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chaitanyabharatnews · 4 years
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महिला दिवस: चाणक्य नीति के अनुसार इन कामों में पुरुषों से कई गुना आगे होती हैं महिलाएं
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चैतन्य भारत न्यूज आचार्य चाणक्य ने महिलाओं और पुरुषों के संबंधों के बारे में कई सारी बातें कही हैं। उन्होंने चाणक्य नीति में महिलाओं के बहुत से गुणों का भी वर्णन किया है। चाणक्य ने बताया है कि महिलाएं कई मामलों में पुरुषों से ज्यादा आगे रहती हैं। आइए जानते हैं वो कौन-कौन से गुण हैं जो आचार्य चाणक्य ने बताए हैं- (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); स्त्रीणां दि्वगुण आहारो बुदि्धस्तासां चतुर्गुणा। साहसं षड्गुणं चैव कामोष्टगुण उच्यते।। चाणक्य नीति में लिखे हुए इस श्लोक में आचार्य चाणक्य ने महिलाओं के चार गुणों का वर्णन किया है। पहला गुण उन्होंने बताया कि 'स्त्रीणां दि्वगुण आहारो' अर्थात महिलाओं को ज्यादा ऊर्जा के लिए अधिक कैलोरी की जरूरत होती है। ऐसे में उन्हें अधिक मात्रा में खाना जरुरी होता है। आचार्य चाणक्य ने महिलाओं के दूसरे गुण के बारे में बताया है कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं ज्यादा सुझबूझ वाली होती हैं। उनके अंदर पुरुषों से ज्यादा समझदारी होती है। अपने इसी गुण की वजह से महिलाएं जीवन में आने वाली सभी परेशानियों का सामना आसानी से कर लेती हैं और उनसे उबर जाती हैं। आम धारणा है कि महिलाएं पुरुषों से मानसिक और भावनात्मक रूप से कमजोर होती हैं लेकिन आचार्य चाणक्य की इस मामले में बिलकुल विपरीत सोच है। उनका मानना है कि महिलाओं में पुरुषों से 6 गुना ज्यादा साहस होता है। चाणक्य नीति के मुताबिक, महिलाएं पुरुषों के मुकाबले अधिक श्रृंगारिक और प्रेमी प्रकृति की होती हैं। उनमें 8 गुना ज्यादा काम भावना होती है।   Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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महिला दिवस: चाणक्य नीति के अनुसार इन कामों में पुरुषों से कई गुना आगे होती हैं महिलाएं
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चैतन्य भारत न्यूज आचार्य चाणक्य ने महिलाओं और पुरुषों के संबंधों के बारे म��ं कई सारी बातें कही हैं। उन्होंने चाणक्य नीति में महिलाओं के बहुत से गुणों का भी वर्णन किया है। चाणक्य ने बताया है कि महिलाएं कई मामलों में पुरुषों से ज्यादा आगे रहती हैं। आइए जानते हैं वो कौन-कौन से गुण हैं जो आचार्य चाणक्य ने बताए हैं- (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); स्त्रीणां दि्वगुण आहारो बुदि्धस्तासां चतुर्गुणा। साहसं षड्गुणं चैव कामोष्टगुण उच्यते।। चाणक्य नीति में लिखे हुए इस श्लोक में आचार्य चाणक्य ने महिलाओं के चार गुणों का वर्णन किया है। पहला गुण उन्होंने बताया कि 'स्त्रीणां दि्वगुण आहारो' अर्थात महिलाओं को ज्यादा ऊर्जा के लिए अधिक कैलोरी की जरूरत होती है। ऐसे में उन्हें अधिक मात्रा में खाना जरुरी होता है। आचार्य चाणक्य ने महिलाओं के दूसरे गुण के बारे में बताया है कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं ज्यादा सुझबूझ वाली होती हैं। उनके अंदर पुरुषों से ज्यादा समझदारी होती है। अपने इसी गुण की वजह से महिलाएं जीवन में आने वाली सभी परेशानियों का सामना आसानी से कर लेती हैं और उनसे उबर जाती हैं। आम धारणा है कि महिलाएं पुरुषों से मानसिक और भावनात्मक रूप से कमजोर होती हैं लेकिन आचार्य चाणक्य की इस मामले में बिलकुल विपरीत सोच है। उनका मानना है कि महिलाओं में पुरुषों से 6 गुना ज्यादा साहस होता है। चाणक्य नीति के मुताबिक, महिलाएं पुरुषों के मुकाबले अधिक श्रृंगारिक और प्रेमी प्रकृति की होती हैं। उनमें 8 गुना ज्यादा काम भावना होती है।   Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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महिला दिवस: पीएम मोदी ने छोड़ा अपना सोशल मीडिया अकाउंट, इन 7 महिलाओं को सौंपा ट्विटर, जानें इनकी प्रेरणादायक कहानी
