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#हस्तक्षेप
vlogrush · 3 months
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बच्चा हो सकता है ऑटिज्म का शिकार, अगर चलाता है ज्यादा मोबाइल, साइंस के पास नहीं है इलाज
बच्चों में मोबाइल के अत्यधिक उपयोग से ऑटिज्म का खतरा बढ़ रहा है। जानें कैसे रोकें इस समस्या को और क्यों वैज्ञानिक अभी तक पूर्ण इलाज नहीं खोज पाए हैं।आधुनिक युग में मोबाइल फोन हमारी दिनचर्या का अभिन्न अंग बन गए हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बच्चों द्वारा मोबाइल का अत्यधिक उपयोग उनके स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है? हाल के अध्ययनों से पता चला है कि छोटी उम्र में मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल से…
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mwsnewshindi · 2 years
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कुतुब मीनार विवाद: कोर्ट ने हस्तक्षेप याचिका पर आदेश की समीक्षा के लिए याचिका खारिज की
कुतुब मीनार विवाद: कोर्ट ने हस्तक्षेप याचिका पर आदेश की समीक्षा के लिए याचिका खारिज की
छवि स्रोत: पीटीआई / फ़ाइल कुतुब मीनार विवाद: अदालत ने हस्तक्षेप याचिका पर आदेश की समीक्षा के लिए याचिका खारिज कर दी कुतुब मीनार विवाद: यहां की एक अदालत ने शनिवार को अपने 20 सितंबर के आदेश की समीक्षा के लिए एक याचिका खारिज कर दी, जिसमें कुतुब मीनार पंक्ति पर एक हस्तक्षेप आवेदन को खारिज कर दिया गया था, यह कहते हुए कि यह योग्यता के बिना था और आवेदक समीक्षा के लिए पर्याप्त आधार दिखाने में विफल रहा…
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riteshlicadvisor · 1 year
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बीमा का इतिहास: विकास, उत्पाद और भारतीय उद्योग में सरकारी हस्तक्षेप
भारतीय बीमा उद्योग के सरकारी हस्तक्षेप में बीमा का इतिहास, विकास और उत्पाद के बारे में जानें। इस रोमांचकारी वीडियो में हम बीमा के मूल सिद्धांतों, प्रक्रियाओं और महत्वपूर्ण तत्वों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। यह एक दिलचस्प जानकारीपूर्ण साक्षात्कार है, जिसमें आपको बीमा और उद्योग के बारे में नवीनतम ज्ञान प्राप्त होगा।
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sparshcentre · 1 year
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10 आम परेशानियाँ जिनका इलाज़ दर्द निवारण क्लिनिक पर किया जाता है -
कैंसर का दर्द
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कैंसर के रोगियों में दर्द सबसे आम लक्षणों में से एक है। यह कैंसर, कैंसर के इलाज या कारकों के संयोजन के कारण हो सकता है। कैंसर के दर्द का प्रबंधन WHO की सीढ़ी के अनुसार किया जाता है, जो मॉर्फिन या फेंटेनल जैसी ओपिओइड दवाओं तक बढ़ जाता है, और कभी-कभी पेट दर्द के लिए न्यूरोलाइटिक ब्लॉक जैसे सीलिएक प्लेक्सस ब्लॉक की आवश्यकता होती है, जो की पैन क्लिनिक पर किए जाते है l
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2. पीठ दर्द अथवा सायटिका
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पीठ के निचले हिस्से का दर्द विश्व स्तर पर दर्द के प्रमुख कारणों में से एक है। लगभग 80% वयस्क अपने जीवनकाल के दौरान किसी न किसी समय पीठ के निचले हिस्से में दर्द का अनुभव करते हैं। यह मांसपेशियों में खिंचाव से लेकर इंटरवर्टेब्रल डिस्क के खिसकने तक विभिन्न कारणों से हो सकता है। पीठ के निचले हिस्से में दर्द को एक बहु-विषयक दृष्टिकोण ( मल्टीडाइमेंशनल एप्रोच) द्वारा ठीक किया जाता है जिसमें आसन संबंधी सावधानियां, दवाएं, व्यायाम, फिजियोथेरेपी और कुछ न्यूनतम इनवेसिव हस्तक्षेप जैसे मायोफेशियल ट्रिगर पॉइंट इंजेक्शन, ट्रांसफोरामिनल या कॉडल एपिड्यूरल स्टेरॉयड, लम्बर डोर्सल रूट गैंग्लियन पल्स्ड आरएफए, फेसेट जॉइंट इंजेक्शन और मेडियन ब्रांच ब्लॉक शामिल हैं। सैक्रोइलियक जॉइंट इंजेक्शन, एंडोस्कोपिक डिस्केक्टॉमी भी अब ऐसी स्थितियों के लिए न्यूनतम इनवेसिव डे केयर प्रक्रिया के रूप में लोकप्रियता हासिल कर रही है।
