Sarso Oil Benefits : सर्दियों में त्वचा और स्वास्थ्य के लिए सरसों के तेल के बड़े फायदे
Sarso Oil Benefits : सर्दियों में त्वचा और स्वास्थ्य के लिए सरसों के तेल के बड़े फायदे
Sarso oil benefits for Skin
कहा जाता है कि तेलों का इस्तेमाल खाने से ज्यादा लगाने के लिए किया जाना चाहिए. स्वस्थ त्वचा के लिए सरसों का तेल (Mustard oil or Sarso ka Tel) बहुत फायदेमंद माना जाता है. इस तेल की मालिश करने से शरीर में शक्ति का संचार होता है और शरीर मजबूत बनता है. त्वचा की कई समस्याओं जैसे- झुर्रियों, पिंपल्स, टैनिंग आदि को मिटाने में मददगार है.
गुनगुने सरसों के तेल से छाती और पैरों के…
नाभि में तेल लगाने के नुकसान नहीं जानते होंगे आप, यहां जानिए Science के आधार पर
नाभि में तेल लगाने के नुकसान
सालों से हम लोग नाभि में तेल लगाने के फायदे सुनते आ रहे हैं और बहुत लोग इसे आजमाते भी हैं लेकिन किसी ने भी यह जानने की कोशिश नहीं की, की क्या यह तरीका सुरक्षित है? क्या इससे वाकई फायदे मिलते हैं या नुकसान भी हो सकते हैं? क्योंकि किसी भी चीज के अगर लाभ हैं तो उसके नुकसान भी होते हैं।
अगर तरह-तरह के तेल अपनी नाभि में लगाकर आजमाते हैं और इस पर भरोसा करते हैं तो आज हम…
परमेश्वर कबीर साहिब जी से शेख तकी बहुत ईर्ष्या करता था और इसी ईर्ष्यावश कबीर साहब को मारने के लिए तरह-तरह की तरकीबें अपनाता था।
इसी ईर्ष्यावश उसने कबीर साहेब को खौलते सरसों के तेल की कढ़ाई में डालने की योजना बनाई। कबीर साहेब जी स्वयं कढ़ाई में विराजमान हुए किंतु उनका शरीर ज्यों का त्यों बना रहा। ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे ठंडे पानी में कबीर साहेब जी विराजमान हों। यह सब देखकर सभी अचंभित रह गए किंतु शेख तकी फिर भी नहीं माना।
राहु की महादशा में शांति के लिए कुछ उपाय हो सकते हैं, लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि ज्योतिष के अनुसार, उपाय केवल उसके परिणामों को कम करने या संवारने में सहायक होते हैं, वे उसे पूरी तरह से समाप्त नहीं कर सकते। यहां कुछ आम उपाय दिए जा रहे हैं जो राहु की महादशा में शांति के लिए किये जा सकते हैं:
ग्रह शांति पूजा: राहु की महादशा में ग्रह शांति पूजा करने से लाभ हो सकता है। इसमें गुरुवार को राहु को ध्यान में रखकर पूजा करना शामिल हो सकता है।
मंत्र जप: "ॐ राहवे नमः" मंत्र का जाप करने से राहु की महादशा में शांति मिल सकती है।
दान और दान विधि: राहु के उपाय में दान भी एक प्रमुख उपाय है। कुछ लोग राहु के उपाय के रूप में काले कपड़े, सरसों का तेल, खिचड़ी, उड़द की दाल, तिल, नीला वस्त्र, विजा दान, अनाज, चना आदि के दान करते हैं।
पथ पूजा: शनिवार को राहु की महादशा में पथ पूजा करना भी उपयोगी हो सकता है।
ध्यान और प्रार्थना: अच्छे और सकारात्मक भावनाओं के साथ राहु के उपाय करना भी महत्वपूर्ण है। ध्यान और प्रार्थना द्वारा राहु के दुष्प्रभावों को कम किया जा सकता है।