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना सोशल मीडिया अकाउंट उन 7 महिलाओं को सौंप दिया है, जिनके जीवन की कहानी प्रेरणादायक है। जीवन में कोई खास मुकाम हासिल करने वाली ये सात महिलाएं आज पीएम मोदी के सोशल मीडिया अकाउंट्स से अपने जीवन के सफर को साझा कर रही हैं। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); दरअसल पीएम मोदी ने रविवार सुबह एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने बताया था कि वह अपने सभी सोशल मीडिया एकाउंट्स से लॉग आउट हो रहे हैं और इसकी जिम्मेदारी 'सात महिला अचीवर्स' को दे रहे हैं। उन्होंने बताया था कि, ये सात महिलाएं अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर अपने जीवन की जर्नी शेयर करेंगी। पीएम मोदी ने ट्वीट में यह भी लिखा था कि, 'अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बधाई! हम अपनी नारी शक्ति की भावना और उपलब्धियों को सलाम करते हैं। जैसा कि मैंने कुछ दिन पहले कहा था। मैं उनके लिए अपना सोशल मीडिया छोड़ रहा हूं। पूरे दिन मेरे सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए सात वुमन अचीवर्स अपने जीवन की जर्नी के बारे में शेयर करेंगी और शायद आपके साथ इंटरेक्ट करेंगी। ये वुमन अचीवर्स अपने विचार शेयर कर रही हैं।'   You heard of food for thought. Now, it is time for action and a better future for our poor. Hello, I am @snehamohandoss. Inspired by my mother, who instilled the habit of feeding the homeless, I started this initiative called Foodbank India. #SheInspiresUs pic.twitter.com/yHBb3ZaI8n — Narendra Modi (@narendramodi) March 8, 2020 स्नेहा मोहन डोस स्नेहा मोहन डोस ने बताया कि, 'मैं वोलेंटीयर्स के साथ काम करती हूं। जिनमें से कई भारत के बाहर के हैं, भूखमरी मिटाने की दिशा में काम कर रहे हैं। हमारे पास 20 से ज्यादा चेप्टर्स हैं और हमने अपने काम से कई लोगों को प्रभावित किया है। हमने मास कुकिंग, कुकिंग मैराथन, ब्रेस्ट फीडिंग अवेयरनेस ड्राइव जैसी गतिविधियां भी शुरू कीं। जब मैं जो चाहती हूं और वह करती हूं तो इससे मैं खुद मजबूत महसूस करती हूं। मेरी इच्छा है कि अपने देशवासियों को प्रेरित करूं। खासकर उन्हें जो महिलाएं आगे आती हैं। मेरे साथ काम करने के लिए शामिल होती हैं। मैं हर किसी से निवेदन करती हूं कि कम से कम एक जरूरतमंद को खाना खिलाएं। हंगर फ्री प्लानेट के लिए योगदान दें।' स्नेहा ने लिखा कि, 'आपने फूड के विचार के बारे में सुना होगा। अब इसके लिए एक्शन का समय है। गरीबों के लिए बेहतर भविष्य है। हेलो मैं @snehamohandoss, मैंने मां से प्रेरित होकर, जिन्होंने बेघरों को खाना खिलाने की आदत डाली, मैंने फूड बैंक इंडिया नाम से यह पहल शुरू की। वह हमें प्रेरित करती है।' स्नेहा मोहन ने आगे लिखा कि, 'धन्यवाद, मैंने भ��ख को खत्म करने की आवश्यकता पर जागरूकता फैलाने के लिए पीएम के ट्विटर हैंडल का इस्तेमाल कर रही हूं। क्या आप और अन्य मेरी मदद करेंगे? यह आसान है। जरूरतमंदों को खाना खिलाएं, सुनिश्चित करें कि थोड़ा भी खाना बेकार न जाए। आपकी शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद। मैं आपसे भारत को भूख मुक्त बनाने के लिए अपने समुदाय में इसी तरह के कदम उठाने का आग्रह करूंगा। मैं महात्मा गांधी के कोट्स में विश्वास करती हूं। दुनिया हर किसी की जरूरत के लिए पर्याप्त है, लेकिन हर किसी के लालच के लिए नहीं।' Acceptance is the greatest reward we can give to ourselves. We can’t control our lives but we surely can control our attitude towards life. At the end of the day, it is how we survive our challenges that matters most. Know more about me and my work- @MalvikaIyer #SheInspiresUs pic.twitter.com/T3RrBea7T9 — Narendra Modi (@narendramodi) March 8, 2020 मालविका अय्यर मालविका अय्यर ने लिखा कि, 'मेरा मानना है कि परिवर्तन के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। हमें भेदभावपूर्ण रवैये के बारे में युवा माइंड को संवेदनशील बनाना होगा। हमें विकलांग लोगों को