 3. घुटने के दर्द
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ऑस्टियोआर्थराइटिस (OA) घुटने के दर्द का कारण बनने वाला सबसे आम आर्थराइटिस विकार है। OA के कारण घुटने के दर्द के प्रबंधन के लिए घुटने के व्यायाम और सावधानियों की आवश्यकता होती है। यदि सूजन या जोड़ का बहाव स्पष्ट है, तो इंट्रा-आर्टिकुलर इंजेक्शन की आवश्यकता हो सकती है। ग्रेड 1 या 2 ओए रोगियों को प्लेटलेट रिच प्लाज़्मा इंजेक्शन से लाभ हो सकता है। अधिक उन्नत OA वाले रोगियों में, दर्द से राहत के लिए जेनिक्यूलर नर्व रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन (RFA) किया जा सकता है। जेनिक्यूलर ना आरएफए एक नई तकनीक है जो ऐसे मामलों में घुटने के दर्द से निरंतर राहत प्रदान करती है।
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4) गर्दन और बांह में दर्द
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गर्दन में दर्द एक आम समस्या है, दो-तिहाई आबादी को अपने जीवन में कभी न कभी गर्दन में दर्द होता है। गर्दन और ऊपरी पीठ दोनों में मांसपेशियों की जकड़न या ग्रीवा कशेरुकाओं के पास से निकलने वाली नसों के दबने के कारण गर्दन में दर्द हो सकता है। गर्दन के पहलू जोड़ भी दर्द का कारण हो सकते हैं। गर्दन के दर्द को एक बहु-विषयक दृष्टिकोण द्वारा प्रबंधित किया जाता है जिसमें आसन संबंधी सावधानियां, दवाएं, व्यायाम, फिजियोथेरेपी और कुछ न्यूनतम इनवेसिव हस्तक्षेप जैसे नेक मायोफेशियल ट्रिगर पॉइंट इंजेक्शन, सर्वाइकल एपिड्यूरल स्टेरॉयड, सर्वाइकल मीडियन ब्रांच ब्लॉक और थर्ड ऑक्सीपिटल नर्व ब्लॉक शामिल हैं।
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5. पोस्ट हर्पेटिक न्यूराल्जिया
हर्पीस ज़ोस्टर के चकत्तों के क्षेत्र में दर्द बना रहना। यह आम तौर पर जलन, शूटिंग, धड़कन या बिजली के झटके जैसा दर्द होता है, और आमतौर पर छाती की दीवार क्षेत्र या आंखों के आसपास चेहरे पर देखा जाता है। प्रबंधन में न्यूरोपैथिक दवाओं, सामयिक मलहम और नर्व इंटरवेंशन का विवेकपूर्ण उपयोग शामिल है।
6) चेहरे की नसो मे दर्द
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ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया अचानक, गंभीर चेहरे का दर्द है। इसे अक्सर तेज शूटिंग दर्द या जबड़े, दांत या मसूड़ों में बिजली का झटका लगने जैसा बताया जाता है। लंबे समय तक ली जाने वाली ओरल मेडिसिन से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यदि दवा राहत प्रदान करने में विफल रहती है, तो गैसेरियन गैंग्लियन आरएफए या गैंग्लियन के बैलून कम्प्रेशन जैसी न्यूनतम इनवेसिव इंटरवेंशनल दर्द प्रक्रियाएं पेश की जा सकती हैं। इस दुर्बल करने वाली बीमारी से निपटने के लिए न्यूरोसर्जिकल प्रक्रियाएं भी उपलब्ध हैं।
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7. तंत्रिका संबंधी (न्यूरोपैथी) दर्द
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तंत्रिकाओं की क्षति या अनुचित कार्यप्रणाली से उत्पन्न होने वाले दर्द को न्यूरोपैथिक दर्द कहा जाता है। यह जलन, गोली लगने या बिजली के झटके जैसे दर्द के रूप में प्रकट हो सकता है। इस दर्द को आमतौर पर एंटी-न्यूरोपैथिक दवाओं द्वारा नियंत्रित किया जाता है। कभी-कभी दर्द से राहत के लिए नर्व ब्लॉक की आवश्यकता हो सकती है।
8. फाइब्रोमायल्जिया
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फाइब्रोमायल्जिया शरीर में व्यापक दर्द का एक सामान्य कारण है। इसके साथ थकान, बिना ताजगी वाली नींद, बिगड़ा हुआ एकाग्रता, स्मृति समस्याएं और मूड में गड़बड़ी सहित अन्य लक्षण भी हो सकते हैं। फाइब्रोमायल्गिया का प्रबंधन बहु-विषयक है, जिसमें दवाएं, फिजियोथेरेपी और आहार संबंधी परामर्श शामिल हैं।
