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#सूर्य ग्रहण भारत में 2019 दिसंबर
sonita0526 · 5 years
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डरें नहीं, जानें सूर्य ग्रहण से जुड़े ये फैक्ट्स
डरें नहीं, जानें सूर्य ग्रहण से जुड़े ये फैक्ट्स
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26 दिसंबर को भारत सहित कई दूसरे देशों में सूर्य ग्रहण देखा जा रहा है। आज का सूर्य ग्रहण साल का आखिरी ग्रहण है। यह सुबह 8 बजे से शुरू होकर 1.30 मिनट तक रहेगा। लोगों के मन में ग्रहण से जुड़े कई सवाल होते हैं वहीं गलत जानकारी होने पर लोग अंधविश्वास भी मन में बैठा लेते हैं। सूर्य ग्रहण से डरने की जरूरत नहीं यह सिर्फ एक खगोलीय घटना है। यहां जानें इससे जुड़ी कुछ खास बातें…
क्या है सूर्य ग्रहण?
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chaitanyabharatnews · 4 years
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वैज्ञानिक का दावा- 21 जून को सूर्य ग्रहण खत्म कर देगा कोरोना वायरस
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चैतन्य भारत न्यूज दुनियाभर में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। भारत में अब तक कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या करीब साढ़े तीन लाख के करीब पहुंच चुकी है। इसी बीच चेन्नई के एक वैज्ञानिक ने यह अजीबोगरीब दावा किया है कि पिछले साल 26 दिसंबर को लगने वाले सूर्य ग्रहण को कोरोना वायरस आया था और आने वाले 21 जून के सूर्य ग्रहण के दिन वायरस समाप्त हो जाएगा। न्यूक्लियर एंड अर्थ साइंटिस्ट डॉ. के एल सुंदर कृष्णा का कहना है कि सूर्य ग्रहण के बाद उत्सर्जित विखंडन ऊर्जा के कारण पहले न्यूट्रॉन के संपर्क के बाद कोरोना वायरस टूट गया है। दिसंबर 2019 से कोरोना वायरस हमारे जीवन को नष्ट करने के लिए आया है। मेरी समझ के अनुसार 26 दिसंबर को आखिरी सूर्य ग्रह होने के बाद सौरमंडल में ग्रहों की स्थिति में बदलाव हुआ है। ऊर्जा में बदलाव के कारण यह वायरस हुआ डॉ. कृष्णा के मुताबिक, ग्रहों के बीच ऊर्जा में कुछ बदलाव होने की वजह से वायरस ऊपरी वायुमंडल से उत्पन्न हुआ है इसी बदलाव के कारण धरती पर उचित वातावरण बना। यह न्यूट्रॉन सूर्य की सबसे अधिक विखंडन ऊर्जा से निकल रहे हैं। न्यूक्लियर फॉर्मेशन की यह प्रक्रिया बाहरी मेटेरियल के कारण शुरू हुई होगी। जो ऊपरी वायुमंडल में बायो मॉलिक्यूल और बायोन्यूक्लियर के संपर्क में आने से हो सकता है। बायो मॉलीक्यूल संरचना प्रोटीन का म्यूटेशन इस वायरस का एक संभावित स्रोत हो सकता है। सूर्य की किरणों से कोरोना होगा खत्म डॉ. के एल सुंदर कृष्णा ने कहा कि, 'म्यूटेशन प्रोसेस था। सबसे पहले चीन में शुरू हुआ होगा, हालांकि इस दावे का कोई पुख्ता सबूत नहीं है। यह एक प्रयोग है। आगामी सूर्य ग्रहण कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। सूर्य की किरणों की तीव्रता वायरस को निष्क्रिय कर देंगी।' 21 जून को है सूर्यग्रहण 21 जून को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, 21 जून को यह ग्रहण सुबह करीब 10.20 बजे शुरू होगा और दोपहर 1.49 बजे खत्म होगा। इसका सूतक 12 घंटे पहले यानी 20 जून को रात 10.20 पर शुरू हो जाएगा जो ग्रहण के साथ ही खत्म होगा। यह सूर्य ग्रहण भारत नेपाल, पाकिस्तान, सऊदी अरब, यूएई, इथियोपिया और कांगो में दिखाई देगा।   Read the full article
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ajitnehrano0haryana · 5 years
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नई दिल्ली। दशक का आखिरी सूर्य ग्रहण गुरुवार सुबह 8:04 बजे शुरू हुआ। भारत में ग्रहण काल 2:52 घंटे तक रहा। 9:30 बजे मध्य काल हुआ और 10:56 बजे ग्रहण खत्म हुआ। ये मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली, चेन्नई, मैसूर, कन्याकुमारी समेत देश के कई शहरों में दिखाई दिया। अधिकतम स्थानों पर खंडग्रास और दक्षिण भारत की कुछ जगहों पर कंकणाकृति सूर्य ग्रहण नजर आया।
केरल के कारगोड़ा, महाराष्ट्र के मुंबई और यूएई के दुबई में चंद्रमा ने सूर्य को ढक लिया और रिंग ऑफ फायर की स्थिति नजर आई। भारत के अलावा ये ग्रहण एशिया के कुछ देश, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया में भी दिखाई दिया।
सूर्य ग्रहण के दौरान धनु राशि में एक साथ 6 ग्रह स्थित में रहे। आज पौष मास की अमावस्या तिथि है। ग्रहण के बाद पवित्र नदी में स्नान करने की परंपरा है। इसके बाद अगला सूर्य ग्रहण 21, जून 2020 को होगा, ये भारत में दिखाई देगा। 26 दिसंबर के सूर्य ग्रहण के बाद एक राशि में 6 ग्रहों के साथ सूर्य ग्रहण का योग 559 साल बाद सन 2578 में बनेगा।
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मोदी ने सूर्य ग्रहण देखते तस्वीर पोस्ट की
Like many Indians, I was enthusiastic about #solareclipse2019.
