हिंदी की प्रसिद्ध पुस्तकें, ज्ञान और मनोरंजन का अद्भुत संगम
हिंदी साहित्य का अनमोल धरोहर है, जिसमें पुस्तकों का विशेष स्थान है। “हिंदी की प्रसिद्ध पुस्तकें: ज्ञान और मनोरंजन का अद्भुत संगम” इस विषय पर आज हम चर्चा करेंगे। यह लेख हमें हिंदी साहित्य के विभिन्न पहलुओं और प्रसिद्ध पुस्तकों के बारे में जानकारी देगा, जो ज्ञान और मनोरंजन का अद्भुत संगम प्रस्तुत करते हैं। हिंदी साहित्य अपनी समृद्ध परंपरा और विविधता के लिए जाना जाता है। अनेक प्रतिभाशाली लेखकों ने…
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शिक्षाविद् एवं साहित्यकार डॉ.कांता मीना को दूसरी बार मिला स्वामी विवेकानंद राष्ट्रीय पुरस्कार ,
बीकानेर : शक्ति फिल्म प्रोडक्शन द्वारा समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट एवं उल्लेखनीय कार्य करने वाली प्रतिभाओं को”स्वामी विवेकानंद राष्ट्रीय पुरस्कार 2024″ से वर्चुअल ऑनलाइन आयोजित समारोह के तहत सम्मानित किया गया। इस क्रम में राजस्थानी व हिंदी भाषा की साहित्यकार डॉ.कांता मीना को भी शिक्षा व साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। डॉ.मीना की दो पुस्तकें काव्य…
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नवनीत ने AcSIR से हिंदी में पीएचडी करने का कीर्तिमान रचा
न्यूजवेव @नई दिल्ली
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में उच्च शिक्षा में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने पर फोकस किया जा रहा है। देश में अब शोध क्षेत्र में भी ऐसे प्रयासों की शुरूआत की गई है। विज्ञान लेखक नवनीत कुमार गुप्ता ने राजभाषा हिंदी में विज्ञान विषय में अपना पहला शोध कार्य पूरा कर पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है।
यह शोध कार्य वैज्ञानिक और नवीकृत अनुसंधान अकादमी (AcSIR) के तहत सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान (CSIR-निस्पर) नई दिल्ली से हिंदी भाषा में विज्ञान में पूरा किया है। लगभग 10 हजार से अधिक शोधार्थी में गुप्ता पहले ऐसे शोधार्थी हैं जिन्होंने हिंदी में पीएचडी कार्य पूरा करने का कीर्तिमान रचा है।
उन्होंने बताया कि आम तौर पर विज्ञान को जटिल मानकर इसमें अंग्रेजी में ही संदर्भ पुस्तकें उपलब्ध होने से अंग्रेजी में ही शोधकार्य होते हैं। लेकिन उन्होंने हिंदी भाषा को चुनकर चुनौती को स्वीकार किया। नवनीत ने बताया कि शोध कार्य में गाईड डॉ. जी महेश, मुख्य वैज्ञानिक, AcSIR, नई दिल्ली और को-गाईड डॉ. फूलदीप कुमार, वैज्ञानिक, DRDO, दिल्ली का मार्गदर्शन मिला। गुप्ता ने अपने शोध संस्थान AcSIR-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान (CSIR-निस्पर) के प्रति आभार जताया।
पठनीयता सूचकांक रहा शोध का अहम पहलू
गुप्ता के शोध विषय ‘‘भारत में लोकप्रिय हिंदी विज्ञान पत्रिका के माध्यम से विज्ञान संचारः एक अध्ययन‘‘ था जिसके अंतर्गत उन्होंने सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान से प्रकाशित होने वाली हिंदी की लोकप्रिय विज्ञान पत्रिका ‘विज्ञान प्रगति‘ की विषयवस्तु का विश्लेषण करने के साथ हिंदी भाषा में विज्ञान पाठ्य के लिए पठनीयता सूचकांक का विकास किया। पठनीयता सूचकांक का विकास होने से हिंदी भाषा में विज्ञान लेखन को बढावा मिलेगा। उन्होंने 1952 से प्रकाशित ‘विज्ञान प्रगति‘ पत्रिका पर शोध कर विज्ञान लेखन में पाठकों और लेखकों के विचारों का भी विश्लेषण कर विज्ञान संचार के क्षेत्र में अहम कार्य किया है।
पहले भी बनाए कई कीर्तिमान