कमजोर और आश्रित दिखाने की बजाय रोल मॉडल के रूप में दिखाने की जरूरत है। मैं 13 साल की उम्र में एक भीषण बम विस्फोट में बच गई। इस हादसे में मेरे हाथ उड़ गए और मेरे पैरों को गं��ीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। फिर भी, मैंने काम किया और अपनी पीएचडी पूरी की। छोड़ देना कोई विकल्प नहीं है। देना कभी नहीं एक विकल्प है। अपनी सीमाओं को भूल जाइए और विश्वास और आशा के साथ दुनिया में कदम रखिए। उन्होंने आगे लिखा कि, 'स्वीकृति सबसे बड़ा इनाम है जो हम खुद को दे सकते हैं। हम अपने जीवन को नियंत्रित नहीं कर सकते, लेकिन हम निश्चित रूप से जीवन के प्रति अपने दृष्टिकोण को नियंत्रित कर सकते हैं। अंत में, यह है कि हम अपनी चुनौतियों के बीच कैसे जीवन जिएं, जो सबसे ज्यादा मायने रखती है।' मालविका ने कहा, 'मनोवृत्ति विकलांगता को नष्ट करने की आधी लड़ाई है। यह तथ्य कि माननीय पीएम ने महिला दिवस पर मेरे विचारों को प्रसारित करने के लिए चुना है, मुझे विश्वास है कि विकलांगता के संबंध में भारत पुराने अंधविश्वासों को खत्म करने के लिए सही रास्ते पर है।' I always dreamt of reviving the traditional crafts of Kashmir because this is a means to empower local women. I saw the condition of women artisans and so I began working to revise Namda craft. I am Arifa from Kashmir and here is my life journey. #SheInspiresUs pic.twitter.com/hT7p7p5mhg — Narendra Modi (@narendramodi) March 8, 2020 आरिफा कश्मीर की रहने वाली आरिफा का कहना है कि, 'पीएम नरेंद्र मोदी के इस गेस्चर ने मेरा मनोबल बढ़ाया है और यह मुझे क्राफ्ट की बेहतरी के साथ-साथ पूरे कश्मीर के कारीगरों के लिए कड़ी मेहनत करने में मदद करेगा। मुझे लगता है कि अधिक से अधिक महिलाओं के लिए आत्मनिर्भर बनने पर ध्यान केंद्रित करना और अन्य महिलाओं की मदद करना महत्वपूर्ण है। जब परंपरा आधुनिकता से मिलती है, तो चमत्कार हो सकता है। मैंने अपने काम में इसका अनुभव किया। यह आधुनिक दिन के बाजार के अनुरूप बनाया गया है।' उन्होंने कहा कि, 'मेरी पहली बिजनेस एक्टिविटी नई दिल्ली में हस्तनिर्मित वस्तुओं की प्रदर्शनी में भाग ले रही थी। इस प्रदर्शन ने एक अच्छे ग्राहक और एक टर्नओवर को आकर्षित किया। मैंने हमेशा कश्मीर के पारंपरिक क्राफ्ट को पुनर्जीवित करने का सपना देखा क्योंकि यह स्थानीय महिलाओं को सशक्त बनाने का एक साधन है। मैंने महिला कारीगरों की स्थिति देखी और इसलिए मैंने नमदा क्राफ्ट को संशोधित करने के लिए काम करना शुरू किया। मैं कश्मीर से आरिफा हूं और यहां मेरी जीवन जर्नी है।' ये भी पढ़े... Womens Day: जानें कब और कैसे हुई अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरूआत, बेहद खास है इस साल की थीम महिला दिवस: दूसरों के घरों में काम करने वाली महिला बन गई एक मशहूर लेखिका, संघर्ष की कहानी ने बनाया स्टार महिला दिवस: इन 5 महिलाओं ने बदली भारतीय राजनीति की तस्वीर, नेतृत्व क्षमता को सभी हुए नतमस्तक VIDEO: महिला दिवस पर गूगल ने बनाया खास डूडल ऐनिमेटेड वीडियो, दिखें महिलाओं के अनेक स्वरूप Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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VIDEO: महिला दिवस पर गूगल ने बनाया खास डूडल ऐनिमेटेड वीडियो, दिखें महिलाओं के अनेक स्वरूप
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चैतन्य भारत न्यूज 8 मार्च को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है। इस खास मौके पर दुनिया की सबसे बड़ी सर्च इंजन कंपनी गूगल ने भी शानदार डूडल बनाकर महिलाओं को सलाम किया है। गूगल ने महिलाओं को एक डूडल वीडियो समर्पित किया है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); गूगल के इस एनिमेटेड वीडियो में दुनिया भर की महिलाओं की अलग-अलग भूमिकाओं पर जोर दिया गया है। इसके माध्यम से गूगल ने यह बताने की कोशिश की है कि महिलाएं एक मां का दायित्व निभाना भी जानती हैं और अंतरिक्ष तक का सफर करने का दम-खम रखती है। वे परिवार को भी संभालती हैं और समाज का नेतृत्व करना भी जानती हैं। जानकारी के