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#सरसों के तेल में आई कमी
sabkuchgyan · 3 months
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भीषण गर्मी के चलते सातवें आसमान से औंधे मुंह गिरी सरसों तेल की कीमत, 1 लीटर का रेट सुनकर तो आप भी चाहेंगे खरीदना
भीषण गर्मी के चलते लोगों का तली हुई चीजें खाने का शौक कम हो गया है। इसके कारण खाद्य पदार्थों की बिक्री में भी कमी आई है। जिससे विक्रेताओं को सीधा नुकसान हो रहा है। लेकिन इस गर्मी के बीच सरसों के तेल की कीमतों में आई गिरावट एक सुनहरा मौका लेकर आई है। सरसों का तेल कीमतों में बड़ी गिरावट वर्तमान में सरसों का तेल बाजार में बहुत ही कम कीमत पर उपलब्ध है। अगर आपने अभी तक सरसों का तेल नहीं खरीदा है, तो…
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todaymandibhav · 1 year
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सरसों साप्ताहिक रिपोर्ट 9 अक्टूबर: तेल मीलों मांग में कमी से सरसों में आई गिरावट, MSP में जल्द होगी बढ़ोतरी
कृषि व्यापार समाचार 9 अक्टूबर: पिछला सप्ताह शुरुआत सोमवार जयपुर सरसों 5900 रुपये पर खुला था। ओर शनिवार शाम 5725 रुपये पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह के दौरान सरसो में मांग घटने से -175 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई। सरसो स्टॉक रिपोर्ट :– सितंबर के अंत तक 82.5 लाख टन सरसो की आवक हुई वहीं 62 लाख टन की सरसो क्रशिंग की गयी। अक्टूबर की शुरुआत में 49.25 लाख टन सरसों उपलब्ध जो की मौजूदा क्रशिंग की औसत के…
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marketingstrategy1 · 2 years
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Aligarh News:नहीं थम रही महंगाई, गड़बड़ा रहा रसोई का बजट, सब्जियां सस्ती तो आटा-तेल महंगा - Inflation Not Stopping Kitchen Budget Going Wrong
आटा बाजार – फोटो : अमर उजाला विस्तार एक माह के भीतर ही आटा, चावल एवं दाल की कीमतों में आई तेजी से घरों में रसोई का बजट बिगड़ गया है। एक ओर सब्जियों की कीमतों में कमी आई है तो खाद्य तेलों की कीमत बढ़ रहीं हैं। दो सप्ताह के अंदर आटे की कीमत में प्रति क्विंटल 250 से 300 रुपये तक की बढ़ोत्तरी हुई है।  सोया ऑयल, सरसों तेल, वनस्पति घी आदि खाद्य तेलों में प्रति लीटर 15 से 20 रुपये तक की तेजी देखी जा…
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letestsamachar · 3 years
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सरसों के तेल में गिरावट से आम लोगों को मिली थोड़ी राहत देखिए पूरी खबर ...
सरसों के तेल में गिरावट से आम लोगों को मिली थोड़ी राहत देखिए पूरी खबर …
आज दिल्ली में हुई व्यापारी मंडल की बैठक के बाद सरसों के तेल में थोड़ी गिरावट देखने को मिली है बीते कुछ दिनों से सरसों के तेल में बहुत ज्यादा तेजी आ गई थी उसके साथ ही सरसों भी तेजी मे थी जिससे आम लोगों का जीवन बहुत प्रभावित हुआ क्योंकि तेरे कैसा खाद्य पदार्थ है जो हर व्यक्ति अपने जीवन में अपनी रसोई में काम में लेता है जिसके चलते लोगों को बहुत ज्यादा खर्चा करना पड़ रहा था और इस कोरोना काल में लोगों…
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merikheti · 2 years
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दिवाली से पहले सस्ता होगा खाने का तेल : आम जनता के लिए राहत, तो किसानों की बढ़ने वाली हैं मुश्किलें
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फेस्टिवल सीजन के समय आम जनता को महंगाई से अगर थोड़ी राहत मिले तो इससे ज्यादा खुशी की बात क्या हो सकती है। आम जनता पेट्रोल डीजल और गैस सिलेंडर के बढ़ते रेट्स के कारण काफ़ी परेशान है, लेकिन इस बार फेस्टिवल सीजन के दौरान, यानी दिवाली से पहले महंगाई के मोर्चे पर आम लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है। उम्मीद की जा रही है की दिवाली से पहले खाने के तेलों के दाम सस्ते हो सकते हैं जिससे आम जनता को थोड़ी राहत मिल सकती है।
खाने के तेलों के दाम घटने का मुख्य कारण
अंतर्राष्ट्रीय बजारों में खाने के तेल के दामों में भारी गिरावट हुई है, जिसके कारण अंतर्राष्ट्रीय बजारों से तेल की खरीदारी तेजी से हो रही है। अंतरराष्ट्रीय बजारों में खाने के तेल के दामों में लगभग 40 फीसदी तक की कमी आई है, जिसके कारण ज्यादा मात्रा में तेल का आयात किया जा रहा है। मौजूदा समय कि बात करें तो खाने के तेलों का आयात 11 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।
अगस्त के महीने में तो जुलाई के मुकाबले 94% अधिक आयात हुआ है, जिससे भारतीय बजारों में खाने के तेलों का पर्याप्त स्टॉक है। फेस्टिवल सीजन के दौरान आमलोगों के घरों में खाने के तेलों की खपत ज्यादा होती है। इसको मद्देनजर रखते हुए आयातकों ने अधिक मात्रा में तेल का आयात किया है। अंतर्राष्ट्रीय बजारों में खाने के तेलों के दाम में भारी गिरावट होने के कारण घरेलू बाजारों में भी रेट्स सस्ते होने की उम्मीद लगाई जा रही है।
ये भी पढ़ें - देश की सभी मंडियों में एमएसपी से ऊपर बिक रही सरसों
भारत में इतनी है खाने के तेल की खपत
हर साल भारत लगभग 70 हजार करोड़ रुपये का खाने का तेल दुसरे देशों से खरीदता है जिसमें इंडोनेशिया, मलेशिया मुख्य रूप से शामिल हैं। भारत में खाने वाले तेलों की मांग और आपूर्ति में भारी अंतर दिखाई पड़ता है, कहें तो लगभग 55 से 60 फीसदी का गैप माना जाता है। मांग की बात करे तो भारत में लगभग खाद्य तेलों की मांग 250 लाख टन है और उत्पादन की बात करें तो केवल 110 से 112 लाख टन ही हैं। जाहिर है की मांग और आपूर्ति के बीच जो गैप है उसको खत्म करने के लिए भारत को भारी मात्रा में खाद्य तेल का आयत दूसरे देशों से करना पड़ता है। इसीलिए यहाँ खाने के तेलों के दाम में गिरावट या बढ़ोतरी आयत से ज्यादा प्रभावित होता है।
किसानों की बढ़ सकती है मुश्किलें
अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ तेल के कीमतों में गिरावट पर चिंता जताते हुए कहता है की भारत सरकार ने जिस तरह से आयत शुल्क में कमी के आदेश को बढ़ा दिया है, उससे किसानों को भारी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि आयत शुल्क में कमी के कारण, आने वाले समय में भी व्यापक पैमाने पर आयात होता रहेगा और इससे आयत पर निर्भरता बढ़ती जाएगी, जिससे भारतीय किसानो के लिए ऑयलसीड्स का उत्पादन का कोई फायदा नहीं मिलेगा, जो की भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी सही नही है।
किसान अगर आयलसीड्स का उत्पादन करते हैं, तो आयात के लगातार बढ़ने से प्रभावित हुए तेल के दामों में गिरावट के कारण, उन्हें बजारों में उनके फसल का उचित मूल्य प्राप्त नहीं होगा। इस कारण भारतीय किसानों को घाटे का सौदा करना पड़ेगा, जो की काफ़ी नुकसानदायक होगा, इसीलिए सरकार को आयात शुल्क के बारे में लिए गए निर्णय पर फिर से संज्ञान लेना चाहिए।ये भी पढ़ें - तिलहनी फसलों से होगी अच्छी आय