डॉ. नवनीत गुप्ता विज्ञान लेखन की दुनिया में अलग पहचान रखते हैं। उन्हें सबसे कम उम्र में विज्ञान की विभिन्न विषयों पर हिंदी भाषा में लिखी पुस्तकों पर भारत सरकार के मंत्रालयों गृह मंत्रालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय आदि द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। 2011 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा नवनीत गुप्ता को विज्ञान लेखन के लिए राजभाषा विभाग के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। विदेश मंत्रालय द्वारा भोपाल में 2015 के दौरान आयोजित किए गए विश्व हिंदी सम्मेलन के दौरान तत्कालीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री, भारत सरकार द्वारा हिंदी भाषा में नवनीत के प्रयासों की सराहना की थी। उनके द्वारा विभिन्न समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में 500 से अधिक विज्ञान संबंधी लेखों को प्रकाशन किया गया है।
अकादमिक क्षेत्र की बात करें तो विभिन्न शोध पत्रिकाओं में उनके 15 शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान सम्मलेनों में अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं।
राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (CSIR-निस्पर) विज्ञान संचार, साक्ष्य-आधारित विज्ञान प्रौद्योगिकी व नवाचार नीति अनुसंधान को आगे बढ़ाने और लोगों के बीच वैज्ञानिक जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। CSIR-निस्पर अभिनव पहलों व सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से वैज्ञानिक समुदाय और आम जनता के बीच की दूरी को समाप्त करने का प्रयास करता है।
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हिंदी शब्दकोश - हिंदी में शब्दों के अर्थ | हिन्दवी डिक्शनरी
रेख़्ता फ़ाउंडेशन’ के संस्थापक संजीव सराफ़ एक उद्यमी और साहित्यिक दूरदर्शी हैं। उन्हें उर्दू शाइरी, चित्रकला और संगीत से गहरा लगाव है। उर्दू शाइरी के प्रति उनके जुनून ने उन्हें उर्दू की सांस्कृतिक विरासत का सबसे बड़ा मंच बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने उपयोगकर्ताओं के अनुकूल एक व्यापक त्रिभाषी उर्दू शब्दकोश के माध्यम से उर्दू शब्दों को सभी के लिए आसानी से सुलभ बनाने के लिए ‘रेख़्ता डिक्शनरी’ का विचार किया।
श्री सराफ़ ने उर्दू लिपि सीखी है। उनकी ‘नवा-ए-सरोश’ और ‘लव लॉन्गिंग लॉस’ शीर्षक से दो पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं। ‘रेख़्ता डिक्शनरी’ की तरह श्री सराफ़ ने हिंदी और इसकी उप-भाषाओं के शब्दकोश के बारे में अपनी रुचि ज़ाहिर करते हुए हिंदी भाषी पाठकों के लिए ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ शुरू करने का बीड़ा उठाया है। जहाँ पाठक न सिर्फ़ हिंदी, बल्कि इसकी उप-भाषाओं के शब्दों से भी परिचित हो सकेंगे। हिन्दी जिसके मानकीकृत रूप को मानक हिन्दी कहा जाता है, विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की एक राजभाषा है। केन्द्रीय स्तर पर भारत में सह-आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्दों का प्रयोग अधिक है और अरबी–फ़ारसी शब्द कम हैं। भारतीय भाषाओं में केवल हिंदी ही एक ऐसी भाषा है जिसे राष्ट्रभाषा के रूप में अपनाया जा सकता है क्योंकि यह अधिकांश भारतीयों द्वारा बोली जाती है; यह समस्त भारत में आर्थिक, धार्मिक और राजनीतिक सम्पर्क माध्यम के रूप में प्रयोग के लिए सक्षम है तथा इसे सारे देश के लिए सीखना आवश्यक है। सबसे बड़ा और विश्वसनीय हिंदी शब्दकोश, हिंदी और अंग्रेज़ी में शब्दों के अर्थ, उदाहरण, पर्यायवाची, विलोम, मुहावरे एवं लोकोक्ति आदि अपनी विशेषताओं के साथ उपलब्ध है। वह भाषा जो बालक माता की गोद में रहते हुए बोलना सीखता है, एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को प्राप्त वह भाषा जो बच्चा, बचपन में अपने परिवार के बीच रहकर बोलना सीखता है, स्वभाषा, अपने जन्मस्थान की भाषा . हिन्दवी डिक्शनरी’ एक नई पहल है जो हिंदी तथा हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के संरक्षण और प्रसार के लिए रेख़्ता फ़ाउंडेशन द्वारा शुरू की गई है। इस डिक्शनरी में विभिन्न विषयों से जुड़े हजारों शब्दों के अर्थ, उच्चारण, समानार्थक शब्द, विलोम शब्द, उदाहरण और वाक्य दिए गए हैं। हमारी टीम निरंतर प्रयास करती है कि इस डिक्शनरी को उपयोगकर्ताओं के लिए सरल एवं अर्थपूर्ण बनाया जाए। इसके लिए हम नवीनतम और सटीक जानकारी का उपयोग करते हैं। हमें यह सुनिश्चित करने के लिए उपयोगकर्ताओं के सुझाव भी बहुत मूल्यवान होते हैं।