विष्णु नारायण का एक पहलू है ।
विष्णु शब्द संस्कृत मूल जिष्णु से है
'विष्णु जीशन्नम महाविशन्नम प्रभा विष्णम महेश्वरम' - विष्णु सहस्रनाम।
जिष्णु का अर्थ है 'सहायक, सहायक'
जैसा कि विष्णु रक्षक हैं और ब्रह्मांड का समर्थन करते हैं,उन्हें विष्णु कहा जाता है ।
इस ब्लॉग के पाठकों में से एक से एक प्रश्न था कि त्रिमूर्ति,ब्रह्मा,विष्णु और शिव किस गोत्र के हैं?त्रिमूर्ति ब्रह्मा, विष्णु और रुद्र हैं । रुद्र शिव का एक पहलू है,न कि शिव अपने सभी पहलुओं में । विष्णु नारायण का एक पहलू है । विष्णु शब्द संस्कृत मूल जिष्णु से है‘विष्णु जीशन्नम महाविशन्नम प्रभा विष्णम महेश्वरम’ – विष्णु सहस्रनाम।जिष्णु का अर्थ है ‘सहायक, सहायक’जैसा कि विष्णु रक्षक हैं और ब्रह्मांड…
नमो रुद्राय🙏 जिला भदोही के प्रसिद्ध समाजसेवीगण आदरणीय श्री रमेश केवट जी एवम श्री गिरजाशंकर प्रसाद जी को रुद्र महासंघ संरक्षक मंडल की अनुमति से संरक्षक मंडल में सदस्य पद पर मनोनीत किया गया है। आशा है आप के संरक्षण में रूद्र महासंघ समाज और राष्ट्र के कल्याण हेतु अपने मिशन को और मजबूत पाएगा। आप लोगो का बहुत बहुत आभार। रूद्र महासंघ परिवार। 🌷🙏 #योगा #ऋषिकुमारसंतोष #ध्यान #राष्ट्र #सेवा #प्रेम #दया #रुद्र https://www.instagram.com/p/CkiQjUJLXB-/?igshid=NGJjMDIxMWI=
रुद्र अभिषेक पूजा विधि खर्च, मुहूर्त, सामग्री, लाभ और मंत्र
रुद्र अभिषेक पूजा एक समारोह है जिसमे भगवान त्रयंबकेश्वर की मजबूत मंत्र के साथ पंचामृत पूजा की जाती है जो इसे प्राप्त करने वाले व्यक्ति की सभी इच्छाओं को पूरा करता है।
हिंदू मान्यता के अनुसार, सावन महीने का हिंदुओं के लिए अद्वितीय महत्व है।
हिंदू मान्यता के अनुसार, सावन महीने का हिंदुओं के लिए अद्वितीय महत्व है। इस पवित्र मास में हर सोमवार, जिसे सावन सोमवार के नाम से जाना जाता है, का बहुत अधिक महत्व होता है। सावन महीना व्रत और धार्मिक अनुस्थानो का समय होता है, जब चारो और भक्ति रूपी माहौल रहता है और कई भक्त कावड़ यात्रा पर निकलते हैं और भगवान शिव की कृपा और आध्यात्मिक उन्नति की कामना करते हैं। आइए, हम इस पवित्र महीने की गहराई में जाकर सावन सोमवार के साथ जुड़ी परंपराओं और प्रथाओं को जानें। For More Information-https://www.evergreenbharat.com/%e0%a4%b9%e0%a4%bf%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a5%82-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%85%e0%a4%a8%e0%a5%81%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%b8/
Minister Guru Rudra Kumar: कैबिनेट मंत्री गुरू रुद्र कुमार की बिगड़ी तबीयत, CM भूपेश बघेल ने जाना हालचाल
Minister Guru Rudra Kumar : छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री गुरु रूद्र कुमार की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें इलाज के लिए हैदराबाद भेजा किया गया है। शनिवार को मंत्री गुरु रुद्रकुमार स्टेट प्लेन से मंत्री हैदराबाद के लिए रवाना हुए हैं। इससे पूर्व उनका इलाज रायपुर के रामकृष्ण अस्पताल में चल रहा था। इधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रूद्रकुमार से टेलीफोन पर चर्चा कर उनके…
"भारतीय संघ बुडविण्याची कामगिरी": माजी स्टार वेगवान गोलंदाज टी20 विश्वचषकापूर्वी इशारा देत आहे | क्रिकेट बातम्या
“भारतीय संघ बुडविण्याची कामगिरी”: माजी स्टार वेगवान गोलंदाज टी20 विश्वचषकापूर्वी इशारा देत आहे | क्रिकेट बातम्या
209 धावांचे कठीण लक्ष्य असूनही, मोहालीच्या IS बिंद्रा क्रिकेट स्टेडियमवर झालेल्या तीन सामन्यांच्या मालिकेतील पहिल्या T20 सामन्यात भारताचा ऑस्ट्रेलियाने पराभव केला. भारतीय गोलंदाजांचा समावेश आहे भुवनेश्वर कुमार (०/५२), हर्षल पटेल (0/49) आणि युझवेंद्र चहल (1/42), ऑस्ट्रेलियाने सहज धावांचा पाठलाग केल्यामुळे मोठ्या प्रमाणात धावा झाल्या. विशेष म्हणजे, अक्षर पटेल तर तीन विकेट घेतल्या उमेश यादव टी-20आय…
11 कुंडीय रुद्र महायज्ञ के साथ चल रहे राम कथा के आयोजन में जुट रही है श्रद्धालुओं की काफी भीड़
11 कुंडीय रुद्र महायज्ञ के साथ चल रहे राम कथा के आयोजन में जुट रही है श्रद्धालुओं की काफी भीड़