कृपया ध्यान दें कि ये उपाय अनुभव और ग्रहों के स्थितियों के आधार पर व्यक्ति के अनुकूल होने चाहिए। जिसके लिए आप थे theKundli.com का प्रयोग कर सकते है। जो आपको एक सही कुंडली की जानकारी दे सकता है. और अगर आपको इसके उपाए की जानकारी चाहिए। तो आप टोना टोटक सॉफ्टवेयर का प्रयोग कर सकते है।
🌹परमेश्वर कबीर साहिब जी से शेख तकी बहुत ईर्ष्या करता था और इसी ईर्ष्यावश कबीर साहब को मारने के लिए तरह-तरह की तरकीबें अपनाता था।
इसी ईर्ष्यावश उसने कबीर साहेब को खौलते सरसों के तेल की कढ़ाई में डालने की योजना बनाई। कबीर साहेब जी स्वयं कढ़ाई में विराजमान हुए किंतु उनका शरीर ज्यों का त्यों बना रहा। ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे ठंडे पानी में कबीर साहेब जी विराजमान हों। यह सब देखकर सभी अचंभित रह गए किंतु शेख तकी फिर भी नहीं माना।
रिफाइंड तेल में खाना पकाना हार्ट की हेल्थ के लिए है नुकसानदायक, शरीर में घुस जाती हैं ये अन्य बीमारियां
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Refined Oil Side Effects
आजकल लोग खाना बनाने के लिए सरसों तेल की बजाय रिफाइंड ऑयल का ज़्यादा इस्तेमाल करते हैं। दरअसल, रिफाइंड ऑयल की कीमत कम होती है, इसलिए लोग खाने में इसका ज्यादा इस्तेमाल करने लगे हैं। रिफाइंड के इस्तेमाल से आप कुछ पैसे तो बचा लेते हैं लेकिन यह आपकी सेहत के लिए घातक है क्योंकि इससे बैड कोलेस्ट्रॉल तेजी से बढ़ता है जिससे हार्ट अटैक की समस्या बढ़ जाती है।ऐसे…
एक्जिमा के बारे में आपने भी सुना होगा। यह एक तरह का चर्म रोग है। शरीर में जिस ही स्थान पर एक्जिमा होती। खुजली करते -करते कभी -कभी खून भी निकल आता है। आमतौर पर लोग ऐलोपैथिक दवाओं से एक्जिमा का इलाज करने की कोशिश करते हैं लेकिन अक्सर ऐसा देखा जाता है कि एक्जिमा का पूरी तरह उपचार नहीं हो पाता है।
ऐसे में आप आयुर्वेदिक उपाय को आजमा सकते हैं। यह ना सिर्फ एक्जिमा को खत्म करने में सहायता करता है बल्कि अनेक तरह के चर्म रोगों में भी काम आता है।
एक्जिमा एक ऐसी बीमारी है जिसमें त्वचा वचा शुष्क होकर फटने लगती है। एक्जिमा होने पर त्वचा लालिमा और लाल रंग के धब्बे नजर आते हैं। इतना ही नहीं इससे कभी -कभी फफोले भी पड़ सकते हैं। एक्जिमा के कारण त्वचा के कुछ हिस्से खुजलीदार फटे और खुरदरे हो जाते हैं। एक्जिमा मुख्य रूप से पीठ ,पेट ,हाथ ,मुंह ,कान के आसपास के हिस्से को प्रभावित करता है। कई बार लोग इसे मामूली खुजली समझकर नजर अंदाज कर देते हैं जिससे ये धीरे -धीरे फैलने लगता है। एक्जिमा का जल्दी उपचार करना बहुत जरूरी है वरना यह बीमारी त्वचा को बुरी तरह प्रभावित हो सकती है। एक्जिमा के इलाज के लोग दवाओं ,क्रीम और लोशन का सहारा लेते हैं। लेकिन आप कुछ घरेलू उपायों की मदद से भी एक्जिमा को ठीक कर सकते हैं। आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपाय बता रहे हैं जिससे आप एक्जिमा इलाज कर सकते हैं।
एक्जिमा क्या है ?