‘हिन्दवी डिक्शनरी’ के संचालन में उपयोगकर्ताओं के सहयोग और समर्थन की आवश्यकता है। हमें आपके द्वारा शब्दों की तलाश, शब्दों के उच्चारण, उनके अर्थ, उनके समानार्थक शब्द और विलोम शब्द के लिए सहयोग की आवश्यकता है। आप भी हमारी टीम का हिस्सा बन सकते हैं। ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी तथा हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के संरक्षण और प्रसार के लिए रेख़्ता फ़ाउंडेशन की एक नई पहल है। ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ की टीम इस डिक्शनरी के उपयोग को और सरल एवं अर्थपूर्ण बनाने के लिए निरंतर प्रयत्नरत है। कृपया ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ को हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का सर्वश्रेष्ठ शब्दकोश बनाने के लिए हमें सहयोग कीजिए। दानकर्ता द्वारा दी गई योगदान-राशि भारतीय अधिनियम की धारा 80G के तहत कर-छूट के अधीन होगी। https://hindwidictionary.com/
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NCERT Hindi Class 9 to 12 (Kshitij, Kritika, Sparsh, Sanchayan) Audiobook- Audicate
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Title: सुनें और सीखें: NCERT कक्षा 9 से 12 की हिंदी पाठ्यपुस्तकें Audicate ऐप पर उपलब्ध
प्रस्तावना
हिंदी भाषा भारतीय साहित्य, संस्कृति, और भूमिकाओं का महत्वपूर्ण हिस्सा है, और NCERT (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए संकलित पाठ्यपुस्तकों का निरूपण करता है। कक्षा 9 से 12 के छात्रों के लिए, NCERT ने किताबें तैयार की हैं, जैसे कि "Kshitij," "Kritika," "Sparsh," और "Sanchayan," जो हिंदी साहित्य को एक रूचिकर और जीवन्त रूप में प्रस्तुत करती हैं। अब इन पाठ्यपुस्तकों के ऑडियोबुक संस्करण Audicate ऐप पर उपलब्ध हैं, जिससे छात्रों को हिंदी की साहित्यिक दुनिया में गहराई से घुसने का और आकर्षक और जुदाई भरपूर तरीके से अध्ययन करने का अवसर मिलता है।
NCERT हिंदी पुस्तकों का महत्व
NCERT हिंदी पाठ्यपुस्तकें, जैसे कि "Kshitij," "Kritika," "Sparsh," और "Sanchayan," कई कारणों से महत्वपूर्ण हैं:
भाषा कौशल में सुधार: इन पुस्तकों का अध्ययन करने से छात्र अपने पठन पाठन कौशल में सुधार करते हैं और सही व्याकरण, उच्चरण, और भाषा का सुधार करते हैं।
हिंदी साहित्य का परिचय: इन पाठ्यपुस्तकों में महान हिंदी लेखकों की कहानियों, कविताओं, और निबंधों का चयन है, जिससे छात्रों को हिंदी साहित्य का अद्वितीय दुनिया में प्रवेश मिलता है।
साहित्यिक विश्लेषण: ये पुस्तकें छात्रों को हिंदी साहित्य के विश्लेषण में मदद करती हैं और उनकी साहित्यिक समझ को बढ़ावा देती है।
सरल और प्रभावी शिक्षा: ये पुस्तकें हिंदी भाषा के प्रयोग को सरल और प्रभावी तरीके से सिखाने में मदद करती हैं।
ऑडियोबुक का फायदा
Audicate ऐप पर NCERT हिंदी पाठ्यपुस्तकों के ऑडियोबुक संस्करण का उपलब्ध होना कई फायदे प्रदान करता है:
पहुंचन: ऑडियोबुक्स को स्मार्टफ़ोन और टैबलेट पर आसानी से पहुंचा जा सकता है, छात्रों को हिंदी साहित्य की दुनिया में डूबने का अवसर देते हैं।
**जीवंत और सुविधाजनक शिक्षा**: छात्रों को व्याकरण, उच्चरण, और सही वाक्य रचना के लिए जीवंत उदाहरण देने के लिए ऑडियोबुक्स का उपयोग करने में सहायक होता है।
समय की बचत: छात्र यात्रा करते समय, व्यायाम करते समय, या फिर अपने काम करते समय भी हिंदी साहित्य का आनंद ले सकते ��ैं, जिससे समय का उपयोग भी होता है।