9. सीआरपीएस — कॉम्पलैक्स रीजनल पेन सिंड्रोम
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सीआरपीएस एक पुरानी दर्द की स्थिति है जो चोट लगने के बाद आमतौर पर एक अंग (हाथ, पैर, हाथ या पैर) को प्रभावित करती है। ऐसा माना जाता है कि यह परिधीय या केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की क्षति या खराबी के कारण होता है। सीआरपीएस के प्रबंधन के लिए पुनर्वास, फिजियोथेरेपी और मनोचिकित्सा महत्वपूर्ण हैं। सहानुभूति तंत्रिका ब्लॉक जैसे स्टेलेट गैंग्लियन ब्लॉक या लम्बर सिम्पैथेटिक प्लेक्सस ब्लॉक की आवश्यकता हो सकती है।
10. कोक्सीगोडायनिया (पूंछ की हड्डी में दर्द)
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कोक्सीक्स दर्द, जिसे कोक्सीगोडायनिया भी कहा जाता है, टेलबोन के क्षेत्र में दर्द है, विशेष रूप से बैठने पर बढ़ जाता है। इसे डोनट (dough nut) तकिया और सिट्ज़ बाथ जैसे सरल उपायों द्वारा प्रबंधित किया जा सकता है। आमतौर पर NSAIDS का एक कोर्स आवश्यक होता है। यदि दर्द बना रहता है, तो स्थानीय इंजेक्शन या गैंग्लियन इंपार ब्लॉक के रूप में मिनिमल इनवेसिव इंटरवेंशन किया जा सकता है।
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kaminimohan · 1 year
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Free tree speak काव्यस्यात्मा 1383.
अट्ठारह सौ सत्तावन की क्रांति से विचलित थे भारतेंदु हरिश्चंद्र
- कामिनी मोहन पाण्डेय। 
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मुंशी प्रेमचंद ने लिखा है कि जिन्होंने राष्ट्र का निर्माण किया है उनकी कृति अमर हो गई है। त्याग तपस्या और बलिदान 1857 की क्रांति के रणबांकुरों ने ही नहीं किया बल्कि उससे प्रभावित होकर कई लेखकों, साहित्यकारों, पत्रकारों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। उसी त्याग की भावना व संघर्ष की प्रेरणा को जगाने में भारतेंदु हरिश्चंद्र ने महती भूमिका निभाई। 
भारतेंदु ने भारत की स्वाधीनता, राष्ट्र उन्नति और सर्वोदय भावना का विकास किया। आज के संदर्भ में बात करें तो भारतेंदु ने हीं देश के सभी पत्रकारों, संपादकों व लेखकों को देश की दुर्दशा यानी देश की दशा और दिशा को समझने का मंत्र दिया। अट्ठारह सौ सत्तावन की क्रांति की हुंकार की गूंज के बाद इस संबंध पर बेतहाशा लेखन और पठन-पाठन हुआ। उस समय क्रांति के असफल होने के बाद जब  निराशा का बीज व्याप्त हो गया था, तब समाज की दुर्दशा देखकर भारतेंदु का हृदय काफी व्यथित हुआ। देश की सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक, राजनीतिक गिरावट देखकर वह तिलमिला उठे थे। देश की दशा पर उनकी अभिव्यक्ति थी- "हां हां भारत दुर्दशा न देखी जाई।" उनके इस प्रलाप पर भारत आरत, भारत सौभाग्य, वर्तमान-दशा, देश-दशा, भारत दुर्दिन जैसे नवजागरण की पोषक रचनाएँ प्रकाशित हुई। 
इनमें देश के प्राचीन गौरव के स्मरण, समाज में व्याप्त आलस्य तथा देश की दीनता का वर्णन होता था। क्रांति के समय एवं उसके बाद स्वदेशाभिमानी पत्रकारों ने अपनी विवेचना शक्ति के बल पर जनमानस को सशक्त अभिव्यक्ति दी। उस समय हिंदी अपने विकास के नए आयाम गढ़ रही थी। सारे प्रतिरोधों के बीच पत्रकारिता की पैनी नज़र खुल चुकी थी। ऐसे में स्वाभिमान के संचार व स्वदेश प्रेम के उदय तथा आंग्ल शासन के प्रबल प्रतिरोध पत्रों में प्रकाशित तत्वों में दिखता था। पत्र और पत्रकार ख़ुद स्वतंत्रता आंदोलन के सक्षम सेनानी बन गए थे। अन्याय, अज्ञान, प्रपीड़न व प्रव॔चना के संहारक समाचार पत्रों ने ही हिंदी पत्रकारिता की आधारशिला रखी थी।