वास्तव में एक्जिमा एक तरह का खुजली का रोग है लेकिन यह सामान्य खुजली से अलग होता है। यह अपने आप में एक रोग है। त्वचा को कई संक्रमणों का सामना करना पड़ता है और उसी में से एक एक्जिमा त्वचा रोगों में होने वाली सबसे आम समस्या है
एक्जिमा होने के क्या कारण है ?
निम्नलिखित कारणों से एक्जिमा हो सकता है -
रोग प्रतिरोधक क्षमता आवश्यकता अधिक कार्य करने लगे
जेनेटिक कारणों से
खराब पर्यावरण से
विटामिन बी -6 की कमी से
चिंतनमय जीवन जीने से
असमान्य वातवरणिक ताप से अत्यधिक उच्च ताप व अत्यधिक निच्च ताप एक्जिमा को बढ़ाने में अहम् भूमिका निभाते है
हार्मोनल बदलाव आने से
साबुन ,शैम्पू और केमिकल उत्पादों से
कुछ खाद्य पदार्थों की एलर्जी से
एक्जिमा के क्या लक्षण है ?
एक्जिमा के कुछ मुख्य लक्षण निम्नलिखित है -
काफी खुजली होना ( खासकर रात के समय )
त्वचा में सूखापन
लाल और भूरे रंग के थक्के
त्वचा में पपड़ी सी जमना
हाथो ,पांवो ,और गले आदि स्थानों को अधिक प्रभावित करती है
खाज व सूखापन बढ़ जाना
फ़िसर्स बनना
छोटे -छोटे फुंसी से हो जाना
हल्की सूजन हो जाना
त्वचा के उस हिस्से का रंग बदल जाना
एक्जिमा का घरेलू उपाय
हल्दी
हल्दी कई औषधीय गुणों से भरपूर होती है। त्वचा संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए हल्दी एक प्रभावी घरेलू उपाय है। एक्जिमा के उपचार के लिए हल्दी काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। हल्दी में एंटी -बैक्टीरियल और एंटी -इंफ्लेमेंटरी गुण होते हैं। इसके लिए हल्दी में गुलाब जल या दूध मिलाकर प्रभावित हिस्से पर लगाएं 15 -20 मिनट के बाद ठंडे पानी से धो लें।
नीम का तेल
एक्जिमा के इलाज के लिए नीम का तेल भी बहुत लाभकारी माना जाता है। नीम के तेल में एंटी -बैक्टीरियल और एंटी -एलर्जिक गुण होते हैं जो त्वचा की खुजली और जलन को ठीक करते हैं इसमें मौजूद एंटी -इंफ्लेमे��री गुण त्वचा की सूजन से राहत दिलाते हैं। इसके लिए आप पानी में नीम के तेल की दो -चार बूंदें मिलाकर नहाएं। इसके अलावा नीम के तेल में नारियल का तेल मिलाकर लगाने से भी प्रभावित त्वचा को राहत मिलती है।
सरसों का तेल और नीम
250 ग्राम सरसों का तेल लेकर लोहे की कढ़ाही में चढ़ाकर आग पर रख दें। जब तेल खूब उबलने लगे तब इसमें 50 ग्राम नीम की कोमल कोंपल ( नई पत्तियाँ ) डाल दें। कोपलों के काले पड़ते ही कड़ाही को तुरन्त नीचे उतार लें अन्यथा तेल में आग लगकर तेल जल सकता है। ठण्डा होने पर तेल को छानकर बोतल में भर लें। दिन में चार बार एग्जिमा पर लगाएँ कुछ ही दिनों में एक्जिमा नष्ट हो जायेगा। एक वर्ष तक लगाते रहें तो फिर यह रोग दोबारा कभी नहीं होगा।
चिरायता और कुटकी