Unfortunately, I could not see the Sun due to cloud cover but I did catch glimpses of the eclipse in Kozhikode and other parts on live stream. Also enriched my knowledge on the subject by interacting with experts. pic.twitter.com/EI1dcIWRIz
— Narendra Modi (@narendramodi) December 26, 2019
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source https://lendennews.com/archives/64503 https://ift.tt/2PVM8Io
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sandhyamodi · 5 years
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Surya Grahan 2019: जानें- भारत के इन शहरों में दिखाई देगा वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण
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इस 26 दिसंबर को वर्ष 2019 का अंतिम सूर्य ग्रहण पड़ने वाला है। आपको यहां पर बता दें कि यह साल का तीसरा सूर्य��्रहण है, लेकिन पूर्ण सूर्यग्रहण के रूप में यह साल का पहला ग्रहण होगा।भारतीय समयानुसार यह ग्रहण सुबह 8:17 मिनट से 10: 57 मिनट तक रहेगा। यही वजह है कि वैज्ञानिकों के लिए और खगोलिय घटनाओं पर नजर रखने वालों के लिए इस दिन के बेहद खास मायने हैं। इस दौरान वैज्ञानिक सूर्य के वायुमंडल की गतिविधियों के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास करेंगे। इससे पहले इस साल छह जनवरी और दो जुलाई को आंशिक सूर्यग्रहण लगा था, लेकिन, ये भारत में दिखाई नहीं दिए थे। इस वर्ष के अंतिम सूर्यग्रहण की खास बात ये है कि इस बार ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाएगा। ये इस बार 25 दिसंबर की शाम से 26 दिसंबर तक रहेगा। इस ग्रहण के दौरान मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे। यह सूर्य ग्रहण वलयाकार होगा।  यहां देगा दिखाई  वर्ष के इस अंतिम सूर्य ग्रहण को भारत समेत नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान, चीन, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों में असर दिखाई देगा। वैज्ञानिकों की मानें तो दक्षिण भारत में यह सबसे बेहतर तरीके से दिखाई देगा। यहां पर डायमंड रिंग का नजारा बेहद अदभुत होगा। वहीं भारत के अन्‍य भागों में आंशिक सूर्य ग्रहण ही देखा जायेगा। इस सूर्य ग्रहण की कुल अवधि करीब 3.30 घंटे की रहेगी। जबकि भारत में सूर्य ग्रहण सुबह 8.04 बजे से शुरू हो जायेगा। ग्रहण के शुरू और समाप्त होने का समय अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग होगा।  क्‍या होता है वलयाकार सूर्य ग्रहण  हम सभी जानते हैं कि पृथ्वी सूर्य के चक्‍कर लगाती है। वहीं चंद्रमा पृथ्‍वी के चक्‍कर काटता है। इसी प्रक्रिया में जब चंद्रमा सूर्य और धरती के बीच आकर सूर्य की रोशनी को धरती पर आने से रोक देता है तो इसको सूर्य ग्रहण कहा जाता है। यह घटना अक्‍सर अमावस्‍या के ही दिन होती है। अक्‍सर चंद्रमा इस प्रक्रिया के दौरान सूर्य के कुछ ही भाग को ढक पाता है जिसको खंड ग्रहण कहा जाता है। वहीं जब चंद्रमा सूर्य के करीब 97 फीसद भाग को ढक लेता है तो इसको वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं। ऐसा नजारा धरती पर कम ही देखने को मिलता है।  2020 में लगने वाले सूर्य ग्रहण आपको यहां पर ये भी बता दें कि वर्ष 2020 में दो बार सूर्य ग्रहण का मौका देखने को मिलेगा। इसमें से पहला सूर्य ग्रहण 21 जून को होगा भारत समेत दक्षिण पूर्व यूरोप और एशिया में दिखाई देगा। वहीं दूसरा सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर को लगेगा जो प्रशांत महासागर में देखा जा सकेगा। source : https://www.jagran.com/ Read the full article
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technibba · 5 years
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साल के आखिरी सूर्य ग्रहण के बारे में जानें सबकुछ… साल 2019 खत्म होने को है। नए साल का स्वागत करने से पहले दुनियाभर के लोगों को 2019 के आखिरी खगोलीय घटना देखने का मौका होगा। इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर, 2019 को लगने जा रहा है जो वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा अर्थात पूर्णग्रास नहीं बल्कि खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा। 2019 के आखिरी Solar Eclipse को भारत, ऑस्ट्रेलिया, फिलिपिंस, साउदी अरब और सिंगापुर जैसे जगहों में देखा जा सकेगा। याद रहे कि इससे पहले इस साल छह जनवरी और दो जुलाई को आंशिक सूर्यग्रहण लगा था।