राष्ट्र उत्थान की दृष्टि से इतिहास एवं पत्रकारिता दोनों संश्लिष्ट हैं। राष्ट्रीय अस्मिता को समर्पित भारतेंदु की रचनाओं का मूलाधार गौरव की वृद्धि रहा है। नौ सितंबर 1850 को काशी में जन्मे भारतेंदु को हिंदी पत्रकारिता का आधार स्तंभ कहा जाता है। भारतेंदु द्वारा पत्रकारिता में देश प्रेम के लिए जलाई गई अलख काशी में अब भी दिखती है। इसका कारण यह है कि यहाँ जो पैदा हुआ वह भी गुरु जो मर गया वह भी गुरु होता है। यहाँ किसी बात के लिए कोई हाय-हाय नहीं है। 
काशी की हिंदी पत्रकारिता की नींव 1845 में बनारस अखबार के रूप में पड़ी। इसके बारह साल बाद देश का पहला स्वतंत्रता संग्राम आम लोगों को गहरे तक प्रभावित कर गया था। क्रांति का बिगुल काशी में भी सुनाई दिया। क्रांति के दौर में देश की आज़ादी के लिए यहाँ कई अख़बार प्रकाशित होते रहे। स्वाभिमान के साथ उठ खड़े होने को आमजन और क्रांतिकारियों को जो उसे से भरते रहे।
प्रमुख प्रकाशनों में कवि वच�� सुधा (1867) हरिश्चंद्र मैगजीन (1875), हरिश्चंद्र चंद्रिका (1879) में भारतेंदु का मूल मंत्र सामाजिक और राष्ट्रीय उन्नति जगाना तथा सभी जातियों के अंदर स्वाभिमान का भाव भरना था। वे मानते थे कि "जिस देश में और जिस समाज में उसी समाज और उसी देश की भाषा में समाचार पत्रों का जब तक प्रचार नहीं होता, तब तक उसे देश और समाज की उन्नति नहीं हो सकती। समाचार पत्र राजा और प्रजा के वकील है। समाचार पत्र दोनों की ख़बर दोनों को पहुँचा सकता है जहाँ सभ्यता है, वहीं स्वाधीन समाचार पत्र है"।
देश में लकड़ी बीनने वाले से लेकर लकड़ी का तमाशा दिखाने वाले तक सभी ने क्रांति के जयकारे में लकड़ी बजाते हुए आहुति दी थी। यह वह दौर था, जिस पर क्रांति ने अपना असर गहरे तक छोड़ा था। इसी का परिणाम रहा कि देश के हर नौजवान ने अपनी छाती अंग्रेजों की गोलियाँ खाने के लिए चौड़ी कर ली थी। अल्पायु में ही भारतेंदु अपने युग का प्रतिनिधित्व करने लगे थे  रचनात्मक लेखन, पत्रकारिता के माध्यम से भारतेंदु ने देश की राजनीतिक आर्थिक और सामाजिक विसंगतियों पर अपने आक्रामक तेवर के साथ संवेदन पूर्ण विचारों से सार्थक हस्तक्षेप किया था। साहित्य को उन्होंने जनसामान्य के बीच लाकर खड़ा कर दिया था।
घोर उथल-पुथल के बावजूद उनके काल में साहित्यिक विचारों के कारण आत्ममंथन शुरू हो गया था। वे ब्रिटिश राज की कार्यप्रणाली पर जमकर बरसते थे। हर समस्या के प्रति भारतेंदु का दृष्टिकोण दूरगामी होता था। वे वैचारिक क्रांति लाने के लिए हर घड़ी प्रतिबद्ध दिखते थे। भारतेंदु चाहते थे कि भारतवासी स्वयं आत्मोत्थान और देशोत्थान में सक्रिय हो। यह बात आज भी प्रासंगिक है कि आर्थिक उत्थान से ही देश का भला हो सकता है। 
आर्थिक लूट पर वे लिखते हैं- 
भीतर-भीतर सब रस चूसै, बाहर से तन-मन-धन मूसै। 
जाहिर बातन में अति तेज, क्यों सखि सज्जन नहिं अंग्रेज अंग्रेजों।। 
अंग्रेजों को अपना भाग्य विधाता मानने वालों को भारतेंदु ने झकझोरा था। कविवचन सुधा में वे लिखते हैं- "देशवासियों तुम इस निद्रा से चौको, इन अंग्रेजों के न्याय के भरोसे मत फूले रहो।... अंग्रेजों ने हम लोगों को विद्यामृत पिलाया और उससे हमारे देश बांधवों को बहुत लाभ हुए, इसे हम लोग अमान्य नहीं करते, परंतु उन्हीं के कहने के अनुसार हिंदुस्तान की वृद्धि का समय आने वाला हो, सो तो, एक तरफ रहा, पर प्रतिदिन मूर्खता दुर्भिक्षता और दैन्य प्राप्त होता जाता है।... अख़बार इतना भूंकते हैं, कोई नहीं सुनता। अंधेर नगरी है। व्यर्थ न्याय और आज़ादी देने का दावा है।"
गांधीजी की कई नीतियों व योजनाओं के बीज भारतेंदु साहित्य में पहले ही आ चुके थे। भारतीय धर्मनिरपेक्षता, जाति निरपेक्षता, जो भारतीय संविधान के मूलाधार है, उन पर भारतेंदु के चिंतन में तात्कालिकता ही नहीं, भविष्योन्मुखता भी थी। वे हिंदू व मुसलमानों के प्रति भाईचारे का भाव रखने को प्रेरित करते थे। कहना ही पड़ता है कि देश के विकास उसकी उन्नति के लिए भारतेंदु स्वदेशी और राष्ट्रीयता के संदर्भ में दूरगामी अंतर्दृष्टि रखते थे। 
