शुक्रवार को इस विधि से पूजा करें, जरूर प्रसन्न होगी धन की देवी लक्ष्मी
चैतन्य भारत न्यूज
शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की आराधना की जाती है। शास्त्रों में लक्ष्मी को चंचला कहा गया है। चंचला का मतलब है ऐसी देवी जिनका किसी एक स्थान पर अधिक समय तक रहना तय नहीं। जिन लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं चल रही है वे लोग शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा खासतौर से करें। इस दिन व्रत रखने का भी प्रावधान है। आइए जानते हैं मां लक्ष्मी की पूजा-विधि..
मां लक्ष्मी की पूजा-विधि-
मां लक्ष्मी की पूजा सफेद या गुलाबी वस्त्र पहनकर करनी चाहिए।
मां लक्ष्मी को गुलाबी पुष्प, विशेषकर कमल चढ़ाना सर्वोत्तम रहता है।
पूजा के दौरान पान का पत्ता, रोली, केसर, चावल, सुपारी, फल, फूल, नारियल, तांबे का कलश, लाल कपड़ा और घी होना चाहिए।
इसके बाद मां लक्ष्मी और गणपति बप्पा की मिट्टी की प्रतिमा स्थापित कर गंगाजल से स्नान कराएं।
इसके बाद सबसे पहले गणपति बप्पा और फिर लक्ष्मीजी का पूजन करें।
इस पूजा में गणपति बप्पा और लक्ष्मीजी के साथ भगवान विष्णु की स्थापना जरूर करें।
शुक्रवार के दिन भोजन और धन दान करना बेहद शुभ माना गया है।
मां लक्ष्मी के विशेष स्वरूप हैं, जिनकी उपासना शुक्रवार के दिन करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है।
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शुक्रवार को दही खाने का होता है विशेष महत्व, जानिए वजह
शुक्रवार की रात मां लक्ष्मी को ऐसे करें प्रसन्न, इन उपायों को अपनाएंगे तो हमेशा बरसेगी कृपा
गुप्त नवरात्रि, देवशयनी एकादशी से लेकर गुरु पूर्णिमा तक, जुलाई में आने वाले हैं ये महत्वपूर्ण तीज-त्योहार
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माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार को इस विधि से करें पूजा-अर्चना, जरूर होगी शुभ फल की प्राप्ति
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शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की आराधना की जाती है। शास्त्रों में लक्ष्मी को चंचला कहा गया है। चंचला का मतलब है ऐसी देवी जिनका किसी एक स्थान पर अधिक समय तक रहना तय नहीं। जिन लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं चल रही है वे लोग शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा खासतौर से करें। इस दिन व्रत रखने का भी प्रावधान है। आइए जानते हैं मां लक्ष्मी की पूजा-विधि...
मां लक्ष्मी की पूजा-विधि-
मां लक्ष्मी की पूजा सफेद या गुलाबी वस्त्र पहनकर करनी चाहिए।
मां लक्ष्मी को गुलाबी पुष्प, विशेषकर कमल चढ़ाना सर्वोत्तम रहता है।
पूजा के दौरान पान का पत्ता, रोली, केसर, चावल, सुपारी, फल, फूल, नारियल, तांबे का कलश, लाल कपड़ा और घी होना चाहिए।
इसके बाद मां लक्ष्मी और गणपति बप्पा की मिट्टी की प्रतिमा स्थापित कर गंगाजल से स्नान कराएं।
इसके बाद सबसे पहले गणपति बप्पा और फिर लक्ष्मीजी का पूजन करें।
इस पूजा में गणपति बप्पा और लक्ष्मीजी के साथ भगवान विष्णु की स्थापना जरूर करें।
शुक्रवार के दिन भोजन और धन दान करना बेहद शुभ माना गया है।
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शुक्रवार को मां संतोषी की पूजा करने से होगी सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति
चैतन्य भारत न्यूज
हिंदू धर्म के मुताबिक, शुक्रवार का दिन संतोषी माता की पूजा के लिए निर्धारित है। मान्यता है कि संतोषी माता का व्रत हर तरह से गृहस्थी को धन-धान्य, पुत्र, अन्न-वस्त्र से परिपूर्ण रखता है और मां अपने भक्त को हर कष्ट से बचाती हैं। आइए जानते हैं शुक्रवार व्रत का महत्व और पूजा-विधि।
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शुक्रवार व्रत का महत्व
मान्यता है कि शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी का पूजन करने वो प्रसन्न होती है और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। उसके घर में सुख-समृद्धि प्रवाहित होने लगती है। इसलिए बहुत से लोग सुख-शांति और धन की प्राप्ति के लिए शुक्रवार का व्रत करते हैं। यह व्रत किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले शुक्रवार को शुरू करना शुभ माना जाता है।