मुताबिक, गूगल डूडल में दिखाए गए 3D मल्टीलेयर्ड मैंडेला ऐनिमेशन को लंदन और न्यू यॉर्क के गेस्ट आर्टिस्ट्स ने डिजाइन किया है। गूगल का महिलाओं की एकता को प्रदर्शित करना वाला यह वीडियो बेहद ही शानदार और प्ररेणादायक है। गूगल ने क्या कहा महिला दिवस के मौके पर गूगल ने कहा कि, 'आज की महिलाएं उन लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हैं जिन्होंने पिछली पीढ़ियों में संघर्ष किया है और बलिदान दिया है। आज की महिलाएं इसी तरह से महिला अधिकारों के लिए हुए आंदोलनों को आगे भी जारी रखेंगी। आज से डूडल में उन क्षेत्रों, उद्योगों, राष्ट्रों, युगों और संस्कृतियों की महिलाएं शामिल हैं, जो आने वाली पीढ़ियों को राह दिखाने के लिए प्रयास कर रही हैं'। क्यो मनाया जाता है महिला दिवस सयुंक्त राष्ट्र ने सबसे पहले आधिकारिक तौर पर 8 मार्च 1975 को महिला दिवस मनाने की शुरुआत की थी। लेकिन उससे भी पहले साल 1909 में महिला दिवस मनाने की कवायद शुरू कर दी गई थी। बता दें कि साल 1908 में एक महिला मजदूर आंदोलन की वजह से महिला दिवस मनाने की परंपरा की शुरूआत हुई। इस दिन करीब 15 हजार महिलाओं ने नौकरी के घंटे कम करने, वेतन बढ़ाने और अपने कई अधिकारों की मांग करते हुए न्यूयार्क शहर में प्रदर्शन किया था। फिर इसके एक साल सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने बाद इस दिन को पहला राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित किया था। ये भी पढ़े... Womens Day: जानें कब और कैसे हुई अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरूआत, बेहद खास है इस साल की थीम महिला दिवस पर राष्ट्रपति कोविंद और पीएम मोदी ने नारी शक्ति को किया सलाम, ट्वीट कर कही यह बात ‘दुनिया की बेस्ट मां’ बना यह पिता, महिला दिवस पर किया जाएगा सम्मानित महिला दिवस: इन 5 महिलाओं ने बदली भारतीय राजनीति की तस्वीर, नेतृत्व क्षमता को सभी हुए नतमस्तक Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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महिला दिवस: इन 5 महिलाओं ने बदली भारतीय राजनीति की तस्वीर, नेतृत्व क्षमता को सभी हुए नतमस्तक
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चैतन्य भारत न्यूज आज के जमाने में महिलाएं हर मामले में पुरुषों की बराबरी पर हैं। वह घर से लेकर बाहर तक सभी बड़ी जिम्मेदारियां संभाल रही हैं। फिर चाहे वो अंतरिक्ष पर जाना हो या सेना में ही शामिल होकर देश की रक्षा करना हो। इन सब महिलाओं के साथ ही भारत की उन महान राजनीतिज्ञों को भी नहीं भूल सकते हैं जिन्होंने भारत के निर्माण के लिए अहम योगदान दिया है। महिला दिवस के मौके पर हम आपको भारत की उन पांच नेत्रियों के बारे में बता रहे हैं जिनकी नेतृत्व क्षमता ने सभी को नतमस्तक किया। सरोजिनी ना���डू
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सरोजिनी नायडू एक स्वंत्रता सेनानी, कवियत्री और भारत की पहली महिला गवर्नर थीं। उनका जन्म 13 फरवरी 1879 में हुआ था। देश को आजादी दिलाने में सरोजिनी नायडू ने अहम भूमिका निभाई थीं। उनका निधन 2 मार्च 1949 में हुआ था। इंदिरा गांधी
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देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी वो पहली भारतीय महिला थीं जिन्हें साल 1971 में भारत रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया था। इंदिरा गांधी को आयरन लेडी भी कहा जाता है. एनी बेसेंट
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साल 1917 में कोलकाता में एनी बेसेंट कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष चुनी गईं थीं। एनी बेसेंट मूल रूप से आयरलैंड की निवासी थीं। वह उन विदेशियों में शामिल थीं जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई थी। फिर उनकी रूचि थियोसॉफी में जागी और फिर वह साल 1875 में स्थापित किए गए थियोसॉफिकल सोसाइटी की लीडर बन गईं। सुचेता कृपलानी