समय बदल गया, हम आज़ाद हैं। भारत वही है। संविधान वही है। भारत में रहने वाले जीव-जंतु, पशु-पक्षी और मनुष्य भी वही है। विभिन्न धर्मों, मज़हबों,पंथों को मानने वाले मुसलमानों के सभी फ़िरक़ों, बौद्ध, सिख, जैन, ईसाईयों तथा सनातन धर्म की गहराई में उतरने वाले हिन्दू क्रांति के बीज को आज भी वृक्ष बनते देखते हैं। उन विचारों की जो भारतेंदु के समय लोगों तक पत्रकारिता के माध्यम से पहुंचे थे, वे विचार आज भी प्रासंगिक हैं। देश के लोगों को इसकी परम आवश्यकता है। 
- © Image art by Chandramalika 
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ajayamitabhsuman · 2 years
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-39
दुर्योधन को गुरु द्रोणाचार्य की मृत्यु के उपरांत घटित होने वाली वो सारी घटनाएं याद आने लगती हैं कि कैसे अश्वत्थामा ने कुपित होकर पांडवों पर वैष्णवास्त्र का प्रयोग कर दिया था। वैष्णवास्त्र के सामने प्रतिरोध करने पर वो अस्त्र और भयंकर हो जाता और प्राण ले लेता। उससे बचने का एक हीं उपाय था कि उसके सामने झुक जाया जाए, इससे वो शस्त्र शांत होकर लौट जाता। केशव के समझाने पर भीम समेत सारे पांडव उस शस्त्र के सामने झुक गए। भले हीं पांडवों की जान श्रीकृष्ण के हस्तक्षेप के कारण बच गई हो एक बात तो निर्विवादित हीं थी कि अश्वत्थामा के समक्ष सारे पांडवों ने घुटने तो टेक हीं दिए थे। प्रस्तुत है मेरी दीर्घ कविता “दुर्योधन कब मिट पाया का उनचालिसवां भाग।
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narmadanchal · 13 hours
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धार्मिक मंदिरों का प्रबंधन धर्माचार्यों के हाथ में होना चाहिए: स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती
सिक्किम की राजधानी गंगटोक के ठाकुरबाड़ी मंदिर में संवाददाताओं से वार्ता गंगटोक, 25 सितंबर (हि.स.)। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा है कि धार्मिक मंदिरों का प्रबंधन धर्माचार्यों के हाथ में होना चाहिए और सरकारों को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। सिक्किम की दो दिवसीय यात्रा पर आए परम पूज्य महाराज बुधवार को राजधानी गंगटोक के ठाकुरबाड़ी मंदिर में…
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deshbandhu · 14 hours
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Amarica Khuphiya Agencieyon ne Trump ko di Hatya ki Gambheer Chetaavanee, Iran se Khatare ka Sanket
नई दिल्ली। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ईरान से उनकी जान को होने वाले 'वास्तविक और विशिष्ट' खतरे के बारे में सूचित किया है, जिसका उद्देश्य देश में अराजकता फैलाना है।
ट्रंप की चुनावी अभियान के संचार निदेशक स्टीवन च्यांग ने मंगलवार रात कहा था कि आज सुबह राष्ट्रपति ट्रंप को राष्ट्रीय खुफिया निदेशालय की ओर से ईरान से उन्हें हत्या के प्रयासों के बारे में जानकारी दी गई। खुफिया अधिकारियों ने इन लगातार और समन्वित हमलों की पहचान की है, जो पिछले कुछ महीनों में बढ़े हैं। सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियां डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा सुनिश्चित करने और नवंबर के चुनावों में किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप से बचने के लिए काम कर रही हैं।
Read More: https://www.deshbandhu.co.in/news/us-intelligence-agencies-gave-trump-a-serious-warning-of-assassination-hinted-at-threat-from-iran-497260-1
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navinsamachar · 3 days
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सगाई के बाद नैनीताल घूमने आए हल्द्वानी के युवक-युवती के बीच मॉल रोड में चले थप्पड़-मारपीट..