शुक्रवार व्रत की पूजन-विधि
शुक्रवार के दिन सुबह घर की सफाई आदि करने के बाद संतोषी माता की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए।
मूर्ति के सामने कलश रखना चाहिए और उस पर दीपक जलाना चाहिए।
संतोषी माता की पूजा करने के लिए जातकों शुक्रवार के दिन खटाई खाने, झूठ बोलने और अन्य बुरे काम करने से बचना चाहिए।
इस दिन संतोषी माता को गुड़ और चने का भोग लगाना चाहिए।
शाम के समय संतोषी माता की कथा सुनने के बाद अपना व्रत खोलें।
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शुक्रवार को मां संतोषी की पूजा करने से होगी सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति
चैतन्य भारत न्यूज
हिंदू धर्म के मुताबिक, शुक्रवार का दिन संतोषी माता की पूजा के लिए निर्धारित है। मान्यता है कि संतोषी माता का व्रत हर तरह से गृहस्थी को धन-धान्य, पुत्र, अन्न-वस्त्र से परिपूर्ण रखता है और मां अपने भक्त को हर कष्ट से बचाती हैं। आइए जानते हैं शुक्रवार व्रत का महत्व और पूजा-विधि।
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शुक्रवार व्रत का महत्व
मान्यता है कि शुक्रवार के दिन मात��� लक्ष्मी का पूजन करने वो प्रसन्न होती है और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। उसके घर में सुख-समृद्धि प्रवाहित होने लगती है। इसलिए बहुत से लोग सुख-शांति और धन की प्राप्ति के लिए शुक्रवार का व्रत करते हैं। यह व्रत किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले शुक्रवार को शुरू करना शुभ माना जाता है।
शुक्रवार व्रत की पूजन-विधि
शुक्रवार के दिन सुबह घर की सफाई आदि करने के बाद संतोषी माता की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए।
मूर्ति के सामने कलश रखना चाहिए और उस पर दीपक जलाना चाहिए।
संतोषी माता की पूजा करने के लिए जातकों शुक्रवार के दिन खटाई खाने, झूठ बोलने और अन्य बुरे काम करने से बचना चाहिए।
इस दिन संतोषी माता को गुड़ और चने का भोग लगाना चाहिए।
शाम के समय संतोषी माता की कथा सुनने के बाद अपना व्रत खोलें।
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शुक्रवार को इस तरह पूजा करके आप बन सकते हैं धनवान, जरूर बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा
चैतन्य भारत न्यूज
हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता समर्पित है। इसके मुताबिक शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी का दिन होता है। मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। आइए जानते हैं इस व्रत का महत्व और पूजन-विधि।
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शुक्रवार व्रत का महत्व
शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी की उपासना के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। मान्यता है कि लक्ष्मी जी की पूजा करने से व्यक्ति के घर में कभी धन का अभाव नहीं रहता है। लक्ष्मी जी को हिंदू धर्म में सुख-समृद्धि, धन, वैभव तथा ऐश्वर्य की देवी माना जाता है। इसके अलावा यह व्रत धन, विवाह, बच्चे और भौतिकवादी सुख प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
शुक्रवार व्रत पूजन-विधि
शुक्रवार को पूरे दिन व्रत रख शाम को स्नान के बाद माता लक्ष्मी की पूजा करें।
वैभव लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र की पूजा में खासतौर पर लाल चंदन, गंध, लाल वस्त्र, लाल फूल अर्पित करें।
पूजा के बाद दान का अधिक महत्व है।
पूजा के बाद समृद्धि व शांति की इच्छा से इस वैभव लक्ष्मी मंत्र का यथाशक्ति जप करें-
या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।
या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥
या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।
सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥
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सुख, शांति और समृद्धि के लिए शुक्रवार को ऐसे करें मां संतोषी की पूजा