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भारत के किसी राज्य की प्रथम महिला मुख्यमंत्री का गौरव पाने वाली सुचेता कृपलानी ( सुचेता मजूमदार ) ही थीं। वह एक स्वतंत्रता सेनानी भी थीं। सुचेता कृपलानी ने 2 अक्टूबर 1963 को उत्तर प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। विजयलक्ष्मी पंडित
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विजयलक्ष्मी पंडित पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की छोटी बहन थीं। आजादी के बाद साल 1947 से 1949 तक रूस में राजदूत रह चुकी हैं। साल 1953 में विजयलक्ष्मी पंडित यूएन जनरल असेंबली की प्रेसिडेंट रहीं थीं। विजयलक्ष्मी पंडित पहली महिला थीं जो यूएन जनरल असेंबली की प्रेसिडेंट रहीं। फिर 1946 में संविधान सभा में चुनी गईं। उन्होंने औरतों की बराबरी से जुड़े मुद्दों पर अपनी राय रखी और बातें मनवाईं। Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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महिला दिवस पर राष्ट्रपति कोविंद और पीएम मोदी ने नारी शक्ति को किया सलाम, ट्वीट कर कही यह बात
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. दुनियाभर में आज यानी 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) मनाया जा रहा है। इस खास मौके पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं को बधाई दी है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); President Kovind:On #InternationalWomensDay greetings &best wishes to women in India&across our planet.Let us reaffirm our pledge to ensure safety&respect for women,so that they can move forward unhindered according to their wish in direction of fulfilling their hopes&aspirations pic.twitter.com/8SwlTCnQlG — ANI (@ANI) March 8, 2020 राष्ट्रपति कोविंद ने लिखा कि, 'आइए हम महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने का संकल्प लें, ताकि वे अपनी आशाओं और अकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अपनी इच्छा के अनुसार बिना रुके आगे बढ़ सकें।' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि, 'हम नारी शक्ति की भावना और उपलब्धियों को सलाम करते हैं। जैसा कि मैंने कुछ दिन पहले ही कहा था, मैं वैसा ही कर रहा हूं। आज दिनभर समय-समय पर सात महिलाएंं मेरा सोशल मीडिया अकाउंट संभालेंगी और अपने जीवन से जुड़े यादगार लम्हों को शेयर करेंगी।' Greetings on International Women’s Day! We salute the spirit and accomplishments of our Nari Shakti. As I’d said a few days ago, I’m signing off. Through the day, seven women achievers will share their life journeys and perhaps interact with you through my social media accounts. — Narendra Modi (@narendramodi) March 8, 2020 गौरतलब है कि सोमवार को पीएम मोदी ने ट्वीट कर बताया था कि वह सोशल मीडिया छोड़ने पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने लिखा था कि, 'इस रविवार को मैं अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब छोड़ने पर विचार कर रहा हूं। आपको इस बारे में जानकारी दूंगा।' फिर मंगलवार को उन्होंने एक और ट्वीट कर कहा था कि, 'इस महिला दिवस पर, मैं अपने सोशल मीडिया अकाउंट ऐसी महिलाओं को सौंपे दूंगा जिनका जीवन और कार्य हमें प्रेरित करते हैं। इससे उन्हें लोगों को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी।' ये भी पढ़े... महिला दिवस: दूसरों के घरों में काम करने वाली महिला बन गई एक मशहूर लेखिका, संघर्ष की कहानी ने बनाया स्टार Womens Day: जानें कब और कैसे हुई अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरूआत, बेहद खास है इस साल की थीम महिला दिवस: इन 5 महिलाओं ने बदली भारतीय राजनीति की तस्वीर, नेतृत्व क्षमता को सभी हुए नतमस्तक Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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Women's Day: जानें कब और कैसे हुई अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरूआत, बेहद खास है इस साल की थीम
