा बहुत गहरा था।
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सभी मेंढक एक साथ चिल्ला रहे थी, की अब तुम बाहर नहीं आ सकते हो। हालाकिं दोनों मेंढक गड्डे से बहार निकलने का प्रयास कर रहे थे। उनके लगातार प्रयास करने पर भी अन्य मेंढक उन्हें यही बोल रहे थे, की तुम्हारी कोशिश बेकार है, तुम गड्डे से बहार नहीं निकल सकते हो। यह बात गड्डे में गिरे एक मेंढक ने सुन ली। और वह हिम्मत हर गया और अंत तक प्रयास करते करते मर गया। लेकिन दूसरे मेंढक ने हिम्मत नहीं हारी वह अपना पूरा प्रयास करता रहा। पहले मेंढक के मरने पर दूसरे मेंढक जोर जोर से चिल्ला रहे थे। लेकिन गड्डे में गिरा हुआ मेंढक अभी भी बहार निकलने का पूरा प्रयत्न कर रहा था। और उसने सभी को नजर अंदाज करके बार बार प्र���ास करने के कारण कूद कूद कर गड्डे से बहार निकलने में सफल हो गया। https://www.youtube.com/watch?v=WYZb0vdmB6k जब वह मेंढक गड्डे से बाहर आया तो अन्य सभी मेंढक बोले की जब हम तुम्हे जोर जोर से बोल रहे थे, की तुम गड्डे से बहार नहीं निकल सकते हो, तो क्या तुम्हे यह आवाज नहीं सुनाई दी थी। उस मेंढक ने कहा नहीं मुझे किसी की कोई भी आवाज नहीं सुनाई दी। क्योकिं में बहरा हूँ और मुझे लगा आप सब जोर जोर से बोलकर मेरा उत्साह बढ़ा रहे हो। इसी कारण में गड्डे से बहार निकलने में सफल रहा। Moral of The Story इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है। "की हमें कभी भी किसी भी ऐसे व्यक्ति की नहीं सुननी चाहिए, जो हमें ऊपर उठने में या किसी समस्यां को हल करने से रोकते है।" बस आपको आपने ऊपर पूरा विशवास रखना चाहिए। अगर आपको अपने ऊपर पूरा विशवास है, तो आप किसी भी समस्यां का हल ढूंढ सकते है।
4. भेड़िया और सारस की कहानी (Short Moral Stories in Hindi)
एक जंगल में एक भेड़िया रहता था। वह एक दिन एक शिकार करके उस जानवर को खा रहा था। खाते खाते उसके गले में एक हड्डी अटक जाती है। बहुत कोशिश करने के बाद भी भेड़ियाँ अपने गले से उस हड्डी को नहीं निकाल पाता है।
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और उसकी स्तिथि बहुत ज्यादा बुरी हो जाती है। अब वह बहुत परेशान हो जाता है। तभी उसे सामने एक सारस दिखाई देता है। उसकी लम्बी चोंच देखर भेड़ियाँ उस सारस से मदद मांगता है। पहले तो सारा बहुत ज्यादा डरा हुआ सा रहता है, क्योकिं उसे एक भेड़ियें की मदद करना अच्छा नहीं लगता है। लेकिन जब भेड़ियाँ उससे बोलता है, की तुम मेरे गले में फांसी हड्डी को निकालो में तुम्हे इनाम दूंगा| तो इस पर सारस को लालच आ जाता है, और वह भेड़ियें की गले की हड्डी को अपनी लम्बी चोंच से निकल देता है। हड्डी निकल जाने के बाद भेड़ियाँ वहां से जाने लगता है। https://www.youtube.com/watch?v=FbgTukX6oc8 यह देखकर सारस कहता है, मैंने तुम्हारे गले की हड्डी निकाली है, मेरा इनाम कहाँ है। यह सुनकर भेड़ियाँ सारस से कहता है, तुम्हारी गर्दन मेरे गले से सुरक्षित बहार आ गयी है। यही तुम्हारा इनाम है। इस बात से सारस को बहुत दुःख हुआ। Moral of The Story इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है, "की हमें कभी भी स्वार्थी लोगो के साथ नहीं रहना चाहिए।" जिस व्यक्ति का कोई आत्मसम्मान नहीं होता है, उसकी सहायता करने पर बदले में किसी भी तरह के लाभ की अपेक्षा ना करें।
5. डरपोक पत्थर की कहानी (Moral Stories in Hindi)