दूसरी तरफ बड़ी खाद्य तेल कंपनियां जैसे फॉर्च्यून और धारा ब्रांड पिछले दिनों सरकार के सख्ती और दबाव के कारण खाने के तेलों के MRP में कटौती भी कर चुकी हैं, जिससे पिछले दिनों तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली थी। लेकिन ज्यादातर कंपनियों का यह कहना है की सरकार को खाने वाले तेलों पर सब्सिडी देना चाहिए, जिससे MRP में कटौती के बिना भी कमजोर वर्ग के लोगों को सपोर्ट मिल पायेगा और किसानों के ऊपर खाद्य तेलों के दाम में गिरावट होने का असर भी नही होगा और वह अपने उत्पादनों को घरेलू बजारों में किफायती दर पर बेच पाने में सक्षम होंगे।
कम से कम हो आयात तभी भारत खाद्य तेलों के मामले में बन सकता है आत्मनिर्भर
90 के दशक में आज की तरह हालात नही थे, उस समय भारत खाद्य तेलों के मामले में वास्तव में आत्मनिर्भर था। आज की तरह उस वक़्त भारत अपनी खपत का 60% तेल का आयात नहीं करता था। उस वक़्त नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के ‘धारा’ ब्रांड सरसों के तेल की मार्केट में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी थी। लेकिन उसी उसी दौरान अचानक से ड्रॉप्सी (epidemic dropsy) के केसों में बढ़ोतरी होने के बाद सरसों के तेल की छवि खराब होने लगी और विकल्प के तौर पर पाम आयल की मांग बाजारों में बढने लगी।
ये भी पढ़ें : आयात पर निर्भरता घटाएं वैज्ञानिक:कृषि मंत्री
लेकिन पाम आयल का उत्पादन भारत में खपत के अनुसार नही होने के कारण दुसरे देशों से आयात करना शुरू कर दिया गया। आपको यह जानकर हैरानी होगी पाम आयल को बनाने की लागत को कम करने के लिए इसे बनाने वाली कंपनियां लगभग हर तरह के खाद्य तेल में इसकी मिक्सिंग करती हैं और कम लागत में इसे भारी मात्रा में तैयार किया जाता है और इस कारण से इसका आयात भी खूब होता है।
सरकार को चाहिए कि कंपनियों को यह आदेश दे की खाद्य तेल बनाने वाली कम्पनी, पैकेट पर यह स्पष्ट रूप से लिखे कि इस तेल में पाम ऑयल कितना प्रतिशत है, जिससे ग्राहक को शुद्धता के बारे में स्पष्ट रूप से पता चल जाए और दूसरी ओर सरकार को सरसों के तेल के उत्पादन को लेकर विचार करना चाहिए। अगर भारत तेल के मामलों में आत्मनिर्भर नहीं बनता है तो आने वाले दिनों में एक तरफ लोग सरसों तेल के नाम पर पाम आयल खा कर बीमार पड़ते जायेंगे, वहीं बढ़ते आयात के कारण दूसरी तरफ किसान आयलसीड्स का फसल उगाना भी बंद कर देंगे।
ये भी पढ़ें : अपने दुधारू पशुओं को पिलाएं सरसों का तेल, रहेंगे स्वस्थ व बढ़ेगी दूध देने की मात्रा
जिससे आनेवाले समय में भारी नुक्सान होने की संभवाना बनेगी और भारत पूर्ण रूप से सिर्फ और सर्फ आयत पर निर्भर रहेगा और भारतीय बाजारों में विदेश से आये हुए तेलों की बोलबाला बना रहेगा, इससे आने वाले समय में भारत की कमर अर्थव्यस्था के मामले में टूट सकती है। इस पर सरकार को किसानों के साथ मिलकर कार्य करना होगा तभी जाकर और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पहल करन�� होगी। तभी जाकर इन समस्याओं से छुटकारा मिलने की उम्मीद की जा सकती है।
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best24news · 2 years
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Mustard Oil : औंधे मुंह गिरे सरसों तेल के भाव, फटा फट खरीदे आगे फिर होगा महंगा-Best24news
दिल्ली: देश में खादध् पदाथोंं के रेट तेजी से बढ रहे है। लेकिन अभी सरसो के तेल के दामों में काफी गिरावट आई है। अगर आप सरसों तेल के ग्राहक हैं तो फिर यह समय तेल खरीदने के लिए बहुत ही किफायती है। आवरआल इन दिनों में सरसों की भाव में पहले से औसतन करीब 50 रुपये कमी चल रही है। तेजी से गिरे सरसो के तेल के रेट कम होती कीमत को देखते हुए खुदरा बाजारों में सरसों तेल (Mustard Oil)को खरीदने वालों की तादाद काफी…
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ambikapurlivenews · 2 years
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Mustard Oil Price: पेट्रोल के बाद अब सस्‍ता हुआ सरसों तेल. . . . जाने कितने रुपए की आई ग‍िरावट
Mustard Oil Price: पेट्रोल के बाद अब सस्‍ता हुआ सरसों तेल. . . . जाने कितने रुपए की आई ग‍िरावट
महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी को कुछ राहत म‍िलती नजर आ रही है. दो द‍िन पहले सरकार की तरफ से पेट्रोल-डीजल पर एक्‍साइज ड्यूटी में कटौती क‍िए जाने के बाद अब एक और राहत देने वाली खबर आ रही है. एक्‍साइज ड्यूटी कम क‍िए जाने से पेट्रोल का रेट 9.5 रुपये प्रत‍ि लीटर तक कम हो गया. अब कच्ची घानी तेल में बड़ी ग‍िरावट आई है. कीमत में कमी इंडोनेशिया के निर्यात खोलने के बाद से आई है. इंडोनेशिया की तरफ से निर्यात…
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imsaki07 · 3 years
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सरसों के तेल में आई गिरावट ... #news4
सरसों तेल यानी कच्ची घानी के मुल्यों में फिलहाल कुछ नर्मी आई है। खुले सरसों तेल का न्‍यूनतम भाव 180 रुपये प्रति लीटर था जो अब घटकर 135 रुपये पर पहुंच गया है। इसी तरह से ब्रांडेड सरसों तेल का भाव 200 रुपये प्रतिलीटर से घटकर अब 170 से 175 रुपये पर आ गया है। इसमें 25 से 30 रुपये प्रति लीटर की कमी आई है। बता दें कि सरसों तेल का भाव मई में 225 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया था। इसका न्‍यूनतम भाव भी 175…
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todaymandibhav · 2 years
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Edible Oil Price: सरसों तेल की कीमत में आई कमी, इंडोनेशिया के इस फैसले से और भी सस्ता होगा तेल
Edible Oil Price: सरसों तेल की कीमत में आई कमी, इंडोनेशिया के इस फैसले से और भी सस्ता होगा तेल महंगाई की मार से परेशान आम जनता के लिए राहत भरी खबर निकल कर सामने आ रही है। आने वाले कुछ दिनों में खाने के तेल की कीमतों में और गिरावट देखने को मिल सकती है। इंडोनेशिया द्वारा पाम ऑइल के एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी का फैसला लिया गया है। जानकारी के मुताबिक इंडोनेशिया ने 31 अगस्त तक सभी पाम तेल प्रोडक्ट्स से…
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उपचुनाव से पहले महंगाई से राहत: डिपो में मिलने वाली दाल और सरसों तेल की कीमत में आई गिरावट
उपचुनाव से पहले महंगाई से राहत: डिपो में मिलने वाली दाल और सरसों तेल की कीमत में आई गिरावट
शिमला। हिमाचल प्रदेश में उपचुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, तो सूबे में प्रदेश सरकार द्वारा महंगाई पर लगाम लगाने की दिशा में कदम उठाने भी शुरू कर दिए गए हैं। एक तरफ सीएम जयराम ठाकुर द्वारा प्रदेश में लगातार बढ़ रहे पेट्रोल डीजल के दामों में कमी लाने के लिए वैट में कटौती करने की बात कही है। वहीं, अब प्रदेश सरकार ने राशनकार्ड उपभोक्ताओं को अब डिपो में सरसों तेल और दालें सस्ते दाम में मुहैया कराने का…
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abhay121996-blog · 3 years
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आयातित तेल मंहगा होने की वजह से मांग प्रभावित होने के कारण तेल तिलहन कीमतों में गिरावट Divya Sandesh
#Divyasandesh