शनिवार के दिन इस तरह पूजन से प्रसन्न होंगे शनिदेव, जानिए व्रत का महत्व और पूजा-विधि
मनचाही सफलता के लिए रविवार को इस विधि से करें सूर्य देवता की पूजा
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शुक्रवार की शाम इस तरह करें माता लक्ष्मी की पूजा, दूर होगी धन से जुड़ी समस्या
चैतन्य भारत न्यूज
हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता समर्पित है। इसके मुताबिक शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी का दिन होता है। मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। आइए जानते हैं इस व्रत का महत्व और पूजन-विधि।
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शुक्रवार व्रत का महत्व
शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी की उपासना के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। मान्यता है कि लक्ष्मी जी की पूजा करने से व्यक्ति के घर में कभी धन का अभाव नहीं रहता है। लक्ष्मी जी को हिंदू धर्म में सुख-समृद्धि, धन, वैभव तथा ऐश्वर्य की देवी माना जाता है। इसके अलावा यह व्रत धन, विवाह, बच्चे और भौतिकवादी सुख प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
शुक्रवार व्रत पूजन-विधि
शुक्रवार को पूरे दिन व्रत रख शाम को स्नान के बाद माता लक्ष्मी की पूजा करें।
वैभव लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र की पूजा में खासतौर पर ल��ल चंदन, गंध, लाल वस्त्र, लाल फूल अर्पित करें।
पूजा के बाद दान का अधिक महत्व है।
पूजा के बाद समृद्धि व शांति की इच्छा से इस वैभव लक्ष्मी मंत्र का यथाशक्ति जप करें-
या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।
या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥
या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।
सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥
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हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता समर्पित है। इसके मुताबिक शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी का दिन होता है। मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। आइए जानते हैं इस व्रत का महत्व और पूजन-विधि।
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शुक्रवार व्रत का महत्व
शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी की उपासना के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। मान्यता है कि लक्ष्मी जी की पूजा करने से व्यक्ति के घर में कभी धन का अभाव नहीं रहता है। लक्ष्मी जी को हिंदू धर्म में सुख-समृद्धि, धन, वैभव तथा ऐश्वर्य की देवी माना जाता है। इसके अलावा यह व्रत धन, विवाह, बच्चे और भौतिकवादी सुख प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
शुक्रवार व्रत पूजन-विधि
शुक्रवार को पूरे दिन व्रत रख शाम को स्नान के बाद माता लक्ष्मी की पूजा करें।
वैभव लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र की पूजा में खासतौर पर लाल चंदन, गंध, लाल वस्त्र, लाल फूल अर्पित करें।
पूजा के बाद दान का अधिक महत्व है।
पूजा के बाद समृद्धि व शांति की इच्छा से इस वैभव लक्ष्मी मंत्र का यथाशक्ति जप करें-
या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।
या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥
या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।
सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥
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माता लक्ष्मी की पानी है कृपा, तो शुक्रवार को इस विधि से करें पूजा
चैतन्य भारत न्यूज
शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की आराधना की जाती है। शास्त्रों में लक्ष्मी को चंचला कहा गया है। चंचला का मतलब है ऐसी देवी जिनका किसी एक स्थान पर अधिक समय तक रहना तय नहीं। जिन लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं चल रही है वे लोग शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा खासतौर से करें। इस दिन व्रत रखने का भी प्रावधान है। आइए जानते हैं मां लक्ष्मी की पूजा-विधि..