विशेषज्ञ उच्चरण: ऑडियोबुक्स को प्रोफेशनल्स द्वारा सुनाया जाता है, जो सही उच्चरण की गारंटी देते हैं।
निष्कर्षण
NCERT कक्षा 9 से 12 की हिंदी पाठ्यपुस्तकें "Kshitij," "Kritika," "Sparsh," और "Sanchayan" हमारे भाषा और साहित्य के प्रेमियों के लिए एक अमूल्य धरोहर हैं। इन पुस्तकों के Audicate ऐप पर ऑडियोबुक संस्करण अब उपलब्ध हैं, जिससे हिंदी साहित्य के साथ रोमांचक और जिवंत आधार द्वारा पढ़ाई करने का अवसर मिलता है। Audicate के गूगल प्ले स्टोर पर जाएं और आज ही इन पाठ्यपुस्तकों के ऑडियोबुक का आनंद लें, हिंदी भाषा के समृद्ध साहित्य को खोजने का सबसे सुविधाजनक तरीका।
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Vilom Shabd In Hindi for Class 4 कक्षा 4 के लिए विलोम शब्द
विलोम शब्द हिंदी भाषा में एक रोचक पहलु है, जिसकी सीख कक्षा 4 के छात्रों के लिए महत्वपूर्ण होता है। विलोम शब्द, जिन्हें ‘विपरीतार्थक शब्द’ भी कहा जाता है, वाक्यों और भाषा के परिप्रेक्ष्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि विलोम शब्द क्या होते हैं और विद्यार्थियों को इन्हें समझाने के लिए कैसे उपाय अपनाए जा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं vilom shabd in hindi for class 4 के बारे मे ।
Vilom shabd in hindi का अर्थ
विलोम शब्द, हिंदी भाषा में किसी अन्य शब्द के विपरीतार्थक अर्थ का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन शब्दों का उपयोग वाक्यों को रंगीन और समर्थन देने के लिए किया जाता है। विलोम शब्दों के जरिए भाषा में विविधता और सुंदरता उत्पन्न की जाती है।
विलोम शब्द का महत्व
•विलोम शब्दों का सही रूप से प्रयोग करने से वाक्यों का मायने विस्तृत होते हैं और पाठक का ध्यान आकर्षित होता है। कक्षा 4 के छात्रों के लिए यह एक महत्वपूर्ण ब्रश क्षौर है, जो उनकी भाषा कौशल में सुधार करता है।
•विलोम शब्द सीखने के तरीके
•प्रतिदिन विलोम शब्द सूची से कुछ शब्द चुनें और उनका अर्थ समझें।
•उन शब्दों का प्रयोग वाक्यों में करके खुद को प्रशिक्षित करें।
•अधिक से अधिक विलोम शब्द सीखने के लिए पुस्तकें और शिक्षकों की मदद लें।
विलोम शब्दों का वाक्यों में प्रयोग?
•अच्छा और बुरा, दोनों ही शब्द विलोम हैं।
•उसकी सफलता ने उसे खुश बना दिया।
•विद्यालय में पढ़ना आसान है, परीक्षा में आना कठिन।
•वो छोटे से बच्चे की तरह बड़े हो गए हैं।
•वह बच्चा बहुत छोटा है, लेकिन उसके विचार बहुत बड़े हैं।
•श्याम आज नहीं आया तो कल पक्का आएगा
•मोहन इस कच्चे आम को पक्का होने के बाद खाना
200+ विलोम शब्द इन हिन्दी में सीखने के लिए कुछ सरल उपाय हैं:
200+ विलोम शब्द को flashcards में convert करें
200+ विलोम शब्द को memorize करें
200+ विलोम शब्द को practice करें
200+ विलोम शब्द को use करें
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सबसे बड़ा और विश्वसनीय हिंदी शब्दकोश, हिंदी और अंग्रेज़ी में शब्दों के अर्थ, उदाहरण, पर्यायवाची, विलोम, मुहावरे एवं लोकोक्ति आदि अपनी विशेषताओं के साथ उपलब्ध है।
रेख़्ता फ़ाउंडेशन’ के संस्थापक संजीव सराफ़ एक उद्यमी और साहित्यिक दूरदर्शी हैं। उन्हें उर्दू शाइरी, चित्रकला और संगीत से गहरा लगाव है। उर्दू शाइरी के प्रति उनके जुनून ने उन्हें उर्दू की सांस्कृतिक विरासत का सबसे बड़ा मंच बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने उपयोगकर्ताओं के अनुकूल एक व्यापक त्रिभाषी उर्दू शब्दकोश के माध्यम से उर्दू शब्दों को सभी के लिए आसानी से सुलभ बनाने के लिए ‘रेख़्ता डिक्शनरी’ का विचार किया।