आयातित तेल मंहगा होने की वजह से मांग प्रभावित होने के कारण तेल तिलहन कीमतों में गिरावट
नयी दिल्ली, 18 मई (भाषा) आयातित तेलों के महंगा होने की वजह से मांग प्रभावित होने के कारण स्थानीय तेल तिलहन बाजार में मंगलवार को सोयाबीन डीगम, पाम एवं पामोलिन सहित सरसों और बिनौला तेल कीमतों में भी गिरावट का रुख रहा और भाव हानि के साथ बंद हुए। बाजार सूत्रों का कहना है कि अमेरिका के शिकागो और मलेशिया एक्सचेंज में कल रात से चार-चार प्रतिशत की तेजी होने के बावजूद इनके देशी तेलों के मुकाबले मंहगा होने के कारण तेल तिलहनों की मांग प्रभावित हुई जिससे लगभग सभी खाद्य तेल तिलहन कीमतों में गिरावट आई। उन्होंने कहा कि सरकार को इस बात की ओर ध्यान देना होगा कि देश में खाद्य तेलों की 70 प्रतिशत की कमी है और इसे पूरा करने के लिए देश आयात पर निर्भर है। लेकिन ऐसी स्थिति होने के बावजूद विदेशों से खरीद भाव के मुकाबले देश के हाजिर मंडियों और वायदा कारोबार में इनके भाव 700 रुपये से लगभग 1,000 रुपये क्चिन्टल नीचे चलना आश्चर्यजनक हैं। मंहगा होने की वजह से मांग घटने के कारण सीपीओ का भाव 10 रुपये घटकर 12,660 रुपये, पामोलीन दिल्ली 50 रुपये घटकर 14,550 रुपये और पामोलीन कांडला का भाव 20 रुपये घटकर 13,580 रुपये प्रति क्विन्टल रह गया। इसी प्रकार सोयाबीन डीगम का भाव भी 10 रुपये घटकर 14,410 रुपये प्रति क्विन्टल रह गया। उन्होंने कहा कि सस्ता होने के कारण सरसों की मांग बढ़ रही है जिसकी वजह से सरसों दाना के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे जबकि आम रुख के अनुरूप मांग घटने से सरसों तेल कीमतों में मामूली गिरावट देखी गई। सरसों दादरी में जहां 25 रुपये प्रति क्विन्टल की गिरावट आई वहीं सरसों पक्की और कच्ची घानी के भाव पांच-पांच रुपये प्रति टिन की गिरावट दर्शाते बंद हुए। सूत्रों ने कहा कि बिनौलातेल का भाव भी 50 रुपये की हानि दर्शाता 14,800 रुपये क्विंटल रह गया। बाजार के जानकार मानते हैं कि किसानों और घरेलू तेल उद्योग के हित में सरकार को तेल- तिलहन उत्पादन बढ़ाने के लिये हर संभव कदम उठाना चाहिये। उन्होंने कहा कि सरकार को तिलहन किसानों को अधिक दाम देकर उन्हें तिलहन उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रेरित करना चाहिये। समय की मांग है कि देश की आयात पर निर्भरता खत्म हो जिसके लिए देश को भारी मात्रा में विदेशीमु्द्रा खर्च करना पड़ता है। बाकी सभी तेल तिलहनों के भाव पूर्ववत बंद हुए। बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल) सरसों तिलहन – 7,575 – 7,625 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये। मूंगफली दाना – 6,270 – 6,315 रुपये। मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 15,400 रुपये। मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,465 – 2,515 रुपये प्रति टिन। सरसों तेल दादरी- 15,125 रुपये प्रति क्विंटल। सरसों पक्की घानी- 2,390 -2,440 रुपये प्रति टिन। सरसों कच्ची घानी- 2,490 – 2,590 रुपये प्रति टिन। तिल तेल मिल डिलिवरी – 16,000 – 18,500 रुपये। सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 16,000 रुपये। सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 15,750 रुपये। सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 14,410 रुपये। सीपीओ एक्स-कांडला- 12,600 रुपये। बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 14,800 रुपये। पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,550 रुपये। पामोलिन एक्स- कांडला- 13,580 (बिना जीएसटी के) सोयाबीन दाना 7,900 – 7,950, सोयाबीन लूज 7,750 – 7,800 रुपये मक्का खल 3,800 रुपये
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best24news · 2 years
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महंगाई से मिली राहत: दाल-तेल के भावो में आई गिरावट.. ​जानिए मंडी भाव
महंगाई से मिली राहत: दाल-तेल के भावो में आई गिरावट.. ​जानिए मंडी भाव
दिल्ली: देश में महंगाई चरम सीमा पर है। लेकिन दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में पिछले दो दिनो से सरसों एवं मूंगफली तेल-तिलहन और बिनौला तेल कीमतों में गिरावट आई है। मसूर के भाव में 50 रुपये प्रति क्विंटल की कमी हुई। मूंग मोगर 200 रुपये प्रति क्विंटल सस्ती बिकी है। CM Bhagwant Mann wedding: पंजाब के सीएम भगवंत मान दूसरी बार बनेंगे दूल्हा, हरियाणवी गर्ल डॉ. गुरप्रीत से होगी शादी गौरतलब है कि अनाज, तेल और…
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gokul2181 · 4 years
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In the clutches of China, Nepal, intent on ending the relationship between Bihar and Roti-Beti | चीन के चंगुल में नेपाल, बिहार से रोटी-बेटी का रिश्ता खत्म करने पर आमादा है
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In the clutches of China, Nepal, intent on ending the relationship between Bihar and Roti-Beti | चीन के चंगुल में नेपाल, बिहार से रोटी-बेटी का रिश्ता खत्म करने पर आमादा है
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सीमा सील होने से दोनों ओर रोटी महंगी हुई, बेटियों की शादी से भी कतराने लगे लोग
बिहार-नेपाल बाॅर्डर: 7 दिनाें तक 729 किमी क्षेत्र में सीमा के दोनों ओर के इलाकों की पड़ताल
दैनिक भास्कर
Jun 28, 2020, 09:16 AM IST
बिहार. चीन की चाल में फंसा नेपाल हमसे रोटी-बेटी का संबंध भूल गया है। चीन के चंगुल में आने के बाद वहां भारत विरोधी भावना भरी जा रही है। नेपाल के व्यापारिक शहरों में प्रमुख वीरगंज में काफी संख्या में बिहारी रहते हैं। यहां के युवा कहते हैं- हम भारत से अच्छे संबंध चाहते हैं, लेकिन आप इसे अपना देश न समझें। बाॅर्डर सील होने से नेपाल में नमक 100 रुपए किलो बिक रहा है। भारत की बेटियों के बहू बनने पर 7 साल बाद नेपाली नागरिकता देने के कानून ने भी संबंधों में और कड़वाहट भर दी है।
चीनी भाषा बोल रहा नेपाल
भारत से सबसे अच्छे संबंधों वाले देशों में पहले नंबर पर आने वाले नेपाल के सुर बदले हुए हैं। अब वह पूरी तरह से चीनी भाषा बोल रहा है। गलती किसकी? इस तो बहस होती रहेगी। वर्तमान में इसका सबसे ज्यादा नुकसान बिहार को है। हजारों की संख्या में बिहार के परिवारों ��े लोग नेपाल में हैं। इसलिए वर्तमान तनाव से बिहार-नेपाल की सीमावर्ती क्षेत्रों पर पड़ते असर पर दैनिक भास्कर की दाे टीमों ने 7 दिन तक पड़ताल की।
पहली टीम वाल्मीकिनगर से चलकर भिखनाठाेढ़ी, रक्सौल, बलुआ के बाद सीतामढ़ी के बैरगनिया, परिहार, सुरसंड हाेते हुए भिट्ठामाेड़ तक एवं दूसरी टीम मधुबनी के मधवापुर, जयनगर, लाैकहा, सुपाैल के भीमनगर से अररिया के जाेगबनी से किशनगंज के गलगलिया हाेते हुए दिघलबैंक तक करीब 729 किलाेमीटर दूरी तक की सफर की। टीम ने नेपाल के गांवों में जाकर वहां के हालात भी जाने।
रोटी के संबंध पर चोट: नेपाल में नमक 100 तो सरसों तेल की कीमत 250 रुपए प्रति किलो