मां लक्ष्मी की पूजा-विधि-
मां लक्ष्मी की पूजा सफेद या गुलाबी वस्त्र पहनकर करनी चाहिए।
मां लक्ष्मी को गुलाबी पुष्प, विशेषकर कमल चढ़ाना सर्वोत्तम रहता है।
पूजा के दौरान पान का पत्ता, रोली, केसर, चावल, सुपारी, फल, फूल, नारियल, तांबे का कलश, लाल कपड़ा और घी होना चाहिए।
इसके बाद मां लक्ष्मी और गणपति बप्पा की मिट्टी की प्रतिमा स्थापित कर गंगाजल से स्नान कराएं।
इसके बाद सबसे पहले गणपति बप्पा और फिर लक्ष्मीजी का पूजन करें।
इस पूजा में गणपति बप्पा और लक्ष्मीजी के साथ भगवान विष्णु की स्थापना जरूर करें।
शुक्रवार के दिन भोजन और धन दान करना बेहद शुभ माना गया है।
मां लक्ष्मी के विशेष स्वरूप हैं, जिनकी उपासना शुक्रवार के दिन करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है।
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शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की आराधना की जाती है। शास्त्रों में लक्ष्मी को चंचला कहा गया है। चंचला का मतलब है ऐसी देवी जिनका किसी एक स्थान पर अधिक समय तक रहना तय नहीं। जिन लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं चल रही है वे लोग शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा खासतौर से करें। इस दिन व्रत रखने का भी प्रावधान है। आइए जानते हैं मां लक्ष्मी की पूजा-विधि..
मां लक्ष्मी की पूजा-विधि-
मां लक्ष्मी की पूजा सफेद या गुलाबी वस्त्र पहनकर करनी चाहिए।
मां लक्ष्मी को गुलाबी पुष्प, विशेषकर कमल चढ़ाना सर्वोत्तम रहता है।
पूजा के दौरान पान का पत्ता, रोली, केसर, चावल, सुपारी, फल, फूल, नारियल, तांबे का कलश, लाल कपड़ा और घी होना चाहिए।
इसके बाद मां लक्ष्मी और गणपति बप्पा की मिट्टी की प्रतिमा स्थापित कर गंगाजल से स्नान कराएं।
इसके बाद सबसे पहले गणपति बप्पा और फिर लक्ष्मीजी का पूजन करें।
इस पूजा में गणपति बप्पा और लक्ष्मीजी के साथ भगवान विष्णु की स्थापना जरूर करें।
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मां लक्ष्मी के विशेष स्वरूप हैं, जिनकी उपासना शुक्रवार के दिन करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है।
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सुख, शांति और समृद्धि के लिए शुक्रवार को ऐसे करें मां संतोषी की पूजा
चैतन्य भारत न्यूज
हिंदू धर्म के मुताबिक, शुक्रवार का दिन संतोषी माता की पूजा के लिए निर्धारित है। मान्यता है कि संतोषी माता का व्रत हर तरह से गृहस्थी को धन-धान्य, पुत्र, अन्न-वस्त्र से परिपूर्ण रखता है और मां अपने भक्त को हर कष्ट से बचाती हैं। आइए जानते हैं शुक्रवार व्रत का महत्व और पूजा-विधि।
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शुक्रवार व्रत का महत्व
मान्यता है कि शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी का पूजन करने वो प्रसन्न होती है और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। उसके घर में सुख-समृद्धि प्रवाहित होने लगती है। इसलिए बहुत से लोग सुख-शांति और धन की प्राप्ति के लिए शुक्रवार का व्रत करते हैं। यह व्रत किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले शुक्रवार को शुरू करना शुभ माना जाता है।
शुक्रवार व्रत की पूजन-विधि
शुक्रवार के दिन सुबह घर की सफाई आदि करने के बाद संतोषी माता की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए।
मूर्ति के सामने कलश रखना चाहिए और उस पर दीपक जलाना चाहिए।
संतोषी माता की पूजा करने के लिए जातकों शुक्रवार के दिन खटाई खाने, झूठ बोलने और अन्य बुरे काम करने से बचना चाहिए।
इस दिन संतोषी माता को गुड़ और चने का भोग लगाना चाहिए।
शाम के समय संतोषी माता की कथा सुनने के बाद अपना व्रत खोलें।
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पाना चाहते हैं लक्ष्मी माता की कृपा, तो शुक्रवार को इस विधि से करें मां की पूजा-अर्चना