Bihar: कैमूर जिले के चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के ग्राम अमांव में बीते 15 मई से जल भराई शोभायात्रा के साथ प्रारंभ हुए 11 कुंडीय रुद्र महायज्ञ एवं सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग निर्माण का आयोजन चल रहा है, जहां रात्रि के पहर नौ दिवसीय श्रीराम चरित्र मानस कथा भी प्रारंभ है, जहां राष्ट्रीय कथावाचक अरविंद जी महाराज बालाजी धाम यमुना तट आगरा के द्वारा राम कथा सुनाया जा रहा है, जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु…
अरबों पातालों के समान प्रभु अथाह हैं अरबों यमराजों के समान भयानक हैं अनंतकोटि तीर्थों के समान वे पवित्र करने वाले हैं उनका नाम संपूर्ण पापसमूह का नाश करने वाला है
उनमें अनंतकोटि सरस्वतियों के समान चतुरता है अरबों ब्रह्माओं के समान सृष्टि रचना की निपुणता है वे करोड़ों विष्णुओं के समान पालन करने वाले और अरबों रुद्रों के समान संहार करने वाले हैं
According to Vedas there is only one prayer/mantra which should be recited - it is known as the Gāyatri Mantra.
Oṃ bhūr bhuvaḥ suvaḥ |
Tat savitur vareṇyaṃ |
Bhargo devasya dhīmahi |
dhīyo yo naḥ pracodayāt ||
Which means:-
“We meditate upon the Adorable Light (i.e. the Sun) of the Supreme Being who has projected this entire universe into being. May That One impel our minds towards enlightenment.”
Variant readings:
May That One enlighten our intellects.
May That One guide our mind, speech and actions.
This is the Vedic version, but there are hundreds of other versions pertaining to each and every aspect of the Supreme Being - for the sake of the devotees who prefer NAME and FORM (nāma-rūpa).
Some of these alternative Gāyatris are found in the Upaniṣads (Mahā Nārāyaṇa Upaṇiṣad) but most are from the Tantras.
So if you are a devotee of any particular deity you may choose the gāyatri of that Deity and repeat and meditate upon it only.
भाग्यशाली व्यक्ति वह नही होता जिसे कुछ मिलता है बल्कि वह है जो समाज और इस धरा के कल्याण हेतु कुछ कर पाता है। #नमोरूद्राय #ऋषिकुमारसंतोष #काशी #शिव #रुद्र https://www.instagram.com/p/ChSvjmUhfKk/?igshid=NGJjMDIxMWI=
राम का हूं भक्त मैं रुद्र का अवतार हूं
अंजनी का लाल हूं मैं दुर्जनो का काल हूं
साधु जन के साथ हूं मैं निर्बलों की आस हूं
सद्गुणों का मान हूं मैं हां मैं वीर हनुमान हूं।।
जय श्री राम🙏🌺
जय हनुमान🙏🚩
👉 https://youtu.be/1m6-I1oiMEk
The word Rudraksha is derived from two words – rudra (रुद्र) and aksha (अक्ष).
Rudra means the one who weeps. Hence, aksha (अक्ष) denotes the ability to receive or give. Rudraksha is the one that has the ability to wipe our tears and provide happiness.
Aksha means eye. Rudra and aksha means the one who is capable of looking at and doing everything (for example, the third eye). Aksha also means axis. Since the eye can rotate on one axis, it too is known as aksha.
Rudraksha is naturally a dry fruit which grows on the Rudraksha tree. A spiritual Rudra mala used for praying and meditation typically consists of 108 beads. These can be found in varied appearances, from 1 Mukhi to 27 Mukhi. Anyone who wears these beads has the blessings of all the three divine lords, Brahma, Vishnu and Mahesh with him from time immemorial, Rudraksha is known to be one of the most precious beads, owing to its divine healing powers. It is said that only those who have the blessings of lord Shiva get the opportunity to wear it. The meaning of the word "Rudraksha" is the eyes of Rudra (Shiva) and his tears (Aksha). The story of the origin of this spiritual bead explains why it is known to be the blessing of Shiva himself.
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𝐅𝐨𝐫 𝐈𝐧𝐪𝐮𝐢𝐫𝐢𝐞𝐬 & 𝐌𝐨𝐫𝐞 𝐃𝐞𝐭𝐚𝐢𝐥𝐬:
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शिव महापुराण कोटी रुद्र संहिता के अध्याय 12 में शिव लिङ्ग के विषय में एक दारुण वन की कथा है जिसमें शिवलिङ्ग की स्पष्ट जानकारी है। लिङ्गका अर्थ और कुछ नहीं बल्कि शिव जी का Private Part है।