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चैतन्य भारत न्यूज हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (international women's day) मनाया जाता है। इस दिन सभी देश चाहे वह विकसित हो या विकासशील मिलकर महिला अधिकारों की बात करते हैं। 8 मार्च को पूरी दुनिया की महिलाएं देश, जात-पात, भाषा, राजनीतिक, सांस्कृतिक भेदभाव से परे एकजुट होकर इस दिन को मनाती हैं। आइए एक नजर डालते हैं अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के इतिहास पर। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); कब से हुई इसकी शुरुआत साल 1908 में एक महिला मजदूर आंदोलन के कारण महिला दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी। इस दिन 15 हजार महिलाओं ने नौकरी के घंटे कम करने, अच्छा वेतन और अन्य कई अधिकारों की मांग को लेकर न्यूयॉर्क में प्रदर्शन किया था। इसके एक साल बाद सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने इस दिन को पहला राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित किया। साल 1910 में कोपेनहेगन में कामकाजी महिलाओं का एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मलेन में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के तौर पर मनाने का सुझाव दिया गया और फिर यह दिन दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में लोकप्रिय होने लगा। 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मान्यता साल 1975 में मिली थी। संयुक्त राष्ट्र ने एक थीम के साथ इस दिन को मनाने की शुरूआत की थी। महिला दिवस 2020 की थीम संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस वर्ष महिला दिवस के लिए ''मैं जनरेशन इक्वेलिटी: महिलाओं के अधिकारों को महसूस कर रही हूं'' (I am Generation Equality: Realizing Women’s Rights) थीम निर्धारित की है। इस थीम के जरिए संयुक्त राष्ट्र महिलाओं की पीढ़ी को जोड़ रहा है। वह यह सुनिश्चित करना चाह रहा है कि हर पीढ़ी की महिलाएं एक दूसरे को सशक्त करें। इस थीम का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त करना है। कहां कैसे मनाया जाता है महिला दिवस महिला दिवस हर देश में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। कहीं पर इस दिन राष्ट्रीय अवकाश होता है तो कहीं इस दिन महिलाओं को छुट्टी दी जाती है। कुछ देशों में महिलाओं को फूल देकर सम्मानित किया जाता है। अमेरिका में यह महीना 'विमेन्स हिस्ट्री मंथ' के रूप में मनाया जाता है।   Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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महिला दिवस: इन 5 महिलाओं ने बदली भारतीय राजनीति की तस्वीर, नेतृत्व क्षमता को सभी हुए नतमस्तक
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चैतन्य भारत न्यूज आज के जमाने में महिलाएं हर मामले में पुरुषों की बराबरी पर हैं। वह घर से लेकर बाहर तक सभी बड़ी जिम्मेदारियां संभाल रही हैं। फिर चाहे वो अंतरिक्ष पर जाना हो या सेना में ही शामिल होकर देश की रक्षा करना हो। इन सब महिलाओं के साथ ही भारत की उन महान राजनीतिज्ञों को भी नहीं भूल सकते हैं जिन्होंने भारत के निर्माण के लिए अहम योगदान दिया है। महिला दिवस के मौके पर हम आपको भारत की उन पांच नेत्रियों के बारे में बता रहे हैं जिनकी नेतृत्व क्षमता ने सभी को नतमस्तक किया। सरोजिनी नायडू
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सरोजिनी नायडू एक स्वंत्रता सेनानी, कवियत्री और भारत की पहली महिला गवर्नर थीं। उनका जन्म 13 फरवरी 1879 में हुआ था। देश को आजादी दिलाने में सरोजिनी नायडू ने अहम भूमिका निभाई थीं। उनका निधन 2 मार्च 1949 में हुआ था। इंदिरा गांधी
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देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी वो पहली भारतीय महिला थीं जिन्हें साल 1971 में भारत रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया था। इंदिरा गांधी को आयरन लेडी भी कहा जाता है. एनी बेसेंट