श्री सराफ़ ने उर्दू लिपि सीखी है। उनकी ‘नवा-ए-सरोश’ और ‘लव लॉन्गिंग लॉस’ शीर्षक से दो पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं। ‘रेख़्ता डिक्शनरी’ की तरह श्री सराफ़ ने हिंदी और इसकी उप-भाषाओं के शब्दकोश के बारे में अपनी रुचि ज़ाहिर करते हुए हिंदी भाषी पाठकों के लिए ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ शुरू करने का बीड़ा उठाया है। जहाँ पाठक न सिर्फ़ हिंदी, बल्कि इसकी उप-भाषाओं के शब्दों से भी परिचित हो सकेंगे। हिन्दी जिसके मानकीकृत रूप को मानक हिन्दी कहा जाता है, विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की एक राजभाषा है। केन्द्रीय स्तर पर भारत में सह-आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्दों का प्रयोग अधिक है और अरबी–फ़ारसी शब्द कम हैं। भारतीय भाषाओं में केवल हिंदी ही एक ऐसी भाषा है जिसे राष्ट्रभाषा के रूप में अपनाया जा सकता है क्योंकि यह अधिकांश भारतीयों द्वारा बोली जाती है; यह समस्त भारत में आर्थिक, धार्मिक और राजनीतिक सम्पर्क माध्यम के रूप में प्रयोग के लिए सक्षम है तथा इसे सारे देश के लिए सीखना आवश्यक है। सबसे बड़ा और विश्वसनीय हिंदी शब्दकोश, हिंदी और अंग्रेज़ी में शब्दों के अर्थ, उदाहरण, पर्यायवाची, विलोम, मुहावरे एवं लोकोक्ति आदि अपनी विशेषताओं के साथ उपलब्ध है। वह भाषा जो बालक माता की गोद में रहते हुए बोलना सीखता है, एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को प्राप्त वह भाषा जो बच्चा, बचपन में अपने परिवार के बीच रहकर बोलना सीखता है, स्वभाषा, अपने जन्मस्थान की भाषा hindwidictionary.com
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मेडिकल की पी.जी. कक्षाओं के लिए भी हिन्दी में पुस्तकें विकसित की जाएंगी- मुख्यमंत्री श्री चौहान
मेडिकल की पी.जी. कक्षाओं के लिए भी हिन्दी में पुस्तकें विकसित की जाएंगी- मुख्यमंत्री श्री चौहान
मेडिकल की पुस्तकें हिन्दी में विकसित करने स्थापित वॉर रूम मंदार पहुँचे मुख्यमंत्री
गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल में स्थापित है वॉर रूम
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग के नेतृत्व में डॉक्टर्स और विशेषज्ञों की टीम ने मेडिकल की किताबों का अध्ययन कर उन्हें हिंदी में रूपान्तरित किया है। असंभव लगने वाले इस कार्य को चिकित्सा…
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हिंदी की प्रसिद्ध पुस्तकें, ज्ञान और मनोरंजन का अद्भुत संगम
हिंदी साहित्य का अनमोल धरोहर है, जिसमें पुस्तकों का विशेष स्थान है। “हिंदी की प्रसिद्ध पुस्तकें: ज्ञान और मनोरंजन का अद्भुत संगम” इस विषय पर आज हम चर्चा करेंगे। यह लेख हमें हिंदी साहित्य के विभिन्न पहलुओं और प्रसिद्ध पुस्तकों के बारे में जानकारी देगा, जो ज्ञान और मनोरंजन का अद्भुत संगम प्रस्तुत करते हैं। हिंदी साहित्य अपनी समृद��ध परंपरा और विविधता के लिए जाना जाता है। अनेक प्रतिभाशाली लेखकों ने…
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NCERT Book for Class 9 Hindi (Storage) Chapter 6 Diyas Light Up - Rojgar Samachar
NCERT Book for Class 9 Hindi (Storage) Chapter 6 Diyas Light Up – Rojgar Samachar
एनसीईआरटी कक्षा 9 हिंदी अध्याय 6 दिया जल उते इस पेज पर डाउनलोड या पढ़ने के लिए उपलब्ध है। जो छात्र 9वीं कक्षा में हैं या 9वीं हिंदी पर आधारित किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, वे बेहतर तैयारी के लिए एनसीईआरटी हिंदी ई-बुक देख सकत��� हैं। Digital Encert Book Class 9 Hindi Pdf का उपयोग करना हमेशा आसान होता है।
यहां आप कक्षा 9 हिंदी एनसीईआरटी पुस्तकें के अध्याय 6 को पढ़ सकते हैं। पाठ पूरा करने के बाद…
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एडटेक कंपनी 'लीड' 3000 महात्मा गांधी सरकारी स्कूलों में पढ़ायेगी इंग्लिश
लीड’ (LEAD) ने राजस्थान सरकार के साथ किया एमओयू
न्यूजवेव @ जयपुर