घर में सुख-समृद्धि पाने के लिए बुधवार को भगवान गणेश की ऐसे करें पूजा
ये हैं भगवान गणेश का ऐसा अनोखा मंदिर जहां लगातार बढ़ रहा है मूर्ति का आकार
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सुख, शांति और समृद्धि के लिए शुक्रवार को ऐसे करें मां संतोषी की पूजा
चैतन्य भारत न्यूज
हिंदू धर्म के मुताबिक, शुक्रवार का दिन संतोषी माता की पूजा के लिए निर्धारित है। मान्यता है कि संतोषी माता का व्रत हर तरह से गृहस्थी को धन-धान्य, पुत्र, अन्न-वस्त्र से परिपूर्ण रखता है और मां अपने भक्त को हर कष्ट से बचाती हैं। आइए जानते हैं शुक्���वार व्रत का महत्व और पूजा-विधि।
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शुक्रवार व्रत का महत्व
मान्यता है कि शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी का पूजन करने वो प्रसन्न होती है और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। उसके घर में सुख-समृद्धि प्रवाहित होने लगती है। इसलिए बहुत से लोग सुख-शांति और धन की प्राप्ति के लिए शुक्रवार का व्रत करते हैं। यह व्रत किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले शुक्रवार को शुरू करना शुभ माना जाता है।
शुक्रवार व्रत की पूजन-विधि
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मूर्ति के सामने कलश रखना चाहिए और उस पर दीपक जलाना चाहिए।
संतोषी माता की पूजा करने के लिए जातकों शुक्रवार के दिन खटाई खाने, झूठ बोलने और अन्य बुरे काम करने से बचना चाहिए।
इस दिन संतोषी माता को गुड़ और चने का भोग लगाना चाहिए।
शाम के समय संतोषी माता की कथा सुनने के बाद अपना व्रत खोलें।
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घर में सुख-समृद्धि पाने के लिए बुधवार को भगवान गणेश की ऐसे करें पूजा
ये हैं भगवान गणेश का ऐसा अनोखा मंदिर जहां लगातार बढ़ रहा है मूर्ति का आकार
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हिंदू धर्म के मुताबिक, शुक्रवार का दिन संतोषी माता की पूजा के लिए निर्धारित है। मान्यता है कि संतोषी माता का व्रत हर तरह से गृहस्थी को धन-धान्य, पुत्र, अन्न-वस्त्र से परिपूर्ण रखता है और मां अपने भक्त को हर कष्ट से बचाती हैं। आइए जानते हैं शुक्रवार व्रत का महत्व और पूजा-विधि।
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शुक्रवार व्रत का महत्व
मान्यता है कि शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी का पूजन करने वो प्रसन्न होती है और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। उसके घर में सुख-समृद्धि प्रवाहित होने लगती है। इसलिए बहुत से लोग सुख-शांति और धन की प्राप्ति के लिए शुक्रवार का व्रत करते हैं। यह व्रत किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले शुक्रवार को शुरू करना शुभ माना जाता है।
शुक्रवार व्रत की पूजन-विधि
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मूर्ति के सामने कलश रखना चाहिए और उस पर दीपक जलाना चाहिए।
संतोषी माता की पूजा करने के लिए जातकों शुक्रवार के दिन खटाई खाने, झूठ बोलने और अन्य बुरे काम करने से बचना चाहिए।
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माता लक्ष्मी की पानी है कृपा, तो शुक्रवार को इस विधि से करें पूजा
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शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की आराधना की जाती है। शास्त्रों में लक्ष्मी को चंचला कहा गया है। चंचला का मतलब है ऐसी देवी जिनका किसी एक स्थान पर अधिक समय तक रहना तय नहीं। जिन लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं चल रही है वे लोग शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा खासतौर से करें। इस दिन व्रत रखने का भी प्रावधान है। आइए जानते हैं मां लक्ष्मी की पूजा-विधि..