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साल 1917 में कोलकाता में एनी बेसेंट कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष चुनी गईं थीं। एनी बेसेंट मूल रूप से आयरलैंड की निवासी थीं। वह उन विदेशियों में शामिल थीं जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई थी। फिर उनकी रूचि थियोसॉफी में जागी और फिर वह साल 1875 में स्थापित किए गए थियोसॉफिकल सोसाइटी की लीडर बन गईं। सुचेता कृपलानी
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भारत के किसी राज्य की प्रथम महिला मुख्यमंत्री का गौरव पाने वाली सुचेता कृपलानी ( सुचेता मजूमदार ) ही थीं। वह एक स्वतंत्रता सेनानी भी थीं। सुचेता कृपलानी ने 2 अक्टूबर 1963 को उत्तर प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। विजयलक्ष्मी पंडित
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विजयलक्ष्मी पंडित पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की छोटी बहन थीं। आजादी के बाद साल 1947 से 1949 तक रूस में राजदूत रह चुकी हैं। साल 1953 में विजयलक्ष्मी पंडित यूएन जनरल असेंबली की प्रेसिडेंट रहीं थीं। विजयलक्ष्मी पंडित पहली महिला थीं जो यूएन जनरल असेंबली की प्रेसिडेंट रहीं। फिर 1946 में संविधान सभा में चुनी गईं। उन्होंने औरतों की बराबरी से जुड़े मुद्दों पर अपनी राय रखी और बातें मनवाईं। Read the full article
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महिला दिवस: पीएम मोदी ने छोड़ा अपना सोशल मीडिया अकाउंट, इन 7 महिलाओं को सौंपा ट्विटर, जानें इनकी प्रेरणादायक कहानी
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना सोशल मीडिया अकाउंट उन 7 महिलाओं को सौंप दिया है, जिनके जीवन की कहानी प्रेरणादायक है। जीवन में कोई खास मुकाम हासिल करने वाली ये सात महिलाएं आज पीएम मोदी के सोशल मीडिया अकाउंट्स से अपने जीवन के सफर को साझा कर रही हैं। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); दरअसल पीएम मोदी ने रविवार सुबह एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने बताया था कि वह अपने सभी सोशल मीडिया एकाउंट्स से लॉग आउट हो रहे हैं और इसकी जिम्मेदारी 'सात महिला अचीवर्स' को दे रहे हैं। उन्होंने बताया था कि, ये सात महिलाएं अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर अपने जीवन की जर्नी शेयर करेंगी। पीएम मोदी ने ट्वीट में यह भी लिखा था कि, 'अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बधाई! हम अपनी नारी शक्ति की भावना और उपलब्धियों को सलाम करते हैं। जैसा कि मैंने कुछ दिन पहले कहा था। मैं उनके लिए अपना सोशल मीडिया छोड़ रहा हूं। पूरे दिन मेरे सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए सात वुमन अचीवर्स अपने जीवन की जर्नी के बारे में शेयर करेंगी और शायद आपके साथ इंटरेक्ट करेंगी। ये वुमन अचीवर्स अपने विचार शेयर कर रही हैं।'   You heard of food for thought. Now, it is time for action and a better future for our poor. Hello, I am @snehamohandoss. Inspired by my mother, who instilled the habit of feeding the homeless, I started this initiative called Foodbank India. #SheInspiresUs pic.twitter.com/yHBb3ZaI8n — Narendra Modi (@narendramodi) March 8, 2020 स्नेहा मोहन डोस स्नेहा मोहन डोस ने बताया कि, 'मैं वोलेंटीयर्स के साथ काम करती हूं। जिनमें से कई भारत के बाहर के हैं, भूखमरी मिटाने की दिशा में काम कर रहे हैं। हमारे पास 20 से ज्यादा चेप्टर्स हैं और हमने अपने काम से कई लोगों को प्रभावित किया है। हमने मास कुकिंग, कुकिंग मैराथन, ब्रेस्ट फीडिंग अवेयरनेस ड्राइव जैसी गतिविधियां भी शुरू कीं। जब मैं जो चाहती हूं और वह करती हूं तो इससे मैं खुद मजबूत महसूस करती हूं। मेरी इच्छा है कि अपने देशवासियों को प्रेरित करूं। खासकर उन्हें जो महिलाएं आगे आती हैं। मेरे साथ काम करने के लिए शामिल होती हैं। मैं हर किसी से निवेदन करती हूं कि कम से कम एक जरूरतमंद को खाना खिलाएं। हंगर फ्री प्लानेट के लिए योगदान दें।' स्नेहा ने लिखा कि, 'आपने फूड के विचार के बारे में सुना होगा। अब इसके लिए एक्शन का समय है। गरीबों के लिए बेहतर भविष्य है। हेलो मैं @snehamohandoss, मैंने मां से प्रेरित होकर, जिन्होंने बेघरों को