नवीन समाचार, नैनीताल, 22 सितंबर 2024 (Couple from Haldwani got in scuffle on Mall Road)। आज कल लोगों में सहनशक्ति और रिश्तों में एक-दूसरे के प्रति कितना सम्मान रह गया है, यह समाचार यह बताने वाला है। सगाई के बाद नैनीताल घूमने आए एक युवक और युवती के बीच शनिवार को मालरोड पर एक छोटी सी बात को लेकर विवाद हो गया। दोनों के बीच बढ़ते हंगामे को देखते हुए पुलिस ने हस्तक्षेप कर उन्हें शांत…
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sharpbharat · 5 days
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Jamshedpur chartered accountants society- आयकर वेबसाइट की समस्याओं पर जमशेदपुर चार्टर्ड अकाउंटेंट्स सोसाइटी ने उठाया महत्वपूर्ण कदम,जमशेदपुर के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त को सौंपा ज्ञापन, शीघ्र हस्तक्षेप व समाधान की मांग
जमशेदपुर : आयकर वेबसाइट से संबंधित तकनीकी समस्याओं के कारण चार्टर्ड अकाउंटेंट्स द्वारा आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 44 एबी के तहत कर ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने में हो रही कठिनाइयों के संबंध में जमशेदपुर चार्टर्ड अकाउंटेंट्स सोसाइटी ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. सोसाइटी ने इस समस्या के हल करने के लिए एक विस्तृत पत्र देश के प्रमुख अधिकारियों को प्रेषित किया है. इसमें, आयकर वेबसाइट पर लॉगिन/ई-फाइलिंग…
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vlogrush · 3 months
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बच्चा हो सकता है ऑटिज्म का शिकार, अगर चलाता है ज्यादा मोबाइल, साइंस के पास नहीं है इलाज
बच्चों में मोबाइल के अत्यधिक उपयोग से ऑटिज्म का खतरा बढ़ रहा है। जानें कैसे रोकें इस समस्या को और क्यों वैज्ञानिक अभी तक पूर्ण इलाज नहीं खोज पाए हैं।आधुनिक युग में मोबाइल फोन हमारी दिनचर्या का अभिन्न अंग बन गए हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बच्चों द्वारा मोबाइल का अत्यधिक उपयोग उनके स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है? हाल के अध्ययनों से पता चला है कि छोटी उम्र में मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल से…
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toptrendworld · 14 days
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कैलिफ़ोर्निया की सीनेटर मैरी अलवाराडो-गिल पर यौन उत्पीड़न और प्रतिशोध का आरोप
कैलिफ़ोर्निया राज्य की सीनेटर मैरी अलवाराडो-गिल के खिलाफ उनके पूर्व चीफ़ ऑफ स्टाफ चाड कॉन्डिट ने यौन उत्पीड़न और प्रतिशोध का मुकदमा दायर किया है। यह मामला राजनीतिक गलियारों में तहलका मचा रहा है, क्योंकि इसमें सत्ता के दुरुपयोग, व्यक्तिगत रिश्तों में हस्तक्षेप, और गंभीर शारीरिक चोट के आरोप शामिल हैं। मुकदमे की पृष्ठभूमि चाड कॉन्डिट ने आरोप लगाया है कि मैरी अलवाराडो-गिल ने अपने पद का दुरुपयोग…
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rightnewshindi · 15 days
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हिमाचल विधानसभा में गूंजा संजौली मस्जिद का मुद्दा, जानें क्या बोले सीएम, एलओपी और मंत्री
हिमाचल विधानसभा में गूंजा संजौली मस्जिद का मुद्दा, जानें क्या बोले सीएम, एलओपी और मंत्री #News #RightNewsIndia #RightNews
Himachal News: शिमला के उपनगर संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण का मुद्दा मंगलवार को एक बार फिर हिमाचल विधानसभा में उठा। शिमला के विधायक हरीश जनार्था ने प्वाइंट ऑफ ��र्डर के तहत यह मामला उठाते हुए मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह मामला सांप्रदायिक रूप लेता जा रहा है, जिससे कानून व्यवस्था खराब होने का खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि संजौली में तनावपूर्ण स्थिति पैदा…