भारत-नेपाल के रिश्ताें में आई तल्खी का असर दोनों ओर के लोगों की जेब पर भी दिखने लगा है। सीमाएं सील होने का सीधा असर व्यापार पर पड़ा है। भारत में राशन से लेकर कपड़ा तक का व्यापार नेपाल के खरीददारों पर निर्भर है। लेकिन नेपाल ने अपने नागरिकों को भारत में प्रवेश करने से रोक रखा है। इधर से भी आवाजाही बंद है। सामान्य दिनाें में दोनों  के बीच 4.21 बिलियन अमेरिकी डॉलर का ट्रेड होता है। वहीं घाेषित ट्रेड का 10 गुना अधिक अघाेषित ट्रेड हाेता है।
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सीमा पूरी तरह सील होने से जरूरी सामान के दाम कई गुना बढ़े।
भारत के सीमावर्ती बाजाराें से खाद्यान्न सामग्री के साथ दवा एवं अन्य सामग्री उस पार जाती है। पर, इन दिनाें अघाेषित ट्रेड काराेबार में कमी आई है जिससे नेपाल के सीमावर्ती गांव के बाजार में खाद्यान्न की कीमत आसमान छूने लगी हैं। नमक 100 और सरसों तेल 250 रुपए किलो तक बिक रहा है। सामान्य दिनाें में नेपाल के बाजार में खाद्यान्न की कीमत भारतीय बाजार से 5 रुपए अधिक हाेती थी। पर, अब दाेगुनी कीमत है। हां, यह जरूर है कि कुछ लोग लुक-छिप कर अभी भी आ रहे हैं और जरूरी सामान लेकर नेपाल जा रहे हैं।
दो महीने में सिर्फ जयनगर की मंडी में 25-30 करोड़ का नुकसान हुआ
नेपाल के लाेगाें के भारतीय बाजार में नहीं अाने से यहां का काराेबार भी ठंडा पड़ गया है। मधुबनी के सीमावर्ती जयनगर के बड़े कपड़ा व्यापारी गिरधारी सर्राफ कहते हैं कि व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। नेपाल में सिर्फ एक्सपोर्ट के जरिए ही कपड़े जा रहे हैं, लेकिन वहां के व्यापारी भारत की मंडियों में नहीं आ पा रहे। नेपाल के व्यापारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत कर रहे हैं।
उनका तर्क है कि व्यापारियों के भारत आकर कपड़ों की खरीद नहीं करने से पिछले दो-तीन महीनों में सिर्फ जयनगर की मंडी से 25-30 करोड़ का नुकसान हुआ है। दूसर�� व्यापारी ��ताते हैं कि राशन और दूसरी खाद्य सामग्री के नेपाल नहीं जाने से नेपाल में उनकी कीमतें बढ़ी हैं। बॉर्डर पर किराना की दुकान चलाने वाले अखिलेन्द्र गुप्ता कहते हैं कि नेपाल में नमक 100 रुपए किलो तक बिक रहा है जबकि भारत से लोग पहले 10 रुपए में नेपाल ले जाया करते थे।
बेटी के संबंध पर चोट: नए कानून से विवाह के सात साल बाद भारतीय बेटियों को नागरिकता
भारतीय बहुओं को नागरिकता से वंचित करने की कोशिश पर नेपाल में मचे भूचाल के बीच बुधवार को मलंगवा (नेपाल) की एक महिला बेटे के लिए बहू देखने बॉर्डर पार कर सोनबरसा से सटे झीम नदी किनारे एक दुकान पर पहुंची थी। होने वाली बहू को देने के लिए कुछ खरीदारी कर रही थी। इस बीच बेटी वालों ने संदेश भिजवाया कि अब वह नेपाल में शादी नहीं करेंगे।
क्योंकि, अब नेपाल में उनकी बेटी को सात साल बाद नागरिकता मिलेगी। रिश्तेदारी नहीं होने से निराश महिला ओली सरकार पर भड़क उठी। कहने लगी वह भी कभी भारत की ही बेटी थी। जिसके नाम का सिंदूर माथे पर लगा लेती है तो पूरा जीवन उसके नाम कर देती है। ऐसे में शादी के बाद उसकी राष्ट्रीयता और राष्ट्रवाद पर शंका नहीं करनी चाहिए।  
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होने वाली बहू के लिए खरीदारी करने पहुंची मलंगवा (नेपाल) की महिला।
दरअसल, नेपाल की कम्युनिस्ट सरकार ने भारत से बेटी-राेटी के रिश्ते काे खत्म करने की पैंतरेबाजी शुरू कर दी है। भारत से ब्याह कर नेपाल जाने वाली बेटियाें काे राजनीतिक, आर्थिक और कानूनी अधिकार से वंचित करने का मन बनाया है। ताकि, भारत से खून का रिश्ता खत्म हाे सके। नेपाल ने मंगलवार काे नागरिकता संबंधी कानून को प्रतिनिधि सभा में पेश कर दिया।
लोग बोले-देश को चीन की झोली में डाल रही नेपाल की ओली सरकार
नागरिकता कानून का विरोध करते हुए मलंगवा गांव के बलराम यादव ने कहा कि यह सरकार की सोची-समझी साजिश है। ओली सरकार भारत के साथ हर तरह के संबंध को खत्म कर देश को चीन की झोली में डालने को बेताब है। सरकार चाहती है कि भारत‌ के साथ जो वैवाहिक संबंध है उसको धीरे-धीरे योजनाबद्ध तरीके से तोड़ दें। पर, शताब्दियों से नेपाल और भारत का यह संबंध सांस्कृतिक आधार पर स्थापित है।
प्रस्तावित कानून में यह है प्रावधान
नेपाली संघीय संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में विवादास्पद नागरिकता कानून पेश किया गया जिसमें किसी भी भारतीय महिलाओं को नेपाल में शादी करने के सात साल बाद ही नागरिकता दिए जाने का प्रावधान रखा गया है। अब तक नेपाल में शादी के तत्काल बाद ही भारत की बेटियों काे नागरिकता का प्रमाण पत्र देने का नियम है।
कई जगहों पर बांध का निर्माण रोका: तटबंधों पर आपत्ति, बिहार में बाढ़ का खतरा
नेपाल की आपत्ति से पूर्वी चंपारण के बलुआ में लालबकेया नदी के पश्चिमी तटबंध की मरम्मत कई दिनाें से बंद है। बाढ़ से पहले बांध की मरम्मत नहीं हुई ताे पूर्वी चंपारण के ढाका, पताहीं, पकड़ी दयाल, मधुबन व फेनहारा प्रखंड में भारी तबाही तय है। 2017 में भी दाे जगह तटबंध क्षतिग्रस्त हाेने से इन प्रखंडाें में तबाही मची थी। दरअसल, नेपाल सीमा में तटबंध का निर्माण नहीं हुआ है। इस बीच भारतीय सीमा में निर्मित इस तटबंध की ऊंचाई 5 फीट बढ़ा दी गई है। इससे नेपाल के बंजरहा के लाेगाें काे आपत्ति है। गांव वालाें के साथ नेपाल आर्म्ड फाेर्स के जवान बांध निर्माण पर आपत्ति जताते हुए बलुआ के ग्रामीणाें से उलझ गए। इससे भारी तनाव है।
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पूर्वी चंपारण के बलुआ में बांध मरम्मत पर नेपाल ने आपत्ति जताकर काम रुकवा दिया।
नेपाल और भारत के बीच बाढ़ भी एक अहम मुद्दा रहा है। हर साल क्षतिग्रस्त तटबंधों की मरम्मत होती है। लेकिन इस बार नेपाल आपत्ति कर रहा है। भारत में जयनगर के इनरवा बॉर्डर से थोड़ी दूर पर अकौन्हा है। वहां वर्ष 2019 में कमला नहर का तटबंध क्षतिग्रस्त हो गया था। इस बार फिर से मरम्मत हो रही है। लेकिन नेपाल अड़चन खड़ी कर रहा है। नेपाल की आपत्ति है कि भारत नो मैंस लैंड से सटकर बांध न बनाए।
क्योंकि तस्वीरें झूठ नहीं बोलतीं: चाइनीज हुआ हमारा नेपाल
नेपाल के पाला बदलने से सिर्फ भारत या बिहार को ही नुकसान नहीं हुआ, नेपाल भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। नेपाल के लोग और सांसद सरकार के चीनी रुख का विरोध कर रहे हैं। तस्वीरों से देखिए नेपाल की स्थिति :-
भारत से दूर हो गया नेपाल
सरहद पर सख्ती बढ़ी तो चोरी-छिपे हो रही इंट्री 
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सख्ती से नेपाल के लोग खरीदारी के लिए अब नदी के रास्ते आ रहे।
ऐसा कैमरा जिससे भारतीय सीमा की निगरानी हो
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सोनबरसा झीम पुल पर कैमरे से भारतीय सीमा की निगरानी भी संभव।
परिजनों से मिलने वालों को भी रोक रहा नेपाल
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सोनबरसा चेकपोस्ट पर भारत आ रही महिला को रोकती नेपाल पुलिस।
मदद के नाम पर घुसा चीन
भारतीय की जगह अब चीनी टेंट में नेपाल पुलिस
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जयनगर के बलहा बॉर्डर पर नेपाल की तरफ लगा चीनी टेंट।
पहले हमारी दवा जाती थी, अब चीन पहुंचा रहा
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भारत से मदद लेने वाले नेपाल में चीन खुद पहल कर दवा पहुंचा रहा है।