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vedicpanditji · 5 years
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26 दिसंबर 2019 में लगने वाला ये साल का अंतिम और तीसरा सूर्य ग्रहण होगा जो एशिया, अफ्रिका और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा। इससे पहले 2 जुलाई को पूर्ण सूर्य ग्रहण लगा था। जो खास तौर पर साउथ अमेरिका में देखा गया। दिसंबर में लगने जा रहा वलयाकार ग्रहण सऊदी अरब, भारत, एशिया के दक्षिण-पूर्व भागों में देखने को मिलेगा। इसके अलावा इसका आंशिक रूप एशिया के अन्य भागों और ऑस्ट्रेलिया में देखा जायेगा। इस ग्रहण के समय चंद्रमा सीधे तौर पर पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जायेगा। पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी होने के कारण ये पूरी तरह से सूर्य को नहीं ढक सकेगा। ध्यान रखें कि सूर्य ग्रहण को नंगी आखों से नहीं देखना चाहिए। क्योंकि इससे निकलने वाली किरणें आपकी आखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। ग्रहण को देखने के लिए स्पेशल तरह के चश्मों की जरूरत पड़ती है। सूर्य ग्रहण का समय: सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को सुबह 8 बजकर 17 मिनट से आरंभ हो जायेगा जिसका परमग्रास 9 बजकर 31 मिनट पर होगा और इसका अंत 10 बजकर 57 मिनट पर। सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 2 घंटे 40 मिनट और 60 सेकंड की है। (at नवाबो का शहर लखनऊ) https://www.instagram.com/p/B6LY3vKJQpp/?igshid=ynecmza9gunt
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oyspa · 5 years
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कल लगेगा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, जानें आपकी राशि पर कैसा होगा असर, शुभ या अशुभ ?
कल लगेगा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, जानें आपकी राशि पर कैसा होगा असर, शुभ या अशुभ ?
26 दिसंबर को पौष मास की अमावस्या बृहस्पतिवार को मूल नक्षत्र एवं धनु राशि में कंकड़ सूर्य ग्रहण घटित हो रहा है, इस दिन वृद्धि योग भी है। यह ग्रहण संपूर्ण भारत में दिखाई देगा। दिल्ली वासियों के लिए दिल्ली में यह ग्रहण केवल प्रातः 8 बजकर 16 मिनट 59 सेकेंड प्रारंभ होकर10 बजकर 56 मिनट 57 सेकेंड तक हीप्रभावी रहेगा। विश्व के अन्य देशों ये ग्रहण दोपहर 1 बजकर 30 तक रहेगा। इस ग्रहण की कंकड़ आकृति भारत के…
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moneycontrolnews · 5 years
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जीवन मंत्र डेस्क. नया साल 2020 ग्रह-नक्षत्रों की विशेष स्थिति और शुभ संयोग में शुरू हो रहा है। साल का पहला सूर्योदय 2 शु�� योगों में होगा। 1 जनवरी 2020 को सूर्योदय के समय धनु लग्न रहेगा वहींपद्म और रवियोग भी बन रहे हैं। इनके साथ ही धनु राशि में सूर्य, बुध, बृहस्पति, शनि और केतु भी रहेंगे। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्य पं गणेश मिश्रा के अनुसार ग्रहों की ऐसी स्थिति 296 साल पहले 1 जनवरी 1723 को बनी थी। अब अगले 500 सालों तक ग्रहों की ऐसी स्थिति नहीं बनेगी। सितारों की ये स्थिति देश में बड़े बदलाव होने का संकेत दे रही है। सितारों की ये स्थिति से देश के राजनितिक और आर्थिक स्थिति के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। ज्योतिषीय नजरिये से नया साल देश की उन्नति और मजबूती वाला रहेगा। कई सालों में बनती है ग्रहों की ऐसी स्थिति नए साल की शुरुआत में बुध, शनि और बृहस्पति धनु राशि में सूर्य के साथ होने से अस्त रहेंगे। जिससे इन 3 ग्रहों का शुभ और अशुभ असर कम हो जाएगा। इनके साथ ही सूर्य और केतु पूर्वाषाढ़ नक्षत्र में रहेंगे। वहीं बुध और गुरू मूल नक्षत्र में एकसाथ हैं। इस तरह