खाना खिलाने की आदत डाली, मैंने फूड बैंक इंडिया नाम से यह पहल शुरू की। वह हमें प्रेरित करती है।' स्नेहा मोहन ने आगे लिखा कि, 'धन्यवाद, मैंने भूख को खत्म करने की आवश्यकता पर जागरूकता फैलाने के लिए पीएम के ट्विटर हैंडल का इस्तेमाल कर रही हूं। क्या आप और अन्य मेरी मदद करेंगे? यह आसान है। जरूरतमंदों को खाना खिलाएं, सुनिश्चित करें कि थोड़ा भी खाना बेकार न जाए। आपकी शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद। मैं आपसे भारत को भूख मुक्त बनाने के लिए अपने समुदाय में इसी तरह के कदम उठाने का आग्रह करूंगा। मैं महात्मा गांधी के कोट्स में विश्वास करती हूं। दुनिया हर किसी की जरूरत के लिए पर्याप्त है, लेकिन हर किसी के लालच के लिए नहीं।' Acceptance is the greatest reward we can give to ourselves. We can’t control our lives but we surely can control our attitude towards life. At the end of the day, it is how we survive our challenges that matters most. Know more about me and my work- @MalvikaIyer #SheInspiresUs pic.twitter.com/T3RrBea7T9 — Narendra Modi (@narendramodi) March 8, 2020 मालविका अय्यर मालविका अय्यर ने लिखा कि, 'मेरा मानना है कि परिवर्तन के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। हमें भेदभावपूर्ण रवैये के बारे में युवा माइंड को संवेदनशील बनाना होगा। हमें विकलांग लोगों को कमजोर और आश्रित दिखाने की बजाय रोल मॉडल के रूप में दिखाने की जरूरत है। मैं 13 साल की उम्र में एक भीषण बम विस्फोट में बच गई। इस हादसे में मेरे हाथ उड़ गए और मेरे पैरों को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। फिर भी, मैंने काम किया और अपनी पीएचडी पूरी की। छोड़ देना कोई विकल्प नहीं है। देना कभी नहीं एक विकल्प है। अपनी सीमाओं को भूल जाइए और विश्वास और आशा के साथ दुनिया में कदम रखिए। उन्होंने आगे लिखा कि, 'स्वीकृति सबसे बड़ा इनाम है जो हम खुद को दे सकते हैं। हम अपने जीवन को नियंत्रित नहीं कर सकते, लेकिन हम निश्चित रूप से जीवन के प्रति अपने दृष्टिकोण को नियंत्रित कर सकते हैं। अंत में, यह है कि हम अपनी चुनौतियों के ब���च कैसे जीवन जिएं, जो सबसे ज्यादा मायने रखती है।' मालविका ने कहा, 'मनोवृत्ति विकलांगता को नष्ट करने की आधी लड़ाई है। यह तथ्य कि माननीय पीएम ने महिला दिवस पर मेरे विचारों को प्रसारित करने के लिए चुना है, मुझे विश्वास है कि विकलांगता के संबंध में भारत पुराने अंधविश्वासों को खत्म करने के लिए सही रास्ते पर है।' I always dreamt of reviving the traditional crafts of Kashmir because this is a means to empower local women. I saw the condition of women artisans and so I began working to revise Namda craft. I am Arifa from Kashmir and here is my life journey. #SheInspiresUs pic.twitter.com/hT7p7p5mhg — Narendra Modi (@narendramodi) March 8, 2020 आरिफा कश्मीर की रहने वाली आरिफा का कहना है कि, 'पीएम नरेंद्र मोदी के इस गेस्चर ने मेरा मनोबल बढ़ाया है और यह मुझे क्राफ्ट की बेहतरी के साथ-साथ पूरे कश्मीर के कारीगरों के लिए कड़ी मेहनत करने में मदद करेगा। मुझे लगता है कि अधिक से अधिक महिलाओं के लिए आत्मनिर्भर बनने पर ध्यान केंद्रित करना और अन्य महिलाओं की मदद करना महत्वपूर्ण है। जब परंपरा आधुनिकता से मिलती है, तो चमत्कार हो सकता है। मैंने अपने काम में इसका अनुभव किया। यह आधुनिक दिन के बाजार के अनुरूप बनाया गया है।' उन्होंने कहा कि, 'मेरी पहली बिजनेस एक्टिविटी नई दिल्ली में हस्तनिर्मित वस्तुओं की प्रदर्शनी में भाग ले रही थी। इस प्रदर्शन ने एक अच्छे ग्राहक और एक टर्नओवर को आकर्षित किया। मैंने हमेशा कश्मीर के पारंपरिक क्राफ्ट को पुनर्जीवित करने का सपना देखा क्योंकि यह स्थानीय महिलाओं को सशक्त बनाने का एक साधन है। मैंने महिला कारीगरों की स्थिति देखी और इसलिए मैं���े नमदा क्राफ्ट को संशोधित करने के लिए काम करना शुरू किया। मैं कश्मीर से आरिफा हूं और यहां मेरी जीवन जर्नी है।' ये भी पढ़े... 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