चीन ने बनाई भारतीय बॉर्डर के पास की फोरलेन रोड
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बिहार-नेपाल बॉर्डर से लगती सड़क को चीन की एजेंसी ने फोरलेन किया। 
फिर सुलग रही विद्रोह की आग: घिरा नेपाल, लग रहे गो-बैक चाइना के नारे
चीन की साजिश से हाल के दिनाें में नेपाल सरकार की ओर से लिए गए विभिन्न फैसलाें के खिलाफ तराई में आंदाेलन तेज हाे गया है। विद्रोह की आग फिर सुलग रही है। भारतीय बहू काे सात साल बाद नागरिकता देने, नेपाली संसद में सांसदाें के हिन्दी बाेलने पर राेक, चीन की ओर नेपाल की जमीन हड़पने सहित विभिन्न मुद्दाें काे लेकर बाॅर्डर के उस पार वीरगंज, गाैड, परसा, मलंगवा, जनकपुर, धनुषा में लाेग सड़क पर उतर आए हैं। शनिवार काे वीरगंज में नेपाल विद्यार्थी संघ ने नेपाल सरकार और चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
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विरोध प्रदर्शन : पूरे नेपाल में चीन की घुसपैठ के विरोध में जगह-जगह चीन गो बैक के नारे लग रहे।
संघ के केन्द्रीय सदस्य सुधीर पटेल के नेतृत्व में माई स्थान चौक से निकला जुलूस नगर परिक्रमा करते हुए घंटाघर चौक पहुंचा। इस दौरान गो बैक चाइना, नेपाली भूमि का अतिक्रमण बंद करो, चीन सरकार मुर्दाबाद, जिनपिंग मुर्दाबाद आदि नारे लगाए गए। सीतामढ़ी के साेनबरसा बाॅर्डर के उस पार मलंगवा में नागरिकता कानून में संशाेधन काे धरना-प्रदर्शन का सिलसिला जारी है। लाेगाें ने कहा कि नेपाल सरकार बिहार से खून के रिश्ते काे बंद करने की साजिश रच रही है। जबकि, हमारा जन्माें से बेटी-राेटी का रिश्ता है।
(वाल्मीकिनगर से कृष्ण कांत मिश्र, सिकरहना से जीतेन्द्र वत्स, सोनबरसा से मुकुंद अग्रवाल, मधवापुर से गांधी मिश्र गगन, सुपौल से बिष्णु गप्ता, जयगनर से सुनील कुमार)
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ajitnehrano0haryana · 5 years
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नयी दिल्ली। वैश्विक खाद्य तेल बाजार में नरमी के संकेत और मांग की कमी होने से स्थानीय तेल-तिलहन बाजार में बुधवार को पामोलीन, सोयाबीन सहित विभिन्न खाद्य तेल के भावों में हानि हुई। मांग के हल्के समर्थन के बीच सरसों, मूंगफली, सोयाबीन जैसे विभिन्न खाद्य तेलों के भाव थोड़े लाभ में बंद हुए।
बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया में पाम आयल के में 0.75 प्रतिशत और शिकागो एक्सचेंज में 0.50 प्रतिशत तक की गिरावट आई। इसका असर स्थानीय कारोबार पर दिखा। बाजार सूत्रों ने बताया कि वायदा कारोबार में सरसों न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से लगभग 300 रुपये कम कीमत पर बिक रही है जबकि बाजार में नयी सरसों की आवक शुरु हो गयी है। उन्होंने कहा कि इसी तरह स्थानीय बाजार गिरा होने से आयातित तेलों में आयातकों को सोयाबीन डीगम के आयात में 500 रुपये प्रति क्विन्टल और कच्चे पामतेल को आयात करने में 400 रुपये प्रति क्विन्टल का नुकसान है।
स्थानीय बाजार में सरसों और सरसों तेल दादरी के भाव क्रमश: पांच रुपये और 10 रुपये के सुधार के साथ 4,245-4,275 रुपये और 8,580 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुए। सरसों पक्की और कच्ची घानी के भाव भी पांच-पांच रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 1,370-1,520 रुपये और 1,395-1,540 रुपये प्रति टिन पर बंद हुए।मांग कमजोर पड़ने से सोयाबीन मिल डिलीवरी दिल्ली और सोयाबीन इंदौर की कीमतें क्रमश: 60 रुपये और 50 रुपये रुपये प्रति हानि के साथ क्रमश: 7,720 रुपये और 8,450 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुई।
सोयाबीन डीगम का भाव 7,600 रुपये क्विन्टल पर अपरिवर्तित बंद हुआ।इसी प्रकार मूंगफली दाना और मूंगफली मिल डिलीवरी गुजरात भी क्रमश: 100 रुपये और 600 रुपये के पर्याप्त सुधार दर्शाते क्रमश: 4,580-4,605 रुपये और 11,750 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुए। मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड की कीमत 50 रुपये के सुधार के साथ 1,840-1,885 रुपये प्रति टिन पर बंद हुई।बिनौला मिल डिलीवरी (हरियाणा) की कीमत 50 रुपये की हानि के साथ 7,600 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुई।
पामोलीन आरबीडी दिल्ली और पामोलीन की कीमतें क्रमश: 20 – 20 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 8,180 रुपये और 7,480 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुए। अन्य तेलों के भाव भी साधारण घट बढ़ दर्शाते बंद हुए।बुधवार को भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)
सरसों तिलहन – 4,245 – 4,275 रुपये।मूंगफली – 4,580 – 4,605 रुपये।वनस्पति घी- 1,000 – 1,260 रुपये प्रति टिन।मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 11,750 रुपये।मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 1,840 – 1,885 रुपये प्रति टिन।सरसों तेल दादरी- 8,580 रुपये प्रति क्विंटल।सरसों पक्की घानी- 1,370 – 1,520 रुपये प्रति टिन।सरसों कच्ची घानी- 1,395 – 1,540 रुपये प्रति टिन।
तिल मिल डिलिवरी तेल- 10,100 – 15,050 रुपये।सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 7,720 रुपये।सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 8,450 रुपये।सोयाबीन तेल डीगम- 7,600 रुपये।सीपीओ एक्स-कांडला- 6,800 रुपये।बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 7,600 रुपये।पामोलीन आरबीडी दिल्ली- 8,180 रुपये।पामोलीन कांडला- 7,480 रुपये (बिना जीएसटी के)।नारियल तेल- 2,560- 2,610 रुपये।सोयाबीन तिलहन डिलिवरी भाव 4,100- 4,150, लूज में 3,950-4,000 रुपये।मक्का खल- 3,400 रुपये।
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gethealthy18-blog · 5 years
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सरसों के 22 फायदे, उपयोग और नुकसान – Mustard Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
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सरसों के 22 फायदे, उपयोग और नुकसान – Mustard Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
Somendra Singh Hyderabd040-395603080 August 9, 2019
सरसों का नाम सुनते ही हमें सरसों का तेल ही याद आता है। जब इसके बारे में हम थोड़ा और सोचते हैं, तो हमें खाना बनाने में सरसों के उपयोग के बारे में पता चलता है। क्या आपने कभी सोचा है कि सब्जियों और दाल में तड़का देने के लिए प्रयोग किए जाने वाले सरसों के स्वास्थ्य संबंधी फायदे भी हो सकते हैं? स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम सरसों के फायदे, सरसों के उपयोग और सरसों के नुकसान के बारे में आपको जानकारी देंगे, ताकि आप इसका उपयोग ठीक प्रकार से कर सकें।
विषय सूची
सरसों के फायदे – Benefits of Mustard in Hindi
सरसों आपको रसोई घर में बड़ी आसानी से देखने को मिल जाएगी। सरसों के बीज और सरसों के तेल का इस्तेमाल आम सब्जी से लेकर मसालेदार व्यंजनों में देखने को मिल जाएगा। इसका इस्तेमाल रसोई घर तक ही नहीं सीमित है, बल्कि इसके अंदर कई ऐसे गुणकारी औषधीय राज छिपे हैं, जो सरसों को खास बनाते हैं। यह सूजन, ह्रदय संबंधी रोग, मधुमेह, कैंसर और डायबिटीज जैसी स्वास्थ्य समस्याओं में भी काम आ सकता है (1)।