एक ही नक्षत्र में ग्रहों की युति बहुत ही कम बनती है। राहु को छोड़कर सभी ग्रह वृश्चिक से कुंभ राशि तक रहेंगे। धनु लग्न में आरंभ होगा नया साल धनु राशि में पांच ग्रहों के होने से शिक्षा के क्षेत्र में विकास होगा। दलहन और तिलहन के दाम कम हो सकते हैं। देश हित के लिए कड़े कानून और फैसले होंगे, जिससे जनता की परेशानियां बढ़ सकती हैं। देश में उच्च पद पर स्थिति प्रशासनिक अधिकारियों के प्रति असन्तोष एवं आक्रोश की स्थितियां भी बन सकती हैं, लेकिन विद्रोह नहीं होगा। राष्ट्रीय राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप बढ़ेगा। वहीं पश्चिमी प्रदेशों में उपद्रव की होने की संभावना बनेगी। पांच ग्रहों का योग पड़ोसी देशों में लगे सीमान्त राज्यों में उत्पात और उपद्रव बढ़ाने वाला रहेगा। बुधवार को तिथि और नक्षत्रों का शुभ संयोग नया साल षष्ठी तिथि को प्रारम्भ हो रहा है। षष्ठी तिथि की सामान्य संज्ञा नन्दा है, इसका विशेष नाम कीर्ति है। जिससे विश्व स्तर पर राष्ट्र का प्रभाव बढ़ेगा और पड़ोसी देशों में व्याकुलता बढ़ेगी एवं वो देश हताश होकर तनावपूर्ण स्थितियां बनाने की कोशिश करेंगे। बुधवार होने से फसलों का उत्पादन अच्छा होगा। निर्यात में बढ़ोत्तरी होगी। फल एवं सब्जियों के दाम पूरे साल अनुकूल रहेंगे, क्योंकि बुध वाणिज्य और व्यापार का कारक ग्रह है। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र होने से देश में जल, सिंचाई और नदियों से जुड़ी बड़ी योजनाओं पर फैसले हो सकते हैं। वहीं तैतिल करण होने से प्रशासन और सैनिको के लिए पूरा साल श्रेष्ठ रहेगा। जब 1723 में बने थे ये ग्रह योग तो भारत में हुई थी ये घटनाएं 5 ग्रहों की युति बनने से सन 1723 में देश के कई राज्यों और सीमाओं पर उथल-पुथल हुई थी। 296 साल बाद फिर उसी तरह की ग्रह-स्थिति बनने से साल 2020 में भी देश के वर्तमान राज्यों और पड़ोसी देशों से जुड़ी बड़ी घटना होने के संकेत हैं। 1723 मुगल, निजाम और मराठा शासन ( वर्तमान के महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, हैदराबाद और पंजाब ) के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ। सिक्खों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म 1723 में हुआ था। 1723 में औरंगजेब की सेना के योद्धा दोस्त मोहम्मद खान ने मध्यप्रदेश के सिहोर, आष्टा, खिलचीपुर और गिन्नौर को जीता था और भोपाल में नवाबी शासन शुरू किया था। इसी साल 1723 में हैदराबाद के निजाम ने भोपाल पर हमला कर दिया और औरंगजेब के दोस्त मुहम्मद खान को निजाम का आधिपत्य स्वीकार करना पड़ा। इसी साल 12 अप्रैल 1723 में मुगलवंश के 12 वें बादशाह नेकसियर का निधन हुआ था। पेशवा बाजीराव ने मालवा पर आक्रमण किया था। वहीं शिवाजी के गुरु समर्थ रामदास जी की मृत्यु भी इसी साल हुई थी। 1723 में पेशवा बाजीराव ने अपने सेनपतियों होल्कर, पंवार और सिंधिया को मालवा के आक्रमण पर भेजा था। जो कि सफल हुआ था। 4 चंद्र ग्रहण और 2 सूर्यग्रहण होंगे 2020 में इस बार नए साल में 6 ग्रहण लगने वाले हैं। पहला ग्रहण 2020 में 10 जनवरी को ही लगेगा। अंतिम ग्रहण 14 दिसंबर को लगेगा। इस नए साल में 4 चंद्रग्रहण और 2 सूर्यग्रहण होंगे। जिन देशों या जगहों पर ग्रहण दिखाई देते हैं वहीं पर उनका असर होता है। ग्रहण के प्रभाव से राजनैतिक और भौगोलिक बदलाव तो होते ही है साथ ही आम लोगों की शारीरिक और मानसिक स्थिति पर भी इनका असर पड़ता है। अधिकमास होना देश के लिए शुभ जिस वर्ष अधिक मास होता है वो साल देश और जनता के लिए शुभ फल वाला होता है। अधिक यानी पुरुषोत्तम मास होने से धर्म और कर्म और अर्थ यानी आर्थिक मामलों में तरक्की होती है। हिंदू कैलेंडर और पंचांग गणना के अनुसार 3 साल में एक बार आधिक मास होता है। इस माह के प्रभाव से देश में शांति होती है एवं देश प्रगति करता है। देश की जनता ईमानदारी से धर्म और अपने कर्तव्यों का पालन करती है। सौरमास 365 दिन का होता है जबकि चंद्रमास 354 दिन का होता है। इससे हर साल 11 दिन का अंतर आता है, जो तीन साल में बढ़कर एक माह से कुछ अधिक हो जाता है। यह 32 माह 16 दिन के अंतराल से हर तीसरे साल में होता है। इस अंतर को सही करने के लिए अधिमास की व्यवस्था की गई है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस अधिमास का कोई स्वामी न होने से देवताओं ने इसे अशुद्ध माना और इसमें कोई भी मांगलिक कार्य कैसे करें, इस संशय में पड़ गए। तब वे भगवान विष्णु के पास गए तो उन्होंने कहा कि आज से मैं इस अधिमास को अपना नाम देता हूं। उन्होंने इसे पुरुषोत्तम मास कहा। तब से इस माह में भागवत कथा व अन्य मांगलिक कार्यों का शुभारंभ हुआ। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Grah Nakshatra 2020: Jyotish Astrology Grah Nakshatra Yog Predictions India World Updates On Political Crisis, Economy, Climate Change Weather
http://poojakamahatva.blogspot.com/2019/12/296-5-500.html
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chaitanyabharatnews · 5 years
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ट्वीटर पर शख्स ने पूछा- आपकी इस तस्वीर पर मीम बनेंगे, पीएम मोदी ने दिया ये जवाब
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. सोशल मीडिया पर आए दिन किसी नेता या अभिनेता के मीम वायरल होते रहते हैं। कई बार तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी मीम सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। लेकिन इस बार पहली दफा ऐसा हुआ है जब पीएम मोदी ने किसी सोशल मीडिया यूजर को जवाब दिया हो। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); यह है पूरा मामला दरअसल, गुरुवार को साल 2019 का आखिरी सूर्य ग्रहण सुबह 8 बजे लगा था जो 3 घंटे तक चला। देश भर में लोग सूर्य ग्रहण देख रहे थे। ऐसे में पीएम मोदी ने भी केरल के कोझिकोड शहर से यह सूर्य ग्रहण देखा और फिर इसकी तस्वीरें अपने ट्वीटर अकाउंट से शे��र की। उन्होंने अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए कैप्शन लिखा कि, 'दुर्भाग्यवश, घने बादलों की वजह से मैं सूर्य ग्रहण नहीं देख पाया, लेकिन कोझिकोड में मैंने उसकी एक झलक देखी।' Like many Indians, I was enthusiastic about #solareclipse2019. Unfortunately, I could not see the Sun due to cloud cover but I did catch glimpses of the eclipse in Kozhikode and other parts on live stream. Also enriched my knowledge on the subject by interacting with experts. pic.twitter.com/EI1dcIWRIz — Narendra Modi (@narendramodi) December 26, 2019 पीएम मोदी ने दिया जवाब उन्होंने एक और तस्वीर के साथ यह भी कैप्शन लिखा कि, 'सूर्य ग्रहण का बाकी हिस्सा मैंने लाइव स्ट्रीम के जरिए देखा। साथ ही विशेषज्ञों के साथ बातचीत करके इस विषय में जानकारी भी हासिल की।' पीएम मोदी की तस्वीरें वायरल होने के बाद एक ट्वीटर यूजर ने उसे शेयर कर कहा कि, 'अब इस पर मीम बनेंगे।' इस शख्स को जवाब देने में पीएम मोदी भी पीछे नहीं रहे। मोदी ने शख्स के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा कि, 'आपका स्वागत है एंजॉय कीजिए।' Most welcome....enjoy :) https://t.co/uSFlDp0Ogm — Narendra Modi (@narendramodi) December 26, 2019 साल का आखिरी सूर्यग्रहण बता दें कि साल 2019 के इस आखिरी सूर्य ग्रहण की शुरुआत भारत में सुबह 8 बजकर 4 मिनट पर हुई। भारत में यह सूर्य ग्रहण बेंगलुरु, चेन्नई, मुंबई, हैदराबाद, अहमदाबाद, दिल्ली और कोलकाता समेत कई जगहों पर देखा गया। इसके अलावा ये ग्रहण सउदी अरब, कतर, यूएई, ओमान, श्रीलंका, मलेशिया , इंडोनेशिया, सिंगापुर में भी देखने को मिला। ये भी पढ़े... भारत में दिखा सूर्य ग्रहण का अद्भुत नजारा, नासा ने जारी की चेतावनी आज है साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, जानिए क्या होता है ग्रहण और इसे देखने के नियम 26 दिसंबर को है साल का आखिरी सूर्यग्रहण, 12 घंटे पहले शुरू हो जाएगा सूतक काल Read the full article
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news4me · 5 years
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solar eclipse on thursday: सूर्य ग्रहण का असर, रणजी मैचों का बदलेगा शेड्यूल? - will solar eclipse disrupt ranji trophy matches