बहुत समय पहले की बात है, एक गांव में एक मूर्तिकार रहता था। उसे एक मूर्ति बनाने के लिए पत्थर की आवश्यकता थी। वह पत्थर खोजने के लिए जंगल में चला गया, वहां पर उसे एक अच्छा और सुन्दर सा पत्थर मिल जाता है|
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जिसे मूर्ति का आकार देना बहुत ही आसान था, वह इस पत्थर को देखकर खुश हो जाता है। और उस पत्थर को उठाकर अपने साथ अपने घर ले जाने लगता था। जब वह रस्ते में आ रहा होता है, तो उसे एक पत्थर और मिल जाता है, मूर्तिकार उस पत्थर को भी अपने साथ ले जाता है। मूर्तिकार दोनों पत्थर को घर ले जाता है, और अपने औजारों से पत्थर को मूर्ति का आकार देने लगता है। जैसे ही वह पत्थर पर चोट मरता है, पत्थर कहने लगता है, की मुझे छोड़ दो इससे मुझे दर्द हो रहा तुम किसी और पत्थर की मूर्ति बना लो। अगर तुम मेरे ऊपर ज्यादा चोट मरोगे तो में टूट कर बिखर जाऊंगा। पत्थर की यह बात सुनकर मूर्तिकार को उस पर दया आ जाती है, और वह उस पत्थर को छोड़ देता है, और दूसरे पत्थर की मूर्ति बनाने लग जाता है। यह पत्थर कुछ नहीं बोला और कुछ ही समय में मूर्तिकार इस पत्थर को एक भगवान की मूर्ति मन बदल देता है। https://www.youtube.com/watch?v=AAb1fD82ZE0 भगवान् की मूर्ति बनने के बाद गांव वाले उस मूर्ति को लेने केलिए आते है। जब गांव वाले उस मूर्ति को ले जाने लगते है, तो वह सोचते है, की मूर्ति के पास नारियल तोड़ने के लिए एक पत्थर की आवश्यकता और पड़ेगी। इसके लिए वह दूसरे पत्थर को भी अपने साथ ले जाते है। गांव वालों ने मूर्ति को मंदिर में रख दिया और उसी मूर्ति के निचे दूसरे पत्थर को भी रख दिया। जब भी मंदिर में लोग पूजा करने के लिए आते तो वह मूर्ति पर दूध चढ़ाते और फूलो की माला डालते और निचे रखे पत्थर पर नारियल को फोड़ते थे। इससे पत्थर बहुत परेशान होता था। जब भी लोग उस पर नारियल फोड़ते थे, उसको दर्द होता था। इस पर वह पत्थर मूर्ति बने पत्थर से बोलता है, की तुम तो बहुत ही आराम मन हो लोग तुम्हे दूध स्नान कराते है, और तुम्हे लड्डू का भोग लगाते है, और मेरी किस्मत तो बहुत ही ख़राब है। इस बात पर मूर्ति वाले पत्थर ने जबाब दिया की मूर्तिकार तो तुम्हे मूर्ति बनाना चाहता था, लेकिन तुमने दर्द की वजह से इंकार कर दिया अगर तुम उस समय ऐसा नहीं करते तो शायद आज में तुम्हारी जगह पर होता, और लोग मेरे ऊपर नारियल फोड़ रहे होते। लेकिन तुमने शुरुआत का दर्द सहन नहीं किया और तुमने आराम का रास्ता चुना जिसकी वजह से अब तुम्हे दर्द सहना पड़ रहा है। यह बात उस पत्थर को समझ आ गयी, और वह आगे से कभी कुछ नहीं बोला जब भी लोग उस पर नारियल को फोड़ते वह सभी दुःख हसकर सहता था। जब लोग मूर्ति को लड्डू का भोग लगाते थे, तो उस पत्थर पर भी लड्डू का भोग लगाते थे। Moral of The Story इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है, "की हमें कभ भी किसी भी ��ठिन से कठिन परिस्थिति में घबराना नहीं चाहिए। क्योकिं शुरुआत में हमारे जीवन में कठिनाइयां आती है, लेकिन बाद में सब कुछ ठीक हो जाता है।" जो व्यक्ति शुरुआत की कठिनाइयों को सामना करके आगे बढ़ जाता है, उसका आने वाला जीवन पूरा सुखमय हो जाता है।
6. मेहनत के फल की कहानी (Moral Stories in Hindi)
एक गांव में दो दोस्त रहते थे, एक का नाम मोहन और दूसरे का नाम सोहन था। दोनों में बहुत ही गहरी मित्रता थी। मोहन बहुत ही धार्मिक व्यक्ति था, वह हमेशा भगवान की भक्ति में लीन रहता था, जबकि सोहन बहुत ज्यादा मेहनती था।