भारत की सबसे बड़ी स्कूल एडटेक कंपनी ‘लीड’ (LEAD) ने राजस्थान में इंग्लिश मीडियम के महात्मा गांधी सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को अंग्रेजी बोलने, लिखने और पढने के कौशल को विकसित करने के लिये राजस्थान सरकार के साथ करार किया है।
लीड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और सह-संस्थापक, सुमीत मेहता ने कहा, “बच्चे को विभिन्न विषयों की क्वालिटी एजुकेशन प्रदान करने के उद्देश्य से प्री-प्राइमरी स्कूल स्तर से ही बच्चों को अंग्रेजी में ग्रेड स्तर की दक्षता प्राप्त करने की शुरुआत की जायेगी।
मेहता ने कहा कि लीड अपने अनूठे अंग्रेजी भाषा प्रोग्राम को राजस्थान के सभी जिलों में 3000 से अधिक महात्मा गांधी सरकारी स्कूलों (MGGS) में लागू करेगा। इसके माध्यम से छात्र स्किल के रूप में इंग्लिश बोलना व लिखना सीखेंगे। इसके लिये राजस्थान के एमजीजीएस स्कूलों में लीड की अंग्रेजी भाषा लैब उपलब्ध होगी। इसके तहत कक्षाओं के लिए स्मार्ट टीवी, छात्रों के लिए क्यूआर-संवर्धित पुस्तकें और टीचर्स के लिये इंटीग्रेटेड टैबलेट शामिल हैं। छात्र उच्चारण, वॉक्यूबुलेरी, रीड��ंग एवं राइटिंग स्किल और व्याकरण आदि सीखेंगे। इतना ही नहीं, एक वर्ष में 1.5 वर्ष के इंग्लिश स्किल डेवलपमेंट को कवर किया जाएगा।
प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग के निदेशक IAS नवीन जैन ने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में, महात्मा गांधी सरकारी स्कूलों (MGGS) में पढ़ने वाले बच्चों को अब तक हिंदी से अंग्रेजी माध्यम में जाने पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन, लीड द्वारा अंग्रेजी भाषा कार्यक्रम की कक्षाओं के बाद वे इस चुनौती का आसानी से सामना करने में सक्षम होंगे।
लीड का स्मार्ट स्कूल सिस्टम
लीड का अंग्रेजी भाषा कार्यक्रम 2.5 मिलियन से अधिक छात्रों को ग्रेड स्तर पर लाने की सीख के आधार पर विकसित किया गया है। लीड का इंटीग्रेटेड स्कूल एडटेक सिस्टम एनईपी 2020 के अनुरूप है और इसमें स्कूलों के सभी क्षेत्रों के लिए अनुकूलित, एआई-सक्षम पेशकश शामिल है। शिक्षा के प्रति लीड के समग्र दृष्टिकोण में प्रत्येक शिक्षक को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेंचमार्क टूल और संसाधनों के साथ सशक्त बनाने के लिए शिक्षक क्षमता प्रणालीय पारंपरिक कक्षाओं को डिजिटल रूप से सक्षम, मल्टी-मॉडल अध्यापन-अध्ययन स्थानों में बदलने के लिए स्मार्ट क्लास समाधानय, छात्रों के सीखने और आत्मविश्वास को बढ़ावा देने के लिए एक एकीकृत पाठ्यक्रमय और प्रशासनिक कार्यों को सुव्यवस्थित करने, परिचालन दक्षता बढ़ाने और स्कूलों को कार्रवाई योग्य डेटा प्रदान करने के लिए स्मार्ट स्कूल सिस्टम शामिल हैं।
याद दिला दें कि जुलाई में, लीड ने भारत में कम शुल्क वाले स्कूल क्षेत्र में प्रवेश की घोषणा की है। लीड 2028 तक 60,000 स्कूलों में 25 मिलियन छात्रों को प्रेरक शिक्षा प्रदान करने के मिशन पर है।
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रेख़्ता फ़ाउंडेशन’ के संस्थापक संजीव सराफ़ एक उद्यमी और साहित्यिक दूरदर्शी हैं। उन्हें उर्दू शाइरी, चित्रकला और संगीत से गहरा लगाव है। उर्दू शाइरी के प्रति उनके जुनून ने उन्हें उर्दू की सांस्कृतिक विरासत का सबसे बड़ा मंच बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने उपयोगकर्ताओं के अनुकूल एक व्यापक त्रिभाषी उर्दू शब्दकोश के माध्यम से उर्दू शब्दों को सभी के लिए आसानी से सुलभ बनाने के लिए ‘रेख़्ता डिक्शनरी’ का विचार किया।