चार ग्राम चिरायता और चार ग्राम कुटकी लेकर शीशे या चीनी के पात्र में 125 ग्राम पानी डालकर रात को उसमें भिगो और ऊपर से ढक कर रख दें। प्रात:काल रात भिगोया हुआ चिरायता और कुटकी का पानी निथार कर कपड़े से छानकर पी लें और पीने बाद 3 -4 घंटे तक कुछ नहीं खायें और उसी समय अगले दिन के लिए उसी पात्र में 125 ग्राम पानी और डाल दें। इस प्रकार चार दिन तक वही चिरायता और कुटकी काम देगें। तत्पश्चात उनको फेंककर नया चार -चार ग्राम चिरायता और कुटकी डालकर भिगोयें और चार -चार दिन के बाद बदलते रहें। यह पानी ( कड़वी चाय ) लगातार दो -चार सप्ताह पीने एक्जिमा ,फोड़े ,फुन्सी आदि चर्म रोग नष्ट होते हैं मुँहासे निकलना बन्द होते हैं और रक्त साफ होता है।
एक्जिमा में इस कड़वे पानी को पीने के अलावा इस पानी से एक्जिमा वाले स्थान को धोया करें।
इस प्रयोग एक्जिमा और रक्तदोष के अतिरिक्त हड्डी की टी.बी. पेट के रोग ,अपरस और कैंसर आदि बहुत सी बीमारियाँ दूर होती हैं इन कठिन बीमारियों में आवश्यकतानुसार एक -दो महीनों तक चिरायता और कुटकी का पानी पीना चाहिए। इसे भी पढ़े :
शनिवार का दिन भगवान शनि की पूजा के लिए विशेष रूप से समर्पित है।
यह दिन सूर्य के पुत्र की आराधना के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। कहा जाता है कि शनिदेव की पूजा से शुभ फल प्राप्त होते हैं। जो लोग कर्मफल दाता को प्रसन्न करना चाहते हैं, उन्हें शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष के सामने सरसों के तेल का दीपक अवश्य जलाना चाहिए।
शनिवार का दिन भगवान शनि की पूजा के लिए विशेष रूप से समर्पित है।
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राशन कार्ड धारकों को सुक्खू सरकार की बड़ी राहत, बैकलॉग कोटा के साथ मिलेगा तेल; जानें क्या होगी कीमतें
Mustard Oil In Ration Depot: सरकार (Himachal Government) ने राशन कार्ड धारकों (Ration Card Holders) को बड़ी राहत दी है। जिन परिवारों को पिछले महीने सरसों तेल (Mustard Oil) का कोटा नहीं मिला था, उन्हें अब बैकलॉग कोटा (Backlog Quota) दिया जाएगा। हालांकि, इस बार उन्हें नए भाव पर तेल मिलेगा, जो पिछले महीने की तुलना में 13 रुपये प्रति लीटर महंगा होगा।
इस बार तेल के लिए चुकाने होंगे ज्यादा दाम
सरकार…
भीषण गर्मी के चलते सातवें आसमान से औंधे मुंह गिरी सरसों तेल की कीमत, 1 लीटर का रेट सुनकर तो आप भी चाहेंगे खरीदना
भीषण गर्मी के चलते लोगों का तली हुई चीजें खाने का शौक कम हो गया है। इसके कारण खाद्य पदार्थों की बिक्री में भी कमी आई है। जिससे विक्रेताओं को सीधा नुकसान हो रहा है। लेकिन इस गर्मी के बीच सरसों के तेल की कीमतों में आई गिरावट एक सुनहरा मौका लेकर आई है।
सरसों का तेल कीमतों में बड़ी गिरावट
वर्तमान में सरसों का तेल बाजार में बहुत ही कम कीमत पर उपलब्ध है। अगर आपने अभी तक सरसों का तेल नहीं खरीदा है, तो…
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ईश्वर टी.वी. पर सुबह 6:00
श्रद्धा MH ONE टी. वी. पर दोपहर 2:00
साधना टी. वी. पर शाम 7:30
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