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एक बार दोनों ने एक बीघा जमीन लेकर उसमे फसल उगाने के बारे में सोचा, जिसके बाद वह एक अच्छा सा घर बनाना चाहते थे। इसके बाद दोनों दोस्तों ने खेत खरीद लिया, सोहन दिन रात खेत में मेहनत करता, और मोहन मंदिर में बैठकर फसल अच्छी होने के लिए भगवान से प्रार्थना किया करता। इसी तरह से समय बीतता गया, और कुछ दिन बाद फसल पक गयी। फसल पकने के बाद उसकी कटाई करके उसे बाजार में जाकर बेच दिया। इसके बाद उन्हें अच्छा पैसा मिला। इस पर सोहन ने कहा की इसमें से मेरा ज्यादा हिस्सा है, क्योकिं मैंने दिन रात एक करके खेत को खाद पानी देकर फसल उगाई है। https://www.youtube.com/watch?v=8amQs9oJ3Ks लेकिन यह बात सुनकर मोहन गुस्सा हो जाता है, और कहने लगता है, की धन का ज्यादा हिस्सा मुझे मिलना छाइये, क्योकिं मैंने अपने खेत में अच्छी फसल होने के लिए भगवान से प्रार्थना की है। और जब तक भगवान की मर्जी ना हो तब तक कोई भी कुछ नहीं कर सकता है। दोनों इसी बात को लेकर लड़ने लगे, अब यह बात गांव के मुखिया तक पहुंच गयी। गांव के मुखियां ने सारी बात सुनने के बाद एक फैसला किया। मुखियां ने दोनों दोस्तों को चावलों की एक एक बोरी दी, जिसमे चावलों के बिच छोटे छोटे कंकड़ मिले हुए थे। मुखियां ने कहाँ इस चावलों की बोरी को घर ले जाओ और इसमें से सुबह तक चावल और कंकड़ अलग अलग करके लेकर आओ फिर में सुबह फैसला करूँगा की फसल का ज्यादा धन किसको मिलना चाहिए। दोनों अपनी अपनी चावलों की बोरी लेकर घर चले गए। सोहन अपने चावलों की बोरी को खोलकर उसमे से कंकड़ अलग अलग करने में लगा गया। मोहन अपनी चावलों की बोरी को लेकर मंदिर में चला गया और भगवान से चावलों से कंकड़ को अलग करने के लिए प्रार्थना करने लगा, बोलै ही भगवान मेरे चावलों से कंकड़ अलग कर दो। दोनों अगली सुबह मुखियां के पास पहुंचे, सोहन ने तो पूरी रात जागकर चावलों से एक एक करके सारे कंकड़ अलग कर दिए।इस पर मुखियां बहुत खुश हुआ। और मोहन ने अपनी बोरी मंदिर से ले जाकर ऐसी की ऐसी मुखिया के सामने रख दी। और मुखिया से बोला आप बोरी को खोल कर देख लीजिये मुझे भगवान पर पूरा विशवास है, की इस चावल की बोरी से सारे कंकड़ निकल चुके होंगे। लेकिन जब मुखियां ने चावलों की बोरी खुलवाई तो देखा सारे कंकड़ चावलों के बिच ही मौजूद थे। मुखियां ने मोहन को समझाते हुए कहाँ, की भगवान भी हमारी मदद जब ही करते जब हम अपनी तरफ से मेहनत करते है। यह बात समझाते हुए मुखियां ने फसल का ज्यादा धन सोहन को दे दिया। इसके बाद से मोहन भी सोहन के साथ खेत में मन लगाकर मेहनत करने लगा। इस बार इनके खेत में और भी ज्यादा अच्छी फसल हुई। Moral of The Story यह कहानी हमें सिखाती है, "की हमें कभी भी पूरी तरह से भगवान के भरोसे पर नहीं बैठना चाहिए।" क्योकिं भगवान भी हमारी सहायता तभी करते है, जब हम अपनी तरफ से मेहनत करते है। Some Best Post: now gg Roblox | full form for computer Read the full article
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prabudhajanata · 2 years
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Moral UPPA India Awards में भाग्यश्री सहित कई हस्तियां सम्मानित मुंबई : अनिल बेदाग- मुम्बई के किंग सर्क...