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dainiksatik · 25 days
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असम विधानसभा में नमाज अवकाश खत्म करने के बाद हिमंत बिस्वा शर्मा भाजपा के दो प्रमुख सहयोगियों के निशाने पर
जेडी(यू) के केसी त्यागी ने कहा कि धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं किया जाना चाहिए। क्या आप कामाख्या मंदिर में बलि पर भी प्रतिबंध लगाएंगे, लोजपा के दिल्ली प्रमुख राजू तिवारी ने हिमंत से सवाल पूछा Holesale Bazar नई दिल्ली: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को राज्य विधानसभा द्वारा मुस्लिम विधायकों के नमाज अदा करने के लिए दो घंटे का शुक्रवार का अवकाश बंद करने के बाद भाजपा के प्रमुख सहयोगियों…
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airnews-arngbad · 26 days
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आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर, दिनांक: 30.08.2024 रोजीचे दुपारी :01.00 वाजताचे मराठी बातमीपत्र
Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar
Date: 31 August 2024
Time: 01.00 to 01.05 PM
Language Marathi
आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर
प्रादेशिक बातम्या
दिनांक: ३१ ऑगस्ट २०२४ दुपारी १.०० वा.
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महिलांवरील अत्याचार आणि मुलांची सुरक्षा ही समाजासाठी गंभीर चिंतेची बाब असल्याचं पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी म्हटलं आहे.  नवी दिल्लीतल्या भारत मंडपम् इथं आज जिल्हा न्यायपालिकेच्या दोन दिवसीय राष्ट्रीय परिषदेचं उद्घघाटन केल्यानंतर ते बोलत होते.
महिलांच्या सुरक्षेसाठी देशात अनेक कठोर कायदे करण्यात आले आहेत, मात्र ते अधिक सक्रिय करण्याची गरज त्यांनी व्यक्त केली. महिलांवरील अत्याचाराच्या प्रकरणांमध्ये जितक्या वेगानं निर्णय घेतले जातील, तितकी महिलांच्या सुरक्षेची अधिक खात्री होईल, असंही ते म्हणाले. यावेळी पंतप्रधानांनी सर्वोच्च न्यायालयाच्या स्थापनेला ७५ वर्षे पूर्ण झाल्यानिमित्त मुद्रांक आणि नाण्याचं अनावरण केलं.
सर्वोच्च न्यायालयाचे सरन्यायाधीश न्यायमूर्ती डी. वाय. चंद्रचूड यांनी आपल्या अभिभाषणात कायद्याच्या चौकटीचा आणि समाजाचा विचार भारतीय न्यायव्यवस्थेत केला गेला असल्याचं म्हटलं. या परिषदेत केंद्रीय कायदा आणि न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, ऍटर्नी जनरल आर. व्यंकटरमणी आदी उपस्थित होते.
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भाजपच्या आमदारांच्या शिष्टमंडळानं आज दिल्लीत राष्ट्रपती द्रौपदी मुर्मू यांची भेट घेऊन दिल्लीतलं आदमी पक्षाच्या नेतृत्वातलं सरकार बरखास्त करण्याची मागणी केली आहे.  दिल्‍ली विधानसभेचे विरोधी पक्षनेते बिजेन्‍द्र गुप्‍ता यांच्या अध्यक्षतेखालील या शिष्‍टमंडळानं या संदर्भातलं निवेदन राष्ट्रपती मुर्मू यांना दिलं.  भाजपनं यावेळी दिल्‍लीचे मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल यांच्या ‘आप’ सरकारच्या कार्यपद्धतीबद्दल चिंता व्यक्त केली तसंच या सरकारच्या कार्यपद्धतीमुळं आवश्यक सेवा तसंच दिल्लीच्या जनतेसाठीच्या कल्याणकारी कार्यक्रमांवर दुष्परिणाम होत असल्याचंही नमूद केलं. या प्रकरणी राष्ट्रपतींचा तात्काळ हस्तक्षेप अत्यंत महत्वपूर्ण असल्याचं भाजपनं म्हटलं आहे.