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मां लक्ष्मी की पूजा सफेद या गुलाबी वस्त्र पहनकर करनी चाहिए।
मां लक्ष्मी को गुलाबी पुष्प, विशेषकर कमल चढ़ाना सर्वोत्तम रहता है।
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इसके बाद सबसे पहले गणपति बप्पा और फिर लक्ष्मीजी का पूजन करें।
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मां लक्ष्मी की पूजा-विधि-
मां लक्ष्मी की पूजा सफेद या गुलाबी वस्त्र पहनकर करनी चाहिए।
मां लक्ष्मी को गुलाबी पुष्प, विशेषकर कमल चढ़ाना सर्वोत्तम रहता है।
पूजा के दौरान पान का पत्ता, रोली, केसर, चावल, सुपारी, फल, फूल, नारियल, तांबे का कलश, लाल कपड़ा और घी होना चाहिए।
इसके बाद मां लक्ष्मी और गणपति बप्पा की मिट्टी की प्रतिमा स्थापित कर गंगाजल से स्नान कराएं।
इसके बाद सबसे पहले गणपति बप्पा और फिर लक्ष्मीजी का पूजन करें।
इस पूजा में गणपति बप्पा और लक्ष्मीजी के साथ भगवान विष्णु की स्थापना जरूर करें।
शुक्रवार के दिन भोजन और धन दान करना बेहद शुभ माना गया है।
मां लक्ष्मी के विशेष स्वरूप हैं, जिनकी उपासना शुक्रवार के दिन करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है।
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शुक्रवार की रात मां लक्ष्मी को ऐसे करें प्रसन्न, इन उपायों को अपनाएंगे तो हमेशा बरसेगी कृपा
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सुख, शांति और समृद्धि के लिए शुक्रवार को ऐसे करें मां संतोषी की पूजा
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हिंदू धर्म के मुताबिक, शुक्रवार का दिन संतोषी माता की पूजा के लिए निर्धारित है। मान्यता है कि संतोषी माता का व्रत हर तरह से गृहस्थी को धन-धान्य, पुत्र, अन्न-वस्त्र से परिपूर्ण रखता है और मां अपने भक्त को हर कष्ट से बचाती हैं। आइए जानते हैं शुक्रवार व्रत का महत्व और पूजा-विधि।
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शुक्रवार व्रत का महत्व
मान्यता है कि शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी का पूजन करने वो प्रसन्न होती है और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। उसके घर में सुख-समृद्धि प्रवाहित होने लगती है। इसलिए बहुत से लोग सुख-शांति और धन की प्राप्ति के लिए शुक्रवार का व्रत करते हैं। यह व्रत किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले शुक्रवार को शुरू करना शुभ माना जाता है।
शुक्रवार व्रत की पूजन-विधि
शुक्रवार के दिन सुबह घर की सफाई आदि करने के बाद संतोषी माता की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए।
मूर्ति के सामने कलश रखना चाहिए और उस पर दीपक जलाना चाहिए।
संतोषी माता की पूजा करने के लिए जातकों शुक्रवार के दिन खटाई खाने, झूठ बोलने और अन्य बुरे काम करने से बचना चाहिए।
इस दिन संतोषी माता को गुड़ और चने का भोग लगाना चाहिए।
शाम के समय संतोषी माता की कथा सुनने के बाद अपना व्रत खोलें।
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चैतन्य भारत न्यूज
शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की आराधना की जाती है। शास्त्रों में लक्ष्मी को चंचला कहा गया है। चंचला का मतलब है ऐसी देवी जिनका किसी एक स्थान पर अधिक समय तक रहना तय नहीं। जिन लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं चल रही है वे लोग शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा खासतौर से करें। इस दिन व्रत रखने का भी प्रावधान है। आइए जानते हैं मां लक्ष्मी की पूजा-विधि..
मां लक्ष्मी की पूजा-विधि-
मां लक्ष्मी की पूजा सफेद या गुलाबी वस्त्र पहनकर करनी चाहिए।
मां लक्ष्मी को गुलाबी पुष्प, विशेषकर कमल चढ़ाना सर्वोत्तम रहता है।
पूजा के दौरान पान का पत्ता, रोली, केसर, चावल, सुपारी, फल, फूल, नारियल, तांबे का कलश, लाल कपड़ा और घी होना चाहिए।
इसके बाद मां लक्ष्मी और गणपति बप्पा की मिट्टी की प्रतिमा स्थापित कर गंगाजल से स्नान कराएं।
इसके बाद सबसे पहले गणपति बप्पा और फिर लक्ष्मीजी का पूजन करें।
इस पूजा में गणपति बप्पा और लक्ष्मीजी के साथ भगवान विष्णु की स्थापना जरूर करें।
शुक्रवार के दिन भोजन और धन दान करना बेहद शुभ माना गया है।
मां लक्ष्मी के विशेष स्वरूप हैं, जिनकी उपासना शुक्रवार के दिन करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है।
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