आइए, अब लेख के अगले भाग में सेहत और स्वास्थ्य संबंधी सरसों के बीज के फायदे को जानते हैं।
सेहत/स्वास्थ्य के लिए सरसों के फायदे – Health Benefits of Mustard in Hindi
यहां आपको सेहत/स्वास्थ्य के लिए सरसों के बीज के फायदे के बारे में बताया जा रहा है, जो आपको कई शारीरिक समस्याओं में आराम पहुंचा सकता है।
1. कैंसर में
सरसों के बीज में ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो कैंसर जैसी बीमारी में लाभदायक हो सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह देखा गया कि सरसों के तेल में मौजूद ओमेगा-3 पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड कोलन कैंसर के खतरे पर प्रभावी असर दिखा सकते हैं (2)।
2. अस्थमा में
सरसों में मौजूद औषधीय गुण अस्थमा में लाभकारी हो सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, यह देखा गया है कि सरसों के बीज में साइनपाइन (sinapine) नामक कार्बनिक यौगिक पाया जाता है। यह मांसपेशियों की सक्रियता और फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाकर अस्थमा की स्थिति के विपरीत क्रिया उत्पन्न कर अस्थमा को रोकने में मदद कर सकता है (3)।
3. माइग्रेन में सहायक
माइग्रेन की समस्या से अगर आप परेशान हैं, तो बेफिक्र हो जाइए, क्योंकि आपके घर में रखा सरसों इस समस्या में आपको लाभ पहुंचा सकता है। एक वैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार, सरसों के बीज में रिबोफ्लेविन (Riboflavin) नामक विटामिन मौजूद होता है, जो माइग्रेन के खतरे को कम कर सकता है (4) (5)।
4. रक्तचाप (ब्लड-प्रेशर) को संतुलित करने में
सरसों के औषधीय गुण रक्तचाप को कम करने के भी काम आ सकते हैं। सरसों में पोटैशियम, कैल्शियम और मैग्नेशियम की पर्याप्त मात्रा मौजूद होती है (4)। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह बताया गया कि मैग्नीशियम, पोटैशियम और कैल्शियम रक्तचाप को कम करने का काम कर सकते हैं (6)।
5. वजन घटाने में
सरसों के बीज के फायदे वजन घटाने में भी देखे जा सकते हैं। जी हां, सरसों के बीज से निकाला गया तेल वजन घटाने में सहायक हो सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, यह देखा गया कि सरसों के तेल में डायसेलिग्लिसरॉल (Diacylglycerol) की प्रचुर मात्रा पाई जाता है, जो वजन घटाने में सहायक हो सकता है (7)।
6. कोलेस्ट्रॉल को कम करने में
सरसों बेनिफिट्स में कोलेस्ट्रॉल के नियंत्रण में भी लाभदायक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, सरसों के तेल में इरुसिक एसिड (Erucic acid) की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। इसके सेवन के बाद यह देखा गया है कि हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एचडीएल) यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल में वृद्धि हुई और लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल) यानी खराब कोलेस्ट्रॉल में कमी आई। इसलिए, कोलेस्ट्रॉल के संतुलन में सरसों के तेल का प्रयोग किया जा सकता है (8)।
7. मधुमेह में आरामदायक –
अगर आप मधुमेह की समस्या से बचना चाहते हैं, तो सरसों आपकी मदद कर सकता है। दरअसल, सरसों में विटामिन-ई और विटामिन-सी पाए जाते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करते हैं। ये टाइप 2 डायबिटीज की समस्या में आराम पहुंचाने का काम कर सकते हैं (9)।
8. रुमेटाइड अर्थराइटिस में लाभदायक
रुमेटाइड अर्थराइटिस एक ऐसी बीमारी है, जिसमें पैरों की गांठ में सूजन की समस्या के साथ-साथ दर्द भी हो सकता है। यहां सरसों तेल के फायदे देखे जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, सरसों के तेल में ओमेगा-3 एसिड मौजूद होता है, जो रुमेटाइड अर्थराइटिस में आराम पहुंचाने का काम कर सकता है (10)।
9. सांस की तकलीफ में
सरसों के फायदे सांस की समस्या में भी देखे जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, सरसों में ग्लूकोसाइनोलेट्स नामक विशेष यौगिक होता है। यह एंटीसेप्टिक के रूप में सांस संबंधी समस्याओं में आराम पहुंचा सकता है (11)।
10. रजोनिवृत्ति में आरामदायक
रजोनिवृत्ति की स्थिति में महिलाओं में मासिक धर्म स्थायी रूप से बंद हो जाते हैं और इस स्थिति में महिलाएं गर्भवती नहीं हो सकती हैं। महिलाओं में होने वाली रजोनिवृत्ति में सरसों के फायदे आराम पहुंचा सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, सरसों में कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है और इनकी उच्च मात्रा प्राम्भिक रजोनिवृत्ति के खतरे को कम कर सकती है (4), (12)।
11. फाइबर के रूप में
अन्य पोषक तत्वों के साथ फाइबर भी शरीर के लिए जरूरी माना जाता है। यह कब्ज जैसी पेट संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाने के साथ-साथ वजन को नियंत्रित करने का काम भी करता है (13)। इस खास पोषक तत्व की पूर्ति के लिए सरसों का सेवन किया जा सकता है, क्योंकि सरसों फाइबर का अच्छा स्रोत है (4)।
12. प्रतिरोधक क्षमता में सहायक
शरीर स्वस्थ तभी रह सकता है, जब उसकी प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो। इस स्थिति में सरसों फायदेमंद साबित हो सकती है। एक वैज्ञानिक शोध में यह देखा गया है कि सरसों के औषधीय गुण प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं (14)। सरसों में विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन बी-6 मौजूद होता हैं और इन विटामिन के सेवन से प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो सकती है (4), (15)।
13. बुखार और सर्दी में
बुखार और सर्दी में भी सरसों के फायदे देखे गए हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, पीले बुखार (Yellow Fever) में सरसों को थोड़े से बीज के साथ बुखार से ग्रसित मरीज के पैरों को धोने से उसे राहत मिल सकती है। एक अन्य वैज्ञानिक शोध के अनुसार, बुखार की स्थिति में पेट के मध्य हिस्से में सरसों का पेस्ट रखने से भी आराम मिल सकता है (16)। अगर बात की जाए सर्दी (कोल्ड) की, तो सरसों में विटामिन सी मौजूद होता है और एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, यह देखा गया है कि विटामिन सी का सेवन सर्दी की समस्या से छुटकारा दिला सकता है (4), (17)।
14. पीठ दर्द और मांशपेशियों के दर्द में
आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में पीठ दर्द और मांसपेशियों में दर्द की समस्या तेज से बढ़ रही है। ऐसे में राई के फायदे पीठ दर्द और मांशपेशियों के दर्द में भी देखे जा सकते है। सरसों में कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है (4)। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, कैल्शियम की कमी के कारण पीठ और मांसपेशियों में दर्द की समस्या होती है, जिसे कैल्शियम की पूर्ति से ठीक किया जा सकता है (18)।
लेख के अगले भाग में हम जानेंगे कि त्वचा के लिए सरसों के क्या फायदे हैं।