श्री सराफ़ ने उर्दू लिपि सीखी है। उनकी ‘नवा-ए-सरोश’ और ‘लव लॉन्गिंग लॉस’ शीर्षक से दो पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं। ‘रेख़्ता डिक्शनरी’ की तरह श्री सराफ़ ने हिंदी और इसकी उप-भाषाओं के शब्दकोश के बारे में अपनी रुचि ज़ाहिर करते हुए हिंदी भाषी पाठकों के लिए ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ शुरू करने का बीड़ा उठाया है। जहाँ पाठक न सिर्फ़ हिंदी, बल्कि इसकी उप-भाषाओं के शब्दों से भी परिचित हो सकेंगे। हिन्दी जिसके मानकीकृत रूप को मानक हिन्दी कहा जाता है, विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की एक राजभाषा है। केन्द्रीय स्तर पर भारत में सह-आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्दों का प्रयोग अधिक है और अरबी–फ़ारसी शब्द कम हैं। भारतीय भाषाओं में केवल हिंदी ही एक ऐसी भाषा है जिसे राष्ट्रभाषा के रूप में अपनाया जा सकता है क्योंकि यह अधिकांश भारतीयों द्वारा बोली जाती है; यह समस्त भारत में आर्थिक, धार्मिक और राजनीतिक सम्पर्क माध्यम के रूप में प्रयोग के लिए सक्षम है तथा इसे सारे देश के लिए सीखना आवश्यक है। सबसे बड़ा और विश्वसनीय हिंदी शब्दकोश, हिंदी और अंग्रेज़ी में शब्दों के अर्थ, उदाहरण, पर्यायवाची, विलोम, मुहावरे एवं लोकोक्ति आदि अपनी विशेषताओं के साथ उपलब्ध है। वह भाषा जो बालक माता की गोद में रहते हुए बोलना सीखता है, एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को प्राप्त वह भाषा जो बच्चा, बचपन में अपने परिवार के बीच रहकर बोलना सीखता है, स्वभाषा, अपने जन्मस्थान की भाषा .
हिन्दवी डिक्शनरी’ एक नई पहल है जो हिंदी तथा हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के संरक्षण और प्रसार के लिए रेख़्ता फ़ाउंडेशन द्वारा शुरू की गई है। इस डिक्शनरी में विभिन्न विषयों से जुड़े हजारों शब्दों के अर्थ, उच्चारण, समानार्थक शब्द, विलोम शब्द, उदाहरण और वाक्य दिए गए हैं। हमारी टीम निरंतर प्रयास करती है कि इस डिक्शनरी को उपयोगकर्ताओं के लिए सरल एवं अर्थपूर्ण बनाया जाए। इसके लिए हम नवीनतम और सटीक जानकारी का उपयोग करते हैं। हमें यह सुनिश्चित करने के लिए उपयोगकर्ताओं के सुझाव भी बहुत मूल्यवान होते हैं।‘हिन्दवी डिक्शनरी’ के संचालन में उपयोगकर्ताओं के सहयोग और समर्थन की आवश्यकता है। हमें आपके द्वारा शब्दों की तलाश, शब्दों के उच्चारण, उनके अर्थ, उनके समानार्थक शब्द और विलोम शब्द के लिए सहयोग की आवश्यकता है। आप भी हमारी टीम का हिस्सा बन सकते हैं। ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी तथा हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के संरक्षण और प्रसार के लिए रेख़्ता फ़ाउंडेशन की एक नई पहल है। ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ की टीम इस डिक्शनरी के उपयोग को और सरल एवं अर्थपूर्ण बनाने के लिए निरंतर प्रयत्नरत है। कृपया ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ को हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का सर्वश्रेष्ठ शब्दकोश बनाने के लिए हमें सहयोग कीजिए। दानकर्ता द्वारा दी गई योगदान-राशि भारतीय अधिनियम की धारा 80G के तहत कर-छूट के अधीन होगी।
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डीयू के ओपन-बुक परीक्षा कराने के फैसले का विरोध करने वाली याचिका पर अदालत ने मांगा जवाब दिल्ली हाईकोर्ट ने उस याचिका पर दिल्ली विश्वविद्यालय से जवाब मांगा है जिसमें कोविद -19 के मद्देनजर ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए एक जुलाई से ऑनलाइन ओपन-बुक परीक्षा ...। Source link
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Mahashweta Devi's Hindi Books Collection pdf
Mahashweta Devi’s Hindi Books Collection pdf
Mahashweta Devi’s Hindi Books Collection pdf
Book name- Mahashweta Devi’s Hindi Books (महाश्वेता देवी की हिंदी कहानी पुस्तकें संग्रह)
Author- Mahashweta Devi (महाश्वेता देवी)
Translated by- Various prominent Hindi authors
Book Type- Hindi storybook collection
File Format- PDF