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questkahaniya · 2 years
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मूर्ख कछुआ
एक सरोवर में विशाल नाम का एक कछुआ रहा करता था। उसके पास एक मजबूत कवच था। यह कवच शत्रुओं से बचाता था। कितनी बार उसकी जान कवच के कारण बची थी। एक बार भैंस तालाब पर पानी पीने आई थी। भैंस का पैर विशाल पर पड़ गया था। फिर भी विशाल को नहीं हुआ। उसकी जान कवच से बची थी। उसे काफी खुशी हुई क्योंकि बार-बार उसकी जान बच रही थी। यह कवच विशाल को कुछ दिनों में भारी लगने लगा। उसने सोचा इस कवच से बाहर निकल कर जिंदगी को जीना चाहिए। अब मैं बलवान हो गया हूं , मुझे कवच की जरूरत नहीं है। विशाल ने अगले ही दिन कवच को तालाब में छोड़कर आसपास घूमने लगा। अचानक हिरण का झुंड तालाब में पानी पीने आया। ढेर सारी हिरनिया अपने बच्चों के साथ पानी पीने आई थी। उन हिरणियों के पैरों से विशाल को चोट लगी, वह रोने लगा। आज उसने अपना कवच नहीं पहना था। जिसके कारण काफी चोट जोर से लग रही थी। विशाल रोता-रोता वापस तालाब में गया और कवच को पहन लिया। कम से कम कवच से जान तो बचती है। मोरल – प्रकृति से मिली हुई चीज को सम्मान पूर्वक स्वीकार करना चाहिए वरना जान खतरे में पड़ सकती है।
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mahi7447 · 2 years
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साहस का परिचय Short story in Hindi with moral
Today, in this article, I’m going to write some English Short story in Hindi with moral so that you can learn valuable lessons from them.
All the stories are good. So, read them all.
Well, I have written many articles on moral stories, but it’s about hindi stories for reading So, without wasting your valuable time, let’s get started.
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साहस का परिचय
जंगल में सुंदर-सुंदर हिरण रहा करते थे। उसमें एक सुरीली नाम की हिरनी थी। उसकी बेटी मृगनैनी अभी पांच महीने की थी। मृगनैनी अपनी मां के साथ जंगल में घूमा करती थी।
एक दिन मृगनैनी अपने मां के साथ घूम रही थी, तभी दो गीदड़ आ गए।
वह मृगनैनी को मार कर खाना चाहते थे।
सुरीली दोनों गीदड़ को अपने सिंघ से मार-मार कर रोक रही थी।
मगर गीदड़ मानने को तैयार नहीं थे।
वहां अचानक ढेर सारे हिरनी का झुंड आ गया।
हिरनी गीदड़ के पीछे दौड़ने लगी। गीदड़ अपने प्राण लेकर वहां से रफूचक्कर हो गया।
सुरीली और मृगनैनी की जान आज उसके परिवार ने बचा लिया था।
मोरल — एक साथ मिलकर रहने से बड़ी से बड़ी चुनौती दूर हो जाती है।
It is love story in hindi that could not bloom any more because of that tragic incident. It makes us realize that we do not have enough time and never know when we will breathe our last . short stories in Hindi So, it is best emotional story to let of the ego and the false pretenses and just make sure that you love without regrets and seize the day to live the fullest.
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अनचाहे गर्भ से कानूनी छुटकारा, क्या बदलेगी तस्वीर?
अनचाहे गर्भ से कानूनी छुटकारा, क्या बदलेगी तस्वीर?