त्वचा के लिए सरसों के फायदे – Skin Benefits of Mustard in Hindi
सरसों में मौजूद पोषक तत्व त्वचा के लिए भी लाभकारी हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि सरसों को त्वचा के लिए कैसे प्रयोग में लाया सकता है।
1. प्राकृतिक स्क्रब (Scrub) के रूप में
त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने के लिए सरसों के बीज एक्सफोलिएट की तरह काम कर सकते हैं, लेकिन इस तथ्य की पुष्टि के लिए वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। फिर भी आप त्वचा विशेषज्ञ की सलाह पर सरसों के बीजों को स्क्रबर के रूप में इस प्रकार से इस्तेमाल कर सकते हैं :
सामग्री:
आधा चम्मच सरसों की बीज
एक चम्मच एलोवेरा जेल
एक चौथाई चम्मच ��ींबू का रस
कैसे करें इस्तेमाल:
सबसे पहले सरसों के बीजों को पीसकर पेस्ट बना लें।
फिर इस पेस्ट में एलोवेरा जेल और नींबू के रस को अच्छी तरह से मिलाएं।
अब इस मिश्रण से 3 से 4 मिनट तक चेहरे की स्क्रबिंग करें।
अंत में 15 मिनट बाद हल्के ठंडे पानी से चेहरे को धो लें।
इस उपाय को हफ्ते में एक से दो बार दोहराया जा सकता है।
2. त्वचा को हाइड्रेट करने में
अगर आपकी त्वचा में नमी है, तो यह अच्छी बात है, लेकिन अगर ऐसा नहीं है, तो परेशान मत न हों, क्योंकि सरसों के पोषक तत्वों के गुण आपकी त्वचा को हाइड्रेट करने में मदद कर सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, सरसों में विटामिन सी पाया जाता है और विटामिन सी में मैग्नीशियम एस्कोरिल फॉस्फेट (Magnesium Ascorbyl Phosphate) गुण पाया जाता है, जो त्वचा को हाइड्रेट करने का काम कर सकता है (4),(19)-
सामग्री:
एक चम्मच सरसों का बीज
एक चम्मच एलोवेरा जेल
कैसे करें इस्तेमाल :
सरसों के बीज को पीस लें, ताकि यह पेस्ट बन जाए।
अब इसमें एलोवेरा जेल मिलाएं।
अब इस मिश्रण को शरीर की त्वचा पर लगाएं।
अब 15 मिनट बाद इसे पानी से धो लें।
इस प्रक्रिया को हफ्ते में 2 बार अपना सकते हैं।
3. एजिंग में सहायक
एजिंग की समस्या से रोकथाम के लिए भी सरसों के फायदे देखे जा सकते हैं। सरसों में विटामिन सी (एस्कॉर्बिक एसिड) मौजूद होता है। एस्कॉर्बिक एसिड को विभिन्न सौंदर्य उत्पादों में प्रयोग किया जाता है। इन उत्पाद में एंटी-एजिंग उत्पाद भी शामिल हैं, जो एजिंग की समस्या से बचाने का काम करते हैं (20)।
सामग्री:
2 चम्मच सरसों का तेल
आधा चम्मच नारियल तेल
कैसे करें इस्तेमाल :
एक कटोरी में सरसों का तेल लें।
अब इसमें नारियल तेल को मिलाएं।
अब इसे हल्के हाथों से रात में सोने से पहले अपनी त्वचा पर लगाएं।
इस प्रयोग को हफ्ते में 3 से 4 बार दोहराया जा सकता है।
4. संक्रामक रोगों से लड़ने में सहायक
राई के फायदे संक्रमण से लड़ने में भी काम आ सकते हैं। राई में विटामिन ए पाया जाता है (4)। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, यह कहा गया है कि विटामिन-ए संक्रामक रोगों से लड़ने में मदद कर सकता है (21)।
एक अन्य वैज्ञानिक में बताया गया है कि एरिथमा (Erythema) पर सरसों का तेल प्रभावी असर दिखा सकता है (22)। एरिथमा त्वचा संबंधी रोग है, जिसमें त्वचा पर लाल दाने हो जाते हैं। आप नीचे बताए गए तरीके से सरसों के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं –
सामग्री:
2 चम्मच सरसों का तेल
एक छोटा चम्मच नारियल तेल
कैसे करें इस्तेमाल :
एक कटोरी में सरसों का तेल लें।
अब इसमें नारियल तेल मिलाएं।
इससे 15 मिनट तक अपनी त्वचा पर मालिश करें।
इस मिश्रण को हफ्ते में 4 बार इस्तेमाल किया जा सकता है।
अभी आपने त्वचा के लिए सरसों तेल के फायदे के बारे में पढ़ा, आइए अब बालों के लिए भी इसके उपयोग को जान लेते हैं।
बालों के लिए सरसों के फायदे – Hair Benefits of Mustard in Hindi
सरसों से बने तेल को बालों के लिए प्रयोग किया ही जा सकता है, लेकिन इसके वैज्ञानिक कारण भी हैं, जो नीचे बताए जा रहे हैं, जो इसके प्रयोग को बालों के लिए लाभदायक बताते हैं।
1. बालों के विकास के लिए
बालों में सरसों के तेल का इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा है। सरसों के तेल में जिंक, आयरन, कैल्शियम, सेलेनियम, मैग्नीशियम की मात्रा पाई जाती है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, यह बताया गया है कि जिंक, आयरन, कैल्शियम, सेलेनियम, मैग्नीशियम आदि मिनरल्स में ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो बालों के विकास में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं (23)। बालों के लिए ऐसे करें सरसों तेल का इस्तेमाल –
सामग्री:
सरसों का तेल 2 चम्मच
एक छोटा चम्मच नारियल तेल
कैसे करें इस्तेमाल:
एक कटोरी में सरसों का तेल डालें।
अब इसमें नारियल तेल मिलाएं।
अब इस मिश्रण को हल्के हाथों से स्कैल्प और बालों में लगाएं।
यह उपाय आप हफ्ते में दो से चार बार कर सकते हैं।
2. बालों को मजबूत करने के लिए
बालों को मजबूत करने के लिए भी सरसों का तेल इस्तेमाल किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, सरसों के सेवन से बालों का गिरना कम होता है और बालों को मजबूती मिल सकती है (24)। बालों को मजबूत बनाने के लिए इस प्रकार करें सरसों के तेल का इस्तेमाल –
सामग्री:
सरसों का तेल 2 चम्मच
एक छोटा चम्मच नारियल तेल
कैसे करें इस्तेमाल:
सरसों के तेल को एक कटोरी में निकाल लें।
अब इसमें नारियल तेल को मिलाएं।
अब इसे रात को सोने से आधा घंटे पहले बालों में लगा लें।
3. कंडिशनर के रूप में
कंडिशनर के रूप में भी सरसों के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। नहाने से पहले आप बालों में सरसों के तेल को लगा लें फिर शैम्पू के साथ इसे धो लें। यह आपके बालों को कंडीशनर जैसा अनुभव करा सकता है।
सामग्री:
सरसों का तेल
कैसे करें इस्तेमाल:
एक छोटी कटोरी में 2 बड़े चम्मच सरसों का तेल लें।
नहाने से 10 मिनट पहले इसे सूखे बालों में लगा लें।
अब नहाते समय इसे शैम्पू से धो लें।
सरसों के फायदे जानने के बाद आइए जानते हैं कि सरसों का उपयोग हम किन-किन रूपों में कर सकते हैं।
सरसों के पौष्टिक तत्व – Mustard Nutritional Value in Hindi
आइए, अब सरसों के पौष्टिक तत्वों के बारे में भी जानकारी प्राप्त करते हैं (4)।
पौष्टिकतत्व मात्राप्रति100 ग्राम जल 5.27g ऊर्जा 508kcal प्रोटीन 26.08g टोटललिपिड 36.24g कार्बोहाइड्रेट 28.9g फाइबर, कुलडाइटरी 12.2g शुगर, कुल 6.79g मिनरल्स कैल्शियम 266mg आयरन 9.21mg मैग्नीशियम 370mg फास्फोरस 828mg पोटैशियम 738mg सोडियम 13mg जिंक 6.08mg विटामिन विटामिनसी, कुलएस्कॉर्बिकएसिड 7.1mg थायमिन 0.805mg रिबोफ्लेविन 0.261mg नियासिन 4.733mg विटामिनबी-6 0.397mg फोलेट, डीएफई 162μg विटामिनबी-12 0.00μg विटामिनए, आरएई 2μg विटामिनए, आईयू 31IU विटामिनई(अल्फा-टोकोफेरॉल) 5.07mg विटामिनडी(डी2+डी3) 0.0μg विटामिनडी 0IU विटामिनके(फिलोकिनोन) 5.4μg लिपिड फैटीएसिडटोटल, सैचुरेटेड 1.989g फैटीएसिड, टोटलमोनोअनसैचुरेटेड 22.518g फैटीएसिड, टोटलपॉलीअनसैचुरेटेड 10.088g फैटीएसिड, टोटलट्रांस 0.000g कोलेस्ट्रॉल 0mg
आइए लेख के अगले भाग में अब सरसों के उपयोग के बारे में जानते हैं।
सरसों का उपयोग – How to Use Mustard in Hindi