Language- Hindi
Pages- 1873
Size- 45mb
Quality- good, without any watermark
महाश्वेता देवी की हिंदी कहानी पुस्तकें संग्रह।
बँगला…
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आरयू और विभावि के कुलगीत के रचयिता, रांची कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डाॅ. बीएन पांडेय नहीं रहे, अंतिम संस्कार वाराणसी में ===================================== रांची विश्वविद्यालय और विनोबा भावे विवि हजारीबाग के कुलगीत के रचयिता, प्रसिद्ध शिक्षाविद, कुशल प्रशासक, बीएस कॉलेज लोहरदगा और रांची कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. बिश्वम्भर नाथ पांडेय (बीएन पांडेय) का मंगलवार की सुबह रांची के बरियातू स्थित हेल्थ प्वाइंट हॉस्पिटल में निधन हो गया। वे 94 वर्ष के थे। हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी के मर्मज्ञ और अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे डॉक्टर बिश्वम्भर नाथ पांडेय की तबीयत कुछ दिनों से खराब चल रही थी। सुबह आठ बजे उन्हाेंने अंतिम सांस ली। रांची विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग से सेवानिवृत्त प्रोफेसर उनके बड़े बेटे डाॅ. वीवीएन पांडेय ने बताया कि बुधवार की सुबह वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा। उनके एक बेटे डॉक्टर एके पांडेय नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय में भू-गर्भ शास्त्र के प्रोफेसर हैं। उन्होंने बताया कि निधन के बाद पिताजी का पार्थिव शरीर बड़े भैया के हरिहर सिंह रोड (मोरहाबादी) स्थित आवास पर लाया गया। परिवार के लोगों के अलावा भारी संख्या में शिक्षाविद सहित गणमान्य लोगों ने अंतिम दर्शन किये। निधन पर पूर्व वीसी प्रो. रमेश कुमार पांडेय, आरयू की वीसी प्रो. कामिनी कुमार, डॉ. ज्योति कुमार, विनोबा भावे विवि के प्रॉक्टर डॉ. मिथिलेश, डॉ. जेबी पांडेय, प्रो. केके मिश्र, प्रो.जीडी मिश्र, सीयूजे के प्रोफेसर रत्नेश विश्वक सेन समेत कई शिक्षकों और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री (झारखंड-बिहार) निखिल रंजन और क्षेत्रीय सह संगठन मंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने संवेदना जताई है। अर्थशास्त्र की 12 किताबें भी लिखी, सेवानिवृत्ति के बाद प्रकाशित हुईं संस्कृत, हिन्दी और समाजशास्त्र की 6 किताबें डाॅ. बीएन पांडेय ने अर्थशास्त्र विषय की 12 पुस्तकें लिखी थीं। अर्थशास्त्र का शिक्षक होने के बावजूद डॉक्टर पांडेय का हिंदी, संस्कृत और अंग्रेजी भाषाओं पर अच्छी पकड़ थी। सेवानिवृत्ति के बाद उनकी अर्थशास्त्र के अलावा समाजशास्त्र, हिन्दी, संस्कृत की छह पुस्तकें प्रकाशित हुईं। सूक्ति सप्तशती, सूक्ति साहस्री, दूहा सतसई, धर्म नीति ज्ञान एवं संस्कृति तथा भगवान श्री कृष्ण का अनुवाचन उनकी प्रमुख कृतियां हैं। बिहार और रांची विश्वविद्यालय के स्नातक तथा बहू निकायी स्नातकोत्तर महाविद्यालयों में विभागाध्यक्ष, प्राचार्य और विश्वविद्यालयी निकायों के सदस्य रह चुके प्रकांड विद्वान डॉ. विश्वम् https://www.instagram.com/p/CdYzOUAoxrF/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2022 के लिए चुनी गई 6 पुस्तकें
अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2022 के लिए चुनी गई 6 पुस्तकें
अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2022
अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार एक प्रतिष्ठित वार्षिक पुरस्कार है जो “एक एकल पुस्तक, अंग्रेजी में अनुवादित और यूके या आयरलैंड में प्रकाशित” को दिया जाता है। इस वर्ष छह पुस्तकों का अंग्रेजी में छह भाषाओं में अनुवाद किया गया- कोरियाई, नॉर्वेजियन, जापानी, स्पेनिश , हिंदी और पोलिश– को पुरस्कार के लिए चुना गया है।
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