Legal relief from unwanted pregnancy, will the picture change? एक ऐसे समाज में जो अत्यधिक पितृसत्तात्मक है, महिलाओं को गर्भपात तक पहुंचना मुश्किल लगता है। स्वास्थ्य सेवा के लिए अक्सर महिलाओं से अपने पति, या परिवार के सदस्यों की अनुमति लेने के लिए कहते हैं, भले ही यह कानून द्वारा आवश्यक न हो। परिवार हो या अस्पताल हर जगह महिलाओं की अबॉर्शन के मामले में मोरल पुलिसिंग की जाती है और यही वजह है कि…
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radarhindi · 2 years
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designs8871 · 2 years
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मां की ममता Short Stories in Hindi
Today we are writing short stories in Hindi. These stories are only for kids and also written in that lucid language. These Hindi stories with morals may also be useful for teachers.
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आम के पेड़ पर एक सुरीली नाम की चिड़िया रहती थी। उसने खूब सुंदर घोंसला बनाया हुआ था। जिसमें उसके छोटे-छोटे बच्चे साथ में रहते थे। वह बच्चे अभी उड़ना नहीं जानते थे, इसीलिए सुरीली उन सभी को खाना ला कर खिलाती थी।
एक दिन जब बरसात तेज हो रही थी। तभी सुरीली के बच्चों को जोर से भूख लगने लगी। बच्चे खूब जोर से रोने लगे, इतना जोर की देखते-देखते सभी बच्चे रो रहे थे। सुरीली से अपने बच्चों के रोना अच्छा नहीं लग रहा था। वह उन्हें चुप करा रही थी, किंतु बच्चे भूख से तड़प रहे थे इसलिए वह चुप नहीं हो रहे थे।
सुरीली सोच में पड़ गई , इतनी तेज बारिश में खाना कहां से लाऊंगी। मगर खाना नहीं लाया तो बच्चों का भूख कैसे शांत होगा। काफी देर सोचने के बाद सुरीली ने एक लंबी उड़ान भरी और पंडित जी के घर पहुंच गई।
पंडित जी ने प्रसाद में मिले चावल दाल और फलों को आंगन में रखा हुआ था। चिड़िया ने देखा और बच्चों के लिए अपने मुंह में ढेर सारा चावल रख लिया। और झटपट वहां से उड़ गई।
घोसले में पहुंचकर चिड़िया ने सभी बच्चों को चावल का दाना खिलाया। बच्चों का पेट भर गया, वह सब चुप हो गए और आपस में खेलने लगे।
मोरल — संसार में मां की ममता का कोई जोड़ नहीं है अपनी जान विपत्ति में डालकर भी अपने बच्चों के हित में कार्य करती है।
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desistory · 2 years
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राजू की समझदारी Short story in Hindi with moral
Today we are writing bollywood news today. These stories are only for kids and also written in that lucid language. These Hindi stories with morals may also be useful for teachers.
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जतनपुर में लोग बीमार हो रहे थे। डॉक्टर ने बीमारी का कारण मक्खी को बताया। जतनपुर के पास एक कूड़ेदान है। उस पर ढेर सारी मक्खियां रहती है। वह उड़कर सभी घरों में जाती, वहां रखा खाना गंदा कर देती। उस खाने को खाकर लोग बीमार हो रहे थे।
राजू दूसरी क्लास में पढ़ता है। उसकी मैडम ने मक्खियों के कारण फैलने वाले बीमारी को बताया।
राजू ने मक्खियों को भगाने की ठान ली।
घर आकर मां को मक्खियों के बारे में बताया। वह हमारे खाने को गंदा कर देती है। घर में आकर गंदगी फैल आती है। इसे घर से बाहर भगाना चाहिए।
राजू बाजार से एक फिनाइल लेकर आया।
उसके पानी से घर में साफ सफाई हुई। रसोई घर में खाना को ढकवा दिया। जिसके कारण मक्खियों को खाना नहीं मिल पाया।
दो दिन में मक्खियां घर से बाहर भाग गई।
फिर घर के अंदर कभी नहीं आई।
मोरल — स्वयं की सतर्कता से बड़ी-बड़ी बीमारियों से बचा जा सकता है।
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So, it is best short stories in Hindi to let of the ego and the false pretenses and just make sure that you love without regrets and seize the day to live the fullest
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hindichowk · 11 months
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