solar eclipse on thursday: सूर्य ग्रहण का असर, रणजी मैचों का बदलेगा शेड्यूल? – will solar eclipse disrupt ranji trophy matches
[ad_1] टाइम्स न्यूज नेटवर्क | Updated: 25 Dec 2019, 09:58:00 AM IST
मनुजा वीरप्पा, मैसुरू गुरुवार (26 दिसंबर) को सूर्य ग्रहणहै लेकिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की ओर से उस दिन होने वाले रणजी मुकाबलों को रीशेड्यूल करने या खेल का समय बदलने को लेकर कोई फैसला सामने नहीं आया है। हालांकि गुरुवार को देश के अधिकतर हिस्से में आंशिक सूर्यग्रहण है- लेकिन दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में इसका असर ज्यादा देखा…
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astroaditya · 5 years
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सूर्यग्रहण
साल 2019 का आखिरी सूर्यग्रहण 26 दिसंबर को होगा जो कि सुबह 8.17 बजे से सुबह 10.57 तक चलेगा यानी साल का ये आखिरी सूर्य ग्रहण 2 घंटे 40 मिनट तक चलेगा। यह एक पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा, जिसे भारत में देखा जा सकेगा। पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमने के साथ-साथ अपने सौरमंडल मे सूर्य के चारों ओर भी चक्कर लगाती है। दूसरी ओर, चंद्रमा पृथ्वी का उपग्रह है और उसके चक्कर लगाता है, इसलिए जब भी चंद्रमा चक्कर काटते-काटते…
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vedicpanditji · 5 years
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26 Dec 2019, सूर्य ग्रहण लगने में अब कुछ ही दिनों का समय शेष रह गया है। इस साल लगने वाला सूर्य ग्रहण खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा। जिसे वैज्ञानिक भाषा में वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है। खास बात ये है कि इस ग्रहण को भारत में भी देखा जा सकेगा। ग्रहण के समय सूर्य एक आग की अंगूठी के आकार का दिखाई देगा। जिसे रिंग ऑफ फायर कहा जाता है। इस Annular Solar Eclipse के समय चंद्रमा सूर्य के बीच के हिस्से को पूरी तरह से ढक देता है। सूतक काल का समय: सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले सूतककाल शुरु हो जाता है। हिंदू धर्म में इस काल में किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किये जाते। मंदिरों के कपाट भी सूतक काल लगते ही बंद कर दिये जाते हैं। खास तौर पर सूतक काल में गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुढ़े लोगों को अपना खास ध्यान रखना होता है। 26 दिसंबर को लगने जा रहे सूर्य ग्रहण का सूतक 25 दिसंबर को शाम 5 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगा जोकि दूसरे दिन सुबह ग्रहण समाप्ति के साथ सुबह 10 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। (at लखनऊ उत्तर प्रदेश) https://www.instagram.com/p/B6LXywGpXI1/?igshid=ayubu384bfb8
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newsindiax · 5 years
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साल का आखिरी सूर्यग्रहण 26 दिसंबर को पड़ने जा रहा है। यह सूर्यग्रहण भारत के ज्‍यादातर शहरों में प्रभावी रूप से दिखाई देगा। इस बार सूर्यग्रहण वलयाकार होगा। from Jagran Hindi News - news:national https://ift.tt/2QcTV3f
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aapnugujarat1 · 5 years
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26 दिसंबर को सूर्य ग्रहण
नई दिल्ली। 26 दिसम्बर, 2019 को सूर्य का वलयाकार ग्रहण घटित होगा । भारत में वलयाकार प्रावस्था प्रात: सूर्योदय के पश्चात देश के दक्षिणी भाग में कुछ स्थानों (कर्नाटक, केरल एवं तमिलनाडु के हिस्सों) के संकीर्ण गलियारे में दिखाई देगी तथा देश के अन्य हिस्सों में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई देगा । ग्रहण की वलयाकार प्रावस्था का संकीर्ण गलियारा देश के दक्षिणी हिस्से में कुछ स्थानों यथा कन्नानोर, कोयम्बटूर, कोझीकोड़, मदुराई, मंगलोर, ऊटी, तिरुचिरापल्ली इत्यादि से होकर गुजरेगा । भारत में वलयाकार ग्रहण की अधिकतम प्रावस्था के समय चंद्रमा सूर्य को लगभग 93% आच्छादित कर देगा । वलयाकार पथ से देश के उत्तर एवं दक्षिण की ओर बढ़ने पर आंशिक सूर्य ग्रहण की अवधि घटती जाएगी । आंशिक ग्रहण की अधिकतम प्रावस्था के समय चंद्रमा द्वारा सूर्य का आच्छादन बंगलोर में लगभग 90%, चेन्नई में 85%, मुम्बई में 79%, कोलकाता में 45%, दिल्ली में 45%, पटना में 42%, गुवाहाटी में 33%, पोर्ट ब्लेयर में 70%, सिलचर में 35% इत्यादि होगा । यदि पृथ्वी को सम्पूर्ण माना जाए तो ग्रहण की आंशिक प्रावस्था भारतीय मानक समय अनुसार प्रात: 8.00 बजे आरम्भ होगी । ग्रहण की वलयाकार अवस्था भा.