सरसों में मौजूद पौष्टिक तत्व सरसों के बीज के लाभ और इसके उपयोग को लाभकारी बना सकते हैं। आप सरसों का उपयोग निम्न तरीकों से कर सकते हैं।
आप सरसों के तेल की कुछ बूंदों को सलाद में इस्तेमाल कर सकते हैं।
आप भुने हुए चने के साथ भी सरसों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
सरसों को दाल या सब्जी में छौंका लगाने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
इसके अलावा, सरसों के तेल को पकौड़ी व पापड़ आदि तलने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
त्वचा पर कहीं कोई लालिमा है, तो इसे प्रभावित जगह पर लगा सकते हैं।
बालों में लगाने के लिए भी आप सरसों तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
शरीर में मालिश के लिए भी सरसों के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है।
सरसों का उपयोग जानने के बाद आइए लेख के अगले भाग में जानते हैं कि सरसों के बीज के नुकसान क्या-क्या हो सकते हैं।
सरसों के नुकसान – Side Effects of Mustard in Hindi
सरसों को अगर सीमित मात्रा में प्रयोग किया जाए, तो इसके फायदे अनेक हैं। वहीं, अगर वैज्ञानिक तथ्यों को नजरअंदाज कर सरसों का इस्तेमाल किया जाए, तो सरसों स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। सरसों निम्न प्रकार से नुकसान पहुंचा सकता है।
तलने के लिए इस्तेमाल किए गए सरसों तेल को दोबारा प्रयोग में न लाएं, इससे लंग कैंसर का खतरा हो सकता है (20)।
सरसों के बीज में विटामिन ई की भरपूर मात्रा होती है और इसके अत्यधिक सेवन से दिमाग में खून बहने का खतरा भी हो सकता है (4), (25) ।
सरसों के तेल में इरुसिक एसिड की मात्रा मौजूद होती है, जिसका अधिक सेवन लिपोसिस (lipolysis) की समस्या उत्पन्न कर देता है, जो ह्रदय रोगों का मुख्य कारण बन सकता है। इस कारण से अत्यधिक मात्रा सरसों के तेल का सेवन करना सुरक्षित नहीं है (26)।
अब तो आप सरसों के फायदे से परिचित हो चुके हैं। अगर आप लेख में बताई गई किसी भी समस्या से पीड़ित हैं, तो सरसों के बीज और सरसों के तेल का इस्तेमाल औषधि के रूप में कर सकते हैं। हमने लेख में इसके उपयोग संबंधी जरूरी टिप्स भी दिए हैं, जिन्हें आप सुविधानुसार अपना सकते हैं। अगली बार जब आप बाजार जाएं, तो साथ में सरसों का तेल जरूर लेकर आएं। अगर आपके मन में सरसों से संबंधित कोई सवाल या सुझाव है, तो नीचे कमेंट बॉक्स के जरिए हम तक अवश्य पहुंचाएं।
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Somendra Singh
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/sarso-ke-fayde-upyog-aur-nuksan-in-hindi/
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सरसों के तेल के प्रयोग से हृदय रोग के खतरे हुए कम, सूंघने से ही पता चल जाती है शुद्धता नई दिल्ली: सरसों तेल(mustard oil) की झांस व खुशबू कुछ अलग ही होती है, जो गले को झनझना देती है और नाक से पानी निकलने लगता है। सरसों तेल की यही पहचान है. यह व्यंजन को स्वादिष्ट बनाता है और औषधीय गुणों से भरपूर होता है, इसलिए यह स्वास्थ्यवर्धक भी है. कश्मीर, पंजाब, बिहार, बंगाल और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में पले-बढ़े लोग निस्संदेह सरसों तेल का स्वाद चख चुके होंगे, लेकिन पिछले दशक से ऐसे अनेक उपभोक्ता सरसों तेल का उपयोग करने लगे हैं, जो पहले कभी इसके परंपरागत उपभोक्ता नहीं रहे हैं. वे विभिन्न मीडिया व सोशल मीडिया के जरिए सरसों तेल के गुणों से परिचित होकर इसके प्रति आकर्षित हुए हैं. सरसों का तेल आजमाएं और पाएं अट्रैक्टिव लुक बोस्टन स्थित हार्वर्ड स्कूल ऑफ मेडिसिन, नई दिल्ली के भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और बेंगलुरू स्थित सेंट जॉन्स हॉस्पिटल द्वारा वर्ष 2004 में करवाए गए संयुक्त अध्ययन की रिपोर्ट अमेरिकी जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रीशन में प्रकाशित हो��े के बाद से सरसों तेल में लोगों की दिलच��्पी बढ़ी है. इस ऐतिहासिक शोध में भारत में लोगों के आहार की आदत और हृदय रोग से उसके संबंध का परीक्षण किया गया, जिसमें पाया गया कि भोजन पकाने में मुख्य रूप से सरसों का उपयोग करने से कोरोनरी हृदय रोग (सीएचडी) के खतरों में 71 फीसदी की कमी आई है। इससे सरसों तेल के अपरंपरागत उपभोक्ता भी सरसों तेल खाने लगे हैं. सरसों तेल की झांस से श्वास नली की बाधा दूर करने में लाभ मिलता है और सरसों तेल का कश खींचने और छाती पर इससे मालिश करने से खांसी और जुकाम से भी निजात मिलती है। यह दमा रोग के मरीजों के लिए भी लाभकारी है. पी मार्का सरसों तेल बनाने वाली कंपनी पुरी ऑयल मिल्स लिमिटेड के अनुसंधान व विकास विभाग की सहायक निदेशक डॉ. प्रज्ञा गुप्ता ने कहा, "हमारा ब्रांड अपनी गुणवत्ता व शुद्धता के लिए जाना जाता है, क्योंकि इसके महत्वपूर्ण जैवसक्रिय घटकों को प्राप्त करने के लिए वैज्ञानिक प्रद्धति से नियंत्रित प्रसंस्करण किया जाता है। परंपरागत उपभोक्ता इस बात से भलीभांति परिचित हैं।" दिल के लिए काफी फायदेमंद है सरसों का तेल उन्होंने कहा, "बस सूंघने से ही आपको पता चल जाएगा कि तेल उच्च गुणवत्ता से युक्त है। हमारे कोल्ड प्रेसिंग प्रोसेस में गुणवत्ता की 52 जांच होती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि एआईटीसी (एलीलिसोथियोसाइनेट) के सारे प्राकृतिक गुण भरपूर हैं."यह जानना काफी रोचक है कि सरसों तेल में झांस कहां से आती है। प्रकृति से भी सरसों में झांस होती है। जब सरसों की पेराई की जाती है तो उससे माइरोंसिनेस नामक एन्जाइम (पाचक रस) निकलता है। माइरोंसिनेस और सिनिग्रीन के मिलने से एआईटीसी पैदा होता है, जिसके कारण सरसों तेल में झांस आती है.  भारत में करीब 2000 ईसा पूर्व से ही तेल की पेराई के लिए कोल्हू का इस्तेमाल होता रहा है। प्राचीन काल में लकड़ी का कोल्हू होता था, जिसे खींचने के लिए बैल या भैंस का उपयोग किया जाता था। तेल की पेराई कम तापमान पर होती थी, जोकि भरपूर एआईटीसी के लिए आवश्यक शर्त है. बाद में प्रौद्योगिकी विकास के साथ एक्सपेलर का इस्तेमाल होने लगा.इस विधि में तिलहन का तापमान बढ़कर 80 से 100 डिग्री सेल्सियस हो गया, जिसके कारण एआईटीसी भाप में उड़ जाता है, इसलिए उसमें झांस नहीं रह जाती है. साथ ही सरसों तेल के औषधीय गुण भी समाप्त हो जाते हैं. इस समस्या को महसूस करने के बाद आज नई पद्धति में एक्सपेलर में ठंडे पानी का चैंबर लगा होता है, ताकि पेराई का तापमान कम हो.  एआईटीसी के कारण ही सरसों तेल जीवाणुरोधी होता है और इसमें विषाणु दूर करने के एजेंट पाए जाते हैं. साथ ही, इसमें कवकरोधी गुण भी होते हैं। यह बड़ी आंत, पेट, छोटी आंत और जठरांत्र के अन्य भागों में संक्रमण दूर करने में सहायक होता है. कॉलेज ऑफ फिजिशियंस नामक जर्नल के एक शोध में पाया गया है कि सरसों तेल और शहद को समान रूप से मिलाकर बनाया गया मिश्रण दांत के परजीवी को नष्ट करने में कारगर होता है. भारत में लोगों को प्राचीन काल से ही मालूम है कि सरसों तेल और नमक के मिश्रण से मसूढ़े का संक्रमण दूर होता है. वीडियो-मिलावटी सरसों तेल जब्त    (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) Source link
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