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जगभरातल्या सर्व डिजिटल व्यवहार करणाऱ्या ‘ॲप्स’ना भारताच्या ‘युपीआय ॲप’नं मागे टाकलं आहे. डिजिटल माध्यमातून गेल्या एप्रिल ते जुलै या तीन महिन्यांच्या कालावधीत व्यवहारांमध्ये ३७ टक्क्यांची वाढ नोंदवली गेली. यामाध्यमातून ८१ लाख कोटी रुपयांचे डिजिटल व्यवहार झाले आहेत. ‘ग्लोबल पेमेंट्स हब पे सिक्युअर’ या संस्थेच्या सर्वेक्षणानुसार, प्रत्येक सेकंदाला ३ हजार ७२९ हून अधिक डिजिटल व्यवहार ‘युपीआय’च्या माध्यमातून झाले आहेत.
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नाशिक - डहाणू नवीन ब्रॉडगेज रेल्वे लाईन प्रकल्पासाठी अंतिम स्थान सर्वेक्षणासाठी एकूण दोन कोटी ५० लाख रुपयांचा निधी खर्च करण्यास रेल्वे मंत्रालयानं मंजुरी दिली आहे. त्र्यंबकेश्वर आणि वाणगाव मार्गे नाशिक ते डहाणू हा १०० किलोमीटरचा रेल्वे मार्ग दोन प्रमुख शहरांना जोडेल.
१२ ज्योतिर्लिंगांपैकी एक असलेल्या त्र्यंबकेश्वर मंदिरात दर्शनासाठी आणि नाशिकमधील पंचवटी इथं दर्शनासाठी जाणाऱ्या लाखो भाविकांना रेल्वेसेवा उपलब्ध करून देत, पर्यटनाला चालना देण्यासाठी हा नवीन रेल्वे मार्ग महत्त्वाचा ठरणार आहे. यामुळं नाशिक आणि पालघर जिल्ह्यातली अनेक शहरं जोडली जातील तसंच या प्रदेशातल्या आर्थिक वाढ आणि विकासाला चालना मिळेल.
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छत्रपती संभाजीनगर शहरातल्या गुलमोहर कॉलनी परिसरातील राजीव गांधी स्टेडियम मधल्या बहु उद्देशीय क्रीडा संकुलाचं आज भूमीपूजन झालं. राज्याचे गृहनिर्माण आणि इतर मागास बहुजन कल्याण मंत्री अतुल सावे, खासदार डॉक्टर भागवत कराड,  महानगर पालिका आयुक्त तथा मुख्य प्रशासक जी. श्रीकांत यावेळी उपास्थित होते.
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मोसमी पावसाचा मुक्काम यंदा लांबण्याची शक्यता हवामान विभागानं व्यक्त केली आहे. मान्सूनचा मुक्काम वाढला तर रब्बी पिकांना त्याचा फायदा होणार असून, रब्बी लागवडीचं क्षेत्रही त्यामुळं वाढण्याची शक्यता आहे.
दरम्यान, येत्या चोवीस तासांत मराठवाड्यात काही ठिकाणी पाऊस पडण्याची शक्यता हवामान विभागानं व्यक्त केली आहे. तसंच जालना जिल्ह्यात येत्या तीन सप्टेंबरपर्यंत येलो अलर्ट जारी करण्यात आला आहे.
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रोहन बोपण्णा आणि मॅथ्यू एबडेन या जोडीनं अमेरिकन ओपन टेनिस स्पर्धेत पुरुष दुहेरीच्या उपउपांत्यपूर्व फेरीत प्रवेश केला आहे. आता उपांत्यपूर्व फेरीत या जोडीचा सामना अर्जेंटिनाच्या आंद्रेस मोल्टेनी आणि मॅक्सिमो गोन्झालेझ यांच्याशी होईल. मिश्र दुहेरीतही रोहन बोपण्णा आणि अल्डिला सुतजियादी यांनी डेमी श्युअर्स आणि स्पेनच्या टीम पुट्झ या डच जोडीचा पराभव करून उपउपांत्यपूर्व फेरी गाठली आहे.
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असम में नए कानून के तहत मुस्लिम विवाह और तलाक का पंजीकरण अनिवार्य किया गया
असम विधानसभा ने गुरुवार को एक विधेयक पारित कर दिया, जिसके तहत राज्य में सभी मुस्लिम विवाहों और तलाक का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है।  मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को विधानसभा में कहा, “नया कानून मुस्लिम विवाह और तलाक में किसी भी तरह से हस्तक्षेप नहीं करता है। वे मौजूदा मुस्लिम कानूनों के अनुसार ही किए जाएंगे। लेकिन यह केवल ऐसी शादियों और तलाक को सरकार के साथ पंजीकृत करना अनिवार्य…
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