मा.स. अनुसार प्रात: 9 बजकर 06 मिनट पर शुरू होगी । सूर्य ग्रहण की वलयाकार अवस्था भा.मा.स. अनुसार  12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी । ग्रहण की आंशिक प्रावस्था भा.मा.स. अनुसार  13 घं. 36 मि. पर समाप्त होगी । सूर्य का वलयाकार ग्रहण भूमध्य रेखा के निकट उत्तरी गोलार्ध में एक संकीर्ण गलियारे में दिखाई देगा । वलयाकार पथ साउदी अरब, कतर, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात, भारत, श्रीलंका के उत्तरी भाग, मलेशिया, सिंगापुर, सुमात्रा एवं बोर्निओ से होकर गुजरेगा । चंद्रमा की उपच्छाया से आंशिक ग्रहण होता है जो कि मध्य पूर्व, उत्तर पूर्वी अफ्रीका, उत्तर एवं पूर्वी रूस को छोड़कर एशिया, उत्तर और पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया, सोलोमन द्वीप के क्षेत्रों में दिखाई देगा । अगला सूर्य ग्रहण भारत में 21 जून, 2020 को दिखाई देगा । यह एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा । वलयाकार अवस्था का संकीर्ण पथ उत्तरी भारत से होकर गुजरेगा । देश के शेष भाग में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई पड़ेगा । सूर्य ग्रहण किसी अमावस्या के दिन घटित होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है तथा उस समय ये तीनों एक ही सीध में रहते हैं । वलयाकार सूर्य ग्रहण तब घटित होता है जब चंद्रमा का कोणीय व्यास सूर्य की अपेक्षा छोटा होता है जिसके फलस्वरूप वह सूर्य को पूर्णतया ढक नहीं पाता है । परिणामत: चंद्रमा के चतुर्दिक सूर्य चक्रिका का छल्ला ही दिखाई देता है । ग्रहणग्रस्त सूर्य को थोड़ी देर के लिए भी नंगी आँखों से नहीं देखा जाना  चाहिए । चंद्रमा सूर्य के अधिकतम हिस्सों को ढक दे तब भी इसे खाली आँखों से न देखें क्योंकि यह आँखों को स्थाई नुकसान पहुँचा सकता है जिससे अंधापन हो सकता है । सूर्य ग्रहण को देखने की सबसे सही तकनीक है ऐलुमिनी माइलर, काले पॉलिमर, 14 नं. शेड के झलाईदार काँच जैसे उपयुक्त फिल्टर का उपयोग करना अथवा टेलेस्कोप के माध्यम से श्वेत पट पर सूर्य की छाया का प्रक्षेपण करना। भारत के कुछ स्थानों की ग्रहण से संबंधित स्थानीय परिस्थितियों की सारिणी सुलभ संदर्भ के लिए अलग से संलग्न की जा रही है । Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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ट्वीटर पर शख्स ने पूछा- आपकी इस तस्वीर पर मीम बनेंगे, पीएम मोदी ने दिया ये जवाब
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. सोशल मीडिया पर आए दिन किसी नेता या अभिनेता के मीम वायरल होते रहते हैं। कई बार तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी मीम सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। लेकिन इस बार पहली दफा ऐसा हुआ है जब पीएम मोदी ने किसी सोशल मीडिया यूजर को जवाब दिया हो। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); यह है पूरा मामला दरअसल, गुरुवार को साल 2019 का आखिरी सूर्य ग्रहण सुबह 8 बजे लगा था जो 3 घंटे तक चला। देश भर में लोग सूर्य ग्रहण देख रहे थे। ऐसे में पीएम मोदी ने भी केरल के कोझिकोड शहर से यह सूर्य ग्रहण देखा और फिर इसकी त��्वीरें अपने ट्वीटर अकाउंट से शेयर की। उन्होंने अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए कैप्शन लिखा कि, 'दुर्भाग्यवश, घने बादलों की वजह से मैं सूर्य ग्रहण नहीं देख पाया, लेकिन कोझिकोड में मैंने उसकी एक झलक देखी।' Like many Indians, I was enthusiastic about #solareclipse2019. Unfortunately, I could not see the Sun due to cloud cover but I did catch glimpses of the eclipse in Kozhikode and other parts on live stream. Also enriched my knowledge on the subject by interacting with experts. pic.twitter.com/EI1dcIWRIz — Narendra Modi (@narendramodi) December 26, 2019 पीएम मोदी ने दिया जवाब उन्होंने एक और तस्वीर के साथ यह भी कैप्शन लिखा कि, 'सूर्य ग्रहण का बाकी हिस्सा मैंने लाइव स्ट्रीम के जरिए देखा। साथ ही विशेषज्ञों के साथ बातचीत करके इस विषय में जानकारी भी हासिल की।' पीएम मोदी की तस्वीरें वायरल होने के बाद एक ट्वीटर यूजर ने उसे शेयर कर कहा कि, 'अब इस पर मीम बनेंगे।' इस शख्स को जवाब देने में पीएम मोदी भी पीछे नहीं रहे। मोदी ने शख्स के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा कि, 'आपका स्वागत है एंजॉय कीजिए।' Most welcome....enjoy :) https://t.co/uSFlDp0Ogm — Narendra Modi (@narendramodi) December 26, 2019 साल का आखिरी सूर्यग्रहण बता दें कि साल 2019 के इस आखिरी सूर्य ग्रहण की शुरुआत भारत में सुबह 8 बजकर 4 मिनट पर हुई। भारत में यह सूर्य ग्रहण बेंगलुरु, चेन्नई, मुंबई, हैदराबाद, अहमदाबाद, दिल्ली और कोलकाता समेत कई जगहों पर देखा गया। इसके अलावा ये ग्रहण सउदी अरब, कतर, यूएई, ओमान, श्रीलंका, मलेशिया , इंडोनेशिया, सिंगापुर में भी देखने को मिला। ये भी पढ़े... भारत में दिखा सूर्य ग्रहण का अद्भुत नजारा, नासा ने जारी की चेतावनी आज है साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, जानिए क्या होता है ग्रहण और इसे देखने के नियम 26 दिसंबर को है साल का आखिरी सूर्यग्रहण, 12 घंटे पहले शुरू हो जाएगा सूतक काल Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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आज है साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, जानिए क्या होता है ग्रहण और इसे देखने के नियम
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चैतन्य भारत न्यूज 26 दिसंबर को साल 2019 का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। ये वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा, जिसमें सूर्य एक आग की अंगूठी की तरह नजर आएगा। भारतीय समयानुसार यह ग्रहण सुबह 8 बजकर 17 मिनट से शुरू होकर 10 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। ग्रहण के दौरान मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, लगभग तीन सदी के बाद ऐसा सूर्य ग्रहण है, जिसका अशुभ से ज्यादा शुभ असर देखने को मिल सकता है। आइए जानते हैं क्या होता है सूर्य ग्रहण और इसे देखने के नियम। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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क्या होता है सूर्य ग्रहण पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है और साथ-साथ वह सौरमंडल में सूर्य के चक्कर भी लगाती है। पृथ्वी का खुद का एक उपग्रह है जिसका नाम है चांद या चंद्रमा जो पृथ्वी के चक्कर लगाता है। इस दौरान जब भी चंद्रमा अपनी धूरी पर चलता हुआ सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, तो उस समय पृथ्वी पर सूर्य दिखना बंद हो जाता है। इसे सूर्य ग्रहण कहा जाता है।
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सूर्यग्रहण के दौरान इन बातों का खास ख्याल रखें सूर्य ग्रहण के दौरान अक्सर लोग नंगी आंखों से सूरज को देखते हैं। ऐसा न करें। यह आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है। अगर आपको सूर्यग्रहण देखना है तो इसके लिए सोलर फिल्टर चश्मे का इस्तेमाल करें। सोलर फिल्टर चश्मे को सोलर-व्युइंग ग्लासेस, पर्सनल सोलर फिल्टर्स या आइक्लिप्स ग्लासेस भी कहा जाता है। सूर्यग्रहण के दौरान सूरज को पिनहोल, टेलेस्कोप या फिर दूरबीन से ही देखें। ये भी पढ़े... 26 दिसंबर को है साल का आखिरी सूर्यग्रहण, 12 घंटे पहले शुरू हो जाएगा सूतक काल सूर्यग्रहण 2019 : इन राशियों के लिए बुरा साबित होगा साल का दूसरा सूर्यग्रहण, जानिए इससे बचने के उपाय Read the full article
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